सोमवार, 20 जुलाई 2020

गैंगस्टर विकास दुबे का खास गुर्गा जयकांत वाजपेयी गिरफ्तार; अब काली कमाई का राज खुल सकता है, बेनामी खातों की तलाश शुरू

बिकरूके गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कानपुर के ब्रह्मनगर में रहने वाले कारोबारी जयकांत उर्फ जय वाजपेयीको पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। उस पर विकास को कारतूस सप्लाई करने की पुष्टि हुई है। इसके साथ मुठभेड़ में मारे गए बऊआमिश्रा के जीजा प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू को भी पकड़ाहै। दोनों के खिलाफएफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस जय को हिरासत में लेकर कई दिनों से पूछताछ कर रही थी।

पुलिस नेबतायाकि 3 जुलाई की रात बिकरुगांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम परविकास औरउसके साथियों ने फायरिंग की थी। इसमें 8 पुलिसवाले मारे गए थे।7 अन्य पुलिसवालेजख्मीहो गएथे।

जयकांत पर विकास की मदद करने का आरोप
इस घटनाक्रम को लेकर थाना चौबेपुर में एक केस दर्ज किया गया था। जांच में पाया कि जयकांत और उसकेसाथी प्रशांतने घटना से पहले विकास की मदद की थी। 1 जुलाई को विकास ने जयकांत को फोन करके कुछ रुपए के साथ कारतूस की मांग की थी।

2 जुलाई को गांव पहुंचकर जय ने विकास को 2 लाख रुपएनकद और 25 हजार रुपए के कारतूस दिए थे। घटना को अंजाम देने के बाद विकास और उसके साथियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए जय 3 लग्जरी गाड़ी लेकर भीजा रहा था, लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते तीनों गाड़ियोंको थाना काकादेव इलाके में छोड़कर चला गया था। लंबी पूछताछऔर सबूतों के आधार पर पुलिस ने जयकांत और प्रशांत पर केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया।

मुठभेड़ के बाद काकदेव पुलिस ने बरामद की थी तीन अज्ञात गाड़ियां
घटना के बाद कानपुर में पुलिस को सड़क पर तीन अज्ञात गाड़ियां खड़ी होने की जानकारी मिली थी। जांच करते हुए काकदेव पुलिस जयकांत तक पहुंच गई। घटना के एक दिन बाद से ही जयकांत पुलिस की हिरासत में था। पुलिस पहले ही दिन से जयकांत को विकास का खजांची होने का दावा कर रही थी।

बेनामी खातों की तलाश शुरू
विदेशों में संपत्ति कीजांच कर रही टीम को इस बात का अंदेशा है कि यह सौदा बेनामी खातों और हवाला नेटवर्क के जरिए किया गया है। आयकर टीम उन खातों और हवाला रैकेट तक पहुंचने की कोशिश करेगी। छानबीन में छोटा-सा सुराग हाथ लगते ही फेमा के तहत कारवाई की तैयारी भी की जा रही है। विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि विदेशों में यदि संपत्ति खरीदी गई तो पैसे कैसे ट्रांसफर किए गए।अभी तक जय के बैंक खातों से इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि पैसे विदेशों में भेजे गए हों। अधिकारियों को आशंका है कि विदेशों में पैसा खपाने के लिए हवाला रैकेट का इस्तेमाल किया गया।



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हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के सहयोगी जय वाजपेयी (बाएं) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पहले उससे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी। जय, विकास को कारतूस सप्लाई करता था।


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रेलवे स्टेशनों पर मिलेगा मास्क और सैनिटाइजर, 100 रुपए में स्टेशन पर होगा हेल्थ चेकअप, मुंबई देश का पहला शहर जहां 1 लाख संक्रमित

पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 9,518 नए मामले सामने आए और 258 मरीजों की मौत भी हुई है। इसके साथ ही राज्य में इस महामारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 11,854 हो गई है। सोमवार सुबह तक कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 3,10,455 हो गई है। इसमें अभी तक कुल 1,69,569 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं रविवार को 3906 कोरोना मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए हैं।

मुंबई में देस में सबसे जायदा एक लाख से ज्यादा केस
मुंबई में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,046 नए मामले सामने आए हैं। वहीं कोरोना महामारी से 64 लोगों की मौत हुई है। बृहन्मुंबई नगर निगम के मुताबिक, मुंबई में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल मामले 1,01,224 मामले सामने आए हैं जबकि इस महामारी से अब तक कुल 5,711 लोगों की मौत हो चुकी है। मौजूदा समय में मुंबई में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 23,828 है। मुंबई भारत का पहला शहर बन गया है, जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है।

मुंबई के मलाड इलाके में जारी डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे बीएमसी के स्वास्थ्यकर्मी।

धारावी में अब सिर्फ 143 एक्टिव पेशेंट
मुंबई की 6.5 लाख जनसंख्या वाले धारावी में 24 घंटों के दौरान 36 नए मामले सामने आए हैं। यहां इस महामारी के मामलों की संख्या 2480 हो गई है। धारावी में अभी कोरोना पॉजिटिव केवल 143 मरीजों का इलाज चल रहा है।

मंदिर की जगह, लॉकडाउन से हो रहे आर्थिक नुकसान पर ध्‍यान दे मोदी सरकार: शरद पवार
उत्तर प्रदेश के अयोध्‍या में राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर की जा रही तैयारियों पर राकांपा प्रमुख शरद पावर ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर बनाने से कोरोना खत्म होगा। किस बात को महत्व देना चाहिए ये तय करना होगा। हमें लगता है कि पहले कोरोना खत्म होना चाहिए। लॉकडाउन की वजह से आर्थिक नुकसान हो रहा है, केंद्र सरकार को उस पर ध्यान देना चाहिए।

लॉकडाउन के बीच मलाड में एक घर में कैद युवती अपनी खिड़की की ग्रिल को पेंट करती हुई।

रेलवे स्टेशनों पर मशीन से मिलेंगे मास्क, सैनिटाइजर व ग्लब्ज
कोरोना के प्रकोप को देखते हुए मध्य रेलवे अपने रेलवे स्टेशन पर ऐसी मशीनें लगाने जा रहा है जिससे यात्री कभी भी मास्क व सैनिटाइजर प्राप्त कर सकेंगे। फिलहाल ये हेल्थ एटीएम मुंबई सीएसटीएम, एलटीटी कुर्ला व दादर स्टेशन पर लगाए जाएंगे। मध्य रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि मध्य रेलवे प्रिवेंटिव कियोस्क यानि की एक स्वचालित वेंडिंग मशीन लांच कर रहा है। जिससे ट्रिपल प्लाई मास्क,हैंड सेनिटाइजर और हैंड ग्लव्स मिल सकेंगे। इसके अलावा मुंबई मंडल ने यात्री सामान को सेनेटाइज करने की सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई है, जिससे यात्रियों को यात्रा के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान की जा सके।

मुंबई के आदर्श नगर इलाके में चेकिंग के लिए जाते हुए बीएमसी के स्वास्थ्यकर्मी।

औरंगाबाद में 184 व्यापारी कोरोना संक्रमित हुए
इसके बाद नांदेड़ जिले में संक्रमण के 66 नये मामले दर्ज किए गए और दो लोगों की मौत हुई है। जालना जिले में संक्रमण के 82 नये मामले सामने आये, परभणी में संक्रमण के 29 नये मामले सामने आये हैं। शहर में जारी हार्ड लॉकडाउन के बीच पिछले दो दिन के दौरान 184 व्यापारी कोरोना संक्रमित हुए हैं। बता दें कि यहां हर व्यापारी का कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है।

मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके में लोगों को जागरूक करने के लिए इस तरह के मैसेज सड़कों पर लिखे गए हैं।

100 रुपए में स्टेशन पर होगा हेल्थ चेकअप
यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मुंबई मंडल ने कल्याण, ठाणे और लोकमान्य तिलक टर्मिनस में हेल्थ एवीएम कियोस्क लगाए जाएंगे। मुबंई के 12 उपनगरीय स्टेशनों यानी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, वडाला रोड, चेंबूर, पनवेल, दादर, कुर्ला, घाटकोपर, विक्रोली, भांडुप, मुलुंड, डोंबिवली और बदलापुर स्टेशनों में हेल्थ एटीएम की स्थापना के लिए ई-टेंडर मंगाए गए हैं। इससे यात्रियों को 16 से 18 प्रकार के स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा मिल सकेगी। जिनमें रक्तचाप, रक्त शर्करा, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और अन्य स्वास्थ्य मीट्रिक शामिल हैं। बेसिक स्क्रीनिंग के लिए मात्रा 50 रुपये और हीमोग्लोबिन और ब्लड शुगर के अलावा 18 अन्य पैरामीटर के लिए 100 रुपए शुल्क देना होगा।

मुंबई में आरए कालोनी के पास मेट्रो के काम में लगातार तेजी आ रही है।


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मुंबई में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कुरार के मौली गांव में लोगों का तापमान और ऑक्सीजन लेवल चेक करते बीएमसी के स्वास्थ्यकर्मी।


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डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- डेमोक्रेट कैंडिडेट बिडेन इतने सक्षम नहीं कि देश की कमान संभाल सकें, वे दिमागी तौर पर थके हुए हैं

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रम्प और उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे डेमोक्रेट कैंडिडेट जोबिडेन के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। ट्रम्प ने कहा है कि बिडेन इस लायक नहीं हैं कि वो अमेरिका के राष्ट्रपति बन सकें या देश की कमाम संभाल सकें। ट्रम्प ने बिडेन को दिमागी तौर पर थका हुआ इंसान करार दिया।
इसके कुछ दिन पहले बिडेन ने कहा था कि ट्रम्प की नीतियों का खामियाजा देश को उठाना पड़ रहा है। इस डेमोक्रेट प्रत्याशी ने कोरोनावायरस की रोकथाम में लापरवाही के लिए ट्रम्प की आलोचना भी की थी। इसके बाद से ही ट्रम्प बिडेन पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं।

देश को तबाह कर देंगे बिडेन
अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले महामारी के चलते पब्लिक रैली बंद हो चुकी हैं। अब सोशल मीडिया या इंटरव्यू के जरिए बयानबाजी हो रही है। ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज को एक लंबा इंटरव्यू दिया। इसमें कहा, “बिडेन मेरी आलोचना करते हैं। जबकि, उनको ऐसा करने का हक नहीं है। पहले वो अपने गिरेबां में झांकें। वे इस लायक नहीं हैं कि देश की कमान संभाल सकें या राष्ट्रपति बन सकें। मानसिक तौर पर वो थके हुए व्यक्ति हैं। अगर ऐसा व्यक्ति देश का राष्ट्रपति बनता है तो वो देश को तबाह कर देगा।”

उनकी दलीलें समझ से परे
बिडेन के हालिया भाषण का जिक्र करते हुए ट्रम्प ने कहा, “आप उनकी बातें जरा गौर से सुनें। वे क्या कहते हैं। क्या हम लोगों पर लगाए जा रहे टैक्स को तीन गुना बढ़ा सकते हैं। या क्या हम पुलिस की फंडिंग को रोक सकते हैं। वो कहते हैं कि देश में मजहब के कोई मायने नहीं बचे। क्या लोग इसे मानेंगे।”

क्या बढ़त ले रहे हैं बिडेन?
ट्रम्प से एक सवाल कुछ सर्वे के बारे में भी पूछा गया। इनमें कहा गया था कि बिडेन को ट्रम्प पर थोड़ी बढ़त हासिल है। इस सवाल पर ट्रम्प भड़क गए। उन्होंने कहा, “जिन सर्वे की बात की जा रही है, वे सब फर्जी हैं। व्हाइट हाउस ने भी सर्वे कराया है। हम इनमें काफी आगे चल रहे हैं। तमाम अहम राज्यों में हमें बढ़त हासिल है। इसलिए, इन सर्वे पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ये लोगों को गुमराह करने के इरादे से किए जा रहे हैं।

मम्मी-मम्मी चिल्लाने लगेंगे बिडेन
ट्रम्प ने कहा, “आप जिस तरह के सवाल मुझसे पूछ रहे हैं। या जिस तरह का इंटरव्यू ले रहे हैं। वैसा कभी बिडेन का कीजिए। वो थोड़ी ही देर में मम्मी-मम्मी चिल्लाने लगेंगे। वे कहेंगे कि मुझे घर ले चलो। सवाल ये है कि क्या बिडेन इतने सक्षम हैं कि देश चला सकें। अगर नहीं तो फिर लोगों को सोचना होगा।”

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...
1. भारतवंशी वोटर बड़ा फेरबदल कर सकते हैं; पिछली बार 77% डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में थे, इस बार रिपब्लिकन पार्टी की तरफ ज्यादा झुकाव
2. ट्रम्प ने कहा- कोरोना की समस्या हल होने तक कोई चुनावी रैली नहीं करेंगे, वोटरों से जुड़ने के लिए टेलीफोनिक रैली कर रहे



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डोनाल्ड ट्रम्प ने डेमोक्रेट कैंडिडेट जोए बिडेन पर तंज कसा है। उन्होंने कहा- बिडेन सख्त सवालों का सामना करना नहीं जानते। अगर वे जीते तो देश तबाह हो जाएगा। (फाइल)


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नेशनल चीफ कोच गोपीचंद ने कहा- कोरोना के बीच सितंबर तक खेल शुरू होने की उम्मीद नहीं, लेकिन खिलाड़ी मानसिक तौर पर मजबूत रहें

बैडमिंटन के नेशनल चीफ कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि भारत में इस खेल का भविष्य काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के बीच सभी को उम्मीद थी कि जून-जुलाई तक खेल शुरू हो सकेंगे, लेकिन अब लगता है कि सितंबर के बाद ही खिलाड़ी मैदान पर उतर सकेंगे। जो भी हो, लेकिन खिलाड़ियों के लिए कोर्ट पर उतरने से पहले मानसिक तौर पर मजबूत रहना जरूरी है।

गोपीचंद ने ही पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत जैसे स्टार शटलर को ट्रेनिंग दी है। उन्होंने कहा कि सिंधु-साइना की सफलता ने ही बैडमिंटन को पिछले एक दशक में भारत के सबसे पसंदीदा खेलों में से एक बना दिया है।

सिंधु को 16 साल की उम्र से तैयार किया
नेशनल कोच ने एक वेबिनार में कहा कि 2004 में हैदराबाद में जब सिंधु, साइना और श्रीकांत समेत 25 खिलाड़ियों को कोचिंग देना शुरू किया था। उस समय सिंधु की उम्र 16 साल ही थी। तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत वर्ल्ड लेवल के ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कह सकता हूं कि बैडमिंटन पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा सफल रहने वाला खेल है। 2004 में जब मैंने कोचिंग करियर शुरू किया था, तब हैदराबाद में सिर्फ 10 अच्छे कोर्ट थे, लेकिन अब 1 हजार से ज्यादा हैं।’’

सिंथेटिक शटल से बैडमिंटन के खर्चे कम होंगे
गोपीचंद ने कहा, ‘‘देश में कई ट्रेनिंग एकेडमी हैं, लेकिन मेरे यहां पंजाब, मिजोरम और विदेशों तक बच्चे आते हैं। एक बच्चे के पेरेंट्स तो हैदराबाद में ही बस गए। आने वाले दिनों में कई वर्ल्ड चैम्पियन लेवल के भारतीय खिलाड़ी तैयार होने वाले हैं। भविष्य में सिंथेटिक शटल से भी खेलना शुरू हो जाएगा, जिससे खर्चों में काफी कमी आएगी।’’ उन्होंने 2001 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियन बनने को अपनी बेस्ट उपलब्धि बताया।

कोई नहीं जानता कोरोना के बीच खेल कब शुरू होंगे
उन्होंने कहा कि यह महामारी का समय खिलाड़ियों के लिए अनुशासन में रहने का टेस्ट है। गोपीचंद ने कहा, ‘‘हम सभी सोच रहे थे कि जून-जुलाई या अगस्त तक खेल शुरू सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब लोग सितंबर के बाद के बारे में सोच रहे हैं। सही मायने में कोई नहीं जानता कि खेल कब शुरू होंगे। जरूरी बात यह है कि अगले किसी टूर्नामेंट में खेलने से पहले खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत रहें।’’



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गोपीचंद ने कहा- 2004 में जब मैंने कोचिंग करियर शुरू किया था, तब हैदराबाद में सिर्फ 10 अच्छे कोर्ट थे, लेकिन अब 1 हजार से ज्यादा हैं। -फाइल फोटो


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पिथौरागढ़ के मदकोट गांव में 3 लोगों की मौत, पास के गांव के 8 लोग लापता; रेस्क्यू जारी

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के मदकोट गांव में बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई। पास के गांव के 8 लोग लापता हैं। पिथौरागढ़ के डीएम वी के जोगडांडे ने बताया कि रेस्क्यू टीम मौके पर है।

बादल फटने से मदकोट गांव में अचानक पहाड़ से मलबा बहकर आ गया और बाढ़ जैसे हालात हो गए। आस-पास के गांव भी इसकी चपेट में आ गए। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक भारी बारिश से मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

रविवार रात हुई तेज बारिश के बाद गोरी नदी में पानी बढ़ गया जो आस-पास के गांवों में घुस गया। मुनस्यारी में 5 घर बह गए। पिथौरागढ़ के डीएम ने बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। सभी को कंपेनसेशन दिया जाएगा। 30 और घरों पर भी खतरा हैं।



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बादल फटने से पहाड़ों से मलबा बहकर आ गया, कई घर इसकी चपेट में आ गए।


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जापान के स्पेस सेंटर से मंगल के लिए सैटेलाइट भेजा गया, यह उपलब्धि हासिल करने वाला यूएई दुनिया का 7वां देश

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का मार्स मिशन ‘होप’ रविवार को जापान के तानेगशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। इसे स्थानीय समयानुसार सुबह 6.58 बजे मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज के एच-आईआईए रॉकेट से लॉन्च किया गया। मित्सुबिशी के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट रॉकेट से अलग हो गया है और सही ढंग से काम कर रहा है। खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग में पांच दिन की देरी हुई।रूस, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, चीन, जापान, भारत के बाद यूएई यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का सातवां देश है।

दुबई के मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर में भी लोगों ने लॉन्चिंग को बड़े स्क्रीन के जरिए देखा। जैसे ही आर्बिटर रॉकेट से अलग हुआ, सभी साइंटिस्ट्स ने ताली बजाकर खुशी जाहिर की। इमिरेट्स के मार्स मिशन के डायरेक्टर ओमरान शराफ ने लिफ्ट ऑफ के डेढ़ घंटे बताया कि यह सही सिग्नल्स भेज रहा है।

यह यूएई के स्पेस सेक्टर के लिए अहम
होप मिशन यूएई के स्पेस सेक्टर के लिए अहम माना जा रहा है। यूएई के 450 से ज्यादा इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स करीब 6 साल से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। अब तक देश ने सिर्फ तीन सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेजे हैं। ये तीनों पृथ्वी के वायुमंडल में होने वाले बदलावों और इसके असर पर नजर रखने के मकसद से भेजी गएहैं। इनमें से दो दक्षिण कोरिया ने तैयार किए और रूस ने लॉन्च किया था। पहली बार है जब यूएई ने देश मेंतैयार ऑर्बिटर अंतरिक्ष में भेजा है।

आर्बिटर के फरवरी 2021 में मंगल तक पहुंचने की उम्मीद

होप आर्बिटर के फरवरी 2021 तक मार्स की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है। यह मिशन यूएई के लिए अहम माना जा रहा है। आर्बिटर कम से कम दो साल तक मंगल की कक्षा के चक्कर लगाएगा। इसमें तीन ऐसे इंस्ट्रूमेंट लगे हैं जो मंगल ग्रह के ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन करेंगे और क्लाइमेट चेंज के बारे में जानकारी जुटाएंगे। यूएई ने कहा कि यह पहली बार अलग-अलग मौसम में मंगल के वायुमंडल की पूरी तस्वीर सामने रखेगा।

पहली बार यूएई के अंतरिक्ष मिशन की कमान महिला संभाल रही

पहली बार यूएई ने अंतरिक्ष मिशन की कमान महिला साइंटिस्ट सारा अल अमीरी को सौंपी है। सारा ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस मिशन की लॉन्चिंग के शुरुआती 24 घंटे में वह खुद इस पर नजर रखेंगी। क्योंकि इसी समय में उन्हें मिशन की सफलता से जुड़े शुरुआती नतीजे मिलेंगे। सारा पहले दुबई के राशिद स्पेस सेंटर में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करतीं थीं। उन्होंने शारजाह की अमेरिकन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में डिग्री ली है।



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दुबई के मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर में एक बड़ी स्क्रीन के जरिए मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों ने लॉन्च की लाइव तस्वीरें देखी। लिफ्ट ऑफ के बाद वैज्ञानिकों ने ताली बजाकर खुशी जाहिर की।


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पाकिस्तान में खुदाई के दौरान 1700 साल पुरानी बुद्ध प्रतिमा मिली, कट्टरपंथियों ने इसे हथौड़े से तुड़वा दिया

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की एक प्राचीन प्रतिमा मिली। कुछ लोगों ने इसे हथौड़े से तोड़ दिया। बताया जाता है कि यह मूर्ति तीन सदी पुरानी है। घटना के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किए जाने का भी दावा किया गया है। सरकार ने इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया।

स्थानीय नेता ने उकसाया
मीडिया रिपोर्ट्स के दौरान, तख्त-ए-बही इलाके में कुछ दिनों पहले मकान बनाने के पहले खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान ठेकेदार और उसके तीन मजदूरों को एक लेटी हुई बुद्ध प्रतिमा नजर आई। बात फैली तो एक वहां एक लोकल कट्टरपंथी नेता पहुंचा। उसने मजदूरों से प्रतिमा को तोड़ने को कहा। स्थानीय पुलिस ने कहा- अभी यह साफ नहीं कहा जा सकता कि किसके कहने पर प्रतिमा तोड़ी गई।

वीडियो भी सामने आया
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें एक शख्स मजदूर से मूर्ति तोड़ने को कह रहा है। वह हाथ से मूर्ति पर लगी मिट्टी भी हटाता है। पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि इस बारे में पहले आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट को जानकारी दी जानी थी। लेकिन, संबंधित लोगों ने ऐसा नहीं किया। लिहाजा, इनकी गिरफ्तारी की गई है।वीडियो स्थानीय भाषा में है। लिहाजा, इसमें बातचीत समझ नहीं आती।

1700 साल पुरानी मूर्ति
पुलिस ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है। जानकारी के मुताबिक, यह मूर्ति करीब 1700 साल पुरानी है। तोड़े जाने से पहले यह काफी अच्छी हालत में थी। पुलिस ने आर्कियोलॉजीडिपार्टमेंट को इसकी जानकारी दी है। अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस इलाके में कुछ ऐसी ही और प्रतिमाएं तो नहीं दबीं। खैबर में पहले श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया से लोग आते रहे हैं।



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फोटो उस वीडियो से लिया गया है जो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें कुछ लोग बेशकीमती बुद्ध प्रतिमा को तोड़ते नजर आ रहे हैं।


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नाइजीरिया के विदेश मंत्री की रिपोर्ट पॉजिटिव, ट्रम्प ने कहा- अमेरिका की मृत्यु दर सबसे कम; दुनिया में अब तक 1.46 करोड़ संक्रमित

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 1 करोड़ 46 लाख 40 हजार 349 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 87 लाख 34 हजार 789 ठीक हो चुके हैं। 6 लाख 8 हजार 856 लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि देश में मृत्यु दर सबसे कम है। यहां अब तक 1 लाख 43 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि 38.98 लाख संक्रमित हैं।

नाइजीरिया के विदेश मंत्री जीयोफ्फरे ओनेयामा पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी चौथी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। पश्चिमी अफ्रीकी देश में अब तक 36,107 मरीज हैं, जबकि 778 मौतें हुईं हैं।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 38,98,550 1,43,289 18,02,338
ब्राजील 20,99,896 79,533 13,71,229
भारत 11,18,107 27,503 7,00,399
रूस 7,71,546 12,342 5,50,344
द.अफ्रीका 3,64,328 5,033 1,91,059
पेरू 3,53,590 13,187 2,41,955
मैक्सिको 3,44,224 39,184 2,17,423
चिली 3,30,930 8,503 3,01,794
स्पेन 3,07,335 28,420 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,94,792 45,300 उपलब्ध नहीं

ब्राजील: 79 हजार से ज्यादा मौतें
लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में 24 घंटे में 23,529 नए मामले सामने आए हैं। यहां संक्रमितों की संख्या 21 लाख पहुंच गई है। देश में अब तक करीब 21 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है। एक दिन में यहां 716 लोगों की जान गई है। यह मरने वालों की संख्या 79,488 पहुंच गई है। ब्राजील में 14 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण से पूरी तरह ठीक भी हुए हैं। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित शहर साओ पाउलो में अब तक 4 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 19,732 लोगों की मौत हो चुकी है।

इजराइल: 50 हजार से ज्यादा मरीज
इजरायल में 24 घंटे में संक्रमण के 670 नए मामले मिले हैं। इसके साथ ही मरीजों की संख्या 50,035 हो गई है। इजरायल दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है, जिसने महामारी पर काफी हद तक काबू पा लिया है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में नए मामलों में तेजी देखी गई है। यहां मरने वालों की संख्या 409 हो गई है। देश में अब तक 21,589 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश में बने सामानों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सके।



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यह फोटो न्यूयॉर्क के एक पार्क की है। महामारी के बीच बढ़ती गर्मी के बाद लोग पार्क में बैठकर एन्जॉय करते नजर आ रहे हैं। राज्य में अब तक 32 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।


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24 घंटे में 40243 मरीज बढ़े, देश में अब तक 11 लाख से ज्यादा केस; उत्तर प्रदेश में हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा रहा

देश में मरीजों की संख्या 11 लाख 18 हजार 17 हो चुकी है। रविवार को रिकॉर्ड 40 हजार 253 लोग पॉजिटिव पाए गए। एक दिन में अब तक का ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। उधर, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में अब हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोगों की जांच की जा रही है। राज्य में अब तक 14 लाख 70 हजार से ज्यादा टेस्ट हो चुकी है।

हालांकि, इस बीच राहत की खबर है कि देश में ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा भी 7 लाख के पार हो गया। अब तक 7 लाख 399 लोग बीमारी से रिकवर होकर घर जा चुके हैं। रविवार को 22 हजार 742 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। अभी 3 लाख 89 हजार 803 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। 27 हजार 503 मरीजों की मौत हो गई। येआंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

अपडेट्स

  • सावन के तीसरे सोमवार को आज देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पुजारियों ने पूजा की। महामारी के चलते भक्तों के लिए मंदिर बंद किया गया।
  • मॉनसून और सर्दी के मौसम में देश में संक्रमण और तेजी से बढ़ेगा। आईआईटी भुवनेश्वर और एम्स के रिसर्चर्स की स्टडी में यह जानकारी मिली है। इसमें कहा गया है कि बारिश से तापमान में गिरावट और सर्दी में ठंड बढ़ने से संक्रमण आसानी से फैल सकेगा।

5 राज्यों का हाल

मध्यप्रदेश: राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच आज 837 नए मामले सामने आए और कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 22600 हो गयी है। इसके साथ ही एक्टिव केस की संख्या 6568 हो गयी है। रविवार को विभिन्न जिलों में 15 लोगों की मौत हो गई। इसमें सबसे ज्यादा भोपाल में 5 और इंदौर में 4 मरीज की मौत हुई है। अभी तक कोरोना के कारण 721 लोगों की जान जा चुकी है। अब एक्टिव केस 6568 हैं और पिछले 20 दिनों में इनकी संख्या बढ़कर दोगुना से अधिक हो गयी है। कुल 15986 सैंपल की जांच में 837 सैंपल पॉजीटिव पाए गए और कुल संक्रमितों की संख्या 22600 हो गयी। हालाकि इनमें से अभी तक 15311 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। आज स्वस्थ होने वाले 447 व्यक्ति हैं, जो नए मिले प्रकरणों की तुलना में लगभग आधे हैं।

महाराष्ट्र: रविवार को राज्य में रिकॉर्ड 9,518 नए मामले सामने आए हैं। वहीं कोरोना महामारी से 258 मरीजों की मौत भी हुई है। इसके साथ ही राज्य में इस महामारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 11,854 हो गई है। महाराष्ट्र में रविवार को 3906 कोरोना मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए।

उत्तरप्रदेश: यूपी में रविवार को कोरोना के मामलों ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 2250 नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों की कुल संख्या 18256 हो गई है। प्रदेश में अब तक कोरोना से कुल 29845 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं इस महामारी से अब तक 1146 लोगों की मौत भी हुई है। प्रदेश में अब तक सर्विलांस से 30784 कंटेनमेंट इलाकों में 1,26,31,642 घरों का सर्विलांस किया गया है। इसमें 6,43,77,426 लोग रहते हैं।

राजस्थान:राज्य में रविवार रात 8:30 बजे तक कोरोना के 934 नए मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में कुल मामलों की संख्या 29434 हो गई है, जिसमें 7145 सक्रिय मामले शामिल हैं। छह मौतों के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 559 हो गई है। राजस्थान में रविवारको कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,693हो गई हैं। मरने वाले की संख्या556हो गई हैं।राजस्थान में सक्रिय मामले 6871 हैं।

बिहार:राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में एक टीम बिहार पहुंचीं। केंद्रीय टीम ने बिहार के स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय टीम ने सुझाव दिया कि वर्तमान हालात से निपटने के लिए कोरोना की जांच के तरीके में बदलाव लाया जाए। इसके बिना हालात में परिवर्तन लाना मुश्किल है। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में केंद्रीय टीम ने राज्य में जांच और इलाज को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। इसके बाद संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये गए उपायों की जानकारी भी ली।



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यह फोटो नई दिल्ली की है। महामारी के दौरान लोग भोजन बांटे जाने का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली में अब तक 1 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।


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जिन कंपनियों ने श्रमिकों को भगाया अब वे ही बुला रहे हैं, डेढ़ गुना पगार, एडवांस और एसी बसों का किराया भी दे रहे हैं

25 मार्च को पहली बार लॉकडाउन के बाद हजारों किमी पैदल चलकर लौटने वाले श्रमिक अब वापस काम के लिए अलग-अलग राज्यों में लौटने लगे हैं। कोरोना के खतरे के बावजूद। कारण, जिन कंपनी वालों ने, मालिकों ने लॉकडाउन में काम बंद होने पर उन्हें वेतन और आश्रय देने से मना कर दिया था, अब वहीउन्हें 20 हजार रुपए एडवांस, डेढ़ गुना पगार के साथ लौटने के लिए एसी बसें भी भेज रहे हैं। इसके पीछे मुख्य वजह राज्य सरकार की ओर से इन प्रवासी श्रमिकों के लिए लाई जा रही योजनाएं हैं। जिनके कारण अब काफी संख्या में प्रवासी वापस नहीं जाने का मन बना चुके हैं।

दैनिक भास्कर की 9 टीमें उन 10 जिलों के 61 गांवों में पहुंची, जहां सबसे अधिक प्रवासी लौटे थे। इनमें 7 जिलों के गांवों से औसतन 50% से ज्यादा लोग वापस काम पर लौट चुके हैं। कुछ जो लौटे हैं, उनकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं कि दिल्ली-पंजाब-तेलंगाना आदि में काम कैसा चल रहा।

उसी के मुताबिक, वे भी अपना जाने का प्रोग्राम बनाएंगे। कई ऐसे हैं, जिन्हें अपने गांव में ही काम मिल गया और कई अभी अपने गांव-क्षेत्र में ही काम का रास्ता देख रहे हैं। उनका कहना हैं कि हमारी पूरी कोशिश होगी कि लौटना न पड़े। अभी मनरेगा में काम मिल रहा है, लेकिन हम साल के 365 दिन का काम चाहते हैं।

पूर्णिया के धीमा में तालाब निर्माण करते मजदूरों में ज्यादातर बाहर से लौटे हैं।

ज्यादातर लोगों का मानना है कि सरकार अच्छा प्रयास कर रही है, लेकिनपरदेस जैसी कमाई यहां मुश्किल है। 90 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अब फैक्ट्री मालिक और खेती कराने वाले पहले से ज्यादा पैसा दे रहे हैं। लौटने का खर्च और पिछला बकाया भी। इसी कारण अभी परिवार यहीं छोड़कर जा रहे हैं। अगर सब ठीक रहा तो परिवार भी ले जाएंगे। नहीं तो फिर लौटकर तो आना ही है।

अररियाःलगभग 300 मजदूर लौटे हैं, कुछ और भी लौटना चाहतेहैं

अररिया के भरगामा, धनेसरी, रानीगंज से एसी बसों में कितने लोग लौटे, इसका सरकारी रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन गांव वाले नाम गिनाते जाते हैं। बताते हैं- “बुलाने वाले ने एडवांस में 20-20 हजाररुपए तक दिए। जिन्हें अच्छा लगा- निकल पड़े पिछला दर्द भूलकर।”वैसे, सीमांचल में मनरेगा से मिली राहत दिखती है। बिजली कंपनियों ने भी बड़ी संख्या में लोगों को काम दिया है।

लेकिन, इन सभी पर परदेस के ऑफर भारी हैं।भरगामा आसपास के 50 श्रमिकों ने बताया कि बड़ी संख्या में मजदूर लौट रहे हैं। इन्होंने कहा- “दिल्ली में फैक्ट्री खुल गई है, बुलावा आ रहा है।” भटगामा बाजार में 20-25 मजदूरों से बात हुई तो कहा- “लगभग 300 मजदूर लौटे हैं। कुछ और भी लौटना चाह रहे हैं।”

किशनगंजः यहां काम नहीं मिला तो वापस दिल्ली लौट जाएंगे

तीन गांवों में 150 लोगों से मुलाकात हुई। बहादुरगंज में मिले मजदूरों ने कहा- “हाथों में हुनर है, लेकिन काम नहीं मिल रहा। बाहर थे तो कमाकर भेजते थे। अभी खुद बोझ हैं। मनरेगा से काम मिलता है, मगर रोज नहीं और पैसे भी कम हैं।” तारिक, फैजान, रुस्तम, साकिब, दिलशाद, नजीम कहते हैं कि ढंग का काम मिला तो जरूर रुकेंगे, नहीं तो दिल्ली वापस लौट जाएंगे।

नौतन प्रखंड के प्रवासी मजदूरों की तस्वीर। इनमें से ज्यादातर लोग वापस लौटना चाहते हैं।

बेतियाः कई लोग पंजाब जाना चाहते हैं

13 गांवों के 250 लोगों ने जब लॉकडाउन में अपने लौटने की कहानी सुनाई तो हमारी भी आंखें नम हो गई। उन्होंने कहा कि- भूख और कोरोना में से एक को चुनने की बारी आई तो हमने कोरोना को चुना, इससे बड़ी बीमारी कोई नहीं। इन लोगों से भास्कर टीम ने आग्रह किया कि कुछ ऐसे लोगों से बात करवाएं जो दूसरे राज्यों मेंदोबारा काम पर लग चुके हैं।

नवलपुर बलुआ के भूटन राम ने पटियाला से मोबाइल पर कहा- “वहां खेत पर काम कर रहा है। कीमत पहले से अधिक। कोरोना का डर अभी मालिक और श्रमिक दोनों को है...लेकिन मजबूरी दोनों की है। अब काफी लोग उनके पास (पंजाब) जाना चाहते हैं।”

मोतिहारीः लोगों को इस बात का डर है कि पुरानी नौकरी मिलेगी कि नहीं
यहां अलग-अलग गांवों के 125 लोगों से बातचीत की। ढाका प्रखंड में पचपकड़ी पंचायत के रूपौलिया गांव में मिले डेढ़ दर्जन से ज्यादा मजदूरों ने फिर से वापस जाने की बात कही। हरिशंकर प्रसाद, श्यामदेव पासवान ने कहा- जहां-तहां दुकान लगाकर परिवार चलाते थे, अब दिनभर इस चिंता में अकेले बैठे रहते हैं।

राम जायसवाल, आशिफ आलम, शाह आलम, मंगल प्रसाद, विनय पासवान, मो. अल्लाउद्दीन...कोरोना से ज्यादा भूख से डरे हुए हैं। पताही के नोनफोरवा में मिले विजय सिंह ढाई महीने से बेकार बैठे हैं। उन्हें इस बात का भी डर है कि लौटे तो उन्हें पुरानी नौकरी भी मिलेगी या नहीं।

कटिहार के कुरसेला में मनरेगा के तहत काम करते प्रवासी मजदूर।

कटिहारः लगभग 500 मजदूर सूरत और दिल्ली लौट चुके हैं

मनरेगा से मजदूरी और जीविका की मदद से काम चला रहे हैं, लेकिन लगभग सभी की नजर वापसी पर ही है। चांदी पंचायत में मिले 125 लोगों में से नयाटोला के मेहरूल, गनी, जालिम, मिनहाज, इस्तेखार, अब्दुल मतीन, जब्बार बताते हैं कि जॉब कार्ड तो बना, मजदूरी भी मिली, लेकिन परदेस जैसी कमाई यहां कहां है। बलरामपुर के आबादपुर और शिकारपुर पंचायत से लगभग 500 मजदूर सूरत और दिल्ली लौट चुके हैं।

बोचहां प्रखंड मुख्यालय पर काम मांगने के लिए पहुंचे प्रवासी मजदूर।

मुजफ्फरपुरः ज्यादातर लोगों ने गांव में रहकर सब्जी बेचने की बात कही

अनलॉक-1 में पंजाब-हरियाणा से गाड़ियां आकर मीनापुर, मोतीपुर और औराई प्रखंड से काफी संख्या में मजदूरों को ले गईं। जाने वालों को बस समय का इंतजार है। बंदरा प्रखंड के तेपरी गांव में दो दर्जन लोगों से बात हुई। मुंबई से लौटे अमरजीत और विकास 6 लोगों का परिवार नहीं चला पा रहे। हरियाणा में टाइल्स मिस्त्री रहे रजनीश कुमार हालत में सुधार का इंतजार कर रहे हैं।

साहेबगंज प्रखंड के जीता छपरा गांव के कौलेश्वर पंडित कहते हैं- “राजस्थान में 15 हजार रुपए महीने का मिलता था, खाना-कमरा फ्री था। वहां से फिर बुलावा है, लेकिन कोरोना में कैसे जाएं। चले भी जाएं और फिर लॉकडाउन हो गया तो क्या करेंगे।बोचहां प्रखंड के सरफुद्दीनपुर समेत आसपास के 5 गांवों में 150 लोगों में से अधिकतर ने सब्जी बेचकर गुजारा करने की बात कही।”

दरभंगाः लोगों का कहना है कि सरकार यहीं काम दिला दे तो बेहतर होगा

भास्कर की टीम ने यहां चार प्रखंडों के लोगों से बात की। लोगों ने बताया कि194 रुपए का काम, वह भी रोज नहीं। इसलिए, लोग टूट जा रहे हैं। जिसे बुलावा आ रहा, निकल जा रहा। सदर प्रखंड के अतिहर गांव में मंदिर पर 50-60 मजदूर मिले। ललन, ध्यानी, रामचंद्र, लक्ष्मी, रामउद्गार, सुबोध, रमेश, संतोष मंडल सभी ने कहा- जल्दी काम नहीं मिला तो परदेस जाना ही पड़ेगा।

हर बाढ़ को झेलने वाले कुशेश्वरस्थान प्रखंड में अलग- अलग जगहों पर 250 लोगों से बात हुई। बहादुरपुर प्रखंड के उसमामठ गांव में मिले 70 लोगों ने कहा कि काम ही नहीं मिल रहा। कई लोगों ने कहा कि सरकार यहीं काम दिला दे तो बेहतर होगा।

गया में भास्कर टीम से बात करते श्रमिकों के परिजन।दुबहल गांव में लौटे 65 श्रमिक फिर वापसी की तैयारी में हैं।

गयाः यहां के ज्यादातर प्रवासी वापस लौटना चाहते हैं

सारा दुख-पीड़ा भूल मजदूर फिर परेदस जाने की तैयारी में हैं। छह गांवों के 250 लोगों से बातचीत में यही निकला। भास्कर टीम जब गुरारू प्रखंड के बरोरह और डबूर पंचायत मुख्यालय पहुंची तो प्रवासी मजदूरों का डाटा अपलोड कैंप लगा था।लुधियाना से अंबा गांव लौटे संजीव कुमार ने कहा- “वहां रोज 600 रुपए कमाता था। यहां संभव नहीं दिख रहा” डबूर गांव के विनय पाल को भी नोएडा जाना है, स्थिति सुधरे तो। रौंदा निवासी मनीष और उसकी पत्नी दिव्यांग हैं। दोनों फिर दिल्ली जाना चाह रहे हैं। इमामगंज प्रखंड के दुबहल गांव में लौटे 65 श्रमिक फिर वापसी की तैयारी में हैं।



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तस्वीर बिहार के कटिहार जिले की है। जहां प्रवासी मजदूरों को वापस ले जाने के लिए एसी बस लगी हुई है।


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पाकिस्तानियों ने ग्रेनेड फेंका, मैं जख्मी था, मौत सामने थी; तभी विक्रम बत्रा मुझे खींचकर बंकर के बाहर ले गए और बोले- अन्ना डरना नहीं, मैं आ गया हूं

कैप्टन नवीन नागप्पा 12 दिसंबर, 1998 को इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ट्रेनिंग के बाद 13 जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स यूनिट में भर्ती हुए थे। सेना में पहली पोस्टिंग उन्हें जनवरी 1999 में कश्मीर में मिली। उन्हें काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन के लिए सोपोर भेजा गया। अभी सर्विस के महज 6 महीने ही हुए थे कि उन्हें करगिल भेज दिया गया। करगिल से जुड़ी उनकी यादें और बातें पॉजिटिविटी का एक हाईडोज है। उनकी जुबानी उनकी कहानी ...

बात 21 साल पहले जुलाई 1999 की है। 4 जुलाई 1999 को हमें प्वॉइंट 4875 पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य मिला। मिशन पर जाने से पहले सभी जवान एक दूसरे के गले लग रहे थे। मैं भी बारी-बारी से सबसे मिल रहा था। जब कैप्टन विक्रम बत्रा के पास पहुंचा तो विक्रम बोले, गले लग ना यार जाने कौन सी मुलाकात आख़िरी होगी। आज भी उस पल को याद करते हुए मैं इमोशनल हो जाता हूं। आंखों के सामने वो पल, वो सबकुछ जो उस दिन हुआ, आने लगता है।

12 दिसंबर, 1998 को इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ट्रेनिंग के बाद नागप्पा 13 जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स यूनिट में भर्ती हुए थे।

मिशन पर जाने से पहले मुझे एक टास्क दिया गया। मुझे अपने यूनिट के 120 जवानों से अनपोस्टेड लेटर लिखवाने को कहा गया ताकि अगर कोई जवान युद्ध से जिंदा वापस नहीं लौट सके तो यह खत उसके परिवार को भेजा जा सके। जवानों से जाकर ये कहना कि वो अपने परिवार के लिए, अपने माता-पिता के लिए एक चिट्‌ठी लिखें जिसमें वो अपना आखिरी संदेश उन तक पहुंचाना चाहते हो, बहुत ही मुश्किल टास्क था।

सभी जवानों ने अपने परिवार के लिए पत्र लिखे। उसके बाद उनसे कहा गया कि सभी अपने बटुए और आईडी कार्ड भी जमा कर दें। आईडी कार्ड लेकर मिशन पर जाना खतरनाक हो सकता था। क्योंकि, यदि कोई जवान गलती से युद्धबंदी हो जाए तो दुश्मन उसका बेजा इस्तेमाल कर सकता था।

वो ऐसा पल था जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, सिर्फ महसूस किया जा सकता है। कोई अपने बटुए से अपनी मां की फोटो निकाल कर चूम रहा था तो कोई अपनी पत्नी और बच्चों के फोटो को सीने से लगा के दुलार रहा था। किसी को पता नहीं था कि कल को क्या होने वाला है, कौन जिंदा लौटकर आएगा और कौन तिरंगे में लिपटकर घर जाएगा।

तस्वीर में कैप्टन नागप्पा अपने सीनियर कैप्टन विक्रम बत्रा की फोटो दिखाते हुए। दोनों साथ में करिगल की लड़ाई लड़े थे।

इसके बाद हमने और सभी जवानों ने एक साथ हमारे यूनिट के वॉरक्राय, दुर्गा माता की जयकारे लगाए और खुद की और परिवार की चिंता छोड़कर अपने मोर्चे पर निकल पड़े। तब हमारे मन में बस एक ही टारगेट था कि चाहे कुछ भी हो जाए प्वॉइंट 4875 पर तिरंगा फहराने के बाद ही लौटेंगे।

5 जुलाई को हम रेंगते हुए दुश्मन के बंकर तक पंहुच गए। पाकिस्तानियों को पता नहीं था कि हम उनके बंकर के पास पहुंच गए हैं। हमने अपनी टीम को डिवाइड किया और एक साथ दुश्मन के तीन बंकरों पर अटैक कर दिया, उनका बंकर तबाह कर दिया।

इस बीच मेरी नजर एक जवान पर पड़ी जो हमारा ही यूनिफॉर्म पहना हुआ था। जब मैं उसके पास पहुंचा तो देखा कि वो श्याम सिंह था। उस पल को याद करते हुए आज भी मेरे आंखों में आंसू आ जाते हैं। श्याम सिंह मेरा सहायक था, हमारी पहचान सिर्फ 6 महीने पुरानी थी, लेकिन हमारे बीच बॉन्डिंग इतनी अच्छी हो गई थी कि वह बीमार होने के बाद भी युद्ध के लिए मेरे साथ आया था।

मैं तो उसे मना कर रहा था, लेकिन वह नहीं माना। उसने कहा कि वह अच्छे वक्त में मेरे साथ था तो आज मुश्किल वक्त में मेरा साथ कैसे छोड़ सकता है। मेरे लिए वह बेहद ही मुश्किल पल था, आखों में आंसू थे लेकिन, उन्हें दबाकर रखा ताकि दूसरे जवानों का मनोबल कमजोर न हो। तब मैंने सोच लिया, अब तो बिना दुश्मनों को तबाह किए वापस नहीं लौटूंगा।

अपने परिवार के साथ कैप्टन नवीन नागप्पा। वे अभीमिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर हैं।

खून और बारूद से लथपथ बर्फ के टुकड़ों को तोड़कर उससे अपनी प्यास बुझा रहे थे

दोनों तरफ से पूरे दिन और रातभर हमला होता रहा। 6 जुलाई की सुबह ले.जनरल वाय के जोशी हमारे कमांडिंग ऑफिसर जो तब लेफ्टिनेंट कर्नल थे, उन्होंने फोन किया और जवानों का हालचाल पूछा। हमारे जवान पिछले 48 घण्टे से भूखे थे, पानी भी नहीं था हमारे पास।

जवान इस कदर भूखे और प्यासे थे कि खून और बारूद से लथपथ बर्फ के टुकड़ों को तोड़कर उसे चूसकर अपनी प्यास बुझा रहे थे। वहां और कोई ऑप्शन नहीं था हमारे पास। ऐसे मुश्किल हालात में भी हमने खाने से ज्यादा एम्युनेशन नीचे से हमारे पास पोस्ट पर भेजने को कहा।

दोनों ओर से फायरिंग चलती रही। 7 जुलाई की सुबह, पाकिस्तानियों ने मेरे बंकर के पास एक ग्रेनेड फेंक दिया। मुझे पता था कि यह चार सेकंड में फटेगा। इतने कम समय में मुझे डिसिजन लेना था। जैसे-तैसे करके मैंने उसे उठाकर दूर फेंकने की कोशिश की लेकिन वह एक पत्थर से टकराकर वापस मेरे पास ही आकर गिरा। तब तो मुझे लगा कि अब मैं जिंदा नहीं बचूंगा। मेरे आंखों के सामने मेरी पूरी फैमिली दिखाई देने लगी। मौत को बहुत करीब से देख रहा था।

करगिल वॉर 1999 के दौरान कैप्टन नागप्पा की तस्वीर, उनके साथ बीच में कैप्टन विक्रम बत्रा भी खड़े हैं जो 7 जुलाई 1999 को शहीद हो गए।

मैंने संभलने की कोशिश की, लेकिन उससे पहले ही वह ब्लास्ट हो गया। मैं बुरी तरह घायल हो गया। कुछ देर तक मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कहां हूं। उसके बाद कैप्टन बत्रा दौड़कर मेरे पास आए। वो बोले, अन्ना डरना नहीं मैं आ गया हूं। मुझे भी हिम्मत मिली कि अब जब मैं ग्रेनेड फटने से नहीं मरा तो मुझे कुछ नहीं हो सकता।

मैंने अपनी एके 47 उठाई और फायरिंग शुरू कर दी। लेकिन, बत्रा ने मुझे मना किया और कहा कि नीचे लौट जाओ। मैं नीचे नहीं जाना चाहता था, लेकिन वो मुझसे सीनियर थे, उनकी बात माननी पड़ी। उन्होंने वहां से उठाया और मुझे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

करगिल युद्ध के दौरान नागप्पा बुरी तरह जख्मी हो गए थे। 21 महीने तक उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा।

वहां से रेंगते हुए मैं नीचे पहुंचा जहां जवानों ने मुझे स्ट्रेचर पर उठाया और अस्पताल लेकर पहुंचे। मुझे वहां से श्रीनगर भेजा गया और फिर श्रीनगर से दिल्ली। उसी दिन मुझे खबर मिली कि हमने 4875 प्वॉइंट पर तिरंगा फहरा दिया है। यह मेरे लिए खुशी की बात थी लेकिन दुख इस बात का था कि मैंने अपने दोस्त विक्रम बत्रा को खो दिया था। वह इस लड़ाई में शहीद हो गए। एक दिन हम दोनों पास में ही अपने-अपने बंकर पर थे। दोनों बात कर रहे थे।

आज भी मुझे याद है जब उन्होंने अपने रिटायरमेंट प्लान के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था- ‘मैं हिमाचल में अपना एक फॉर्म खोलूंगा और वहीं पर तुम भी आना।’ मैं करीब 21 महीने दिल्ली अस्पताल में भर्ती रहा। इस दौरान 8 सर्जरी हुई मेरी। उसके बाद मुझे सर्विस के लिए मेडिकली अनफिट बता दिया गया। मैं सिर्फ 6 महीने ही सर्विस में रह सका। उसके बाद मैंने 2002 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज की परीक्षा पास की और मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में बैंगलुरू के आर्मी बेस कैम्प में आज सुपरिटेंडेंट इंजीनियर हूं।



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Story of Captain Naveen Nagappa - Kargil War Fighter


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कर्नाटक में मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े को देना पड़ा था इस्तीफा, नीरा राडिया टेप कांड में कई बड़े मंत्री और बिजनेसमैन थे सवालों के घेरे में

राजस्थान में सियासी घमासान जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आमने-सामने की जंग में अब ऑडियो टेप के जरिए भाजपा की भी एंट्री हो गई है। हाल ही में एक ऑडियो सामने आया था, जिसमें सरकार गिराने को लेकर सौदे की बात सामने आई थी।

जिसमें कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा का नाम सामने आया था। कांग्रेस नेसरकार गिराने व विधायकों की खरीद फरोख्त की साजिश का आरोप भाजपा पर लगाया तो भाजपा ने भी पलटवार करते हुए फोन टैपिंग पर सवाल खड़े कर दिए और सीबीआई जांच की मांग कर दी।

राज्य सरकार की तरफ से जांच भी गठित कर दी गई है और इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राजस्थान के मुख्य सचिव सेरिपोर्ट तलब कर ली है। फोन टैपिंग भारतीयराजनीति में कोई पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी कई फोन टैपिंग के मामले सामने आ चुके हैं।

फोन टैपिंग के बाद 10 अगस्त 1988 को रामकृष्ण हेगड़े को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

1. जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा

बात 1988 की है। जनता पार्टी के नेता रामकृष्ण हेगड़े कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे। वे लगातार दो बार 1983 और 1985 में चुनाव जीत चुके थे। उन्हें गैर कांग्रेसी खेमे से पीएम पदके संभावित उम्मीदवार के रूप में देख जा रहा था। तभी कर्नाटक की सियासत में फोन टैपिंग का मामला सामने आया। केंद्र में राजीव गांधी की सरकार थी जो पहले से ही बोफोर्स मामले को लेकर घिरी हुई थी। उसके लिए यह मामला एक मौके की तरह था।

केंद्र सरकार ने अपनी एजेंसियों को जांच के लिए आदेश दे दिया। सघन जांच हुई, जिसमें सामने आया कि कर्नाटक पुलिस के डीआईजी ने कम से कम 50 नेताओं और बिजनेसमैन के फोन टेप करने के ऑर्डर दिए थे। इनमें हेगड़े के विरोधी भी शामिल थे। ऐसे में कर्नाटक के सीएम सवालों के घेरे में आ गए। वे अपना बचाव करते उससे पहले ही सुब्रहमण्यम स्वामी ने एक लेटर प्रेस में जारी कर दिया।

जिसमें एक पूर्व इंटेलिजेंस अधिकारी ने टेलिकॉम विभाग से कर्नाटक के नेताओं, व्यापारियों और पत्रकारों के फोन टेप करने की बात कही थी। एक अखबार ने तो केंद्र में मंत्री रहे अजीत सिंह की कॉल ट्रांस्क्रिप्ट (पूरी बातचीत) छाप दी।

इस दौरान सीएम बार-बार दोहराते रहे कि मैं मूल्यों की राजनीति करता हूं, लेकिन तब तक मामला सदन तक पहुंच गया था। वे चौतरफा घिर गए थे। इस्तीफे का दबाव बढ़ने लगा और आखिरकार 10 अगस्त 1988 को हेगड़े को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

छत्तीसगढ़ में अंतागढ़ टेप कांड खासा चर्चा में रहा, 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने नामांकन के अंतिम दिन अपना नाम वापस ले लिया था।

2. अंतागढ़ टेप कांड : जब नाम वापसी के आखिरी दिन कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस ले ली थी उम्मीदवारी

छत्तीसगढ़ की राजनीति में अंतागढ़ टेपकांड खासाचर्चा में रहा। इसका खुलासा होने के बाद प्रदेश की राजनीति सियासी भूचाल आ गया था। बात शुरू होती है 2014 के लोकसभा चुनाव से। भाजपा ने अंतागढ़ के विधायक विक्रम उसंडी को कांकेर से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया। वे चुनाव में जीत गए, इसके बाद अंतागढ़ की सीट खाली हो गई।

कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए इस सीट से मंतूराम पवार को टिकट दिया और भाजपा से भोजराम नाग को। इस चुनाव में नाटकीय मोड़ तब आया जब नाम वापसी के आखिरी दिन रणनीति के तहत कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने नाम वापस ले लिया। इससे भाजपा के प्रत्याशी को एक तरह से वॉक ओवर मिल गया और यह सीट भाजपा के खाते में चली गई।

बाद में इस पूरे मामले को लेकर एक टेप वायरल हुआ। जिसमें मंतूराम पवार को नाम वापस लेने के लिए 7 करोड़ के लेनदेन की बात सामने आई। टेप में पूर्व सीएम अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता की आवाज होने का दावा किया गया था।

इसको लेकर कांग्रेस ने शिकायत दर्ज कराई। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने सभी आरोपियों से वॉइस सैंपल दर्ज कराने की बात कही, लेकिन इन लोगों ने सैंपल देने से इंकार कर दिया। फिलहाल मामला कोर्ट में है।

2009-10 में नीरा राडिया टेप कांड आया था।भारतीय मूल की नीरा शर्मा का जन्म केन्या में हुआ। बाद में उन्होंने गुजराती व्यवसायी जनक राडिया से शादी की।

3. नीरा राडिया टेप कांडः पॉलिटिकल लॉबिंग और कॉरपोरेट लॉबिंग का आरोप

2009-10 में नीरा राडिया टेप कांड खासाचर्चा में रहा था। आयकर विभाग ने 2008 से 2009 के बीच नीरा राडिया के साथ कुछ वरिष्ठ पत्रकारों, राजनेताओं व कॉरपोरेट घरानों के अधिकारियों की बातचीत को रिकॉर्ड किया था। इसमें बड़े लेवल पर भ्रष्टाचार और पैसों के लेन-देन की बात सामने आई थी।

साथ ही कंपनियों को ठेका दिलाने के नाम पर वसूली की भी बात कही गई थी। इसके साथ ही नीरा राडिया पर पॉलिटिकल लॉबिंग का भी आरोप लगा था कि वह किस नेता को कौन सा मंत्री पद मिले इसके लिए लॉबिंग करती थी।

तब राडिया के 300 से ज्यादा फोन टेप किए गए थे। इसमें देश के कई नेताओं व बड़े कारोबारियों का नाम सामने आया था। इसमें तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा का भी नाम सामने आया था। बाद में उन्हें टू जी स्पेक्ट्रम मामले में इस्तीफा देना पड़ा था।

4. कर्नाटक :कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त और सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था
साल 2019 में कर्नाटक में कांग्रेस ने एक ऑडियो जारी कर भाजपा पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने कहा था कि भाजपाकर्नाटक में कालाधन का इस्तेमाल कर सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों को करोड़ों रुपये देने की लालच देकर सरकार गिराने की कोशिश की है।
कथित तौर पर कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि येदियुरप्पा कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों से बात कर रहे हैं। उन्हें लालच देकर सरकार गिराना चाह रहे हैं। पुलिस ने तब येदुरप्पा सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।इसके कुछ दिनों बाद कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और प्रदेश में येदुरप्पा की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद येदुरप्पा ने टेपकांड की जांच सीबीआई से कराने की अनुमति दे दी।
पूर्व राज्यसभा सांसद अमर सिंह का नाम भी फोन टैपिंग विवाद में आया था। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया था।
5. अमर सिंह ने कांग्रेस सरकार पर लगाए थे फोन टैपिंग के आरोप
साल 2005-06 में अमर सिंह फोन टैपिंग मामला भी खासा चर्चा में रहा। उन्होंने अपनी बातचीत की टैपिंग किए जाने की बात कही थी। अमर सिंह ने केंद्र सरकार और सोनिया गांधी पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया। चार साल तक केस चला और आखिरकार अमर सिंह ने अपना आरोप वापस ले लिया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अमर सिंह को कोर्ट का वक्त जाया करने के लिए फटकार भी लगाई थी।


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राजस्थान में इन दिनों सीएम गहलोत और पायलट खेमे के बीच सियासी घमासान जारी है। इस बीच फोन टैपिंग को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है।


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