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कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 34वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच 21 दिन बाद बुधवार को 7वें दौर की बातचीत होगी। किसानों ने सरकार को 29 दिसंबर की तारीख दी थी, लेकिन सरकार की तरफ से 30 दिसंबर का न्योता मिला। जिसे किसानों ने मान लिया, लेकिन कहा कि सरकार एजेंडा बताए।
अंबानी के प्रोडक्ट्स का विरोध तेज
पानीपत में समालखा के पास जीटी रोड पर स्थित रिलायंस के पेट्रोल पंप को किसानों ने सोमवार को बंद करा दिया। पोस्टर और बैनर फाड़ दिए। पुलिस ने केस दर्ज किया है। 3 पुलिसकर्मियों को पंप पर तैनात किया गया है। पंप के मैनेजर ने बताया कि यह तीसरी घटना है, जब किसानों ने पेट्रोल पंप को बंद कराया है।
उधर, पंजाब में अब तक करीब 1500 टेलीकॉम टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। इनमें ज्यादातर रिलायंस जियो के हैं। इससे मोबाइल सेवा पर असर पड़ा है। रिलायंस जियो ने टावरों की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस से मदद मांगी है।
सरकार से बातचीत सफल नहीं रही तो 31 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, 'जो प्रस्ताव हमने रखे हैं, उस पर चर्चा करेंगे। कानून वापस नहीं लिए गए तो यहीं बैठे रहेंगे।' किसान 30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान भी कर चुके हैं। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि सरकार से बातचीत सफल नहीं रही तो 31 दिसंबर को मार्च निकाला जाएगा।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 34वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच 21 दिन बाद बुधवार को 7वें दौर की बातचीत होगी। किसानों ने सरकार को 29 दिसंबर की तारीख दी थी, लेकिन सरकार की तरफ से 30 दिसंबर का न्योता मिला। जिसे किसानों ने मान लिया, लेकिन कहा कि सरकार एजेंडा बताए।
अंबानी के प्रोडक्ट्स का विरोध तेज
पानीपत में समालखा के पास जीटी रोड पर स्थित रिलायंस के पेट्रोल पंप को किसानों ने सोमवार को बंद करा दिया। पोस्टर और बैनर फाड़ दिए। पुलिस ने केस दर्ज किया है। 3 पुलिसकर्मियों को पंप पर तैनात किया गया है। पंप के मैनेजर ने बताया कि यह तीसरी घटना है, जब किसानों ने पेट्रोल पंप को बंद कराया है।
उधर, पंजाब में अब तक करीब 1500 टेलीकॉम टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। इनमें ज्यादातर रिलायंस जियो के हैं। इससे मोबाइल सेवा पर असर पड़ा है। रिलायंस जियो ने टावरों की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस से मदद मांगी है।
सरकार से बातचीत सफल नहीं रही तो 31 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, 'जो प्रस्ताव हमने रखे हैं, उस पर चर्चा करेंगे। कानून वापस नहीं लिए गए तो यहीं बैठे रहेंगे।' किसान 30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान भी कर चुके हैं। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि सरकार से बातचीत सफल नहीं रही तो 31 दिसंबर को मार्च निकाला जाएगा।
from Dainik Bhaskar /national/news/farmers-protest-kisan-andolan-delhi-burari-live-updates-haryana-punjab-delhi-chalo-march-latest-news-today-29-december-128064547.html
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देश में कोरोना के आंकड़े और राहत देने वाले हो गए हैं। सोमवार को सिर्फ 16 हजार संक्रमितों की पहचान हुई। 72 केस आए। यह आंकड़ा 23 जून के बाद सबसे कम है। तब 15 हजार 656 केस आए थे। बीते 24 घंटे में 24 हजार 822 मरीज ठीक हो गए। 250 मरीजों की मौत हुई। इस तरह एक्टिव केस में 9011 की गिरावट आई। अब सिर्फ 2.67 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।
अब तक कुल 1.02 करोड़ कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 98.06 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। 1.48 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।
केंद्र की न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए राज्यों को हिदायत
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर नजर रखने के लिए कहा है। गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से लिखे इस पत्र में कहा गया है कि देश में कोरोना के नए केस और एक्टिव केस की संख्या घट रही है। इसलिए सावधानी की और भी जरूरत है। मंत्रालय ने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो लोकल स्तर पर एडमिनिस्ट्रेशन नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा सकते हैं।
मंत्रालय ने और क्या कहा?
कोविड-19 मरीजों के सर्विलांस के लिए लागू की गई गाइडलाइन की अवधि 31 जनवरी 2021 तक बढ़ा दी गई है।
कंटेनमेंट जोन में सावधानी बरती जाए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। कोरोना के नए स्ट्रेन को भी आने से रोकने के लिए सर्विलांस जरूरी है।
NEGVAC ने वैक्सीनेशन के लिए प्रियॉरिटाइजेशन तैयार किया है। हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 50 साल के ऊपर और 50 साल से कम उन लोगों को जिन पर कोरोना का ज्यादा खतरा है उन्हें पहले वैक्सीन दी जाएगी।
ऐसे लोगों का डेटा फाइनल करके अपलोड करें।
वैक्सीन के स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, सिक्योरिटी समेत अन्य व्यवस्था पूरी कर लें।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन कराएं।
कोवीशील्ड की 5 करोड़ डोज तैयार है
कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड तैयार करने वाली सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने कहा है कि कंपनी ने अभी कोवीशील्ड (Covishield) के 4-5 करोड़ डोज स्टॉक में रखे हैं। वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए कुछ दिन में मंजूरी मिल सकती है। इसके बाद केंद्र को तय करना है कि कितने डोज और कितनी जल्दी चाहिए। पूनावाला ने कहा कि हमारी कंपनी जुलाई 2021 तक 30 करोड़ डोज तक तैयार कर लेगी।
क्या कहना पूनावाला ने?
भारत कोवैक्स (COVAX) का हिस्सा है। हम जो भी तैयार करेंगे उसका 50% हिस्सा भारत के लिए होगा।
भारत की जनसंख्या काफी ज्यादा है। इसलिए मुझे लगता है कि अब तक हमने जो 5 करोड़ डोज तैयार किया है वो सबसे पहले भारत के लोगों को ही लगाया जाए।
2021 के शुरूआती 6 महीने वैक्सीन की शॉर्टेज रहेगी। इसमें कोई भी मदद नहीं कर सकता है। लेकिन इसके बाद अगस्त-सितंबर तक वैक्सीन सप्लाई सही हो जाएगी।
कोरोना अपडेट्स
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 मरीजों के सर्विलांस के लिए लागू की गई गाइडलाइन की अवधि 31 जनवरी 2021 तक बढ़ा दी है।
न्यू ईयर पर भीड़ और पार्टी रोकने के लिए बेंगलुरु पुलिस ने 31 दिसंबर की शाम 6 बजे से पूरे शहर में धारा-144 लागू करने का फैसला लिया है। ये 1 जनवरी की सुबह 6 बजे तक लागू रहेगी। इस दौरान बगैर किसी जरूरी काम के घर से बाहर निकलने पर रोक रहेगी।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने बताया कि एक जनवरी से राज्य में 10वीं और 12वीं के छात्रों के क्लास शुरू हो जाएंगे।
5 राज्यों का हाल
1. दिल्ली
यहां सोमवार को 564 लोग संक्रमित पाए गए। 959 लोग ठीक हुए और 21 की मौत हो गई। अब तक 6.23 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 6.06 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 10 हजार 474 मरीजों की मौत हो चुकी है। 6297 मरीजों का इलाज चल रहा है।
2. मध्यप्रदेश
यहां सोमवार को 876 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 1090 लोग ठीक हुए और नौ की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 39 हजार 228 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 25 हजार 782 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 3572 मरीजों की मौत हो चुकी है। 9874 मरीजों का इलाज चल रहा है।
3. गुजरात
यहां सोमवार को 810 लोग संक्रमित पाए गए। 1016 लोग ठीक हुए और छह की मौत हो गई। अब तक 2.42 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2.28 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4288 मरीजों की मौत हो चुकी है। 10 हजार 123 मरीजों का इलाज चल रहा है।
4. राजस्थान
राज्य में सोमवार को 798 नए मामले सामने आए। 1206 लोग ठीक हुए और सात की मौत हो गई। अब तक 3.06 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2.92 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, 2677 की मौत हो चुकी है, जबकि 10 हजार 742 मरीजों का इलाज चल रहा है।
5. महाराष्ट्र
राज्य में सोमवार को 2498 नए केस मिले। 4501 लोग ठीक हुए और 50 की मौत हो गई। अब तक 19.22 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 18.11 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 57 हजार 159 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 49 हजार 305 हो गई है।
ठंड ने देशभर में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हिमाचल की राजधानी शिमला में बर्फबारी के बाद 401 सड़कें बंद हो गईं, जिससे सैकड़ों पर्यटक जगह-जगह पर फंस गए। इसके अलावा यहां पाइपलाइन में पानी जम गया, जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। राजस्थान के बाड़मेर में ठंड ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां 24 घंटे में पारा 6.4 डिग्री लुढ़ककर 12.5 डिग्री से सीधे 6.1 डिग्री पर आ गया है।
हरियाणा और छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख रीजन से हाल में पास हुए पश्चिमी विक्षोभ के बाद वहां से स्ट्रांग कोल्ड हवाओं का दौर शुरू हो गया। इससे तापमान में गिरावट हुई।
हिमाचल शीतलहर की चपेट में, 344 ट्रांसफार्मरों को पहुंचा नुकसान
पहाड़ी राज्य हिमाचल के शिमला में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। तीन इंच तक बर्फ गिरी। राज्य के अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी व मैदानों में भारी बारिश हुई। पूरा राज्य शीतलहर की चपेट में है। तीन नेशनल हाईवे समेत 401 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं।
सड़कें बंद होने से कई जगह पर्यटक भी फंस गए हैं। जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। शिमला जिले में एक ही दिन में एचआरटीसी के 150 रूट प्रभावित हुए हैं। 73 बसें बर्फबारी के बीच फंस गई, जिन्हें बाद में रेस्क्यू कर लिया गया। राज्य में 344 ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है। होटल इंडस्ट्री खुश है क्योंकि नए साल तक बुकिंग फुल है।
सोमवार को सिर्फ शिमला में ही तीन हजार गाड़ियां व मनाली में एक हजार गाड़ियों में बाहरी राज्यों से पर्यटक पहुंचे। वहीं पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव सिंह ने बताया कि अटल टनल रोहतांग और सोलंग नाला वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है। शिमला हमीरपुर नेशनल हाईवे पर नालटू के जंगल में अब फिर से बर्फबारी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाई हैं।
बर्फबारी के कारण हमीरपुर, बिलासपुर और धर्मशाला से आने वाली बसें भी जाम में फंसी रही। घणाहट्टी की तरफ से आने वाली गाड़ियों की लंबी लाइन हीरानगर तक लगी रही। हालात ये रहे की कड़कड़ाती इस ठंड में लोगों को अपने परिवार के साथ पैदल ही चलना पड़ा। निचले क्षेत्रों से कई लोग अस्पताल के लिए आए थे, ऐसे में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
राजस्थान में 24 घंटे के अदर 9 डिग्री गिरा पारा, माउंट आबू में पारा माइनस 2 डिग्री
प्रदेश में सर्दी यू-टर्न ले चुकी है। शीतलहर से एक ही रात में अचानक ठंड बढ़ गई और कई जगह रात का पारा 4 से 9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। बाड़मेर में 20 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां 24 घंटे में पारा 6.4 डिग्री लुढ़ककर 12.5 डिग्री से सीधे 6.1 डिग्री पर आ गया। माउंट आबू में पारा दो डिग्री गिरकर एक बार फिर -2.0 डिग्री तक गिर गया। तापमान के हिसाब से माउंट आबू देश सोमवार को सबसे ठंडे 6 हिल स्टेशनों में सबसे ऊपर रहा। यानी शिमला और श्रीनगर से भी ज्यादा ठंडा। क्योंकि शिमला में -1.1 डिग्री और श्रीनगर में 0.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
जयपुर समेत 14 जिलों में तेज शीतलहर चलेगी
मौसम विभाग ने जयपुर, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झुंझुनूं, सीकर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, अजमेर, बूंदी, दौसा और झालावाड़ में तीव्र शीतलहर का असर रहने की संभावना जताई है। अगले 3-4 दिनों में कई शहरों में रात का तापमान 4 से 6 डिग्री तक लुढ़क सकता है। मौसम विभाग पहले ही अधिकतकर इलाकों के लिए 3 दिन का ऑरेंज अलर्ट जारी कर चुका है।
MP के इंदौर में हवा की दिशा बदलते ही पारा 6 डिग्री गिरा
हवा की दिशा बदलते ही मध्य प्रदेश में तापमान में जोरदर गिरावट आई है। राज्य में सीजन का पहला कोल्ड डे सोमवार को हो गया। अधिकतम तापमान 20.6 डिग्री रहा तो सामान्य से 6 डिग्री कम था। बता दें कि तापमान सामान्य से 5 डिग्री कम होने पर कोल्ड डे माना जाता है।
हरियाणा में 4 दिन कड़ाके की ठंड, पारा शून्य की ओर आएगा
राजधानी हरियाणा| पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में बारिश के बाद अब ठंड बढ़ेगी। नारनौल में रात का तापमान 1.6 डिग्री पर आ गया है, जो सामान्य से 4 डिग्री कम रहा। रोहतक में दिन का पारा 15.5 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 5 डिग्री कम है। शीतलहर की रफ्तार तेज हो गई। हालांकि, दिन में धूप खिलने से कुछ राहत मिली। मौसम विभाग ने हरियाणा में 29 दिसंबर से 1 जनवरी तक कड़ाके की ठंड व शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पारा शून्य के करीब आ सकता है। पाला जमने के आसार हैं। गहरी धुंध छाएगी। पश्चिमी विक्षोभ के असर से 4 व 5 जनवरी को बारिश हो सकती है।
गुजरात में रात का पारा 4 डिग्री लुढ़का, 2 दिन में 14 डिग्री से नीचे जा सकता है तापमान
उत्तर से चल रही ठंडी हवाओं के कारण सूरत में ठंड फिर से लौट आई है। आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं चलने से अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। पारा लुढ़कने से दिन में भी ठंडक का एहसास हुआ।
पंजाब में अगले 48 घंटे कोल्ड डे, शीतलहर चलेगी, बठिंडा 1.50 के साथ सबसे ठंडा रहा
पहाड़ों से चली बर्फीली हवाओं के चलते पंजाब के तापमान में औसतन 4 डिग्री की गिरावट आ गई। हालात ये हैं कि बठिंडा में रात का तापमान केवल 1.5 डिग्री रह गया जबकि दिन में सोमवार को पारा 14 रिकॉर्ड हुआ। फिरोजपुर में रात का पारा 2.4 डिग्री और दिन का पारा 12 रहा। मौसम विभाग ने राज्य में आने वाले 48 घंटे में बेहद गहरी धुंध पड़ने का अलर्ट जारी किया है। रात के समय कड़ाके की सर्दी पड़ने से दिन में भी मध्यम गति की हवाएं चलने से ठिठुरन रहेगी। एक और दो जनवरी को भी प्रदेश से ज्यादातर इलाकों में सूरज नहीं दिखेगा। बादल छाए रहेंगे, धुंध के दौरान विजिबिलिटी बहुत कम रहेगी।
छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में घना कोहरा
अगले तीन-चार दिनों तक छत्तीसगढ़ के मैदानी जिलों में घना कोहरा छाए रहने और तेज हवाएं चलने का अलर्ट भी जारी हुआ है। वहीं दक्षिण-पूर्वी हवा के असर से दिन व रात का तापमान बढ़ गया है। इससे ठंड में हल्की कमी आई है।
छत्तीसगढ़ के मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के विज्ञानियों के अनुसार हवा की दिशा बदलने के कारण अधिकतम व न्यूनतम तापमान बढ़ेगा। प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा व हवा की दिशा बदलने के कारण दिन व रात के तापमान में एक से दो डिग्री की वृद्धि हो सकती है। इससे ठंड में और कमी होगी।
from Dainik Bhaskar /national/news/400-roads-closed-in-himachal-after-snowfall-tourists-stranded-on-the-middle-road-20-year-record-broken-in-barmer-128064545.html
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कहानी- महाभारत में पांडवों का वनवास चल रहा था। एक दिन घूमते-घूमते थक गए तो वे एक जगह आराम करने के लिए रुके। सभी को प्यास लग रही थी तो युधिष्ठिर ने चारों भाइयों को एक-एक करके पानी की व्यवस्था करने के लिए भेजा। लेकिन, चारों भाई वापस नहीं आए तो युधिष्ठिर अपने भाइयों को खोजने के लिए निकल पड़े।
कुछ दूर चलने के बाद उन्हें एक सरोवर दिखाई दिया। सरोवर के किनारे पर भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव मृत्यु की अवस्था में पड़े हुए थे। युधिष्ठिर सरोवर की ओर बढ़े तो वहां एक यक्ष प्रकट हो गया। यक्ष ने कहा, 'अगर तुम मेरे सरोवर का पानी पीना चाहते हो तो पहले मेरे प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। तुम्हारे भाइयों ने मेरी बात नहीं मानी और प्रश्नों के उत्तर दिए बिना ही पानी पी लिया इसीलिए इनकी ऐसी दशा हो गई है। अगर तुम मेरे प्रश्नों के उत्तर दे दोगे तो तुम्हारे चारों भाई फिर से जीवित हो जाएंगे और तुम पानी भी पी सकते हो।'
यक्ष ने कई कठिन प्रश्न पूछे थे। युधिष्ठिर ने सभी के जवाब धैर्य के साथ बहुत ही अच्छी तरह से दे दिए। तब यक्ष ने अंतिम प्रश्न पूछा, 'संसार में आश्चर्य क्या है?'
युधिष्ठिर ने उत्तर दिया, 'हर रोज लोग मरते हैं, सभी अपने आसपास कई लोगों को मरते हुए देखते हैं। फिर भी लोग मृत्यु को समझते नहीं हैं, बल्कि इससे बचना चाहते हैं। एक दिन सभी की मृत्यु होनी है। मुझे सबसे आश्चर्यजनक घटना यही लगती है कि सबको मरता हुआ देखकर भी इंसान ये समझ नहीं पाता कि एक दिन मरना ही है तो इससे घबराना नहीं चाहिए।'
यक्ष युधिष्ठिर के जवाबों से संतुष्ट हो गया और चारों पांडवों को जीवित कर दिया।
सीख- हमें भी ये बात समझनी चाहिए कि जीवन तो जीएं, लेकिन मृत्यु से डरें नहीं। इसे समझें, एक दिन सभी की मृत्यु होनी ही है। ये अटल सत्य है।
मेरठ के रहने वाले अमित त्यागी ने MBA किया है। कई साल तक उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी सैलरी पर काम किया। लेकिन, पत्नी की सलाह पर अपना जमा-जमाया काम छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया। 20 साल पहले उन्होंने एक किलो केंचुए के साथ वर्मीकंपोस्ट बनाना शुरू किया था। आज उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उड़ीसा, असम समेत 14 राज्यों में उनकी करीब आठ हजार यूनिट हैं। इससे वे सालाना एक करोड़ रुपए कमा रहे हैं।
49 साल के अमित कहते हैं, "मेरी पत्नी ने भी MBA किया है। उन्हें एक कार्यक्रम में वर्मीकंपोस्ट तैयार करने की जानकारी मिली थी। उसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा ही काम शुरू करने पर जोर दिया। फिर हमने तय किया कि कोशिश करके देखते हैं। काम शुरू करने के बाद हमने पहला सैंपल एक नर्सरी वाले को बेचा। करीब हफ्तेभर बाद नर्सरी वाला फिर से खाद की डिमांड करने लगा। खाद तैयार नहीं थी, तो हमने बहाना बनाया और कह दिया कि खाद 10 रुपए प्रति किलो है। हालांकि उस समय खाद की कीमत महज 50 पैसे प्रति किलो थी। नर्सरी वाला उसे 10 रुपए किलो में खरीदने के लिए तैयार हो गया।"
अमित बताते हैं कि इससे हमारा मनोबल बढ़ा और लगा कि इस कारोबार को आगे बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, ये सफर आसान नहीं था। तब बहुत कम लोग ऑर्गेनिक खेती करते थे। ज्यादातर लोग तो इसके बारे में जानते तक नहीं थे। ऐसी स्थिति में केमिकल फर्टिलाइजर की जगह वर्मीकंपोस्ट खरीदने के लिए लोगों को समझाना मुश्किल टास्क था। फिर उन्होंने अपनी मार्केटिंग स्किल्स का इस्तेमाल शुरू किया।
अमित ने गांवों का दौरा करना शुरू किया। वे हर दिन किसी न किसी गांव में जाते और चौपाल लगाकर लोगों को वर्मीकंपोस्ट के बारे में बताते थे। इस तरह धीरे-धीरे लोग उनसे जुड़ते गए। अब वे देशभर में अपना खाद सप्लाई कर रहे हैं। कई लोगों ने तो एडवांस बुकिंग कर ली है। उन्होंने मेरठ में ही 300 से ज्यादा वर्मीकंपोस्ट बेड लगाए हैं। हर महीने वे 100 टन से ज्यादा खाद तैयार करते हैं।
वर्मीकंपोस्ट कैसे तैयार की जाती है
अमित बताते हैं कि वर्मीकंपोस्ट तैयार करने के कई तरीके हैं। लोग अपनी सुविधा के मुताबिक कोई भी तरीका अपना सकते हैं। सबसे आसान तरीका है बेड सिस्टम। इसमें तीन से चार फीट चौड़ा और जरूरत के हिसाब से लंबा बेड बनाया जाता है। इसके लिए जमीन पर प्लास्टिक डाल दी जाती है। फिर उसके चारों तरह ईंट से बाउंड्री दी जाती है। बीच में गोबर डालकर उसे अच्छी तरह से फैला दिया जाता है। उसके बाद केंचुआ डालकर ऊपर से पुआल या घासफूस डालकर ढंक दिया जाता है। फिर इसके ऊपर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाता है।
बेड की लंबाई कितनी हो, गोबर और केंचुआ का अनुपात क्या हो, इसको लेकर वे कहते हैं कि किसान अपनी जरूरत के हिसाब से बेड की लंबाई रख सकता है। लेकिन उसे ध्यान रखना होगा कि उसी अनुपात में उसके पास मटेरियल भी होना चाहिए। अमूमन एक फिट लंबे बेड के लिए 50 किलो गोबर की जरूरत होती है। अगर हम 30 फीट लंबा बेड बना रहे हैं तो हमें 1500 किलो गोबर और 30 किलो केंचुआ चाहिए।
अगर किसी किसान के पास गोबर की उपलब्धता कम है, तो वह 30 फीसदी गोबर और बाकी घासफूस या ऐसी कोई भी चीज मिला सकता है जो आसानी से सड़ सके। एक फुट के बेड के लिए एक किलो केंचुए की जरूरत होती है। अगर केंचुआ कम होगा, तो खाद तैयार होने में वक्त ज्यादा लगेगा। पर्याप्त तौर पर सभी चीजें मिलाने के बाद 30 फीट लंबे बेड से खाद बनने में एक महीने का वक्त लगता है।
अमित कहते हैं कि केंचुए की कई प्रजातियां होती हैं। मैं जो यूज करता हूं, वो है आस्ट्रेलियाई आइसोनिया फेटिडा। यह एक दिन में एक किलो गोबर खाता है और वह डबल भी हो जाता है। यानी जो लोग खाद के साथ केंचुए का बिजनेस करना चाहते हैं, उनके लिए यह बेहतर विकल्प है।
इसके लिए क्या- क्या चीजें जरूरी हैं?
अमित के मुताबिक, इसके लिए सबसे जरूरी चीज जमीन और उसकी लोकेशन है। जमीन ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां पानी उपलब्ध हो और वहां आने-जाने के लिए रास्ता हो। ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि वहां जलजमाव न होता हो। इसके बाद लंबी प्लास्टिक शीट, गोबर, पुआल और केंचुए की जरूरत होती है।
क्या- क्या सावधानियां जरूरी हैं?
अमित बताते हैं कि गोबर 15-20 दिन से ज्यादा पुराना नहीं चाहिए। ऐसा होने पर गोबर में पाई जाने वाली मीथेन गैस केंचुए के लिए नुकसानदायक हो जाती है। इसके साथ ही नियमित रूप से पानी का छिड़काव जरूरी है। साथ ही बेड की ऊंचाई डेढ़ फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
कम लागत में ज्यादा मुनाफा कैसे कमाएं?
अमित हजारों किसानों को ट्रेंड कर चुके हैं। वे कहते हैं कि वर्मीकंपोस्ट तैयार करने के लिए बहुत ज्यादा लागत की जरूरत नहीं होती। बहुत कम लागत से इसकी शुरुआत की जा सकती है। हमें पहले एक बेड से शुरुआत करनी चाहिए। वो बेड तैयार हो जाए, तो उसी के केंचुए से दूसरी और फिर ऐसे करके तीसरी, चौथी बेड तैयार करनी चाहिए।
वर्मीकंपोस्ट बनने के बाद ऊपर से खाद निकाल ली जाती है और नीचे जो बचता है, उसमें केंचुए होते हैं। वहां से जरूरत के हिसाब से केंचुए निकालकर दूसरे बेड पर डाले जा सकते हैं। ऐसा करने से हमें बार-बार केंचुआ खरीदने की जरूरत नहीं होगी। उनके मुताबिक खाद की लागत 3 रुपए प्रति किलो आती है। वह इसे थोक में छह रुपए से लेकर बीस रुपए प्रति किलो तक बेचते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन करेंगे। पूरा कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11 बजे किया जाएगा। इस इवेंट के दौरान ही वह प्रयागराज में EDFC के ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर (OCC) का भी उद्घाटन करेंगे। इस दौरान यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे।
क्या है EDFC?
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी EDFC प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसे मालवाहक ट्रेनों के लिए खासतौर पर बनाया गया है। मतलब इस पर केवल माल गाड़ियां ही दौड़ेंगी। 351 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर न्यू भाउपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन तक है। इसे 5,750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसकी कुल लंबाई 1856 किलोमीटर होनी है। जो पंजाब के लुधियाना से शुरू होकर हरियाणा, यूपी, बिहार और झारखंड से होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जाएगा।
इसके साथ ही केंद्र सरकार 1504 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न कॉरिडोर का भी निर्माण करवा रही है। ये ग्रेटर नोएडा के दादरी से शुरू होकर मुंबई जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक बन रहा है। केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों में पूरे देश में माल वाहक ट्रेनों के लिए अलग से पटरियां बिछाने का फैसला लिया है।
इससे क्या फायदा होगा?
कानपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, औरैया, फतेहपुर, इटावा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आस-पास लगी इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा।
नॉर्मल रेल लाइन पर दबाव कम होगा और इससे यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी।
अनाज व अन्य माल समय पर डेस्टिनेशन तक पहुंचाए जा सकेंगे।
प्रयागराज में कंट्रोल सेंटर होगा
पूरे EDFC के लिए प्रयागराज का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर एक कमांड सेंटर की तरह काम करेगा। ये सेंटर दुनिया भर में इस तरह के सबसे बड़े स्ट्रक्चर में से एक है। इसमें आधुनिक इंटीरियर्स का इस्तेमाल किया गया है और इसका डिजाइन भी शानदार है। यह बिल्डिंग इको फ्रेंडली है।
देश में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में एक नई बीमारी सामने आ रही। ये बीमारी इतनी खतरनाक है कि लोगों की जान बचाने के लिए उनके शरीर के अंग तक काटकर निकालने पड़ रहे हैं। सबसे पहले दिसंबर की शुरुआत में इसके मामले दिल्ली में सामने आए। इसके बाद गुजरात के अहमदाबाद में भी इसी तरह के मामले आने के बाद राज्य सरकार ने इससे बचने के लिए एडवाइजरी जारी की। ऐसे ही कई मामले राजस्थान, पंजाब में भी सामने आए हैं। इनमें से कुछ मरीजों की मौत हो गई तो कुछ को संक्रमण से बचाने के लिए उनकी आंखें तक निकालनी पड़ी। इस नए संक्रमण का नाम है ब्लैक फंगस।
ये नई बीमारी है क्या? इसके लक्षण क्या हैं? ये कितनी खतरनाक है? अगर ये बीमारी किसी को हो जाए तो मौत की आशंका कितनी है? इससे कैसे बच सकते हैं? आइए जानते हैं...
क्या है ब्लैक फंगस?
ये एक फंगल डिजीज है। जो म्यूकरमायोसिस नाम के फंगाइल से होता है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी मेडिसिन ले रहे हों जो बॉडी की इम्यूनिटी को कम करती हों या शरीर के दूसरी बीमारियों से लड़ने की ताकत कम करती हों। ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
ये शरीर में कैसे पहुंचता है और इससे क्या असर पड़ सकता है?
ज्यादातर सांस के जरिए वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं। अगर शरीर में किसी तरह का घाव है या शरीर कहीं जल गया है तो वहां से भी ये इंफेक्शन शरीर में फैल सकता है। अगर इसे शुरुआती दौर में ही डिटेक्ट नहीं किया जाता है तो आखों की रोशनी जा सकती है। या फिर शरीर के जिस हिस्से में ये फंगस फैले हैं, शरीर का वो हिस्सा सड़ सकता है।
ब्लैक फंगस कहां पाया जाता है?
ये बहुत की गंभीर, लेकिन एक रेयर इंफेक्शन है। ये फंगस वातावरण में कहीं भी रह सकता है, खासतौर पर जमीन और सड़ने वाले ऑर्गेनिक पदार्थों में। जैसे पत्तियों, सड़ी लकड़ी और कम्पोस्ट खाद में ब्लैक फंगस पाया जाता है।
इसके लक्षण क्या हैं?
शरीर के जिस हिस्से में इंफेक्शन है, उस पर इस बीमारी के लक्षण निर्भर करते हैं। चेहरे का एक तरफ से सूज जाना, सिरदर्द होना, नाक बंद होना, उल्टी आना, बुखार आना, चेस्ट पेन होना, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपर हिस्से या नाक में काले घाव होना, जो बहुत ही तेजी से गंभीर हो जाते हैं।
ये इंफेक्शन किन लोगों को होता है, क्या इसका कोरोना से कोई कनेक्शन है?
ये उन लोगों को होता है जो डायबिटिक हैं, जिन्हें कैंसर है, जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, जो लंबे समय से स्टेरॉयड यूज कर रहे हों, जिनको कोई स्किन इंजरी हो, प्रिमेच्योर बेबी को भी ये हो सकता है।
जिन लोगों को कोरोना हो रहा है उनका भी इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर किसी हाई डायबिटिक मरीज को कोरोना हो जाता है तो उसका इम्यून सिस्टम और ज्यादा कमजोर हो जाता है। ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन फैलने की आशंका और ज्यादा हो जाती है।
कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड दिए जाते हैं। इससे मरीज की इम्यूनिटी कम हो जाती है। इससे भी उनमें ये इंफेक्शन फैलने की आशंका ज्यादा हो जाती है।
ये फंगस कितना खतरनाक है?
ये कम्युनिकेबल डिजीज नहीं है यानी ये फंगस एक मरीज से दूसरे मरीज में नहीं फैलता है। लेकिन, ये कितना खतरनाक है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके 54% मरीजों की मौत हो जाती है। शरीर में इंफेक्शन कहां है, उससे मोर्टेलिटी रेट बढ़ या घट सकता है।
साइनस इंफेक्शन में मोर्टेलिटी रेट 46% होता है वहीं, फेफड़ों में इंफेक्शन होने पर मोर्टेलिटी रेट 76% तो डिसमेंटेड इंफेक्शन में मोर्टेलिटी रेट 96% तक हो सकता है। अमेरिकी एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट ये कहती है। इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि ये दुनिया में होने वाले हर तरह के इंफेक्शन में म्यूकरमायोसिस इंफेक्शन के मामले सिर्फ 2% ही होते है।
यह फंगस जिस एरिया में डेवलप होता है, उसे खत्म कर देता है। ऐसे में अगर इसका असर सिर में हो जाए तो ब्रेन ट्यूमर समेत कई तरह के रोग हो जाते हैं, जो जानलेवा साबित हो जाता है। समय पर इलाज होने पर इससे बचा जा सकता है। अगर यह दिमाग तक पहुंच जाता है तो मोर्टेलिटी रेट 80 फीसदी है। कोरोना के कारण बहुत से लोग कमजोर हो चुके हैं तो ऐसे में ये फंगल इंफेक्शन भी बढ़ा है।
इससे बचा कैसे जा सकता है?
कंस्ट्रक्शन साइट से दूर रहें, डस्ट वाले एरिया में न जाएं, गार्डनिंग या खेती करते वक्त फुल स्लीव्स से ग्लव्ज पहने, मास्क पहने, उन जगहों पर जाने बचें जहां पानी का लीकेज हो, जहां ड्रेनेज का पानी इकट्ठा हो वहां न जाएं।
जिन लोगों को कोरोना हो चुका है उन्हें पॉजिटिव अप्रोच रखना चाहिए। कोरोना ठीक होने के बाद भी रेगुलर हेल्थ चेकअप कराते रहना चाहिए। अगर फंगस से कोई भी लक्षण दिखें तो तत्काल डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इससे ये फंगस शुरुआती दौर में ही पकड़ में आ जाएगा और इसका समय पर इलाज हो सकेगा।
इलाज में थोड़ी सी भी देरी से मरीज के शरीर का वो हिस्सा जहां ये फंगल इंफेक्शन हुआ है, वह सड़ने लगता है। इस स्थिति में उसे काटकर निकालना पड़ सकता है। ऐसा नहीं करने पर मरीज की जान भी जा सकती है।
JEE और NEET के कॉम्पीटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे बच्चों में इसे लेकर बहुत कन्फ्यूजन थी। कब होगा, कैसे होगा, सिलेबस क्या होगा, पैटर्न और मोड क्या रहेगा? ये कुछ ऐसे सवाल थे जिसका जवाब किसी के पास नहीं था और इसके चलते बच्चों में एंग्जाइटी और तनाव देखने को मिला। किसी के पास जवाब हो भी नहीं सकता था, यह सबकुछ तय करने की जिम्मेदार सरकार और टेस्टिंग एजेंसी NTA की थी।
अब सरकार और NTA ने JEE को लेकर सबकुछ तय कर दिया है। लेकिन उसमें नया क्या है? क्या है जो पिछली बार नहीं था पर इस बार के एक्जाम में होगा? कुछ चीजें बदलीं हैं जो शायद आप में से बहुतों को पता हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि JEE का एक्जाम पैटर्न बदल गया है? आपने जो सवाल NTA से पूछे थे उसका जवाब क्या है? क्या इस बार फ्री कोचिंग की व्यवस्था भी है?
इंदौर में JEE की तैयारी करा रहे, विवेक शर्मा बताते हैं कि सरकार ने सिलेबस तो नहीं बदला, लेकिन पैटर्न जरूर बदल दिया, जिससे बच्चों को फायदा होगा। इस पैटर्न से टेस्ट सबके लिए फेयर हो जाएगा, जिसने पूरा सिलेबस पढ़ा है उसके लिए भी और जिसने सिलेबस पूरा नहीं पढ़ा उसके लिए भी।
आपके सवालों पर NTA ने क्या जवाब दिया?
दरअसल NTA की वेबसाइट पर बच्चों ने JEE 2021 को लेकर कुछ सवाल पूछे थे। इन में से जो सवाल सबसे ज्यादा बार पूछे गए NTA ने उनका एक सेट जारी किया है, वह भी जवाब समेत।
आपके सवाल - “JEE में मल्टीपल सेशन का हमें क्या फायदा?
NTA का जवाब - इससे बच्चों को कई मौके अच्छा करने के कई अवसर मिलेंगे। बच्चा पहले अटेंप्ट में अगर अच्छा नहीं कर पाया तो वह अगले में अपनी गलतियों को सुधार सकता है। इसी क्रम में हर कैंडिडेट के पास अपना बेस्ट देने के 4 अवसर मिलेंगे।
आपके सवाल - क्या हर सेशन में बैठने के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने होंगे?
NTA का जवाब - नहीं ऐसा नहीं है। एक ही एप्लिकेशन फॉर्म से कैंडिडेट एक या एक से ज्यादा सेशन के अप्लाई कर सकता है। बस फॉर्म भरने के दौरान उसे बस ये भरना होगा कि कैंडिडेट किस-किस सेशन में हिस्सा लेना चाहता है।
आपके सवाल - क्या एक्जाम पैटर्न बदला है?
NTA का जवाब - हां एक्जाम पैटर्न में कुछ बदलाव किए गए हैं। इससे उन बच्चों को लाभ मिलेगा जिनके बोर्ड ने सिलेबस को छोटा कर दिया था और वे सबकुछ नहीं पढ़ सके थे। अब 75 की जगह 90 सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन अटेंप्ट सिर्फ 75 सवाल ही करने हैं। (हम आपको एक्जाम पैटर्न डिटेल में बता रहे हैं )
पैटर्न में नया क्या है?
सरकार बच्चों का सिलेबस वाला कन्फ्यूजन समय रहते दूर नहीं कर पाई, लेकिन पैटर्न ऐसा दिया है कि किसी बच्चे का नुकसान न हो। हर बार सभी सब्जेक्ट्स (फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स) से 25-25 सवाल पूछे जाते थे, लेकिन इस बार इनकी संख्या बढ़ा कर 90 कर दी गई है।
इन तीनों विषयों में से 25 के बजाय 30 सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन करने 25 ही हैं। वो कैसे ? हम आपको बताते हैं, हर विषय से 30 सवाल आएंगे, जिसमें से 20 MCQ होंगे 10 और न्यूमेरिकल होंगे। MCQ आपको 20 के 20 यानी सारे ही करने हैं, जबकि न्यूमेरिकल 10 में 5, यानी न्यूमेरिकल में आपके पास विकल्प रहेगा।
सरकार ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि CBSE समेत कुछ स्टेट बर्ड्स ने भी अपना सिलेबस छोटा कर दिया था यानी बच्चों ने पूरा नहीं पढ़ा। जबकि, JEE के सिलेबस में कोई बदलाव नहीं हुआ, ऐसे में जिन बच्चों ने पूरा सिलेबस कवर किया है, उन्हें फायदा तो रहेगा ही। सरकार ने इस बात को ध्यान में रखते हुए विकल्प दे दिया, यानी बच्चों ने जो नहीं पढ़ा है, उसे छोड़कर जो पढ़ा है, उसे अटेंप्ट कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पेपर ऐसा डिजाइन किया जाएगा कि किसी बच्चे को नुकसान न हो। न्यूमेरिकल में कोई माइनस मार्किंग भी नहीं है। इसके अलावा सरकार के इस निर्णय से बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
फ्री ऑनलाइन कोचिंग की भी व्यवस्था
सरकार का एक कार्यक्रम है दीक्षा। इसके तहत देश की तमाम भाषाओं में 12वीं कक्षा के लिए सीबीएसई, एनसीआरटी और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा तैयार की गई 80 हजार ई-बुक्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा 12 वीं के बाद के सभी कॉम्पीटिटिव एक्जाम के लिए भी यहां अलग से E-नोट्स उपलब्ध हैं। स्टडी मेटेरियल को क्यूआर कोड के माध्यम से भी देखा जा सकता है। इस ऐप को IOS और गूगल प्ले स्टोर के जरिये डाउनलोड किया जा सकता है।
NTA हर साल 2 से 3 हजार केंद्रों पर फ्री कोचिंग देता था। लेकिन इस बार कोरोना के चलते यह कोचिंग नहीं चल रही है। लेकिन, NTA की वेबसाइट पर स्टडी मेटेरियल उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।साथ ही NTA की वेबसाइट पर जाकर आप वीडियो लेक्चर भी ले सकते हैं। NTA की वेबसाइट पर अलग- सब्जेक्ट के वीडियो लेक्चर उपलब्ध हैं।
JEE का शेड्यूल क्या है?
JEE यानी IIT की प्रवेश परीक्षाएं पहली बार 4 फेज में होंगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हर साल करीब 12 से 15 लाख बच्चे JEE के एग्जाम में बैठते है। लेकिन, इस बार इनकी संख्या बढ़ सकती है, कोरोना के कारण पिछले साल कई हजार बच्चे JEE के एग्जाम में नहीं बैठ पाए थे, जो इस बार जरूर बैठेंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए और कोरोना के मद्देनजर सरकार ने पहली बार JEE की परीक्षा 4 फेज में करवाने का फैसला लिया है।
पहले फेज के लिए NTA ने ऑनलाइन एप्लिकेशन फॉर्म लेना शुरू कर दिया है। इसकी लास्ट डेट 16 जनवरी 2020 है। 19 जनवरी को करेक्शन के लिए पोर्टल खुलेगा, जिसके जरिए एप्लिकेशन फॉर्म में हुई गलतियों को सुधारने का मौका मिलेगा।
विवेक शर्मा कहते हैं कि 4 अटेंप्ट का मौका होने से बच्चों में स्ट्रेस कम हुआ है, अगर पहले फेज में बैठने वाले बच्चे का एग्जाम ठीक नहीं हुआ तो उसके पास 3 और मौके होंगे।
NEET का शेड्यूल क्या है?
NEET के एंट्रेंस एग्जाम गर्मियों में होते हैं। इसे लेकर भी बच्चों में कन्फ्यूजन था। जैसे कितने फेज में होगा और कब। इसमें JEE की तुलना में बहुत कम बच्चे बैठते हैं इसलिए इसका एग्जाम वैसे ही होगा जैसे पहले होता आया है। MHRD ने जानकारी दी है कि मार्च में ऑनलाइन एप्लिकेशन फॉर्म लिए जाएंगे, जबकि ऑनलाइन करेक्शन अप्रैल में होगा और मई में एडमिट कार्ड मिलेगा। बाकी की जानकारी जनवरी के आखिरी हफ्ते या फरवरी 2021 तक जारी की जाएगी।
सिलेबस में कोई बदलाव हुआ या नहीं?
कोरोना के मद्देनजर CBSE ने अपना सिलेबस छोटा कर दिया था। खबरें आने लग गईं थीं कि सरकार JEE और NEET का सिलेबस छोटा कर सकती है। बच्चे क्या पढ़ें और क्या छोड़ें में काफी कन्फ्यूज थे। कुछ बच्चों ने CBSE के हिसाब से IIT की तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन सरकार ने साफ़ कर दिया कि सिलेबस में कोई बदलाव नहीं होगा।
नए साल का जश्न, यानी जमीं पर थिरकते पैर और आसमां में होती आतिशबाजी। 2021 के स्वागत में दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में ऐसा ही जश्न होगा, मगर कोरोना के चलते कुछ एहतियात के साथ। अब पैर थिरकाते समय देखना होगा कि आसपास कितने लोग हैं। मास्क लगा है या नहीं। इतना ही नहीं, कोविड ट्रैकिंग ऐप पर नजर रखनी होगी कि सेलिब्रेशन का माहौल कितना सुरक्षित है।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर किसी तरह की बंदिश नहीं है। वहीं, कई देशों में अलग-अलग तरह की पाबंदियां रहेंगी। कुछ देशों में सेलिब्रेशन तो होगा, मगर लोग उसमें ऑनलाइन ही शामिल हो सकेंगे।
तो आइये जानते हैं कि दुनिया के अहम शहरों में 2021 के स्वागत में कैसे-कैसे जश्न होंगे और 2020 के मुकाबले यह कितने अलग होंगे...
थाईलैंड: भीड़ को जोन में बांटकर होगा सेलिब्रेशन, कोविड ट्रैकिंग ऐप जरूरी
महामारी के बीच नए साल के सेलिब्रेशन के लिए थाइलैंड ने प्लान तैयार किया है। इससे सेलिब्रेशन होगा, लेकिन संक्रमण के कम खतरे के साथ। प्लान के मुताबिक, भीड़ को टुकड़ों में बांटकर अलग-अलग जोन में डायवर्ट किया जाएगा। सेलिब्रेशन में शामिल होने वाले लोगों के पास कोविड-19 ट्रैकर ऐप होना जरूरी है, ताकि आसपास संक्रमण होने पर अलर्ट हो सकें।
थाइलैंड के ज्यादातर शहरों में जश्न मनाया जाएगा, लेकिन पटाया में न्यू ईयर सेलिब्रेशन को कैंसिल कर दिया गया है। बैंकॉक का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सेंट्रल वर्ल्ड रोशनी से जगमगा उठा है। यहां नए साल में काफी भीड़ होती है। इस साल भी यहां लोग पहुंच रहे हैं। यह दुनिया का 11वां सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल है।
म्यूजिक कॉन्सर्ट टला, घरेलू पर्यटक को 40% तक छूट: बैंकॉक में 15 जनवरी को होने वाला म्यूजिक कॉन्सर्ट रद्द कर दिया गया है। यहां की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है, लेकिन इंटरनेशनल टूरिस्ट नहीं पहुंच रहे हैं। इसलिए थाईलैंड सरकार देशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए होटल और हवाई यात्रा में 40% तक छूट दे रही है।
न्यूजीलैंड: बिना किसी पाबंदी के 5 मिनट की आतिशबाजी से होगा सेलिब्रेशन का आगाज
न्यूजीलैंड उन देशों में शामिल है, जहां नया साल सबसे पहले दस्तक देता है। भारत में जब शाम के तकरीबन 4:30 बज रहे होंगे, तब न्यूजीलैंड की घड़ी रात के 12 बजा रही होगी। नए साल का सबसे पहला बड़ा ईवेंट न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में मनाया जाएगा। यहां के हार्बर ब्रिज पर 5 मिनट की आतिशबाजी के साथ नए साल का स्वागत होगा।
ऑकलैंड दुनिया का पहला बड़ा शहर, जहां पाबंदी नहीं: न्यूजीलैंड का ऑकलैंड दुनिया का ऐसा इकलौता बड़ा शहर है, जहां नए साल की शुरुआत बिना किसी पाबंदी के हो रही है। इसके पीछे की वजह है, यहां का मैनेजमेंट। कोरोना को काबू करने में न्यूजीलैंड की सरकार और प्रशासन का बेहतरीन मैनेजमेंट और जनता की जागरूकता ने यहां महामारी के बढ़ते आंकड़े को कंट्रोल कर लिया।
स्कॉटलैंड: यहां वर्चुअल सेलिब्रेशन में शामिल होंगे सेलिब्रिटी, ताकि लोग अकेला न महसूस करें
स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में भले ही नए साल के जश्न पर पाबंदी है, लेकिन इसका विकल्प तैयार है। लोगों के मनोरंजन के लिए ऑनलाइन प्रोग्राम्स की तैयारी कर ली गई है। 28 दिसंबर से इसका लाइव टेलीकास्ट शुरू किया जा चुका है। इसके अलावा यहां ड्रोन शो ऑर्गेनाइज किए जाएंगे, जिसका लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा।
ये सेलेब बढ़ाएंगे रौनक: न्यू ईयर की शाम को खुशनुमा बनाने के लिए ऑनलाइन प्रोग्राम्स में एक्टर डेविड टेनेंट, स्लोबन रेडमंड, लॉर्न मैकफायडेन समेत कई स्कॉटिश सेलिब्रिटी मौजूद रहेंगे ताकि लोग अपने घरों में भी अकेला महसूस न करें।
इंग्लैंड: लंदन सजेगा तो जरूर, लेकिन चीयर करने के लिए इवेंट में लोग नहीं होंगे
पिछले दो दशकों से टेम्स नदी के किनारे लंदन की गलियों में होने वाली अजीबो-गरीब पार्टियां इस बार नहीं होंगी। लंदन के मेयर सादिक खान ने न्यू ईयर इवेंट को रद्द कर दिया है। हालांकि, लंदन को हर साल की तरह इस साल भी भव्य तरीके से सजाया जाएगा। सजावट और आतिशबाजी का लाइव टेलीकास्ट होगा ताकि दुनिया इसे टीवी पर देख सके।
1 लाख लोग आतिशबाजी देखने पहुंचते थे: टेम्स नदी के किनारे होने वाली आतिशबाजी देखने के लिए यहां हर साल 1 एक लाख लोग पहुंचते थे। इस इवेंट को लेकर लोगों की दीवानगी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है, इसके लिए टिकट लगता था। 2019 में इस इवेंट के लिए करीब 22 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
अमेरिका: टाइम्स स्क्वायर पर नए साल का काउंटडाउन होगा, लेकिन वर्चुअली ही देख सकेंगे
24 घंटे रोशनी से जगमगाने के लिए मशहूर न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर 31 दिसंबर की रात भीड़ नहीं दिखेगी। 31 दिसंबर की शाम ढलते ही न्यूयॉर्क की पुलिस टाइम्स स्क्वायर पर आम लोगों को जाने से रोक देगी। हालांकि, लोग वर्चुअली न्यू ईयर का काउंटडाउन और बॉल ड्रॉप देख सकेंगे। इस साल टाइम्स स्क्वायर के ऊपर 7 फुट का न्यूमेरल्स रखा जाएगा।
खास तरह के डोम से टाइम्स स्क्वायर का भव्य नजारा देख सकेंगे: टाइम्स स्क्वायर का पेनोरोमिक व्यू दिखाने के लिए अमेरिकी कम्पनी एयर बीएनबी ने खास तरह का डोम तैयार किया है। यहां स्क्रीन पर टाइम्स स्क्वायर का भव्य नजारा लाइव देखा जा सकता है। डोम में एक बेड और कम्बल होगा। जहां लेटकर लोग यह नजारा देख सकेंगे। इसके लिए 1500 रुपए चुकाने होंगे।
सिडनी: न्यू ईयर पर प्री-बुकिंग वाले टूरिस्ट्स को ही मिलेगी रेस्टोरेंट्स में एंट्री
दुनियाभर में न्यू ईयर के ज्यादातर प्रोग्राम रात में सेलिब्रेट होते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई लोगों के सेलिब्रेशन का अंदाज थोड़ा अलग है। 31 दिसंबर की दोपहर से सिडनी के हार्बर ब्रिज पर फेरी रेस, म्यूजिकल इवेंट्स और सैन्य प्रदर्शनों के प्रोग्राम न्यू ईयर का हिस्सा होते हैं। इस साल ये सभी प्रोग्राम कैंसिल कर दिए गए हैं। हार्बर ब्रिज पर नए साल वाले दिन उन लोगों को प्रवेश दिया जाएगा, जिनके पास पहले से रेस्टोरेंट की बुकिंग है।
प्रदूषण घटाने के लिए इस साल आतिशबाजी कम होगी: कोरोना की सोशल डिस्टेंसिंग और बुशफायर के प्रदूषण को देखते हुए इस साल आतिशबाजी भी कम की जाएगी। सैन्य प्रदर्शन से जुड़े कार्यक्रम में भी लाइव ऑडियंस नहीं होगी, लोग वर्चुअली इसे देख सकेंगे।
सिडनी प्रशासन ने घोषणा की है कि अगर कोरोना के मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी होती है, तो सभी इवेंट रद्द भी किए जा सकते हैं। हालांकि, उत्तरी हिस्से में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। यहां के डॉक्टर्स नए साल के सेलिब्रेशन को रोकने की मांग कर रहे हैं, फिर भी सरकार ने जश्न की तैयारियों पर रोक नहीं लगाई है।
ताइवान: यहां पाबंदी नहीं, न्यू ईयर पर ट्रांसपोर्ट में डिस्काउंट मिलेगा, स्पेशल बस और ट्रेन चलेंगी
ताइवान में अप्रैल से नवंबर तक कोरोना का एक भी लोकल केस सामने नहीं आया, लेकिन दिसंबर में एक मामला सामने आया। इसके बावजूद यहां पार्टी नहीं रुकेगी। न्यू ईयर के सेलिब्रेशन में ताइवान सरकार ने कोई पाबंदी नहीं लगाई है। सैलानियों को आकर्षित करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कई तरह के डिस्काउंट की घोषणा की गई है। न्यू ईयर पार्टी में एंट्री के लिए चेक पॉइंट्स तय किए गए हैं। मास्क लगाने और बॉडी टेम्प्रेचर चेक कराने के बाद ही एंट्री मिलेगी।
कॉन्सर्ट के लिए स्पेशल बसें और ट्रेन चलेंगी: मशहूर ताइवानी पॉप सिंगर दीवा न्यू ईयर ईवनिंग पर अपने होम टाउन में एक फ्री कॉन्सर्ट करेंगी। विशेष रूप से इस कॉन्सर्ट के लिए एक्स्ट्रा बसें भी चलाई जाएंगी। ताइवान का रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन न्यू ईयर की शाम को 3 स्पेशल ट्रेनें भी चलाएगा।
दुबई: प्राइवेट पार्टी और गैदरिंग पर रोक, कॉन्सर्ट के लिए लेनी होगी मंजूरी
दुबई में 2021 का सेलिब्रेशन फीका रहेगा। कॉन्सर्ट के लिए भी स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। नेशनल इमरजेंसी क्राइसिस एंड डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के प्रवक्ता डॉ. सैफी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। कहा कि प्राइवेट पार्टीज और गैदरिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
यहां का सबसे बड़ा अट्रैक्शन बुर्ज खलीफा है। इस बार यहां की आतिशबाजी देखने के लिए ऐप से प्री-बुकिंग करनी होगी। बुकिंग के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखनी होगी और मास्क पहनना जरूरी होगा।
अमेरिका में बहुत लोगों का कहना था कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। कई लोगों ने चेतावनी दी थी कि वैक्सीन जल्दबाजी में आ रही है। कुछ ने इसे बड़ी दवा कंपनियों का घोटाला बताया और हुईं तमाम बातें। लेकिन, पिछले कुछ सप्ताहों में वैक्सीन ट्रायल की सफलता का पॉजिटिव असर आने के बाद स्थिति कैसे बदली? पढ़ें इस लेख में....
चीन की एक कोर्ट ने कोरोनावायरस पर वुहान से रिपोर्टिंग करने वाली महिला पत्रकार झांग झान को चार साल की सजा सुनाई है। पत्रकार झांग व्हीलचेयर पर पैरवी के लिए पेश हुईं थीं। सजा के दौरान झांग के साथ किस तरह का व्यवहार हुआ और क्यों कमजोर नजर आ रही थीं वो ? पढ़ें इस लेख में.....
कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल के बारे में बहुत बातें हो रही हैं। क्या यह वाकई कई बीमारियों से बचा सकता है? कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में स्टेम सेल बायोलॉजिस्ट पॉल नॉफ्लर के मुताबिक, कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल में रक्त के अलावा किसी अन्य बीमारी के इलाज का दावा करने से पहले पर्याप्त शोध की जरूरत है। किन-किन बीमारियों के उपचार में ये तरीका कारगर हो सकता है? पढ़ें इस लेख में....
पल्स ऑक्सीमीटर चिकित्सा में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में से एक है। अंगुली के ऊपरी हिस्से (फिंगर टिप) पर लगाने के बाद यह रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बताता है। पर एक अध्ययन में सामने आया है कि अश्वेत लोगों में यह भ्रामक रीडिंग देता है। द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की रिसर्च क्या कहती है? पढ़ें इस लेख में.....
लोकसभा चुनाव 2019 में कालेधन के लेनदेन की रिपोर्ट आने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहली बार इस मुद्दे पर खुलकर बात की। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा सीबीडीटी, ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स बीजेपी के डिपार्टमेंट हैं, जिन्हें वे अपने दफ्तर से चलाते हैं।
उपचुनाव में सिर्फ 9 सीटें मिलने पर मध्य प्रदेश की राजनीति छोड़कर दिल्ली जाने के BJP नेताओं के बयान पर कमलनाथ ने कहा- मैं मध्य प्रदेश से हिलूंगा तक नहीं। राजनीति से संन्यास लेने की बात को भी उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में भविष्य के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि वे (सिंधिया) BJP को कितना सेटिस्फाई कर पाते हैं, इस पर निर्भर करेगा, क्योंकि सिंधिया सेटिस्फेक्शन की राजनीति करते हैं।
सवाल - क्या आप दिल्ली जाने की तैयारी में हैं? छिंदवाड़ा में आपने कहा था कि जनता कहेगी, तो मैं संन्यास ले लूंगा। इसका क्या मतलब है?
कमलनाथ- मैंने ऐसा नहीं कहा था। मैंने कहा था- यह संघर्ष का समय है। सबको संघर्ष में लगे रहना है। यदि आप (कार्यकर्ता) आराम करेंगे, तो मैं भी आराम करुंगा। सवाल दिल्ली जाने का है, तो बता दूं कि मैं मध्य प्रदेश से हिलूंगा तक नहीं।
सवाल - फिलहाल आपके पास दोहरी जिम्मेदारी हैl प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष। आगे कौन सी जिम्मेदारी छोड़ेंगे?
कमलनाथ- यह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तय करेंगी। मेरी किसी भी पद की लालसा नहीं है। मैंने तो अध्यक्ष पद के लिए भी एप्लाई नहीं किया था। (मुस्कुराते हुए) मैं एप्लीकेंट (आवेदक) नहीं था। मुझे कहा गया था कि यह जिम्मेदारी उठानी होगी, जिसे मैंने स्वीकार किया। अब सवाल नेता प्रतिपक्ष का है, तो मैंने विधायकों से कहा है कि आप आपस में सहमति बनाकर तय कर लीजिए।
सवाल - CBDT की रिपोर्ट पर आप क्या कहेंगे?
कमलनाथ : देखिए, CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) BJP का है। ED ( प्रवर्तन निदेशालय), CBI और इनकम टैक्स सभी एजेंसियां BJP से संचालित होती हैं। ये BJP के विभाग हैं। इन्हें वे अपने दफ्तर से चलाते हैं।
सवाल - विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित हो गया? आपको लगता है इसका कारण सिर्फ कोरोना है?
कमलनाथ : सरकार लोगों का दुख-दर्द सुनना नहीं चाहती है। विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता के मुद्दे उठाए। सरकार के पास न जवाब है और न ही हिसाब देने के लिए कोई तथ्य है। यह बात सच है कि कोराेना संक्रमण अभी कम नहीं हुआ है। सर्वदलीय बैठक में मुझसे पूछा था- आप जिम्मेदारी लेंगे? मैने कहा- हम कैसे जिम्मेदारी ले सकते हैं। हाउस (सदन) की जिम्मेदारी अध्यक्ष और सरकार की है। जब वे जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं, तो हम कैसे ले सकते हैं? इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा सत्र चलाने की नहीं थी।
सवाल - BJP का कहना है कि उपाध्यक्ष का पद भी वही रखेगी? उन्होंने आप पर विधानसभा की परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाया है?
कमलनाथ : हमने नहीं, बल्कि BJP ने इस परंपरा को तोड़ा है। अध्यक्ष हमेशा सरकार का होता है। BJP ने तब अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार क्यों खड़ा किया था? पहले उन्होंने तोड़ा, मैंने नहीं। मैंने उनसे कहा था कि अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार क्यों खड़ा कर रहे हैं। अध्यक्ष का चुनाव कराकर उन्होंने पहले परंपरा को तोड़ा था। इसके बाद हमने उपाध्यक्ष का चुनाव कराने का फैसला लिया था।
सवाल - उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते ऐसा हुआ?
कमलनाथ : यह एक विचित्र उपचुनाव था। हम इसकी जांच कर रहे हैं। जिन जिलों में चुनाव हुए, वहां से रिपोर्ट बुलाई जा रही है। हम उनके (BJP) धनबल का मुकाबला नहीं कर पाए। उन्होंने लोगों को खरीदने और तोड़ने में पैसा लगाया। यह राजनीति में स्थायी नहीं है।
सवाल- ज्योतिरादित्य सिंधिया का भविष्य BJP में कैसे देखते हैं?
कमलनाथ : सिंधिया जी को BJP कितना संतुष्ट कर पाएगी, उस पर उनका भविष्य निर्भर करेगा। उन्हें सेटिस्फेक्शन की राजनीति चाहिए। मैं जो चाहता हूं, वह मिले। यदि BJP उन्हें यह दे पाई, तो उनका भविष्य है और अगर नहीं दे पाई तो दोनों (सिंधिया और BJP) का भविष्य नहीं है।
सवाल - उपचुनाव में आपने तीन-तीन सर्वे कराए थे। अब नगर निगम चुनाव के लिए कोई फार्मूला?
कमलनाथ : सर्वे अंतिम नहीं होता है, बल्कि इनपुट होता है। एक राय होती है। नगर निगम के चुनाव में आम राय बनाने की कोशिश है। सर्वसहमति कभी होती नहीं, लेकिन जहां हो जाएगी, वहां टिकट देंगे।