बुधवार, 22 जुलाई 2020

अमेरिका ने कहा- महामारी का इस्तेमाल चीन ने अपने पड़ोसियों को धमकाने में किया, हम उसकी हर हरकतों पर नजर रख रहे हैं

अमेरिका ने एक बार फिर चीन के खिलाफ बयान दिया है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा- ऐसे वक्त में जबकि दुनिया के देश महामारी से जूझ रहे हैं, चीन ने इसका नाजायज फायदा उठाया। उसने मुश्किल वक्त में अपने पड़ोसियों को धमकाया। पोम्पियो ने लद्दाख में भारत और चीन की सैन्य झड़प का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उनका इशारा इसी तरफ था।

ये वक्त तो मदद का था
पोम्पियो चीन के खिलाफ सहयोगी देशों को फिर से एकजुट करने की कोशिशों के तहत कई देशो की यात्रा पर निकले हैं। मंगलवार को वे लंदन में थे। वहां प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बातचीत की। बाद में मीडिया से बातचीत की। कहा- यह दुनिया के लिए मुश्किल वक्त है। इस वक्त में तो चीन को बाकी देशों की मदद के लिए आगे आना चाहिए था। लेकिन, उसने इसकाफायदा उठाने का साजिश रची, पड़ोसियों को धमकाया।

दक्षिण चीन सागर का भी जिक्र
साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने जापान और ऑस्ट्रेलिया के अलावा फिलीपींस और ताइवान की भी मदद की है। पोम्पियो ने कहा- हम चाहते हैं कि इस क्षेत्र में चीन ताकत का गलत इस्तेमाल करने से बाज आए। इसके लिए हम अपने सभी सहयोगियों से बातचीत कर रहे हैं। चीन को किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए।

चीन को हालात समझने चाहिए
पोम्पियो ने एक सवाल के जवाब में कहा- यह वक्त ऐसा है जब महामारी से हर देश परेशान है। क्या ऐसे में हर देश को साथ आने की जरूरत नहीं है। मैं चीन की तरफ से भी सहयोग चाहता हूं। लेकिन, वो इसका गलत फायदा उठाने की साजिशें रच रहा है। अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों का पालन उसे भी करना होगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि महामारी चीन से शुरू हुई और उसने दुनिया के सामने सच नहीं आने दिया। राष्ट्रपति ट्रम्प कह चुके हैं कि चीन की जवाबदेही तय की जाएगी।

चीन और अमेरिका से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. ट्रम्प ने कहा- चीन चाहता तो आराम से कोरोनावायरस रोक सकता था, उसने जानबूझकर इसे फैलने दिया
2.विदेश मंत्री पोम्पियो ने कहा- चीन के दावों का कोई आधार नहीं, दुनिया उसे वहां अपना जल साम्राज्य मानने की इजाजत नहीं देगी



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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की हर हरकत पर अमेरिका निगाह रख रखा है। पोम्पियो ने कहा कि महामारी के दौर में चीन को दुनिया का साथ देना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। (फाइल)


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जिम्बाब्वे ने कर्फ्यू लगाया, दो शहरों के बीच यात्रा और एक जगह पर 50 से ज्यादा लोगों के जुटने पर पाबंदी; दुनिया में 1.50 करोड़ संक्रमित

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 1 करोड़ 50 लाख 91 हजार 817 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 91 लाख 10 हजार 153 ठीक हो चुके हैं, जबकि 6 लाख 19 हजार 409 की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में अभी 63,785 मरीजों की हालत गंभीर है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।

जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सनमनांगाग्वा ने मंगलवार को देशभर में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया। यह नया नियम बुधवार से लागू हो जाएगा। सुरक्षाबल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक गश्त करेंगे और लोगों को घर बाहर निकलनेसे रोकेंगे। हालांकि, राशन और इलाज करवाने जैसे जरूरी कामों के लिए लोग घरों से निकल सकेंगे। दो शहरों के बीच लोग यात्रा नहीं कर सकेंगे। एक जगह पर 50 लोगों के जुटने पर भी पाबंदी होगी।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 40,28,569 1,44,953 18,86,583
ब्राजील 21,66,532 81,597 14,65,970
भारत 11,94,085 28,770 7,52,393
रूस 7,83,328 12,580 5,62,384
द.अफ्रीका 3,81,798 5,368 20,08,144
पेरू 3,62,087 13,579 2,48,786
मैक्सिको 3,56,255 40,400 2,27,165
चिली 3,34,683 8,677 3,06,816
स्पेन 3,13,274 28,424 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,95,817 45,422 उपलब्ध नहीं

ट्रम्प ने कहा- टेस्टिंग में हम पहले और भारत दूसरे नंबर पर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि टेस्टिंग के मामले में अमेरिका दुनिया में पहले नंबर पर और भारत दूसरे नंबर पर है। हम अब तक 5 करोड़ लोगों की जांच कर चुके हैं वहीं भारत ने 1.2 करोड़ लोगों की जांच की है। हमारे लिए एक-एक जान कीमती है। मैं उनके सम्मान में यह कसम लेता हूं कि हम जल्द वैक्सीन तैयार कर लेंगे और महामारी को हराएंगे हम इसे तैयार करने की दिशा में काफी अच्छा काम कर रहे हैं।

स्पेन: विकासशील देशों को फंड देगा

स्पेन विकासशील देशों को कोरोना से निपटने के लिए 1.7 बिलियन यूरो (करीब 1461 हजार करोड़ रु.) का फंड देगा। स्पेन के विदेश मंत्री अरांचा गोंजालेज ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्पेन को उम्मीद है कि इससे लोगों की जान बचेगी और पब्लिक हेल्थ सिस्टम में सुधार आएगा। स्पेन में अब तक 28 हजार 414 लोगों की संक्रमण से जान गई है।

स्पेन के बार्सिलोना में बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग करने के लिए कहा गया है। हालांकि, सोमवार को यहां के एक बीच पर सैंकड़ों लोग नजर आए।

अमेरिका: चीन के दो लोगों पर हैकिंग के आरोप

अमेरिका ने चीन के दो हैकर्स पर अमेरिका में कोरोना का वैक्सीन बना रही कंपनियों के कंप्यूटर्स हैक करने का मामला दर्ज किया है। यहां के कानून विभाग ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। विभाग के मुताबिक, चीन के दोनों लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियों के कंप्यूटर्स हैक करने की भीकोशिश कर रहे थे।

अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित मियामी बीच पर सोमवार की शाम गश्त करते पुलिसकर्मी। यहां बढ़ते मामलों को देखते हुए रात 8 बजे से कर्फ्यू लगाया गया है।

चीन: 14 नए मामले सामने आए
चीन के जिनजियांग राज्य में मंगलवार को 14 नए मामले सामने आए। इससे एक दिन पहले भी यहां 11 पॉजिटिव केस मिले थे। यहां के हेल्थ कमीशन के मुताबिक, नए मामलों में 9 लोग जिनजियांग के सुदूर इलाके के रहने वाले हैं। वहीं, पांच इंपोर्टेड केस हैं। यहां पिछले महीने संक्रमित मिलने के बाद टेस्टिंग तेज कर दी गई है।

चीन के जिनजियांग राज्य के एक टेस्टिंग सेंटर पर सोमवार को लोगों का सैंपल लेते स्वास्थ्यकर्मी।

कतर: इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू होंगी

कतर अगले महीने से विदेश की यात्रा करने से जुड़ी पाबंदियों में राहत देगा। यहां के लोगों को 1 अगस्त से दूसरे देश जाने और वहां से लौटने की इजाजत। वहीं, जो लोग दूसरे देशों में अब तक फंसे हैं वे भी कतर वापस आ सकेंगे। सरकार ने कहा है कि लो रिस्क वाले देशों से लौटने पर लोगों को अपना टेस्ट कराना और 7 दिन होम क्वारैंटाइन मेंरहना जरूरी होगा। अगर सफर से 48 घंटे पहले किसी मान्यता प्राप्त टेस्टिंग सेंटर ने किसी को संक्रमण मुक्त बताया है तो उसे टेस्टिंग नहीं कराने की छूट भी दी जाएगी।



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जिम्बाब्वे के हरारे में 6 जुलाई को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होने के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुई एक स्वास्थ्यकर्मी से पूछताछ करते पुलिसकर्मी। बीते एक सप्ताह में यहां हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।


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गोली लगने के तीसरे दिन मीडियाकर्मी ने दम तोड़ा; छेड़छाड़ की शिकायत करने पर बदमाशों ने सोमवार को हमला किया था

बदमाशों की फायरिंग में गंभीर रूप से घायल हुए पत्रकार विक्रम जोशी की बुधवार को मौत हो गई। सोमवार रात बदमाशों ने जोशीपर हमला किया था। इस मामले में अब तक 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लापरवाही के आरोप में प्रताप विहार चौकी के इंचार्ज राघवेंद्र सिंह को सस्पेंड किया जा चुका है।

जोशी ने अपनी भांजी से छेड़छाड़ की शिकायत पुलिस से की थी। परिजनों का आरोप है कि बदमाशों ने इसी बात का बदला लेने के लिए जोशी पर हमला कर दिया। इस मामले में पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की। जब तक मुख्य आरोपी नहीं पकड़ा जाता, तब तक शव नहीं लेंगे। जोशी सोमवार रात अपनी बेटियों के साथ बाइक से जा रहे थे। रास्ते में बदमाशों ने उन्हें रोककरमारपीट की और सिर में गोली मार दी।

उत्तर प्रदेश में जंगलराज: कांग्रेस
इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया- गाजियाबाद एनसीआर में है। यहां कानून व्यवस्था का ये आलम है तो आप पूरे यूपी के हाल का अंदाजा लगा लीजिए। एक पत्रकार को इसलिए गोली मार दी गई, क्योंकि उन्होंने भांजी से छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस में दी थी। इस जंगलराज में कोई भी आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?



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पत्रकार के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने सही समय पर कार्रवाई नहीं की। जब तक मुख्य आरोपी नहीं पकड़ा जाता तब तक शव नहीं लेंगे।


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पिछले 24 घंटे में 39172 मरीज बढ़े, देश में अब तक 11.94 लाख केस; आंध्रप्रदेश में 5 सितंबर से खुल सकते हैं स्कूल

देश में कोरोना मरीजों की संख्या 11 लाख 94 हजार 85 हो चुकी है। मंगलवार को लगातार चौथे दिन 35 हजार से ज्यादा केस बढ़े। पिछले 24 घंटे में 39 हजार 172 नए मरीज मिले। हालांकि, राहत की बात है कि 27 हजार 589 लोग ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज भी हो गए। ये एक दिन में अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इसके पहले 20 जुलाई को सर्वाधिक 24 हजार 303 लोग ठीक हुए थे। अब तक 7 लाख 52 हजार 393 लोग ठीक हो चुके हैं।ये सभी आंकड़े ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

उधर, आंध्रप्रदेश सरकार 5 सितंबर से स्कूल खोलने की योजना बना रही है। सरकार ने कहा कि आखिरी फैसला एक सितंबर के करीब लिया जाएगा। उस वक्त देखा जाएगा कि कोरोना से हालात कैसे हैं।



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प्रदर्शन का ये तरीका सही नहीं, पूर्व पार्षद ने खुद पहनी लाइफ जैकेट, पड़ोसियों के बच्चों को ऐसे ही नाव पर बैठाया

फोटो पंजाब केबठिंडा की है। सोमवार को बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया। लाइनपार एरिया में पानी भरने पर पूर्व पार्षद विजय कुमार ने गलततरीके से विरोध जताया। उन्होंने नाव निकाली व कुछ पड़ोसियों के बच्चों को बिठाया और गली में विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने खुद लाइफ जैकेट पहनी थी जबकि बच्चे बिना जैकेट के थे। ऐसे में हादसा हो सकता था। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन का मकसद प्रशासन व स्थानीय नेताओं को वादे याद दिलाना था। बच्चे उनके परिजनों के कहने पर ही बिठाए थे।

खुले आसमान तले जिंदगी गुजारने को मजबूर

फोटोबिहार के मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के चैनपुर की है। बाढ़ में घर खो चुकी नगीना देवी बीमार है। बचे कपड़े व कुछ बर्तन लिए खुले आसमान में तीन दिन से बेटे और गोतिनी के साथ नाव पर ही जिंदगी बीत रही है। कोई अस्पताल पहुंचाने वाला भी नहीं। प्रशासन की ओर से बाढ़ के समय बांध पर एंबुलेंस तैनात करने की घोषणा भी हवा-हवाई साबित हुई।

लहरों को मात दे अस्पताल पहुंची गर्भवती, बच्चे की मौत

छत्तीसगढ़ केबीजापुर जिले के गोरला गांव से गंज के सहारे नदी पार कर एक गर्भवती सुरक्षित प्रसव के लिए भोपालपटनम के सरकारी हास्पिटल पहुंची। महिला ने पानी की लहरों को तो मात दे दी लेकिन वह बिगड़े सिस्टम से नहीं लड़ पाई। जिस सरकारी हॉस्पिटल में वह बच्चे का जन्म देने पहुंची थी उस हास्पिटल में समय पर कोई स्टाफ ही नहीं मिला और बच्चे ने पेट में दम तोड़ दिया। अचानक बच्चे की मौत को लेकर परिजनों ने स्टाफ पर आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पटियाला में 24.6 एमएम बारिश, आज भी आसार

पंजाब के पटियाला मेंरविवार देर रात से ही रुक-रुक कर बारिश होती रही।इस कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बारिश से पहले रात में तेज आंधी आई थी, जिस कारण कई इलाकाें की लाइट चली गई। न्यूनतम तापमान में 4 और अधिकतम तापमान में 6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। दिन का अधिकतम तापमान 27.8 और न्यूनतम 23 डिग्री रहा। इस दाैरान जिले में 24.6 एमएम बारिश रिकाॅर्ड की गई। मौसम विभाग ने आज भी बारिश का अनुमान लगाया है।

पिछले 15 दिनों से बारिश थमी

विदिशा जिले मेंपिछले एक पखवाड़े सेमानसून जैसे लापता है। जबकि जिले में करीब 35 हजार हेक्टेयर में धान की फसल खड़ी हुई है। पानी से डूबे होने के बजाए धान के सूख चुके खेतों में दरारें पड़ गई हैं। जिले में कुल 41 सेमी बारिश हुई है। इसमें से पिछले 15 दिनों के दौरान में महज 2.5 सेमी बारिश ही हुई है।

मॉनसून मतलब नए पौधों का मौसम

फोटोचंडीगढ़ की है।मॉनसून मतलब नए पौधों का मौसम। यह ऐसा मौसम है, जब बिना लगाए भी पौधे उठ खड़े हो जाते हैं। रॉक गार्डन पत्थरों से बना है। यहां पेड़ भी कंक्रीट का बनाया गया है। लेकिन इसके साथ वाली दीवार में से कुछ पौधे इस तरीके से निकल आए हैं मानो ये इस कंक्रीट के पेड़ की टहनियां हों।

वन विभाग की रेस्क्यूटीम मौके पर पहुंची

फोटो मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले केबनखेड़ी की है। यहांमनकवाड़ा- बंदरझिला के बीच ओल नदी के पास मंगलवार शाम करीब 15 फीट लंबे अजगर ने बकरी को जिंदा निगल लिया। सूचना पर वन विभाग की रेस्क्यू टीममौके पर पहुंची। करीब 1 घंटे के प्रयास के बाद अजगर को पकड़ने में सफल हो सकी। बकरी किसी बंदरझिला निवासी व्यक्ति की बताई जा रही है। पकड़े गए अजगर को फतेहपुर के जंगल मे सुरक्षित छोड़ा जाएगा।

सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा आम

फोटो मध्यप्रदेश केशाजापुर जिले की है।शहरी क्षेत्रों में इन दिनों सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा आम हो गया है। इस कारण वाहन चालकों को दिक्कतें झेलना पड़ रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से शहर को जोड़ने वाली सड़कों पर सुबह व शाम के समय रास्ता ही बंद हो जाता है। मामूली बारिश हो जाने के बाद तो सारे मवेशी सड़कों पर ही खड़े हो जाते हैं। ऐसे में वाहन चालकों को सड़क से नीचे उतरते हुए यहां से निकलना पड़ता है।

दिल्ली- एनसीआर में बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार के लिए तो ऑरेंज अलर्ट जारी कर कहा है कि दिल्ली का मौसम दो-तीन दिन इसी तरह का बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली से लेकर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद समेत एनसीआर के अन्य शहरों में मंगलवार को ठीक ठाक बारिश हुई है।



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This method of demonstration is not right, former councilor himself wore a life jacket, seated the children of neighbors on a similar boat


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सोशल मीडिया पर जिसे आत्मनिर्भरता की मिसाल बता रहे हैं, वो छोले-कुलचे बेचने वाली उर्वशी कोरोना के चलते बेरोजगार हो गईं

कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने मुझे बर्बाद कर दिया है। पिछले तीन महीने से मैं घर में बैठी हूं। अपनी ख़ुद्दारी बचाए रखने के लिए मैंने सड़क किनारे छोले- कुलचे का ठेला लगाया था। आज एक बार फिर मैं वहींखड़ी हूं। ये शब्द उस महिला के हैं जिसे आजकल सोशल मीडिया पर आत्मनिर्भरता की मिसाल बनाकर पेश किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर उर्वशी की तारीफ हो रही है। उनकी आत्मनिर्भरता की कहानी को खूब शेयर किया जा रहा है।

महिला का नाम है- उर्वशी यादव। दिल्ली से सटे गुरुग्राम में अपने परिवार के साथ रहनेवाली उर्वशी के बारे में लिखा गया एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो चुका है। लोग उन्हें अदम्य साहस, आत्मनिर्भरता और ख़ुद्दारी की मिसाल बता रहे हैं। उन्हें एक कामयाब बिज़नेस वुमन बताया जा रहा है। आगे बढ़ने से पहले वायरल पोस्ट का ये हिस्सा पढ़िए -

‘शुरुआती दिनों में ही उर्वशी ने दिन में 2500 से 3000 रुकमाने शुरू कर दिए थे। आज उनके रेस्तरां में कई पकवान हैं पर उनके छोले-कुलचे लोगों के दिल और जुबां पर छाए हुए हैं। उर्वशी ने दुनिया को बताया कि अगर खुद पर विश्वास हो तो आप हर परिस्थिति से बाहर निकल सकते हैं।’

उर्वशी से जुड़ी दो अलग-अलग कहानियां हैं। एक वो जो खुद उर्वशी ने हमें बताईऔर दूसरी वो जो वायरल पोस्ट में कही जा रही है। दो अलग-अलग दावे हैं। एक ही इंसान के बारे में। जिस उर्वशी की कहानी को लाखों लोग कामयाबी की कहानी मान कर पढ़ रहे हैं। उनकी तारीफ कर रहे हैं और दूसरों को भी पढ़ा रहे हैं, आखिर वो आज किस हाल में हैं?

साल 2016 में उर्वशी के पति एक हादसे का शिकार हो गए। उसके बाद घर का खर्च चलाने के लिए उर्वशी ने छोले-कुलचे का ठेला लगाना शुरू किया।

उर्वशी कहती हैं, ‘ये सही बात है कि मैं सड़क किनारे छोले-कुलचे का ठेला लगाती थी। पति के साथ हुए एक हादसे के बाद मुझे ये करना पड़ा। इस काम के सहारे मैं अपना परिवार चला रही थी, लेकिन पहले नोटबंदी और अब लॉकडाउन ने मेरा काम चौपट कर दिया। नोटबंदी के बाद तो मैं किसी तरह से संभल गई थी, लेकिनलॉकडाउन से पार पाना तो मुश्किल लग रहा है।’

2004 में उर्वशी ने अपने साथ नौकरी कर रहे एक लड़के से प्रेम विवाह किया। जिंदगी ठीक से गुजर रही थी। पति एक रियल स्टेट कम्पनी में काम करते थे और उर्वशी खुद घर संभालती थीं।2016 में उनके पति के साथ एक हादसा हुआ, जिसके बाद वो दफ्तर नहीं जा सके। घर आने वाली आमदनी बंद हो गई। दवाई और इलाज का खर्च अलग होने लगा। इन हालातके चलते उर्वशी ने अपने घर के पास ही ठेले पर छोले-कुलचे बेचना शुरू किया। वो कहती हैं, 'शुरू में तो मुझे कुछ समझ नहीं आया। पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।'

उर्वशी ने बताया कि कोरोना से पहले मैं एक दिन में तीन हजार रुपए तक कमा लेती थी, लेकिन लॉकडाउन ने मेरा सबकुछ तबाह कर दिया। अब फिर से मैंने ठेला लगाना शुरू किया है।

वो बताती हैं कि मुझे खाना बनाना पसंद है और इसी वजह से मैंने छोले-कुलचे का ठेला लगाने का फैसला लिया। काम धीरे-धीरे ही सही लेकिन चल पड़ा। मैं एक दिन में तीन हजार रुपए तक कमाने लगी थी। एक जगह लेकर रेस्तरां भी खोला। आसपास जितने भी रेस्तरां थे, उन सब के पास शराब पिलाने का लाइसेंस था। कायदे से मुझे भी ये लाइसेंस लेना चाहिए था, लेकिन मैंने नहीं लिया और इस वजह से उसे बंद करना पड़ा।’

इसके बाद उर्वशी फिर ठेला लगाने लगीं। हालांकि, उनके पास काफी सारे ऑर्डर आ रहे थे और काम भी अच्छा चल रहा था। लेकिन, फिर अचानक मार्च में कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में उन्हें अपना ठेला बंद करना पड़ा। उर्वशी कहती हैं, 'हारना होता तो बहुत पहले ही हार गई होती। हां, एक बार फिर वहीं खड़ी हूं जहां से शुरू किया था।' वो बताती हैं कि अब घर में रहकर ही फ़ूड ब्लॉगिंग करने की सोच रही हूं।

उर्वशी अकेली नहीं हैं, जिन्हें लॉकडाउन की वजह से नुकसान हुआ है। कंफेड्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, लॉकडाउन के शुरुआती 40 दिनों में ही छोटे व्यापारी और दुकानदारों को 5.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। लॉकडाउन की वजह से देशभर में 7 करोड़ व्यापारियों, दुकानदारों की दुकानें, प्रतिष्ठान बंद रहे और बिक्री नहीं हुई, इसलिए यह नुकसान हुआ। इसका असर ये हुआ है 20% छोटे व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान या दुकान हमेशा के लिए बंद करने पड़ सकते हैं।

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1.पांच साल पहले अमेरिका की नौकरी छोड़कर गांव में डेयरी खोली, ऑर्गेनिक दूध के उत्पादन से सालाना 15 लाख रु. की हो रही कमाई



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गुरुग्राम (गुड़गांव) की रहने वाली उर्वशी घर का खर्च चलाने के लिए छोले-कूलचे का ठेला लगाती थीं। अच्छी आमदनी भी होती थी, लेकिन कोरोना ने सबकुछ चौपट कर दिया।


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देश के तीन राज्यों में सीबीआई को जांच करने की इजाजत नहीं, इनमें दो कांग्रेस और एक जगह तृणमूल कांग्रेस की सरकार

राजस्थान सरकार ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) को राज्य में जांच की दी गई अनुमति यानी जनरल कन्सेंट वापस ले लिया है। अब सीबीआई को राज्य में किसी भी जांच से पहले सरकार की इजाजत लेनी होगी।

दरअसल, राजस्थान में एक ऑडियो सामने आया है। दावा है कि इसमें गहलोत सरकार को गिराने के लिए सौदेबाजी की बातें की जा रही हैं। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह सरकार गिराने की साजिश कर रही है और विधायकों की खरीद- फरोख्त कर रही है।

ऑडियो में कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज होने का आरोप है। इस मामले पर भाजपा ने हाल ही में सीबीआई जांच की मांग की थी। और अब राजस्थान सरकार ने सीबीआई से जनरल कन्सेंट वापस ले लिया है।

राजस्थान सरकार ने सोमवार को सीबीआई से जनरल कन्सेंट वापस ले लिया।

देश में तीन राज्यों में सीबीआई जांच की अनुमति नहीं है। यानी यहां की सरकारों ने सीबीआई को राज्य की तरफ से दिया जाने वाला जनरल कन्सेंट वापस ले लिया है। ये राज्य हैं - छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और अब राजस्थान।

सीबीआई को केस कैसे मिलता है
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत सीबीआई सिर्फ केंद्र शासित प्रदेशों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है। राज्यों में जांच शुरू करने से पहले सीबीआई को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है।

सीबीआई को चार तरह से केस दिया जा सकता है

  1. केंद्र सरकार खुद सीबीआई जांच का आदेश दे।
  2. हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को जांच के आदेश दे तो।
  3. राज्य सरकार केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश करे।
  4. किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो। इस केस को भी सरकार ही तय करती है।

कौन- कौन राज्य सीबीआई से जनरल कन्सेंट वापस ले चुके हैं

छत्तीसगढ़ ने 2019 में सीबीआई सेजनरल कन्सेंट वापस ले लिया था। भूपेश बघेल ने केंद्र की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ः भूपेश बघेल की सरकार ने 2019मेंजनरल कन्सेंट वापस लिया
छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला और राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी। इसके कुछ ही दिन बाद सरकार ने जनवरी 2019 में राज्य में सीबीआई जांच पर रोक लगा दिया। यानी बिना सरकार की अनुमति के सीबीआई की एंट्री राज्य में किसी भी तरह की जांच में नहीं होगी।

तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि एनडीए सरकार में सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है। राज्य के अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। इसलिए हमें यह फैसला लेना पड़ा।

छत्तीसगढ़ ने 2001 में राज्य में सीबीआई को जांच की अनुमति दी थी। तब से लेकर 2018 तक सीबीआई ने राज्य के कई बड़े मामलों की जांच की। जिनमें रामावतार जग्गी हत्याकांड, बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और गरियाबंद के छुरा के उमेश राजपूत हत्या, एसईसीएल कोल घोटाला, आईएएस बीएल अग्रवाल रिश्वत कांड, भिलाई का मैगनीज कांड और कथित सीडी कांड शामिल है।

पिछले साल केंद्र सरकार और ममता बनर्जी के बीच तकरार देखने को मिली थी। इसके बाद सिंतबर 2019 में उन्होंने सीबीआई से जनरल कन्सेंट वापस ले लिया।

पश्चिम बंगालः केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार के बाद ममता बनर्जी ने लिया फैसला
पिछले साल सितंबर में पश्चिम बंगाल ने राज्य में सीबीआई जांच की दी गई अनुमति को वापस ले लिया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। दरअसल, चिट फंड घोटाले की जांच को लेकर पश्चिम बंगाल में केंद्र और राज्य सरकार के बीच काफी तकरार हुआ था।

सीबीआई और बंगाल पुलिस आमने सामने आ गई थी, जिसके बाद सीबीआई के अधिकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था। तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं थी। इसके बाद पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। इससे पहले पश्चिम बंगाल ने 1989 में सीबीआई को राज्य में जांच की अनुमति दी थी।

2018 में आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने सीबीआई जांच को दी गई सामान्य सहमति से वापस ले लिया था।

आंध्र प्रदेशः एनडीए से अलग होने के बादचंद्र बाबू नायडू नेजनरल कन्सेंट वापस लिया
साल 2018 में आंध्र प्रदेशमें चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने सीबीआई जांच को दी गई सामान्य सहमति को वापस ले लिया था। केंद्र की एनडीए के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद नायडू ने यह फैसला लिया था। तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि आंध्र में नायडू ने अपने राज्य में सीबीआई को न आने देने का फैसला करके सही काम किया है। हालांकि, यह रोक ज्यादा दिन नहीं रह सका। पिछले साल मुख्यमंत्री जगमोहन रेड्डी ने फिर से सीबीआई को राज्य में जांच की अनुमति दे दी।

1998 में तत्कालीन सीएम जेएच पटेल ने कर्नाटक में सीबीआई के सीधे जांच पर रोक लगा दी थी।

कर्नाटकः 8 साल तकनहीं दियाजनरल कन्सेंट
दिसंबर 1998 में कर्नाटक ने सीबीआई जांच को दी गई सामान्य सहमति वापस ले लिया था। तब राज्य में जनता दल की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे जेएच पटेल। उसके कुछ दिन बाद ही कांग्रेस की सरकार बनी और एसएम कृष्णा मुख्यमंत्री बने। लेकिन, उस सरकार ने भी सीबीआई को अनुमति नहीं दी।

इसके बाद आठ साल तक कर्नाटक सरकार ने सीबीआई को यह सहमति नहीं दी। इसके साथ ही नागालैंड, सिक्किम और मिजोरम जैसे राज्य भी पहले सीबीआई जांच की अनुमति वापस ले चुके हैं। हालांकि, अभी इन राज्यों में सीबीआई जांच की अनुमति है।

जिन बड़े मामलों की जांच सीबीआई कर चुकी है
सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है। यह कई बड़े मामलों की जांच कर चुकी है। जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस, आरुषि हत्याकांड, शारदा चिट फंड घोटाला, मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड, इशरत जहां एनकाउंटर केस शामिल हैं।

सीबीआई के पास 1200 केस पेंडिंग
केंद्र सरकार के 2017 के आंकड़े के मुताबिक, लगभग 1200 केस अभी सीबीआई में पेंडिंग हैं। जून 2014 से जून 2017 के बीच सीबीआई को 791 केस मिले। यानी औसतन 263 केस हर साल मिले। इसमें 2014 में 207, 2015 में 326, 2016 में 151 और जनवरी से जून 2017 के बीच 107 केस सीबीआई को दिए गए।

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CBI is not allowed to investigate in chhattisgarh, Rajasthan, West Bengal


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एक-दूसरे को मारने लगे भूखे ध्रुवीय भालू सिर्फ किताबों और किस्सों में बचेंगे, 2040 तक इनकी प्रजनन क्षमता खत्म होने लगेगी

अगर ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जारी रहा तो इस सदी के अंत तक अधिकतर ध्रुवीय भालू (पोलर बीयर)विलुप्त हो जाएंगे। यह दावा नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशितएक अध्ययन में किया गया है। 2100 तक कुछ ही पोलर बीयरकनाडा के क्वीन एलिजाबेथ द्वीपसमूह में बचेंगे। शोध के मुताबिक, 2040 की शुरुआत में कई पोलर बीयर की प्रजनन क्षमता खत्म होने लगेगी। इसके बादइनके लुप्त होने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

शोधकर्ताओं ने पोलर बीयर की 19 में से उन 13 प्रजातियों का अध्ययन किया है।

19 में से 13 प्रजातियों पर अध्ययन किया
रिसर्च के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पोलर बीयर की 19 में से उन 13 प्रजातियों का अध्ययन किया है, जिनकी दुनियाभर में जनसंख्या का 80 फीसदी तक है। रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने कनाडाई आर्कटिक इलाके के द्वीप समूहों के पोलर बीयर्स को छोड़ दिया है। इसकी वजह यह है कि यहां के भौगोलिक इलाके में इनकाअनुमान लगाना बेहद मुश्किल है।

हाल ही में भूख से तड़पते और कंकाल जैसे दिखते पोलर बीयर की तस्वीरें वायरल हुई थीं

दुनियाभर में 19 प्रजातियां के 26,000 पोलर बीयर्स
दुनियाभर में इनकी 19 प्रजातियां के 26,000 पोलर बीयर्स हैं। ये नार्वे से लेकर कनाडा और साइबेरिया में तक पाए जाते हैं। पोलर बियर्स भोजन के लिए मछलियों पर निर्भर रहते हैं। ये बर्फ के गड्ढे में मिलने वाली मछलियों को पकड़कर खाते हैं। कई बार इन्हें भोजन खोजने में कई दिन लग जाते हैं। हाल ही में भूख से तड़पते और कंकाल जैसे दिखते पोलर बीयर की तस्वीरें वायरल हुई थीं।

शोधकर्ताओं का दावा है कि जैसा हमने अंदाज लगाया था, इनके प्रजनन में होने वाली गिरावट वैसी ही है।

इसलिए घट रही इनकी जनसंख्या
जैसे-जैसे ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है ग्लेशियरों कीबर्फ पिघलती जा रही है। इनकी घटती संख्या के पीछे यह सबसे बड़ा कारण है। शोधकर्ताओं का दावा है कि जैसा हमने अंदाज लगाया था, इनके प्रजनन में होने वाली गिरावट वैसी ही है। एक वक्त ऐसा आएगा जब इन्हें लम्बे समय तक भोजन नहीं मिल पाएगा और ये प्रजनन के लायक नहीं बचेंगे।

ऐसी स्थिति लगातार रही तो इनका शरीर कमजोर हो जाएगा और यह प्रजनन करने लायक नहीं बचेंगे।

ग्रीनहाउस गैस पर लगाम लगना जरूरी
अगर ग्रीनहाउस गैसों पर लगाम नहीं लगाई तो 2080 तक अलास्का और रूस के सारे भालूखत्म होने शुरू हो जाएंगे। 2100 तक पूरी दुनियामें इनकी आबादी खत्म हो सकती है। ये लम्बे समय तक भूखे जिंदा रह तो सकते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति लगातार रही तो इनका शरीर कमजोर हो जाएगा और प्रजनन करने लायक नहीं बचेंगे।

रूसी वैज्ञानिकों ने अपने शोध में दावा किया है कि पोलर बियर नरभक्षी हो रहे हैं।

नरभक्षी हो रहे हैं पोलर बीयर
जलवायु परिवर्तन और मानवीय दखल ध्रुवीय भालुओं के व्यवहार में भी बदलाव ला रहा है। रूसी वैज्ञानिकों ने अपने शोध में दावा किया है, ये भालूनरभक्षी हो रहे हैं। वे भोजन की तलाश में लंबी-लंबी दूरी तय मनुष्यों के संपर्क में आ रहे हैं। इतना ही नहीं घटते भोजन स्रोतों के चलते वे एक-दूसरे कोमार भीरहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा निशाना बच्चों वाली मादाओं को बनाया जा रहा है।

भालुओं में खाने की कमी से आपसी लड़ाई भी बढ़ी है, जो दोनों में से किसी एक की जान ले लेती है।

खाने की कमी से बढ़ रही लड़ाई

शोधकर्तामॉर्डविंटसेव के मुताबिक, ध्रुवीय भालुओं के नरभक्षी होने के मामले काफी लंबे समय से ज्ञात हैं, लेकिन हमें चिंता है कि ऐसे मामले बहुत कम होने चाहिए, जबकि अब अक्सर मामले रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। इसके अलावा भालुओं में खाने की कमी से आपसी लड़ाई भी बढ़ी है, जो दोनों में से किसी एक की जान ले लेती हैं। आकार और ताकत में बड़े भालू अक्सर बच्चों वाली मादाओं को निशाना बना रहे हैं। बड़े भालुओं का बच्चों को मार कर खाना दूसरे शिकार को करने से ज्यादा आसान है।

जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक में बर्फ 40% तक पिघल गई है। इससे ध्रुवीय भालुओं के भोजन स्रोत तेजी से घटे हैं।

आर्कटिक में 25 साल में 40% बर्फ पिघली

पिछले 25 सालों के दौरान हुए जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक में बर्फ 40% तक पिघल गई है। इससे ध्रुवीय भालुओं के भोजन स्रोत तेजी से घटे हैं। भालू बर्फ के नीचे पानी में तैरती सील मछली का शिकार में करते हैं। मॉर्डविंटसेव ने बताया, इस बार की सर्दियों में भालुओं को रूस स्थित ओबी की खाड़ी से लेकर बेरेंट्स सागर तक शिकार करते देखा गया। यह मार्ग एलएनजी (लिक्वफीड नेचुरल गैस) प्लांट से गैस लाने वाले समुद्री जहाजों का व्यस्त रूट है।

खाना छिपाने का यह व्यवहार भूरे भालुओं में पाया जाता है, जो 5 लाख साल पहले पोलर बियर से विकसित होकर अस्तित्व में आए थे।

खाना जमा करने लगे धुव्रीय भालू

इसी साल फरवरी मेंप्रकाशित हुए एक अन्य शोध में पाया गया, भालू अपने जैसे बड़े शिकार के शवों को बर्फ और मिट्‌टी के नीचे दबा रहे हैं, ताकि बाद में जरूरत पड़ने उसे निकालकर खाया जा सके। वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया को कैशिंग कहा है। खाना छिपाने का यह व्यवहार भूरे भालुओं में पाया जाता है, जो 5 लाख साल पहले पोलर बियर से विकसित होकर अस्तित्व में आए थे।

जलवायु परिवर्तन से तापमान बढ़ रहा है। इससे बर्फ पिघल रही है, जिससे भालुओं के लिए नई चुनौतियां खड़ी हैं।

एक चुनौती ये भी

जीवाश्म ईंधन की खोज के लिए कंपनियों तेजी से धुव्रीय क्षेत्रों का रुख कर रही हैं। इससे ध्रुवीय भालुओं का आवास क्षेत्र सिकुड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन से तापमान बढ़ रहा है। इससे बर्फ पिघल रही है, जिससे भालुओं के लिए नई चुनौतियां खड़ी हैं।

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जीवाश्म ईंधन की खोज के लिए कंपनियों तेजी से धुव्रीय क्षेत्रों का रुख कर रही हैं। इससे ध्रुवीय भालुओं का आवास क्षेत्र सिकुड़ रहा है।


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पोलैंड के स्टूडेंट्स ने दी बाबूजी हरिवंश राय बच्चन की 'मधुशाला' को आवाज, वीडियो शेयर कर बिग बी ने लिखा- मेरे आंसू बह निकले

महानायक अमिताभ बच्चन 11 दिन से नानावटी हॉस्पिटल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। बावजूद इसके वे सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं। मंगलवार शाम बिग बी ने यूनेस्को द्वारा सिटी ऑफ लिट्रेचर का दर्जा प्राप्त पोलैंड के व्रोकलॉ शहर का एक वीडियो साझा किया, जिसमें यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट उनके बाबूजी डॉ. हरिवंश राय बच्चन की फेमस रचना मधुशाला गाते दिखाई दे रहे हैं। बिग बी की मानें तो वे इस वीडियो को देखने के बाद इतने इमोशनल हो गए कि अपने आंसू नहीं रोक पाए।

अमिताभ ने लिखा- मेरे आंसू बह निकले

अमिताभ ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "मेरे आंसू बह निकले। व्रोकलॉ, पोलैंड को यूनेस्को सिटी ऑफ लिट्रेचर से सम्मानित किया गया था। आज उन्होंने यूनिवर्सिटी की छत पर स्टूडेंट द्वारा बाबूजी की मधुशाला का गायन करवाया। उन्होंने संदेश दिया है कि व्रोकलॉ डॉ. हरिवंश राय बच्चन का शहर है।"

क्या है सिटी ऑफ लिट्रेचर सम्मान

सिटी ऑफ लिट्रेचर यूनेस्को के व्यापक 'क्रिएटिव सिटी नेटवर्क' के 7 क्रिएटिव फील्ड में से एकहै। 2004 में यह नेटवर्क लॉन्च किया गया था। लिट्रेचर के अलावा इस नेटवर्क में दूसरे क्रिएटिव फील्ड क्राफ्ट और फोक आर्ट्स, डिजाइन, फिल्म, गैस्ट्रोनॉमी, मीडिया आर्ट्स और म्यूजिक हैं। सिटी ऑफ लिट्रेचर में शामिल होने के लिए शहर को यूनेस्को के क्राइटेरिया पर फिट बैठना होता है। व्रोकलॉ को 2019 में यह सम्मान दिया गया गया।

अस्पताल मे बाबूजी को बहुत याद कर रहे बिग बी

अस्पताल में अमिताभ बच्चन बाबूजी को बहुत याद कर रहे हैं और उनकी कविताएं भी सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। रविवार को उन्होंने ऐसी ही एक कविता उन डॉक्टर्स को समर्पित की थी, जो कोरोना से संक्रमित बच्चन परिवार का इलाज कर रहे हैं।

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1.वॉट्सऐप पर अमिताभ को नानावटी का डायरेक्टर और उनकी बीमारी को प्रचार बताया जा रहा, पड़ताल में झूठी निकली सारी बातें



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Amitabh Bachchan gets emotional after watching recitation of father Harivansh Rai Bachchan's 'Madhushala' by students


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चांद का 60% ध्रुवीय क्षेत्र खंगाल चुका चंद्रयान-2, एक साल में बता पाएंगे चांद पर कहां-कितना पानी; गगनयान की लॉन्चिंग समय से पहले: के सिवन

चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग, विक्रम लैंडर का क्रैश... इन सभी बातों को 22 जुलाई को एक साल पूरा हो गया। अब चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चांद के 60% ध्रुवीय क्षेत्र को कवर कर लिया है। इससे मिले डेटा के आधार पर अगले एक साल में भारत यह अनुमान लगाने की स्थिति में होगा कि चांद पर कहां-कितना पानी है। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में इसरो चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कई नई जानकारी दी। उनसे बातचीत के प्रमुख अंश...

सवाल: चांद पर पानी का पता तो पहले ही था, फिर अब हमारी उपलब्धि क्या मानी जाएगी?
जवाब: पहली बार चंद्रयान-2 में डुअल फ्रीक्वेंसिंग बैंड पॉलरिमेट्रिक राडार भेजा गया था। इससे सतह से चार मीटर गहराई तक डेटा हासिल किया जा सकता है। दुनिया में अब तक किसी ने ऐसा नहीं किया। डेटा के जरिए हम एक साल में यह अनुमान लगाने में सफल हो जाएंगे कि चांद पर कहां कितना पानी है। इसरो से बाहर देश के कम से कम 40 विश्वविद्यालय व संस्थानों के 60 से अधिक भारतीय विज्ञानी यह काम कर रहे हैं।

सवाल:क्या ऑर्बिटर अपना काम पूरा कर चुका है?
जवाब: ऑर्बिटर अभी कई वर्षों तक परिक्रमा करेगा। इसमें लगे 8 उपकरण अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मिनरल मैपिंग, चंद्रमा की सतह के एलीवेशन मॉडल का काम चल रहा है। एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर ने एल्युमिनियम व कैल्शियम के स्पष्ट स्पेक्ट्रल सिग्नेचर भेजे हैं। कुछ मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम, सोडियम, टाइटेनियम, सिलिकॉन के भी संकेत मिले हैं। लेकिन मिनरल कितनी मात्रा में हैं यह निष्कर्ष आने में वक्त लगेगा।

सवाल:कोरोना का असर स्पेस मिशन पर भी पड़ा है?
जवाब: सरकार ने सभी विभागों से कहा कि वे अपने खर्चे घटाकर 60% तक ले आएं। अब किसी बजट को खारिज या खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन प्राथमिकताएं तय करनी पड़ीं।

सवाल:क्या गगनयान प्रोजेक्ट में भी देरी होगी?
जवाब: गगनयान हमारी प्राथमिकता है। इसके डिजाइन का काम पूरा हुआ ही था कि लॉकडाउन हो गया। हमारी गतिविधियां धीमी पड़ गईं। हम उद्योगों के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। फर्स्ट अनमैन्ड फ्लाइट से पहले हमें इंजन टेस्ट समेत कई परीक्षण करने थे। लेकिन कोई भी काम नहीं हो सका है, इसलिए इस साल दिसंबर में तय की गई पहली अनमैन्ड फ्लाइट स्थगित कर दी गई है। अभी उम्मीद है कि हम गगनयान के अगस्त, 2022 से पहले फाइनल फ्लाइट के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे।

सवाल:अभी इसरो में काम कैसे हो रहा है?
जवाब: मार्च में जीसैट-1 की लॉन्चिंग रद्द होने के बाद इसके सैटेलाइट व रॉकेट दोनों को सेफ मोड में रखा गया है। तीन और सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए तैयार हैं। लेकिन अभी लॉन्चिंग संभव नहीं है। इसके लिए लोगों को तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरू से श्रीहरिकोटा आना पड़ता है। हार्डवेयर भी विभिन्न हिस्सों से लाया जाता है। उद्योग बंद हैं, रॉकेट-सैटेलाइट के कलपुर्जे उपलब्ध नहीं हैं। इसरो को जो नया फैब्रिकेशन चाहिए, उसमें समय लगेगा। इसलिए अभी ये नहीं पता कि स्थिति कब सामान्य हो पाएगी।

इसरो का फोकस रिसर्च पर, ऑपरेशनल मिशन एनएसआईएल करेगा

इसरो प्रमुख ने कहा कि न्यू स्पेस इंडिया लि. (एनएसआईएल) के गठन के जरिए सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है। ऑपरेशनल, कमर्शियल मिशन अब एनएसआईएल को करने हैं। इसरो को रिसर्च एंड डेवलेपमेंट पर फोकस करना है।



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इसरो प्रमुख के.सिवन ने कहा कि न्यू स्पेस इंडिया लि. (एनएसआईएल) के गठन के जरिए सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है। -फाइल फोटो


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एलन मस्क बोले- अब हेडफोन की जरूरत नहीं, नई ब्रेन चिप से संगीत सीधे दिमाग तक पहुंचेगा, डिप्रेशन से भी दिलाएगी छुटकारा

दुनिया की मशहूर कंपनियों में से एक टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की न्यूरालिंक ब्रेन इम्प्लांट तकनीक सफल हो जाती है, तो दुनिया से हेडफोन जैसी चीज खत्म हो जाएगी। एलन मस्क एक प्रोजेक्ट को फंड कर रहे हैं जिसका नाम है-न्यूरालिंक। इसके तहत एक ऐसा कम्प्यूटर बनाया जा रहा है, जो एक छोटे से चिप के बराबर होगा। इसे इंसान के दिमाग में इम्प्लांट किया जाएगा।

जाने-माने कम्प्यूटर वैज्ञानिक ऑस्टिन हॉवर्ड से ट्विटर पर बातचीत के दौरान मस्क ने दावा किया कि कंपनी द्वारा बनाई गई यह डिवाइस संगीत को सीधे दिमाग तक पहुंचा देगी। यह डिवाइस किसी भी प्रकार की लत और डिप्रेशन से छुटकारा दिलाने में भी मददगार साबित होगी।

28 अगस्त को कंपनी के एक समारोह मेंइसे लॉन्च किया जा सकता है

एक इंच की इस चिप को सर्जरी कर इम्प्लांट किया जा सकता है। 28 अगस्त को कंपनी के एक समारोह मेंइसे लॉन्च किया जा सकता है।एलन मस्क ने 2016 में न्यूरालिंक नामक प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। इसके तहत अत्यंत बारीक और लचीले थ्रेड्स डिजाइन किए गए हैं, जो इंसान के बाल की तुलना में दस गुना पतले हैं और इसे सीधे दिमाग में इम्प्लांट किया जा सकता है।

यह चिप हजारों माइक्रोस्कोपिक थ्रेड से जुड़ी होगी। मस्क ने दावा किया कि इस ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी की मदद से कई तरह की न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का इलाज आसानी से किया जा सकता है। साथ ही यह डिवाइस लकवाग्रस्त और रीढ़ की चोट के इलाज के लिए वरदान साबित होगी।

इसका इंसानी परीक्षण अंतिम दौर में है

ट्विटर यूजर प्रणय पथोले ने पूछा कि क्या न्यूरालिंक का इस्तेमाल दिमाग के उस हिस्से को फिर से प्रशिक्षित करने के लिए किया जा सकता है, जो किसी भी तरह के व्यसन या डिप्रेशन पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, मस्क ने कहा- हां, बिल्कुल। साथ ही इस तकनीक को अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। बंदरों और चूहों पर सफल परीक्षण के बाद इसका इंसानी परीक्षण अंतिम दौर में है।

कान के पीछे से कनेक्ट होगी चिप, स्मार्टफोन पर जानकारी ले सकेंगे
न्यूरालिंक टेक्नोलॉजी इंसानों के दिमाग में ‘अल्ट्रा थिन थ्रेड्स’ के जरिए इलेक्ट्रॉड्स इम्प्लांट करने से संबंधित है। ये इंसान के दिमाग की स्किन में चिप और थ्रेड्स के जरिए कनेक्टेड होंगे। ये चिप रिमूवेबल पॉड से लिंक्ड होंगे, जिन्हें कानों के पीछे फिट किया जाएगा और बिना तार के दूसरे डिवाइस से कनेक्ट किया जाएगा। इसके जरिए दिमाग के अंदर की जानकारी सीधे स्मार्टफोन या फिर कम्प्यूटर में दर्ज होगी।



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जाने-माने कम्प्यूटर वैज्ञानिक ऑस्टिन हॉवर्ड से ट्विटर पर बातचीत के दौरान मस्क ने दावा किया कि कंपनी द्वारा बनाई गई यह डिवाइस संगीत को सीधे दिमाग तक पहुंचा देगी। -प्रतीकात्मक फोटो


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