रविवार, 31 मई 2020

राज्य के 18 जिलों में आज तेज बारिश का अनुमान, अब तक 20 की जान गई; आगरा में ताजमहल को नुकसान पहुंचा

उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद समेत 18 जिलों में रविवार को आंधी और बारिश की संभावना है। शनिवार को भी राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाएं हुई थीं। इससे 20 लोगों की जान गई। कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए।यातायात भी प्रभावित हुआ। आगरा में 124 किमी की रफ्तार से आए बवंडर ने न केवल ताजमहल बल्कि सिकंदरा, एत्माद्दौला, मेहताब बाग समेत कई स्मारकों को काफी नुकसान पहुंचाया।

मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ औरयूपी और बिहार के सीमावर्ती इलाकों मेंहवा के कम दबाव के चलते मौसम में बदलाव रहेगा। इन दोनों सिस्टम को अरब सागर से लगातार पर्याप्त नमी मिल रही है, जिससे दोनों के कम से कम 48 घंटे तक सक्रिय रहने का अनुमान है।लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, बदायूं, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फर्रूखाबाद, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और आसपास के इलाकों में आंधी, बिजली चमकने और बारिश की संभावना है।

राज्य के बृज औरमध्य क्षेत्र में मौसम बदला

मौसम विभाग के अनुसार,इन दो सिस्टम की वजह से उत्तर प्रदेश के बृज औरमध्य क्षेत्र में मौसम का मिजाज काफी बिगड़ा हुआ है। इसके कारण बृज क्षेत्र के आगरा-मथुरा से लेकर हाथरस, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, औरैया, इटावा,कन्नौज औररुहेलखण्ड के बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत,लखीमपुर के अलावाहरदोई, सीतापुर, लखनऊ तक में आंधी के अलावा गरज-चमक के साथ बारिश हुई। बुंदेलखंडके चित्रकूट, महोबा, बांदा, जालौन औरहमीरपुर में भी इसके कारण मौसम में बदलाव के संकेत हैं। इसी तरह पूर्वी यूपी के कम से कम 18जिलों में भी अगले 36 घंटे मेंआंधी और बारिश के आसार हैं।

सबसे ज्यादा 7मौतें उन्नाव में हुईं

  • बुंदेलखंड और कानपुर के आसपास आंधी और बारिश और बिजली गिरने से उन्नाव में 7, कन्नौज में 6, बांदा और कानपुर शहर में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। हालांकि, 5 मौतें राज्य के अन्य जिलों में हुई हैं, जिसकी जानकारी फिलहाल राहत आयुक्त की ओर से नहीं दी गई है। उन्होंने इन मौतों की पुष्टि की है।
  • बारिश और आंधी सेफिरोजाबाद में 10, आगरा में 3 लोग जख्मीहुए। यहां 10 पशुओं की मौत हो गई है।कानपुर शहर के बिल्हौर में आंधी-बारिश के साथआधा घंटे तकओले गिरे, जिससे फसलेचौपट हो गईं। सैकड़ों गाड़ियों के शीशे टूट गए और कई लोग घायल भी हुए। घाटमपुर में भी जमकर ओलावृष्टि हुई।

बुंदेलखंड: तेज बारिश से बिजली गुल
महोबा में देर शाम तेज आंधी से बिजली के खंभे और तार टूटने से बिजली की आपूर्तिठप हो गई। जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट में भी बारिश और ओले गिरे। कानपुर देहात में शनिवार को तेज हवाओं के साथ बारिश और ओले गिरने से मूंग की फसल को नुकसान पहुंचा। हालांकि, इससेसब्जी की फसल को फायदा होगा।

इटावा, फर्रुखाबाद, औरैया, हरदोई में दीवारें गिरीं
इटावा में आंधी-बारिश से कई घरों की दीवारें और छप्पर गिर गए। बिजली के 12से ज्यादा खंभे टूटने से शहर की आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो गई।फर्रुखाबाद में शनिवार कोतेज हवा के साथ बारिश होती रही। फतेहपुर में दिन में तेज धूप और तपिश के बाद शाम को तेज हवा के साथ बारिश हुई, जिससे टीन शेड उड़ गए। औरैया में शुक्रवार की रात से शनिवार सुबह तक बारिश हुई। हरदोई में भी शनिवार को दिन में कई दौर में बारिश हुई।

आगरा में आंधी से टूटीं जालियां, पेड़ टूटे
आगरा में 124 किमी की रफ्तार से आए बवंडर ने न केवल ताजमहल बल्कि सिकंदरा, एत्माद्दौला, मेहताब बाग समेत कई स्मारकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अफसर वसंत स्वर्णकार ने बताया कि ताजमहल परिसर के वेस्टर्न एंट्री गेट पर टिकट एरिया को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, ताजमजल के वुडन गेट को नुकसान पहुंचा। मॉर्बल रैलिंग भी उखड़ गईं।

ताजमहल के पश्चिमी गेट के मुख्य प्रवेश द्वार सहित बरामदे की फॉल सीलिंग को खासा नुकसान पहुंचा।


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यह तस्वीर लखनऊ की है। रविवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। बारिश होने की संभावना है। यहां शनिवार देर शाम को भी जमकर बारिश हुई थी।


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76 नए पॉजिटिव केस मिले, कुल 8693 संक्रमितों में 58 फीसदी डिस्चार्ज हुए; अब सिर्फ 2727 एक्टिव केस

राजस्थान में रविवार को 76 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें जयपुर में 21, झालावाड़ में 14, भरतपुर में 12, झुंझुनू में 7, कोटा में 6, धौलपुर और राजसमंद में 5-5, अजमेर में 3, उदयपुर में 2, टोंक में 1 संक्रमित मिला। इसके साथकुल संक्रमितों का आंकड़ा 8693 पहुंच गया। वहीं, जयपुर मे एक मौत भी हुई। कुल मौतों की संख्या 194 पहुंच गई।

राहत की खबर यह है किराजस्थान में रिकवर होने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। रविवार को 33 लोग रिकवर हुए। इनमें से 20 को डिस्चार्ज किया गया।कुल 8693 पॉजिटिव में से 5772 लोग अब तक रिकवर हो चुके हैं। वहीं, कुल5099 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है, जो कुल संक्रमितों का 58 फीसदी है। अब राज्य में केवल 2727 एक्टिव केस बचे हैं।


कोरोना संकट में मनरेगा ने लोगों को संबल दिया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर ने मनरेगा के महत्व को स्थापित कर दिया है। संकट के इस समय में इस योजना ने देशभर के गांवों में करोड़ों लोगों को संबल दिया है। उन्होंने कहा कि क्वारैंटाइन व्यवस्थाओं में ग्रामीणों ने अच्छा सहयोग किया है। गहलोत शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोरोना से जंग के प्रभावी भूमिका निभा रहे सरपंच, ग्राम सेवक, पटवारी, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी समेत ग्राम पंचायत स्तर के लोगों से रूबरू हुए। पंचायत स्तर की इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में 11,341 प्रतिभागियों से मुख्यमंत्री ने सीधा संवाद किया। गहलोत ने कहा कि श्रमिकों की मांगों के संबंध में हम केंद्र को पत्र भी लिखेंगे।

जयपुर परकोटे में लगातार सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है। यहां सबसे ज्यादा केस मिले हैं। अब तक जयपुर में1984 पॉजिटिव पाए गए।

जयपुर: घर से निकले नहीं, फिर भी पॉजिटिव

सवाई मानसिंह हॉस्पिटलके दो वार्ड बॉय पिछले एक-डेढ़ महीने से छुट्टी पर थे। हालांकि, उससे पहले उन्होंने अस्पताल में काम किया था। इसके बावजूद उनका पॉजिटिव आना चौंकाता है। हालांकि दोनों ने कहा है कि वे घर से बाहर नहीं निकले हैं। वहीं, अस्पताल की दो एएनएम की मेडिसिन ओपीडी में ड्यूटी थीं। दो दिन पहले दोनों की तबीयत खराब हो गई। दोनों ने जांच करवाई तो पॉजिटिव आईं। हाउसकीपर ने 29 मई को सैम्पल दिया, जिसकी शनिवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

जोधपुर: लॉकडाउन-4 में ये नए हॉटस्पॉट बने
लॉकडाउन-4 में छूट मिली तो शहरवासी बेपरवाह होकर सड़कों पर आने लगे। कई कंटेनमेंट जोन होने के बावजूद बिना मास्क औैर एहतियात के घर से बाहर आए, जिसके चलते कई एरिया जहां ना के बराबर केस थे, वेभी हॉट स्पॉट बन गए। प्रतापनगर में लॉकडाउन-1 में केवल 1 केस था, लॉकडाउन-2 में कोई केस नहीं और लॉकडाउन 3 में 10-12 केस सामने आए, लेकिन लॉकडाउन 4 में पॉजिटिव 250 पार हो गए। वहीं, बकरा मंडी नया हॉटस्पॉटबनगया। यहां लॉकडाउन 3 तक कोई केस नहीं था।

पाली: हत्यारोपी पॉजिटिव, 2डीएसपी औरथानाधिकारी क्वारैंटाइन
जोधपुर के बिलाड़ा के वरिष्ठ अधिवक्ता औरगोल्डमैन के नाम से मशहूर नारायण सिंह राठौड़ की पाली जिले में गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। सवा किलो से अधिक सोने केजेवर लूट लिए गए थे।मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों में से मुख्य आरोपी उमेश सोनी कोरोना पॉजिटिव मिला। गिरफ्तारी से लेकर पूछताछ करने के दौरान संपर्क में आने वाले पाली जिले के सोजत डीएसपी डॉ. हेमंत जाखड़, जैतारण डीएसपी सुरेश कुमार, सोजत थानाप्रभारी रामेश्वरलाल भाटी, जैतारण थानाप्रभारी सुरेश चौधरी समेत 20 पुलिसकर्मियों को होम क्वारैंटाइन कर दिया गया। इनमें से 16 पुलिसकर्मी सोजत थाने के हैं।

बिलाड़ा के वकील की हत्या के आरोपी के हाथ पकड़े पुलिसकर्मी। रेड और ब्लैक टीर्शट वाला आरोपी पॉजिटिव पाया गया।

राजस्थान: सभी 33 जिलों तक पहुंचा संक्रमण

  • प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 1984 (2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 1523 (इनमें 47 ईरान से आए), उदयपुर में 543, कोटा में 458, डूंगरपुर में 356, नागौर में 446, अजमेर में 339, पाली में 455, चित्तौड़गढ़ में 176, टोंक में 164, जालौर में 162, भरतपुर में 247, भीलवाड़ा में 140, सिरोही में 157, राजसमंद में 140, बांसवाड़ा में 85, झुंझुनूं में 131, सीकर में 202, जैसलमेर में 88 (इनमें 14 ईरान से आए), बाड़मेर में 99, बीकानेर में 104, चूरू में 104, झालावाड़ में 263 मरीज मिले हैं।
  • उधर, दौसा में 50, अलवर में 53, धौलपुर में 58, सवाई माधोपुर में 20, हनुमानगढ़ में 30, प्रतापगढ़ में 13, करौली में 16 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। बारां में 15 संक्रमित मिले हैं। श्रीगंगानगर में 6, बूंदी में 2 पॉजिटिव मिला। जोधपुर में बीएसएफ के 50 जवान भी पॉजिटिव मिल चुके हैं। वहीं दूसरे राज्यों से आए 14 लोग पॉजिटिव मिले।
  • राजस्थान में कोरोना से अब तक 194 लोगों की मौत हुई है। इनमें जयपुर में सबसे ज्यादा 95 (जिसमें चार यूपी से) की मौत हुई। इसके अलावा, जोधपुर में 19, कोटा में 16, नागौर और अजमेर में 7-7, पाली में 7, सीकर और भरतपुर में 5-5, चित्तौड़गढ़ में 4, सिरोही, करौली और बीकानेर में 3-3, बांसवाड़ा, जालौर, अलवर और भीलवाड़ा 2-2, झुंझुनू दौसा, राजसमंद, उदयपुर, चूरू, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर और टोंक में 1-1 की मौत हो चुकी है। वहीं दूसरे राज्य से आए चार व्यक्ति की भी मौत हुई है।
पांच फ्लाइटों के जरिए कजाकिस्तान से 131 व मस्कट से 140 प्रवासी जयपुर पहुंचे।


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बांसवाड़ा के बाईतालाब क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर भरत कंसारा ने यह तस्वीर खींची है। यहां बच्चों ने उन्हें देखकर पत्तों को मास्क बनाया और मुंह को ढक लिया।


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गुड़गांव में लॉकडाउन-4 में तीन गुना हुए कोरोना संक्रमित, यहां थाने में घुसने से पहले पुलिसवालों के जूतें भी होंगे सैनिटाइज

हरियाणा में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 1923 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं। इस समय कोरोना का हॉट स्पॉट गुड़गांव बन गया है। लॉकडाउन-4 में गुड़गांव के अंदर तीन गुना कोरोना संक्रमित मरीज बढ़ गए हैं। यानि महज 13 दिन में मरीज तीन गुना हो गए 677 पहुंच गए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन से लेकर पुलिस तक के लिए चुनौती खड़ी हो गई है।

अब पुलिसकर्मियों के जूते भी होंगे सैनिटाइज
गुड़गांव में अब पुलिसकर्मी थानों में सीधे जूते पहनकर नहीं जाएंगे। उन्हें सबसे पहले अपने जूते थाने के बाहर सैनिटाइज करने पड़ेंगे। उनके जूतों को कैमिकल में रखा जाएगा। इसके बाद ही उन्हें पहनने की अनुमति दी जाएगी। पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील ने ये आदेश जारी किए हैं।

पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील ने का कहना है कि संक्रमित मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बाद अब डॉक्टर थानों में हर पुलिसकर्मियों की जांच करेंगे। पुलिसकर्मियों के लक्षण को देखेगें और उनके सैंपल भी लिए जाएंगे।

गुड़गांव में लॉकडाउन-4 के दौरान संक्रमित में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
गुड़गांव में पहले 100 मरीज 53 दिन में आए थे जबकि लॉकडाउन की बात करें तो तीसरे चरण में यहां कुल मरीजों की संख्या 203 थी लेकिन चौथे चरण में आंकड़ा 677 जा पहुंचा है। चौथे चरण में गुड़गांव के अंदर हॉट स्पॉट भी बढ़कर 63 हो गए हैं। पहले चरण में हॉट स्पॉट की संख्या 0 थी। दूसरे चरण में 9, तीसरे में 35 थी। अब पांचवा चरण जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और सरकार के लिए चिंता का विषय है, जब बहुत सी छूट दे दी गई हैं।

हरियाणा में मरीजों का आंकड़ा 1923 पहुंचा

  • अमेरिका से लौटे 21 कोरोना पॉजिटिव के साथ गुड़गांव में 677, फरीदाबाद में 339, सोनीपत में 199, झज्जर में 97, नूंह में 70, अंबाला में 50, पलवल में 58, पानीपत में 61, पंचकूला में 26, जींद में 27, करनाल में 50, रोहतक में 31, महेंद्रगढ़ में 39 रेवाड़ी में 23, सिरसा में 15, फतेहाबाद में 15, यमुनानगर में 9, हिसार में 31, कुरुक्षेत्र में 27, भिवानी में 13, कैथल में 18, चरखी-दादरी में 13 संक्रमित मरीज हैं। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है।
  • हरियाणा में अब कुल 971 मरीज ठीक हो गए हैं। इनमें गुरुग्राम में 224, फरीदाबाद में 153, सोनीपत में 146, नूंह में 65, झज्जर में 92, अंबाला में 40, पलवल 41, पानीपत में 37, पंचकूला में 25, जींद में 24, करनाल में 20, यमुनानगर में 8, सिरसा में 9, रोहतक में 11, महेंद्रगढ़ में 19, भिवानी में 6, हिसार में 5, कैथल में 5, फतेहाबाद में 7, कुरुक्षेत्र में 13, चरखी दादरी में 1, रेवाड़ी में 4 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं। अमेरिका से लौटे 2 मरीज ठीक हुए हैं।


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हरियाणा में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच हर दिन बड़ी संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं। इस समय 1 लाख से ज्यादा टेस्ट पूरे प्रदेश में किए जा चुके हैं।


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लॉकडाउन में छूट पर अगले 1-2 दिन में फैसला, फिर एक बार सीएम से मिले शरद पवार, ऑक्सीजन की कमी से 2 घंटे में 7 की मौत का दावा

महाराष्ट्र में रविवार सुबह तक कोरोनावायरस संक्रमण के 2,940 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में कुल केस की संख्या 65,168 तक पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 99 और रोगियों की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई, जिससे राज्य में मृतकों की संख्या 2,197 तक पहुंच गई। दिनभर में 1,084 मरीज ठीक हुए और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। महाराष्ट्र में अब तक 28,081 मरीज वायरस के संक्रमण से स्वस्थ चुके हैं। विभाग ने बताया कि राज्य में 34,890 मरीजों का इलाज चल रहा है। शनिवार को हुई 99 मौतों में से 54 अकेले मुंबई में हुई हैं। शनिवार को सामने आए कुल 2,940 नए रोगियों में से 1,510 अकेले मुंबई से सामने आये हैं।

मुंबई में छूट पर अगले एक दो दिन में फैसला
मुंबई में दुकानें और प्राइवेट ऑफिस खोलने के बारे में अगले दो दिनों में फैसला किया जा सकता है। केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकार और बीएमसी छूट का ऐलान करेंगी। ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी सामान की बिक्री की छूट देने के बाद रिटेल दुकानदार भी दुकानें खोलने की इजाजत मांग रहे हैं।

ऑक्सीजन लेवल कम होने से दो घंटे में 7 मरीजों की मौत!
जोगेश्वरी अस्पताल में शनिवार को महज 2 घंटे के अंदर कोरोना के 7 मरीजों की मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी मरीजों की मौत ऑक्सिजन लेवल कम होने से हुई है. यहां पिछले एक हफ्ते में हॉस्पिटल की लापरवाही से 12 मरीजों की जान जा चुकी है। कहा जा रहा है कि यहां सीनियर डॉक्टरों की भारी कमी है और इसी वजह से यहां कोरोना के मरीजों की देखभाल ठीक तरीके से नहीं हो रही है। अंग्रेजी अखबार 'मुंबई मिरर' के मुताबिक, ये घटना शनिवार की है। नाम न बताने की शर्त पर एक नर्स ने कहा, 'ऐसा मंजर हमने अपने करियर में कभी नहीं देखा। सिर्फ डेढ़ घंटे के दौरान 7 मरीजों की मौत हो गई। इंडिकेटर में दिख रहा था कि ऑक्सिजन का लेवल कम हो गया है। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, वो हांफ रहे थे. जब तक हमलोग कुछ करते उन सबकी मौत हो गई।'

हॉस्पिटल का ऑक्सीजन की कमी से इनकार
रिपोर्ट के मुताबिक, मरीजों की गंभीर हालत देखकर नर्सों ने तुरंत डॉक्टर को जानकारी दी। लेकिन जब तक आईसीयू में टेक्नीशियन की मदद से ऑक्सिजन लेवल को ठीक किया जाता, मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉक्टर माने ने सुबह साढ़े 4 बजे इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। हालांकि, डॉक्टर ने इस बात से इनकार किया कि मरीजों की मौत ऑक्सिजन लेवल कम होने से हुई। एक नर्स ने कहा कि यहां कुछ सीनियर डॉक्टरों की कमी है।

पिछले एक महीने में चौथी बार मिले शरद पवार और सीएम ठाकरे
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार रात बैठक की। यह मुलाकात केंद्र द्वारा निरूद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने की घोषणा करने के कुछ घंटों बाद हुई। दोनों नेताओं के बीच हाल के हफ्तों में हुई यह चौथी बैठक है, जो मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास ‘वर्षा’ में हुई। लॉकडाउन का मौजूदा चरण रविवार को समाप्त हो रहा है। पवार चरणबद्ध तरीके से आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने और राज्य के भीतर सड़क परिवहन को फिर से शुरू करने पर जोर देते रहे हैं।

संक्रमण फैलने का खतरा न हो, तभी परीक्षा कराएं: सीएम
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बात की और कहा कि यह सुनिश्चित करते हुए परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए कि इससे कोरोना वायरस का प्रसार नहीं होगा। एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि यह स्पष्ट हो रहा है कि जुलाई में परीक्षाएं नहीं हो सकती हैं, लेकिन इस संबंध में अनिश्चितता समाप्त होनी चाहिए और सभी विकल्पों का पता लगाया जाना चाहिए।

चातुर्मास से पहले जैन साधुओं को यात्रा की अनुमति मिली
जुलाई में शुरू होने जा रहे जैन समाज के चातुर्मास से पहले जैन साधु-साध्वियों को प्रवास (यात्रा) करने की अनुमति राज्य सरकार ने दे दी है। सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग ने शनिवार को जारी एक आदेश में यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, एक साथ पांच से ज्यादा लोगों के यात्रा न करने, चातुर्मास के दौरान जैन मुनि, साधु-साध्वियों के चातुर्मास व्यतीत करने के स्थान पर भीड़ जमा न होने देने और सुरक्षा मानकों का पालन करने की शर्तों के साथ यह अनुमति दी है। तमाम जैन मुनि, संत, साधु-साध्वी चातुर्मास से पहले अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचते हैं और अगले चार महीने तक फिर कोई प्रवास नहीं करते।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन पकड़ने का इंतजार कर रहे प्रवासी मजदूरों को मुंबई ट्रैफिक विभाग की ओर से फलों का वितरण किया गया।

वाशी में तैयार हुआ 1200 बेड का अस्थाई हॉस्पिटल
वाशी स्थित सिडको एग्जिबिशन सेंटर में बनाए जा रहे कोविड-19 तात्कालिक अस्पताल का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस अस्पताल को अगले तीन से चार दिनों में खोल दिया जाएगा। इस विशेष कोविड अस्पताल में कुल 1200 बिस्तरों की व्यवस्था होगी, जिसमें से 500 बिस्तर ऑक्सीजन सुविधा से युक्त होंगे।


शनिवार को बीएमसी मुख्यालय के बाहर भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया। विधायक ने आरोप लगाया कि बीएमसी की ढिलाई के कारण मुंबई, वुहान बनने की ओर बढ़ रहा है।

कल्याण में कम्युनिटी किचन आज से बंद
लॉकडाउन के दौरान बेघर मजदूरों के लिए और गरीबों के लिए कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा शुरू की गई कम्युनिटी किचन 31 मई से बंद कर दी जाएगी। लगभग दो महीने पहले शुरू की गई कम्युनिटी किचन से प्रतिदिन 84 हजार पैकेट बांटे जाते थे। राज्य शासन का कहना है कि अब जब सभी को राशन दिया जा रहा है तो कम्युनिटी किचन की खास उपयोगिता नहीं रह गई है। कल्याण-डोंबिवली में कल्याण, डोंबिवली, टिटवाळा, आंबिवली, मोहना सहित 8 जगहों पर कम्युनिटी किचन संचालित की रही थी।


भारत मर्चेंट्स चेम्बर की ओर से पूर्व मंत्री निलेश वैश्य व समिति सदस्य आनंद सुरेका ‘अस्मिता’ ने बोरिवली पूर्व में दिव्यांग विद्यार्थियों को एक महीने का अनाज, मसाला, होमियोपैथी दवा व भाप लेने की मशीन वितरित की।


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आईसीएमआर की ओर से शोध के लिए मुंबई में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों की इम्युनिटी चेक करने का काम शुरू हुआ है। ऐसे लोगों के प्लाज्मा का इस्तेमाल कुछ दिनों पहले कोरोना के इलाज में किया गया था।


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अब तक 7701 पॉजिटिव ; संक्रमण के खतरे को देखते हुए आज गाइडलाइन तय करेगी सरकार, वाराणसी में गंगा दशहरा पर स्नान न करने की अपील

उत्तर प्रदेश में कोरोनावारय का असर तेजी से फैलता जा रहा है। यूपी में पिछले 24 घंटों में 262 नए मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले 43 अमेठी में पाए गए हैं। अब तक 7701 कोरोनावायरस के पॉजिटिव मरीज हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की मौत 213 तक पहुंच चुकी है। शनिवार को 241 मरीज ठीक होकर घर चले गए। अब तक 4651 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। इस बीच यूपी सरकार ने आठ जून से मंदिरों को खोलने की इजाजत दे दी है। प्रयागराज में शनिवार देर शाम को ही लोग मंदिरों में पूजा अर्चना करते नजर आए। इस बीच योगी सरकार ने कहा है कि यूपी में संक्रमण के खतरों को देखते हुए आज गाइडलाइन जारी की जाएगी।

पिछले 24 घंटे में 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इनमें फिरोजाबाद में तीन, मेरठ में दो व लखनऊ, मुरादाबाद, हापुड़, सिद्धार्थनगर, झांसी, फर्रुखाबाद और एटा में एक-एक मौत हुई है। अब तक 2068 प्रवासी श्रमिक संक्रमित हुए हैं।

संक्रमण के खतरों का ध्यान रखते हुए कदम उठाएगी सरकार

यह राहतें जनता को देने के लिए उत्तर प्रदेश कीयोगी सरकार भी तैयार तो है, लेकिन उससे पहले प्रदेश के लिहाज से समीक्षा की जा रही है। राज्य की गाइडलाइन रविवार को जारी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यूपी सरकार संक्रमण के खतरों का ध्यान रखते हुए आवश्यक कदम उठाएगी। योगी ने भी इस संबंध में ट्वीट किया।

उन्होंने लिखा- कोरोना महामारी के दृष्टिगत लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जारी नवीनतम निर्देशिका स्वागतयोग्य है। इस क्रम में संक्रमण के खतरों का ध्यान रखते हुए यूपी सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी चरणवार लॉकडाउन की जो भी गाइडलाइन केंद्र से जारी हुई हैं, उनके आधार पर प्रदेश की गाइडलाइन बनाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों से सलाह ली, अधिकारियों के साथ बैठक की। फिर प्रदेश के हालात को देखते हुए ही रियायत और सख्ती पर फैसला किया गया।

कोरोना महामारी के दृष्टिगत लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने के संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में जारी नवीनतम निर्देशिका स्वागतयोग्य है।

तदक्रम में, संक्रमण के खतरों का ध्यान रखते हुए @UPGovt आवश्यक कदम उठाएगी।

लॉकडाउन के पांचवें चरण में आठ जून से खुलेंगे मंदिर

यह तस्वीर प्रयागराज की है। यहां शनिवार शाम को भक्त मंदिर में पहुंचे थे। केंद्र सरकार ने आठ जून से मंदिरों को खोलने का निर्णय लिया है। लॉकडाउन में बंद मंदिरों के कपाट लंबे समय बाद खुलेंगे।
यह तस्वीर प्रयागराज की है। यहां शनिवार शाम को भक्त मंदिर में पहुंचे थे। केंद्र सरकार ने आठ जून से मंदिरों को खोलने का निर्णय लिया है। लॉकडाउन में बंद मंदिरों के कपाट लंबे समय बाद खुलेंगे।

एक जून से शुरू हो रहे लॉक डाउन के पांचवें चरण में धार्मिक स्थलों को खोले जाने के फैसले का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्वागत किया है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जनता कर्फ्यू के दिन 22 मार्च से ही सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए थे। अब केंद्र सरकार गाइडलाइन के साथ आठ जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे रही है। इस फैसले से संत -महात्माओं और श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली है। महंत नरेंद्र गिरि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का धार्मिक स्थलों को खोलने के फैसले पर आभार जताया।

वाराणसी: गंगा दशहरा पर घाटों पर स्नान करने की हिदायत दे रही पुलिस

वाराणसी में एकजून को गंगा दशहरा के अवसर पर घाटों पर स्नान न करने की हिदायत जल पुलिस की ओर से दी जा रही है। पुलिस की ओर से अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक लाउडस्पीकर द्वारा इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। गंगा दशहरा का पर्व हर साल जेष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है कि जोकि इस बार 1 जून 2020, सोमवार को पड़ रही है। पौराणिक कथाओं में गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गंगा दशहरा को मां गंगा का श्रद्धापूर्वक स्मरण मात्र से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

अब तक 213 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत

सबसे ज्यादा मौतें आगरा में 40 हुई हैं। इसके बाद मेरठ में 26 और 15 अलीगढ़ में हुई हैं। फिरोजाबाद में 13 और मुरादाबाद में 12 हुई हैं। कानपुर नगर में 11 हुई हैं। नोएडा, मथुरा व संतकबीरनगर में छह-छह हुई हैं। गोरखपुर व झांसी में पांच- पांच हुई हैं। गाजियाबाद, वाराणसी बस्ती और एटा में चार-चार मौते हुईं। जौनपुर,अयोध्या, प्रयागराज,प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर और लखनऊ में तीन-तीन मौतें हुई हैं। बुलंदशहर, आजमगढ़, बिजनौर, बरेली, जालौन, चित्रकूट, मैनपुरी, उन्नाव, कुशीनगर, हापुड़ और सिद्धार्थनगर में दो-दो मौत हुई हैं। बाराबंकी, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, अमरोहा, इटावा, महाराजगंज, बागपत, श्रावस्ती, कानपुर देहात, महोबा, ललितपुर और फर्रुखाबाद में एक-एक मौत हुई है।



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ये तस्वीर वाराणसी के अस्सी घाट की है। यहां एक जून को गंगा दशहरा के अवसर पर आम दिनों में काफी भीड़ लगी रहती है लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते पुलिस यहां लोागें को स्नान न करने की अपील कर रही है।


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पंजाब में दो साल के बच्चे को कुत्ते नोंच-नोंचकर खा गए; राजस्थान में पानी के लिए झगड़ रहीं महिलाएं 2 महीने की बच्ची पर गिरीं, मौत

राजस्थान और अमृतसर में दो मासूमों के साथ दर्दनाक हादसे हुए। इनमें दोनों की जान चली गई। पहला मामला पंजाब के अमृतसर का है। यहां वरपाल गांव में गली में खेल रहे सवा दो साल के बच्चे को आवारा कुत्ते नोंच-नोंच कर खागए। इसका नाम गुरमानदीप सिंह है। वह किसान गुरविंदर सिंह की इकलौती संतान था। घटना के वक्त पूरा परिवार घर में था।

हादसा शाम 5.30 बजे हुआ। गुरमानदीप ट्रैक्टर वाले खिलौने से खेलते-खेलते गली में निकल गया। एक मोड़ पर उसे छह कुत्तों ने घेर लिया। कुत्तों ने काटना शुरू कर दिया। लॉकडाउन होने की वजह से किसी ने उसके चिल्लाने या रोने की आवाज नहीं सुनी। कुत्ते गुरमानदीप को खींचकर खेतों में ले गए। आंख, गाल और गले पर इतनी बुरी तरह नोंचा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

सबसे पहले दादा ने देखा
गुरमानदीप सिंह के दादा बलबीर सिंह ने बताया कि वह किसी काम से घर से बाहर निकले तो खेतों में कुत्तों के झुंड को किसी चीज पर झपटते देखा। पहले तो उन्होंने गौर नहीं किया लेकिन बाद में शक होने पर नजदीक गए। वहां खून से लथपथ गुरमानदीप पड़ा था। उन्होंने कुत्तों को भगाया और फौरन परिवार को जानकारी दी। गुरमानदीप का शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

राजस्थान: यहां दो महिलाएं बच्ची पर गिर गईं

झालावाड़ जिले के पिपलिया खुर्द गांव में शुक्रवार रात को पानी भरने को लेकर दो महिलाओं में विवाद हो गया। झूमा-झटकी में दोनों महिलाएं बच्ची पर गिर पड़ीं, जिससे वह बेहोश हो गई। फौरन उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।

यह तस्वीर डग अस्पताल की है। यहां बच्ची को बेहोशी की हालत में लाया गया था, लेकिन बचाया नहीं जा सका।


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यह तस्वीर गुरमानदीप सिंह की है। उसे कुत्ते घसीटकर खेत में ले गए। लॉकडाउन की वजह से किसी ने उसकी चिल्लाने और रोने की आवाज नहीं सुनी। - फोटो फाइल


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ट्रम्प ने जून में होने वाली जी-7 समिट सितंबर तक टाली, अपने विमान में ही मीडिया को यह जानकारी दी; बैठक में भारत समेत 4 देशों को भी बुलाएंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जून में होने वाली जी-7समिटटालने का फैसला किया है। उन्होंने शनिवार को अपने आधिकारिक प्लेनएयरफोर्स वन पर इस सम्मेलन से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए इस बात की जानकारी दी। ट्रम्प ने कहा, ‘‘मैंने इस शिखर सम्मेलन के टालने का फैसला किया है। मुझे नहीं लगता है कि जी-7 दुनिया की मौजूदा स्थिति का सही ढंग से प्रतिनिधित्व करता है। यह देशों का बहुत पुराना समूह है।’’

ट्रम्प ने यह भी कहा,‘‘जी-7 के बदले एक विस्तारित सम्मेलन बुलाया जाएगा। इसमें भारत, रूस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी आमंत्रित करना चाहेंगे। अब यह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के पहले या उसके बाद हो सकता है।’’

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होना था सम्मेलन

जी-7 में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं। सभी सदस्य देश बारी-बारी से सालाना बैठक का आयोजन करते हैं। इस बार अमेरिका केकैंप डेविड में जी-7 सम्मेलन होना था। हालांकि, कोरोना की वजह से सदस्य देशों के नेताओं का व्यक्तिगत तौर पर आना मुमकिन नहीं था। ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जून में यह बैठक बुलाने का फैसला किया गया था।

इससे पहले अमेरिका में 2012 में जी-7 समिट हुई थी

आखिरी बार अमेरिका मेंयह समिट 2012 में हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा नेमैरीलैंड के कैंप डेविड में सरकारीइमारत में समिट कराई थी। 2004 मेंपूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश नेजॉर्जिया केसी आइलैंडरिजॉर्ट में इसे आयोजित किया था। अगस्त 2019 मेंजी-7 समिट फ्रांस के बियारिट्ज शहर में हुईथी।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एयरफोर्स वन से कैनेडी स्पेस सेंटर पर उतरते हुए। इसी प्लेन में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने जी-7 सम्मेलन सितंबर तक टालने की जानकारी दी।


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ब्राजील में 24 घंटे में 30 हजार से ज्यादा मरीज मिले, यहां कुल मामले करीब 5 लाख हुए: अब तक 61.54 लाख संक्रमित

दुनिया में अब तक 61 लाख 54 हजार 35 लोग संक्रमित हैं। 27 लाख 34 हजार 637 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 70 हजार 893 हो गया है। ब्राजील में 24 घंटे में संक्रमण के 30 हजार से ज्यादा मामले मिले हैं। देश में मरीजों की संख्या करीब 5 लाख हो चुकी है।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 18,16,820 1,05,557 5,35,238
ब्राजील 4,98,440 28,834 2,05,371
रूस 3,96,575 4,555 1,67,469
स्पेन 2,86,308 27,125 1,96,958
ब्रिटेन 2,72,826 38,376 उपलब्ध नहीं
इटली 2,32,664 33,340 1,55,633
फ्रांस 1,86,625 28,771 68,268
जर्मनी 1,83,294 8,600 1,64,900
भारत 1,81,827 5,185 86,936
तुर्की 1,63,103 4,515 1,26,984

ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।

ब्राजील: मौतों का आंकड़ा फ्रांस से ज्यादा
ब्राजील में एक दिन में 890 लोगों ने दम तोड़ा है। यहां मौतों का कुल आंकड़ा 28 हजार 834 हो गया है। यह संख्या यूरोप के चौथे सबसे संक्रमित देश फ्रांस से ज्यादा हो गई है। फ्रांस में अब तक 28 हजार 771 लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका: एक दिन में 960 की मौत
अमेरिका में एक दिन में 960 की जान गई है और 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां 1 लाख 5 हजार 557 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 18 लाख 16 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं।

अमेरिका में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत की मौत ह गई थी। इसके बाद अमेरिका के कई शहरों में महामारी के बीच लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

स्पेन: 24 घंटे में 271 नए मामले
स्पेन में 24 घंटे में 271 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 39 हजार 228 हो गई है। मैड्रिड में 95 नए मामले मिले, जबकि कैटालोनिया में 88 मामले सामने आए हैं। स्पेन में पिछले सात दिनों में 43 मौतें हुई हैं। कुल मौतों की संख्या बढ़कर 27,125 हो गई है। स्पेन में लॉकडाउन में ढील देने के लिए 28 अप्रैल से चार चरणों का प्लान शुरू किया गया है। इसमें पहली चरण की शुरुआत 11 मई से हुई है।

स्पेन में लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। यहां मामलों में भी अब काफी कमी आई है। लोग अपने घरों से निकल रहे हैं।

सऊदी अरब: 1618 नए केस मिले
सऊदी अरब में 1618 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 83 हजार 384 हो गई है। इस दौरान 22 मौतें सामने आने के बाद कुल मौतों की संख्या बढ़कर 480 हो गई है। देश में 1870 मरीज स्वस्थ हुए हैं। स्वस्थ मरीजों की संख्या बढ़कर 58 हजार 883 हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्री तौफीक अल-रबिया ने जनता से एहतियात बरतने की अपील की है।

कतर: 2,355 नए मामले
कतर में 24 घंटे में 2,355 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 55 हजार 262 हो गई है। यहां मौतों की संख्या 36 पर स्थिर है। एक दिन में 5,235 मरीजों की हालत में सुधार आया है। कुल स्वस्थ मरीजों की संख्या बढ़कर 25 हजार 839 हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, विदेशी श्रमिकों और कतर के नागरिकों के बीच नए मामले सामने आए हैं। कतर में संक्रमण का खतरा बढ़ने के बावजूद रविवार से ज्यादातर बिजनेसेज खुल रहे हैं।

चिली: 94,858 मामले
चिली में शनिवार को संक्रमितों की संख्या 94 हजार 858 हो गई है। वहीं, 997 लोगों की इस बीमारी से मौतें हो चुकी हैं। 24 घंटें में 4,220 नए मामले सामने आए हैं और 53 मौतें हुई हैं। इस बीमारी से अब तक 40 हजार 431 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। है।



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रियो डी जेनेरियो में स्थित एक कब्रिस्तान में कोरोना से जान गंवाने वाले युवक का शव दफन करते लोग।


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दूसरी बार एक दिन में 200 से ज्यादा मौत हुईं, यह आंकड़ा 5 हजार के पार; देश में अब 1 लाख 81 हजार 823 संक्रमित

देश में कोरोना संक्रमण के 1 लाख 81 हजार 823 मामले सामने आ चुके हैं। रिकॉर्ड 8332 मरीज बढ़े, 4303 लोग ठीक हुए और 205 की मौत हुई। एक दिन पहले ही 8140 संक्रमित बढ़े थे। रिकॉर्ड 11 हजार 735 लोग ठीक हुए थे और सबसे ज्यादा 269 लोगों की मौत हुई थी। यह लगातार दूसरा दिन था, जब देश में 8 से ज्यादा संक्रमित बढ़े और 200 से ज्यादा ठीक हुए। कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट बढ़कर 47.40% हो गया है।

कल महाराष्ट्र में 2940, दिल्ली में 1163, तमिलनाडु में 938, गुजरात में 412, पश्चिम बंगाल में 317, उत्तरप्रदेश में 256, राजस्थान में 252, मध्यप्रदेश में 246, बिहार में 206, हरियाणा में 202 और जम्मू-कश्मीर में 177 मरीज मिले। ये आंकड़े covid19india.org के आधार पर हैं। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 1 लाख 73 हजार 763 संक्रमित हैं। इनमें से 86 हजार 422 का इलाज चल रहा है। 82 हजार 370 ठीक हुए हैं, जबकि 4971 की मौत हो चुकी है।

5 दिन जब सबसे ज्यादा मामले

तारीख

केस
29 मई 8140
27 मई 7271
28 मई 7258
24 मई 7111
23 मई 6665

पांच राज्यों का हाल

  • मध्यप्रदेश:शनिवार को कोरोना संक्रमण के 242 नए केस मिले और 9 मरीजों की मौत हुई। संक्रमितों की संख्या 7891हो गई है। राज्य में इस बीमारी से अब तक 343लोग जान गंवा चुके हैं। उधर, सागर जिला नया हॉट स्पॉट बन गया है। यहां शुक्रवार को 24 केस मिले। अब शहर में संक्रमितों की संख्या 165 हो गई।
  • महाराष्ट्र:शनिवार को 2940 नए मरीज मिले और 99 की जान गई। अब तक 65 हजार 168 संक्रमित मिल चुके हैं। एक दिन में 114 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए और एक की मौत हो गई। राज्य में 2325 पुलिस जवान कोरोना की चपेट में आएहैं। इनमें से 26 की जान गई। अब सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू खाने और थूकने पर 1 से 5 हजार रुपए तक जुर्माना वसूला जाएगा।
  • उत्तरप्रदेश:शनिवार को कोरोना संक्रमण के256केस आए और 12 मरीजों की जान गई।राज्यमें संक्रमितों की संख्या7701हो गई।अब तक 22 लाख प्रवासी मजदूर लौट चुके हैं। इनमें 2012 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कुल मौत का आंकड़ा213हो गया है।
  • राजस्थान:शनिवार को 252मामले आए और 9 लोगों की मौत हुई। बीते 24 घंटे में पाली में 41, कोटा में 12, उदयपुर में 9, भरतपुर में 25, जयपुर में 29, गंगानगर, बारां और हनुमानगढ़ में 1-1 संक्रमित मिला।राज्य में मरने वालों की संख्या 193हो गई।
  • बिहार:शनिवार को संक्रमण के 206 मामले आए और 6 की जान गई।इनमें से बेगूसराय में 19, दरभंगा में 17, भोजपुर में 14, शेखपुरा में 15, मधेपुरा में 10 मरीज मिले हैं। राज्य में3 मई के बाद आने वाले 2310 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें 569 महाराष्ट्र, 503 दिल्ली और 325 गुजरात से आए हैं। प्रदेश में अब मरीजों की संख्या 3565 है।


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यह तस्वीर राजस्थान के जयपुर की है। यहां शनिवार को लॉकडाउन के बीच भाजपा के पूर्व नेता भंवर लाल शर्मा की शव यात्रा में ऐसी भीड़ उमड़ी। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया गया।


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प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 11 बजे 'मन की बात' करेंगे, कल से शुरू हो रहे 'अनलॉक-1' पर बात कर सकते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात'में देश से मुखातिब होंगे। कार्यक्रम का यह 65वां संस्करण है।प्रधानमंत्री मोदी ने बीते सोमवार को इस कार्यक्रम के लिए जनता से सुझाव भी मांगे थे।

ऐसा कहा जा रहा है कि मोदी 'मन की बात' में एक जून से शुरू हो रहे 'अनलॉक-1' के बारे में चर्चा करेंगे। कोरोना महामारी की वजह से अभी तक देश में चार लॉकडाउन लग चुके हैं। वेलॉकडाउन के दौरान तीसरी बार जनता को इस कार्यक्रम के माध्यम से संबोधित करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नेइससे पहले 29 मार्च और फिर 26 अप्रैल को 'मन की बात' की थी।

मोदी ने कहा था- लॉकडाउन से हुई परेशानी के लिए क्षमा मांगता हूं, सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाएं, इमोशनल डिस्टेंसिंग घटाएं

  • प्रधानमंत्री ने कहा, 'आमतौर पर मन की बात में कई विषयों को लेकर आता हूं। आज दुनियाभर में कोरोना संकट की चर्चा है। ऐसे में दूसरी बातें करना उचित नहीं होगा। कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं, जिनसे गरीबों को परेशानी हुई। सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं।'
  • 'मैं आप सबकी परेशानी को समझता हूं, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसके सिवाय कोई चारा नहीं था। किसी का ऐसा करने का मन नहीं करता, लेकिन मुझे आपके परिवार को सुरक्षित रखना है। इसलिए दोबारा क्षमा मांगता हूं।'


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Prime Minister Narendra Modi address nation through Mann Ki Baat on 31 May


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पहले हर घंटे 30 से ज्यादा फ्लाइट्स आती-जाती थीं, अब इनकी संख्या 2 ही रह गई, यात्रियों से ज्यादा कर्मचारी नजर आते हैं

देश में 25 मई से जब घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हुईं, तो मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के हिस्से 50 फ्लाइट्स आईं। पिछले 5 दिनों से यहां हर दिन 25 फ्लाइट्स उड़ान भरती हैं और इतनी ही लैंड करती हैं। हर दिन 700 से ज्यादा फ्लाइट्स के मूवमेंट वाले इस एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट्स की यह संख्या बहुत ही कम है।

जो भीड़ और भागदौड़ यहां पहले नजर आती थी, अब वैसा नजारा बिल्कुल दिखाई नहीं देता। औसतन हर घंटे 2 ही फ्लाइट होने के कारण एयरपोर्ट पर सन्नाटा पसरा होता है। हाल यह है कि कभी-कभी तो यात्रियों से ज्यादा एयरपोर्ट कर्मचारी नजर आ जाते हैं।

फेस शील्ड, मास्क या पीपीई किट पहने ये कर्मचारी एयरपोर्ट पर कोरोना से बचाव के लिए सभी नियमों का खुद तो पालन करते ही हैं, साथ ही यात्रियों से भी करवाते हैं। यहां कोरोना से बचाव के लिए कुछ नए तरीके भी इजाद किए गए हैं। ऐमें में हम हर दूसरे मिनट में एक फ्लाइट के मूवमेंट वाले देश के इस दूसरे सबसे व्यस्त एयरपोर्ट की कुछ लाइव तस्वीरें आपके लिए लाए हैं..

मुख्य रनवे के पास की फ्लाइट पार्किंग एरिया में एयर इंडिया, स्पाइसजेट, इंडिगो सहित अन्य कई एयरलाइंस के विमान खड़े नजर आते हैं।

मुंबई एयरपोर्ट के अंदर लगे बैरिकेड, स्टील की रेलिंग, सीआईएसएफ के सुरक्षा कर्मियों के खड़े होने की जगह लगातार सैनेटाइज होती है। एयरपोर्ट की जिस सड़क से गाड़ियां गुजर रही हैं, उसे भी सैनेटाइज किया जा रहा है।

सीआईएसएफ के जवान यात्रियों की एयरपोर्ट में एंट्री से पहले उनके हाथों पर सैनेटाइजर का छिड़काव करने और शरीर की थर्मल स्क्रीनिंग करने जैसे नियमों का सख्ती से पालन करते नजर आते हैं।

यहां एयरपोर्ट पर जहां यात्रियों को अपना बोर्डिंग पास और पहचान पत्र दिखाना होता है, वहां एक कारपेट बिछाया गया है। इस कारपेट पर सैनेटाइज किया जाने वाला लिक्विड है, जिससे कोई भी यात्री कारपेट पर कदम रखता है, तो उसके जूतों का निचला हिस्सा सैनेटाइज हो जाता है। इससे एयरपोर्ट के बाकी फर्श को यात्री के जूतों से फैलने वाले कोरोना से बचाया जा सकता है।

पैसेंजर भी अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फेस शील्ड और पीपीई कीट पहने नजर आते हैं।

गेट पर ही एक पारदर्शी कांच का कैबिनबनाया गया है। यहां यात्री कांच के दूसरी ओर से पहचान पत्र दिखाते हैं।यहां पैसेंजर के बोर्डिंग पास की स्कैनिंग करने वाली छोटी सी एक मशीन रखी गई है। इन दोनों प्रक्रियाओं में पैसेंजर और एयरपोर्ट कर्मचारी एक-दूसरे को टच नहीं करते हैं।

सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान यात्रियों के सामान को सुरक्षाकर्मी हाथ नहीं लगाते। जिस ट्रे में पैसेंजर का सामान स्कैनिंग मशीन से गुजर कर दूसरी ओर पहुंचता है तो उसे लकड़ी की स्टीक के सहारे सुरक्षाकर्मी आगे बढ़ा देते हैं।

एयरपोर्ट की मुख्य लॉबी में पहले की तरह ही एक बड़ी सी स्क्रीन पर फ्लाइट्स की जानकारी दी जाती है। इसके अलावा इन्फॉर्मेशन काउंटर पर भी एयरपोर्ट कर्मचारी पहले की तरह ही जानकारी देते रहते हैं। फर्क बस इतना है कि यहां लोग एक-दूजे से पर्याप्त दूरी बनाकर खड़े होते हैं।

हर काउंटर पर सैनेटाइजर रखा हुआ होता है। एयरपोर्ट कर्मचारी फेस शील्ड और मास्क लगाए हुए होते हैं।

कम फ्लाइट्स होने के कारण भीड़ कम है। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान तो रखते हैं लेकिन कहीं-कहीं लोग झुंड में खड़े भी नजर आते हैं। ऐसा होने पर एयरपोर्ट कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी उन्हें दूर-दूर खड़े रहने या चलने की हिदायत देते नजर आते हैं।

आम दिनों में ये सभी कुर्सियां लगभग भरी होती हैं।

मुंबई एयरपोर्ट का फूड कोर्ट कई तरह की वैरायटी के खाने-पीने की चीजों के लिए काफी मशहूर है। यहां आम दिनों में 3500 से ज्यादा पैसेंजर आते हैं। लेकिन फिलहाल महज 50 प्लाइट की मूवमेंट होने के कारण 300-350 यात्री ही फूड कोर्ट आ रहे हैं।

कुछ एयरपोर्ट कर्मचारी पीपीई कीट में भी नजर आते हैं।


यहां के रिजर्वड लाउंज में पैसेंजर के बैठने की व्यवस्था बहुत दूर-दूर की गई है। दो लक्जरी सोफानुमा कुर्सियां साथ में भी हैं, लेकिन इनमें एक ही शख्स बैठ सकता है। जीवीके लाउंज की क्षमता 350 पैसेंजर के बैठने की है। लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग मैंटेन करने के लिए इसे 200 कर दिया गया है।

लाउंज में यात्री पास-पास न बैठे इसके लिए कुछ इस तरह इंतजाम किए गए हैं।

एयरपोर्ट की मुख्य लॉबी में ही गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, सीनियर सिटिजन्स को फ्लाइट तक छोड़ने और वहां से लाने के लिए बैटरी से चलने वाली छोटी कारें लाइन से खड़ी नजर आती हैं।

यात्रियों को दूर-दूर खड़ा रखा जा सके इसके लिए 6-6 फीट की दूरी पर चार पत्तियों की फूल की डिजाइन बनाई गई है।

एयरपोर्ट पर उतरने वाले जिन यात्रियों के पास घर जाने का खुद का साधन नहीं है। उन्हें बहुत परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन की वजह से एयरपोर्ट के बाहर न प्रीपेड टैक्सी मिल रही है, न ही ओला-ऊबर की कारें चल रही हैं। दूर-दूर तक ऑटो-रिक्शा भी नहीं दिखाई दे रहे।

आमदिनों में मुंबई एयरपोर्ट में इस तरह भीड़-भाड़ वाला नजारा दिखा करता था। यहां से औसतन हर महीने 35 लाख से ज्यादा यात्रियों का मूवमेंट होता था।


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मुंबई एयरपोर्ट के गेट पर ही एक पारदर्शी कांच का कैबिन बनाया गया है। इस कांच की खासियत यह है कि जब एक ओर से यात्री अपना पहचान पत्र दिखाते हैं तो दूसरी ओर खड़े एयरपोर्ट कर्मचारी को पहचान पत्र की जानकारी साफ और बड़े अक्षरों में दिखाई देती है।


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एक्सपर्ट्स की हिदायत- लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने को चैलेंज न मानें; युवा कतई न सोचें कि उन्हें कुछ नहीं होगा, क्योंकि वे जवान हैं

सरकार ने 25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इस दौरान दूध, दवाई जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई जारी रखने के निर्देश थे। ऐसे में कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के एक शख्स कावीडियो वायरल हुआथा। वीडियो में दिख रहा युवक लॉकडाउन में बाहर घूमने के लिए फर्जी दूधवाला बनकर निकला था। हालांकि पुलिस ने जब कड़ाई से पूछा तो उसने सच बता दिया।

राजधानी दिल्ली स्थित लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन के साइकोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कनिका के आहूजा का मानना है किजिन लोगों में रिस्कटेकिंग बिहेवियर होता है, वो ऐसा करते हैं। यानी ऐसे लोग डर की परवाह नहीं करते।इस तरह के काम करने वालों के मन में हमेशा कुछ थ्रिल करने की इच्छा रहती है। कुछ एक्सपर्ट्स जिज्ञासा भी इसका कारण बताते हैं।

एक्सपर्ट्स हिदायत देते हैं किलॉकडाउन में घर से बाहर निकलने को चैलेंज की तरह कतई न लें। खासकर,युवा यह न सोचें कि उन्हें कुछ नहीं होगा, क्योंकि वे जवान हैं।

करीब दो महीने से चल रहे इस लॉकडाउन के दौरान कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं थीं, जहां लोग न तो मास्क पहन रहेऔर न ही सोशल डिस्टेंसिंगका पालन कर रहे।ऐसे में सवाल उठता है कितमाम कोशिशों और अलर्ट के बाद भी लोग इन सावधानियों को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं?एक्सपर्ट्स बता रहे हैं, इसके पीछे की प्रमुखवजह।

कुछ लोग क्यों नहीं पहन रहे मास्क ?
भोपाल की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पूनम सिंह बताती हैं कि नियमों का पालन नहीं करने वाले समूह में बच्चे और यंग एडल्ट्स शामिल हैं। यह लोग रिस्क एसेसमेंट कर रहे हैं। मीडिया में आ रहीं खबरों के मुताबिक इस वायरस से सबसे ज्यादा जोखिम में गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग हैं। ऐसे में इन लोगों को लगता है किहमें ज्यादा खतरा नहीं है,इसलिए हम कुछ चीजें कर सकते हैं। वहीं, बागी रवैये वाले बच्चे विरोध के बाद भी घर से निकल रहे हैं। उन्हें ऐसा लगता है किवे खुद पर काबू कर हालात पर नियंत्रण कर पाएंगे। वे मानते हैं कि, ऐसा करने पर उन्हें कुछ नहीं होगा।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालननहीं करने के पीछे क्या कारण हैं?
डॉक्टर आहूजा बताती हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मध्यम या उच्च वर्ग कर पा रहा है, क्योंकि इसे अपनाना कई लोगों की हैसियत से परे है। कई बार घर में 6 फीट की दूरी बनाना कई बार मुमकिन नहीं है, क्योंकि कई घरों में जगह कम और लोग ज्यादा होते हैं। लॉकडाउन में घर बैठने का मतलब है, आपके पास घर या संसाधन मौजूद होना।'

डॉक्टर आहूजा बताती हैं कि एक तबका हैंड वॉश और साफ पानी जैसी चीजों से भी वंचित है। आपको घर से निडर होकर बाहर निकलना होगा और अपने आसपास डिफेंस मैकेनिज्म बनाना होगा। जब आपके अंदर अस वर्सेज देम वाली फीलिंग आ जाती है और आप सोचते हैं कि इससे होने वाला नुकसान मैं क्यों उठाऊं, जैसे इकोनॉमिक और सोशल लॉस। आप खुद को उन लोगों से अलग कर लेते हैं, जिन्हें कोविड से ज्यादा खतरा है।

डॉक्टर आहूजा के मुताबिक लोगों के दिमाग में अगर मरने का डर होगा तो यह नहीं करेंगे। इसे रोकने के लिए जागरूकता लानी होगी। क्योंकि आप बाहर से आकर घर वालों को भी खतरे में डाल सकते हैं।

बिहेवियरल फैटीग का शिकार हो रहे हैं लोग

  • डॉक्टर आहूजा बताती हैं किलॉकडाउन के शुरुआती दौर का पालन बड़ी ही सख्ती के साथ हुआ था। लोग कई चीजों को लेकर डरे हुए होने के साथ-साथ उत्साहित भी थे। लंबे समय तक घर में रहकर लोग बिहेवियरल फैटीग का शिकार हो रहे हैं। ऐसे हालात में लोग काफी वक्त से चले आ रहे अपने रुटीन से थक जाते हैं और उन्हें अपनी प्रैक्टिसेज का फायदा नहीं मिलता।
  • उदाहरण के लिए लोग सफाई को लेकर काफी सजग थे, लेकिन समय के साथ जब उन्होंने देखा कि इसका परिणाम कुछ खास नहीं मिल रहा है, तो वे थक गए थे, क्योंकि वे उन लोगों को भी देख रहे हैं, जो सावधानियों को लेकर गंभीर नहीं थे, लेकिन उनकी हालत भी हमारी ही तरह है।

लोग जानबूझ बाहर क्यों निकल रहे हैं?

  • रिस्पेक्ट: लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने को लोग चैलेंज की तरह ले रहे हैं। लोगों के मन में खासकर बच्चों के बीच यह धारणा बन चुकी है किअगर वे बाहर निकलेंगे तो उनकी सोशल रिस्पेकट बढ़ेगी। वे यह कह सकेंगे कि जब कोई ऐसा नहीं कर पा रहा, तब वे ऐसा कर रहे हैं।
  • घर पर बिगड़ते हालात: घर पर लगातार रहने से हालात बिगड़ रहे हैं। पाबंदियां लगने के कारण लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। घर में दबाव बन रहा है। इसलिए रिस्क लेकर भी घर से बाहर निकल रहे हैं।
  • कुछ नहीं होगा: जो लोग बाहर निकल रहे हैं या साथ में स्मोक शेयर कर रहे हैं, वो मान चुके हैं किहमें कुछ नहीं होगा और अगर कुछ हो भी गया तो खास फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि हम जवान हैं।

लॉकडाउन के बीच लोगरीति-रिवाज को क्यों इतनातवज्जों दे रहे हैं?

  • दुनियाभर की कई लैब्स में कोविड 19 को हराने के लिए वैक्सीन की खोज की जा रही है। साइंटिस्ट दावा कर रहे हैं कि कोरोना की वैक्सीन सितंबर के अंत तक आ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह इतिहास का सबसे तेज वैक्सीन प्रोग्राम होगा। दवा न मिलने की स्थिति में कोरोना से बचने का उपाय है मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग करना।
  • सभी चेतावनियों के बाद भी लोग शादी, जन्मदिन, सालगिरह जैसे कई आयोजन कर रहे हैं और इसमें भीड़ भी शामिल हो रही है। डॉक्टर सिंह बताती हैं किघर वालों, समाज के दबाव और रूढ़ीवादी सोच के कारण रीति रिवाज को मानना जरूरी हो रहा है। लोगों के बीच यह विचार विकसित नहीं हुए हैं कि इन सब चीजों के बारे में गहनता से सोचें।
  • डॉक्टर सिंह कहती हैं कि सोशल कस्टम इसलिए फॉलो किए जा रहे हैं, ताकि लोग हमारे बारे में गलत न सोचें। लोग इस मौके को अपने ताकत के प्रदर्शन की तरह भी उपयोग कर रहे हैं। वे इस दौरान कई दावे कर खुद को बड़ा साबित करने में लगे हुए हैं। साथ ही लोग समाज के डर के कारण ही अपनी ट्रेवल हिस्ट्री भी बताने में हिचक रहे हैं।
  • डॉक्टर सिंह के मुताबिक, लोगों को लग रहा है कि अगर वे अपनी बीमारी के बारे में किसी को बता देंगे, तो लोग उन्हें रिजेक्ट कर देंगे। आमतौर पर ऐसा देखने में भी आ रहा है। कोई भी संक्रमण को अपनी मर्जी से तो नहीं लेता है।

फ्रंटलाइन वर्कर्स कोलोग गुस्से का शिकार क्यों बना रहे?

  • कुछ वक्त पहले देश के कई हिस्सों से डॉक्टर और पुलिस समेत कई फ्रंटलाइन वर्कर्स पर हमले की खबरें आईं थीं। लोगों ने सैंपल लेने पहुंची स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पर जानलेवा हमले किए। वहीं, कई जगहों पर सुरक्षा इंतजामों नियमों को पालन करवाने में लगे पुलिसकर्मी भी इन हमलों का शिकार हुए। डॉक्टर सिंह इसके पीछे का कारण अफवाहों को बताती हैं।
  • डॉक्टर पूनसिंह के मुताबिकलोअर सोशियो इकोनॉमिक वर्ग इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। लोग पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण दूसरों की बातों में आकर ऐसा कर रहे हैं। लोगों को डर है कि, पता नहीं ये हमें कहां लेकर जाएंगे या क्या खिलाएंगे। जबकि डॉक्टर आहूजा पुलिसकर्मियों के साथ हो रही बदसलूकी का जिम्मेदार भड़ास को मानती हैं।
  • डॉक्टर आहूजा ने कहती हैं कि नियम नहीं मानने पर पुलिसकर्मी फटकार लगाते हैं तो लोग तब प्रतिक्रिया देते हैं जब वे समूह में होते हैं। अकेले में इनका बर्ताव बदल जाता है। उन्होंने कहा कि, ये लोग कोविड पर गुस्सा नहीं निकाल पा रहे हैं, ऐसे में खुद को तसल्ली देने और आत्मविश्वास दिलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

शराब के लिए लोग लाइन में क्याें लग रहे?

  • लॉकडाउन 3.0 में सरकार ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शराब की दुकानें खोलने का फैसला किया था। इस दौरान महीनों से बिना शराब के चल रहे शौकीनों ने राजधानी दिल्ली में दुकान के बाहर करीब 1 किमी लंबी लाइन लगा ली। हालांकि इस लाइन में जो केवल एक वर्ग नजर आ रहा था, वह था शराब के शौकीनों का।
  • डॉक्टर पूनमसिंह कहती हैं कि इसमें सबसे बड़ी परेशानी है लत, जो लोग एडिक्टेड हैं वे डर की परवाह नहीं करते हैं। यह एक तरह का डिसॉर्डर है। इससे जूझ रहे लोग कोई भी रिस्क लेने के लिए तैयार हैं। उन्हें किसी भी तरह से इसे हासिल करना है। इसके अलाव कुछ लोग कुछ लोगों में एंटी सोशल पर्सानालिटी होती है और उन्हें नियम तोड़ने में मजा आता है। जो भी नियम बनाए जाएंगे वे तोड़ेंगे।

घर में रहकरदिमाग कोशांत कैसे रखें?

  • फिजीकल एक्सरसाइज: घर में मूवमेंट जरूर करते रहें। अवसाद से ग्रस्त लोगों में दो लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें अकेले रहना और एक जगह पर बने रहना शामिल है। पूरे दिन घर में बंद न रहे और सनलाइट लें।
  • लोगों से बातचीत करें: घर में रहने के दौरान लोगों से बातचीत करें। इसके लिए फोन कॉल से ज्यादा अच्छा है वीडियो कॉल पर बात करना। क्योंकि इसमें आप सामने वाले का चेहरा देखते हैं। इससे आपको और दूसरों को तसल्ली मिलती है।
  • हेल्दी टच: भारत में टच का बहुत महत्व है। हम आमतौर में भी घर में एक दूसरे को प्यार से, आशीर्वाद लेने में, आदर करने में छूते हैं। लेकिन कोरोनावायरस के कारण यह एकदम बंद हो गया है। टच बहुत जरूरी है। कम से कम घरवालों के साथ शारीरिक तौर पर व्यक्त करें। आप गलें मिल सकते हैं, हाथ मिला सकते हैं।


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