सोमवार, 8 जून 2020

हादसे में एक कैप्टन और एक ट्रेनी पायलट की मौत, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए

बिरासल एयरस्ट्रिप पर आज एक ट्रेनर एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। हादसे में कैप्टन संजीव कुमार झा और ट्रेनी पायलट अनीस फातिमा की मौत हो गई। झा बिहार के रहने वाले थे जबकि फातिमा तमिलनाडु की थीं। दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। हादसे की वजह अभी पता नहीं चल पाई है।



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Trainer aircraft crashed at birasal airstrip odisha, two lost lives


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9 साल बाद हिमाचल में जून में दिन-रात सबसे ठंडे रहे; शिमला में 2011 के बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान सबसे कम

जून। यह महीना सबसे गर्म माना जाता है। इस साल जून मौन है। इसकी गर्मी शांत है। 9 साल बाद हिमाचल में जून में दिन और रात सबसे ठंडे रहे हैं। शिमला में 2011 के बाद यहां का अधिकतम और न्यूनतम तापमान सबसे कम रिकॉर्ड किया गया, वहीं 42 साल बाद सिरमौर के चूड़धार में 25 फीट बर्फ गिरी है। चंडीगढ़ में भी इस साल जून महीना ठंडा ही रहा है ।

चंडीगढ़ के सेक्टर-39 स्थित मौसम विभाग की ऑब्जर्वेटरी जब से बनी है तब से अभी तक 7 जून तक इतना ठंडा मौसम कभी भी नहीं रहा। वहीं मई महीने में 1971 के बाद सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। 31 मई को एक घंटे में 50.4 मिमीबारिश दर्ज की गई। उसके बाद से जून के महीने में लगातार बीच-बीच में लगातार बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, इन दो महीनों में सबसे अधिक 14 वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ चुके हैं, जिसकी वजह से बीच-बीच में बारिश होती रही।

तय समय से पहले चंडीगढ़ पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पाल की मानें तो इस बार मानसून अच्छी रफ्तार पर है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में आ चुका है। 8 और 9 जून को बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बन रहा है। उससे इस बार मानसून अच्छा रहने के साथ-साथ तय समय से पहले मॉनसून चंडीगढ़ आने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ 28 से 30 जून के बीच पहुंचता है। लेकिन इस बार लगभग 10 दिन पहले मानसून चंडीगढ़ पहुंचने की संभावना है। इस बीच रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री दर्ज किया गया।

एक्सपर्ट व्यू: कैसे बदला मौसम

मौसम विशेषज्ञ डाॅक्टर डीपी दुबे के मुताबिक, स्ट्रॉन्ग वेस्टर्नली जेट स्ट्रीम जो कि जमीन से 10 किमी की ऊंचाई पर रहता है यह काफी स्ट्रॉन्ग था जिसके चलते हवा निचली सतह में वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव करने में काफी सहायक रही। वहीं पोलर वाेर्टेक्स जो कि ध्रुवीय चक्रवाती बर्फीली हवाएं होती हैं। इस बार यह हवाएं वहां थोड़ी कमजोर रहीं। जिसके चलते यह नीचे की तरफ आ गईं और यहां गर्म हवाओं के साथ वेस्टर्नली विंड्स के साथ मिल गईं।



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रोहतांग की ये फोटो रविवार को ली गई है।


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संक्रमितों के मामले में महाराष्ट्र ने चीन को पीछे छोड़ा; देश में अब तक 2.57 लाख केस, 24 घंटे में रिकॉर्ड 10 हजार 884 मरीज बढ़े

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 लाख 57 हजार 486 हो गई है। रविवार को रिकॉर्ड 10 हजार 884 केस बढ़े। एक दिन पहले ही शनिवार को 10 हजार 408 मामले सामने आए थे। महाराष्ट्र में 3 हजार 7 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। राज्य में संक्रमितों की संख्या 85 हजार 975 हो गई है। इस मामले में यह चीन से आगे निकल गया है। वहां 83 हजार 43 केस आए हैं।

75 दिन बाद खुले धार्मिक स्थल
लॉकडाउन के पहले फेज में 24 मार्च से बंद किए गए धार्मिक स्थल देशभर में आज से खोल दिए गए। दिल्ली में चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर और कालका जी मंदिर में सुबह भक्तों ने प्रार्थना की। उधर, लखनऊ में ईदगाह मस्जिद में भी नमाज पढ़ी गई। इन स्थानों पर केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।

अपडेट्स...

  • दिल्ली में पीआईबी अधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, नेशनल मीडिया सेंटर सैनिटाइजेशन के लिए सोमवार को बंद रहेगा।
  • महाराष्ट्र की 60 जेलों से 11 हजार कैदियों को इमरजेंसी पेरोल पर छोड़ने का फैसला किया गया है। 9671 कैदी पहले छोड़े गए थे। राज्य की जेलों में 38 हजार कैदी हैं।
  • तमिलनाडु मरीजों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां 31 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मिल चुके हैं। रविवार को रिकॉर्ड 1515 मरीज मिले। यहां 86% मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए।

5 दिन जब सबसे ज्यादा मामले आए

तारीख

केस
7 जून 10884
6 जून

10428

5 जून 9379
4 जून 9847
3 जून 9689

5 राज्यों का हाल

  • मध्यप्रदेश:यहां रविवार को कोरोना के 173 मरीज मिले और 13 लोगों की जान गई। भोपाल में 39, इंदौर में 27, ग्वालियर में 12,खरगोन और मुरैना में 10-10 संक्रमित बढ़े। राज्य में कुल 9401 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। 8 जून से देश के मठ, मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे खुलने जा रहे हैं, लेकिन भोपाल में कोई भी धार्मिक स्थल नहीं खोला जाएगा।
  • उत्तरप्रदेश:यहां रविवार को 433 नए मरीज सामने आए और 7 लोगों ने दम तोड़ा।गाजियाबाद में 46, बुलंदशहर में 37, मुजफ्फरनगर में 21,मेरठ और कानपुर में 18-18, आगरा और गौतमबुद्धनगर में 17-17, बागपत में 16 और अलीगढ़ में 15 संक्रमित बढ़े। प्रदेश में अब तक 10 हजार 536 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 4076 एक्टिव केस हैं।
  • महाराष्ट्र:यहां रविवार को रिकॉर्ड 3007 मरीज मिले। एक टीवी पत्रकार समेत91 लोगों ने दम तोड़ा। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 3060 हो गई। अब 85 हजार 975 संक्रमित हैं। इनमें से 43 हजार 601 एक्टिव केस हैं। राज्य में3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिलेऔर 30 की मौत हुई है।
  • राजस्थान:प्रदेश मेंरविवार को 262 नए कोरोना संक्रमित मिले और 9 ने दम तोड़ा। जोधपुर में 81, भरतपुर में 63,जयपुर में 38, सीकर में 11, नागौर में 9 और टोंक में 6 मरीज बढ़े। इसके साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ा 10 हजार 599पर पहुंच गया। इनमें से 2606 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 240 लोगों की जान गई है।
  • बिहार:यहां रविवार को 239 पॉजिटिव मरीज सामने आए और एक की मौत हुई। सुपौल में 36, मुजफ्फरपुर में 30, पश्चिमी चंपारण में 19,समस्‍तीपुर और मुंगेर में 15-15 जबकि सीतामढ़ी में 10 मरीज बढ़े। प्रदेश में कुल 5070 संक्रमित मिल चुके हैं, इनमें से 2635 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 30 लोगों की जान गई।


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यह तस्वीर राजस्थान के अजमेर की है। कोरोना महामारी के बीच मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहीं ये महिलाएं स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन कर रही हैं। इन्होंने कपड़े से चेहरा कवर किया है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है।


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अमेरिका में संक्रमितों की संख्या 20 लाख से ज्यादा हुई, पाकिस्तान में फिर लागू नहीं होगा लॉकडाउन; दुनिया में अब तक 70.85 लाख मामले

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 5 हजार 272 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 70 लाख 85 हजार 702 हो गया है। अब तक 34 लाख 59 हजार 830 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अमेरिका में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। रविवार को यह 20 लाख से ज्यादा हो गया। अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों ने ट्रम्प प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर साफ कर दिया है कि वो सख्त लॉकडाउन लागू नहीं करेंगे।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 20,07,449 1,12,469 7,61,708
ब्राजील 6,91,962 36,499 3,02,084
रूस 4,67,673 5,859 2,26,731
स्पेन 2,88,630 27,136 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,86,194 40,542 उपलब्ध नहीं
भारत 2,57,486 7,207 1,23,848
इटली 2,34,998 33,899 1,65,837
पेरू 1,96,515 5,465 86,219
जर्मनी 1,85,869 8,776 1,69,100
ईरान 1,71,789 8,281 1,34,349

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अमेरिका: बढ़ते मामले
अमेरिका में ट्रम्प सरकार दो मोर्चों पर जूझती नजर आ रही है। यहां संक्रमितों का आंकड़ा 20 लाख से ज्यादा हो गया है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। न्यूयॉर्क राज्य और न्यूयॉर्क शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कहा था कि उनके देश में मामले इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि यहां टेस्ट ज्यादा हो रहे हैं। दूसरी तरफ, अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों हत्या के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। यहां लोग मास्क लगाए तो दिख जाते हैं लेकिन, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो रहा।

पाकिस्तान: अर्थव्यवस्था की फिक्र
पाकिस्तान में संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख से ज्यादा हो गया। दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 24 घंटे में ही 4960 मामले सामने आए। प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर लॉकडाउन से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि पाकिस्तान में गरीबों की तादाद काफी ज्यादा है। अगर सरकार लॉकडाउन जैसे कदम उठाती है तो इससे इकोनॉमी तबाह होने का खतरा है। दूसरी तरफ, पीपीपी सांसद शेरी रहमान ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वो दूसरे देशों से आ रहे लोगों का टेस्ट नहीं करा रही। उनका कहना है कि इन लोगों की वजह से मामले ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं।

पाकिस्तान में संक्रमितों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो चुकी है। सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में सख्त लॉकडाउन लागू नहीं किया जाएगा। तस्वीर लाहौर में मास्क खरीदती एक महिला की है। (फाइल)

ब्राजील : सरकार से नाराजगी
यहां रविवार को 904 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 36 हजार से ज्यादा हो गया। इस दक्षिण अमेरिकी देश में सरकार के खिलाफ भी गुस्सा बढ़ रहा है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील सरकार ने 4 जून के बाद महामारी पर विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी है। आरोप है कि सरकार देश और दुनिया से जानकारी छिपा रही है। यहां एक पूर्व जज और मीडिया ने इस मामले में सरकार का विरोध किया है।

ब्राजील के रियो डि जेनेरियो शहर में मास्क लगाकर सड़क पर टहलते लोग। यहां सरकार पर संक्रमण के मामले छिपाने का आरोप लग रहा है। (फाइल)

चीन : डब्ल्यूएचओ को वक्त पर जानकारी दी
अमेरिका और कुछ दूसरे देश चीन पर संक्रमण से संबंधित जानकारी छिपाने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन, चीन ने एक बार फिर इससे इनकार किया है। चीन के मुताबिक, जैसे ही कोरोनावायरस की जानकारी सामने आई, उसने डब्ल्यूएचो को इसके बारे में बता दिया था। रविवार को एक सरकारी बयान में कहा गया- वायरस का पता लगते ही चीन ने डब्ल्यूएचओ के अलावा कुछ देशों और क्षेत्रीय संगठनों को इसकी जानकारी दे दी थी। बयान में कहा गया है कि 8 जनवरी को वायरस की पुष्टि हुई। 11 जनवरी से हर रोज डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी दी गई।

चीन के यिवू शहर में मास्क पहनकर जातीं महिलाएं। चीन ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसने वायरस का पता लगते ही डब्ल्यूएचओ और संबंधित संगठनों को इसकी जानकारी दे दी थी। अमेरिका और यूरोप के कई देश चीन पर संक्रमण की जानकारी छिपाने का आरोप लगाते रहे हैं।

मेक्सिको : 24 घंटे में 188 लोगों की मौत
मेक्सिको में 24 घंटे के दौरान 188 और लोगों की मौत हो गई। मरने वालों का कुल आंकड़ा अब 13 हजार 699 हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में इस दौरान इस संक्रमण के 3484 नए मामले दर्ज किए गए। कुल संक्रमितों की संख्या 1 लाख 17 हजार 103 हो गई। यहां 19 हजार 629 एक्टिव केस हैं।



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अमेरिका में संक्रमितों का आंकड़ा 20 लाख से ज्यादा हो गया। न्यूयॉर्क सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां के गवर्नर एंड्रू क्यूमो ने शुक्रवार को कहा था कि जिन लोगों ने अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है, उन्हें टेस्ट कराना चाहिए। (फाइल)


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संक्रमितों के मामले में महाराष्ट्र ने चीन को पीछे छोड़ा; देश में अब तक 2.57 लाख केस, 24 घंटे में रिकॉर्ड 10 हजार 884 मरीज बढ़े

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 लाख 57 हजार 486 हो गई है। रविवार को रिकॉर्ड 10 हजार 884 केस बढ़े। एक दिन पहले ही शनिवार को 10 हजार 408 मामले सामने आए थे। महाराष्ट्र में 3 हजार 7 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। राज्य में संक्रमितों की संख्या 85 हजार 975 हो गई है। इस मामले में यह चीन से आगे निकल गया है। वहां 83 हजार 43 केस आए हैं।

75 दिन बाद खुले धार्मिक स्थल
लॉकडाउन के पहले फेज में 24 मार्च से बंद किए गए धार्मिक स्थल देशभर में आज से खोल दिए गए। दिल्ली में चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर और कालका जी मंदिर में सुबह भक्तों ने प्रार्थना की। उधर, लखनऊ में ईदगाह मस्जिद में भी नमाज पढ़ी गई। इन स्थानों पर केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।

अपडेट्स...

  • दिल्ली में पीआईबी अधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, नेशनल मीडिया सेंटर सैनिटाइजेशन के लिए सोमवार को बंद रहेगा।
  • महाराष्ट्र की 60 जेलों से 11 हजार कैदियों को इमरजेंसी पेरोल पर छोड़ने का फैसला किया गया है। 9671 कैदी पहले छोड़े गए थे। राज्य की जेलों में 38 हजार कैदी हैं।
  • तमिलनाडु मरीजों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां 31 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मिल चुके हैं। रविवार को रिकॉर्ड 1515 मरीज मिले। यहां 86% मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए।

5 दिन जब सबसे ज्यादा मामले आए

तारीख

केस
7 जून 10884
6 जून

10428

5 जून 9379
4 जून 9847
3 जून 9689

5 राज्यों का हाल

  • मध्यप्रदेश:यहां रविवार को कोरोना के 173 मरीज मिले और 13 लोगों की जान गई। भोपाल में 39, इंदौर में 27, ग्वालियर में 12,खरगोन और मुरैना में 10-10 संक्रमित बढ़े। राज्य में कुल 9401 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। 8 जून से देश के मठ, मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे खुलने जा रहे हैं, लेकिन भोपाल में कोई भी धार्मिक स्थल नहीं खोला जाएगा।
  • उत्तरप्रदेश:यहां रविवार को 433 नए मरीज सामने आए और 7 लोगों ने दम तोड़ा।गाजियाबाद में 46, बुलंदशहर में 37, मुजफ्फरनगर में 21,मेरठ और कानपुर में 18-18, आगरा और गौतमबुद्धनगर में 17-17, बागपत में 16 और अलीगढ़ में 15 संक्रमित बढ़े। प्रदेश में अब तक 10 हजार 536 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 4076 एक्टिव केस हैं।
  • महाराष्ट्र:यहां रविवार को रिकॉर्ड 3007 मरीज मिले। एक टीवी पत्रकार समेत91 लोगों ने दम तोड़ा। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 3060 हो गई। अब 85 हजार 975 संक्रमित हैं। इनमें से 43 हजार 601 एक्टिव केस हैं। राज्य में3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिलेऔर 30 की मौत हुई है।
  • राजस्थान:प्रदेश मेंरविवार को 262 नए कोरोना संक्रमित मिले और 9 ने दम तोड़ा। जोधपुर में 81, भरतपुर में 63,जयपुर में 38, सीकर में 11, नागौर में 9 और टोंक में 6 मरीज बढ़े। इसके साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ा 10 हजार 599पर पहुंच गया। इनमें से 2606 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 240 लोगों की जान गई है।
  • बिहार:यहां रविवार को 239 पॉजिटिव मरीज सामने आए और एक की मौत हुई। सुपौल में 36, मुजफ्फरपुर में 30, पश्चिमी चंपारण में 19,समस्‍तीपुर और मुंगेर में 15-15 जबकि सीतामढ़ी में 10 मरीज बढ़े। प्रदेश में कुल 5070 संक्रमित मिल चुके हैं, इनमें से 2635 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 30 लोगों की जान गई।


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शोपियां के पिंजोरा इलाके में सुरक्षा बलों का आतंकियों से सामना; बीते 7 दिन में 14 आतंकवादी मारे गए

पिंजोरा इलाके में सुरक्षा बलों का आतंकियों से एनकाउंटर चल रहा है। आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया था। इससे पहले रविवार को शोपियां के ही रेबन गांव में 5 आंतकवादियों को ढेर कर दिया था। एनकाउंटर में पुलवामा और कुलगाम का हिज्बुल कमांडर फारुक अहमद भट उर्फ नाली भी शामिल मारा गया। वह ए++ आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल था।

7 दिन में 5 एनकाउंटर, 14 आतंकी ढेर
इंटेलीजेंस एजेंसी ने पिछले महीने पाकिस्तान से आतंकी घुसपैठ का अलर्ट किया था। उसके बाद सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में 28 मई से ही तलाशी अभियान छेड़ रखा है।

1 जून: नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 3 पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।

2 जून:पुलवामा के त्राल इलाके में 2 आतंकी मारे गए।

3 जून:पुलवामा के ही कंगन इलाके में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया।

5 जून:राजौरी जिले के कालाकोट में एक आतंकवादी मारा गया।

7 जून:शोपियां के रेबन गांव में 5 आतंकी मारे गए।

दक्षिण कश्मीर से बेस शिफ्ट कर रहे आतंकवादी
5 जून को राजौरी में सुरक्षा बलों ने जिस आतंकवादी को ढेर कियाथा,वह उसी ग्रुप का थाजो कश्मीर से मुगल रोड के रास्ते शोपियां होते हुए कालाकोट आया था। सुरक्षाबलों के मुताबिक कश्मीर घाटी में जारी ऑपरेशन की वजह से ये आतंकी भागकर जम्मू सेक्टर में पहुंचे थे।

आतंकवाद जब चरम पर था तब भी आतंकी कश्मीर घाटी से भागकर जम्मू आने के लिए कमांडर मुगल रोड का इस्तेमाल करते थे। सुरक्षाबलों ने खुलासा किया है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान जब से सुरक्षाबलों ने घाटी में टॉप कमांडर काखात्मा किया है, तब से आतंकी दक्षिण कश्मीर से अपना बेस राजौरी और पुंछ में शिफ्ट कर रहे हैं।



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सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाल रखा है। रविवार को भी शोपियां के रेबन गांव में एनकाउंटर हुआ था।


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शोपियां के पिंजोरा इलाके में सुरक्षा बलों का आतंकियों से सामना; बीते 7 दिन में 14 आतंकवादी मारे गए

पिंजोरा इलाके में सुरक्षा बलों का आतंकियों से एनकाउंटर चल रहा है। आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया था। इससे पहले रविवार को शोपियां के ही रेबन गांव में 5 आंतकवादियों को ढेर कर दिया था। एनकाउंटर में पुलवामा और कुलगाम का हिज्बुल कमांडर फारुक अहमद भट उर्फ नाली भी शामिल मारा गया। वह ए++ आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल था।

7 दिन में 5 एनकाउंटर, 14 आतंकी ढेर
इंटेलीजेंस एजेंसी ने पिछले महीने पाकिस्तान से आतंकी घुसपैठ का अलर्ट किया था। उसके बाद सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में 28 मई से ही तलाशी अभियान छेड़ रखा है।

1 जून: नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 3 पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।

2 जून:पुलवामा के त्राल इलाके में 2 आतंकी मारे गए।

3 जून:पुलवामा के ही कंगन इलाके में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया।

5 जून:राजौरी जिले के कालाकोट में एक आतंकवादी मारा गया।

7 जून:शोपियां के रेबन गांव में 5 आतंकी मारे गए।

दक्षिण कश्मीर से बेस शिफ्ट कर रहे आतंकवादी
5 जून को राजौरी में सुरक्षा बलों ने जिस आतंकवादी को ढेर कियाथा,वह उसी ग्रुप का थाजो कश्मीर से मुगल रोड के रास्ते शोपियां होते हुए कालाकोट आया था। सुरक्षाबलों के मुताबिक कश्मीर घाटी में जारी ऑपरेशन की वजह से ये आतंकी भागकर जम्मू सेक्टर में पहुंचे थे।

आतंकवाद जब चरम पर था तब भी आतंकी कश्मीर घाटी से भागकर जम्मू आने के लिए कमांडर मुगल रोड का इस्तेमाल करते थे। सुरक्षाबलों ने खुलासा किया है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान जब से सुरक्षाबलों ने घाटी में टॉप कमांडर काखात्मा किया है, तब से आतंकी दक्षिण कश्मीर से अपना बेस राजौरी और पुंछ में शिफ्ट कर रहे हैं।



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लॉकडाउन में एकल के मुकाबले संयुक्त परिवारों में तनाव कम; ग्रामीण क्षेत्रों में दोगुना चला इंटरनेट, 18 हजार टीबी डेटा की खपत

कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते लॉकडाउन लगने के बाद इंटरनेट के इस्तेमाल में तेजी आई। वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन एजुकेशन से लेकर यूट्यूब-वेब सीरीज के लिए इंटरनेट का काफी उपयोग हुआ। यहडेटा इंफोसिस लिमिटेड की रिसर्च ने जारी किया है। इसके अनुसार,राज्य के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट का इस्तेमाल पहले के मुकाबले दोगुना रहा, जबकि शहरों में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं दूसरी तरफ आईआईएम इंदौरके दो प्रोफेसर ने लॉकडाउन की अवधि को लेकर भी एक सर्वे किया है। इस सर्वे में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न कारणों से पनपे तनाव को शामिल किया गया है।पढ़ें दोनों रिपोर्ट....

रिपोर्ट 1: लॉकडाउन में रोज 18 हजार टीबी डेटा की खपत, ऑनलाइन स्टडी-वेबिनार का ट्रेंड

यह रिसर्च डेटा इंफोसिस लिमिटेड की है। कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते लॉकडाउन लगने के बाद इंटरनेट के इस्तेमाल में बढ़ोतरी की बात सामने आई है।वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन एजुकेशन से लेकर यूट्यूब-वेब सीरीज के लिए इंटरनेट का काफी उपयोग हुआ। इस दौरान राज्य के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट का इस्तेमाल पहले के मुकाबले दोगुना रहा, जबकि शहरों में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान लोगों ने इंटरनेट पर सबसे ज्यादा डेटा खर्च वेबिनार और वेब सीरीज के लिए किया। इंटरनेट पर कोरोना से जुड़े वीडियो भी काफी ट्रेंड में रहे। रिसर्च के मुताबिक अधिकतम 15 से 18 हजार टीबी डेटा प्रतिदिन लॉकडाउन के दौरान उपयोग किया।

राजस्थान में सब्स्क्राइबर की संख्या में औसतन 60 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई

कंपनी के फाउंडर अजय डाटा का कहना है कि देश भर में अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स के सब्स्क्राइबर की संख्या बढ़ी है। वहीं, राजस्थान में सब्स्क्राइबर की संख्या में औसतन 60 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई। इस दौरान आम दिनों के मुकाबले मोबाइल इंटरनेट का 10 फीसदी ज्यादा डेटा का उपयोग किया गया। जबकि घरों में रहने के चलते लोगों ने ब्रॉडबैंड कनेक्शन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया। प्रदेश भर में इंटरनेट की खपत में औसतन 50-60 फीसदी ब्रॉडबैंड और 40 फीसदी तक मोबाइल इंटरनेट उपयोग में लिया गया।

वर्क फ्रॉम होम और वर्चुअल मीटिंग्स के लिएज्यादा नेट का इस्तेमाल
वर्क फ्रॉम होम के चलते ऑफिस मीटिंग की जगह वर्चुअल मीटिंग्स ने ली। इसके चलते भी इंटरनेट में इस्तेमाल में काफी इजाफा हुआ। रिसर्च बताती है कि वर्क फ्रॉम होम के चलते ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल भी काफी बढ़ा है। स्कूल-कॉलेज बन्द होने से भी स्टूडेंट्स अब ऑनलाइन एजुकेशन में डेटा का इस्तेमाल तेजी से कर रहे हैं। ऑनलाइन स्टडी, लाइव क्लासेज, यू ट्यूब लेक्चर और ई-कंटेंट के जरिए पढ़ाई होने से भी आम दिनों की तुलना में लॉकडाउन के बाद से भी काफी इजाफा हुआ है।

रिपोर्ट-2:लॉकडाउन में एकल के मुकाबले संयुक्त परिवारों में तनाव कम

आईआईएम इंदौर के प्रोफेसर जतिन पांडे और कर्नल गुरुराज गोपिनाथ पामिड़ी ने लॉकडाउन की अवधि में कई लोगों पर एक सर्वे किया। विभिन्न पहलुओं पर हुए इस सर्वे में लॉकडाउन के कारण हुए तनाव को भी शामिल किया। सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि लॉकडाउन का समय जिन परिवारों ने साथ रहकर गुजारा। दादा-दादी, बेटा-बेटी, पोता-पोती ने आपस में हंसने और खुश रहने की भावनाओं को साझा किया, उनमें एकल परिवारों के मुकाबले तनाव का स्तर कम था।

ऐसे परिवारों में माता-पिता द्वारा महसूस किए तनाव का असर बच्चों पर नहीं दिखा। एक से अधिक बच्चों वाले माता-पिता भी एक बच्चों वाले माता-पिता के मुकाबले कम तनावग्रस्त पाए गए। जिन दंपतियों में आपसी तालमेल बेहतर था उनमें महिला या पुरुष किसी को भी लॉकडाउन का तनाव नहीं हुआ। हर उम्र के जोड़ों पर यह बात लागू हुई।

देशभर में 150 करोड़ की हुई ऑनलाइन एजुकेशन इंडस्ट्री, 95 लाख छात्र जुड़े

साल की शुरुआत से अब तक देश में ऑनलाइन एजुकेशन का टर्नओवर 150 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। जनवरी से जून तक देश में कुल 95 लाख नए छात्र ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़े हैं। ऑनलाइन शिक्षा में आई इस तेजी का बड़ा कारण लॉकडाउन है, जिसने शिक्षा क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय और प्रो. प्रशांत सालवान की रिसर्च में ये आंकड़े सामने आए हैं।

रिसर्च में आईआईटी, एनआईटी के साथ टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (टीईक्यूआईपी) से जुड़े एमएचआरडी के इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज भी शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन एजुकेशन और बढ़ेगी। इससे देश में ग्रेजुएट‌्स की संख्या और उच्च शिक्षा में नामांकन करवाने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा होगा।

रिसर्च में शामिल देश के 82% इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट संस्थानों का मानना है ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों को सरकारी कॉलेज में 33% और निजी कॉलेजों में 16% तक कम फीस चुकाना होगी। प्रोग्राम फीस भी 15 से 22% तक कम होगी। पढ़ाई के साथ इंटर्नशिप से छात्रों को दोगुना फायदा होगा। रिसर्च के दौरान 82% संस्थानों ने ई-लर्निंग को किफायती बताया। वहीं 78% के कहा सकल नामांकन अनुपात बढ़ेगा। 58% ने माना कि छात्र पढ़ाई के साथ पार्टटाइम जॉब या इंडस्ट्रियल असाइनमेंट ले सकते हैं।



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प्रतीकात्मक तस्वीर


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आज से खुल जाएंगे मंदिरों के ताले, दूर से दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु; होटल, रेस्टोरेंट्स में सोशल डिस्टेंसिंग पर दिया जा रहा जोर

तस्वीर चंडीगढ़ के सेक्टर-18 स्थित हनुमान मंदिर की है। लॉकडाउन के कारण लगभग डेढ़ माह से बंद मंदिर आज से खुल जाएंगे। इसके लिए रविवार को तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिरों को सैनेटाइज किया गया और जरूरी दिशा-निर्देशों को मंदिर परिसर में चस्पा किया गया। तस्वीर में पुजारी हनुमान जी की प्रतिमा को सैनेटाइज कर रहे हैं। आज सेमंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को कुछ एहतियात बरतने होंगे। सभी को दो गज की दूरी बनाकर रखनी होगी, मास्क पहनना अनिवार्य होगा।हाथ-पैर धोकर ही मंदिर में प्रवेश करना होगा। राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का सभी भक्तों कोपालन करना होगा।

डमी कस्टमर के जरिए बताया होटलों मेंकैसे करनी हैसोशल डिस्टेंसिंग

तस्वीर मध्यप्रदेश के सागर में स्थित एक रेस्टोरेंट की है। प्रदेश में आज से सभी होटल और रेस्टोरेंट्स खुलने जा रहे हैं। कोरोना के चलते संचालक सोशल डिस्टेंसिंग पर खासा ध्यान दे रहे हैं। ये नजारा है सिविल लाइन स्थित एक रेस्टोरेंट का। यहां हर टेबल की 4 कुर्सियों में से दो पर डमी कस्टमर बैठा दिए गए हैं। रेस्टोरेंट संचालक योगेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि होम डिलीवरी के लिए पैकिंग पर कुक व डिलीवरी बॉय का टेंपरेचर भी मेंशन कर रहे हैं।

कभी न सोने वाली मुंबई दौड़ने को तैयार, सबसे संक्रमित शहर में आज से खुलेंगेऑफिस-उद्योग

तस्वीर मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया की है। इसमें 6 साल की लीसा और उसका 4 साल का छोटा भाई रेयान है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के ये दोनों बच्चे मैराथन रनर बनना चाहते हैं। लॉकडाउन से पहले पापा रोनाल्डो के साथ दोनों रोजाना गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रैक्टिस करने आते थे। कोरोना ने इसमें खलल डाल दिया था। लेकिन अब लॉकडाउन खुल रहा है तो दोनों ने पूरी सुरक्षा और एहतियात बरतते हुए रोजाना दो घंटे की प्रैक्टिस शुरू कर दी है। इन्हीं की तरह कभी न सोने वाली मुंबई अब फिर दौड़ने के लिए तैयार है। निजी दफ्तरों और उद्योगों में काम शुरू हो जाएगा। शुरुआत 10 फीसदी स्टाफ के साथ हो रही है।

समय से पहले मेहरबान हो सकता है मानसून, रविवार को जमकर बरसे बदरा

तस्वीरचंडीगढ़ की है। यहां रविवार को सुबह-सुबह अच्छी बारिश हुई।दिन का अधिकतम तापमान 31.4डिग्री दर्ज किया गया। जो सामान्य से सात डिग्री कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार इन 2 महीनों में सबसे अधिक 14 वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ चुके हैं, जिसकी वजह से बीच-बीच में बारिश होती रही। वहीं, मई महीने में 1971 के बाद सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। 31 मई को एक घंटे में 50.4 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके बाद से जून के महीने में लगातार बीच-बीच में लगातार बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पाल की मानें तो इस बार मॉनसून अच्छी रफ्तार पर है।

तबीयत खराब, गंदे पानी में गिरने से कपड़े भीखराब

तस्वीर में दिख रही नीलम चंडीगढ़ के किशनपुरा इलाके की है। तबीयत खराब होने के कारणरविवार को नीलमस्कूटी से डॉक्टर के पास जा रही थी।खराब सड़क और ड्रेनेज सिस्टम सही न होने के चलतेसड़कों पर पानी भरा है। रविवार को करीब 10 लोग इन टूटी सड़कों का शिकार बने और जख्मी हुए। नीलम भी उन्हीं में से एक थी। हादसे में नीलम के पैर पर चोटी आई और गंदे पानी में गिरने से उसके कपड़े भी खराब हो गए। इसके बाद कॉलोनी के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

सूचना मिलते ही दौड़ पड़ते हैं ग्रामीण, सार्वजनिक कुंड पर रोज दोघंटे रहती है ऐसी भीड़

तस्वीर चूरू के तारानगर अंतर्गतगांव सात्यूं की है।सार्वजनिक कुंड और उसके चारों तरफ मटके, बाल्टी व रस्सी लिए महिला-पुरुषों की भीड़ और हर किसी में पहले पानी भरने की होड़। ये नजारा पिछले एक माह से गांव में रोज दो घंटे तक नजर आता है। गांव में पीने केपानी की व्यवस्था के लिए सार्वजनिक नल लगे हुए हैं, लेकिन उनमें पिछले एक माह से नाममात्र का पानी आ रहा है। ऐसे में विभाग की ओर से रोज शाम 4 बजे एक-डेढ़ घंटे तक सार्वजनिक कुंड खोलकर ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। जैसे ही सार्वजनिक कुंड खोला जाता है, घरों से महिला-पुरुष व बच्चेपानी भरने के लिए दौड़ पड़ते हैं।

वॉटर हॉल पद्धति से की जा रही वन्यजीवों की गणना

तस्वीर जैसलमेर के डीएनपी क्षेत्र की है। यहां सेराज्यपक्षी गोडावण को लेकर अच्छी खबर आई। दरअसल यहांवॉटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना चल रही है। इसमें वर्षों बाद गोडावण की संख्या में इजाफा हाेता नजर आ रहा है। पूर्णिमा की रात 5 जून को वन्य जीवों की गणना की गई। इसमें एक साथ 30 से ज्यादा गोडावण नजर आए। गोडावण के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट अलग से गणना करता है। देहरादून से विशेषज्ञों की टीम आती है और उनकी गणना करने का तरीका भी अलग है। वे डीएनपी क्षेत्र को अलग अलग जोन में बांटकर गणना करते हैं। गोडावण के लिए उसी गणना को प्रमाणिक माना जाता है।

हमें आपका घने में इंतजार है, लेकिन सोशल डिस्टेंस और मास्क के साथ आइए

तस्वीर भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान की है। रविवार को यहां चीतल विचरण करते देखे गए। 83 दिन बाद मंगलवार को यह उद्यान सैलानियों के लिएखोल दिया जाएगा। कोशिश करें कि पैदल घूमने का प्लान बनाएं, क्योंकिसंक्रमण को देखते हुए घना प्रशासन कई तरह की सतर्कता बरत रहा है। प्रशासन की सलाह है कि पैदल घूमें। वैसे रिक्शों का भी इंतजाम रहेगा। लेकिन इन्हें सीमित संख्या में चलाया जाएगा। सैलानियों के ग्रुप को सोशल डिस्टेंस के साथ प्रवेश दिया जाएगा। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ही एंट्री रहेगी।

दुर्लभ डायनासोर प्रजाति केघड़ियाल देश दुनिया से होते जा रहे हैंविलुप्त

तस्वीर राजस्थान के धौलपुर कीहै। यहां कीचंबल नदी में पहली बारहजारों की तादाद में घड़ियाल के बच्चे जन्मे हैं। इन्हें देखकर चंबल सेंचुरी अफसरों के चेहरों पर भी खुशी है। दुर्लभ डायनासोर प्रजाति के इन घड़ियाल देश दुनिया से विलुप्तहैं, ऐसे में चंबल नदी में इनकी अच्छी संख्या हाेना सुखद है।

जून में ही खतरे के निशान से 1.12 मीटर ऊपर बहने लगी नर्मदा

तस्वीर मध्यप्रदेशकेबड़वानी के राजघाट की है। यहां घाट किनारे बने मंदिर तक डूब गए हैं। निसर्ग तूफान के कारण देश में कुछ दिनों से बारिशहो रही है। इसके चलते जूनमें ही नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है।पिछले साल अगस्त के पहले सप्ताह में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा था। निसर्ग तूफान के चलते मप्रमें हुई बारिश के कारण नर्मदा में अभी से बाढ़ की स्थिति बन गई है। नर्मदा खतरे के निशान से 1.12 मीटर ऊपर बह रही है। शनिवार को नर्मदा का जलस्तर 124.40 मीटर रहा। राजघाट में खतरे का निशान 123.280 मीटर पर है। बारिश से पहले जलस्तर 118.00 मीटर के आसपास था।



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Temple locks will be opened from today, devotees will be able to see from far away; Emphasis is given on social distancing in hotels and restaurants


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मरीजों के मामले में इंदौर छठे स्थान पर; यहां पीक में 13 हजार के बजाय 9 हजार ही मरीज होंगे, फिर भी 750 बेड्स कम पड़ेंगे

देश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद दिल्ली जैसे शहरों के अस्पतालों में भी बेड्स की तंगी आने लगी है। वह भी तब, जब जून अंत तक कोरोना के पीक पर आने की बात कही जा रही है। इंदौर के लिए सरकार का अनुमान था कि पीक के दौरान मरीजों की संख्या 13 हजार 400 तक पहुंच सकती है, जो ताजा आंकड़ों के बाद घटकर अधिकतम 9 हजार मानी जा रही है। इंदौर देश के टॉप-10 संक्रमितशहरों में छठे और भोपाल 10वें स्थान पर है।

इन मरीजों के हिसाब से सरकार ने इंदौर में 2000 से अधिक ऑक्सीजन बेड्स, 672 आईसीयू बेड्स और 10 हजार 700 बिना ऑक्सीजन वाले बेड्स तैयार रखने को कहा है, पर सारे संसाधन झोंकने के बाद भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं लग रही। अगर वाकई में 9 हजार मरीज आ गए तो ऑक्सीजन वाले 600, आईसीयू वाले 150 और बिना ऑक्सीजन वाले 5 हजार बेड कम पड़ेंगे। ऐसी स्थिति में प्रशासन के पास मैक शिफ्ट अस्पताल और होम आइसोलेशन का ही रास्ता बचेगा।

भोपाल 10वें पर और इंदौर छठे नंबर पर आया

कोरोना संक्रमण के मामलों में रविवार को भोपाल 10वें स्थान पर पहुंच गया। देश में कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज मुंबई, चैन्नई, अहमदाबाद और पुणे में मिले हैं। यह खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयके कोविड-19 इंडिया पोर्टल की रिपोर्ट में हुआ। मरीजों की संख्या में मुंबई टॉप पर है, चेन्नई दूसरे और अहमदाबाद तीसरे नंबर परहै। इंदौर का स्थान छठा और भोपाल का 10वां है।

शहर संक्रमित
मुंबई 47,354
चेन्नई 20,955
अहमदाबाद 13,967
ठाणे 12,464
पुणे 9289
इंदौर 3749
कोलकाता 2684
जयपुर 2188
सूरत 2034
भोपाल 1886

इंदौर केसरकारी अस्पताल में क्षमता बढ़ाने पर जोर

  • एमआरटीबी में अभी 100 बेड्स है। इसे 200 कर रहे हैं। इससे आईसीयू के 44 और ऑक्सीजन वाले बेड्स 60 होंगे।
  • न्यू चेस्ट वार्ड में अभी 70 बेड्स हैं। इसमें आईसीयू में छह और ऑक्सीजन बेड्स 64 हैं। यहां ऑक्सीजन बेड्स 30 और बढाएंगे इससे 94 हो जाएंगे।
  • एमटीएच में अभी 220 बेड्स हैं, इसमें 40 आईसीयू में और 180 सिलेंडर ऑक्सीजन के साथ हैं। इन्हें बढ़ाकर 350 करना है, इससे यहां आईसीयू बेड्स 70 और ऑक्सीजन बेड्स 280 हो जाएंगे।

इंदौर के अस्पतालों में बेड्स की स्थिति और कमी

  • पीक में672 आईसीयू चाहिए, जो अभी 420 हैं। सुपर स्पेशलिटी तैयार होने पर 520 हो जाएंगे। फिर भी 150 आईसीयू बेड्स की कमी होगी।
  • ऑक्सीजन वाले बेड 2016 चाहिए, जो अभी 1050 हैं। यह क्षमता 400 करीब और बढ़ेगी। फिर भी 600 बेड्स की कमी रहेगी।
  • बिना ऑक्सीजन वाले बेड्स 10 हजार 700 चाहिए। कोविड अस्पतालों में अभी 1500 करीब हैं। मैक शिफ्ट स्थिति में यह क्षमता 4000 कर सकते हैं। इसके बाद भी पांच हजार बेड्स की कमी होगी। इसे होम आइसोलेशन से पूरी करने की योजना है।

सब कुछ सुपर स्पेशिलिटी पर निर्भर
सुपर स्पेशिलिटी तैयार करने पर यहां कुल 536 बेड्स मिल सकेंगे, इसमें आईसीयू में कुल 102 बेड्स, ऑक्सीजन वाले 300 बेड्स व बिना ऑक्सीजन वाले 134 बेड्स बढ़ सकेंगे।

मेक शिफ्ट अस्पताल इसलिए, क्योंकि- कोविड अस्पतालों में बेड्स ही 3 हजार
कोविड अस्पतालों में कुल बेड्स ही तीन हजार करीब हैं। इसमें बिना ऑक्सीजन वाले 1500, ऑक्सीजन वाले 1150 और आईसीयू बेड्स 450 करीब हैं। इनकी क्षमता बढ़ी भी तो ऑक्सीजन वाले 1500 और आईसीयू 600 तक हो सकेंगे।

आपात स्थिति में फिर एमवाय का और निजी अस्पतालों को लेना पड़ेगा
यदि आपात स्थिति आती है तो प्रशासन को एक बार फिर यलो की कैटेगरी से मुक्त किए जा रहे निजी अस्पतालों को लेना होगा और इन्हें रेड में तब्दील करना होगा। वहीं 1100 बेड्स के एमवाय से भी कुछ बेड्स लेने पड़ेंगे।

15 जून तक सुपर स्पेशिलिटी तैयार करने पर फोकस
इंदौर कलेक्टरमनीष सिंह कहते हैं कि अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार काम हो रहा है। 15 जून तक सुपर स्पेशिलिटी तैयार होने पर वहां काफी क्षमता तैयार हो जाएगी। वहीं होम आइसोलेशन में भी अब काफी मरीज जा रहे हैं।



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यह फोटो इंदौर की है। अप्रैल महीने में स्वास्थ्यकर्मी बस्तियों में जाकर भी लोगों का तापमान चेक कर रहे थे।


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आपकी हर सोच सही होगी, व्यवहार सही होगा और आप जो कर रहे हैं, उससे लोगों की शक्ति बढ़ेगी तो यह भी सेवा होगी

हम आत्मा को एक बैटरी की तरह देखते हैं। जब यह बैटरी पूरी चार्ज होती है तो शांति, प्रेम, खुशी, ये सब नॉर्मल होता है। इसे हम स्प्रीचुअल हेल्थ यानी आध्यात्मिक स्वास्थ्य कहते हैं। लेकिन, जब ये बैटरी डिस्चार्ज होती है तो तनाव, चिंता, अस्वीकार होने, दुखी या निराश होने, जलन आदि जैसी भावनाएं आती हैं। हम सब समझते हैं कि कुछ चीजें हासिल करने या बाहरी दुनिया में कोई सफलता पाने से हमें खुशी, संतुष्टी मिलेगी।

हम जीवन को देखें तो लॉकडाउन से पहले हम सब भाग रहे थे, अधिक से अधिक प्राप्त करने के लिए। जीवन जीने के लिए जो चाहिए था वो पा ही लिया था। अभी हम और पाने के सफर पर थे। इतना कुछ पा लिया, फिर भी संतोष, स्थिरता, वो अनुभूति नहीं हो रही थी। बाहर इतना कुछ पाने के बावजूद आत्मा की शक्ति नहीं बढ़ी थी। क्योंकि बाहर की चीजों का आंतरिक शक्ति से कनेक्शन नहीं है।

लेकिन पिछले दो महीने से न किसी बच्चे ने परीक्षा दी, न कोई पास हुआ, न किसी की सैलरी बढ़ी, न प्रमोशन मिला, न नया मकान, नई गाड़ी खरीदी, नई ड्रेस तक नहीं ली। यानी पिछले दो महीने में हमने बाहर से कुछ भी हासिल नहीं किया। लेकिन इन दो महीनों में हम सबने अपनी-अपनी तरह से सेवा की है। मतलब पिछले दो महीने से हम प्राप्त करने की दिशा में नहीं, देने की दिशा में हैंं।

सेवा मतलब शक्ति देना। हरेक ने कहा कि सेवा करते हुए मुझे बड़ा सुकून और सुख मिला है। इन दो महीनों में हमने कुछ नहीं पाया, सिर्फ दिया है, वह भी अपने सीमित साधनों से। जितना धन था उसमें से दिया। घर में जितना भोजन था उसमें से दिया। जितना समय था उसमें सिर्फ अपने घर-परिवार का ध्यान नहीं रखा बल्कि औरों के लिए भी समय निकालकर उनके लिए खाना बनाया।

डॉक्टर, नर्सेस, पुलिस, एडमिनिस्ट्रेटर हैं, वे तो अपना जीवन ही दाव पर लगाकर सेवा कर रहे हैं। देते हुए सबको सुकून, शांति और शक्ति महसूस हो रही है। क्योंकि देने से आत्मा की आंतरिक शक्ति बढ़ रही है। जब हम देना शुरू करते हैं तो हम अपने नैचुरल स्वभाव में आ जाते हैं। इसी तरह जब हम देवी-देवताओं की मूर्ति देखते हैं, उनके चित्र देखते हैं तो उनके दोनों हाथ हमेशा देते हुए दिखाई देते हैं।

वे आशीर्वाद दे रहे हैं, कोई देवी विद्या दे रही हैं, कोई धन दे रही हैं, कोई शक्ति दे रही हैं। इसीलिए उनको देवी-देवता कहते हैं। देवी-देवताओं के लिए कहते हैं- सोलह कला सम्पूर्ण मतलब आत्मा की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। ये लॉकडाउन और कोरोना ने हमें एक बात तो सिखाई है किसेवा करने से बड़ा सुकून मिलता है।

सेवा से आत्मा की शक्ति बढ़ती है। लोग पहले भी सेवा करते थे लेकिन इस समय हम मिलकर सेवा कर रहे हैं। तन, मन, धन से सेवा कर रहे हैं। सेवा मतलब देना। इससे एक-दूसरे के प्रति प्यार बढ़ गया है। सब एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। कितना कुछ हमने सीख लिया पिछले दो महीने मेंं। अब जब हम वापस अपनी नॉर्मल लाइफ में जाएंगे तो सिर्फ इन शब्दों को साथ लेकर जाएंगे कि लेने में नहीं बल्कि देने में शक्ति है।

देने में प्यार है, एकता है, सहयोग है। इससे जीवन जीने का तरीका बिल्कुल बदल जाएगा। सेवा एक शक्ति है मतलब जितना हम सेवा करते जाएंगे, हम उतना देंगे। इसका मतलब ये नहीं है कि हम जॉब करेंगे, बिजनेस करेंगे। वो तो हम कमाने के लिए जा रहे हैं। कमाने के लिए जाना है लेकिन हमारा उद्देश्य देने की दिशा में होना चाहिए कि हम सुख देने के लिए ऑफिस जाते हैं, हम समाज को सुख, आराम देने के लिए बिजनेस करते हैं।

यह सेवा कैसे होगी? अगर आपकी हर सोच सही होगी, सभी से व्यवहार सही होगा और आप जो काम कर रहे हैं, उससे लोगों की शक्ति बढ़ेगी, तो यह सेवा होगी। आप जो प्रोडक्ट बना रहे हैं, जो चीज आप समाज को दे रहे हैं, वह समाज के लिए एक उपहार होना चाहिए। वह प्रोडक्ट चाहे एक फिल्म हो, एक विज्ञापन, एक गीत हो, सर्विस हो या फिर कोई और प्रोडक्ट हो, जब वह समाज को मिले तो उससे समाज की उन्नति होनी चाहिए। उन्नति मतलब उनकी आत्मा की शक्ति बढ़नी चाहिए।

कोई ऐसा प्रोडक्ट नहीं बनाना जिससे समाज की शक्ति घटती हो। फिर उसको सेवा कैसे कहेंगे। इस समय हम जो सेवा कर रहे हैं उससे समाज संभाल रहा है। कुछ ऐसा तो नहीं ही करेंगे जिससे सेहत का, सुख का, एकता का उल्टा हो जाए। यह सेवा नहीं है। सेवा का मतलब है देने की शक्ति। हमें देना है। देना तो हमारा स्वाभाविक स्वरूप है। सिर्फ ध्यान रखना है कि मन से भी हम दे रहे हैं, मतलब हर एक के लिए हमारी हर सोच बहुत शुभ है। हमारा हर शब्द सभी को सुख देता है।

हमारा हर कर्म हर एक का कल्याण करता है। फिर हम थोड़े दिन के लिए सेवा करने वाले नहीं हैं। हम जीवन के हर क्षण में सेवा पर ही हैं। हम जितनी ज्यादा सेवा करेंगे, उतनी हमारी आत्मा की भी शक्ति बढ़ती जाएगी और हमारे कर्मों से औरों की भी शक्ति बढ़ती जाएगी। इसीलिए सेवा को शक्ति और आध्यात्निक शक्ति कहा जाता है।



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हर महीने 200 करोड़ रु. से ज्यादा का नुकसान झेल रहे सिनेमा घर और फिल्म वितरक, अब ये 12 फिल्में दे सकती हैं मुनाफा

मार्च के आखिरी सप्ताह से ही फिल्म इंडस्ट्री तकरीबन पूरी तरह ठप्प है। सिनेमाघरों में आखिरी रिलीज फिल्म कामयाब और अंग्रेजी मीडियम थी। अब बमफाड़, घूमकेतु, गुलाबो सिताबो सिनेमाघरों के बजाए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ रही हैं। इससे सिनेमाघरों और फिल्म वितरकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ट्रेड एनालिस्ट अतुल मोहन कहते हैं कि एक अनुमान के अनुसार सिनेमाघर मालिकोंं और फिल्म वितरकों को हर सप्ताह करीब 55 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। यानी हर माह 200 करोड़ रुपए से ज्यादा। निर्माता कबीर खान कहते हैं कि प्रोड्यूसर्स सिनेमा घर वालों की फिक्र कर रहे हैं। ऐसे में सिनेमा घर वालों को भी प्रोड्यूसर्स की फिक्र करनी चाहिए। एक ऐसा रास्ता निकालना चाहिए, जिससे प्रोड्यूसर्स भी निश्चिंत भाव से अपनी फिल्म सिनेमाघर में लगा सकेंऔर लागत निकाल सकें।

गौरतलब है कि सूर्यवंशी, 83 और आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म लाल सिंह चड्ढा सहित करीब 12 ऐसी बड़ी फिल्में हैं, जिन्हें अगर सिनेमाघर खुलने पर रिलीज किया गया तो वे बड़ा मुनाफा दे सकती हैं। ट्रेड पंडित राज बंसल कहते हैं कि ‘इंडस्ट्री के नुकसान की बात करें तो इसमें सबसे बड़ा नुकसान सिनेमा घर वालों का है।

हर महीने 200 करोड़ रु. से...
जुलाई तक सिनेमाघर बंद रहते हैं तो 15 हफ्तों में उन्हें 750 करोड़ से ऊपर का नुकसान हो सकता है। जुलाई के बाद अगर त्योहार के समय भी सिनेमाघर बंद रहते हैं तो निर्माताओं का बड़ा नुकसान होगा।’ फिल्म समीक्षक तरण आदर्श कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते मार्च से लेकर अब तक इंडस्ट्री का हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का देखें तो।

अब आगे कितने का नुकसान होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है, क्योंकि जब सरकार बोलेगी, तब सिनेमाघर खुलेंगे। फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अक्षय राठी कहते हैं कि साल के दूसरे हाफ में हर बार बड़े बजट की फिल्में रिलीज होती हैं। उनसे उम्मीदें बहुत ज्यादा होती हैं। मगर इस बार उनकी रिलीज पर अनिश्चितता के बादल हैं।

अब सोलो रिलीज मिल पाना मुश्किल

फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग बताते हैं कि लॉकडाउन नहीं होता तो ज्यादातर बड़े बजट की फिल्मों को सोलो रिलीज मिल रही थी। मगर अब आने वाले महीनों में भीड़ इकट्ठी होगी। एक-एक डेट पर अब दो-दो फिल्में रिलीज होंगी। वह आपस में एक-दूसरे का बिजनेस कम करेंगी। निर्देशक करण मल्होत्रा के मुताबिक, ‘किसी फिल्म को सोलो रिलीज नहीं मिलती है तो उसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और सैटेलाइट राइट्स से भी कम ही पैसे मिलते हैं।

इन्हें रिलीज का इंतजार

फिल्म एक्टर
लाल सिंह चड्ढा आमिर खान
83 रणवीर सिंह
सूर्यवंशी अक्षय कुमार
सड़क-2 संजय दत्त
चेहरे अमिताभ बच्चन
शमशेरा रणबीर कपूर
भुज अजय देवगन
जर्सी शाहिद कपूर
गंगूबाई काठियावाड़ी आलिया भट्‌ट
जयेश भाई जोरदार रणवीर सिंह
पृथ्वीराज चौहान अक्षय कुमार
ब्रह्मास्त्र अमिताभ बच्चन


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यह फिल्म 83 का पोस्टर है। 1983 के वर्ल्ड कप पर बेस्ड यह फिल्म कबीर खान ने बनाई है। रणवीर सिंह इसमें मुख्य भूमिका में हैं।


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देश के बड़े मंदिराें के कपाट आज खुलेंगे, अभी भक्ताें को प्रसाद-फूल ले जाने की इजाजत नहीं होगी; तिरुपति में रोज 200 कोरोना टेस्ट होंगे

(अनिरुद्ध शर्मा)देश के बड़े मंदिर करीब 80 दिन बाद फिर खुलने जा रहे हैं। 23 मार्च को लॉकडाउन के पहले ही मंदिरों में दर्शन बंद कर दिए गए थे। दक्षिण के तिरुपति-तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर, उत्तर में मथुरा का कृष्ण जन्मस्थान और मध्य भारत में उज्जैन का महाकाल मंदिर सोमवार से खुल जाएंगे। गुजरात में द्वारिकाधीश मंदिर बुधवार से खुलेगा। हालांकि अभी मंदिरों में सीमित संख्या, तय समय और ऑनलाइन प्री-बुकिंग पर लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। तिरुपति में दर्शन सुबह साढ़े छह बजे से शाम साढ़े सात बजे के बीच होंगे। इस दौरान हर घंटे 500 और हर दिन करीब 6 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिलेगा।

11 जून से तिरुपति में आम लोग कर सकेंगे दर्शन

तिरुमला-तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्‌डी ने बताया कि शुरुआत के तीन दिन श्रद्धालुओं के दर्शन का ट्रायल होगा, जिसमें मंदिर के ही करीब 21 हजार से ज्यादा कर्मचारी, उनके परिजन और स्थानीय लोग दर्शन कर सकेंगे। 11 जून से आम लोगों के लिए दर्शन शुरू होंगे। अभी 65 साल से अधिक उम्र के लोगों और 10 साल से छोटे बच्चों को दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है। यहां रोजाना 200 लोगों का रेंडमली कोरोना टेस्ट भी किया जाएगा।

वृंदावन के बांके बिहारी समेत कई मंदिर अभी बंद रहेंगे

कल्याणकट्‌टा में श्रद्धालु अपने बाल दान कर सकेंगे, वहां दो नाइयों के बीच 10 फीट की दूरी होगी। हालांकि वृंदावन में बांके बिहारी, राधारमण जी और इस्कॉन मंदिर सहित गोकुल, नंदगांव, बरसाना और गोवर्धन में फिलहाल कोई भी मंदिर नहीं खुल रहा है।

केरल के मंदिरों में प्रवेश के पहले दिखाना हाेगा कोरोना फ्री प्रमाणपत्र
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक आंध्र प्रदेश का श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर और विजयवाड़ा का कनकदुर्गा मंदिर भी सोमवार से खुल रहे हैं। जबकि केरल में भी बड़े मंदिर सोमवार से खुल रहे हैं। यहां मंदिरों में प्रवेश से पहले दर्शनार्थियों को अपना कोविड फ्री प्रमाणपत्र दिखाना होगा। तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभ मंदिर मंगलवार से खुलेगा। रोजाना 750 लोगों को दर्शन के ऑनलाइन या स्पॉट ऑफलाइन (ऑनलाइन से बची) रजिस्ट्रेशन टिकट लेना होगा। इधर सबरीमाला मंदिर में मासिक दर्शन 14 जून से 19 जून तक चलेंगे। रोज सिर्फ 200 श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिलेगा। पद्मा नदी में स्नान की अनुमति नहीं होगी।



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तिरुपति में 1 मीटर दूरी पर लाल रेखा खींच कर दूरी बनाने का इंतजाम।


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हर महीने 200 करोड़ रु. से ज्यादा का नुकसान झेल रहे सिनेमा घर और फिल्म वितरक, अब ये 12 फिल्में दे सकती हैं मुनाफा

मार्च के आखिरी सप्ताह से ही फिल्म इंडस्ट्री तकरीबन पूरी तरह ठप्प है। सिनेमाघरों में आखिरी रिलीज फिल्म कामयाब और अंग्रेजी मीडियम थी। अब बमफाड़, घूमकेतु, गुलाबो सिताबो सिनेमाघरों के बजाए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ रही हैं। इससे सिनेमाघरों और फिल्म वितरकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ट्रेड एनालिस्ट अतुल मोहन कहते हैं कि एक अनुमान के अनुसार सिनेमाघर मालिकोंं और फिल्म वितरकों को हर सप्ताह करीब 55 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। यानी हर माह 200 करोड़ रुपए से ज्यादा। निर्माता कबीर खान कहते हैं कि प्रोड्यूसर्स सिनेमा घर वालों की फिक्र कर रहे हैं। ऐसे में सिनेमा घर वालों को भी प्रोड्यूसर्स की फिक्र करनी चाहिए। एक ऐसा रास्ता निकालना चाहिए, जिससे प्रोड्यूसर्स भी निश्चिंत भाव से अपनी फिल्म सिनेमाघर में लगा सकेंऔर लागत निकाल सकें।

गौरतलब है कि सूर्यवंशी, 83 और आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म लाल सिंह चड्ढा सहित करीब 12 ऐसी बड़ी फिल्में हैं, जिन्हें अगर सिनेमाघर खुलने पर रिलीज किया गया तो वे बड़ा मुनाफा दे सकती हैं। ट्रेड पंडित राज बंसल कहते हैं कि ‘इंडस्ट्री के नुकसान की बात करें तो इसमें सबसे बड़ा नुकसान सिनेमा घर वालों का है।

हर महीने 200 करोड़ रु. से...
जुलाई तक सिनेमाघर बंद रहते हैं तो 15 हफ्तों में उन्हें 750 करोड़ से ऊपर का नुकसान हो सकता है। जुलाई के बाद अगर त्योहार के समय भी सिनेमाघर बंद रहते हैं तो निर्माताओं का बड़ा नुकसान होगा।’ फिल्म समीक्षक तरण आदर्श कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते मार्च से लेकर अब तक इंडस्ट्री का हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का देखें तो।

अब आगे कितने का नुकसान होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है, क्योंकि जब सरकार बोलेगी, तब सिनेमाघर खुलेंगे। फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अक्षय राठी कहते हैं कि साल के दूसरे हाफ में हर बार बड़े बजट की फिल्में रिलीज होती हैं। उनसे उम्मीदें बहुत ज्यादा होती हैं। मगर इस बार उनकी रिलीज पर अनिश्चितता के बादल हैं।

अब सोलो रिलीज मिल पाना मुश्किल

फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग बताते हैं कि लॉकडाउन नहीं होता तो ज्यादातर बड़े बजट की फिल्मों को सोलो रिलीज मिल रही थी। मगर अब आने वाले महीनों में भीड़ इकट्ठी होगी। एक-एक डेट पर अब दो-दो फिल्में रिलीज होंगी। वह आपस में एक-दूसरे का बिजनेस कम करेंगी। निर्देशक करण मल्होत्रा के मुताबिक, ‘किसी फिल्म को सोलो रिलीज नहीं मिलती है तो उसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और सैटेलाइट राइट्स से भी कम ही पैसे मिलते हैं।

इन्हें रिलीज का इंतजार

फिल्म एक्टर
लाल सिंह चड्ढा आमिर खान
83 रणवीर सिंह
सूर्यवंशी अक्षय कुमार
सड़क-2 संजय दत्त
चेहरे अमिताभ बच्चन
शमशेरा रणबीर कपूर
भुज अजय देवगन
जर्सी शाहिद कपूर
गंगूबाई काठियावाड़ी आलिया भट्‌ट
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पृथ्वीराज चौहान अक्षय कुमार
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यह फिल्म 83 का पोस्टर है। 1983 के वर्ल्ड कप पर बेस्ड यह फिल्म कबीर खान ने बनाई है। रणवीर सिंह इसमें मुख्य भूमिका में हैं।


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इंदौर में आज नहीं खुलेंगे मंदिर, सैनिटाइजर के प्रयोग से आपत्ति, क्योंकि उसमें अल्कोहल

देशभर में मंदिर व धर्मस्थल भले ही सोमवार से खुल जाएंगे, पर इंदौर में अभी ये बंद ही रहेंगे। इनको लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। कलेक्टर मनीष सिंह ने साफ कर दिया कि सोमवार से लोग मंदिर न जाएं। वे कब से खुलेंगे और किस तरह खुलेंगे, इसका निर्णय 9 जून को होने वाली आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में होगा। उन्होंने बताया कि शहर में होटल, शॉपिंग मॉल, रेस्त्रां खोलने को लेकर भी निर्णय इसी बैठक में किया जाएगा।

शहर के ज्यादातर मंदिरों में दर्शन व्यवस्था की तैयारी पूरी हो गई है। मंदिर परिसरों में भक्तों के खड़े होने के लिए सोशल डिस्टेंस के गोले बना दिए गए हैं। सूचनाएं चस्पा कर दी गई हैं कि भक्त मास्क लगाकर ही आएं। हाथों को सैनिटाइज करने की भी तैयारी है। इस बीच कई मंदिरों के पुजारी-संचालक सैनिटाइजर से परहेज कर रहे हैं। उनका कहना है सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है, इसलिए वे सैनिटाइजर की जगह नीम का पानी तो कुछ मंदिरों में फिटकरी-कपूर के पानी से भक्तों के हाथ धुलवाने की व्यवस्था कर रहे हैं। कहीं लिक्विड सोप रखा जाएगा। हालांकि कुछ मंदिरों में इसे लेकर अभी असमंजस है।

खजराना: पुजारियों का सुझाव, लिक्विड सोप का उपयोग हो
खजराना गणेश मंदिर में सैनिटाइजर या फिर अन्य विकल्प का उपयोग होगा। हालांकि मंदिर के पुजारियों का सुझाव है कि मंदिर में लिक्विड सोप का उपयोग किया जाए। यहां अंतिम निर्णय प्रबंध समिति द्वारा लिया जाएगा। वहीं, मंदिर के गेट पर आने वाले हर व्यक्ति का तापमान जांचा जाएगा। इसके बाद ही उन्हें प्रवेश मिलेगा।

बड़ा गणपति: फिटकरी औरकपूर मिले पानी से हाथ धुलवाए जाएंगे
बड़ा गणपति मंदिर में प्रवेश के दौरान भक्तों के लिए सैनिटाइजर की जगह बाहर फिटकरी अौर कपूर मिले पानी से हाथ धुलवाए जाएंगे। मंदिर के संचालक पं. धनेश्वर दाधीच कहते हैं सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है। इसलिए हम वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं। मंदिर में प्रवेश भी बिना मास्क के नहीं मिलेगा।

रणजीत हनुमान मंदिर: लिक्विड सोप का उपयोग होगा, हैंड वॉश के बाद प्रवेश
प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर में भक्तों के लिए लिक्विड सोप रखा जाएगा। हैंड वॉश के बाद ही प्रवेश मिलेगा। मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास का कहना है अल्कोहल का उपयोग रोकने के लिए हम यह व्यवस्था कर रहे हैं। सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है। इसका उपयोग कम से कम हो, इसके लिए हम यह व्यवस्था कर रहे हैं।

विद्याधाम: पूरे मंदिर परिसर में कहीं भी अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर का उपयोग नहीं होगा
एरोड्रम रोड स्थित विद्याधाम मंदिर में कहीं भी अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर का कहीं भी उपयोग नहीं होगा। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े पं. दिनेश शर्मा ने कहा- यहां पर भक्तों के हैंड वॉश के लिए लिक्विड सोप की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा सैनिटाइजर के ज्यादा उपयोग से त्वचा कैंसर होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है। मंदिरों में अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर के प्रवेश को रोका जाना चाहिए।

अन्नपूर्णा मंदिर: भक्तों के हाथ साबुन से धुलवाए जाएंगे
अन्नपूर्णा माता मंदिर में भी सैनिटाइजर के उपयोग की जगह अन्य विकल्प पर विचार चल रहा है। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े श्याम सिंघल ने बताया भक्तों को यहां साबुन से हाथ धुलवाए जाएंगे। इधर, गौराकुंड स्थित प्राचीन दुर्गा माता मंदिर में नीम, फिटकरी मिले पानी से भक्तों के हैंड वॉश की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही लिक्विड सोप भी रखा जाएगा।

मंदिर जब खुलेंगे, तब ये रहेंगी व्यवस्थाएं

  • गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा, सोशल डिस्टेसिंग के लिए की मार्किंग।
  • मंदिरों के गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
  • सोशल डिस्टेंस से दर्शन होंगे। इसके लिए दो-दो मीटर की मार्किंग भी मंदिर में की गई है।
  • हार-फूल, प्रसाद पुजारी नहीं चढ़ाएंगे।
  • प्रसाद के लिए मंदिर के बाहर व्यवस्था की जाएगी, जहां भक्तों को खुद ही प्रसाद चढ़ाना होगा।
  • ज्यादातर मंदिर में प्रसाद भी पुजारी नहीं देंगे।
  • दर्शन के दौरान कहीं भी मूर्तियों का स्पर्श प्रतिबंधित रहेगा।
  • खजराना-रणजीत हनुमान मंदिरों में स्लॉट में दर्शन की व्यवस्था हो, इसकी तैयारियां चल रही है।


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यह फोटो इंदौर स्थित खजराना गणेश मंदिर का है। लॉकडाउन के चलते यहां आमजन का प्रवेश बंद है। यहां सन्नाटा पसरा पड़ा है। -फाइल फोटो


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मरीजों के मामले में इंदौर छठे स्थान पर; यहां पीक में 13 हजार के बजाय 9 हजार ही मरीज होंगे, फिर भी 750 बेड्स कम पड़ेंगे

देश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद दिल्ली जैसे शहरों के अस्पतालों में भी बेड्स की तंगी आने लगी है। वह भी तब, जब जून अंत तक कोरोना के पीक पर आने की बात कही जा रही है। इंदौर के लिए सरकार का अनुमान था कि पीक के दौरान मरीजों की संख्या 13 हजार 400 तक पहुंच सकती है, जो ताजा आंकड़ों के बाद घटकर अधिकतम 9 हजार मानी जा रही है। इंदौर देश के टॉप-10 संक्रमितशहरों में छठे और भोपाल 10वें स्थान पर है।

इन मरीजों के हिसाब से सरकार ने इंदौर में 2000 से अधिक ऑक्सीजन बेड्स, 672 आईसीयू बेड्स और 10 हजार 700 बिना ऑक्सीजन वाले बेड्स तैयार रखने को कहा है, पर सारे संसाधन झोंकने के बाद भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं लग रही। अगर वाकई में 9 हजार मरीज आ गए तो ऑक्सीजन वाले 600, आईसीयू वाले 150 और बिना ऑक्सीजन वाले 5 हजार बेड कम पड़ेंगे। ऐसी स्थिति में प्रशासन के पास मैक शिफ्ट अस्पताल और होम आइसोलेशन का ही रास्ता बचेगा।

भोपाल 10वें पर और इंदौर छठे नंबर पर आया

कोरोना संक्रमण के मामलों में रविवार को भोपाल 10वें स्थान पर पहुंच गया। देश में कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज मुंबई, चैन्नई, अहमदाबाद और पुणे में मिले हैं। यह खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयके कोविड-19 इंडिया पोर्टल की रिपोर्ट में हुआ। मरीजों की संख्या में मुंबई टॉप पर है, चेन्नई दूसरे और अहमदाबाद तीसरे नंबर परहै। इंदौर का स्थान छठा और भोपाल का 10वां है।

शहर संक्रमित
मुंबई 47,354
चेन्नई 20,955
अहमदाबाद 13,967
ठाणे 12,464
पुणे 9289
इंदौर 3749
कोलकाता 2684
जयपुर 2188
सूरत 2034
भोपाल 1886

इंदौर केसरकारी अस्पताल में क्षमता बढ़ाने पर जोर

  • एमआरटीबी में अभी 100 बेड्स है। इसे 200 कर रहे हैं। इससे आईसीयू के 44 और ऑक्सीजन वाले बेड्स 60 होंगे।
  • न्यू चेस्ट वार्ड में अभी 70 बेड्स हैं। इसमें आईसीयू में छह और ऑक्सीजन बेड्स 64 हैं। यहां ऑक्सीजन बेड्स 30 और बढाएंगे इससे 94 हो जाएंगे।
  • एमटीएच में अभी 220 बेड्स हैं, इसमें 40 आईसीयू में और 180 सिलेंडर ऑक्सीजन के साथ हैं। इन्हें बढ़ाकर 350 करना है, इससे यहां आईसीयू बेड्स 70 और ऑक्सीजन बेड्स 280 हो जाएंगे।

इंदौर के अस्पतालों में बेड्स की स्थिति और कमी

  • पीक में672 आईसीयू चाहिए, जो अभी 420 हैं। सुपर स्पेशलिटी तैयार होने पर 520 हो जाएंगे। फिर भी 150 आईसीयू बेड्स की कमी होगी।
  • ऑक्सीजन वाले बेड 2016 चाहिए, जो अभी 1050 हैं। यह क्षमता 400 करीब और बढ़ेगी। फिर भी 600 बेड्स की कमी रहेगी।
  • बिना ऑक्सीजन वाले बेड्स 10 हजार 700 चाहिए। कोविड अस्पतालों में अभी 1500 करीब हैं। मैक शिफ्ट स्थिति में यह क्षमता 4000 कर सकते हैं। इसके बाद भी पांच हजार बेड्स की कमी होगी। इसे होम आइसोलेशन से पूरी करने की योजना है।

सब कुछ सुपर स्पेशिलिटी पर निर्भर
सुपर स्पेशिलिटी तैयार करने पर यहां कुल 536 बेड्स मिल सकेंगे, इसमें आईसीयू में कुल 102 बेड्स, ऑक्सीजन वाले 300 बेड्स व बिना ऑक्सीजन वाले 134 बेड्स बढ़ सकेंगे।

मेक शिफ्ट अस्पताल इसलिए, क्योंकि- कोविड अस्पतालों में बेड्स ही 3 हजार
कोविड अस्पतालों में कुल बेड्स ही तीन हजार करीब हैं। इसमें बिना ऑक्सीजन वाले 1500, ऑक्सीजन वाले 1150 और आईसीयू बेड्स 450 करीब हैं। इनकी क्षमता बढ़ी भी तो ऑक्सीजन वाले 1500 और आईसीयू 600 तक हो सकेंगे।

आपात स्थिति में फिर एमवाय का और निजी अस्पतालों को लेना पड़ेगा
यदि आपात स्थिति आती है तो प्रशासन को एक बार फिर यलो की कैटेगरी से मुक्त किए जा रहे निजी अस्पतालों को लेना होगा और इन्हें रेड में तब्दील करना होगा। वहीं 1100 बेड्स के एमवाय से भी कुछ बेड्स लेने पड़ेंगे।

15 जून तक सुपर स्पेशिलिटी तैयार करने पर फोकस
इंदौर कलेक्टरमनीष सिंह कहते हैं कि अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार काम हो रहा है। 15 जून तक सुपर स्पेशिलिटी तैयार होने पर वहां काफी क्षमता तैयार हो जाएगी। वहीं होम आइसोलेशन में भी अब काफी मरीज जा रहे हैं।



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यह फोटो इंदौर की है। अप्रैल महीने में स्वास्थ्यकर्मी बस्तियों में जाकर भी लोगों का तापमान चेक कर रहे थे।


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