बुधवार, 9 सितंबर 2020

171 दिन बाद दिल्ली और नोएडा के बीच मेट्रो सर्विस शुरू, पिंक लाइन पर भी ट्रेन दौड़ी; देश में अब तक 43.67 लाख मामले

171 दिन बाद दिल्ली और नोएडा (ब्लू लाइन) के बीच बुधवार सुबह मेट्रो टेन शुरू हो गई। इसके अलावा, पिंक लाइन पर भी मेट्रो दौड़ने लगी है। इससे पहले 7 सितंबर को यलो लाइन पर यह सर्विस शुरू की गई थी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बताया कि इन लाइन पर सुबह 7 से 11 बजे और शाम 4 से 8 बजे के बीच मेट्रो चलाई जा रही है।

उधर, देश में मंगलवार को 89 हजार 852 मरीज बढ़े। वहीं, 74 हजार 607 लोग कोरोना बीमारी से स्वस्थ भी हुए। इस तरह देश में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 43 लाख 67 हजार 436 हो गई है। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

5 राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य सरकार ने कोरोना की घर-घर जाकर जांच बंद कर दी है। अब जो व्यक्ति फीवर क्लीनिक या कोविड के लिए अधिकृत हॉस्पिटल में सैंपल देकर टेस्ट कराना चाहेगा, उसे फीस नहीं देनी होगी। केंद्र की आयुष्मान योजना के तहत जिन अस्पतालों में इलाज हो रहा है, वहां पैसा नहीं लगेगा। जहां आयुष्मान लागू नहीं है, तो वहां मरीजों को बिल दिया जाएगा। वहीं राजधानी में अब निजी अस्पताल और नर्सिंग होम कोरोना का इलाज कर सकेंगे। मरीज को स्वयं के खर्च पर इलाज करवाना होगा।

उधर, कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि निजी अस्पताल कोरोना वार्ड बना सकते हैं। उन्हें कोविड-19 में जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा। उधर, भोपाल में 242 नए संक्रमित मिलने के साथ ही कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 13082 हो गया है। इनमें 6052 मरीज न तो किसी संक्रमित के संपर्क में आए और न ही इनकी कोई कॉन्टैक्ट हिस्ट्री है।

2. राजस्थान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगले एक महीने तक के अपने सभी प्रोग्राम स्थगित कर दिए हैं। इस दौरान वे किसी से मुलाकात भी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है।

उधर, जयपुर में मंगलवार को अब तक के सबसे ज्यादा 325 पॉजिटिव मिले हैं। एक की मौत हुई। यहां 13 हजार 361 केस सामने आ चुके हैं। 290 लोगों की जानें जा चुकी हैं। एक्टिव केस 4671 हैं।

3. बिहार
देश में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट बिहार में हो रहे हैं। मंगलवार को 1 लाख 52 हजार 671 लोगों की जांच हुई। राज्य में अब तक 43.3 लाख से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। अच्छी बात रही कि दूसरे राज्यों की तुलना में यहां मरीजों की संख्या में गिरावट आई है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में मंगलवार को 48 हजार से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए। इनमें से 20 हजार 131 टेस्ट पॉजिटिव आए। इसके साथ, राज्य में अब तक 49.7 लाख सैंपल की जांच की जा चुकी है। यहां पॉजिटिविटी रेट 20% के करीब पहुंच गया है। इसके साथ महाराष्ट्र में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 9 लाख 43 हजार 772 हो गए हैं। अब तक 27 हजार 407 लोगों की मौत हो चुकी है।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में मंगलवार को 73 लोगों की कोरोना से मौत हुई। इसके साथ अब तक 4047 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उधर, राज्य में जांच भी बढ़ा दी हैं। पिछले 24 घंटे में 1.40 लाख लोगों के सैंपल की जांच की गई। इसके साथ राज्य में 67.7 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।



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यह फोटो दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन की है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने बताया कि ब्लू और पिंक लाइन पर सुबह 7 से 11 बजे और शाम 4 से 8 बजे के बीच मेट्रो चलाई जा रही है। पहले दिन एक कोच में दो से तीन यात्री नजर आए।


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बठिंडा में खराब सड़क के कारण महिला हुई हादसे की शिकार तो ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी ने गड्‌ढे भर दिए, महाराष्ट्र में बच्चों को लाउडस्पीकर से पढ़ाया जा रहा

ऐसा आमतौर पर कम ही देखने को मिलता है, जब किसी पुलिसकर्मी का दिल इतना पसीज जाए कि वो अपनी ड्यूटी के अलावा किसी ऐसे काम को शिद्दत से करने लगे, जिससे उसका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन ऐसा ही एक वाक्या पंजाब के बठिंडा शहर में देखने को मिला, जब शहर के लाल बत्ती चौक पर 3 फीट चौड़े गड्ढे में स्कूटी पर बच्चे को लेकर जा रही एक महिला गिर गई। इस घटना के बाद वहां तैनात दो ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों हवलदार गुरुदत्त सिंह और भीम सिंह ने खुद ही गड्‌ढे को सीमेंट और रेत से भरकर इंसानियत का फर्ज अदा किया।

कीचड़ में फंस रहे थे बैलों के पैर

मध्यप्रदेश के आलीराजपुर जिले के जोबट जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम वागदी के लोग बदहाल सड़क के कारण परेशान हैं। बारिश के दौरान गांव में दो माह से ट्रांसफार्मर बंद पड़ी थी। लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा था और कीचड़ के कारण डीपी को निकालकर जोबट तक पहुंचना मुश्किल था। एक-दो बार कोशिश की लेकिन रास्ते पर कीचड़ इतना था कि बैल के पैर भी उसमें फंस जाते। ऐसे में परेशानी झेल रहे ग्रामीण आखिरकार बैलगाड़ी में खुद को जोतकर डीपी को जोबट लेकर गए। सरपंच पुत्र बिलावल डुडवे ने बताया कई बार पुल की मांग की लेकिन आज तक स्वीकृति नहीं मिली।

दो हजार लोगों के लिए एक कुआं

भीलवाड़ा जिले की आखिरी सीमा पर दो हजार लोगों की आबादी वाला गांव है हीरा का बाड़िया। यहां के हर शख्स की सुबह दिनभर के पानी की चिंता में शुरू होती है। मानसून के दिन हैं इसलिए राहत सिर्फ इतनी है कि 50 फीट गहराई की बजाय कुएं में पानी ऊपर 10-15 फीट पर आ गया है। बच्चे-बुजुर्ग, महिला-पुरुष सभी के दिन की शुरुआत पीने के पानी का इंतजाम कर लेने से होती है।

कुई पर भीड़ खूब हो जाती है। कुछ युवा कुई में अंदर उतरकर सीढ़ीनुमा पत्थरों पर खड़े रहकर रस्सी से बंधे केन, बाल्टियों में पानी भरते हैं, जो महिलाएं व बच्चे रस्सों से ऊपर खींचते हैं। ऐसा इसलिए कि काम कुछ जल्दी हो जाए। पूरे साल एकमात्र कुई ही सहारा है। जहां दो-दो घंटे में नंबर आता है। पानी की राशनिंग की हुई है। एक परिवार को गर्मी में दो-तीन घड़े ही पानी मिलता है।

35 गांवों में चल रहा ‘बोलता स्कूल’

देश भर में अनलॉक-4 में लगभग हर चीज खुल चुकी है। नहीं खुले हैं तो बस स्कूल। पढ़ाई ऑनलाइन हो गई है। लेकिन अपने यहां एक तबका ऐसा भी है, जिसके लिए बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना सपने जैसा है। महाराष्ट्र में ऐसे बच्चों को लाउडस्पीकर से पढ़ाया जा रहा है। बच्चे इस नए टीचर को ‘स्पीकर टीचर’ कहने लगे हैं। पालघर जिले के जव्हार और मोखाडा तहसील के 35 गांवों में ‘बोलता स्कूल’ शुरू किया गया है। अब तक इन गांवों के करीब 1200 बच्चे इससे जुड़ चुके हैं।

डिस्कॉम की लापरवाही से टॉवर पर चढ़ी बेल

जो डिस्कॉम मेंटेनेंस के नाम पर घंटों तक शहर की बत्ती गुल कर देता है, उसका ध्यान पोल और लाइनों पर है ही नहीं। तभी तो राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना में जगह-जगह बिजली के पोल, टॉवर और तारों पर बारिश के चलते बेल लिपट गई हैं। लेकिन अफसर बेफिक्र हैं। जूनियर इंजीनियर (सिटी) अभिषेक गुप्ता ने बताया कि झाड़ियों को मेंटनेंस के दौरान हटा दिया जाएगा।

चर्च और घरों में प्रार्थना हुई

कैथोलिक ईसाई समुदाय ने मंगलवार को मदर मैरी का जन्मोत्सव मनाया। यह त्योहार हर साल 8 सितंबर को निष्कलंक गर्भाधान के बाद धन्य कुंवारी मरियम के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महामारी के चलते जन्मोत्सव सादगी से मनाया गया। भोपाल के नेहरू नगर व अरेरा कॉलोनी आशा निकेतन समेत अन्य कई चर्च में सीमित संख्या में ही लोगों की उपस्थिति रही। अधिकांश लोगों ने घरों में रहकर ही प्रार्थना-आराधना की। इस मौके पर चल समारोह भी नहीं निकाला गया। चर्च में उपस्थित लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए उत्सव मनाया।

तारबंदी में फंसी गर्भवती हिरणी को रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया

राजस्थान की बिलाड़ा तहसील में मंगलवार को दो हिरण फंस गए। इनमें एक ने दम तोड़ दिया लेकिन दूसरे को वन्य जीव प्रेमियों ने बचा लिया। हिरणों के फंसे होने की सूचना पर विश्नोई टाइगर फोर्स बिलाड़ा ब्लॉक अध्यक्ष प्यारेलाल विश्नोई लांबा मौके पर पहुंचे। तब तक नर हिरण ने प्राण त्याग दिए थे और मादा तड़प रही थी। मौके पर वाहन पहुंचने का रास्ता नहीं था। ऐसे में बिश्नोई ने हिरणी को निकाला। फिर घावों को कपड़े व पट्टी से बांधा और आधा किमी दूर सड़क पर वाहन में डालकर बाला रेस्क्यू सेंटर पर प्राथमिक उपचार कराया। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों को सुपुर्द किया।

हिप्पो लीली तीसरी बार बनी मां

लॉकडाउन रांची के बिरसा जैविक उद्यान के जानवरों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है। जू की बाघिन अनुष्का ने लॉकडाउन के दौरान 18 अप्रैल को तीन शावकों को जन्म दिया था। इसके बाद जू की मादा हिप्पो लिली 14 अगस्त को तीसरी बार मां बनी। उसने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसकी अभी पहचान नहीं हो पाई है कि नर है या मादा।



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Traffic police staff filled the pits as a victim of an accident due to bad road in Bathinda, children are being taught with loudspeakers in Maharashtra


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Y कैटेगरी की सुरक्षा में मंडी से चंडीगढ़ के लिए निकली कंगना, एक्ट्रेस ने कहा- ना डरूंगी, ना झुकूंगी, गलत के खिलाफ आवाज उठाती रहूंगी

कंगना रनोट मंडी (हिमाचल प्रदेश) से चंडीगढ़ के लिए कार से रवाना हो चुकी हैं। चंडीगढ़ से वे फ्लाइट से मुंबई पहुंचेंगी। एक्ट्रेस ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। कंगना के मुंबई पहुंचते ही शिवसेना समेत कई अन्य पार्टियों की ओर से विरोध तय माना जा रहा है। केंद्र ने उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है, इस दौरान 11 सुरक्षाकर्मी हमेशा उनके साथ रहेंगे। इस बीच, मुंबई करणी सेना और रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई ने भी उन्हें प्रोटेक्शन देने का ऐलान किया है।

मंगलवार को एक्ट्रेस के कोविड-19 सैंपल का कोई नतीजा नहीं निकला था, जिस वजह से मंडी में स्वास्थ्य विभाग को दोबारा सैंपल लेना पड़ा था। रिपोर्ट मिलने के बाद ही बुधवार को कंगना मुंबई के लिए रवाना हो पाईं।

कंगना का ट्वीट

मुंबई आने पर हो सकती हैं होम क्वारेंटाइन

मुंबई की मेयर किशाेरी पेडनेकर ने कहा है कि कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार कंगना काे 14 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन में रहना हाेगा। हालांकि, अगर कंगना 7 दिनों के अंदर वापस जाने का टिकट दिखाती हैं तो क्वारेंटाइन से छूट मिल सकती है। इस बीच उनके बंगले के अवैध निर्माण काे ताेड़ने की तैयारी चल रही है।

बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल काॅर्पाेरेशन (बीएमसी) ने अवैध निर्माण काे लेकर उनके बांद्रा के पाली हिल बंगले पर नाेटिस चस्पा किया है। इसमें 14 अवैध निर्माण का जिक्र है। कहा गया है कि बिना अनुमति के दाे बंगलाें काे एक में मिलाया गया है। टाॅयलेट काे ऑफिस केबिन में बदला गया और टाॅयलेट काे सीढ़ियाें के पास, स्टाेर रूम काे किचन, अवैध पैंट्री, पहली मंजिल पर लिविंग रूम में अवैध पार्टीशन, पूजाघर में अवैध मीटिंग रूम, बालकनी काे रूम बनाया गया। इसके साथ ही बीएमसी ने उनके मणिकर्णिका फिल्म्स ऑफिस परिसर में निर्माण पर राेक लगाते हुए इसकी अनुमति के कागजात 24 घंटे में पेश करने काे कहा है।

कंगना ने मंगलवार को लिखा, ‘सोशल मीडिया पर मेरे दोस्तों ने बीएमसी के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था, इसलिए वे आज बुल्डोजर लेकर नहीं आए, लेकिन ऑफिस में नोटिस चस्पा किया।’

ड्रग्स काे लेकर भी कंगना की जांच
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कंगना के ड्रग्स लेने के मामले में जांच कराने की बात कही है। इस पर कंगना ने कहा कि मेरे ड्रग्स लेने के सबूत मिले तो मुंबई छोड़ दूंगी। अभिनेता शेखर सुमन के बेटे अध्ययन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कंगना ने उन्हें भी ड्रग्स लेने काे कहा था।

फडणवीस बाेेले- कंगना का बयान पुलिस का अपमान
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कंगना के मुंबई पुलिस से डरने वाले बयान काे पुलिस बल का अपमान बताया है। फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि वे मुख्यमंत्री रहे हैं, इसलिए पुलिस की ताकत काे जानते हैं। लेकिन पुलिस राजनीतिक दबाव में आ सकती है। कंगना ने कहा था कि फिल्मी माफिया से कहीं ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगने लगा हैं।



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मुंबई रवाना होने से पहले कंगना ने मंदिर में पूजा की। साथ में उनकी बहन रंगोली भी हैं।


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रिया की एनसीबी के लॉकअप में गुजरी रात, कुछ ही देर में भायखला जेल में शिफ्ट किया जाएगा; जमानत के लिए आज फिर कोर्ट जा सकती है

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस से जुड़े ड्रग्स मामले में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की पूरी रात नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के लॉकअप में गुजरी। दरअसल, एनसीबी ने रिया को कल दोपहर गिरफ्तार किया था। इसके बाद देर शाम कोर्ट में पेशी हुई। निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

जेल रूल बुक के मुताबिक, शाम को जेल में कैदियों की गिनती के बाद नए कैदी को नहीं लिया जाता। इसलिए उन्हें मंगलवार रात को एनसीबी के लॉकअप में रखा गया। बुधवार सुबह भायखला जेल में शिफ्ट किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, लॉकअप में रिया पूरी रात ठीक से सो नहीं पाई। वह रात में कई बार उठी और बैरक में टहलती हुई नजर आई।

जमानत के लिए आज फिर कोर्ट जा सकती है रिया

इस बीच, रिया के वकील सतीश मानशिंदे, सेशन कोर्ट में अभिनेत्री की जमानत के लिए आज फिर याचिका दाखिल कर सकते हैं। रिया पर ड्रग्स लेने, सुशांत को ड्रग्स देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। रिया का रोल ड्रग्स के ट्रांसपोर्टेशन और जमा करने वाले सिंडिकेट के सदस्य के तौर पर दिखाया गया है। हालांकि, रिया ने अपने स्टेटमेंट में ये माना है कि वो ड्रग्स का सेवन करती थी।

उनसे 3 दिन पूछताछ चली
एनसीबी की टीम ने उनसे तीन दिन पूछताछ की। उसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। ड्रग्स मामले में यह दसवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले रिया के भाई सोविक, सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा, कर्मचारी रहे दीपेश सावंत, ड्रग पैडलर अब्देल बासित परिहार, जैद विलात्रा और कैजिन इब्राहिम समेत 9 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

सतीश मानशिंदे ने कहा- तीन एजेंसीज एक लड़की के पीछे पड़ी हैं
गिरफ्तारी के बाद रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि केंद्र की तीन एजेंसियां एक महिला के पीछे इसलिए पड़ी हैं, क्योंकि वह एक ड्रग एडिक्ट शख्स से प्यार करती थीं, जिसका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं था। गलत तरीके से ली गई दवाइयों की वजह से उस शख्स ने सुसाइड कर लिया। इससे पहले बलार्ड एस्टेट में एनसीबी दफ्तर से बाहर आकर एनसीबी के वाहन में बैठते समय रिया ने वहां जुटे मीडियाकर्मियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। काले लिबास में सुबह 10:30 बजे रिया एनसीबी के दफ्तर पहुंची थी।

सुशांत की बहन ने कहा- भगवान हमारे साथ हैं
रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी पर सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने ट्वीट में कहा, 'भगवान हमारे साथ हैं।'



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गिरफ्तारी के बाद रिया चक्रवर्ती का सायन हॉस्पिटल में मेडिकल टेस्ट हुआ। यह फोटो अस्पताल परिसर की है। उनकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आई।


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ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोरोना वैक्सीन की ट्रायल रोकी, टेस्टिंग में शामिल एक व्यक्ति बीमार हुआ

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रही लंदन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका को क्लीनिकल ट्रायल रोकनी पड़ी है। ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति के बीमार होने की वजह से यह फैसला लेना पड़ा। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उसने इसे रुटीन एक्शन बताया है। साथ ही कहा कि मरीज में बीमारी की गंभीरता का अभी पता नहीं चल पाया है।

'ट्रायल में ज्यादा देरी नहीं हो, इसका ध्यान रख रहे'
एस्ट्राजेनेका का कहना है, "ट्रायल के बीच किसी वॉलंटियर में समझ नहीं आने वाली बीमारी (अनएक्सप्लेन्ड इलनेस) सामने आती है तो, ट्रायल रोक देते हैं। बड़े ट्रायल्स में कभी-कभी ऐसा होता है, लेकिन इसका रिव्यू जरूर करना चाहिए। हम तेजी से इस काम को कर रहे हैं, ताकि ट्रायल की टाइमलाइन पर ज्यादा असर नहीं पड़े।"

9 कंपनियों के ट्रायल तीसरे फेज में हैं
एस्ट्राजेनेका ने तीसरे फेज के ट्रायल के लिए 30 हजार वॉलंटियर्स के रजिस्ट्रेशन 31 अगस्त से शुरू किए थे। एस्ट्राजेनेका उन 9 कंपनियों में से एक है जिनके वैक्सीन के ट्रायल तीसरे यानी आखिरी फेज में हैं।



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एस्ट्राजेनेका समेत दुनिया की 9 कंपनियों के क्लीनिकल ट्रायल तीसरे फेज में हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)


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अंग्रेजी के वर्चस्व के खिलाफ हिंदी अकेले नहीं लड़ सकती; कड़वा सच है कि अंग्रेजों के जाने के बाद से देश में अंग्रेजी की गुलामी घटी नहीं, बढ़ी है

इस साल हिंदी दिवस (14 सितंबर) पर हिंदी भाषियों, हिंदी प्रेमियों और शुभचिंतकों को पांच संकल्प लेने चाहिए ताकि हमें राजभाषा पखवाड़े के पाखंड से मुक्ति मिले। साथ ही हिंदी दिवस के नाम पर हर साल हिंदी की बरसी न मनानी पड़े। कड़वा सच यह है कि अंग्रेजों के जाने के बाद से देश में अंग्रेजी की गुलामी घटी नहीं, बढ़ी है। एक दिन हिंदी दिवस है, बाकी 364 दिन अघोषित अंग्रेजी दिवस।

सच यह है कि ‘राजभाषा’ नामक कागज का गहना पहनी सरकारी हिंदी की हैसियत स्वामिनी की नहीं, सेविका जैसी है। जैसे मालकिन से झाड़ खाने के बाद दासी घर में बच्चों पर हाथ चलाती है, मालकिन से मिली साड़ी पहन पड़ोसन पर ऐंठ दिखाती है। वैसे ही हिंदी बाकी भारतीय भाषाओं पर झूठा रौब जमाती है। अपनी ही दर्जनों बोलियों का गला दबाती है।

संख्या के हिसाब से दुनिया की चौथी बड़ी भाषा बोलने वाले इससे पिंड छुड़ाने आतुर हैं। सरकारी नीति का सच यह है कि नई शिक्षा नीति के बहाने मातृभाषा में शिक्षा पर भले सार्थक बहस हुई हो, लेकिन जब एक तमिल राजनेता ने हिंदी वर्चस्व का खतरा बताया तो सरकार ने तुरंत सफाई दी कि हिंदी लादने की कोई मंशा नहीं है। यानी अंग्रेजी के वर्चस्व को कोई खतरा नहीं है। सच यह है कि न पिछली सरकारों में हिम्मत थी और न ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दुहाई देने वाली इस सरकार में यह हिम्मत है कि वह सत्ता और बाजार में अंग्रेजी के वर्चस्व को हाथ भी लगा सके।

सच यह है कि अंग्रेजी के वर्चस्व के खिलाफ लड़ाई अकेली हिंदी लड़ नहीं सकती। जब तक सभी भारतीय भाषाएं एक-दूसरे का हाथ नहीं पकड़तीं, यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। हिंदी को विशेष अधिकार नहीं बल्कि विशेष जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वह सभी भारतीय भाषाओं को जोड़े।

यह तभी संभव होगा अगर हिंदी छोटी मालकिन बनने का लालच छोड़, बाकी भारतीय भाषाओं की सास और खुद अपनी बोलियों की सौतेली मां बनने की बजाय उनकी सहेली बने। हिंदी देश की सभी भाषाओं के बीच पुल का काम कर सकती है, लेकिन तभी अगर वह खुद इसकी मांग न करे, बस बाकियों को अपने ऊपर से आने-जाने का मौका दे, अगर वह अपने भीतर हिंद देश की विविधता को आत्मसात कर पाए।

पहला संकल्प: हम हिंदी की पूजा-अर्चना करने की बजाय उसका इस्तेमाल करेंगे। सिर्फ घर और रसोई में ही नहीं, सामाजिक प्रतिष्ठा के मंचों पर हिंदी बोलेंगे, सोशल मीडिया पर हिंदी भी लिखेंगे। बचपन के संस्मरण को याद करने के लिए ही नहीं, देश-दुनिया के भविष्य की बात भी हिंदी में करेंगे। सिर्फ बुजुर्गों से नहीं, बच्चों से भी हिंदी में बात करेंगे, उन्हें हिंदी सिखाएंगे।

दूसरा संकल्प: हम हिंदी के शिल्पियों को मान देंगे, हिंदी के बाजार को पैसा देंगे। सिर्फ हिंदी के सीरियल देखने या क्रिकेट या राजनीति की कमेंट्री हिंदी में सुनने से भाषा नहीं बचेगी। भाषा तभी बचती है जब शब्द बचते हैं, गढ़े जाते हैं, साहित्य रचा जाता है, ज्ञान का निर्माण होता है। इसलिए ड्राइंग रूम में हिंदी का अखबार रखेंगे, बच्चों को बर्थडे गिफ्ट में हिंदी की किताबें भेंट करेंगे, असमिया और मलयालियों से सीखेंगे कि साहित्यकारों का सम्मान कैसे किया जाता है। हिंदी में बाल और किशोर साहित्य तथा विज्ञान रचना के लिए अनेक अवॉर्ड देंगे।

तीसरा संकल्प: हम शुद्ध हिंदी का आग्रह त्याग देंगे, हिंदी को अलग-अलग स्वर और व्याकरण में सुनने-पढ़ने की आदत डालेंगे। हिंदी तभी बड़ी बन सकती है जब वह बड़ा दिल रखे: आकाशवाणी की सरकारी हिंदी के साथ मुंबइया हिंदी, उर्दू से घुली-मिली हिंदी भी चलेगी, तो दर्जनों बोलियों में रंगी हिंदी भी। कबीर और रैदास की पुरानी हिंदी को समझेंगे तो साथ में ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र को अपनी नई हिंदी का आविष्कार करना होगा।

चौथा संकल्प: हर हिंदी भाषी एक गैर हिंदी भारतीय भाषा सीखेगा। रवींद्रनाथ ठाकुर, सुब्रह्मण्यम भारती, अमृता प्रीतम, कुवेंपु या नामदेव धसाल को मूल में पढ़ने से हिंदी भी समृद्ध होगी। तीसरी भाषा के नाम पर रट्टामार संस्कृत की खानापूर्ति की बजाय अगर उत्तर प्रदेश में तमिल, बिहार में बांग्ला, हरियाणा में तेलुगू, राजस्थान में कन्नड़, मध्यप्रदेश में मराठी और छत्तीसगढ़ में ओड़िआ सिखाई जाए तो हिंदी द्वेष अपने आप खत्म हो जाएगा।

पांचवां संकल्प: ‘राष्ट्रभाषा’ शब्द का इस्तेमाल हम हिंदीभाषी भूलकर भी नहीं करेंगे। संविधान या कोई भी कानून देश में किसी भी एक ‘राष्ट्रभाषा’ का जिक्र नहीं करता। बेहतर हो कि हिंदी ‘राजभाषा’ का कागजी आभूषण वापस कर दे। हिंदी के प्रचार-प्रसार का काम सरकार न करे।

अगर महात्मा गांधी या चक्रवर्ती राजगोपालाचारी सरीखा कोई गैर-हिंदी भाषी हिंदी के गुणगान करना चाहे तो उसकी मर्जी, हिंदी भाषी खुद यह काम छोड़ दें। 14 सितंबर को हिंदी दिवस की जगह भारतीय भाषाओं का ‘भाषा दिवस’ मनाया जाए। अंग्रेजी के वर्चस्व को तोड़ने का राष्ट्रीय आंदोलन तभी सफल होगा जिस दिन भारत में भारत की भाषाओं को किसी एक दिवस की जरूरत ही न रहे। (ये लेखक के अपने विचार हैं)



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योगेन्द्र यादव, सेफोलॉजिस्ट और अध्यक्ष, स्वराज इंडिया


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चीन पाक की तरह ईरान को भी मोहरा बनाना चाहता है; उसकी फौज को ट्रेनिंग देकर अमेरिका-इजराइल जैसे देशों के खिलाफ मोर्चाबंदी करना चाहता है

पिछले हफ्ते भारतीय विदेश नीति के हिसाब से दो घटनाएं अचानक हुईं, लेकिन वे दोनों ही महत्वपूर्ण रहीं। पहली, भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की चीनी रक्षामंत्री वेई फेंग्हे से भेंट और दूसरी, तेहरान रुककर ईरान के रक्षामंत्री से उनकी भेंट। ये दोनों घटनाएं पूर्व-नियोजित और सुनिश्चित नहीं थीं, लेकिन इनके परिणाम भारतीय विदेश नीति की दृष्टि से सार्थक हो सकते हैं।

ध्यान देने लायक बात यह है कि जब राजनाथ के मास्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने की खबर छपी तो विदेश मंत्रालय ने साफ-साफ कहा कि हमारे रक्षामंत्री चीन के रक्षामंत्री से वहां बात नहीं करेंगे। लेकिन बात हुई और दो घंटे हुई। चीनी रक्षामंत्री फेंग्हे ने तीन बार अनुरोध किया कि वे भारत के रक्षामंत्री से मिलना चाहते हैं और वे खुद चलकर उनके होटल आए।

चीन के इस शिष्टाचार का एक कारण यह भी हो सकता है कि भारत ने पिछले एक-डेढ़ हफ्ते में पेंगौंग झील के दक्षिण में चुशूल क्षेत्र की पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है। चीन को यह संदेश पहुंच चुका है कि भारत दबने वाला नहीं है।

दोनों रक्षामंत्रियों ने अपनी-अपनी सरकार के पहले से जाहिर रवैयों को जरूर दोहराया। लेकिन सारे मामलों को बातचीत से सुलझाने की पेशकश की। भारत के सैनिकों का बलिदान हुआ है और भारत में प्रतिशोध का भाव बढ़ा हुआ है। इसके बावजूद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी बात सलीके से पेश की।

चीनी रक्षामंत्री और साथ बैठे उनके अफसरों पर इस बात का काफी असर हुआ कि राजनाथ जी ने दोनों देशों के बीच शांति के लिए चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस की ऐतिहासिक उक्ति उद्धृत की। शायद इसी का परिणाम है कि अगले दो-तीन दिन में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर की मॉस्को में चीनी विदेश मंत्री से भेंट होगी।

चीनी रक्षामंत्री का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में ऊंचा स्थान है और राजनाथ भी मोदी मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ हैं। वे भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसी तरह वेई फेंग्हे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नजदीकी माने जाते हैं।

अब तक हमारे विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चीनी नेताओं से कई बार बात कर चुके हैं लेकिन मास्को में हुए उक्त संवाद का असर कुछ बेहतर ही होगा। यह असंभव नहीं, जैसा कि मैं शुरु से कह रहा हूं, कि अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिन फिंग के बीच संपूर्ण भारत-चीन सीमांत को पक्का करने पर सीधी बात हो सकती है।

यह ठीक है कि भारत-चीन, दोनों की जनता आवेश में है लेकिन दोनों देशों के नेता जानते हैं कि सीमांत पर युद्ध हुआ तो दोनों के लिए 1962 से भी ज्यादा विनाशकारी होगा। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने अभी तक कोई भी उत्तेजक बात नहीं कही है। इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं कि भारत चीनी अतिक्रमण को चुपचाप बर्दाश्त कर लेगा। भारत की सैन्य-तैयारी में कोई कमी नहीं है।

सैन्य-तैयारी के साथ-साथ कूटनीतिक मुस्तैदी भी भारत पूरी तरह दिखा रहा है। हमारे रक्षामंत्री का अचानक ईरान पहुंच जाना आखिर किस बात का सबूत है? इधर चीन ने ईरान के साथ जबरदस्त पींगें बढ़ाई हैं। एक-डेढ़ माह पहले दुनिया को पता चला कि चीन अब ईरान में 400 अरब डाॅलर की पूंजी लगाएगा। अगले 25 साल में होनेवाले इस चीनी विनियोग का लक्ष्य क्या है? ईरान को भी पाकिस्तान की तरह अपना मोहरा बना लेना। वह ईरान में सड़कें, रेलें, बंदरगाह, स्कूल और हॉस्पिटल बनाएगा।

ईरानी फौज को वह प्रशिक्षण, हथियार, जासूसी-सूचना आदि में सहयोग देगा। उसका लक्ष्य है, अमेरिका और उसके मित्रों इजराइल, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के खिलाफ मोर्चाबंदी करना। चीन फिर अमेरिका के विरोधियों- फिलस्तीन, सीरिया और तुर्की आदि को भी हवा देना चाहेगा। आजकल अमेरिका चीन का जितना विरोधी हो रहा है, उससे भी ज्यादा वह ईरान का है। ट्रम्प प्रशासन ने परमाणु मसले को लेकर ईरान पर दोबारा प्रतिबंध थोप दिए हैं। चीन इसी का फायदा उठाना चाहता है।

यह चीनी कूटनीतिक चक्रव्यूह भारत के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है, हालांकि प्रकट रूप से ऐसा कहा नहीं जा रहा। भारत ने ईरान के चाहबहार बंदरगाह और चाहबहार-जाहिदान सड़क बनाने का जो जिम्मा लिया हुआ है, वह खटाई में पड़ सकता है। मध्य एशिया के पांचों राष्ट्रों से ईरान के जरिए आवागमन की व्यवस्था अधर में लटक सकती है। अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए भारत ने जो जरंज-दिलाराम सड़क बनाई थी, चीन चाहेगा कि भारत उसके उपयोग से वंचित हो जाए।

पाक का वर्चस्व बढ़ाने के लिए चीन तालिबान की पीठ भी ठोक सकता है। चीन चाहेगा कि शिया ईरान और सुन्नी पाकिस्तान में कोई सांठ-गांठ हो जाए। हमारे रक्षामंत्री की यह ईरान यात्रा इन्हीं सब आशंकाओं के निराकरण की दृष्टि से हुई है। ईरान के संबंध अमेरिका से बहुत खराब हैं और आजकल भारत से अमेरिका के संबंध बहुत अच्छे हैं। इसके बावजूद भारत के रक्षामंत्री और विदेश मंत्री ईरानी नेताओं से बात कर रहे हैं, इसका अर्थ क्या है? क्या यह नहीं कि भारत किसी का पिछलग्गू नहीं है। वह अपने राष्ट्रहितों की रक्षा को सर्वोपरि समझता है। (ये लेखक के अपने विचार हैं)



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डॉ. वेदप्रताप वैदिक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष


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ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोरोना वैक्सीन की ट्रायल रोकी, टेस्टिंग में शामिल एक व्यक्ति बीमार हुआ

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रही लंदन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका को क्लीनिकल ट्रायल रोकनी पड़ी है। ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति के बीमार होने की वजह से यह फैसला लेना पड़ा। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उसने इसे रुटीन एक्शन बताया है। साथ ही कहा कि मरीज में बीमारी की गंभीरता का अभी पता नहीं चल पाया है।

'ट्रायल में ज्यादा देरी नहीं हो, इसका ध्यान रख रहे'
एस्ट्राजेनेका का कहना है, "ट्रायल के बीच किसी वॉलंटियर में समझ नहीं आने वाली बीमारी (अनएक्सप्लेन्ड इलनेस) सामने आती है तो, ट्रायल रोक देते हैं। बड़े ट्रायल्स में कभी-कभी ऐसा होता है, लेकिन इसका रिव्यू जरूर करना चाहिए। हम तेजी से इस काम को कर रहे हैं, ताकि ट्रायल की टाइमलाइन पर ज्यादा असर नहीं पड़े।"

9 कंपनियों के ट्रायल तीसरे फेज में हैं
एस्ट्राजेनेका ने तीसरे फेज के ट्रायल के लिए 30 हजार वॉलंटियर्स के रजिस्ट्रेशन 31 अगस्त से शुरू किए थे। एस्ट्राजेनेका उन 9 कंपनियों में से एक है जिनके वैक्सीन के ट्रायल तीसरे यानी आखिरी फेज में हैं।



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एस्ट्राजेनेका समेत दुनिया की 9 कंपनियों के क्लीनिकल ट्रायल तीसरे फेज में हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)


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कंगना आज मुंबई में Y कैटेगरी की सुरक्षा में बेधड़क घूमेंगी या क्वारैंटाइन कर दी जाएंगी? दिल्ली में आज से दो और लाइनों पर मेट्रो शुरू होगी

देश की पूर्वी सीमाओं पर चीन से तनाव है, लेकिन दो वजहों से मुंबई भी सुर्खियों में है। पहली वजह है कंगना रनोट और दूसरी है रिया चक्रवर्ती। तो चलिए, शुरू करते हैं आज की मॉर्निंग न्यूज़ ब्रीफ...

आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1.
आज कंगना Y कैटेगरी की सुरक्षा में मुंबई पहुंच सकती हैं। 7 दिन में वापसी का टिकट नहीं दिखाया तो एयरपोर्ट पर ही उनके हाथ पर क्वारैंटाइन की मुहर लग सकती है।
2. दिल्ली मेट्रो की ब्लू और पिंक लाइन पर 171 दिन बाद आज से मेट्रो शुरू होगी। सोमवार से सिर्फ यलो लाइन शुरू हुई थी।
3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्‍यप्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स से लाइव चर्चा करेंगे। यह चर्चा स्वनिधि योजना के तहत होगी। इस योजना के जरिए स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपए का कर्ज मिलता है।

अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें

1. चीन ने फिर झूठा दावा किया
एलओसी पर भारत की ओर से फायरिंग किए जाने के चीन के दावे को हमारी सेना ने झूठा बताया है। सेना ने कहा- 7 सितंबर को चीन की फौज हमारी फॉरवर्ड पोजीशन के करीब आने की कोशिश कर रही थी। उनके पास रॉड, भाले और धारदार हथियार थे। जब चीनी सैनिकों को रोका गया तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
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2. रिया चक्रवर्ती गिरफ्तार
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 84 दिन बाद रिया चक्रवर्ती मंगलवार को गिरफ्तार हो गईं। तीन एजेंसियां सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) रिया के खिलाफ जांच कर रही हैं। एनसीबी ने ड्रग्स केस में रिया को अरेस्ट किया है।
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3. स्कूल खुलेंगे, लेकिन आंशिक तौर पर
21 सितंबर से स्कूल खुलने जा रहे हैं, लेकिन आंशिक तौर पर। वह भी 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए। ऐसे स्टूडेंट्स टीचर्स से गाइडेंस लेने के लिए तय टाइम स्लॉट में स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए सरकार ने मंगलवार को गाइडलाइन जारी कर दी।
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4. रूस ने कोरोना वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' लॉन्च की
कोरोना वैक्सीन को लेकर एक और उम्मीद भरी खबर। रूस ने वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' पब्लिक के लिए रिलीज कर दी है। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि वैक्सीनेशन सरकार करेगी या इसे बाजार में उतारा जाएगा।
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5. बिहार में इस बार मास्क की बहार
भाजपा ने बिहार चुनाव से पहले सुशांत राजपूत की फोटो वाले 30 हजार मास्क बांटे हैं। वहीं, लोजपा ने बिहारी फर्स्ट वाले दो लाख मास्क बनाने का ऑर्डर दिया है। मिथिला पेंटिंग्स वाले मास्क भी चर्चा में हैं।
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6. कोरोना के बाद हार्ट और लंग्स खुद रिपेयर हो जाते हैं
कोरोना से हार्ट और लंग्स को लंबे समय तक नुकसान नहीं पहुंचता। ऑस्ट्रिया के रिसर्चर्स का दावा है कि संक्रमण खत्म होने के तीन महीने बाद हार्ट और लंग्स खुद-ब-खुद रिपेयर होने लगते हैं।
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7. आईपीएल की बायो-बबल दुनिया
बायो-बबल यानी ऐसा माहौल, जिसमें रहने वाले लोग बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाएं। कोरोना से बचाव के लिए आईपीएल में इस बार ऐसा ही होने जा रहा है। सभी खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ और मैच ऑफिशियल्स बायो-बबल में हैं। यानी एक तय दायरे के बाद इन लोगों के करीब कोई नहीं पहुंच सकेगा।
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अब 9 सितंबर का इतिहास
1920:
अलीगढ़ के एंग्लो ओरियंटल कॉलेज का नाम बदलकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी किया गया था।
1945: पहली बार कम्प्यूटर बग की खोज हुई थी।
1949: भारत की संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।
1967: एक्टर अक्षय कुमार का जन्म हुआ।

रूसी विचारक लियो टॉलस्टॉय का 1828 में आज ही के दिन जन्म हुआ था। उनके उपन्यास ‘युद्ध और शान्ति’ और ‘आन्ना करेनिना’ साहित्यिक जगत में बहुत मशहूर हैं। पढ़ें उन्हीं का एक विचार जो भारतीय राजनीति में तब चर्चा में आया, जब राहुल गांधी ने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए इसका इस्तेमाल किया...



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Will Kangana go rogue or quarantine the security of Y category in Mumbai today? Metro will start on two more lines in Delhi from today


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लॉकडाउन के बाद नया रिकॉर्ड, एक दिन में 1 करोड़ रुपए का दान मिला, रोजाना दर्शन करने वालों की संख्या 15 हजार तक पहुंची

आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों की रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। हर दिन दर्शन करने वालों की संख्या अब 15 हजार तक पहुंच गई है। रविवार, 6 सितंबर को मंदिर में लॉकडाउन हटने के बाद पहली बार एक दिन में रिकॉर्ड एक करोड़ का दान भी आया। अभी तक दान का औसत एक दिन में 50 से 60 लाख के बीच में था, लेकिन 28 अगस्त के बाद से दर्शन करने वालों की संख्या और दान की राशि दोनों में उछाल आया है।

बहरहाल, ये राशि अभी भी कोरोना काल से पहले आने वाले दान के आधे से भी कम है, लेकिन इस मुश्किल दौर में भी लोगों की मंदिर के प्रति आस्था देखकर ट्रस्ट काफी उत्साहित है। ट्रस्ट को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक परिस्थितियां काफी सुधर जाएंगी, मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी।

कोरोना के चलते 20 मार्च को मंदिर आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। करीब 80 दिन बाद 11 जून को फिर दर्शन शुरू हुए। हालांकि, मंदिर 8 जून को ही खोल दिया गया था, लेकिन पहले तीन दिन केवल मंदिर के कर्मचारी और उनके परिवारों के लिए ही दर्शन की इजाजत थी। 11 जून को दर्शन खुलते ही करीब 43 लाख रुपए का दान एक दिन में आया था, उस दिन 6000 लोगों ने दर्शन किए थे।

28 अगस्त से 6 सितंबर तक श्रद्धालु और दान का लेखा-जोखा

दिन श्रद्धालु दानराशि
28 अगस्त 2020 7,822 67 लाख
29 अगस्त 2020 9,486 57 लाख
30 अगस्त 2020 11,875 86 लाख
31 अगस्त 2020 11,036 78 लाख
1 सितंबर 2020 10,931 77.5 लाख
2 सितंबर 2020 11,641 90 लाख
3 सिंतबर 2020 11,885 72 लाख
4 सितंबर 2020 10,722 71 लाख
5 सितंबर 2020 13,486 71.5 लाख
6 सितंबर 2020 15,226 1.02 करोड़

मार्च में हर दिन करोड़ों का दान
19 मार्च को जब लॉकडाउन नहीं था, तब 42 हजार लोगों ने दर्शन किए थे और उस दिन करीब 2.24 करोड़ रुपए का दिन मिला था। 11 से 19 मार्च तक हर दिन करीब 2 करोड़ रुपए का दान आ रहा था। 1 से 10 मार्च के बीच रोजाना लगभग 50 से 60 हजार लोगों ने दर्शन किए थे और हर दिन दान का आंकड़ा 3 करोड़ रुपए से ज्यादा रहा।

तिरुपति बालाजी मंदिर को भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर के पास इस समय 1400 करोड़ का कैश डिपॉजिट और लगभग 8 टन सोना है।

इस साल 4 दिन ऐसे भी जब 4 करोड़ से ज्यादा दान
2020 में 4 दिन ऐसे भी रहे हैं, जब मंदिर में दान की राशि एक दिन में रिकॉर्ड 4 करोड़ से ज्यादा रही है। 19 फरवरी को सबसे ज्यादा 4.41 करोड़ रुपए का दान मंदिर को एक दिन में मिला। 24, 26 जनवरी और 19, 28 फरवरी को 4 करोड़ रुपए एक दिन में मिले हैं। जनवरी का भी एवरेज दान 3 करोड़ रुपए था।

लॉकडाउन खुलने के बाद 750 से ज्यादा कोरोना केस
11 जून को मंदिर खुलने के बाद से ही ये बहस भी शुरू हुई कि मंदिर खोलना आवश्यक है भी या नहीं। मंदिर खुलते ही ट्रस्ट के कर्मचारियों की रिपोर्ट्स पॉजिटिव आना शुरू हुईं। जून में करीब 80 कर्मचारी संक्रमित थे, जिनकी संख्या अगस्त आते-आते 750 के करीब हो गई। लेकिन, ना मंदिर में दर्शन बंद हुए और ना भक्तों का आना।

इस दौरान मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी की कोरोना से मौत भी हो गई। मंदिर ट्रस्ट के कुल 21 हजार कर्मचारी हैं। कोरोना गाइड लाइन के चलते 60 साल से अधिक के कर्मचारी और पुजारियों को मंदिर में नहीं आने दिया जा रहा है। सुखद बात ये रही कि मंदिर में इतने कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी एक भी श्रद्धालु संक्रमित नहीं हुआ।



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Tirupati Balaji New record after lockdown, donation of 1 crore rupees a day, number of daily visits reached 15 thousand


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अनलॉक के तीन महीनों बाद भी हाल बेहाल; चार इंडिकेटर्स से जानिए क्या है भारत की इकोनॉमी का स्टेटस

कोरोनावायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था थम-सी गई थी। अनलॉक शुरू होते ही धीरे-धीरे गतिविधियों में तेजी आई। इन तीन महीनों में भारत की इकोनॉमी ने किस तरह गति पकड़ी है, यह समझने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च टीम ने स्टडी की और रिपोर्ट बनाई है।

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट कहती है अप्रैल से अगस्त के पांच महीनों में देश के 24 राज्यों की जीडीपी को 41 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पिछले साल की तुलना में जीएसटी कलेक्शन घट गया है। बचत खाते में तो जमा बढ़ा, लेकिन चालू खाते में डिपॉजिट पिछले साल के स्तर तक पहुंच नहीं सका है।

मैन्युफैक्चरिंग को गति मिलते ही बिजली खपत बढ़ी

  • डिमांड बढ़ते ही मैन्युफैक्चरिंग ने भी रफ्तार पकड़ ली है। इसका पता इस बात से चलता है कि बिजली की खपत बढ़ रही है। मई में फैक्ट्रियां बंद थीं, इस वजह से बिजली उत्पादन 21% कम रहा था।

  • जून के बाद से हर महीने बिजली की मांग बढ़ रही है। इसका मतलब है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पटरी पर लौट रहा है। लेकिन, कोरोना के बढ़ते केस की दूसरी लहर भी परेशान कर रही है। उत्तरप्रदेश में बिजली खपत जून से जुलाई में बढ़ी, लेकिन अगस्त में घट गई।

  • इसी तरह महाराष्ट्र में जून के मुकाबले जुलाई और अगस्त में बिजली खपत कम रही। गुजरात, तमिलनाडु और पंजाब में भी कमोबेश यही स्थिति रही। ओवरऑल मांग बढ़ी है, यह बताता है कि छोटे और मध्यम उद्योगों में हलचल हुई है।

मालभाड़े में बढ़त, लेकिन पिछले साल से कम

  • रेलवे को मालभाड़े से कमाई पिछले साल से कम ही हो रही है। जून-2019 के मुकाबले इस साल जून में मालभाड़े से आय 17% कम रही। हालांकि, जुलाई में यह अंतर घटकर 10% और अगस्त में 1.8% रह गया।

करेंट अकाउंट में डिपॉजिट घटा, सेविंग्स में बढ़ा

  • बचत खाते में होने वाले डिपॉजिट्स बढ़े हैं, लेकिन कारोबारियों के करेंट अकाउंट यानी चालू खाते में अब भी पैसा कम ही आ रहा है। 2019 के जून के मुकाबले इस साल सेविंग अकाउंट में जमा 91 हजार करोड़ घट गया। जुलाई में अंतर खत्म हुआ और 45 हजार करोड़ रुपए ज्यादा जमा हुए। अगस्त में भी पिछले साल के मुकाबले 29 हजार करोड़ रुपए ज्यादा जमा हुए।
  • वहीं, करेंट अकाउंट में डिपॉजिट देखें तो जून में 2019 के मुकाबले करीब 65 हजार करोड़ रुपए ज्यादा था। लेकिन, जुलाई में 3,650 करोड़ और अगस्त 23,280 करोड़ रुपए कम डिपॉजिट हुआ।

जीएसटी कलेक्शन लगातार घट रहा है

  • पिछले साल जून की तुलना में इस साल जीएसटी कलेक्शन 8,420 करोड़ रुपए कम था। जुलाई में अंतर बढ़ा और अगस्त में यह अंतर 11,760 करोड़ रुपए कम रहा।


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India Economy | State Bank of India (SBI) Latest Research Report On Indian Economy: 24 States Have Host Learly Rs 41 Lakh Crores Since April


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भारत के वीर सपूत कैप्‍टन विक्रम बत्रा आज 46 साल के होते; अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना को 100 साल पूरे हुए

यारों के यार और भारत माता के वीर सपूत लेफ्टिनेंट विक्रम बत्रा का जन्म 1974 में पालमपुर में हुआ था। जिस समय दुश्मन ने कारगिल की पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया था, तब सेना की 12 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में तैनात थे। विक्रम बत्रा के नेतृत्व में टुकड़ी ने हम्प व राकी नाब स्थानों को जीता और इस पर उन्हें कैप्टन बना दिया था।

श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर महत्वपूर्ण 5140 पॉइंट को पाक सेना से मुक्त कराया। बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के बाद भी कैप्टन बत्रा ने 20 जून 1999 को सुबह तीन बजकर 30 मिनट पर इस चोटी को कब्जे में लिया। कैप्टन बत्रा ने जब रेडियो पर कहा- ‘यह दिल मांगे मोर’ तो पूरे देश में उनका नाम छा गया। इसके बाद 4875 पॉइंट पर कब्जे का मिशन शुरू हुआ। तब आमने-सामने की लड़ाई में पांच दुश्मन सैनिकों को मार गिया। गंभीर जख्मी होने के बाद भी उन्होंने शत्रु की ओर ग्रेनेड फेंके। खुद जीवित नहीं रहे, लेकिन भारतीय सेना को मुश्किल जीत दिलाई। कैप्टन बत्रा को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

100 साल का हुआ एएमयू

1856 में अलीगढ़ भारतीय मुसलमानों का सांस्कृतिक केंद्र बन गया था। सर सैयद अहमद खां ने यहां एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज बनाया था। कुछ ही दिनों में यह मुसलमानों को अंग्रेजी शिक्षा देने वाला प्रमुख केंद्र बन गया। 1920 में अलीगढ़ कॉलेज एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन गया। इस दौरान यह राजनीतिक गतिविधियों का भी प्रमुख केंद्र बन चुका था। जब कॉलेज बना था, तब इसके पास 78 एकड़ जमीन थी, अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनवर्सिटी (एएमयू) का परिसर एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

क्वीन एलिजाबेथ ने रचा इतिहास

क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय इस समय यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जमैका, बारबडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी आदि देशों की महारानी हैं। वह कॉमनवेल्थ के 54 देशों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश महारानी के तौर पर इंग्लिश चर्च की सुप्रीम गवर्नर हैं। भारत समेत कॉमनवेल्थ के 15 स्वतंत्र देशों की संवैधानिक महारानी हैं। 6 फरवरी 1952 को उनका राज्याभिषेक हुआ और 2015 में 9 सितंबर को उन्होंने अपनी परदादी क्वीन विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल का कीर्तिमान तोड़ दिया। वह आज तक ब्रिटेन पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली क्वीन हैं।

क्वीन एलिजाबेथ का फरवरी 1952 में राज्याभिषेक हुआ था।

इतिहास के पन्नों में आज के दिन को इन घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

  • 1776: कांग्रेस ने औपचारिक रूप से यूनाइटेड कॉलोनी से बदलकर देश का नाम यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका यानी यूएसए रखा।
  • 1828: प्रसिद्ध रूसी लेखक लियो टॉलस्टॉय का जन्म हुआ।
  • 1945: पहले कंप्यूटर बग की खोज हुई।
  • 1948: यूएसएसआर की मदद से किम II-संग ने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया बनाया।
  • 1939ः द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी सेना वर्साय पहुंची।
  • 1965ः तिब्बत चीन का स्वायत्त क्षेत्र बना।
  • 1967ः युगांडा ब्रिटेन से आज़ाद हुआ।
  • 1976: चीन के मार्क्सवादी नेता माओ जेडोंग की मौत हुई थी। 1949 में कम्युनिस्ट टेकओवर के बाद की अवधि में उनका चीन पर प्रभुत्व रहा।
  • 1991ः तज़ाकिस्तान ने सोवियत संघ से स्वतंत्रता हासिल की।
  • 1999ः भारत के महेश भूपति तथा जापान की आर्क सुगियामा की जोड़ी ने अमेरिकी ओपन का मिक्स डबल्स खिताब जीता।
  • 2004ः फ़िलिस्तीन के प्रधानमंत्री अहमद कुरेई ने अपने पद से इस्तीफा दिया।
  • 2005ः बीजिंग (चीन) स्थित छाओयांग पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण।
  • 2006ः अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए इजरायल ने लेबनान की आठ हफ्तों की नौसैनिक घेराबन्दी समाप्त की।
  • 2012: इसरो ने लगातार 21 सफल पीएसएलवी लॉन्च पूरे किए।


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Birth of Bharat Veer Support Captain Vikram Batra 46 years ago, Establishment of Aligarh Muslim University 100 years ago


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लक्ष्मी के चेहरे पर गहरे निशान थे, उस पर पति ने सब्जी काटने वाले चाकू से हमला किया था, भाई का एक कॉल बहुत काम आया

आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की लक्ष्मीश्री (परिवर्तित नाम) के चेहरे पर काफी गहरे निशान थे। पति ने उन पर सब्जी काटने वाले चाकू से हमला किया था। घाव में पस पड़ गया था। लक्ष्मी के पास इलाज करवाने के पैसे नहीं थे। उन्हें उनका भाई सरकारी अस्पताल में ले गया था, जहां हालत बिगड़ती जा रही थी। फिर उसने महिलाओं के लिए काम करने वाले एनजीओ में संपर्क किया और बहन के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए 75 हजार रुपए की मदद मांगी। दो दिन में ही उसे 50 हजार रुपए की मदद दे दी गई और बहन का इलाज भी शुरू हो गया। अब लक्ष्मी की हालत ठीक है।

पति के हमले से लक्ष्मीश्री को चेहरे पर काफी गहरी चोट आई थी। वे कई दिनों तक अस्पताल में एडमिट रहीं।

इस मामले में 13 जून को एफआईआर दर्ज हुई थी। यह घरेलू हिंसा का मामला था, जिसमें नशे में पति ने पत्नी पर हमला किया था। लक्ष्मी यह दर्द बीते आठ सालों से सह रही है। उसे कोई रास्ता नजर नहीं आता। पति शराब पीकर आता है और उसके साथ मारपीट करता है। इस बार के हमले से तो मरते-मरते बची। लक्ष्मी को जिस महिला से मदद मिली वो भी घरेलू हिंसा की शिकार रही हैं और अब न सिर्फ अपने कदमों पर खड़ी हैं, बल्कि अपने एनजीओ के जरिए तमाम महिलाओं की मदद भी कर रही हैं। इनका नाम है रेने ग्रेसे।

रेने की शादी 18 साल की उम्र में ही हो गई थी। उनकी हालत तो ऐसी थी कि जब उनके साथ घरेलू हिंसा हो रही थी, तब उन्हें ये भी नहीं पता था कि जो हो रहा है, वो घरेलू हिंसा होती है। कई सालों तक प्रताड़ित होते रहीं, फिर समझ आया कि उनके साथ हिंसा की जा रही है। फिर उन्होंने न सिर्फ पति को छोड़ा, बल्कि महिलाओं की मदद के लिए एनजीओ भी बना दिया और खुद एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम भी करती हैं।

लॉकडाउन में लोगों के पास खाने तक को नहीं था। रेने कहती हैं, हमने इन्हें आर्थिक मदद के साथ ही मेंटल सपोर्ट भी दिया।

लक्ष्मी का मामला invisible scars की फाउंडर एकता विवेक वर्मा के पास आया था। उन्होंने अपने फेसबुक पर इसे पोस्ट किया। वहां से रेने को इस बारे में पता चला और वो महिला की मदद के लिए फंड इकट्ठा करने में जुट गईं। एकता कहती हैं, दो दिन में ही 50 हजार जुटा लिए गए।

दरअसल, रेने इस दर्द को इसलिए बहुत अच्छे से समझती हैं कि वो खुद इससे गुजर चुकी हैं। लॉकडाउन में ऐसी तमाम सर्वाइवर तकलीफों का सामना कर रही महिलाओं की मदद के लिए आगे आई हैं, जो खुद इसका शिकार हो चुकी हैं। मप्र के भोपाल में ऐसा ही गौरवी वन स्टॉप सेंटर है, जो दिल्ली में 2012 में हुए गैंगरेप कांड के बाद बना है। यह संस्था पीड़ितों को कानूनी, वित्तीय, सामाजिक और साइकोलॉजिकल सपोर्ट देती है।

गौरवी को मैनेज करने वाली एक्शन इंडिया संस्था की डायरेक्टर सारिका सिन्हा कहती हैं, लॉकडाउन में उनके सेंटर को 1400 कॉल मदद के लिए आए। इसमें घरेलू हिंसा के साथ ही बलात्कार, तस्करी और गर्भवती महिलाओं के साथ हुई हिंसा की शिकायतें भी शामिल थीं।

इसमें खास बात ये है कि जो महिलाएं पहले हिंसा का शिकार रही हैं, वही अब अपनी इच्छा से दूसरी पीड़ित महिलाओं के लिए आगे आ रही हैं। सीमा (परिवर्तित नाम) की 2002 में शादी हुई थी। शादी के बाद से ही वे घरेलू हिंसा का शिकार थीं। उनके साथ मारपीट होती थी। कुछ साल अकेली रहीं। फिर 2005 से उन्होंने कामधंधा शुरू किया। 2017 में उनके और पति के बीच समझौता भी हो गया और अब सब साथ में ही रहते हैं। सीमा ने पूरे लॉकडाउन में राशन बांटने का काम किया है।

कहती हैं, गौरवी सेंटर से राशन के पैकेट मिलते थे, हम सुबह 9 बजे से बांटने निकल जाते थे। हमें सेंटर के जरिए ही पता चलता था कि किस क्षेत्र से कॉल आए हैं, जहां सबसे ज्यादा परेशानी है। राशन बांटने में पूरा दिन लग जाता था और यह काम सीमा सहित तमाम महिलाएं मुफ्त में करती हैं, क्योंकि वो उस दर्द को समझती हैं, जो उन्हें मिला। इसलिए दूसरी महिलाओं की मदद करना चाहती हैं। कहती हैं, घर में खाने-पीने को न हो तो मारपीट शुरू हो जाती है और महिलाओं को हिंसा का शिकार भी होना पड़ता है।

गौरवी से जुड़ी महिलाएं इस तरह रोजाना राशन बांटने निकलती थीं। इस काम में उन्हें पूरा दिन बीत जाता था।

ऐसी ही एक योद्धा राधिका (परिवर्तित नाम) भी हैं, जिनकी 2014 में शादी हुई थी। पति और सास से अनबन होती थी, जो बाद में मारपीट में बदल गई। वे हर रोज तलाक की धमकी देते थे। 2015 में राधिका ससुराल छोड़कर आ गईं। कहती हैं, लॉकडाउन में और इसके पहले भी जो भी परेशान महिलाएं मेरे संपर्क में आती हैं, मैं उन्हें परामर्श देती हूं। संस्था में ले जाती हूं। वहां सर, मैडम से बात करवाती हूं। लॉकडाउन में बहुत सारी महिलाओं का खाने के लिए फोन आया। उनके घर मैंने सामान की किट बांटी। उसमें सिर्फ राशन ही नहीं, बल्कि सैनेटरी पैड भी थे। दोनों टाइम राशन मिलने से कई परिवार बर्बाद होने से बच गए।

राधिका कहती हैं, लॉकडाउन में कइयों के घर तो इलाज न करवा पाने के चलते भी टूटे। सुमन लोधी (परिवर्तित नाम) के बच्चे के दिमाग में कुछ दिक्कत थी। पति ने इलाज करवाने के बजाए गांव जाने की बात कही। हम उस महिला के बारे में पता चला तो हमने संस्था के जरिए न सिर्फ उसके बच्चे का इलाज करवाया, बल्कि उसे अकेले खड़े होने की ताकत भी दी।

राधिका कहती हैं, हमने जो दर्द सहा है, उसे बहुत अच्छे से जानते हैं इसलिए इस दौर में उन महिलाओं की मदद करना चाहते हैं, जो परेशान हैं। राधिका की ही तरह माया भी घरेलू हिंसा से पीड़ित रही हैं। पति शक करते थे। किसी से बात नहीं करने देते थे। कुछ कहो तो मारपीट करते थे। इसके बाद माया ने खुद को ससुराल से दूर कर लिया। लॉकडाउन में जो खाने के पैकेट बांटे जाते थे, उन्हें पैक करने का काम करती थीं। कहती हैं, ऐसा करके सुकून मिलता है।

इन हेल्पलाइन नंबर पर आप कॉल कर मदद ले सकते हैं।


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Lakshmi had deep marks on her face, she was attacked by her husband with a vegetable cutting knife, a call from the brother was very useful.


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