सोमवार, 14 सितंबर 2020

हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा...सिंध से हिंद बना और हिंद से हिंदी, पढ़ें और शेयर करें 10 श्रेष्ठ विचार

आज हिंदी दिवस है। इस मौके पर हिंदी को बढ़ावा देने वाले महान विद्वानों के विचारों के साथ जानते हैं कि हिंदी नाम कहां से आया। हिंदी भाषा के लिए इस शब्द का प्राचीनतम प्रयोग 1424 के शरफुद्दीन यज्दी’ के ‘जफरनामा’ में मिलता है।

हिंदी शब्द का सम्बन्ध संस्कृत शब्द सिंधु से है। 'सिंधु' सिंध नदी को कहते थे और उसी आधार पर उसके भारत भूमि को सिंधु कहा जाने लगा। यह सिंधु शब्द ईरानियों के प्रभाव में ‘हिंदू’, हिंदी और फिर ‘हिंद’ हो गया।

इसी इतिहास के साथ कुछ प्रेरक हिंदी विचार, पढ़िए, अनुभूति कीजिए और साझा भी कर लीजिए...



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Hindi Diwas 2020 Greetings Images ; Wishes and Quotes for Your Hindi Diwas 2020 - Happy Hindi Divas 2020 Messages


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mhpCHT
https://ift.tt/33nI9db

मोदी, कोविंद और सोनिया समेत भारत के 10 हजार बड़े लोगों और संस्थाओं पर चीन की नजर, वहां की सरकार से जुड़ी डेटा कंपनी हर छोटी-बड़ी सूचना जुटा रही

चीन की सरकार से जुड़ी एक बड़ी डेटा कंपनी 10 हजार भारतीय लोगों और संगठनों की निगरानी कर रही है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनका परिवार, कई कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं। ज्यूडिशियरी, बिजनेस, स्पोर्ट्स, मीडिया, कल्चर एंड रिलीजन से लेकर तमाम क्षेत्रों के लोगों पर चीन की नजर है। यहां तक कि आपराधिक मामलों के आरोपियों की भी निगरानी की जा रही है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की इन्वेस्टिगेशन में ये खुलासा हुआ है।

चीन की निगरानी में ये बड़े लोग शामिल
1.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
2. रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति
3. सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
4. मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री
5. राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
6. प्रियंका गांधी, कांग्रेस नेता
7. बिपिन रावत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
8. एस ए बोबडे, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
9. जी सी मुर्मू, कॉम्प्ट्रॉलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG)
10. रतन टाटा, चेयरमैन (एमेरिटस), टाटा ग्रुप
11. गौतम अडाणी, चेयरमैन, अडाणी ग्रुप
12. सचिन तेंदुलकर, क्रिकेटर

8 केंद्रीय मंत्री
1. राजनाथ सिंह
2. निर्मला सीतारमण
3. रविशंकर प्रसाद
4. पीयूष गोयल
5. स्मृति ईरानी
6. वीके सिंह
7. किरिण रिजिजू
8. रमेश पोखरियाल निशंक

5 राज्यों के मुख्यमंत्री
1. शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
2. अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
3. उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
4. अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
5. ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

7 पूर्व मुख्यमंत्री
1. रमन सिंह, छत्तीसगढ़
2. अशोक चव्हाण, महाराष्ट्र
3. के सिद्धारमैया, कर्नाटक
4. हरीश रावत, उत्तराखंड
5. लालू प्रसाद यादव, बिहार
6. भूपिंदर सिंह हुड्डा, हरियाणा
7. बाबूलाल मरांडी, झारखंड

नेताओं के परिवार वालों पर भी नजर
1. सविता कोविंद, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी
2. गुरशरण कौर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी
3. जुबिन ईरानी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पति
4. सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के पति
5. डिंपल यादव, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी

तीनों सेनाओं के 15 पूर्व प्रमुखों की भी ट्रैकिंग
रिपोर्ट के मुताबिक चीन के शेनझेन शहर की झेन्हुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी भारतीयों की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर रही है। इसके निशाने पर भारत के जो लोग और संगठन हैं, उनकी हर छोटी-बड़ी सूचना जुटाई जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस ने 2 महीने तक बड़े डेटा टूल्स का इस्तेमाल करते हुए झेन्हुआ के मेटा डेटा की पड़ताल के आधार पर यह खुलासा किया है। इसके मुताबिक तीनों सेनाओं के 15 पूर्व प्रमुखों की भी ट्रैकिंग की जा रही है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
चीन जिन हस्तियों की निगरानी कर रहा, उनमें मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत 5 राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3iweO6z
https://ift.tt/3isDgWv

महाराष्ट्र, यूपी समेत 11 राज्यों में वाटर एटीएम से पांच रु में मिल रहा 20 लीटर शुद्ध पानी; एक हजार लोगों को रोजगार मिला, महिलाएं इन्हीं पैसों से बेटियों को पढ़ा रहीं

अब तक हमने महिलाओं को पानी भरते हुए यानी वाटर कैरियर के रूप में देखा है, लेकिन अब महिलाएं वाटर कैरियर से वाटर आंत्रप्रेन्योर बन रही हैं। वे लोगों को पीने के लिए साफ पानी भी मुहैया करा रही हैं और खुद आत्मनिर्भर भी बन रहीं हैं। महाराष्ट्र, तेलंगाना और यूपी समेत देश के 11 राज्यों में शहरी और ग्रामीण इलाकों में जहां पीने के लिए साफ पानी की सुविधा नहीं है, वहां वाटर एटीएम की शुरुआत हुई है। इसमें 1000 लोगों को रोजगार मिला है। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी जुड़ी हैं। कई गांवों में वाटर एटीएम का संचालन महिलाएं कर रही हैं।

35 साल की नेमुरी रानी हैदराबाद के विनायक नगर में रहती हैं। पहले वह हाउस वाइफ थीं, घर का काम करती थीं, लेकिन वे अब हर महीने 6-7 हजार रुपए बचा लेती हैं। उनके पति भी अब इस काम से जुड़ गए हैं। वे बाल नगर और उसके आसपास के इलाकों में पानी पहुंचाने का काम करते हैं। अब दोनों का गुजारा भी ठीक से होता है और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी पैसे की कमी नहीं होती।

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के मधेली गांव की रहने वाली प्रांजलि अपने गांव में वाटर एटीएम चलाती हैं। वे बताती हैं कि पहले उनके गांव में पानी की बहुत दिक्कत थी। कई किलोमीटर दूर से पीने के लिए पानी लाना पड़ता था। दूषित पानी की वजह से गांव में कई लोग बीमार हो जाते थे। डायरिया और जॉन्डिस जैसी बीमारियां कॉमन थी, लेकिन जब से वाटर एटीएम की शुरुआत हुई है तब से यहां के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है।

दिनभर में जितनी कमाई होती है, उसका 50 फीसदी एटीएम संचालक को मिलता है और बाकी का 50 फीसदी मेंटेनेंस पर खर्च होता है।

प्रांजलि के साथ कुछ और भी महिलाएं काम करती हैं। वे अपना काम शिफ्ट में बांटकर करती हैं। जिसकी शिफ्ट में जितना पानी बिकता है उसके हिसाब से वे पैसे शेयर कर लेती हैं। प्रांजलि इसी पैसे से अपनी बेटी को पढ़ा रही हैं।

5 रुपए में 20 लीटर पानी
इस वाटर एटीएम से पांच रुपए में 20 लीटर साफ और शुद्ध पानी मिलता है। एक एटीएम से हर दिन करीब 250 केन पानी बिकता है। दिनभर में जितने रुपए की कमाई होती हैउसका 50 फीसदी एटीएम ऑपरेटर को मिलता है और बाकी का 50 फीसदी मेंटेनेंस पर खर्च होता है।

फसलवाडी की रहने वाली पी लक्ष्मी रोज वाटर एटीएम से पानी भरती हैं। कहती हैं कि पहले हमें पीने के लिए साफ पानी खरीदने पर भी मुश्किल से मिलता था। एक केन पानी के लिए 20 से 25 रुपए देने होते थे। पानी पहुंचाने वाले के आने का भी कोई टाइम फिक्स नहीं होता था। अक्सर वह देर से आता था, लेकिन अब तो अपने गांव में ही सस्ता और शुद्ध पानी मिल रहा है।

एक हजार लोगों को मिला रोजगार
वाटर एटीएम यानी आई जलशक्ति स्टेशन की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 2016 में तेलंगाना में हुई थी। तेलंगाना के मेदक जिले में सेव वाटर नेटवर्क नाम की एक संस्था ने सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) मॉडल के आधार पहला वाटर एटीएम इंस्टॉल किया गया। उसके कुछ ही महीने बाद उस जिले में 49 जगहों पर भी यह मशीन लगाई गई। उसके बाद धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी इसका विस्तार हुआ।

अभी महाराष्ट्र, तेलंगाना, यूपी सहित देश के 11 राज्यों में इसकी शुरुआत हो गई है। 10 लाख से ज्यादा लोगों तक शुद्ध पानी पहुंच रहा है। अभी देशभर में 1000 लोग इससे जुड़े हैं, जिनमें करीब 30 फीसदी महिलाएं काम करती हैं।

इस वाटर एटीएम से पांच रुपए में 20 लीटर साफ और शुद्ध पानी मिलता है। एक एटीएम से हर दिन करीब 250 केन पानी बिकता है।

सेव वाटर नेटवर्क की वाइस प्रेसिडेंट पूनम सेवक के मुताबिक, इस मुहिम से लोगों को पीने के लिए शुद्ध और साफ पानी तो मिलता ही है, साथ ही महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। इससे उनका जीवन स्तर सुधर रहा है। उनके बच्चों को अब बेहतर एजुकेशन मिल रही है।

जिन महिलाओं को पानी भरने के लिए कई किलोमीटर जाना होता था आज उनके गांव में ही साफ पानी मिल रहा है। कोरोना संक्रमण में भी यह एटीएम बंद नहीं हुआ। हर सेंटर पर सैनिटाइजर रखे गए थे, लोग लाइन में लगकर पानी भरते थे।

कैसे काम करता है वाटर एटीएम

इसके लिए लोकल सोर्स यानी गांव के आसपास के तालाब और नदियों से पानी लिया जाता है और उसे अलग-अलग लेवल पर प्यूरीफाई किया जाता है। कुल छह चरणों में पानी को साफ किया जाता है। इसके बाद उसे एटीएम मशीन में भरा जाता हैं। हर सेंटर पर इससे जुड़े कुछ लोग होते हैं, जो वाटर ट्रीटमेंट का काम करते हैं। उन्हें इसके लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई है।

इतना ही नहीं गांव वालों को भी पानी के स्टोरेज और साफ सफाई के लिए जागरूक किया जाता है। कई जगहों पर उनसे पानी भी खरीदा जाता है, जिसे प्यूरीफाई कर शुद्ध पानी सप्लाई किया जाता है।

वर्ल्ड वाटर डेवलपमेंट रिपोर्ट 2019 के मुताबिक भारत में 10 करोड़ लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल पाता है। वहीं वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 21 फीसदी बीमारियां दूषित पानी की वजह से होती हैं।

ये पॉजिटिव खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. पुणे की मेघा सलाद बेचकर हर महीने कमाने लगीं एक लाख रुपए, 3 हजार रुपए से काम शुरू किया था

2. इंजीनियरिंग के बाद सरपंच बनी इस बेटी ने बदल दी गांव की तस्वीर, गलियों में सीसीटीवी और सोलर लाइट्स लगवाए, यहां के बच्चे अब संस्कृत बोलते हैं

3. कश्मीर में बैट बनाने वाला बिहार का मजदूर लॉकडाउन में फंसा तो घर पर ही बैट बनाने लगा, अब खुद का कारखाना शुरू करने की तैयारी

4. दुनिया का पहला म्यूजियम जहां पुरानी चीजें नहीं, बल्कि खुशियां मिलती हैं; 8 कमरों में खुशियों के इतिहास से लेकर भविष्य तक की बात



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
महाराष्ट्र, तेलंगाना, यूपी सहित देश के 11 राज्यों में वाटर एटीएम की शुरुआत हो गई है। 10 लाख से ज्यादा लोगों तक शुद्ध पानी पहुंच रहा है। कई गांवों में एटीएम का संचालन महिलाएं करती हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3bS6ziM
https://ift.tt/3kkCfQZ

फ़र्ज़ी बहसों के किरदार और असल मुद्दों से दूर ले जाते भोंपू

पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है। हमारे देश में यह समस्या दिनों-दिन बढ़ रही है। दुनिया में रोज पौने दो लाख नए संक्रमित आ रहे हैं। इनमें से एक लाख अकेले भारत में। विश्वभर में रोज सवा तीन हज़ार लोग मर रहे हैं, इनमें 11-12 सौ अकेले भारत में। लेकिन न्यूज चैनलों को इससे ज्यादा सरोकार नहीं है।

वे कई दिनों से लगातार, बिना सांस रोके, सिर्फ सुशांत सिंह राजपूत, रिया चक्रवर्ती, कंगना और राउत दिखा रहे हैं... बस। आख़िर हम कहां जा रहे हैं? कहां जाना चाहते हैं? व्यावसायिकता पहले भी थी लेकिन ऐसी नहीं कि टीआरपी की होड़ के तेज बहाव में नैतिकता, मर्यादा, सहनशीलता, सब कुछ तिनके की तरह बहता चला जाए।

भाषा तो मर्यादा या हदों के उस पार से शुरू हो रही है। एक के बाद एक बयान आते हैं और इन बयानों के चक्रव्यूह में अलग अलग पार्टियों के नेताओं को उलझाया जाता है। ये नेता भाषा की तमाम मर्यादाएं लांघकर अपने आकाओं को खुश करने के लिए कुछ तो भी बोलते हैं। ए, कमिश्नर! सुन ले!, ए उद्धव! समझ ले! जैसे फूहड़ संवादों का चलन बढ़ता है।

जहां तक संवाद की बात है, उसकी जगह अब चीखने-चिल्लाने वाली बहस ने ले ली है। बहस भी कैसे होती है- एक पक्ष का प्रतिनिधि, दूसरा विपक्ष का। तीसरा विशेषज्ञ, इन दोनों को धमकाने वाला ... और चौथा एंकर, इन तीनों को उकसाने वाला। उकसाने, भड़काने, तैश में आने के अलावा इन बहसों से आम दर्शक के लिए कुछ भी निकलता नहीं है।

हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि देश का कोई भी व्यक्ति या तो पक्ष में होना चाहिए या विपक्ष में। निष्पक्षता तो जैसे अपराध हो गई है। कुछ पक्ष तो निष्पक्षता को देशद्रोह भी कहने या मानने लगे हैं। परिवार, समाज, संस्कृति, मूल्य, सब के सब झूठी बहसों और फ़र्ज़ी मुद्दों की चकाचौंध में खो गए हैं।

यही वजह है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वो बॉलीवुड का हो, या किसी और क्षेत्र का, इन भटकाने वाले मुद्दों पर बात तक नहीं करना चाहता। सरकारें, किसी को भी ठिकाने लगाने में अपनी बहादुरी समझती हैं, जैसे वे विरोध के किसी भी स्वर को कुचलने के लिए ही बनी हों। वे दिन लद गए जब किसी दल की सरकार दूसरे दल के नेता को प्रतिनिधि बनाकर यूएन भेजती थी।

एक बार अटलजी लोकसभा चुनाव हार गए तो इंदिरा गांधी ने कहा था- अटलजी के बिना विपक्ष सूना-सूना लगता है। कांग्रेस के कई नेता क़हते रहे कि अटलजी देश के बेस्ट लीडर हैं, लेकिन वे ग़लत पार्टी में हैं। कुल मिलाकर बात यह है कि विरोध का स्वर और तंज भी मीठा और गुदगुदाने वाला हुआ करता था। अब वह मिठास कहीं खो गई है। वह हंसी कहीं तिरोहित हो गई है।

बचा है तो सिर्फ अट्टहास... हल्कापन... और हर समय किसी को भी मारने- पीटने पर उतारू सरकारें... सबसे बड़ा सवाल यही है कि ‘देश इनका क्या करे’? वे आमजन क्या करें, जिन्हें असल मुद्दों से भटकाया जा रहा है? आख़िर सरकारों और ज़िम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को कोरोना से लड़ने और अर्थ व्यवस्था को सुधारने में अपना शत प्रतिशत लगाना चाहिए या इस तरह के अलग मुद्दों में?

कुल मिलाकर, आम आदमी को मुद्दों से भटकाने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो इसके तमाम कारक अपनी प्रासंगिकता खो देंगे। नेता भी। पार्टियां भी और कुछ न्यूज चैनल भी।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3bW6MBF
https://ift.tt/3iubZ5U

मोदी, कोविंद और सोनिया समेत भारत के 10 हजार बड़े लोगों और संस्थाओं पर चीन की नजर, वहां की सरकार से जुड़ी डेटा कंपनी हर छोटी-बड़ी सूचना जुटा रही

चीन की सरकार से जुड़ी एक बड़ी डेटा कंपनी 10 हजार भारतीय लोगों और संगठनों की निगरानी कर रही है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनका परिवार, कई कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं। ज्यूडिशियरी, बिजनेस, स्पोर्ट्स, मीडिया, कल्चर एंड रिलीजन से लेकर तमाम क्षेत्रों के लोगों पर चीन की नजर है। यहां तक कि आपराधिक मामलों के आरोपियों की भी निगरानी की जा रही है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की इन्वेस्टिगेशन में ये खुलासा हुआ है।

चीन की निगरानी में ये बड़े लोग शामिल
1.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
2. रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति
3. सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
4. मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री
5. राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
6. प्रियंका गांधी, कांग्रेस नेता
7. बिपिन रावत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
8. एस ए बोबडे, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
9. जी सी मुर्मू, कॉम्प्ट्रॉलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG)
10. रतन टाटा, चेयरमैन (एमेरिटस), टाटा ग्रुप
11. गौतम अडाणी, चेयरमैन, अडाणी ग्रुप
12. सचिन तेंदुलकर, क्रिकेटर

8 केंद्रीय मंत्री
1. राजनाथ सिंह
2. निर्मला सीतारमण
3. रविशंकर प्रसाद
4. पीयूष गोयल
5. स्मृति ईरानी
6. वीके सिंह
7. किरिण रिजिजू
8. रमेश पोखरियाल निशंक

5 राज्यों के मुख्यमंत्री
1. शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
2. अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
3. उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
4. अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
5. ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

7 पूर्व मुख्यमंत्री
1. रमन सिंह, छत्तीसगढ़
2. अशोक चव्हाण, महाराष्ट्र
3. के सिद्धारमैया, कर्नाटक
4. हरीश रावत, उत्तराखंड
5. लालू प्रसाद यादव, बिहार
6. भूपिंदर सिंह हुड्डा, हरियाणा
7. बाबूलाल मरांडी, झारखंड

नेताओं के परिवार वालों पर भी नजर
1. सविता कोविंद, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी
2. गुरशरण कौर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी
3. जुबिन ईरानी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पति
4. सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के पति
5. डिंपल यादव, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी

तीनों सेनाओं के 15 पूर्व प्रमुखों की भी ट्रैकिंग
रिपोर्ट के मुताबिक चीन के शेनझेन शहर की झेन्हुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी भारतीयों की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर रही है। इसके निशाने पर भारत के जो लोग और संगठन हैं, उनकी हर छोटी-बड़ी सूचना जुटाई जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस ने 2 महीने तक बड़े डेटा टूल्स का इस्तेमाल करते हुए झेन्हुआ के मेटा डेटा की पड़ताल के आधार पर यह खुलासा किया है। इसके मुताबिक तीनों सेनाओं के 15 पूर्व प्रमुखों की भी ट्रैकिंग की जा रही है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
चीन जिन हस्तियों की निगरानी कर रहा, उनमें मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत 5 राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।


from Dainik Bhaskar /national/news/chinas-tech-company-is-monitoring-over-10000-indian-individuals-and-organisations-including-narendra-modi-and-sonia-gandhi-127717743.html
https://ift.tt/2RuwcfX

डॉ. शर्मा 15 साल से बिना छुट्टी लिए 10 हजार हाथियों का इलाज कर चुके हैं, कहते हैं- असम के ज्यादातर हाथी अब मुझे पहचानते हैं

एलिफेंट डॉक्टर के नाम से मशहूर 59 साल के डॉ. कुशल कोंवर शर्मा जब हाथियों के बारे में बात करते है तो उनके चेहरे पर खुशी और जोश दोनों दिखने लगते है। 35 साल हाथियों की देखभाल और इलाज में गुजार चुके डॉ.शर्मा ने असम की बाढ़ से लेकर इंडोनेशिया के जंगल तक हजारों हाथियों की जान बचाई है।

डॉ. शर्मा कहते है, ‘बाढ़ के दौरान काजीरंगा नेशनल पार्क मे कई बार तो हाथी तक बह जाते हैं। बच्चे मां से बिछड़ जाते है। ऐसे हालात में उनको देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए मैं बाढ़ के समय उनकी मदद करने वहां मौजूद रहता हूं।’

हाथियों के बारे में डॉ.शर्मा कहते है, ‘हाथी काफी बुद्धिमान होते हैं। बाढ़ आने का अनुमान इन्हें छह-सात दिन पहले ही हो जाता है। इसलिए ज्यादातर हाथी काजीरंगा से निकल कर ऊंची पहाड़ी की तरफ चले जाते है।

हाथी नगालैंड होते हुए म्यांमार चले जाते थे

कुछ साल पहले तक बाढ़ से पहले काजीरंगा के लगभग सारे हाथी नगालैंड होते हुए म्यांमार चले जाते थे और वापसी के दौरान उनका शिकार हो जाता था। अब हाथियों ने इस बात को समझ लिया है और बाढ़ के दौरान काजीरंगा नहीं छोड़ते हैं।’

पूर्वोत्तर राज्यों के घने जंगलों में हाथियों का इलाज करने के लिए तीन लाख किमी दूरी तय कर चुके डॉ.शर्मा 20 से अधिक बार अपनी जान जोखिम में डाल चुके है। 15 सालों से बिना कोई साप्तहिक छुट्टी लिए 10,000 हाथियों का इलाज कर चुके हैं।

हाथियों की एक्टिविटी से उनकी भाषा समझ लेते हैं

डॉ. शर्मा कहते है, ‘मैं हाथियों की एक्टिविटी से उनकी भाषा समझ लेता हूं। उनसे संकेत में बात करता हूं। यहां के अधिकतर हाथी मुझे पहचानते है।’ हाथी प्रेम डॉ.शर्मा को हाथियों से प्रेम बचपन से हैं। उन दिनों को याद करते वह कहते है, ‘हमारे घर में उस दौरान लखी नाम की एक मादा हाथी हुआ करती थी और मेरा अधिकतर समय उसके आसपास खेलने में गुजरा था। वहीं से मेरे मन में हाथियों के लिए प्यार की शुरुआत हुई।’

इंडोनेशिया में डॉ. शर्मा के मॉडल से होती है हाथियों की देखरेख

डॉ.शर्मा ने नेपाल, श्रीलंका और इंडोनेशिया के सैकड़ों हाथियों का इलाज किया है। वे बताते है, ‘इंडोनेशिया में नब्बे के दशक के बाद हाथियों को जंगलों से पकड़कर एलिफेंट ट्रेनिंग कैंप में रखा जाता है। वहां कई हाथी मर रहे थेे। इसलिए उन लोगों ने मुझे बुलाया। आज भी वहां हाथियों की देखरेख मेरे बनाए कैप्टिव एलीफैंट मैनेजमेंट एंड हैल्थकेयर प्लान से हो रही है।’



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
डॉ. शर्मा कहते है, ‘बाढ़ के दौरान काजीरंगा नेशनल पार्क मे कई बार तो हाथी तक बह जाते हैै। बच्चे मां से बिछड़ जाते है। ऐसे हालात में उनको देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए मैं बाढ़ के समय उनकी मदद करने वहां मौजूद रहता हूं।


from Dainik Bhaskar /national/news/dr-sharma-has-treated-10000-elephants-for-15-years-without-taking-leave-says-most-elephants-of-assam-now-recognize-me-127717765.html
https://ift.tt/33luYt8

अमेरिका में रह रहे भारतीयों नेे 62 गांवों को गोद लिया, अब बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे, किसान अपनी फसल का प्रोसेसिंग कर मुनाफा कमा रहे

(शिवानी चतुर्वेदी) तमिलनाडु के पुडुककोटाई जिले का अथानाकोटाई गांव। यहां बच्चे ऑनलाइन पढ़ते हैं। इन्हें स्थानीय भाषा में तैयार किए रिकॉर्डेड वीडियो से पढ़ाया जाता है। यहां के किसान अपनी फसल की प्रोेसेसिंग कर बेचते हैं। यानी टमाटर या मूंगफली बेचने की जगह केचअप और मूंगफली का बटर बनाकर बेचते हैं। गांव में स्वच्छता की अलख जगाने के लिए प्रतियोगिताएं होती हैं।

गांव की महिलाएं घर-घर में कुटीर उद्योग चलाती हैं और शराबबंदी के लिए कैंपेन चलाती हैं। दरअसल अहमदाबाद की ग्लोबल नेटवर्क फर्म ने अमेरिका में रह रहे भारतीय की मदद से 19 राज्यों के 62 गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए गोद लिया है। फर्म के सीईओ जगत शाह बताते हैं कि हमने 1000 दिन में गांवों को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य रखा था। अगस्त 2017 में 5 हजार से कम आबादी वाले गांवों को गोद लिया।

जून 2018 में काम शुरू हो सका। तब से लेकर अब तक करीब 44 गांवों में 80% काम पूरा हो चुका है। एक गांव पर 10 लाख रुपए से लेकर 8 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इस गांवों को गोद लेने के लिए एनआरआई को जोड़ने का आइडिया कैसे आया। इस पर शाह बताते हैं कि उन्होंने अपने बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका के 35 शहरों का दौरा किया था।

करीब 1500 भारतीयों से मुलाकात हुई। मैंने महसूस किया कि ये लोग अपने गांव से काफी भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं। जब मैंने गांवों को स्मार्ट बनाने का आइडिया रखा तो कई लोग आगे आए। उनकी टीम किस तरह काम करती है। इस पर शाह कहते हैं जो एनआरआई गांव को गोद लेता है, उसे तीन दिन के लिए गांव में रहना होता है।

हम पंचायत के लोगों के साथ मिलकर बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से मिलते हैं। उनकी समस्याओं को नोट करते हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए कार्ययोजना बनाते हैं। इसे लागू करने के लिए गांव के युवाओं की टोली बनाते हैं। इन्हें कम्यूनिकेशन की ट्रेनिंग देते हैं ताकि ये लोग स्थानीय अधिकारियों के सामने अपनी बात बेहतर तरीके से रख सकें। इन्हें 10 हजार रुपए महीने वेतन भी दिया जाता है।

गांव के विकास के लिए सीएसआर फंडिंग, केंद्र-राज्य की योजनाओं, पंचायत फंड, सांसद और विधायक निधि से किया जाता है। हर तीन महीने में विकास कार्यों को मूल्यांकन किया जाता है। शाह बताते हैं कि समस्या का समाधान होने के बाद कुछ नए मुद्दे आ जाते हैं। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि गांव बदल जाएंगे और रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे, पलायन भी रुकेगा।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिताएं हो रहीं हैं।


from Dainik Bhaskar /national/news/indians-living-in-america-adopted-62-villages-now-children-are-studying-online-farmers-are-making-profits-by-processing-their-crops-127717750.html
https://ift.tt/3mj231z

दुनिया में एक ही दिन में रिकॉर्ड 3 लाख से ज्यादा मामले, इजराइल ने देश में दोबारा 3 हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगाया; अब तक 2.91 करोड़ केस

कोरोनावायरस से दुनिया में अब तक 2 करोड़ 91 लाख 80 हजार 905 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 9 लाख 28 हजार 265 लोगों की जान जा चुकी है। अच्छी बात यह है कि 2 करोड़ 10 लाख 26 हजार 766 लोग ठीक भी हो चुके हैं। ये आंकड़े worldometers.info/coronavirus/ से लिए गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, बीते 24 घंटे में दुनिया भर में एक दिन में रिकॉर्ड 3 लाख 7 हजार 930 मामले सामने आए। सबसे ज्यादा मामले भारत से सामने आए। दूसरे नंबर पर अमेरिका और तीसरे नंबर पर ब्राजील रहा। पिछली बार सबसे ज्यादा मामले 6 सितंबर को सामने आए थे। उस दिन संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख 6 हजार 857 रहा था।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार दोबारा तीन हफ्ते के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया। यह लॉकडाउन शुक्रवार से लागू होगा। इसके साथ ही इजराइल देशभर में दोबारा लॉकडाउन लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। देश में बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। इस दौरान लोगों को अपने घर से 500 मीटर के दायरे में ही रहना होगा। हालांकि, वे सीमित समय के लिए काम पर जा सकते हैं।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 6,698,525 1,98,308 39,74,949
भारत 48,45,003 79,754 37,77,044
ब्राजील 43,30,455 1,31,663 35,73,958
रूस 10,62,811 18,578 8,76,225
पेरू 7,29,619 30,710 5,66,796
कोलंबिया 7,16,319 22,924 5,99,385
मैक्सिको 6,68,381 70,821 4,71,623
साउथ अफ्रीका 6,49,793 15,447 5,77,906
स्पेन 5,76,697 29,747 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 5,46,481 11,263 4,09,771

ऑस्ट्रेलिया: हॉटस्पॉट वाले इलाके में प्रदर्शन

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में रविवार को लोगों ने हॉटस्पॉट वाले इलाके में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोग संक्रमण रोकने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे कामों से नाराज थे। प्रदर्शन करने वालों ने पुलिस पर फल और सब्जियां फेंकी। पुलिस ने महामारी से जुड़े नियमों को तोड़ने के लिए 74 लोगों को गिरफ्तार किया है और 176 लोगों पर जुर्माना लगाया है। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन में करीब 250 लोग शामिल थे।

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित क्वीन विक्टोरिया मार्केट में फल और सब्जियां फेंकते प्रदर्शनकारियों को रोकने पहुंची पुलिस।

सऊदी अरब: इंटरनेशनल फ्लाइट्स को मंजूरी
सऊदी अरब ने मंगलवार से इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर लगी पाबंदियां हटाने का ऐलान किया है। करीब 6 महीने के बाद देश में कुछ दूसरे देशों की फ्लाइट्स को आने की मंजूरी दी जाएगी। 1 जनवरी के बाद सऊदी अरब सड़क और समुद्र के रास्ते अपने देश के लोगों की आवाजाही पर लगी रोक भी हटा लेगा। सरकार ने कहा है कि इसकी तारीख की घोषणा दिसंबर में की जाएगी। इसके साथ ही वैध वीजा वाले दूसरे देशों के लोग भी सऊदी आ सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें संक्रमण नहीं होने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को देशभर में दोबारा लॉकडाउन का ऐलान किया। ऐसा करने वाला इजराइल दुनिया का पहला देश है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2FpdnII
https://ift.tt/35uIEot

चार दशक में हिंदी 18% बढ़ी, बंगाली, मराठी और तेलुगु भाषा घट गई; जानिए देश में हिंदी क्यों बढ़ रही है

14 सितंबर, यानी हिंदी भाषियों का त्यौहार। हिंदी को राजभाषा बनाने में बड़ा योगदान देने वाले व्यौहार राजेंद्र सिंह का आज जन्मदिन भी है। आज ही के दिन 71 साल पहले देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के तौर पर मान्यता मिली थी।

आज इतने साल बाद भी भारत में हिंदी का दबदबा कायम है। बीते चार दशकों में हिंदी भाषी करीब 17.95 फीसदी बढ़े हैं, जबकि बंगाली, मराठी और तेलुगु समेत दूसरी भाषाओं के बोलने वालों की संख्या लगातार गिरी है। भारत के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हिंदी बातचीत के लिए पहली भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है।

भाषा जनगणना आंकड़े यहां तक बताते हैं कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हिंदी बोलने वालों की संख्या 96% से ज्यादा है। इसके बावजूद भारत में उच्च शिक्षा, राष्ट्रीय मीडिया, ज्युडिशियरी-नौकरशाही और कॉर्पोरेट ऑफिस की भाषा अंग्रेजी बनी हुई है।

बीबीसी के अनुसार, इसका कारण यह है कि अपने पड़ोसी देश चीन की तरह भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा का न होना है। जबकि, हिंदी केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा है। एक्सपर्ट्स भी हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने की बात कहते हैं। भारत में हिंदी की दशा और दिशा को जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से उनके विचार लिए।

क्या वाकई मजबूत हुई है हिंदी?
दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग में प्रोफेसर चंदन कुमार कहते हैं कि भारत में हिंदी की दशा बहुत अच्छी है। भाषा जनगणना 2011 के अनुसार, देश में 52 करोड़ 83 लाख 47 हजार 193 लोग हिंदी बोलते हैं। इनमें पुरुषों की संख्या 27 करोड़ 66 लाख 10 हजार 187 है, जबकि हिंदी बोलने वाली महिलाएं 25 करोड़ 17 लाख 37 हजार 006 हैं। 2001 में हिंदी बोलने वाले 42 करोड़ 20 लाख 48 हजार 642 थे।

चंदन बताते हैं, "दक्षिण भारत जैसे देश के अहिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी का विरोध जोरों पर था, लेकिन वहां एक नई पीढ़ी आई है, जो हिंदी को लेकर व्यवहारिक है। हिंदी उसके रोजगार की भाषा बनी है। जिन लोगों की पुरानी पीढ़ियां हिंदी के विरोध में पली-बढ़ी हैं, वे भी अब हिंदी बोल रहे हैं। हिंदी बचेगी तो देश भी बचेगा। हिंदी मजबूत हो रही है, देश मजबूत हो रहा है।"

क्या भारत में नहीं मिल रहा हिंदी को पूरा सम्मान?
दिल्ली स्थित हंसराज कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर रमा ने अपने लेख में लिखा कि आज पूरी दुनिया में बोलने वालों के मामले में हिंदी तीसरी सबसे बड़ी भाषा है, लेकिन अपने देश में यह संघर्ष कर रही है। डॉक्टर रमा भारत में बढ़ते अंग्रेजी के प्रभाव का कारण मैकाले की शिक्षा नीति को बताती हैं।

2019 में आई स्टेटिस्टा की एक रिपोर्ट बताती है कि अंग्रेजी और चीनी (मेंडेरियन) भाषा के बाद तीसरी सबसे बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। वे लिखती हैं कि कुछ लोगों ने अंग्रेजी को भारत की जरूरी भाषा बना दिया, ताकि वे अंग्रेजों की गुलामी कर सकें। अंग्रेजों ने भारत के युवाओं के मन में अपनी ही भाषा को लेकर बुरी भावना भर दी।

हालांकि, वे नई शिक्षा नीति को हिंदी के समर्थन का कदम मानती हैं। जनगणना के मुताबिक, 2001 में भारत में अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या 2 लाख 26 हजार 449 थी, जबकि 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा 2 लाख 59 हजार 678 पर पहुंच गया था।

डिजिटल दौर ने हिंदी को क्या दिया?
स्टेटिस्टा की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 में अंग्रेजी भाषा के इंटरनेट यूजर्स की संख्या 6.8 करोड़ थी, जबकि भारतीय भाषाओं के मामले में यह संख्या 4.2 करोड़ थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2021 तक भारतीय भाषा के इंटरनेट यूजर्स की संख्या 53.6 करोड़ हो जाएगी, जबकि अंग्रेजी यूजर्स केवल 19.9 करोड़ रह जाएंगे।

प्रोफेसर चंदन कुमार बताते हैं कि देखते ही देखते सूचना माध्यमों और सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने हिंदी को भारत से लेकर मध्य पूर्व तक एक रास्ता दिया है। अब दुनिया के किसी भी देश में चले जाएं। खासकर उन देशों में जहां तकनीक ज्यादा है। वहां आपको हिंदी का एक मध्यवर्ग मिल जाएगा, जिसकी घरेलू बोलचाल की भाषा हिंदी है।

2019 में फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, बीते 10 सालों में हिंदी किताबों का पढ़ना तेजी से बढ़ा है। वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में हिंदी किताबों के पब्लिशर शैलेष भारतवासी बताते हैं कि "ऐसा केवल ग्रामीण इलाकों में ई-कॉमर्स पहुंचने के कारण हुआ है। इससे पहले हिंदी किताबों को बांटने का कोई सिस्टम नहीं था। ऐसे में पाठकों तक पहुंचने में परेशानी होती थी।"

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख डॉक्टर राखी तिवारी कहती हैं कि डिजिटल माध्यमों में हिंदी का प्रयोग काफी बढ़ा है और यह काफी अच्छा है। हमें हिंदी को अमल करने की चिंता करनी चाहिए, न कि उसकी गिरती हुई स्थिति की। डिजिटल दौर में हिंदी के विकास की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं।

क्या रोमन लिपि पहुंचा रही है हिंदी को नुकसान?
पूर्व पत्रकार और पंत एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में संपादक डॉक्टर उपेंद्र हिंदी बताते हैं कि देवनागरी के बजाए रोमन लिपि के ज्यादा उपयोग के कारण ही हिंदी की हालत खराब हो रही है। कोरियाई और देवनागरी लिपि की हिंदी ही दुनिया की सबसे सटीक भाषाएं हैं, क्योंकि दोनों ही भाषाओं में जो लिखा जाता है वही बोला जाता है।

इसके अलावा डॉक्टर उपेंद्र सोशल मीडिया पर रोमन में हिंदी लिखने और डिजिटल लिपि डेवलपमेंट नहीं होने को भी हिंदी की खराब हालत का जिम्मेदार मानते हैं। डॉक्टर उपेंद्र कहते हैं कि आईटी एक्स्पर्ट्स के कम ज्ञान के कारण ही हम अंग्रेजी और फ्रेंच के अलावा कोरियाई हिब्रू और अरबी भाषा भाषियों से भी डिजिटल लिपि सिस्टम के विकास में पिछड़ रहे हैं।

कैसे सुधरेगी हिंदी की स्थिति?
प्रोफेसर चंदन कुमार के अनुसार, हमें ट्रांसलेशन को बढ़ावा देना होगा। इसका मतलब हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद समझा जाता है, जबकि अनुवाद को भारतीय भाषा में बदलना होगा। हमें इंजीनियरिंग, चिकित्सा, समाज विज्ञान और अन्य ज्ञान के क्षेत्रों में हिंदी की अच्छी किताबें लिखनी होंगी। हिंदी के शिक्षकों को टेक्नोलॉजी की जानकारी रखनी होगी।

डॉक्टर राखी तिवारी बताती हैं कि हमें ऑफिस, घर या दोस्तों के बीच हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए। साथ ही सरकारी कागजों में भी आसान हिंदी को जगह मिले। इसके अलावा हिंदी के कठिन शब्दों को लेकर शिक्षण संस्थाओं में लगातार प्रतियोगिता कराई जानी चाहिए।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Roman script has spoiled the condition of Hindi and digital era has taken over the language, the rate of Hindi speakers has increased in five decades


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3ht1oa3
https://ift.tt/2ZzgeWi

एक्टिव मरीजों की संख्या आज 10 लाख हो जाएगी; पिछले 24 घंटे में 93 हजार 215 मरीज मिले, देश में अब तक 48.45 केस

देश में कोरोना के एक्टिव केस में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। आज इनकी संख्या 10 लाख हो जाएगी। रविवार को 93 हजार 215 मरीज बढ़े। इसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 48 लाख 45 हजार 3 हो गई है।

उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर दी है। उन्होंने कहा कि अगले साल यानी 2021 के पहले तीन महीने में वैक्सीन आ सकती है। हालांकि, अभी कोई डेट देना मुमकिन नहीं होगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स के सवालों के जवाब में कहा कि एक बार वैक्सीन आने के बाद सरकार का पूरा फोकस हाई रिस्क वालों पर होगा। इनमें पहले से बीमार लोग, बुजुर्ग शामिल हैं। इन्हें सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन तैयार करने में सभी तरह की सावधानी बरती जा रही है। इसके बावजूद अगर किसी को विश्वास की कमी है तो वह खुशी-खुशी वैक्सीन का पहला डोज लगवाने के लिए तैयार हैं।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में रविवार को पहली बार 2281 कोरोना संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य संचालनालय के कोविड बुलेटिन के मुताबिक, रविवार को राज्य में संक्रमण दर 10.4% हो गई। एक सितंबर को यह 7.3% थी। इधर, भोपाल में रविवार को 234 नए संक्रमित मिले हैं। तीन मरीजों की मौत भी हुई है।

राजधानी में रविवार को मंत्री विजय शाह, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा, बैतूल विधायक ब्रम्हा भलावी, धरमू सिंह सिरसाम, भोपाल के पूर्व सांसद आलोक संजर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन्हें मिलाकर अब तक 18% सदन संक्रमित हो चुका है। विधानसभा के 203 सदस्यों में से मुख्यमंत्री, 10 मंत्री, 28 विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इधर, 21 सितंबर से विधानसभा का सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए विधानसभा ने सभी कलेक्टरों को चिट्ठी लिख दी है कि वे सत्र से पांच दिन पहले की विधायकों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट भेजें।

2. राजस्थान
राज्य में पहली बार रविवार को 1700 से अधिक नए केस मिले। रविवार को 1703 नए संक्रमित पाए गए, जबकि 15 रोगियों की मौत हो गई। मृतकों में जोधपुर के 3, जयपुर, बीकानेर, अजमेर के 2-2, बाड़मेर, चूरू, डूंगरपुर, झालावाड़, सवाई माधोपुर और उदयपुर का एक-एक रोगी शामिल है।

सबसे बड़ी चिंता है कि प्रदेश में रिकवरी के मुकाबले एक्टिव केस ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते 13 दिन में ही 20 हजार 715 मरीज आए, जबकि 180 की मौत हो गई। रिकवर सिर्फ 17 हजार 706 हुए। नतीजतन जो भर्ती मरीज अगस्त अंत तक 13 हजार 825 पर सिमटे हुए थे, वे 13 दिन के भीतर ही 16 हजार 654 हो गए हैं। अगस्त में 39 हजार 610 नए केस आए, लेकिन इनमें से 36 हजार 967 ठीक भी हुए। पूरे अगस्त में सिर्फ 2267 एक्टिव केस बढ़े, जबकि सिंतबर के इन 13 दिनों में ही 2,829 एक्टिव केस बढ़े हैं।

3. बिहार
राज्य में रविवार को एक लाख 10 हजार लोगों के कोरोना सैंपल की जांच की गई। यहां अब तक 48 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। वहीं, पॉजिटिविटी रेट भी 3.2% पर पहुंच गया है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में रविवार को संक्रमण के 22 हजार 543 नए केस सामने आए हैं। प्रदेश में कुल 11 हजार 549 लोगों को पिछले 24 घंटे में डिस्चार्ज किया गया है। इसके अलावा 416 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है।प्रदेश में अब तक कुल 52 लाख 53 हजार 676 सैंपल्स की जांच की गई है। इसमें से 10 लाख 60 हजार 308 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में रविवार को 24 घंटे के अंदर संक्रमण के 6,239 नए मामले सामने आए। एक्टिव केस की संख्या अब 68 हजार को पार कर गई है। यूपी में कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या अब 4,429 हो गई है। प्रदेश में अब तक 3 लाख 12 हजार 36 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसमें से 2 लाख 39 हजार 485 मरीज ठीक हो चुके हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Mumbai Delhi Coronavirus News | Coronavirus Outbreak India Cases LIVE Updates; Maharashtra Pune Madhya Pradesh Indore Rajasthan Uttar Pradesh Haryana Punjab Bihar Novel Corona (COVID-19) Death Toll India Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33uHhDo
https://ift.tt/2Rp1R2s

एक्टिव मरीजों की संख्या आज 10 लाख हो जाएगी; पिछले 24 घंटे में 93 हजार 215 मरीज मिले, देश में अब तक 48.45 केस

देश में कोरोना के एक्टिव केस में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। आज इनकी संख्या 10 लाख हो जाएगी। रविवार को 93 हजार 215 मरीज बढ़े। इसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 48 लाख 45 हजार 3 हो गई है।

उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर दी है। उन्होंने कहा कि अगले साल यानी 2021 के पहले तीन महीने में वैक्सीन आ सकती है। हालांकि, अभी कोई डेट देना मुमकिन नहीं होगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स के सवालों के जवाब में कहा कि एक बार वैक्सीन आने के बाद सरकार का पूरा फोकस हाई रिस्क वालों पर होगा। इनमें पहले से बीमार लोग, बुजुर्ग शामिल हैं। इन्हें सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन तैयार करने में सभी तरह की सावधानी बरती जा रही है। इसके बावजूद अगर किसी को विश्वास की कमी है तो वह खुशी-खुशी वैक्सीन का पहला डोज लगवाने के लिए तैयार हैं।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में रविवार को पहली बार 2281 कोरोना संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य संचालनालय के कोविड बुलेटिन के मुताबिक, रविवार को राज्य में संक्रमण दर 10.4% हो गई। एक सितंबर को यह 7.3% थी। इधर, भोपाल में रविवार को 234 नए संक्रमित मिले हैं। तीन मरीजों की मौत भी हुई है।

राजधानी में रविवार को मंत्री विजय शाह, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा, बैतूल विधायक ब्रम्हा भलावी, धरमू सिंह सिरसाम, भोपाल के पूर्व सांसद आलोक संजर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन्हें मिलाकर अब तक 18% सदन संक्रमित हो चुका है। विधानसभा के 203 सदस्यों में से मुख्यमंत्री, 10 मंत्री, 28 विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इधर, 21 सितंबर से विधानसभा का सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए विधानसभा ने सभी कलेक्टरों को चिट्ठी लिख दी है कि वे सत्र से पांच दिन पहले की विधायकों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट भेजें।

2. राजस्थान
राज्य में पहली बार रविवार को 1700 से अधिक नए केस मिले। रविवार को 1703 नए संक्रमित पाए गए, जबकि 15 रोगियों की मौत हो गई। मृतकों में जोधपुर के 3, जयपुर, बीकानेर, अजमेर के 2-2, बाड़मेर, चूरू, डूंगरपुर, झालावाड़, सवाई माधोपुर और उदयपुर का एक-एक रोगी शामिल है।

सबसे बड़ी चिंता है कि प्रदेश में रिकवरी के मुकाबले एक्टिव केस ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते 13 दिन में ही 20 हजार 715 मरीज आए, जबकि 180 की मौत हो गई। रिकवर सिर्फ 17 हजार 706 हुए। नतीजतन जो भर्ती मरीज अगस्त अंत तक 13 हजार 825 पर सिमटे हुए थे, वे 13 दिन के भीतर ही 16 हजार 654 हो गए हैं। अगस्त में 39 हजार 610 नए केस आए, लेकिन इनमें से 36 हजार 967 ठीक भी हुए। पूरे अगस्त में सिर्फ 2267 एक्टिव केस बढ़े, जबकि सिंतबर के इन 13 दिनों में ही 2,829 एक्टिव केस बढ़े हैं।

3. बिहार
राज्य में रविवार को एक लाख 10 हजार लोगों के कोरोना सैंपल की जांच की गई। यहां अब तक 48 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। वहीं, पॉजिटिविटी रेट भी 3.2% पर पहुंच गया है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में रविवार को संक्रमण के 22 हजार 543 नए केस सामने आए हैं। प्रदेश में कुल 11 हजार 549 लोगों को पिछले 24 घंटे में डिस्चार्ज किया गया है। इसके अलावा 416 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है।प्रदेश में अब तक कुल 52 लाख 53 हजार 676 सैंपल्स की जांच की गई है। इसमें से 10 लाख 60 हजार 308 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में रविवार को 24 घंटे के अंदर संक्रमण के 6,239 नए मामले सामने आए। एक्टिव केस की संख्या अब 68 हजार को पार कर गई है। यूपी में कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या अब 4,429 हो गई है। प्रदेश में अब तक 3 लाख 12 हजार 36 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसमें से 2 लाख 39 हजार 485 मरीज ठीक हो चुके हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Mumbai Delhi Coronavirus News | Coronavirus Outbreak India Cases LIVE Updates; Maharashtra Pune Madhya Pradesh Indore Rajasthan Uttar Pradesh Haryana Punjab Bihar Novel Corona (COVID-19) Death Toll India Today


from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-cases-live-news-and-updates-14-september-2020-127717730.html
https://ift.tt/3c73hsd

Popular Post