रविवार, 14 जून 2020

ओटीटी ने पिछले साल सिर्फ सब्सक्रिप्शन से कमाए 1200 करोड़, 2024 तक 7400 करोड़ रु. होगी कमाई

गुलाबो सिताबो बाॅलीवुड की पहली ऐसी बड़े बजट की फिल्म बन गई है जो थियेटर में रिलीज न होकर सीधे ओवर द टॉप यानी ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर रिलीज हुई है। देश भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते थियेटर्स बंद होने के कारण निर्माताओं ने यह फैसला किया है। फिल्म की रिलीज के साथ ही यह बहस चल पड़ी है कि क्या ओटीटी प्लेटफाॅर्म भविष्य में थियेटर का विकल्प बन जाएंगे।

फिल्म इंडस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में किसी फिल्म को रिलीज के लिए करीब 9600 स्क्रीन उपलब्ध हो पाती हैं। वहीं अगर ओटीटी प्लेटफाॅर्म की बात करें तो अकेले नेटफ्लिक्स के भारत में 1.1 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं जबकि दुनिया भर में 190 से अधिक देशों में 18.1 करोड़ पेड यूजर्स हैं। वहीं अमेजन प्राइम का 200 से अधिक देशों में पहुंच का दावा है।

अगर कमाई की बात करें तो फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट अतुल मोहन के मुताबिक2019 में बॉलीवुड में कुल कमाई 4400 करोड़ रही। वहीं स्टैटिस्टिका के आंकड़ों के अनुसार ओटीटी प्लेटफाॅर्म का सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू 2019 में 1200 करोड़ रुपए था। इसके 2024 तक 7400 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। ओटीटी प्लेटफाॅर्म को पिछले तीन महीने में सबसे अधिक फायदा लॉकडाउन का भी मिला।

मनोरंजन के लिए यह सबसे बड़ा जरिया बनकर उभरा। लॉकडाउन के दौरान 5 फरवरी से 29 मार्च 2020 के ही आंकड़ाें पर यदि नजर डालें तो ओटीटी पर वक्त बिताने के मामले में अकेले नेटफ्लिक्स पर 73% की दर से बढ़ोतरी हुई। अमेजन प्राइम वीडियो में 47% और हॉटस्टार पर यह समय 30% बढ़ा। मैक्स प्लेयर पर 27% की बढ़ोतरी हुई। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं देश में ओटीटी प्लेटफाॅर्म और थियेटर्स का भविष्य कैसा होगा।

ओटीटी नया सितारा: 2024 तक सब्सक्रिप्शन से 516% कमाईबढ़ जाएगी

1. ओटीटी पर कितने में बिकी गुलाबाे सिताबो, थियेटर में कितने में
फिल्म इंडस्ट्री के ट्रेड एनालिस्ट के अनुसार शूजित सरकार द्वारा निर्देशित की गई गुलाबाे सिताबो का बजट लगभग 25-30 करोड़ है जबकि अमेजन प्राइम ने इस फिल्म के राइट्स 61 करोड़ रुपए में खरीदे हैं। वहीं उनका मानना है कि अगर यह फिल्म थियेटर में जाती तो लगभग 80 करोड़ रुपए मिलते।
2. ओटीटी का सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू 2024 तक 516 % बढ़ जाएगा
बाॅलीवुड के ट्रेड एनालिस्ट के अनुसार 2019 में बॉक्स ऑफिस की कुल कमाई 4400 करोड़ रुपए रही जबकि ओटीटी प्लेफाॅर्म्स का 2019 में अकेले सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू ही 1200 करोड़ रुपए था। इसके 2024 तक 516% बढ़कर 7400 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।

3. ओटीटी: सिर्फ 3 प्लेटफॉर्म पर ही 32 करोड़ सब्सक्राइबर्स
दिल्ली स्थित डिलाइट सिनेमा के मालिक आरके मेहरोत्रा के मुताबिक भारत में पूरे में करीब 271 करोड़ टिकट बेचे जाते है। वहीं रिसर्च एजेंसी और ब्रोकरेज फर्म्स के मुताबिक ओटीटी प्लेटफाॅर्म हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स और अमेजन को मिला दें तो इन 3 प्रमुख ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर ही देश में 32 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं।

बाहुबली-2 है देश की ऑलटाइम हिट
ट्रेड एक्सपर्ट और फिल्म क्रिटिक तरन आदर्श के अनुसार 2017 में आई बाहुबली-2 फिल्म देश की अब तक की सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्म है। इस फिल्म ने दुनिया भर में 1810 करोड़ रुपए की कमाई की है। दूसरे नंबर पर अभिनेता आमिर खान अभिनीत फिल्म दंगल है। इसने
दुनिया भर में 716 करोड़ रुपए की कमाई की है।

ऑरेंज इज़ द न्यू ब्लैक को मिले थे 10.5 करोड़ व्यू
टाइम मैगजीन के अनुसार 2013-2019 के बीच चली सीरीज ऑरेंज इज़ द न्यू ब्लैक को 10.5 करोड़ व्यूज मिले थे। नेट फ्लिक्स ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी। दावा किया गया कि यह नेट फ्लिक्स का सर्वाधिक देखा गया ऑरिजिनल प्रोडक्ट है।

ओटीटी प्लेटफाॅर्म्स ने 2019 में कमाए 1200 करोड़

  • 2019 में ओटीटी प्लेटफार्म्स की सब्सक्रिप्शन से कुल कमाई 1200 करोड़ रुपए थी। इसके 2024 तक 7400 करोड़ रुपए पहुंचने की संभावना है।
  • जी फाइव इंडिया के सीईओ तरुण कटियाल के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान एप के डाउनलोड में 41% तक का इजाफा हुआ है।

2 सालमें नेटफ्लिक्स ने 18 फिल्मेंरिलीज कीं

  • नेटफ्लिक्स के अनुसार भारत में पिछले दो साल में उनके ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर 14 वेब सीरीज और 18 फिल्में रिलीज की गई हैं। आगे उनकी तैयारी 10 और फिल्में रिलीज करने की है जिसमें जाह्नवी कपूर स्टारर ‘गुंजन सक्सेना’ भी होगी। इसी तरह वे करीब 8 वेब सीरीज भी लॉन्च करेंगे। 2020 में नेटफ्लिक्स की भारत में 3000 करोड़ रुपए निवेश करने की तैयारी है। नेटफ्लिक्स 24 जून को अनुष्का शर्मा के बैनर की ‘बुलबुल’ भी रिलीज करेगा।
  • अमेजन प्राइम ने हाल ही में ‘गुलाबो सिताबो’ रिलीज की। 30 जून को विद्या बालन की ‘शकुंतला देवी’ रिलीज होगी। आने वाले दो महीनेमें कुल 7 हिंदी और गैर हिंदी भाषी फिल्में रिलीज करने की तैयारी है।
  • हॉटस्टार पर ‘लक्ष्मी बम’ और ‘सड़क 2’ के अलावा अजय देवगन की ‘भुज’, सुशांत सिंह राजपूत की ‘दिल बेचारा’, कृति सेनन की ‘मिमी’, सनी कौशल की ‘शिद्दत’ भी आने वाली है।

लॉकडाउन में ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर 102% तक एक्टिव यूजर्स बढ़े

कालागाटो की रिपाेर्ट के अनुसार 5 फरवरी से 29 मार्च 2020 के आंकड़ाें पर यदि नजर डालें तो ओटीटी पर समय बिताने से लेकर व्यूअर्स तक की संख्या में बढ़ोतरी हुई। आंकड़ों के अनुसार अकेले नेटफ्लिक्स के 73% व्यूअर्स बढ़े हैं। लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन एक यूजर ने इसे कम से कम 80 मिनट देखा। वहीं डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या में 102% की बढ़ोतरी हुई।

इस दौरान नेटफ्लिक्स पर सबसे ज्यादा जुड़े यूजर्स

इन प्लेटफाॅर्म के ओपन रेट डेटा से पता चलता है कि दर्शक किस प्लेटफाॅर्म से कितना जुड़ा। क्या वे इनका कंटेंट सिर्फ ऊपरी तौर पर देखते हैं या फिर एक बार में बैठकर पूरा कंटेंट खत्म करते हैं। जिसका जितना ज्यादा ओपन रेट होता है वह उस प्लेटफाॅर्म की अधिक व्यस्तता बताता है।



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ओटीटी फ्लेटफॉर्म की बात करें तो अकेले नेटफ्लिक्स के भारत में 1.1 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं, दुनिया भर में 18.1 करोड़ पेड यूजर्स हैं। वहीं अमेजन प्राइम का 200 से अधिक देशों में पहुंच का दावा है। -प्रतीकात्मक फोटो


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पिछले 24 घंटे में 12031 मरीज बढ़े, अब तक 3.21 लाख केस; दिल्ली में 10 से 49 बेड के सभी नर्सिंग होम कोविड अस्पताल बनेंगे

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख 21हजार 626 हो गई है। शनिवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 12 हजार 31 नएमरीज सामने आए। इससे पहले लगातार तीनदिन 11 हजार से ज्यादा केस मिल चुके हैं। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं। उधर,दिल्ली में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यसरकार ने 10 से 49 बेड की कैपेसिटी वाले सभी मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम को कोविड-19 नर्सिंग अस्पातल घोषित कर दिया। सरकार के मुताबिक, ऐसे सभी नर्सिंग होम को3 दिन के अंदर कोविड मरीजों को एडमिट करने के लिएखुद को तैयार करना होगा।अगर ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उधर, दिल्ली में कोरोना के हालात पर गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एलजी अनिल बैजल के साथ आज सुबह 11 बजे बैठक करेंगे। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल होंगे। दिल्ली में शनिवार को 2134 संक्रमित बढ़े। अब राजधानी में संक्रमितों की संख्या 38 हजार 958 हो गई है।

5 दिन,जब सबसे ज्यादा मामले आए

तारीख

केस
13 12031
12 जून 11314
11 जून 11128
10 जून 11156
7 जून 10882

5 राज्यों का हाल

मध्यप्रदेश: यहां शनिवार को 198 मरीज सामने आए और 7 की मौत हुई। राजधानी भोपाल में 63, इंदौर में 57, नीमच में 12, जबलपुर में 9और उज्जैन में 8 पॉजिटिव मिले। राज्य में संक्रमितों की संख्या 10 हजार 641 हो गई। इनमें से 2817 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 447 लोगों ने जान गंवाई है।
उत्तरप्रदेश: यहां शनिवार को 502 नए मरीज मिले और 20 ने जान गंवाई। कानपुर में 50, लखनऊ में 44,गौतमबुद्धनगर में 49, मेरठ में 23, गाजियाबाद में 20 और वाराणसी में 16 संक्रमित बढ़े। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 13 हजार 118 हो गई, इनमें से 4858 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 385 लोगों की मौत हुई है।

यह तस्वीर लखनऊ की है। यहां ज्यादातर सरकारी ऑफिस के बाहर एक व्यक्ति को तैनात किया गया है, जो कर्मचारियों के हाथ सैनिटाइज कराता है।

महाराष्ट्र: यहां शनिवार को 3427 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 113 मौतें हुईं। मुंबई में 1380, ठाणे में 863 और पुणे में 441 मरीज मिले।प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 लाख 4 हजार 568 हो गई, इनमें 51 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं।सबसे ज्यादा 20% मरीज 31 से 40 साल के हैं। कोरोना से कुल3830 ने जान गंवाई।

राजस्थान: यहां शनिवार को 333 नए मरीज मिले और 10 की जान गई। जोधपुर में 75, पाली में 62, जयपुर में 27, सीकर में 16 और धौलपुर में 14 मरीज मिले।प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 12 हजार 401 हो गई, इनमें से 2782 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 282 लोगों की मौत हो चुकी है।

बिहार:यहां शनिवार को 193 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और किसी की जान नहीं गई। मधुबनी में 21, पटना में 15 और बांका में 16 मरीज मिले।प्रदेश में कुल 6289 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें से 2568 एक्टिव मरीज हैं। बिहार में इस बीमारी से अब तक 35 लोग जान गंवा चुके हैं।



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हरियाणा में 6700 से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। शनिवार को गुड़गांव के सरकारी अस्पताल में जांच के लिए कोरोना के संदिग्धों के सैंपल लिए गए।


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शाह आज राज्यपाल बैजल और मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ चर्चा करेंगे, यहां 13 दिन में दोगुना हो गए केस

दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज दिल्ली के राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ से चर्चा करेंगे। बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन के अफसर और एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी मौजूद रहेंगे।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को कोरोना के हालात पर समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के डायरेक्टर और एम्पावर्ड ग्रुप के सदस्य शामिल हुए।

मीटिंग के बाद पीएमओ ने बताया कि देश में कोरोना के दो तिहाई मामले 5 राज्यों में हैं। बड़े शहरों में ज्यादा संक्रमण फैल रहा है। यहां पर कोरोना संकट से निपटने के लिए टेस्टिंग, बेड की संख्या और जरूरी सेवाएं बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने मानसून सीजन के मद्देनजर अस्पतालों में बेड और कोरोना वॉर्ड की जरूरतों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को राज्यों के साथ इमरजेंसी प्लानिंग करने के लिए कहा है। मोदी 16 और 17 जून को छठी बार सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी करेंगे।

इस महीने 13 दिन में केस दोगुना हुए
दिल्ली में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 30 मई को राजधानी में कुल संक्रमितों की संख्या 18 हजार 549 थी, जो 13 जून को 38 हजार 958 पर पहुंच गई। यहां अब तक 14 हजार 945 मरीज ठीक हुए हैं, जबकि 22 हजार 742 का इलाज चल रहा है। 1271 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां हर दिन पांच-साढ़े पांज हजार टेस्ट किए जा रहे हैं।

दिल्ली के नर्सिंग होम्स में कोरोना के इलाज का निर्देश
राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन कोरोना के 2000 से ज्यादा केस मिले। केजरीवाल सरकार ने 10 से 49 बेड तक की क्षमता वाले सभी नर्सिंग होम्स को कोविड डेडिकेटेड घोषित कर दिया है। इनके संचालकों से कहा गया है कि वे 3 दिन में अपने सभी बेड पर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करें। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी।



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Amit Shah meet Arvind Kejriwal today as Coronavirus cases spike in Delhi news and updates


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पिछले 24 घंटे में 12031 मरीज बढ़े, अब तक 3.21 लाख केस; दिल्ली में 10 से 49 बेड के सभी नर्सिंग होम कोविड अस्पताल बनेंगे

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख 21हजार 626 हो गई है। शनिवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 12 हजार 31 नएमरीज सामने आए। इससे पहले लगातार तीनदिन 11 हजार से ज्यादा केस मिल चुके हैं। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं। उधर,दिल्ली में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यसरकार ने 10 से 49 बेड की कैपेसिटी वाले सभी मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम को कोविड-19 नर्सिंग अस्पातल घोषित कर दिया। सरकार के मुताबिक, ऐसे सभी नर्सिंग होम को3 दिन के अंदर कोविड मरीजों को एडमिट करने के लिएखुद को तैयार करना होगा।अगर ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उधर, दिल्ली में कोरोना के हालात पर गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एलजी अनिल बैजल के साथ आज सुबह 11 बजे बैठक करेंगे। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल होंगे। दिल्ली में शनिवार को 2134 संक्रमित बढ़े। अब राजधानी में संक्रमितों की संख्या 38 हजार 958 हो गई है।

5 दिन,जब सबसे ज्यादा मामले आए

तारीख

केस
13 12031
12 जून 11314
11 जून 11128
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5 राज्यों का हाल

मध्यप्रदेश: यहां शनिवार को 198 मरीज सामने आए और 7 की मौत हुई। राजधानी भोपाल में 63, इंदौर में 57, नीमच में 12, जबलपुर में 9और उज्जैन में 8 पॉजिटिव मिले। राज्य में संक्रमितों की संख्या 10 हजार 641 हो गई। इनमें से 2817 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 447 लोगों ने जान गंवाई है।
उत्तरप्रदेश: यहां शनिवार को 502 नए मरीज मिले और 20 ने जान गंवाई। कानपुर में 50, लखनऊ में 44,गौतमबुद्धनगर में 49, मेरठ में 23, गाजियाबाद में 20 और वाराणसी में 16 संक्रमित बढ़े। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 13 हजार 118 हो गई, इनमें से 4858 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 385 लोगों की मौत हुई है।

यह तस्वीर लखनऊ की है। यहां ज्यादातर सरकारी ऑफिस के बाहर एक व्यक्ति को तैनात किया गया है, जो कर्मचारियों के हाथ सैनिटाइज कराता है।

महाराष्ट्र: यहां शनिवार को 3427 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 113 मौतें हुईं। मुंबई में 1380, ठाणे में 863 और पुणे में 441 मरीज मिले।प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 लाख 4 हजार 568 हो गई, इनमें 51 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं।सबसे ज्यादा 20% मरीज 31 से 40 साल के हैं। कोरोना से कुल3830 ने जान गंवाई।

राजस्थान: यहां शनिवार को 333 नए मरीज मिले और 10 की जान गई। जोधपुर में 75, पाली में 62, जयपुर में 27, सीकर में 16 और धौलपुर में 14 मरीज मिले।प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 12 हजार 401 हो गई, इनमें से 2782 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 282 लोगों की मौत हो चुकी है।

बिहार:यहां शनिवार को 193 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और किसी की जान नहीं गई। मधुबनी में 21, पटना में 15 और बांका में 16 मरीज मिले।प्रदेश में कुल 6289 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें से 2568 एक्टिव मरीज हैं। बिहार में इस बीमारी से अब तक 35 लोग जान गंवा चुके हैं।



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शाह आज राज्यपाल बैजल और मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ चर्चा करेंगे, यहां 13 दिन में दोगुना हो गए केस

दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज दिल्ली के राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ से चर्चा करेंगे। बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन के अफसर और एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी मौजूद रहेंगे।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को कोरोना के हालात पर समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के डायरेक्टर और एम्पावर्ड ग्रुप के सदस्य शामिल हुए।

मीटिंग के बाद पीएमओ ने बताया कि देश में कोरोना के दो तिहाई मामले 5 राज्यों में हैं। बड़े शहरों में ज्यादा संक्रमण फैल रहा है। यहां पर कोरोना संकट से निपटने के लिए टेस्टिंग, बेड की संख्या और जरूरी सेवाएं बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने मानसून सीजन के मद्देनजर अस्पतालों में बेड और कोरोना वॉर्ड की जरूरतों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को राज्यों के साथ इमरजेंसी प्लानिंग करने के लिए कहा है। मोदी 16 और 17 जून को छठी बार सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी करेंगे।

इस महीने 13 दिन में केस दोगुना हुए
दिल्ली में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 30 मई को राजधानी में कुल संक्रमितों की संख्या 18 हजार 549 थी, जो 13 जून को 38 हजार 958 पर पहुंच गई। यहां अब तक 14 हजार 945 मरीज ठीक हुए हैं, जबकि 22 हजार 742 का इलाज चल रहा है। 1271 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां हर दिन पांच-साढ़े पांज हजार टेस्ट किए जा रहे हैं।

दिल्ली के नर्सिंग होम्स में कोरोना के इलाज का निर्देश
राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन कोरोना के 2000 से ज्यादा केस मिले। केजरीवाल सरकार ने 10 से 49 बेड तक की क्षमता वाले सभी नर्सिंग होम्स को कोविड डेडिकेटेड घोषित कर दिया है। इनके संचालकों से कहा गया है कि वे 3 दिन में अपने सभी बेड पर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करें। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी।



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बच्ची के सिर में फंसा कुकर, डॉक्टरों ने 45 मिनट में निकाला; बसों की इनकम पर ब्रेक, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बजाए लोग अपने वाहन से सफर करना मान रहे सेफ

फोटो गुजरात के भावनगर की है। यहांखेल-खेल में एक साल की प्रियांशी के सिर में कुकर फंस गया। कुकर निकालने में असफल रहने पर परिजन बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां बाल रोग और ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टरों की टीम ने 45 मिनट की कवायद के बाद कुकर को काट कर प्रियांशी के सिर से निकालने में सफलता प्राप्त की।

एक सवारी लेकर दौड़ रहीसीटीयू की बसें

फोटो चंडीगढ़ की सीटीयू बस की है। कोरोना के खौफ के चलते लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसे में वह पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के बजाए अपने व्हीकल्स सेसफर करना ज्यादा सेफ मान रहे हैं। चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के रूट पर सीटीयू की बसें तो चलाई जा रही हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर रूट पर चल रही बसों में इक्का-दुक्का सवारियां ही होती हैं।

प्री मानसून: अपने रेवड़ के साथ घर लौटने लगे रेबारी

फोटो राजस्थान के सराड़ी की है। प्री-मानसून की बारिश होते ही रेबारी जाति के लोग अपने रेवड़ के साथघर लौटने लगे हैं। दीपावली के बाद ये लोग अपनी रेवड को लेकर मालवा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों में जाते हैं। आषाढ़ महीने में वापस राजस्थान आ जाते हैं। शनिवार को सराड़ी गांव से ऊंटों का रेवड़ गुजरा। रेबारी जाति के लोग अपने परिवार के साथ पाली, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर और जैसलमेर जिलों की तरफ जा रहे थे।

रेत का अवैध उत्खनन कर रहे लोग

फोटो मध्यप्रदेश के शिवपुरी की है। पचावली स्टॉप डैम से पानी छोड़ने के बाद भीलोग जान जोखिम में डालकर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली में रेत भरकर लाते समय चढ़ाई पर ट्रैक्टर के अगले पहिए उठ जाते हैं। ऐसे मेंसंतुलन बनाने के लिएदो लोगटैक्टर के बोनट पर खड़े होते हैं ताकि टैक्टर का संतुलन बना रहे।

दाना पानी के लिए बड़ी संख्या में आते हैं पक्षी

फोटो राजस्थान के नागौर जिले के रोल गांव की है। यहां के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में शनिवार को दाना-पानी के लिए मोरनियांपहुंचीं। सीएचसी प्रभारी अधिकारी डॉ.राजेन्द्र सिंह कालवी ने गर्मी के मौसम को लेकर अस्पताल परिसर में पक्षियों के काफी संख्या में परिंडे व चुग्गा पात्र लगाए हैं। ऐसे में यहां इन दिनों शांत व स्वच्छ वातावरण को लेकर पक्षी पानी पीने व दाना चुगने के लिए आते हैं।


उफ ये गर्मी...सीप नदी से राहत

फोटो मध्यप्रदेश के श्योपुर की है। जिला म़ुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम साेईंकलां और मेवाड़ा के बीच सीप नदी है। गर्मी से राहत के लिए नदी में कुछ भैसें पड़ींथीं। भैसों की पीठ पर संरक्षित प्रजाति के कुछ कछुए आराम फरमाते नजर आए। वाइल्ड लाइफएक्सपर्ट सीताराम टैगोर नेइसेअपने कैमरे में कैद किया।

दूल्हा औरपरिजन मास्क पहन कर निभा रहे रस्में

फोटो राजस्थान के कोटा की है।शनिवार को शहर केटिपटा साई मंदिर के पास एक दूल्हे की निकासी निकली। घाेड़ी पर बैठा दूल्हा व परिवार की महिलाएंसंक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाएनजर आईं। सजी संवरी महिलाओें ने मास्क पहन कर ही सभी रस्में अदा कीं। बाद में दूल्हा व परिवार की महिलाएं लक्ष्मीनाथ मंदिर में देवता धोकने पहुंची।

मौसम: आधे घंटे की बारिश के बाद निकली धूप

फोटो चंडीगढ़ की है।यहां चार दिन से पड़ रही भीषण गर्मी के बाद शनिवार सुबह 11 बजे एकाएक बादल छागए। तेज हवाओं के साथ कुछ देर बारिश हुई। लगा दिनभर बारिश होगी, लेकिन आधे घंटे के बाद आसमान साफ होना शुरू हो गया और धूप निकली। नमी की मात्रा बढ़ने से उमस ने लोगों को परेशान किया।

एयर वॉल्व फटा तोधमाके से जा सकती हैकिसी की भी जान

फोटो मध्यप्रदेश के शिवपुरी की है। यहांसिंध जलावर्धन की मुख्य पाइप लाइन में जगह-जगह एयर वॉल्व लगाए गए हैं। लेकिन लोग इन एयर वॉल्व से पानी भर रहे हैं। शहर की कठमई बस्ती में लोगों ने एयर वॉल्व का स्ट्रेक्चर ही तोड़ डाला। पानी का प्रेशर ऊपर जाने से रोकने के लिए वॉल्वके ऊपर पत्थर रख दिया।वॉल्वपर जैसे ही फव्वारे के साथ पानी छूटता है, बच्चों की भीड़ जमा हो जाती है।यदि एयर वॉल्व फटा तो तेज धमाके के साथ किसी की भी जान जा सकती है।

आरोपियों के संपर्क में आने से पहले भीकई पुलिसकर्मी हुए हैं संक्रमित

फोटो हरियाणा के रोहतक की है। जिले में चार आरोपी और तीन पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं, इसके बावजूद पुलिसएहतियात नहीं बरत रही। शनिवार को पुलिस सामान्य अस्पताल में दो आरोपियों का कोरोना टेस्ट करवाने पहुंची,पुलिस वालों के हाथ में न तो ग्लब्स थे और न ही उन्होंने आरोपियों को हथकड़ी पहनाई थी। यदि आरोपीपॉजिटिव मिले तो हाथों में हाथ पकड़कर टेस्ट करवाने आए पुलिस कर्मचारी खतरे में आ सकते हैं।



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Cooker stuck in baby's head, doctors pulled out in 45 minutes; Brakes on the income of buses, instead of public transport, people are considering traveling with their vehicles


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भारत में कोरोना से कुल मौत की 23% मुंबई में, डेथ रेट 3.68%; अमेरिका की 22% मौतें न्यूयॉर्क में, डेथ रेट 6.41%

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई कोरोना की सबसे बुरी मार झेल रही है। अकेले मुंबई में 13 जून तक कोरोना के 55 हजार 451 मामले आ चुके हैं, जबकि महाराष्ट्र में संक्रमितों का आंकड़ा 1 लाख के पार पहुंच गया है। महाराष्ट्र में 3 हजार 717 मौतें हो चुकी हैं, जिसमें से 55% यानी 2 हजार 44 मौतें सिर्फ मुंबई में ही हुईं।

देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3 लाख 8 हजार 993 हो गई है। इसमें से 17% मामले तो अकेले मुंबई में ही हैं। इतना ही नहीं, जितने मामले और मौतें मुंबई में हुई हैं, उतने मामले और मौतें तो देश के 30 राज्यों में भी नहीं हुई। देश में 13 जून तक 8 हजार 884 मौतें हुई हैं, जिनमें से 23% मौतें अकेले मुंबई में हुई हैं।

इन्हीं सब कारणों से एक सवाल बार-बार सामने आ रहा है कि क्या कोरोना के मामले में मुंबई, अमेरिका के न्यूयॉर्क की राह पर है। न्यूयॉर्क में 3 लाख 81 हजार 714 मामले आ चुके हैं और 24 हजार 495 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना से जितने लोगों की मौत हुई है, उनमें से 22% मौतें न्यूयॉर्क में हुई है। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख 13 हजार 914 है।

1) पॉपुलेशन डेंसिटी : न्यूयॉर्क से ज्यादा घना है मुंबई
मुंबई देश ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला शहर है। यहां करीब 2 करोड़ की आबादी 600 स्क्वायर किमी में रहती है। यहां हर एक किमी के दायरे में 33 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। जबकि, न्यूयॉर्क की आबादी 85 लाख के आसपास ही है और यहां हर किमी के दायरे में 10 हजार से ज्यादा लोग ही रहते हैं।

2) केस की रफ्तार : न्यूयॉर्क में रफ्तार घटी, मुंबई में बढ़ी
कोरोनावायरस के नए मामलों की रफ्तार न्यूयॉर्क में तो घटनी शुरू हो गई है, लेकिन मुंबई में लगातार बढ़ती जा रही है। एक समय था जब न्यूयॉर्क में रोजाना 8 हजार से 11 हजार के बीच नए मामले आ रहे थे।

न्यूयॉर्क के हेल्थ डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर 11 जून तक के आंकड़े मौजूद हैं। इसके मुताबिक, पिछले 14 दिन से यहां रोजाना 1500 से कम नए मामले सामने आ रहे हैं।

जबकि, मुंबई में 17 मई से रोजाना हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। 17 मई के बाद से 11 जून के बीच मुंबई में 35 हजार 263 मामले आए हैं। यानी, मुंबई में अब तक जितने संक्रमित मिले हैं, उनमें से 65% से ज्यादा मरीज 17 मई के बाद आए हैं।

3) टेस्टिंग : जितने टेस्ट न्यूयॉर्क में हुए, उसका 10% भी मुंबई में नहीं हुए
न्यूयॉर्क में 11 जून तक 28 लाख 1 हजार 400 लोगों के टेस्ट हो चुके हैं। जबकि, 12 जून तक मुंबई में 2 लाख 47 हजार 696 लोगों की कोरोना जांच हुई है। यानी, जितनी जांच न्यूयॉर्क में हुई है, उसकी तुलना में मुंबई में सिर्फ 8.84% ही टेस्ट हुए हैं।

इतना ही नहीं, न्यूयॉर्क की तुलना में मुंबई का पॉजिटिविटी रेट भी ज्यादा है। न्यूयॉर्क का पॉजिटिविटी रेट 13.6% और मुंबई का 21.79% है।

इसके अलावा, 12 जून तक मुंबई में हर 10 लाख आबादी पर 19 हजार 42 लोगों की कोरोना जांच हुई है। जबकि, न्यूयॉर्क में यही आंकड़ा 1 लाख 44 हजार 14 का है।

4) मौतें : मुंबई में 77% और न्यूयॉर्क में 95% मौतें 50 साल से ऊपर मरीजों की
कई स्टडी में ये सामने आया है कि कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा खतरा 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को है। आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं।

मुंबई में 12 जून तक 2 हजार 42 लोगों की मौत हुई। इनमें से 77% यानी 1 हजार 588 लोगों की उम्र 50 साल या उससे ऊपर थी। इसी तरह न्यूयॉर्क में 24 हजार 495 मौतों में से 23 हजार 216 मौतें 50 साल से ऊपर मरीजों की हुई है। ये कुल मौतों का 95% है।

5) अस्पताल : मुंबई में 17,847 बेड, इनमें से अब 26% ही खाली
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए हेल्थ फैसिलिटी को तीन कैटिगरी में बांटा है। पहली कैटेगरी में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल हैं, जहां गंभीर मरीजों का इलाज होगा। दूसरी कैटेगरी कोविड हेल्थ सेंटर की है, जहां कम गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा। तीसरी कैटेगरी में कोविड केयर सेंटर है, जहां बिना लक्षण वाले या कम लक्षण वाले मरीजों को रखा जाएगा।

बीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक, 12 जून तक इन तीनों कैटेगरी में 17 हजार 848 बेड हैं, जिनमें से 13 हजार 256 यानी 76% बेड पर मरीज हैं। इनमें से 1 हजार 197 आईसीयू बेड भी हैं, जिनमें अब सिर्फ 20 बेड ही खाली हैं।

जबकि, 5 हजार 325 ऑक्सीजन बेड में से 4 हजार 80 और 538 वेंटिलेटर में से 515 बेड भरे हुए हैं।

दोनों जगह संक्रमण क्यों फैला, इसके 3 कारण

  • पहला कारण : मुंबई और न्यूयॉर्क दोनों ही घनी आबादी वाले हैं। मुंबई में हर एक किमी के दायरे में 33 हजार और न्यूयॉर्क में 10 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं।
  • दूसरा कारण : मुंबई में लोकल ट्रेन और न्यूयॉर्क में मेट्रो ट्रेन ही यहां के लोगों की पहली पसंद है। न्यूयॉर्क और मुंबई में हर दिन लाखों लोग इनसे यात्रा करते हैं। दोनों जगह मामले बढ़ने के बाद भी लोग इनसे सफर करते रहे।
  • तीसरा कारण : मुंबई और न्यूयॉर्क, दोनों ही अपने-अपने देश की आर्थिक राजधानी हैं। लिहाजा, यहां विदेशियों का आना और यहां के लोगों का विदेश जाना लगा रहता है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, मार्च-अप्रैल में मुंबई एयरपोर्ट पर 4.79 लाख अंतर्राष्ट्रीय और 16.71 लाख घरेलू यात्रियों का मूवमेंट रहा था। वहीं, न्यूयॉर्क में हर साल 6 करोड़ से ज्यादा पर्यटक भी आते हैं। इतना ही नहीं, न्यूयॉर्क में सबसे ज्यादा चीनी नागरिक रहते हैं।


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दुनियाभर की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को 1.21 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान, भारत में खेल के बाजार को 4700 करोड़ रुपए का घाटा

16 मई को जर्मन फुटबॉल लीग ‘बुंदसलीगा’ के एक साथ 6 मुकाबले खेले गए। बिना दर्शकों के खेले गए इन मुकाबलों में खिलाड़ियों और ग्राउंड स्टॉफ समेत कुल 213 लोगों को ही स्टेडियम में आने की इजाजत थी। फुटबॉल जगत की चुनिंदा बड़ी लीगों में से यही एकमात्र लीग थी जो कोरोना के इस दौर में सबसे पहले शुरू हुई। हाल ही में स्पेनिश फुटबॉल लीग ‘ला लीगा’ का भी नाम इस लिस्ट में जुड़ा है और अगले हफ्ते से ही इटैलियन और इंग्लिश फुटबॉल लीग भी शुरू होने जा रही हैं।

यह सभी लीग बिना दर्शकों के ही खेली जानी हैं। एक सवाल ये उठता है कि जब मैच में दर्शक ही न हो तो खेलने का क्या फायदा? तो इसका सीधा सा जवाब यह है कि स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा स्टेडियम के दर्शकों से नहीं बल्कि ब्रॉडकास्टिंग और खेलों से जुड़े कई तरह के कारोबार से आता है।

यही कारण भी है कि दुनियाभर के देश अब बिना दर्शकों के ही खेलों की इस दुनिया को रफ्तार देना चाहते हैं। कोरोना के कारण डगमगाती अर्थव्यवस्था और लोगों की नौकरियों को ये स्पोर्ट्स कुछ हद तक सहारा दे सकते हैं। इसके बावजूद इस साल स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

स्पोर्ट्स वैल्यू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खेल जगत को इस साल कोविड-19 के कारण 1 लाख 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना होगा। ईएसपीएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले अमेरिका में ही 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होगा। भारत में स्पोर्ट्स और उससे जुड़े इंडस्ट्री का कारोबार 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इस पर अब संकंट के बादल मंडरा रहे हैं।

ओलंपिक गेम्स टला, जापान को56 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान

साल 2013 से 2016 के बीच ओलंपिक का कुल मार्केटिंग रेवेन्यू 7.7 अरब अमेरिकी डॉलर था। इस साल इसकी ब्रांड वैल्यू करीब 12.6 अरब अमेरिकी डॉलर थी। लेकिन, कोरोना के कारण अब ये टल चुका है और अब अगले साल आयोजित होना है। इसके टलने से जापान को अकेले 56 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा।

जापान की एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ओलंपिक गेम्स टलने की वजह से आयोजकों को 20 करोड़ रुपएअतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है। इस नुकसान की भरपाई के लिए अगले साल होने वाले ओलंपिक के खर्च में कटौती का प्लान भी बनना शुरू हो गया है। खुद ओलंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष, योशीरो मोरी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं।

अगर इस बार आईपीएलनहीं होता है, तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड को 5,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।

आईपीएल नहीं हुआ तो बीसीसीआई को 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पिछले गुरुवार को ही कहा कि आईपीएल के लिए सभी संभावित विकल्पों पर चर्चा की जा रही है। टूर्नामेंट को बगैर दर्शकों के भी कराया जा सकता है। यह इसलिए क्योंकि बीसीसीआई को सालाना रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा आईपीएल से आता है। इस टूर्नामेंट की ब्रांड मूल्य 47,500 करोड़ रुपए है। अगर इस बार आईपीएलनहीं होता है, तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड को 5,000 करोड़ रुपएका नुकसान हो सकता है।

आईपीएल के पूर्व सीओओ सुंदर रमन के मुताबिक, भारतीय स्पोर्ट्स इकोनॉमी में क्रिकेट का हिस्सा लगभग 85% है। इसके बाद फुटबॉल और कबड्डी की हिस्सेदारी आती है। रमन के मुताबिक, 2019 में क्रिकेट के कुल रेवेन्यू में लगभग 72% प्रसारण से, 20%प्रायोजकों से और बाकी 8%टिकट वितरण के जरिए आया था। ऐसे में बिना दर्शकों के मैच करवाना नुकसान से बचने का एक अच्छा विकल्प है।

आईपीएल को लेकर स्टार स्पोर्ट्स से 3,065 करोड़ रुपए, VIVO से लगभग 440 करोड़ रुपए और अन्य प्रायोजकों से लगभग 200 करोड़ रुपए का करार हुआ था। आईपीएल न होने की स्थिति में बीसीसीआई को ये सब नुकसान झेलना होगा।

फुटबॉल : इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब्स के रेवेन्यू में 85 अरब रुपए से ज्यादाकी कमी हो सकती है

यूरोपीय फुटबॉल बाजार ने साल 2018-19 में 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किया था। इसमें इंग्लिश प्रीमियर लीग के क्लबों का रेवेन्यू ही 505 करोड़ रुपए था।

डेलॉइट के एनालिसिस की मानें तो इस साल कोरोनावायरस की वजह से प्रीमियर लीग क्लबों के रेवेन्यू में लगभग 85 अरब रुपए की कमी हो सकती है। इसी एनालिसिस में यह भी सामने आया था कि इंग्लिश प्रीमियर लीग के क्लबों को 42 अरब से ज्यादा का स्थायी नुकसान हो सकता है।

स्पेनिश फुटबॉल लीग रेवेन्यू के मामले में यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी लीग है। ला लिगा को पिछले सीजन में 4479 मिलियन यूरो (करीब 38363 करोड़ रुपए) का फायदा हुआ था। ला लीगा का सालाना टर्नओवर स्पेन की जीडीपी का 1.37% है। इससे एक लाख 85 हजार रोजगार उपलब्ध होते हैं। स्पेन को फुटबॉल इंडस्ट्री से 4.1 अरब यूरो (करीब 35 हजार 225 करोड़ रु.) का टैक्स मिलता है। यही कारण भी है कि स्पेन में कोरोना से 27 हजार से ज्यादा मौतों के बावजूद ला लीगा को फिर से शुरू कर दिया गया है।

यूएस ओपन 24 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस बार बिना दर्शकों के मैच कराए जाने की संभावना है।

यूएस ओपन बिना दर्शकों के हुआ तो 760 करोड़ रुपए का नुकसान

यूएस ओपन 24 अगस्त से शुरू हो रहा है। यहां भी मुकाबले बिना दर्शकों के हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यूएस ओपन के आयोजकों को 760 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।

साल का तीसरा ग्रैंड स्लैम विंबलडन पहले ही रद्द किया जा चुका है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार था, जब विंबलडन को रद्द करना पड़ा। 2017-18 में इसका रेवेन्यू 336 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। साल का दूसरा ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन भी इस बार नहीं हो सका है।

हर साल 500 करोड़ की प्रॉफिट वाली प्रो कबड्डी लीग का आयोजन भी खतरे में
प्रो कबड्‌डी लीग के लिए इस साल अप्रैल में खिलाड़ियों की नीलामी होनी थी, लेकिन यह अब तक नहीं हो पाई है। इसके सीजन की शुरुआत जुलाई से होनी थी। इसके आयोजन पर भी खतरा मंडरा रहा है। आयोजकों को टूर्नामेंट से हर साल लगभग 500 करोड़ रुपए का फायदा होता है।

भारत में खेल से जुड़े सामानों की इंडस्ट्री को 4700 करोड़ रुपए का नुकसान

खेल के व्यापार और बाजार से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो भारत में खेल से जुड़े सामानों की इंडस्ट्री को 4700 करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है।

अन्य खेलों के मार्केट को 1500 करोड़ रु. की हानि
फुटबॉल, बैडमिंटन, शतरंज, हॉकी, टेनिस, एथलेटिक्स, टेटे, वॉलीबॉल, फेंसिंग आदि खेलों का सामान बनाने वाले कारोबारियों के 1500 करोड़ डूबने की आशंका है। निर्यात न होने से इन खेलों का सामान भी गोदामों में भरा है। स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनियों को भी 500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।



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IPL 2020 Loss/Coronavirus Update | Impact of Coronavirus Lockdown on Sports Industry/From English Premier League To US Open (Indian Premier League)


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ट्रम्प मेक अमेरिका ग्रेट अगेन के नारे के साथ इस साल चुनाव जीतना चाहते हैं, जिनपिंग चीन की इमेज सुधारने की कोशिश में हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सामने अमेरिका में बढ़ते कोरोना के मामलों को रोकने, अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद भड़के प्रदर्शनों से निपटने और इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति तय करने की चुनौती है। वहीं, वुहान से निकलकर दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस की वजह से राष्ट्रपति शीजिनपिंग के सामने चीन की इमेज सुधारने की चुनौती है।

ट्रम्प अपने घर में ही मुश्किलों से जूझ रहे
ट्रम्प के लिए 2020 का अब तक का वक्त कई बड़ी घटनाओं से भरा रहा है। इस साल अमेरिका ने आईएसआईएस का सफाया किया। सीरिया में रूस के दखल को रोका। ईरान को बैकफुट पर कर दिया। बहरहाल, ट्रम्प अपने ही घर में अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी पर अमल नहीं करा सके। अब कोरोना और जॉर्ज फ्लॉयड केस की वजह से ट्रम्प के लिए चुनाव जीतने की राह आसान नहीं है।

ट्रम्प पहले कोरोना को महामारी मानने को तैयार नहीं थे
जनवरी में ट्रम्प ने कोरोना को महामारी मानने से ही इनकार कर दिया था। कोविड-19 को मामूली वायरस बताया था। तब वे मास्क पहनने का विरोध कर रहे थे। कीटनाशक दवाई से इंजेक्शन बनाने जैसी बातें कर रहे थे। इस वजह से पूरी दुनिया में उनका मजाक उड़ा था।

फिर ट्रम्प ने स्ट्रैटजी बदली
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी स्ट्रैटजी में अब बदलाव किया है। अमेरिका में आक्रामक सोच रखने वाले समूहों का सपोर्ट बनाए रखने के लिए ट्रम्प MAGA यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन को ही अपने इलेक्शन कैम्पेन का नारा बना रहे हैं। वे अमेरिका को इंटरनेशनल लेवल पर मिली कामयाबी का मुद्दा उठा रहे हैं। वे चाइना कार्ड खेल रहे हैं। उनका कहना है कि चीन उन्हें हराने की साजिश रच रहा है।

ट्रम्प की पहली रैली 19 जून
ट्रम्प ओकलाहोमा में 19 जून को अपनी पहली रैली करेंगे। यह ट्रम्प का गढ़ माना जाता है। ट्रम्प ने जेसन मिलर को अपने कैम्पेन का चीफ एडवाइजर बनाया है। मिलर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन और उनके बेटे हन्टर बिडेन के चीन के साथ रिश्तों को उजागर करने वालों में शामिल रहे हैं।

ट्रम्प के लिए हालात मुश्किल हैं। सितंबर तक भी कोरोना खत्म नहीं होगा। 3 नवंबर से इलेक्शन प्रोसेस शुरू होगी। उनके सामने खतरा यह है कि उनके विरोधी ज्यादा ताकतवर तरीके से वोटिंग कर सकते हैं।

दुनिया का नेता बनने की जिनपिंग की ख्वाहिश पर ब्रेक लगा
67 साल के हो रहे जिनपिंग माओ जेडोंग और चाउ एन लाई के बाद सबसे असरदार नेता माने जाते हैं। चीन की पॉलिसी का पहला हिस्सा साम्राज्यवाद था। दूसरा- मैन्यूफैक्चरिंग और तीसरा- ग्लोबल मार्केट पर कब्जा करना। इसकी जिम्मेदारी अब जिनपिंग पर है। कोरोना ने चीन की इमेज खराब की, लेकिन जिनपिंग अब इसे सुधारना चाहते हैं।

दुनिया के सामने चीन अच्छा बन रहा
चीन का भारत के साथ सीमा विवाद है, लेकिन वह भारतीय बाजार में सालाना 80 हजार करोड़ रुपए का सामान बेचता है। जब वह सीमा पर तनाव पैदा करता है तो भारत में उसके विरोध के सुर उठते हैं। नेपाल और पाकिस्तान को उकसाने में उसकी भूमिका पर भी सवाल उठते हैं, लेकिन वह दुनिया के सामने अच्छा बने रहना चाहता है।

यूरोप के देश सामानों के लिए अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर चीन पर निर्भर हैं। कोरोना को नहीं रोक पाने में चीन की नाकामी के बाद यूरोप में भी उसके प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। जर्मनी और फ्रांस भी इस मोेर्चे पर चीन के खिलाफ और अमेरिका के साथ खड़े हैं।

ट्रेड वॉर से लेकर वर्ल्ड डिप्लोमेसी में चीन का अमेरिका से टकराव है। इस वजह से चीन ने दो साल में 165 तरह की मैन्यूफैक्चरिंग में 70 करोड़ डॉलर का बिजनेस खोया है।

जिनपिंग की नई नीति कैसी होगी?
सीरिया विवाद में चीनका रवैया नर्म करने में कामयाब रहा। इससे दुनिया में उसकी तारीफ हुई। हो सकता है कि अब चीन भारत के साथ सीमा विवाद कम कर दे और पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे का यूएन में समर्थन करना रोक दे।

यूरोप और भारत के बाजार में हुए नुकसान की भरपाई के लिए चीन अब अफ्रीकी देशों पर फोकस कर सकता है। जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक, पिछले 5 साल में चीन ने अफ्रीकी देशों के साथ बिजनेस 120 अरब डॉलर से बढ़ाकर 185 अरब डॉलर कर दिया है।



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यह फोटो पिछले साल की है। जापान में हुई जी20 समिट-2019 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कुछ इस अंदाज में मिले थे।


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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी, तुलसी और जिंजर दूध से लेकर स्पेशल इम्यून खिचड़ी जैसे कई प्रोडक्ट बाजार में, चाय और कॉफी के भी खास वैरिएंट लॉन्च

कोरोनावायरससेबचने केलिए लोग अब पूरी तरह से इम्यूनिटीपर फोकस कर रहे हैं।दरअसल, अनलॉक-1 शुरू होने से लोगों की आवाजाही शुरू हुई है। ऐसे में देशभर में मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़त हो रही है। डॉक्टर्स से लेकर एक्सपर्ट तकका यही मानना है कि बचाव और इम्यूनिटी को मजबूत करना ही कोरोना से बचने का एकमात्र रास्ता है।

इसे देखते हुए कंपनियों के साथ-साथ होटल, रेस्तरां भी इम्यूनिटी बूस्ट करने पर फोकस कर रहे हैं। कोरोना ने हेल्दी फूड्स और बेवरेजेस के महत्वको साबित किया है। आंकड़े बताते हैं कि लोग इस तरह के प्रोडक्ट का उपयोग कर रहे हैं और इससे बिक्री भी बढ़ी है। च्यवनप्राश और शहद की बिक्री में 30%तक की बढ़ोतरी देखी गई है।

लोगों के बदलते फूड हैबिट्स और जरूरतों को ध्यान में रखकर मदर डेयरी से लेकर अमूल और कैफे कॉफी डे (CCD), स्टारबक्स और चायोस समेत दर्जनों ऐसी कंपनियां हैं जो कंज्यमूर्स के लिए इम्यूनिटी बूस्ट प्रोडक्ट्स को बाजार में पेश कर रही हैं। फाइव स्टार होटल्स से लेकर रेस्तरां-कैफे के मेन्यू में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स पर फोकस बढ़ाया गया है।

इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स

हाल ही में हल्दी दूध, तुलसी दूध और जिंजर दूध, हनी-हल्दी लाते, सोया आधारित चाय, काढ़ा और विटामिन-सी से भरपूर रसभरी, कीवी और ब्लूबेरी से बनी स्मूदी, हल्दी के लाते जैसे प्रोडक्ट आए हैं। इसी तरह हल्दी चाय, अजवाइन सौंफ चाय, लेमनग्रास चाय और कश्मीरी कहवा, हर्ब एंड सीड ब्रेड, च्यवनप्राश आइसक्रीम और छाछ रागी टैकोस, स्पेशल खिचड़ी, इम्यूनिटी संदेश समेत कई अन्य प्रोडक्ट भी बाजार में मौजूद हैं।

ये हैं किड्स स्पेशल इम्यून प्रोक्ट्स

  • दूध एवं दूध उत्पादों के दिग्गज और एनडीडीबी (NDDB) की सहयोगी कंपनी मदर डेयरी ने बटरस्कॉच फ्लेवर (Butter scotch flavor) में हल्दी मिल्क को बाजार में उतारा है। हल्दी के गुणों से भरपूर इसके हर बोतल दूध में एक चम्मच हल्दी का फायदामिलता है। कंपनी ने इसे खासकर बच्चों के लिए तैयार किया है। इसलिएइसे बटरस्कॉच फ्लेवर में लॉन्च किया गया है। इसको ठंडा या गर्म दोनों तरह से पीया जा सकता है। इसकी कीमत 25 रुपए है।
  • एनआरआई चायवाला ने बच्चों के लिए स्पेशल किड्स चाय तैयार की है। इसमें गेहूं, जौ, चीनी, बिटामिन-C और D के साथ 14 प्रकार के न्यूट्रिशंस को शामिल किया गया है। इसकी कीमत 20 रुपए है। कंपनी का मानना है कि इससे बच्चों की हड्डियां मजबूत होगी। यह उन बच्चों के लिए हैजो दूध नहीं पीना चाहते हैं। यह चाय एक प्रकार से दूध और जूस की तरह दिखती है और इसका टेस्ट चॉकलेट्स की तरह है।
  • डेयरी फर्म अब नए इम्युनिटी बूस्टिंग वेरिएंट्स के साथ लॉकडाउन के नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रही हैं। खासकर सीजन के हिसाब से इसे लॉन्च किया जाएगा। करीबन सभी टॉप आइस्क्रीम कंपनियां जैसे नेचुरल्स, वाडीलाल, पबराई, क्रीम बेल और डेयरी डे इम्यूनिटी बूस्टर्स वाले फ्लेवर्स को लाने की योजना पर काम कर रहे हैं। ये कंपनी च्यवनप्राश आइसक्रीम और हल्दी मिक्स आइसक्रीम को लॉन्च कर सकती हैं।
  • लॉकडाउन के दौरान आइसक्रीमकी बिक्री पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। हालांकि, गर्मी के मौसम में इसकी सबसे अधिक बिक्री होती है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि घर से बाहर की खाने पीने वाली चीजों पर लोगों का फोकस कम हो गया।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए विटामिन-सी और डी प्लस जिंक को अपने हॉर्लिक्स ब्रांड में शुरू किया है। कंपनी ने इसे किड्स और वीमेन्स के लिए लॉन्च किया है। हालांकि इसका इस्तेमाल हर उम्र के लोग कर सकेंगे। वहीं, बेकरी बनाने वाली कंपनी बेक्ड गुड्स लेबल ने हर्ब एंड सीड ब्रेड को लॉन्च किया है। इसे बच्चों के लिए खासकर तैयार किया गया है। इसमें तुलसी, हनी समेत कई खासइंग्रेडिएंट्स को शामिल किया है।

देशी तरीकों पर फोकस कर रही हैं कंपनियां

  • स्टारबक्स ने हनी-हल्दी लाते, सोया आधारित चाय, काढ़ा और विटामिन सी से भरपूर रसभरी, कीवी और ब्लूबेरी से बनी स्मूदी को लॉन्च किया है। टाटा स्टारबक्स का मानना है कि भविष्य में ज्यादातर ग्राहक हेल्दी खाने-पीने पर ध्यान देंगे। यही वजह है कि कंपनी इम्यूनिटी पावर बुस्ट करने वालेप्रोडक्ट्स को तैयार कर रही हैं और इसे हमेशा के लिए अपने मेन्यू में शामिल कर रही हैं।
  • देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन, कैफे कॉफी डे ने हल्दी के लातेपेश किए हैं। सीसीडी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय ए भोपतकर के मुताबिक, कोविड-19 के बाद भारतीय पारंपरिक मसालों और अवयवों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ी है। इम्युनिटी बढ़ाने वाले में भारतीय मसाले काफी मददगार हैं।
  • चायोस ने महामारी को देखते हुए हल्दी दूध और हल्दी चाय लॉन्च की है। कंपनी के को-फाउंडर राघव वर्मा का मानना है कि उनके ज्यादातर प्रोडक्ट्स आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखकर लॉन्च किए गए हैं।
  • चाय रिटेलर चाय पॉइंट ने अपने मेन्यू में नई चीजें जैसे कि अजवाइन सौंफ चाय, लेमनग्रास चाय और कश्मीरी कहवा को मेन्यू में शामिल किया है। इससे लोगों को मौसमी बीमारियों को दूर करने में मदद कर मिल सकती है। चाय पॉइंट के को-फाउंडर अमुलेक सिंह बिजराल ने कहा, 'घर से काम करने का चलन बढ़ने से लोगों के खाने-पीने की चीजों के आदतों में तेजी से बदलाव आया है। अब नाश्ते में लोग हेल्थी फूड को तरजीह दे रहे हैं।"
  • दिल्ली-एनसीआर स्थित एनआरआई चायवाला ने स्पेशल एंटी कोरोना चाय लाॅन्च किया है। कंपनी के को-फाउंडर जगदीश कुमार बताते हैं, 'हमने कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाली प्रोडक्ट्स पर जोर दिया है। इसके मद्देनजर मोहिनी अस्त्र (दालचीनी और थाइम टी), रामबन (मुलेठी चाय), भ्रामस्त्र (हल्दी चाय), नागास्त्र (काड़ा चाय), सूर्यस्त्र (अदरक नींबू की चाय) को मेन्यू में एड किया गया है। वहीं, दिल्ली स्थित रेस्तरां व कैफे माय बार कैफे में भी लंच और डिनर के मेन्यू में बदलाव किया है। हेल्दी फूड और ज्यादा तापमान में अच्छी तरह पकाए गए फूड पर जोर दिया जा रहा है।
  • पैक बोतल पानी की निर्माता बिसलेरी ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त मिनरल्स वाले पानी की शुरुआत की है। जबकि आईटीसी ने 'इम्यूनिटी' सॉन्ग को लॉन्च किया है। यह डेयरी ब्रांड आशीर्वाद स्वस्ति के तहत लॉन्च किया गया है।

डेयरी कंपनीजके'हेल्दी प्रोडक्ट्स'

डेयरी ब्रान्ड मदर डेयरी 'हल्दी दूध' और अमूल इंडिया ने अमूल हल्दी दूध, तुलसी दूध और जिंजर दूध को लाॅन्च किया है। अमूल इंडिया जल्द ही अश्वगंधा और शहद दूध लाॅन्च करने वाली है।बाजार में ये दूध25 रुपए की कीमत में मिलेगा। दोनों कंपनियों ने कहा है किकोरोनावायरस महामारी के बीच इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने सभी को हल्दी मिला हुआदूध पीने की सलाह दी है। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस को देखते हुए नए प्रोडक्ट को पेश किया जा रहा है।

होटल्सके 'हेल्दी मेन्यू'

अहमदाबाद के कुछ होटल ने अजवाइन-सौंफ की चाय, हल्दीवाली चाय, च्यवनप्राश, हल्दी आइसक्रीम, छाछ, तुलसी की चाय समेत अन्य फूड मेनू कार्ड में शामिल किए हैं। गुजराती थाली परोसने वाले होटलों की तरह अन्य रेस्टोरेन्ट्स ने भी इम्यूनिटी को बूस्ट करने वाले पेय शामिल करने की तैयारी की है।

खासतौर पर कैफे रेस्टोरेन्ट में आयुर्वेदिक काढ़े समेत अन्य हेल्दी बेवरेज को मेन्यू में शामिल किया गया है। लग्जरी फाइव स्टार होटल भी अपने मेन्यू में बदलाव कर रहे हैं। ताज होटल के विवांता ने नई दिल्ली में इम्यूनिटी पावर बढ़ने वाली स्पेशल खिचड़ी को लॉन्च किया है। वहीं, ओबेराॅय ग्रैंड, कोलकाताअब अपने होटल में आने वाले गेस्ट के लिए वेलकम ड्रिंक्स के तौर पर एंटी कोरोना जूस को तैयार किया है।

रेस्तरां के 'हेल्दी मेन्यू'

दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में कई रेस्तरां अब ब्लूबेरी चटनी, टमाटर-खीरा और ग्रीन वेजिटेबल्स मिक्स स्प्राउट्स, सलाद, सोया ब्राउन राइस, फ्रेश वेजिटेबल सूप को मेन्यू में अनिवार्य कर सकते हैं।

  • दिल्ली की मशहूर रेस्तरां चेन गोला सिजल्रर्स के मालिक ने कहा कि अब ग्राहक हेल्दी और इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाले डिश की डिमांड कर रहे हैं। ऐसे में हमने अपने मेन्यू में फ्रेश सलाद, स्प्राउट्स और वेजिटेबल सूप को शामिल किया है। इसके साथ ही अब सादा राइस की जगह सोया ब्राउन राइस को अनिवार्य कर दिया है। आने वाले समय में हम अपने मेन्यू को और हेल्दी करेंगे।
  • मुंबई स्थित कैंडी और ग्रीन लंच और डिनर में सुपरफूड पोक बाउल जैसे फूड को अपने मेन्यू में शामिल कर सकते हैं। यह पूरी तरह से प्रोटीन युक्त रहेगा। काॅकटेल मेन्यू की बात की जाए तो इस रेस्तरां ने टकिला मैंगो पूरी और आई चिली जैसे प्रोडक्ट को शामिल किया है। इसमें विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। इसमें थोड़ीबहुत मात्रा में अल्कोहल भी होता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने वाली 'मिठाई'

कोलकाता की मशहूर मिठाई दुकानों में से एक बलराम मलिक (स्विट्स) ने 'इम्यूनिटी संदेश' को लॉन्च किया है। दुकान के मालिक सुदीप मलिक का दावा है कि इसे 15 जड़ी-बूटी एवं मसालों के इस्तेमाल से तैयार किया गया है। इनमें हल्दी, तुलसी, केसर और इलाइची है। संदेश में चीनी के बदले हिमालय से लाए गए शहद का इस्तेमाल किया गया है, ताकि इसे खाने के बाद ग्राहकों की इम्यूनिटी बढ़े। कोलकाता में संदेश लोकप्रिय मिठाई है।



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डॉक्टर्स से लेकर एक्सपर्ट तक का यही मानना है कि बचाव और इम्यूनिटी को मजबूत करना ही कोरोना से बचने का एकमात्र रास्ता है।


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दुर्लभ ग्रह स्थिति में सूर्य ग्रहण होगा; 6 ग्रह वक्री रहेंगे, 500 सालों में ऐसी स्थिति नहीं बनी, साथ ही साल का सबसे बड़ा दिन भी

21 जून को दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होने वाली हैं। पहली घटना सूर्यग्रहण है। इसमें सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा इस तरह आ जाएगा कि सूर्य का आधे से ज्यादा हिस्सा छिप जाएगा और कंगन की तरह दिखाई देगा। इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है।

दूसरी घटना, 21 को ही सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर आ जाएगा। जिससे ये साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा। ये सदी का दूसरा ऐसासूर्यग्रहण है, जो 21 जून को हो रहा है। इससे पहले 2001 में 21 जून को सूर्य ग्रहण हुआ था।

  • ज्योतिष के नजरियेसे 21 जून, यानी रविवार को होने वाले सूर्य ग्रहण पर ग्रहों की ऐसी स्थिति बन रही है, जो 500 सालों में नहीं बनी। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि आषाढ़ महीने में लग रहे इस सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री रहेंगे। यह स्थिति देश और दुनिया के लिए ठीक नहीं है।

6 ग्रहों के वक्री होने से ग्रहण खास होगा

पं.मिश्र ने बताया कि यह ग्रहण राहुग्रस्त है। मिथुन राशि में राहु सूर्य-चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है। मंगल जल तत्व की राशि मीन में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है। इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे। राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते है। इन 6 ग्रहों की स्थिति के कारण ये सूर्य ग्रहण और भी खास हो गया है।

आगजनी, विवाद और तनाव के हालात बन सकते हैं

पं. मिश्रा ने बताया कि देश में इस ग्रहण का अशुभ असर दिखेगा। वराहमिहिर के ज्योतिष ग्रंथ बृहतसंहिता के अनुसार इस ग्रहण पर मंगल की दृष्टि पड़ने से देश में आगजनी, विवाद और तनाव की स्थितियां बन सकती हैं। आषाढ़ महीने में ये ग्रहण होने से मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, कश्मीर और दिल्ली के पर इसका विशेष असर देखने को मिलेगा। इनके साथ ही यमुना नदी के किनारे बसे शहरों पर भी इसका अशुभ असर पड़ेगा। वहीं अफगानिस्तान और चीन के लिए भी ग्रहण अशुभ रहेगा।

सूर्य ग्रहण कब और कहां दिखेगा

रविवार को सूर्य ग्रहण सुबह करीब 10.20 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.49 बजे खत्म होगा। इसका सूतक 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात 10.20 पर शुरू हो जाएगा। जो कि ग्रहण के साथ ही खत्म होगा। ये ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया औरकांगो में दिखाई देगा।

12 में से 8 राशियों के लिए अशुभ

अशुभ - वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन

सामान्य - मेष, मकर, कन्या और सिंह

क्या करें और क्या नहीं

ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलें। ग्रहण से पहले स्नान करें। तीर्थों पर न जा सकें तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं। ग्रहण के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए। पं. मिश्रा ने बताया कि मुहूर्त चिंतामणी ग्रंथ के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सोना, यात्रा करना, पत्ते का छेदना, तिनका तोड़ना, लकड़ी काटना, फूल तोड़ना, बाल और नाखून काटना, कपड़े धोना और सिलना, दांत साफ करना, भोजन करना, शारीरिक संबंध बनाना, घुड़सवारी, हाथी की सवारी करना और गाय-भैंस का दूध निकालना। इन सब बातों की मनाही है।



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Surya Grahan 21 June 2020 Time / Grah Vakri | Rare Six Planets Will Be In {Solar Eclipse} - Rashifal Prediction For Zodics Sign From Aries, Taurus, Gemini, Cancer, Leo, Virgo, Libra,


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ट्रम्प मेक अमेरिका ग्रेट अगेन के नारे के साथ इस साल चुनाव जीतना चाहते हैं, जिनपिंग चीन की इमेज सुधारने की कोशिश में हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सामने अमेरिका में बढ़ते कोरोना के मामलों को रोकने, अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद भड़के प्रदर्शनों से निपटने और इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति तय करने की चुनौती है। वहीं, वुहान से निकलकर दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस की वजह से राष्ट्रपति शीजिनपिंग के सामने चीन की इमेज सुधारने की चुनौती है।

ट्रम्प अपने घर में ही मुश्किलों से जूझ रहे
ट्रम्प के लिए 2020 का अब तक का वक्त कई बड़ी घटनाओं से भरा रहा है। इस साल अमेरिका ने आईएसआईएस का सफाया किया। सीरिया में रूस के दखल को रोका। ईरान को बैकफुट पर कर दिया। बहरहाल, ट्रम्प अपने ही घर में अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी पर अमल नहीं करा सके। अब कोरोना और जॉर्ज फ्लॉयड केस की वजह से ट्रम्प के लिए चुनाव जीतने की राह आसान नहीं है।

ट्रम्प पहले कोरोना को महामारी मानने को तैयार नहीं थे
जनवरी में ट्रम्प ने कोरोना को महामारी मानने से ही इनकार कर दिया था। कोविड-19 को मामूली वायरस बताया था। तब वे मास्क पहनने का विरोध कर रहे थे। कीटनाशक दवाई से इंजेक्शन बनाने जैसी बातें कर रहे थे। इस वजह से पूरी दुनिया में उनका मजाक उड़ा था।

फिर ट्रम्प ने स्ट्रैटजी बदली
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी स्ट्रैटजी में अब बदलाव किया है। अमेरिका में आक्रामक सोच रखने वाले समूहों का सपोर्ट बनाए रखने के लिए ट्रम्प MAGA यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन को ही अपने इलेक्शन कैम्पेन का नारा बना रहे हैं। वे अमेरिका को इंटरनेशनल लेवल पर मिली कामयाबी का मुद्दा उठा रहे हैं। वे चाइना कार्ड खेल रहे हैं। उनका कहना है कि चीन उन्हें हराने की साजिश रच रहा है।

ट्रम्प की पहली रैली 19 जून
ट्रम्प ओकलाहोमा में 19 जून को अपनी पहली रैली करेंगे। यह ट्रम्प का गढ़ माना जाता है। ट्रम्प ने जेसन मिलर को अपने कैम्पेन का चीफ एडवाइजर बनाया है। मिलर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन और उनके बेटे हन्टर बिडेन के चीन के साथ रिश्तों को उजागर करने वालों में शामिल रहे हैं।

ट्रम्प के लिए हालात मुश्किल हैं। सितंबर तक भी कोरोना खत्म नहीं होगा। 3 नवंबर से इलेक्शन प्रोसेस शुरू होगी। उनके सामने खतरा यह है कि उनके विरोधी ज्यादा ताकतवर तरीके से वोटिंग कर सकते हैं।

दुनिया का नेता बनने की जिनपिंग की ख्वाहिश पर ब्रेक लगा
67 साल के हो रहे जिनपिंग माओ जेडोंग और चाउ एन लाई के बाद सबसे असरदार नेता माने जाते हैं। चीन की पॉलिसी का पहला हिस्सा साम्राज्यवाद था। दूसरा- मैन्यूफैक्चरिंग और तीसरा- ग्लोबल मार्केट पर कब्जा करना। इसकी जिम्मेदारी अब जिनपिंग पर है। कोरोना ने चीन की इमेज खराब की, लेकिन जिनपिंग अब इसे सुधारना चाहते हैं।

दुनिया के सामने चीन अच्छा बन रहा
चीन का भारत के साथ सीमा विवाद है, लेकिन वह भारतीय बाजार में सालाना 80 हजार करोड़ रुपए का सामान बेचता है। जब वह सीमा पर तनाव पैदा करता है तो भारत में उसके विरोध के सुर उठते हैं। नेपाल और पाकिस्तान को उकसाने में उसकी भूमिका पर भी सवाल उठते हैं, लेकिन वह दुनिया के सामने अच्छा बने रहना चाहता है।

यूरोप के देश सामानों के लिए अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर चीन पर निर्भर हैं। कोरोना को नहीं रोक पाने में चीन की नाकामी के बाद यूरोप में भी उसके प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। जर्मनी और फ्रांस भी इस मोेर्चे पर चीन के खिलाफ और अमेरिका के साथ खड़े हैं।

ट्रेड वॉर से लेकर वर्ल्ड डिप्लोमेसी में चीन का अमेरिका से टकराव है। इस वजह से चीन ने दो साल में 165 तरह की मैन्यूफैक्चरिंग में 70 करोड़ डॉलर का बिजनेस खोया है।

जिनपिंग की नई नीति कैसी होगी?
सीरिया विवाद में चीनका रवैया नर्म करने में कामयाब रहा। इससे दुनिया में उसकी तारीफ हुई। हो सकता है कि अब चीन भारत के साथ सीमा विवाद कम कर दे और पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे का यूएन में समर्थन करना रोक दे।

यूरोप और भारत के बाजार में हुए नुकसान की भरपाई के लिए चीन अब अफ्रीकी देशों पर फोकस कर सकता है। जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक, पिछले 5 साल में चीन ने अफ्रीकी देशों के साथ बिजनेस 120 अरब डॉलर से बढ़ाकर 185 अरब डॉलर कर दिया है।



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यह फोटो पिछले साल की है। जापान में हुई जी20 समिट-2019 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कुछ इस अंदाज में मिले थे।


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