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देश में कोरोना के केसों में फिर एक बार तेजी देखी जा रही है। मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। बीते हफ्ते 3 लाख 24 हजार 542 केस आए। यह उससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले 5176 ज्यादा रहे। इससे पहले छह हफ्तों से नए केस में गिरावट दर्ज की जा रही थी। मौत का आंकड़ा भी लगातार कम हो रहा था, लेकिन पिछले हफ्ते 4011 मौत हुईं। इसमें इससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले 422 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
बीते हफ्ते 5176 मामले ज्यादा आए, 422 मौतें ज्यादा हुईं
तारीख
केस
मौत
21 सितंबर-27 सितंबर
587725
7665
28 सितंबर-4 अक्टूबर
548836
7136
5 अक्टूबर-11 अक्टूबर
497118
6469
12 अक्टूबर-18 अक्टूबर
429947
5463
19 अक्टूबर-25 अक्टूबर
360708
4406
26 अक्टूबर-1 नवंबर
319366
3589
2 नवंबर-8 नवंबर
324542
4011
देश में रविवार को 46 हजार 660 केस आए। 48 हजार 369 मरीज ठीक हुए और 490 मरीजों की मौत हो गई। देश में अब तक 85.53 लाख केस आ चुके हैं। इनमें से 79.15 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। 1.26 लाख मरीजों की मौत हुई है और 5.09 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।
कोरोना अपडेट्स
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने रविवार को कहा कि अब महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। कोरोना के मामलों में गिरावट के चलते लॉकडाउन में छूट दी गई है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोरोना बिल्कुल समाप्त हो चुका है।
रेलवे ने पश्चिम बंगाल में 11 नवंबर से सब अर्बन सर्विसेज शुरू करने का फैसला लिया है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को बताया कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए रेलवे 696 सब अर्बन ट्रेनों को शुरू करेगा।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
राज्य में रविवार को कोरोना के 891 नए केस सामने आए। 688 मरीज ठीक हुए और 11 की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 77 हजार 359 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 1 लाख 66 हजार 403 लोग ठीक हो चुके हैं, 3028 मरीजों की मौत हो चुकी है। 7928 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। 2. राजस्थान
राज्य में रविवार को 1872 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 1813 मरीज ठीक हुए और 10 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 11 हजार 310 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 1 लाख 92 हजार 945 मरीज ठीक हो चुके हैं, 1989 की मौत हो चुकी है और 16 हजार 376 मरीजों का इलाज चल रहा है। 3. बिहार
रविवार को राज्य में 801 लोग संक्रमित पाए गए। 825 मरीज ठीक हुए और आठ मरीजों की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 22 हजार 612 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 2 लाख 14 हजार 736 मरीज ठीक हो चुके हैं। 1144 लोगों की मौत हुई है और 6731 मरीजों का इलाज चल रहा है। 4. महाराष्ट्र
राज्य में रविवार को 5585 संक्रमित मिले, 8232 ठीक हो गए और 125 की मौत हो गई। यहां अब तक 17 लाख 19 हजार 858 केस आ चुके हैं, 15 लाख 77 हजार 330 संक्रमित ठीक हो चुके हैं और 45 हजार 240 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। 5. उत्तरप्रदेश
रविवार को राज्य में 2247 लोग संक्रमित पाए गए। 1858 लोग ठीक हुए और 26 की मौत हो गई। यहां अब तक 4 लाख 97 हजार 563 केस आ चुके हैं। इनमें से 4 लाख 67 हजार 108 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 7206 मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी 23 हजार 249 मरीजों का इलाज चल रहा है।
देश में कोरोना के केसों में फिर एक बार तेजी देखी जा रही है। मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। बीते हफ्ते 3 लाख 24 हजार 542 केस आए। यह उससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले 5176 ज्यादा रहे। इससे पहले छह हफ्तों से नए केस में गिरावट दर्ज की जा रही थी। मौत का आंकड़ा भी लगातार कम हो रहा था, लेकिन पिछले हफ्ते 4011 मौत हुईं। इसमें इससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले 422 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
बीते हफ्ते 5176 मामले ज्यादा आए, 422 मौतें ज्यादा हुईं
तारीख
केस
मौत
21 सितंबर-27 सितंबर
587725
7665
28 सितंबर-4 अक्टूबर
548836
7136
5 अक्टूबर-11 अक्टूबर
497118
6469
12 अक्टूबर-18 अक्टूबर
429947
5463
19 अक्टूबर-25 अक्टूबर
360708
4406
26 अक्टूबर-1 नवंबर
319366
3589
2 नवंबर-8 नवंबर
324542
4011
देश में रविवार को 46 हजार 660 केस आए। 48 हजार 369 मरीज ठीक हुए और 490 मरीजों की मौत हो गई। देश में अब तक 85.53 लाख केस आ चुके हैं। इनमें से 79.15 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। 1.26 लाख मरीजों की मौत हुई है और 5.09 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।
कोरोना अपडेट्स
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने रविवार को कहा कि अब महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। कोरोना के मामलों में गिरावट के चलते लॉकडाउन में छूट दी गई है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोरोना बिल्कुल समाप्त हो चुका है।
रेलवे ने पश्चिम बंगाल में 11 नवंबर से सब अर्बन सर्विसेज शुरू करने का फैसला लिया है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को बताया कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए रेलवे 696 सब अर्बन ट्रेनों को शुरू करेगा।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
राज्य में रविवार को कोरोना के 891 नए केस सामने आए। 688 मरीज ठीक हुए और 11 की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 77 हजार 359 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 1 लाख 66 हजार 403 लोग ठीक हो चुके हैं, 3028 मरीजों की मौत हो चुकी है। 7928 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। 2. राजस्थान
राज्य में रविवार को 1872 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 1813 मरीज ठीक हुए और 10 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 11 हजार 310 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 1 लाख 92 हजार 945 मरीज ठीक हो चुके हैं, 1989 की मौत हो चुकी है और 16 हजार 376 मरीजों का इलाज चल रहा है। 3. बिहार
रविवार को राज्य में 801 लोग संक्रमित पाए गए। 825 मरीज ठीक हुए और आठ मरीजों की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 22 हजार 612 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 2 लाख 14 हजार 736 मरीज ठीक हो चुके हैं। 1144 लोगों की मौत हुई है और 6731 मरीजों का इलाज चल रहा है। 4. महाराष्ट्र
राज्य में रविवार को 5585 संक्रमित मिले, 8232 ठीक हो गए और 125 की मौत हो गई। यहां अब तक 17 लाख 19 हजार 858 केस आ चुके हैं, 15 लाख 77 हजार 330 संक्रमित ठीक हो चुके हैं और 45 हजार 240 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। 5. उत्तरप्रदेश
रविवार को राज्य में 2247 लोग संक्रमित पाए गए। 1858 लोग ठीक हुए और 26 की मौत हो गई। यहां अब तक 4 लाख 97 हजार 563 केस आ चुके हैं। इनमें से 4 लाख 67 हजार 108 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 7206 मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी 23 हजार 249 मरीजों का इलाज चल रहा है।
अमेरिकी चुनावों में डेमोक्रेट जो बाइडेन और कमला हैरिस की जीत हो चुकी है। 20 जनवरी को बाइडेन शपथ लेंगे। डेमोक्रेट्स ने सत्ता हस्तांतरण की तैयारी भी शुरू कर दी है। बाइडेन और हैरिस ने इसके लिए वेबसाइट BuildBackBetter.com और ट्विटर अकाउंट @Transition46 भी बनाया है। वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अभी भी हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें नतीजों पर अब भी शक है। बाइडेन को 279 और ट्रम्प को 214 इलेक्टर्स वोट मिले हैं। जीत के लिए 270 वोट जरूरी होते हैं।
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, बाइडेन की कोरोना से लड़ने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने की योजना है। कोरोना से लड़ाई में ट्रम्प की नाकामी को बाइडेन ने प्रमुख मुद्दा बनाया था। वहीं, बाइडेन पेरिस क्लाइमेट समझौते दोबारा से जॉइन करने पर भी विचार कर रहे हैं। साथ ही वे मुस्लिम देशों पर लगाए ट्रैवल बैन के ट्रम्प के ऑर्डर को उलट सकते हैं।
ट्रम्प के बर्ताव पर ज्यादातर रिपब्लिकन दिग्गज खामोश
पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (74) ने कहा है कि चीजें तय हो चुकी हैं। अलग तरीके से अपनी बात रखते हुए बुश बोले कि मैंने प्रेसिडेंट इलेक्ट बाइडेन और कमला हैरिस को कहा था कि उन्हें मिल रही शुभकामनाओं को और विस्तार देना चाहिए। क्या ट्रम्प को दोबारा गिनती का हक है, इस पर बुश ने कहा कि अमेरिकियों को भरोसा है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुए हैं। हमारी मजबूती बरकरार रहेगी। चीजें साफ हो चुकी हैं।
बुश के मुताबिक, ‘राजनीतिक मतभेद होना अलग बात है, पर मैं जानता हूं कि बाइडेन अच्छे व्यक्ति साबित होंगे और देश को एकजुट करेंगे। हमें अपने परिवार, पड़ोसियों, देश और भविष्य के लिए साथ आना होगा।’
1. भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनी हैं। जानिए, अश्वेतों और बाहरी लोगों के अधिकारों की आवाज बनी कमला हैरिस के राजनीतिक सफर के बारे में...
2. राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प आसानी से हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। ट्रम्प ने कहा कि सोमवार से हम अदालत में अपना मामला आगे बढ़ाएंगे। जानिए, क्या कहना है इस मामले में ट्रम्प के सलाहकारों और विशेषज्ञों का...
3. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 24 लोगों की बम हमलों में मौत हो गई है। इस माह 212 लोगों की मौत हो चुकी है। पढ़िए, कौन है इसका जिम्मेदार और क्या है पूरा मामला इस लेख में..
4. पेरिस के सीन नदी के किनारे छह किलोमीटर में फैले पुस्तक बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोनावायरस महामारी से लगी बंदिशों ने कारोबार पर खासा असर डाला है। क्या सदियों पुराने इस बाजार का यह अंतिम अध्याय है? पढ़िए, इस लेख में...
देश में बीते 51 दिन से कोरोना के एक्टिव केस में गिरावट जारी है। फिलहाल 5.11 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 2.57 लाख केस महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में हैं। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ।
आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर
वुमन्स टी-20 चैलेंज यानी महिलाओं का IPL के तीसरे सीजन का फाइनल हरमनप्रीत कौर की सुपरनोवाज और स्मृति मंधाना की ट्रेलब्लेजर्स के बीच शारजाह में आज शाम 7.30 बजे से खेल जाएगा।
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की जमानत पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट फैसला सुनाएगी। इससे पहले, मजिस्ट्रेट ने उन्हें 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था।
मध्यप्रदेश में अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन का आज आखिरी दिन है। अब तक आधी सीट ही भर पाई हैं।
देश-विदेश
दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 5 करोड़ के पार
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा रविवार को 5 करोड़ के पार हो गया। अब तक 5 करोड़ 3 लाख 69 हजार 940 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 3 करोड़ 56 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। फिलहाल 1.34 करोड़ मरीजों का इलाज जारी है। दुनिया में अब तक 12.57 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
कश्मीर में सेना का कैप्टन शहीद, 3 आतंकी ढेर
कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में रविवार रात पाकिस्तानी आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की। माछिल सेक्टर में पाकिस्तानी सीमा के पास घुसपैठ रोकने के लिए सेना और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया। मुठभेड़ में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हुए जबकि 3 आतंकी मारे गए।
उप्र में छेड़खानी के विरोध में छात्रा को जिंदा जलाया
बलिया में शुक्रवार को युवक ने छेड़खानी का विरोध करने पर 9वीं की छात्रा को जिंदा जला दिया। लड़की 75% तक झुलस गई। वह वाराणसी के BHU में भर्ती है। उसकी हालत नाजुक है। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर आईपीसी की धारा 307, 326, 354D और पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया है।
पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को जेल भेजा
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को रविवार को रायगढ़ जिले की तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक, अर्नब न्यायिक हिरासत में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे इसलिए कार्रवाई की गई। अर्नब पर इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
जीत के बाद बाइडेन की पहली स्पीच
अमेरिका में जो बाइडेन (77) प्रेसिडेंशियल इलेक्शन जीत चुके हैं। चुनाव में जीतने के बाद शनिवार रात (भारतीय समय के मुताबिक रविवार सुबह) उन्होंने लोगों से कहा- 7.4 करोड़ लोगों ने रिकॉर्ड वोट दिया। अमेरिका की यह नैतिक जीत है। मैं राष्ट्रपति के तौर पर इस देश को बांटने के बजाए एकजुट करूंगा।
डीबी ओरिजिनल
कहानी उनकी जो सैनिक न बन सके
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अंकुर चतुर्वेदी का एक ही सपना था नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) का एग्जाम पास करके आर्मी ऑफिसर बनना। सपना पूरा भी हुआ। पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास की। बावजूद इसके ट्रेनिंग के दौरान बॉक्सिंग करते हुए चोट लगी और फिर सबकुछ बदल गया।
अहमदाबाद के भानूभाई पटेल ने जेल में रहकर सिर्फ पढ़ाई ही नहीं की, बल्कि 8 साल में 31 डिग्रियां लीं। वे अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिवर्सल रिकार्ड फोरम और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया तक में दर्ज करा चुके हैं।
भास्कर एक्सप्लेनर
मिलिंद और पूनम के केस पर बहसः क्या अश्लील है और क्या नहीं?
एक्टर और मॉडल मिलिंद सोमन ने अपने 55वें जन्मदिन पर 4 नवंबर को गोवा के बीच पर बिना कपड़ों के दौड़ लगाई। उनके खिलाफ गोवा के कॉन कोन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ। एक्ट्रेस पूनम पांडे को गोवा के ही एक प्रतिबंधित क्षेत्र पर कथित अश्लील फोटो शूट के लिए गिरफ्तार किया गया।
भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी 93 साल के हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणी के घर जाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। मोदी ने आडवाणी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन में NCB ने 'फिर हेरा फेरी' और 'वेलकम बैक' जैसी फिल्मों के प्रोड्यूसर फिरोज नाडियाडवाला की पत्नी शबाना सईद को गिरफ्तार किया।
IPL के 13वें सीजन के दूसरे क्वालिफायर में दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) को 17 रन से हरा दिया। 10 नवंबर को दिल्ली का मुकाबला डिफेंडिंग चैम्पियन मुंबई से होगा।
कहानी- प्रसंग महात्मा गांधी और आचार्य कृपलानी से जुड़ा है। आचार्य कृपलानी का पूरा नाम जेबी कृपलानी था। वे हमारे देश के एक बहुत बड़े और पढ़े-लिखे नेता थे। एक दिन आचार्य कृपलानी गांधीजी की सभा में गए। गांधीजी जब भी कोई सभा करते थे तो वे शुरुआत में प्रार्थना जरूर करवाते थे। कृपलानी अनमने से बैठे हुए थे, क्योंकि वे नास्तिक थे इसलिए प्रार्थना में उनकी रुचि नहीं थी।
कृपलानी सोच रहे थे कि गांधीजी प्रार्थना कराएंगे तो इसका मतलब भगवान से बात करेंगे और भगवान को मैं मानता नहीं हूं। ये तो टाइम का वेस्टेज है, लेकिन गांधीजी के लिए प्रार्थना का अर्थ भगवान से कुछ मांगना नहीं था, उनके लिए प्रार्थना मनोबल बढ़ाने की एक प्रक्रिया थी।
गांधीजी ने जैसे ही प्रार्थना शुरू की, पूरा माहौल धार्मिक हो गया। कृपलानी को लगा कि अब ये प्रवचन देंगे। क्या हम किसी मंदिर में बैठे हैं? क्या हम धर्म का काम करने आए हैं? हमें देश आजाद कराना है और ये प्रार्थना करा रहे हैं, लेकिन उस प्रार्थना के बाद जो माहौल बना और गांधीजी ने जब अपनी बात बोली तो बात पूरी राजनीतिक थी।
प्रार्थना के प्रभाव से लोगों की एक्सेप्टेबिलिटी बढ़ गई, उनकी मोरेलिटी जाग गई, जो उस समय सबसे अधिक जरूरी थी। गांधीजी की सभा का ये दृश्य देखकर कृपलानी मान गए कि इस सभा में प्रार्थना का जो प्रयोग किया गया है, उसके प्रभाव से मेरे जैसा नास्तिक भी राष्ट्रभक्ति का प्रसाद लेकर उठा। इसलिए, गांधी का कहा हुआ ये शब्द रामराज्य आज तक प्रासंगिक है। गांधीजी के रामराज्य में राम शब्द अतीत है, जो बीत गया है। राज्य भविष्य है और राष्ट्रभक्ति वर्तमान है।
सीख- आप किसी भी सिस्टम में काम करें। अपने देश के लिए नियम और कानून का पालन करें और देश को क्या अच्छा दे सकते हैं, ऐसा सोचने के लिए रामराज्य को समझना होगा। हमें गांधीजी के प्रार्थना जैसे प्रयोग को अपने हर काम की शुरुआत में करना चाहिए।
जेल जाने के बाद ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि कैदी वहां रहकर अपना फ्यूचर बनाने में जुट जाए, लेकिन अहमदाबाद के भानूभाई पटेल ने जेल में रहकर सिर्फ पढ़ाई ही नहीं की, बल्कि सजा के दौरान 8 साल में 31 डिग्रियां लीं। उन्हें सरकारी नौकरी का ऑफर भी मिला। नौकरी के बाद 5 सालों में उन्होंने और 23 डिग्रियां लीं।
वे अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिवर्सल रिकार्ड फोरम और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया तक में दर्ज करा चुके हैं।
FERA कानून के उल्लंघन पर हुई थी 10 साल की जेल
भानूभाई पटेल मूल भावनगर की महुवा तहसील के रहने वाले हैं। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद 1992 में मेडिकल की डिग्री लेने के लिए अमेरिका गए थे। यहीं, उनका एक दोस्त स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में जॉब करते हुए अपनी तनख्वाह भानूभाई के अकाउंट में ट्रांसफर करता था। इसके चलते उन पर फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन एक्ट (FERA) कानून के उल्लंघन का आरोप लगा और इस तरह 50 साल की उम्र में उन्हें 10 साल की सजा हुई और अहमदाबाद की जेल भेज दिया गया।
जेल जाने के बाद भी मिली सरकारी नौकरी
भानूभाई ने बताया कि जेल से रिहा होने के बाद मुझे अंबेडकर यूनिवर्सिटी से जॉब ऑफर हुई। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि जेल जाने वाले व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिलती, लेकिन मेरी डिग्रियों के चलते सरकारी जॉब का ऑफर मिला। नौकरी के बाद 5 सालों में मैंने और 23 डिग्रियां लीं। इस तरह अब तक 54 डिग्रियां ले चुका हूं और इस विषय पर मैंने गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तीन किताबें भी लिखी हैं।
अपने जेल के अनुभव तीन किताबों में साझा किए
भानूभाई कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के समय में अपने जेल के अनुभव और विश्व स्तरीय रिकॉर्ड तक के सफर पर गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तीन किताबें भी लिखीं। गुजराती किताब का नाम 'जेलना सलिया पाछळ की सिद्धि', अंग्रेजी में 'BEHIND BARS AND BEYOND' है। इतना ही नहीं, भानूभाई 13वीं विधानसभा चुनावों में प्रिसाइडिंग ऑफिसर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इस समय उनकी उम्र 65 साल है और वे अविवाहित हैं।
जेल में शिक्षित कैदियों की संख्या ज्यादा
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात की जेल में अनपढ़ों की बजाय शिक्षित कैदियों की संख्या ज्यादा है। ग्रेजुएट, इंजीनियर, पोस्ट ग्रेजुएट किए हुए कैदी तक इनमें शामिल हैं।गुजरात की जेलों में 442 ग्रेजुएट, 150 टेक्निकल डिग्री-डिप्लोमा, 213 पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वहीं, 5179 कैदी 10वीं से कम पढ़े हैं। सबसे ज्यादा आरोपी हत्या और अपहरण के गुनाह में सजा काट रहे हैं।
कैदियों की पढ़ाई के लिए ओपन यूनिवर्सिटी सहित कई सुविधाएं
गुजरात की जेलों में कैदियों की पढ़ाई के लिए ओपन यूनिवर्सिटी के साथ कई अभ्यास क्रम भी चल रहे हैं। जिसके चलते, कैदी आगे की पढ़ाई भी कर रहे हैं। हर साल नियमित रूप से इनकी परीक्षाएं भी आयोजित होती हैं और कैदी इसमें शामिल होते हैं।
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अंकुर चतुर्वेदी का जन्म एक आर्मी फैमिली में हुआ। पिता आर्मी ऑफिसर थे। अंकुर भी आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे। उनका एक ही सपना था नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) का एग्जाम पास कर आर्मी ऑफिसर बनना। सपना पूरा भी हुआ। पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने NDA क्रैक किया, लेकिन किस्मत ने इस तरह करवट ली कि जिस सपने को उन्होंने बचपन से संजोया था, जिया था, उसकी दहलीज पर पहुंचकर भी वो पूरा नहीं कर सके।
ट्रेनिंग के दौरान बॉक्सिंग करते हुए चोट लगी और उन्हें बोर्ड आउट होना पड़ा। इस हादसे के बाद वो कई महीनों तक डिप्रेशन में रहे, जान देने की भी कोशिश की। आज अंकुर एक मल्टीनेशनल कंपनी में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट हैं। जो बच्चे NDA से बोर्ड आउट होते हैं, उनके हक के लिए लड़ रहे हैं, उनकी मदद करते हैं, गाइड करते हैं।
अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए अंकुर कहते हैं कि एक दिन मैं पापा की कैप पहनकर आईने के सामने सैल्यूट कर रहा था। तभी पीछे पापा आए और एक थप्पड़ जड़ दिया। उन्होंने कहा कि ये मेरी खुद की कमाई हुई है, तुम्हें पहनने का शौक है तो खुद से कमाओ। दो तीन दिनों तक मेरी पापा से बात नहीं हुई। फिर पाप मुझे समझाने आए तो मैंने उनसे गुस्से में कहा कि आप तो चाइना वॉर के वक्त ऑफिसर बने, लेकिन मैं NDA पास कर ऑफिसर बनूंगा। उस वक्त पापा काफी खुश हुए।
वे कहते हैं,'मेरे मन में NDA घूम रहा था। सोते-जागते में उसी के बारे में सोचता था। स्कूल से आने के बाद जवानों के साथ रहता था, उन्हीं के साथ खेलता था। तब मैं गाड़ियों के नंबर देखकर बता देता था कि कौन सी गाड़ी किस यूनिट की है, कौनसी गन किस काम के लिए होती है।
1987 में सड़क हादसे में अंकुर के पापा की मौत हो गई। उस वक्त वो महज 12 साल के थे। जिस दिन पिता का अंतिम संस्कार था, उसी दिन अंकुरा के मैथ्स का पेपर था। घर के लोगों ने और स्कूल के टीचर्स ने कहा कि आज स्कूल आना ठीक नहीं है, लेकिन उस दिन भी अंकुर स्कूल गए और स्कूल यूनिफॉर्म में ही पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। वे कहते हैं कि मेरे पापा कभी नहीं चाहते थे कि मैं किसी एग्जाम से भागूं। मैंने उस दिन प्रण किया कि मैं पापा से बेहतर आर्मी ऑफिसर बनकर दिखाऊंगा।
पापा की मौत के बाद रिश्तेदारों और उनके दोस्तों ने अंकुर का ख्याल रखा। हर जरूरत पूरी की, किसी चीज की कमी नहीं होने दी। इधर अंकुर की दिलचस्पी आर्मी ऑफिसर बनने को लेकर लगातार बढ़ती जा रही थी। वो दिन-रात उसी में खोए रहते थे। अंकुर ने पहली बार NDA तभी पास कर लिया था, जब वो एग्जाम के लिए एलिजिबल भी नहीं हुए थे। वो कहते हैं, 'उस समय इंटरनेट नहीं था कि प्रीवियस ईयर के सवालों को देख सकूं। इसलिए पैटर्न समझने के लिए पहले ही एग्जाम में बैठ गया। रिजल्ट आया तो मैं पास हो गया था। इससे मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ा और जब एलिजिबिलिटी हुई तो आसानी से NDA क्रैक कर लिया। तब मेरी उम्र 18 साल थी।
NDA पास करने के बाद वो ट्रेनिंग के लिए चले गए। जब वो छठे टर्म में थे, तभी एक दिन बॉक्सिंग करते हुए अंकुर को चोट लग गई। उस वक्त उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उन्हें लगा हल्की चोट है ठीक हो जाएगी, लेकिन जब वो टॉयलेट गए तो यूरीन से ब्लड आने लगा। इसके बाद उन्हें पुणे के आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने बताया कि उनकी किडनी डैमेज हो गई है और अब वे आर्मी के लिए फिट नहीं हैं।
इसके बाद अंकुर डिप्रेशन में चले गए। वो कहते हैं कि तब जीने की इच्छा नहीं रह गई थी, दिन-रात मरने के बारे में सोचते रहता था। हमेशा खुद को कोसते रहता था कि पापा के सपने को पूरा नहीं कर पा रहा हूं। वो मुझे माफ नहीं करेंगे। कई बार तो सोचता था कि सुसाइड कर लूं। अगर आज की तरह इंटरनेट होता तो शायद उस पर सुसाइड के तरीके ढूंढ कर खुदकुशी कर ली होती। तब मुझे ड्रग की भी लत लग गई थी।
फिर एक दिन अस्पताल में मेरे एक सीनियर मिले, जो आईएमए से बोर्ड आउट हो रहे थे। वो उस वक्त जॉब के दूसरे ऑप्शंस ढूंढ रहे थे। उन्होंने मुझे काफी समझाया और कहा कि जो हुआ भूल जाओ और आगे के बारे में सोचो। तब हमें एक ऑप्शन मिला कि टी गार्डन की नौकरी थोड़ी बहुत आर्मी से मिलती है तो क्यों न उसके लिए अप्लाई किया जाए। इसके बाद मैंने टाटा टी में अप्लाई किया और मेरा सिलेक्शन भी हो गया। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अंकुर बताते हैं कि कोलकाता में नौकरी के दौरान एक दिन एक लड़का मुझे सिम कार्ड देने आया। बातचीत के बाद पता चला कि वो ओटीए से बोर्ड आउट है। ट्रेनिंग के दैारान उसकी स्पाइनल इंजरी हो गई थी। गर्दन के नीचे का पूरा हिस्सा पैरालाइज हो गया था। कर्ज के चलते उसके पिता ने सुसाइड कर ली थी। उसकी कहानी सुनकर मैं दहल गया। तभी मैंने प्रण किया कि इनकी जंग मैं लड़ूंगा।
इसके बाद मैंने NDA कमांडेंट को पत्र लिखा। RTI फाइल की। फिर मुझे कुछ बच्चों का डेटा मिला, जो NDA से बोर्ड आउट हो चुके हैं। फिर हम तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मिले। उन्होंने पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया। इसका फायदा ये हुआ कि अब जो भी बच्चे बोर्ड आउट होते हैं, उन्हें दूसरे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने की छूट मिल जाती है।
वो कहते हैं कि अभी सिर्फ ऐसे बच्चों को एक्स ग्रेशिया मिलता है, जो कि बहुत कम अमाउंट होता है। बाकी कोई सुविधा नहीं मिलती, जो एक्स-सर्विस मैन को मिलती है। इन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट की भी फैसिलिटी नहीं मिलती है। 2015 में इसको लेकर एक कमेटी भी बनी। जिसमें सुझाव दिया गया कि एक्स ग्रेशिया के नाम को बदल कर डिसेबिलिटी पेंशन कर दिया जाए। जिसके बाद लेटर लिखकर सर्विस हेडक्वार्टर भेजा गया। वहां से भी इसे हरी झंडी दे दी गई।
फिर ये मामला जज एडवोकेट जनरल (जैग) के पास गया। जैग ने कहा कि जो भी कैडेट चोट के चलते आउट बोर्ड होते हैं, उनकी पेंशन और बेनीफिट के लिए ये माना जाए कि उसे चोट सर्विस कमीशन पहले महीने में लगी। लेकिन अभी तक इस ड्राप्ट पर साइन नहीं हुआ है। वे कहते हैं, 'हमारी मांग है कि इन्हें डिसेबिलिटी पेंशन दी जाए। जो सुविधा एक्स सर्विस मैन को मिलती है, वो इन्हें भी मिले।
अब जो भी NDA से बोर्ड आउट होते हैं, उन्हें आफिशियली अंकुर चतुर्वेदी का फोन नंबर दे दिया जाता है। वो उनसे करियर के दूसरे ऑप्शन के बारे में पूछते हैं। अंकुर उन्हें गाइड करते हैं, काउंसलिंग करते हैं और सही प्लेटफॉर्म पर पहुंचाने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने ऐसे लोगों का एक नेटवर्क तैयार किया है। 500 के करीब बोर्ड आउट इसमें शामिल हैं। अंकुर कहते हैं कि मैं आर्मी ऑफिसर तो नहीं बन पाया, लेकिन इन जवानों की जंग जीतने में कामयाब होता हूं तो मैं समझूंगा कि पापा के सपने को पूरा कर पाया।
एक्टर और मॉडल मिलिंद सोमन ने अपने 55वें जन्मदिन पर 4 नवंबर को गोवा के बीच पर बिना कपड़ों के दौड़ लगाई। दो दिन बाद उनके खिलाफ गोवा के कॉन कोन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है। इससे कुछ दिन पहले ही एक्ट्रेस पूनम पांडे को गोवा के ही एक प्रतिबंधित क्षेत्र में कथित अश्लील फोटोशूट के लिए गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर सार्वजनिक स्थल पर अश्लीलता फैलाने के आरोप हैं।
एक ही हफ्ते में दो हाई-प्रोफाइल केस दर्ज हुए। सोशल मीडिया पर तमाम तरह की टिप्पणियां भी आ गई हैं। सबसे ज्यादा इस बात पर सवाल उठने वाले हैं कि मिलिंद सोमन ने जो किया, उसके लिए उनकी बॉडी की तारीफ हो रही है। वहीं, पूनम पांडे को क्यों निशाने पर लिया जा रहा है। दोनों ने जो किया, उसमें बहुत ज्यादा अंतर नहीं है।
और तो और, पूनम पांडे के मुकाबले मिलिंद ने तो पूरे ही कपड़े उतार दिए। ऐसे में अश्लीलता से जुड़े कानून भी सवालों के घेरे में हैं। खासकर वेब सीरीज और OTT प्लेटफॉर्म्स के इस युग में, जहां इनके कंटेंट को लेकर आपत्ति उठाने वालों की संख्या कम नहीं है। आइए जानते हैं कि भारतीय कानून में अश्लील क्या है और इसकी सजा क्या है?
अश्लील या 'ऑब्सीन' किसे माना जा सकता है?
अश्लीलता की परिभाषा बहुत ही जटिल है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी कहती है कि नैतिकता और शालीनता के मापदंडों के विपरीत आचरण अश्लील है। यह हो गया भाषाई अर्थ। इसकी कानूनी परिभाषा उलझाने वाली है। अदालतों और वकीलों के अनुसार बदल भी सकती है।
कोई किताब या वस्तु तब अश्लील होती है जब IPC के सेक्शन 292 के मुताबिक वह कामुक या अविवेकशील हो या किसी को कमजोर करने का इफेक्ट डालने वाली या किसी को भ्रष्ट करने वाली हो। कामुक, विवेकशील, कमजोर और भ्रष्ट की परिभाषा यहां स्पष्ट नहीं है। इससे क्या ऑब्सीन है और क्या नहीं, यह तय करना अदालतों का काम हो गया है। इसमें भी तीन महीने तक की सजा भी है।
इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट (इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में अश्लील सामग्री), इंडिसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ वुमन प्रोहिबिशन एक्ट (महिलाओं का अश्लील चित्रण), यंग पर्संस हार्मफुल पब्लिकेशन एक्ट (बच्चों को भ्रष्ट करने वाली अश्लील सामग्री) और सिनेमेटोग्राफ एक्ट (फिल्मों में अश्लील दृश्य) में भी अश्लील सामग्री को परिभाषित किया गया है। इसके लिए अलग-अलग सजा तय है।
#PoonamPandey (partly) & #MilindSoman (fully) both stripped down
One is in legal trouble fr obscenity & Soman s being applauded fr his fit body
Laws r unclear in nature & hence hav been used as to the urges f personal mangled perceptions.
Our tender to nude men than to nude women pic.twitter.com/teYFKVtnLc
अदालतें कैसे तय करती हैं कि क्या अश्लील है और क्या नहीं?
सुप्रीम कोर्ट ने 1965 में रणजीत उदेशी मामले में ब्रिटिशकालीन हिकलिन टेस्ट को अपनाया। इसके आधार पर तय होने लगा कि कोई वस्तु या किताब अश्लील है या नहीं। इसके मुताबिक कोई मामला अश्लील माना जा सकता है यदि उसमें लोगों के दिमाग को भ्रष्ट करने की क्षमता हो। यह प्रकाशन ऐसे लोगों के हाथों में पड़ सकता हो, जिनका दिमाग इसे पढ़कर भ्रष्ट हो जाएं।
हालांकि, 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने अवीक सरकार केस में हिकलिन टेस्ट को खारिज किया। इसके स्थान पर अमेरिकन रोथ टेस्ट को अपनाया। यह आधुनिकता के करीब है। इसका कहना है कि सामान्य व्यक्ति की नजर में जो सामग्री अश्लील हो, वह अश्लील है। इसमें उस समय के कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स को आधार बनाना चाहिए।
नई व्यवस्था का मतलब यह है कि कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स टेस्ट में समाज के बदलते मूल्यों को ध्यान में रखा जाए। एक सदी या एक दशक पहले जो अश्लील था, वह आज भी अश्लील हो यह जरूरी नहीं।
क्या यह अश्लीलता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे से बाहर है?
नहीं। यह दोनों अलग मामले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कई केस में कहा है कि संविधान के आर्टिकल 19 के मुताबिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि आप स्वच्छंद हो जाओ। आप जो भी करो, वह नैतिकता और शालीनता के दायरे में होना ही चाहिए।
इसका मतलब यह है कि जब बात अश्लीलता या अश्लील सामग्री की आती है तो उसे नैतिकता पर समुदाय के स्टैंडर्ड्स पर खरा उतरना चाहिए। भारतीय अदालतों ने हमेशा से नैतिकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विवाद में आर्टिस्टिक फ्रीडम का पक्ष लिया है। 2008 में एमएफ हुसैन केस में यही व्यवस्था दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के पेरुमल मुरुगन जजमेंट में कहा कि कला अक्सर उत्तेजक होती है और यह सबके लिए नहीं होती। किसी सामग्री को इस आधार पर अश्लील नहीं कहा जा सकता कि वह समाज के एक तबके के स्टैंडर्ड्स पर खरी नहीं उतरती।
क्या इससे पहले भी इस तरह के मामलों में मुकदमे चले हैं?
आजादी मिलने के पहले से ही अश्लीलता कानून के तहत मुकदमे चलते रहे हैं। सआदत हसन मंटो, इस्मत चुगतई समेत कई लेखकों के खिलाफ भी कामुकता को लेकर केस दर्ज हुए हैं। लेडी चैटर्ली'ज लवर जैसे नॉवेल और भारत माता पेटिंग्स से लेकर बैंडिट क्वीन एआईबी रोस्ट जैसे कॉमेडी शो भी अश्लीलता के आरोपों से घिरे रहे हैं।
हॉलीवुड एक्टर रिचर्ड गेरे ने 2007 में एड्स अवेयरनेस कार्यक्रम में शिल्पा शेट्टी को गाल पर चूम लिया था। इस पर गेरे के खिलाफ अरेस्ट वारंट तक जारी हो गया था। केरल में 2014 में पब्लिक में किसिंग के खिलाफ किस ऑफ लव कैम्पेन चला। सरकार ने अश्लीलता कानून के तहत कार्रवाई की धमकी दी तो कैम्पेन खत्म हुआ।
सोमन की ही बात करें तो 1995 में मॉडल मधु सप्रे के साथ एक एडवर्टाइजमेंट में बिना कपड़े के दिखने पर अश्लीलता के आरोपों पर केस चला है। 14 साल चले ट्रायल के बाद उन्हें बरी किया गया। फिर प्रोतिमा बेदी का किस्सा भी तो है जब 1974 में वह मैग्जीन फोटोशूट के लिए मुंबई के बीच पर बिना कपड़ों के दौड़ गई थीं।
IPL के 13वें सीजन का फाइनल डिफेंडिंग चैम्पियन मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच कल दुबई में खेला जाएगा। रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई के पास अपनी परफेक्ट-11 के साथ रिकॉर्ड 5वीं बार खिताब जीतने का मौका है। वहीं, श्रेयस अय्यर की कप्तानी में दिल्ली की नजर अपने पहले खिताब पर है। टीम के ओपनर शिखर धवन ने लगातार 2 शतक लगाए हैं। ऐसा करने वाले वे लीग के पहले बल्लेबाज हैं।
सीजन में दिल्ली की ताकत गेंदबाजी ही रही है। टीम को चैम्पियन बनाने के लिए गेंदबाजों को मुंबई की परफेक्ट-11 से पार पाना है। मुंबई की प्लेइंग-11 में 8 नंबर तक बल्लेबाजी है, जो किसी भी बॉलिंग लाइन-अप को बिखेर सकती है। इस बैटिंग लाइन-अप में फॉर्म में चल रहे रोहित शर्मा, क्विंटन डिकॉक और सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाज हैं। ऑलराउंडर में हार्दिक और क्रुणाल पंड्या के अलावा कीरोन पोलार्ड और नाथन कुल्टर-नाइल हैं।
धवन IPL में लगातार 2 शतक लगाने वाले अकेले प्लेयर
वहीं, दिल्ली में बल्लेबाजी की जिम्मेदारी शिखर धवन और कप्तान श्रेयस अय्यर के कंधों पर है। धवन सीजन में 500+ रन बनाने वाले तीन बल्लेबाजों में शामिल हैं। धवन ने चेन्नई और पंजाब के खिलाफ लगातार दो (101, 106) नाबाद शतक लगाए थे। दोनों दिग्गजों को मुंबई की तेज तर्रार गेंदबाजी से सतर्क रहना होगा।
रबाडा के सबसे ज्यादा 29 विकेट
इस सीजन के टॉप-3 में मुंबई के 2 और दिल्ली का एक बॉलर है। लिस्ट में दिल्ली के कगिसो रबाडा 29 विकेट के साथ टॉप पर काबिज हैं। वहीं, लिस्ट में मुंबई के जसप्रीत बुमराह 27 विकेट के साथ दूसरे और ट्रेंट बोल्ट 22 विकेट के साथ तीसरे नंबर पर हैं।
पिच और मौसम रिपोर्ट
दुबई में मौसम साफ रहेगा। तापमान के 23 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां स्लो विकेट होने के कारण स्पिनर्स को भी काफी मदद मिलेगी। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। इस आईपीएल सीजन में यहां हुए 15 मैच में पहले बल्लेबाजी वाली टीम की जीत का सक्सेस रेट 64% रहा है।
इस मैदान पर हुए कुल टी-20: 25
पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 16
पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती: 9
इस IPL सीजन में बना सबसे बड़ा स्कोर: 219
इस IPL सीजन में बना सबसे छोटा स्कोर: 109
टीम की ब्रांड वैल्यू और महंगे खिलाड़ी
मुंबई इंडियंस की ब्रांड वैल्यू 809 और दिल्ली कैपिटल्स की 374 करोड़ रुपए है। खिलाड़ियों की बात करें तो मुंबई की प्लेइंग इलेवन में कप्तान रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या सबसे महंगे प्लेयर हैं। फ्रेंचाइजी एक सीजन के लिए रोहित को 15 करोड़ और हार्दिक को 11 करोड़ रुपए देगी। वहीं, दिल्ली की टीम में ऋषभ पंत 15 करोड़ और शिमरॉन हेटमायर 7.75 करोड़ रुपए कीमत के साथ सबसे महंगे प्लेयर हैं।
वुमन्स टी-20 चैलेंज यानी महिलाओं के IPL में फाइनल हरमनप्रीत कौर की सुपरनोवाज और स्मृति मंधाना की ट्रेलब्लेजर्स के बीच आज शारजाह में खेला जाएगा। पिछले दो सीजन में खिताब जीतने वाली सुपरनोवाज के पास हैट्रिक लगाने का मौका होगा। वहीं, ट्रेलब्लेजर्स अपने नाम पहली चैम्पियनशिप करना चाहेगी।
सुपरनोवाज का पलड़ा भारी
सीजन के तीसरे मुकाबले में सुपरनोवाज और ट्रेलब्लेजर्स आमने-सामने हुईं थीं। रोमांचक मुकाबले में हरमनप्रीत की टीम ने मंधाना की टीम को 2 रन से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। सुपरनोवाज की इस जीत के साथ मिताली राज की वेलोसिटी को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था।
सुपरनोवाज ने अब तक टूर्नामेंट में कुल 6 मुकाबले खेले हैं, जिनमें से उसने 2 फाइनल समेत 4 मैच जीते और 2 हारे हैं। वहीं, ट्रेलब्लेजर्स ने अब तक कुल 5 मैच खेले हैं, जिसमें उसने 2 जीते और 3 हारे हैं।
सुपरनोवाज के बल्लेबाज फॉर्म में
सुपरनोवाज की बल्लेबाजी फॉर्म में है। पिछले मुकाबले में उनकी ओपनर चमारी अटापट्टू ने शानदार फिफ्टी लगाते हुए 67 रन की पारी खेली थी। प्रिया पुनिया ने अहम 30 रन बनाए थे। वहीं, कप्तान हरमनप्रीत ने 31 रन बनाए थे।
राधा-सैल्मन पर बॉलिंग का जिम्मा
सुपरनोवाज के लिए राधा यादव और शकिरा सैल्मन पर गेंदबाजी का जिम्मा रहेगा। राधा और सैल्मन ने पिछले मुकाबले में 2-2 विकेट लिए थे। वहीं, अनुजा पाटिल को भी एक सफलता मिली थी।
ट्रेलब्लेजर्स में मंधाना पर दारोमदार
ट्रेलब्लेजर्स में बल्लेबाजी की कमान कप्तान स्मृति मंधाना के कंधों पर होगी। सुपरनोवाज के खिलाफ पिछले मुकाबले में मंधाना ने 33 रन अहम पारी खेली थी। वहीं, दीप्ति शर्मा ने 43 रन बनाए थे।
एक्लेस्टोन और झूलन शानदार फॉर्म में
गेंदबाजी में सोफी एक्लेस्टोन और झूलन गोस्वामी पर अपनी टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी। एक्लेस्टोन ने टूर्नामेंट में 2 मैच में 4 विकेट लिए हैं। वहीं, झूलन ने टूर्नामेंट में खेले 2 मुकाबलों में 3 विकेट लिए हैं। इसके अलावा राजेश्वरी गायकवाड़ ने 2 और दीप्ति शर्मा ने एक विकेट लिया है।
मौसम और पिच रिपोर्ट
शारजाह में आसमान साफ रहेगा। तापमान 24 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां स्लो विकेट होने के कारण स्पिनर्स को भी काफी मदद मिलेगी। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। IPL 2020 से पहले यहां हुए पिछले 13 टी-20 में पहले बल्लेबाजी वाली टीम की जीत का सक्सेस रेट 69% रहा है।
इस मैदान पर हुए कुल टी-20: 13
पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 9
पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती: 4
पहली पारी में टीम का औसत स्कोर: 149
दूसरी पारी में टीम का औसत स्कोर: 131
दोनों खिताब सुपरनोवाज ने जीते
हरमनप्रीत की टीम सुपरनेवाज ने पिछले दोनों सीजन (2018, 2019) अपने नाम किए थे। पिछले सीजन में हरमन खुद टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाजों में शामिल थीं। तीन मैचों में उनके बल्ले से दो अर्धशतक निकले थे। वहीं, ट्रेलब्लेजर्स को 2018 में हुए एकमात्र मैच में सुपरनोवा ने 3 विकेट से हराया था।
भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, तब तीन रियासतों के विलय का मामला उलझा हुआ था। ये तीन रजवाड़े थे- जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद। तीनों में हैदराबाद और जूनागढ़ की स्थिति एक-सी थी। 80% से 85% आबादी हिंदू थी और शासक मुस्लिम। लेकिन कश्मीर में परिस्थिति उल्टी थी। वहां राजा हिंदू था और तीन-चौथाई कश्मीरी मुसलमान थे।
अंग्रेजी हुकूमत ने इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 लागू किया था। इसके तहत लैप्स ऑफ पैरामाउंसी ऑप्शन दिया गया था। इससे राजा अपनी रियासत को भारत या पाकिस्तान से जोड़ सकते थे या फिर अपना स्वतंत्र राष्ट्र बना सकते थे। 15 अगस्त 1947 को जूनागढ़ के लोग कंफ्यूज थे क्योंकि जूनागढ़ के नवाब महाबत खान ने पाकिस्तान जाने का ऐलान कर दिया था। जूनागढ़ के दीवान शाहनवाज भुट्टो की इसमें मुख्य भूमिका रही थी।
इतिहासकार और महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने अपनी किताब- 'पटेल अ लाइफ' में लिखा है कि सरदार को कश्मीर में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन जब जिन्ना ने अपने ही धार्मिक आधार पर बंटवारे के सिद्धांत के खिलाफ जाकर जूनागढ़ और हैदराबाद को पाकिस्तान में जोड़ने की कोशिश की तो पटेल कश्मीर में दिलचस्पी लेने लगे थे।
यदि जन्ना बिना किसी परेशानी के जूनागढ़ और हैदराबाद को हिंदुस्तान में आने देते तो कश्मीर को लेकर विवाद ही नहीं होता और वह पाकिस्तान में चला जाता। जिन्ना ने इस डील को ठुकरा दिया था। जूनागढ़ के सियासी हालात ऐसे थे कि लोग भी उग्र हो रहे थे। जूनागढ़ में तब लोगों ने सत्ता अपने हाथ में ली और आरझी हुकूमत बनाई।
इस लोकसेना के सरसेनापति रतुभाई अदाणी ने कहा था कि सरदार पटेल चाहते हैं कि जूनागढ़ के लोगों को ये जंग लड़नी चाहिए। अगर जूनागढ़ के लोग और उनके प्रतिनिधि आवाज उठाएंगे तो ही जूनागढ़ भारत में रह पाएगा। तब 23 सितंबर 1947 को आरझी हुकूमत बनाने का फैसला हुआ और 25 सितंबर को घोषणापत्र भी बना था।
8 नवंबर को भुट्टो ने दरख्वास्त दी कि आरझी हुकूमत नहीं बल्कि भारत सरकार जूनागढ़ का कब्जा ले लें। इसी आधार पर 9 नवंबर 1947 को भारत ने जूनागढ़ को नियंत्रण में लिया। इसके बाद जूनागढ़ का स्वतंत्रता दिवस 9 नवंबर को मनाया जाता है। सरदार पटेल की नाराजगी के बावजूद जूनागढ़ में 20 फरवरी 1948 को जनमत संग्रह कराया गया। 2,01,457 रजिस्टर्ड वोटर्स में से 1,90,870 लोगों ने वोट दिया। इसमें पाकिस्तान के लिए सिर्फ 91 मत मिले थे।
विशेषः अगस्त 2020 में उस समय विवाद खड़ा हुआ जब पाकिस्तान ने नया नक्शा जारी किया और जूनागढ़ को पाकिस्तान का हिस्सा बताया।
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राममंदिर का शिलान्यास किया गया था। इसके ठीक 30 साल बाद यानी 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच जजों की संविधान बेंच ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में फैसला सुनाया। मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश दिए। इससे सदियों पुराना विवाद खत्म हो गया।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में अयोध्या मामले पर जो फैसला सुनाया, उसे सभी पक्षों ने मानने से इनकार कर दिया था। 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को मुस्लिम पक्ष, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़े में बराबर बांट दिया था।
खैर, पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमिपूजन कार्यक्रम किया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवसः सभी नागरिकों के लिये उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है।
विश्व उर्दू दिवसः हर साल भारत में 9 नवम्बर को विश्व उर्दू दिवस (आलमी यौम-ए-उर्दू) मनाया जाता है। यह उर्दू के प्रसिद्ध शायर मुहम्मद इक़बाल का जन्मदिन भी है।
भारत और दुनिया में 9 नवंबर को हुई महत्त्वपूर्ण घटनाएं:-
1580: स्पेन की सेना ने आयरलैंड पर हमला किया।
1937: जापानी सेना ने चीन के शंघाई शहर पर कब्जा किया।
1949: कोस्टारिका में संविधान को अंगीकार किया गया।
1953: कंबोडिया को फ्रांस से आजादी मिली।
1985: कारपोव को हराकर सोवियत रूस के 22 वर्षीय गैरी कास्परोव दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैम्पियन बने।
1989: ब्रिटेन में मृत्युदंड की सजा पर पूरी तरह से रोक लगाई गई।
रोशनी, फूल, बंदनवार और रंग-बिरंगी लाइट्स का दिवाली में खास महत्व है। डेकोरेशन के लिए मार्केट में सजावट की कई सारी चीजें मौजूद हैं, लेकिन कम समय में घर को खूबसूरत बनाना इतना भी मुश्किल नहीं है। हम बाजार से स्वदेशी और सस्ते चीजों को लाकर घर की सजावट को एक नया टच दे सकते हैं।
घर पर भी वेस्ट में निकलने वाली बोतलें और पेपर जैसी तमाम चीजों का इस्तेमाल कर के हम खुद ही डेकोरेशन का सामान बना सकते हैं। इस तरह से हम अपनी दिवाली को किफायती और खूबसूरत के साथ-साथ स्वदेशी भी बना सकते हैं।
जानिए दिवाली में डेकोरेशन के तरीके जिससे घर की खूबसूरती में लगेंगे चार चांद...
1- गेंदे का फूल
शुरू करें घर के द्वार से। दिवाली पर गेंदे के फूल और आम के पत्ते शुभ माने जाते हैं। समय कम है तो कोई बात नहीं, एक दिन पहले फ्लॉवर मार्केट जाकर इस तरह की छोटी-बड़ी मालाएं ले आएं और घर के मेन गेट को सजा दें। समय बचेगा और खूबसूरती भी झलकेगी।
2- फ्लोटिंग दिये जला दें
घर में वॉटर एलिमेंट का होना भी अच्छा समझा जाता है। किसी बड़े ब्रास या सिरैमिक पॉट में पानी भरें, उसमें गुलाब की पंखुड़ियां डालें और फ्लोटिंग दिये जला दें। इस पॉट को किसी कॉर्नर या पूजा घर में रख सकते हैं।
3- 3D रंगोली
रंगोली आध्यात्मिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए हर शुभ कार्य से पहले इसे बनाया जाता है। इन दिनों बाजार में लेटेस्ट ट्रेंड है, इस तरह की श्री 3डी रंगोली का। अगर बनाने का समय नहीं तो ले आएं ऐसे स्टिकर्स और सजा दें घर में।
4- वॉल पेंटिंग्स
आज-कल रेडीमेड वॉल पेंटिंग्स का चलन है। इनको लगाना भी बहुत आसान है। बस लेकर आने के बाद दीवाल पर स्टीकर की तरह चिपका देना है। बहुत ही सस्ते दामों ये वॉल पेंटिंग्स ऑनलाइन और बाजारों में उपलब्ध हैं। इनकी खास बात यह कि इन्हें आप हटा भी सकते हैं। अगर नहीं हटाना है तो सालों-साल चलेंगी। यह बेहद खूबसूरत और आकर्षक होती हैं। दीवारों पर लगने के बाद यह नहीं पता चलता कि इन्हें ऊपर से चिपकाया गया है।
कंडील के बिना दिवाली का आनंद ही अधूरा सा लगता है। इस तरह की रंगबिरंगी 4-5 पेपर कंडील एक साथ हैंग करें। ध्यान रखें कि इनकी लंबाई बराबर न हो, क्योंकि असिमैट्रिकल ढंग से लगाई गई कंडील ज्यादा प्रभाव छोड़ती हैं। मार्केट में मेटल और पेपरमैशी की कंडील भी इन दिनों खूब नजर आती हैं।
6- शीशे की बॉटल में लाइटिंग
थोड़ा सा समय हो तो वाइन बॉटल्स या जार को इस तरह भी हैंग कर सकते हैं। इनके अंदर फेयरी लाइट्स लगाएं। इनसे छन कर रोशनी आएगी तो हर कोने में बिखरेगी। इसे और भी बेहतर बनाने के लिए रंग-बिरंगी बोतल का प्रयोग करें।
7-झालर से जगमगाती सीलिंग
इन दिनों रंगबिरंगी और खूबसूरत फेयरी एलईडी लाइट्स से बाजार भरा हुआ है। आमतौर पर बालकनी सीढ़ियों, छत की रेलिंग्स को बिजली की झालरों से सजाया जाता है। इस बार सीलिंग पर ये झालरें लगा कर देखें। झिलमिलाती रोशनियों से कुछ अलग ही समां बंध जाएगा। इसके अलावा घर के पेड़ों को झालर से सजाकर भी खूबसूरती को बढ़ा सकते हैं।
8- बालकनी में लालटेन
लालटेन वाले दिन भले ही अब न रहे हों मगर ऐसी कलात्मक लालटेन को देख कर पुराने दिनों की यादें ताजा हो जाती हैं। बालकनी में कलरफुल लालटेन एक साथ हैंग करें, अलग इफेक्ट मिलेगा।