बुधवार, 14 अक्टूबर 2020

दरिंदों ने नोंचा-खसोटा, थक गए तो बच्ची की सांस रुकने तक पत्थरों से सिर कुचलते रहे; अब 17 महीने बाद सीबीआई जांच के आदेश

12 साल की मासूम कनु अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन मां ने उससे जुड़ी हर एक चीज को संभाल कर रखा है। उसके स्कूल सर्टिफिकेट्स, फर्स्ट बर्थडे में पहनी गई फ्रॉक, उसके फोटोज की एलबम.. हर चीज संजोकर रखी है अपने हाथों से। वो कभी इन तस्वीरों को सीने से लगाकर चूमने लगती हैं, तो कभी फफक- फफककर रोने लगती हैं। कहती हैं, ‘इन चीजों की अब कोई जरूरत तो नहीं है। सबसे अनमोल चीज मेरी बच्ची थी, अब वही नहीं रही।’ लेकिन जीने का इकलौता सहारा भी तो उसकी यादें ही हैं, इसलिए संभाल कर रखा हैं।

कनु घर की दीवारों पर लगी तस्वीरों में आज भी खिलखिला रही है। उसके मां-पिता बेटी को देवी मानने लगे हैं। इसीलिए उसकी दो तस्वीरों को घर की छत पर एक कमरे में बने मंदिर के ऊपर लगाई गई हैं, जिन पर देवी की चुनरी ओढ़ाकर टीका किया गया है। मासूम के पिता सुधाकर उस कमरे में पहुंचे तो फफक पड़े। उनका गला रूंध गया और वह एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे थे। उन्होंने हाथ से बेटी की तस्वीर की तरफ इशारा किया। जितनी देर हम कमरे में रहे वो सिसकते रहे।

भोपाल के मनुआभान की टेकरी में 30 अप्रैल 2019 की शाम को दो दरिंदों ने मिलकर मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, उसे नोंचा-खसोटा और इसके बाद पत्थरों से सिर कुचल डाला, जब तक कि उसकी सांसों की डोर टूट नहीं गई। इसके बाद दरिंदों ने मासूम के खून से लथपथ शव को 100 फीट नीचे गहरी गुफा में झाड़ियों के बीच छिपा दिया था, जिससे शव को खोजा भी न जा सके।

इस दिल दहला देने वाली घटना के 17 महीने बाद भी माता-पिता को बेटी के लिए न्याय का इंतजार है। पुलिस की जांच पर सवाल उठाने वाले माता और पिता ने डेढ़ साल तक हिम्मत नहीं हारी। वह अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए दिन रात दौड़े, अन्याय के खिलाफ धरने पर बैठे, मुख्यमंत्री से मिले। बेटी के साथ दरिंदगी करने वालों को सजा दिलाने के लिए सीबीआई जांच की मांग करते रहे। डेढ़ साल बाद सरकार जागी और 6 अक्टूबर को शिवराज सरकार ने गैंगरेप केस की जांच सीबीआई को सौंप दी।

मां ने उस बच्ची से जुड़ी हर चीज संभाल के रखा है। उसके पहले जन्मदिन से लेकर मौत से पहले तक के सभी कपड़े संभाल के रखा है।

हफ्ता भर गुजर चुका है, लेकिन अब तक सीबीआई की जांच शुरू नहीं हो सकी है। मासूम के परिजनों ने मामले की सीबीआई जांच कराने से खुश हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी बच्ची को न्याय मिल सकेगा। हालांकि, अब तक मासूम के परिजनों को इस संबंध में राज्य सरकार और सीबीआई की तरफ से जांच शुरू होने की कोई सूचना नहीं मिली है। मासूम की मां ऊषा कहती हैं, ‘हमें पुलिस के अफसर समझाते थे कि जो हुआ, उसे भगवान की मर्जी मानकर भूल जाओ। देखो, गणेश विसर्जन में कितने लोगों की जान गई, अब उसमें किसे सजा दें।’

मां कहती हैं, ‘क्या बेटी पैदा करके हमने कोई गुनाह कर दिया है? कई बार लगा कि अब बचा ही क्या है, चलो हम भी आत्महत्या कर लेते हैं, लेकिन यह मेरी बेटी के साथ दूसरी बार नाइंसाफी होती। हमने संकल्प लिया है कि अपनी बेटी को जब तक न्याय नहीं दिला देंगे, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। उन दरिंदों को सजा जरूर मिलनी चाहिए, जिन्होंने इस कुकृत्य के पहले जरा भी नहीं सोचा कि जिसे हम गुड़िया समझ कर तोड़ रहे हैं, कुचल रहे हैं, उससे कितनी जिंदगियां और जुड़ी होंगी।’

वो रोते हुए कहती हैं, ‘हम सिर्फ लड़ने के लिए जिंदा है। अब जीने की कोई आस बची नहीं है तो जब मरना ही तो है, जिसने मेरी बेटी के साथ गलत किया है, उसको सजा दिलाएंगे। उन दरिंदों को ऐसी सजा मिले कि अपराधियों के मन में खौफ हो कि अगर हम ऐसे करेंगे तो माता-पिता खड़े हो जाएंगे और कोई अपराधी बच नहीं पाएगा।’

कनु को याद करते हुए उसकी मां बताती हैं,'जब मैं उससे कहती थी कि बेटी पापा अस्पताल में हैं, तुम पढ़-लिखकर डॉक्टर बनना। बोलती थी, नहीं मम्मा मुझे डॉक्टर नहीं बनना है। पापा जब किसी को इंजेक्शन लगाते हैं तो कितना दर्द होता होगा। सोचो, जो किसी को इंजेक्शन का दर्द नहीं देख सकती है, उस बच्ची के साथ कितनी दरिंदगी हुई, कितना दर्द सहा मेरी बच्ची ने।

फोटो एल्बम में 12 साल की बच्ची से जुड़ी तस्वीरें।

वो कहती थी कि आप लोग कभी बाहर नहीं गए न। मां आप दिन भर घर में लगी रहती हैं और आप अस्पताल में जाकर मेहनत करते हैं। मैं बहुत बड़ी बिजनेस वुमन बनूंगी। तुम्हें और पापा को विदेश घुमाऊंगी। इस बीच पिता बोले- शुगर रहता है और वह हाई रहता है। कभी-कभी लगता है, जहर पी लूं।”

रिकॉल- 12 साल की बच्ची का दुष्कर्म के बाद पत्थर से सिर कुचला था

30 अप्रैल को मनुआभान की टेकरी पर 12 साल की बालिका की दुष्कर्म के बाद पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। नाबालिग अपनी 16 साल की बुआ और उसके दोस्त अविनाश साहू के साथ टेकरी घूमने आई थी। वहां बुआ के दोस्त अविनाश और जस्टिन राज ने उसके साथ गैंगरेप किया। इसके बाद मासूम की हत्या कर शव 100 फीट नीचे गुफा में छिपा दिया था। पुलिस ने हत्या, दुष्कर्म के आरोप में बच्ची की बुआ के दोस्त को गिरफ्तार किया था।

8वीं में पढ़ने वाली बच्ची बुआ के साथ मनुआभान की टेकरी पर पहुंची थी। लेकिन, शाम करीब 5:30 बजे बालिका लापता हो गई थी। आसपास तलाश करने के बाद बुआ घर पहुंची और बालिका के मनुआभान की टेकरी से अचानक गुम होने की जानकारी दी। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और बालिका की काफी तलाश की। इसके बाद घटना की सूचना रात 8:30 बजे कोहेफिजा थाने में दी।

परिवार ने घर के मंदिर में बच्ची की तस्वीर रख दी है, वे उसकी पूजा करते हैं।

पुलिस ने परिजनों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर रातभर सर्चिंग की थी। बालिका के बारे में कुछ भी पता नहीं चला। उधर, पुलिस पूछताछ में पता चला था कि बच्ची की बुआ, भतीजी को करौंद में रहने वाले अपने दोस्त अविनाश साहू (18) के साथ लेकर टेकरी पर पहुंची थी। सर्चिंग के दौरान अविनाश भी मौजूद था। लेकिन, वह बार-बार बयान बदलकर पुलिस को गुमराह कर रहा था। पुलिस की सख्ती पर अविनाश ने जगह बता दी थी। पुलिस वहां पहुंची तो झाड़ियों से करीब 100 फीट नीचे बालिका का खून से लथपथ शव दिखाई दिया। उसका सिर बुरी तरह से पत्थर से कुचला हुआ था।

सीसीटीवी कैमरे से मिला था सुराग

बच्ची के लापता होने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने टेकरी पर ऊपर और आसपास की कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से काफी मदद मिली थी। पुलिस को सीसीटीवी में शाम 4 बजकर 6 मिनट पर स्कूटर से अविनाश के साथ बुआ और भतीजी टेकरी की तरफ जाते दिखे थे। इसके बाद शाम 6:30 बजे के बाद स्कूटर से सिर्फ बालिका की बुआ और अविनाश वापस लौटते दिखे थे।

आरोपी ने कहा था कि परिजनों को बता देती, इसलिए मार डाला

पुलिस पूछताछ में अविनाश ने बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने की बात कबूल कर ली थी। अविनाश ने बताया कि बालिका से दुष्कर्म करने के बाद उसे इस बात का डर था कि वह परिजन को घटना के बारे में बता देगी। इसलिए उसने बालिका की हत्या कर शव खाई में फेंक दिया था।

(परिवार की पहचान छिपाने के लिए स्टोरी में सभी लोगों के नाम बदले गए हैं)



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Manuabhan Tekri (Bhopal) Gang Rape Murder Case; Order of CBI Investigation Now After 17 Months


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बाराबंकी के सरकारी टीचर ने छुट्टी लेकर, फल-सब्जियों की खेती शुरू की, सालाना एक करोड़ हो रही है कमाई

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के दौलतपुर के रहने वाले अमरेंद्र प्रताप सिंह इन दिनों अपने क्षेत्र में चर्चा में हैं। इसके पीछे वजह है उनकी नई तकनीक से खेती। अभी वो 60 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। एक दर्जन से ज्यादा फसलें वे उगा रहे हैं। इससे सालाना एक करोड़ रुपए की कमाई हो रही है।

35 साल के अमरेंद्र एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे, अभी अवैतनिक अवकाश (लीव विदाउट पे) पर हैं। खेती के लिए ही उन्होंने छुट्टी ली है। कहते हैं, 'मेरे गांव में लोग खेती से ऊब गए थे, हर कोई खेती से भाग रहा था। मेरे भाई गेहूं, गन्ना जैसी पारंपरिक फसलें उगाते थे। इससे कमाई काफी कम होती थी। ऊपर से पैसा भी देर से मिलता था।

वो बताते हैं, ' 2014 में मैंने खेती करने का प्लान किया और लखनऊ से वापस गांव आ गया। कई लोगों ने मेरे फैसले का विरोध किया। रिश्तेदारों ने कहा कि अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हो। सब खेती छोड़कर नौकरी करने जाना चाहते हैं और तुम सरकारी नौकरी छोड़कर खेती करने आ रहे हो। कोई फायदा नहीं है इसमें।'

अमरेंद्र अभी 60 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। इनमें 30 एकड़ जमीन पर पारंपरिक फसल और बाकी 30 एकड़ जमीन पर केला, तरबूज, मशरूम, खरबूजा, हल्दी, समेत एक दर्जन से ज्यादा फल और सब्जियां उगा रहे हैं।

अमरेंद्र कहते हैं कि मैंने तय कर लिया था कि अब जो भी हो खेती ही करना है। मैंने गूगल और यूट्यूब पर थोड़ा खेती के बारे में सर्च किया। फिर केले की खेती का आइडिया मिला। जो किसान पहले से इसकी खेती करते थे, उनके पास जाकर इसके बारे जानकारी जुटाई। खेती की बारीकियों को समझा।

इसके बाद दो एकड़ जमीन पर मैंने केले की खेती शुरू की। पहले ही साल रिस्पॉन्स अच्छा मिला। अगले साल से खेती का दायरा बढ़ा दिया। केले के साथ ही दूसरे फल और सब्जियां उगाने लगा।

अमरेंद्र कहते हैं कि कई बार मौसम की वजह से फसल मार खा जाती है। इससे बचने के लिए हमने अल्टरनेटिव प्लान तैयार किया। हम एक फसल के साथ दूसरी भी फसल लगा देते हैं। जैसे केले के साथ हल्दी या मशरूम लगा दिया, तरबूज लगा दिया ताकि अगर एक फसल खराब भी हो तो दूसरी से उस नुकसान की भरपाई हो जाएगी।

अमरेंद्र कहते हैं कि नई तकनीक से खेती की जाए तो इसमें काफी स्कोप है। सिर्फ पारंपरिक खेती के भरोसे नहीं रहा जा सकता है।

शुरुआत में तो हम खुद ही मंडी जाकर सब्जियां और फल बेचते थे। धीरे-धीरे लोगों को हमारे बारे में जानकारी हुई, तो अब लोग खुद ही हमारे खेत पर आते हैं। हमारे यहां से ट्रक भर-भर के लखनऊ, वाराणसी, दिल्ली जैसे शहरों में जाते हैं।

अमरेंद्र अभी 60 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। इनमें 30 एकड़ जमीन पर पारंपरिक फसल और बाकी 30 एकड़ जमीन पर केला, तरबूज, मशरूम, खरबूजा, हल्दी, स्ट्रॉबेरी और खीरा समेत करीब एक दर्जन से ज्यादा फल और सब्जियां उगा रहे हैं। उनके साथ 35 लोग काम करते हैं। इसके साथ कई किसान अमरेंद्र से खेती सीख रहे हैं।

वो बताते हैं कि हमने लाइसेंस ले लिया है। अब हम फूड प्रोसेसिंग और जूस भी तैयार करने वाले हैं। इस पर काम भी शुरू हो गया है। कुछ दिनों बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी हमारे प्रोडक्ट उपलब्ध होंगे।

अमरेंद्र 2014 से खेती कर रहे हैं। इनके साथ 35 लोग जुड़े हुए हैं।

अमरेंद्र कहते हैं कि नई तकनीक से खेती की जाए तो इसमें काफी स्कोप है। सिर्फ पारंपरिक खेती के भरोसे नहीं रहा जा सकता है। उन्होंने खेती के लिए नई तकनीक नहीं ली है, गूगल और यूट्यूब पर ही वे खेती के बारे में नई-नई चीजें सीखते रहते हैं। अब उन्हें बहुत कुछ जानकारी हो गई है। वे जिले के दूसरे किसानों को भी खेती सिखा रहे हैं।



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Leaving a government job, the youth of Barabanki started cultivating fruits and vegetables 6 years ago, today the turnover reached Rs 1 crore annually


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विकास-फिकास छोड़िए... सब डिजिटल हो गया... कौन सा विकास गिना रहा है ई सब, एक हफ्ता से जन्म प्रमाण-पत्र तो बना नहीं

स्थान – पटना समामहरणालय (डीएम आफिस) परिसर में नूजा सहनी की पकौड़े वाली दुकान
समय - दोपहर 2 बजे

दो दिन की छुट्‌टी के बाद सोमवार को डीएम ऑफिस में काफी भीड़ दिखी। भीड़ कुछ रोजमर्रा के काम वाली है, कुछ चुनावी काम वाली। डीएम दफ्तर से थोड़ी ही दूरी पर पीपल के पेड़ के नीचे नूजा की ब्रेड पकौड़े वाली दुकान है। भीड़ का फायदा उसे भी मिल ही रहा है। हालांकि, नूजा को यह सब जी का जंजाल ही ज्यादा लग रहा है। कड़ाही से गरमा-गरम पकौड़े निकल रहे हैं और उसकी मिर्ची का तल्ख स्वाद चुनावी चर्चा में गर्मी ला रहा है।

ठेले पर रखा लाल मग उठाकर हाथ धुलते हुए एक अधेड़ सज्जन ने जोरदार आवाज में पकौड़े का ऑर्डर दिया और धम्म से कुछ इस अंदाज में बैठ गए जैसे लम्बा बैठने वाले हों। नूजा की भी खासियत है कि यहां आने वाले हर नए शख्स को एक-दो दिन में ही नाम और काम से पहचान लेता है। दानापुर के रामनरेश भी ऐसे ही लोगों में से हैं।

एक सप्ताह से बेटे का जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए दौड़ रहे रामनरेश से भी नूजा का जैसे सीधा रिश्ता बन चुका है। नूजा ने पूछा- ‘आजो काम नहीं हुआ क्या!' रामनरेश झल्लाते हुए बोले, 'का काम होगा। पहिले कोरोना अब चुनाव बाधा बन गइल बा।’ इतना सुनकर हाथ में पकौड़े की प्लेट पकड़ते हुए एक युवक बोला ‘डिजिटल इंडिया है बाबा... दौड़ना तो पड़ेगा ही न!’ शायद आसपास किसी कार्यालय में काम करने वाला कर्मचारी है।

बात चल ही रही थी कि स्टूल पर कुर्ता-पायजामा वाले एक सज्जन, नाम शायद राजू पांडेय था, बोल पड़े- ‘ई त कागज है…छोड़िये न... ई सब त सरकारी कामकाज है। चुनाव आ गईल, गांव का हाल बतावा बाबा।’ इस पर रामनरेश फिर झल्लाए और बोले, 'देखा न बाबू जाकर गांव में, नाली-पानी कुछू ठीक नाहीं। जइसे-तइसे हम गांव के लोग समय काट रहल बांटी। चुनाव का शोर में नेताजी दुआरे-दुआरे रोज आते हैं, फिर उहे पुरनका बड़का-बड़का सपना देखाते हैं।’

बहुत ध्यान से बातें सुन रहा, खड़ी बाइक से टेक लगाकर बैठा युवक बोल पड़ा है- ‘ई चुनाव तो परेशान कर दिया है। क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ है, लेकिन नेताजी को दोबारा मौका मांगने में तनिको शरम नहीं आ रहा।’ पास में ही खड़ा एक छात्र (गणेश) बोल पड़ा, ‘नौकरी नहीं मिली तो नूजा की तरह पकौड़ा ही छानना पड़ेगा’। उसका तंज मोदी जी के चर्चित पकौड़ा बयान पर तो है ही, बगल में बैठे अपने दोस्त जो शायद मोदी समर्थक है, को चिढ़ाने की मंशा ज्यादा है। हालांकि, दोस्त ने मुस्कराकर बहस से किनारा कर लिया है।

ये नूजा हैं। अपनी दुकान पर दिनभर चुनाव की बातें सुन- सुनकर कभी-कभी झल्ला भी जाते हैं।

किनारे खड़ा होकर पकौड़ा खाते एक दूसरे युवक से रहा नहीं गया। बोल पड़ा- ‘कार्यालय में कोई काम नहीं हो रहा है। सब डिजिटल हो गया, लेकिन कोई भी काम ऑनलाइन नहीं हो पा रहा है।' चार दिन से जन्म प्रमाण-पत्र के लिए डीएम ऑफिस दौड़ रहा यह युवक भी दौड़ते-दौड़ते तंग आ चुका है। शायद राजेश नाम है। विकास के सपने और जमीनी सच्चाई पर तीखी नाराजगी है उसकी।

चर्चा विकास की चल पड़ी तो पेड़ के नीचे बैठा युवक बोल पड़ा- ‘डीएम ऑफिस के आस-पास ही घूमकर देख लीजिए कितना गंदगी है। नाली है ही नहीं, पानी खूब जमा होता है। दिन में ही मच्छर नोच डालते हैं। शाम होते ही यहां रहना मुश्किल हो जाता है।’ विकास की बात सुनते ही कंकड़बाग के रहने वाले एमआर सोनू दुबे का पारा गरम हो गया। बोला- 'सरकार काम कर ही दे तो वोट काहे के दावे पर मांगेगी। नेता लोग बहुत चालू होते जा रहा है। वह चुनाव के समय कोई न कोई ऐसा नाटक लाते हैं, जिससे पब्लिक भी गदगद हो जाती है।' एक हताशा भरी टिप्पणी आई है- ‘विकास-फिकास छोड़िए... कहता है कि सब डिजिटल हो गया, लेकिन कोई भी काम ऑनलाइन नहीं हो पा रहा है। कौन सा विकास गिना रहा है ई सब। एक-एक हफ्ता में जन्म प्रमाण-पत्र तो बन नहीं पाता। अगर ऑनलाइन होने के बाद भी इतने चक्कर लगाने पड़ रहे तो सच आप खुद ही समझ सकते हैं।'

चुनावी बतकही लंबी होते देख नूजा एक हाथ में झाड़ू और दूसरे में टिन का डस्टबिन लेकर पत्तल उठाने लगा है। झाडू लगने से उड़ रही धूल उसकी ओर से चर्चा में विराम का संकेत है। दुकान से उठ जाने का भी। समय पास कर रहे लोग मजबूरन रास्ता पकड़ लेते हैं। नूजा अपने आप से कुछ बोल रहा है- ई चुनाव और नेता के बारे में सुनते-सुनते अभिये से माथा दरद हो गया है...। बोला- कब है चुनाव जी पटना में...! उसकी झुंझलाहट समझी जा सकती है। चुनावी चर्चा की बैठकी उसकी बिक्री पर असर जो डालने लगी है।



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Bihar Election 2020; Patna Locals Political Debate On BJP Narendra Modi At Nauja Sahni Pakoda Shop


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दुबई में दिल्ली सीजन का कोई मैच नहीं हारी, राजस्थान के साथ 50-50 का मामला; रॉयल्स पिछले 4 मैच में कैपिटल्स को हरा नहीं सकी

आईपीएल सीजन-13 का 30वां मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) और राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के बीच आज दुबई में शाम 7.30 बजे से खेला जाएगा। दिल्ली ने इस सीजन में दुबई के मैदान पर अब तक 3 मैच खेले और सभी जीते हैं। जबकि राजस्थान ने यहां दो मैच खेले, जिनमें से एक जीता और एक में हार मिली है।

सीजन में दोनों टीमें दूसरी बार भिड़ रहीं हैं। शारजाह में खेले गए पहले मैच में दिल्ली ने राजस्थान को 46 रन से हराया था। इससे पहले भी रॉयल्स टीम दिल्ली के खिलाफ 3 मैच हार चुकी है।

शारजाह में सीजन का सबसे छोटा टारगेट देकर जीती थी दिल्ली
पिछले मैच में दिल्ली ने टॉस हारकर बल्लेबाजी करते हुए राजस्थान को 185 रन का टारगेट दिया था। यह शारजाह में सीजन का सबसे छोटा टारगेट था, जिसे राजस्थान हासिल नहीं कर पाई और 19.4 ओवर में 138 रन पर ऑल आउट हुई थी।

बटलर, सैमसन पर रहेगी नजर
राजस्थान रॉयल्स की बैटिंग टॉप-4 बल्लेबाजों पर निर्भर है। कप्तान स्टीव स्मिथ, जोस बटलर, बेन स्टोक्स और संजू सैमसन पर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी होगी। वहीं गेंदबाजी में जोफ्रा आर्चर के साथ बाकी गेंदबाजों को भी विकेट निकालने होंगे। दिल्ली के खिलाफ पिछले मैच में स्टोक्स नहीं खेले थे। हालांकि, बाकी तीन प्लेयर भी असफल ही रहे थे।

दिल्ली की टीम शानदार फॉर्म में
दिल्ली के बल्लेबाज और गेंदबाज शानदार फॉर्म में हैं। ओपनर पृथ्वी शॉ और शिखर धवन टीम को अच्छी शुरुआत दिला रहे हैं। इसके बाद कप्तान श्रेयस अय्यर, मार्कस स्टोइनिस भी आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे हैं। वहीं, गेंदबाजी में कगिसो रबाडा, एनरिच नोर्तजे, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल भी शानदार फॉर्म में हैं। विकेटकीपर ऋषभ पंत चोट के कारण टीम से बाहर चल रहे हैं।

पिच और मौसम रिपोर्ट
दुबई में मैच के दौरान आसमान साफ रहेगा। तापमान 23 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां स्लो विकेट होने के कारण स्पिनर्स को भी काफी मदद मिलेगी। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। इस आईपीएल से पहले यहां हुए पिछले 61 टी-20 में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम की जीत का सक्सेस रेट 55.74% रहा है।

  • इस मैदान पर हुए कुल टी-20: 61
  • पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 34
  • पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती: 26
  • पहली पारी में टीम का औसत स्कोर: 144
  • दूसरी पारी में टीम का औसत स्कोर: 122

पॉइंट टेबल में दिल्ली दूसरे और राजस्थान छठवें नंबर पर
दिल्ली और राजस्थान अब तक 7-7 मैच खेल चुकी हैं। इनमें से दिल्ली के 5 मैच जीत के साथ 10 पॉइंट है और वह टेबल में दूसरे नंबर पर काबिज है। वहीं, राजस्थान सिर्फ 3 ही मैच जीत सकी। वह 6 पॉइंट के साथ छठवें नंबर पर काबिज है।

दोनों टीमों के सबसे महंगे खिलाड़ी
दिल्ली में रविचंद्रन अश्विन 7.60 करोड़ और कप्तान श्रेयस अय्यर 7 करोड़ रुपए कीमत के साथ सबसे महंगे प्लेयर हैं। वहीं, राजस्थान में कप्तान स्मिथ 12.50 करोड़ और संजू सैमसन 8 करोड़ रुपए कीमत के साथ सबसे महंगे प्लेयर हैं। यह मैच जीतने के साथ ही दिल्ली टॉप पर पहुंच जाएगी।

दिल्ली अकेली टीम, जो अब तक फाइनल नहीं खेली
दिल्ली अकेली ऐसी टीम है, जो अब तक फाइनल नहीं खेल सकी। हालांकि, दिल्ली टूर्नामेंट के शुरुआती दो सीजन (2008, 2009) में सेमीफाइनल तक पहुंची थी। वहीं, राजस्थान ने आईपीएल (2008) का पहला सीजन अपने नाम किया था।

आईपीएल में राजस्थान का सक्सेस रेट दिल्ली से ज्यादा
आईपीएल में राजस्थान का सक्सेस रेट दिल्ली से ज्यादा है। दिल्ली ने अब तक कुल 184 मैच खेले हैं। 83 मैच में उसे जीत मिली और 100 में उसे हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली का लीग में सक्सेस रेट 44.78% है। वहीं, राजस्थान ने अब तक कुल 154 मैच खेले हैं। 78 में उसे जीत मिली और 74 में उसे हार का सामना करना पड़ा। राजस्थान का लीग में सक्सेस रेट 50.98% है।



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तेजप्रताप के पास 15 लाख की बाइक, 30 लाख की बीएमडब्ल्यू; 5 क्रिमिनल केस, इसमें डोमेस्टिक वॉयलेंस का भी मामला

तेजप्रताप यादव... बिहार में शायद ही कोई ऐसा हो, जो इस नाम को न जानता हो। वो बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वो बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े बेटे हैं। तेजप्रताप 25 साल के थे, तब विधायक बन गए थे। दूसरी बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन, इस बार दूसरी जगह से। पिछली बार महुआ से लड़े थे। इस बार हसनपुर से मैदान में हैं। इतनी सब बात हो गई है, तो अब बात उस चीज की, जिसके लिए आप खबर पर आए हैं।

तेजप्रताप यादव ने मंगलवार को नॉमिनेशन दाखिल कर दिया है। उनकी संपत्ति 5 साल में 83 लाख रुपए ही बढ़ी है। 2015 में उनके पास 2 करोड़ रुपए की संपत्ति थी और इस बार 2 करोड़ 83 लाख रुपए।

5 साल में एक रुपए भी नहीं घटी गाड़ियों की कीमत
हम और आप जब गाड़ी खरीदते हैं, तो उसकी कीमत हर साल घट जाती है। लेकिन, तेजप्रताप की गाड़ियों की कीमत एक रुपए भी कम नहीं हुई। उनके पास दो गाड़ियां हैं। एक है सीबीआर 1000आरआर बाइक, जो 15.46 लाख रुपए की है। दूसरी है 29.43 लाख रुपए की बीएमडब्ल्यू। इन दोनों गाड़ियों की कीमत 2015 के वक्त भी इतनी ही थी।

2019-20 में 3 लाख से ज्यादा टैक्स जमा किया
तेजप्रताप ने 2016-17 में 6.79 लाख रुपए और 2017-18 में 6.90 लाख रुपए का टैक्ट भरा था। लेकिन, 2018-19 में 2.11 लाख रुपए का टैक्स ही जमा किया। जबकि, 2019-20 में 3.11 लाख रुपए का आईटीआर फाइल किया है।

तेजप्रताप पर 5 क्रिमिनल केस, एक मामला तो तलाक का ही है

तेजप्रताप पर पिछले चुनाव के वक्त सिर्फ एक ही मामला दर्ज था। लेकिन, इस बार उन्होंने अपने ऊपर 5 मामले दर्ज बताए हैं। इनमें से पहला मामला डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और दूसरा मामला एपिडेमिक डिसीज के वॉयलेशन का है। एक मामला आर्म्स एक्ट का चल रहा है।

बाकी बचे दो मामलों में से एक तो उनका तलाक का है। तेजप्रताप यादव की शादी 12 मई 2018 को चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या से हुई थी। ऐश्वर्या बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती हैं। चंद्रिका राय सारण जिले की परसा सीट से 8 बार के विधायक रहे हैं।

तेजप्रताप की शादी मई 2018 को हुई और नवंबर 2018 में तलाक की अर्जी दाखिल हो गई।

उन्हें लालू के करीबी नेताओं में माना जाता था। लेकिन, तेजप्रताप और ऐश्वर्या के रिश्ते बिगड़ने के बाद उन्होंने राजद छोड़कर जदयू ज्वॉइन कर ली। चंद्रिका राय इस बार जदयू के टिकट पर परसा से लड़ेंगे।

इसके अलावा एक मामला डोमेस्टिक वॉयलेंस यानी घरेलू हिंसा का भी है।



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Bihar Election 2020: Tej Pratap Yadav Property Update Lalu Prasad Yadav Son Latest News| Tej Pratap Asset Details And Criminals Cases


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कोरोना का कचरा फैलाने में महाराष्ट्र सबसे आगे, देश में पिछले 4 महीने में 18 हजार टन कोविड बायोमेडिकल वेस्ट निकला; सबसे ज्यादा सितंबर में

देश में पिछले 4 महीने में 18 हजार टन से अधिक कोविड बायोमेडिकल वेस्ट निकला है। सबसे ज्यादा 3,587 टन वेस्ट महाराष्ट्र में मिला है। ये आंकड़े सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने जारी किए हैं। बोर्ड के मुताबिक, सिर्फ सितंबर में देशभर में 5500 टन कोविड वेस्ट निकला है। जून, जुलाई और अगस्त के मुकाबले सबसे ज्यादा कचरा सितंबर में निकला है।

बायोमेडिकल वेस्ट में क्या मिला

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश से 18,006 टन कचरे को इकट्ठा करके 198 बायोमेडिकल ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से डिस्पोज किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बायोमेडिकल वेस्ट में पीपीई किट, मास्क, शू कवर, ग्लव्स, ह्यूमन टिश्यू, ब्लड से संक्रमित चीजें, ड्रेसिंग, कॉटन स्वाब, संक्रमित खून से सनी बेड शीट, ब्लड बैग, नीडल्स और सिरिंज मिली हैं।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा वेस्ट अगस्त में निकला

रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में अब तक कोरोनावायरस के 15 लाख मामले सामने आ चुके हैं। यहां से चार महीने में 3,587 टन कोविड वेस्ट निकला है। यहां जून में 524 टन, जुलाई में 1,180 टन, अगस्त में 1,359 टन और सितम्बर में 524 टन कोविड वेस्ट निकला है।

देश की राजधानी दिल्ली में जून में यह आंकड़ा 333 टन, जुलाई में 389, अगस्त में 296 और सितंबर में 382 टन रहा।

इस चीजों को कोविड वेस्ट माना जाएगा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन में साफ है कि कोरोना पेशेंट द्वारा उपयोग की गई हर चीज कोविड वेस्ट नहीं है। ग्लव्स, मास्क, सिरिंज, फेंकी दवाइयों को ही कोविड वेस्ट माना जाएगा। इसके अलावा ड्रेन बैग, यूरीन बैग, बॉडी फ्लुइड, ब्लड सोक्ड टिश्यूज या कॉटन को भी इसमें शामिल किया जाएगा। मेडिसिन के बॉक्स, रैपर, फलों के छिलके, जूस बॉटल को म्युनिसिपल वेस्ट के साथ रखें।

WHO का अनुमान हर महीने मेडिकल स्टाफ को 9 करोड़ मास्क की जरूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनियाभर में हर महीने कोरोना से बचने के लिए मेडिकल स्टाफ को करीब 8 करोड़ ग्लव्स, 16 लाख मेडिकल गॉगल्स के साथ 9 करोड़ मेडिकल मास्क की जरूरत पड़ रही है। ये आंकड़ा सिर्फ मेडिकल स्टाफ का है और आम लोग जिन थ्री लेयर और N95 मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी संख्या तो अरबों में पहुंच चुकी है।

यह तस्वीर चेन्नई के तटीय इलाके की है। मास्क, वाइप्स और ग्लव्स फेंकने की ऐसी ही फोटो देश के अलग-अलग हिस्सों में देखी गई हैं।

अब बात सड़कों पर पड़े मास्क और ग्लव्स की

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट से इतर सड़कों पर मास्क, पीपीई और इस्तेमाल किए हुए ग्लव्स की तस्वीरें सामने आईं। मवेशियों की सुरक्षा के लिए काम करने वाले संगठन पीपुल फॉर कैटल ऑफ इंडिया के फाउंडर जी. अरुण प्रसन्ना का कहना है कि सड़कों पर कोविड वेस्ट फेंका जा रहा है। गाय, बंदर, बकरी और दूसरे जानवर इसे खा सकते हैं। अगर इनमें से किसी को कोरोनावायरस हुआ तो स्लॉटर हाउस ही जानवरों के जीवन का अंतिम पड़ाव साबित होगा और इंसानों के लिए भी वायरस का नया खतरा पैदा हो जाएगा। ऐसा नजारा मुंबई और कोलकाता में भी देखा गया है।

इंसानी लापरवाही का नतीजा जानवरों पर भारी पड़ सकता है। फोटो साभार : सीबीसी

समुद्र तक पहुंचा कोविड वेस्ट

तीन महीने पहले सी-डाइवर्स ने फ्रांस के समुद्र तट के पास से डिस्पोजेबल ग्लव्स, मास्क और वाइप्स निकाले हैं। इसे डिस्पोज करने के लिए एनासिस आइलैंड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाया गया। प्लांट के सुपरवाइजर डेव हॉफमैन का कहना है कि हमें इसका पता तब चला जब कुछ मास्क ऊपर तैर रहे थे।

तट पर भी मास्क का ढेर

हांगकांग के सोको आइलैंड पर मिले सैकड़ों मास्क। फोटो साभार: डायचे वेले

फोटो में गैरी स्ट्रोक्स दिखाई दे रहे हैं। गैरी ओशंस-एशिया कंजर्वेशन ग्रुप के सदस्य हैं, जो पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ मुहिम चलाता है। हांगकांग के सोको आइलैंड पर कुछ महीने पहले काफी संख्या में मास्क मिले हैं। गैरी कहते हैं कि हमने इससे पहले इस आइलैंड पर इतने मास्क नहीं देखे। हमें ये मास्क तब मिले, जब लोगों ने 6-8 हफ्ते पहले ही इसका इस्तेमाल करना शुरू किया था। ऐसे नजारे दुनिया के कई हिस्सों में दिख चुके हैं।



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India Generated 18 Thousand Tonnes Of Covid-19 Biomedical Waste In Last Four Months


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हाथरस केस के बाद स्विट्जरलैंड की महिला खिलाड़ी ने बलात्कार के डर से भारत आने से इनकार किया?

क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर एक खबर की कटिंग शेयर की जा रही है। इसका शीर्षक है: रेप की वारदात से डरी खिलाड़ी, नहीं आई भारत

खबर की इस कटिंग को हाथरस केस से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। दावा है कि दुष्कर्म के डर से ही अम्ब्रे एलिनक्स नाम की ये महिला स्क्वैश खिलाड़ी भारत नहीं आई।

और सच क्या है?

  • दावे से जुड़े की-वर्ड सर्च करने से हमें टाइम्स नाऊ की वेबसाइट पर 2 साल पुरानी खबर मिली। जिससे पता चलता है कि स्विट्जरलैंड की अम्ब्रे एलिनक्स ने 17 जुलाई, 2018 को चेन्नई में हुई जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप खेलने से मना कर दिया था।
  • पड़ताल के दौरान ही हमें 23, जुलाई 2018 की न्यूज एजेंसी PTI की एक खबर मिली। जिसके मुताबिक, अम्ब्रे के अभिभावकों ने इस दावे को पूरी तरह झूठा बताया कि उन्होंने अपने बेटी को 'सुरक्षा' की वजह से भारत जाने से रोका था।
  • PTI की खबर के मुताबिक अम्ब्रे के माता-पिता ने अलग से एक बयान जारी कर कहा था कि हम पैरेंट्स होने के नाते, भारत में अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल चिंतित नहीं हैं। सभी दावे मीडिया की उपज हैं।
  • इन सबसे स्पष्ट है कि 2 साल पुरानी उस खबर को हाल ही का बताकर शेयर किया जा रहा है। जो पहले ही झूठी साबित हो चुकी है।


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Fact Check: After the Hathras case, did the Swiss female player refuse to come to India for fear of rape?


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सर्वार्थसिद्धि योग से होगी शुरुआत; इस बार देवी का वाहन रहेगा घोड़ा, नवरात्रि में हर दिन शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्र मां नवदुर्गा की उपासना का पर्व है। ये हर साल श्राद्ध खत्म होते ही शुरू होता है, लेकिन इस बार अधिक मास होने के कारण नवरात्र 25 दिन बाद यानी 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और 25 अक्टूबर तक रहेंगे। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन होने के बावजूद नवरात्र में देवी आराधना के लिए पूरे 9 दिन मिलेंगे।

इसके साथ ही प्रॉपर्टी, व्हीकल और अन्य चीजों की खरीदारी के लिए नवरात्र में हर दिन शुभ मुहूर्त रहेगा। देवी भागवत के मुताबिक इस बार शनिवार को घट स्थापना होने से देवी का वाहन घोड़ा रहेगा। इसके प्रभाव से पड़ोसी देश से तनाव बढ़ने की आशंका है और देश में राजनीतिक उथल-पुथल भी हो सकती है।

अष्टमी और नवमी 24 अक्टूबर को
पं. मिश्र का कहना है कि 17 अक्टूबर को प्रतिपदा यानी पहली तिथि में घट स्थापना की जाएगी। इसके बाद 18 को नवरात्र का दूसरा दिन, 19 को तीसरा, 20 को चौथा, 21 को पांचवां, 22 छठा, 23 को सातवां दिन रहेगा। 24 तारीख को सूर्योदय के वक्त अष्टमी और दोपहर में नवमी तिथि रहेगी। इसलिए धर्मसिंधु ग्रंथ के मुताबिक, अगले दिन शाम के समय यानी विजय मुहूर्त में दशमी तिथि होने से 25 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाना चाहिए।

हर दिन शुभ मुहूर्त
पं. मिश्र का कहना है कि इस बार घट स्थापना शुभ मुहूर्त में होगी। यानी सर्वार्थसिद्धि योग में नवरात्र की शुरुआत हो रही है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद शुभ माना जाता है, जो पूजा उपासना में अभीष्ट सिद्धि देगा। साथ ही दशहरे तक खरीदारी के लिए त्रिपुष्कर, सौभाग्य और रवियोग जैसे खास मुहूर्त भी रहेंगे। इन शुभ संयोग में प्रॉपर्टी, व्हीकल, फर्नीचर, भौतिक सुख-सुविधाओं के सामान और अन्य तरह की मांगलिक कामों के लिए खरीदारी करना शुभ रहेगा।

इस बार देवी का वाहन रहेगा घोड़ा
देवी भागवत ग्रंथ के मुताबिक, वैसे तो मां दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन इसी ग्रंथ में बताया है कि हर साल नवरात्र पर देवी अलग-अलग वाहन से धरती पर आती हैं। नवरात्र का पहला दिन शनिवार होने के कारण मां दुर्गा घोड़े की सवारी करते हुए पृथ्वी पर आएंगी, तब पड़ोसी देशों से युद्ध, गृह युद्ध, आंधी-तूफान और सत्ता में उथल-पुथल जैसी गतिविधियां बढ़ने की आशंका रहती है। साथ ही नवरात्र का आखिरी दिन रविवार होने से देवी भैंसे पर सवार होकर जाएंगी। इसके अशुभ फल के मुताबिक, देश में रोग और शोक बढ़ने की आशंका है।

नवरात्र का पहला दिन और देवी का वाहन
दिन वाहन क्या होना संभावित
सोमवार हाथी अतिवृष्टि
मंगलवार घोड़ा युद्ध की आशंका
बुधवार नाव मनोकामना पूर्ति
गुरुवार डोली महामारी का डर
शुक्रवार डोली महामारी का डर
शनिवार घोड़ा पड़ोसी देशों के साथ तनाव
रविवार हाथी ज्यादा बारिश


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Navratra 2020: navratri start date and Shubh Muhuarat Sarvaartha siddhi Yoga Sanyog in 9 days of Navratra; Goddess Durga Savari Will be Horse


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इलाज करा रहे मरीजों की संख्या घटकर 8.26 लाख हुई, 40 दिन पुरानी स्थिति में पहुंचा आंकड़ा, अब तक 72.37 लाख केस

कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। इलाज करा रहे मरीजों की संख्या मंगलवार को घटकर 8.26 लाख हो गई। यह आंकड़ा 40 दिन पहले, यानी 13 सितंबर को 8.29 लाख था। बीते 24 घंटे में 63 हजार 520 केस आए, 73 हजार 910 मरीज ठीक हुए, 723 की मौत हो गई। अब तक देश में 72.37 लाख लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, 62.26 लाख ठीक हुए हैं और 1.10 लाख की मौत हो चुकी है।

कोरोना अपडेट्स

  • नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के डायरेक्टर जनरल नवीन अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि अगर कोविड-19 वैक्सीन के नियमों में कोई छूट देने का मामला आता है तो पहले एजेंसी इसका एनालिसिस करेगी। इसके बाद कोई फैसला किया जाएगा।
  • हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार से अनलॉक 5.0 के तहत नॉन एसी बसों को शुरू करने का फैसला लिया है। अब बसों का इंटर स्टेट मूवमेंट भी हो सकेगा।
  • हिमाचल प्रदेश के मंत्री राम लाल मारकंडा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वे अभी होम आइसोलेशन में रहेंगे।
  • रेल मंत्रालय ने 20 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 196 जोड़े फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें चलाने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए अलग-अलग रेलवे जोन से प्रस्ताव भेजे गए थे।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी ने बताया कि भारत में री-इंफेक्शन के अब तक दो केस आए हैं। पूरी दुनिया में ऐसे केसों की संख्या 24 है। उन्होंने कहा कि री-इंफेक्शन केस के लिए अब तक डब्ल्यूएचओ ने भी कोई मानक तय नहीं किए हैं।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश

राज्य में मंगलवार को 1463 केस आए, 1708 लोग ठीक हुए और 26 मरीजों की मौत हो गई। अब तक कुल 1 लाख 49 हजार 761 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 1 लाख 32 हजार 429 लोग ठीक हो चुके हैं, 14 हजार 661 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि संक्रमण से 2671 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक 24.5 लाख लोगों की जांच हो चुकी है।

2. राजस्थान

राज्य में मंगलवार को 2035 लोग संक्रमित पाए गए, 1768 लोग ठीक हुए और 14 मरीजों की मौत हो गई। अब तक कुल 1 लाख 63 हजार 219 लोग संक्रमित पाए गए। इनमें से 1 लाख 39 हजार 616 लोग ठीक हो गए, 21 हजार 924 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1679 की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक 33.9 लाख लोगों की जांच हो चुकी है।

3. बिहार

राज्य में मंगलवार को 1223 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए, 1030 लोग ठीक हुए और छह मरीजों की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 98 हजार 223 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं, इनमें से 1 लाख 76 हजार 623 लोग ठीक हो चुके हैं, 10 हजार 638 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 961 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक 85.70 लाख जांच की जा चुकी हैं।

4. महाराष्ट्र

मंगलवार को लगातार दूसरे दिन राज्य में 10 हजार से कम मरीज मिले। पिछले 24 घंटे में 8522 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अच्छी बात है कि ठीक होने वालों की संख्या 15 हजार 356 रही। 187 मरीजों की मौत हो गई।यहां अब तक संक्रमण के कुल 15 लाख 43 हजार 837 केस आ चुके हैं। इनमें से 12 लाख 97 हजार 252 लोग ठीक हो चुके हैं, 2 लाख 5 हजार 415 का इलाज चल रहा है, जबकि 40 हजार 701 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक 77.6 लाख लोगों की जांच हो चुकी है।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में मंगलवार को 2957 नए मरीज मिले, 3662 लोग ठीक हुए और 28 मरीजों की मौत हो गई। यहां अब तक संक्रमण के 4 लाख 42 हजार 118 केस आ चुके हैं। इनमें से 3 लाख 97 हजार 570 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 38 हजार 82 का इलाज चल रहा है, 6466 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.2 करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है।



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दशहरा, दिवाली के फेस्टिव सीजन में 392 स्पेशल ट्रेनें, 20 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच चलेंगी; किराया मेल-एक्सप्रेस से 30% तक ज्यादा

रेलवे ने आगामी दुर्गापूजा, दशहरा, दिवाली और छठ के त्योहारी सीजन में यात्रियों को बड़ी सौगात दी है। रेलवे ने 392 अतिरिक्त विशेष ट्रेनों को चलाने का फैसला लिया है। हालांकि, ये ट्रेनें 20 अक्टूबर से 30 नवंबर तक के सीमित समय के लिए चलेंगी। रेलवे मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों की मांग पर 196 जोड़ी ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी है, जो लखनऊ, कोलकाता, पटना, वाराणसी जैसी जगहों से शुरू होंगी।

इन ट्रेनों में रोजाना, हफ्ते में चार बार, हफ्ते में एक बार चलने वाली ट्रेनें शामिल होंगी। फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का ऐलान करते हुए रेलवे ने कहा कि चूंकि ये सभी ट्रेनें सुपरफास्ट ट्रेनें होंगी, इसलिए इनकी स्पीड कम से कम 55 किमी प्रति घंटे होगी। वहीं, इन ट्रेनों का किराया मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले 10% से 30% तक ज्यादा होगा। यानी अन्य स्पेशल ट्रेनों के बराबर रहेगा।

अब तक 550 ट्रेनें चल रहीं
रेलवे ने जोनल रेलवे को निर्देश दिया है कि इन ट्रेनों में एसी-3 कोच की ज्यादा संख्या के साथ चलाया जाए। अनलॉक के बाद 12 मई से अब तक रेलवे देशभर में करीब 550 मेल/एक्सप्रेस विशेष ट्रेन चला रहा है। इनमें 15 जोड़ी राजधानी विशेष ट्रेन, 100 जोड़ी लंबी दूरी की ट्रेनें भी शामिल हैं।

फेस्टिव स्पेशल को मिलाकर लॉकडाउन से पहले के मुकाबले 8.6% ही चलेंगी
लॉकडाउन से पहले तक लोकल, मेल, एक्सप्रेस, शताब्दी, राजधानी, दूरंतो मिलाकर 11 हजार से अधिक ट्रेनों को संचालन होता था। यानी अब त्योहार विशेष ट्रेनों को मिलाकर सामान्य दिनों में संचालित होने वाली ट्रेनों की तुलना केवल 8.6% ट्रेनें ही संचालित होंगी। हाल ही में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा था कि रेलवे फेस्टिव सीजन में 200 से अधिक ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है। जरूरत पर इनकी संख्या बढ़ा सकते हैं।



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अनलॉक के बाद 12 मई से अब तक रेलवे देशभर में करीब 550 मेल/एक्सप्रेस विशेष ट्रेन चला रहा है। (फाइल फोटो)


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पत्नी ऐश्वर्या के कारण नहीं, बल्कि किसी और वजह से इस बार दूसरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं लालू के बेटे तेज प्रताप

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव इस विधानसभा चुनाव में वैशाली जिले के महुआ विधानसभा सीट की जगह समस्तीपुर जिले के हसनपुर से चुनाव लड़ेंगे। पिछला चुनाव में वो महुआ से लड़े थे और आसानी से जीत गए थे। इस बार उन्होंने सीट बदल ली। अब सवाल उठ रहा है कि पिछले पांच साल में ऐसा क्या हुआ कि तेज प्रताप महुआ से क़रीब 60 किलोमीटर दूर हसनपुर चुनाव लड़ने चले गए?

मीडिया ने जब इस पलायन के बारे में तेज प्रताप यादव से पूछा तो उन्होंने कहा कि हसनपुर में विकास नहीं हुआ है इसलिए वो वहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस तर्क के अलावे मीडिया के एक तबके में चर्चा है कि अपनी पत्नी ऐश्वर्या के महुआ से चुनाव लड़ने की सम्भावनाओं के चलते वो हसनपुर का रूख कर रहे हैं।

लेकिन महुआ विधानसभा क्षेत्र के एक युवा वोटर पंकज कुमार के मुताबिक तेज प्रताप यादव के यहां से जाने के पीछे असल वजह कुछ और ही है। वो कहते हैं,' उनके विधायक रहते हुए महुआ का विकास बहुत हुआ है। इसमें कोई शक नहीं है। सड़क चकाचक है। यहां से कुछ दूर पर मेडिकल कालेज बन रहा है। इस सब के बारे में हमने कभी सोचा नहीं था लेकिन ये भी सच्चाई है कि पिछले पांच सालों में वो एक बार भी क्षेत्र में नहीं आए।

कुछ समय पहले मुझ जैसे युवा अपनी मांग लेकर गए भी थे तो गेट से अंदर नहीं घुसने दिया गया था। पिछली बार जिस कार्यकर्ता के बल पर वो चुनाव जीत गए थे वो इस बार उनसे नाराज है। यही वजह है कि खूब विकास करने के बाद भी उन्हें इस सीट से जाना पड़ा।”

यहां के लोगों का कहना है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं की नाराजगी की वजह से तेज प्रताप यादव इस बार यहां से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

इलाके के जानकार बताते हैं कि 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार समीकरण भी बदल चुके हैं। पिछली बार नीतीश और लालू साथ थे। यादव, मुस्लिम और अति पिछड़ा वोट एक साथ तेज प्रताप को मिल गए थे। इस बार ऐसा नहीं है। नीतीश कुमार बीजेपी के साथ हैं। वहीं आरजेडी के अपने कार्यकर्ता तेजप्रताप से नाराज हैं। इस विधानसभा सीट पर दो लाख से ज़्यादा मतदाता हैं। इसे यादव बहुल क्षेत्र माना जाता है लेकिन, कोईरी और कुर्मी सहित पिछड़ी और अगड़ी जाति के मतदाताओं का भी अच्छा खासा प्रभाव है। सबसे बड़ी बात, राजनीतिक जोड़तोड़ करने में माहिर लालू यादव जेल में हैं।

तो क्या बदले हुए समीकरण और कार्यकर्ताओं की नाराजगी की वजह से लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव महुआ से अपना चुनाव ही हार जाते? मनगरुआ चौक पर मिले राजीव रंजन के मुताबिक ये सम्भव था और इसी वजह से तेजप्रताप को ये सीट छोड़ना पड़ा। वो कहते हैं, 'लालू जी संघर्ष से आगे बढ़े थे। इनके बेटों को तो सब कुछ आसानी से मिल गया। ये अपने लोगों को ही भूल गए। अगर कार्यकर्ता चुनाव जीतवा कर भेज सकता है तो हरवा भी सकता है इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए!'

तेज प्रताप ने सीट बदला तो मीडिया के तबके में चर्चा शुरू हो गई कि वो अपनी पत्नी ऐश्वर्या के महुआ से चुनाव लड़ने की वजह से सीट छोड़ रहे हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि महुआ विधानसभा क्षेत्र में इस वजह की चर्चा तक नहीं है।

राकेश महतो इसी विधानसभा के मतदाता हैं। बतौर विधायक और मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा इलाके में किए गए विकास कार्यों से खासे प्रभावित हैं। इनके मुताबिक अगर ऐश्वर्या राय यहां से तेज प्रताप यादव के खिलाफ लड़तीं तो बुरी तरह से हारतीं। वो कहते, 'हमें तो नहीं पाता कि असली वजह क्या है लेकिन अगर ये वजह था तो तेज प्रताप को यहीं से लड़ना चाहिए था। आसानी से जीत जाते।'

महुआ विधानसभा के एक चौक पर बैठे लोग। इस बार राजद ने यहां से मुकेश रोशन को टिकट दिया है।

ख़ैर, अब ये साफ है कि महुआ विधानसभा सीट से तेजप्रताप चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इस स्थिति में यहां का चुनाव आरजेडी के लिए और मुश्किल हो गया है। वैसे तो अभी मतदान में काफी समय है। लेकिन फिलहाल महुआ में स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा हावी है। इसे लेकर आरजेडी के कार्यकर्ता ही मोर्चा खोले हुए हैं। इस चुनाव में मुकेश रोशन महागठबंधन की तरफ आरजेडी के उम्मीदवार हैं।

वहीं जदयू ने महुआ से राजद के पूर्व मंत्री मो. इलियास हुसैन की बेटी आशमा परवीन को अपना प्रत्याशी बनाया है। दिलचस्प ये है कि स्थानीय बनाम बाहरी उम्मीदवार की लड़ाई जदयू में भी चल रही है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर पटना में पार्टी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी किया है।

मामला समझिए। 2015 में जब तेज प्रताप महुआ से चुनाव लड़े तो स्थानीय आरजेडी नेता जोगेश्वर राय नाराज हो गए और जदयू में शामिल हो गए। मगर इस बार भी उन्हें टिकट नहीं मिला क्योंकि जेडीयू ने इन बार महुआ से इलियास हुसैन की बेटी आशमा परवीन को टिकट दिया है। जैसे पिछली बार जोगेश्वर राय ने मोर्चा खोला था वैसे ही इस बार आरजेडी के स्थानीय नेता और अब बागी सतेंद्र कुमार राय लड़ाई के मूड में हैं। वो कहते हैं, “अगर लालू जी के परिवार से कोई भी आता तो हम खड़ा नहीं होते। लड़ते नहीं। अब अगर वो नहीं आ रहे हैं तो किसी बाहरी को यहां से जीतने नहीं देंगे। हम लड़ेंगे। जनता हमारे साथ है।”

इस बार आरजेडी के स्थानीय नेता और अब बागी सतेंद्र कुमार राय यहां से दावेदारी कर रहे हैं।

हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले विधानसभा सीटों का चुनावी इतिहास

हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीट (हाजीपुर, लालगंज, महनार, महुआ, राजापाकर और राघोपुर) हैं। महुआ और राघोपुर ऐसी दो विधानसभा सीटें हैं जिसपर सबकी नजर है। पिछली बार महुआ से तेजप्रताप विधानसभा पहुंचे थे। अगर 2010 में हुए विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो साल 2000, 2005 के फरवरी-अक्टूबर और 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार ने ही जीत दर्ज की है।

वहीं राघोपुर वो विधानसभा सीट है जहां से 1995, 2000 में राजद सुप्रीमो लालू यादव विधायक बने। 2005 में बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं। वहीं 2015 में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव चुनाव जीते।

अगर बाकी बचे 4 विधानसभा सीटों की बात करें तो हाजीपुर विधानसभा सीट पर साल 2000 से बीजेपी का कब्जा है। 2008 में हुए परिसीमन में बने नए विधानसभा सीट राजापाकर से 2010 में जदयू चुनाव जीता तो 2015 में इस सीट पर भी आरजेडी का कब्जा हो गया।

अगर बात करें महनार विधानसभा सीट की तो यहां से जदयू और लोजपा दो-दो बार चुनाव जीत चुके हैं। आरजेडी को इस सीट पर एक बार भी जीत नसीब नहीं हुई है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से जेडीयू के उमेश सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की थी। उन्होंने बीजेपी के अच्युतानंद को भारी अंतर से मात दी थी। तब नीतीश और लालू यादव साथ थे। इस चुनाव में नीतीश बीजेपी के साथ हैं।

वहीं लालगंज वो विधानसभा सीट है जिसपर जदयू और लोजपा के उम्मीदवार जीतते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा ने बिहार के 243 सीटों में से 42 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। जब रिजल्ट आया तो पार्टी के दो ही उम्मीदवार चुनाव में कामयाब हुए। एक थे गोविंदगंज सीट से राजू तिवारी और दूसरे लालगंज विधानसभा सीट से राज कुमार साह।



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तेज प्रताप इस बार के चुनाव में अपनी पुरानी महुआ सीट छोड़कर समस्तीपुर की हसनपुर सीट से लड़ रहे हैं।


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हैदराबाद में 24 घंटे में 20 सेमी बारिश, घर पर पत्थर गिरने से 2 महीने के बच्चे समेत 9 की मौत; पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर

तेलंगाना के कई जिलों में मंगलवार रात से भारी बारिश हो रही है। राजधानी हैदराबाद में बीते 24 घंटे में यहां 20 सेमी बारिश हुई। इसके बाद शहर की सड़कों पर पानी भर गया। कई गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गईं। शहर के बंडलगुडा इलाके में एक घर पर पत्थर गिरने से एक महीने के बच्चे समेत 9 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग घायल हो गए। लोगों की मदद के लिए पुलिस-प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, ओडिशा में भी भारी बारिश हुई है। यहां के गजपति में 12 गांवों के 500 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया।

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव पैदा होने का असर
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव पैदा होने की वजह तेलंगाना और ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) ने ट्वीट किया, ‘‘एलबी नगर में 25 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश कुछ घंटे और जारी रह सकती है। लोगों से गुजारिश है कि घरों के भीतर ही रहें, सुरक्षित रहें। राज्य आपदा कार्रवाई बल और फायर सर्विस डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को जलभराव वाले इलाके में लोगों को सुरक्षित निकाल रहे हैं।

मुख्य सचिव का सभी जिलों के अफसरों को एडवाइजरी
तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने सभी जिला प्रशासन को अलर्ट पर रहने का ऑर्डर दिया है। उन्होंने सभी कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, एसपी और को अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। मंगलवार रात उन्होंने अधिकारियों से कहा- मुख्यमंत्री ने राज्य के हालात के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने पूरे जिला प्रशासन को अलर्ट पर रहने का ऑर्डर दिया है। राज्य में भारी बारिश हो रही है।

कई अप्रिय घटनाएं भी सामने आई हैं। मैं और डीजीपी हैदराबाद के सीनियर अफसरों के साथ फोन से संपर्क में हूं। सभी जिलों के अफसर टेलीकॉन्फ्रेंस से अपने मंडल ऑफिसर्स के संपर्क में रहें। निचले इलाके में जलभराव और बाढ़ जैसी समस्या हो सकती है।

अकबरुद्दीन ओवैसी ने बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया
चंद्रयानगुट्‌टा के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार रात बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने इसके बाद ट्वीट किया- मैं बंडलगुडा इलाके का जायजा लेने गया था। यहां पर एक निजी मकान की दीवार ढह गई। इसमें 9 लोगों की मौत हो गई और दो घायल हो गए। वहां से लौटते वक्त मैंने शमशाबाद में फंसे कुछ बस यात्रियों को लिफ्ट दी। अब मैं तलबकट्‌टा और येसराब नगर जा रहा हूं। वहां से कारवान जाऊंगा। इस साल ज्यादा बारिश हो रही है, मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि अपने घरों में रहें। अकबरुद्दीन ने अस्पताल जाकर बारिश से हुए हादसे में घायल परिवार के लोगों से मुलाकात भी की।



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हैदराबाद के तोली चौकी इलाके में मंगलवार रात राहत कामों में जुटे राज्य आपदा कार्रवाई बल और फायर डिपार्टमेंट के कर्मचारी।


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