शुक्रवार, 15 मई 2020

संत शेाभन सरकार के अंतिम संस्कार में शामिल 4200 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट में केस दर्ज, झांसी में प्रवासी मजूदरों का जमावड़ा

उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमणू सभी जिलों में फैल गया है। गुरुवार शाम तक यूपी 147 प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 3902 हो गई है। इनमें से 1742 एक्टिव मरीज हैं जबकि 2072 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। इस बीच यूपी-एमपी बार्डर पर आ रहे प्रवासी मजदूरों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने आज एडीजी मौके पर पहुंचे। उनके पहुंचते ही वहां भारी संख्या में मजूदरों की भीड़ लग गई। उन्होंने कामगारों से बातचीत कर अधिकारियों को निर्देश दिया कि उनकी हर संभव मदद की जाए। इस बीच,लॉकडाउन के बीच संत शेाभन सरकार के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले 4200 अज्ञात लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

कानपुर में संत शेाभन सरकार के अंतिम संस्कार में शामिल हजारों लोगों के खिलाफ केस दर्ज

नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए हजारों लोग संत शोभन सरकार के अंतिम संसकार में शामिल हुए थे।
नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए हजारों लोग संत शोभन सरकार के अंतिम संसकार में शामिल हुए थे।

लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और महामारी एक्ट के नियमों काउलंघन कर संत शिरोमणी शोभन सरकार के अंतिम संस्कार में जुटी हजारों की भीड़ पर पुलिस ने महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने दो थानों में 4200 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। दरअसल बीते बुधवार सुबह डौंडिया खेड़ा में 1000 टन सोना दबे होने की भविष्यवाणी करने वाले संत शिरोमणी शोभर सरकार का निधन हो गया। ब्रह्मलीन होने की खबर सुनकर अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग उनके आश्रम पहुंच गए। वहीं शव यात्रा से लेकर अंतिम संस्कार तक हजारों कई हजार लोगों की भीड़ जुट गई जिसमें विधायकऔर कई पार्टियों के बड़े नेता भी शामिल थे।

यूपी-एमपी बॉर्डर पर व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे एडीजी, इकट्ठा हुआ प्रवासी मजदूरों का हुजूम


झांसी में यूपी-एमपी बार्डर पर लगी मजूदरों की भीड़। यहां की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
झांसी में यूपी-एमपी बार्डर पर लगी मजूदरों की भीड़। यहां की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

झांसी में कोरोना की वजह से चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। हजारों की तादात में चौबीसों घंटे प्रवासी मजदूरों के आवागमन से जिला संवेदनशील होता जा रहा है। यहां गैर राज्यों से हजारों की तादाद में मजदूरों को छोड़ दिया जाता है। उनके खाने-पीने और घर तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन करा रहा है। रक्सा थाना क्षेत्र स्थित यूपी-एमपी सीमा का जायजा लेने पहुंचे अपर पुलिस महानिदेशक जेएन सिंह ने गैर राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत करके उनका हाल जाना और पुलिस अफसरों को पूरी मुस्तैदी से काम करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि मुंबई से लेकर इंदौर व अन्य मध्य प्रदेश के जिलों से आने वाले मजदूर झांसी से होकर निकल रहे हैं। ऐसे में झांसी जिले में कदम-कदम पर चुनौतियां बढ़ी हैं. हर समय मजदूरों के निकलने के कारण जिला संवेदनशील हो चुका है. ऐसे में पुलिस महकमे को हर समय सतर्क रहने की जरूरत है।

हापुड़; जिले के थाना गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के गांव लडपुरा निवासी व दिल्ली पुलिस के सिपाही कोरोना पॉजिटिव होने पर स्वास्थ्य विभाग ने उनके परिवारवालों को क्वारंटीन कर दिया है। प्रशासन ने गांव को सील कर सैनिटाइज कराने का कार्य शुरू करा दिया है।

जानकारी के अनुसार सिपाही 7 मई को गांव में एक दिन रुकने के बाद वापस अपनी ड्यूटी के लिए दिल्ली चला गया था। ड्यूटी पर ही युवक को बुखार की शिकायत होने पर उसका सैंपल लेकर जांच को भेजा गया। गुरुवार को जांच रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई है। सूचना मिलते ही प्रशासन ने गांव को सील कर दिया। सीएमओ डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि दिल्ली पुलिस में तैनात सिपाही वहीं पर भर्ती है। परिवार के लोगों को क्वारंटीन किया गया है।

मेरठ जोन के जिलों में अपराधों में 70 फीसदी की कमी आयी

कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन ने मेरठ जोन के सभी 8 जिलों में क्राइम के ग्राफ को नीचे ला दिया है। आंकड़े बता रहे हैं कि जोन में जघन्य अपराधों समेत सभी तरह के अपराधों में औसतन 70 प्रतिशत की कमी आई है। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस की सभी जगह मौजूदगी और राउंड-ओ-क्लॉक चेकिंग के कारण अपराधी अब घर से बाहर निकलने से घबरा रहे हैं।

एडीजी कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार पूरे जोन में अप्रैल महीने में हत्या, किडनैपिंग, दहेज हत्या, लूट जैसे जघन्य अपराधों समेत अन्य अपराध भी औसतन 70 प्रतिशत की कम हो गए हैं। अप्रैल 2019 में जोन में अपहरण के 110 मामले सामने आए थे जबकि अप्रैल 2020 में 16 अपहरण हुए हैं। लूट के मामले तो 86 प्रतिशत कम हो गए हैं। अप्रैल 2019 में जोन में लूट की 45 घटनाएं हुई थी जबकि इस वर्ष अप्रैल में 6 घटनाएं हुई हैं।



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यह तस्वीर झांसी के यूपी-एमपी बार्डर के पास की है। यहां दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का जमावड़ा लगा हुआ है। शुक्रवार सुबह जोन के एडीजी यहां की व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे।


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मां पॉजिटिव, पिता क्वारैंटाइन सेंटर में; चार दिन की नवजात की देखभाल सिर्फ नर्सों के जिम्मे

यहां के जेएलएन अस्पताल के शिशु यूनिटमें चार दिन की नवजात कीजिम्मेदारी ड्यूटी पर तैनात नर्सोंने संभाल रखी है। अस्पताल में बीतेदिनों पॉजिटिव आई एक महिला काे कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया। ऐहतियातनमहिला के पति काे भी क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया। ऐसे में नवजात काे चिकित्सकों ने एसएनसीयूआई वार्ड में शिफ्ट कर दिया।

नवजात काे मां के पास नहीं भेजा जा सकता, ऐसे में उसे मां की कमी महसूस नहीं हाे, इसेदेखते हुए यहां कार्यरत नर्सोंअनीता बुंदेल, अनीता हाड़ा, लाजवंती, पुष्पा, सीमा, मुन्नी और सरिता ने नवजात की देखरेख करने की जिम्मेदारी उठाई। 5 पांच दिनों से यहां का स्टाफ बच्चे की देखरेख कर रहा है। बच्चे काे तैयार करना हाे या दूध पिलाना, सभी ने अपनी ड्यूटी तय कर रखी है।

बच्चे के लिए यह स्टाफ अपने निर्धारित समय से पहले आने के साथ ही काफी बाद में जा रहा है। दूसरी पारी में आने वाला स्टाफ मरीजों की लिस्ट चैक करता है, तब तक दूसरी नर्सेंउसकी देखरेख करती है। कई नर्सेंताे रात में भी फाेन करके इसके बारे में पूछ रही हैं। इन दिनों नवजात पूरी यूनिट में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ समय पहले पालना गृह में आए बच्चे की देखरेख भी यहीं के स्टाफ ने की थी।

अब तक 6773 की रिपोर्ट निगेटिव

अजमेर में पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना पॉजिटिव के आंकड़े बढ़ने के बाद चिकित्सा विभाग ने स्क्रीनिंग की गति बढ़ा दी है। गुरुवार देर शाम तक 23 लाख 74 हजार की स्क्रीनिंग की जा चुकी थी। वहीं, 8488 लोगों के अब तक सैंपल जांच के लिए गए हैं, जिसमें से 7334 की रिपोर्ट विभाग को मिल चुकी है। इसमें से 245 पॉजिटिव और 6773 की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

जेएलएन में काेराेना के 124 एक्टिव मरीज भर्ती हैं

गुरुवार काे सात नए पॉजिटिव मरीज आने के साथ ही आंकड़ा 245 तक पहुंच गया, जबकि सीएमएचओ के आंकड़ों के अनुसार पॉजिटिव की संख्या 241 है। वहीं एक्टिव केस भी 121 ही हैं। अब तक लिए गए सैंपल का आंकड़ा 8488 तक पहुंच गया है।

कोरोना अपडेट: अब तक 119 मरीज ठीक हो चुके हैं

जेएलएन अस्पताल के काेविड-19 वार्ड में भर्ती काेराेना पॉजिटिव मरीजों की सेहत में लगातार सुधार हाे रहा है। 12 लाेगाें के तीन बार सैंपल लिए गए। तीनों ही बार रिपोर्ट निगेटिव आने पर इन्हें बुधवार काे क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया। अब तक 119 मरीज ठीक हाेकर जा चुके हैं। कोरोनावार्ड में 294 मरीज भर्ती हैं। बुधवार काे 504 के सैंपल लिए गए थे।



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जेएलएन अस्पताल के शिशु यूनिट के एसएनसीयूआई वार्ड में नवजात।


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2028 ओलिंपिक के लिए खेल मंत्रालय ने 14 गेम्स चुने, हरियाणा समेत 5 राज्यों में मुक्केबाज तो मध्य प्रदेश में निशानेबाज तैयार होंगे

कोरोना की वजह से टोक्यो ओलिंपिक एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब गेम्स 2021 में होंगे, लेकिन भारत का लक्ष्य 2028 के ओलिंपिक की मेडल टेली में टॉप-10 में आना है। इसके तहत खेल मंत्रालय ने वन स्टेट, वन गेम्स की योजना तैयार की है। इसके लिए 14 खेल चुने गए हैं। राज्यों को ये खेल गोद दिए गए हैं। राज्यों पर ही इनके खिलाड़ियों को तैयार करने की जिम्मेदारी होगी।
वन स्टेट, वन गेम्स के तहत हरियाणा समेत 5 राज्य ओलिंपिक के लिए बॉक्सर तैयार करेंगे।दिल्ली समेत 3 राज्यों ने पहलवानों को तैयार करने की जिमेदारी ली है। मध्य प्रदेश अकेला राज्य होगा, जो निशानेबाज तैयार करेगा। 14 खेलों में आर्चरी, बॉक्सिंग, शूटिंग, बैडमिंटन, रेसलिंग, हॉकी, साइक्लिंग, एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग, टेबल टेनिस, स्विमिंग, जूडो, फेंसिंग और रोइंग शामिल है।
इन खेलों के एक्सीलेंस सेंटर भी होंगे स्थापित
जूडो, हॉकी, फेंसिंग और साइक्लिंग के सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। इन सेंटरों पर जूनियर खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के साथ पढ़ाई का भी इंतजाम किया गया है। इसके लिए कई स्कूलों से करार किया गया है।
प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को खेल की जिम्मेदारी
खेल की लोकप्रियता और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। खेल मंत्रालय राज्यों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने और खिलाड़ियों को बेहतर कोचिंग दिलाने में सहयोग करेगा। ऐसा नहीं है कि राज्य अन्य खेलों को भी बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार केवल एक ही खेल को आगे बढ़ाने में सहयोग करेगी।
पांच राज्यों को बॉक्सिंग को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी
2028 के ओलिंपिक के लिए मुक्केबाजों को तैयार करने की जिम्मेदारी पांच राज्यों पर हैं। इनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, मेघालय और मिजोरम शामिल हैं।
टोक्यो के लिए हरियाणा से 4 बॉक्सर क्वालिफाई
देश को ओलिंपिक बॉक्सिंग में पहला मेडल विजेंद्र सिंह ने 2008 के बीजिंग गेम्स में दिलाया था। वहीं, 2020 टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले 9 मुक्केबाजों में से 4 हरियाणा से ही हैं। इसमें पूजा रानी, अमित पांघल, विकास कृष्णन और मनीष कौशिक शामिल हैं। हरियाणा के रोहतक में नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी भी स्थापित की गई है। हरियाणा के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में भी बॉक्सिंग लोकप्रिय है। टोक्यो 2020 के लिए क्वालिफाई करने वाली महिला मुक्केबाज लवलीना और एमसी मैरीकॉम यहीं से आती हैं।
कुश्ती को दिल्ली, नगालैंड और महाराष्ट्र बढ़ावा देंगे
दिल्ली, नगालैंड और महाराष्ट्र अपने राज्य में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए आगे आए हैं। इन राज्यों ने वन स्टेट, वन गेम्स के तहत कुश्ती को गोद लिया है और ये ओलिंपिक के लिए पहलवान तैयार करेंगे।

योगेश्ववर ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग ली

देश को कुश्ती में दो ओलिंपिक मेडल दिलाने वाले सुशील कुमार ने दिल्ली केछत्रसाल स्टेडियम में ही खेल कीबारीकियां सीखीं हैं। वहीं, लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वालेयोगेश्वर दत्त भी दिल्ली में ही प्रैक्टिस करते हैं।टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले दीपक कुमार और बजरंग पूनिया ने भी इसी स्टेडियम से अपने करियर की शुरुआत की है।
महाराष्ट्र के पहलवानों का भी बेहतर प्रदर्शन
राष्ट्रीय स्तर पर भी दिल्ली और हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के पहलवानों का दबदबा रहा है। देश को कुश्ती में 1952 में ओलिंपिक में पहला मेडल महाराष्ट्र के केडी जाधव ने ही दिलाया था। वहीं, महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह यादव ने 2016 में रियो गेम्स के लिए क्वालिफाई किया था,लेकिन डोपिंग में फंसने के कारण वह नहीं खेल पाए।
मध्यप्रदेश में तैयार होंगे निशानेबाज
मध्यप्रदेश ने ओलिंपिक के लिए शूटर तैयार करने की जिम्मेदारी ली है। राज्य सरकार की ओर से भोपाल में इंटरनेशनल शूटिंग रेंज बनाया गया है। मध्यप्रदेश के शूटर पिछले कुछ सालों से नेशनल स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रैप शूटिंग में मध्यप्रदेश का दबदबा है। मध्यप्रदेश की चिंकी यादव ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में टोक्यो गेम्स के लिए देश को ओलिंपिक कोटा दिलाया है।
5 राज्य तीरंदाजी को बढ़ावा देंगे
झारखंड, राजस्थान, छतीसगढ़, सिक्किम और लद्दाख आर्चरी को बढ़ावा देंगे। झारखंड में टाटा की आर्चरी अकेडमी है। यहां से कई तीरंदाज देश के लिए इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीत चुके हैं। राजस्थान के कई गांवों में आर्चरी काफी लोकप्रिय है। लिम्बा राम जैसे तीरंदाज राजस्थान ने देश को दिए हैं।
ओलिंपिक में इन 14 खेलों में भारत का प्रदर्शन
खेल मंत्रालय ने जिन 14 खेलों को वन स्टेट और वन गेम्स के तहत शामिल किया है, उसमें भारत ने अब तक कुल 24 मेडल जीते हैं। हॉकी में भारत ने अब तक 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं जबकि कुश्ती में कुल 4 पदक जीते हैं। इसमें एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज शामिल हैं।

पीवी सिंंधु ने 2016 में रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था

वेटलिफ्टिंग में भारत ने इकलौता मेडल 2000 के सिडनी ओलिंपिक में जीता था। तब मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। बैडमिंटन में दो मेडल मिले हैं। पीवी सिंधु ने रियो ओलिंपिक में सिल्वर और साइना नेहवाल ने लंदन गेम्स में कांस्य जीता था।
बॉक्सिंग में 2 और शूटिंग में 4 मेडल
अब तक हुए ओलिंपिक में बॉक्सिंग में दो मेडल मिलेहैं। महिला मुक्केबाज एमसीमैरीकॉम और विजेंद्र कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वहीं, शूटिंग में एक गोल्ड सहित चार मेडल मिले हैं। अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड, विजय कुमार और राज्यवर्धन सिंह राठौरने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीताहै।
योगेश्वर ने कहा- हरियाणा में कुश्ती को नजरअंदाज नहीं कर सकते
अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने भास्कर से बातचीत में कहा कि वन स्टेट, वन गेम्स उन राज्यों के लिए ठीक है, जहां पर कोई खेल लोकप्रिय नहीं है। लेकिन हरियाणा, दिल्ली सहित कई राज्यों में एक से ज्यादा खेल लोकप्रिय है। हरियाणा में केवल बॉक्सिंग को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं। यहां कुश्ती, हॉकी और कबड्‌डी को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।



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One State One Game /Olympics 2028 Latest News Updates; Sports Ministry Identified 14 Sports Including Madhya Pradesh Shooter And Haryana Boxers


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मोदी ने बिल गेट्स से बात की, सुझाव मांगे कि कैसे भारत दुनिया के फायदे के लिए बेहतर तरीके से काम कर सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स से बात की। दोनों के बीच कोरोना महामारी के वैश्विक असर करीब आधा घंटा बातचीत हुई। साइंटिफिक इनोवेशन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट भी दोनों की चर्चा में शामिल रहा।

मोदी ने इस दौरान गेट्स फाउंडेशन के न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य हिस्सों में किए जा रहे स्वास्थ्य संबंधी कार्यों की सराहना की। उन्होंने बिल गेट्स से सुझाव मांगे कि कैसे भारत की क्षमताओं को दुनिया के फायदे के लिए बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

मोदी ने सरकार के कामों के बारे में बताया

  • प्रधानमंत्री ने सरकार के कामों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस महामारी के दौरान कैसे भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जा रहा है। इसके अलावा, लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद दवाओं का भी सहारा लिया जा रहा है। स्वच्छता पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन सभी चीजों ने भारत को कोरोना महामारी से लड़ने में मजबूती दी है।
  • उन्होंने गेट्स को बताया कि भारत में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को स्वीकारा है। साथ ही मास्क पहनने से लेकर लॉकडाउन नियमों को पालन करने तक लोगों का सहयोग मिला है। इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में कुछ हद तक कामयाबी मिली है।


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PM Modi interacts with Bill Gates, discusses global response to COVID-19


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अब तक 81 हजार 997 केस: गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा- प्रवासी मजदूरों को स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बसें किराये पर ले सकते हैं

देश में कोरोनासंक्रमितों की संख्या 81 हजार 997होगई है। देशभर में प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को छोड़करआवागमन का कोई साधन नहीं है। ऐसे मेंउन्हें रेलवे स्टेशन और यहां से गंतव्यतक पहुंचने में मुश्किल हो रहीहै। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्योंसे कहा कि वे मजदूरों की सहूलियत के लिए निजी बसें किरायेपर ले सकते हैं। वहीं, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ममता बनर्जी ने अपील की है कि वे30 दिनों में 105 ट्रेनें चलाने की अनुमति देने के बजाए हर दिन 105 ट्रेनें चलावाएं। ताकि बंगाल के मजदूर घर लौट सकें।

गुरुवार को महाराष्ट्र में 1602, दिल्ली में 472, तमिलनाडु में 447, गुजरात में 324, मध्यप्रदेश में 253, राजस्थान में 206, बिहार में 4,बंगाल में 87, ओडिशा में 86,आंध्रप्रदेश में 68समेत 3940 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के आधार पर हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में78हजार 3 कोरोना संक्रमित हैं। 49 हजार 219 का इलाज चल रहा है। 26हजार 234 ठीक हो चुके हैं, जबकि 2549 मरीजों की मौत हुईहै।

कोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार में कमी आई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि पिछले 3 दिन से कोरोना के मामले 13.9 दिन में डबल हो रहे हैं। यही टाइम दो हफ्ते पहले 11.1 दिन था। यानी कि संक्रमण फैलने की दर कम हो रही है। 24 घंटे में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोई नया केस नहीं आया। उन्होंने बताया कि हमने रोजाना 1 लाख टेस्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है। गुरुवार तक देशभर की 500 लैब में कोरोना के 20 लाख टेस्ट हो चुके हैं। हर्षवर्धन ने COBAS 6800 मशीन का लोकार्पण किया। इससेएक दिन में 1200 पीसीआर टेस्ट किए जा सकते हैं।
5 दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए

दिन

मामले
10 मई 4311
13 मई 3725

04 मई

3656
11 मई 3610
06 मई 3602

26 राज्य, 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण

कोरोनावायरससंक्रमण देश के 26 राज्यों में फैला है। 7केंद्र शासित प्रदेश भी इसकी चपेट में हैं। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पुडुचेरी और दादर एंड नगर हवेलीशामिल हैं।

राज्य

कितने संक्रमित कितने ठीक हुए कितनी मौत
महाराष्ट्र 27524 6059 1019

गुजरात

9592 3753 586
तमिलनाडु 9674 2240 66
दिल्ली 8470 3045 115

राजस्थान

4534 2638 125
मध्यप्रदेश 4426 2171 237
उत्तरप्रदेश 3902 2072 88
पश्चिम बंगाल 2377 768 215
आंध्रप्रदेश 2205 1192 48
पंजाब 1935

223

32
तेलंगाना 1414 952 34
जम्मू-कश्मीर 983 485 11
कर्नाटक 987 460 35
बिहार 999 400 7
हरियाणा 818 439 11

केरल

561

493

4
ओडिशा 624 158 3
चंडीगढ़ 191 37 3

झारखंड

203 87 3
त्रिपुरा 156 29 0
उत्तराखंड 78 50 1
असम 87 40 2
छत्तीसगढ़ 60 56 0

हिमाचल प्रदेश

74 35 3
लद्दाख 43 22 0

अंडमान-निकोबार

33 33 0
मेघालय 13 11 1

पुडुचेरी

13 9 0
गोवा 15 7 0
मणिपुर 3 2 0
अरुणाचल प्रदेश 1 1 0
दादर एंड नगर हवेली 1 1 0
मिजोरम 1 1 0

ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में78हजार 3 कोरोना संक्रमित हैं। 49 हजार 219 का इलाज चल रहा है। 26हजार 234 ठीक हो चुके हैं, जबकि 2549 मरीजों की मौत हुईहै।

5 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश का हाल

  • मध्यप्रदेश, संक्रमित- 4426:यहां गुरुवार को 253मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें इंदौर में 131,भोपाल में 42, बुरहानपुर में 35, जबलपुर में 10, नीमच में 7, उज्जैन में 5 और सागर, रीवामें 4-4संक्रमित मिले। भोपाल में संक्रमितों की संख्या 900, इंदौर में 2238और जबलपुर में 157 हो गई है। प्रदेश में अब तक 237 मरीजों की मौत हुई।

  • महाराष्ट्र, संक्रमित- 27524:यहां गुरुवार को 1602 कोरोना संक्रमित मिले और 44 लोगों की जान गई। इसी केसाथ कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा 1000 के पार हो गया है। मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने केंद्र सरकार से मांग की है कि राष्ट्र को आर्थिक संकट से उबारने के लिए देशभर के मंदिर ट्रस्टों के पास रखे हुए सोने के भंडार को सरकार अपने कब्जे में ले। चव्हाण ने वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल हवाले से बताया कि देश के मंदिर ट्रस्टों के पास लगभग 75 लाख करोड़ रुपए मूल्य का सोना है।
  • उत्तरप्रदेश, संक्रमित- 3902:राज्य में गुरुवार को 144नए मामले सामने आए।चंदौली जिले में संक्रमण का पहला केस मिला। इसके साथ ही राज्य के सभी 75 जिले कोराना संक्रमण की चपेट में आ गए। इनमें से 2072ठीक हो चुके हैं, जबकि 88की मौत हो चुकी है। आगरा में सबसे ज्यादा 794मामले आ चुके हैं। इनमें से 394मरीज ठीक हो चुके हैं।
  • राजस्थान, संक्रमित- 4534:यहां गुरुवार को 206 संक्रमित मिले। इनमें उदयपुर में 59, जोधपुर में 36, जयपुर में 20, जालोर में 22, नागौर में 17,अजमेर में 6 मामले आए।उधर, आगरा से आए 2 महीने के एक बच्चे की मौत भी हो गई। इसे 13 मई को ही एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बच्चे को दिल की बीमारी थी।
  • दिल्ली, संक्रमित- 8470:यहां गुरुवार को 472 संक्रमित मिले। 187 मरीज ठीक हुए, जबकि 9 की मौत हुई।दिल्ली की गाजीपुर फल और सब्जी मंडी में सचिव और उप-सचिव कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके बाद मंडी दो दिन के लिए बंद कर दी गई। इस दौरान यहां सैनिटाइजेशन किया जाएगा।
  • बिहार, संक्रमित- 999:यहां गुरुवार को कोरोनासंक्रमण के 46मामले सामने आए।इनमें से पूर्णिया में 9 और खगड़िया में 4 मरीज मिले।उधर,पटना जिले में रेस्टोरेंट से खाने कीहोम डिलीवरी की अनुमति दी गई है। यहां कर्मचारियों को मास्क पहनना, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना, सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य है। रेस्टोरेंट में बैठाकर खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी।


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40 दिन बाद फिर कोरोना संक्रमण लौटा, 7 नए मरीज मिले; लॉकडाउन में ढील, लेकिन बाजार-बीच सूने

गोवा में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी हैजबकि यह राज्य पहले कोरोना मुक्त घोषित हो चुका था। गोवा में बुधवार रात कोरोना के 7 नए मरीज मिले। इसके पहले यहां करीब 40 दिन पहले यानी 3 अप्रैल को कोरोना का आखिरी मरीज मिला था। पहले के सभी सात मरीजों के ठीक होने के बाद 17 अप्रैल को राज्य कोरोना मुक्त घोषित किया गया था। नए मरीजों में से 5 एक ही परिवार के हैं। लॉकडाउन में ढील के बाद ही यह परिवार महाराष्ट्र से गोवा लौटा था। इनके अलावा दो और पॉजिटिव मरीज ट्रक ड्राइवर हैं।

लॉकडाउन के बीच विदेश से आए करीब 6500 पर्यटक लौट चुके हैं। ये पयर्टक जर्मनी, इटली, पोलैंड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और स्विट्जरलैंड के थे, जिन्हें इनके देशों ने विशेष फ्लाइट भेजकर वापस बुला लिया। अभी करीब एक हजार विदेशी सैलानी यहां फंसे हुए हैं।

लॉकडाउन की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप है

इधर, नए कोविड नियमों के साथ गोवा के बाजार अब खुल चुके हैं। पणजी का बाजार पूरी तरह से खुला है, लेकिन राज्य की आर्थिक व्यवस्था को काफी धक्का लगा है। पटरी पर आने में गोवा को समय लगेगा। राज्य का आर्थिक आधार मुख्य तौर पर तीन इंड्स्ट्रीज पर हैं- टूरिज्म, माइनिंग और फार्मास्युटिकल। इसमें कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप है।

ट्रेवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट जैक अजीत सुखीजा बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री को तकरीबन 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। तमाम होटल, गेस्ट हाउस और रेस्तरां बंद हैं। गोवा में 4,000 होटल और गेस्ट हाउस हैं जो एकदम खाली हैं। अभी बारिश का सीजन शुरू होने वाला है, इसलिए लॉकडाउन खुलने के बावजूद टूरिस्ट नहीं आएंगे।

गोवा में ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरर्स को बसें चलाने के लिए भी कह दिया गया है। हालांकि, यहां के बड़े ट्रांसपोर्टर दामोदर मांदरेकर कहते हैं- मेेरे पास 14 बसें हैं। परमिशन मिल चुकी है, लेकिन खाली बस लेकर जाऊं कहां, क्योंकि टूरिस्ट तो है ही नहीं। पहले मेरे पास बड़े-बड़े ग्रुप भोपाल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से आते रहे हैं। इधर, राज्य में टैक्सी सेवा भी शुरू हो चुकी हैं।

नॉर्थ गोवा के बीचफिलहाल खाली हैं

गोवा में छोटे-बड़े कुल 48 बीच हैं। नॉर्थ गोवा के बीच बाघा, अंजुना, कलंगुट आदि पर ज्यादा भीड़ आम दिनों में रहती है, लेकिन फिलहाल ये खाली हैं। यहां स्पोर्टस गतिविधियां थमी हुई हैं। साउथ गोवा महंगा है।वहां ज्यादातर विदेशी सैलानी या पैसे वाले लोग जाते हैं। हर बीच पर करीब 100 रिटेल दुकानें हैं, जो फिलहाल बंद हैं। गोवा में काजू, रस बेरी, नारियल, लोकल वाइन की बिक्री भी टूरिस्टों की वजह से ज्यादा होती है, जो फिलहाल बंद हैं।

जैक अजीत सुखीजा का कहना है कि वे सरकार पर टूरिज्म शुरू करने को लेकर दबाव इसलिए नहीं बना सकते, क्योंकि अगर कोई सैलानी रेड जोन से यहां आता है तो गोवा फिर से दिक्कत में आ जाएगा। बता दें कि गोवा में एक साल में 3 लाख विदेशी, 17 लाख भारतीय सैलानी पहुंचते हैं।

गोवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष संकल्प अमोनकर कहते हैं- माइनिंग के अलावा गोवा के पास आर्थिक हालत ठीक करने का फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं रहा है। दिल्ली से गोवा के लिए ट्रेन शुरू की गई है। इससे गोवा में फिर कोरोना के केस आ सकते हैं। गोवा भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना का कहना है कि कोरोना के लिए गोवा में भी वही नियम लागू थे, जो बाकी देश के लिए थे। गोवा की जनता ने सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया।

रेंडम टेस्ट और विदेशी पर्यटकों को ट्रेस कर कोरोना को फैलने से रोका
गोवा कोरोना के खिलाफ ठोस कदम उठाने वाले शुरुआती राज्यों में से एक है। लॉकडाउन, रैंडम सैंपलिंग, जागरूकता अभियान और लगातार ट्रैकिंग ने अहम भूमिका निभाई। गोवा ने राज्य में ही टेस्टिंग के लिए लैब स्थापित की। विदेश से आए पर्यटकों को ट्रेस किया। शुरुआती 7 में से 6 संक्रमित मुंबई से एक शिप से आए थे। ये लोग जहां भी गए थे, उन स्थानों पर रैंडम सैंपलिंग की गई।

रैंडम सैंपलिंग करने वाला गोवा पहला राज्य बना। गोवा कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल जैसे हॉटस्पॉट से घिरा हुआ है। ऐसे में सीमाई इलाकों और औद्योगिक इलाकों में कियोस्क स्थापित किए गए, जहां से सैंपल लेना आसान हो गया। डोर से डोर सर्वे किया और संदिग्ध मिले करीब 5 हजार लोगों का सैंपल लिया। जब कोरोना शुरू हुआ था तब राज्य में 100 वेंटिलेंटर का सेटअप था। इसे बढ़ाकर 400 कर दिया गया।



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तस्वीर गोवा की राजधानी पणजी के मीरामार बीच की है। यह पणजी के दो प्रमुख समुद्र तटों में से एक है। लॉकडाउन के ढील के बावजूद यह सूना पड़ा है। सामान्य दिनों में यहां भीड़ रहती है।


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अर्जेंटीना में पहली बार संसद का वर्चुअल सेशन, स्क्रीन से चली संसद; न्यूजीलैंड में पाबंदी हटते ही रात में बाल कटवाने पहुंचे लोग

कोरोना प्रभावित अर्जेंटीना में पहली बार संसद की कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। इसमें 72 में से 70 सांसद यानी 97% उपस्थित रहे। इसके लिए संसद की इमारत में दो बड़ी स्क्रीन लगाई गई। दो कनेक्शन लिए गए। पहली स्क्रीन भाषण और वोटिंग के लिए थी। जबकि दूसरी स्क्रीन सांसदों के रजिस्ट्रेशन और उनकी पहचान प्रमाणित करने के लिए लगाई गई थी।

सत्र के दौरान कुछ सांसद ही सदन में मौजूद थे। इन सभी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया। अजेंटीना में अब तक कोरोना के 6879 मामले सामने आए हैं। जबकि इससे 344 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां 2385 लोग ठीक हो चुके हैं।दुनिया के 23 देशों में संसद के सत्र, पैनल मीटिंग इसी तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की जा रही हैं।

सत्र के दौरान कुछ सांसद ही सदन में मौजूद थे। इन सभी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया।

न्यूजीलैंड:पिछले तीन दिन में कोई नया केस नहीं, 1497 संक्रमित

न्यूजीलैंड में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया। इससे पहले बुध‌वार आधी रात को 51 दिनों से जारी लॉकडाउन खत्म कर दिया गया। लोग 12 बजते ही वेलिंगटन, क्राइस्टचर्च समेत कई शहरों में हेयर सैलून पर पहुंच गए थे।

सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि देश में मॉल, दुकानें और रेस्तरां खोले जा रहे हैं लेकिन, नागरिकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एक स्थान पर 10 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी होगी। पीएम जसिंदा अर्दर्न ने कहा है कि देश वायरस के कारण सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थितियों का सामना कर रहा है।

उन्होंने कहा,‘न्यूजीलैंड में शीतकाल बेहद मुश्किलों भरा होने वाला है पर हर शीत ऋतु के बाद वसंत आता है और अगर हम सही निर्णय लेते हैं तो हम न्यूजीलैंड के निवासियों को वापस काम पर ले जा सकते हैं, हमारी अर्थव्यस्था फिर से तेजी से चल पड़ेगी।' न्यूजीलैंड कोरोना को काबू रखने में बहुत हद तक कामयाब रहा है। यहां 1497 मामले हैं। वहीं अब तक सिर्फ 21 लोगों की मौत हुई है।

रात 12 बजते ही बड़ी संख्या में लोग हेयर सैलून पहुंच गए।


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दुनिया के 23 देशों में संसद के सत्र, पैनल मीटिंग इसी तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की जा रही हैं।


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हर माह 3 करोड़ रुपए दान पाने वाले पद्मनाभ मंदिर की कमाई अब सिर्फ 25 हजार रुपए, साईं ट्रस्ट एफडी तुड़वाकर बांट रहा है वेतन

22 मार्च को हुए लॉकडाउन के बाद से देश के सभी बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं-दानदाताओं का चढ़ावा आना लगभग बंद है। ऐसे में मंदिरों को अपनी जमा पूंजी के सहारे ही संचालन करना पड़ रहा है। देश में सबसे अधिक संपत्ति वाले केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर में हर महीने करीब 3 करोड़ रुपए दान में आते थे, लेकिन लॉकडाउन में सिर्फ 25 हजार रुपए का दान आया। वैष्णो देवी मंदिर जहां ऑनलाइन दान लेने के विकल्प के बारे में साेच रहा है, वहीं साईबाबा ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास जमा एफडी को तोड़ने के अलावा अन्य विकल्प नहीं है। पेश है दान के जरिए सबसे ज्यादा आय अर्जित करने वाले मंदिरों की रिपोर्ट....
साई बाबा ट्रस्ट, शिरडी, महाराष्ट्र
एफडी तोड़ 15 करोड़ रु. सैलरी बांटी, मिले सिर्फ ढाई करोड़ रु.:
शिरडी के साईबाबा मंदिर ट्रस्ट की सालाना आय करीब 700 करोड़ रुपए है। बीते दो महीने में करीब ढाई करोड़ रुपए ऑनलाइन डोनेशन मिला है जबकि दान पेटी में इस दौरान करीब 100 करोड़ रुपए का दान नहीं आया। मंदिर के 6 हजार कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन देने के लिए एफडी तुड़वानी पड़ी। मंदिर के पास करीब 2500 करोड़ रुपए की एफडी है। लॉकडाउन खत्म होने पर दर्शनार्थियों की संख्या को एक तिहाई किया जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे।

हमेशा भक्तों से भरा रहने वाला शिरडी का साई बाबा मंदिर लॉकडाउन के दौरान खाली पड़ा है।

तिरुपति बालाजी, आंध्रप्रदेश
एफडी-जमा सोने के इस्तेमाल के बजाय नए विकल्प ढूंढेंगे:रोज सबसे ज्यादा दान पाने वाले तिरुपति के वेंकटेश्वर बालाजी देवस्थानम को हर माह करीब 200 करोड़ रु. का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले दो माह में 400 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मंदिर के करीब 22 हजार कर्मचारियों के वेतन, रख-रखाव व सुरक्षा पर 110 करोड़ रुपए महीने का खर्च आता है। समिति के अनुसार, मई का वेतन तो दे देंगे लेकिन, जून से नए स्रोत तलाशने होंगे, क्योंकि मंदिर के फिक्स डिपॉजिट व जमा सोने का इस्तेमाल परंपरा के विरुद्ध होगा।

माता वैष्णो देवी, कटरा, जम्मू
अब ऑनलाइन दान-प्रसाद के विकल्पों को आजमाना होगा:
कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में हर महीने 25-30 करोड़ रुपए दान आता है। लॉकडाउन से करीब 60 करोड़ रु. आवक घटी है। मंदिर के 3 हजार कर्मचारियों की सैलरी 13 करोड़ रुपए है। इसके अलावा रखरखाव, अन्य खर्चे भी 4-5 करोड़ रुपए हैं। श्राइनबोर्ड दो महीने से वेतन व खर्चों को जमा राशि में से दे रहा है, लेकिन अब नकदी न होने से मुश्किल आ सकती है। श्राइनबोर्ड की अन्य आवक भी घटी है, इसलिए ऑनलाइन दान-प्रसाद के विकल्प आजमाएंगे।

पद्मनाभस्वामी, तिरुवनंतपुरम, केरल
जमा रकम के ब्याज से वेतन, 6 करोड़ रुपए का नुकसान: केरल के तिरुवनंतपुरम का पद्मनाभस्वामी मंदिर देश में सबसे अधिक संपत्ति वाला मंदिर है। लाॅकडाउन से मंदिर को करीब 6 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मंदिर को महीने औसतन 2.5 से 3 करोड़ रुपए की आय होती है। मंदिर के 307 कर्मचारियों को हर महीने 1.1 करोड़ रुपए वेतन के रूप में दिए जाते हैं। पिछले महीने बैंक में जमा राशि और इस महीने डिपाॅजिट पर मिलने वाले ब्याज से वेतन बांटा गया। ऑनलाइन दान में रोजाना करीब 25 हजार रुपए ही मिल रहे हैं।
सिद्धि विनायक, मुंबई, महाराष्ट्र
ऑनलाइन दान का विकल्प होने के बावजूद आवक घटी: मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर में बीते दो महीने में दान की आवक 90% तक घटी है। मंदिर की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों व बीते सालों की बैलेंस शीट के हिसाब से मंदिर में करीब 150 कर्मचारी हैं, उनका वेतन व रख-रखाव सहित करीब 6-7 करोड़ रुपए का मासिक खर्च है। मंदिर की सालाना आय 410 करोड़ रुपए के करीब है। इस हिसाब से औसतन 21-22 लाख श्रद्धालु मंदिर नहीं आए और मंदिर को करीब 60-65 करोड़ रुपए का दान नहीं मिल सका।



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Padmanabh Temple, which got Rs 3 crore every month, is now earning only 25 thousand rupees, after tearing the Sai Trust FD and distributing salary


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संक्रमित बोले- पड़ोसी आतंकी जैसा समझने लगे हैं, घर का रास्ता ब्लॉक कर दिया, दवा-किराना रोक दिया

हरफोन कॉल पर सरकार की तरफ से कोरोना को लेकर दी जा रही सुरक्षात्मक चेतावनी, ''कोरोना से दूर रहना, कोरोना मरीजों से नहीं'' इंदौर के लोगों के लिए सिर्फ सुनने के लिए रह गई है। मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना संक्रमितों के साथसामाजिक बहिष्कार, तिरस्कार की सूचनाएं मिली हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि इंदौरी होने पर शर्म आ जाए।

शहर में अबतक 2299 कोरोना के मरीज मिले हैं, हजारों में लक्षण और सैकड़ों लोगों को सतर्कता बरते हुए आइसोलेट कर दिया है। लेकिन, इस तरह की खबरों ने इंसानियतपर सवाल उठा दिए हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें आतंकी जैसा समझा जाने लगा है। घर का रास्ता ब्लॉक कर दिया, दवा और किराने पर रोक लगा दी गई है।ऐसे में सामाजिक वैमनस्य रोकने के लिएदैनिक भास्कर लोगों से अपील करता है कि पॉजिटिव हैं, पराए नहीं; इन्हें दूर से संभालिए।

मुरलीधर नीमा: ऐसे देखने लगे जैसे कोई अपराध कर दिया हो

ये हैं मून पैलेस निवासी 55 वर्षीय व्यापारी मुरलीधर नीमा। कहते हैं- कोरोना हुआ तो लोगों को लगा जैसे मैंने अपराध कर दिया हो। मैं आतंकवादी हूं। सभी नहीं लेकिन, कुछ मुझे और परिवार को हीन भावना से देखने लगे। चाहते हैं हम लोग कॉलोनी छोड़कर चले जाएं।

सौरभ तिवारी: डिलीवरी बॉय दवा देने आया, वापस भेज दिया

ये हैं मधुबन कॉलोनी निवासी सौरभ तिवारी।

वह कहते हैं बुआ और पापा के कोरोना पॉजिटिव होते ही लोगों ने टेंट लगाकर हमारे घर आने के रास्ते बंद कर दिए। दूध, कचरा गाड़ी वाले को नहीं आने दिया। ऑनलाइन दवाई मंगवाई, पर डिलीवरी बॉय को आने नहीं दिया।

श्वेता सिंघल: किराना मंगाया तो देने से मना कर दिया

ये हैं मनीष बाग निवासी श्वेता सिंघल।

वह कहती हैं परिवार के तीन सदस्य पॉजिटिव निकले। किराना मंगाया तो डिलीवरी बॉय ने इनकार कर दिया। कहने लगा कि दूसरे ग्राहकों को पता लगा कि हमने मनीष बाग में डिलीवरी दी है तो सामान नहीं खरीदेंगे।

अंकित नीमा : बीमारी तो ठीक हो गई, सबकी सोच कैसे ठीक होगी

ये हैं अहिल्यापुरी निवासी अंकित नीमा।

वह कहते हैं कोरोना का इलाज कराने के बाद 6 मई को डिस्चार्ज हुआ। होम आइसोलेट हूं। पड़ोस में मेरे बारे में पता चलने के बाद लोगों के व्यवहार बदल गए। बीमारी का तो इलाज हो गया, लेकिन समाज की सोच कब ठीक होगी।

हर्षिता जोशी : किराना और फल- सब्जियां ही मिलना बंद हो गईं

ये हैं नेहरू नगर निवासी हर्षिता जोशी।

वह कहती हैं मैं कोरोना से तो ठीक हो गई, लेकिन अब कोई मदद करने को तैयार नहीं है। निगम की कचरा गाड़ी तक नहीं आ रही है। तीन बोरी कचरा जमा हो गया। किराना सामान, फल और सब्जियां कुछ नहीं मिल पा रहा है।

रवींद्र सिंह होरा : घर के दोनों रास्ते बंद कर दिए, चेहरा देखते ही मुंह फेरने लगे

ये हैं स्कीम 103 निवासी रवींद्र सिंह होरा।

वह कहते हैं इलाज के बाद 30 अप्रैल को छुट्टी हुई। घर के दोनों रास्ते पड़ोसियों ने बंद कर दिए। नजरें मिलती है तो चेहरा फेर लेते हैं। घर के सामने से निकलना बंद कर दिया।

(अगर आपके आसपास भी ऐसा कुछ घटा हो तो बताएं। मरीज को संबल देने के अच्छे उदाहरण भी बताइए-9406666652)



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मून पैलेस निवासी 55 वर्षीय व्यापारी मुरलीधर नीमा।


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भारत में चीन के बराबर हुए कोरोना मरीज, आज 11वां सबसे संक्रमित देश बन जाएगा

देश में मरीज दोगुने होने की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार कोकहा कि पहले 12 दिन में मरीज दोगुने हो रहे थे। अब पिछले तीन दिन में यह दर 13.9 दिन रह गई है। बावजूद इसके आज भारत में कोरोना मरीजों की संख्या चीन के बराबर हो जाएगी। इतना ही नहीं दुनिया में भारत 11वां सबसे ज्यादा संक्रमित देश बन जाएगा।

मरीज

चीन में 40 दिन से 10 से कम नए मरीज मिल रहे। भारत में रोज 3 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। भारत शुक्रवार को चीन को पीछे छोड़ अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, इटली, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की, ईरान के बाद 11वां सबसे प्रभावित देश बन जाएगा।

फैलाव

अहम बात यह कि चीन ने संक्रमण का फैलाव रोक दिया था। 72 हजार मरीज सिर्फ हुबेई प्रांत में थे। वुहान शहर इसका केंद्र था। इधर, भारत के 5 राज्यों में 5 हजार से ज्यादा मरीज हैं। महाराष्ट्र में 27 हजार से ज्यादा हैं।

एक्टिव केस

चीन में सक्रिय मरीजों की संख्या 14 अप्रैल को 1 हजार से नीचे पहुंच चुकी थी। इधर, भारत में 14 अप्रैल को सक्रिय मरीज 10 हजार हो चुके थे। यानी एक महीने में चीन में 9,894 एक्टिव मरीज कम हुए, जबकि भारत में 40 हजार से ज्यादा बढ़ गए।

मौतें

अहम बात यह कि भारत में मरीजों की मृत्यु दर दुनिया में रूस और पेरू के बाद सबसे कम है। अमेरिका में अभी मृत्युदर 5.96% है, जबकि, यूरोप में 9.22% बनी हुई है। दुनिया में मृत्युदर 6.70% बनी हुई है।

लॉकडाउन

  • चीन में 21 दिन बाद मरीज घटने लगे, भारत में 51 दिन बाद भी बढ़ रहे
  • चीन में 23 जनवरी को लॉकडाउन लगा था। उसके बाद 12 फरवरी को एक दिन में सबसे ज्यादा 14 हजार मरीज मिले थे। लेकिन, उसके बाद नए मरीजों की संख्या लगातार गिरने लगी। इसलिए 8 अप्रैल को 77 दिन बाद चीन में लॉकडाउन हटा दिया गया।
  • इधर, भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लगा। 51 दिन बाद भी मरीज घटने शुरू नहीं हुए हैं। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि जून के आखिरी महीने में मरीज चरम पर हो सकते हैं। हालांकि, लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट बढ़ रही है।
  • विशेषज्ञ कहते हैं कि चीन ने सख्त लॉकडाउन के दम पर वायरस को वुहान से बाहर नहीं निकलने दिया। चीन का 70% इलाका सुरक्षित बना रहा। लेकिन, भारत में सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों के तीन राज्यों के अलावा कोई भी इलाका वायरस से अछूता नहीं बचा है।


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यह फोटो गुजरात के अहमदाबाद की है। गुरुवार को यहां स्वास्थ्य कर्मचारी नई दिल्ली से स्पेशल ट्रेन के जरिए पहुंचने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग करते नजर आए।


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सामान्य बातचीत के दौरान निकले ड्रॉपलेट आठ मिनट तक हवा में रहते हैं, इनसे भी कोरोना फैलने की आशंका

सामान्य बातचीत के दौरान भी सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदें (रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट) हवा में 8 मिनट और इससे भी ज्यादा लंबे समय तक रह सकती हैं। कोरोनावायरस फैलने की एक बड़ी वजह यह भी हो सकती है। यह दावा अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिसीज और पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने स्टडी में किया है।

यह स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुई है। इससे यह समझने में भी मदद मिली है कि अस्पतालों, घरों, आयोजनों और क्रूज जैसे सीमित हवा वाली जगहों पर संक्रमण ज्यादा क्यों फैला। यह स्टडी एक प्रयोग पर आधारित है, जिसमें इंसानों के बोलते समय मुंह से निकलने वाली ड्रॉपलेट पर लेजर लाइट का इस्तेमाल किया गया था। स्टडी में कहा गया है कि लेजर लाइट के ऑब्जर्वेशन से पता चला है कि जोर से बोलने पर हर सेकेंड हजारों फ्लूइड ड्रॉप्लेट निकल सकते हैं।

'द.कोरिया के कॉल सेंटर में कोरोना से काफी लोग संक्रमित हुए थे'
पिछली रिसर्च में पता चला था कि द. कोरिया के कॉल सेंटर में कोरोना से काफी लोग संक्रमित हुए थे। इसी तरह के हालात चीन के भीड़भाड़वाले रेस्तरां के भी थे। कुछ एक्सपर्ट्स को संदेह हुआ कि ऐसी जगहों और भीड़भाड़ वाले आयोजनों के कारण वायरस छोटे ड्रॉपलेट से फैल सकता है।

'ड्रॉपलेट में संक्रमण के फैलाव के पर्याप्त कण हो सकते हैं'
स्टडी में कोरोना या किसी अन्य वायरस को शामिल नहीं किया गया था, बल्कि यह देखा गया कि लोग बोलने पर कैसे ड्रॉपलेट पैदा करते हैं। शोधकर्ताओं का ध्यान छोटे ड्रॉपलेट पर था। इससे नतीजा निकाला गया कि इन ड्रॉपलेट में संक्रमण के फैलाव के पर्याप्त कण हो सकते हैं।

जो लोग मास्क नहीं पहनते, उनके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा

शोधकर्ताओं का मानना है कि सीधे तौर पर तो यह नहीं कहा जा सकता कि ड्रॉपलेट के कारण ही कोरोनावायरस फैल रहा है। स्टडीमें कहा गया है कि इसी कारण जो लोग फेस मास्क नहीं पहनते, उनके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है, क्योंकि रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के कारण कोरोना फैल सकता है, इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते।



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: Droplets released during normal conversation remain in the air for eight minutes, there is a possibility of corona spreading


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40 दिन बाद फिर कोरोना संक्रमण लौटा, 7 नए मरीज मिले; लॉकडाउन में ढील, लेकिन बाजार-बीच सूने

गोवा में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी हैजबकि यह राज्य पहले कोरोना मुक्त घोषित हो चुका था। गोवा में बुधवार रात कोरोना के 7 नए मरीज मिले। इसके पहले यहां करीब 40 दिन पहले यानी 3 अप्रैल को कोरोना का आखिरी मरीज मिला था। पहले के सभी सात मरीजों के ठीक होने के बाद 17 अप्रैल को राज्य कोरोना मुक्त घोषित किया गया था। नए मरीजों में से 5 एक ही परिवार के हैं। लॉकडाउन में ढील के बाद ही यह परिवार महाराष्ट्र से गोवा लौटा था। इनके अलावा दो और पॉजिटिव मरीज ट्रक ड्राइवर हैं।

लॉकडाउन के बीच विदेश से आए करीब 6500 पर्यटक लौट चुके हैं। ये पयर्टक जर्मनी, इटली, पोलैंड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और स्विट्जरलैंड के थे, जिन्हें इनके देशों ने विशेष फ्लाइट भेजकर वापस बुला लिया। अभी करीब एक हजार विदेशी सैलानी यहां फंसे हुए हैं।

लॉकडाउन की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप है

इधर, नए कोविड नियमों के साथ गोवा के बाजार अब खुल चुके हैं। पणजी का बाजार पूरी तरह से खुला है, लेकिन राज्य की आर्थिक व्यवस्था को काफी धक्का लगा है। पटरी पर आने में गोवा को समय लगेगा। राज्य का आर्थिक आधार मुख्य तौर पर तीन इंड्स्ट्रीज पर हैं- टूरिज्म, माइनिंग और फार्मास्युटिकल। इसमें कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप है।

ट्रेवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट जैक अजीत सुखीजा बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री को तकरीबन 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। तमाम होटल, गेस्ट हाउस और रेस्तरां बंद हैं। गोवा में 4,000 होटल और गेस्ट हाउस हैं जो एकदम खाली हैं। अभी बारिश का सीजन शुरू होने वाला है, इसलिए लॉकडाउन खुलने के बावजूद टूरिस्ट नहीं आएंगे।

गोवा में ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरर्स को बसें चलाने के लिए भी कह दिया गया है। हालांकि, यहां के बड़े ट्रांसपोर्टर दामोदर मांदरेकर कहते हैं- मेेरे पास 14 बसें हैं। परमिशन मिल चुकी है, लेकिन खाली बस लेकर जाऊं कहां, क्योंकि टूरिस्ट तो है ही नहीं। पहले मेरे पास बड़े-बड़े ग्रुप भोपाल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से आते रहे हैं। इधर, राज्य में टैक्सी सेवा भी शुरू हो चुकी हैं।

नॉर्थ गोवा के बीचफिलहाल खाली हैं

गोवा में छोटे-बड़े कुल 48 बीच हैं। नॉर्थ गोवा के बीच बाघा, अंजुना, कलंगुट आदि पर ज्यादा भीड़ आम दिनों में रहती है, लेकिन फिलहाल ये खाली हैं। यहां स्पोर्टस गतिविधियां थमी हुई हैं। साउथ गोवा महंगा है।वहां ज्यादातर विदेशी सैलानी या पैसे वाले लोग जाते हैं। हर बीच पर करीब 100 रिटेल दुकानें हैं, जो फिलहाल बंद हैं। गोवा में काजू, रस बेरी, नारियल, लोकल वाइन की बिक्री भी टूरिस्टों की वजह से ज्यादा होती है, जो फिलहाल बंद हैं।

जैक अजीत सुखीजा का कहना है कि वे सरकार पर टूरिज्म शुरू करने को लेकर दबाव इसलिए नहीं बना सकते, क्योंकि अगर कोई सैलानी रेड जोन से यहां आता है तो गोवा फिर से दिक्कत में आ जाएगा। बता दें कि गोवा में एक साल में 3 लाख विदेशी, 17 लाख भारतीय सैलानी पहुंचते हैं।

गोवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष संकल्प अमोनकर कहते हैं- माइनिंग के अलावा गोवा के पास आर्थिक हालत ठीक करने का फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं रहा है। दिल्ली से गोवा के लिए ट्रेन शुरू की गई है। इससे गोवा में फिर कोरोना के केस आ सकते हैं। गोवा भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना का कहना है कि कोरोना के लिए गोवा में भी वही नियम लागू थे, जो बाकी देश के लिए थे। गोवा की जनता ने सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया।

रेंडम टेस्ट और विदेशी पर्यटकों को ट्रेस कर कोरोना को फैलने से रोका
गोवा कोरोना के खिलाफ ठोस कदम उठाने वाले शुरुआती राज्यों में से एक है। लॉकडाउन, रैंडम सैंपलिंग, जागरूकता अभियान और लगातार ट्रैकिंग ने अहम भूमिका निभाई। गोवा ने राज्य में ही टेस्टिंग के लिए लैब स्थापित की। विदेश से आए पर्यटकों को ट्रेस किया। शुरुआती 7 में से 6 संक्रमित मुंबई से एक शिप से आए थे। ये लोग जहां भी गए थे, उन स्थानों पर रैंडम सैंपलिंग की गई।

रैंडम सैंपलिंग करने वाला गोवा पहला राज्य बना। गोवा कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल जैसे हॉटस्पॉट से घिरा हुआ है। ऐसे में सीमाई इलाकों और औद्योगिक इलाकों में कियोस्क स्थापित किए गए, जहां से सैंपल लेना आसान हो गया। डोर से डोर सर्वे किया और संदिग्ध मिले करीब 5 हजार लोगों का सैंपल लिया। जब कोरोना शुरू हुआ था तब राज्य में 100 वेंटिलेंटर का सेटअप था। इसे बढ़ाकर 400 कर दिया गया।



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तस्वीर गोवा की राजधानी पणजी के मीरामार बीच की है। यह पणजी के दो प्रमुख समुद्र तटों में से एक है। लॉकडाउन के ढील के बावजूद यह सूना पड़ा है। सामान्य दिनों में यहां भीड़ रहती है।


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भारत में चीन के बराबर हुए कोरोना मरीज, आज 11वां सबसे संक्रमित देश बन जाएगा

देश में मरीज दोगुने होने की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार कोकहा कि पहले 12 दिन में मरीज दोगुने हो रहे थे। अब पिछले तीन दिन में यह दर 13.9 दिन रह गई है। बावजूद इसके आज भारत में कोरोना मरीजों की संख्या चीन के बराबर हो जाएगी। इतना ही नहीं दुनिया में भारत 11वां सबसे ज्यादा संक्रमित देश बन जाएगा।

मरीज

चीन में 40 दिन से 10 से कम नए मरीज मिल रहे। भारत में रोज 3 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। भारत शुक्रवार को चीन को पीछे छोड़ अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, इटली, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की, ईरान के बाद 11वां सबसे प्रभावित देश बन जाएगा।

फैलाव

अहम बात यह कि चीन ने संक्रमण का फैलाव रोक दिया था। 72 हजार मरीज सिर्फ हुबेई प्रांत में थे। वुहान शहर इसका केंद्र था। इधर, भारत के 5 राज्यों में 5 हजार से ज्यादा मरीज हैं। महाराष्ट्र में 27 हजार से ज्यादा हैं।

एक्टिव केस

चीन में सक्रिय मरीजों की संख्या 14 अप्रैल को 1 हजार से नीचे पहुंच चुकी थी। इधर, भारत में 14 अप्रैल को सक्रिय मरीज 10 हजार हो चुके थे। यानी एक महीने में चीन में 9,894 एक्टिव मरीज कम हुए, जबकि भारत में 40 हजार से ज्यादा बढ़ गए।

मौतें

अहम बात यह कि भारत में मरीजों की मृत्यु दर दुनिया में रूस और पेरू के बाद सबसे कम है। अमेरिका में अभी मृत्युदर 5.96% है, जबकि, यूरोप में 9.22% बनी हुई है। दुनिया में मृत्युदर 6.70% बनी हुई है।

लॉकडाउन

  • चीन में 21 दिन बाद मरीज घटने लगे, भारत में 51 दिन बाद भी बढ़ रहे
  • चीन में 23 जनवरी को लॉकडाउन लगा था। उसके बाद 12 फरवरी को एक दिन में सबसे ज्यादा 14 हजार मरीज मिले थे। लेकिन, उसके बाद नए मरीजों की संख्या लगातार गिरने लगी। इसलिए 8 अप्रैल को 77 दिन बाद चीन में लॉकडाउन हटा दिया गया।
  • इधर, भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लगा। 51 दिन बाद भी मरीज घटने शुरू नहीं हुए हैं। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि जून के आखिरी महीने में मरीज चरम पर हो सकते हैं। हालांकि, लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट बढ़ रही है।
  • विशेषज्ञ कहते हैं कि चीन ने सख्त लॉकडाउन के दम पर वायरस को वुहान से बाहर नहीं निकलने दिया। चीन का 70% इलाका सुरक्षित बना रहा। लेकिन, भारत में सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों के तीन राज्यों के अलावा कोई भी इलाका वायरस से अछूता नहीं बचा है।


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यह फोटो गुजरात के अहमदाबाद की है। गुरुवार को यहां स्वास्थ्य कर्मचारी नई दिल्ली से स्पेशल ट्रेन के जरिए पहुंचने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग करते नजर आए।


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कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 20 राज्यों में 30 अप्रैल तक 162 जिले ग्रीन जोन में थे, लेकिन पिछले 13 दिन में इनमें से 102 जिलों में संक्रमित मिले

कोरोना संक्रमण की रफ्तार देश में किस तरह से बढ़ रही है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि 30 अप्रैल को देश में कोरोना के 33 हजार 610 केस थे और 13 मई को इनकी संख्या बढ़कर 74 हजार 281 हो गई। यानी, इन 13 दिनों में देश में कोरोना के 120% मरीज बढ़ गए।

तारीख 30 अप्रैल इसलिए, क्योंकि इसी दिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमितों की संख्या के आधार पर देश के सभी जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा था। इस लिस्ट में 733 जिलों में से 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में रखा था।

रेड जोन वो जिले बने, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आए। ऑरेंज जोन में ऐसे जिलों को रखा गया, जहां 14 दिन से कोई नया मरीज नहीं मिला था। जबकि, ग्रीन जोन में उन जिलों को शामिल किया गया जहां या तो कोरोना कोई मरीज मिला ही नहीं था या वहां 21 दिन से कोई नया मामला नहीं आया था।

सरकार ने भी रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के जिलों को लॉकडाउन-3 में कुछ रियायतें दीं। ग्रीन जिलों को रेड और ऑरेंज के मुकाबले थोड़ी ज्यादा छूट मिली। शायद यही वजह रही कि 30 अप्रैल तक जो जिले ग्रीन जोन में थे, वहां अब कोरोना मरीज भी मिल गए हैं।

हमने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 20 राज्यों के ग्रीन जोन जिलों का एनालिसिस किया। 30 अप्रैल को सरकार ने इन 20 राज्यों के 162 जिलों को ग्रीन जोन में रखा था। लेकिन, 13 मई तक इन 162 जिलों में से 102 जिलों में कोरोना के मामले सामने आ गए और 14 मौतें भी हुई हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अब इन 20 राज्यों में सिर्फ 60 जिले ही ग्रीन जोन में रह गए हैं।

ओडिशा का गंजम जिला, यहां 13 दिन में 252 केस आए

ओडिशा का गंजम जिला 30 अप्रैल तक ग्रीन जोन में था। 2 मई तक यहां सिर्फ 2 केस ही थे। लेकिन, 13 मई तक यहां 252 केस आ चुके हैं। किसी भी ग्रीन जोन जिले में इतने ज्यादा मामले सामने आने वाला गंजम पहला जिला है। अच्छी बात ये है कि यहां मौत नहीं हुई है।

गंजम के बाद त्रिपुरा का धलाई जिला है, जहां 151 मामले आए हैं। धलाई में भी 30 अप्रैल तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला था। इतना ही नहीं, त्रिपुरा में सिर्फ तीन ही केस थे, जो 13 मई तक बढ़कर 155 हो गए हैं।

ग्रीन जोन में भी मामले बढ़ने की 2 बड़ी वजह
1) पहली : प्रवासी मजदूरों का लौटना

1 मई से रेलवे प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चला रही है। 14 मई तक 800 स्पेशल ट्रेनें चल चुकी हैं, जिनसे 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया है। ओडिशा में 12 मई को 23 नए केस आए थे और वहां के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, ये सभी वो लोग थे, जो दूसरे राज्यों से लौटकर आए थे।महाराष्ट्र में गढ़चिरौली एकमात्र ऐसा जिला है, जहां अब तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। यहां के कलेक्टर दीपक सिंगला ने पीटीआई को बताया था कि जिन दूसरे जिलों में अचानक से मामले बढ़ रहे हैं, वो दूसरे राज्यों से लोगों के आने की वजह से बढ़े हैं।

दूसरी : पाबंदियों में ढील देना
1 मई को जब लॉकडाउन-3 के लिए नई गाइडलाइन जारी हुई, तो उसमें ग्रीन जोन जिलों को रेड और ऑरेंज के मुकाबले ज्यादा ढील दी गई। यहां 4 मई से स्पा-सैलून भी खोलने की इजाजत दी गई। 50% यात्रियों के साथ बसों को भी चलने की इजाजत दे दी। टैक्सी सर्विस भी शुरू कर दी। शराब, पान और तंबाकू की दुकानें भी यहां 4 मई से खुलने लगीं।

(इस स्टोरी में राज्यों के आंकड़े उनके स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी होने वाले मीडिया बुलेटिन से लिए गए हैं)



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As of April 30, 162 districts were in the Green Zone in 20 states most affected by Corona, but 102 of these districts got infected in the last 13 days.


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