रविवार, 27 दिसंबर 2020

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किसानों को कृषि कानूनों की वापसी की आस, सरकार टस से मस होने को तैयार नहीं



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Farmers are hopeful of return of agricultural laws, government is not ready to bother


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किसान बोले- बात करेंगे, पर शर्तें नहीं छोड़ेंगे; NDA को 3 महीने में दूसरा झटका और केरल में कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा

नमस्कार!
मध्यप्रदेश सरकार ने लव जिहाद बिल को मंजूरी दी। बॉक्सिंग-डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले ही दिन ऑलआउट हो गई। अरुणाचल में चीन से मुकाबले के लिए बर्फ में डटे हैं ITBP के जवान। बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल में आखिरी बार मन की बात करेंगे। उन्होंने लोगों से अगले साल की योजनाओं के बारे में पूछा है।
  • कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने रविवार को मन की बात के दौरान लोगों से ताली-थाली बजाने की अपील की है।
  • गुजरात के साबरमती से केवड़िया के बीच बंद पड़ी सी प्लेन सर्विस आज से फिर शुरू होगी। प्लेन के मेंटेनेंस के चलते यह सर्विस बंद थी।

देश-विदेश
किसान बात करेंगे, शर्तें नहीं छोड़ेंगे

सरकार की तरफ से बातचीत के न्योते पर किसानों ने शनिवार को फैसला ले लिया। उन्होंने बातचीत के लिए सरकार को 29 दिसंबर की तारीख दी है। लेकिन, किसानों ने साफ कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाएं और मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में होनी चाहिए। किसान नेता राकेश टिकैत ने यह जानकारी दी। इधर, पंजाब में पूर्व सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने किसानों के समर्थन में भाजपा से इस्तीफा दे दिया।

कृषि बिलों पर NDA से छूटते सहयोगी
कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल के बाद शनिवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) भी NDA से अलग हो गई। अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर RLP के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसका ऐलान किया। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद 26 सिंतबर को NDA का दो दशक से ज्यादा पुराना सहयोगी अकाली दल अलग हो गया था। यानी तीन महीनों में NDA को यह दूसरा बड़ा झटका लगा है।

PM मोदी का राहुल गांधी पर तंज
PM नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री जय सेहत योजना की शुरुआत की। इस योजना में जम्मू-कश्मीर के सभी परिवारों को पांच लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिलेगा। कार्यक्रम में मोदी ने पंचायत चुनाव की चर्चा करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "दिल्ली में कुछ लोग मुझे सुबह-शाम लोकतंत्र का पाठ पढ़ाते हैं। ये वही लोग हैं, जिनकी सरकार ने पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दिए।"

केरल में कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा
UK के बाद अब केरल में कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन की मौजूदगी का खतरा सामने आया है। यहां कोझिकोड़ में हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से कराए गए सर्वे में कोरोनावायरस के स्ट्रेन में बदलाव देखा गया है। अब यह सर्वे पूरे केरल में कराने की तैयारी है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा- वायरस के स्ट्रेन में मामूली बदलाव देखा गया है। हालांकि, यह बदलाव UK में मिले नए स्ट्रेन जैसा नहीं है। स्ट्रेन में आए बदलाव पर एक्सपर्ट रिसर्च कर रहे हैं।

MP में लव जिहाद के खिलाफ बिल पास
मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 के ड्राफ्ट को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। अब इसे 28 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। शनिवार कैबिनेट की बैठक में ड्राफ्ट को हरी झंडी मिली। इसमें कानून को और सख्त बनाने का फैसला लिया गया। कहा जा रहा है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तेजी से यह कानून बनाया है, उसी की राह पर शिवराज सरकार भी आगे बढ़ रही है।

चीनी घुसपैठ रोकने LAC पर ITBP मुस्तैद
पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवान हाई अलर्ट पर हैं। बर्फीले मौसम में जवान स्नो-सूट पहनकर सीमा पर जीरो लाइन तक पेट्रोलिंग कर रहे हैं। ITBP की 55वीं बटालियन के कमांडर आईबी झा ने बताया कि चीन अब हमें चकमा नहीं दे सकता। हमारे जवान पूरी तरह चौकन्ने और मुस्तैद हैं।

देश में आतंकी घुसपैठ का नया रूट
पाकिस्तान अब आतंकियों को भारत में दाखिल कराने के लिए जम्मू-कश्मीर और पंजाब के अलावा राजस्थान और गुजरात से घुसपैठ करने की फिराक में है। BSF अधिकारियों ने बताया कि इस साल नवंबर के पहले हफ्ते तक जम्मू, कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगे बॉर्डर से घुसपैठ की 11 घटनाएं रिकॉर्ड हुईं। इस साल जम्मू और पंजाब बॉर्डर से सबसे ज्यादा 4-4 घुसपैठ की घटनाएं सामने आईं।

बॉक्सिंग-डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ऑलआउट
मेलबर्न में खेले जा रहे बॉक्सिंग-डे टेस्ट में पहले दिन भारतीय टीम ने 1 विकेट गंवाकर 36 रन बना लिए। ऑस्ट्रेलिया टीम पहली पारी में 195 रन पर सिमट गई। इस लिहाज से टीम ने 159 रन की बढ़त ले ली है। क्रिकेट इतिहास में 5वीं बार ऑस्ट्रेलिया टीम बॉक्सिंग-डे टेस्ट के पहले दिन ऑलआउट हुई है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट के पहले दिन 98 रन ही बना सकी थी।

एक्सप्लेनर
जम्मू-कश्मीर में AB-PMJAY

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य (AB-PMJAY) सेहत योजना को वर्चुअली लॉन्च किया। इसके तहत पांच लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिलता है। यह योजना कई राज्यों में पहले से चल रही है। लेकिन, जम्मू-कश्मीर ऐसा पहला राज्य है जहां हर परिवार को स्कीम का लाभ मिलेगा। इस योजना में क्या-क्या कवर होता है और लोग इसका फायदा कैसे ले सकते हैं? जानिए यहां...

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पॉजिटिव खबर
दो किलो का अमरूद उगाकर लाखों की कमाई

आपने कभी डेढ़ से दो किलो का अमरूद देखा है ? आज हम आपको ऐसे किसान से मिलवाने जा रहे हैं, जो नई तकनीक से अमरूद की खेती करते हैं। गुजरात के टंकारा तहसील के रहने वाले मगन कामरिया इस तकनीक से डेढ़ से दो किलो का एक अमरूद उगाते हैं। आज वो 50 एकड़ से ज्यादा जमीन पर अमरूद की खेती कर रहे हैं। इससे सालाना 10 लाख रुपए की कमाई हो रही है। कई किसान उनसे ट्रेनिंग भी ले रहे हैं।
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सुर्खियों में और क्या है

  • 26 जनवरी और आर्मी डे की परेड में शामिल होने दिल्ली पहुंचे सेना के 150 जवान संक्रमित मिले हैं। देशभर से करीब 2000 जवान नवंबर के आखिर में दिल्ली आए थे।
  • कोरोना के एक्टिव मरीजों के मामले में भारत अब दुनिया का 10वां देश हो गया है। देश में 2.80 लाख एक्टिव मरीज हैं। 95.65% मरीज ठीक हुए, जबकि 1.44% की मौत हुई।
  • ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित मरीज दूसरे देशों में भी सामने आने लगे हैं। जापान और फ्रांस के बाद स्पेन में भी शनिवार को इसके चार मरीज मिले हैं।


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The farmers said - they will talk, but will not give up the conditions; NDA's second setback in 3 months and threat of new corona strain in Kerala


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कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, हमें काम के महत्व को समझना चाहिए

कहानी- महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुंचे थे। उस समय उन्हें मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से ही जाना जाता था। जब वे कोलकाता में कांग्रेस कार्यालय पहुंचे, तो वहां उनकी मुलाकात घोषाल जी से हुई।

घोषाल जी ही कांग्रेस कार्यालय का कामकाज देख रहे थे। गांधीजी ने उनसे कहा, 'मैं यहां काम करने आया हूं। कोई काम हो तो बताएं।'

घोषाल जी ने गांधी को देखा तो उन्हें लगा कि ये क्या काम करेगा? कुछ सोचकर वे बोले, 'मेरे पास कोई बहुत बड़ा काम नहीं है। यहां बहुत से पत्र आए हुए हैं। इनमें से जो उपयुक्त हैं, उन्हें अलग निकालना है और उनके उत्तर देना है। क्या तुम ये काम कर सकते हो?'

गांधीजी इस काम के लिए तैयार हो गए और उन्होंने पत्रों के जवाब भी दे दिए। घोषाल जी को ये देखकर आश्चर्य हुआ कि एक-एक पत्र को गंभीरता से पढ़ा गया और उनके सही उत्तर भी गांधीजी द्वारा दिए गए।

घोषाल जी कार्यालय से निकलने लगे तो उनकी शर्ट के बटन गांधीजी ने लगा दिए। आमतौर ये काम घोषाल जी का सेवक ही करता था। जब गांधीजी ने बटन लगाए तो घोषाल जी बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने गांधीजी के बारे जानकारी निकाली तो मालूम हुआ कि वे कितने पढ़े-लिखे हैं।

घोषाल जी हैरान रह गए कि इतना पढ़ा-लिखा व्यक्ति और सेवा करने की ऐसी भावना। उस दिन घोषाल जी ने गांधीजी से एक शिक्षा ली थी कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता है।

सीख- हमारी नीयत, इरादे और समझ के आधार काम का महत्व तय होता है। कुछ लोग जो बड़े पद पर होते हैं, उन्हें लगता है कि वे छोटे काम कैसे कर सकते हैं। लेकिन, जीवन में कभी-कभी ऐसे अवसर भी आते हैं जब हमें सामान्य काम भी करने पड़ते हैं। उस समय काम के महत्व को समझें। कभी भी अपने पद पर घमंड नहीं करना चाहिए।



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aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, we should understand the importance of work, tips for success


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खेती में फायदा नहीं हुआ तो नई तकनीक से अमरूद उगाना शुरू किया, अब हर साल 10 लाख की कमाई

क्या आपने कभी डेढ़ से दो किलो का अमरूद देखा है ? आज हम आपको एक ऐसे ही किसान से मिलवाने जा रहे हैं, जो अपने खेत में इतने बड़े अमरूद उगाते हैं। गुजरात के टंकारा तहसील के रहने वाले मगन कामरिया नई तकनीक से अमरूद की खेती करते हैं। जिससे बड़े आकार और 2 किलो तक वजन का अमरूद पैदा होता है। अब वे 50 एकड़ से ज्यादा जमीन पर अमरूद की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें हर साल 10 लाख रुपए की कमाई हो रही है।

मगन कहते हैं कि पहले वे कपास, मूंगफली और जीरा उगाते थे। लेकिन, उसमें लागत के हिसाब से कमाई नहीं हो रही थी। पांच साल पहले उन्हें इजरायली तकनीक से उगाए जाने वाले अमरूद के बारे में पता चला। उन्होंने तय किया कि वे भी अमरूद की खेती करेंगे। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायपुर से थाईलैंड में उगाए जाने वाले अमरूद के 5 हजार पौधे मंगाए।

इजराइली तकनीक से अमरूद उगाते हैं
मगन कहते हैं कि मैंने सबसे पहले इजरायली टेक्नोलॉजी से अमरूद उगाना सीखा। इसमें टपक विधि से सिंचाई करते हैं। पौधों पर बूंद-बूंद पानी टपकाया जाता है। इससे फसल अच्छी होती है और पानी की खपत भी कम होती है। इतना ही नहीं, रोज-रोज की सिंचाई से छुटकारा मिल जाता है।

मगन के पास सूरत, नवसारी, वडोदरा, अहमदाबाद, मोरबी और राजकोट तक से व्यापारी अमरूद खरीदने आते हैं।

डेढ़ साल में ही मेहनत रंग लाई
करीब एक-डेढ़ साल की मेहनत के बाद ही मगन को उनकी मेहनत का फल अमरूद के रूप में मिलने लगा। कम ऊंचाई वाले पौधों में ही 350 ग्राम से डेढ़ किलो वजन तक के अमरूद उगने लगे। इन अमरूदों का स्वाद भी इतना अच्छा था कि उन्हें इसकी अच्छी कीमत मिली।

दूसरी फसलों से कम मेहनत लगती है
खेती में मगन का साथ देने वाली उनकी पत्नी पुष्पाबेन बताती हैं कि इन पौधों की बहुत देखरेख करनी पड़ती है। हर पौधे की जांच करनी पड़ती है कि वे कीड़ों का शिकार न हो जाएं। हालांकि, कुछ घरेलू नुस्खों से ही फसल की सुरक्षा की जा सकती है। इसके बावजूद वे कहती हैं कि इसमें दूसरी फसलों से कम मेहनत लगती है।

खेत से ही बिक जाते हैं अमरूद

आज मगन 50 एकड़ से ज्यादा जमीन पर अमरूद की खेती कर रहे हैं। इस साल उनके खेत में 35 टन अमरूद का उत्पादन हुआ है।

मगन बताते हैं कि इन अमरूदों के बारे में कहावत है कि 'एक बार चखोगे तो याद रखोगे'। इनका स्वाद इतना अच्छा होता है कि लोगों की इनकी लग जाती है। इसी वजह से इन अमरूदों की बहुत डिमांड है। वे बताते हैं कि आज उनके अमरूद इतने फेमस हो गए हैं कि अब इन्हें बेचने बाजार नहीं ले जाना पड़ता। खेत से ही सारे अमरूद बिक जाते हैं। सूरत, नवसारी, वडोदरा, अहमदाबाद, मोरबी और राजकोट तक से व्यापारी उनके पास आते हैं।

कैसे करें ऑर्गेनिक अमरूद की खेती
ऑर्गेनिक अमरूद की बागवानी शुरू करने से पहले रिसर्च जरूरी है। आपको जहां खेती करनी है वहां के मार्केट, डिमांड और ट्रांसपोर्टेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही हम जिस जमीन पर बागवानी शुरू करने जा रहे हैं, वो कम पानी वाली होनी चाहिए। केमिकल की जगह ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है।

दो पौधों के बीच 9/6 की दूरी होनी चाहिए। जुलाई से सितंबर के महीने पौधे लगाए जाते हैं। अच्छे किस्म की अमरूद के पौधे लगभग एक साल में तैयार हो जाते हैं। पहले साल में एक पौधे से 6-7 किलो तक अमरूद निकलता है। कुछ समय बाद 10-12 किलो तक उत्पादन होने लगता है।

मगन की पत्नी पुष्पाबेन बताती हैं कि हर पौधे की यह भी जांच करनी पड़ती है कि वे कीड़ों का शिकार न हो जाएं।

क्या- क्या सावधानियां जरूरी?

अमरूद की बागवानी के लिए सही समय और सही मिट्टी का होना जरूरी है। इस पर क्लाइमेट और बारिश का असर ज्यादा होता है, इसलिए उसके लिए पहले से तैयारी जरूरी है। ज्यादा प्रोडक्शन के लिए अक्सर लोग केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग करने लगते हैं। लेकिन, हमें इससे बचना चाहिए। इससे प्लांट को नुकसान तो होता ही है, साथ ही हमारी जमीन की सेहत के लिए भी ये ठीक नहीं होता है।



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गुजरात की टंकारा तहसील में रहने वाले मगन कामरिया के अमरूद इतने फेमस हैं कि अब व्यापारी खेत से ही उनकी फसल खरीद ले जाते हैं।


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कहानी उस मशहूर शायर की जो अपने शौक के चलते कर्जदार हो गया, जुए की लत के चलते 3 महीने जेल में कटे

'होगा कोई ऐसा जो 'गालिब' को न जाने, शायर तो अच्छा है पर बदनाम बहुत है..' ये शेर है मिर्जा असदुल्लाह बेग खान का, जिन्हें लोग मिर्जा गालिब के नाम से जानते हैं। गालिब उनका तखल्लुस (पेन नेम) था। इसी नाम से वो शेरो-शायरी करते थे। उनके दादा उज्बेकिस्तान से भारत आए थे। मिर्जा गालिब का जन्म आज ही के दिन 1797 में आगरा के एक दौलतमंद खानदान में हुआ था। उनकी शादी भी दिल्ली के एक रईस खानदान की लड़की से हुई थी। मगर उनकी जिंदगी मुश्किलों में ही गुजरी। गालिब के सात बच्चे हुए और कोई भी दो साल से ज्यादा नहीं जी पाया।

शराब पीने के बड़े शौकीन, वो भी महंगी और अंग्रेजी वाली
इस्लाम में शराब को हराम माना जाता है, लेकिन गालिब को शराब पीने का बहुत शौक था। वो भी महंगी और अंग्रेजी। भले ही पैसों की कितनी ही किल्लत हो। चाहे सैकड़ों किलोमीटर दूर जाकर शराब लानी पड़े, लेकिन लाते थे और पीते थे।

एक शाम मिर्जा को शराब न मिली, तो वो नमाज पढ़ने चले गए। इतने में उनका एक शागिर्द आया और उसने गालिब को शराब की बोतल दिखाई। बोतल देखते ही गालिब मस्जिद से निकलने लगे, तो किसी ने कहा- 'ये क्या कि बगैर नमाज पढ़े चल दिए?' तो गालिब बोले 'जिस चीज के लिए दुआ मांगना थी, वो तो यूंही मिल गई।'

मिर्जा गालिब दौलतमंद जरूर थे, लेकिन उनके नवाबी शौक ने उन्हें कर्जदार बना दिया था। बताते हैं कि उस समय उन पर 40 हजार रुपए से ज्यादा का कर्ज हो गया था। उस समय 40 हजार बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी। कर्ज न चुकाने के आरोप में एक बार उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।

महफिलों से ज्यादा इज्जत जुआरी देते थे
ऐसा कहा जाता है कि मिर्जा गालिब को जितनी इज्जत महफिलों में मिलती थी, उससे कहीं ज्यादा इज्जत उन्हें दिल्ली के जुआरी देते थे। उन्हें जुआ खेलने की जबरदस्त आदत थी। इसके लिए उन्हें 6 महीनों की जेल भी हुई थी। मिर्जा गालिब के रिश्ते उस समय के दिल्ली के बादशाह बहादुर शाह जफर से बहुत अच्छे थे।

बादशाह जफर ने गालिब को जेल से छोड़ने की सिफारिश भी की, लेकिन उनकी एक न चली। वो इसलिए भी, क्योंकि उस वक्त तक मुगलों की नहीं बल्कि अंग्रेजों की चलने लगी थी। बाद में मिर्जा गालिब ने बहुत जुगाड़ लगाया और तीन महीने में जेल से छूट गए।

गालिब की मौत की खबर 17 फरवरी 1869 को एक उर्दू अखबार में छपी थी। लेकिन उनकी मौत 15 फरवरी को ही हो चुकी थी।

पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री की हत्या
27 दिसंबर 2007 को एक धमाके में बेनजीर भुट्टो की मौत हो गई। बेनजीर पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, बल्कि किसी मुस्लिम देश की भी पहली महिला थीं, जो प्रधानमंत्री बनीं। 27 तारीख की शाम को बेनजीर रावलपिंडी से एक चुनावी रैली करके लौट रही थीं। तभी हमलावर उनकी कार के पास आया और बेनजीर को गोली मार दी। बाद में खुद को भी उड़ा लिया। बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं। पहली बार 1988 से 1990 तक और दूसरी बार 1993 से 1996 तक।

भारत और दुनिया में 27 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं :

  • 1911 : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता (अब कोलकाता) अधिवेशन के दौरान पहली बार ‘जन गण मन’ गाया गया।
  • 1939 : तुर्की में भूकंप से लगभग चालीस हजार लोगों की मौत।
  • 1960 : फ्रांस ने अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में तीसरा परमाणु परीक्षण किया और परमाणु प्रक्षेपास्त्र विकसित करने के रास्ते पर एक कदम और आगे बढ़ गया।
  • 1965 : बॉलीवुड एक्टर सलमान खान का जन्म।
  • 1975 : झारखंड के धनबाद जिले में चासनाला कोयला खदान दुर्घटना में 372 लोगों की मौत।
  • 1979 : अफगानिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद सोवियत सेना ने हमला किया।
  • 2000 : ऑस्ट्रेलिया में विवाह पूर्व संबंधों को कानूनी मान्यता दी गई।
  • 2008 : वी. शान्ताराम पुरस्कार समारोह में 'तारे जमीं पर' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला।
  • 2013 : बॉलीवुड अभिनेता फारुख शेख का निधन।


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Today History: Aaj Ka Itihas India World 27 December Update | Mirza Ghalib Facts, Pakistan Benazir Bhutto Assassination


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संडे स्पेशल मखाना चॉप की रेसिपी, स्वाद और सेहत से भरपूर ये डिश बच्चों को खूब पसंद आएगी



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Sunday Special Makhana Chop recipe, full of taste and health, children will love it


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कोरोना से भी जानलेवा है वायु प्रदूषण; जिनके घर सड़क के पास, उन्हें बीमारियों का ज्यादा खतरा

वायु प्रदूषण कोरोनावायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। इसका सबूत हाल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट में मिला है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में वायु प्रदूषण की वजह से भारत में 16.7 लाख लोगों की मौत हुई। यह आंकड़ा 2020 में देश में कोरोना महामारी से हुई कुल मौतों से करीब 12 गुना ज्यादा है। देश में कोरोना से अब तक 1.47 लाख लोगों की जान गई है।

यही नहीं, वायु प्रदूषण के कारण देश को 2.60 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। फिलहाल देश में करीब 14 करोड़ लोग खराब हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत में ही हैं। ऐसे में खराब हवा स्वस्थ लोगों को भी बीमार बना रही है और पहले से बीमार लोगों के लिए जानलेवा बन रही है।

वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियां कौन सी हैं?

एम्स (AIIMS) दिल्ली में रुमेटोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर उमा कुमार कहती हैं। वायु प्रदूषण से सभी तरह की नॉन कम्युनिकेबल डिजीज का खतरा होता है। हार्ट, कार्डियो वैस्कुलर, ऑटो इम्युन डिजीज का भी सबसे ज्यादा खतरा होता है।

हाल ही में ब्रिटेन में हुई एक स्टडी के मुताबिक एयर पॉल्यूशन ज्यादा होने से कोरोना होने की आशंका बढ़ जाती है। एयर पॉल्यूशन की वजह से ओजोन की लेअर डैमेज हो रही है। इसका सीधा संबंध अल्ट्रा वॉयलट किरणों से है। वहीं, इससे शरीर में विटामिन D की कमी भी हो सकती है।

प्रदूषण से हुई मौतों के मायने क्या हैं?

ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोर वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में 1990 से 2019 तक 64% की कमी आई है। लेकिन, आउटडोर हवा में मौजूद प्रदूषण से होने वाली मौतों में 115% का इजाफा हुआ है।

वायु प्रदूषण किस बीमारी के लिए कितना जिम्मेदार?

  • ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि वायु प्रदूषण फेंफड़ों से जुड़ी बीमारियों के 40% मामलों के लिए जिम्मेदार है।
  • हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, डायबिटीज और समय से पहले पैदा होने वाले नवजात बच्चों की मौत के लिए वायु प्रदूषण 60% तक जिम्मेदार है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि वायु प्रदूषण रोकने के लिए सही उपाय नहीं किए, तो भारत को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ेगा।
  • वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें, बीमारियां और आर्थिक नुकसान की वजह से भारत का 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना भी टूट सकता है।

इस रिपोर्ट से सीखने वाली 3 अहम बातें क्या हैं?

  1. वायु प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरुकता की जरूरत है।
  2. सरकार को वायु प्रदूषण रोकने के लिए बड़े और कड़े कदम उठाने होंगे।
  3. आम लोगों से भी प्रदूषण रोकने में सहयोग की दरकार होगी।

वायु प्रदूषण में सबसे अहम रोल किन चीजों का है?

डॉक्टर उमा कहती है कि वायु प्रदूषण में सबसे बड़ा रोल गाड़ियों से होने वाले पॉल्यूशन का होता है। गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ और उड़ने वाली धूल दोनों सेहत के नुकसानदायक हैं। हमने कुछ समय पहले एक स्टडी की थी। उसमें पाया था कि जिनका घर सड़क से जितना ज्यादा करीब होता है, उन लोगों में ऑटो इम्युन डिजीज का खतरा उतना ज्यादा होता है। इसे हमने सरोगेट पॉल्यूशन नाम दिया। इसलिए हमारी कोशिश होनी चाहिए कि घर मुख्य सड़क से दूर खरीदें।

इसके अलावा एयर पॉल्यूशन सिर्फ आउटडोर ही नहीं, इनडोर होता है। दोनों पॉल्यूशन बराबर तौर पर सेहत के लिए खतरनाक हैं। इंडोर पॉल्यूशन से बचने के लिए आप एयर प्यूरीफायर भी लगवा सकते हैं, यह प्रदूषण को कम करने में थोड़ा बहुत मददगार है।

टोबेको पॉल्यूशन एयर पॉल्यूशन से भी ज्यादा खतरनाक

  • एम्स दिल्ली में डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय कुमार चुघ कहते हैं टोबेको पॉल्यूशन, एयर पॉल्यूशन से भी ज्यादा खतरनाक हैं। इसके अलावा वॉटर, फूड, नॉइज पॉल्यूशन भी बहुत खतरनाक हैं। इसलिए हमें एयर के साथ बाकी पॉल्यूशन से भी दूर रहना चाहिए।
  • एयर पॉल्यूशन सांस के मरीजों के बहुत ज्यादा खतरनाक है। हवा में प्रदूषण होने से ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। इसके चलते थकान लगती है और काम करने की क्षमता में भी कमी आती है।

क्या भारतीय कानून हमें प्रदूषण से बचा सकते हैं?
भारत में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए साल 1981 में एक एयर एक्ट लागू किया गया था, लेकिन पिछले 40 साल में इस कानून के तहत दर्ज किए गए मुकदमों की संख्या न के बराबर है। वहीं इन 40 सालों में भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है।



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Coronavirus Vs Air Pollution Cases In India Update; 16.7 Lakh People Died In India Due To Air Pollution In 2019; वायु प्रदूषण कोरोनावायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। इसका सबूत हाल में ICMR(इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में मिला है। इसके मुताबिक 2019 में वायु प्रदूषण की वजह से भारत में 16.7 लाख लोगों की मौत हुई है।


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