मंगलवार, 30 जून 2020

भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत का तीसरा राउंड आज, विवादित इलाकों से सैनिक हटाने पर चर्चा होगी

भारत-चीन में चल रहे तनाव के बीच आज लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की तीसरे राउंड की बातचीत होगी। भारत की ओर से 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह शामिल होंगे। यह मीटिंग लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चुशूल सेक्टर में भारतीय इलाके में सुबह 10.30 बजे रखी गई है। इसमें पूर्वी लद्दाख की विवाद वाली जगहों से सैनिक हटाने की प्रक्रिया तय करने पर बात होगी। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की इस महीने तीसरी और 15 जून को गलवान में हुई झड़प के बाद दूसरी मीटिंग होगी। पिछली 2 बैठकों में भी तनाव कम करने और विवादित इलाकों से सैनिक हटाने पर चर्चा हुई थी।

पिछली 2 मीटिंग की डिटेल
पहली मीटिंग
कब हुई:
6 जून
कहां हुई: एलएसी पर चीन की तरफ मोल्डो में।
क्या बात हुई: शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाकर रिश्ते आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। गलवान वैली के पास विवादित इलाकों से धीरे-धीरे सैनिक हटाने पर सहमति बनी।

दूसरी मीटिंग
कब हुई: 22 जून
कहां हुई: एलएसी पर चीन की तरफ मोल्डो में।
क्या बात हुई: भारत ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की। गलवान में हुई हिंसक झड़प पर नाराजगी जताई। भारत ने चीन से मांग रखी कि वह लद्दाख में अपने सैनिकों की संख्या घटाकर उस लेवल पर ले जाए जो अप्रैल में था।

15 जून को झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 7 हफ्ते से तनाव की स्थिति है। इस बीच 15 जून को गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों में हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 सैनिक मारे जाने की रिपोर्ट थी, हालांकि उसने यह कबूला नहीं।

भारत ने लद्दाख में सैनिक बढ़ाए, लड़ाकू विमान भी तैनात
गलवान की घटना के बाद मोदी सरकार ने सेना को फ्री हैंड देने का ऐलान कर दिया था। पिछले 2 हफ्ते में आर्मी ने हजारों जवानों को लद्दाख बॉर्डर पर भेजा है। एयरफोर्स ने भी एयर डिफेंस सिस्टम और लड़ाकू विमान तैनात किए हैं। पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि गलवान की घटना के लिए पूरी तरह चीन जिम्मेदार है।



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सोमवार का फोटा लेह का है, चीन के साथ तनाव को देखते हुए वायुसेना ने लद्दाख में लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं।


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जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4 मापी गई

जम्मू और कश्मीर में कटरा से 84 किलोमीटर पूर्व में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, सुबह 8:56 बजे आए भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।

हम इसे लगातार अपडेट कर रहे हैं..



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Earthquake tremors in Jammu and Kashmir, Richter scale at 4


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भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत का तीसरा राउंड आज, विवादित इलाकों से सैनिक हटाने पर चर्चा होगी

भारत-चीन में चल रहे तनाव के बीच आज लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की तीसरे राउंड की बातचीत होगी। भारत की ओर से 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह शामिल होंगे। यह मीटिंग लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चुशूल सेक्टर में भारतीय इलाके में सुबह 10.30 बजे रखी गई है। इसमें पूर्वी लद्दाख की विवाद वाली जगहों से सैनिक हटाने की प्रक्रिया तय करने पर बात होगी। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की इस महीने तीसरी और 15 जून को गलवान में हुई झड़प के बाद दूसरी मीटिंग होगी। पिछली 2 बैठकों में भी तनाव कम करने और विवादित इलाकों से सैनिक हटाने पर चर्चा हुई थी।

पिछली 2 मीटिंग की डिटेल
पहली मीटिंग
कब हुई:
6 जून
कहां हुई: एलएसी पर चीन की तरफ मोल्डो में।
क्या बात हुई: शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाकर रिश्ते आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। गलवान वैली के पास विवादित इलाकों से धीरे-धीरे सैनिक हटाने पर सहमति बनी।

दूसरी मीटिंग
कब हुई: 22 जून
कहां हुई: एलएसी पर चीन की तरफ मोल्डो में।
क्या बात हुई: भारत ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की। गलवान में हुई हिंसक झड़प पर नाराजगी जताई। भारत ने चीन से मांग रखी कि वह लद्दाख में अपने सैनिकों की संख्या घटाकर उस लेवल पर ले जाए जो अप्रैल में था।

15 जून को झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 7 हफ्ते से तनाव की स्थिति है। इस बीच 15 जून को गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों में हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 सैनिक मारे जाने की रिपोर्ट थी, हालांकि उसने यह कबूला नहीं।

भारत ने लद्दाख में सैनिक बढ़ाए, लड़ाकू विमान भी तैनात
गलवान की घटना के बाद मोदी सरकार ने सेना को फ्री हैंड देने का ऐलान कर दिया था। पिछले 2 हफ्ते में आर्मी ने हजारों जवानों को लद्दाख बॉर्डर पर भेजा है। एयरफोर्स ने भी एयर डिफेंस सिस्टम और लड़ाकू विमान तैनात किए हैं। पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि गलवान की घटना के लिए पूरी तरह चीन जिम्मेदार है।



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सोमवार का फोटा लेह का है, चीन के साथ तनाव को देखते हुए वायुसेना ने लद्दाख में लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं।


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यूएई में 1 जुलाई से धार्मिक स्थल खोले जाएंगे, डब्ल्यूएचओ ने कहा- महामारी का सबसे बुरा दौर आना बाकी; दुनिया में संक्रमण से 5 लाख से ज्यादा मौतें

दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 4 लाख 07 हजार 855 हो गई है। इनमें 56 लाख 64 हजार 355 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 5 लाख 08 हजार 077 लोगों ने जान गंवाई हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 1 जुलाई से धार्मिक स्थल खोले जाएंगे। यहां संक्रमितों की संख्या 48 हजार से ज्यादा हो गई है। उधर, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनियाभर के देशों के अर्थव्यवस्था बेहद खराब स्थिति से गुजर रही है, लेकिन अभी भी इसका सबसे बुरा दौर आना बाकी है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहोनम गेब्रेसियोसिस ने सोमवार को कहा कि अगर सरकारों ने सही नीतियों का पालन नहीं किया तो और लोग संक्रमित हो सकते हैं। हम सभी चाहते हैं कि महामारी खत्म हो जाए, लेकिन हम अभी भी इससे बेहद दूर हैं।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 26,81,811 1,28,783 11,17,177
ब्राजील 13,70,488 58,385 7,57,462
रूस 6,41,156 9,166 3,99,087
भारत 5,67,536 16,904 3,35,271
ब्रिटेन 3,11,965 43,575 उपलब्ध नहीं
स्पेन 2,96,050 28,346 उपलब्ध नहीं
पेरू 2,82,365 9,504 1,71,159
चिली 2,75,999 5,575 2,36,154
इटली 2,40,436 34,744 1,89,196
ईरान 2,25,205 10,670 1,86,180

*ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4Lसे लिए गए हैं।

चीन में मिला स्वाइन फ्लू महामारी को और बढ़ा सकता है

चीन में रिसर्चर्स ने नए प्रकार के स्वाइन फ्लू की खोज की है, जो महामारी को और बढ़ा सकता है। सोमवार को अमेरिकी साइंस जनरल पीएनएएस में यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। इसे जी4 नाम दिया गया है। जेनेटिकली यह एच1एन1 का ही स्वरूप है, जिसने 2009 में तबाही मचाई थी। रिसर्चर्स का डर है कि ये वायरस भी एक से दूसरे इंसान में फैल सकता है। इसके भी लक्षण खांसी, बुखार और छींक है।

चीन की राजधानी बीजिंग में मास्क पहने लोग ऑफिस से घर जा रहे हैं। यहां सोमवार को संक्रमण से सात नए मामले दर्ज किए गए हैं।

कैलिफोर्निया: यहां2600 कैदी संक्रमित
अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत की जेलों में करीब 2600 कैदी संक्रमित पाए गए हैं। गवर्नर गेविन न्यूसॉम ने मंगलवार को बताया कि इनमें से एक हजार से ज्यागा कैदी केवल सैन क्विनटिन की जेल में ही संक्रमित पाए गए हैं। कैलिफोर्निया की जेलों में करीब 1 लाख 13 हजार कैदी हैं। महामारी के चलते जेलों से अब तक करीब 3500 कैदियों को छोड़ा जा चुका है।

महामारी के बीच कैलिफोर्निया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जन्मदिन मनाते लोग। राज्य में अब तक 2.22 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।

चीन: संक्रमण के 19 नए मामले
चीन में 24 घंटे के दौरान संक्रमण के 19 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से आठ स्थानीय संक्रमण के हैं, जबकि 11 बाहर से आए मामले हैं। नेशनल हेल्थ कमीशन की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय संक्रमण के मामलों में बीजिंग में सात और शंघाई में एक मामला दर्ज किया गया। इस दौरान किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।

बीजिंग में एक टेस्टिंग सेंटर पर कोरोना की जांच के लिए लाइन में लगे लोग। राजधानी में 15 जून के बाद से अब तक 300 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

मॉस्को: 3796 लोगों की मौत
मॉस्को में 24 घंटे में कोरोनावायरस से 35 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही यहां मरने वालों की संख्या 3796 हो गई है। सभी मरीज निमोनिया से भी ग्रसित थे। एक दिन पहले मॉस्को में 23 लोगों की मौत हुई थी। देश में अब तक 6.41 लाख लोग संक्रमित हैं।

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संयुक्त अरब अमीरात में सरकार ने 1 जुलाई से मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा की है। (फाइल फोटो)


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मध्यप्रदेश में इंद्रधनुषी रंग में रंगा केउटी झरना, पंश्चिम बंगाल में 36 फीट लंबी मृत व्हेल मिली, चंडीगढ़ में पूरे एहतियात के साथ खेल शुरू

फोटोरीवा से 40 किमी दूर केउटी झरने की है। हरियाली से घिरे और इंद्रधनुषी रंग में रंगे इस झरने की खूबसूरती देखते ही बन रही है। केउटी झरना भारत का 24वां सबसे ऊंचा झरना है। इसकी ऊंचाई 130 मीटर है। यह महाना नदी पर बना है। यह नदी आगे जाकर टोन्स नदी में मिल जाती है।

व्हेल के शरीर पर चोट के निशान मिले

पश्चिम बंगाल में मिदनापुर के मंदार्मानी गांव में समुद्र तट पर 36 फीट लंबी मृत व्हेल मछली पाई गई। उसके शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस क्षेत्र में पहली बार व्हेल दिखाई दी है। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर इस मछली की मौत कैसे हुई है। इस बात की जांच भी हो रही है कि इस मछली को किसी ने मारा है या फिर यह किसी दुर्घटना का शिकार हुई है।

इटारसी से भोपाल के बीचतीसरी रेल लाइन पर एक किमी लंबी सुरंग बन रही

मध्यप्रदेश में इटारसी से भोपाल के बीच बन रही तीसरी रेल लाइन पर एक किमी लंबी सुरंग बन रही है। विंध्याचल पर्वत के मिडघाट सेक्शन पर यह रेलवे की सबसे बड़ी सुरंग होगी। 180 कर्मचारी रोटेशन में 24 घंटे बूमर मशीन से दिन-रात पहाड़ काटकर सुरंग बना रहे हैं। अभी 220 मीटर तक पहाड़ काटे जा चुके हैं।सुरंग आंध्र प्रदेश की कंपनी एनएटीएम (न्यू ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी मैथर्ड) पद्धति से बना रही है। यानी सुरंग हॉर्स-शू (घोड़े की नाल) की तरह रहेगी।

बारिश होने से लोगों को मिली काफी राहत

सोमवार को शिमला में जमकर बारिश हुई। मॉनसून की बारिश होने के कारण लोगों को काफी राहत मिली है। पिछले कई दिनों से लगातार गर्मी बरस रही है जिससे लोग बारिश आने औरराहत पाने का इंतजार कर रहे थे। बारिश से बचने के लिए लोग रिज के पास पेड़ के नीचे खड़े हो गए।

उपेक्षा के साथ क्वारेंटाइन मजदूरों को दिया जाता राशन

फोटोछत्तीसगढ़ केबसना ब्लॉक केग्राम अखराभाठा टुकड़ा स्थित क्वारेंटाइन सेंटर की है। थैलियों में पैक सूखा राशन यहां क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों को इस उपेक्षा के साथ दिया जा रहा है कि कोई खुद्दार उसे स्वीकार ही न करे। लेकिन पेट और जिंदा रहने की विवशता के आगे लानत की यह रोटी भी मजदूरों ने स्वीकार कर ली है।
पूरी एहतियात के साथ खेल शुरू

फोटो चंडीगढ़ के सेक्टर-34 स्थित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की है। कोविड-19 की वजह से खेलों पर भी असर पड़ा।प्लेयर्स की फिटनेस बरकरार रहे, इसके लिए शहर में अलग-अलग जगहों पर प्रैक्टिस शुरू हो गई है। ज्यादातर जगहों पर अभी उन प्लेयर्स को बुलाया जा रहा है जो स्टेट या फिर नेशनल लेवल पर खेल चुके हैं। कोरोना की वजह से प्लेयर्स को काफी एहतियात बरतने पड़ रहे हैं। सभी जगहों पर हर प्लेयर की एंट्री पर रोज उसकी थर्मल स्क्रीनिंग होती है और रिकॉर्ड मेंटेनहोता है। मास्क और दूरी भी जरूरी की हुई है।

दिनभर उमस के बीच सोमवार को अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री

इंदौर मेंसोमवार को शहर में तेज बारिश की संभावना थी। काले और घने बादल भी घिर आए लेकिन कुछ हिस्सों मेंकेवल कुछ पल के लिए तेज बौछार होने के बाद बारिश बंद हो गई। इसके चलते मौसम विभाग के रिकाॅर्ड मेंदर्ज नहीं हुई। वैसे इस सीजन में अब तक पांच इंच बारिश हो चुकी है और जून माह की औसत बारिश का कोटा पूरा हो गया है। दिनभर उमस के बीच सोमवार को अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य रहा, वहीं न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री रहा जो सामान्य से दो डिग्री अधिक दर्ज किया गया।

अफसोस! हम विरासत भी नहीं सहेज पाए

टैगोर हिल रांची की सिर्फ पहचान नहीं है, बल्कि 100 वर्षों से भी अधिक समय से हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरिंद्रनाथ के जीवन से जुड़ा यह स्थान पर्यटन केंद्र भी है। पर, अफसोस कि हम अपनी विरासत को सहेज नहीं पा रहे। टैगोर हिल का सबसे खास आकर्षण ब्रह्म मंदिर टूट-टूट कर गिर रहा है। मंडप का शीर्ष गुंबद दरकने लगा है, कई जगह से टूट भी गया है। मंदिर के ऊपरी भाग (केनोपी) का डिजाइन टूट कर नीचे गिरा पड़ा है। खंभों में भी दरार आ गई है। ब्रह्म मंदिर के ऊपर पौधे उग आए हैं।

भारत में सफेद सांप आखिरी बार भुवनेश्वर में मिला था

मध्यप्रदेश के खरगोनजिले के चाेली नगर के पास रविवार रात मंडलेश्वर में प्रदेश का पहला कॉमन करैत प्रजाति का सफेद सांप मिला।इसे वन विभाग को सौंपा है। वन विभाग के अनुसार प्रदेशमें इस प्रजाति का पहला सफेद सांप मिला है। भारत में सफेद सांप आखिरी बार भुवनेश्वर में मिला था। वन विभाग इसे पुन: प्राकृतिक आवास में सुरक्षित छोड़ेगा।

350 फीट की ऊंचाई से नए हरसूद का नजारा

मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय पर काेराेना के 302 मरीज मिल चुके हैं। आसपास के कुछ गांवाें तक भी पहुंचा, लेकिन 45 किमी दूर बसे नया हरसूद में एक भी मरीज नहीं है। वजह, यहां लाेग ही नहीं, सभी मकानाें में भी डिस्टेंसिंग है। सरकारी रिकाॅर्ड के मुताबिक इंदिरा सागर बांध के कारण 30 जून 2004 को हरसूद डूब में आया। यहां की आबादी को एनएचडीसी ने नए हरसूद में बसाया। यहां 244.63 हेक्टेयर में पुनर्वास किया गया। छनेरा की नवीन आबादी में भी निजी भूमि पर निर्माण में दूरी का ख्याल रखा। यहां वर्तमान में 2000 मकान बने हैं और लगभग सभी के बीच 3 मीटर तक दूरी है।

रेहड़े पर स्कूटर समेत 8-9 लोग, भार से घोड़ा हुआ बेदम

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा जारी है। लगातार बढ़ती कीमतों के खिलाफ विपक्षी दल कांग्रेस सोमवार को सड़क पर उतर गई। उसके नेताओं ने दिल्ली समेत देशभर के कई शहरों में प्रदर्शन किया। चंडीगढ़ व पंजाब में भी प्रदर्शन किया गया। अमृतसर में प्रदर्शन के दौरान एक रेहड़े पर 8-9 लोग स्कूटर सहित सवार हो गए। भार के कारण घोड़ा बेदम हो गया।



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Kouti waterfall painted in rainbow color in Madhya Pradesh, 36 feet long dead whale found in West Bengal, game started with full precaution in Chandigarh


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आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में जानलेवा गैस लीक, प्राइवेट कंपनी के 2 कर्मचारियों की मौत

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में मंगलवार सुबह एक फैक्ट्री में गैस लीकेज हुई। घटना में दो कर्मचारियों की मौत हो गई है। 4 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। घटना सेनर लाइफ साइंसेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की है। यहां बेन्जीमिडेजोल गैस लीक हुई। पुलिस के मुताबिक, जिन लोगों की मौत हुई, वे साइट पर मौजूद थे। गैस कहीं और नहीं फैली। स्थिति पर काबू पा लिया गया है।

करीब दो महीने में यहां लीकेज की यह तीसरी घटना है। 8 मई को विशाखापट्टनम के करीब एक फैक्ट्री में लीक से 11 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद इसी महीने 27 तारीख को कुर्नूल में भी एक हादसा हुआ था। इसमें कंपनी के मैनेजर की मौत हो गई थी।

27 जून को कुर्नूल में हुआ था हादसा
कुर्नूल जिले के नंद्याल शहर में एसपीवाई एग्रो केमिकल फैक्ट्री में 27 जून को अमोनिया गैस लीक होने से एक मैनेजर की मौत हो गई थी। तीन मजदूरों की तबीयत खराब हुई थी। हादसे के समय फैक्ट्री में कुल 5 लोग थे। यह फैक्ट्री दिवंगत पूर्व सांसद एसपीवाई रेड्डी की थी जो नंदी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी है।

8 मई का हादसा बेहद भयानक था
8 मई को विशाखापट्टनम के वेंकटपुरम गांव की एक केमिकल फैक्ट्री से स्टाइरीन गैस लीक होने से 11 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे। गैस एलजी पॉलिमर्स के प्लांट से लीक हुई थी। स्टाइरीन गैस प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और पाइप बनाने में इस्तेमाल होती है। गैस का असर प्लांट के आसपास तीन से चार किमी इलाके में महसूस किया गया था। पुलिस को करीब 50 लोग तो सड़कों पर बेहोश मिले थे।

गैस लीक पर आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. कुर्नूल में पूर्व सांसद की फैक्ट्री से अमोनिया गैस लीक हुई; मैनेजर की मौत, 3 की तबीयत बिगड़ी

2. चश्मदीदों ने बताया- लोग सांस नहीं ले पा रहे थे, जो जहां खड़ा था, वहीं गिर गया; पुलिस बोली- पीड़ितों तक पहुंचना बेहद मुश्किल था



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Andhra Pradesh| leakage of Benzimidazole gas in Visakhapatnam Andhra Pradesh Two workers died


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अनंतनाग जिले के वाघमा इलाके में सुरक्षाबलों का आज फिर आतंकियों से सामना, 24 घंटे में दूसरा एनकाउंटर

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के वाघमा इलाके में सुरक्षाबलों का आतंकियों से एनकाउंटर चल रहा है। आतंकियों के छिपे होने के इनपुट पर सिक्योरिटी फोर्सेज ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इससे पहले सोमवार को आर्मी और पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में अनंतनाग जिले के खुलचोहर इलाके में 3 आतंकियों को ढेर कर डोडा जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित कर दिया था।

30 दिन में 18वां एनकाउंटर, पिछले 17 में 49 आतंकी मारे गए

तारीख जगह आतंकी मारे गए
1 जून नौशेरा 3
2 जून त्राल (पुलवामा) 2
3 जून कंगन (पुलवामा) 3
5 जून कालाकोट (राजौरी) 1
7 जून रेबन (शोपियां) 5
8 जून पिंजोरा(शोपियां) 4
10 जून सुगू(शोपियां) 5
13 जून निपोरा(कुलगाम) 2
16 जून तुर्कवंगम(शोपियां) 3
18-19 जून अवंतीपोरा और शोपियां 8
21 जून शोपियां 3
23 जून बंदजू (पुलवामा) 2
25 जून सोपोर (बारामूला) 2
25-26 जून त्राल (पुलवामा) 3
29 जून खुलचोहर (अनंतनाग) 3
कुल 49

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1.जम्मू-कश्मीर: हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर मसूद समेत 3 आतंकी ढेर, पुलिस ने डोडा जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित किया

2.जम्मू-कश्मीर में नार्को-टेरर रैकेट : आतंकियों के 2 मददगार गिरफ्तार, 65 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद; 2 पिस्टल और 4 ग्रेनेड भी मिले



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29 जून का फोटो अनंतनाग जिले के खुलचोहर इलाके का है, वहां एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने हिजबुल के कमांडर मसूद को मार गिराया था।


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24 घंटे में 18339 मरीज बढ़े, अब तक 5.67 लाख केस; सोलापुर और जलगांव की मृत्यु दर सबसे ज्यादा मौतों वाले मुंबई, ठाणे और कोलकाता से अधिक

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 लाख 67 हजार 536 हो गई है। सोमवार को 18 हजार 339नए मरीज सामने आए और 13 हजार 497 ठीक हो गए। तमिलनाडु में संक्रमणतेजी से बढ़ रहाहै। बीते 24 घंटे में यहां रिकॉर्ड 3949 मरीज बढ़े, यह संख्या 5वें दिन 3500 से ज्यादा रही। सबसे ज्यादा संक्रमितों वाले राज्यों में यह दूसरे नंबर पर आ गया है।ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।सोमवार को देश में417 लोगों की जान गई।

अब संक्रमण महानगरों के अलावा छोटे शहरों में भी बढ़ रहा है।200 से ज्यादा मौतें वाले शहरों में छोटे शहर भी शामिल रहे हैं। यहां मृत्यु दर तेजी से बढ़ रही है। इनमें महाराष्ट्र के सोलापुर और जलगांव शामिल हैं। यहां मृत्यु दर सबसे ज्यादा मौतों वाले शहरों जैसे मुंबई (4371 मौतें), अहमदाबाद (1423 मौतें), ठाणे (714 मौतें) औरकोलकाता (366 मौतें) से ज्यादा है। सोलापुर में मृत्यु दर 9.50% और जलगांव में (7.30%) है। वहीं, मुंबई मेंमृत्यु दर दर सिर्फ 5.78% है, जबकि मौतेंसाढ़े चार के करीब हो गई हैं।

तमिलनाडु और महाराष्ट्र में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाया
तमिलनाडु सरकार ने 31 जुलाई तक जनरल लॉकडाउन बढ़ा दिया है। चेन्नई और आसपास के इलाके में 5 जुलाई तक सख्त लॉकडाउन लागू रहेगा। जबकि पूरे राज्य में जुलाई में हर रविवार सख्त लॉकडाउन रहेगा। वहीं, महाराष्ट्र में भी लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाया गया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल और झारखंड में लॉकडाउन 31 जुलाई तक और मणिपुर में 15 जुलाई तक बढ़ाया जा चुका है।

5 राज्यों का हाल

मध्यप्रदेश:यहां सोमवार को 184 नए मरीज सामने आए और 7 की जान गई। भोपाल में 24, इंदौर में 49, मुरैना में 24 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 13 हजार 370 हो गई, इनमें से 2607 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 564 लोगों की मौत हुई है।

महाराष्ट्र:यहां सोमवार को 5257 संक्रमित मिले और 181 लोगों की मौत हुई। मुंबई में 1226 मामले बढ़े, यहां अब 76 हजार 765 मरीज हो गए। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 69 हजार 883 हो गई, इनमें से 73 हजार 298 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 7610 ने जान गंवाई।

उत्तरप्रदेश:यहां सोमवार को 681 नए मरीज सामने आए और 12 की जान गई। गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 57, गाजियाबाद में 70 और लखनऊ में 23 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 22 हजार 828 हो गई, इनमें से 6650 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 672 लोगों की मौत हुई है।

राजस्थान:यहां सोमवार को 389 नए मरीज सामने आए और 6 की जान गई। जयपुर में 30, जोधपुर में 54 और धौलपुर में 58 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 17 हजार 660 हो गई, इनमें से 3334 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 405 लोगों की मौत हुई है।

बिहार: यहां सोमवार को 394 संक्रमित मिले और एक मौत हुई। पटना में 109, नवादा में 28 और पूर्वी चंपारण में 33 केस बढ़े। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 9 हजार 618 हो गई, इनमें से 2181 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 63 ने जान गंवाई।



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आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में जानलेवा गैस लीक, प्राइवेट कंपनी के 2 कर्मचारियों की मौत

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में मंगलवार सुबह एक फैक्ट्री में गैस लीकेज हुई। घटना में दो कर्मचारियों की मौत हो गई है। 4 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। घटना सेनर लाइफ साइंसेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की है। यहां बेन्जीमिडेजोल गैस लीक हुई। पुलिस के मुताबिक, जिन लोगों की मौत हुई, वे साइट पर मौजूद थे। गैस कहीं और नहीं फैली। स्थिति पर काबू पा लिया गया है।

करीब दो महीने में यहां लीकेज की यह तीसरी घटना है। 8 मई को विशाखापट्टनम के करीब एक फैक्ट्री में लीक से 11 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद इसी महीने 27 तारीख को कुर्नूल में भी एक हादसा हुआ था। इसमें कंपनी के मैनेजर की मौत हो गई थी।

27 जून को कुर्नूल में हुआ था हादसा
कुर्नूल जिले के नंद्याल शहर में एसपीवाई एग्रो केमिकल फैक्ट्री में 27 जून को अमोनिया गैस लीक होने से एक मैनेजर की मौत हो गई थी। तीन मजदूरों की तबीयत खराब हुई थी। हादसे के समय फैक्ट्री में कुल 5 लोग थे। यह फैक्ट्री दिवंगत पूर्व सांसद एसपीवाई रेड्डी की थी जो नंदी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी है।

8 मई का हादसा बेहद भयानक था
8 मई को विशाखापट्टनम के वेंकटपुरम गांव की एक केमिकल फैक्ट्री से स्टाइरीन गैस लीक होने से 11 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे। गैस एलजी पॉलिमर्स के प्लांट से लीक हुई थी। स्टाइरीन गैस प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और पाइप बनाने में इस्तेमाल होती है। गैस का असर प्लांट के आसपास तीन से चार किमी इलाके में महसूस किया गया था। पुलिस को करीब 50 लोग तो सड़कों पर बेहोश मिले थे।

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Andhra Pradesh| leakage of Benzimidazole gas in Visakhapatnam Andhra Pradesh Two workers died


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अनंतनाग जिले के वाघमा इलाके में सुरक्षाबलों का आज फिर आतंकियों से सामना, 24 घंटे में दूसरा एनकाउंटर

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के वाघमा इलाके में सुरक्षाबलों का आतंकियों से एनकाउंटर चल रहा है। आतंकियों के छिपे होने के इनपुट पर सिक्योरिटी फोर्सेज ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इससे पहले सोमवार को आर्मी और पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में अनंतनाग जिले के खुलचोहर इलाके में 3 आतंकियों को ढेर कर डोडा जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित कर दिया था।

30 दिन में 18वां एनकाउंटर, पिछले 17 में 49 आतंकी मारे गए

तारीख जगह आतंकी मारे गए
1 जून नौशेरा 3
2 जून त्राल (पुलवामा) 2
3 जून कंगन (पुलवामा) 3
5 जून कालाकोट (राजौरी) 1
7 जून रेबन (शोपियां) 5
8 जून पिंजोरा(शोपियां) 4
10 जून सुगू(शोपियां) 5
13 जून निपोरा(कुलगाम) 2
16 जून तुर्कवंगम(शोपियां) 3
18-19 जून अवंतीपोरा और शोपियां 8
21 जून शोपियां 3
23 जून बंदजू (पुलवामा) 2
25 जून सोपोर (बारामूला) 2
25-26 जून त्राल (पुलवामा) 3
29 जून खुलचोहर (अनंतनाग) 3
कुल 49

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29 जून का फोटो अनंतनाग जिले के खुलचोहर इलाके का है, वहां एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने हिजबुल के कमांडर मसूद को मार गिराया था।


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दुनियाभर में 148 वैक्सीन पर काम चल रहा, इनमें से 17 क्लीनिकल ट्रायल के फेज में; भारत में भी 14 वैक्सीन पर काम

दुनिया के 216 देश इस समय कोरोनावायरस से जूझ रहे हैं। दुनियाभर में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 1 करोड़ के पार पहुंच गई है। मौतों का आंकड़ा भी 5 लाख के ऊपर आ गया है।

अब बस एक ही सवाल सबके जहन में आता है कि आखिर कब तक हमें कोरोना से लड़ना पड़ेगा? कब तक इसकी कोई असरदार दवा या वैक्सीन आ पाएगी? तो इसका जवाब अभी किसी के पास भी नहीं है।

हालांकि, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 28 जून तक दुुनियाभर में कोरोना की 148 वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से 131 वैक्सीन प्री-क्लीनिकल प्रोसेस में है, जबकि बाकी 17 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के फेज में आ गई हैं।

आमतौर पर किसी भी बीमारी की वैक्सीन बनने में 15 साल से भी ज्यादा का वक्त लगता है। लेकिन, दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन को लेकर जिस तेजी से काम चल रहा है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस साल के आखिर तक या जून 2021 तक हमारे पास एक अच्छी वैक्सीन होगी।

कुछ दिन पहले ही डब्ल्यूएचओ की चीफ टेड्रोस अधेनॉम गेब्रेसियस ने भी एक साल के अंदर कोरोना की वैक्सीन आ जाने की उम्मीद जताई है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड वैक्सीन तीसरे फेज में
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और वहां की एक कंपनी एस्ट्राजैनेका (AstraZeneca) एक वैक्सीन पर काम कर रही है। ये वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के तीसरे फेज में पहुंच चुकी है।

वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए एस्ट्राजैनेका ने कई कंपनियों से हाथ मिलाया है। इसमें भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी है। इन कंपनियों की मदद से कंपनी जून 2021 तक 200 करोड़ वैक्सीन बनाना चाहती है।

भारत में भी 14 वैक्सीन पर काम चल रहा
इस महीने की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने बताया था कि भारत में कोरोना की 14 वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से 4 वैक्सीन का काम अगले 3 से 5 महीनों में क्लीनिकल ट्रायल के फेज में पहुंचने की उम्मीद है।

इन सबके अलावा दुनियाभर में जिन 148 वैक्सीन पर काम चल रहा है, उसमें 5 या तो भारतीय कंपनियों की है या फिर भारतीय कंपनियां हिस्सेदार हैं। गुजरात की जायडस कैडिला कंपनी भी है। इसी कंपनी ने 2010 में देश में स्वाइन फ्लू की सबसे पहली वैक्सीन तैयार की थी।

इसके अलावा भारत बायोटेक दो, इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया 1-1 वैक्सीन पर दूसरे देशों की संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

वैक्सीन के लिए कितना खर्चा?
कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर की सरकारें करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं। भारत में भी पीएम केयर्स फंड से 100 करोड़ रुपए वैक्सीन पर खर्च हो रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना से संक्रमित होने का खतरा सभी को है, इसलिए इसके इलाज और रोकथाम के उपाय भी सभी के लिए होने चाहिए।

इसी हफ्ते यूएन ने भी कहा है कि कोरोना के असरदार इलाज और वैक्सीन के लिए अगले 12 महीनों में 31 अरब डॉलर (करीब 2.35 लाख करोड़ रुपए) की जरूरत होगी।

अप्रैल में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने भी अनुमान लगाया था कि अगर हम कोरोना की कोई कारगर वैक्सीन बना भी लेते हैं, तो हमें इसकी मैनुफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 25 अरब डॉलर (करीब 1.90 लाख करोड़ रुपए) की जरूरत होगी।

बिल गेट्स ने भी एक ब्लॉग के जरिए कहा था कि अगर हम कोरोना की कारगर वैक्सीन बनाने में कामयाब होते हैं, तो इससे हम लाखों करोड़ रुपए बचाने में भी कामयाब होंगे।

ये तस्वीर पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की लैब है, जहां एक वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रहा है। ये दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने की कंपनी है।

किस देश को सबसे पहले मिलेगी कोरोना की वैक्सीन?
अगर कोरोना की कोई वैक्सीन बन जाती है, तो ये सबसे पहले किसे मिलेगी? तो इसका जवाब तो यही है कि जो देश पहले इस वैक्सीन को बनाएगा, वहीं के लोगों को सबसे पहले वैक्सीन मिलेगी।

पिछले हफ्ते अमेरिका के टॉप इन्फेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फाउची ने कहा है कि उन्हें इस साल के आखिर तक या 2021 की शुरुआत में कोरोना की एक वैक्सीन मिलने की उम्मीद है।

अमेरिका के अलावा ब्रिटेन और चीन भी वैक्सीन पर करोड़ों खर्च कर रहे हैं। ब्रिटेन की एस्ट्राजैनेका ने वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से पार्टनरशिप की है। अगर एस्ट्राजैनेका वैक्सीन बना लेती है, तो सीरम इंस्टीट्यूट भारत में भी 1 अरब डोज तैयार कर लेगी।

तब भी सबसे बड़ा सवाल, क्या कोरोना की वैक्सीन आ पाएगी?
कोरोनावायरस से बचने के लिए वैक्सीन का काम भले ही तेजी से चल रहा हो और दुनियाभर में वैक्सीन के आने पर उम्मीदें जताई जा रही हों। लेकिन, फिर भी एक सवाल यही है कि क्या कोरोना की वैक्सीन बन पाएगी?

ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोनावायरस भी एक तरह का फ्लू है। फ्लू की बीमारी करीब सैकड़ों साल पुरानी है, लेकिन आज तक फ्लू की कोई वैक्सीन नहीं बन सकी है। यही कारण है कि हर साल सर्दी-जुकाम की बीमारियां फैलती हैं।

इसके अलावा इसका दूसरा कारण ये भी है कि कुछ खतरनाक बीमारियों की वैक्सीन अभी तक नहीं बन सकी।

1981 में एचआईवी वायरस फैला। इस वायरस की वजह से इंसानों में एड्स की बीमारी फैलती है। 4 दशक बीत जाने के बाद भी इस बीमारी की कोई असरदार दवा या वैक्सीन नहीं बन सकी। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इससे अब तक 3.5 करोड़ से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

इसके बाद 2002-03 में चीन से ही सार्स फैला। दुनियाभर में इसके करीब साढ़े 8 हजार मामले सामने आए थे, जबकि 750 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। हालांकि, जल्द ही इस बीमारी पर काबू पा लिया गया था, लेकिन कोई वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी।

2015 में मर्स वायरस फैला था। इससे अब तक ढाई हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं और 850 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी मर्स वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और कुछ देशों में इसके मामले अभी भी आते रहते हैं। लेकिन, इसकी भी कोई वैक्सीन अभी तक तैयार नहीं हो सकी है।

कुछ वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि सार्स और मर्स जैसे वायरस फैलने के बाद अगर इन बीमारियों से निपटने के लिए वैक्सीन पर काम जारी रहता तो कोरोना की वैक्सीन बनाने में ज्यादा कठिनाई नहीं आती। क्योंकि, सार्स और मर्स भी कोरोनावायरस ही है।



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ये तस्वीर रूस के सेंट पीटर्सबर्ग की है। यहां की बायोकैड बायोटेक्नोलॉजी कंपनी में भी कोरोना की वैक्सीन पर काम चल रहा है।


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घाटी को 36 हजार करोड़ का नुकसान, सेब के बाग, शिकारे और जेवर बेचकर रोजी-रोटी जुटाने की कोशिश

कश्मीर घाटी पिछले 11 महीने से डबल लॉकडाउन झेल रही है। पिछले साल अगस्त में धारा 370 हटाने के ठीक पहले यहां एहतियातन लॉकडाउन लगा दिया गया था। सर्दियों में महीने भर के लिए लॉकडाउन खुला भी तो मार्च में कोरोना के कारण फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा।

इन 11 महीनों में कश्मीर घाटी ने पिछले तीन दशक मेंसबसे बड़ा आर्थिक नुकसान झेला है। सुरक्षा के चलते लगने वाले लॉकडाउन में कश्मीरियों ने खुद को हालातके मुताबिक ढाल लिया था। उसका आर्थिक स्थिति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। लेकिन, इस बार मार सीधे जेब पर पड़ी है।

पर्यटन, हॉर्टिकल्चर, पश्मिना-हैंडीक्राफ्ट और ड्राय फ्रूट की बदौलत कश्मीर को आमदनी हासिल होती है। टूरिस्ट सीजन भी शुरू हो चुका है। लेकिन, कोरोना के चलते पर्यटकों से कश्मीर आने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस साल पश्मीना बुनाई का काम बंद है, केसर पर भी कोरोना का असर हुआ है।सेब और अखरोट को लॉकडाउन से ज्यादा मौसम से नुकसान हुआ है।

डल लेक पर 900 से अधिक हाउस बोट बने हैं। लॉकडाउन के कारण सभी पूरी तरह से खाली पड़े हैं।

डबल लॉकडाउन में 36 हजार करोड़ का घाटा

द कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने डबल लॉकडाउन का एनालिसिस दो फेज में किया है। अगस्त से लेकर दिसंबर तक 120 दिन घाटी में एक दर्जन से ज्यादा सेक्टर में करीब 18 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। यानी हर दिन करीब 120 करोड़ का घाटा कश्मीर के कारोबार को हुआ है। यही नहीं पांच लाख लोगों ने इस दौरान नौकरी भी गंवाई हैं।

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के शेख अहमद के मुताबिक इस साल जनवरी से लेकर जून तक करीब 18 हजार करोड़ रुपए का नुकसान और हुआ है। यानी डबल लॉकडाउन में करीब 36 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा नुकसान कश्मीर घाटी में टूरिज्म, हॉर्टिकल्चर, टांसपोर्ट, हैंडीक्राफ्ट, एजुकेशन समेत एक दर्जन सेक्टर को हुआ है।

अहमद कहते हैं, कारोना के कारणकश्मीर के ट्रेड पर भी असर पड़ेगा। ऐसे हालात का सामना शायद पहली बार घाटी झेल रही है। यहां पर्यटन बढ़ने और दूसरे प्रदेशों में लॉकडाउन की बंदिशें कम होने से ही स्थिति सामान्य हो सकती है।लेकिन, इसमें कम से कम पांच साल तो लग ही जाएंगे।

इस समय डल लेक सूनी है, शिकारे भी नहीं चल रहे हैं, क्योंकि यहां पर्यटक ही नहीं आ रहे हैं।

परिवार चलाने के लिए 500 शिकारा वालों ने अपनी बोट बेच दी
ऑल जे एंड के टैक्सी शिकाराएसोसिएशन के प्रेसिडेंट वली मोहम्मद के मुताबिक डल झील में अभी 4880 शिकारा और 910 हाउस बोट हैं। पिछले 11 महीने में यहां मुश्किल से 20 दिन ही शिकारे चल पाए हैं। यही वजह है कि 500 शिकारा वालों ने अपनी बोट बेच दी।

उनके लिए मेंटेंनेंस का खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा था। एक शिकारा की कीमत करीब तीन लाख रुपए तक होती है।लेकिन, मजबूरी के चलते उसे 50 से 80 हजार रुपए में बेच दिया। टूरिस्ट सीजन में जब पर्यटक आते हैं तो एक शिकारे से तीन लाख रुपए तक कमाई हो जाती है। लेकिन, इस बार 20 हजार रुपए भी नहीं हो पाई।

कई शिकारे वाले ऐसे भी हैं जिन्होंने शिकारा तो नहीं बेचालेकिन अपनी पत्नी के जेवर बेच दिए। यही हाल हाउस बोट वालों का है। एक अच्छे सीजन में उनकी कमाई भी 6लाख रुपए तक हो जाती थी। लेकिन, इस बार 50 हजार रुपए से भी कम है। एक बोट हाउस के मेंटेनेंस का खर्च 70 हजार रुपए से ज्यादा आता है।

लॉकडाउन के कारण मंडी में फलों और सब्जियों की डिमांड कम हो गई है।

सेब का उत्पादन कमहुआ, बाग बेचने की तैयारी में किसान

दिल्ली कीआजाद मंडी के बादश्रीनगर की पारिम्पोरामंडी का नाम एशिया में दूसरे पायदान पर आता है। यहां के न्यू कश्मीर फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन बट ने बताया कि कश्मीर में प्लम, डबल चेरी और सेब की पैदावार होती है। लेकिन, इस बार तीनों में ही बहुत घाटा हुआ है। डबल चेरी की पैदावार तीन लाख किलो होती थी।

मुंबई, बैंगलोर और तमिलनाडु में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा थी। लॉकडाउन के चलते इस बार चेरी की डिमांड कम है। हर साल 25 टन चेरी मुंबई जाती थी। लेकिन, इस बार सिर्फ पांच टन चेरी की डिमांड आई। चेरी से अलग-अलग प्रोडक्ट्स बनाने वाली श्रीनगर में दो दर्जन से ज्यादा कंपनियां हैं। लेकिन, डबल लॉकडाउन के चलते यहां सिर्फ तीन फैक्ट्रियांखुली हैं। जिसमेंसिर्फ 25 फीसदीवर्कर ही काम कर रहे हैं।

जम्मू- कश्मीर में धीरे-धीरे मंडियां खुल रही हैं लेकिन अभी ग्राहक ज्यादा नहीं पहुंच रहे हैं।

नवंबर में ओलागिरनेऔर गलत दवाओं के इस्तेमाल के कारण सेब की करीब 40% फसल खराब हो गई। 10 जुलाई से सेब मंडी में आने शुरूहो जाते हैं। इस बार लोगों को 30 से 40 फीसदी महंगा सेब मिलने की आशंका है। सेब किसानों की फसल इस कदर खराब हुई कि वो बाग बेचना चाहते हैं। लेकिन, उन्हें खरीददार नहीं मिल रहे हैं। पहले मंडी में 270 ट्रेडर हुआ करते थे। अभी करीब 120 ट्रेडर के पास कोई काम ही नहीं बचा है।

इस साल नई पश्मीना शॉल नहीं बुनी जाएंगी, पुरानी ही बेचेंगे
कश्मीरी फैंसी क्राफ्ट्स के सेक्रेटरी मुश्ताक अहमद बट ने बताया कि इस साल नई पश्मीना शॉल, फिरन, पुंचू का काम नहीं होगा। जो पुराना माल होगा वही बेचेंगे। 11 महीने से यहां लॉकडाउन है, इस कारण कई लोगो के पास पुराना माल भी नहीं बिकाहोगा। बडगाम, श्रीनगर, गांदरबल इन्हें बनाने का काम होता है।लगातार लॉकडाउन से कच्चा माल खरीदने के लिए कारिगरों के पास पैसे नहीं बचे है और अगर कोई खरीद भी लेता है तो वह उसे बेचने बाहर नहीं जा सकेगा।

यह शॉल बनाने वाली फैक्ट्री श्रीनगर के गाेजवारा इलाके में है। इस समय में यहां पश्मीना शॉल व गर्म कपड़े बनने का शुरु हो जाता था, लेकिन इस बार काम पूरी तरह से बंद है।

कश्मीरी केसर की फसल अच्छी, लेकिन ईरानी केसर ने कारोबार खत्म किया

जाफरान एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अब्दुल मजीद कहते हैं इस बार सही समय पर बरसात होने से केसर की फसल अच्छी होने की उम्मीद है। पिछले साल 17 टन केसर हुआ था। जिसकी कीमत 250 करोड़ रुपए से ज्यादा थी। इस सीजन में 20 टन से ज्यादा केसर हो सकता है। इसलिए उम्मीद है कि 300 करोड़रुपए से ज्यादा का कारोबार हो सकता है।
ईरान और अमेरिका के तनाव के चलते ईरानी केसर सस्ते में भारत के बाजार में पहुंचा है। इस केसर को कश्मीरी केसर बोलकर बेचा जा रहा है। एक किलो ईरानी केसर की कीमत करीब 50 रुपए होती है। वहीं एक किलो कश्मीरी केसर की कीमत डेढ़ से दो लाख रुपए होती है। गुणवत्ता के लिहाज से कश्मीरी केसर ईरान वाले से कहीं ज्यादा अच्छा होता है।



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पिछले 11 महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर को डबल लॉकडाउन का सामना करना पड़ा है। पहला अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 हटाने के बाद और दूसरा कोरोना के कारण इस साल लगाना पड़ा।


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