रविवार, 28 जून 2020

100 दिन बाद आज से खुलेंगी नाई की दुकानें और सैलून, मुंबई में कोरोना को हारने शुरू हो रहा सीरो सर्वे; राज्य में 42% एक्टिव पेशेंट

महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों के कुल आंकड़े अब 1 लाख 59 हजार 133 हो गए हैं। इनमें से अब तक 7,273 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में कुल मरीजों में से 84,245 लोग अब तक कोरोना से जंग जीतकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं, वहीं अभी एक्टिव मरीज 67,600 हैं। फिलहाल राज्य में 42% एक्टिव पेशेंट बचे हैं। इसमें से ज्यादातर में कोरोना के मामूली या हलके लक्षण है।

मुंबई में संक्रमण से अबतक 42 हजार लोग ठीक हुए
शहरों के हिसाव से राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित राजधानी मुंबई में हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 2,077 मामले सामने आए, वहीं पिछले 24 घंटे में 65 और लोगों की मौत हो गई। इन मौतों में 40 मरीज ज्यादा उम्र के थे। इसके साथ ही मुंबई में कोरोना वायरस से कुल संक्रमितों की संख्या 74,252 हो गई है। इनमें से 4,284 लोगों की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। मुंबई में इलाज के बाद अब तक 42,329 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं मुंबई में अभी एक्टिव मामलों की संख्या 27,631 है।

राज्य में आज से नाई की दुकान खुलेंगी
महाराष्ट्र में 100 दिन बाद आज से नाई की दुकान, हेयर स्पाऔर सैलून पार्लर खुल गए हैं। राज्य सरकार ने इन दुकानों को कुछ दिशा-निर्देशों के साथ खोलने की अनुमति दी है। दुकानों को पूर्व निर्धारित अपॉइंटमेंट के आधार पर चलाने की इजाजत होगी। सैलून और नाई की दुकानों में सरकार की ओर से निर्धारित एहतियात के साथ बाल काटने, हेयर डाइंग, वैक्सिंग, थ्रेडिंग को अनुमति है। जबकि दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों को इन सेवाओं को मुहैया कराते वक्त दस्ताने, एप्रन और मास्क पहनने होंगे। हर सर्विस के बाद कुर्सियों को सैनिटाइज करना अनिवार्य होगा। दुकानदार को ग्राहकों के लिए तौलिया या नैपकिन का इंतजाम करना होगा। साथ ही दुकान के फर्श को हर दो घंटे में साफ करना होगा।


मुंबई में बीएमसी करेगी सीरो सर्वे
मुंबई में बीएमसी कोरोना वायरस के फैलाव को जांचने के लिए सीरो-सर्वे करवाएगी जिसमें 10,000 रैंडम ब्लड सैपेंल लिए जायेंगे। यह सर्वे नीति आयोग और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के साथ मिलकर मुंबई के एम- वेस्ट, एफ नॉर्थ और आर नॉर्थ वॉर्ड में किए जाएगे। इस स्टडी से कोरोना संक्रमण की दर, इसके फैलाव की प्रकृति और आबादी पर इसके असर की जानकारी मिलेगी जिसके आधार पर कोरोना से संबंधित जनस्वास्थ्य नीतियां बनाने में सहायता मिलेगी।

नवी मुंबई में एक सप्ताह का लॉकडाउन
नवी मुंबई महानगरपालिका ने आदेश दिया है कि रोगियों की संख्या बढ़ने की वजह से 29 जून से 5 जुलाई तक पूरे शहर में लॉकडाउन लागू करने का आदेश जारी किया गया है। नवी मुंबई में कोरोना रोगियों का आंकड़ा 5 हजार के पार पहुंच चुका है और 194 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद जिले का पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसका संज्ञान लिया है और इस संबंध में बैठक की गई।

ड्यूटी पर हाजरी नहीं होने के कारण 6 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर
कई बार नोटिस के बावजूद ड्यूटी पर हाजिर न होने के लिए 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। ये सारे पुलिसकर्मी बोरीवली पुलिस स्टेशन से जुड़े हैं। 6 पुलिसकर्मियों में दो पुलिस नाइक है जबकि चार पुलिस कांस्टेबल हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इन पुलिसकर्मियों को पहले कई बार चेतावनी दी गई। नोटिस भी दिया गया। इसके बाद उन्हें निलंबित कर जांच के लिए बुलाया गया। इसके बावजूद ये पुलिसकर्मी नहीं आए। इसे देखते हुए अब इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।

घर पर काम करने वालों पर राज्य में रोक नहीं
सहकारिता मंत्री बालासाहब पाटील ने कहा है कि राज्य सरकार ने हाउसिंग सोसाइटी के घरों में काम के लिए आनेवाले लोगों व वाहन चालको के प्रवेश पर रोक नहीं लगाई है। लिहाजा मजदूरों व घर में काम पर आने वाले लोगों को सोसाइटी परिसर में आने से न रोका जाए। उन्होंने सोसायटी पदाधिकारियों को आग्रह करते हुए कहा है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने जो निर्देश जारी किए है, उसके अंतर्गत घर के काम के लिए मजदूरों व वाहनचालको के प्रवेश पर रोक नहीं लगाई है।

राज्य में शिक्षिकाओं को स्कूल नहीं आने की छूट

राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी कर स्कूल खुलने तक शिक्षिकाओं को स्कूल नहीं आने और घर से काम करने की छूट दे दी है, लेकिन जो शिक्षक स्वस्थ हैं, उन्हें सप्ताह में दो दिन स्कूल में हाजिरी लगानी होगी। इन शिक्षकों को किस दिन स्कूलों में आना है, यह मुख्याध्यापक तय करेंगे।सर्कुलर के मुताबिक, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और पालघर में अत्यावश्यक सेवाओं के लिए ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट चल रहे हैं। इससे शिक्षकों को स्कूलों में जाने में अड़चन आ सकती है, इसलिए शिक्षकों की सहूलत के लिए वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी गई है। साथ ही, स्कूल खोलने की तैयारी और ई-लर्निंग को लेकर मुख्याध्यायकों को सप्ताह में दो दिन स्कूल में उपस्थित रहना होगा।

मुंबई में कोरोना नियंत्रित करने में असफल रही सरकार:फडणवीस
विपक्ष के नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। सरकार इस पर नियंत्रण करने में असफल हो गई है। इस संबंध में फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी है।

फडणवीस ने पत्र में लिखा है कि कोरोना संक्रमण दर भिवंडी में 48 प्रतिशत, पनवेल में 45 प्रतिशत, मीरा-भाईंदर में 43 प्रतिशत, ठाणे में 29.94 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह आंकड़े तब हैं, जब कोरोना टेस्ट नियंत्रित किया जा रहा है। साथ ही मरने वालों के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं। फडणवीस का कहना है कि 24 जून 2020 तक मुंबई में 2 लाख 99 हजार 369 टेस्ट किया गया था जबकि उस वक्त मरीजों की संख्या 69 हजार 528 थी। मतलब टेस्ट किए गए 23.22 प्रतिशत लोग कोरोना पीड़ित पाए गए।



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राजस्थान के कांग्रेस विधायक का केंद्रीय मंत्री को पत्र- फोन पर महामारी से बचाव का संदेश 4 महीने से सुन रहे हैं, अब इसे हटवाइए

राजस्थान के सांगेद से विधायक भरत सिंह ने कोरोना जागरुकता के लिए सरकार की तरफ से सुनाई जा रही कॉलर ट्यून पर आपत्ति जताई है। विधायक ने इसकी शिकायत करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखा है।

पत्र में उन्होंने लिखा है कि अब सभी तक यह संदेश पहुंच चुका है। इसे सुनते-सुनते कान पक गए हैं और समय भी खराब होता है। इसलिए अब इसे माेबाइल काॅलर ट्यून से हटवाएं।

विधायक ने पत्र में लिखा कि जबसे काेविड-19 महामारी देश में आई है, तब से कॉल करते समय माेबाइल पर बचाव एवं सुरक्षा का संदेश सुनाई देता है। संदेश लंबा हाेता है। मार्च से लेकर जून करीब 4 महीने से जनता ये संदेश सुन रही है।

जन जन तक पहुंच चुका है संदेश
विधायक भरत सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि जनता तक यह संदेश पहुंच गया है। अब माेबाइल फाेन से ये ट्यून हटा देनी चाहिए। हर बार फोन करने पर जागरुकता संदेश सुनाया जाता है, जो समय की बर्बादी है। मेरा अनुराेध है कि काेविड-19 संदेश काे माेबाइल ट्यून से हटवाया जाए।



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कांग्रेस विधायक भरत सिंह। फाइल फोटो।


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सिंधिया गुट के 9 और नेता मंत्री बन सकते हैं; भोपाल से सारंग, इंदौर से मेंदोला, मालिनी गौड़ भी रेस में

मध्यप्रदेश में 30 जून को मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। संभावित नामों को लेकर प्रदेश स्तर पर सहमति बन गई है। नए चेहरों में प्रेम सिंह पटेल, चेतन कश्यप, मोहन यादव और अरविंद भदौरिया के नाम हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पुरानी टीम से गोपाल भार्गव, विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन, यशोधरा राजे, राजेंद्र शुक्ला, रामपाल सिंह और भूपेंद्र सिंह ठाकुर को सूची में शामिल किया गया है। भोपाल से विश्वास सारंग, इंदौर से रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ के नामों की भी चर्चा है।

शिवराज आज दिल्ली जा सकते हैं। जहां उनकी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डाऔर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात होगी। इसमें मध्यप्रदेश में तय किए गए नामों को फाइनल किया जाएगा। इससे पहले वे दिल्ली में मध्यप्रदेश के चुनिंदा नेताओं से भी बात कर सकते हैं।

संघ को भी दी गई जानकारी

इधर, पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख और संघ की ओर से मध्यप्रदेश के पालक अधिकारी बनाए गए अरुण कुमार और क्षेत्रीय प्रचारक दीपक विस्पुते को जानकारी दे दी है। साथ ही संभावित नामों की सूची भी तैयार कर ली।मुख्यमंत्री और पार्टी की ओर से संकेत हैं कि दिल्ली में सीनियर नेताओं से मुलाकात के बाद 30 जून को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।

मंत्रिमंडल विस्तार पर देर रात तक चली चर्चा

शनिवार को देर शाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच भी बात हुई।इसके बाद ये नेता मंत्रालय में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। इनके बीच देर रात तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली के सामने रखे जाने वाले पक्ष पर चर्चा हुई।मंत्रिमंडल विस्तार मई के आखिर और जून के पहले सप्ताह में संभावित था, जिसमें पहले ही देरी हो चुकी है, लेकिन अब अगले महीने मानसून सत्र होना है, ऐसे में संवैधानिक रूप से मंत्रिमंडल विस्तार करने जरूरी हो गया है।

एक्सपर्ट्स ने बताया कि क्यों जरूरी है मंत्रिमंडल विस्तार

  • सुप्रीम कोर्ट के वकील और सांसद विवेक तन्खा का कहना है कि बिना कैबिनेट के बजट का अनुमोदन नहीं हो पाएगा। संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) के अनुसार मंत्रिमंडल में कम से कम 12 मंत्रियों का होना जरूरी है, लेकिन मुख्यमंत्री को आपातकालीन शक्तियां भी मिली हैं।
  • संसदीय मामलों के जानकार सुभाष कश्यप का कहना है कि अभी मुख्यमंत्री के साथ पांच मंत्री हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे कम से कम 12 मंत्री बनाएं, लेकिन बजट के अनुमोदन का जहां तक प्रश्न है तो यह गैर संवैधानिक नहीं है। पांच मंत्रियों के साथ भी यह हो सकता है। बात सिर्फ औचित्य की है, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार होना चाहिए।

4 से 5 पद रखे जाएंगे खाली
मंत्रिमंडल में चार से पांच पद खाली रखने पर प्रदेश स्तर पर सहमति बन गई है। बसपा से संजीव कुशवाह और निर्दलीय प्रदीप जायसवाल को भी मंत्रिमंडल में लिए जाने पर विचार हुआ, लेकिन यह दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार तक टल सकता है। हालांकि इसका निर्णय भी केंद्र को लेना है। अभी मुख्यमंत्री और पांच मंत्री मिलाकर छह हैं, जबकि कैबिनेट में मुख्यमंत्री को मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 35 संख्या हो सकती है।

इंदौर से मेंदोला या मालिनी-9 सिंधिया समर्थकों के सूची में हैं नाम

  • भोपाल से विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा। इंदौर से रमेश मेंदोला और मालिनी गौड़ में से कोई एक।
  • संजय पाठक, अजय विश्नोई, नागेंद्र सिंह नागोद, जगदीश देवड़ा, बृजेंद्र सिंह, हरिशंकर खटीक के भी नाम।
  • कांग्रेस से भाजपा में आए महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंसाना, हरदीप डंग, रणवीर जाटव और बिसाहूलाल सिंह के भी नाम सूची में हैं।
  • उज्जैन से पारस जैन, रायसेन से सुरेंद्र पटवा, करण सिंह वर्मा और जालम सिंह पटेल पर प्रदेश में सहमति नहीं, दिल्ली पर छोड़ा निर्णय।


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बताया जा रहा है कि सूची में सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंसाना, हरदीप डंग, रणवीर जाटव और बिसाहूलाल सिंह के नाम हैं।


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आठ बच्चों से पिता का साया छिना, 15 दिन बाद चिता पर अंतिम बार चेहरा देखा; पता गलत होने से दो दिन मर्च्युरी में पड़ा रहा शव

राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमण की वजह से मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली यह कहानी है 40 वर्षीय हंसराज जोरावत की। हंसराज अजमेर जिले केअराईं कस्बे के देवपुरी गांव के रहने वाले थे।कोरोना की वजह से हंसराज की मौत ने ना सिर्फ पत्नी की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया, बल्कि छह बेटियों और दो मासूम बेटों के सिर से पिता का साया भी छीन लिया। शनिवार कोअंतिम संस्कार के समयबेटियों नेमां को संभालाऔर15 दिन बाद चिता पर पिता के अंतिम दर्शन किए।

जयपुर में मोक्षधाम में कर्मचारियों ने परिजन को काफी समझाया। लेकिन, कोरोना संक्रमण के खतरे से ऊपर भावनाओं का ज्वार फूटकर आंसूओं से निकल रहा था। चिता पर हंसराज का अंतिम बार चेहरा देखकर ही पत्नी, बच्चे और बहन लौटी।

जयपुर केआदर्श नगर मोक्षधाम में लकड़ियों से सजी चिता पर पॉलिथिन में लिपटे हंसराज कोआखिरी बारदेखने के लिए अजमेर से पत्नी और बच्चे पहुंचे। चिता के पास खड़ी होकर रो रही अपनी बड़ी बहन मीनाक्षी की गोद मेंसबसे छोटा भाईयह सब देख रहा था। लेकिन, वह इस दुख से अनजान था। वह कभी मां को देखता, कभी बहन को। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद अन्य की आंखें भी भीग गईं।

हंसराज की चिता को तैयार कर रहे मोक्षधाम कर्मचारी दुर्गेश ने हाथ जोड़कर उनके परिजनों से विनती करते हुए धैर्य बंधाया। उन्हें संबल दिया। साथ ही दूर से ही खड़े होकर अंतिम दर्शन करने की बात कही।

भर्ती टिकट में गलत पता भरा होने से हंसराज के परिजनसे नहीं हो सका संपर्क

अजमेर के अराईं कस्बा निवासी हंसराज। (फाइल फोटो)

हंसराज 16 जून को पॉजिटिव होने पर अजमेर से रैफर होकर जयपुर आए। यहां 24 जून को प्रतापनगर स्थितआरयूएचएस में दम तोड़ा। भर्ती टिकट में पता गांव देवपुरी, किशनगढ़ लिखा था।जबकि वे देवपुरी,अराईं के रहने वाले थे। ऐसे में प्रताप नगर पुलिस दो दिन तक परिजन काे तलाशने में जुटी रही। फार्म में उनके ही मोबाइल नंबर रिश्तेदार के कॉलम में लिखे हुए थे।पुलिस स्टाफ ने शव की पहचान कर परिजनको सूचना देनी चाही तो भर्ती टिकट में लिखा पता गलत निकला। मोबाइल नंबर हंसराज के थे। वह फोन बंद हो चुका था।

जयपुर पहुंचने के बाद एसएमएस अस्पताल की मर्च्युरी के बाहर बदहवास हालत में हंसराज की पत्नी.. अब इन पर छह बेटियों और दो बेटों को पालने की जिम्मेदारी आ गई है। रिश्तेदारों का कहना था कि सरकार आर्थिक मदद करे, नौकरी दे तब परिवार का घर खर्च चल पाएगा।

अन्य रिश्तेदारों के नंबर नहीं थे। ऐसे में हंसराज का शव दो दिन तक एसएमएस अस्पताल की मर्च्युरी में लावारिस के जैसे पड़ा रहा।आखिरकार, प्रताप नगर थाने के सब इंस्पेक्टर सुंदरलाल औरहेडकांस्टेबल किशन सिंह नाग ने मोबाइल नंबरों के आधार पर पता जुटाया। तब मदनगंज किशनगढ़ के थानाप्रभारी ने देवपुरी गांव उनके इलाके में नहीं होना बताया। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने अराईं कस्बे में संपर्क किया।

कोरोना संक्रमण और किडनी की बीमारी की वजह से जान गंवाने वाले अजमेर के हंसराज को उनके बड़े भाई शिवराज ने जयपुर में आदर्श नगर मोक्षधाम में मुखाग्नि दी। कुछ देर वहीं हाथ जोड़कर खड़े रहे।

तब हंसराज के परिजनका पता चला। 26 जून को सुबह पुलिस ने हंसराज के घर पहुंचकर बेटी मीनाक्षी औरउनकी पत्नी को सूचना दी। तब दोनों मां-बेटी, अपने छोटे भाई, मामा प्रभुलाल, ताऊ शिवराज और बुआ समेत कार किराए पर लेकर देर शाम को जयपुर पहुंचे। इसके बाद हेडकांस्टेबल किशनलाल ने कागजीप्रक्रिया पूरी कर शव परिजनको सुपुर्द किया।इसके बाद हंसराज का अंतिम संस्कार किया जा सका।

आदर्श नगर मोक्षधाम के बाहर हंसराज की पत्नी ने उन्हें बाहर से ही हाथ जोड़कर अंतिम विदाई दी। इस दौरान अपनी बड़ी बहन मीनाक्षी की गोद में मासूम भाई एकटक अपनी मां को देखता रहा। इसके बाद पति का चेहरा देखने के लिए पत्नी चिता तक चली गई। वहां फूट फूटकर रोने लगी।

चार साल से किड़नी खराब थी, डायलिसिस करवाने गए तब कोरोना पॉजिटिव हो गए
हंसराज की बड़ी बेटी मीनाक्षी ने बताया कि पापा कोचार साल पहले किडनी खराब होने के बारे में बताया गया था।उनका सप्ताह में तीन बार डायलिसिस होता था। लॉकडाउन में भी उपचार जारी रहा। मीनाक्षी के मुताबिक, आखिरी बार पापा 10 जून को अराईं में ही एक नर्सिंग होम में डायलिसिस के लिए गए थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से वह नर्सिंग होम बंद हो गया।

इसकी वजह से पापा का 13 जून को डायलिसिस नहीं हो सका। वे 14 जून को किशनगढ़ चले गए। वहां से उन्हें अजमेर रैफर कर दिया। वहीं, कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्हें 16 जून को जयपुर में आरयूएचएस रैफर कर भर्ती करवाया गया। यहां वे करीब 7 दिन भर्ती रहे। लेकिन, डायलिसिस नहीं हो सका। इसी बीच 16 जून से 24 जून तक हंसराज की अपनी बेटी मीनाक्षी, उनके साले प्रभुलाल की मोबाइल फोन पर बातचीत होती रही। तब हंसराज ने कहा यहां किसी को मिलने नहीं देते हैं। इसलिए आने की जरूरत नहीं है। पापा अजमेर में गांव के आसपास मजदूरी कर परिवार के नौ सदस्यों की जिम्मेदारी उठा रहेथे।

पापा ने आखिरी बार कहा था- मैं दो-तीन दिन बाद घर आऊंगा, क्या पता था मौत की खबर आएगी

पापा से अंतिम बार 24 जून को सुबह फोन पर बात की, तब बोले- मैं ठीक हूं, दो तीन दिन में घर आ जाऊंगा... यह कहते हुए आंखों से बड़ी बेटी मीनाक्षी की रूलाई फूट पड़ी।

मीनाक्षी के मुताबिक, आखिरी बात 24 जून दोपहर करीब 12 बजे पापा से फोन पर बात हुई तो बोले- कल-परसों मेरा डायलिसिस होगा। इसके दो तीन दिन बाद मैं घर आ जाऊंगा। सब सही हो जाएगा। इसके बाद हंसराज की उसी दिन मौत हो गई। वहीं, परिजनका कहना है कि उन्होंने शाम को फोन किया तो कुछ देर तो घंटी गई। इसके बाद मोबाइल फोन बंद आने लगा। मीनाक्षी ने 25 जून को पंचायत में बातचीत की तो जवाब मिला कि तुम्हारे पापा ठीक है। वहां डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। मोबाइल पर बातचीत नहीं करवा सकते।

आदर्श नगर मोक्षधाम में चिता पर लकड़ी लगाने में कर्मचारी के साथ जुटे प्रताप नगर थाने के हेडकांस्टेबल किशन सिंह, ये पिछले तीन महीने से सब इंस्पेक्टर सुंदरलाल के साथ कोरोना पॉजिटिव मृतकों के दाह संस्कार करवा रहे हैं। इन दोनों ने मिलकर ही हंसराज के परिजनों का पता लगाकर सूचना पहुंचाई।

पापा की मौत का उन्हें 26 जून को पता चला। जब स्थानीय पुलिस ने उन्हें इसकी सूचना दी। इसके पहले दो दिन तक वे पापा का मोबाइल बंद होने से परेशान होते रहे। घबराहट भी हुई। लेकिन, पापा उसी दिन हमारा साथ छोड़ गए। ये सपने में भी नहीं सोचा था। उनके रिश्तेदारों का कहना है कि संकट की इस घड़ी में हंसराज के बच्चों औरपत्नी को सरकारी सहायता मिलनी चाहिए। ताकि वे घर खर्च चला सकें।



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कोरोना संक्रमण की वजह से 24 जून को जान गंवाने वाले अजमेर के अराईं कस्बा निवासी हंसराज की चिता के सामने हाथ जोड़कर ढोक लगाते हुए अंतिम विदाई देती उनकी पत्नी... इस बीच उनकी ननद और बेटी संभाले रही।


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चीन से तनाव के बीच आज मोदी करेंगे मन की बात, कोरोना से प्रभावित हो रही पढ़ाई और मानसून पर कर सकते हैं चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करेंगे। इस बार वे कोरोनावायरस महामारी के कारण प्रभावित हो रही पढ़ाई और मानसून पर चर्चा कर सकते हैं। इस बार की मन की बात कार्यक्रम के लिए उन्होंने 14 जून को ट्वीट करके जनता से सुझाव मांगे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘इस महीने #MannKiBaat कार्यक्रम 28 जून को प्रसारित होगा। चूंकि इसमें दो हफ्ते बाकी हैं, इसलिए अपने सुझाव दें। इससे मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों के विचार जान सकूंगा और फोन कॉल के ​जरिए उनसे जुड़ सकूंगा। मुझे विश्वास हैकि आपके पास कोविड 19 से लड़ाई और कई दूसरे मुद्दों पर कहने के लिए बहुत कुछ होगा।’’

पिछली बार कोरोना और योग पर बोले थे

पिछली बार मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जनता से योग और कोरोना महामारी पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था,‘‘कोरोना काल में देखा जा रहा है कि हरिद्वार से हॉलीवुड तक लोग योग अपना रहे हैं। कई लोग आयुर्वेद की तरफ लौट रहे हैं। कम्युनिटी, इम्युनिटी और यूनिटी के लिए योग बेहतर साबित हो सकता है। जीवन में योग को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने एक प्रतियोगिता शुरू की है। दुनियाभर से लोग इसमें हिस्सा ले सकते हैं। आपको योग करते हुए वीडियो पोस्ट करना है और योग से आए बदलावों को बताना है।’’



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Prime Minister Narendra Modi address nation through Mann Ki Baat on 28 June


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संक्रमितों का आंकड़ा 1 करोड़ के पार, इनमें से 54 लाख से ज्यादा ठीक हुए; मरने वालों की संख्या 5 लाख हुई

दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या शनिवार रात 1 करोड़ के पार हो गई। इनमें 54 लाख 58 हजार 367 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 5 लाख 01 हजार 298 लोगों ने जान गंवाई हैं। सबसे संक्रमित देश अमेरिका में 24 घंटे में 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां मरीजों की संख्या 25 लाख से ज्यादा हो गई है। वहीं, अब तक 1.28 लाख मौतें हो चुकी हैं।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 25,96,537 1,28,152 10,81,437
ब्राजील 13,15,941 57,103 7,15,905
रूस 6,27,646 8,969 3,93,352
भारत 5,29,577 16,103 3,10,146
ब्रिटेन 3,10,250 43,514 उपलब्ध नहीं
स्पेन 2,95,549 28,341 उपलब्ध नहीं
पेरू 2,75,989 9,135 1,64,024
चिली 2,67,766 5,347 2,28,055
इटली 2,40,136 34,716 1,88,584
ईरान 2,20,180 10,364 1,80,661

*ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4Lसे लिए गए हैं।

ब्राजील: 57 हजार से ज्यादा मौतें
ब्राजील में 24 घंटे में कोरोनावायरस से 1,109 लोगों की मौत हुई है। यहां मरने वालों की संख्या 57,070 हो गया है। वहीं, एक दिन में संक्रमण के 38,693 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या 13 लाख 13 हजार 667 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 7 लाख 15 हजार लोग बीमारी से ठीक हो चुके हैं। ब्राजील के साओ पाउलो शहर के मेयर ने घोषणा की है कि रेस्टोरेंट, बार, पब और सैलून खोलने की योजना टाली जा सकती है।

ब्रिटेन: 6 जुलाई से विदेश यात्राओं से प्रतिबंध हटेगा
ब्रिटेन दुनिया में पांचवां सबसे संक्रमित देश है। यहां संक्रमण के अब तक 3.10 लाख मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 43 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। ब्रिटेश सरकार ने 6 जुलाई से विदेश यात्राओं पर लगे प्रतिबंधों का हटाने का फैसला किया है। ये छूट कुछ यूरोपीय देशों के लिए होंगे। इसके तहत जिन देशों में मामले कम हैं, वहां से आने पर क्वारैंटाइन नहीं होना होगा।

इजराइल: 621 नए मामले
इजराइल में दो अप्रैल के बाद से कोरोना के मामलों में अब तक का सबसे बड़ा इजाफा हुआ है। एक दिन में 621 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 23,421 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। इजराइल में कुल 317 लोगों की बीमारी से मौत हो चुकी हैं। यहां गंभीर मरीजों की संख्या 46 से घटकर 41 हो गई है। यहां अब तक 17,002 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।



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कोरोनावायरस महामारी के बीच स्पेन में शनिवार को काला ऐगुब्लावा समुद्र तट पर हजारों लोग पहुंचे। यहां अब तक 2.95 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।


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चीन से तनाव के बीच आज मोदी करेंगे मन की बात, कोरोना से प्रभावित हो रही पढ़ाई और मानसून पर कर सकते हैं चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करेंगे। इस बार वे कोरोनावायरस महामारी के कारण प्रभावित हो रही पढ़ाई और मानसून पर चर्चा कर सकते हैं। इस बार की मन की बात कार्यक्रम के लिए उन्होंने 14 जून को ट्वीट करके जनता से सुझाव मांगे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘इस महीने #MannKiBaat कार्यक्रम 28 जून को प्रसारित होगा। चूंकि इसमें दो हफ्ते बाकी हैं, इसलिए अपने सुझाव दें। इससे मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों के विचार जान सकूंगा और फोन कॉल के ​जरिए उनसे जुड़ सकूंगा। मुझे विश्वास हैकि आपके पास कोविड 19 से लड़ाई और कई दूसरे मुद्दों पर कहने के लिए बहुत कुछ होगा।’’

पिछली बार कोरोना और योग पर बोले थे

पिछली बार मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जनता से योग और कोरोना महामारी पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था,‘‘कोरोना काल में देखा जा रहा है कि हरिद्वार से हॉलीवुड तक लोग योग अपना रहे हैं। कई लोग आयुर्वेद की तरफ लौट रहे हैं। कम्युनिटी, इम्युनिटी और यूनिटी के लिए योग बेहतर साबित हो सकता है। जीवन में योग को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने एक प्रतियोगिता शुरू की है। दुनियाभर से लोग इसमें हिस्सा ले सकते हैं। आपको योग करते हुए वीडियो पोस्ट करना है और योग से आए बदलावों को बताना है।’’



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Prime Minister Narendra Modi address nation through Mann Ki Baat on 28 June


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पिछले 24 घंटे में 20132 मामले बढ़े, अब तक 5.29 केस; 10 लाख की आबादी के हिसाब से सबसे ज्यादा मौतें दिल्ली में

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 लाख 29 हजार 577 हो गई। शनिवार को 20 हजार 132 नए कोरोना मरीज मिले। यह एक दिन में मिले मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या है। इसके अलावा 14 हजार से ज्यादा लोग ठीक हुए। इससे पहले बीते दो दिन लगातार 18 हजार से ज्यादा मरीज मिले थे। दिल्ली 80 हजार कोरोना संक्रमितों के साथ राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर आ गई। हालांकि, राहत की बात ये है कि अब तक 3 लाख से ज्यादा संक्रमित स्वस्थ हो गए। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

5 दिन, जब सबसे ज्यादा मामले बढ़े

तारीख केस
27 जून 20132
26 जून 18256
25 जून 18185
24 जून 16753
20 जून 15918

5 राज्योंका हाल

मध्यप्रदेश:यहां शनिवार को 167 नए मरीज सामने आए और 4 की जान गई। भोपाल में 41, इंदौर में 32, मुरैना में 18 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 12 हजार 965 हो गई, इनमें से 2444 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 550 लोगों की मौत हुई है।

उत्तरप्रदेश:यहां शनिवार को 606 नए मरीज सामने आए और 19 की जान गई। गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 126, गाजियाबाद में 69 और लखनऊ में 29 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 21 हजार 549 हो गई, इनमें से 6685 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 649 लोगों की मौत हुई है।

महाराष्ट्र:यहां शनिवार को 6368 संक्रमित मिले और 167 लोगों की मौत हुई। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 59 हजार 133 हो गई, इनमें से 67 हजार 600 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 7273 ने जान गंवाई।1जुलाई से मुंबई के अस्पतालों को कोरोना से जुड़ीमौतों की जानकारी गूगल फॉर्म के जरिए देनी होगी।

राजस्थान:यहां शनिवार को 284 नए मरीज सामने आए और 11 की जान गई। जयपुर में 17, जोधपुर में 40, और धौलपुर में 32 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 16 हजार 944 हो गई, इनमें से 3186 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 391 लोगों की मौत हुई है।

बिहार:यहां शनिवार को 302 संक्रमित मिले और 2 मौत हुईं। पटना में 25, मधुबनी में 15 और भागलपुर में 33 केस बढ़े। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 8 हजार 980 हो गई, इनमें से 1992 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 58 ने जान गंवाई।



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नेपाल ने पहली बार भारत से लगी सीमा पर सेना उतारी; हमारी जमीन कब्जाई, नदी का बहाव रोक दिया

सीमा पर नेपाल भी चीन जैसी हरकतें करने लगा है। बिहार के वाल्मीकिनगर में सुस्ता क्षेत्र पर नेपाल ने पूरी तरह कब्जा कर लिया है। भारतीयों के यहां जाने पर भी रोक लगा दी है। इलाके में 7,100 एकड़ जमीन पर नेपाल के साथ पुराना विवाद है। अब उसने सुस्ता के साथ लगे नरसही जंगल पर भी दावा ठोक दिया है। नेपाल आर्म्ड फोर्स ने यहां कैंप बना लिया है। त्रिवेणी घाट के पास नदी किनारे जंगल में भी नेपाल ने अपना झंडा लगा दिया।

भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने के दाैरान नेपाल ने पहली बार बिहार सीमा पर सेना लगाई है। कोरोना क्वारेंटाइन सेंटर के नाम पर बने कैंप सेना के ठिकाने हैं। सुपौल के कुनौली बॉर्डर के सामने नेपाल के राज बिराज भंसार ऑफिस के पास सेना की आवाजाही कई बार देखी गई। मधुबनी के मधवापुर से सटे मटिहानी की तरफ भी नेपाली सेना की गतिविधियां देखी जा रही हैं। हालांकि, रक्सौल से सटे महदेवा गांव के पास तैनात नेपाली जवान ने कहा कि यह कुछ दिन की बात है। जल्द ही पहले जैसी स्थिति हाेगी।

वहीं, स्थानीय लोग कहते हैं कि भारत की ओर से एसएसबी के नरम रुख का नेपाल फायदा उठा रहा है। बता दें कि नरसही जंगल गंडक नदी के उस पार सुस्ता के समानांतर है। जंगल की 14,500 एकड़ जमीन शुरू से भारत के अधिकार में ही रही है। अब यहां नेपाल ने गन्ने की खेती कर ली है।

100-100 मीटर पर चेक पोस्ट से निगरानी कर रहे

बिहार में नेपाल कभी अलग देश नहीं माना गया। सीमा से बेरोक-टोक आवाजाही रही है। पर अब सीमा पर हर 100 मीटर पर नेपाल आर्म्ड फोर्स के जवान हैं। ये सीमा पार करने वालों को रोक रहे हैं। गंडक बैराज भी सील है। वाल्मीकिनगर आश्रम और सुस्ता भी नहीं जा सकते।भारत से लगती 1751 किमी सीमा पर नेपाल सशस्त्र बलाें की 220 पोस्ट बनाने की तैयारी में है। बिहार से लगती 729 में से 631 किमी सीमा पर भी 94 पोस्ट बनाई जाएंगी।

नेपाल ने 12 जगह नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण किया

एसएसबी के पटना फ्रंटियर के आईजी संजय कुमार ने कहा कि गंडक नदी के कटाव के कारण सुस्ता सहित कुछ स्थानों पर भूमि को लेकर विवाद है। एक दर्जन से अधिक जगहाें पर नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण है। विवाद सुलझाने के प्रयास जारी हैं। भारत की ओर से भी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है।1,751 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर 8,000 पिलर हैं। इनमें से 1,240 गुम हैं। 2,500 पिलर नए सिरे से लगेंगे। पिलर गुम होने से पैट्रोलिंग में परेशानी आ रही है।

नेपाल की करतूत: पानी राेक लिया, ताकि एसएसबी के जवान परेशान हों

  • नेपाल ने गंडक नदी के इस पार सुस्ता गांव में पुल निर्माण शुरू किया। भारत ने आपत्ति जताई तो निर्माण बीच में ही रोकना पड़ा।
  • नरकटियागंज के भिखनाठोड़ी में एक जलस्रोत राेक दिया, ताकि एसएसबी के जवान परेशान हों। इनका कैंप जलस्रोत से 50 मीटर दूर है। यहां बोरिंग से पानी आता है। हालांकि, पानी बंद होने से आम लोगों काे परेशानी हो रही है।
  • जून के शुरू में वाल्मीकिनगर में त्रिवेणी घाट के पास बांध मरम्मत का नेपाल ने विरोध किया। भारत के कड़े रुख और एसएसबी के दखल से मामला शांत है। लेकिन स्लुइस गेट का निर्माण ठप है।
  • पूर्वी चंपारण में बलुआ के पास बांध मरम्मत का काम नेपाल ने रोक दिया। नो मेंस लैंड पार कर ऊंचाई बढ़ाने का आरोप लगाया। जबकि, यहां वर्षाें से बांध है।
  • सीतामढ़ी के बैरगनिया के पास भी बांध निर्माण पर तनातनी है।
  • सीतामढ़ी से भिट्‌ठामोड़ जा रही सड़क पर नवाहीं गांव के पास एप्रोच रोड पर नेपाल ने विरोध जताया। अब निर्माण ठप है।
  • जयनगर के इनरवा बॉर्डर के पास अकौन्हा में 2019 में कमला नहर का तटबंध टूट गया था। इसकी मरम्मत राेकने के लिए नेपाल ने सशस्त्र बल तैनात कर दिए। इसके बाद भारत को अपनी सीमा में नो मैन्स लैंड से हटकर तटबंध बनाना पड़ा।
  • नेपाल नो मैंस लैंड से सटकर निर्माण करा रहा है। मधवापुर में स्टेडियम बन रहा है। पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नो मेंस लैंड में अस्थायी निर्माण कर लिया।
  • विवाद के इन सभी मुद्दों को लेकर भारतीय कन्सुलेट जनरल ने नेपाल काे पत्र लिखा है।

बिहार में बाढ़ का खतरा: नेपाल और भारत के बीच बाढ़ भी एक अहम मुद्दा है। हर साल टूटे तटबंधों की मरम्मत होती है। लेकिन इस बार नेपाल के आपत्ति जताने से बिहार में बाढ़ का खतरा पैदा हाे गया है।

सीमा के पास चीन की एजेंसी बना रही है फाेरलेन सड़क

भारतीय सीमा तक आने के लिए नेपाल हर 10-20 किमी पर चौड़ी सड़कें बना रहा है। जब भारत सीमा के समानांतर सड़क बनाने लगा तो नेपाल ने काम औरतेज कर दिया। भारत में सोनबरसा तक टू लेन सड़क है। नेपाल ने इसके समानांतर फोरलेन सड़क बना ली। जनकपुर जाने के लिए भिट्‌ठामोड़ तक नेपाल ने फोरलेन सड़क का निर्माण करीब पूरा कर लिया है। स्थानीय लोगों की मानें तो नेपाल सीमा क्षेत्र से गुजरने वाली सभी सड़कों को नारायणी से भुटवल तक जाने वाली हाईवे से जोड़ दिया है, जिसका निर्माण चीनी एजेंसी कर रही है।



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बिहार बॉर्डर पर चीन के करीब 400 टेंटों में नेपाली जवान रुके हैं। चीन ने 2015 के भूकंप के वक्त राहत सामग्री में ये टेंट नेपाल को दिए थे। अब चेक पोस्ट बनाने में इनका इस्तेमाल हो रहा है। नेपाल ने सीमा पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए हैं।


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चीन के चंगुल में नेपाल, बिहार से रोटी-बेटी का रिश्ता खत्म करने पर आमादा है

चीन की चाल में फंसा नेपाल हमसे रोटी-बेटी का संबंध भूल गया है। चीन के चंगुल में आने के बाद वहां भारत विरोधी भावना भरी जा रही है। नेपाल के व्यापारिक शहरों में प्रमुख वीरगंज में काफी संख्या में बिहारी रहते हैं। यहां के युवा कहते हैं- हम भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन आप इसे अपना देश न समझें। बाॅर्डर सील होने से नेपाल में नमक 100 रुपए किलो बिक रहा है। भारत की बेटियों के बहू बनने पर 7 साल बाद नेपाली नागरिकता देने के कानून ने भी संबंधों में और कड़वाहट भर दी है।

चीनी भाषा बोल रहा नेपाल

भारत से सबसे अच्छे संबंधों वाले देशों में पहले नंबर पर आने वाले नेपाल के सुर बदले हुए हैं। अब वह पूरी तरह से चीनी भाषा बोल रहा है। गलती किसकी? इस तो बहस होती रहेगी। वर्तमान में इसका सबसे ज्यादा नुकसान बिहार को है। हजारों की संख्या में बिहार के परिवारों के लोग नेपाल में हैं। इसलिए वर्तमान तनाव से बिहार-नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्रों पर पड़ते असर पर दैनिक भास्कर की दाे टीमों ने 7 दिन तक पड़ताल की।

पहली टीम वाल्मीकिनगर से चलकर भिखनाठाेढ़ी, रक्सौल, बलुआके बाद सीतामढ़ी के बैरगनिया, परिहार, सुरसंड हाेते हुए भिट्ठामाेड़ तक एवं दूसरी टीम मधुबनी के मधवापुर, जयनगर, लाैकहा, सुपाैल के भीमनगर से अररिया के जाेगबनी से किशनगंज के गलगलिया हाेते हुए दिघलबैंक तक करीब 729 किलाेमीटर दूरी तक की सफर की। टीम ने नेपाल के गांवों में जाकर वहां के हालात भी जाने।

रोटी के संबंध पर चोट:नेपाल में नमक 100 तो सरसों तेल की कीमत 250 रुपए प्रति किलो

भारत-नेपाल के रिश्ताें में आई तल्खी का असर दोनों ओर के लोगों की जेब पर भी दिखने लगा है। सीमाएं सील होने का सीधा असर व्यापार पर पड़ा है। भारत में राशन से लेकर कपड़ा तक का व्यापार नेपाल के खरीददारों पर निर्भर है। लेकिन नेपाल ने अपने नागरिकों को भारत में प्रवेश करने से रोक रखा है। इधर से भी आवाजाही बंद है। सामान्य दिनाें में दोनों के बीच 4.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ट्रेड होता है। वहीं घाेषित ट्रेड का 10 गुनाअधिक अघाेषित ट्रेड हाेता है।

सीमा पूरी तरह सील होने से जरूरी सामान के दाम कई गुना बढ़े।

भारत के सीमावर्ती बाजाराें से खाद्यान्न सामग्री के साथ दवा एवं अन्य सामग्री उस पार जाती है। पर, इन दिनाें अघाेषित ट्रेड काराेबार में कमी आई है जिससे नेपाल के सीमावर्ती गांव के बाजार में खाद्यान्न की कीमत आसमान छूने लगी हैं। नमक 100 और सरसों तेल 250 रुपए किलो तक बिक रहा है। सामान्य दिनाें में नेपाल के बाजार में खाद्यान्न की कीमत भारतीय बाजार से 5 रुपए अधिक हाेती थी। पर, अब दाेगुनी कीमत है। हां, यह जरूर है कि कुछ लोग लुक-छिप कर अभी भी आ रहे हैं और जरूरी सामान लेकर नेपाल जा रहे हैं।

दो महीने में सिर्फ जयनगर की मंडी में 25-30 करोड़ का नुकसान हुआ

नेपाल के लाेगाें के भारतीय बाजार में नहीं अाने से यहां का काराेबार भी ठंडा पड़ गया है। मधुबनी के सीमावर्ती जयनगर के बड़े कपड़ा व्यापारी गिरधारी सर्राफ कहते हैं कि व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नेपाल में सिर्फ एक्सपोर्ट के जरिए ही कपड़े जा रहे हैं, लेकिन वहां के व्यापारी भारत की मंडियों में नहीं आ पा रहे। नेपाल के व्यापारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर रहे हैं।

उनका तर्क है कि व्यापारियों के भारत आकर कपड़ों की खरीद नहीं करने से पिछले दो-तीन महीनों में सिर्फ जयनगर की मंडी से 25-30 करोड़ का नुकसान हुआ है। दूसरे व्यापारी बताते हैं कि राशन और दूसरी खाद्य सामग्री के नेपाल नहीं जाने से नेपाल में उनकी कीमतें बढ़ी हैं। बॉर्डर पर किराना की दुकान चलाने वाले अखिलेन्द्र गुप्ता कहते हैं कि नेपाल में नमक 100 रुपए किलो तक बिक रहा है जबकि भारत से लोग पहले 10 रुपए में नेपाल ले जाया करते थे।

बेटी के संबंध पर चोट:नए कानून से विवाह के सात साल बाद भारतीय बेटियों को नागरिकता

भारतीय बहुओं को नागरिकता से वंचित करने की कोशिश पर नेपाल में मचे भूचाल के बीच बुधवार को मलंगवा (नेपाल) की एक महिला बेटे के लिए बहू देखने बॉर्डर पार कर सोनबरसा से सटे झीम नदी किनारे एक दुकान पर पहुंची थी। होने वाली बहू को देने के लिए कुछ खरीदारी कर रही थी। इस बीच बेटी वालों ने संदेश भिजवाया कि अब वह नेपाल में शादी नहीं करेंगे।

क्योंकि, अब नेपाल में उनकी बेटी को सात साल बाद नागरिकता मिलेगी। रिश्तेदारी नहीं होने से निराश महिला ओली सरकार पर भड़क उठी। कहने लगी वह भी कभी भारत की ही बेटी थी। जिसके नाम का सिंदूर माथे पर लगा लेती है तो पूरा जीवन उसके नाम कर देती है। ऐसे में शादी के बाद उसकी राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद पर शंका नहीं करनी चाहिए।

होने वाली बहू के लिए खरीदारी करने पहुंची मलंगवा (नेपाल) की महिला।

दरअसल, नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने भारत से बेटी-राेटी के रिश्ते काे खत्म करने की पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। भारत से ब्याह कर नेपाल जाने वाली बेटियाें काे राजनीतिक, आर्थिक और कानूनी अधिकार से वंचित करने का मन बनाया है। ताकि, भारत से खून का रिश्ता खत्म हाे सके। नेपाल ने मंगलवार काे नागरिकता संबंधी कानून को प्रतिनिधि सभा में पेश कर दिया।

लोग बोले-देश को चीन की झोली में डाल रही नेपाल की ओली सरकार

नागरिकता कानून का विरोध करते हुए मलंगवा गांव के बलराम यादव ने कहा कि यह सरकार की सोची-समझी साजिश है। ओली सरकार भारत के साथ हर तरह के संबंध को खत्म कर देश को चीन की झोली में डालने को बेताब है। सरकार चाहती है कि भारत‌ के साथ जो वैवाहिक संबंध है उसको धीरे-धीरे योजनाबद्ध तरीके से तोड़ दें। पर, शताब्दियों से नेपाल और भारत का यह संबंध सांस्कृतिक आधार पर स्थापित है।

प्रस्तावित कानून में यह है प्रावधान

नेपाली संघीय संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में विवादास्पद नागरिकता कानून पेश किया गया जिसमें किसी भी भारतीय महिलाओं को नेपाल में शादी करने के सात साल बाद ही नागरिकता दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। अब तक नेपाल में शादी के तत्काल बाद ही भारत की बेटियों काे नागरिकता का प्रमाण पत्र देने का नियम है।

कई जगहों पर बांध का निर्माण रोका:तटबंधों पर आपत्ति, बिहार में बाढ़ का खतरा

नेपाल की आपत्ति से पूर्वी चंपारण के बलुआमें लालबकेया नदी के पश्चिमी तटबंध की मरम्मत कई दिनाें से बंद है। बाढ़ से पहले बांध की मरम्मत नहीं हुई ताे पूर्वी चंपारण के ढाका, पताहीं, पकड़ी दयाल, मधुबन व फेनहारा प्रखंड में भारी तबाही तय है। 2017 में भी दाे जगह तटबंध क्षतिग्रस्त हाेने से इन प्रखंडाें में तबाही मची थी। दरअसल, नेपाल सीमा में तटबंध का निर्माण नहीं हुआहै। इस बीच भारतीय सीमा में निर्मित इस तटबंध की ऊंचाई 5 फीट बढ़ा दी गई है। इससे नेपाल के बंजरहा के लाेगाें काे आपत्ति है। गांव वालाें के साथ नेपाल आर्म्ड फाेर्स के जवान बांध निर्माण पर आपत्ति जताते हुए बलुआके ग्रामीणाें से उलझ गए। इससे भारी तनाव है।

पूर्वी चंपारण के बलुआ में बांध मरम्मत पर नेपाल ने आपत्ति जताकर काम रुकवा दिया।

नेपाल और भारत के बीच बाढ़ भी एक अहम मुद्दा रहा है। हर साल क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत होती है। लेकिन इस बार नेपाल आपत्ति कर रहा है। भारत में जयनगर के इनरवा बॉर्डर से थोड़ी दूर पर अकौन्हा है। वहां वर्ष 2019 में कमला नहर का तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया था। इस बार फिर से मरम्मत हो रही है। लेकिन नेपाल अड़चन खड़ी कर रहा है। नेपाल की आपत्ति है कि भारत नो मैंस लैंड से सटकर बांध न बनाए।

क्योंकि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं:चाइनीज हुआ हमारा नेपाल

नेपाल के पाला बदलने से सिर्फ भारत या बिहार को ही नुकसान नहीं हुआ, नेपाल भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नेपाल के लोग और सांसद सरकार के चीनी रुख का विरोध कर रहे हैं। तस्वीरों से देखिए नेपाल की स्थिति :-

भारत से दूर हो गया नेपाल

सरहद पर सख्ती बढ़ी तो चोरी-छिपे हो रही इंट्री

सख्ती से नेपाल के लोग खरीदारी के लिए अब नदी के रास्ते आ रहे।

ऐसा कैमरा जिससे भारतीय सीमा की निगरानी हो

सोनबरसा झीम पुल पर कैमरे से भारतीय सीमा की निगरानी भी संभव।

परिजनों से मिलने वालों को भी रोक रहा नेपाल

सोनबरसा चेकपोस्ट पर भारत आ रही महिला को रोकती नेपाल पुलिस।

मदद के नाम पर घुसा चीन

भारतीय की जगह अब चीनी टेंट में नेपाल पुलिस

जयनगर के बलहा बॉर्डर पर नेपाल की तरफ लगा चीनी टेंट।

पहले हमारी दवा जाती थी, अब चीन पहुंचा रहा

भारत से मदद लेने वाले नेपाल में चीन खुद पहल कर दवा पहुंचा रहा है।

चीन ने बनाई भारतीय बॉर्डर के पास की फोरलेन रोड

बिहार-नेपाल बॉर्डर से लगती सड़क को चीन की एजेंसी ने फोरलेन किया।

फिर सुलग रही विद्रोह की आग:घिरा नेपाल, लग रहे गो-बैक चाइना के नारे

चीन की साजिश से हाल के दिनाें में नेपाल सरकार की ओर से लिए गए विभिन्न फैसलाें के खिलाफ तराई में आंदाेलन तेज हाे गया है। विद्रोह की आग फिर सुलग रही है। भारतीय बहू काे सात साल बाद नागरिकता देने, नेपाली संसद में सांसदाें के हिन्दी बाेलने पर राेक, चीन की ओर नेपाल की जमीन हड़पने सहित विभिन्न मुद्दाें काे लेकर बाॅर्डर के उस पार वीरगंज, गाैड, परसा, मलंगवा, जनकपुर, धनुषा में लाेग सड़क पर उतर आए हैं। शनिवार काे वीरगंज में नेपाल विद्यार्थी संघ ने नेपाल सरकार और चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन : पूरे नेपाल में चीन की घुसपैठ के विरोध में जगह-जगह चीन गो बैक के नारे लग रहे।

संघ के केन्द्रीय सदस्य सुधीर पटेल के नेतृत्व में माई स्थान चौक से निकला जुलूस नगर परिक्रमा करते हुए घंटाघर चौक पहुंचा। इस दौरान गो बैक चाइना, नेपाली भूमि का अतिक्रमण बंद करो, चीन सरकार मुर्दाबाद, जिनपिंग मुर्दाबाद आदि नारे लगाए गए। सीतामढ़ी के साेनबरसा बाॅर्डर के उस पार मलंगवा में नागरिकता कानून में संशाेधन काे धरना-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। लाेगाें ने कहा कि नेपाल सरकार बिहार से खून के रिश्ते काे बंद करने की साजिश रच रही है। जबकि, हमारा जन्माें से बेटी-राेटी का रिश्ता है।

(वाल्मीकिनगर से कृष्ण कांत मिश्र, सिकरहना से जीतेन्द्र वत्स, सोनबरसा से मुकुंद अग्रवाल, मधवापुर से गांधी मिश्र गगन, सुपौल से बिष्णु गप्ता, जयगनर से सुनील कुमार)



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यह फोटो त्रिवेणी घाट का है। यहां जंगल की जमीन पर भारतीय इलाके में नेपाल की ओर से लगाया गया झंडा। नेपाल हमारी जमीन पर अपना दावा कर रहा है।


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देश में अगस्त के पहले शुरू नहीं होंगे खेल, ज्यादातर फेडरेशन उसके बाद की प्लानिंग कर रहे; सबसे पहले नेशनल कैंप होंगे

केंद्रीय खेल मंत्रालय खेल की वापसी को लेकर काम कर रहा है। इसके लिए नेशनल फेडरेशन से सुझाव मांगे जा रहे हैं। प्रस्ताव भी बुलाए जा रहे हैं। खेल मंत्री किरेन रिजिजू, खेल सचिव रवि मित्तल और डीजी साई संदीप प्रधान लगातार खेल फेडरेशन के सचिव और अध्यक्षों के साथ बैठक कर रहे हैं।

उन्होंने हाल ही में 15 से अधिक खेल फेडरेशन से चर्चा की। अधिकतर फेडरेशन ने माना कि अगस्त के पहले देश में खेल गतिविधियां शुरू होने की उम्मीद कम ही है। क्योंकि कोविड-19 के केस लगातार बढ़ रहे हैं। आवागमन में भी परेशानी है। इसलिए फेडरेशन वापसी के लिए अगस्त-सितंबर की प्लानिंग कर रहे हैं। भास्कर ने 8 फेडरेशन से वापसी की तैयारी के बारे में जाना...

वेटलिफ्टिंग : कैंप शुरू, नेशनल चैंपियनशिप अक्टूबर में
वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के सेक्रेटरी सहदेव यादव ने बताया, ‘नेशनल कैंप पाटियाला में चल रहा है। जबकि नेशनल चैंपियनशिप अक्टूबर में करवाई जाएगी। अभी अक्टूबर से इंटरनेशनल स्तर पर प्रतियाेगिताएं शुरू होगी। उसी समय नेशनल चैंपियनशिप कराएंगे।’

शूटिंग: 16 जुलाई को फेडरेशन की बैठक में तय करेंगे
नेशनल राइफल एसोसिएशन के सचिव राजीव भाटिया ने बताया, ‘16 जुलाई को फेडरेशन की बैठक होगी, जिसमें कोरोना के हालात पर चर्चा होगी। उसके बाद ही कैंप और नेशनल चैंपियनशिप शुरू किए जाने पर फैसला लिया जाएगा।’ हालांकि संयुक्त सचिव पवन सिंह अगस्त से कैंप शुरू करने की बात कह चुके हैं।

तीरंदाजी: सितंबर से काम शुरू करने की योजना
तीरंदाजी संघ के सचिव प्रमोद चांदूरकर ने कहा, ‘सितंबर के पहले सप्ताह से ट्रेनिंग कैंप शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। कैंप में भारतीय टीम के खिलाड़ियों और ओलिंपिक संभावितों को 8-8 की संख्या में बुलाएंगे।’

बिलियर्ड्स-स्नूकर: एसी चलाने की अनुमति चाहिए
बिलियर्ड्स-स्नूकर संघ के सचिव सुनील बजाज ने कहा, ‘सरकार से एयरकंडीशन चलाने की अनुमति का इंतजार है। जैसे ही अनुमति मिल जाती है हम गतिविधियां शुरू कर देंगे। हमें जुलाई अंत तक अनुमति मिलने की उम्मीद है।’

कयाकिंग-केनोइंग: सिर्फ के-1, सी-1 का कैंप
कयाकिंग-केनोइंग संघ के सचिव प्रशांत कुशवाहा ने बताया, ‘पहले चरण में हम के-1 और सी-1 के कैंप ही शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। अन्य इवेंट की प्रैक्टिस शुरू नहीं होगी। प्रस्ताव पर खेल मंत्रालय सहमत है।’

जूडो: अगस्त में नेशनल कराने की हमारी तैयारी
जूडो संघ के सचिव मनमोहन जायसवाल ने कहा, ‘हमने तैयारी कर ली है। लेकिन सरकार की अनुमति का इंतजार है। हम अगस्त में नेशनल चैंपियनशिप कराने की योजना बना रहे हैं, यह मंत्रालय की अनुमति पर निर्भर करेगा।’

वूशु: महिला-पुरुष के इवेंट अलग-अलग होंगे
वूशु संघ के सचिव सोहेल अहमद ने कहा, ‘सितंबर में नेशनल की तैयारी कर रहे हैं। जूनियर नेशनल प्राथमिकता है, क्योंकि वर्ल्ड चैंपियनशिप होनी है। महिला, पुरुष की नेशनल चैंपियनशिप अलग-अलग होगी ताकि भीड़ न हो।’

कुश्ती: गाइडलाइन पर हमने रियायत मांगी है
कुश्ती फेडरेशन के संयुक्त सचिव विनोद तोमर ने कहा कि फिलहाल कैंप शुरू करने पर कोई विचार नहीं है क्योंकि हमारा खेल कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स है। सरकार की गाइडलाइन का पालन करना संभव नहीं है, इसलिए रियायत मांगी है।



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जेरेमी आइजॉल के साई ट्रेनिंग सेंटर में प्रैक्टिस करता खिलाड़ी।


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सरकारी मदद खत्म करने, मुफ्त भोजन बंद करने जैसे इन 9 तरीकों से ट्रम्प ने अमेरिका में असमानता बढ़ाई

अमेरिका में अश्वेतों- गोरों, अमीरों-गरीबों के बीच असमानता खत्म करने के संघर्ष में अक्सर संसद और सुप्रीम कोर्ट के कानूनों और फैसलों का जिक्र होता है। लेकिन, राष्ट्रपति का प्रशासन इन उपायों को बेअसर कर देता है। अश्वेतों सहित अन्य लोगों को बराबरी का अधिकार देने के लिए लागू कई कानूनों पर पूर्व राष्ट्रपतियों ने पूरी तरह से अमल नहींं होने दिया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार भी ऐसा ही करती है। ट्रम्प प्रशासन ने पर्दे के पीछे चुपचाप मौजूदा नियमों को वापस लेकर नए नियम जारी कर दिए। इनके तहत अश्वेतों, बाहर से आए लोगों, मूल अमेरिकियों, किन्नरों और अन्य वंचित लोगों को संरक्षण और अवसर देने के उपायों का खत्म कर दिया गया है। जानिए ये 9 उदाहरण...

  • कर्जदारों की मुश्किल बढ़ाई

कम आय वाले अमेरिकी अक्सर कर्ज के दुष्चक्र में फंसे रहते हैं। अन्य अमेरिकियों की तुलना में अश्वेतों के स्थायी कर्जदार होने की 105% अधिक संभावना रहती है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में कर्जदारों को राहत देने के लिए लागू नियम में साहूकार के लिए जरूरी किया गया कि वह पुराना ऋण चुकाने पर ही नया ऋण देगा। ट्रम्प ने कर्ज देने वाली इंडस्ट्री का साथ देते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है।

  • गर्भ निरोध रोकने की कोशिश

2011 में ओबामा सरकार ने जन्म नियंत्रण के उपायों पर होने वाले खर्च को स्वास्थ्य बीमा में शामिल करने का प्रावधान किया था। ट्रम्प प्रशासन इससे उन नियोक्ताओं को छूट देने जा रहा है जो धार्मिक या नैतिक कारणों से गर्भ निरोधक उपायों का विरोध करते हैं। अवांछित गर्भ रोकने के आईयूडी जैसे उपायों का खर्च लगभग 98 हजार रुपए पड़ता है। इससे सबसे ज्यादा अश्वेतों सहित अन्य गरीब प्रभावित होंगे।

  • माइग्रेंट्स के लिए नई बाधाएं खड़ी कीं

अमेरिका में गरीब देशों के लोगों के लिए रहने और नौकरी करने के लिए जरूरी ग्रीन कार्ड हासिल करना मुश्किल हो गया है। फरवरी 2020 के बाद ग्रीन कार्ड आवेदक प्रवासियों की अंग्रेजी, शैक्षणिक योग्यता, स्वास्थ्य और आय का ध्यान रखा जा रहा है। गरीबी रेखा से 250% अधिक आय वाले परिवार को ग्रीन कार्ड मिल सकता है। इस कारण गरीब देशों के लोगों को ग्रीन कार्ड नहीं मिलेगा।

  • मूल निवासी की जमीन इंडस्ट्री को दी

अमेरिका के मूल निवासियों के हितों को डोनाल्ड ट्रम्प नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे जमीन आवंटन के मामले में तेल, गैस इंडस्ट्री का साथ दे रहे हैं। उटा में मूल निवासियों के स्मारक की 85% जमीन मनोरंजन इंडस्ट्री को दे दी गई है। राष्ट्रपति ने आदिवासी सलाहकार परिषद के अधिकार सीमित कर दिए हैं।

  • मुफ्त भोजन बंद करने का फैसला लिया

1996 से बेरोजगारों और निर्धनों को पोषण आहार कार्यक्रम के तहत खाना-फूड स्टैम्प दिया जाता है। दिसंबर में ट्रम्प ने फूड स्टैम्प देने के नियम कड़े कर दिए हैं। अब पिछले 24 माह से 6% बेरोजगारी दर वाले क्षेत्रों में मुफ्त खाना दिया जाएगा। 6.44 लाख लोग फूड स्टैम्प से वंचित हो जाएंगे।

  • दुष्कर्म पीड़ितों पर बोझ डाला

शिक्षा परिसरों में दुष्कर्म या यौन दुर्व्यवहार के मामलों में संबंधित शिक्षण संस्थान की कानूनी जवाबदेही नहीं रहेगी। दोनों पक्षों को अदालत में पूछताछ का सामना करना पड़ेगा। पीड़ित छात्रा पर अपराध साबित करने का बोझ पड़ेगा।

  • स्वास्थ्य सुविधाओं में कटौती की

ट्रम्प सरकार ने स्वास्थ्य बीमा सुविधा को काम से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इससे लाइलाज बीमारियों से पीड़ित लोगों को नुकसान होगा। 12 से अधिक राज्यों ने प्रस्ताव लागू कर दिया है। फैसले को अदालत में चुनौती दी गई है।

  • गर्भपात के लिए मदद नहीं दी

सरकार ने नियम बनाया है कि सरकारी मदद पाने वाले परिवार नियोजन सेंटर गर्भपात के लिए आने वाली महिलाओं की सहायता नहीं करेंगे। पहले इन सेंटरों में ऐसी सुविधा थी। इससे 22% अश्वेत महिलाएं प्रभावित होंगी।

  • गरीबी की दर में बदलाव कर दिया

ट्रम्प प्रशासन ने चार लोगों के परिवार के लिए गरीबी की सीमा रेखा-सालाना 19 लाख रु. की आय- में परिवर्तन का संकेत दिया है। इसे महंगाई से जोड़ा जाएगा। इससे लाखों लोग कई तरह की सरकारी सहायता से वंचित हो जाएंगे।



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अश्वेतों सहित अन्य लोगों को बराबरी का अधिकार देने के लिए लागू कई कानूनों पर पूर्व राष्ट्रपतियों ने पूरी तरह से अमल नहींं होने दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार भी ऐसा ही करती है।


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कोरोना के बाद कई देशों के बीच आवाजाही शुरू, यूरोप की वापसी टूरिज्म पर बहुत निर्भर करेगी

यूरोप ने कोरोनामहामारी से उबरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी देश वायरस से लोगों की सुरक्षा और ध्वस्त अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए बीच का रास्ता निकाल रहे हैं। टूरिज्म से अधिक जोखिम किसी अन्य सेक्टर के लिए नहीं है। आखिरकार वुहान, चीन के बाजारों से निकलकर वायरस इटली, जर्मनी सहित अन्य देशों में फैला है।

टूरिज्म के जरूरी हिस्से जैसे कि विमान, क्रूज शिप, होटल, रेस्त्रां,म्यूजियम और उत्सवों की भीड़ ही वायरस के प्रमुख वाहक हो सकते हैं। फिर भी, यूरोप की अर्थव्यवस्था के लिए टूरिज्म अहम है।

यूरोपियन यूनियन के 27 देशों में जीडीपी का 11% हिस्सा टूरिज्म से आता है
यूरोपीय यूनियन के 27 देशों में जीडीपी का 11% टूरिज्म से आता है। इसकी तुलना में अमेरिका में यह 2.6 % है। पेरिस में टूरिज्म सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। हर साल पेरिस आने वाले तीन करोड़ 80 लाख लोगों के कारण 12% स्थानीय रहवासियों को रोजगार मिलता है।

डिप्टी मेयर जीन फ्रांकोइस मार्टिन्स कहती हैं, संकट के बाद लाखों टूरिस्ट पेरिस नहीं आ सके हैं। एयरलाइंस, फूड चेन से लेकर हर कहीं दिक्कत महसूस की जा रही है। वर्ल्ड ट्रैवल, टूरिज्म कौंसिल के अनुसार 2020 में यूरोप में टूरिज्म से संबंधित एक करोड़ 80 लाख जॉब और जीडीपी में 75.60 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

कई देशों में टूरिज्म की हलचल तेज
अधिकतर यूरोपीय देशों में वायरस का प्रकोप शिखर तक पहुंच चुका है। इसलिए गर्मियों को ध्यान में रखकर कई देशों में टूरिज्म की हलचल शुरू हो गई है। फ्रांस नेशनल साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के अर्थशास्त्री बेरी प्रादेलस्की कहते हैं, जहां वायरस नियंत्रित हैं, उस क्षेत्र को ग्रीन जोन बनाकर गतिविधियां चलाई जा रही हैं। लातविया, लिथुआनिया, एस्तोनिया ने एक-दूसरे देशों के लोगों को आने की अनुमति दे दी है। डेनमार्क ने जर्मनी, नार्वे, आइसलैंड के लिए दरवाजे खोले हैं।

वैसे, तालमेल पूरी तरह नहीं बना है। आस्ट्रिया ने स्पेन, पुर्तगाल, स्वीडन, ब्रिटेन ग्रीस के लोगों पर रोक लगा रखी है। 18 जून को अपनी सीमाएं खोलने का एलान करने वाले डेनमार्क ने स्वीडन के लोगों पर बंदिश लगा दी है। स्वीडन उन कुछ यूरोपीय देशों में शामिल है, जहां नए मामले बढ़ रहे हैं। कई देशों ने घर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं दी हैं। इटली ने 34 लाख सालाना से कम कमाने वाले पर्यटकों को देश में यात्रा के लिए 42 हजार रुपए के वाउचर दिए हैं। स्पेन ने बहुत खर्चीला विज्ञापन अभियान छेड़ा है। इसमें देश की यात्रा के फायदे गिनाए गए हैं।

जर्मन टूरिस्ट की स्पेन यात्रा पर टिकी उम्मीदें
15 जून को एक पायलट प्रोग्राम के अंतर्गत जर्मनी के 400 पर्यटक स्पेन के द्वीप मलोरका पहुंचे। टूर कंपनी टीयूआई और बालिएरिक द्वीपों की सरकार के सहयोग से इसका आयोजन किया गया। टूर के टिकट कुछ ही घंटों में बिक गए थे। इन द्वीपों में संपूर्ण लॉकडाउन के कारण यहां बार्सीलोना, मैड्रिड जैसी तबाही नहीं हुई है।

दो विमानों से मलोरका पहुंचे यात्रियों को दो होटलों में एकदम अलग हिस्से में ठहराया गया था। एक पर्यटक फिल पेलजन ने बताया कि वह यहां सुरक्षित महसूस कर रहा है। होटल ने सभी जरूरी सावधानियां बरती हैं। इस प्रोग्राम को लेकर यूरोप में उत्सुकता और बेचैनी का माहौल था।



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अधिकतर यूरोपीय देशों में वायरस का प्रकोप  शिखर तक पहुंच चुका है। इसलिए गर्मियों को ध्यान में रखकर कई देशों में टूरिज्म की हलचल शुरू हो गई है।


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मथुरा में अनलॉक हुए सिर्फ दो मंदिर; 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई वाला मुडिया पूनो मेला कैंसिल, कथावाचकों की एडवांस बुकिंग रद्द

वृंदावन के बिहारी पुरा में रहने वाले 42 साल के पंकज शर्मा हर दिन सुबह स्नान के बादबांकेबिहारी मंदिरदर्शन के लिए जाते हैं। वे ऐसा पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं, दर्शन के बाद ही वे पानी पीते हैं। कोरोना केचलते मंदिर बंद हो गया तो वेहर दिन देहरी को छूकर ही लौटने लगे।13 साल की उम्र में पिता और 20 की उम्र में मां को खो देने वाले पंकज कहते हैं, ‘हमारोतो ठाकुर ही अब मां-बाप दोनों है। दर्शन नमिलेऐसो कभऊ ना भयो, बस जे कोरोना ने दूर कर दये, अब हमारे लाने तो मंदिर की देहरी मिल जाए जई सौभाग्य की बात।’

कोरोनावायरस की वजह से मथुरा और वृंदावन के हजारों मंदिर अभी भी बंद हैं।

अभी सिर्फ दो ही मंदिर खुले हैं
वृंदावन में सैकड़ों ऐसे भक्त हैं जो मंदिर की देहरी छूकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। 8 जून के बाद से देश में कई मंदिर खुल गए, मथुरा में भी खुले हैं, लेकिन सिर्फ दो। वह भी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और श्री द्वारिकाधीश मंदिर। पांच हजार से अधिक मंदिरों वाले मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना और गोवर्धन में श्रीबांके बिहारी मंदिर, गोविंददेव जी मंदिर, कृष्ण-बलराम मंदिर (इस्कॉनमंदिर), पागल बाबा मंदिर, प्रेम मंदिर, निधिवन मंदिर, रमन रेती आश्रम-महावन, श्रीलाडली जी मंदिर, बलदेव मंदिर, मुकुट मुखारबिंद समेत बृज के छोटे-बड़े सभी मंदिर अभी आम लोगों के लिए बंद हैं।

वृंदावन में सैकड़ों ऐसे भक्त हैं जो मंदिर की देहरी छूकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं।

कोरोना की भेंट चढ़ गया मुडिया पूनो
बृज का प्रमुख मेला और उत्तर प्रदेश सरकार का राजकीय त्योहार मुडिया पूनो (गुरू पूर्णिमा) भी कोरोना की भेंट चढ़ गया है। एक से पांच जुलाई तक चलने वाले मेले में गोवर्धन में एक करोड़ से ज्यादा लोगआते थे। संकरी गलियों वाले बृज क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मुमकिन न होने की आशंका के कारण इस मेले को ही कैंसिल कर दिया गया है।

मंदिरों के बंद रहने और इक्का-दुक्का ट्रेनें चलने केकारण धार्मिक पर्यटन पर टिकी मथुरा की अर्थव्यवस्था घुटनों पर आ गई है। होटल खाली पड़े हैं, पोशाक बेचने वाले, प्रसाद वाले, मिठाई वाले, टैक्सी-ट्रैवल्स सबके कारोबार प्रभावित हो रहे हैं। करीब चार हजार तीर्थ पुरोहित भी बिना जजमानों के खाली ही बैठे हैं।

उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्रा कहते हैं कि इसक्षेत्र में एक सालमें 2.5 से तीन करोड़ लोग आते हैं। लोग यहां करीब पांच हजार से अधिक मंदिरों के दर्शन करते हैं, गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं। रोज 15 हजार गाड़ियां आती हैं। बृज तीर्थ विकास परिषद तीर्थ स्थानों पर सुविधाएं तैयार करने का काम करता है, अभी 42 स्थानों पर 300 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

हर दिन करीब 5 हजार से अधिक लोग गोवर्धन पहाड़ की परिक्रमा करते थे, अब न के बराबर लोग आते हैं।

100 करोड़ से ज्यादा का व्यापार ठप
गुरूपूर्णिमा पर लगने वाले मुडिया पूना मेले के स्थगित होने का सबसे ज्यादा असर गोवर्धन पर पड़ा है। गोवर्धन के प्रमुख मंदिर दानघाटी के मुख्य सेवायत पवन कौशिक कहते हैं कि आमतौर पर एकादशी से पूर्णिमा तक के पांच दिनों में आठ से 10 लाख लोग और हर महीने करीब15 लाख लोग गाेवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने आते थे। अब लोगों का आना करीब-करीब बंद है। महीने में 60 से 80 लाख रुपए का चढ़ावा आता था, अभी वो भी लगभग बंद है।

परिक्रमा मार्ग में ही करीब 200 मंदिर पड़ते हैं, सभी बंद हैं, इनसे जुड़े सेवायतों, पुजारियों, प्रसाद बेचने वालों सभी का करोबार बंद है। वहीं, मुडिया पूनो पर गोवर्धन में ही सौ करोड़ से अधिक रुपए का व्यापार हो जाता था, लेकिन इस बार मेला कैंसिल होने के कारण फूल वाले, होटल वाले, रेस्त्रां वाले, टेम्पो-टैक्सी सबका कारोबार ठप्प हो गया है।

गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा मार्ग में कुछ दुकानें खुली हैं, लेकिन ग्राहक नदारद हैं।

दो मंदिर खुले लेकिन भक्त नहीं पहुंच रहे
मथुरा में जो दो मंदिर खुले हैं वहां दाेनों मंदिरों से भी भक्त नदारद हैं। जन्मभूमि में 20 जून की आरती के समयमंदिर प्रबंधन और सिक्योरिटी वालों को छोड़ दें तो सिर्फ 6लोग ही विशाल हॉल में मौजूद थे। वहीं इन दिनों सुबह 10 बजे भक्तों के लिए खुलने वाले द्वारकाधीश मंदिर में 10 मिनट के बाद ही भक्तों की लाइन खत्म हो जाती है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के प्रबंध समिति सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी कहते हैं ब्रज मंडल की अर्थव्यवस्था ही तीर्थ यात्रियों पर टिकी हुई है। देश-विदेश से लोग आते थे जो अभी बंद है। ज्यादातर स्थानीय लोग ही मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

जन्मभूमि आठ जून से खुल गई है, पहले जहां 15-20 हजार श्रद्धालु हर दिन आते थे, अभी एक हजार मुश्किल से आ पाते हैं। मुडिया पूनाे मेले के पांचों दिन कड़ी सुरक्षा के बावजूद भी एक लाख लोग दर्शन करने आते थे, लेकिन अभी तो सब खत्म है। सेवा संस्थान के 44 कमरों में से एक भी बुक नहीं हुआ है, वहीं भोजनालय में जिसमें 300 लोग खाना खाते थे वहांएक दिन में एक ही थाली लगी है।

यहीहाल श्री द्वारिकाधीश मंदिर का भी है। मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी कहते हैं कि अभी मंदिर सिर्फ दिन में दो घंटे सुबह 10 से 11 और शाम में6 से 7 बजे तक ही खुल रहा है। लॉकडाउन के पहले आठ से 10 हजार श्रद्धालु रोजआते थे लेकिन अभी सौ से 150 ही आ रहे हैं। यहां आनेवालों में बहुत से बुजुर्ग होते हैं, उन्हें कोरोना का खतरा ज्यादा है, मन में डर है इसलिए वो मंदिर आने से बच रहे हैं।

लॉकडाउन के पहले यहां हर 20 हजार श्रद्धालु आते थे, अभी बड़ी मुश्किल से एक हजार आ पा रहे हैं।

96 फीसदी सेवाएं कैंसिल हो रही हैं

बृज क्षेत्र में सर्वाधिक भीड़ वाले मंदिरमें से श्री बांकेबिहारी जी मंदिर की पतली सी गली में फिलहाल सड़क बन रही है। गली में बिजली के तारों को अंडर ग्राउंड करने का काम भी चल रहा है। मंदिर के सेवाधिकारी बालकृष्ण गोस्वामी बताते हैं कि मंदिर में सिर्फ पांच सेवायत, छह भंडारी ही जा सकते हैं। बांकेबिहारी जी का दिन में आठ बार भोग लगता है उसके साथ ही दीपक, पुष्प बैठक आदि की सेवा हो रही है। आम तौर पर भक्त पहले से ही सेवा बुक करवा लिए होते थे लेकिन अभी96 फीसदी सेवाएं कैंसिल हो रही हैं।

बांकेबिहारी मंदिर में हर महीने 15 से 20 लाख लोग दर्शन के लिए आते थे, अभी सिर्फ पूजारी ही मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।

मंदिर में हर महीने15 से 20 लाख लोग दर्शन केलिए दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के अलावा विदेशों से पहुंचते थे। गोस्वामी कहते हैं कि हमने अपने पूर्वजों से ही सुना था कि बृज की गलियों में ऐसा सूनापन उसी समय आया था जब भगवान कृष्ण द्वारिका प्रस्थान कर गए थे। अब कोरोना ने यहां की गलियांसूनी कर दी हैं।

हम मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन की व्यवस्था कर सकते हैं लेकिन गली और वृंदावन की जिम्मेदारी प्रशासन ले तो ही मंदिर खोले जा सकते हैं। अभी तो मुडिया पूनो तक मंदिर आम लोगों के लिए बंद ही रहेंगे।

होटल खुले लेकिन नाम मात्र की ही बुकिंग
मथुरा के प्रमुख होटल व्यवसायी राजीव अग्रवाल कहते हैं कि वहां सौ छोटे-बड़े होटल हैं, लेकिन बुकिंग मुश्किल से 5 % हो रही है। खुद राजीव के तीन होटल हैं, जिनमें से अभी दो खाेले हैं। बुकिंग न के बराबर हो रहीहै। किसी दिन दो रूम बुक होते हैं तो किसी दिन चार। कर्मचारियों का वेतन, बिजली बिल जैसे खर्च भी निकाल पाना मुश्किल हो रहा है।

गोवर्धन के विंगस्टन होटल के मैनेजर ब्रह्मजीत सिंह चौहान कहते हैं कि 22 मार्च से होटल बंद था और 8 जून से शुरू किया है।हमारे यहां एनसीआर, जयपुर, गुजरात और महाराष्ट्र से सर्वाधिक बुकिंग आती हैं। पांच लाख रुपए महीने का होटल का खर्च है, लेकिन अभी तो इसे चलाना ही मुश्किल हो रहा है।

जो लोग बाहर निकल रहे हैं उनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं, महिलाएं साड़ी के पल्लू को ही मास्क बना लेती हैं
बृज की संकरी गलियों और बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हमने किसी को करते हुए नहीं देखा।50 फीसदी लोग ही मास्क पहने नजर आए। दुकानों के बाहर सफेद गोले जरूर बने हैं लेकिन कोई भी उनका इस्तेमाल नहीं कर रहा है। वहीं वृंदावन या गोर्वधन की गलियां हों या मथुरा के होलीगेट, महिलाएं मास्क पहनने के बजाए साड़ी के पल्लू को ही मास्क के रूप में इस्तेमाल करती नजर आईं।

कथा वाचकों की एडवांस बुकिंग हुई कैंसिल, 2020 तक कथा की योजना नहीं
मथुरा-वृंदावन और ब्रज क्षेत्र में देश-विदेश में श्रीमद् भागवत और राम कथा कहने वाले करीब 24 प्रमुख संत-आचार्य रहते हैं। लॉकडाउन के कारण नसिर्फ इनकी कथाएं कैंसिल हुईं है बल्कि एडवांस बुकिंग भी बंद हो गई है। ज्यादातरविदेशों में कथाएं करने वाले संजीव कृष्ण ठाकुर जी बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान बर्मिंघम, ईस्ट लंदन, पुर्तगाल, कनाडा और अमेरिका की 10 से 12 कथाएं कैसिंल हो गईं।

22 से 28 जून को न्यूजर्सी में श्रीमद् भागवत कथा थी, लेकिन वह भी कैंसिल कर दी है। अभी तो कथा के लिए नतो यजमान ही फोन कर रहे हैं और नही हम कथा करने के मूड में हैं। 2020 तक ऐसा कोई प्रोग्राम नहीं है। कहते हैं कि 23 वर्षों से कथा वाचन कर रहा हूं पहली बार इतना लंबा अंतराल खुद के लिए मिला है। मैं इस दौरान ग्रंथ पढूंगा।



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कोरोनावायरस की वजह से मथुरा के 5 हजार से ज्यादा मंदिर अभी भी बंद है। सिर्फ दो मंदिर खोले गए हैं लेकिन वहां भी आने वाले भक्तों की संख्या काफी कम है।


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