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दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 31 लाख 5 हजार 852 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 57 लाख 2 हजार 054 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 1 हजार 186 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। इटली में हेल्थ मिनिस्ट्री एक बार फिर अलर्ट पर आ गई है। शुक्रवार रात जारी बयान के मुताबिक, 24 घंटे के दौरान कुल 947 संक्रमितों की पहचान हुई। ये मई के बाद एक दिन में मरीजों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलिया में हालात अब सुधर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया : हालात सुधरे
ऑस्ट्रेलिया में संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने लगा है। विक्टोरिया के चीफ हेल्थ ऑफिसर ब्रेट सटन ने कहा- हमने सख्त उपाय किए हैं। अब इनके नतीजे भी मिलने लगे हैं। दो दिन से लगातार नए मरीजों की संख्या कम हो रही है। गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी नए संक्रमितों की संख्या 200 से कम रही। यहां 20 हजार टेस्ट हर दिन किए जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि सितंबर की शुरुआत तक प्रतिदिन मिलने वाले केसों की संख्या 30 के आसपास करने का लक्ष्य है।
इटली: हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट पर
इटली में सरकार ने हेल्थ मिनिस्ट्री को अलर्ट पर रहने को कहा है। यहां मई के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा केस दर्ज हुए। शुक्रवार को कुल 947 मामले सामने आए। यह 14 मई के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है। सरकार ने कहा है कि वो इन मामलों की जांच कर रही है। इसके बाद यह पता लगाया जाएगा कि कोई क्लस्टर तो नहीं बन रहा। दूसरी तरफ, शनिवार शाम इन मामलों की समीक्षा की जाने की भी तैयारी है। इसके बाद नई रणनीति तैयार की जाएगी।
ब्राजील : मौतों का आंकड़ा बढ़ा
ब्राजील में मौतों का आंकड़ा फिर तेजी से बढ़ा है। शुक्रवार को यहां 1054 लोगों की मौत हो गई। इतना ही नहीं, नए संक्रमितों की संख्या में भी बढ़त हुई। कुल 30 हजार 356 नए मामले सामने आए। हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि जिन मरीजों की मौत हुई उनमें से ज्यादातर पहले से किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे। डब्ल्यूएचओ की टीम शनिवार को पांच दिन के दौरे पर ब्राजील आ रही है। इसके एक्सपर्ट सरकारी अधिकारियों के साथ संक्रमण पर काबू पाने के नए उपायों पर विचार करेंगे।
डब्ल्यूएचओ : दो साल में खत्म होगी महामारी
डब्ल्यूएचओ ने महामारी को लेकर नया अनुमान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि दो साल से कम वक्त में महामारी पर पूरी तरह काबू पा लिया जाएगा और यह खत्म हो जाएगी। संगठन के मुताबिक, समय पर सही कदम उठाए जा रहे हैं और इसका फायदा दुनिया के गरीब देशों को भी मिलेगा। इसके साथ ही नए शोध और वैक्सीन पर दुनिया के ज्यादातर देशों में काम जारी है। संगठन के मुताबिक, 1918 में आए फ्लू को भी खत्म होने में दो साल लगे थे। डब्ल्यूएचओ ने इसके साथ ही 12 साल से ऊपर के बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी है।
त्योहार पर आतंकी खतरा बना हुआ है। दिल्ली में आईएसआईएस का एक आतंकी गिरफ्तार किया गया है। उसके पास आईईडी विस्फोटक भी मिला है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने धौला कुआं और करोल बाग के बीच रिज रोड पर शुक्रवार रात यह कार्रवाई की। पुलिस और आतंकी के बीच फायरिंग भी हुई थी। स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाह ने यह जानकारी दी है।
from Dainik Bhaskar /national/news/is-terrorist-arrested-in-delhi-with-ied-explosive-firing-between-police-and-terrorist-also-127640409.html
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देश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 69 हजार 28 केस आए, रिकॉर्ड 62 हजार 858 मरीज ठीक हुए और 953 की मौत हो गई। रोज आ रहे केस का आंकड़ा 70 हजार के करीब है, लेकिन राहत की बात है कि बीते 15 दिन से हर दो दिन में एक लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो रहे हैं। देश में अब तक 29.73 लाख केस आ चुके हैं। इनमें से 22.20 लाख ठीक हो चुके हैं। 6.96 लाख लाख मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 55 हजार 926 की मौत हो चुकी है।
15 दिन से हर 2 दिन में एक लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो रहे
तारीख
ठीक हुए
6-7 अगस्त
1 लाख
8-9 अगस्त
1.06 लाख
10-11 अगस्त
1.03 लाख
12-13 अगस्त
1.13 लाख
14-15 अगस्त
1.10 लाख
16-17 अगस्त
1.16 लाख
18-19 अगस्त
1.20 लाख
20-21 अगस्त
1.25 लाख
1. मध्यप्रदेश
राज्य में सबसे ज्यादा 50.8% एक्टिव केस सिंगरौली में हैं। यहां 300 केस आ चुके हैं। इनमें से 167 का इलाज चल रहा है। रिकवरी रेट सबसे अच्छा भिंड का है। यहां 95.5% मरीज ठीक हो चुके हैं। जिले में कुल 542 केस आए। इनमें से 510 मरीज ठीक हो चुके हैं। सबसे ज्यादा संक्रमण की दर 7.5% सीहोर में हैं। इसका मतलब यहां 100 लोगों की जांच करने पर 6 से 7 लोग संक्रमित मिल रहे हैं। यहां कुल 538 केस आए हैं। इनमें से 165 एक्टिव केस हैं।
2. राजस्थान
यहां सबसे ज्यादा 69.5% एक्टिव केस बूंदी में हैं। जिले में 454 केस आए हैं। इनमें से 320 का इलाज चल रहा है। रिकवरी रेट सबसे अच्छा जालोर का है। यहां 96.5% मरीज ठीक हो चुके हैं। जिले में कुल 1312 केस आए। इनमें से 1267 मरीज ठीक हो चुके हैं। सबसे ज्यादा संक्रमण की दर 8.4% अलवर में है। यानी यहां हर 100 लोगों की जांच करने पर 3 संक्रमित मिल रहे हैं। मौत की दर सबसे ज्यादा 3.3% सवाई माधोपुर में है।
3. बिहार
यहां बीते 24 घंटे में 2451 केस आए, लेकिन अच्छी बात रही कि 3585 मरीज ठीक भी हो गए। राज्य के 13 जिलों में रिकवरी रेट 80% से ज्यादा हो गया है। इनमें जमुई (86.7%), नवादा (86.3%), वैशाली (84.5%), खगड़िया (84%), समस्तीपुर (83.3%), सीवान (83.1%), रोहतास (82.3%), कैमूर (81.4%), गया (81.2%), पटना (81.1%), नालंदा (80.5%), बांका (80.1%) और भागलपुर (80%) शामिल हैं। राज्य में सबसे ज्यादा संक्रमण की दर रोहतास में है। यहां हर 100 में से 28 लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं।
4. महाराष्ट्र
राज्य में शुक्रवार को 14 हजार 160 केस आए। कुल केस 6.57 लाख से ज्यादा है। राज्य में अब तक सबसे ज्यादा 1 लाख 44 हजार 450 केस पुणे में आए हैं। जिले में हर दिन 2-3 हजार केस आ रहे हैं। हालांकि, अभी संक्रमण की सबसे ज्यादा 33% दर रायगढ़ की है। यानी यहां हर 100 लोगों की जांच पर 33 संक्रमित मिल रहे हैं। वहीं, रिकवरी रेट गढ़चिरौली का है। यहां 82.6% मरीज ठीक हो चुके हैं।
5. उत्तरप्रदेश
राज्य में बीते 15 दिन से 4 से 5 हजार केस आ रहे हैं। यहां 70% मरीज ठीक हो चुके हैं। सबसे अच्छा रिकवरी रेट हापुड़ का है। यहां 91.5% मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके बाद नोएडा (87.9%) और संभल (86.8%) हैं। संक्रमण की दर सबसे ज्यादा चंदोली में 17.1% है। सबसे ज्यादा 54.6% एक्टिव केस केस ललितपुर में हैं। जिले में 903 केस आए हैं। इनमें से 493 मरीजों का इलाज चल रहा है।
(पवन कुमार). मंदिरों को खोलने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार के रवैये पर सवाल उठाए। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने कहा "सरकार मॉल खोलने की मंजूरी इसलिए दे रही है, क्योंकि इससे आर्थिक हित जुड़ा है। इसके लिए वे जोखिम भी लेने को तैयार हैं। लेकिन, जब बात धर्म की आती है, तो कोरोना के खतरों पर बात करने लगते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के बायकुला, चेंबूर और दादर स्थित तीन जैन मंदिरों को पर्यूषण पर्व के दौरान 2 दिन खोलने की मंजूरी दी है। साथ ही जैन ट्रस्ट को निर्देश दिए हैं कि कोरोना से बचाव के सभी उपायों का ध्यान रखें। कोर्ट ने साफ किया कि यह आदेश किसी अन्य मंदिर या धार्मिक आयोजन, विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के लिए नहीं है।
भगवान ने हमें माफ कर दिया, आपका भगवान भी आपको माफ कर देगा...
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पिटीशनर सभी मंदिरों को खोलने की मांग लेकर आए थे, और हम इस पर आपत्ति जता रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम अंतरिम आदेश के तौर पर 3 मंदिरों को 2 दिन तक खोलने की इजाजत दे सकते हैं, क्योंकि 23 को पर्यूषण पर्व खत्म हो रहा है।
बहस ऐसे चली... सिंघवी: आप इस तरह की अनुमति देंगे तो दूसरे लोगों के लिए भी कानून के दरवाजे खुल जाएंगे। हर राज्य में सरकार को अलग-अलग धर्म के मामले में फैसला लेने में परेशानी होने लगेगी। मैं पूछना चाहता हूं कि कल को कोई कहेगा कि आपने जैनियों को इजाजत दी थी, हमें भी दें तो आप क्या करेंगे? चीफ जस्टिस: आप सही कह रहे हैं। इससे अदालत पर भेदभाव करने का आरोप लगेगा। सिंघवी: महाराष्ट्र में गणपति को लेकर लोगों की भावनाएं बहुत संवेदनशील हैं। पिटीशनर के वकील: दुष्यंत दवे ने कहा कि गणपति पूजा और पर्यूषण पर्व में फर्क है। पर्यूषण पर्व की पूजा मंदिर में होती है। यह जैनियों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखती है। चीफ जस्टिस: भगवान जगन्नाथ ने हमें माफ कर दिया है। आपका भगवान भी आपको माफ कर देगा। सिंघवी: अगर आप इस मामले में कोई आदेश देते हैं तो उसे मिसाल के तौर पर न लिया जाए। पिटीशनर के वकील: आज कोई लॉकडाउन नहीं है। ऐसे में अगर किसी मंदिर के सामने हजारों लोग इकट्ठे हो जाएं, तो कोई कुछ नहीं कर सकता। लेकिन, मैं कोर्ट को भरोसा देता हूं कि हर मंदिर कोर्ट को एक अंडरटेकिंग देगा कि सुरक्षा की सभी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा।
महाराष्ट्र के अकोला में चार कलाकारों ने 10 दिन में चॉकलेट से गजानन की प्रतिमा तैयार की है। यह दो फीट ऊंची और 12 किलो वजनी है। कलाकर बताते हैं कि प्रतिमा को आकर्षक बनाने में फ्रूट कलर्स का इस्तेमाल किया है। दूध में विसर्जित कर इसे प्रसाद के तौर पर बांटा जा सकेगा। आज देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।
विराजमान होंगे प्रथम पूज्य श्री गणेश
गणपति महोत्सव आज से शुरू हो रहा है। जिसकी तैयारियां शहरवासियों व धर्मप्रेमियों ने कर ली हैं। कोविड-19 के प्रकोप के चलते इस बार शहर में बड़े पंडाल नहीं लगेंगे। बल्कि सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए घरों-मंदिरों में गणपति जी विराजमान होंगे। पंजाब के बरनाल जिले के दुकानदार और कारीगरों ने बताया कि इस बार लोग गणपति जी की छोटी प्रतिमाएं लोग जा रहे हैं।
भक्त आज बांधेंगे मन्नती नारियल
बूढ़ापारा का गणेश मंदिर... रायपुर में इकलौती जगह है जहां बप्पा को विघ्नहर्ता के रूप में स्थापित किया गया है। भगवान का सिंहासन 75 किलो चांदी से बना है। वहीं उनके प्रिय गण मूषक की प्रतिमा भी करीब 4 किलो चांदी से बनी है। गणेशोत्सव में भक्त मनोकामना की पूर्ति के लिए यहां नारियल बांधते हैं। जिन भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है वे नारियल फोड़ने के लिए मंदिर वापस आते हैं। यहां स्थापित प्रतिमा दक्षिणमुखी है।
खरीदारी के लिए निकले, सोशल डिस्टेंसिंग भूले
फोटो मुंबई के दादर बाजार की है। शुक्रवार को गणेश चतुर्थी के लिए खरीदारी करने घरों से निकले लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूल बैठे। देश में कोरोना संक्रमण से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य से भीड़ की ऐसी तस्वीरें डराने वाली हैं। त्योहार जरूर मनाइए, लेकिन एहतियात के साथ। ताकि उल्लास और समृद्धि के पर्व में कोरोनावायरस आपकी खुशियों को ग्रहण न लगा पाए। खरीदारी करने बाजार जरूर जाएं, लेकिन पर्याप्त दूरी रखना न भूलें।
वायरस का खौफ देखिए
कोरोनाकाल ने इंसान को सोचने पर मजबूर कर दिया है। भीड़ में कहीं वायरस न हो जाए, इसका खौफ जागरूक लोगों पर साफ देखने को मिल रहा है। औरंगाबाद के अंबा स्थित कुटुम्बा प्रखंड परिसर में आरटीपीएस काउंटर बंद है। जबकि आधार कार्ड काउंटर चालू है। यहां रोजाना 40 लोगों का ही आधार कार्ड बनाया जा रहा है।
लिहाजा लोग काउंटर खुलने से पहले ही पहुंचकर अपने बजाय लोग ईंट-पत्थर को कतार में लगा दे रहे हैं। ताकि वह कहीं छूट न जाएं। काउंटर सुबह 10 बजे से शाम के चार बजे तक संचालित होता है। दोपहर में काफी भीड़ रहती है। लिहाजा भीड़ से बचने के लिए ईंट-पत्थर को लाइन लगाने का हथियार बना रहे हैं।
जल, जंगल, जमीन हमारी जान
चतरा में 9 कोल परियोजना की यह तस्वीर झारखंड की नई ऊर्जा का अप्रतिम उदाहरण है। दीप सी आकृति जमीन की समृद्धि बताती है। हरियाली से समृद्ध झारखंड के लिए जैसे पानी इस दीपक को रोशन कर रहा है।
पुलिस ने तैयारियों को परखा
गणेशोत्सव और मोहर्रम के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुना पुलिस ने शुक्रवार को अपनी तैयारियों को परखा। इस दौरान लाल परेड ग्राउंड पर मॉक ड्रिल रखी गई। बलवा आदि की स्थितियों में पुलिस किस तरह के कदम उठाएगी और इस दौरान इस्तेमाल होने वाले हथियारों का परीक्षण भी किया गया। सब कुछ रूटीन ही था लेकिन एक मामले में गड़बड़ी हो गई। ड्रिल के दौरान आंसू गैस का एक गोला वहां खड़े पुलिसकर्मियों के पास ही फट गया। इससे उठे धुंए से बचने के लिए पुलिसकर्मियों को तेज दौड़ लगाना पड़ी।
80 फीट ऊंचाई से गिरता है पानी
शिवपुरी जिले के खनियांधाना से 12 किमी दूर घने जंगल में पनरियानाथ मंदिर है। बरसात में यहां 80 से 90 फीट ऊंचाई से पानी गिरता है। यहां प्राचीन शिवलिंग भी है, जिस पर साल भर प्राकृतिक जलाभिषेक होता है। इसलिए इस स्थल को लोग पनरियानाथ के नाम से जानते हैं। यहां कई सैलानी आते हैं।
from Dainik Bhaskar /national/news/ganpati-festival-starts-today-artists-in-maharashtra-prepared-a-2-foot-high-12-kg-gajanan-statue-in-10-days-from-the-chocolate-127640283.html
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मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी बनाने की बुनियाद आज से 126 साल पहले रखी गई थी और वह भी नेटाल में। उस समय वे सेठ अब्दुल्ला का केस लड़ने दक्षिण अफ्रीका गए हुए थे। उस दौरान उन्हें भारतीयों की पीड़ा महसूस हुई। उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई और नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की थी।
यहीं से उन्हें अपने मौलिक अधिकारों के लिए लोगों को एकजुट करने की प्रेरणा मिली। भारत आने के बाद भी उन्होंने इसी पर काम किया और देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
22 अगस्त से जुड़ी दो और शानदार उपलब्धियां हैं। ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास यानी आज की चेन्नई की बुनियाद 1639 में आज ही के दिन रखी थी। इसके अलावा दो साल पहले राही सरनोबत ने एशियन गेम्स में 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतकर ऐसा करने वाली पहली महिला शूटर होने का गौरव हासिल किया था।
1639 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने चेन्नई को राजधानी बनाया
ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिस डे ने 22 अगस्त 1639 को तत्कालीन शासकों से पांच सौ लाख पगोड़ा के बदले जमीन खरीदी। तब यह मछुआरों का एक गांव मद्रासपट्टनम हुआ करता था। उन्होंने यहां सेना बनाई।
एक साल बाद कंपनी ने फोर्ट सेंट जॉर्ज बनाया जो भारत में पहले इंग्लिश सेटलमेंट के तौर पर जाना जाता है। इसी फोर्ट के ईर्द-गिर्द आज का चेन्नई विकसित हुआ है। आजादी के बाद यह फोर्ट ही तमिलनाडु विधानसभा का भवन बना।
2018 में राही सरनोबत ने रचा इतिहास
2018 में राही सरनोबत ने 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी में स्वर्णिम सफलता हासिल की। इस तरह वह एशियाई खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
भारत से अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक्स के लिए 15 निशानेबाजों ने पात्रता हासिल की है। राही भी इनमें से एक हैं और स्वर्ण पदक की मजबूत दावेदार भी हैं।
इसके अलावा इतिहास में आज के दिन को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः-
1848: अमेरिका ने न्यू मैक्सिको पर कब्जा किया।
1849: ऑस्ट्रिया ने इटली के शहर वेनिस पर चालक रहित गुब्बारों से इतिहास का पहला हवाई हमला किया।
1922: जनरल माइकल कोलिन्स की पश्चिम कॉर्क में हत्या कर दी गई।
1969: अमेरिका में समुद्री तूफान में 255 लोगों की मौत।
2007: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत के लिए दो सप्ताह के मिशन पर गया अंतरिक्ष यान एंडेवर फ़्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर पर सुरक्षित उतरा।
2007: मिस्र के पुरातत्त्वविदों ने पश्चिम रेगिस्तान के सिवा क्षेत्र में लगभग 20 लाख साल पुराने ह्यूमन फुटप्रिंट्स का पता लगाया।
गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस तिथि को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गणेश स्थापना से ही गणेशोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। जो कि 10 दिनों तक चलता है और अनन्त चतुर्दशी के दिन पूरा होता है। जो कि इस बार 1 सितंबर को है। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्मशास्त्रों के जानकार पं. गणेश मिश्र का कहना है कि गणेशजी के प्रसन्न होने से घर में सुख, समृद्धि और शांति की स्थापना होती है। गणेश चतुर्थी से नए बिजनेस की शुरुआत, ज्वैलरी, प्रॉपर्टी और व्हीकल की खरीदारी शुभ होती है।
शुभ संयोग: चतुर्थी पर 4 ग्रहों के साथ हस्त नक्षत्र
पं. मिश्र के अनुसार इस साल गणेश चतुर्थी पर ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से साध्य और रवियोग बन रहे हैं। इनके साथ ही हस्त नक्षत्र और कन्या राशि में चंद्रमा रहेगा। खास बात ये है कि सूर्य, मंगल, गुरु और शनि ये 4 ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे। इससे ये दिन और खास हो गया है। ग्रह-नक्षत्रों के इस शुभ संयोग में गणेश स्थापना होने से समृद्धि और सुख-शांति मिलेगी। वहीं कई लोगों की मनोकामना भी पूरी होगी। पद्म पुराण के अनुसार गणेश जी का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। इसलिए इसी समय गणेश स्थापना और पूजा करनी चाहिए।
कैसी हो गणेशजी की मूर्ति
पं. मिश्र बताते हैं कि घर, ऑफिस या अन्य सार्वजनिक जगह पर गणेश स्थापना के लिए मिट्टी की मूर्ति बनाई जानी चाहिए। घर या ऑफिस में स्थाई रूप से गणेश स्थापना करना चाह रहे हैं तो सोने, चांदी, स्फटिक या अन्य पवित्र धातु या रत्न से बनी गणेश मूर्ति ला सकते हैं। गणेश प्रतिमा कहीं से खंडित नहीं होनी चाहिए। इसमें गणेश जी के हाथों में अंकुश, पाश, लड्डू हो और हाथ वरमुद्रा में यानी आशीर्वाद देते हुए हो। कंधे पर नाग रूप में जनेऊ और वाहन के रूप में मूषक होना चाहिए।
पूजा शुरू करने से पहले ये मंत्र बोलें
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥
पूजा के बाद ये मंत्र बोलकर गणेशजी को नमस्कार करें
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय |
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ||
आज से 10 दिन के लिए घर-घर भगवान गणेश की स्थापना होगी। गणेश उत्सव घर में सुख-शांति लाने और घर से विघ्नों को दूर करने का उत्सव है। माना जाता है, जब घर में गणपति आते हैं तो वे अपने साथ सुख, शांति और आनंद लेकर आते हैं। जब वे घर से जाते हैं तो सारे विघ्न, दुःख और कष्टों को अपने साथ लेकर जाते हैं।
भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक, लड्डू, कमल का फूल और अकुंश प्रिय है। ये 5 चीजें हमें 5 अलग-अलग संदेश देती है। भगवान की इन प्रिय चीजों में आनंद और सुख के संकेत हैं। गणेश उत्सव के मौके पर इन पांच सूत्रों को अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।
आज गणेश चतुर्थी है। प्राचीन समय में इसी तिथि पर भगवान गणेश प्रकट हुए थे। गणेश उत्सव भादौ मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी (इस साल 22 अगस्त से 1 सितंबर) तक मनाया जाता है। भगवान गणेश से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं, जैसे गणपति को दूर्वा, मोदक, लड्डू विशेष प्रिय हैं, घर में सीधी हाथ की ओर सूंड वाले गणेश स्थापित करना चाहिए, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ गणेश पूजा करनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए ऐसी ही 9 मान्यताओं से जुड़े सवालों के जवाब...
1. गणपति को दूर्वा क्यों चढ़ाते हैं?
दूर्वा एक प्रकार की घास है, जो गणेशजी को पूजा में चढ़ाई जाती है। गणेशजी और दूर्वा के संबंध में अनलासुर नाम दैत्य की कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार सभी देवता और मनुष्य अनलासुर के आतंक से त्रस्त थे। तब देवराज इंद्र, सभी देवी-देवता और प्रमुख ऋषि-मुनि महादेव के पास पहुंचे। शिवजी ने कहा कि ये काम सिर्फ गणेश ही कर सकते हैं। इसके बाद सभी देवता और ऋषि-मुनि भगवान गणेश के पास पहुंचे।
देवी-देवताओं और सभी प्राणियों की रक्षा के लिए गणपति अनलासुर से युद्ध करने पहुंचे। तब इन दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ। अनलासुर पराजित ही नहीं हो रहा था, तब भगवान गणेश ने उसे पकड़कर निगल लिया। इसके बाद उनके पेट में बहुत जलन होने लगी।
भगवान गणेश के पेट की जलन शांत करने के लिए कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठें बनाकर उन्हें खाने के लिए दी। जैसे ही उन्होंने दूर्वा खाई, उनके पेट की जलन शांत हो गई। तभी से भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ हुई।
2. गणपति, लक्ष्मी और सरस्वती एक साथ क्यों पूजे जाते हैं?
भगवान गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की एक साथ पूजा खासतौर पर दीपावली पर की जाती है। दीपावली सुख-समृद्धि का पर्व माना जाता है। इस दिन गणेश यानी बुद्धि, लक्ष्मी यानी धन और सरस्वती यानी ज्ञान की पूजा एक साथ की जाती है। क्योंकि, बिना बुद्धि के ज्ञान नहीं आ सकता और बिना ज्ञान के लक्ष्मी अर्जित नहीं की जा सकती। इस लिए लक्ष्मी पूजन में भगवान गणेश को भी पूजा जाता है। गणेश पुराण और शिव पुराण में भी ये कहा गया है कि लक्ष्मी की पूजा गणपति के बिना अधूरी है, बिना बुद्धि के देवता के शुद्ध लक्ष्मी का आगमन नहीं हो सकता।
3. गणपति मूषक (चूहे) पर सवार क्यों?
सतयुग में एक असुर मूषक (चूहे) के रूप में पाराशर ऋषि के आश्रम में पहुंच गया और पूरा आश्रम कुतर-कुतर कर नष्ट कर दिया था। आश्रम के सभी ऋषियों ने गणेशजी के प्रार्थना की कि इस मूषक के आतंक को खत्म करें। तब गणेशजी वहां प्रकट हुए। उन्होंने मूषक को काबू करने की बहुत कोशिशें की, लेकिन वह काबू में नहीं आया।
अंत में गणेशजी ने अपना पाश फेंककर मूषक को बंदी बना लिया। तब मूषक ने गणेशजी से प्रार्थना की कि मुझे मृत्यु दंड न दें। गणेशजी ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और वर मांगने के लिए कहा। मूषक का स्वभाव कुतर्क करने का था, उसने कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए, आप ही मुझसे कुछ मांग लीजिए।
तब गणेशजी उसके कुतर्क पर हंसे और कहा कि तू मुझे कुछ देना चाहता है तो मेरा वाहन बन जा। मूषक इसके लिए राजी हो गया, लेकिन जैसे ही गणेशजी उसके ऊपर सवार हुए तो वह दबने लगा। उसने फिर गणेशजी के प्रार्थना की कि कृपया मेरे अनुसार अपना भार करें। तब गणेशजी ने मूषक के अनुसार अपना भार कर लिया। तब से मूषक गणेशजी का वाहन है।
इसका मनौवैज्ञानिक पक्ष यह है कि गणेशजी बुद्धि के देवता हैं और मूषक कुतर्क का प्रतीक। कुतर्कों को बुद्धि से ही शांत किया जा सकता है। इसीलिए गणेशजी को चूहे पर सवार दर्शाया जाता है।
4. गणपति को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाते हैं?
भगवान विष्णु और उनके अवतारों को तुलसी के बिना भोग नहीं लगाया जाता है, लेकिन भगवान गणेश की पूजा में तुलसी वर्जित मानी गई है। एक पौराणिक कथा है कि तुलसी ने भगवान गणेश से विवाह करने की प्रार्थना की थी, लेकिन गणेशजी ने मना कर दिया। इस वजह तुलसी क्रोधित हो गईं और उसने गणेशजी को दो विवाह होने का शाप दे दिया।
इस शाप की वजह से गणेशजी भी क्रोधित हो गए और उन्होंने भी तुलसी को शाप देते हुए कहा कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा। असुर से विवाह होने का शाप सुनकर तुलसी दुःखी हो गई। तुलसी ने गणेशजी से क्षमा मांगी। तब गणेशजी ने कहा तुम्हारा विवाह असुर से होगा, लेकिन तुम भगवान विष्णु को प्रिय रहोगी। तुमने मुझे शाप दिया है, इस वजह से मेरी पूजा में तुलसी वर्जित ही रहेगी।
5. गणेशजी का एक दांत टूटा क्यों है?
गणपति को एकदंत भी कहते हैं यानी इनका एक ही दांत है। एक दांत कैसे टूटा इस संबंध में प्रचलित कथा के अनुसार एक दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम शिवजी के मिलने कैलाश पर्वत पहुंचे। भगवान गणेश ने परशुराम को शिवजी से मिलने से रोक दिया। क्योंकि, उस समय शिवजी विश्राम कर रहे थे। इस बात क्रोधित होकर परशुराम ने अपने फरसे से गणेशजी का दांत काट दिया था।
गणेशजी परशुराम का प्रहार रोक भी सकते थे, लेकिन शिवजी ने ही परशुराम को ये फरसा भेंट दिया था। फरसे का प्रहार खाली न जाए, इसीलिए गणेशजी ने इस वार को अपने दांत पर झेल लिया और दांत टूट गया। इसके बाद गणेशजी का एक दांत होने की वजह से एकदंत कहलाए।
6. गणपति का पूजन सबसे पहले क्यों किया जाता है?
भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव हैं, ये वर शिवजी ने उन्हें प्रदान किया है। एक कथा है, कार्तिकेय स्वामी और गणेश के बीच शर्त लगी कि कौन सबसे पहले पृथ्वी का चक्कर लगाकर आता है। कार्तिकेय स्वामी का वाहन मोर है। वे उस पर सवार होकर निकल गए। गणेशजी ने सोचा कि मेरा वाहन चूहा है, मैं इतनी जल्दी लौटकर आ नहीं सकूंगा। तब वे माता-पिता को ही पूरा लोक मानकर शिवजी और माता पार्वती की परिक्रमा करने लगे। गणेशजी की बुद्धि और मातृ-पितृ भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें प्रथम पूज्य होने का वरदान दे दिया।
7. गणेशजी को क्यों प्रिय है मोदक और लड्डू?
भगवान गणेश को मोदक और लड्डू को भोग विशेष प्रिय माना गया है। एक बार माता पार्वती ने गणेशजी को खाने के लिए लड्डू दिए। लड्डू भगवान को इतने पसंद आए कि ये उनका प्रिय भोग बन गया। एक अन्य कथा के अनुसार माता अनसूया ने गणेशजी को अपने यहां भोजन के लिए आमंत्रित किया था। उस समय वे खाना खाते ही जा रहे थे, लेकिन उनका पेट नहीं भर रहा था। इससे परेशान होकर माता अनसूया ने मोदक बनाए। मोदक ग्रहण करते ही गणेशजी तृप्त हो गए। तभी से उन्हें मोदक का भोग लगाने की परंपरा प्रचलित हुई है।
8. गणपति की दाईं और बाईं ओर वाली सूंड का क्या महत्व है?
जिस प्रतिमा में गणेश की सूंड दाईं ओर होती है, उसे सिद्धिविनायक का स्वरूप माना जाता है। जबकि, बाईं तरफ की सूंड वाले गणेश को विघ्नविनाशक कहते हैं। सिद्धिविनायक को घर के अंदर स्थापित करने की परंपरा है। विघ्नविनाशक घर के बाहर द्वार पर स्थापित करते हैं, ताकि घर के अंदर किसी तरह के विघ्न प्रवेश न करें। व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए बाईं हाथ की ओर सूंड वाले और घर के लिए सीधे हाथ की ओर सूंड वाले गणपति श्रेष्ठ माने जाते हैं।
9. गणपति के हाथ में अंकुश क्यों है?
सतयुग में भगवान गणेश ने पांच प्रमुख दैत्यों को पराजित किया था। ये दैत्य पांच बुराइयों का प्रतीक माने गए हैं। अहंतासुर अंहकार का, कामासुर काम का प्रतीक था, क्रोधासुर क्रोध का, मायासुर माया का और लोभासुर लोभ का प्रतीक था। इन सभी असुरों को गणेशजी ने अंकुश को काबू किया था। इसका अर्थ यह है कि गणेश के दर्शन-पूजन करनें से हम काम, क्रोध, माया और लोभ जैसी बुराइयों से बच सकते हैं। हमें भी अपने मन पर अंकुश लगाकर अंहकार, काम, क्रोध, माया और लालच को काबू करना चाहिए।