शनिवार, 30 मई 2020

कुलगाम के वानपोरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के वानपोरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस इलाके में दो से ज्यादा आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। पुलिस, आर्मी और सीआरपीएफ की टीमों ने इन्हें घेर रखा है।

इससे पहले सुरक्षाबलों ने गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। यहां के राजपोरा रोड पर शादीपुरा के पास एक सफेद रंग की सेंट्रो कार मिली, जिसमें 50 किग्रा आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया। वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शक था कि जैश के निशाने पर सीआरपीएफ के जवान थे।

कश्मीर में बीते 13 दिन में 3 बड़े एनकाउंटर

  • 19 मई, श्रीनगर:सुरक्षाबलों ने डाउनटाउन इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन 2 आतंकियों को मार गिराया। इसमें से एक जुनैद सहराई था जो अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख मोहम्मद अशरफ सहराई का बेटा था।
  • 16 मई, डोडा:सुरक्षाबलों ने डोडा के खोत्रा गांव में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी ताहिर को 5 घंटे चली मुठभेड़ में मार गिराया था।
  • 6 मई, पुलवामा:सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नायकू को मारा गिराया था। वह दो साल से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। वह बीमार मां से मिलने पुलवामा के गांव बेगपोरा आया था। पुलिस को इस गांव में नायकू और उसके कुछ साथियों की मौजूदगी का इनपुट मिला था।

कश्मीर में इस सालअब तक हुए अन्यएनकाउंटर

22 अप्रैल:शोपियां में चार आतंकवादियों को मार गिराया।
17 अप्रैल: राज्य में दो अलग-अलग जगहों पर मुठभेड़ हुई, इसमें चार आतंकी मार गिराए गए थे।
11 अप्रैल:कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, इसमें आतंकी हथियार छोड़कर भाग गए थे।
7 अप्रैल:सेना ने आमने-सामने की लड़ाई में 5 आतंकी मार गिराए थे। यह कश्मीर में साल का सबसे मुश्किल ऑपरेशन था। इसमें सर्जिकल स्ट्राइक कर चुकी पैरा यूनिट के 5 जवान शहीद हो गए थे।
4 अप्रैल:कुलगाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में हिजबुल के 4 आतंकियों को मार गिराया।
15 मार्च:अवंतीपोरा जिले के वटरीग्राम में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया।
22 फरवरी:दक्षिण कश्मीर के संगम बिजबेहरा में जवानों और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। दो आतंकी मारे गए।
19 फरवरी:पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर के दौरान 3 आतंकियों को ढेर किया।
5 फरवरी:श्रीनगर के पास मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए थे,एक सीआरपीएफ जवान शहीद हुआ था। बाइक पर आए 3 आतंकियों ने सीआरपीएफ चैकपोस्ट पर फायरिंग की थी।
31 जनवरी:जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर ट्रक में छिपे 4-5 आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया था। ट्रक को नगरोटा के टोल प्लाजा पर चैकिंग के लिए रोका गया था। इसके बाद सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। मुठभेड़ के दौरान 3 आतंकी मारे गए, जबकि एक पुलिस जवान जख्मी हो गया। ट्रक का ड्राइवर पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आदिल डार का चचेरा भाई है और वही आतंकियों का मुख्य हैंडलर था।
25 जनवरी:पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें 2 पाकिस्तानी आतंकी कारी यासिर और बुरहान शेख मारे गए थे। यासिर जैश-ए-मोहम्मद का कश्मीर एरिया कमांडर था।
21 जनवरी:पुलवामा जिले के अवंतिपोरा में मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए थे। सेना का एक जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपीओ शहीद हुए थे।
20 जनवरी:शोपियां जिले में मुठभेड़ के दौरान हिजबुल मुजाहिदीन के 3 आतंकी मारे गए थे।



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Jammu and Kashmi An encounter breaks out between terrorists and security forces in Wanpora area of Kulgam district


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मध्यप्रदेश के कई शहर भीगे, भोपाल में पारा 42 डिग्री से नीचे; राजस्थान और हरियाणा में आंधी-बारिश-ओले गिरे, रेवाड़ी में दीवार गिरने से एक की मौत

नौतपा के पांचवें दिन मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश हुई। इसके बादगर्मी से लोगों को राहत मिली है। मध्यप्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में नौगांव, जबलपुर, सागर समेत 15 शहरों में तेज बारिश हुई और तापमान एक से तीन डिग्री कम हो गया। भोपाल में पारा 41.9 डिग्री रिकॉर्ड हुआ, जो कि गुरुवार के मुकाबले करीब दो डिग्री कम है। मौसम वैज्ञानिक पीके साह ने बताया कि उत्तरी हिस्से में बारिश हुई और राजस्थान के पास चक्रवती घेरा बना हुआ है इस कारण तापमान में गिरावट हुई। शनिवार काे राजधानी में बारिश के आसार हैं। 2 जून तक ऐसा ही मौसम रहेगा।

राजस्थान मेंसबसे गर्म कोटा, उसका तापमान भी 43.8 डिग्री

प्रदेश में नौतपा की शुरुआत में 50 डिग्री तक पहुंचा पारा चार दिन में ही लुढ़क गया। लगातार दूसरे दिन कई इलाको में आंधी चली और बारिश हुई। ओले भी गिरे। इससे दिन का पारा करीब 3 से 8 डिग्री तक नीचे आ गया। श्रीगंगानगर में पारा सबसे ज्यादा 7.8 डिग्री लुढ़ककर 39 डिग्री रहा। 26 अप्रैल को 50 डिग्री के साथ दुनिया और 27 अप्रैल को 49.6 डिग्री पारे के साथ देश का सबसे गर्म शहर रहने वाले चूरू में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री रह गया।चूरू में बारिश के बाद पारा अब 43.5 रह गया है।

शहर शुक्रवार (तापमान) गुरुवार (तापमान)
कोटा 43.8 45.0
चूरू 43.5 46.6
जैसलमेर 43.0 45.4
जयपुर 41.8 44.1
बाड़मेर 41.6 44.3
अजमेर 41.5 41.1
बीकानेर 41.5 45.2
जोधपुर 40.1 42.3
गंगानगर 39.0 46.9

हरियाणा में बदला मौसम;करनाल में दिन का पारा 29.80 पर आया

सप्ताहभर से गर्मी में तप रहे प्रदेश में शुक्रवार को तेज आंधी के साथ बरसात हुई। रेवाड़ी में सर्वाधिक 71 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। वहां ओले भी गिरे हैं। भुड़ला गांव में आंधी से दीवार गिरने से सांपली निवासी उमराव की मौत हो गई। कई जगह खंभे व पेड़ गिरने से बिजली सप्लाई ठप हो गई। प्रदेश में औसतन 2.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम में ठंडक घुल गई है। तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया। करनाल में यह 29.8 डिग्री पर आ गया। यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से करीब 1 डिग्री कम था। मई में अब तक 21.2 मिमी बरसात हुई है, जो सामान्य से 22% अधिक है।

आगे क्या : 30 मई को भी बारिश हो सकती है, कहीं-कहीं तेज आंधी चलेगी। 31 मई व 1 जून को भी बंूदाबांदी के आसार हैं। दिन व रात के तापमान में 3-4 डिग्री की कमी आ सकती है। उधर, केरल में प्री मॉनसून की बारिश हो रही है। 1 जून को मॉनसून दस्तक दे सकता है।

बिहार: 4 जिलों में ठनका, तेज हवा के झोंके 11 में धूल से भरी आंधी की भी आशंका

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार रात से शनिवार तक के लिए राज्य के आरा, अरवल और गोपालगंज को छोड़ बाकी सभी जिलों के लिए ‘निगरानी’ अलर्ट जारी किया है। आईएमडी की ओर से चेतावनी, सतर्क, निगरानी और कोई चेतावनी नहीं स्तर पर पूर्वानुमान जारी किया जाता है। शनिवार को नवादा, नालंदा, बेगूसराय, सुपौल, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, बांका, मधेपुरा, सहरसा और भागलपुर में बिजली चमकने, ठनका गिरने, तेज हवा के झोंके और धूल भरी आंधी का निगरानी अलर्ट दिया गया है। शेष 14 जिलों में धूल भरी आंधी का निगरानी अलर्ट नहीं, लेकिन बिजली चमकने, ठनका गिरने और तेज हवा के झोंके का पूर्वानुमान है।

चंडीगढ़ में पारा गिरकर 32 डिग्री पर आया, आंधी-बारिश से बरनाला में बच्चे पर दीवार

शुक्रवार सुबह करीब एक घंटा हुई बारिश से पारा 32 डिग्री पर आ गया। जो सामान्य से 7 डिग्री कम है। वहीं पंजाब में बारिश और आंधी की वजह से कई जगह पेड़ गिर गए। बरनाला में आंधी के कारण छत की दीवार गिरने से उसके नीचे आकर 14 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। वहीं, संगरूर में वीरवार शाम घर की छत पर चढ़ी एक महिला की तेज हवा की चपेट में आकर छत से गिरने से मौत हो गई। महिला परमजीत कौर छत पर टीन की चादर उतारने गई थी। आंधी से निहाल सिंह वाला में काफी नुकसान पहुंचा है। खंभे गिरने से बिजली सप्लाई भी बाधित रही। पटियाला में 20 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। जालंधर में भी करीब डेढ़ घंटे तक बारिश रही। राज्यमई के महीने में भयंकर गर्मी पड़ती है, लेकिन इस साल मई में बीते सोमवार से बुधवार तक तीन दिन लू चली। उसके बाद वीरवार शाम को तेज बारिश के बाद तापमान करीब 10 डिग्री गिर गया। शुक्रवार सुबह करीब एक घंटा जमकर बारिश हुई। इसके बाद कुछ देर के लिए तापमान गिरने से हल्की सी ठंडक महसूस हुई।



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नौतपा के पांचवें दिन प्रदेश में गर्मी के तेवर नरम पड़ गए। बीते चौबीस घंटे में नौगांव, जबलपुर, सागर समेत 15 शहरों में तेज बारिश हुई और तापमान एक से तीन डिग्री कम हो गया


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भोपाल में कुपोषित बच्चे को बस स्टॉप पर छोड़ गई मां, नासिक-नांदेड़ में पानी के लिए संघर्ष करती महिलाएं

लॉकडाउन में ‘कुपोषण की कुप्रथा’ की रूह कंपा देने वाली तस्वीर सामने आई है। पौधे की नन्हीं टहनियों सा दिख रहा यह मासूम सिर्फ 10 दिन का है। वजन मात्र 1.3 किलोग्राम। बागसेवनिया पुलिस को यह होशंगाबाद रोड पर एक कार शो-रूम के सामने बने बीआरटीएस बस स्टॉप पर रोता-बिलखता मिला। आसपास मां को खोजा, लेकिन वह नहीं मिली। बच्चे की कमजोर हालत देख पुलिस बिना देर किए उसे जेपी अस्पताल ले गई। डॉक्टरों ने बताया- बच्चा कुपोषित है और भूखा है। उसके शरीर पर गहरी खरोंचें भी हैं। उसे जेपी के पीआईसीयू में भर्ती किया है।

घर लौटने के लिएमजदूरों का संघर्ष जारी है

तस्वीर गुजरात के सूरत की है। यहां लॉकडाउन के दौरान कर्मभूमि से जन्मभूमि की ओर लौटने का सिलसिला जारी है। चलने में लाचार मां को गोद में उठाकर स्टेशन ले जाता युवक।

देश के पहले जुड़वां जो कोरोना को हराने में कामयाब हुए

तस्वीर गुजरात के वडनगर की है। यहां 16 मई को जन्में जुड़वां भाई-बहन ने कोरोना को हरा दिया है। इनकी मां कोरोना पॉजिटिव थी। पैदा होते ही बच्चे भी संक्रमित हो गए। दोनों को शुक्रवार को पहली बार मां की गोद नसीब हुई। ये देश के पहले जुड़वां है, जो कोरोना को हराने में कामयाब रहे हैं। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने ही बच्चों का नाम सुवास और स्वरा रखे हैं। डॉक्टरों ने कहा कि अब तीनों ठीक हो चुके हैं। अभी तक मां-बच्चे अस्पताल में अलग-अलग थे।

कोरोनाकाल में बदलते रिवाज

तस्वीर मध्य प्रदेश के उज्जैन की है। यहांमंगलनाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार को सुबह 10 बजे चिंतामन नगर की शिवानी और धार निवासी गोविंद का विवाह हुआ। इस विवाह में शासन के निर्देशानुसार 10 लोगों से भी कम 8 लोग ही शामिल हुए। शादी में भीड़ जमा नहीं हो इसलिए पुलिस भी तैनात रही।

ट्रेन रुकने से पहले ही पानी और खाने के लिए हाथ फैलाते मजबूर मजदूर

तस्वीर मध्य प्रदेश के बीना की है। यहां स्थानीय रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में श्रमिक ट्रेनें निकल रही है। इन ट्रेनों में यात्रा कर रहे यात्रियों की स्थिति दयनीय है। जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंचती है तो पानी की बॉटल एवं खाद्य सामग्री को देख कर यात्री ट्रेन के रुकने से पहले ही पानी की बॉटल के लिए हाथ निकालने लगते हैं। गौरतलब है कि स्थानीय रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को आईआरसीटीसी के द्वारा भोजन, ब्रेक फास्ट एवं पानी की बॉटल का इंतजाम किया जा रहा है।

पानी के लिए सीढ़ी के सहारे सूखी बावड़ी में उतरना पड़ता

तस्वीर नांदेड़ (महाराष्ट्र) जांभलीतांडा गांव की है। गांव से करीब दो किमी दूर एक बावड़ी है। यह करीब 50 फीट गहरी है। इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी रिसता है। लोग जान जोखिम में डालकर बावड़ी में उतरते हैं और परिवार की प्यास बुझाने के लिए एक-एक घड़ा भरते हैं।

सूरज की तपती गर्मी पानी के लिए दस किमी तक का सफर

तस्वीर महाराष्ट्र के नासिक की है।सूरज की तपती गर्मी। कोरोना संक्रमण का डर और पानी की किल्लत। पानी की तलाश में महिलाएं पानी भरने के लिए 10 किमी दूर चलकर जाती है।

तपती गर्मी से मिली राहत

तस्वीर चंडीगढ़ की है। यहां शुक्रवार सुबह करीब एक घंटा हुई बारिश हुई। तापमान गिरके 32 डिग्री पर आ गया। जो सामान्य से 7 डिग्री कम है।

गर्मी में राहत के बादल

बादलों से घिरी तस्वीर मुंबई की है। देश को भिगोने के लिए मानसून दहलीज तक आ चुका है। यह केरल के तटीय इलाकों में अरब सागर में पहुंच चुका है और समुद्री इलाकों में भारी बारिश हो रही है।

नौतपा में बारिश, मानसून जैसीपरेशानी

तस्वीर हरियाणा के सिरसा की है। 25 मई से शुरू हुए नौतपा में पड़ रही भीषण गर्मी से शुक्रवार की शाम को हुई तेज बरसात ने निजात दिला दी। बरसात से शहर में जलभराव हो गया। शहर के निचले इलाके पानी से भर गए। करीब पांच घंटे बाद पानी की निकासी हो पाई।



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Mother left for malnourished child at bus stop in Bhopal, women struggling for water in Nashik-Nanded


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मौका है मोदी 2.0 का एक साल पूरा होने का, इसलिए 12 महीने की 14 तस्वीरें, देखिए, पढ़िए, सोचिए

आज प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा हुआ है। इस मौके पर एक साल पहले चुनाव जीतने से लेकर अम्फान तूफान के बाद पिछले हफ्ते ममता के साथ हवाई दौरे तक की पीएम मोदी की 14खास तस्वीरें और उनकी कहानियां, देखें और पढ़ें...

ये तस्वीर 12 अगस्त को डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित हुए मैन वर्सेस वाइल्ड शो की है। इस शो में प्रधानमंत्री मोदी नजर आए थे। इस शो की शूटिंग उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट पार्क में हुई थी। इसे 180 देशों में टेलीकास्ट किया गया था।
अमेरिका के ह्यूस्टून में पिछले साल 23 सितंबर को हाउडी मोदी कार्यक्रम हुआ था। इस कार्यक्रम में अमेरिका में रहने वाले 50 हजार से ज्यादा भारतीय शामिल हुए थे। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी मौजूद थे।
पिछले साल 8 अक्टूबर को दशहरा था। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के द्वारका में बने दशहरा मैदान में रावण दहन किया था।
अक्टूबर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए थे। इस दौरान वे तमिलनाडु भी पहुंचे थे। यहां चेन्नई में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पुरातनकालीन शहर महाबलीपुरम घुमाया था। ये तस्वीर उसी समय की है। मोदी-जिनपिंग दोनों बैठकर नारियल पानी पी रहे थे।
ये तस्वीर भी महाबलीपुरम की ही है। मोदी यहां मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। मोदी की इस तस्वीर पर यूजर ने उनसे पूछा था कि उनके हाथ में क्या है? तो इस पर मोदी ने खुद जवाब देते हुए बताया था कि ये एक एक्यप्रेशर रोलर है, जिसे वे अक्सर इस्तेमाल करते हैं।
पिछले साल 19 अक्टूबर को पीएम मोदी ने अपने आवास पर बॉलीवुड सितारों से मुलाकात की थी। मुलाकात का मकसद था- गांधीजी की 150वीं जयंती को कैसे यादगार बनाए जाए? इस पर चर्चा हो सके। कार्यक्रम के बाद मोदी ने बॉलीवुड सितारों के साथ सेल्फी भी ली थी। इस सेल्फी में शाहरुख खान और आमिर खान नजर आ रहे हैं।
ये तस्वीर दिवाली की है। पिछले साल 27 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे थे। मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, तब से वे हर साल जवानों के साथ ही दिवाली मनाते हैं।
ये तस्वीर पिछले साल ब्राजील की राजधानी ब्रासिलिया में हुए 11वें ब्रिक्स सम्मेलन की है। मोदी ने यहां ब्रिक्स देशों को संबोधित भी किया था।ब्रिक्स दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बना है।
ये तस्वीर पिछले साल 26 दिसंबर की है। इस दिन सूर्य ग्रहण था। मोदी ने ये तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था- 'कई भारतीयों की तरह मैं भी सूर्य ग्रहण को लेकर उत्साहित था। लेकिन बादल छाए रहने से इसे नहीं देख पाया। हालांकि मैंने लाइव स्ट्रीम के जरिए कोझिकोड (केरल) से ग्रहण की झलक देखी।'
ये तस्वीर पिछले साल 9 दिसंबर की है। उस समय भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी पुणे से 60 किमी दूर अपने बंगले में बेहोश होकर गिर गए थे। उन्हें पुणे के रुबी हॉल क्लीनिक में भर्ती कराया गया था। उनका हाल चाल जानने के लिए प्रधानमंत्री मोदी उनके पास गए थे।
ये तस्वीर इसी साल 12 जनवरी की है। स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता के बैलूर मठ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने रामकृष्ण मंदिर जाकर रामकृष्ण परमहंस को श्रद्धांजलि भी दी थी।
ये तस्वीर 24 फरवरी की है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया दो दिन के भारत दौरे पर आए थे। दौरे के पहले दिन ट्रम्प, मेलानिया और प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम पहुंचे थे। यहां मोदी ने उन्हें तीन बंदरों की थ्योरी समझाई थी।
ये तस्वीर 14 अप्रैल की है, जब मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन को 19 दिन के लिए 3 मई तक बढ़ा दिया था। मोदी ने इस दिन देश को संबोधित करते हुए हाथ जोड़कर उनसे घर में ही रहने की अपील की थी।
ये सबसे ताजा तस्वीर है। 22 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था। इस दौरान उनके साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं। दोनों की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुई थी। हवाई सर्वे के बाद मोदी ने बंगाल को 1 हजार करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया था। अम्फान से बंगाल में 80 मौतें हुई हैं।


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ये तस्वीर 23 मई 2019 की है। जब लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को 303 सीटें मिलीं, तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह कार्यकर्ताओं का धन्यवाद देने के लिए भाजपा हेडक्वार्टर पहुंचे थे।


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50 डिग्री तापमान में पीपीई किट पहनकर पसीने और घुटन में काम करने वाले हेल्थ वर्कर्स की कहानी

राजस्थान का चूरू। यहां पारा 50 डिग्री पहुंच चुका है। दुनिया के सबसे गर्म चूरू में जब घरों में लगे कूलर-पंखे तक आग उगल रहे हैं, ऐसे में पीपीई किट पहनकर कोरोना वार्ड में काम करना चुनौती से कम नहीं।

ये चुनौती तब और बढ़ जाती है जब अस्पताल के ज्यादातर वॉर्ड में न कूलर हैं और एसी का तो सवाल भी नहीं।

जहां एक ओर चूरू के लोग गर्मी के चलते दिन में एक बार भी दरवाजा-खिड़की नहीं खोल पा रहे हैं, तब हेल्थ वर्कर्स न सिर्फ ड्यूटी करने अस्पताल जा रहे हैं बल्कि पीपीई किट पहनकर कोरोना मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं।

बिना कूलर-एसी वाले वॉर्ड में पीपीई किट पहनकर 1 घंटे ड्यूटी

उज्जैनशिला नर्स हैं और इन दिनों चूरू के एनएनएम हॉस्टल में बने कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी कर रही हैं। कहती हैं, पीपीई किट पहनकर चूरू में काम करना आग की भट्‌टी में तपने जैसा है।

शहर से बाहर एनएनएम हॉस्टल में कोरोना वार्ड बनाया है। नई बिल्डिंग है,इसलिए यहां न कूलर लग पाए हैं न एसी है। सिर्फ पंखे लगे हैं। स्टाफ रूम तक में भी कूलर नहीं है।

कहती हैं बमुश्किल 1 घंटे वार्ड के अंदर किट पहनकर रह पाते हैं। किट पहनने के के दस मिनट में ही इतना पसीना आता है कि कपड़े भीग जाते हैं।

उनका काम कोरोना मरीजों को दवा, चाय, काढ़ा देना होता है। उन्हें टेम्प्रेचर लेना होता है। इस सब में वक्त लगता है। और बिना किट पहने भीतर नहीं जा सकते।

उज्जैनशिला मरीजों को चाय से लेकर काढ़ा देने तक का काम पीपीई किट पहनकर करती हैं।

लू से बचने को वह प्याज साथ रखती हैं। कहती हैं, पास में प्याज भी रख लेती हूं कि लू लगने से बच जाऊं।

15 मिनट पीपीई पहनने के बाद लगता है किट नहीं उतारी तो बेहोश हो जाएंगे

कोरोना मरीजों की सैम्पलिंग का काम करने वाले मुकेश कहते हैं, ‘मेरा काम फील्ड और हॉस्पिटल दोनों जगह का है। सैम्पल लेने के पहले पीपीई किट पहनना ही पड़ती है।

फील्ड में तो हम 15 मिनट से ज्यादा किट नहीं पहन पा रहे हैं। थोड़ी भी देर हुई की लगता है किट नहीं उतारी तो बेहोश हो जाएंगे।

मुकेश कहते हैं, पहले कभी पीपीई किट पहनी नहीं। चूरू में 15 मिनट पहनना भी मुश्किल है।

मुकेश बताते हैं कुछ दिनों पहले तक किट पहनकर 30 मरीजों तक के सैम्पल कलेक्ट कर लेते थे लेकिन अब एक बार में 15 के ही कर पा रहे हैं।

15 मिनट के बाद किट उतारकर एक घंटे आराम करते हैं। पेट भरकर पानी पीते हैं। फिर नई किट पहनकर सैम्पलिंग करते हैं।

डॉक्टर खाने में सॉलिड चीजेंनहीं लेते क्योंकिघबराहट होती है

चूरू के मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर एफएच गौरी कहते हैं कि, यहां 40 से 45 फीसदीआबादी मुस्लिमों की है। मैं पिछले 30 सालों से यहां हूं। हर कोई जानता है।

इसलिए कलेक्टर साहब ने फील्ड में लोगों को समझाने की जिम्मेदारी भी मुझे दे रखी है ताकि इलाज में समुदाय के लोग सहयोग करें।

डॉक्टर गौरी लिक्विड डाइट पर हैं। फील्ड और ऑफिस दोनों ही जगह सेवाएं दे रहे हैं।

तपती गर्मी के चलते सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच फील्ड में काम करते हैं। फिर वार्ड में पेशेंट को देखने का काम। वो भी दोपहर 2 बजे के पहले पूरा कर लेते हैं। इसके बाद इमरजेंसी केस ही देखते हैं, वरना फिर शाम के राउंड में सबको देखा जाता है।

डॉ गौरी कहते हैं, रोजे के वक्त से ही मैं खीर, शिकंजी जैसे लिक्विड से ही ड्यूटी कर रहा हूं। खाने में कुछ सॉलिड नहीं लेता क्योंकि इतनी तेजी गर्मी में जब पीपीई पहनों तो घबराहट शुरू हो जाती है। एक घंटे से ज्यादा किट भी नहीं पहनी जाती।

दूसरी रिपोर्ट - मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से जहां पारा 47 डिग्री तक पहुंच चुका है

मास्क पहनने से पसीना मुंह तक आ जाता है इसलिए मुंह नहीं खोल पाते

मप्र के बुरहानपुर में भी पारा 47 डिग्री तक पहुंच चुका है। यहां के कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी करने वाली शकीला कहती हैं, ट्रिपल लेयर वाला मास्क पहनने से तकलीफ थोड़ा ज्यादा होती है, लेकिन पहनना मजबूरी है।

मास्क पहनने से पसीना मुंह तक आ जाता है, इसलिए मुंह भी खोल तक नहीं सकते।

शकीला कहती हैं गर्मी बहुत तेज है। इसी कारण रोजे भी सिर्फ चार ही किए।

जब मरीज ज्यादा होते हैं, तब तीन-तीन घंटे तक पीपीई किट में रहना पड़ता है। शकीला 2 मई से परिवार से दूर लॉज में रह रही हैं।

जहां से दो किमी दूर हॉस्पिटल है। हर रोज पैदल आना-जाना करती हैं। बोलीं, अम्मी ने बैग में प्याज रखने का बोला था, ताकि लू न लगे। इसलिए डालकर रखा है।

तपती गर्मी और ड्यूटी के चलते शकीला ने सिर्फ चार दिन ही रोजे रखे। वो भी तब जब नाइट ड्यूटी थी। कहती हैं अच्छा खाना-पीना चल रहा है, तब भी हालत खराब हो जाती है यदि सारे रोजे रखे होते तो बेहोश ही हो जाती है।



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Churu Hottest Record Report Update | Rajasthan Health Workers Wearing Personal Protective Equipment (PPE) Kit 50 50 Degrees Celsius


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लगातार दो दिन दिल्ली में 1000 से ज्यादा पॉजिटिव मिले, 24 घंटों में मरने वाले मरीजों की लिस्ट में 82 नए नाम

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस के केस पिछले तीन दिनों में अचानक बढ़े हैं। पिछले दो दिन गुरुवार और शुक्रवार को ये आंकड़ा 1000 पार कर गया।

गुरुवार को पहली बार दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों की संख्या 1000 पार गई थी। गुरुवार को 1024 और शुक्रवार को 1106 पॉजिटिव मिले थे।

इससे पहले 10 दिन तक पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों की संख्या 500 से ज्यादा आ रही थी। बुधवार को 792 पॉजिटिव मिले जो तब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था।

दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या शुक्रवार को 17 हजार का आंकड़ा पार कर गई है। यह पहली बार है जब लगातार दो दिन तक 1000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।

दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 17 हजार का आकंड़ा पार कर चुकी है।

इससे पहले 22 मई के दिन सबसे ज्यादा 660 और 27 मई को 792 मामले सामने आए थे।

इसके अलावा गुरुवार से शुक्रवार के बीच 24 घंटो में मरने वाले मरीजों की लिस्ट में 82 नए नाम जुड़ गए हैं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के मुताबिक, इनमें 13 लोग वो हैं जिनकी उन 24 घंटों में मौत हुई है जबकि 69 नाम वे हैं जिनकी मौत की जानकारी अब मिली है। देश में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा कोरोना मरीज दिल्ली में ही हैं।

दिल्ली में पॉजिटिव 17 हजार पार
प्रदेश में अब तक 17 हजार 386 पॉजिटिव मिले हैं
इनमें से 7846 संक्रमित ठीक हो चुके हैं
अब तक 398 लोगों की मौत हुई है

निजी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं मरीज

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव मामलों में से भी क़रीब 50 प्रतिशत लोगों को उनके घरों में ही क्वारैंटाइन किया गया है।

वहीं 2 हजार से ज्यादा संक्रमित दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाख़िल किए गए हैं।

कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले सभी बड़े निजी अस्पताल लगभग भर चुके हैं जबकि सरकारी अस्पतालों में तुलनात्मक रूप से भीड़ कम दिख रही है।

लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल, जिसे दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमितों के इलाज का मुख्य केंद्र बनाया है, यहां कोरोना संक्रमितों के लिए उपलब्ध दो हजार बेड में से क़रीब 1200 बेड खाली हैं।

सिर्फ़ आम लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार से जुड़े लोगों की भी प्राथमिकता सरकारी नहीं बल्कि निजी अस्पताल ही बन रहे हैं।

दिल्ली में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक के कई बड़े सरकारी अस्पताल होने के बावजूद भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा कोरोना के लक्षण होने पर गुड़गांव स्थित एक निजी अस्पताल में ही दाख़िल हुए हैं।

प्राइवेट बनाम सरकारी

शहर के 7 प्राइवेट अस्पताल में कोविड के लिए 82 आईसीयू बेड हैं, दो दिन पहले तक उनमें से 74 भरे हुए थे।
शहर के 6 सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 348 आईसीयू बेड हैं, जिनमें से 111 पर ही मरीज हैं।

दिल्ली के 16 अस्पतालों में कोरोना मरीजों का ईलाज किया जा रहा है।

10 निजी और 6 सरकारी अस्पताल में चल रहा है इलाज

फ़िलहाल दिल्ली के 10 निजी और 6 सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है।

इनमें सबसे बड़ा लोक नायक अस्पताल है जहां दो हजार बेड उपलब्ध हैं। यहां आईसीयू में 64 बेड हैं और 125 वेंटिलेटर मौजूद हैं। सरकार का दावा है कि वह वेंटिलेटर बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है।

हाल ही में हुई एक बैठक में दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने उप राज्यपाल को रिपोर्ट देते हुए बताया है कि ‘कोविड 19 के संक्रमितों के लिए दिल्ली में जो अस्पताल चुने गए हैं उनमें 4,462 बेड, 429 आईसीयू बेड, 343 वेंटिलेटर और 2,632 ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड उपलब्ध हैं।

कोरोना के लिए जो अस्पताल चुने गए हैं उनमें से2,632 ऑक्सिजन सपोर्ट वाले बेड उपलब्ध हैं।

अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में प्रेस को बताया है कि ‘हमारे सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध 3,829 बेड में से 3,164 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट वाले हैं।

हम इसे और बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि कोरोना के गम्भीर मरीज़ों को सांस लेने में ही सबसे ज्यादा तकलीफ होती है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है।’

केजरीवाल ने हर अस्पताल से कोरोना मरीजों के लिए बेड मांगे

हाल ही में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 50 बेड से ज्यादा की क्षमता वाले दिल्ली के तमाम अस्पतालों और नर्सिंग होम से अपने 20 प्रतिशत बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित रखने की अपील की है।

लेकिन अस्पताल मालिकों का कहना है कि कोरोना संक्रमितों को बाक़ी मरीज़ों के साथ अस्पताल में रखना घातक हो सकता है, इससे संक्रमण और भी तेजी से फैल सकता है।

लिहाजा इन लोगों का मानना है कि दिल्ली सरकार को कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को पूरी तरह से सिर्फ़ कोरोना के मरीज़ों के इलाज के लिए चयनित करना चाहिए।

मामलों में अचानक आई तेजी के क्या कारण हैं?

लॉकडाउन 4 में दी गई छूट को कोरोना के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण माना जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यह बयान दिया है कि ‘लॉकडाउन में ढील दिए जाने से संक्रमण के बढ़ने की उम्मीद हमें थी।’

भीड़ बढ़ने से कोरोना संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा होते जा रहा है।

बीते कुछ दिनों में दिल्ली में न सिर्फ़ हवाई उड़ानें, रेल यात्राएं और सड़क पर यातायात बढ़ा है बल्कि बाजारों में अब भीड़ नज़र आने लगी है।

हालांकि दुकानें अब भी सीमित समय के लिए ही खुल रही हैं लेकिन लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी हटा ली गई हैं। इसके चलते बाजारों से लेकर गली-मोहल्लों तक में अब भीड़ होने लगी है। यह भीड़ ऐसे समय पर उमड़ रही है जब देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बेहद तेजी से बढ़ रही है।



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लॉकडाउन 4 में दी गई छूट को दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण माना जा रहा है।


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1500 करोड़ में बदलेगी दो मंदिरों की तस्वीर, ओडिशा के पुरी और लिंगराज हैरिटेज कोरिडोर का काम शुरू

शुक्रवार से जगन्नाथ हेरिटेज कोरिडोर का काम फिर शुरू हो गया है। ओडिशा सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का उद्देश्य पुरी को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाना है। इसके लिए 800 करोड़ का बजट मंदिर के आसपास सारी सुविधाएं और नए निर्माण के लिए रखा गया है। सरकार ने पुरी को विश्व स्तरीय विरासत बनाने के लिए करीब 3200 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है। जनवरी में इसका काम शुरू हो गया था लेकिन फिर नेशनल लॉकडाउन के चलते काम को रोकना पड़ा।

जगन्नाथ मंदिर को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनाने के लिए पहले दिसंबर 2022की डेडलाइन तय की गई थी। हालांकि, ढाई महीने काम बंद रहने के बाद इसकी फिर से समीक्षा की जाएगी। पुरी मंदिर के साथ ही भुवनेश्वर के एक हजार साल से ज्यादा पुराने लिंगराज मंदिर को भी हैरिटेज कोरिडोर बनाने का फैसला किया है। इसकी लागत करीब 700 करोड़ रुपए है।

पटनायक सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2020 की शुरुआत में ही राज्य सरकार ने अपना हैरिटेड कोरिडोर प्लान तैयार किया था। करीब 3200 करोड़ की इस योजना में पुरी शहर और भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना था। इसके लिए पहले पुरी मंदिर के आसपास की दुकानों आदि को अधिग्रहित करके मंदिर के आसपास के 75 मीटर के दायरे को हैरिटेज सिक्योरिटी जोन बनाने का काम शुरू हो चुका है।

दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए फिर से काम शुरू करने का आदेश जारी किया था। शुक्रवार को जिला प्रशासन ने फिर से काम शुरू करते हुए मंदिर के आसपास की दुकानों और भवनों को सिक्योरिटी जोन के तहत तोड़ना शुरू कर दिया है।

2022 में जब ये हैरिटेज कोरिडोर बनकर तैयार हो जाएगा तो जगन्नाथ मंदिर का दृष्य कुछ ऐसा होगा।
  • ये हैं हैरिटेज कोरिडोर प्लान
  1. ड्राफ्ट आर्किटेक्चर बेंगलुरु की एक कंपनी ने बनाया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि दर्शन सुगम हो, स्वच्छता और सेनिटाइजेशन का ध्यान रखा जाए, प्रसाद और अन्य वस्तुओं के दाम फिक्स किए जाएं, मंदिर में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम हो।
  2. 12 वीं शताब्दी के मंदिर के मेघनाद पचरी (सीमा की दीवार) से 75 मीटर क्षेत्र के भीतर हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। मंदिर की दीवारों के सबसे करीब मंदिर की जरूरी चीजों की आवाजाही के लिए एक सर्विस रोड होगा।
  3. इस योजना के तहत शंकराचार्य मठ के सहित अन्य पवित्र मठों के चारों ओर रास्ते बनाए गए हैं। इन्हें भी पुरातन स्वरूप में ही सुरक्षित रखा जाएगा।
  4. दक्षिण-पूर्व ज़ोन में 'वेलकम' प्लाजा बनाया जाएगा। जिसमें मुख्य शटल-ऑफ़ ज़ोन होगा, जिसमें इलेक्ट्रिकल शटल बसों के लिए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों आने-जाने की सुविधा मिल सकेगी।
  5. ओपन एयर शो और कल्चरल प्रोग्राम के लिए भी अलग से ओपन थिएटर होगा।
  6. सौर ऊर्जा और रेनवाटर हारवेंस्टिंग की भी पूरी व्यवस्था होगी।
  7. दक्षिणी मैदान में दोनों तरफ मेडिटेशन, प्रदर्शनी और कला मंडप होंगे।
  8. जगन्नाथ मंदिर के 75 मीटर के दायरे में हेरिटेज सिक्योरिटी ज़ोन में जगन्नाथ पंथ, कला और कलाकृतियों से जुड़े देवताओं और मूर्तियों, पौधों और झाड़ियों की मूर्तियों और प्रसाद के लिए जगह होगी।


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Jagannath Puri Government of Odisha started the work of Heritage Corridor of Puri and Lingaraj Temple worth 1500 crores


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लंबी रिंग फिंगर वाले पुरुषों को मौत का खतरा कम, 41 देशों के पुरुषों पर हुई रिसर्च से पता चला

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना के संक्रमण और उंगुलियों के बीच एक कनेक्शन ढूंढ़ने का दावा कियाहै। उनका कहना है कि ऐसे पुरुष जिनकी रिंग फिंगर (अनामिका) लम्बी है उन्हें कोविड-19 से मौत का खतरा कम है।

डेली मेल की खबर के मुताबिक यह दावा ब्रिटेन की स्वानसी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 41 देशों के पुरुषों पर हुई रिसर्च के बाद किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, छोटी रिंग फिंगर वाले पुरुषों में कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद हल्के ही लक्षण देखे गए।


छोटी रिंग फिंगर वालों में मौत का खतरा 30% तक ज्यादा
शोधकर्ताओं ने जब उन देशों का अध्ययन किया जहां अधिकतर पुरुषों की रिंग फिंगर छोटी होती हैं। सामने आया कि वो देश कोरोना से सर्वाधिक मौतों के मामले में टॉप 3 में शुमार हैं। यहां अन्य देशों की तुलना में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 30% तक ज्यादा पाया गया।

कहां-कैसी है रिंग फिंगर
रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन, बुल्गारिया और स्पेन उन 10 देशों में शामिल हैं, जहां अधिकतर पुरुषों की रिंग फिंगर छोटी होती है। वहीं मलेशिया, सिंगापुर और रूस में पुरुषों की रिंग फिंगर लंबी होती है। छोटी रिंग फिंगर वाले 10 देशों में कोरोना वायरस से लगभग 1 लाख लोगों में से 4.9 (एवरेज) कोविड- 19 से मौत हुई। वहीं लंबी रिंग फिंगर वाले देशों में यह आंकड़ा 2.7 है। यानी मौत का आंकड़ा लगभग 50% तक कम है।

सेक्स हार्मोन पर निर्भर है उंगली का लंबा होना
विशेषज्ञों के अनुसार गर्भ में अगर बच्चे के टेस्टोस्टेरॉन का विकास ज्यादा होता है, तो उसकी रिंग फिंगर लंबी होती है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों का सेक्स हार्मोन होता है। यही शरीर में एसीई -2 रिसेप्टर्स की संख्या बढ़ाकर कोविड-19 से लड़ने में मदद करता है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन रिसेप्टर्स की संख्या अधिक बढ़ने पर लंग्स के डैमेज होने का खतरा भी होता है।

कैसे चेक करें रिंग फिंगर छोटी है या लम्बी?
सबसे पहले अपनी इंडेक्स फिंगर (तर्जनी उंगली) को लंबाई को मिलीमीटर में नापें। इसके बाद अपनी रिंग फिंगर की लंबाई नापें। इंडेक्स फिंगर की लंबाई से रिंग फिंगर की लंबाई के आंकड़े को घटाएं। आपकी रिंग फिंगर छोटी है या लंबी, यह इंडेक्स फिंगर और रिंग फिंगर की लंबाई के अंतर के आधार पर तय होगा। अगर यह अंतर 0.976 या इससे कम है तो आपकी रिंग फिंगर लंबी है। अगर यह 0.99 या उससे ज्यादा है तो रिंग फिंगर छोटी है।

कोविड-19 के चलते महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की हो रही मौत
रिसर्च में शामिल किए गए आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड-19 से महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की मौत हो रही है। हालांकि फिलहाल वैज्ञानिक इसका कारण नहीं खोज पाए हैं। इंग्लैंड और वेल्स का ही उदाहरण लें, तो यहां प्रति 1 लाख लोगों में कोविड-19 से मरने वाले पुरुषों का एवरेज 97.5 है। वहीं महिलाओं का एवरेज 46.5 है।



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Coronavirus UK Latest Research Updates; Men Longer Ring Fingers Are At Lower Risk Of Death From COVID


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