बुधवार, 16 सितंबर 2020

यह पहले से 20% ज्यादा तेजी से लॉन्च करेगा ऐप्स, स्क्रीन रिकॉर्डिंग करना होगा आसान; जानिए नए अपडेट में क्या है खास

फरवरी में घोषणा किए जाने के बाद आखिरकार एंड्रॉयड 11 बीते मंगलवार को लॉन्च हो चुका है। फिलहाल शुरुआत तौर पर केवल गूगल के पिक्सल स्मार्टफोन के लिए उपलब्ध यह नया एंड्रॉयड अपडेट आने वाले हफ्तों में कुछ दूसरे यूजर्स को भी मिलने वाला है। ओप्पो, शाओमी जैसे कई स्मार्टफोन ब्रांड्स अपने नए मॉडल्स में नए वर्जन को शामिल करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एंड्रॉयड 11 पहले से 20 फीसदी ज्यादा रफ्तार से ऐप्स लॉन्च करेगा।

आइए जानते हैं एंड्रॉयड 11 के नए फीचर्स के बारे में

स्क्रीन रिकॉर्डिंग

स्क्रीन रिकॉर्डिंग फीचर स्क्रीनशॉट की ही तरह है, जिसमें यूजर अपनी स्क्रीन की गतिविधियों को वीडियो की तरह रिकॉर्ड कर सकता है। हालांकि इस अपडेट से पहले भी यह फीचर कई स्मार्टफोन में मौजूद था। बिल्ट-इन यानी पहले से इंस्टॉल स्क्रीन रिकॉर्डिंग ऑप्शन के साथ यूजर फोन की मदद से ट्यूटोरियल वीडियो आसानी से बना सकते हैं।

बातचीत का नया तरीका
एंड्रॉयड 10 में जब आप स्क्रीन पर नीचे स्वाइप करते थे, तो नोटिफिकेशन बार नीचे आ जाता था। एंड्रॉयड 11 में अब यह बार दो हिस्सों में बंट जाएगा। पहले हिस्से में आपकी नोटिफिकेशन होंगी, जबकि दूसरे (कनवर्जेशन) हिस्से में चैट होगी। कनवर्जेशन हिस्से में वॉट्सऐप, मैसेंजर और ट्विटर जैसी ऐप के चैट नोटिफिकेशन होंगे।

कई बार नोटिफिकेशन के बीच हमारे मैसेज दब जाते थे। हालांकि, नया कनवर्जेशन हिस्सा हमें मैसेज के बारे में जानकारी देगा। इसकी मदद से आप नोटिफिकेशन के जरिए ही रिप्लाई कर सकेंगे। इतना ही नहीं आप अपनी चैट का बबल भी तैयार कर सकते हैं। यह बबल आप पहले भी फेसबुक मैसेंजर में देख चुके हैं। इसकी मदद से आप किसी दूसरी ऐप चलाते हुए भी रिप्लाई कर पाएंगे।

नए कंट्रोल्स
स्मार्ट होम डिवाइस: एंड्रॉयड 11 के कुछ फीचर्स उन लोगों की ज्यादा मदद करेंगे जो फोन से ही घर के एसी, फ्रिज और टीवी जैसी डिवाइस को कंट्रोल करते हैं। नए वर्जन में यूजर केवल पॉवर बटन को देर तक दबा कर यह ऑप्शन खोल सकेंगे। घर की बात करें तो एक नया फीचर बेडटाइम मोड भी शामिल किया गया है। इस फीचर को यूजर अगर रात में चालू कर देगा तो डू नॉट डिस्टर्ब मोड शुरू हो जाएगा और फोन की स्क्रीन ब्लैक एंड व्हाइट हो जाएगी।

म्यूजिक कंट्रोल
ऑपरेटिंग सिस्टम को नए वर्जन में अपडेट करने के बाद यूजर के लिए ब्लूटूथ स्पीकर या दूसरे डिवाइस पर गाने सुनना आसान हो जाएगा। अगर आप एयर प्लेन मोड शुरू करेंगे तो आपका ब्लूटूथ डिवाइस फोन से कनेक्ट रहेगा और आपको इसे बार-बार जोड़ना नहीं होगा।

ऐप्स संभालने की झंझट खत्म होगी
एंड्रॉयड 11 अपडेट से पहले अगर यूजर ऐप को अपने हिसाब से एक जगह रखना चाहता था, तो उसे पहले फोल्डर बनाना पड़ता था। एंड्रॉयड 11 के स्मार्ट फोल्डर की मदद से फोन अपने आप ही ऐप्स को उनके काम के हिसाब से जमा देगा। जैसे गेम्स फोल्डर में गेम्स।

सिक्युरिटी और प्राइवेसी में भी फायदा
नए एंड्रॉयड अपडेट के बाद आप फोन के किसी भी ऐप को केवल एक बार लोकेशन या स्टोरेज जैसी अनुमति दे सकते हैं। पहले हम किसी भी ऐप को अनुमति देते वक्त दो ऑप्शन (ऑल द टाइम) और (ओनली वाइल यूजिंग ऐप) मिलते थे। अगर आप "ऑल द टाइम" चुनते थे, तो ऐप हर वक्त आपके निजी डेटा जैसे लोकेशन, स्टोरेज, सेंसर की जानकारी लेती थी।

वहीं, जब आप "ओनली वाइल यूजिंग ऐप" का चुनाव करते थे, तो ऐप केवल इस्तेमाल के वक्त ही डेटा तक पहुंच पाती थी। इसके अलावा अगर आप किसी ऐप का इस्तेमाल लंबे वक्त से नहीं कर रहे हैं तो आपकी दी हुई सारी परमिशन अपने आप बंद हो जाएंगी।

कौन से स्मार्टफोन को मिलेगा नया अपडेट
एंड्रॉयड 11 अपडेट फिलहाल कुछ ही ब्रांड्स के चुनिंदा स्मार्टफोन मॉडल्स को मिलेगा। इनमें गूगल पिक्सल, ओप्पो, वन प्लस, रियलमी, शाओमी, नोकिया शामिल हैं।



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Android 11: Apps will launch 20% faster, screen recording will be easier; Know what's special in the new update


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मार्च 2018 के बाद यह महीना रहेगा सबसे सफल, आ सकते हैं 7,000 करोड़ रुपए के चार आईपीओ; 21 को खुलेंगे दो इश्यू

आईपीओ के लिए सितंबर महीना ढाई साल बाद सबसे सफल महीना रहने वाला है। इस महीने में कुल 5 आईपीओ आने हैं। जबकि दो आईपीओ पहले ही आ चुके हैं। इस तरह से इस महीने में कुल 8,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के आईपीओ आ जाएंगे। इससे पहले मार्च 2018 में 8,000 करोड़ रुपए के आईपीओ आए थे।

कैम्स 2,200 से 2,400 करोड़ जुटा सकती है

आंकड़ों के मुताबिक म्यूचुअल फंड के लिए सेवा देनेवाली कैम्स और केमकान स्पेशियालिटी का आईपीओ 21 सितंबर को खुलेगा। कैम्स इस आईपीओ से करीबन 2,400 करोड़ रुपए जबकि केमकान 400 करोड़ रुपए जुटाएगी। इसी तरह से सितंबर अंत तक मझगांव डाक का आईपीओ आएगा। यह सरकारी कंपनी है। यह आईपीओ से 500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखी है।

यूटीआई का 3,000 करोड़ का आईपीओ

सितंबर के अंत में ही यूटीआई म्यूचुअल फंड भी आईपीओ लाने की सोच रही है। यह करीबन 3 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी। जबकि एंजल ब्रोकिंग आईपीओ के जरिए 500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखी है। कैम्स रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट का काम करती है। इसका मूल्य दायरा 1100-1200 रुपए हो सकता है। इस आईपीओ से कैम्स को कोई पैसा नहीं मिलेगा। क्योंकि यह ऑफर फॉर सेल है। इसके तहत एनएसई अपना 37 प्रतिशत हिस्सा बेचेगी।

एनएसई के अलावा भी बाकी हिस्सेदार अपना शेयर बेचेंगे। इस तरह से पूरा पैसा इन हिस्सेदारों को जाएगा।

हैपिएस्ट और रुट को जबरदस्त रिस्पांस मिला

इस तरह से सितंबर में अभी कुल 5 आईपीओ आने हैं। जबकि दो आईपीओ पहले ही आ चुके हैं। इसमें हैपिएस्ट माइंड ने 700 करोड़ और रूट मोबाइल ने 600 करोड़ रुपए जुटाया था। इन दोनों का आईपीओ अच्छा खासा सफल रहा है। हैपिएस्ट ने तो 150 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन हासिल किया है। रूट मोबाइल का आईपीओ 73 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

आने वाले आईपीओ को मिलेगा अच्छा सब्सक्रिप्शन

विश्लेषकों के मुताबिक आनेवाले आईपीओ में भी इसी तरह का रिकॉर्डतोड़ सब्सक्रिप्शन देखने को मिल सकता है। क्योंकि सभी का बिजनेस मॉडल बहुत अच्छा है। यूटीआई आठवीं सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है तो कैम्स अपने सेक्टर में एकमात्र कंपनी है। बता दें कि इस साल में आईपीओ का बाजार बहुत ही सुस्त रहा है। मार्च तकतो एकमात्र एसबीआई कार्ड का आईपीओ आया था।

अप्रैल, मई, जून पूरी तरह से सूखा रहा

अप्रैल, मई जून तक आईपीओ बाजार पूरी तरह से सुखा रहा। एकमात्र रोसारी बायोटेक का आईपीओ चालू वित्तीय वर्ष में आया। उसके बाद एक माइंड स्पेस रिट और फिर इस महीने में दो आईपीओ आए।आंकड़े बताते हैं कि सफल महीनों में जुलाई 2018 में कुल दो आईपीओ आए और उन्होंने 3,900 करोड़ रुपए जुटाया जबकि मार्च 2019 में दो आईपीओ ने करीबन 5,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई। अप्रैल 2019 में मेट्रोपॉलिस, पॉलीकैब और रेल विकास निगम ने मिलकर 3,000 करोड़ रुपए आईपीओ से जुटाए थे।



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आंकड़े बताते हैं कि सफल महीनों में जुलाई 2018 में कुल दो आईपीओ आए और उन्होंने 3,900 करोड़ रुपए जुटाया जबकि मार्च 2019 में दो आईपीओ ने करीबन 5,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई


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रिपोर्ट्स में दावा- भारत-चीन के बीच पिछले हफ्ते पैंगॉन्ग झील इलाके में 100-200 राउंड गोलियां चलीं, दोनों देशों के बीच मॉस्को समझौते से पहले यह घटना हुई

भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की 10 सितंबर को मॉस्को में हुई मीटिंग से पहले लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच फायरिंग हुई थी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले यह रिपोर्ट दी है। इसके मुताबिक पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी छोर पर दोनों तरफ से 100 से 200 राउंड हवाई फायर हुए थे। यह घटना रिजलाइन पर हुई थी, जहां फिंगर-3 और फिंगर-4 के इलाके मिलते हैं।

कई इलाकों में भारत-चीन के सैनिकों में सिर्फ 300 मीटर का फासला
रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर के पहले हफ्ते में पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर काफी मूवमेंट हुए थे। कई बार फायरिंग भी हुई। तनाव अभी बरकरार है। चुशूल सेक्टर में कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर तैनात हैं। इस बीच दोनों देशों के आर्मी अफसरों के बीच फिर से बातचीत होनी है।

इससे पहले 7 सितंबर को भारत-चीन ने मुकपारी हाइट्स इलाके में फायरिंग की घटना पर बयान जारी किए थे। बताया गया कि एलएसी पर 45 साल बाद गोलियां चली हैं। दोनों ने इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन, पैंगॉन्ग इलाके में फायरिंग को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

चीन ने 5 दिन में 3 बार घुसपैठ की कोशिश की थी
29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीयों जवानों ने नाकाम कर दी। उसके बाद आर्मी अफसरों की बातचीत का दौर शुरू हुआ, लेकिन चीन ने अगले 4 दिन में 2 बार फिर घुसपैठ की कोशिश की।

शांति से सीमा विवाद सुलझाने के लिए 10 सितंबर को मॉस्को में भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें डिस-एंगेजमेंट समेत 5 पॉइंट्स पर सहमति बनी थी। लेकिन, चीन बार-बार अपनी बात से पीछे हट रहा है और विवादित इलाकों में लगातार मूवमेंट कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को संसद में कहा कि चीन ने एलएसी पर सैनिक और गोला-बारूद जमा कर रखे हैं, लेकिन भारत भी तैयार है।

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1. चीन से विवाद पर सरकार का बयान:राजनाथ बोले- चीन को गलवान की झड़प में भारी नुकसान हुआ था, वह अब बॉर्डर पर भारी तादाद में सेना और गोला-बारूद जमा कर रहा

2. लद्दाख में तनाव कम करने की कोशिश:भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक में 5 पॉइंट पर सहमति; बातचीत जारी रखते हुए सैनिक हटेंगे, माहौल बिगाड़ने वाली कार्रवाई नहीं होगी



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एलएसी पर भारत-चीन के बीच 45 साल में पहली बार फायरिंग हुई है। लद्दाख के कई विवादित इलाकों में दोनों के सैनिक 300 मीटर से भी कम दूरी पर तैनात हैं। (फाइल फोटो)


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एक्ट्रेस का ऑफिस तोड़ने के 6 दिन बाद बीएमसी ने उनकी हाउसिंग सोसाइटी को भी नोटिस दिया, मेंबर्स की डिटेल समेत 5 जानकारियां मांगीं

कंगना रनोट का पाली हिल वाला ऑफिस तोड़ने के 6 दिन बाद बीएमसी ने मंगलवार को उनकी सोसाइटी (चेतक) को नोटिस जारी कर इसके मेंबर्स की डिटेल मांगी है। चेतक सोसायटी एक सहकारी समिति है। माना जा रहा है कि बीएमसी इस मामले में कोई और एक्शन भी ले सकती है। इससे पहले बीएमसी ने कंगना के खार स्थित घर में अवैध निर्माण हटाने का नोटिस भी दिया था।

बीएमसी ने कंगना की सोसाइटी से ये 5 डिटेल्स मांगीं

  • सोसायटी के प्रमुख सदस्यों की जानकारी और साझेदारों की लिस्ट
  • पिछले 3 सालों में सोसायटी की बैठकों, बैंक खाते की डिटेल
  • चुनाव प्रोसेस के साथ मेंबर्स की ट्रांसफर लिस्ट
  • रेल हाउस और बंगलों के अलॉकेशन की डिटेल
  • एग्रीमेंट समेत दूसरे पेपर्स की जानकारी

कंगना ने बीएमसी से 2 करोड़ का मुआवजा मांगा
कंगना के पाली हिल स्थित ऑफिस में बीएमसी ने 9 सितंबर को तोड़फोड़ की थी। एक्ट्रेस ने इस कार्रवाई को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अब रिवाइज पिटीशन लगाकर कहा कि तोड़फोड़ से हुए नुकसान के बीएमसी उन्हें 2 करोड़ रुपए का मुआवजा दे। इस मामले में कंगना महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात कर चुकी हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर कंगना को मुआवजा दिलवाने की बात कही थी।

कंगना ने पाली हिल वाला बंगला 2017 में खरीदा था। इस साल जनवरी में इसके रिनोवेशन का काम पूरा हुआ था। उन्होंने इसे ऑफिस-कम-रेजीडेंस बनाया था। बीएमसी ने इसमें अवैध निर्माण बताया था। उसके 1979 के प्लान के मुताबिक यह बंगला रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में लिस्टेड है।



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फोटो 10 सितंबर की है। बीएमसी की कार्रवाई के अगले दिन कंगना अपना ऑफिस देखने पहुंचीं थीं।


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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- तीन साल पहले ही सीरिया के राष्ट्रपति को खत्म कर देना चाहता था, रक्षा मंत्री ने रोक दिया था

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा खुलासा किया है। यह खुलासा सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के बारे में है। मंगलवार को ट्रम्प ने कहा- मैं तीन साल पहले यानी 2017 में सीरियाई लीडर बशर अल असद को खत्म कर देना चाहता था। इसके लिए प्लान भी तैयार था। लेकिन, जिम मैटिस (तब के अमेरिकी रक्षा मंत्री) ने मुझे असद को खत्म करने से रोक दिया था।
मंगलवार को अमेरिका की मध्यस्थता के बाद इजराइल ने बहरीन और यूएई के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने का समझौता किया था। ट्रम्प ने इसे अपनी बड़ी कामयाबी भी करार दिया।

ट्रम्प ने फॉक्स टीवी के मॉर्निंग शो में यह बातें कहीं। साथ ही कहा कि वे चाहते हैं कि हफ्ते में इस तरह का इंटरव्यू एक बार तो होना ही चाहिए। हालांकि, प्रोग्राम के को-होस्ट डूसी ने इस पर कहा- हम हर हफ्ते प्रोग्राम करने का वादा नहीं कर सकते। जो बाइडेन भी अगर अपने 47 मिनट इस प्रोग्राम के लिए देने तैयार हों तो हम उनका भी स्वागत करेंगे।

ट्रम्प के बयानों में विरोधाभास
असद को लेकर ट्रम्प ने मंगलवार को जो कुछ कहा, वो उनकी कही पुरानी बातों से मेल नहीं खाता। दरअसल, ट्रम्प ने पहले कहा था- मैं कभी सीरियाई नेता (ट्रम्प असद को राष्ट्रपति नहीं कहते) के पीछे नहीं पड़ा। असद पर सीरिया के हजारों बेगुनाह लोगों की हत्या का आरोप है। 2018 में न्यूयॉर्क टाइम्स के सीनियर जर्नलिस्ट बॉब वुडवर्ड की किताब पब्लिश हुई थी। नाम था- फियर यानी डर। किताब के मुताबिक- ट्रम्प ने मैटिस को असद के कत्ल का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में वे इससे मुकर गए। कहा- मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा। और न ही इस तरह की बातें किताब में लिखी जानी चाहिए।

मैटिस ने 2018 के आखिर में इस्तीफा दे दिया था। कई बार ट्रम्प की आलोचना की। लेकिन, मंगलवार को असद पर ट्रम्प ने जो खुलासा किया, उस पर मैटिस ने चुप्पी साध ली।

बोरिंग है किताब
ट्रम्प सोमवार को कैलिफोर्निया में थे। लौटते वक्त 480 पेज वाली इस किताब का कुछ हिस्सा एयरक्राफ्ट में ही पढ़ा। बाद में कहा- सही बात तो यह है कि मैंने इसे सोमवार रात ही बहुत जल्दी में पढ़ा। ये बहुत बोरिंग है। 18 इंटरव्यूज के कुछ हिस्सों पर आधारित है। लेकिन, ठीक है।

क्या कहा ट्रम्प ने
ट्रम्प ने शो में कहा- मैं असद को बाहर निकाल देना चाहता था। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली थी। मैं उन्हें खत्म कर देना चाहता था। 2017 में इसके लिए पूरा ऑपरेशन प्लान किया जा चुका था। लेकिन, मैटिस इसके लिए तैयार नहीं थे। मैटिस को बहुत ज्यादा तवज्जो दी जाती थी। बाद में मैंने उन्हें भी हटा दिया था।

मैटिस से दूरियां
मैटिस को लेकर ट्रम्प की नाराजगी पहली बार सामने नहीं आई। दो साल पहले भी उन्होंने इस अमेरिकी जनरल के रवैये पर नाराजगी जताई थी। खास बात यह है कि ट्रम्प ही मैटिस को पेंटागन में लेकर आए थे। लेकिन, सीरिया और कुछ दूसरे मुद्दों पर ट्रम्प मैटिस से सहमत नहीं थे। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार मैटिस को महान जनरल भी कहा था। बहरहाल, दोनों करीब एक साल ही साथ काम कर सके। 2018 के आखिर में मैटिस ने इस्तीफा दे दिया था।

अमेरिकी कमांडो तैयार थे
सीरियाई लीडर असद पर आरोप है कि उन्होंने अप्रैल 2017 में नागरिकों पर कैमिकल अटैक कराया था। इसके कुछ फोटोग्राफ भी सामने आए थे। ये वे नागरिक थे, जो असद के विरोधी माने जाते थे। कैमिकल अटैक की कभी पुष्टि नहीं हो सकी। लेकिन, ट्रम्प ने उसी वक्त वादा किया था कि असद को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प ने 2017 के आखिर में अमेरिकी फौज और कमांडो दस्ते को आदेश दिया था कि वो असद को खत्म कर दे। लेकिन, मैटिस की वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया। ट्रम्प ने कहा- असद अच्छे आदमी तो बिल्कुल नहीं हैं।



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फोटो सीरिया की राजधानी दमाकस के एक चौराहे की है। इसमें राष्ट्रपति बशर अल असद और सीरिया का झंडा नजर आ रहे हैं। ट्रम्प असद के लिए प्रेसिडेंट शब्द का इस्तेमाल नहीं करते। इसकी जगह सीरियाई नेता या सीरिया का ताकतवर कहते हैं।


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सुशांत की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी से NCB पूछताछ कर रही, एक्टर की टैलेंट मैनेजर रहीं जया साहा को भी बुलाया

सुशांत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रहा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) आज एक्टर की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी से पूछताछ कर रहा है। सुशांत की टैलेंट मैनेजर जया साहा को भी बुलाया गया है। इन दोनों से मुंबई पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई की टीम पहले ही कई बार पूछताछ कर चुकी है।

NCB के एक अधिकारी ने बताया कि सुशांत मामले में ड्रग्स कनेक्शन को लेकर कुछ पॉइंट्स क्लीयर करने के लिए श्रुति और जया को बुलाया है। ईडी की पूछताछ के दौरान रिया और जया की चैट सामने आई थी।

ड्रग्स मामले में अब तक हुई 17 लोगों की गिरफ्तारी
NCB ने सुशांत की गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिया भायखला 7 दिन से भायखला जेल में हैं। NCB ने उन्हें 8 सितंबर को गिरफ्तार किया था और 9 सितंबर को भायखला जेल में शिफ्ट कर दिया। रिया की जमानत अर्जी 2 बार खारिज हो चुकी है।



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श्रुति मोदी सुशांत के साथ ही रिया चक्रवर्ती की भी करीबी रहीं हैं। वे रिया का काम भी देखती थीं। (फाइल फोटो)


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18 सितंबर से बदल जाएगा ATM से कैश निकालने का नियम; जानिए अब पैसे निकालने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा?

लॉकडाउन के दौरान एटीएम फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके मद्देनजर अब देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वन टाइम पासवर्ड यानी कि ओटीपी बेस्ड एटीएम कैश विड्रॉल सुविधा को 24×7 लागू करने का फैसला किया है। यह सुविधा देशभर के सभी एसबीआई एटीएम पर 18 सितंबर से लागू होगी।

दिन में कभी भी पैसे निकालने पर ओटीपी लगेगा

अब एसबीआई के एटीएम से 10 हजार रुपए या इससे अधिक राशि निकालने पर दिन में भी ओटीपी की जरूरत होगी। अभी तक रात में आठ बजे से सुबह आठ बजे 10 हजार रुपए या इससे अधिक राशि निकालने पर ही ओटीपी की जरूरत होती थी। बैंक ने 1 जनवरी से नया नियम लागू किया था। इसके तहत 10 हजार रुपए या उससे अधिक रकम निकालने पर ओटीपी बेस्ड कैश विड्रॉल को रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक पेश किया गया था।

पैसे अब कैसे निकलेगा ?

अब 18 सितंबर यानी इस शुक्रवार से अगर आप 10 हजार या इससे ज्यादा पैसे निकालने एटीएम जाते हैं तो अब आपके पास कार्ड एंटर करने और अमाउंट डालने के बाद बैंक की तरफ से रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। इस ओटीपी को डेबिट कार्ड की पिन के साथ डालना होगा, तभी आप एसबीआई के एटीएम से पैसे निकाल पाएंगे।

एटीएम फ्रॉड रोकने में मिलेगी मदद

एसबीआई के एमडी (रिटेल और डिजिटल बैंकिंग) सीएस सेट्टी ने कहा कि तकनीकी सुधार और सेफ्टी के मामले में एसबीआई हमेशा सबसे आगे रहा है। हमें उम्मीद है कि 24x7 ओटीपी-आधारित कैश विड्रॉल की सुविधा से सुरक्षा स्तर को और ज्यादा मजबूती मिलेगा। दिनभर इस सुविधा को लागू करने से एसबीआई डेबिट कार्डधारक धोखेबाजों, अनधिकृत निकासी, कार्ड स्कीमिंग, कार्ड क्लोनिंग और इसी तरह के जोखिम से बच सकेंगे।

देशभर में 22,000 से अधिक ब्रांच

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की देशभर में 22 हजार से ज्यादा ब्रांच हैं। एसबीआई की मौजूदगी 30 से ज्यादा देशों में है। SBI के 6.6 करोड़ से ज्यादा ग्राहक मोबाइल बैंकिंग और ATM की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं।



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अब एसबीआई के एटीएम से 10 हजार रुपए या इससे अधिक राशि निकालने पर दिन में भी ओटीपी की जरूरत होगी। -फाइल फोटो


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कोरोना पॉजिटिव हुए गुजरात के बिजनेसमैन, अस्पताल से साढ़े बारह लाख का बिल मिला तो, दफ्तर को अस्पताल में बदल डाला

मेरे घर में मुझे, मेरी मां और भाई को कोरोना हुआ था। मेरी मां 45 दिनों में कोरोना से रिकवर हुईं। मेरा भाई 24 दिनों तक एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट रहा। हॉस्पिटल ने साढ़े बारह लाख रुपए का बिल बना दिया। इतना पैसा देने के बाद भी भाई की हालत खराब ही थी। वो एकदम सूख गया था। अस्पताल में उसके साथ व्यवहार भी ऐसा हुआ जैसे फ्री में इलाज करवाने आए हों। इस घटना के बाद मेरे मन में आया कि हमने पैसों का इंतजाम कर लिया लेकिन उन गरीबों का क्या हाल हो रहा होगा, जिनके पास इलाज के पैसे ही नहीं। बस तभी सोच लिया था कि कोरोना मरीजों के लिए एक अस्पताल बनाना है, जहां फ्री में सबको इलाज मिले।

अस्पताल में कुल 84 बेड हैं। इनमें सभी में ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है।

यह कहानी सूरज में प्रॉपर्टी का काम करने वाले कादर शेख की है। उन्होंने कोरोना मरीजों के लिए 84 बेड वाला अस्पताल तैयार किया है। महज 20 दिनों में तैयार किए गए इस अस्पताल में 10 आईसीयू बेड हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। यहां इलाज, खाना-पीना और दवाइयां तक मुफ्त में दी जा रही हैं। हालांकि अब इसका संचालन सूरत नगर निगम कर रहा है। कादर शेख कहते हैं, साढ़े बारह लाख रुपए का बिल बना तो हमने हॉस्पिटल से पूछा कि इतना बड़ा बिल कैसे बन गया। सांसद तक से बात करवा दी, तब कहीं जाकर एक लाख रुपए कम हुए। भाई की कोरोना रिपोर्ट तो नेगेटिव आ गई थी लेकिन उसकी हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि अस्पताल ने इसे अच्छा नहीं बल्कि पहले से और ज्यादा कमजोर कर दिया है। कोविड नेगेटिव आने के बाद भी उन्होंने भाई को पॉजिटिव मरीजों वाले वार्ड में ही रखा था। हर तीसरे दिन किसी न किसी चार्ज के नाम पर वसूली की जाती थी।

इस तरह से दो फ्लोर पर बेड तैयार किए गए हैं। 10 बेड आईसीयू वाले भी हैं।

भाई के डिस्चार्ज वाले दिन ही मैंने सोच लिया था कि गरीबों के लिए कुछ करना है। सूरत के अडाजण में श्रेयम कॉम्पलेक्स में मेरे पास तीन फ्लोर हैं। मैं वहां से प्रॉपर्टी का कामकाज करता हूं। फिर मैंने सांसद से बात की और उन्हें कहा कि, मैं अपनी तीन फ्लोर पर कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल तैयार करके देना चाहता हूं लेकिन शर्त यही है कि जो भी उसे चलाए, इलाज पूरी तरह से फ्री दे और खाना-पीना, दवाइयां भी फ्री में मिले। उन्होंने तुरंत निगम अधिकारियों से बातचीत की और हमें अस्पताल तैयार करने की परमिशन मिल गई। हमने महज 20 दिन में अस्पताल तैयार कर दिया। दो फ्लोर पर 42-42 बेड रखे हैं और एक फ्लोर को मेडिकल स्टाफ के रुकने के हिसाब से बनाया। इसके बाद निगम ने वहां कोरोना मरीजों का इलाज शुरू कर दिया।

कादर शेख पहले यहां ऑफिस संचालित करते थे। सांसद सीआर पाटिल ने अस्पताल का उद्घाटन किया था।

हॉस्पिटल तैयार करके देने के एवज में क्या आप सरकार से कोई मदद ले रहे हैं? इस पर शेख बोले, साहब हमने पहले ही अधिकारियों को कह दिया कि, हमें कुछ नहीं चाहिए। जिंदगी में पहली दफा इतनी शांति महसूस कर रहा हूं। ऐसा लग रहा है कि हम किसी के काम आ रहे हैं। किसी भी कौम का कोई भी व्यक्ति यहां आकर फ्री में इलाज करवा सकता है। खाना-पीना, दवाइयां भी फ्री में ले सकता है। हालांकि हमारी पहली प्रायोरिटी गरीबों के लिए ही है। हंसते हुए शेख कहते हैं, यहां आने वाले मरीजों को सिर्फ चार चीजें टूथपेस्ट, ब्रश, साबुन और कोरोना लेकर आना है, बाकी सबकुछ यहीं मिलेगा।

क्या अब आपने खुद के काम के लिए कोई नया ऑफिस लिया है? इस पर बोले, अभी कामधंधा बंद जैसा ही है। बाहर ऐसे हालात नहीं हैं कि काम करें। जब सब ठीक होगा तो कहीं किराया का ऑफिस लेंगे। हालांकि हॉस्पिटल तब तक नहीं हटाया जाएगा, जब तक कोरोना चल रहा है। फिर भले ही इसमें दो साल लगें या तीन साल लग जाएं। रिटायर्ड डीएसपी सिराज जाबा यहां का मैनेजमेंट संभालते हैं। जाबा कहते हैं, हम आर्थिक तौर पर मदद नहीं कर सकते लेकिन शारीरिक तौर पर जरूर कर सकते हैं। इसलिए मुफ्त में यहां की व्यवस्थाओं का सही तरीके से संचालन करवाने में मदद करते हैं।



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Here, corona treatment, food and medicine are all free; When the bill of two and a half million was received, the businessman changed the office in the hospital


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सीरम इंस्टीट्यूट को ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ट्रायल दोबारा शुरू करने की मंजूरी मिली; देश में अब तक 50.18 लाख केस

पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने मंगलवार देर रात मंजूरी दी। दरअसल, ब्रिटेन में इस वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने के बाद ट्रायल रोक दिया था। अब वहां फिर से ट्रायल शुरू हो गया। इस घटना के बाद भारत में भी ड्रग कंट्रोलर ने 11 सितंबर को ट्रायल रोक दिया था।

सीरम इंस्टीट्यूट के मुताबिक, 'देश में फिलहाल दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल हो रहा है।' दुनिया में इस वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंच गया है। इसमें 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं। ट्रायल के बाद सुरक्षा और असर के डेटा को मंजूरी दिलाने का काम बचेगा।

उधर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डीजी प्रोफेसर बलराम भार्गव ने बताया है कि देश में 3 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के स्टेज में हैं। कैडिला और भारत बायोटेक के फेज-1 के ट्रायल पूरे हो गए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ने फेज-2 पूरा कर लिया है। फेज-3 में 1500 मरीजों पर ट्रायल शुरू कर देगा।

देश में मरीजों की संख्या 50 लाख के पार
देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा मंगलवार को 50 लाख के पार कर गया। अब तक 50 लाख 18 हजार 34 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर 91 हजार 96 नए मरीज बढ़े। ये आंकड़े covid19india के मुताबिक हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार सुबह अपने आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, मंगलवार को 90 हजार 123 मरीज मिले और 1290 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 50 लाख 20 हजार 360 हो गई है। इनमें 39 लाख 42 हजार 361 मरीज ठीक हो चुके हैं। 9 लाख 95 हजार 933 एक्टिव मरीज हैं। वहीं, अब तक कुल 82 हजार 66 लोगों की जान जा चुकी है।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बुधवार को बताया कि 15 सितंबर को 11 लाख 16 हजार 842 टेस्ट किए गए। अब तक 5 करोड़ 94 लाख 29 हजार 115 सैंपल की जांच की गई है।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
सितंबर के 15 दिनों में कोरोना संक्रमण के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वो डरावने हैं। राज्य में अब हर दिन औसत 2100 नए केस मिल रहे हैं, जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 1300 का था। राज्य में पांच दिन में 11 हजार 674 नए संक्रमित बढ़ चुके हैं। संक्रमण दर 11% से ऊपर बनी हुई है। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो आगे हर महीने 55 हजार से ज्यादा नए मामले आएंगे। सितंबर में ही 15 दिन में 27 हजार 563 संक्रमित बढ़ गए हैं। जबकि पूरे अगस्त में यह संख्या 32 हजार थी।

भोपाल में बीते 15 दिन से रोजाना औसतन 216 नए मरीज मिल रहे हैं, जो पूरे अगस्त में हर दिन 140 ही थे। उधर, पुराने शहर हनुमानगंज, जुमेराती, जनकपुरी के थोक किराना बाजार अब शाम 7 बजे बंद कर दिए जाएंगे। अब तक इन थोक बाजार की दुकानें रात 10-11 बजे तक बंद होती थीं।

2. राजस्थान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'आज कोरोना हर व्यक्ति की लड़ाई बन गया है। अगर हर व्यक्ति 4 हफ्ते तक मास्क लगाने का फैसला कर ले तो इससे निजात मिल सकती है।' उधर, सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों और निजी लैब में कोरोना जांच की फीस 2200 रुपए से घटाकर 1200 रुपए कर दी है। इसके साथ निजी लैब और निजी अस्पतालों में अब देश की सबसे सस्ती कोरोना जांच होगी, क्योंकि यूपी और महाराष्ट्र की निजी लैब में यह जांच 1600 से 1900 रुपए में होती है।

3. बिहार
राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि राज्य का रिकवरी रेट 90 से ज्यादा हो गया है, जो राष्ट्रीय औसत से करीब 13% है। उधर, एडीजी (मुख्यालय) जितेन्द्र कुमार ने बताया कि अनलॉक-4 के तहत जारी गाइडलाइन के उल्लंघन के आरोप में पिछले 24 घंटे में 464 वाहन जब्त किये गये। 13 लाख रुपया जुर्माना वसूला गया। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 4 हजार 364 व्यक्तियों से 2 लाख 18 हजार रुपए वसूले गए।

4. महाराष्ट्र
राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 11 लाख के करीब पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में यहां 20 हजार 482 नए मामले बढ़े। अब तक 10 लाख 97 हजार 856 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इनमें 7 लाख 75 हजार 273 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 91 हजार 797 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 30 हजार 409 लोग संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।

5. उत्तर प्रदेश
प्रदेश में मंगलवार को 24 घंटे के अंदर 6,895 नए पॉजिटिव केस बढ़े तो रिकॉर्ड 113 संक्रमितों की मौत हुई है। राहत की बात है कि एक दिन में 6,680 मरीज ठीक भी हुए हैं। वहीं, मंगलवार को लखनऊ कैंट से भाजपा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनका होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। अभी राज्य में 67 हजार 335 एक्टिव मरीज हैं, यानी इनका इलाज चल रहा है। 2 लाख 52 हजार 97 लोग ठीक हो चुके हैं। 4,606 लोगों की मौत हो चुकी है।



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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने पिछले दिनों ब्रिटेन में इस वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने के बाद ट्रायल रोक दिया गया था। हालांकि, अब फिर शुरू हो गया है। - फाइल फोटो


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पंजाब, गुजरात के लोग सबसे खुशनुमा, खराब स्कोर करने वालों में मप्र-छ्त्तीसगढ़ समेत 10 राज्य; कुंवारों की तुलना में शादीशुदा ज्यादा खुश

देश की पहली हैप्पीनेस इंडेक्स के मुताबिक मिजोरम, पंजाब और अंडमान-निकोबार तीन सबसे खुशनुमा राज्य हैं। बड़े राज्यों में पंजाब, गुजरात और तेलंगाना अव्वल हैं और छोटे राज्यों में मिजोरम, सिक्किम और अरुणाचल शीर्ष पर हैं। खराब स्कोर करने वाले 10 राज्य जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, नगालैंड, राजस्थान, गोवा, मेघालय, ओडिशा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ हैं। इन राज्यों की क्रमशः रैंकिंग 27 से 36 है।

यह स्टडी आईआईएम और आईआईटी में प्रोफेसर रहे राजेश पिलानिया के नेतृत्व में मार्च 2020 से जुलाई 2020 के बीच की गई है। इसमें देशभर के 16,950 लोगों ने हिस्सा लिया। इस स्टडी के परिणाम बताते हैं कि वैवाहिक स्थिति, आयु वर्ग, शिक्षा और कमाई का सकारात्मक रूप से खुशी से सीधा संबंध है।

शादीशुदा ज्यादा खुश

अविवाहित लोगों की तुलना में शादीशुदा लोग ज्यादा खुश होते हैं। इस स्टडी में यह भी देखा गया कि कोरोना का लोगों की खुशी पर क्या प्रभाव पड़ा? हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एश्ले विलियन्स बताते हैं कि जो लोग पैसे की जगह समय को ज्यादा महत्व देते हैं, वे अधिक खुश रहते हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा के लोगों की खुशियों पर कोरोना ने सबसे ज्यादा असर डाला है।

पुड्डुचेरी और जम्मू-कश्मीर के लोगों पर कोई असर देखने को नहीं मिला। वहीं मणिपुर, अंडमान और निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप में लोग इस दौर में आशावादी बने रहे। स्टडी के निष्कर्ष में स्टेनफोर्ड की नामी इंस्टीट्यूट की साइंस डायरेक्टर डॉ. इम्मा सेप्पाला बताती हैं कि दयालु और धैर्यवान लोग सबसे खुशहाल और संपन्न होते हैं।

स्टडी के मुताबिक देश के लोग भविष्य को लेकर आशावादी हैं और अगले 5 साल में मौजूदा स्थिति की तुलना में खुद को ज्यादा खुश और संपन्न देख रहे हैं। भविष्य की हैप्पीनेस रैंकिंग में मणिपुर, अंडमान-निकोबार द्वीप और गुजरात सबसे खुशनुमा राज्य हैं। बड़े राज्यों में गुजरात, उत्तराखंड और आंध्र शीर्ष पर हैं।

इन 5 पैरामीटर के आधार पर बना हैप्पीनेस इंडेक्स

1. काम संबंधी मुद्दे जैसे आय और ग्रोथ

2. परिवारिक संबंध और दोस्ती

3. शारीरिक और मानसिक सेहत

4. सामाजिक मुद्दे और परोपकार

5. धर्म या आध्यात्मिक जुड़ाव।



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स्टडी के मुताबिक देश के लोग भविष्य को लेकर आशावादी हैं और अगले 5 साल में मौजूदा स्थिति की तुलना में खुद को ज्यादा खुश और संपन्न देख रहे हैं। -फाइल फोटो


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सीरम इंस्टीट्यूट को ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ट्रायल दोबारा शुरू करने की मंजूरी मिली; देश में अब तक 50.18 लाख केस

पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने मंगलवार देर रात मंजूरी दी। दरअसल, ब्रिटेन में इस वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने के बाद ट्रायल रोक दिया था। अब वहां फिर से ट्रायल शुरू हो गया। इस घटना के बाद भारत में भी ड्रग कंट्रोलर ने 11 सितंबर को ट्रायल रोक दिया था।

सीरम इंस्टीट्यूट के मुताबिक, 'देश में फिलहाल दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल हो रहा है।' दुनिया में इस वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंच गया है। इसमें 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं। ट्रायल के बाद सुरक्षा और असर के डेटा को मंजूरी दिलाने का काम बचेगा।

उधर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डीजी प्रोफेसर बलराम भार्गव ने बताया है कि देश में 3 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के स्टेज में हैं। कैडिला और भारत बायोटेक के फेज-1 के ट्रायल पूरे हो गए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ने फेज-2 पूरा कर लिया है। फेज-3 में 1500 मरीजों पर ट्रायल शुरू कर देगा।

देश में मरीजों की संख्या 50 लाख के पार
देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा मंगलवार को 50 लाख के पार कर गया। अब तक 50 लाख 18 हजार 34 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर 91 हजार 96 नए मरीज बढ़े। ये आंकड़े covid19india के मुताबिक हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार सुबह अपने आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, मंगलवार को 90 हजार 123 मरीज मिले और 1290 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 50 लाख 20 हजार 360 हो गई है। इनमें 39 लाख 42 हजार 361 मरीज ठीक हो चुके हैं। 9 लाख 95 हजार 933 एक्टिव मरीज हैं। वहीं, अब तक कुल 82 हजार 66 लोगों की जान जा चुकी है।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बुधवार को बताया कि 15 सितंबर को 11 लाख 16 हजार 842 टेस्ट किए गए। अब तक 5 करोड़ 94 लाख 29 हजार 115 सैंपल की जांच की गई है।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
सितंबर के 15 दिनों में कोरोना संक्रमण के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वो डरावने हैं। राज्य में अब हर दिन औसत 2100 नए केस मिल रहे हैं, जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 1300 का था। राज्य में पांच दिन में 11 हजार 674 नए संक्रमित बढ़ चुके हैं। संक्रमण दर 11% से ऊपर बनी हुई है। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो आगे हर महीने 55 हजार से ज्यादा नए मामले आएंगे। सितंबर में ही 15 दिन में 27 हजार 563 संक्रमित बढ़ गए हैं। जबकि पूरे अगस्त में यह संख्या 32 हजार थी।

भोपाल में बीते 15 दिन से रोजाना औसतन 216 नए मरीज मिल रहे हैं, जो पूरे अगस्त में हर दिन 140 ही थे। उधर, पुराने शहर हनुमानगंज, जुमेराती, जनकपुरी के थोक किराना बाजार अब शाम 7 बजे बंद कर दिए जाएंगे। अब तक इन थोक बाजार की दुकानें रात 10-11 बजे तक बंद होती थीं।

2. राजस्थान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'आज कोरोना हर व्यक्ति की लड़ाई बन गया है। अगर हर व्यक्ति 4 हफ्ते तक मास्क लगाने का फैसला कर ले तो इससे निजात मिल सकती है।' उधर, सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों और निजी लैब में कोरोना जांच की फीस 2200 रुपए से घटाकर 1200 रुपए कर दी है। इसके साथ निजी लैब और निजी अस्पतालों में अब देश की सबसे सस्ती कोरोना जांच होगी, क्योंकि यूपी और महाराष्ट्र की निजी लैब में यह जांच 1600 से 1900 रुपए में होती है।

3. बिहार
राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि राज्य का रिकवरी रेट 90 से ज्यादा हो गया है, जो राष्ट्रीय औसत से करीब 13% है। उधर, एडीजी (मुख्यालय) जितेन्द्र कुमार ने बताया कि अनलॉक-4 के तहत जारी गाइडलाइन के उल्लंघन के आरोप में पिछले 24 घंटे में 464 वाहन जब्त किये गये। 13 लाख रुपया जुर्माना वसूला गया। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 4 हजार 364 व्यक्तियों से 2 लाख 18 हजार रुपए वसूले गए।

4. महाराष्ट्र
राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 11 लाख के करीब पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में यहां 20 हजार 482 नए मामले बढ़े। अब तक 10 लाख 97 हजार 856 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इनमें 7 लाख 75 हजार 273 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 91 हजार 797 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 30 हजार 409 लोग संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।

5. उत्तर प्रदेश
प्रदेश में मंगलवार को 24 घंटे के अंदर 6,895 नए पॉजिटिव केस बढ़े तो रिकॉर्ड 113 संक्रमितों की मौत हुई है। राहत की बात है कि एक दिन में 6,680 मरीज ठीक भी हुए हैं। वहीं, मंगलवार को लखनऊ कैंट से भाजपा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनका होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। अभी राज्य में 67 हजार 335 एक्टिव मरीज हैं, यानी इनका इलाज चल रहा है। 2 लाख 52 हजार 97 लोग ठीक हो चुके हैं। 4,606 लोगों की मौत हो चुकी है।



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रक्षा मंत्री आज राज्यसभा में भी चीन के मुद्दे पर बोलेंगे; प्रवासियों की सुरक्षा पर सरकार बोली- फेक न्यूज की वजह से भगदड़ मची थी

कोरोना के बीच संसद के पहले सत्र (मानसून) का आज तीसरा दिन है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज राज्यसभा में भारत-चीन सीमा विवाद पर बयान देंगे। सदन की कार्यवाही 9 बजे शुरू हो जाएगी। इससे पहले मंगलवार को राजनाथ ने लोकसभा में भी सीमा विवाद पर अपनी बात रखी थी। उधर, प्रवासियों के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि लॉकडाउन में फेक न्यूज की वजह से मजदूरों में भगदड़ मची थी।

मानसून सत्र के दूसरे दिन क्या-क्या हुआ?

रक्षा मंत्री ने कहा- चीन ने एलएसी पर गोला-बारूद जमा किया, हम भी तैयार
राजनाथ ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चल रहे तनाव के बारे में लोकसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा, "अभी की स्थिति के मुताबिक, चीन ने एलएसी और अरुणाचल से लगे अंदरुनी इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिक और गोला-बारूद जमा कर रखे हैं। पूर्वी लद्दाख के गोगरा, कोंगका ला, पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर तनाव वाले कई इलाके हैं। इन इलाकों में हमारी सेना भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात है।"

हालांकि, विपक्ष सीमा विवाद के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है। कांग्रेस ने बोलने का मौका नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को लोकसभा से वॉकआउट भी किया था। चीन की घुसपैठ के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने शॉर्ट ड्यूरेशन नोटिस भी दिया है।

गृह मंत्रालय ने कहा- अफवाहों की वजह से प्रवासियों में भगदड़ मची थी
मानसून सत्र के पहले दिन यानी सोमवार को एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा था कि लॉकडाउन में घर लौटते वक्त हादसों में कितने प्रवासी मजदूर मारे गए, इसका कोई आंकड़ा नहीं है। प्रवासियों से ही जुड़े एक दूसरे सवाल के जवाब में मंगलवार को कहा कि मार्च में लॉकडाउन के वक्त फेक न्यूज के चलते बड़ी संख्या में प्रवासियों का मूवमेंट हुआ था।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला रॉय ने लोकसभा में लिखित में सवाल पूछा था कि 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा से पहले सरकार ने प्रवासियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए और हजारों मजदूर घरों को लौटने को मजबूर क्यों हुए? इस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब दिया कि फेक न्यूज के चलते लोगों के मन में खाने-पाने की चीजों की सप्लाई और दूसरी जरूरी सुविधाओं को लेकर चिंता थी, इसलिए भगदड़ मची थी।

बॉलीवुड का ड्रग्स विवाद भी संसद पहुंचा
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से बॉलीवुड में उठा ड्रग्स विवाद अब संसद में भी बड़ी बहस में बदलता दिखाई दे रहा है। भाजपा सांसद रवि किशन ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स का शिकंजा कस चुका है। इस पर राज्यसभा में सपा सांसद जया बच्चन ने मंगलवार को कहा, "बॉलीवुड से जुड़े कुछ लोगों को उस थाली में छेद नहीं करना चाहिए, जिससे उनका पेट भरता है।"



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चीन के मुद्दे पर कांग्रेस बहस की मांग कर रही है। इस मांग की तख्ती लिए कांग्रेस सांसद ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा से वॉकआउट भी किया था।


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टिकटॉक के बाद इंस्टा रील्स का मार्केट भी खत्म! 15 सेकंड्स के वीडियो बनाने के लिए यूट्यूब लाया अपना शॉर्ट्स

दुनिया के सबसे बड़े यूजर जेनरेटेड वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने शॉर्ट वीडियो बनाने वाले प्लेटफॉर्म्स को चुनौती देने का फैसला किया है। एनालिस्ट की माने तो टिकटॉक के भारत में बैन होने के बाद इंस्टाग्राम रील्स समेत जितने भी प्लेटफॉर्म आए थे, उनके लिए यूट्यूब के सामने टिकना ही बड़ी चुनौती होगी।

सबसे पहले बात करते हैं यूट्यूब और शॉर्ट वीडियो से उसके रिश्ते की। यूट्यूब की शुरुआत ही 2005 में 18 सेकंड के वीडियो 'मी एट द ज़ू' से हुई थी। इसके बाद चार्ली बिट माय फिंगर लोगों को इतना पसंद आया कि 'वायरल वीडियो' नाम की खोज करनी पड़ी। आइए जानते हैं कि क्या है नई सर्विस और आप इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं-

सबसे पहले, क्या है यूट्यूब शॉर्ट्स?

  • यूट्यूब ने अपना शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म YouTube Shorts लॉन्च किया है। इसके लिए अलग से कोई ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है। बल्कि, यह उसी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, जिसका इस्तेमाल आप करते आए हैं।
  • यूट्यूब शॉर्ट्स पर दो तरह के वीडियो अपलोड हो सकेंगे। 1. नए कैमरा टूल्स का इस्तेमाल करते हुए 15 सेकंड्स के वीडियो बना सकेंगे। 2. यदि कैमरा टूल्स को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं तो 60 सेकंड्स तक के वर्टिकल वीडियो अपलोड कर उनके टाइटल और डिस्क्रिप्शन में #Shorts लिखना होगा। इससे उन्हें पहचाना जाएगा।
  • यह शॉर्ट्स वीडियो यूट्यूब के होम पेज पर, शॉर्ट्स वीडियो शेल्फ में दिखेंगे। यह यूट्यूब ऐप में और भी कई जगहों पर दिखेंगे। यूट्यूब 60 सेकंड तक के वर्टिकल वीडियो भी हाइलाइट करेगा। इस समय शॉर्ट्स का बीटा वर्जन है यानी यह अपडेट हो रहा है।

आपको कैसे पता चलेगा कि शॉर्ट्स कैमरा अपडेट मिला है या नहीं?

  • यदि आपके पास शॉर्ट्स कैमरे का एक्सेस है तो आप तुरंत यूट्यूब ऐप से शॉर्ट वर्टिकल वीडियो बना सकते हैं। आपके पास एक्सेस आया है या नहीं, यह देखने के लिए आपको यह करना होगा-
  • YouTube ऐप खोलें। '+' आइकन (या iOS में वीडियो कैमरा आइकन) दबाएं
  • 'वीडियो' सिलेक्ट करें
  • यदि 'शॉर्ट्स वीडियो बनाएं' दिखता है, तो इसका मतलब कि आपके पास शॉर्ट्स कैमरे का एक्सेस है। आप अपना पहला शॉर्ट्स वीडियो बना सकते हैं।

यदि शॉर्ट्स कैमरे का एक्सेस नहीं है तो क्या करें?

  • अगर आपको अब तक शॉर्ट्स कैमरे का एक्सेस नहीं मिला है, तब भी आप अपने वर्टिकल वीडियो अपलोड कर सकते हैं, लेकिन यह 60 सेकंड से छोटे होने चाहिए। ऐसे वीडियो को अपलोड करने के बाद टाइटल और डिस्क्रिप्शन में #Shorts का इस्तेमाल जरूर करें।
  • आपको हमेशा ऐसा नहीं करना पड़ेगा। कुछ समय में आप तक भी यूट्यूब शॉर्ट्स का अपडेट पहुंच जाएगा। उसके बाद आप भी शॉर्ट्स कैमरा टूल्स का इस्तेमाल कर सकेंगे।

अब, इंस्टाग्राम रील्स का क्या होगा?

  • टिकटॉक बैन होने के बाद भारत में कई शॉर्ट वीडियो प्लेटफार्म आए। इसमें प्रमुख था- इंस्टाग्राम का रील्स। यूट्यूब के शॉर्ट्स के आने के बाद इंस्टाग्राम रील्स पर किस तरह और कितने वीडियो बनेंगे, यह देखना दिलचस्प रहेगा।
  • इंस्टाग्राम रील्स के लिए अलग से ऐप डाउन लोड करने की जरूरत नहीं है। रील्स में भी 15 सेकंड तक का वीडियो बनता है। इस वीडियो को इंस्टा स्टोरी या फीड पर पोस्ट कर सकते हैं।
  • रील्स आपको एआर इफेक्ट और म्युजिक का इस्तेमाल कर एडिटिंग का विकल्प देता है। वीडियो का स्पीड कंट्रोल और टिकटॉक का 'Duet' फीचर भी इसमें है।

यूट्यूब के आने से मार्केट में क्या पोजिशन बनेगी?

  • भारत में तकरीबन 60 करोड़ स्मार्टफोन है, जो अगले साल तक 75 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकते हैं। स्टैटिस्टा के आंकड़ों को देखें तो भारत में 90% यूजर एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल करते हैं। यानी 55 करोड़ लोगों के पास एंड्रॉइड फोन है। उनके पास यूट्यूब इन-बिल्ट है। यह टिकटॉक के 20 करोड़ और इंस्टाग्राम के 10 करोड़ एक्टिव यूजर्स से कई गुना ज्यादा है।


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YouTube Shorts 15-Second Videos Vs TikTok Facebook | What is YouTube Short? All You Need To Know Youtube Video Platform


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जिंदगी की समस्याओं को आइडिया मानकर उन्हें अवसर में बदलें, शायद वही आपके लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है

मैं देश भर से ऐसे लोगों की कहानियां ढूंढती हूं, जिन्होंने जीवन में कोई बड़ा काम किया हो। एक नई सोच से नई कंपनी शुरू की हो या फिर सोसायटी में बदलाव लाने की ठान ली हो। मतलब सीधा रास्ता सामने होते हुए भी उन्होंने टेढ़ा रास्ता चुना। क्या ऐसे लोग एकदम अलग हैं? अब एक सिम्पल-सा सीन देख लीजिए। आपके घर खाने में अक्सर प्याज डलती है। प्याज काटते हुए आपकी मम्मी के आंसू बहते हैं। फिर प्याज फ्राइ करने में उनका खून-पसीना लगता है। ये देखकर आप परेशान होते हैं। भुने हुए प्याज के बिना खाने में मजा नहीं, मगर कोई बेहतर तरीका नहीं हो सकता?

आपने इंटरनेट पर सर्च किया और पता चला कि ‘फ्राइड अनियन’ नाम का एक प्रोडक्ट है, पर अपने इंडिया के सुपरमार्केट में नहीं मिलता। तो फिर दिमाग में आया कि मेरी मम्मी की तरह हजारों औरतें प्याज भून-भूनकर परेशान हैं। क्यों ना इंडिया में ऐसा प्रोडक्ट इंट्रोड्यूस किया जाए? और वो भी अपने टेस्ट के हिसाब से।

तो बस, शुरू हो गए अपने ही किचन में एक बड़ी कड़ाही और खूब सारे तेल के साथ। काफी ट्रायल और एरर के बाद एक अच्छा प्रोडक्ट डेवलप हुआ। एक दुकान ने ट्रायल बेसिस पर बेचा, लोगों को पसंद आया। मगर शहर के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए स्टाफ और केपिटल की जरूरत होती है। और वो क्षमता हमारे छोटे से बिजनेस में थी नहीं।

लेकिन हार नहीं मानी। सबसे ज्यादा तादाद में भुना प्याज कौन इस्तेमाल करता है? जनाब, ये तो रेस्तरां वालों का रोज का स्टैंडर्ड है। तो हमने सोचा, ऐसे एक रेस्तरां को अपने प्याज का कमाल दिखाएं। मुंबई में कैफे ब्रिटानिया धनसाक और बैरी पुलाव जैसी पारसी डिशेस के लिए फेमस है। तो बस, हमने अपने बेस्ट प्रोडक्ट उन्हें भिजवा दिए ट्राय करने के लिए।

कैफे ब्रिटानिया के मालिक मि. कोहिनूर ने एक नजर मारी और कहा, ऐसा प्याज हमें नहीं चलेगा। सोचिए, कितनी निराशा होगी सुनकर। मगर कोहिनूर साहब अच्छे इंसान थे। उन्होंने कहा, आओ हम बताते हैं इसको सही तरीके से कैसा करना है। शिष्य तैयार और एक बेहतर प्रोडक्ट के साथ उसे रेस्तरां से बल्क ऑर्डर मिलने लगे।

ये कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं हैं, एक रियल लाइफ स्टोरी है। जिसके किरदार हैं सत्यजीत रॉय और उनकी कंपनी का नाम है ईजीके फूड्स। आज वो एक बड़े स्केल की फैक्ट्री चला रहे हैं, जिसकी मासिक क्षमता सौ टन की है। नामी शेफ हरपाल सिंह सोखी आज उनके ब्रांड एम्बेसडर हैं। उनकी कंपनी को इन्वेस्टमेंट भी मिला है और आगे और भी प्लान हैं।

आइडिया एकदम सिम्पल। अपने घर में एक प्रॉब्लम का अहसास हुआ और उसी को अवसर में बदल दिया। क्या आपकी लाइफ में भी कोई प्रॉब्लम है? शायद वही आपके लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। हां, ये रास्ता कोई आसान नहीं। सत्यजीत खुद कहते हैं कि उन्होंने एक नहीं, दो नहीं, पांच आइडियाज ट्राय किए। तब जाकर उन्हें छठवीं बार में सक्सेस मिली।

कहते हैं हाथी की चमड़ी मोटी होती है, इसी तरह जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें भी होना पड़ेगा। जब आप किसी काम में फेल होते हैं, तो सबसे ज्यादा चोट लगती है लोगों की बातों से। अब दूसरों को आपकी असफलता से क्या लेना-देना, मगर छोटी सोच के इंसान सिर्फ बातों का मजा लेते हैं। करने और मरने का जोश तो उनमें है नहीं। तो उनको बोलने दीजिए।

अगर आपका मन आत्मविश्वास से भरा हुआ है, तो कई असर नहीं पड़ेगा। सक्सेस के लिए किस्मत का भी साथ होना चाहिए। इसका ये मतलब नहीं कि आप मेहनत न करें और किस्मत के भरोसे बैठ जाएं। किस्मत सिर्फ उनकी खुलती है, जो जोश से, दिल से और दिमाग से अपने काम में लगे रहते हैं। समस्या की कमी नहीं, कोई भी चुन लें। अवसर शायद आपके दरवाजे पर खटखटा रहा हो। दुनिया की चिल्लम-चिल्ली से दूर रहें, नहीं तो सुनाई नहीं देगा। (ये लेखिका के अपने विचार हैं)



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रश्मि बंसल, लेखिका और स्पीकर


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अंधविश्वास और कट्‌टरता के आलोचक रहे अग्निवेश अपने प्रगतिवादी विचारों की वजह से हमेशा कुछ संगठनों के निशानों पर रहे

मैंने स्वामी अग्निवेश को पहली बार तब सुना था, जब मैं जिनेवा में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्यालय में काम कर रहा था। वे वहां पर दासता के समकालीन तरीकों पर बने कार्यदल के समक्ष संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में गवाही देने आए थे। अब यह कार्यदल और उच्चायोग अस्तित्व में नहीं है।

भगवा कपड़े और पगड़ी पहने अग्निवेश की प्रभावी उपस्थिति और उनके तीखे भाषण के साथ ही उनकी जलती हुई आंखें बिना फ्रेम वाले चश्मे पहने लोगों को बेचैन कर रही थीं। जिन्होंने भी जिनेवा में उन्हें एक्शन में सुना, वे उन्हें भूल नहीं सके। पिछले सप्ताह शुक्रवार को करीब 81 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। वह कई लोगों के लिए एक रहस्य थे। जन्म से ब्राह्मण अग्निवेश की परवरिश उनके दादा ने की, जो एक रियासत के दीवान थे। लेकिन, उन्होंने अपनी पहचान सीमांत व दबे-कुचले लोगों के साथ बनाई।

एक हिंदू साधु जिसने 30 साल में संन्यास ले लिया था, उन्हें आखिर तक हिंदुत्व के कुछ स्वयंभू समर्थक निशाना बनाते रहे। वे एक राजनेता रहे, विधायक रहे और प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी रहे। पिछले कई दशकों तक उन्होंने कोई राजनीतिक पद नहीं लिया था। वह एक आर्य समाजी थे, जो उसकी अंतरराष्ट्रीय संस्था के एक दशक तक प्रमुख भी रहे। बाद में खुद की आर्य सभा के गठन के लिए वह उससे अलग हो गए। 2008 में इसकी पितृ संस्था ने उन्हें निष्कासित कर दिया।

वे ऐसे व्यक्ति थे जो भारतीय मुद्दों और चिंताओं के लिए प्रतिबद्ध थे और उनकी एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय पहचान भी थी। वे 1994 से 2004 तक दासता के समकालीन प्रकार पर संयुक्त राष्ट्र वॉलेंटरी ट्रस्ट फंड के अध्यक्ष रहे। वे कुल मिलाकर एक ऐसे भारतीय थे, जो जन्म से आंध्र प्रदेश के थे, छत्तीसगढ़ में बड़े हुए, हरियाणा में विधायक बने और जिन्हें पूरा देश जानता था। इस सबसे ऊपर वह एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। मंत्री रहते हुए भी बंधुआ मजदूर मुक्ति मोर्चा के माध्यम से बंधुआ मजदूरी के खिलाफ उनके प्रयासों की वजह से काफी सफलता मिली।

81 साल पहले वेपा श्याम राव के रूप में जन्मे स्वामी अग्निवेश तमाम विवादों को समेटे होने के बावजूद भारतीय सार्वजनिक जीवन के सर्वाधिक असाधारण व्यक्तियों में याद किए जाएंगे। यह मेरा सौभाग्य था कि करीब 12 साल पहले राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश के समय से ही मैं उन्हें जानता रहा। उन्होंने 1980 के दशक के बाद कभी परंपरागत चुनावी राजनीति नहीं की और वोट की छद्म लोकप्रियता के लिए कोई पद हासिल नहीं किया। लेकिन, इसके बावजूद वह उस मुद्दे के लिए अथक अभियान चलाते रहे, जिसे वह उचित समझते थे।

वह व्यक्ति जिसके पास कानून और कॉमर्स की डिग्री थी व जिसने कभी उस व्यक्ति के जूनियर के रूप में प्रैक्टिस की थी, जो बाद में देश के मुख्य न्यायाधीश बने, उसने अपनी सारी जिंदगी अन्यायपूर्ण कानूनों को चुनौती देने और उन्हें बदलवाने की कोशिश में लगा दी। कुछ मामलों में उन्हें सफलता भी मिली। जैसे कि बंधुआ मजदूरी निवारण कानून। वे अनेक तरीकों से सती प्रथा पर रोक के लिए बने कानून के भी आध्यात्मिक प्रणेता रहे।

एक धार्मिक और आध्यात्मिक विचारक स्वामी अग्निवेश ने अपने हिंदुत्व का परिणय अपने सामाजिक विश्वासों के साथ कर दिया था और वे इसे वैदिक समाजवाद कहते थे। बाल दासता से लेकर, कन्या भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों के खिलाफ उनके अथक आंदोलन देशभर में चलते रहे। इस प्रक्रिया में उन पर हुए हमलों में वे बाल-बाल बचे। झारखंड में तो वह भीड़ का शिकार होते-होते बचे थे।

आंदोलनों की वजह से वे कई बार जेल भी गए। उन्हें अनेक बार गिरफ्तार किया गया, लेकिन न तो कभी आरोपित किया गया, न ही सजा मिली। उन्हें एक बार तो 14 महीने तक जेल में रहना पड़ा। उन्होंने फरवरी 2011 में माओवादियों द्वारा अपहृत पांच पुलिस वालों को छुड़ाने में भी मदद की थी।

हाल के वर्षों में वे धार्मिक सहिष्णुता और अंतर धार्मिक समरसता की प्रशंसनीय आवाज थे। वे अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस्लाम और मुस्लिम समुदाय को समझने का आह्वान कर चुके थे। उन्होंने आतंकवाद पर होने वाले जनसंवाद में भी दखल दिया था। उनका साफ कहना था कि कुछ लोगों के गलत कामों की वजह से पूरे समुदाय को आरोपित करना गलत है।

कई बार तो वे अपने सिद्धांतों को इतनी चरम भाषा में कहते थे कि मुझ जैसे अनेक उदारवादी भी उनका समर्थन करने में कठिनाई महसूस करते थे। वे कहते थे- ‘मैं अपने, यह कहने के लिए कि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी है, शब्दों को बदल नहीं सकता। इस्लाम और कुरान को बदनाम करना आतंकवाद का सबसे खराब रूप है।

अंधविश्वास और कट्टरता के आलोचक रहे अग्निवेश उनके प्रगतिवादी विचारों की वजह से कुछ संगठनों के निशानों पर रहे। इसके बावजूद स्वामी अग्निवेश वह व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन, समय और ऊर्जा अपने सपनों के पीछे लगा दी। मैं उन्हें याद करूंगा। ओम शांति! (ये लेखक के अपने विचार हैं)



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शशि थरूर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद


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रक्षा मंत्री आज राज्यसभा में भी चीन के मुद्दे पर बोलेंगे; प्रवासियों की सुरक्षा पर सरकार बोली- फेक न्यूज की वजह से भगदड़ मची थी

कोरोना के बीच संसद के पहले सत्र (मानसून) का आज तीसरा दिन है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज राज्यसभा में भारत-चीन सीमा विवाद पर बयान देंगे। सदन की कार्यवाही 9 बजे शुरू हो जाएगी। इससे पहले मंगलवार को राजनाथ ने लोकसभा में भी सीमा विवाद पर अपनी बात रखी थी। उधर, प्रवासियों के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि लॉकडाउन में फेक न्यूज की वजह से मजदूरों में भगदड़ मची थी।

मानसून सत्र के दूसरे दिन क्या-क्या हुआ?

रक्षा मंत्री ने कहा- चीन ने एलएसी पर गोला-बारूद जमा किया, हम भी तैयार
राजनाथ ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चल रहे तनाव के बारे में लोकसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा, "अभी की स्थिति के मुताबिक, चीन ने एलएसी और अरुणाचल से लगे अंदरुनी इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिक और गोला-बारूद जमा कर रखे हैं। पूर्वी लद्दाख के गोगरा, कोंगका ला, पैंगॉन्ग सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर तनाव वाले कई इलाके हैं। इन इलाकों में हमारी सेना भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात है।"

हालांकि, विपक्ष सीमा विवाद के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है। कांग्रेस ने बोलने का मौका नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को लोकसभा से वॉकआउट भी किया था। चीन की घुसपैठ के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने शॉर्ट ड्यूरेशन नोटिस भी दिया है।

गृह मंत्रालय ने कहा- अफवाहों की वजह से प्रवासियों में भगदड़ मची थी
मानसून सत्र के पहले दिन यानी सोमवार को एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा था कि लॉकडाउन में घर लौटते वक्त हादसों में कितने प्रवासी मजदूर मारे गए, इसका कोई आंकड़ा नहीं है। प्रवासियों से ही जुड़े एक दूसरे सवाल के जवाब में मंगलवार को कहा कि मार्च में लॉकडाउन के वक्त फेक न्यूज के चलते बड़ी संख्या में प्रवासियों का मूवमेंट हुआ था।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला रॉय ने लोकसभा में लिखित में सवाल पूछा था कि 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा से पहले सरकार ने प्रवासियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए और हजारों मजदूर घरों को लौटने को मजबूर क्यों हुए? इस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब दिया कि फेक न्यूज के चलते लोगों के मन में खाने-पाने की चीजों की सप्लाई और दूसरी जरूरी सुविधाओं को लेकर चिंता थी, इसलिए भगदड़ मची थी।

बॉलीवुड का ड्रग्स विवाद भी संसद पहुंचा
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से बॉलीवुड में उठा ड्रग्स विवाद अब संसद में भी बड़ी बहस में बदलता दिखाई दे रहा है। भाजपा सांसद रवि किशन ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स का शिकंजा कस चुका है। इस पर राज्यसभा में सपा सांसद जया बच्चन ने मंगलवार को कहा, "बॉलीवुड से जुड़े कुछ लोगों को उस थाली में छेद नहीं करना चाहिए, जिससे उनका पेट भरता है।"



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चीन के मुद्दे पर कांग्रेस बहस की मांग कर रही है। इस मांग की तख्ती लिए कांग्रेस सांसद ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा से वॉकआउट भी किया था।


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