शनिवार, 27 जून 2020

देशभर में मानसून की दस्तक: बारिश के पहले बादलों ने डाला वादियों में डेरा तो कहीं लोगों के लिए मुसीबत लेकर आया

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले मेंमौसम बदला तो यहां का प्राकृतिक सुंदरताभी खिल उठी। बाल्को से लेमरू जाने वाले पहाड़ी रास्ते पर स्थित कॉफी प्वॉइंट पर शुक्रवार की दोपहर का नजारा कुछ अलग ही दिखा। हल्की बारिश के बीच पारा भी गिरकर 32 डिग्री पर पहुंच गया। जिससे मौसम में दो दिन बाद फिर से ठंडक घुल गई।

शहर में छाए मानसून के बादल

फोटो राजस्थान के सीकर की है। शहर में शुक्रवार को सुबह से ही मानसूनी के बादल छा गए। कुछ ही देर बाद फुहारें शुरूहो गईं। मानसून जैसलमेर के रास्ते अजमेर होते हुए 12 दिन पहले सीकर पहुंचा है।

मानसून के आगमन पर इस तरह उड़ते नजर आएपक्षी

फोटो राजस्थान के चूरूकी है। जिले के लोगों के लिए राहत की खबर है। चूरू में दक्षिणी-पश्चिम मानसून ने पिछले साल की तुलना में 11 दिन पहले दस्तक दे दी है। इसके साथ ही जिले में गर्मी का असर भी पांच डिग्री कम हो गया।मानसून के आगमन पर पक्षी इस तरह उड़ते नजर आए।

फोटो मध्य प्रदेश के भोपाल की है। यहां शुक्रवार को दोपहर बाद तेज बारिश हुई। इस दौरान यहां के श्यामला हिल्स इलाके में युवा मस्ती करते नजर आए।

बाढ़ नियंत्रण के लिए3.14 मीटर खाली किया इंदिरा सागर बांध

फोटो मध्य प्रदेश के खंडवा की है। यहां इंदिरा सागर बांध को तेजी से खाली किया जा रहा है,क्योंकि इस साल मानसून ने समय से दस्तक दे दी। इसी के चलते 1 से 25 जून के बीच 24 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन कर 3.14 मीटर तक बांध खाली किया जा चुका है। सबसे ज्यादा बिजली 1 से 10 जून के बीच 14 करोड़ यूनिट बनाई गई।

4 घंटे बारिश के बाद फूट पड़ेझरने

फोटो मध्य प्रदेश के भोपाल की है। प्राकृतिक झरने का यह नजारा शहर की श्यामला हिल्स पहाड़ी का है। शुक्रवार को शहर में 4 घंटे की बारिश के बाद पहाड़ी से 20 फीट ऊंचाई से पानी गिर रहा था।

पहली बारिश ने किया पानी-पानी

फोटो राजस्थान केसीकर की है।ऐसा पहली बार हुआ है, जब मानसून ने तय समय से 13 दिन पहले ही राजस्थान के सभी 13 जिलों को कवर कर लिया है। शुक्रवार को तेज बारिश के बाद सड़कों पर इतना पानी भर गया कि लोगों की बाइक पूरी तरह डूब गई।



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Monsoon knocks across the country: Before the rain, the clouds made a camp in the Badis, and then they brought a solution for the people.


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चीन में एक दिन में 21 नए मामले सामने आए, ब्राजील में संक्रमण बेकाबू; दुनिया में अब तक 99.03 लाख मरीज

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 99 लाख 03 हजार 774 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 53 लाख 57 हजार 153 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, 4 लाख 96 हजार 796 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में एक बार फिर मामले बढ़ने लगे हैं। शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में यहां 21 नए मामले सामने आए। ये सभी राजधानी बीजिंग के बताए जाते हैं। दूसरी तरफ, ब्राजील में एक ही दिन में 46 हजार से ज्यादा केस सामने आए।

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 25,52,956 1,27,640 10,68,703
ब्राजील 12,80,054 56,109 6,97,526
रूस 6,20,794 8,781 3,84,152
भारत 5,09,446 15,689 2,95,917
ब्रिटेन 309,360 43,414 उपलब्ध नहीं
स्पेन 2,94,985 28,338 उपलब्ध नहीं
पेरू 2,72,364 8,939 1,59,806
चिली 2,63,360 5,068 2,23,431
इटली 2,39,961 34,708 1,87,615
ईरान 2,17,724 10,239 1,77,852

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

*ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4Lसे लिए गए हैं।

चीन : स्थानीय मामले बढ़े
यहां शुक्रवार को कुल 21 नए मामलों की जानकारी दी गई है। खास बात ये है कि ये सभी मामले स्थानीय हैं। एक रिपोर्ट के मुातबिक, चीन में स्थानीय मामलों का बढ़ना इस बात की तरफ इशारा है कि यहां संक्रमण पर काबू पाने के दावे पूरी तरह सही नहीं हैं। 21 में 17 मामले राजधानी बीजिंग के हैं। हालांकि, इस दौरान किसी मौत की जानकारी सामने नहीं आई। बीजिंग के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी के होलसेल मार्केट खोलने पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया है।

बीजिंग की एक लेक के किनारे मौजूद लोग। चीन में शुक्रवार को 21 नए मामले सामने आए। इनमें से 17 बीजिंग के हैं। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि होलसेल मार्केट दोबारा खोलने पर विचार नहीं किया गया है।

ब्राजील : एक दिन में फिर सबसे ज्यादा केस
ब्राजील में शुक्रवार को 46 हजार 860 मामले सामने आए। इसी दौरान 990 लोगों की मौत हो गई। जेयर बोल्सोनोरो की सरकार पर डब्ल्यूएचओ का दबाव बढ़ रहा है। सरकार ने मास्क तो जरूरी किया लेकिन कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने के उपाय नहीं किए। इस बीच, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ब्राजील ने जल्द ही संक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए तो इसका देश की अर्थ व्यवस्था पर गंभीर असर हो सकता है।

फिलिस्तीन : 207 नए मामले
फिलिस्तिन में शनिवार को 207 नए मामले सामने आए। यहां अब कुल मामले 1795 हो गए। हेल्थ मिनिस्टर माई अल कैला ने एक बयान में कहा- पांच मार्च के बाद एक दिन में सामने आया संक्रमितों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि हेब्रोन जिले में सबसे ज्यादा मामले हैं। अब तक कुल 620 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, पांच की मौत हो चुकी है।

अमेरिका : 16 राज्य ज्यादा प्रभावित
अमेरिका में शुक्रवार को 40 हजार 870 नए मामले सामने आए। देश के 50 में 16 राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं। अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। फ्लोरिडा और टेनेसी में संक्रमण की रफ्तार बाकी राज्यों की तुलना में ज्यादा है। कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एंथोनी फौसी ने माना है कि कुछ राज्यों में संक्रमण पर काबू पाने में ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

टेनेसी के स्प्रिंगफील्ड में शुक्रवार को एक मरीज का टेस्ट करने के पहले डॉक्टर। अमेरिका के 16 राज्यों में संक्रमण की रफ्तार ज्यादा है। इनमें भी फ्लोरिडा और टेनेसी आगे हैं।

सऊदी अरब : तेजी से बढ़ा संक्रमण
तमाम उपायों के बावजूद सऊदी अरब में संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा है। सीएनएन के मुताबिक, पिछले महीने दी गई ढील के बाद राजधानी रियाद और उसके पास के इलाकों में संक्रमण तेजी से फैला है। यहां बाद में फिर पाबंदियां लगाई गईं लेकिन, तब तक नुकसान हो चुका था। पिछले 24 घंटों में 3,938 नए मामले सामने आए। कुल संख्या 1 लाख 74 हजार 577 हो गई। इसी दौरान 46 लोगों की मौत हुई। मरने वालों का कुल आंकड़ा 1474 हो गया।

ईयू : तीन देशों के यात्रियों पर रोक लगाने की तैयारी
यूरोपीय यूनियन यानी ईयू महामारी को देखते हुए अमेरिका, ब्राजील और रूस से आने वाले पैसेंजर्स पर रोक लगा सकता है। इस बारे में आखिरी फैसला 1 जुलाई को लिया जा सकता है। एक डिप्लोमैट के मुताबिक, यूरोपीय देशों में संक्रमण काबू में आ रहा है लेकिन, अमेरिका, ब्राजील और रूस में यह तेजी से फैल रहा है। शुक्रवार को एक मीटिंग में फैसला किया गया है कि 18 देशों से आने वाले पैसेंजर्स पर कोई रोक नहीं होगी। चीन से लोग आ सकेंगे लेकिन, उनकी पूरी जांच की जाएगी।

ईयू के डिप्लोमैट्स की शुक्रवार को एक मीटिंग हुई। इसमें कुछ देशों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध के बारे में विचार किया गया। माना जा रहा है कि 1 जुलाई से अमेरिका, रूस और ब्राजील से आने वाले पैसेंजर्स पर रोक लगा दी जाएगी। (फाइल)


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ब्राजील में शुक्रवार को करीब 47 हजार नए संक्रमित सामने आए। इसी दौरान 990 लोगों की मौत भी हुई। फोटो मनाउस शहर के कब्रिस्तान का है। यहां एक महिला कोविड-19 से मारे गए रिश्तेदार की कब्र पर फूल चढ़ाने पहुंची।


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देशभर में मानसून की दस्तक: बारिश के पहले बादलों ने डाला वादियों में डेरा तो कहीं लोगों के लिए मुसीबत लेकर आया

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले मेंमौसम बदला तो यहां का प्राकृतिक सुंदरताभी खिल उठी। बाल्को से लेमरू जाने वाले पहाड़ी रास्ते पर स्थित कॉफी प्वॉइंट पर शुक्रवार की दोपहर का नजारा कुछ अलग ही दिखा। हल्की बारिश के बीच पारा भी गिरकर 32 डिग्री पर पहुंच गया। जिससे मौसम में दो दिन बाद फिर से ठंडक घुल गई।

शहर में छाए मानसून के बादल

फोटो राजस्थान के सीकर की है। शहर में शुक्रवार को सुबह से ही मानसूनी के बादल छा गए। कुछ ही देर बाद फुहारें शुरूहो गईं। मानसून जैसलमेर के रास्ते अजमेर होते हुए 12 दिन पहले सीकर पहुंचा है।

मानसून के आगमन पर इस तरह उड़ते नजर आएपक्षी

फोटो राजस्थान के चूरूकी है। जिले के लोगों के लिए राहत की खबर है। चूरू में दक्षिणी-पश्चिम मानसून ने पिछले साल की तुलना में 11 दिन पहले दस्तक दे दी है। इसके साथ ही जिले में गर्मी का असर भी पांच डिग्री कम हो गया।मानसून के आगमन पर पक्षी इस तरह उड़ते नजर आए।

फोटो मध्य प्रदेश के भोपाल की है। यहां शुक्रवार को दोपहर बाद तेज बारिश हुई। इस दौरान यहां के श्यामला हिल्स इलाके में युवा मस्ती करते नजर आए।

बाढ़ नियंत्रण के लिए3.14 मीटर खाली किया इंदिरा सागर बांध

फोटो मध्य प्रदेश के खंडवा की है। यहां इंदिरा सागर बांध को तेजी से खाली किया जा रहा है,क्योंकि इस साल मानसून ने समय से दस्तक दे दी। इसी के चलते 1 से 25 जून के बीच 24 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन कर 3.14 मीटर तक बांध खाली किया जा चुका है। सबसे ज्यादा बिजली 1 से 10 जून के बीच 14 करोड़ यूनिट बनाई गई।

4 घंटे बारिश के बाद फूट पड़ेझरने

फोटो मध्य प्रदेश के भोपाल की है। प्राकृतिक झरने का यह नजारा शहर की श्यामला हिल्स पहाड़ी का है। शुक्रवार को शहर में 4 घंटे की बारिश के बाद पहाड़ी से 20 फीट ऊंचाई से पानी गिर रहा था।

पहली बारिश ने किया पानी-पानी

फोटो राजस्थान केसीकर की है।ऐसा पहली बार हुआ है, जब मानसून ने तय समय से 13 दिन पहले ही राजस्थान के सभी 13 जिलों को कवर कर लिया है। शुक्रवार को तेज बारिश के बाद सड़कों पर इतना पानी भर गया कि लोगों की बाइक पूरी तरह डूब गई।



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भारतीय एंबेसडर ने कहा- चीन ने बॉर्डर पर फौज बढ़ाने की कोशिश की तो संबंध बिगड़ सकते हैं, चाइनीज आर्मी लद्दाख में एक्टिविटीज बंद करे

भारत ने चीन को चेतावनी दी है कि बॉर्डर पर फौज बढ़ाने की कोशिश की तो ना सिर्फ शांति प्रक्रिया पर असर पड़ेगा बल्कि दोनों देशों के संबंधों (बाइलेटरल रिलेशनशिप) को भी नुकसान हो सकता है। चीन से कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में अपनी एक्टिविटीज बंद करे। चीन में भारत के राजदूत (एंबेसडर) विक्रम मिसरी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में शुक्रवार को ऐसा कहा।

'चीन खुद तय करे कि संबंध कैसे रखने हैं'
मिसरी ने कहा कि बॉर्डर पर चीन के सैनिकों की हरकतों से दोनों देशों के संबंधों को लेकर भरोसा कम हुआ है। यह पूरी तरह चीन की जिम्मेदारी है कि वह रिश्तों को लेकर सावधान रहे और तय करे कि आगे क्या करना है? चीन को भारतीय सैनिकों की नॉर्मल पैट्रोलिंग में रोक-टोक नहीं करनी चाहिए।

'चीन उस सेक्टर में भी सक्रिय, जहां कभी विवाद नहीं था'
मिसरी ने लद्दाख में गलवान वैली पर चीन के दावे को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की झूठी बातों से चीन को कोई फायदा नहीं होगा। बॉर्डर पर हमारी तरफ से जो भी एक्टिविटीज होती हैं वे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हमारे इलाके में ही होती हैं। चीन को गैर-जरूरी एक्टिविटीज रोकने की जरूरत है। यह चौंकाने वाली बात कि उन्होंने उस सेक्टर में भी हरकतें कीं जो कभी विवादों में नहीं था।

'बॉर्डर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार'
चीन के गलवान वैली पर दावे के जवाब में भारतीय राजदूत ने यह रिएक्शन दिया है। भारत में चीन के एंबेसडर सन वेडॉन्ग ने गुरुवार को कहा था कि बॉर्डर पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी भारत की है। इस पर मिसरी ने कहा, हमारी तरफ से यह साफ है कि अभी जो स्थिति बनी है उसके लिए चीन जिम्मेदार है। अप्रैल और मई में लद्दाख में एलएसी पर चीन की एक्टिविटीज बढ़ गई थीं, इससे हमारे जवानों को नॉर्मल पैट्रोलिंग में भी दिक्कतें हुईं और तनाव की स्थिति बनी।



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21 जून का यह फोटो लद्दाख के खरदुंग ला इलाके का है, जहां आईटीबीपी के जवानों ने योग किया था।


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पिछले 24 घंटे में 18256 मरीज बढ़े, अब तक 5.09 लाख केस; जून में संक्रमित से ज्यादा स्वस्थ हुए लोग, अंतर एक लाख से ज्यादा हुआ

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 लाख 9 हजार 446 हो गई। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन18हजार से ज्यादा केस बढ़े और 10 हजार 246 मरीज ठीक भी हो गए। वहीं, महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्याडेढ़ लाख के पार हो गई। यहां एक दिन में सबसे ज्यादा 5024 संक्रमित मिले। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

उधर, अनलॉक-1 यानी जून के महीने में 3 लाख से ज्यादा मरीज बढ़ गए। एक जून को 1 लाख 98 हजार 371 मरीज थे। यानी जून के 26 दिनों में 3 लाख 11 हजार 095 मरीज बढ़ गए और संक्रमितों का आंकड़ा पांच लाख से ज्यादा हो गया।अच्छी खबर यह है कि भारत में रिकवरी रेट भी तेजी से बढ़ाहै।इस दौरान रिकवरी रेट मेंभी 16% की बढ़ोतरी हुई और यह अब 58.26% पर पहुंच गया है।

लॉकडाउनऔर अनलॉक-1 का कंपेरिजन करें तो सबसे ज्यादा 1लाख 321 मरीज जून में ठीकहुए हैं। यानी एक्टिव और स्वस्थ हुए मरीज के बीच भी गैप बढ़ा है। इसे ऐसे समझें- एक जून को जब अनलॉक-1 शुरू हुआ था तब एक्टिव केस 91 हजार 819 थे, तो रिकवर केस की संख्या 87 हजार 692 थी। उस वक्त दोनों के बीच अंतर 4127 था। 26 जून को एक्टिव केस 1 लाख 97 हजार 784 और रिकवर केस 2 लाख 95 हजार 917 हो गए। दोनों के बीच अंतर बढ़कर एक लाख 321हो गया।

5 दिन,जबदेश में सबसे ज्यादा मामले बढ़े

तारीख केस
26 जून 18256
25 जून 18185
24 जून 16753
23 जून 15600
20 जून 15918

कोरोना अपडेट्स

  • गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, ''पूरे राज्य में संक्रमित मिल रहे हैं। इसलिए हम कह सकते है कि यहां कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन होने लगा है। हमें इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा।''
  • कोरोना के खतरे के मद्देनजर झारखंड सरकार ने लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ा दिया। उधर, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि राजधानी में सभी स्कूल 31 जुलाई तक बंद रहेंगे।

देश में सबसे ज्यादा संक्रमण और मौतें महाराष्ट्र में हुईं
देश में कोरोना का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में देखने को मिला। 5 लाख संक्रमितों में 30.01 % मरीज केवल महाराष्ट्र से हैं। देश की राजधानी दिल्ली दूसरा सबसे ज्यादा संक्रमित प्रदेश है। देश के कुल संक्रमितों में 14.99% मरीज दिल्ली से हैं। जबकि तमिलनाडु के 14.42% संक्रमित हैं।

5 राज्यों का हाल

मध्यप्रदेश:यहां शुक्रवार को 203 नए मरीज सामने आए और 4 की जान गई। भोपाल में 31, इंदौर और मुरैना में 36-36 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 12 हजार 798 हो गई, इनमें से 2448 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 546 लोगों की मौत हुई है।

यह फोटो भोपाल स्थित राजभवन की है।यहां पर शुक्रवार को 5 मरीज मिले। यहां रहने वाले कर्मचारियों को बस से क्वारैटाइन सेंटर ले जाया गया।राजभवन के अब तक 37 कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं।

महाराष्ट्र:यहां शुक्रवार को 5024 संक्रमित मिले और 175 लोगों की मौत हुई। मुंबई में 1297 मामले बढ़े, यहां अब 72 हजार 287 मरीज हो गए। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 52 हजार 765 हो गई, इनमें से 65 हजार 829 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 7106 ने जान गंवाई।

यह फोटो मुंबई के काजुपाड़ा की है। यहां के कंटेनमेंट जोन के रहवासियों का लगातार चेकअप किया जा रहा है।

उत्तरप्रदेश: यहां शुक्रवार को 750 नए मरीज सामने आए और 19 की जान गई। गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 136, गाजियाबाद में 89 और लखनऊ में 52 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 20 हजार 943 हो गई, इनमें से 6730 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 630 लोगों की मौत हुई है।

बिहार:यहां शुक्रवार को 190 संक्रमित मिले और एक भी मौत नहीं हुई। पटना में 23, मधुबनी में 22 और भागलपुर में 18 केस बढ़े। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 8 हजार 678 हो गई, इनमें से 1953 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 56 ने जान गंवाई।

राजस्थान:यहां शुक्रवार को 364 नए मरीज सामने आए और एक की जान गई। जयपुर में 60, सिरोही में 42 और पाली में 41 पॉजिटिव केस बढ़े। राज्य में संक्रमितों की संख्या 16 हजार 660 हो गई, इनमें से 3218 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 380 लोगों की मौत हुई है।



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यह फोटो दिल्ली के पांडव नगर की है। आशा वर्कर्स लोगों के घर और दुकान पर जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रही हैं। साथ ही मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की सलाह दे रही हैं। राजधानी में अब तक 77 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं।


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ओडिशा की चिल्का लेक जहां 100 से ज्यादा गांवों के डेढ़ लाख लोगों की जिंदगी मछली पर टिकी है, जाति चाहे कोई भी हो, सब मछुआरे हैं

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ऑक्स-बो लेक (झील) चिल्का के बीचबसे करीब 100 से अधिक गांवों के डेढ़ लाख लोगों की आजीविका मछली पर ही टिकी है। जाति कोई भी हो, यहां सब मछुआरे ही हैं। कोरोनाकाल में यहां की मछलियों की डिमांड कम हो गई है। सिर्फ 10% सप्लाई ही कोलकाता या दूसरे जगहों पर हो पा रही हैं।

चिल्का लेक में 160 से भी ज्यादा प्रकार की मछलियों मौजूद हैं। बोटिंग के साथ-साथ यहां फिशिंग करने की सुविधा भी है।

यहां इरावदी डॉल्फिनसबसे ज्यादा पाई जाती हैं

70 किलोमीटर लंबी और 30 किमी चौड़ी इस झील का पानी दिसंबर से जून तक खारा रहता है, लेकिनबरसात में मीठा हो जाता है। यहां पर कई लोग सेव चिल्का की टोपी पहने दिखाई दे जाते हैं, जो यहां की बायोडायवर्सिटी,प्रवासी पक्षियों और मशहूर डॉल्फिन को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करते हैं। इरावदी प्रजाति की डॉल्फिन यहांसबसे अधिक संख्या में पाई जाती हैं।

चिल्का के पास बसे करीब 100 गांवों के लिए मछली ही आय का मुख्य सोर्स है, कोरोना की वजह से इसकी डिमांड कम हो गई है।

चिल्का झील अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। यहां 6 विशाल द्वीप हैं- परीकुड़, फूलबाड़ी, बेराहपुरा, नुआपारा, नलबाड़ा और तम्पारा। येसभी पुरी जिले के कृष्णा प्रसाद राजस्व क्षेत्र का हिस्सा हैं। झील का उत्तरी किनारा खोर्दा जिले और पश्चिमी तट गंजाम जिले से लगता है।

एमएल चिल्कारानी दिन में 4 फेरे लगाती हैं, जिसमें बैठकर लोग नौका विहार का आनंद लेते हैं।

कोरोना की वजह से व्यापार को घाटा

आलूपटना गांव में करीब 5 सौमछुआरे हैं। गांव के ही अरुप कुमार जेना बताते हैं कि कोरोना के पहले हम 15 किलो तक मछलियां पकड़ लेते थे। आज 4-5 किलो ही निकाल पाते हैं कि क्योंकि अब न तो ग्राहक हैं न बाजार हैं और न ही सही रेट मिल पा रहा है।पहले यहां आने वाले टूरिस्ट से भी कमाई होती थी,वह भी मार्च से बंद है।

चिल्का में करीब 200 टूरिस्ट बोट हैं, जो कोरोना की वजह से बीते चार महीने से बंद है।

वे बताते हैं मछली और टूरिस्ट से रोजाना करीब 15 सौ से 2 हजार रुपए तककी कमाई हो जाती थी, जोअब 400-500 पर टिक गई है। टूरिस्ट सीजन में यहां साढ़े तीन घंटे के नौका विहार का रेट 1700 रुपए और एक घंटे का 800 रुपए होता है।

यहां 200 टूरिस्ट बोट हैं जो बीते 4 महीनोंसे सब बंद हैं। सातपाड़ा से कृष्णाप्रसाद के लिए फेरी सर्विस भी है। एमएल चिल्कारानी दिन में 4 फेरे लगाती हैं। ब्रह्मपुर, महिषि जैसे गांवों के लिएनाव भी चलती हैं।

गर्मी के मौसम में यहां भारी संख्या में टूरिस्ट आते हैं, उनके लिए यह एक फेवरेट डेस्टिनेशन है।

झील के बीच में कृष्णाप्रसाद ब्लॉक है। इसमें 15 पंचायतें आती हैं। यहीं सातपाड़ा है, जो 7 छोटे-छोटे टोले से बना है। चिल्का से तीन जिले की बाउंड्री लगती है- गंजम, खुर्दा और पुरी। इस झील के पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।

कंटेंट - शशिभूषण,फोटो क्रेडिट - संदीप नाग।



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चिल्का झील दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी समुद्री झील है जो ओडिशा के पुरी जिले में हैं। यहां नौका विहार का लुफ्त उठाने के लिए देश-विदेश से सैलानी आते हैं।


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29 साल पुराना फाउंडेशन 9 साल में दूसरी बार विवादों में, इस बार आपदा पीड़ितों के हक का पैसा डायवर्ट करने का मुद्दा उठा

चीन के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा की बयानबाजी में राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा ने इस फाउंडेशन को चीन से फंडिंग मिलने और यूपीए के समय में जरूरतमंदों का पैसा डायवर्ट करने का मुद्दा उठाया है।

राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है?
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए 21 जून 1991 को सोनिया गांधी ने इस फाउंडेशन की शुरुआत की थी। ये फाउंडेशन एजुकेशन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रमोशन, शोषित (अंडरप्रिवलेज्ड) और दिव्यांगों के एम्पावरमेंट के लिए काम करती है। डोनेशन और इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाले रिटर्न से इसका काम चलता है। सोनिया गांधी इसकी चेयरपर्सन हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पी. चिदंबरम ट्रस्टी हैं।

फाउंडेशन पर अभी विवाद क्यों?
भाजपा का पहला आरोप- चीन से फंडिंग मिली

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से 3 लाख डॉलर (तब 90 लाख रुपए) मिले थे। फांउडेशन की एनुअल रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया गया। 2005-06 की एनुअल रिपोर्ट में फाउंडेशन को डोनेशन देने वालों की लिस्ट में चीन का भी नाम है।

दूसरा आरोप- यूपीए के समय पीएम रिलीफ फंड का पैसा डायवर्ट किया
नड्डा ने शु्क्रवार को कहा कि यूपीए के समय प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड (पीएमएनआरएफ) का पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को दिया गया था। सोनिया पीएमएनआरएफ के बोर्ड में भी थीं और आरजीएफ की अध्यक्ष भी थीं। ये दावे का आधार भी आरजीएफ की 2005-06 और 2007-08 की एनुअल रिपोर्ट को बनाया। दोनों रिपोर्ट में डोनेशन देने वालों की लिस्ट में पीएमएनआरएफ शामिल है।

राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर 9 साल पहले भी विवाद हुआ था
आतंकियों से रिश्ते होने के आरोपी जाकिर नाइक की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने 2011 में राजीव गांधी फाउंडेशन को 50 लाख रुपए दिए थे। हालांकि, कांग्रेस ने बाद में रकम लौटा दी थी। भाजपा ने तब भी कहा था कि रकम लौटाकर लोगों को बेवकूफ बनाया गया है। भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा था कि नाइक के खिलाफ जांच चल रही है, इसलिए कांग्रेस ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए रकम लौटा दी।

जाकिर नाइक करीब साढ़े तीन साल से मलेशिया में है। गिरफ्तारी के डर से वह 2016 में भाग गया था। भारत में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और कट्‌टरता बढ़ाने का केस दर्ज है। जून 2017 में कोर्ट ने उसे भगोड़ा अपराधी घोषित किया था।

प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड क्या है?
1948 में उस वक्त के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने यह फंड बनाया था। पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए यह फंड बनाया गया। बाद में दूसरे जरूरतमंदों के लिए इसका इस्तेमाल होने लगा। इसकी रकम से अब बाढ़, तूफान और भूकंप जैसी आपदाओं में मारे जाने वाले लोगों के परिवारों की मदद की जाती है। हार्ट सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट और कैंसर के इलाज के लिए भी जरूरतमंदों को आर्थिक मदद दी जाती है। एसिड अटैक के पीड़ियो की भी मदद की जाती है। इसका मैनेजमेंट प्रधानमंत्री के हाथों में रहता है। इस फंड में कोई भी इंडिविजुअल, ऑर्गेनाइजेशन, ट्रस्ट, कंपनी या इंस्टीट्यूशन दान दे सकता है। दान की रकम पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है।

विवाद की कड़ियां कोरोना पर बने पीएम-केयर्स फंड से भी जुड़ीं
कोरोना जैसी महामारियों की स्थिति में प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए मार्च में ही एक ट्रस्ट के तौर पर पीएम-केयर्स फंड का ऐलान किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों से लेकर कॉर्पोरेट्स और सेलेब्रिटीज तक से इस फंड में कंट्रीब्यूशन देने की अपील की थी। इस फंड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री को भी ट्रस्टी बनाया गया है। प्रधानमंत्री के पास यह अधिकार है कि वे रिसर्च, हेल्थ, साइंस, सोशल वर्क, लॉ, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और फिलान्थ्रॉपी फील्ड से तीन लोगों को ट्रस्ट में नॉमिनेट कर सकते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम-केयर्स फंड पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जब पीएम रिलीफ फंड पहले से था तो फिर अलग से पीएम-केयर्स बनाने की क्या जरूरत थी? सोनिया ने कहा था कि पीएम-केयर्स की पूरी रकम पीएम रिलीफ फंड में ट्रांसफर की जानी चाहिए, जिससे ऑडिट हो सके और ट्रांसपेरेंसी बनी रहे।



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The 29-year-old Rajiv Gandhi Foundation in disputes after BJP allegations.


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कोरोना के चलते टूरिज्म क्षेत्र के 70% कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं, व्यवसायी बदल रहे पेशा; पर घूमने निकलें तो 3 बातों का ध्यान जरूर रखें

मानसून, साल का वो वक्त होता है,जब घूमने के शौकीन सफर में होते हैं। लोग तेज बारिश के दौरान नेचर के बीच कुछ खाली वक्त बिताने अपनी पसंदीदा जगहों पर जाते हैं। हालांकि, कोरोनावायरस ने इस साल वेकेशन प्लान को खराब कर दिया है। इतना ही नहीं महामारी के कारण भारत के पर्यटन को भी खासा नुकसान हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात स्थित स्टैच्यूऑफ यूनिटी में विजिटर्स की संख्या जनवरी से फरवरी तक 38% कम हुई है। जबकि रेवेन्यूकलेक्शन 5 करोड़ तक गिर गया है।

बेरोजगार हो सकते हैं 3.8 करोड़ लोग
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडिया टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी (फेथ) ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। संस्था ने अनुमान लगाया है कि व्यापार बंद होने जैसे कई कारणों के चलते 70 फीसदी यानी 3.8 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं। जबकि कुल कर्मचारियों की संख्या करीब 5.5 करोड़ है।

अक्टूबर से मार्च है टूरिज्म का वक्त

  • कई प्रमुख ट्रैवल वेबसाइट्स और जानकारोंके मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा टूरिज्म अक्टूबर से शुरू होकर मार्च तक चलता है। खासतौर से नवंबर से लेकर मध्य फरवरी तक। इस दौरान पूरे देश में मौसम ठंडा और शांत होता है। इसके बावजूद भारत में ऐसी कई जगह हैं, जहां यात्री केवल बारिश में ही जाना पसंद करते हैं।
  • दिल्ली स्थित ट्रेवल एजेंसी घूम इंडिया घूम के फाउंडर सर्वजीत संकिृत बताते हैं किहम मानसून के दौरान घूमने के शौकीन लोगों को प्लेन एरिया में जाने की सलाह देते हैं। हिल स्टेशन पर लैंड स्लाइड का खतरा होता है।सर्वजीत के मुताबिक, मानसून घूमने का अच्छा वक्त इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि इस दौरान टूर पैकेज और होटल रेट आम दिनों के मुकाबले सस्ते होते हैं।

थॉमस-कुक ब्लॉग के मुताबिक देश में मानसून में घूमने की प्रमुख जगहें-

कोडइकनाल, तमिलनाडु
तमिलनाडु राज्य के दक्षिण में स्थित कोडइकनाल भी मानसून के दौरान खासी लोकप्रिय जगह है। यहां मानसून के वक्त इलाके झरने, झील और हरियाली से भर जाते हैं। यहां टूरिस्ट कोडइकनाल लेक, कोकर्स वॉक, ब्रायंट पार्क समेत कई चीजों की मजा ले सकते हैं। यहां वॉटर स्पोर्ट्स भी मशहूरहै।

अंडमान एंड निकोबार आईलैंड
वाइल्ड लाइफ और वॉटर स्पोर्ट्स के लिए मशहूर अंडमान और निकोबार आइलैंड में करीब 570 आईलैंड्स हैं। अंडमान एंड निकोबार आईलैंड को भी मानसून के दौरान घूमने के लिए खास जगहों में गिना जाता है। यहां हेवलॉक आईलैंड, बारातांग और राधानगर बीच काफी मशहूर हैं।

कूर्ग, कर्नाटक
फ्लोरा एंड फॉना से ढके कूर्ग को मानसून के दौरान खास जगहों में गिना जाता है। यहां पर कॉफी की खेती काफी फेमस है। कूर्ग में टूरिस्ट के अलावा ट्रैकिंग, पहाड़ पर चढ़ने और कैंपिंग के शौकीन लोग भी इकट्ठे होते हैं।

मुन्नार, केरल
केरल राज्य का शहर मुन्नार ब्रिटिश राज के समय से मशहूर हिल स्टेशन है। यह शहर घुमावदार पहाड़ियों पर की जाने वाली चाय की खेती के लिए भी मशहूर है। मानसून के दौरान पर्यटकों के बीच मुन्नार खासी लोकप्रिय है।

कोरोना के चलतेलोगों ने बदलेव्यवसाय

  • टूरिज्म स्पॉट पचमढ़ी में होटल व्यवसाय करने वाले रोहित माहेश्वरी बताते हैं कि मई और जून पचमढ़ी का पीक सीजन होता है, लेकिन कोरोनाके कारण इस बार सब खाली है।पचमढ़ीपूरी तरह से टूरिज्म पर निर्भरहै, यहां का हर बिजनेस टूरिज्म का ही है। अगर यहां टूरिज्म नहीं रहा तो कहीं न कहीं इस शहर में यह इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी।
  • रोहित कहते हैं कि कई लोगों ने यहां अपना काम बदल लिया है। टैक्सी और टूरिस्ट गाइड जैसे व्यवसाय बंद हो चुके हैं। ऐसे में लोगों ने दूसरे काम शुरू किए हैं। कुछ फॉरेस्ट में जाकर काम कर रहे हैं, तो कुछ सब्जियां बेच रहे हैं। उनके होटल में पहले करीब 15-20 लोग होते थे, लेकिन यह आंकड़ा कम होकर 3 पर आ गया है। पचमढ़ी में हर होटल में केवल 10 फीसदी ही स्टाफ बचा है।
  • महाराष्ट्र के खंडाला स्थित सनराइज हिल रिसॉर्ट के जनरल मैनेजर इस्माइल मुरशद के मुताबिक, महामारी के कारण करीब 70 फीसदी कारोबारका नुकसान हो चुका है। हम मानसून के चार महीनों में ही साल भर की कमाई कवर करते हैं।तीन मुख्य टूरिस्ट स्पॉट मुंबई, पुणे और लोनावला हैं। यहां 60 प्रतिशत लोग मुंबई और पुणे से ही छुट्टियां मनाने आते हैं, लेकिन इस बार कोई भी नहीं आ रहा है।

जब तक डर है लोग नहीं आएंगे
रोहित टूरिज्म के कम होने का कारण लोगों के डर को भी मानते हैं। कहते हैं कि सरकार ने भले ही लॉकडाउन में ढील दिएहैं, लेकिन लोगों के मन में डर है, इसलिए बिजनेस को कोई प्रॉफिट नहीं हो रहा है। जब तक लोगों का डर खत्म नहीं होता है, मुझे लगता है तब तक ऐसे ही चलेगा। जब तक लोगों का डर खत्म नहीं होगा तो लोग ट्रैवल नहीं करेंगे।

सफर नकरें तो बेहतर है
गुजरात के आईओसी वडोदरा में सीनियर कंस्लटेंट सर्जन और सीएमओ डॉक्टर हिमांशु पांडेय कहते हैं कि इसवक्त में ट्रैवल करना अवॉइड करना चाहिए।डॉक्टर पांडेय के मुताबिक, अगर सफर करना जरूरी है तो अपनी निजी वाहन का उपयोग करें। अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और ग्लव्ज जैसी बुनियादी सावधानियां बरतें।

अगर जाना जरूरी है तो इन बातों का रखें ध्यान:



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Coronavirus pandemic impact on tourism


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