गुरुवार, 13 अगस्त 2020

रिलायंस खरीद सकता है टिकटॉक का भारतीय कारोबार, बाइटडांस ने मुकेश अंबानी की कंपनी से बातचीत शुरू की

यूजर्स के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा बाजार रहे भारत में दोबारा आने के लिए टिकटॉक बेकरार है। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस इसके भारतीय कारोबार को बेचने की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइटडांस शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक का भारतीय कारोबारी मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को बेच सकती है। इस संबंध में दोनों कंपनियों के बीच जुलाई के आखिर में बातचीत शुरू हुई थी। हालांकि, दोनों कंपनियां अभी किसी भी सौदे पर नहीं पहुंची हैं। इस पर रिलायंस, बाइटडांस और टिकटॉक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

भारत ने टिकटॉक समेत चीन 106 ऐप पर बैन लगाया है

लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन की कंपनियों के 59 ऐप पर बैन लगा दिया था। इसमें टिकटॉक, वीचैट, अलीबाबा ग्रुप का यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज जैसे पॉपुलर ऐप शामिल थे। इसके बाद सरकार ने पिछले महीने जुलाई में भी चीन के 47 ऐप पर बैन लगाया था। इसमें अधिकांश पहले बैन किए गए ऐप के क्लोन थे। इस प्रकार भारत सरकार अब तक चीन के 106 ऐप पर बैन लगा चुकी है। टिकटॉक के भारतीय कारोबार की वैल्यू 3 बिलियन डॉलर के करीब आंकी गई है।

पिछले सप्ताह अमेरिका ने दी टिकटॉक पर बैन को मंजूरी

पिछले सप्ताह अमेरिका ने भी चीनी ऐप टिकटॉक पर बैन को मंजूरी दी थी। इस संबंध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक प्रस्ताव पर साइन कर चुके हैं। हालांकि, अमेरिका ने बाइटडांस को टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया है। यदि बाइटडांस 15 सितंबर तक कोई सौदा नहीं कर पाती है तो टिकटॉक पर लगाया गया बैन लागू हो जाएगा।

अमेरिकी कारोबार के लिए माइक्रोसॉफ्ट-ट्विटर से चल रही बातचीत

टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार खरीदने के लिए सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट सामने आई थी। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी इसकी जानकारी दे दी थी। ट्रंप ने भी माइक्रोसॉफ्ट के ऑफर का समर्थन किया है। अभी टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को बेचने को लेकर माइक्रोसॉफ्ट और बाइटडांस में कोई अंतिम सौदा नहीं हो पाया है। इस बीच पिछले सप्ताह यह खबर भी आई थी कि टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार खरीदने के लिए ट्विटर भी बाइटडांस से बातचीत कर रही है। टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार की वैल्यू 30 बिलियन डॉलर के करीब आंकी गई है।

2019 में बाइटडांस ने भारत से 43.7 करोड़ कमाए

2019 में बाइटडांस ने भारत में 43.7 करोड़ रुपए का कारोबार किया। कंपनी को 3.4 करोड़ का रुपए का प्रॉफिट हुआ। अमेरिका से कंपनी को 650 करोड़ का रेवेन्यू मिला था। वहीं, चीन से कंपनी को 2500 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला। कारोबारी रेवेन्यू के हिसाब से भारत बाइटडांस के टॉप 10 देशों में शामिल नहीं है। ऐप्स बिजनेस कारोबार पर नजर रखने वाली सेंसर टॉवर के मुताबिक, टिकटॉक के यूजर बेस में तेजी से इजाफा हो रहा है। 29 अप्रैल के डेटा के अनुसार, दुनिया भर में टिकटॉक 200 करोड़ बार डाउनलोड किया गया। दुनियाभर में टिकटॉक के 80 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं।

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अब टिकटॉक को अपने ही देश में झेलना पड़ रहा विरोध; कंपनी के खिलाफ हुए चीनी, टिकटॉक के CEO को बताया 'गद्दार'



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यूजर्स के लिहाज से टिकटॉक के लिए भारत दूसरा सबसे बड़ा बाजार रहा है।


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रिया चक्रवर्ती की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है, पटना से मुंबई केस ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है। रिया ने खुद के खिलाफ पटना में दर्ज केस को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है। बिहार सरकार पटना में दर्ज केस के आधार पर इसकी जांच पहले ही सीबीआई को सौंप चुकी है।

इससे पहले 11 अगस्त को सुनवाई हुई थी। तब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। आज इस केस से जुड़े सभी पक्षों यानी रिया, सुशांत के परिवार, बिहार और महाराष्ट्र पुलिस से लिखित दलीलें जमा करवाने को कहा गया था। कोर्ट में आज ही रिया की उस याचिका पर भी सुनवाई होनी है, जिसमें उन्होंने इस मामले में मीडिया ट्रायल रोकने की मांग की है।

सुशांत की बहन ने की सीबीआई जांच की वकालत
सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति सोशल मीडिया पर एक बार फिर सीबीआई जांच पर जोर देती नजर आईं। श्वेता ने सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट किया है जिसमें वे हाथ में वाइट बोर्ड लिए नजर आईं। इस पर लिखा था- मैं सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह राजपूत हूं और मैं सीबीआई जांच की मांग करती हूं।


श्वेता ने इस फोटो को पोस्ट करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा- ये वो समय है जब हमें सच्चाई का पता लगाकर न्याय पाना है। सच क्या है ये सामने लाने में हमारी और हमारे परिवार की मदद करें वरना हम कभी शांति से जी नहीं सकेंगे। अपनी आवाज उठाएं और सुशांत के लिए सीबीआई जांच की मांग करें।

सुनवाई के दौरान रिया की दलील
मंगलवार को रिया ने कोर्ट में दलील दी कि सुशांत के पिता की एफआईआर का पटना में किसी अपराध से कोई कनेक्शन नहीं है। मामला एकतरफा है। राज्य इसमें भारी दखल दे रहा है। वहीं, बिहार पुलिस ने कहा कि मुंबई पुलिस राजनीतिक दबाव में तथ्यों को छिपा रही है।

सुशांत के पिता ने मुंबई पुलिस की जांच पर उठाए सवाल
मंगलवार को सुशांत के पिता की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने जस्टिस हृषिकेश रॉय के सामने दलील दी थी कि परिवार को मुंबई पुलिस की जांच पर कोई भरोसा नहीं है। मुंबई पुलिस को रिया की भूमिका पर पहले ही जांच करनी चाहिए थी, लेकिन वे कुछ और ही कर रहे थे। सुशांत के परिवार ने कभी उसकी बॉडी को फांसी के फंदे से लटकते हुए नहीं देखा है और इससे शक पैदा होता है।

इसलिए पटना में केस दर्ज करने का अधिकार
सिंह ने दलील देते हुए यह भी कहा कि सुशांत के शोषण और धोखाधड़ी का खुलासा पटना में ही हुआ। इसलिए पटना पुलिस के पास सीआरपीसी की धारा 179 के तहत एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है। उधर, महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार सरकार इस मामले में राज्य चुनाव से पहले केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।

सिद्धार्थ पिठानी पर गहराया शक
सुशांत के पिता के वकील ने कहा कि सिद्धार्थ पिठानी सबसे बड़ा संदिग्ध है। यह खुदकुशी नहीं हत्या का केस है।कॉन्सपिरेसी थ्योरी के हिसाब से देखें तो यह भी हो सकता है कि सुशांत को पहले बेहोश किया गया हो।

पंखे से लटका मिला था सुशांत का शव

सुशांत (34) का शव 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में उनके फ्लैट की छत से लटका मिला था। इसके बाद से ही मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और अब तक कम से कम 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज कर चुकी है। इस मामले में सुशांत की गर्लफ्रेंड पर काफी सवाल उठ रहे हैं और सोशल मीडिया में उनके बारे काफी बातें कही जा रही हैं। साथ ही रिया ने अपने बयान में कहा है कि वे जांच में सहयोग करेंगी।

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3. सुशांत के परिवार का दर्द:पिता ने 9 पेज का बयान जारी किया, लिखा- बदमाशों के झुंड से घिरा था सुशांत, पैसों के दम पर वापस आया हनी ट्रैप गैंग



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रिया और उनके परिवार के खिलाफ सुशांत सिंह के पिता ने पटना में केस दर्ज कराया है।


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बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में सुनवाई; भाजपा विधायक की मांग- वोटिंग राइट्स रोके जाएं

बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। भाजपा विधायक मदन दिलावर ये अर्जियां लगाई थीं। इस मामले में हाईकोर्ट में खुद बसपा ने भी पिटीशन फाइल की थी।

बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के लिए विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने 18 सितंबर 2019 को मंजूरी दी थी। दिलावर की अपील है कि स्पीकर के उस आदेश पर रोक लगाई जाए और सभी 6 विधायकों को फ्लोर टेस्ट में किसी भी पार्टी के पक्ष में वोटिंग से रोका जाए।

बसपा की मांग- बागियों को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने से रोका जाए
बसपा ने भी उसके बागी विधायकों के फ्लोर टेस्ट में शामिल होने पर पाबंदी लगाने और विधानसभा के किसी भी सत्र में हिस्सा लेने से रोकने की अपील की है। इस मामले में दिलावर की ओर से हरीश साल्वे, सत्यपाल जैन, आशीष शर्मा और बसपा की ओर से सतीश चन्द्र मिश्रा पैरवी कर रहे हैं।



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हाईकोर्ट से स्टे नहीं मिलने पर भाजपा विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई थी। (फाइल फोटो)


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मैक्सिको में संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख के करीब, पेरू में हर रविवार को कर्फ्यू लगाने का ऐलान; दुनिया में 2.08 करोड़ केस

दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 6 लाख 49 हजार 711 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 35 लाख 47 हजार 161 मरीज ठीक हो चुके हैं। 7 लाख 48 हजार 658 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।

मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में 5858 नए मामले सामने आए हैं और 737 मौतें हुई हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 4 लाख 98 हजार 380 हो गया है। यहां अब तक 54 हजार 666 मौतें हुईं हैं।

पेरू के राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा ने हर रविवार को देश में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि संक्रमण से उबरने और एक बेहतर स्थिति में लौटने के लिए हमने यह फैसला किया है। पेरू में अब तक 4 लाख 89 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हर रोज यहां करीब 7 हजार केस सामने आ रहे हैं।

10 देश, जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 53,60,302 1,69,131 28,12,603
ब्राजील 31,70,474 1,04,263 23,09,477
भारत 23,95,471 47,138 16,95,860
रूस 9,02,701 15,260 7,10,298
साउथ अफ्रीका 5,68,919 11,010 4,32,029
मैक्सिको 4,98,380 54,666 3,36,635
पेरू 4,98,555 21,713 3,41,938
कोलंबिया 4,22,519 13,837 2,39,785
चिली 3,78,168 10,205 3,51,419
स्पेन 3,76,864 28,579 उपलब्ध नहीं

ब्रिटेन: इंग्लैंड में मौतों का नया आंकड़ा जारी
सरकार ने बुधवार को इंग्लैंड में संक्रमण से हुई मौतों का नया आंकड़ा जारी किया। इसमें पहले के मुकाबले 5377 मौतें कम दिखाई गई हैं। सरकार ने कहा है कि पुराने डेटा में ऐसे लोगों को भी शामिल कर लिया गया था जो संक्रमण से ठीक हो चुके थे। अब ब्रिटेन में मौतों की कुल संख्या 46 हजार 706 से घटकर 41 हजार 329 हो गई है।

रूस: दो हफ्ते में आएगी वैक्सीन

रूस ने बुधवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी का पहला बैच दो हफ्ते में तैयार कर लिया जाएगा। उधर, अमेरिकी हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फौसी ने कहा कि उन्हें शक है कि वैक्सीन कोरोना मरीजों पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाना और इसे सुरक्षित साबित करना अलग बात है। हालांकि, रूस ने सुरक्षा को लेकर सभी चिंताओं को खारिज कर दिया है।



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मैक्सिको की राजधानी न्यू मैक्सिको सिटी के एक थियेटर में पहुंचे लोगों की जांच करते सिक्योरिटी गार्ड। मैक्सिको संक्रमण के मामले में दुनिया में सातवें नंबर पर है।


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बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में सुनवाई; भाजपा विधायक की मांग- वोटिंग राइट्स रोके जाएं

बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। भाजपा विधायक मदन दिलावर ये अर्जियां लगाई थीं। इस मामले में हाईकोर्ट में खुद बसपा ने भी पिटीशन फाइल की थी।

बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के लिए विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने 18 सितंबर 2019 को मंजूरी दी थी। दिलावर की अपील है कि स्पीकर के उस आदेश पर रोक लगाई जाए और सभी 6 विधायकों को फ्लोर टेस्ट में किसी भी पार्टी के पक्ष में वोटिंग से रोका जाए।

बसपा की मांग- बागियों को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने से रोका जाए
बसपा ने भी उसके बागी विधायकों के फ्लोर टेस्ट में शामिल होने पर पाबंदी लगाने और विधानसभा के किसी भी सत्र में हिस्सा लेने से रोकने की अपील की है। इस मामले में दिलावर की ओर से हरीश साल्वे, सत्यपाल जैन, आशीष शर्मा और बसपा की ओर से सतीश चन्द्र मिश्रा पैरवी कर रहे हैं।



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हाईकोर्ट से स्टे नहीं मिलने पर भाजपा विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई थी। (फाइल फोटो)


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सियासी विवाद के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट पहली बार आमने-सामने होंगे; जयपुर में आज कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग

सचिन पायलट की कांग्रेस से सुलह के 3 दिन बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट का आमना-सामना होगा। जयपुर में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसभा या मुख्यमंत्री के घर हो सकती है। मीटिंग में दोनों खेमों के विधायक मौजूद रहेंगे। मीटिंग के बाद दोनों गुटों में मेल-मिलाप का दौर चलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि गहलोत और पायलट की मुलाकात किस तरह से होती है।

14 अगस्त से विधानसभा सत्र
गहलोत खेमे के विधायक बुधवार को जैसलमेर से जयपुर लौट आए। उन्हें फिर से उसी होटल फेयरमोंट में ठहराया गया है, जहां से वे 31 जुलाई को जैसलमेर गए थे। गहलोत ने इस पूरे सियासी घटनाक्रम पर कहा- ‘फॉरगेट एंड फॉरगिव, भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो। यही प्रदेशवासियों और लोकतंत्र के हित में है।' 14 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू होगा।

पायलट गुट के 18 विधायक बाड़ेबंदी में नहीं रहेंगे
गहलोत गुट के विधायकों की तो अभी तक होटल में बाड़ेबंदी जारी है, लेकिन पायलट गुट के विधायक अपने-अपने घरों पर ही हैं। दो दिन पहले से ही पायलट गुट के सभी विधायक बाड़ेबंदी से निकल चुके हैं। एक महीने बाड़ेबंदी में रहने के बाद मंगलवार शाम वे जयपुर लौट आए थे। बुधवार शाम 7 बजे पायलट के सरकारी आवास पर विधायकों की मीटिंग भी हुई, जिसमें आगे की स्ट्रैटजी तय की गई। हालांकि, इसे अनौपचारिक मुलाकात बताया गया।



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जयपुर की यह फोटो दिसंबर 2019 की है। सचिन पायलट (बाएं) और अशोक गहलोत नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ रैली में एक मंच पर नजर आए थे।


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एच-1बी वीजाधारक अगली पाबंदी लगने से पहले नौकरी पर लौट सकते हैं, सेवाओं पर असर पढ़ने की वजह से लिया फैसला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एच-1बी वीजा पर लगाई गई रोक में कुछ रियायत दे दी है। अब इस वीजा के तहत लोग अगला प्रतिबंध लगने से पहले अपनी पुरानी नौकरी या पुरानी कंपनी में लौट सकते हैं। संबंधित व्यक्ति के बच्चों और पति या पत्नी को भी प्राइमरी वीजा के साथ अमेरिका में आने की इजाजत होगी।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एडवायजरी में यह भी कहा गया है कि टेक्निकल स्पेशलिस्ट, सीनियर लेवल मैनेजर और उन लोगों को भी अमेरिका आने की इजाजत दे दी गई है, जिनकी वजह से जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इनमें स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग, रिसर्चर्स भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के इरादे से भी यह फैसला किया गया है।

कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंध लगाया था
ट्रम्प प्रशासन ने एच-1बी धारकों को इस साल के आखिरी तक अमेरिका आने पर पाबंदी लगाई थी। यह फैसला कोरोना महामारी की वजह से लिया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पिछले साल नवंबर तक 5 लाख 83 हजार 420 एच-1बी वीजाधारक थे। अमेरिका हर साल लैप्स हो जाने वाले वीजा को रिन्यू करने के लिए 85 हजार नए एच-1बी वीजा जारी करता रहा है। यह वीजा 3 साल के लिए जारी किया जाता है। 3 साल के बाद यह रिन्यू करवाया जा सकता है। बीते कुछ सालों में कुल एच-1बी वीजा में से 70% भारतीयों को मिलते रहे हैं।

क्या होता है एच-1बी वीजा?
यह एक गैर-प्रवासी वीजा होता है, जो किसी विदेशी नागरिक या कामगार को अमेरिका में काम करने के लिए जारी किया जाता है। जो कंपनियां अमेरिका में हैं, उन्हें ये वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है, जिनकी अमेरिका में कमी हो। इस वीजा को पाने की कुछ शर्तें भी होती हैं। जैसे- कर्मचारी को ग्रेजुएशन होने के साथ-साथ किसी एक क्षेत्र में स्पेशियलिटी भी होनी चाहिए।

इसे पाने वाले कर्मचारी की सालाना तनख्वाह 40 हजार डॉलर यानी 45 लाख रुपए से ज्यादा होनी चाहिए। ये वीजा अमेरिका में बसने की राह भी आसान करता है। एच-1बी वीजाधारक 5 साल बाद अमेरिका की स्थाई नागरिकता या ग्रीन कार्ड के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस जैसी 50 से ज्यादा भारतीय आईटी कंपनियों के अलावा गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियां इस वीजा का इस्तेमाल करती हैं।

पिचाई ने कहा था- सरकार के फैसले से निराश हूं

एच-1बी वीजा पर अमेरिकी सरकार के फैसले पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने निराशा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था- प्रवासियों ने अमेरिका को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद की, देश को तकनीक में अव्वल बनाया। इन्हीं लोगों की वजह से गूगल इस जगह पहुंचा। हम इन लोगों को समर्थन करते रहेंगे।

टेस्ला और माइक्रोसॉफ्ट ने भी किया विरोध

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और माइक्रोसॉफ्ट के प्रेसिडेंट ब्रेड स्मिथ ने भी इस फैसले का विरोध किया था। मस्क ने कहा था- यह देश को वर्ल्ड टैलेंट से अलग करने का वक्त नहीं है। प्रवासियों ने हमारी मदद उस दौर में की थी जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। फेसबुक ने एक बयान में कहा था- ट्रम्प के इस आदेश से वह बेहतरीन प्रतिभाएं अमेरिका से बाहर रह जाएंगी, जिनकी हमें जरूरत है। इकोनॉमिक रिकवरी मुश्किल हो जाएगी।

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1. विदेशी छात्रों के वीजा रद्द करने का फैसला ट्रम्प प्रशासन ने वापस लिया, कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस आदेश की जानकारी दी

2. अमेरिका के एच-1 वीजा पर प्रतिबंध से आईटी कंपनियों पर 1,200 करोड़ रुपए की लागत आएगी, मुनाफे पर 0.25 प्रतिशत का होगा असर



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ट्रम्प प्रशासन ने कोरोनावायरस महामारी की वजह से एच-1बी वीजाधारकों के अमेरिका आने पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी थी। यह आदेश 22 जून को जारी किया गया था। -फाइल फोटो


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एक दिन में रिकॉर्ड 67066 मरीज बढ़े, देश में अब तक 23.95 लाख मामले; महाराष्ट्र में नए मरीजों से ज्यादा लोग ठीक हुए

देश में बुधवार को 67 हजार 66 मरीज बढ़े। इसके साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 23 लाख 95 हजार 571 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में 950 लोगों की मौत इस बीमारी से हो गई। देश में सबसे ज्यादा 12,712 मरीज एक बार फिर महाराष्ट्र में मिले। इसी दौरान इससे ज्यादा यानी 13,804 मरीज कोरोना को हराकर घर भी पहुंचे। राज्य में अब कुल मरीज करीब साढ़े पांच लाख हो गए हैं।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में कोरोना की जांच के लिए 88 लैब हैं। यह हर जिले में मौजूद हैं। 10 सरकारी और 7 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की लैब भी टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सुविधा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अगले एक माह में आईसीयू बेड की संख्या तीन गुना करने का लक्ष्य है। अभी एक्टिव पेशेंट 9317 हैं, जो कि अब तक सबसे ज्यादा हैं। इसके बावजूद ऑक्सीजन समेत जनरल बेड की आक्यूपेंसी सिर्फ 22% है, जबकि आईसीयू बेड की आक्यूपेंसी 30% से कम है।

2. राजस्थान
राज्य में पहली बार लगातार दूसरे दिन 1200 से ज्यादा रोगी मिले। बुधवार को 1213 और मंगलवार को 1217 रोगी मिले थे। जालौर में 3, टोंक, पाली और कोटा में 2-2, प्रतापगढ़ और दौसा में 1-1 मरीज की मौत हुई। अब तक 822 की जान जा चुकी है। 48 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा 2782 मरीज डिस्चार्ज भी हुए हैं।

3. बिहार
राज्य में कोरोना की वजह से अब तक 500 लोगों की जान जा चुकी है। पटना में बुधवार को 11 साल की लड़की और 15 साल के लड़के की जान गई। उधर, राज्य में 11 से 30 साल की उम्र के 20 मरीज अब तक दम तोड़ चुके हैं। इनमें चार लड़कियां थीं। इनमें से 11 को पहले से बीमारी नहीं थी।

एनालिसिस से पता चला कि 55 मरीजों को कोरोना से लड़ने के लिए एक भी दिन का समय नहीं मिला। मतलब, रिपोर्ट आने या भर्ती होने के दिन ही मौत हो गई। 64 लोगों के परिजनों को उनकी मौत के बाद पता चला कि वे पॉजिटिव थे। 46 की रिपोर्ट मौत के अगले दिन आई। 11 की दूसरे दिन और 7 की तीसरे दिन।

कोरोना मरीज का निजी अस्पतालों में इलाज की दर अधिकतम रोजाना15 से 20 हजार के बीच तय करने पर विचार चल रहा है। जांच और दवा का खर्च परिजन देंगे। अस्पताल का चार्ज यानी बेड, डॉक्टर आदि की दर फिक्स होगी। इसमें सामान्य बेड पर रहने वाले मरीज से एक दिन का अधिकतम 5 हजार, आईसीयू में 10 हजार, वेंटीलेटर का 15 से 20 हजार के बीच ही लिया जा सकेगा।

4. महाराष्ट्र.
कोरोना संक्रमितों के लगातार बढ़ते केस के बीच महाराष्ट्र के अहमदनगर से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक एम्बुलेंस में 12 कोरोना मरीजों के शवों को ले जाने का आरोप शिवसेना के नगर सेवक बालासाहब बोराटे ने लगाया है। बोरोटे ने अपने दावे की पुष्टि के लिए एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें एक एम्बुलेंस में कुछ शव एक के ऊपर एक रखे हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, शिवसेना नेता के आरोप पर नगर निगम की ओर से कोई भी बयान अभी तक सामने नहीं आया है।

5. उत्तरप्रदेश.
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हम प्रत्येक दिन रिकॉर्ड संख्या में कोरोना जांच कर रहे हैं। मंगलवार को भी राज्य में करीब 98 हजार सैंपल्स की जांच हुई है। उत्तर प्रदेश में अभी तक 3412346 सैंपल्स की जांच हुई है। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त से 11 अगस्त के बीच हुई टेस्टिंग में पॉजिटिविटी रेट 4.8 प्रतिशत है। कानपुर नगर, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज और लखनऊ में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी देखने को मिल रही है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ई-संजीवनी पोर्टल का प्रदेश के लोग लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं। इस पोर्टल से आप घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। अब तक प्रदेश के 24 हजार 663 लोगों को इससे लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 61 हजार 831 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किए जा चुके हैं। इससे कोरोना को रोकने में बड़ी सफलता मिल रही है।



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एक दिन में रिकॉर्ड 67066 मरीज बढ़े, देश में अब तक 23.95 लाख मामले; महाराष्ट्र में नए मरीजों से ज्यादा लोग ठीक हुए

देश में बुधवार को 67 हजार 66 मरीज बढ़े। इसके साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 23 लाख 95 हजार 571 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में 950 लोगों की मौत इस बीमारी से हो गई। देश में सबसे ज्यादा 12,712 मरीज एक बार फिर महाराष्ट्र में मिले। इसी दौरान इससे ज्यादा यानी 13,804 मरीज कोरोना को हराकर घर भी पहुंचे। राज्य में अब कुल मरीज करीब साढ़े पांच लाख हो गए हैं।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में कोरोना की जांच के लिए 88 लैब हैं। यह हर जिले में मौजूद हैं। 10 सरकारी और 7 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की लैब भी टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सुविधा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अगले एक माह में आईसीयू बेड की संख्या तीन गुना करने का लक्ष्य है। अभी एक्टिव पेशेंट 9317 हैं, जो कि अब तक सबसे ज्यादा हैं। इसके बावजूद ऑक्सीजन समेत जनरल बेड की आक्यूपेंसी सिर्फ 22% है, जबकि आईसीयू बेड की आक्यूपेंसी 30% से कम है।

2. राजस्थान
राज्य में पहली बार लगातार दूसरे दिन 1200 से ज्यादा रोगी मिले। बुधवार को 1213 और मंगलवार को 1217 रोगी मिले थे। जालौर में 3, टोंक, पाली और कोटा में 2-2, प्रतापगढ़ और दौसा में 1-1 मरीज की मौत हुई। अब तक 822 की जान जा चुकी है। 48 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा 2782 मरीज डिस्चार्ज भी हुए हैं।

3. बिहार
राज्य में कोरोना की वजह से अब तक 500 लोगों की जान जा चुकी है। पटना में बुधवार को 11 साल की लड़की और 15 साल के लड़के की जान गई। उधर, राज्य में 11 से 30 साल की उम्र के 20 मरीज अब तक दम तोड़ चुके हैं। इनमें चार लड़कियां थीं। इनमें से 11 को पहले से बीमारी नहीं थी।

एनालिसिस से पता चला कि 55 मरीजों को कोरोना से लड़ने के लिए एक भी दिन का समय नहीं मिला। मतलब, रिपोर्ट आने या भर्ती होने के दिन ही मौत हो गई। 64 लोगों के परिजनों को उनकी मौत के बाद पता चला कि वे पॉजिटिव थे। 46 की रिपोर्ट मौत के अगले दिन आई। 11 की दूसरे दिन और 7 की तीसरे दिन।

कोरोना मरीज का निजी अस्पतालों में इलाज की दर अधिकतम रोजाना15 से 20 हजार के बीच तय करने पर विचार चल रहा है। जांच और दवा का खर्च परिजन देंगे। अस्पताल का चार्ज यानी बेड, डॉक्टर आदि की दर फिक्स होगी। इसमें सामान्य बेड पर रहने वाले मरीज से एक दिन का अधिकतम 5 हजार, आईसीयू में 10 हजार, वेंटीलेटर का 15 से 20 हजार के बीच ही लिया जा सकेगा।

4. महाराष्ट्र.
कोरोना संक्रमितों के लगातार बढ़ते केस के बीच महाराष्ट्र के अहमदनगर से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक एम्बुलेंस में 12 कोरोना मरीजों के शवों को ले जाने का आरोप शिवसेना के नगर सेवक बालासाहब बोराटे ने लगाया है। बोरोटे ने अपने दावे की पुष्टि के लिए एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें एक एम्बुलेंस में कुछ शव एक के ऊपर एक रखे हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, शिवसेना नेता के आरोप पर नगर निगम की ओर से कोई भी बयान अभी तक सामने नहीं आया है।

5. उत्तरप्रदेश.
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हम प्रत्येक दिन रिकॉर्ड संख्या में कोरोना जांच कर रहे हैं। मंगलवार को भी राज्य में करीब 98 हजार सैंपल्स की जांच हुई है। उत्तर प्रदेश में अभी तक 3412346 सैंपल्स की जांच हुई है। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त से 11 अगस्त के बीच हुई टेस्टिंग में पॉजिटिविटी रेट 4.8 प्रतिशत है। कानपुर नगर, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज और लखनऊ में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी देखने को मिल रही है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ई-संजीवनी पोर्टल का प्रदेश के लोग लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं। इस पोर्टल से आप घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। अब तक प्रदेश के 24 हजार 663 लोगों को इससे लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 61 हजार 831 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किए जा चुके हैं। इससे कोरोना को रोकने में बड़ी सफलता मिल रही है।



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सियासी विवाद के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट पहली बार आमने-सामने होंगे; जयपुर में आज कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग

सचिन पायलट की कांग्रेस से सुलह के 3 दिन बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट का आमना-सामना होगा। जयपुर में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसभा या मुख्यमंत्री के घर हो सकती है। मीटिंग में दोनों खेमों के विधायक मौजूद रहेंगे। मीटिंग के बाद दोनों गुटों में मेल-मिलाप का दौर चलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि गहलोत और पायलट की मुलाकात किस तरह से होती है।

14 अगस्त से विधानसभा सत्र
गहलोत खेमे के विधायक बुधवार को जैसलमेर से जयपुर लौट आए। उन्हें फिर से उसी होटल फेयरमोंट में ठहराया गया है, जहां से वे 31 जुलाई को जैसलमेर गए थे। गहलोत ने इस पूरे सियासी घटनाक्रम पर कहा- ‘फॉरगेट एंड फॉरगिव, भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो। यही प्रदेशवासियों और लोकतंत्र के हित में है।' 14 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू होगा।

पायलट गुट के 18 विधायक बाड़ेबंदी में नहीं रहेंगे
गहलोत गुट के विधायकों की तो अभी तक होटल में बाड़ेबंदी जारी है, लेकिन पायलट गुट के विधायक अपने-अपने घरों पर ही हैं। दो दिन पहले से ही पायलट गुट के सभी विधायक बाड़ेबंदी से निकल चुके हैं। एक महीने बाड़ेबंदी में रहने के बाद मंगलवार शाम वे जयपुर लौट आए थे। बुधवार शाम 7 बजे पायलट के सरकारी आवास पर विधायकों की मीटिंग भी हुई, जिसमें आगे की स्ट्रैटजी तय की गई। हालांकि, इसे अनौपचारिक मुलाकात बताया गया।



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जयपुर की यह फोटो दिसंबर 2019 की है। सचिन पायलट (बाएं) और अशोक गहलोत नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ रैली में एक मंच पर नजर आए थे।


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मोदी आज ईमानदारी से टैक्स भरने वालों के लिए नए प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगे, टैक्सपेयर्स चार्टर लागू करने का ऐलान भी संभव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के ईमानदार करदाताओं के लिए नया प्लेटफॉर्म ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ लॉन्च करेंगे। इस दौरान वे ईमानदारी से टैक्स भरने वालों के लिए कुछ सौगातों की घोषणा भी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री टैक्सपेयर्स चार्टर लागू करने का ऐलान कर सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में टैक्सपेयर्स चार्टर लाने का ऐलान किया था। पिछले हफ्ते भी उन्होंने इस चार्टर को जल्द लागू करने के संकेत दिए थे। मंत्रालय ने बताया कि आयकर विभाग के कामकाज में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए सीबीडीटी ने कई कदम उठाए हैं।

क्या है टैक्सपेयर्स चार्टर?
चार्टर्ड अकाउंटेंट कीर्ति जोशी के मुताबिक टैक्सपेयर्स चार्टर का मकसद करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाना, टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करना और अफसरों की जवाबदेही तय करना होता है। इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देशों- अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ही यह लागू है। इन तीनों देशों के टैक्सपेयर्स चार्टर में 3 प्रमुख बातें शामिल हैं-
1. करदाता को ईमानदार मानना
जब तक यह साबित न हो जाए कि करदाता ने टैक्स चोरी या गड़बड़ी की है, तब तक उसे ईमानदार करदाता मानते हुए उन्हें सम्मान देना।
2. समय पर सेवा
करदाताओं की समस्याओं का जल्द समाधान करना। अगर किसी समस्या का तुरंत समाधान संभव न हो तो तय टाइम लाइन में सॉल्यूशन की व्यवस्था करना।
3. आदेश से पहले स्क्रूटनी
करदाताओं के खिलाफ आदेश जारी करने से पहले उन्हें स्क्रूटनी करने का मौका देना, जिससे गलत आदेश पारित न हो।

देशभर में फेसलेस असेसमेंट लागू करने का ऐलान भी संभव
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के प्रेसिडेंट सीए अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि आईसीएआई ने वित्त मंत्रालय को फेसलेस असेसमेंट के बारे में समय-समय पर सुझाव दिए हैं। अभी 18 शहरों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू है। इनकम टैक्स ऑफिसर के स्तर तक के असेसमेंट फेसलेस होते हैं। सूत्रों के मुताबिक पूरे देश में फेसलेस असेसमेंट की घोषणा प्रधानमंत्री कर सकते हैं। सबसे बुजुर्ग करदाताओं को सम्मानित करने की घोषणा भी कर सकते हैं।



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प्रधानमंत्री हर सर्किल के हिसाब से सबसे बुजुर्ग टैक्सपेयर्स को सम्मानित करने की घोषणा भी कर सकते हैं। (फाइल फोटो)


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सऊदी अरब की पाकिस्तान को खरी-खरी, तो फेसबुक पोस्ट पर बेंगलुरु में हिंसा; अमेरिका में भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार

बुधवार को देशभर में दिनभर जन्माष्टमी की चर्चा रही, लेकिन कोरोना के कारण धूमधाम वैसी नहीं रही, जैसी पहले होती रही है। दूसरी तरफ, कर्नाटक से बुरी खबर आई। एक आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट को लेकर बेंगलुरु में हिंसक झड़प हुई। विदेश से खबरों में- अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने भारतीय मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना। 55 साल की हैरिस अभी सीनेट की सदस्य हैं और वे कैलिफोर्निया की अटार्नी जनरल रह चुकी हैं। खेल की खबरों में, इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच दूसरा टेस्ट मैच आज से शुरू होगा। इंग्लैंड के पास पाकिस्तान को 10 साल बाद टेस्ट सीरीज में हराने का मौका है।

पूरे बेंगलुरु में धारा 144 लगाई गई है और खबर लिखे जाने तक 110 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था

बेंगलुरु के डीजे हल्ली इलाके में हिंसा के बाद दंगाइयों से मंदिर को बचाने के लिए मुस्लिम युवकों ने ह्यूमन चेन बनाई। खबरों के मुताबिक, जब तक दंगाई वहां से चले नहीं गए, तब तक वे वहीं खड़े रहे। दरअसल, बेंगलुरु में मंगलवार की रात एक आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट को लेकर डीजे हल्ली और केजी हल्ली इलाकों में हिंसा हुई। एक पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया। हालात को काबू करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा में 60 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
मंदिर को बचाने के लिए मुस्लिम युवकों ने ह्यूमन चेन बनाई

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने हाल में ऐसे बयान दिए, जिससे यह संकेत गया कि पाकिस्तान सऊदी को धमका रहा है।

पाकिस्तान को सऊदी अरब के सामने कश्मीर मुद्दा उठने की मांग करना भारी पड़ गया। सऊदी अरब सरकार ने साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तान को न तो कर्ज दिया जाएगा और न ही पेट्रोल-डीजल यानी ऑयल। दरअसल, पाकिस्तान कुछ वक्त से चीन की शह पर सऊदी अरब और यूएई की आलोचना कर रहा है। वो लगातार ये मांग कर रहा है कि ये दोनों देश ओआईसी (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) की मीटिंग बुलाएं और इसमें कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो। सऊदी ओआईसी का अध्यक्ष है।
न कर्ज देंगे और न पेट्रोल-डीजल

55 साल की कमला हैरिस अभी सीनेट की सदस्य हैं और वे कैलिफोर्निया की अटार्नी जनरल रह चुकी हैं।

यूएस से भारत से जुड़ी एक बड़ी खबर आई। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बिडेन ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार चुना है। मंगलवार को बिडेन ने ट्वीट किया- मेरे लिए यह घोषणा करना बहुत सम्मान की बात है कि मैने कमला हैरिस को चुना है। वह एक निडर फाइटर, देश की बेहतरीन जनसेवक हैं। अगर चुनावों में 78 साल के बिडेन की जीत होती है तो वे सबसे ज्यादा उम्र के राष्ट्रपति होंगे, जबकि हैरिस की उम्र अभी 55 साल है। हैरिस अभी सीनेट की सदस्य हैं। वे कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल रह चुकी हैं।
कमला देवी हैरिस को ही उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार क्यों बनाया

रूस द्वारा कोरोना वैक्सीन बनाए जाने की घोषणा के बाद सोने और चांदी के रिकॉर्ड बढ़त से राहत मिली

पिछले कई सप्ताह से सोने और चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही थी। मंगलवार के बाद बुधवार को भी सोने के भाव में तेज गिरावट देखने को मिली। पिछले दो दिन में सोने की कीमत 4,500 रुपए तक कम हो चुकी है। दरअसल, कोरोना महामारी और यूएस-चीन-ईरान तनाव के चलते सोने के भाव बढ़ रहे थे, लेकिन रूस द्वारा कोरोना वैक्सीन बनाए जाने की घोषणा के बाद सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई। बुधवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने का वायदा भाव 50,441 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी 61,972 रुपए प्रति किलो ग्राम पर रहा।
कोरोना वैक्सीन की खबर का असर, सोने की कीमत दो दिनों में 4500 गिरी

पुतिन की दो बेटियां हैं, मारिया (दाएं) और कैटरीना (बाएं), वैक्सीन दोनों में से किसको लगी है पुतिन ने यह साफ नहीं किया है

एक खबर कोरोना वैक्सीन से जुड़ी पढ़ते हैं। मंगलवार को रूस ने वैक्सीन लॉन्च किया था और इसकी पहली डोज पुतिन की बेटी को दी गई थी। उन्हें दो डोज दिए गए थे। डोज देने के बाद शरीर के तापमान में बदलाव रिकॉर्ड किया गया। पुतिन के मुताबिक, पहली डोज देने पर उसके शरीर का तापमान 38 डिग्री था। वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई तो तापमान 1 डिग्री गिरकर 37 डिग्री हो गया। लेकिन कुछ समय बाद दोबारा तापमान बढ़ा, जो धीरे-धीरे सामान्य हो गया।
वैक्सीन देने के बाद शरीर का तापमान गिरा, काफी संख्या में एंटीबॉडीज बनीं

13 अगस्त, गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र होने से उत्पात नाम का अशुभ योग बन रहा है। ये दिनभर रहेगा। इसके कारण कामकाज में रुकावटें और विवाद की स्थिति बनती है। लेन-देन और निवेश में भी परेशानियां आती हैं। एस्ट्रोलॉजर डॉ. अजय भाम्बी के अनुसार आज मिथुन, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों के लिए गए कुछ फैसले गलत हो सकते हैं। तुला और धनु राशि वाले लोगों को सितारों का साथ नहीं मिल पाएगा। इनके अलावा अन्य मेष, वृष, कर्क, सिंह और कन्या राशि वाले लोग सितारों के अशुभ प्रभाव से बच जाएंगे।
7 राशि वालों के लिए हो आज हो सकता है परेशानी वाला दिन



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Saudi Arabia's two blows to Pakistan - neither will it give loans nor oil, violent clash in Bengaluru over Facebook post; Indian-origin Kamala Harris Vice-Presidential candidate in US election


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इस वैक्सीन का पूरा क्लीनिक ट्रायल हुआ ही नहीं; 42 दिन में मात्र 38 लोगों को टीका लगा और इनमें 144 तरह के साइडइफेक्ट भी दिखे

दुनियाभर में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी पर सवाल उठ रहे हैं। 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के दौरान पेश किए दस्तावेजों से कई खुलासे हुए हैं। दस्तावेजों के मुताबिक, वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, इसे जानने के लिए पूरी क्लीनिकल स्टडी हुई ही नहीं है।

डेली मेल की खबर के मुताबिक, ट्रायल के नाम पर 42 दिन में मात्र 38 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी गई। ट्रायल के तीसरे चरण पर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

रूसी सरकार का दावा था कि वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे, जबकि दस्तावेज बताते हैं कि 38 वॉलंटियर्स में 144 तरह के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। ट्रायल के 42 वें दिन भी 38 में से 31 वॉलंटियर्स इन साइडइफेक्ट से जूझते दिखे। वॉलंटियर्स को डोज लेने के बाद कई तरह दिक्कतें हुईं। पिछले कई दिनों से WHO भी इस वैक्सीन पर सवाल उठा रहा है।

WHO का कहना है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है।

जानिए, रूसी सरकार के दावे और दस्तावेजों से निकली सच्चाई....

  • पहला दावा : रशिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के जो नतीजे सामने आए हैं उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। किसी वॉलंटियर में निगेटिव साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिले।
  • सच्चाई: दस्तावेजों के मुताबिक, जिन वालंटियर्स को वैक्सीन दी गई, उनमें बुखार, शरीर में दर्द, शरीर का तापमान बढ़ना, जहां इंजेक्शन लगा, वहां खुजली होना और सूजन जैसे साइडइफेक्ट दिखे। इसके अलावा शरीर में ऊर्जा महसूस न होना, भूख न लगना, सिरदर्द, डायरिया, गले में सूजन, नाक का बहना जैसे साइड इफेक्ट कॉमन थे।
  • जब वैक्सीन की पहली डोज पुतिन की बेटी को दी गई तो शरीर का तापमान पहले एक डिग्री बढ़ा फिर कम हुआ। लेकिन, राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया कि मेरी बेटी के शरीर में एंटीबॉडीज बढ़ी हैं।
  • दूसरा दावा : रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, हम वैक्सीन तैयार करने में दूसरों से कई महीने आगे चल रहे हैं। इसी महीने में बड़े स्तर पर तीन और ट्रायल किए जाएंगे। फिर रजिस्ट्रेशन के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि वैक्सीन से जुड़े सभी जरूरी ट्रायल पूरे हो गए हैं।
  • सच्चाई: रूस ने अब तक वैक्सीन के जितने भी ट्रायल किए हैं, उससे जुड़ा साइंटिफिक डाटा पेश नहीं किया। तीसरे चरण का ट्रायल किया है या नहीं, इस पर भी संशय है। WHO ने रूस द्वारा बनाई गई कोरोना की वैक्सीन को लेकर कई तरह की शंकाएं जताई हैं।
  • संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा। दस्तावेज भी कहते हैं, जो भी ट्रायल हुए हैं वो मात्र 42 दिन के अंदर पूरे हो गए हैं।
  • तीसरा दावा : रक्षा मंत्रालय ने कई बार बयान दिया है कि वैक्सीन सुरक्षित है।
  • सच्चाई : दुनियाभर में जो भी वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं, शोधकर्ता इससे जुड़ा डाटा और अहम जानकारियां साझा कर रहे हैं। WHO को भी हर जानकारी दी जा रही है। लेकिन, रूसी वैक्सीन में मामले में ऐसा नहीं है। ट्रायल से जुड़ी जानकारी सिर्फ बयानों में ही सामने आई है।
  • इसे साइंटिफिक जर्नल या WHO से साझा नहीं किया गया। इस पर WHO ने कहा है, रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता और सुरक्षा पर भरोसा करना मुश्किल है। वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइंस बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं, उन्हें इसका पालन करना ही होगा।

WHO ने अपनी वेबसाइट पर क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहीं 25 वैक्सीन की लिस्ट दी है, जबकि 139 वैक्सीन अभी प्री-क्लीनिकल स्टेज में हैं।

  • चौथा दावा : रूसी सरकार और वैक्सीन तैयार करने वाले अलग-अलग बयान दे रहे। सरकार कह रही ट्रायल में अब तक कोई साइडइफेक्ट नहीं दिखा। वैक्सीन तैयार करने वाले गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ने कहा, बुखार आ सकता है। लेकिन, इसे पैरासिटामॉल की टेबलेट देकर ठीक किया जा सकता है।
  • सच्चाई : दस्तावेज कहते हैं कि साइडइफेक्ट केवल बुखार तक ही सीमित नहीं है। रशियन न्यूज एजेंसी फोटांका का दावा है कि वॉलंटियर्स के शरीर में दिखने वाले साइडइफेक्ट की लिस्ट लंबी है। इस पर अब गामालेया रिसर्च सेंटर का कहना है कि इतने कम लोगों पर हुई रिसर्च के आधार पर यह पुख्ता तौर पर कहना मुश्किल है कि कौन सा साइड इफेक्ट स्पष्ट दिखाई देगा।
  • दस्तावेजों के मुताबिक, 38 वॉलंटियर्स में 144 तरह के साइडइफेक्ट देखे गए हैं। ट्रायल के 42 वें दिन भी 38 में से 31 वॉलंटियर्स इन साइडइफेक्ट से जूझ रहे हैं। इसमें 27 तरह के साइडइफेक्ट ऐसे भी हैं, जिनकी वजह वैक्सीन बनाने वाले इंस्टीट्यूट को भी समझ नहीं आ रही है।
  • पांचवा दावा : पुतिन ने कहा, वैक्सीन का डोज लेने के बाद बेटी में काफी मात्रा में एंटीबॉडीज बनीं।
  • सच्चाई : दस्तावेजों से यह जानकारी सामने आई है कि डोज देने के बाद वॉलंटियर्स ने एंटीबॉडीज औसत स्तर से भी कम बनीं।

WHO ही नहीं, दुनियाभर के विशेषज्ञ सवाल उठा रहे
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर फ्रेंकॉयज बैलक्स कहते है, रशिया का ऐसा करना शर्मनाक है। यह बेहद घटिया फैसला है। ट्रायल की गाइडलाइन का नजरअंदाज करके वैक्सीन को बड़े स्तर पर लोगों को देना गलत है। इंसान की सेहत पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा।

जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पान के मुताबिक, रशियन वैक्सीन की पर्याप्त जांच नहीं की गई है। इसे लोगों को देना खतरनाक साबित हो सकता है। वैक्सीन सबसे पहले बने इससे ज्यादा जरूरी है यह सुरक्षित हो।



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Russian vaccine sputnikv causes side effect it'was approved after tests on only 38 people' and 'causes side-effects including fever, pain and swelling', official Russian documents reveal


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दिल्ली के ऑटोवाले कहते हैं, हम कोरोना के डर से नहीं, बल्कि भूखे मर जाने के डर से गए थे और अब लौटे भी भूख की वजह से

महीनों सुनसान रहने के बाद लाजपत नगर के ऑटो स्टैंड में फिर हलचल दिखने लगी है। सवारियों के इंतजार में खड़े हरे-पीले ऑटो की कतारें एक बार फिर से यहां सजने लगी हैं। अमूमन 15-20 किलोमीटर का फेरा लगाकर लौट आने वाले ये ऑटो इस बार करीब तीन हजार किलोमीटर का फेरा लगाकर यहां लौट रहे हैं।

इस स्टैंड के लगभग सभी ऑटो चालक मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। मार्च में जब कोरोना के चलते देश भर में लॉकडाउन शुरू हुआ तो एक-एक करके ये सभी ऑटो चालक अपने ऑटो लेकर बिहार चले गए थे। अपने जीवन का सबसे लंबा ऑटो का सफर तय करने के बाद ये लोग अब वापस दिल्ली लौट तो रहे हैं, लेकिन इनकी परेशानियां अभी कम नहीं हुई हैं।

बीते 15 साल से दिल्ली में ऑटो चला रहे शेख मांगन कहते हैं, ‘मैंने पिछले साल ही नया ऑटो खरीदा था। 70 हजार रुपए नकद दिए थे और बाकी साढ़े 14 हजार रुपए प्रति माह की किस्त बंधवा ली थी। चार किस्त ही चुकाई थीं कि लॉकडाउन हो गया। अब पिछले पांच महीनों से किस्त नहीं दे पाया हूं। जिस एजेंसी से ऑटो लिया था, वो लोग अब ब्याज सहित किस्त मांग रहे हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि अपना ऑटो बचा पाऊंगा।’

दिल्ली के ज्यादातर ऑटो वाले बिहार के रहने वाले हैं। लॉकडाउन लगने के बाद वे अपने घर चले गए थे, अब वे लौट रहे हैं।

लगभग मांगन जैसे ही हालात उन ऑटो चालकों के हैं, जो बिहार से वापस दिल्ली लौट रहे हैं। 36 साल के सुनील कुमार बताते हैं, ‘लोग अब भी घरों से निकलने में घबरा रहे हैं। काम उतना नहीं है, जितना लॉकडाउन से पहले होता था। पहले हम लोग दिन में 12-13 सौ का काम कर लेते थे। अभी एक दिन में मुश्किल से चार सौ का भी काम नहीं हो रहा। ऐसे में क्या खाएं, क्या बचाएं, कैसे किस्त चुकाएं और कैसे घर पैसे भेजें?’

ये तमाम लोग ऐसे समय में दिल्ली लौट रहे हैं, जब देश में कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं। गांव का सुरक्षित माहौल छोड़कर दिल्ली लौटते हुए संक्रमण का डर नहीं लगता, यह सवाल पूछने पर सुनील कहते हैं, ‘कोरोना या किसी भी बीमारी का डर तभी लगता है जब पेट भरा हुआ हो। भूखे पेट रहने से बड़ा डर कुछ नहीं होता। हम दिल्ली से गए थे तो भी कोरोना के डर से नहीं, बल्कि भूखे मर जाने के डर से ही गए थे और अब लौटे भी भूख के ही कारण हैं।’

लॉकडाउन के दौरान महानगरों से अपने-अपने गांवों को लौटे कई प्रवासी कामगार अब वहीं आजीविका के विकल्प तलाशने लगे हैं और महानगरों की ओर लौटना नहीं चाहते। लेकिन, दिल्ली में ऑटो चलाने वाले इन लोगों के पास यह विकल्प नहीं है। बिहार के कटिहार के रहने वाले मोहम्मद निजाम कहते हैं, ‘वापस लौटना हमारी मजबूरी थी। ये ऑटो लोन पर लिया है। लौटते नहीं तो किस्त कैसे चुकाते।’

दिल्ली में चंपारण जिले के दो सौ से ज्यादा ऑटो वाले हैं। इनमें से अधिकतर ने ब्याज पर ऑटो खरीदा है। अब एजेंसी वाले इनसे पैसे मांग रहे हैं।

महीनों बाद दिल्ली लौट रहे इन ऑटो चालकों के सामने अब कई तरह की चुनौतियां खड़ी होने लगी हैं। निजाम बताते हैं, ‘दिल्ली सरकार ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान मकान मालिक किराया न वसूल करे। लेकिन, हमारा मकान मालिक बीते चार महीने का किराया भी मांग रहा है। कुछ साथी सोच रहे हैं कि इसकी शिकायत पुलिस से कर दें, लेकिन इसमें ये डर भी है कि वो यहीं का स्थानीय आदमी है और पैसे वाला है। उसकी नाराजगी लेकर हम यहां कैसे रह सकेंगे।’

बिहार के ये प्रवासी ऑटो चालकों इन दिनों चौतरफा मार झेल रहे हैं। बीते कई महीनों से कमाई पूरी तरफ ठप रही है, लेकिन खर्चे अपनी जगह बने हुए हैं। ऊपर से बिहार में आई बाढ़ ने भी इन लोगों का बड़ा नुकसान किया है। मोहम्मद निजाम कहते हैं, ‘हम लोग तीन भाई हैं। मैं यहां ऑटो चलाता हूं और दो भाई गांव में खेती-बाड़ी करते हैं। इस साल मेरी कमाई तो ठप हुई ही भाइयों की फसल भी बाढ़ से बर्बाद हो गई। अब ऐसी स्थिति आ गई है कि खाने को भी हाथ फैलाने की नौबत है।’

शेख मांगन अपनी स्थिति बताते हैं, ‘मेरी बेटी 20 साल की है। पिछले कुछ सालों से एक-एक पैसा जोड़ रहा था ताकि उसकी शादी करवा सकूं। लेकिन जो कुछ भी जोड़ा था वो सब इस लॉकडाउन के दौरान खर्च हो गया जब एक पैसे की कमाई नहीं थी। बिहार सरकार से एक पैसे की मदद हम लोगों को नहीं मिली है। आज हालात ऐसे हो गए हैं कि अगर सरकारों ने मदद नहीं की तो न जाने कितने ऑटोवालों के ऑटो बिक जाएंगे। किस्त न चुका पाने के चलते एजेंसी वाले ऑटो उठा लेंगे।’

लॉकडाउन लगने के बाद ऑटो वालों की हालत बिगड़ गई है। कर्ज का बोझ बढ़ गया है। पहले ये लोग अपने घर हर महीने 10-11 हजार रु. भेज देते थे।

मांगन बताते हैं कि दक्षिणी दिल्ली में सिर्फ उनके ही गांव के 35 ऑटो ड्राइवर हैं और चंपारण जिले के करीब दो सौ। इस लिहाज से देखें तो पूरे बिहार के हजारों ऑटो चालक दिल्ली में ऑटो चलाकर अपना पेट पाल रहे हैं। सालों से आत्मनिर्भर रहे इन ऑटो चालकों की स्थिति इन दिनों ऐसी बन पड़ी है कि बिना सरकारी मदद के फिर से आत्मनिर्भर हो पाना मुश्किल हो गया है। इन लोगों की मुख्य मांग ये है कि लॉकडाउन के दौरान जो किस्तें ये लोग नहीं चुका पाए हैं, उन पर ब्याज इनसे न वसूला जाए और इस दौरान का कमरे का किराया माफ हो।

सुनील कुमार कहते हैं, ‘हम लोग अमूमन गाड़ी की किस्त चुकाने और अपने खर्चे निकालने के बाद 10-11 हजार रुपए हर महीने घर भेज देते थे। लेकिन, इस बार दिल्ली लौटे हुए एक महीना पूरा होने को है और अभी तक गाड़ी की किस्त के पैसे भी नहीं कमा पाए हैं। ऐसे में पिछली किस्तें, उनका ब्याज और बाकी खर्चे कैसे निकलेंगे। इस बार उल्टा घर से पैसे मंगाने की नौबत आ गई है।’



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Reverse Migration : Those Auto drivers who had gone to their homes after the lockdown, are now returning to Delhi


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