सोमवार, 2 नवंबर 2020

GST कलेक्शन अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़, कोरोना के दौर में पहली बार 1 लाख करोड़ के पार

कोविड-19 के कारण संकट में आई भारतीय अर्थव्यवस्था में अब सुधार होने लगा है। इसका ताजा संकेत गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन से मिला है। वित्त मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, अक्टूबर में GST कलेक्शन 1.05 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है। फरवरी के बाद पहली बार GST कलेक्शन का आंकड़ा 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा है।

80 लाख GSTR-3B रिटर्न फाइल हुए

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 31 अक्टूबर 2020 तक कुल 80 लाख GSTR-3B रिटर्न फाइल किए गए हैं। इसकी बदौलत अक्टूबर-2020 ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू 1,05,155 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसमें 19,193 करोड़ रुपए का CGST, 5,411 करोड़ रुपए का SGST और 52,540 करोड़ रुपए का IGST शामिल है। इसके अलावा 8,011 रुपए सेस के जरिए मिले हैं। IGST में आयात किए गए सामान से वसूले गए 23,375 करोड़ रुपए भी शामिल हैं।

पिछले साल के मुकाबले 10% ज्यादा रेवेन्यू

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अक्टूबर 2020 में GST कलेक्शन एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 10% ज्यादा रहा है। एक साल पहले समान अवधि यानी अक्टूबर 2019 में जीएसटी कलेक्शन 95,379 करोड़ रुपए रहा था। बयान में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण आर्थिक गतिविधियों के रुकने से जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से नीचे आ गया था।

कैलेंडर ईयर 2020 में GST कलेक्शन

माह कलेक्शन (करोड़ रु. में)
जनवरी 1,10,828
फरवरी 1,05,366
मार्च 97,597
अप्रैल 31,294
मई 62,009
जून 90,917
जुलाई 87,422
अगस्त 86,449
सितंबर 95,480
अक्टूबर 1,05,155


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
पिछले साल अक्टूबर में GST कलेक्शन 95,379 करोड़ रुपए रहा था।- प्रतीकात्मक फोटो।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2JiEK8Y
https://ift.tt/2HSdsFO

टेस्टिंग 11 करोड़ के पार, इस बार एक करोड़ जांच पर सबसे कम 4.7 लाख केस मिले

देश में कोरोना टेस्टिंग का आंकड़ा 11 करोड़ के पार हो गया है। इस बार एक करोड़ टेस्टिंग पर सिर्फ 4.70 लाख मरीज मिले हैं, जो सबसे कम हैं। एक से दो करोड़ टेस्टिंग के बीच 10.84 लाख मरीज मिले थे, जो सबसे ज्यादा थे। 16 सितंबर को टेस्टिंग का आंकड़ा छह करोड़ पर पहुंचा था। पांच से छह करोड़ टेस्टिंग के बीच 8.39 लाख मरीज मिले थे, इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है।

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 82 लाख के पार हो गया है। अब तक 82 लाख 29 हजार 322 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 75 लाख 42 हजार 905 लोग ठीक हो चुके हैं। 1 लाख 22 हजार 642 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लाख 62 हजार 329 मरीजों का इलाज चल रहा है।

कोरोना अपडेट्स

  • राजस्थान सरकार ने रविवार को लॉकडाउन की नई गाइडलाइन जारी की। इसके मुताबिक, 30 नवंबर तक राज्य में स्वीमिंग पूल, सिनेमा हॉल, थिएटर्स, मल्टीप्लेक्स, एंटरटेनमेंट पार्क के खुलने पर रोक बरकरार रहेगी। बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर भी प्रतिबंध लगा रहेगा।
  • राजस्थान की नई लॉकडाउन गाइडलाइन के मुताबिक, 16 नवंबर तक राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग क्लासेज बंद रहेंगे। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।
  • शूटिंग रेंज के नेशनल कैंप में एक एथलीट कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के मुताबिक कैंप में ओलंपिक कोर ग्रुप के लिए ट्रेनिंग चल रही थी।
  • कन्नड़ एक्टर दर्शन के खिलाफ कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर बेंगलुरु में एफआईआर दर्ज हुई है। आर आर नगर विधानसभा क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 लाख 72 हजार 82 हो गया है। पिछले 24 घंटे में 723 नए मरीज मिले। 1107 लोग रिकवर हुए और 7 की मौत हो गई। अभी 8538 मरीजों का इलाज चल रहा है। 1 लाख 60 हजार 586 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 2958 मरीजों की मौत हो चुकी है।

2. राजस्थान
24 घंटे में 1754 नए केस मिले। 1591 लोग रिकवर हुए और 10 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 98 हजार 747 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 15 हजार 255 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 81 हजार 575 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 1917 मरीजों की मौत हो चुकी है।

3. बिहार
पिछले 24 घंटे के अंदर बिहार में 777 लोग संक्रमित पाए गए। 1195 लोग रिकवर हुए और 7 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 17 हजार 541 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 7437 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 9 हजार 6 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1097 हो गई है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में टेस्टिंग का आंकड़ा 90.2 लाख हो गया है। इनमें 16 लाख 83 हजार 775 लोग संक्रमित पाए गए। पिछले 24 घंटे के अंदर 5369 नए मरीज मिले। अब तक 15 लाख 14 हजार 79 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 लाख 25 हजार 109 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा राज्य में 44 हजार 24 हो गया है।

5. उत्तरप्रदेश
रविवार को राज्य में 1969 नए केस मिले। 2388 लोग रिकवर हुए और 26 संक्रमितों की मौत हो गई। अब तक 4 लाख 83 हजार 832 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। राहत की बात है कि इनमें 4 लाख 53 हजार 458 लोग ठीक भी हो चुके हैं। अभी 23 हजार 323 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। संक्रमण के चलते अब तक 7 हजार 51 मरीजों की मौत हो चुकी है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Coronavirus Outbreak India Cases LIVE Updates; Maharashtra Pune Madhya Pradesh Indore Rajasthan Uttar Pradesh Haryana Punjab Bihar Novel Corona (COVID 19) Death Toll India Today Mumbai Delhi Coronavirus News


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34Mm5up
https://ift.tt/3eoUjHS

टेस्टिंग 11 करोड़ के पार, इस बार एक करोड़ जांच पर सबसे कम 4.7 लाख केस मिले

देश में कोरोना टेस्टिंग का आंकड़ा 11 करोड़ के पार हो गया है। इस बार एक करोड़ टेस्टिंग पर सिर्फ 4.70 लाख मरीज मिले हैं, जो सबसे कम हैं। एक से दो करोड़ टेस्टिंग के बीच 10.84 लाख मरीज मिले थे, जो सबसे ज्यादा थे। 16 सितंबर को टेस्टिंग का आंकड़ा छह करोड़ पर पहुंचा था। पांच से छह करोड़ टेस्टिंग के बीच 8.39 लाख मरीज मिले थे, इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है।

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 82 लाख के पार हो गया है। अब तक 82 लाख 29 हजार 322 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 75 लाख 42 हजार 905 लोग ठीक हो चुके हैं। 1 लाख 22 हजार 642 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लाख 62 हजार 329 मरीजों का इलाज चल रहा है।

कोरोना अपडेट्स

  • राजस्थान सरकार ने रविवार को लॉकडाउन की नई गाइडलाइन जारी की। इसके मुताबिक, 30 नवंबर तक राज्य में स्वीमिंग पूल, सिनेमा हॉल, थिएटर्स, मल्टीप्लेक्स, एंटरटेनमेंट पार्क के खुलने पर रोक बरकरार रहेगी। बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर भी प्रतिबंध लगा रहेगा।
  • राजस्थान की नई लॉकडाउन गाइडलाइन के मुताबिक, 16 नवंबर तक राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग क्लासेज बंद रहेंगे। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।
  • शूटिंग रेंज के नेशनल कैंप में एक एथलीट कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के मुताबिक कैंप में ओलंपिक कोर ग्रुप के लिए ट्रेनिंग चल रही थी।
  • कन्नड़ एक्टर दर्शन के खिलाफ कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर बेंगलुरु में एफआईआर दर्ज हुई है। आर आर नगर विधानसभा क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 लाख 72 हजार 82 हो गया है। पिछले 24 घंटे में 723 नए मरीज मिले। 1107 लोग रिकवर हुए और 7 की मौत हो गई। अभी 8538 मरीजों का इलाज चल रहा है। 1 लाख 60 हजार 586 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 2958 मरीजों की मौत हो चुकी है।

2. राजस्थान
24 घंटे में 1754 नए केस मिले। 1591 लोग रिकवर हुए और 10 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 98 हजार 747 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 15 हजार 255 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 81 हजार 575 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 1917 मरीजों की मौत हो चुकी है।

3. बिहार
पिछले 24 घंटे के अंदर बिहार में 777 लोग संक्रमित पाए गए। 1195 लोग रिकवर हुए और 7 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 17 हजार 541 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 7437 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 9 हजार 6 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1097 हो गई है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में टेस्टिंग का आंकड़ा 90.2 लाख हो गया है। इनमें 16 लाख 83 हजार 775 लोग संक्रमित पाए गए। पिछले 24 घंटे के अंदर 5369 नए मरीज मिले। अब तक 15 लाख 14 हजार 79 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 लाख 25 हजार 109 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा राज्य में 44 हजार 24 हो गया है।

5. उत्तरप्रदेश
रविवार को राज्य में 1969 नए केस मिले। 2388 लोग रिकवर हुए और 26 संक्रमितों की मौत हो गई। अब तक 4 लाख 83 हजार 832 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। राहत की बात है कि इनमें 4 लाख 53 हजार 458 लोग ठीक भी हो चुके हैं। अभी 23 हजार 323 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। संक्रमण के चलते अब तक 7 हजार 51 मरीजों की मौत हो चुकी है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Coronavirus Outbreak India Cases LIVE Updates; Maharashtra Pune Madhya Pradesh Indore Rajasthan Uttar Pradesh Haryana Punjab Bihar Novel Corona (COVID 19) Death Toll India Today Mumbai Delhi Coronavirus News


from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-cases-live-news-and-updates-02-november-2020-127874192.html
https://ift.tt/2HYvw1j

कब तक होगी वोटिंग, क्या वास्तव में वोटिंग फ्रॉड हो रहा है; जानें ऐसे 16 सवालों के जवाब

अमेरिका में 3 नवंबर (भारतीय समयानुसार 4 नवंबर सुबह 6 बजे) को राष्ट्रपति चुनाव है। यहां अर्ली वोटिंग (यानी तय तारीख से पहले) सिस्टम भी है। इसका इस्तेमाल करते हुए लगभग 50% वोटिंग तो हो चुकी है। बाकी तीन दिन में बाकी वोटिंग भी हो जाएगी। वोटिंग डेडलाइन खत्म होते ही काउंटिंग भी शुरू होगी। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 4 नवंबर शाम तक यह साफ हो जाएगा कि डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति बने रहेंगे या उनकी जगह डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन व्हाइट हाउस पहुंचेंगे।
यहां हम आपको वर्तमान में अमेरिकी चुनाव से जुड़े अहम सवाल और उनके जवाब दे रहे हैं।

Q. क्या अब भी लोग मतदान के लिए रजिस्टर कर सकते हैं?
A. यह राज्य की व्यवस्था पर निर्भर करता है। राज्यों में अलग-व्यवस्था है। राज्यों या इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से जानकारी लें।

Q. क्या अब मेल इन बैलट (वोट) काउंट होगा?
A. अगर यह तय वक्त (वोटिंग क्लोज डेडलाइन) से पहले पहुंच गया तो इसकी गिनती जरूर होगी। यानी गिना जाएगा।

Q. क्या इलेक्शन डे यानी 3 नवंबर को पोलिंग स्टेशन पर जाकर वोटिंग करना सुरक्षित है?
A. महामारी का खतरा तो है। हेल्थ गाइडलाइन का पालन करें। मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करें। सैनेटाइजर यूज करें।

Q. क्या वोटिंग फ्रॉड यानी मतदान में धांधली वास्तव में हो सकती है?
A. अमेरिका में आमतौर पर ये संभव नहीं। अपवाद हो सकते हैं। इस साल न्यूजर्सी म्युनिसिपल इलेक्शन और 2018 में नॉर्थ कैरोलिना कांग्रेस इलेक्शन में कुछ शिकायतें जरूर मिली थीं।

Q. पोल वॉचर्स का क्या मतलब है?
A. कुछ राज्य मतदान के वक्त कुछ लोगों को इसे देखने की इजाजत देते हैं। अगर कुछ दिक्कत सामने आती है तो ये लोग इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को देते हैं। प्रशासन इन्हें हल करता हैं। इन लोगों को पोल वॉचर्स कहा जाता है।

Q. नेकेड बैलट क्या होता है।
A. पोस्टल बैलेट दो लिफाफों का एक पैक होता है। पहले लिफाफे के ऊपर इलेक्शन ऑफिस का पता और दूसरी जानकारी होती है। अंदर वाले यानी दूसरे लिफाफे में बैलट पेपर होता है। अगर ऊपरी लिफाफा खराब होता है तो इसे मिसिंग बैलट माना जाता है। यानी गिनती नहीं होती। ऐसा माना जाता है कि वोट सीक्रेसी खत्म हो गई है। यह व्यवस्था कुछ राज्यों में ही है।

Q. क्या 3 नवंबर (भारत में 4 नवंबर) को ही विनर का नाम कन्फर्म हो जाएगा?
A. पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता। इसमें कई तकनीकि पेंच हैं। खासतौर पर राज्यों के अलग कानून और पोस्टल के साथ मेल इन बैलट की गिनती। पेन्सिलवेनिया और मिशिगन के अफसर कह चुके हैं कि काउंटिंग में उन्हें तीन दिन लग सकते हैं। लेकिन, यह जरूर है कि नतीजों का अंदाजा इलेक्शन डे यानी 3 नवंबर को लग जाएगा।

Q. अगर कोई कैंडिडेट नतीजे स्वीकार करने से इनकार कर दे तो?
A. 2016 में ट्रम्प जीते। तब भी उन्होंने कहा था कि मतदान में धांधली हुई। बहरहाल, अगर ऐसा कुछ होता तो मामला फिर मोटे तौर पर सुप्रीम कोर्ट ही जाएगा।

Q. सुप्रीम कोर्ट का क्या रोल हो सकता है?
A. अगर नतीजों पर सवाल उठें तो सुप्रीम कोर्ट का रोल जरूर हो सकता है। आपको याद होगा विपक्ष के विरोध के बावजूद ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट में नई जज एमी कोने बैरेट को अप्वॉइंट किया। वे पहले ही कह चुके हैं कि शायद इस बार नतीजों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे। इसलिए 9 जजों का कोरम पहले ही पूरा कर दिया।

Q. ट्रम्प और बाइडेन में किसका पलड़ा फिलहाल भारी है?
A. नेशनल पोल्स के मुताबिक, बाइडेन की जीत की संभावना 50% जबकि ट्रम्प की 41% है। 9% वे वोटर हैं, जो कुछ नहीं कहना चाहते।

Q. क्या ये पोल 2016 की तरह गलत साबित हो सकते हैं?
A. इस बार राजनीतिक पंडितों ने मैथड में कई सुधार किए हैं। लेकिन, राजनीतिक विज्ञान का यह सूत्र बदल भी सकता है।

Q. क्या रूस के हैकर्स या वहां की सरकार चुनाव में दखलंदाजी कर सकती है?
A. लगता है कि वे इसकी कोशिश तो कर रहे हैं। राष्ट्रपति को छोड़ दें तो उनके अफसर तो इसकी आशंका जता रहे हैं। कुछ सबूत भी इस तरफ इशारा कर रहे हैं। लेकिन, साजिश कामयाब होगी....? इसमें संदेह है।

Q. क्या बाइडेन ने यह कहा है कि वे अगर जीते तो सिर्फ एक कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति रहेंगे?
A. नहीं। लेकिन, अगर वे जीते तो शपथ लेते वक्त 78 साल के हो चुके होंगे। उन्होंने ये जरूर कहा है कि वे पार्टी और आने वाली पीढ़ी के लिए सेतु यानी ब्रिज का काम करेंगे। इसके चाहे जो मायने निकाल सकते हैं।

Q. चुनाव से जुड़े कानूनी मुकदमों का क्या होगा?
A. कुछ खास नहीं। दरअसल, ये दोनों पार्टियों के आरोप-प्रत्यारोप के तौर पर देखे जाने चाहिए। ये कई राज्यों में चल रहे हैं।

Q. क्या नतीजों में कुछ गड़बड़ हो सकती है? यानी ये साफ ही न हो पाए कि कौन जीता?
A. ये भी मुमकिन है। आप कह सकते हैं कि इसकी आशंका भी है।

Q. और आखिरी सवाल? आखिर हम कब जान पाएंगे कि कौन जीता?
A. फिलहाल, ये तय नहीं है। इसलिए इत्मीनान यानी धैर्य रखें।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
How long will voting be, is voting really fraudulent; Learn the answers to 16 such questions


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2TGP2Si
https://ift.tt/383eKJ8

IPL से संन्यास नहीं लेंगे धोनी; श्रीनगर में हिजबुल का चीफ कमांडर सैफुल्ला ढेर; आज से अडाणी ग्रुप के हवाले लखनऊ एयरपोर्ट

नमस्कार!

पैगंबर कार्टून विवाद को लेकर फ्रांस में अशांति है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वे मुस्लिमों का सम्मान करते हैं। वे मानते हैं कि कार्टून विवाद से मुस्लिम आहत हैं। मगर इसके जवाब में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • IPL में आज दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु अबु धाबी में आमने-सामने होंगे। मैच शाम साढ़े सात बजे से खेला जाएगा।
  • चंडीगढ़ में आज से पीजीआई हॉस्पिटल की ओपीडी 7 महीनों के बाद मरीजों के लिए खोल दी जाएगी।
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में आज से एडमिशन प्रोसेस शुरू होगी, जो कि 4 नवंबर तक चलेगी।

देश-विदेश

लखनऊ का चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट अब अडानी समूह संभालेगा

लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट सोमवार से अडानी ग्रुप संभालेगा। 2 नवंबर से लखनऊ एयरपोर्ट की जिम्मेदारी अगले 50 साल तक यात्री सुविधाओं के साथ-साथ कमर्शियल गतिविधियों के डेवलेपमेंट का जिम्मा भी अडानी ग्रुप का होगा।

श्रीनगर में हिजबुल का नंबर वन कमांडर डॉ. सैफुल्ला मारा गया

CRPF और पुलिस ने श्रीनगर में रविवार को हुए एनकाउंटर में हिजबुल के टॉप कमांडर डॉ. सैफुल्ला को ढेर कर दिया। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि एनकाउंटर में जिस आतंकवादी को मारा गया है, वह 95% हिजबुल का चीफ कमांडर था।

कमेंटेटर ने पूछा- आपका आखिरी मैच है? धोनी बोले- बिल्कुल नहीं

चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने IPL से उनके संन्यास की अटकलों पर विराम लगा दिया। पंजाब के खिलाफ टॉस के दौरान कमेंटेटर डैनी मॉरिसन ने उनसे पूछा कि क्या यह आपका IPL में यलो जर्सी में आखिरी मैच है। धोनी ने कहा- बिल्कुल नहीं।

हरियाणा सरकार ला सकती है लव जिहाद के खिलाफ कानून

हरियाणा के बल्लभगढ़ में रविवार को भीड़ ने फरीदाबाद-बल्लभगढ़ हाईवे जाम कर दिया। ये लोग निकिता तोमर हत्याकांड में दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। इस बीच, हरियाणा सरकार ने यूपी सरकार की तरह लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने पर विचार शुरू कर दिया है।

ब्रिटेन में कोरोनाः सरकार ने कहा- लॉकडाउन बढ़ सकता है

ब्रिटेन में कोरोना का कहर जारी है। वहां की सरकार ने देश में दूसरा लॉकडाउन लगाया है, जो 2 दिसंबर तक लागू रहेगा। मंत्री माइकल गोव ने कहा है कि इसे और बढ़ाया जा सकता है। दुनिया में अब तक 4.63 करोड़ से ज्यादा संक्रमित हो चुके हैं जबकि 11.99 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

ओरिजिनल

नए भूमि कानून पर कश्मीर से रिपोर्ट

अब कश्मीर और लद्दाख में कोई भी भारतीय जमीन खरीद सकेगा। दोनों केंद्र शासित राज्यों में यह कानून तत्काल लागू होगा। मगर बाहर से यहां आकर काम करने वाले ज्यादातर लोग मजदूरी करते हैं या छोटी दुकान चलाते हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि करोड़ों रु. की जमीन या फ्लैट खरीद सकें।

डेटा स्टोरी
भारत में चार महीने में 30% तक बढ़ गए OTT सबस्क्राइबर्स

भारत समेत दुनियाभर में मनोरंजन के तौर-तरीकों में बदलाव आ रहा है। रेडसीयर कंसल्टिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च से जुलाई 2020 के बीच भारत में OTT सेक्टर में पेड सबस्क्राइबर्स में 30% की बढ़ोतरी हुई है। मार्च में 2.22 करोड़ से बढ़कर पेड सबस्क्राइबर्स की संख्या 2.9 करोड़ तक पहुंच गई है।

सुर्खियों में और क्या है...

  • प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को बिहार में तीन रैलियां कीं। उन्होंने कहा- एक तरफ वो सरकार है जो चाहती है फिर लालटेन जले। दूसरी ओर NDA है, जिसने गांव-गांव में LED से दूधिया रोशनी की।
  • मध्यप्रदेश में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने डबरा से बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी के समर्थन में कमल की जगह कांग्रेस के पंजे का बटन दबाकर वोट देने की अपील कर दी।
  • टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा कि एमएस धोनी केवल विकेटकीपर ही नहीं थे। वे बैट्समैन होने के साथ बेहतर कप्तान भी थे। ऐसे में उनका रिप्लेसमेंट मिलना मुश्किल है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Dhoni will not retire from IPL; Commander Saifullah Pile, Chief of Hizbul in Srinagar; Adani group handed over Lucknow airport from today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kNwzj3
https://ift.tt/3mVhgFJ

जब कोई आपकी तारीफ करे तो यह जरूर देखें कि उसमें सच्चाई कितनी है और कितना झूठ है

कहानी - श्रीराम के पिता राजा दशरथ अपनी सभा में बैठे हुए थे। वे सबसे सुझाव ले रहे थे कि क्या राम को राजा बना दिया जाए? सुझावों के साथ-साथ लोग उनकी तारीफों के पुल भी बांध रहे थे। जब दशरथ की बहुत तारीफ होने लगी तो दशरथ ने भरी सभा में आईना निकाला और अपना चेहरा देखने लगे। सबको आश्चर्य हुआ, दशरथ ऐसा कभी नहीं करते थे, लेकिन उस दिन उन्होंने ऐसा किया।

सभी जानते थे कि दर्पण एकांत में देखा जाता है। सबके सामने आईना देखना अभद्रता है, लेकिन दशरथ देख रहे थे। उन्हें दिखा कि उनके कान के पास के बाल सफेद हो गए हैं और मुकुट थोड़ा तिरछा हो गया। उन्होंने मुकुट को सीधा किया और कान के पास सफेद बालों से ये समझ लिया कि बुढ़ापा अब आ रहा है। अब सत्ता नई पीढ़ी को सौंप दी जाए और उन्होंने श्रीराम के राजतिलक का निर्णय ले लिया।

बाद में किसी ने उनसे अकेले में पूछा कि सबके सामने आप आईना क्यों देख रहे थे? उन्होंने जवाब दिया "लोग मेरी तारीफ कर रहे थे और मैंने दिल के आईने में देखा कि क्या सचमुच मैं इस लायक हूं? मेरा मुकुट थोड़ा तिरछा हो गया है, यानी व्यवस्था अब एक नई व्यवस्था की मांग कर रही है और मैंने राम के लिए निर्णय ले लिया।"

सबक - जब भी कोई आपकी तारीफ करे, अपने दिल के आईने में जरूर देखना चाहिए कि क्या आप इस योग्य हैं? क्योंकि आप क्या हैं, ये आपसे अच्छा कोई नहीं जान सकता है। लोग जो देखते हैं, वह कहते हैं, लेकिन आप जो होते हैं, वह आप ही जानते हैं।

ये भी पढ़ें

आज का जीवन मंत्र:अकेली महिला समाज में असुरक्षित क्यों है? क्यों नारी देह आकर्षण, अधिकार और अपराध का शिकार बनती जा रही है?

कार्तिक मास आज से - जीवन के तीन खास पहलुओं को पूरी तरह से जीने का महीना है कार्तिक, दीपावली के पांच दिन पांच भावनाओं के प्रतीक हैं



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Life management tips about Appreciation by pandit vijay shankar mehta, aaj ka jeevan mantra, motivational story from ramayana


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kPd8X3
https://ift.tt/3kUz9nu

यहां बाहर से आनेवाले ज्यादातर मजदूर, इतने पैसे नहीं कि घाटी की महंगी करोड़ों की जमीन खरीद सकें

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए भूमि कानून से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया है। अब कश्मीर और लद्दाख में कोई भी भारतीय जमीन खरीद सकेगा। दोनों केंद्र शासित राज्यों में यह कानून तत्काल लागू होगा। इसको लेकर जम्मू में बाहरी राज्यों के लोगों के बीच खुशी है। वे यहां जमीन खरीदना चाहते हैं। जम्मू में बुकिंग भी शुरू हो गई है, लेकिन कश्मीर में अभी इस मुद्दे पर लोग कुछ भी कहने से बच रहे हैं। इसके पीछे वजह है यहां के हालात और मौसम, जो अक्सर बदलते रहते हैं।

दूसरे राज्यों के लोगों के लिए यहां के क्लाइमेट कंडीशन में रहना इतना आसान नहीं है। साथ ही बाहर से यहां आकर काम करने वाले ज्यादातर लोग मजदूरी करते हैं या छोटी दुकान चलाते हैं। उनके पास इतने पैसे भी नहीं है कि करोड़ों रुपए की जमीन या फ्लैट खरीद सकें। दूसरी तरफ यहां के स्थानीय लोगों में नए कानून को लेकर नाराजगी है। उन्हें लगता है कि इस कानून के बाद उनके संसाधनों पर दूसरे का हक हो जाएगा।

बशीर अहमद श्रीनगर के लाल चौक पर कपड़े की दुकान चलाते हैं। वो कहते हैं कि नए कानून से भाजपा को सियासी फायदा भले हो, लेकिन यहां के लोगों में इसको लेकर नाराजगी है। इस कानून से यहां की पहचान और कल्चर को खतरा है। ये नाराजगी कभी भी बाहर आ सकती है। नजीर अहमद अवंतीपोरा के रहने वाले हैं। उन्हें काम के लिए कभी अनंतनाग तो कभी श्रीनगर जाना होता है।

दूसरे राज्यों से आकर यहां काम करने वाले खुलकर इस मुद्दे पर नहीं बोल रहे हैं। उन्हें अपने काम से मतलब है, वो किसी बहस में नहीं पड़ना चाहते हैं।

बशीर कहते हैं कि केंद्र सरकार हमें दिन पर दिन कमजोर कर रही है। पहले आर्टिकल 370 को खत्म किया, फिर कहा गया कि जमीन और नौकरियों को लेकर पुराना कानून ही रहेगा, लेकिन अब यहां की जमीन को पूरे मुल्क के लिए खोल दिया गया। इस वजह से यहां के लोगों में नाराजगी है। लोगों को पुलिस की सख्ती का डर है, वरना वो नाराजगी जाहिर करने के लिए बाहर जरूर निकलते।

मोहम्मद इशाक बाजार में किराने की दुकान चलाते हैं। कहते हैं कि अभी इस कानून को जमीन पर जारी होने में भले वक्त लगे, लेकिन सियासत की दुकान चमकने लगी है। इसे चुनावी मुद्दा बनाकर पेश किया जा रहा है। मुख्तार मेडिकल की दुकान चलाते हैं। कहते हैं कि इस कानून का विरोध हो रहा है, लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर नाराजगी जाहिर की। वो कहते हैं कि कश्मीर की सियासत हमेशा से उलझन में रही है, यहां हालात कब बदल जाए कोई नहीं जानता।

जम्मू से रिपोर्ट : नए कानून के बाद जमीन खरीदने डीलरों के पास फोन आना शुरू, बुकिंग भी होने लगी, पर कीमत दोगुनी हुई

दूसरे राज्यों से आकर यहां काम करने वाले खुलकर इस मुद्दे पर नहीं बोल रहे हैं। नजीब बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं। गर्मी के दिनों में यहां काम करते हैं और सर्दियों में वापस बिहार लौट जाते हैं। वो नए कानून को लेकर किसी बहस का हिस्सा नहीं होना चाहते हैं। उनके लिए कल भी कश्मीर वैसा ही था, जैसा अब है। उनके लिए घर बनाना और रहना यहां आसान नहीं है। उनके पास इतने पैसे भी नहीं कि जमीन खरीद सकें।

तस्वीर साउथ अनंतनाग की है। यहां जमीन की कीमत 2500 रु. प्रति स्क्वेयर फीट से ज्यादा है।

यूपी के रहने वाले फारूख अहमद यहां पिछले कई सालों से सैलून चला रहे हैं। साल के 10 महीने यहां रहते हैं और सर्दियों में घर चले जाते हैं। वो कहते हैं कि मैं किसी बहस में नहीं पड़ना चाहता। मेरी दुकान अच्छी चल रही है। अगर मैं खरीदना भी चाहूं तो दुकान यहां नहीं खरीद सकता और न ही यहां ऐसे हालात हैं।

यूपी के रहने वाले मुताकिम अनंतनाग में पकोड़े की दुकान चलाते हैं। उनकी कमाई अच्छी होती है, दुकान पर भीड़ लगी रहती है। वो किराए की दुकान और किराए के घर में रहते हैं। हमने जब नए कानून को लेकर सवाल किया तो किसी ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई।

कश्मीर के अन्य इलाके जैसे गुलमर्ग और पहलगाम में जमीन खरीदी नहीं जाती है। यहां सरकार लीज पर जमीन देती है, जिसकी कीमत करोड़ों में होती है। इसलिए यहां रेसीडेंशियल कॉलोनी नहीं है। यहां बड़े-बड़े होटल और इंडस्ट्री हैं। इससे 3 किमी दूर टंगमर्ग पर जमीन की कीमत एक करोड़ तक चली जाती है।

क्या है नया भूमि कानून जानने के लिए पढ़िए:

अब आप-हम भी खरीद सकते हैं कश्मीर में जमीन; आइए समझते हैं कैसे?



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Most of the laborers working here, they do not have enough money to buy land worth crores of rupees.


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3oHuxDr
https://ift.tt/2HTZ0gU

एयरपोर्ट पर सफाई करने वाले आमिर कुतुब ने कैसे बनाई 10 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी

आमिर कुतुब, अभी महज 31 साल के हैं और ऑस्ट्रेलिया बेस्ड एक मल्टीनेशनल डिजिटल फर्म के मालिक हैं, जिसका टर्नओवर दस करोड़ है। चार देशों में आमिर की कंपनी की मौजूदगी है। आमिर कभी एयरपोर्ट पर सफाई का काम किया करते थे। घरों तक अखबार पहुंचाने का काम भी किया। लेकिन खुद का बिजनेस सेट करने का जुनून इस कदर उन पर छाया था कि कोई चुनौती उन्हें डिगा नहीं सकी। उन्होंने हमारे साथ अपनी सफलता की पूरी कहानी शेयर की है, पढ़िए उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी।

कॉलेज में पढ़ाई में मन ही नहीं लग रहा था

मैं अलीगढ़ की एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता हूं। पिताजी सरकारी नौकरी में थे। मां हाउस वाइफ हैं। पिताजी की शुरू से ही ये ख्वाहिश थी कि बेटा बड़ा होकर डॉक्टर या इंजीनियर बने। इसलिए 12वीं के बाद मेरा एडमिशन बीटेक में करवाया गया। मेरे सब दोस्त मैकेनिकल ब्रांच ले रहे थे। सबने कहा, इसमें स्कोप अच्छा है तो मैंने भी मैकेनिकल ब्रांच ले ली।

मुझे पढ़ाई में ज्यादा इंटरेस्ट ही नहीं आ रहा था। मैं ये नहीं समझ पा रहा था कि जो मैं पढ़ रहा हूं, वो जिंदगी में कैसे काम आएगा। यही सोचकर मन में हताश हो जाता था। मन नहीं लगता था तो नंबर भी कम आते थे। एक बार तो टीचर ने बोल दिया था कि, तुम जिंदगी में कुछ कर नहीं पाओगे, क्योंकि तुम्हारा पढ़ाई में मन ही नहीं लगता।

आमिर कहते हैं, कॉलेज में मेरे सारे दोस्त मैकेनिकल ब्रांच ले रहे थे, इसलिए मैंने भी ले ली। उस समय मुझे ये नहीं पता था कि, मेरी रुचि टेक्नोलॉजी में है।

पढ़ाई में मन नहीं लगा तो एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज में लग गए

जब सेकंड ईयर में आया तो मैंने एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करना शुरू कर दिया। कॉलेज फेस्ट हुआ तो उसमें पार्टिसिपेट किया और मुझे अवॉर्ड भी मिला। पढ़ाई के अलावा जो-जो हो सकता था वो मैं सब कर रहा था। सेकंड ईयर में ही मन में ख्याल आया कि यूनिवर्सिटी में कोई सोशल नेटवर्क नहीं है तो क्यों न कोई सोशल नेटवर्किंग ऐप बनाया जाए।

दोस्तों ने मजाक उड़ाया। बोले कि, भाई तू मैकेनिकल ब्रांच से है और बात कर रहा है ऐप बनाने की। तुझे कोडिंग भी नहीं आती। कैसे बनाएगा ऐप। ये वो टाइम था जब फेसबुक भी नया था। मैंने गूगल से कोडिंग सीखनी शुरू कर दी। चार महीने तक ऐप बनाने जितनी जरूरी कोडिंग मुझे आने लगी थी।

फिर अपने एक दोस्त के साथ मिलकर हमने सोशल नेटवर्किंग ऐप बनाई और उसे लॉन्च कर दिया। हफ्तेभर में ही दस हजार स्टूडेंट्स ने उसे ज्वॉइन कर लिया। उसमें सब एक-दूसरे से बात कर सकते थे। फोटो शेयर कर सकते थे। वो प्रोजेक्ट काफी सक्सेस रहा।

कॉलेज में मैग्जीन नहीं थी तो सोचा कि मैगजीन शुरू करना चाहिए। मैंने स्पॉन्सर ढूंढ़ना शुरू कर दिए। लोगों से मिला तो उन्होंने कहा कि स्पॉन्सरशिप ऐसे नहीं मिलती। आपको प्रपोजल बनाकर लाना पड़ेगा। फिर बात हो पाएगी। फिर गूगल पर ही प्रपोजल बनाना सीखा और दोबारा उन लोगों से मिला।

फाइनली एक स्पॉन्सर मैगजीन के लिए मिल गया। कॉलेज में इलेक्शन हुए तो सेक्रेटरी की पोस्ट के लिए मैं खड़ा हुआ और जीता भी। जब सेक्रेटरी बना तो लीडरशिप स्किल्स सीखने को मिलीं। इस तरह से कॉलेज मेरे लिए ट्रेनिंग स्कूल की तरह हो गया था। मैगजीन के बहाने मार्केट को समझा।

इलेक्शन में पार्टिसिपेट करके लीडरशिप सीखी। इन सब चीजों से मेरा कॉन्फिडेंस बहुत ज्यादा बढ़ा। इसके बाद मैं यह डिसाइड कर चुका था मुझे अपना ही काम करना है और टेक्नोलॉजी से रिलेटेड ही कुछ करना है। लेकिन घरवाले पीछे पड़े थे कि जॉब करो। टीसीएस में मेरा प्लेसमेंट हो गया लेकिन मैंने वो जॉब ज्वॉइन नहीं की।

बाद में दिल्ली आया तो यहां होंडा में सिलेक्शन हो गया। जॉब मिल गई तो घरवाले भी खुश हो गए। होंडा में भी जब गया तो वहां मैंने सिस्टम सुधारने पर काम किया। जो मैन्युअल काम था, उसे बदलकर ऑनलाइन कर दिया। यह काम अपने ऑफिस वर्क के अलावा किया था।

जीएम काफी खुश हुए और होंडा ने मेरे सिस्टम को कई जगह अपनी कंपनियों में लागू कर दिया। यहां नौकरी चल रही थी लेकिन मैं खुश नहीं था क्योंकि मुझे तो अपना काम करना था। एक साल बाद मैंने रिजाइन कर दिया।

ये भी पढ़ें

लॉकडाउन में दोस्त को भूखा देख कश्मीरी ने शुरू की टिफिन सर्विस, 3 लाख रु. महीना टर्नओवर

79 साल की उम्र में शुरू किया चाय मसाले का बिजनेस, रोज मिल रहे 800 ऑर्डर, वॉट्सऐप ग्रुप से की थी शुरुआत

सरकारी टीचर ने यूट्यूब पर वीडियो देख खाली वक्त में खेती शुरू की, हर महीने तीन लाख कमाई

बिजनेस की समझ नहीं थी, फ्रीलांसिंग करने लगा

मैंने सोचा कि अब खुद का काम करूंगा लेकिन मुझे बिजनेस की कोई समझ नहीं थी। मैंने फ्रीलांसिंग शुरू कर ली। वेबसाइट डिजाइन किया करता था। फ्रीलांसिंग के दौरान ही मुझे ऑस्ट्रेलिया, यूएस, यूके के क्लाइंट मिले। उन्हीं में से कुछ ने सलाह दी कि तुम विदेश जाकर अपना बिजनेस सेट क्यों नहीं कर रहे। मैंने ऑस्ट्रेलिया जाने का प्लान बनाया। वीजा का पता किया तो पता चला कि स्टूडेंट वीजा पर ही जा सकता हूं। फिर वहां के एक एमबीए कॉलेज में एडमिशन लिया। फर्स्ट सेमेस्टर के लिए कुछ स्कॉलरिशप मिल गई थी। कुछ पैसा घर से मिल गया था तो मैं ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया।

वहां पहुंचने के बाद ये चैलेंज था कि दूसरे सेमेस्टर की फीस भी जोड़ना थी, पढ़ाई भी करना थी, जॉब भी करना थी और अपने बिजनेस को भी सेट करने के लिए शुरूआत करना थी। मुझे लग रहा था कि जॉब आसानी से मिल जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मैंने करीब सौ से डेढ़ कंपनियों में अप्लाय किया लेकिन कहीं भी मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया क्योंकि वो लोग इंडिया के एक्सपीरियंस को मान नहीं रहे थे। करीब तीन महीने की कोशिशों के बाद एक एयरपोर्ट पर क्लीनिंग का काम मिला। वहां 20 डॉलर प्रतिघंटा मिला करता था। जॉब दिन की थी इसलिए मैं पढ़ाई नहीं कर पा रहा था और बिजनेस के बारे में भी कुछ सोच नहीं पा रहा था इसलिए मैंने रात की नौकरी ढ़ूंढ़ी। मुझे रात 3 बजे से सुबह 7 बजे तक घरों में अखबार डालने का काम मिला।

आमिर अब एक मल्टीनेशनल कंपनी के मालिक तो हैं ही साथ ही उन्होंने कई स्टार्टअप्स में भी इंवेस्ट किया है। चार देशों में उनकी कंपनी के ऑफिस हैं।

रिश्तेदार बोलते थे, पढ़-लिख कर ये क्या कर रहा है

ये सब घर में पता चला तो वो बहुत गुस्सा हुए। सबने इंडिया आने का भी कहा। कुछ रिश्तेदारों ने बोला कि, पढ़-लिख कर ये काम कर रहा है लेकिन मेरा विजन एकदम क्लियर था। मुझे मेरा लक्ष्य पता था। ये सब करते हुए एक साल निकल गया। फिर मुझे जुगाड़ से एक छोटा गेराज मिल गया। वहां से मैं अपनी कंपनी का थोड़ा बहुत काम करने लगा। लोगों को बताने लगा कि मेरी कंपनी है। मैं वेबसाइट डिजाइनिंग का काम करता हूं। मैंने कंपनी रजिस्टर्ड करवा ली थी।

अब मुश्किल ये थी कि कंपनी तो बन गई थी लेकिन क्लाइंट नहीं मिल पा रहे थे। मैं अपना कार्ड लेकर इधर-उधर घूमता था लेकिन कोई काम ही नहीं करवाता था। एक दिन बस में एक बंदा मिला उसका छोटा बिजनेस था। उसे मैंने अपने बारे में बताया तो उसने कहा कि, तुम चाहो तो मेरी कंपनी के लिए सिस्टम बना सकते हो लेकिन मैं इसका कोई चार्ज नहीं दूंगा। मैंने चार हफ्ते में उसकी कंपनी के लिए ऐसा सिस्टम बनाया जिससे उसके महीने के 5 हजार डॉलर बचने लगे। फिर उसने न सिर्फ मुझे पे किया बल्कि दूसरे लोगों से भी कनेक्ट करवाया।

50 लाख का लोन हो गया था

फिर मुझे ऑस्ट्रेलिया में ही एक सेमी गवर्नमेंट ओर्गनाइजेशन ज्वॉइन करने का मौका मिला। वहां डेढ़ साल काम इतना अच्छा रहा कि मैं जीएम की पोस्ट तक पहुंच गया। जब पैसा जुड़ गया तो मैंने वो कंपनी भी छोड़ दी क्योंकि मुझे तो अपना काम सेट करना था। फिर मैंने इंडिया में चार बंद रखे और ऑस्ट्रेलिया से काम लेकर उनसे करवाया करता था। धीरे धीरे काम बढ़ने लगा लेकिन खर्चा भी बढ़ते जा रहा था। मैंने खर्चे से निपटने के लिए लोन लिया लेकिन लोन बढ़ते ही चले गए और 50 लाख रुपए का कर्जा मेरे ऊपर हो गया।

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कंपनी में पैसा आ रहा है फिर भी बचत क्यों नहीं हो पा रही। कई लोगों से मिला। कुछ को मेंटर बनाया। कस्टमर्स से पूछा कि, मैं और क्या कर सकता हूं। एनालिसिस करने पर पता चला कि कुछ सर्विसेज का चार्ज मैं बहुत कम ले रहा हूं। कुछ क्लाइंट ऐसे भी थे जो काम करवा रहे थे लेकिन पेमेंट बहुत देरी से करते थे। मैंने चार्जेस बढ़ाए और ऐसे क्लाइंट का काम बंद कर दिया जो पेमेंट नहीं कर रहे थे। मैं सिर्फ 20 परसेंट क्लाइंट के साथ काम कर रहा था। फिर मुझे जो ग्रोथ मिली उससे मैंने डेढ़ साल में ही लोन खत्म कर दिया। आज मेरी कंपनी का दस करोड़ रुपए का टर्नओवर है। हम चार देशों में हैं। स्टार्टअप्स में भी मैंने इन्वेस्टमेंट कर रखा है। मेरे पास 100 इम्प्लॉइज परमानेंट हैं और करीब 300 कॉन्ट्रेक्टर्स हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
अलीगढ़ जैसी छोटी सी जगह से निकलकर आमिर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। उन्हें ऑस्ट्रेलियन यंग बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिल चुका है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35ToLWG
https://ift.tt/2Gn7fkW

TV चैनल्स का जमाना गया? भारत में चार महीने में 30% तक बढ़ गए OTT सबस्क्राइबर्स

भारत समेत दुनियाभर में मनोरंजन के तौर-तरीकों में बदलाव आ रहा है। फैमिली एंटरटेनमेंट के बजाय अब ओवर-द-काउंटर (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर स्कैम 1992, मिर्जापुर, आश्रम जैसी वेब सीरीज बड़ी संख्या में दर्शकों को खींच रही है। कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने सबको भरपूर वक्त दिया और इस खाली समय ने OTT प्लेटफॉर्म्स को अपनाने करने की स्पीड बढ़ा दी।

रेडसीयर कंसल्टिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च से जुलाई 2020 के बीच भारत में OTT सेक्टर में पेड सबस्क्राइबर्स में 30% की बढ़ोतरी हुई है। मार्च में 2.22 करोड़ से बढ़कर पेड सबस्क्राइबर्स की संख्या 2.9 करोड़ तक पहुंच गई है। हालिया सर्वे कहता है कि लॉकडाउन में टीवी चैनल्स के लिए नए प्रोग्राम नहीं बने, थिएटर भी बंद रहे, नई फिल्मों की रिलीज टलती गई, ऐसे में सिर्फ OTT प्लेटफॉर्म्स ही मनोरंजन का जरिया बने। जो OTT प्लेटफॉर्म्स रीजनल कंटेंट लेकर आए, उन्हें सबसे ज्यादा फायदा मिला। नतीजा यह निकला कि अप्रैल-जुलाई 2020 के बीच 50% से ज्यादा ओवरऑल स्ट्रीमिंग हिंदी भाषा के कंटेंट की रही।

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर 83% ज्यादा समय दे रहे भारतीय

दर्शकों में महानगरों का हिस्सा कम हुआ

अब तक OTT प्लेटफॉर्म्स पर वेब सीरीज देखने वाला एक बड़ा हिस्सा महानगरों का होता था। काउंटर पॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल OTT कंटेंट देखने वालों में पांच महानगरों की हिस्सेदारी 55% थी। बाकी 45% में अन्य महानगर और पूरा देश आता है, लेकिन रेडसीयर कंसल्टिंग के सर्वे से पता चला कि इस साल लॉकडाउन से हालात बदले हैं। बढ़ते रीजनल कंटेंट पर सवार होकर OTT कंटेंट अब छोटे कस्बों-शहरों की ओर चल दिया है।

भारत में डेढ़ साल पहले 40 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स थे, लेकिन अब इनकी संख्या 80 हुई

इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की रिपोर्ट कहती है कि भारत में 90% कंज्यूमर रीजनल भाषाओं में कंटेंट देखना पसंद कर रहे हैं। OTT प्लेटफॉर्म पर बिताए समय का सिर्फ 7% इंग्लिश कंटेंट पर गया है। बदलाव ऐसा है कि OTT प्लेटफॉर्म्स की महानगरों पर निर्भरता कम हुई है और अब सिर्फ 46% रह गई है। टियर-1 में 35% और टियर-2 शहरों में 19% लोग OTT पर कंटेंट देख रहे हैं। रफ्तार देखकर लगता है कि एक-दो साल में महानगरों की हिस्सेदारी और कम हो जाएगी।

क्रिकेट और बॉलीवुड सब पर भारी

जब हम भारत में OTT प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता की बात करते हैं तो कुछ रोचक आंकड़े सामने आते हैं। वेब सीरीज को लेकर अमेजन प्राइम वीडियोज, नेटफ्लिक्स के साथ ही जी5, सोनी लिव चर्चा में रहते हैं। सोनी लिव और वूट पर टीवी से पहले शो OTT प्लेटफॉर्म पर आ रहे हैं। हर एक के पास कम से कम दो-तीन चर्चित वेब सीरीज हैं।

MX प्लेयर, VIU, उल्लू, ALT बालाजी, हंगामा प्ले जैसे कई OTT प्लेटफॉर्म्स अलग-अलग तरह के कंटेंट दे रहे हैं। डिस्कवरी+ जैसे स्पेशल कंटेंट देने वाले प्लेटफॉर्म भी हैं। इसके बाद भी क्रिकेट और बॉलीवुड सब पर भारी है। लॉकडाउन के दौरान फिल्मों की रिलीज बंद हुई तो डिज्नी+ हॉटस्टार ने मल्टीप्लेक्स नाम से बिग बजट फिल्मों को OTT पर उतारा। IPL 2020 ने रही-सही कसर पूरी कर दी। रविवार को कुछ मैच एक करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने देखे। यह बताता है कि TV चैनल्स के मुकाबले OTT प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल बढ़ रहा है।

भारत का मार्केट दुनिया में सबसे तेज

PwC ने अक्टूबर में ही मीडिया एंड एंटरटेनमेंट आउटलुक 2020 रिपोर्ट जारी की। यह कहती है कि पूरी दुनिया में भारत का OTT मार्केट सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2024 तक भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा OTT मार्केट बन चुका होगा। सालाना 28.6% की रफ्तार से बढ़ेगा और चार साल में रेवेन्यू 2.9 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। PwC इंडिया के एंटरटेनमेंट एंड मीडिया में पार्टनर एंड लीडर राजीब बसु ने कहा, कोविड-19 महामारी का असर सभी सेक्टरों पर एक जैसा नहीं पड़ा है। फिल्म थिएटर पर इसकी मार पड़ी है, लेकिन OTT के लिए यह वरदान साबित हुआ है।

ओटीटी ने पिछले साल सिर्फ सब्सक्रिप्शन से कमाए 1200 करोड़

नेटफ्लिक्स, अमेजन, डिज्नी+ हॉटस्टार और अन्य OTT सर्विसेस ने पिछले सालभर में इस पर निवेश बढ़ाया है। इसका नतीजा यह रहा कि OTT रेवेन्यू में सबस्क्रिप्शन वीडियो ऑन डिमांड (SVoD) का हिस्सा बढ़कर 93% हो गया है। दुनिया में यह आंकड़ा 87% है। 2019 से 2024 के बीच SVoD 30.7% की रफ्तार से बढ़ेगी। 2019 में यह 708 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 2.7 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

रिपोर्ट कहती है कि 2020 में पहली बार SVoD ने बॉक्स ऑफिस को कमाई में पीछे छोड़ दिया। अगले दो साल में सीधे-सीधे पूरी दुनिया में ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन OTT के रेवेन्यू से पीछे छूटने वाला है। इतना ही नहीं, पारंपरिक TV को भी OTT को होने वाले फायदे का बड़ा हर्जाना चुकाना होगा। 2024 तक TV की सालाना ग्रोथ निगेटिव होने का अनुमान है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
All You Need To Know About The Rise Of OTT Platforms In India | Netflix Amazon Prime Videos Disney+ Hotstar Sony Liv Zee5 | The Future of OTT In India Is Bright | TV Is On The Verge Of Contraction | OTT Is Here To Stay


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/385c0ee
https://ift.tt/34KVKNo

चंद मिनटों में बनाएं स्वादिष्ट और मजेदार इडली बर्गर



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Make delicious and fun idli burger in few minutes


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3jRcneC
https://ift.tt/3efdXWs

कानून से शराबबंदी होती तब तो चुनावों में इसका असर होता, बिहार में तो दारू की 'होम डिलीवरी' होती है

बिहार के अररिया जिले में जोगबनी नाम की एक जगह है। जब से बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा है, तब से ही जोगबनी में कुछ बेहद दिलचस्प नजारे दिखने लगे हैं। असल में जोगबनी बिलकुल भारत-नेपाल सीमा पर है। दोनों मित्र देश हैं, लिहाजा बॉर्डर खुला ही रहता है और दोनों देश के लोग आराम से दूसरी तरफ आ-जा सकते हैं।

आने-जाने वाले इन लोगों में बड़ी संख्या शराबियों की भी है। बिहार में शराब पीना और शराब पीकर दाखिल होना, दोनों ही अपराध हैं, लेकिन नेपाल में ऐसा नहीं है। जोगबनी में रहने वाले शराब के शौकीनों के लिए नेपाल का इतना नजदीक होना किसी मौके जैसा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार तो ऐसा होता है कि शराबी जोगबनी से सटी नेपाली सीमा में पहुंचकर जब शराब पीते हैं तो सीमा पर तैनात SSB और पुलिस के जवानों को जानबूझकर दिखा-दिखा कर पीते हैं।

बिहार पुलिस के जो जवान प्रदेश में किसी को भी शराब पीने के आरोप में हजारों का जुर्माना और सालों की कैद करवा सकते हैं, वो जोगबनी के इन शराबियों के आगे बेबस नजर आते हैं। वजह ये कि शराबी भले ही उनसे बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर होते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से वे नेपाल की सीमा में पी रहे होते हैं, जहां शराब पीना कोई अपराध नहीं है। लोग बताते हैं कि शराबी अक्सर पुलिस वालों को वहीं से चीखते हुए बता भी देते हैं कि वो नशा उतरने के बाद ही वापस बिहार में दाखिल होंगे।

ये दिलचस्प और हास्यास्पद नजारे इन दिनों बंद हैं, क्योंकि कोरोना के चलते भारत-नेपाल सीमा पूरी तरह से बंद है। अब जोगबनी और इसके आस-पास रहने वाले शराब के शौकीनों के लिए इन दिनों खुलकर शराब पीना मुश्किल हो गया है, लेकिन शराब आज भी इन लोगों को आसानी से मिल जाती है, जितनी बिहार के बाकी लोगों को मिल जाती है।

बिहार में जब शराबबंदी लागू हुई थी, तब महिलाओं ने नाच-गाकर सरकार के इस कदम का स्वागत किया था।

अररिया के ही रहने वाले कृष्णा मिश्रा बताते हैं, ‘नेपाल बॉर्डर खुला था तो इधर के कई लोग पीने के लिए वहां जाते थे। बिहार में शराबबंदी के बाद नेपाली इलाकों में शराब की बिक्री बेहद तेज हुई है और वहां शराब की कई बंद पड़ी फैक्टरी दोबारा शुरू हो गई हैं। इन दिनों बॉर्डर बंद है तो लोग उधर नहीं जा रहे, लेकिन बिहार में शराब का ‘होम डिलीवरी सिस्टम’ आज भी पूरी तरह से काम कर रहा है।’

कृष्णा जिसे ‘होम डिलिवरी सिस्टम’ बता रहे हैं, वही अब पूरे बिहार में शराब की व्यवस्था बन चुकी है। नीतीश सरकार ने साल 2016 में कानून बनाकर शराब के निर्माण, वितरण, परिवहन, संग्रह, भंडार, खरीद, बिक्री या उपभोग को दंडनीय अपराध तो बना दिया, लेकिन ये कानून सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया। हकीकत में शराब बिहार के कोने-कोने में आज भी सहज उपलब्ध है और इसकी तस्करी करने वाले ग्राहकों को उनके घर पर ही शराब पहुंचा दिया करते हैं।

बिहार के वो गांव, जो ‘डायन’ और ‘मां’ दोनों कहलाने वाली कोसी का जहर पीने को मजबूर हैं

स्थानीय लोग बताते हैं कि शराब पर प्रतिबंध लगने के बाद गांव-गांव में देसी शराब बनने की प्रक्रिया भी तेज हुई है और शराब से इतर अन्य नशों के कारोबार में भी तेजी आई है। फरबीसगंज के रहने वाले शौकत अंसारी कहते हैं, ‘केमिस्ट की दुकान पर बिकने वाली नशे की दवाइयां, कफ सिरप और अन्य नशीले पदार्थ बिहार में अब तेजी से बिक रहे हैं। इसके लिए सीधे-सीधे सिर्फ शराबबंदी को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन शराब बंद होने से ऐसे नशों में तेजी जरूर आई है।’

बिहार में शराब बंद होने के चलते प्रदेश सरकार को प्रति वर्ष 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राजस्व हानि हो रही है। इस फैसले को लागू करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई अन्य जरियों से कर ली जाएगी, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि ऐसा हो नहीं सका। शराबबंदी से अपराध में कमी आने के जो कयास लगाए गए थे, उस आधार पर भी शराबबंदी एक कामयाब कदम नजर नहीं आता।

हालांकि, प्रदेश में कई लोग यह जरूर मानते हैं कि शराब पर प्रतिबंध लगने से घरेलू हिंसा के मामले कुछ हद तक कम हुए हैं और कई गरीब परिवारों में कुछ पैसे भी बचने लगे हैं। इस तर्क को नकारने वालों की संख्या भी कम नहीं हैं, जो कहते हैं कि अवैध शराब की सहज उपलब्धता इस फैसले के मकदस पर पानी फेर रही है।

स्थानीय लोग बताते हैं कि शराब पर प्रतिबंध लगने के बाद गांव-गांव में देसी शराब बनने की प्रक्रिया भी तेज हुई है और शराब से इतर अन्य नशों के कारोबार में भी तेजी आई है।

शराबबंदी का फैसला कितना कामयाब रहा, इसकी जांच ऐसे भी की जा सकती है कि इन चुनावों में यह मुद्दा कितना अहम है। सत्ताधारी पक्ष के लोग खुद इस शराबबंदी पर ज्यादा चर्चा करने से बचते नजर आ रहे हैं। नीतीश सरकार के सहयोगी और बिहार के बड़े नेता जीतन राम मांझी खुद भी हाल ही में यह बयान दे चुके हैं कि शराबबंदी कानून ने प्रदेश में सिर्फ गरीबों को ही परेशान किया है। उन्होंने कहा है कि इस कानून के लागू होने के बाद गरीबों, दलितों और आदिवासियों का उत्पीड़न हुआ है, जबकि शराब माफिया आज भी खुले आम घूम रहे हैं। इन लोगों पर पुलिस हाथ डालने से डरती है।

जीतन राम मांझी की बातों का समर्थन आंकड़े भी करते हैं। इस कानून के लागू होने के साल भर के भीतर ही प्रदेश में करीब चार लाख छापे पड़े थे, जिनमें करीब 70 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों में कोई भी बड़े तस्कर शामिल नहीं थे और ये आम जनता के बीच के ही लोग थे, जो तस्करों द्वारा लाई जा रही शराब का सेवन करते हुए पकड़े गए थे।

शराबबंदी का फैसला बिहार में इस हद तक असफल रहा है कि आम लोगों से जब यह पूछो कि शराबबंदी का चुनावों पर क्या असर होगा, तो जवाब मिलता है, ‘शराबबंदी हुई होती तब तो इस मुद्दे का चुनाव पर असर होता। शराब बंद ही कहां हुई है। हर गली हर मोहल्ले में शराब मिल रही है। पहले तो ठेके तक जाकर लेनी होती थी, अब तो घर में ही डिलीवर हो जाती है। हां, ये थोड़ी महंगी जरूर हो गई है।’

इस सब के बावजूद भी बिहार के तमाम नेता ये जरूर मानते हैं कि शराबबंदी का फैसला नीतिगत स्तर पर गलत नहीं था। इसका इस लागू ठीक तरह से नहीं किया जा सका, जिसके चलते बिहार में तस्करी बढ़ी है और शराब आसानी से उपलब्ध है।

नीतीश के धुर विरोधी और महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव भी शराबबंदी के फैसले को नीतिगत तौर पर गलत नहीं बता रहे हैं। वे नीतीश सरकार पर शराब माफियाओं को बढ़ावा देने का आरोप भले ही लगा रहे हैं, लेकिन शराबबंदी के फैसले को वे सही ही बता रहे हैं, क्योंकि इस फैसले के लागू होते हुए वे खुद सरकार का हिस्सा थे और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री थे। यही कारण है कि नई सरकार बनने के बाद क्या इस कानून को वापस लिया जाएगा, इस सवाल पर तेजस्वी भी कोई जवाब देने से बच रहे हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
If the law had stopped alcohol, then it would have had an impact in elections, now home is delivered.


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2TKg0bW
https://ift.tt/380UgAJ

विदेशी की जगह स्वदेशी सामानों को खरीदें; 6 तरीकों से दिवाली को बनाएं शानदार

दिवाली देश का सबसे बड़ा त्योहार है। इसके लिए हम उत्साह के साथ ढेरों तैयारियां करते हैं, लेकिन यह उत्साह बना रहे और सभी सुरक्षित रहें, यही सबसे जरूरी है। दिवाली पर हम कुछ बातों का खास ध्यान रखते हैं, लेकिन इस दिवाली कोरोना की वजह से हमें और भी सावधानियां बरतनी हैं।

बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा कोरोना की सभी गाइडलाइंस को सही ढंग से फॉलो करना है। बाहर की खाने-पीने की चीजों पर इस बार निर्भरता कम करनी है और लोकल को वोकल करना है, यानी विदेशी समानों की जगह पर स्वदेशी समानों को खरीदना है।

इस दिवाली इन 6 बातों का रखें ध्यान

1. चीजों का सही रेट पता करें

इस समय खरीदारी भी आप जमकर करते हैं। खरीदने से पहले चीजों का रेट पता कर लें। कई बार हमें बाजार में चीजों की वैराइटी और सही रेट का पता नहीं होता, जिससे हम ज्यादा पैसे खर्च करके भी उतनी अच्छी चीजें नहीं खरीद पाते। ऐसे समय में छोटे बाजारों का रुख करना बेहतर होता है। यहां पर आपको वैराइटी भी ज्यादा मिलती है और आप मोल-भाव भी कर सकते हैं। त्योहार में होने वाले खर्च को ऐसे ही कम किया जा सकता है।

2. मिलावटखोरी से सावधान

त्योहारों का समय हो तो पकवान बनने और बाजार से इन्हें लाने का सिलसिला भी खूब चलता है। आपको फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा। अगर बाजार से मिठाइयां ला रहे हैं तो मावे या दूध की मिठाइयों से परहेज ही करें, क्योंकि फेस्टिव सीजन में इन चीजों में मिलावट अपने चरम पर होती है। घर पर मावे की मिठाई बनाते समय भी ध्यान रखें, अगर मावा मिलावटी हुआ तो आपको बीमार कर सकता है।

3. लोकल को वोकल करें

दिवाली में इलेक्ट्रॉनिक समानों की खरीददारी भी बहुत होती है। डेकोरेशन के लिए भी हम लाइट्स समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं। मार्केट में चीनी सामानों का कब्जा है। सीमा पर चीन हमारे खिलाफ लगातार साजिश कर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री की अपील है कि हम लोकल को वोकल करें यानी विदेशी की जगह पर स्वदेशी सामानों को खरीदें।

4. स्वस्थ रहें

त्योहारों में हम खूब खाते-पीते हैं, लेकिन यह दिवाली पहले जैसी नहीं है। कोरोना के चलते हमें इस दिवाली अपने स्वास्थ पर विशेष ध्यान देना होगा। कोरोना के दौर में दिवाली में उत्साह कम न होने पाए, इसके लिए खुद का और परिवार का स्वस्थ रहना जरूरी है।

5. प्रदूषण को कम करें

दिवाली के पहले से ही हर तरफ पटाखों की गूंज सुनाई देती है और हर तरफ शोर होता है। दिवाली के पहले से शुरू होकर सप्ताह भर बाद तक पटाखों का दौर चलता है, लेकिन कोरोना के इस दौर में पटाखों का धुआं संक्रमित और ठीक हो चुके लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

6. सुरक्षित रहें

दिवाली पर जलाए जाने वाले पटाखे, फूलझड़ियां आपके त्योहार को जितना संवारती हैं, जरा सी अनदेखी से बिगाड़ भी सकती हैं। इसलिए इनका इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानी रखें। यहां तक दीपक जलाने में भी सावधानी रखें। बच्चों को इनसे दूर रखें। ऐसे किसी सामान के आसपास दीपक न रखें, जो आग पकड़ सकते हों।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Buy indigenous goods instead of foreigners, follow Corona's guidelines, make Diwali fantastic in these 6 ways


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34LByuL
https://ift.tt/2HLgITT

प्ले-ऑफ की दूसरी टीम का होगा फैसला, जीतने वाली टीम पहले क्वालिफायर में मुंबई से भिड़ेगी

IPL के 13वें सीजन का 55वां मैच दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच अबु धाबी में शाम 7:30 बजे से खेला जाएगा। जीतने वाली टीम पॉइंट्स टेबल में दूसरे नंबर पर पहुंचेगी और मुंबई इंडियंस के खिलाफ 5 नवंबर को क्वालिफायर-1 खेलेगी। इस मुकाबले में हारने वाली टीम को प्ले-ऑफ के लिए सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के बीच 3 नवंबर को होने वाले मुकाबले के नतीजे का इंतजार करना होगा।

पॉइंट्स टेबल के टॉप-4 में दोनों टीमें
पॉइंट्स टेबल की बात करें, तो बेंगलुरु 13 मैच में 7 मैच जीतकर 14 पॉइंट्स के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं, दिल्ली ने भी 13 में से 7 मैच जीते है और 14 पॉइंट्स के साथ तीसरे स्थान पर है। बेंगलुरु का नेट रनरेट दिल्ली से बेहतर है। दिल्ली ने लगातार 4 और बेंगलुरु ने 3 मैच हारे हैं।

पिछली बार दिल्ली ने बेंगलुरु को हराया था
सीजन में पिछली बार जब दोनों टीमों का आमना-सामना हुआ था, तो दिल्ली ने बेंगलुरु को 59 रन से हराया था। दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 196 रन बनाए थे। जवाब में बेंगलुरु 9 विकेट पर 137 रन ही बना पाई थी।

कोहली-पडिक्कल बेंगलुरु के टॉप स्कोरर
अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में बेंगलुरु के कप्तान विराट कोहली पहले और देवदत्त पडिक्कल दूसरे स्थान पर हैं। कोहली ने सीजन में अब तक 431 और पडिक्कन ने 422 रन बनाए हैं।

शिखर-श्रेयस दिल्ली के टॉप स्कोरर
दिल्ली के शिखर धवन ने सीजन में अब तक 471 रन बनाए हैं। वे अपनी टीम के लिए सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। इसके बाद कप्तान श्रेयस अय्यर का नंबर आता है, जिन्होंने सीजन में अब तक 414 रन बनाए हैं।

रबाडा दिल्ली के टॉप विकेट टेकर
दिल्ली के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने दिल्ली के लिए सीजन में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए हैं। इसके बाद एनरिच नोर्तजे 16 विकेट लेकर दूसरे नंबर पर हैं। टूर्नामेंट सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में मुंबई इंडियंस के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (23) पहले नंबर पर हैं।

चहल के नाम सीजन में 20 विकेट
बेंगलुरु के स्पिनर युजवेंद्र चहल अपनी टीम के सबसे सफल गेंदबाज हैं। उन्होंने सीजन में अब तक 20 बल्लेबाजों को आउट किया है। टूर्नामेंट के टॉप-5 विकेट टेकर बॉलर्स में चहल एकमात्र स्पिनर हैं।

सीजन में दोनों टीमों ने सुपर ओवर खेला और जीता
सीजन में बेंगलुरु और दिल्ली दोनों ने 1-1 सुपर ओवर खेला और जीता है। दिल्ली ने किंग्स इलेवन पंजाब और बेंगलुरु ने मुंबई इंडियंस को हराया था। दोनों ही सुपर ओवर दुबई में ही खेले गए थे।

दोनों टीमों के सबसे महंगे प्लेयर्स
आरसीबी में कप्तान विराट कोहली सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। टीम उन्हें एक सीजन के 17 करोड़ रुपए देगी। उनके बाद टीम में एबी डिविलियर्स का नाम है, जिन्हें इस सीजन में 11 करोड़ रुपए मिलेंगे। वहीं, दिल्ली में ऋषभ पंत 15 करोड़ और शिमरॉन हेटमायर 7.75 करोड़ रुपए कीमत के साथ सबसे महंगे प्लेयर हैं।

पिच और मौसम रिपोर्ट
अबु धाबी में मैच के दौरान आसमान साफ रहेगा। तापमान 23 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां स्लो विकेट होने के कारण स्पिनर्स को भी काफी मदद मिलेगी। टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी करना पसंद करेगी। इस आईपीएल से पहले यहां हुए पिछले 44 टी-20 में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम की जीत का सक्सेस रेट 56.81% रहा है।

  • इस मैदान पर हुए कुल टी-20: 44
  • पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 19
  • पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती: 25
  • पहली पारी में टीम का औसत स्कोर: 137
  • दूसरी पारी में टीम का औसत स्कोर: 128

दिल्ली अब तक फाइनल नहीं खेली, बेंगलुरु को भी खिताब का इंतजार
दिल्ली अकेली ऐसी टीम है, जो अब तक फाइनल नहीं खेल सकी। हालांकि, दिल्ली टूर्नामेंट के शुरुआती दो सीजन (2008, 2009) में सेमीफाइनल तक पहुंची थी। वहीं, आरसीबी ने 2009 में अनिल कुंबले और 2011 में डेनियल विटोरी की कप्तानी में फाइनल खेला था। 2016 में विराट की कप्तानी में भी टीम फाइनल में पहुंची। लेकिन हर बार टीम को हार ही मिली।

आईपीएल में आरसीबी का सक्सेस रेट दिल्ली से बेहतर
लीग में आरसीबी का सक्सेस रेट (47.63%) दिल्ली (44.41%) से बेहतर है। बेंगलुरु ने अब तक कुल 194 मैच खेले हैं। 91 में उसे जीत मिली, जबकि 99 में उसे हार का सामना करना पड़ा। 4 मैच बेनतीजा रहे। वहीं, दिल्ली ने अब तक कुल 190 मैच खेले हैं। 84 में उसे जीत मिली और 104 में उसे हार का सामना करना पड़ा। 2 मैच बेनतीजा रहे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
DC vs RCB Head To Head Record - Predicted Playing DREAM11 - IPL Match Preview Update | Delhi Capitals vs Royal Challengers Bangalore IPL Latest News


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3259Pn7
https://ift.tt/3259ZuJ

कहानी उसकी, जिसे नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद मिली; राजद से पत्नी को टिकट दिलवाया

बात 1977 की है। बिहार के नवादा जिले के पथरिया गांव में जेएल प्रसाद रहते थे। कांग्रेस के नेता थे और जिला परिषद के अध्यक्ष भी। विधायक बनने का सपना था तो विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। उनके तीन बेटे थे। सबसे बड़े थे कृष्णा प्रसाद। 1990 में नवादा से भाजपा के टिकट पर लड़े और विधायक बने। कुछ वक्त भाजपा में रहे फिर जनता दल में शामिल हो गए। कृष्णा प्रसाद के विधायक बनने के बाद, जेएल प्रसाद के दूसरे बेटे मुखिया बने। तीसरे बेटे थे राजबल्लभ। ये कहानी भी उनकी ही है।

बड़े भाई विधायक थे, तो राजबल्लभ के भी हौसले बुलंद हो गए। उन्होंने घर के पास पत्थर के पहाड़ से अवैध खनन शुरू कर दिया। इस काम से राजबल्लभ ने करोड़ों कमाए। कृष्णा प्रसाद एक टर्म पूरा कर पाते कि सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी को एमएलसी बनाया, लेकिन लालू यादव ने राजबल्लभ को विधानसभा का टिकट नहीं दिया। भाई की राजनीतिक विरासत बचाने के लिए वह निर्दलीय ही चुनाव लड़े और जीते। 2000 में लालू प्रसाद ने उन्हें नवादा से टिकट दिया और मंत्री भी बनाया।

1990 में लालू को मुख्यमंत्री बनाने में राजबल्लभ के बड़े भाई का अहम रोल था

अब बात 1990 की। इस साल हुए विधानसभा चुनाव में जनता दल ने 324 सीटों में से 122 सीटें जीती थीं। उस समय देश के प्रधानमंत्री वीपी सिंह थे। वीपी सिंह रामसुंदर दास को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। नाम तय नहीं हो पा रहा था। उपप्रधानमंत्री देवीलाल ने लालू यादव का नाम आगे बढ़ाया। इस नाम पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री तो मिल गया था, लेकिन एक मुश्किल थी। जनता दल को बहुमत के लिए 10 सीटों की जरूरत थी। उस समय भाजपा के पास 39 सीटें थीं। राजबल्लभ के बड़े भाई कृष्णा प्रसाद यादव ने पार्टी से बगावत कर दी और 10 विधायकों को लेकर जनता दल में शामिल हो गए। कृष्णा यादव की वजह से लालू की सरकार बन गई।

2005 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। लालू ने कुर्सी गंवाई और राजबल्लभ ने विधायकी। नीतीश कुमार ने नवादा के पहाड़ को एक निजी कंपनी को लीज पर दे दिया, लेकिन राजबल्लभ की दबंगई जारी रही। पत्थर लेकर निकल रही गाड़ियों से रुपए वसूलते इसका नतीजा यह हुआ कि कंपनी ने लीज छोड़ दी। 2010 में राजबल्लभ फिर चुनाव लड़े और हारे। 2015 में वापसी हुई विधायक बने।

अब बात उस रेप केस की, जिसने राजबल्लभ को उम्रभर के लिए सलाखों के पीछे पहुंचाया

बात 6 फरवरी 2016 की है। नालंदा जिले के सुल्तानपुर की रहने वाली 15 साल की लड़की बिहारशरीफ नगर इलाके में किराये के घर में रहकर पढ़ाई करती थी। उस दिन सुलेखा और उसकी मां उसके कमरे पर गईं थी। दोनों ने लड़की से बर्थडे पार्टी में चलने को कहा। लड़की ने भी हामी भर दी। लड़की को लेकर सुलेखा और उसकी मां नवादा के विधायक राजबल्लभ के मकान पहुंची। वहां राजवल्लभ ने लड़की के साथ रेप किया। 7 फरवरी को सुलेखा ने लड़की को उसके घर बिहारशरीफ छोड़ा। उसे 30 हजार रुपए दिए और मुंह बंद करने की धमकी दी, लेकिन लड़की चुप नहीं रही। 9 फरवरी को उसने बिहारशरीफ के एक थाने में FIR दर्ज करा दी।

10 फरवरी को पुलिस लड़की को लेकर नवादा स्थित राजबल्लभ के घर पहुंची। इसके बाद बच्ची को राजबल्लभ की फोटो दिखाई। लड़की ने फोटो देखकर राजबल्लभ को पहचान लिया। शिनाख्त के बाद डीआईजी ने राजबल्लभ को गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। अगले दिन फॉरेंसिक टीम नवादा वाले घर पहुंची और जांच की। 15 फरवरी को राजद ने राजबल्लभ को पार्टी से हटा दिया। इसी दिन पुलिस ने सुलेखा के पति अरुण को गिरफ्तार किया।

15 फरवरी को कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए, विधायक राजबल्लभ प्रसाद के खिलाफ सर्च वारंट जारी किया। 19 फरवरी को सुलेखा के पति संदीप को गिरफ्तार किया। 25 फरवरी को सुलेखा समेत 4 लोग पकड़ लिए गए। 28 फरवरी को राजबल्लभ के पटना और नवादा के घर को सील कर लिया। राजबल्लभ अब भी फरार थे। 23 दिन तक फरार रहने के बाद 10 मार्च को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

यह तस्वीर दिसंबर 2018 की है। राजबल्लभ को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

दो साल मामला चला, उम्रकैद की सजा मिली

15 सितंबर 2016 को कोर्ट में गवाही शुरू हुई। पटना हाईकोर्ट ने 20 सितंबर को राजबल्लभ को जमानत दे दी। जमानत के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां से राजबल्लभ की जमानत खारिज हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और MP-MLA कोर्ट बनने के बाद सभी रिकॉर्ड पटना की विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिए।

दो साल बाद दिसंबर 2018 को कोर्ट ने राजबल्लभ समेत छोटी देवी, सुलेखा देवी, संदीप सुमन, राधा देवी और तूसी देवी को दोषी करार दिया। राजबल्लभ को उम्रकैद की सजा मिली। राजबल्लभ बिहार के ऐसे पहले विधायक हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई । 2020 में चुनाव के लिए राजद ने इनकी पत्नी विभा देवी को नवादा से टिकट दिया है।

2017 में DSP को जान से मारने की धमकी दी

जुलाई 2017 में राजबल्लभ जेल में बंद थे। उस वक्त DSP मृदुला सिन्हा उनकी निगरानी में तैनात थीं। इस दौरान राजबल्लभ ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद मृदुला सिन्हा ने एसएसपी से शिकायत की और सुरक्षा की मांग की थी। मृदुला सिन्हा का कहना था कि नवादा में विधायक राजबल्लभ की पेशी के दौरान मेरी हत्या हो सकती है



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Bihar Election 2020: Bahubali Nawada Ex-MLA Raj Vallabh Criminal Cases/Political Career Update | Lalu Prasad Yadav, Vibha devi,Tejaswi


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3oNbOGr
https://ift.tt/3236Z22

भारत के बाहर छोटा भारत बनने की शुरुआत; मॉरीशस पहुंचा था एटलस

भारत के बाहर भी छोटा भारत बसता है। यह कोई फिक्शनल दावा नहीं, बल्कि हकीकत है। आज से करीब 186 साल पहले एटलस नाम का जहाज 2 नवंबर 1834 को भारतीय मजदूरों को लेकर मॉरीशस पहुंचा था। इसकी याद में वहां 2 नवंबर अप्रवासी दिवस मनाया जाता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि मॉरीशस को छोटा भारत क्यों कहते हैं, तो जवाब मुश्किल नहीं है। दरअसल, मॉरीशस आज जो है, उसका बड़ा श्रेय वहां गए भारतीय मजदूरों को जाता है। उन्होंने अपनी मेहनत से इस देश को नई पहचान दी है। एटलस से जो मजदूर मॉरीशस पहुंचे थे, उनमें 80 प्रतिशत तक बिहार से थे। उन्हें गिरमिटिया मजदूर कहा जाता था यानी समझौते के आधार पर लाए गए मजदूर। इन्हें लाने का उद्देश्य था मॉरीशस को एक कृषि प्रधान देश के रूप में विकसित करना। अंग्रेज 1834 से 1924 के बीच भारत के कई मजदूरों को मॉरीशस ले गए। मॉरीशस जाने वालों में सिर्फ मजदूर नहीं थे। ब्रिटिश कब्जे के बाद मॉरीशस में भारतीय हिंदू और मुस्लिम दोनों व्यापारियों का छोटा लेकिन समृद्ध समुदाय भी था। यहां आने वाले अधिकांश व्यापारी गुजराती थे। 19वीं शताब्दी में कई ऐसे घटनाक्रम हुए, जिससे मजदूरों के वंशज जमीन खरीद सके। उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।

मॉरीशस की कुल आबादी में करीब 52% हिंदू हैं। आपको लगेगा ही नहीं कि आप विदेश में हैं। वहां आपको उत्तर भारत के किसी शहर में होने का अहसास होगा। आज भी वहां हिन्दी और भोजपुरी सुनकर आपको विदेशी जमीन पर भारतीय मिट्टी की महक महसूस हो सकती है। यह देश अफ्रीका में सबसे अधिक प्रतिव्यक्ति आय वाले देशों में से एक है। मॉरीशस पर 1715 में फ्रांस ने कब्जा किया था। तब इसकी अर्थव्यवस्था विकसित हुई, जो चीनी के उत्पादन पर आधारित थी। 1803 से 1815 के दौरान हुए युद्धों में ब्रिटिश इस द्वीप पर कब्जा पाने में कामयाब हुए। भारतीय मूल के सर शिवसागर रामगुलाम की अगुआई में ही मॉरीशस को 1968 में आजादी मिली थी। राष्ट्रमंडल के तहत 1992 में यह गणतंत्र बना। मॉरीशस एक स्थिर लोकतंत्र है, जहां नियमित रूप से स्वतंत्र चुनाव होते हैं।

BBC ने लॉन्च किया पहला TV चैनल

बीबीसी का लंदन स्थित मुख्यालय।

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन यानी BBC को कौन नहीं जानता? 2 नवंबर 1936 में BBC ने औपचारिक रूप से पहला TV चैनल लॉन्च किया था और वह दुनिया की पहली रेगुलर TV सर्विस थी। BBC की सर्विसेस इतनी लोकप्रिय हुई कि कई देशों ने इसे फॉलो किया। वैसे BBC की शुरुआत 1925 में एक प्राइवेट कंपनी के तौर पर हुई थी, लेकिन दो साल में ही यह एक पब्लिक कंपनी बन चुकी थी। भले ही BBC आज भी ब्रिटिश संसद के प्रति जवाबदेह हो, पर इसे पूरी आजादी मिली हुई है। ब्रिटिश शाही परिवार BBC ट्रस्ट के 12 सदस्यों को नियुक्त करता है और यह ट्रस्ट ही BBC के रोजमर्रा के कामकाज की निगरानी करता है।

मणिपुर में आयरन लेडी का अनशन शुरू

इरोम शर्मिला अनशन खत्म करने से पहले।

2 नवंबर 2000 को इरोम चानु शर्मिला ने पैरामिलिट्री सैनिकों के हाथों मणिपुर के 10 लोगों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर एक्ट (AFSPA) को रद्द करने की मांग के साथ शर्मिला ने 26 जुलाई 2016 को अपना अनशन खत्म किया। तब तक उनके नाम दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके थे। पहला, सबसे लंबी भूख हड़ताल का और दूसरा, सबसे ज्यादा बार जेल से रिहा होने का। शर्मिला ने 2017 में मणिपुर में विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले।

भारत और विश्व इतिहास में 2 नवंबर की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:

  • 1534: सिखों के चौथे गुरु रामदास का जन्म।
  • 1774: ब्रिटिश इंडिया के कमांडर-इन-चीफ रॉबर्ट क्लाइव ने इंग्लैंड में आत्महत्या की।
  • 1835ः अमेरिका के मूल निवासियों के विभिन्न गुटों में फ्लोरिडा के ओसिओला में दूसरा सेमीनोले युद्ध शुरू हुआ। इसे फ्लोरिडा युद्ध भी कहते हैं।
  • 1914ः रूस ने तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
  • 1950ः जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का 97 वर्ष की आयु में निधन।
  • 1965: फिल्म अभिनेता शाहरुख खान का जन्मदिन।
  • 1984ः अमेरिका में 1962 के बाद पहली बार एक महिला वेल्मा बारफिल्ड को फांसी की सजा दी गई।
  • 1999ः पाकिस्तान के इस्लामाबाद में संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिकी केन्द्रों पर अज्ञात लोगों ने रॉकेट से हमला किया।
  • 2007ः इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर खराब सोलर पंखों को ठीक करने के बाद डिस्कवरी के यात्री धरती पर सुरक्षित लौटे।
  • 2008ः केन्द्र सरकार ने रिटायरमेंट के बाद पेंशन फंड से धन निकालने की सुविधा समाप्त की।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Today History for November 2nd/ What Happened Today | Irom Sharmila Begins Fast Unto Death Against AFSPA | BBC Started Its First TV Channel | Atlas With Indian Labourers Reached Mauritius | Why Mauritius is Mini India?


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/322i9Eh
https://ift.tt/324oOxB

तेजस्वी यादव की रैली में पहुंचे लोग बोले- मोदी को ही देंगे वोट, जानें वायरल वीडियो का सच

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज चैनल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें तेजस्वी यादव की रैली में आए लोग रिपोर्टर को बताते दिख रहे हैं कि वे मोदी को ही वोट देंगे।

वीडियो बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार का बताया जा रहा है। भाजपा की नेशनल सोशल मीडिया इंचार्ज प्रीति गांधी ने भी वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया।

प्रीति गांधी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा- खासतौर पर उन लोगों के लिए, जो बिहार में तेजस्वी यादव की रैलियों में आई भीड़ देख खुश हो रहे थे। असल में वह भीड़ केवल मनोरंजन के लिए वहां मौजूद है। लोग इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि उनका वोट केवल पीएम मोदी के लिए आरक्षित है

और सच क्या है ?

  • वायरल वीडियो एबीपी न्यूज का है। हालांकि, एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर हाल में अपलोड किया गया ऐसा कोई वीडियो हमें नहीं मिला। जिसमें तेजस्वी की रैली में आए लोगों ने मोदी को वोट देने की बात कही हो।
  • वीडियो रिपोर्ट में चल रही टिकर पर लिखा है - 23 मई को सबसे तेज नतीजे एबीपी न्यूज पर । जबकि बिहार में आखिरी चरण का मतदान 7 नवंबर को है और नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। साफ है कि वीडियो बिहार विधानसभा चुनाव का नहीं है।
  • गूगल पर (23 May Election result) की-वर्ड सर्च करने पर सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि 23 मई को '2019 लोकसभा चुनाव' के नतीजे आए थे।
  • एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर 2019 लोकसभा चुनाव की रिपोर्ट सर्च करने पर वह पूरी वीडियो रिपोर्ट भी हमें मिल गई। जिसके बीच का हिस्सा बिहार चुनाव का बताकर वायरल किया जा रहा है।

  • वीडियो में 4ः48 मिनट बाद वह हिस्सा आता है, जहां तेजस्वी की रैली में आए लोग मोदी को वोट देने की बात कह रहे हैं। वीडियो 9 मई, 2019 को अपलोड किया गया है। साफ है इसका बिहार विधानसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Fact Check: People came to the rally of Tejashwi Yadav said - will vote for Modi , know the reality of viral video


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kPdehn
https://ift.tt/3ej97Yd

Popular Post