शनिवार, 5 सितंबर 2020

ट्रम्प ने कहा- भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात बेहद खतरनाक, अमेरिका मदद को तैयार; प्रधानमंत्री मोदी को अच्छा दोस्त बताया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और चीन के सीमा विवाद को खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा- दोनों देशों के बीच सीमा पर हालात बेहद खतरनाक है और चीन इसे बढ़ा रहा है। मैं इस मामले में दोनों देशों की मदद करना चाहता हूं। इस बारे में भारत और चीन से बातचीत भी की जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए ट्रम्प ने कहा- नरेंद्र मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। वो शानदार तरीके से काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में मुझे भारतीय मूल के लोगों का पूरा समर्थन मिलेगा।

मदद को तैयार
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। चीन इसे तनाव को बढ़ा रहा है। लेकिन, हम चाहते हैं कि यह मामला हल हो। मैं इसमें मदद करने को तैयार हूं। हम दोनों देशों के संपर्क में हैं। अगर मामले को सुलझाने में हम कुछ भी कर सकते हैं तो इसके लिए हमेशा तैयार हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन भारत को धमका रहा है? ट्रम्प ने कहा- ऐसा निश्चित तौर पर हो सकता है।

मोदी की तारीफ
ट्रम्प ने प्रधानमंत्री के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा- नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं और शानदार नेता है। वो बेहतरीन काम कर रहे हैं जबकि हालात मुश्किल हैं। मोदी बड़े नेता ही नहीं बल्कि बेहतरीन व्यक्ति भी हैं। फरवरी के भारत दौरे का जिक्र करते हुए ट्रम्प ने कहा- वो बहुत अच्छा दौरा था। भारत के लोग बहुत अच्छे हैं।

ह्यूस्टन के हाउडी मोदी कार्यक्रम को भी ट्रम्प ने बेहतरीन बताया। कहा- भारत और प्रधानमंत्री मोदी से हमें काफी सपोर्ट मिला है। मुझे पूरा भरोसा है कि चुनाव में भारतीय मूल के लोग ट्रम्प को ही वोट देंगे।

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शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प। उन्होंने भारत और चीन के बीच तनाव को खतरनाक बताया।


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लगातार तीन दिन से 80 हजार से ज्यादा संक्रमित बढ़ रहे, टेस्टिंग भी 11 लाख के पार; अब तक 40.20 लाख केस

देश में कोरोना की रफ्तार और तेज हो गई है। बीते तीन से 80 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। 2 सितंबर को 82860 केस आए, 3 सितंबर को 84156, जबकि 4 सितंबर को 87115 केस बढ़े। अब देश में कुल संक्रमितों की संख्या 40.20 लाख हो गई है। टेस्टिंग भी 11 लाख के पार कर दी गई है। बीते 2 सितंबर को 11.72 लाख, जबकि 3 सितंबर को 11.69 लाख टेस्ट किए गए।

राहत की बात है कि ठीक होने वालों की संख्या भी 31 लाख से अधिक हो चुकी है। अब तक 31 लाख 4 हजार 512 लोग ठीक हो चुके हैं। शुक्रवार को 69 हजार 625 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। अभी 8.43 लाख संक्रमितों का इलाज चल रहा है, जबकि 69 हजार 635 की मौत हो चुकी है। 24 घंटे के अंदर 1,066 लोगों ने दम तोड़ा है। यह आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर नाना पटोले भी संक्रमित पाए गए हैं। उनकी रिपोर्ट ऐसे समय पॉजिटिव आई है जब दो दिन बाद यानी 7 सितंबर से राज्य का विधानसभा सत्र शुरू होना है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 3.5% संक्रमित ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। 2% को आईसीयू और 0.5% संक्रमितों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
  • पंजाब सरकार ने कोरोना मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाने का अपना पुराना फैसला वापस ले लिया है। पहले से लगे पोस्टर भी हटाने का निर्देश दिया गया है।
  • सीरो सर्वे में पता चला है कि हरियाणा में 8% लोगों में एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है। मतलब या तो ये लोग संक्रमित हैं या फिर ठीक हो चुके हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा असर फरीदाबाद में देखने को मिला। यहां के 25.8% लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है। इसके अलावा नूंह में 20.3%, सोनीपत में 13.3%, करनाल में 12.2%, जिंद में 11%, गुरुग्राम में 10.8%, कुरुक्षेत्र में 8.7% लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
  • दिल्ली सरकार ने आठवीं तक के स्कूल 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला किया है। 9 से 12वीं तक के छात्र 21 सितंबर से शिक्षकों की गाइडेंस के लिए स्कूल जा सकेंगे। हालांकि, इसके लिए केंद्र बाद में एसओपी जारी करेगा।

5 राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के 1658 नए केस सामने आए। संक्रमितों का आंकड़ा अब 70 हजार 244 हो गया है। 15 हजार 474 मरीजों का इलाज चल रहा है। 53 हजार 257 लोग ठीक भी हो चुके हैं, जबकि 1513 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने प्रदेश में आज से बसें चलाने का फैसला किया है। इनका पांच महीने का 121 करोड़ टैक्स भी माफ कर दिया गया है।

2. राजस्थान
राज्य में शुक्रवार को तीसरे दिन 1570 केस मिले, वहीं 13 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 87 हजार 797 लोग संक्रमित मिल चुके हैं। 1108 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 14 हजार 900 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।
सबसे ज्यादा 281 मौत जयपुर में, इसके बाद 189 जोधपुर में हुई हैं। हनुमानगढ़ और झालावाड़ में सबसे कम 2-2 लोगों ने इस बीमारी से जान गंवाई है। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।

3. बिहार
राज्य में शुक्रवार को 1978 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 लाख 44 हजार 134 हो गई। इनमें 1 लाख 26 हजार 411 लोग ठीक भी हो चुके हैं, जबकि 741 मरीजों की मौत हो गई।

4. महाराष्ट्र
राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के रिकॉर्ड 19 हजार 218 नए मामले सामने आए और 378 मौतें हुईं हैं। राज्य में अब तक 8 लाख 63 हजार 62 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 6 लाख 25 हजार 773 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 10 हजार 978 लोगों का इलाज चल रहा है। अब तक 25 हजार 964 लोगों की मौत हो चुकी है। पुणे सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 1.89 लाख केस आ चुके हैं। 4333 की मौत हो चुकी है।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के 6193 मामले सामने आए हैं। अब तक 2 लाख 53 हजार 175 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 1 लाख 90 हजार 818 लोग ठीक हो चुके हैं। 58 हजार 595 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में अब तक 3762 मरीजों की मौत हो चुकी है। 30 हजार 84 मरीज ऐसे हैं, जिनका घर पर ही इलाज चल रहा है।



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क्या हो अगर ट्रम्प बैलट वोटिंग से धोखाधड़ी का बहाना बनाकर राष्ट्रपति पद छोड़ने से मना कर दें? कितनी डरावनी होगी इलेक्शन वाली रात और आने वाले दिन

यह 3 नवंबर की शाम है और अमेरिका में सभी लोग घबराए हुए स्क्रीन पर नजरें टिकाए हैं। सभी को चुनाव परिणामों का इंतजार है। शुरुआती रुझानों से लग रहा है कि यह रात डोनाल्ड ट्रम्प के लिए शानदार होने वाली है। पोलिंग स्टेशनों के वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। ट्रम्प पेंसिलवेनिया, विस्कॉन्सिन और मिशिगन से जीत हासिल करते दिख रहे हैं।

हालांकि, अभी तक इन राज्यों में मेल इन बैलट की गिनती शुरू नहीं हुई है। इसके बावजूद ट्रम्प जल्दबाजी में अपनी जीत का ऐलान कर देते हैं। ऐसा ही कुछ दूसरे रिपब्लिकन कैंडिडेट भी करते हैं। मीडिया शिकायत करता है कि सबकुछ जल्दबाजी में हो रहा है, लेकिन ट्रम्प तो अपनी खुशियों में सराबोर हैं।

ट्रम्प धोखाधड़ी की बात कहेंगे
डेमोक्रेट्स को पता है कि मेल इन बैलट के जरिए डाले गए 40% वोटों की गिनती होनी बाकी है। ये वोट जो बाइडेन के लिए अहम साबित होने वाले हैं। इन सबसे अनजान ट्रम्प समर्थक अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहे हैं। उनका उतावलापन बढ़ गया है। जैसे ही मेल इन बैलट की गिनती शुरू होती है, ट्रम्प पिछड़ने लगते हैं।

हालांकि, अभी भी नतीजों को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। ट्रम्प ने अब दूसरा रास्ता अपना लिया है। उन्होंने धोखाधड़ी होने की बात कहकर नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया है।

इसके बाद पूरे देश में बवाल
कुछ हफ्तों में ही मेल इन बैलट को लेकर कई केस दायर किए जा चुके हैं। हर जगह इसे चुनौती दी जा रही है। कुछ ऐसे हालात बन रहे हैं, जैसे 2000 में फ्लोरिडा में बने थे। लेकिन अब बात केवल एक राज्य की नहीं है, यह सबकुछ पूरे देश में हो रहा है। इस बार एक साथ कई राज्यों में आवाज उठ रही है। बैलट पर साइन में गड़बड़ी होने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। देशभर में इसे लेकर बवाल हो रहे हैं।

तब ट्रम्प खुद की जीत घोषित करेंगे
इस बीच, ट्रम्प कहते हैं कि वे डेमोक्रेट्स को चुनाव के नतीजों में हेराफेरी नहीं करने देंगे। वे खुद की जीत घोषित कर देते हैं। अब सवाल उठता है कि जब वे अपने कैम्पेन के लिए व्हाइट हाउस का इस्तेमाल कर सकते हैं तो अब उन्हें कौन रोकेगा? रिपब्लिकंस का एक वर्ग भी सड़कों पर उतर कर ट्रम्प की बातों को जायज ठहराने में जुट गया है।

अब लेफ्टिस्ट भी सड़कों पर
इन सबके बीच लेफ्टिस्ट भी सड़कों पर उतर चुके हैं। इनमें ऐसे लोग भी हैं जो नस्लवादियों और विद्रोहियों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं। इन लोगों को देश में अशांति पैदा करने का मौका मिल गया है। वे हिंसक हो चुके हैं। मॉडरेट्स और लिबरल्स अपने सिर झुका चुके हैं, ताकि वे हिंसक भीड़ का शिकार न हो जाएं। लेकिन, अब देश का गणतंत्र खतरे में हैं। लेकिन, इस हिंसा से कोई हल नहीं निकलेगा।

हॉन्गकॉन्ग और बेलारूस जैसे प्रदर्शन होंगे
अगर ट्रम्प एक ऐसी जीत पर दावा करते हैं जो वाकई उनकी नहीं है तो सड़कों पर उतरकर कुछ रैलियां भर कर लेने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए लोगों को कार्रवाई करनी होगी। ठीक उसी तरह से जैसा हॉन्गकॉन्ग और बेलारूस में किया गया। लोकतंत्र को बचाने के इच्छुक लोगों को इसे तबाह करने वालों के खिलाफ एकजुट होना होगा।

इस तरह दो तरीके से विरोध किया जा सकता है। पहला तो यह कि कट्टर देशभक्ति से काम किया जाए। दूसरा यह हो कि पूरे अनुशासन में रहकर संविधान को बचाने की कोशिश हो। 1960 का सिविल राइट मूवमेंट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अश्वेतों ने दशकों तक शांतिपूर्ण आंदोलन किया। बिना हिंसा के उस आंदोलन ने पूरे देश के दिलो दिमाग पर जीत हासिल की थी।

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चीन में स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हॉल खुले; लेकिन बीजिंग में विदेशियों की सीधी एंट्री बैन

कोरोना के संक्रमण को लेकर भले ही चीन दुनिया के आरोपों से घिरा हो, मगर इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज सिर्फ चीन में ही आर्थिक गतिविधियां और सामान्य जनजीवन पूरी तरह शुरू हो चुके हैं।

बाकी दुनिया में कहीं मजदूरों की कमी तो कहीं वैश्विक मांग घटी है, लेकिन चीन में निर्माण इकाइयों में पूरी क्षमता से उत्पादन हो रहा है। ज्यादातर देशों में जहां वर्क फ्रॉम होम अब न्यू नॉर्मल बन गया है, वहीं चीन में दफ्तर फिर पूरी स्टाफ क्षमता के साथ खुल चुके हैं।

सार्वजनिक परिवहन के साधन पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं। स्कूल-कॉलेज भी खुल चुके हैं। चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूदा हालात और इसकी वजहों पर यह ग्राउंड रिपोर्ट...

स्कूल: किंडरगार्टन से कॉलेज तक सब खुले
पूरे चीन में केजी से लेकर कॉलेज तक खुल चुके हैं। ये अच्छे से चल रहे हैं। सिर्फ विदेशी छात्र वाले उच्च शिक्षण संस्थान पूरी तरह नहीं खुले हैं।

दफ्तर: कर्मचारियों के सैनिटाइजेशन के लिए यूवी गेट
दफ्तरों में कर्मचारियों के सैनिटाइजेशन के लिए यूवी किरणों वाले गेट लगाए गए हैं। तबीयत बिगड़ने पर कर्मियों को तुरंत छुट्‌टी दी जा रही है।

बाजार: पहले 35 तो अब 85% लोग पहनते हैं मास्क
बीजिंग के थोक बाजार दो महीने बंद रहने के बाद फिर पूरी तरह खुल चुके हैं। महामारी से पहले यहां 30-35% लोग मास्क पहनते थे। अब 80-85% लोग पहनते हैं। नकद लेन-देन लगभग खत्म है।

परिवहन : एंट्री के लिए कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट
सार्वजनिक परिवहन, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। 36 यूरोपीय, 13 एशियाई देशों के यात्री आ सकते हैं, पर पांच दिन पहले तक जारी किया गया कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट अनिवार्य है।

बीजिंग : यहां आने से पहले अन्य शहर में क्वारैंटाइन
चीन के साथ फास्ट ट्रैक संधि करने वाले देशों के यात्रियों को 48 घंटे, अन्य को 14 दिन क्वारैंटाइन रहना होता है। बीजिंग आने से पहले अन्य 16 एयरपोर्ट्स में से किसी पर उतरना होता है। क्वारैंटाइन पूरा होने के बाद बीजिंग में आ सकते हैं।

उद्योग : पूरी क्षमता से हो रहा है उत्पादन
चीन में खुली फैक्ट्रियों में मजदूरों की कमी नहीं है। वैश्विक बाजार में मांग घटने से हर सेक्टर में अनलिस्टेड मजदूर बढ़े हैं। सरकार ने उद्योगों को पूरी क्षमता से उत्पादन करने और नए बाजार ढूंढने को कहा है। 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी। अब सुधार है।

जन स्थान : सिर्फ सिनेमा में 33% क्षमता की पाबंदी
पर्यटन स्थल और पार्क खुल चुके हैं। पर्यटकों की आवाजाही भी जारी है। सिर्फ सिनेमाहॉल 33% क्षमता पर खुल रहे हैं।

कैसे काबू : 2003 का सार्स वायरस का अनुभव काम आया

  • चीन के अधिकारियों का 2003 का सार्स वायरस से जुड़ा अनुभव सबसे ज्यादा कारगर रहा। कोविड-19 और सार्स का 75% जीनोम एक समान है।
  • चीन में सरकार का नियंत्रण सख्त है। यहां सरकार की लगाई पाबंदी तोड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता। लोग पाबंदी का 100% पालन करते हैं।
  • टेस्टिंग किट्स से लेकर वेंटीलेटर जैसे स्वास्थ्य उपकरणों की सप्लाई पूरी दुनिया को चीन करता है। ऐसे में देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पूरी है।


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पूरे चीन में केजी से लेकर कॉलेज तक खुल चुके हैं। ये सभी अच्छे से चल रहे हैं।


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22 साल की नीरजा भनोट अमर हो गईं; म्यूनिख ओलिंपिक में आतंकी हमला और शिक्षक दिवस

इतिहास में आज का दिन बेहद दुखद है। नीरजा भनोट ने करीब 34 साल पहले देश-दुनिया को दिखा दिया कि एक महिला भी साहस के साथ आतंकियों से मुकाबला कर सकती है। नीरजा उस पैन एम फ्लाइट-73 की एयरहोस्टेस थीं, जिसे कराची में हाईजैक कर लिया गया था।

22 साल की नीरजा ने सूझ-बूझ दिखाई और इमरजेंसी गेट से ज्यादातर यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की। उस समय विमान में 379 यात्री थे। लेकिन नीरजा समेत 20 लोग निकल नहीं सके और आतंकियों की गोलीबारी में मारे गए। नीरजा को उसके दिखाए साहस के लिए भारत सरकार ने अशोक चक्र से सम्मानित किया गया, वहीं पाकिस्तान और अमेरिका में भी उन्हें वीरता के लिए सम्मानित किया गया है।

म्यूनिख में ओलिंपिक गेम्स में कत्लेआम

बात 1972 में हुए म्यूनिख (जर्मनी) ओलिंपिक की है। फिलिस्तीनी समूह ब्लैक सितम्बर ने ओलिंपिक विलेज में रह रहे दो इजरायली एथलीट की हत्या कर दी और नौ को बंधक बनाकर रखा। वे उनके बदले में इजरायल की जेलों में बंद 230 कैदियों की रिहाई मांग रहे थे। छुड़ाने की कोशिश में सभी नौ बंधक और पांचों आतंकी मारे गए। इस हादसे में मारे गए एथलीट्स को श्रद्धांजलि के तौर पर एक दिन के लिए सभी ओलिंपिक गतिविधियां सस्पेंड रही थीं। यह अब तक के ओलिंपिक गेम्स के इतिहास की सबसे त्रासद घटना है।

1972 में म्यूनिख ओलिंपिक विलेज बिल्डिंग-31 में बालकनी में खड़े इस किडनैपर की म्यूनिख गेम्स में हुए हत्याकांड की अब तक की सबसे ज्यादा बार प्रकाशित तस्वीर है।

भारत रत्न मदर टेरेसा का निधन

भारत रत्न मदर टेरेसा का निधन आज ही के दिन 1997 में हुआ था। मदर टेरेसा एक कैथोलिक नन थीं। अल्बेनिया में जन्मीं मदर टेरेसा (गोंझा बोयाजिजू) 1929 में पहली बार कोलकाता आईं और यहीं की हो गईं। मदर टेरेसा ने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी बनाई और 45 साल तक गरीबों, बीमारों, अनाथों की सेवा की। अक्टूबर 1979 में उन्हें नोबल शांति पुरस्कार दिया गया। वहीं, अक्टूबर 2003 में धन्य और मार्च 2016 में संत की उपाधि से नवाजा गया। 1980 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

इतिहास के पन्नों में आज के दिन को इन घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

  • 1664: कई दिन की बातचीत के बाद न्यू एम्स्टर्डम के डच सेटलमेंट ने ब्रिटिशर्स के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने उसका नाम बदलकर न्यूयॉर्क किया।
  • 1798: फ्रांस में अनिवार्य सैन्य सेवा कानून प्रभाव में आया।
  • 1888: भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ। इसे भारत में आज भी शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
  • 1905: रूस-जापान का युद्ध खत्म हुआ, जब साम्राज्यों के प्रतिनिधियों ने न्यू हैम्पशायर में ट्रीटी ऑफ पोर्ट्समाउथ पर हस्ताक्षर किए। जापान को जो चाहिए था, उसे मिल गया था।
  • 1910: मारी क्यूरी ने फ्रांस में एकेडमी ऑफ साइंसेस में रेडियम और के धातु में बदलाव की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया था।
  • 1914: ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम और रूस के बीच लंदन समझौता हुआ।
  • 1960: अमेरिकी मुक्केबाज मुहम्मद अली ने रोम ओलिंपिक्स में 175-पाउंड कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने प्रोफेशनल करियर चुना और नामी मुक्केबाज बन गए।
  • 1977: नासा ने वोयाजर-1 प्रोब को लॉन्च किया। यह आज तक पृथ्वी से सबसे दूर भेजी गई मानव निर्मित वस्तु है।
  • 1980: दुनिया की सबसे लंबी टनल शुरू हुई। स्विट्जरलैंड की सेंट गोथार्ड टनल 10.14 मील (16.22 किमी) लंबी है।
  • 1984: स्पेस शटल डिस्कवरी पहली अंतरिक्ष यात्रा से लौटा।
  • 1991: नेल्सन मंडेला अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये।
  • 1991: भारतीय, व्यंग्य रचनाकार शरद जोशी का निधन 1991 को हुआ था।
  • 2011: भारतीय बैंक संघ और नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ने एटीएम से चेक क्लियर करने की टेक्नोलॉजी को अंतिम रूप दिया।


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After flying from Mumbai, Neerja's flight hijacked in Karachi, birth of Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, second President of the country, Bharat Ratna.


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टीचिंग में जेंडर गैप; प्राइमरी स्कूलों में तो 100 पुरुषों पर 183 महिलाएं टीचर; लेकिन कॉलेज में रह जाती हैं सिर्फ 73 महिला टीचर

हमारे देश में शिक्षा के स्तर को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं। क्वॉलिटी एजुकेशन को लेकर भी एक्सपर्ट के अपने-अपने मत हैं। सरकार ने हाल ही में एजुकेशन सिस्टम में सुधार के लिए नई शिक्षा नीति की घोषणा की है। लेकिन, हमारे वर्तमान एजुकेशन सिस्टम में कई अच्छी चीजें हैं। टीचिंग सेक्टर उन सेक्टर्स में शामिल हैं, जहां महिलाओं की भागीदारी काफी ज्यादा है। प्राइमरी एजुकेशन में तो पुरुषों की तुलना में लगभग दोगुना महिलाएं हैं।

देश की कुल महिला आबादी का सिर्फ 18% महिलाएं कामकाजी हैं। इनमें से कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में इनकी भागीदारी सबसे ज्यादा है। प्राइमरी एजुकेशन में तो 100 पुरुषों पर 183 महिलाएं पढ़ा रही हैं। अपर प्राइमरी में 100 पुरुषों पर 83 महिलाएं पढ़ा रही हैं। जबकि, सेकंडरी, सीनियर सेकंडरी और कॉलेज लेवल पर यह अनुपात 100 पुरुषों पर 73 महिलाओं का है। यानी जैसे-जैसे पढ़ाई का स्तर बढ़ता जाता है, महिला टीचर्स की भागीदारी कम होती जाती है।

125 करोड़ की आबादी वाले हमारे देश में इस वक्त एक करोड़ टीचर हैं। इनमें से 87 लाख टीचर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं तो 14 लाख टीचर कॉलेजों या यूनिवर्सिटियों में पढ़ा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो सबकुछ बढ़िया चल रहा है। 30 स्टूडेंट्स पर एक टीचर होना चाहिए, स्कूलों में 23 स्टूडेंट्स पर एक टीचर है। मानव संसाधन मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग की 2018 की रिपोर्ट में ही यह दावा किया गया है। अगर आप हायर एजुकेशन की बात करें तो 29 स्टूडेंट्स पर एक टीचर है। मानक तो कहते हैं कि 35 स्टूडेंट्स पर एक टीचर होना चाहिए। यह दावा भी 2019 में जारी ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन के जरिये मानव संसाधन मंत्रालय ने ही किया है। यहां बात सिर्फ छात्र-शिक्षक अनुपात की हो रही है, पढ़ाई की नहीं। वरना, असर की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ में कक्षा एक में पढ़ने वाले 41.1% बच्चे अक्षर भी नहीं पढ़ सकते, जबकि 32.9% अक्षर पढ़ लेते हैं, लेकिन शब्द नहीं पढ़ पाते।

11वीं-12वीं में स्टूडेंट्स ज्यादा, टीचर कम

देश के स्कूल सिस्टम में कुल 87 लाख टीचर हैं। इनमें से 52 लाख से ज्यादा टीचर 8वीं तक की पढ़ाई से जुड़े हैं। 11वीं, 12वीं की पढ़ाई के लिए टीचर्स पर ज्यादा बोझ है। केंद्र की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर सेकंडरी एजुकेशन में एक टीचर पर 37 स्टूडेंट हैं। यह तो हुई औसत की बात, हकीकत तो यह है कि कई सरकारी स्कूलों में 50-50 बच्चों पर एक टीचर भी नहीं है। इस पर भी सरकारी स्कूलों में काम करने वाले टीचर्स पर पढ़ाई के साथ-साथ चुनाव कराने, जनगणना करने से लेकर कई तरह के कामों का बोझ आता है।

पिछले पांच साल में एक टीचर पर बोझ साल-दर-साल बढ़ा है। यानी सरकारी आंकड़ों पर भरोसा करें तो 2014-15 में एक टीचर पर 22 स्टूडेंट्स थे। 2018-19 में ये बढ़कर एक टीचर पर 29 स्टूडेंट हो गया। हालांकि, ये आंकड़ा अभी भी सरकार के मानक के मुताबिक ही है।

राज्यों के लिहाज से देखें तो प्राइमरी एजुकेशन में उत्तरप्रदेश के टीचर्स पर सबसे ज्यादा बोझ है। यहां एक टीचर पर 39 स्टूडेंट हैं। वहीं, बिहार में एक टीचर पर 36 स्टूडेंट हैं। अपर प्राइमरी स्कूलों में सबसे ज्यादा स्टूडेंट टीचर रेशियो उत्तर प्रदेश का ही है।



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India Teacher Population Ratio Update | How Many Teacher Are In India? All You Need To Know What Is The Total Number Of Male Female Shiksha In India Today?


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भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं, जबकि पूरी दुनिया 5 अक्टूबर को इंटरनेशनल टीचर्स डे मनाती है, जानिए क्यों

आज शिक्षक दिवस है। लेकिन यह सिर्फ भारत में ही मनाया जाता है। वहीं, दुनियाभर में वर्ल्ड टीचर्स डे या इंटरनेशनल टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। आइए, जानते हैं इसके पीछे की कहानी...

भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों?

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। तब तक वे देश के पहले उप-राष्ट्रपति बतौर काम कर रहे थे। उनके दोस्त और पूर्व छात्र 5 सितंबर को उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाना चाहते थे। जब डॉ. राधाकृष्णन को यह पता चला तो उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मत मनाओ, बल्कि शिक्षकों का सम्मान करो। बस, यहीं से शिक्षक दिवस की शुरुआत हुई और 58 साल से भारत में टीचर्स डे मन रहा है।

टीचर्स डे मनाने का उद्देश्य क्या है?

डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ। वे एक नामी स्कॉलर, फिलॉसफर थे, जिन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका कहना था कि सोसायटी को आकार देने, दिशा देने का काम एक शिक्षक ही करता है, लेकिन उस शिक्षक की अनदेखी भी होती है। ऐसे में उनके लिए भी एक दिन होना चाहिए, ताकि सोसायटी उनके योगदान को याद करें। उनका सम्मान करें।

दुनिया में 5 अक्टूबर को क्यों मनता है इंटरनेशनल टीचर्स डे?

1966 में 5 अक्टूबर को पहली बार शिक्षकों की भूमिका पर यूएन में चर्चा हुई थी। टीचर्स के अधिकारों और दायित्वों के मानक तय किए गए थे। शिक्षकों की शिक्षा, रोजगार, टीचिंग और लर्निंग की परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा हुई थीं। 1994 में यूनेस्को जब 21वीं सदी के लिए शिक्षा को लेकर अपने टारगेट फिक्स कर रहा था, तब उसे शिक्षकों के सम्मान में दिवस मनाने की जरूरत महसूस हुई। तब 5 अक्टूबर को याद किया गया और हर साल इंटरनेशनल टीचर्स डे मनाने की रूपरेखा तय हुई। 1997 में इसी तरह का एक प्रस्ताव कॉलेजों/यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर भी पारित हुआ।

कौन मनाता है वर्ल्ड टीचर्स डे?

हर साल इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ), यूनिसेफ और यूनेस्को मिलकर वर्ल्ड टीचर्स डे या इंटरनेशनल टीचर्स डे मनाते हैं। दरअसल, इस दिन दुनियाभर में टीचिंग प्रोफेशन को सेलिब्रेट किया जाता है। उनकी उपलब्धियों पर चर्चा होती है। कोई पीछे न छूट जाए, इस ग्लोबल एजुकेशन टारगेट को पूरा करने के लिए शिक्षक एक महत्वपूर्ण ताकत के तौर पर काम करते हैं। 2020 में वर्ल्ड टीचर्स डे की थीम है- 'टीचर्सः लीडिंग इन क्राइसिस, रीइमेजनिंग द फ्यूचर'।



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Teachers Day India Vs Vishwa Shiksha Diwas Comparison | Why 5th September October and is celebrated as Teacher's Day? All You Need To History and Significance


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डॉ. कलाम कहा करते थे- देश का सबसे अच्छा दिमाग, क्लास रूम की आखिरी बेंच पर भी मिल सकता है... ऐसे ही 10 विचार

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 में राष्ट्रपति बने तो छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाना चाहा। इस पर उन्होंने विनम्रता से कहा- ‘मेरा जन्मदिन मनाने की बजाय 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाए तो गर्व की बात होगी।’ तभी से शिक्षक दिवस की परंपरा पड़ी। कुल 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने वाले डॉ. राधाकृष्णन देश के पहले ऐसे शिक्षक हैं, जो पहले उपराष्ट्रपति और फिर दूसरे राष्ट्रपति बने।

आज उन्हीं के 133वें जन्मदिन पर महान शख्सियतों के विचार जो शिक्षा की अहमियत बताते हैं और नया सीखने की प्रेरणा देते हैं। आप भी पढ़ें और शेयर करें ...



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लंबा जीवन चाहते हैं तो दूसरों की मदद करें; फ्रांस-जापान में सबसे कम मृत्यु दर, यहां कमाई का 69% दूसरों के साथ बांटते हैं

अगर आप ज्यादा लंबा जीवन जीना चाहते हैं तो आज से ही दूसरों के साथ अपनी चीजों को साझा करना शुरू कर दें। क्योंकि, हाल ही में आई एक रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि उदारवादी या अपनी चीजों को दूसरों के साथ बांटने वाले लोगों की उम्र ज्यादा होती है। जबकि, अपनी कमाई को दूसरों के साथ नहीं बांटने वाले लोग कम जीते हैं।

सोमवार को अमेरिकी साइंटिफिक जर्नल प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में प्रकाशित हुई स्टडी में शोधकर्ताओं को उदारता और लोगों के जीवन के बीच एक मजबूत रिलेशन मिला है। स्टडी के अनुसार, वेस्टर्न यूरोपियन देशों में शेयरिंग सबसे ज्यादा और मोर्टेलिटी रेट यानी मृत्यु दर सबसे कम है, जबकि कुछ अफ्रीकी देशों में लोग अपनी कमाई को दूसरों के साथ सबसे कम शेयर करते हैं और यहां मृत्यु दर भी सबसे ज्यादा है।

मोर्टेलिटी रेट को प्रभावित करती है शेयरिंग
जर्मनी के रॉस्टोक स्थित मैक्स प्लेंक इंस्टीट्यूट फॉर डेमोग्राफिक रिसर्च के शोधकर्ताओं फैनी क्लूग और टोबियस वोट ने अपनी स्टडी में 34 देशों का डेटा शामिल किया था। फैनी ने कहा, "हमारी स्टडी में एक नई बात यह है कि पहली बार पैसों के लेनदेन को भी स्टडी में शामिल किया है। हमारा एनालिसिस बताता है कि चीजों को आपस में बांटना देश के मोर्टेलिटी रेट को प्रभावित करता है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि देश की जीडीपी क्या है।"

यूरोपीय देश और जापान में मोर्टेलिटी रेट सबसे कम
स्टडी में शामिल दूसरे देशों के मुकाबले फ्रांस और जापान में मृत्यु दर काफी कम है। यहां एक औसत नागरिक भी अपनी जीवन भर की कमाई का 68-69 प्रतिशत हिस्सा दूसरों के साथ शेयर करता है। दक्षिण अमेरिका के भी कुछ देशों में भी बड़े स्तर पर कमाई को दूसरों के साथ बांटा जाता है। यहां लोग अपनी जीवन की औसत कमाई का 60% दूसरों के साथ साझा करते हैं। दक्षिण अमेरिका में अफ्रीकी देशों के मुकाबले मोर्टेलिटी रेट कम है, लेकिन वेस्टर्न यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान और ताइवान के मुकाबले ज्यादा है।

मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है उदारवादी होना
राजस्थान के उदयपुर स्थित गीतांजलि हॉस्पिटल में असिस्टेंट प्रोफेसर और साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर शिखा शर्मा के अनुसार, किसी की भी मदद करने से हमारे अंदर पॉजिटिविटी बढ़ती है, कॉन्फिडेंस बेहतर होता और स्ट्रेस का स्तर कम होता है। यह तीनों चीजें हमारे मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी हैं। किसी की मदद करने से हमारे अंदर प्रॉब्लम सॉल्विंग एटीट्यूड भी तैयार होता है।

महामारी में कैसे रहें उदारवादी
महामारी के दौरान हर कोई किसी न किसी तरह की परेशानी से जूझ रहा है। ऐसे में किसी की मदद करने से पहले अपनी जरूरतों का भी ध्यान रखें, ताकि आप आर्थिक परेशानी से बचे रहें। ब्लूमबर्ग के कुछ हेल्पिंग टिप्स भी आपके काम आ सकते हैं।

  • पहले खुद की आर्थिक सुरक्षा: किसी और फाइनेंशियल काम से पहले कम से कम 6 महीने के खर्च को इमरजेंसी फंड में रखें। हालांकि, इतने बुरे हालातों में ऐसा होना कई लोगों के लिए संभव नहीं है। यह पक्का करें कि आपके पास कम से कम एक महीने का खर्च हो। किसी भी चैरिटी से पहले एक महीने के खर्च को बचाना अच्छा तरीका होगा। इसके अलावा आपको किसी की भी आर्थिक मदद करने से पहले अपनी सभी देनदारी चुकाने की जरूरत होगी।
  • कैश के बदले अपना समय और हुनर दें: क्वारैंटाइन और घर में रहने के कारण कहीं भी फिजिकली मौजूद होना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन आप किसी की मदद इंटरनेट पर कर सकते हैं। किसी भी संस्था की वेबसाइट, ईमेल या सोशल मीडिया के जरिए देखें कि उन्हें किस तरह की मदद चाहिए। इसके बाद उन्हें बताएं कि आप उनके कामों में कैसे मदद कर सकते हैं। जैसे- ग्राफिक डिजाइनिंग, न्यूजलेटर लिखना।
  • गिफ्ट्स के बजाए डोनेशन: इन हालात में डोनेशन एक अच्छा उपाय हो सकता है। अगर आप जन्मदिन मना रहे हैं, छुट्टियां प्लान कर रहे हैं या शादी के बारे में सोच रहे हैं तो करीबियों से गिफ्ट के बजाए अपने नाम से डोनेशन करने के लिए कहें।
  • सामान लोकल की दुकानों से खरीदें: चैरिटेबल संस्थाएं ही मदद करने का एकमात्र तरीका नहीं है। आप अपने लोकल एरिया और छोटी जगहों से शॉपिंग कर उनकी मदद कर सकते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से चीजें खरीदने के बजाए छोटी दुकानों के बारे में विचार करें। इस तरह से आप लोकल इकोनॉमी की भी मदद करेंगे और सोसाइटी में योगदान दे पाएंगे। इससे छोटे स्टोर्स को बिजनेस जारी रखने में मदद मिलेगी।
  • छोटे डोनेशन करें और लगातार करें: अगर आप आर्थिक तौर पर इतने मजबूत हैं कि चैरिटी कर सकते हैं तो एक बार में बड़ा अमाउंट देने के बजाए छोटी-छोटी मदद करें। छोटे और लगातार डोनेशन करने से किसी भी संस्था में कैश फ्लो बना रहेगा। खासकर यह छोटे ऑर्गेनाइजेशंस के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।


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Want a longer life then help others; France-Japan has the lowest death rate, sharing 69% of earnings with others here


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क्या कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर पंजाब में प्रदर्शन हो रहे हैं? एक साल पुराना वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हो रहा

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें लोग धारा 370 के समर्थन में नारे लगाते दिख रहे हैं। वीडियो के आधार पर दावा किया जा रहा है कि अब पंजाब में धारा 370 लागू करने की मांग उठ रही है।

और सच क्या है ?

  • अलग-अलग की-वर्ड सर्च करने से भी इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि हाल के दिनों में पंजाब में धारा 370 से जुड़ा कोई प्रदर्शन हुआ है।
  • वीडियो के क्री-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से यूट्यूब पर उसी प्रदर्शन का एक और वीडियो मिला। यूट्यूब पर ये वीडियो 15, सितंबर 2019 को अपलोड हुआ है।
  • गूगल पर (370 Protest in Punjab) की-वर्ड सर्च करने से बीबीसी की एक रिपोर्ट मिली। इससे पुष्टि होती है कि सितंबर, 2019 को पंजाब में धारा 370 हटाने को लेकर प्रदर्शन हुए थे।
  • 5 अगस्त, 2019 को लोकसभा से जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले धारा 370 हटाने का अध्यादेश पास हुआ था। इसके विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे। एक साल पहले के ऐसे ही एक प्रदर्शन के वीडियो को हाल ही का बताकर शेयर किया जा रहा है।


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Fact Check: Did the people of Punjab protesting against the removal of Article 370 from Kashmir? This claim found fake in the investigation


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हरभजन के नाम सबसे ज्यादा 1249 डॉट बॉल का रिकॉर्ड, रैना आईपीएल में सबसे ज्यादा 5368 रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सीजन-13 से सुरेश रैना और हरभजन सिंह ने निजी कारणों से नाम वापस ले लिया है। वे महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) टीम के लिए खेलते हैं। उनके हटने से धोनी और 3 बार खिताब जीत चुकी चेन्नई टीम के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि दोनों आईपीएल के सबसे सफल खिलाड़ियों में से हैं।

ऑफ स्पिनर हरभजन के नाम आईपीएल में सबसे ज्यादा 1249 डॉट बॉल डालने का रिकॉर्ड दर्ज है। वहीं, सुरेश रैना टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 5368 रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। तीन नंबर पर रैना स्थिति के हिसाब से रनों की गति बढ़ाने की काबिलियत रखते हैं। जबकि, भज्जी विपक्षी टीम के न सिर्फ विकेट निकाल लेते हैं, बल्कि रन रेट पर भी काबू कर सकते हैं।

आईपीएल में दो ही बल्लेबाज 5 हजार से ज्यादा रन बना सके, रैना दूसरे खिलाड़ी
रैना ने यह रन 193 मैच में 33.34 की औसत से बनाए हैं। अब तक आईपीएल इतिहास में 5 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले दो ही बल्लेबाज हैं, जिनमें रैना दूसरे नंबर पर हैं। टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के कप्तान विराट कोहली ने 177 मैच में 5412 रन बनाए हैं।

रैना का स्ट्राइक रेट कोहली से बेहतर है। कोहली ने जहां 131.61 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। वहीं, रैना ने 137.14 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।

हरभजन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज
टर्बोनेटर कहे जाने वाले हरभजन ने आईपीएल के 160 मैच में 26.44 की औसत से 150 विकेट लिए हैं। इस मामले में वे तीसरे नंबर पर हैं। इस मामले में मुंबई इंडियंस के श्रीलंकाई गेंदबाज लसिथ मलिंगा टॉप पर हैं। उन्होंने 122 मैच में 170 विकेट लिए हैं।

वहीं, भज्जी का इकोनॉमी रेट मलिंगा से बेहतर है। मलिंगा ने जहां 7.14 के इकोनॉमी रेट से रन दिए हैं। वहीं, हरभजन का इकोनॉमी रेट 7.05 का रहा है।

भज्जी के बाद सेंटनर को ज्यादा मौके मिल सकते हैं
हरभजन के अलावा टीम के पास तीन स्पिनर हैं। इनमें दक्षिण अफ्रीका के लेग स्पिनर इमरान ताहिर, न्यूजीलैंड के लेफ्ट-हैंड मिशेल सेंटनर और भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला शामिल हैं। भज्जी के बाद सेंटनर को ज्यादा मौके मिल सकते हैं। उन्होंने लीग के सिर्फ चार ही मैच खेले हैं, जिसमें 4 ही विकेट लिए हैं। हालांकि, न्यूजीलैंड के लिए खेलते हुए उन्होंने 44 टी-20 इंटरनेशनल में 21.08 की औसत से 52 विकेट लिए हैं।

निचले क्रम में बेहतरीन बल्लेबाज भी हैं भज्जी
हरभजन ने टूर्नामेंट में 829 रन भी बनाए हैं। इस मामले में वे भले ही 80वें नंबर पर हों, लेकिन टीम के लिए निचले क्रम में 9वें या 10वें नंबर पर आकर इस तरह से रन बनाना टीम के लिए काफी अहम होते हैं।

रैना की गैरमौजूदगी में धोनी ऊपर बल्लेबाजी कर सकते हैं
रैना के नहीं रहने पर धोनी ऊपर बल्लेबाजी करने आ सकते हैं। इस स्थिति में उन्हें अपनी जगह नए फिनिशर की जरूरत होगी। ये जिम्मेदारी केदार जाधव पर आ सकती है। ऑलराउंडर सैम कुरेन और रवींद्र जडेजा का रोल भी बदल सकता है। वहीं, रैना के टीम से हटने के बाद टीम के मालिक एन श्रीनिवासन ने संकेत दिया है कि युवा ऋतुराज गायकवाड़ को रैना वाली भूमिका मिल सकती है।

गेंदबाज और फील्डर भी हैं रैना
एक गेंदबाज के रूप में रैना ने आईपीएल में कुल 25 विकेट लिए हैं। ये आंकड़ा भले ही कम दिखता हो, लेकिन बीच के ओवरों में रन गति रोकने और साझेदारी तोड़ने के लिए धोनी रैना का इस्तेमाल करते थे। साथ ही रैना बेहतरीन फील्डर भी हैं।



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IPL UAE 2020 MS Dhoni CSK Player Harbhajan Singh Vs Suresh Raina Record | Chennai Super Kings Vice-Captain Total Runs Vs Harbhajan Off-Spinner Wickets


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ग्लोबल टीचर अवॉर्ड की दौड़ में शामिल भारत के 2 शिक्षकों ने कहा- टीचर्स के लिए इनोवेशन बैंक बने, लड़कियां भी कम्प्यूटर कोडिंग सीखें

(अमित निरंजन/रमेश पवार). शिक्षा का नोबेल कहे जाने वाले ग्लोबल टीचर अवॉर्ड 2020 के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए 50 शिक्षकों में 3 भारतीय हैं। इनमें सोलापुर, महाराष्ट्र में सरकारी स्कूल टीचर रणजीत सिंह दिसाले, दिल्ली की कम्प्यूटर टीचर विनीता गर्ग और अजमेर के शुभोजीत पायने शामिल हैं। भास्कर ने रणजीत और विनीता से बातचीत की।

दिसाले चाहते हैं कि शिक्षकों के लिए इनोवेशन बैंक बने। वहीं, विनीता कहती हैं कि कोविड के बाद माता-पिता को पढ़ने-पढ़ाने के नए तरीके सीखने होंगे। बातचीत के प्रमुख अंश...

रणजीत सिंह दिसाले: इनकी बनाई क्यूआर कोड किताबों से लॉकडाउन में भी पढ़े बच्चे
महाराष्ट्र में सोलापुर के जिला परिषद परितेवाडी स्कूल में टीचर रणजीत सिंह दिसाले ने 2014 में किताबों के लिए क्यूआर कोड बनाया, जो आज एनसीईआरटी इस्तेमाल करता है। इन क्यूआर कोड वाली किताबों को बच्चे मोबाइल पर भी आसानी से पढ़ सकते हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने भी टीचर का आइडिया अपनाया

दिसाले का यह आइडिया 2015 में महाराष्ट्र सरकार ने भी अपनाया। इस सिस्टम की अहमियत लॉकडाउन में दिखाई दे रही है। उनका नया प्रोजेक्ट ग्रीन प्लैनेट है, जिसमें पेड़ों को बचाने के लिए वे सेंसर लगा रहे हैं। उनके लेट्स क्रॉस द बॉर्डर प्रोजेक्ट में 8 देशों के 16 हजार बच्चे मिलकर ‘पी कॉलम’ तैयार कर रहे हैं।

दिसाले टीचरों के लिए एक इनोवेशन बैंक की मांग करते हैं। उनका कहना है कि अगर किसी स्कूल में कोई इनोवेशन हो रहा हो, तो वह सिर्फ वहीं तक सीमित न रहे। इनोवेशन बैंक में उस मॉडल की डिटेल दर्ज हो, ताकि दूसरे भी सीख सकें।

विनीता गर्ग: संगीत से कम्प्यूटर कोडिंग सिखा रहीं हैं
दिल्ली के एसआर डीएवी पब्लिक स्कूल की टीचर विनीता गर्ग ने कम्प्यूटर कोडिंग जैसे जटिल विषय को भी सुर, लय और ताल से बांध दिया है। आधा दर्जन जिंगल्स और रैप के जरिए वे बच्चों को कोडिंग सिखाती हैं।

भास्कर से बातचीत में विनीता कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि ऐसे प्रावधान हों, जिसमें लड़कियां भी कोडिंग सीखने आएं। फिलहाल मैं अपने घर के आसपास कई लड़कियों को कम्प्यूटर की कोडिंग सिखाती हूं। लेकिन क्लास में उनकी संख्या काफी कम है।

पेरेंट्स को पढ़ाने के नए तरीके सीखने होंगे

कोरोना काल में पढ़ाई के बदले तरीके पर वे कहती हैं कि ये बच्चों के लिहाज से सबसे कठिन समय है। इस वक्त सबसे ज्यादा अहम रोल माता-पिता का है। उन्हें पढ़ने, पढ़ाने और समझाने के नए तरीके सीखने होंगे। इसी से बच्चों की पढ़ाई सही ट्रैक पर चल सकती है। वे कहती हैं कि कोडिंग को समझाने का मेरा तरीका पूरी तरह प्रायोगिक और व्यवहारिक हैं। इन्हें नई शिक्षा नीति में शामिल करना आसान है।



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महाराष्ट्र में सोलापुर के जिला परिषद परितेवाड़ी स्कूल में टीचर रणजीत सिंह दिसाले ने 2014 में किताबों के लिए क्यूआर कोड बनाया था, जिसे एनसीआरटी इस्तेमाल करता है।


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ट्रम्प ने कहा- मैंने अमेरिका को जंग से बचाया; उत्तर कोरिया के मामले में जो हुआ वह इसका सबसे बड़ा उदाहरण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया में एक भव्य रैली का आयोजन किया। यहां उन्होंने कहा- जब मैं डेमोक्रेट्स से रूस के बारे में बातें सुनता हूं, तो न्यूज बंद कर देता हूं। वे हमेशा कहते हैं कि ट्रम्प कट्टरपंथी है। वो हमें जंग की तरफ धकेल रहा है। सच्चाई ये है कि मैंने आपको जंग से बचाया। उत्तर कोरिया के मामले में क्या हुआ? मैंने किम जोंग उन से बातचीत की। यह सबसे बड़ा उदाहरण है।

ट्रम्प ने कहा कि अब मैं रूस के साथ हूं, तो आप ही बताइए ये अच्छी बात है या बुरी? मुझे लगता है कि यह अच्छी बात है। रैली में ट्रम्प ने बाइडेन के मास्क पहनने का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, उन्हें दिमागी दिक्कत है।

पेन्सिलवेनिया में ट्रम्प को सुनने के लिए उनके समर्थक काफी संख्या में मौजूद रहे।

बाइडेन ने जेकब ब्लेक के परिवार से मुलाकात की

डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन शुक्रवार को पुलिस द्वारा मारे गए अश्वेत जैकब ब्लेक के परिजनों से मिलने पहुंचे। विस्कॉन्सिन की बाइडेन की यह पहली यात्रा थी। उन्होंने ग्रेस लुथरान चर्च में अश्वेत समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात की।

विस्कॉन्सिन के ग्रेस लुथरान चर्च में अश्वेत समुदाय के लोगों से बात करते डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन।

हमारे पास देश का सदियों पुराना पाप धोने का मौका: बाइडेन

बाइडेन ने विस्कॉन्सिन रैली में कहा- हम ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां हमारे पास इस देश के सदियों पुराने पाप धोने का मौका है। अमेरिका को 400 साल से चली आ रही गुलामी से मुक्त करना होगा। इस दौरान उनके प्रचार का अंदाज ट्रम्प के अंदाज से बिल्कुल उलट नजर आया। जहां बाइडेन एक घंटे तक जैकब के परिवार के साथ रहे। वहीं, ट्रम्प ने जैकब का जिक्र तक नहीं किया।

विस्कॉन्सिन में अश्वेत समुदाय से लोगों से चर्चा करते जो बाइडेन।

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1. 74 साल के ट्रम्प के सामने 77 साल के बाइडेन; ट्रम्प कहते हैं कि बाइडेन डिमेंशिया से पीड़ित हैं, लेकिन खुद के मिनी स्ट्रोक्स को लेकर सवालों के घेरे में

2. ट्रम्प का गैरकानूनी सुझाव: कहा- नॉर्थ कैरोलिना के लोग दो बार वोटिंग करें, एक बार बैलेट से और दूसरी बार पोलिंग स्टेशन जाकर; इससे सिस्टम की जांच हो जाएगी



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डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को पेन्सिलवेनिया के लेट्राबो शहर में चुनावी रैली की। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से डेमोेक्रेट कैंडिडेड बाइडेन की सेहत का मुद्दा उठाया।


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