शनिवार, 12 सितंबर 2020

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 48 वें नंबर पर, पेटेंट कराने तक में भारत बहुत कमजोर, कैसे बनेगा भारत विश्व गुरु

हाल ही में वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूआईपीओ), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और इनसीड बिजनेस स्कूल ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2020 जारी किया है। इसके अनुसार भारत पहली बार टॉप-50 में जगह बनाने में कामयाब रहा है। भारत इस सूची में 48वें स्थान पर है। टॉप पर 66.08 स्कोर के साथ स्विट्जरलैंड है, जबकि स्वीडन (62.47) दूसरे, अमेरिका (60.56) तीसरे और ब्रिटेन (59.78) चौथे स्थान पर है।

इनोवेशन इंडेक्स तय होता है इनपुट और आउटपुट के आधार पर। इनपुट का मतलब है देश रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए उससे जुड़े संसाधनों, मैनपॉवर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर कितना खर्च कर रहा है। वहीं, आउटपुट यानी उससे देशों को इनोवेशन के तौर पर क्या नया मिल रहा है और कितने प्रोजेक्ट पेटेंट हो रहे हैं।

पेटेंट कराने में पिछड़ रहा है भारत

  • ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन और डेवलपमेंट के अनुसार भारत आरएंडडी यानी रिसर्च और डेवलपमेंट पर अपनी जीडीपी का सिर्फ 0.7% खर्च करता है। वहीं, जापान (3.2%), अमेरिका (2.8%) और चीन (2.1%) का शेयर ज्यादा होता है।
  • साइंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक 2005 से 2018 के बीच भारत में 80% पेटेंट विदेशी कंपनियों या लोगों ने फाइल किए। देश में जितने पेटेंट फाइल हुए उसमें 45% हिस्सेदारी अमेरिका, जापान और जर्मनी के रिसर्चर्स की है।

पड़ोसियों से बेहतर है स्थिति भारत की

चीन को छोड़कर हम पड़ोसियों से बेहतर स्थिति में है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में चीन 11वें नंबर पर है। चीन से हमारे 18.25 अंक कम है और इसकी वजह से रैंकिंग में 37 पायदान पीछे हैं। इस रैंकिंग में नेपाल (24.35) 95वें, पाकिस्तान (22.31) 107वें और बांग्लादेश (20.3) 116वें नंबर पर है।

टेक्नोलॉजी और मार्केट में रैंकिंग बेहतर

अलग-अलग सेक्टर में रैंकिंग देखें तो टेक्नोलॉजी और मार्केट में भारत की रैंकिंग 27वीं और 31वीं है। दोनों ही क्षेत्रों में भारत में आरएंडडी हो रही है। लेकिन इंस्टिट्यूशंस जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर में हम 61वें नंबर पर हैं। इसमें ही यूनिवर्सिटी, कॉलेज और संस्थानों में रिसर्च के लिए भारत बहुत कम खर्च कर रहा है। ह्यूमन कैपिटल और रिसर्च में हम 60वें नंबर पर हैं। रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर ध्यान कम दिया जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर में हमारी हालत और भी खराब है और रैंकिंग में 75वें स्थान पर हैं। क्रिएटिव आउटपुट और बिजनेस के क्षेत्र में भी हम 55वें और 64वें नंबर पर हैं।

आईसीटी हार्डवेयर पर सबसे ज्यादा खर्च

पूरी दुनिया में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में जितना खर्च हो रहा है, उसका 23.5% खर्च अकेले आईसीटी हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स पर हो रहा है। दुनिया इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टूल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर सबसे ज्यादा खर्च कर रही है। फार्मेसी और बायोटेक्नोलॉजी यानी दवाइयों पर 19%, ऑटोमोबाइल पर 15.6%, सॉफ्टवेयर और आईसीटी सेवाओं पर 14.4% और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और ट्रांसपोर्टेशन पर 3.8% खर्च हो रहा है।



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Global Innovation Index | India ranks number 48 in the Global Innovation Index: China ranks 11 Switzerland Ranks 1st India ranks number 48 in the Global Innovation Index, India is very weak even on the patent front, 8 out of 10 patents in India are foreign.


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मोदी ने आवास योजना के तहत घरों का वर्चुअल उद्घाटन किया, कहा- कोरोना के बावजूद 125 की जगह 45 से 60 दिन में घर बनवाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बने 1.75 लाख घरों का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत घर पाने वाले तीन लोगों से मोदी ने बात भी की। इनमें धार जिले के सरदारपुर गांव के गुलाब सिंह, सिंगरौली जिले के प्यारेलाल यादव और ग्वालियर जिले के नरेंद्र नामदेव शामिल हैं।

गृह प्रवेश के दौरान प्रधानमंत्री से बातचीत करते ग्रामीण।

कोरोना की रुकावटों के बावजूद 18 लाख घर तैयार किए
मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन लगते हैं, लेकिन कोरोना के समय में इस योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया। आपदा को अवसर में बदलने का ये सबसे अच्छा उदाहरण है। कोरोना काल में तमाम रुकावटों के बीच देशभर में 18 लाख घरों का काम पूरा किया गया। पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही।"

'कोरोना नहीं होता तो आपकी खुशी में शामिल होने आपके घर आता'
प्रधानमंत्री ने घर पाने वाले लोगों से कहा, "इस बार आपकी दीवाली और दूसरे त्योहारों की खुशियां कुछ और ही होंगी। कोरोनाकाल नहीं होता तो आज आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने के लिए आपके घर का एक सदस्य, आपका प्रधान सेवक आपके बीच होता। आज का कार्यक्रम मध्य प्रदेश समेत देश के सभी बेघर साथियों को एक विश्वास देने वाला पल है। जिनका अब तक घर नहीं, एक दिन उनका भी घर बनेगा, उनका भी सपना पूरा होगा।"

गांव के लोगों ने मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाया। सभी गांव वालों ने मिलकर मदद की।

इस योजना के तहत 12 हजार गांवों में घर तैयार किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी परिवारों को उनका अपना घर होने का लक्ष्य रखा है। सरकार को उम्मीद है कि मार्च 2022 तक 2 करोड़ घर बनकर तैयार हो जाएंगे।

परिजनों और गांव वालों के साथ मिलकर काम करने से मजदूरी बच गई।

प्रधानमंत्री का 70वां जन्मदिन सेवा सप्ताह के तौर पर मनाया जाएगा
भाजपा 17 सितंबर को मोदी के 70वें जन्मदिन को सेवा सप्ताह के रूप में मनाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों की योजनाएं बंद कर दीं और उनके लिए मंजूर 2 लाख 43 हजार घर लौटाकर गरीबों के सिर से छत छीन ली थी। अब उन्हें पक्के घर का सुख मिलेगा।



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मोदी ने कहा कि एक घर बनाने में औसतन 125 दिन लगते हैं, लेकिन 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिए।


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एक्टर ने अपनी मां के नाम पर स्कॉलरशिप का ऐलान किया, गरीब बच्चों की पढ़ाई से खाने और रहने तक का खर्च उठाएंगे

लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूरों और देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों को घर पहुंचाने वाले सोनू सूद अब गरीब बच्चों की मदद करेंगे। उन्होंने अपनी मां सरोज सूद के नाम पर एक स्कॉलरशिप शुरू की है, जो गरीब बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए दी जाएगी।

कैसे आया आइडिया?

एक बातचीत में सोनू ने बताया- बीते कुछ महीनों के दौरान मैंने देखा कि तंगी में जिंदगी गुजार रहे लोगों को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ रहा है। कुछ के पास ऑनलाइन क्लासेस अटेंड करने के लिए फोन नहीं हैं। कुछ के पास फीस भरने के पैसे नहीं हैं। इसलिए मैंने अपनी मां प्रोफेसर सरोज सूद के नाम से स्कॉलरशिप शुरू करने के लिए देशभर की यूनिवर्सिटीज से टाईअप किया।

मुफ्त शिक्षा देती थीं सरोज

सोनू आगे कहते हैं- मां मोंगा (पंजाब) में मुफ्त शिक्षा दिया करती थीं। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं उनके काम को आगे लाकर जाऊं। मुझे लगा कि इसका सही समय यही (लॉकडाउन और कोरोना के बाद) है।"

किसे मिलेगी स्कॉलरशिप?

सोनू सूद की यह स्कॉलरशिप मेडिसिन, इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स एंड ऑटो-मोशन साइबर सिक्युरिटीज, डाटा साइंस, फैशन और बिजनेस स्टडीज जैसे कोर्स के लिए मिलेगी।

क्या होना चाहिए सालाना इनकम

सोनू कहते हैं, "ऐसे परिवारों से आने वाले स्टूडेंट्स, जिनकी सालाना इनकम दो लाख रुपए से कम है, वे स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। शर्त सिर्फ एक ही है कि उनका एकेडमिक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए। उनके सभी खर्चे, जैसे कि कोर्स और होस्टल की फीस और खाने तक की जिम्मेदारी हम उठाएंगे।"



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सोनू सूद की इस स्कॉलरशिप के जरिए गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद मिलेगी।


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एक्ट्रेस की पिछली 3 रातें बिना पंखे के गुजरीं, जमीन पर चटाई बिछाकर सोती हैं; आज हाईकोर्ट में जमानत की अपील कर सकती हैं

ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती का जेल में आज चौथा दिन है। सूत्रों के मुताबिक उनकी बीती 3 रातें बिना पंखे के गुजरीं। हालांकि, बताया जा रहा है कि रिया को जल्द टेबल फैन मिल जाएगा, कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है। उनकी सेल में बेड भी नहीं है, इसलिए जमीन पर चटाई बिछाकर सोती हैं। एक्ट्रेस को अभी एक कंबल और बेडशीट दी गई है, लेकिन तकिया नहीं मिला है।

रिया को हल्दी वाला दूध दिया गया
रिया की सेल के बाहर 3 शिफ्टों में 2 कांस्टेबल 24 घंटे पहरा दे रहे हैं। जेल अधिकारियों ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते कैदियों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी वाला दूध दिया जा रहा है। भायखला जेल में पिछले कुछ महीनों में कोरोना के कई मामले सामने आए हैं।

मुंबई-गोवा में नारकोटिक्स ब्यूरो के छापे, 2 लोग हिरासत में लिए
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ड्रग्स केस में गिरफ्तार आरोपियों के बयानों के आधार पर मुंबई और गोवा में 5 जगहों पर छापेमारी कर 2 लोगों को हिरासत में लिया है। कार्रवाई अभी भी चल रही है।

रिया ने ड्रग्स एंगल में 3 बड़े सेलेब्रिटीज के नाम लिए- रिपोर्ट
अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने ड्रग्स कनेक्शन में रिया के हवाले से एक्ट्रेस सारा अली खान, रकुलप्रीत सिंह और डिजाइनर सिमोन खंबाटा के नामों का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक तीनों का ड्रग्स कनेक्शन है और ये ऐसी पार्टीज में शामिल होती थीं, जिनमें ड्रग्स यूज किया जाता था। एनसीबी अब इनके ख‍िलाफ सबूत जुटाकर समन भेजेगी।



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फोटो बुधवार की है। उस दिन रिया को एनसीबी ऑफिस से भायखला जेल में शिफ्ट किया गया था।


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कर्नाटक के इस गांव में बच्चे स्कूल नहीं जा सकते तो खुद उनके घर पहुंच रहा है स्कूल, हर दिन ढाई घंटे लगती है क्लास

कर्नाटक के गुलबर्गा जिले में एक गांव है ओकली। शहर से 40 किमी दूर बसे इस गांव में करीब 4500 लोग रहते हैं, ज्यादातर लोग खेती-किसानी का काम करते हैं। पूरे गांव में एक ही सरकारी स्कूल है जहां 200 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। कुछ बच्चे पास के दूसरे गांवों से भी यहां पढ़ने आते हैं। कोरोना के चलते जब स्कूल बंद हुआ तो यहां के बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई। उनके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की भी सुविधा नहीं थी कि वे ऑनलाइन पढ़ सकें।

स्कूल के प्रिंसिपल सिद्धरमप्पा बिरादर कहते हैं कि स्कूल बंद होने के चलते बच्चे दिनभर इधर- उधर घूमते रहते थे। उनके घर वालों ने बताया कि वे पहले का पढ़ा हुआ भी भूलते जा रहे हैं। इसके बाद हमने स्कूल के शिक्षकों के साथ बैठक की और तय किया कि अगर बच्चे स्कूल नहीं आ सकते तो हम स्कूल को ही बच्चों तक लेकर जाएंगे।

बच्चों को छोटे- छोटे ग्रुप्स में बांट दिया गया। हर ग्रुप में 20-25 बच्चों को रखा गया ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रह सके। बच्चों को मास्क और साफ- सफाई से जुड़ी चीजें भी दी गईं।

गुरुबसप्पा रक्कासगी, ओकली के सरकारी स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाते हैं। कहते हैं, 'कोरोना संक्रमण के चलते बच्चे स्कूल नहीं आ सकते थे। इसलिए हमने तय किया कि हम लोग ही बच्चों तक जाएंगे। हमने गांव में बच्चों के माता-पिता और वहां के स्थानीय नेताओं को बुलाया और कहा कि हम बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए ओपन स्पेस की जरूरत होगी, हम खुले में ही बच्चों को पढ़ाएंगे। गांव वाले संक्रमण को लेकर डरे हुए थे, लेकिन बच्चों की पढ़ाई नहीं होने से भी परेशान थे। उन्होंने सहमति दे दी और जगह भी मुहैया करा दी।

कुछ ही हफ्तों में ओकली में 8 कम्युनिटी स्कूल खुल गए। कुछ मंदिर में, कुछ कम्युनिटी हॉल के बरामदे में तो कुछ खुले आसमान के नीचे। बच्चों को छोटे- छोटे ग्रुप्स में बांट दिया गया। हर ग्रुप में 20-25 बच्चों को रखा गया ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रह सके। बच्चों को मास्क और साफ- सफाई से जुड़ी चीजें भी दी गई। हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक पढ़ाई होती है।

रक्कासगी कहते हैं कि हमारे पास न तो किताबें थीं, न ही ब्लैक बोर्ड था। इसलिए हमने तय किया कि कहानी और कविता के जरिए पढ़ाएंगे। हम उन्हें कहानी सुनाते हैं और उसके आधार पर वे अपना पाठ याद करते हैं। बच्चे भी इस तरीके को पसंद कर रहे हैं। उन्हें कहानी के साथ ऐसी और भी एक्टिविटीज कराई जाती हैं, जिससे उनका मन लगता रहे और वे आसानी से सीखते भी रहें।

ओकली गांव के इस मॉडल को अब दूसरे गांव के लोग भी अपना रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार भी अब इस मॉडल को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी दिखा रही है। कुछ दिन पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री एस सुरेश ने स्कूल के प्रिंसिपल को बुलाकर उनके काम की तारीफ की थी। हाल ही में शिक्षा विभाग ने भी निर्देश जारी कर दूसरे स्कूलों को भी इस मॉडल को अपनाने को कहा है।

टीचर खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाई भी करवा रहे हैं। बच्चे आसानी से समझ सकें, इसलिए एक्टिविटीज पर फोकस किया जाता है।

सैकेंडरी एजुकेशन के डायरेक्टर कृष्णा एस करिचनवर कहते हैं, 'हमने हर स्कूल में टीचर्स से तीन तरह की क्लास तैयार करने को कहा है। एक जिसमें छात्रों के पास किसी तरह की टेक्नोलॉजी की सुविधा नहीं है। दूसरी जिसमें बच्चों के पास स्मार्टफोन तो है, लेकिन इंटरनेट नहीं है और तीसरी जिसमें बच्चों के पास सभी सुविधाएं हैं। इनमें से जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं हैं, उनके घर हफ्ते में कम से कम एक बार शिक्षकों को जाना है या उन्हें किसी खुली जगह पर बुलाकर पढ़ाना है।

एक टीचर कहते हैं कि छात्रों को ऑनलाइन एजुकेशन से भले इंगेज किया जा सकता है, लेकिन ठीक तरह से पढ़ाया और समझाया नहीं जा सकता। इसलिए मैंने अपने घर में ही एक छोटा सा स्कूल और लाइब्रेरी खोल दी है। जहां बच्चे आकर पढ़ाई करते हैं।

वे कहते हैं कि हमने बच्चों को किताबी नॉलेज से अलग हटकर प्रैक्टिकल के तौर पर भी कुछ चीजें सिखाना शुरू किया है। हम बच्चों को टास्क देते हैं कि वे अपने पिता का इंटरव्यू लें, उनसे पूछें कि वे कौन- कौन सी फसलों की खेती करते हैं, कब बुआई और कटाई करते हैं, कितनी बार फर्टिलाइजर इस्तेमाल करते हैं। बच्चे इंटरव्यू के बाद रिपोर्ट तैयार करते हैं। इससे उनकी रिसर्च स्किल डेवलप हो रही है, उनकी राइटिंग भी बेहतर हो रही है।

एनएसओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में 90 फीसदी घरों में कम्प्यूटर नहीं है, जबकि 81 फीसदी घरों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। ऐसे में इस नई पहल से उन बच्चों को फायदा हो रहा है, जिनके पास तकनीकी सुविधाएं नहीं हैं।

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कर्नाटक के गुलबर्गा जिले के ओकली गांव में बच्चों के पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है। इसलिए स्कूल के शिक्षक बच्चों के घर जाकर उन्हें छोटे- छोटे ग्रुप्स में बांटकर पढ़ा रहे हैं।


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हैकर की मदद लेने के लिए यूजर 5000 रुपए तक खर्च कर रहे, प्ले स्टोर की तुलना में ज्यादा एडवांस स्टेज मिल रहीं

(अनूप मिश्रा) चीन से तनाव के बीच भारत सरकार ने 2 सितंबर को पबजी समेत 118 मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन सूरत में पबजी खेलने वाले अलग-अलग तरीकों से अपने मोबाइल में इस गेम को इंस्टॉल कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं। दरअसल, कई लोग हैकर के जरिए इस गेम को डाउनलोड करवा रहे हैं। इस गेम को डाउनलोड करने के लिए पांच हजार रुपए तक रकम भी खर्च कर रहे हैं।

चिंता की बात यह है कि गेम को अब सीधे चाइना के एप स्टोर से डाउनलोड किया जा रहा है। इससे देश की सुरक्षा को तो खतरा है ही साथ ही निजी डेटा गलत हाथों में जाने की आशंका बढ़ गई है। दूसरी ओर गेम को डाउनलोड के बाद अब फाइनल स्टेज तक जाया जा सकता है, जिसे पबजी गेम की दुनिया में डेथ वारंट कहा जाता है जबकि प्ले स्टोर से डाउनलोड होने पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी।

पबजी डाउनलोड करके हैकर कर रहे मोटी कमाई

पबजी पर पाबंदी लगते ही हैकरों की कमाई बढ़ गई है। एक-एक यूजर से पांच-पांच हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। दरअसल, बैन लगने के बाद गेम को प्ले स्टाेर से इसे डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इस गेम को खेलने वाले मोटी रकम भी खर्च करने को तैयार हैं। यही नहीं वह सोशल मीडिया के जरिए अपनी मार्केटिंग भी कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक कमाई कर सकें।

अपडेट वर्जन डाउनलोड करके दे रहे हैं हैकर

प्ले स्टोर के माध्यम से जो पबजी गेम डाउनलोड किया जाता था, उसमें चार से पांच स्टेज तक ही खेलने की सुविधा होती थी, लेकिन हैकर जो पबजी गेम डाउनलोड करके दे रहे हैं, उसमें काफी एडवांस फीचर हैं। साथ ही फाइनल स्टेज तक गेम खेलने की सुविधा मौजूद है। फाइनल स्टेज जो कि कंकर स्टेज है जिसे गेम खेलने वालों की भाषा में डेथ वारंट कहा जाता है।

पबजी गेम को लेकर सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर दी जा रही है जानकारी

पबजी गेम को बचाए रखने को तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक ग्रुप भी बनाया गया है। इसे ‘पबजी गेम के दीवाने’ नाम दिया गया है। इस प्लेटफार्म पर गेम से जुड़ी कई जानकारी शेयर की जा रही है। यदि किसी यूजर का गेम डिलीट हो जाता है या गेम को लेकर कोई परेशानी होती है तो यह ग्रुप तुरंत उसका सॉल्यूशन निकालकर देता है।

  • पबजी खेलने वाले कई लोग केवल इस गेम को बचाने के लिए नया मोबाइल खरीद रहे हैं , ताकि नए मोबाइल में पबजी गेम को सुरक्षित रखा जा सके।

गलत हाथों में जा रहा आपका निजी डेटा: सायबर एक्सपर्ट

साइबर एक्सपर्ट स्नेहल वकील ने बताया कि हैकरों के माध्यम से गेम डाउनलोड करना काफी खतरनाक है। यह देश की सुरक्षा के लिहाज से भी ठीक नहीं है। आपका निजी डेटा सीधे तौर पर गलत हाथों में जा रहा है। आपका फोटो से लेकर आपका आईडी तक देश के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है।



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पबजी चाइना के एप स्टोर से डाउनलोड किया जा रहा है। इससे देश की सुरक्षा को तो खतरा है ही साथ ही निजी डेटा गलत हाथों में जाने की आशंका बढ़ गई है।


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हैकर की मदद लेने के लिए यूजर 5000 रुपए तक खर्च कर रहे, प्ले स्टोर की तुलना में ज्यादा एडवांस स्टेज मिल रहीं

(अनूप मिश्रा) चीन से तनाव के बीच भारत सरकार ने 2 सितंबर को पबजी समेत 118 मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन सूरत में पबजी खेलने वाले अलग-अलग तरीकों से अपने मोबाइल में इस गेम को इंस्टॉल कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं। दरअसल, कई लोग हैकर के जरिए इस गेम को डाउनलोड करवा रहे हैं। इस गेम को डाउनलोड करने के लिए पांच हजार रुपए तक रकम भी खर्च कर रहे हैं।

चिंता की बात यह है कि गेम को अब सीधे चाइना के एप स्टोर से डाउनलोड किया जा रहा है। इससे देश की सुरक्षा को तो खतरा है ही साथ ही निजी डेटा गलत हाथों में जाने की आशंका बढ़ गई है। दूसरी ओर गेम को डाउनलोड के बाद अब फाइनल स्टेज तक जाया जा सकता है, जिसे पबजी गेम की दुनिया में डेथ वारंट कहा जाता है जबकि प्ले स्टोर से डाउनलोड होने पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी।

पबजी डाउनलोड करके हैकर कर रहे मोटी कमाई

पबजी पर पाबंदी लगते ही हैकरों की कमाई बढ़ गई है। एक-एक यूजर से पांच-पांच हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। दरअसल, बैन लगने के बाद गेम को प्ले स्टाेर से इसे डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इस गेम को खेलने वाले मोटी रकम भी खर्च करने को तैयार हैं। यही नहीं वह सोशल मीडिया के जरिए अपनी मार्केटिंग भी कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक कमाई कर सकें।

अपडेट वर्जन डाउनलोड करके दे रहे हैं हैकर

प्ले स्टोर के माध्यम से जो पबजी गेम डाउनलोड किया जाता था, उसमें चार से पांच स्टेज तक ही खेलने की सुविधा होती थी, लेकिन हैकर जो पबजी गेम डाउनलोड करके दे रहे हैं, उसमें काफी एडवांस फीचर हैं। साथ ही फाइनल स्टेज तक गेम खेलने की सुविधा मौजूद है। फाइनल स्टेज जो कि कंकर स्टेज है जिसे गेम खेलने वालों की भाषा में डेथ वारंट कहा जाता है।

पबजी गेम को लेकर सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर दी जा रही है जानकारी

पबजी गेम को बचाए रखने को तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक ग्रुप भी बनाया गया है। इसे ‘पबजी गेम के दीवाने’ नाम दिया गया है। इस प्लेटफार्म पर गेम से जुड़ी कई जानकारी शेयर की जा रही है। यदि किसी यूजर का गेम डिलीट हो जाता है या गेम को लेकर कोई परेशानी होती है तो यह ग्रुप तुरंत उसका सॉल्यूशन निकालकर देता है।

  • पबजी खेलने वाले कई लोग केवल इस गेम को बचाने के लिए नया मोबाइल खरीद रहे हैं , ताकि नए मोबाइल में पबजी गेम को सुरक्षित रखा जा सके।

गलत हाथों में जा रहा आपका निजी डेटा: सायबर एक्सपर्ट

साइबर एक्सपर्ट स्नेहल वकील ने बताया कि हैकरों के माध्यम से गेम डाउनलोड करना काफी खतरनाक है। यह देश की सुरक्षा के लिहाज से भी ठीक नहीं है। आपका निजी डेटा सीधे तौर पर गलत हाथों में जा रहा है। आपका फोटो से लेकर आपका आईडी तक देश के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है।



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24 घंटे में रिकॉर्ड 97 हजार मरीज बढ़े, 81 हजार ठीक भी हुए; डीसीजीआई ने नए मरीजों पर वैक्सीन का ट्रायल रोका; देश में अब तक 46.57 लाख केस

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। अब तक 46 लाख 57 हजार 379 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। शुक्रवार को 24 घंटे में रिकॉर्ड 97 हजार 654 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एक दिन में मिले संक्रमितों का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। इसके पहले गुरुवार को 96 हजार 760 नए मरीज मिले थे।

इस बीच, राहत की बात है कि मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी तेज होने लगी है। शुक्रवार को रिकॉर्ड 81 हजार 455 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। एक दिन में ठीक होने वालों की ये सबसे ज्यादा संख्या है। इससे पहले 8 सितंबर को 74 हजार 607 लोग ठीक हुए थे। इसी के साथ ठीक होने वालों की संख्या अब 36 लाख 21 हजार 438 हो गई है।

संक्रमण के चलते अब तक 77 हजार 506 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें 1202 मरीजों की मौत शुक्रवार हो हुई थी। अभी 9 लाख 57 हजार 787 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। ये मरीज या तो होम आइसोलेशन में हैं या फिर अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें करीब 9 हजार मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

नए मरीज पर ट्रायल नहीं कर सकेगा सीरम इंस्टीट्यूट
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोरोना वैक्सीन के फेज-2 और 3 के ट्रायल में किसी नए मरीज की भर्ती पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को डीसीजीआई ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया। अगले आदेश तक ट्रायल के लिए किसी नए मरीज की भर्ती न की जाए। इस नोटिस के जवाब में सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि जब तक वैक्सीन की सुरक्षा की स्थिति साफ नहीं होती है, तब तक किसी नए मरीज पर ट्रायल नहीं किया जाएगा।

फोटो दिल्ली के कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन की है। यहां ट्रेन को सैनिटाइज करता सफाईकर्मी। दिल्ली में अब तक 2.09 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • पंजाब सरकार ने नीट 2020 को देखते हुए 13 सितंबर को लॉकडाउन में छूट का ऐलान किया है। हालांकि, इस दौरान गैर-जरूरी दुकानें बंद रखने का आदेश है।
  • केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अगाड़ी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।
  • मुंबई की मेयर किशोरी किशोर पेडनेकर भी संक्रमित हो गई हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ''मैंने अपना कोविड-19 टेस्ट कराया और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टर की सलाह पर मैं होम क्वारैंटाइन में हूं। मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से मैं अपील करती हूं कि वो या तो अपना टेस्ट करवा लें या फिर होम आइसोलेशन में चले जाएं।''
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में 14 और 15 सितंबर को कोई भी ज्यूडिशियल और एडमिनिस्ट्रेटिव काम नहीं होंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया। इन दो दिनों में पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया जाएगा।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश :

राज्य में शुक्रवार को 2,240 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 83 हजार 619 पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में यहां 30 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या अब 1,691 हो गई है। 62 हजार 936 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 18 हजार 992 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

2. राजस्थान :

राज्य में शुक्रवार को कोरोना के 1,660 नए मामले सामने आए। इसके बाद कुल पॉजिटिव केस का आंकड़ा 99 हजार 36 पहुंच गया। वहीं, 15 लोगों की मौत हो गई। इनमें राजसमंद, सीकर और बीकानेर में 2-2, बांसवाड़ा, बारां, धौलपुर, जोधपुर, कोटा, सिरोही, अजमेर, जयपुर और उदयपुर में 1-1 की मौत हो गई।

मरने वालों की संख्या अब 1,207 हो चुकी है। इनमें जयपुर में सबसे ज्यादा 294 मरीजों की मौत हुई। इसके अलावा जोधपुर में 117, कोटा में 87, बीकानेर में 88, भरतपुर में 73, अजमेर में 82, पाली में 48, नागौर में 44, उदयपुर में 33, धौलपुर में 22 और सिरोही में 15 मरीजों की जान गई है।

3. बिहार :

राज्य में शुक्रवार को 1,710 नए मरीज मिले। अब तक 1 लाख 55 हजार 445 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। राहत की बात है कि इनमें 1 लाख 39 हजार 458 लोग ठीक भी हो चुके हैं, जबकि 15 हजार 189 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 797 लोगों ने संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा दी।

4. महाराष्ट्र :

राज्य में मरीजों का आंकड़ा 10 लाख के पार हो गया है। 24 घंटे के अंदर यहां 24 हजार 886 नए मरीज बढ़े। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या अब 10 लाख 15 हजार 681 हो गई है। राहत की बात है कि इनमें 7 लाख 15 हजार 23 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 71 हजार 566 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 28 हजार 724 लोगों की मौत हो चुकी है।

उधर, मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, '' मैंने अपना कोविड-19 टेस्ट कराया और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टर की सलाह पर मैं होम क्वारैंटाइन में हूं। मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से मैं अपील करती हूं कि वो या तो अपना टेस्ट करवा लें या फिर होम आइसोलेशन में चले जाएं।''

5. उत्तर प्रदेश :

राज्य में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को कोरोना के सात हजार से अधिक पॉजिटिव केस सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 7,103 नए मरीज बढ़े हैं। इससे पहले गुरुवार को 7 हजार 42 पॉजिटिव केस सामने आए थे। इसके बाद प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 2.99 लाख पहुंच गया है। राहत की बात है कि इनमें अब तक 2.27 लाख केस इलाज के बाद कोरोना मुक्त हो चुके हैं। शुक्रवार को सरकार ने ऑन डिमांड कोविड टेस्ट कराने की छूट दी है।



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कंगना का महाराष्ट्र सरकार पर तंज- क्रूरता और अन्याय कितने भी शक्तिशाली क्यूं न हों, आखिर में जीत भक्ति की ही होती है

कंगना रनोट ने महाराष्ट्र सरकार पर शनिवार को फिर निशाना साधा है। एक्ट्रेस ने ट्विटर पर सोमनाथ मंदिर की फोटो शेयर कर लिखा, "सोमनाथ को कितने दरिंदों ने कितनी बार बेरहमी से उजाड़ा, मगर इतिहास गवाह है- क्रूरता और अन्याय कितने भी शक्तिशाली क्यूं न हों, आखिर में जीत भक्ति की ही होती है, हर हर महादेव।

कंगना ने कहा- महाराष्ट्र में सरकार का आतंक बढ़ रहा है
बीएमसी ने बुधवार को कंगना का ऑफिस तोड़ दिया था। इसके बाद से कंगना ने शिवसेना पर हमले तेज कर दिए हैं। उन्होंने बीएमसी की कार्रवाई पर कहा था कि मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कर गलती नहीं की थी। एक्ट्रेस ने बीती रात ट्विटर पर एक मिनट का वीडियो शेयर कर कहा कि महाराष्ट्र में सरकार का आतंक और अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने मुंबई में नेवी के पूर्व अफसर से कथित शिवसैनिकों की हाथापाई और एक टीवी चैनल के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई का जिक्र किया है।

ड्रग्स मामले में कंगना के खिलाफ जांच के आदेश
महाराष्ट्र सरकार ने कंगना के खिलाफ ड्रग्स मामले में शुक्रवार को जांच के आदेश दिए। राज्य के गृह मंत्रालय के आदेश पर मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच इसकी जांच करेगी। कंगना के पूर्व बॉयफ्रेंड अध्ययन सुमन ने एक्ट्रेस पर ड्रग्स लेने के आरोप लगाए थे।- पूरी खबर पढ़ें

कंगना के मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ सकते हैं-

1. कंगना टूटे ऑफिस में ही काम करेंगी: एक्ट्रेस ने कहा- मेरे पास दोबारा ऑफिस बनवाने के पैसे नहीं, एक महिला के आवाज उठाने की वजह से इसे तबाह कर दिया

2. कंगना vs शिवसेना: एयरपोर्ट पर नारेबाजी के बीच घर पहुंचीं कंगना, कहा- उद्धव ठाकरे! आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा, यह वक्त का पहिया है, याद रखना



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कंगना ने सोमनाथ मंदिर में पूजा की फोटो शेयर कर लिखा है कि इस मंदिर को भी दरिंदों ने कई बार बेरहमी से उजाड़ा था।


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24 घंटे में रिकॉर्ड 97 हजार मरीज बढ़े, 81 हजार ठीक भी हुए; डीसीजीआई ने नए मरीजों पर वैक्सीन का ट्रायल रोका; देश में अब तक 46.57 लाख केस

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। अब तक 46 लाख 57 हजार 379 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। शुक्रवार को 24 घंटे में रिकॉर्ड 97 हजार 654 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एक दिन में मिले संक्रमितों का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। इसके पहले गुरुवार को 96 हजार 760 नए मरीज मिले थे।

इस बीच, राहत की बात है कि मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी तेज होने लगी है। शुक्रवार को रिकॉर्ड 81 हजार 455 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। एक दिन में ठीक होने वालों की ये सबसे ज्यादा संख्या है। इससे पहले 8 सितंबर को 74 हजार 607 लोग ठीक हुए थे। इसी के साथ ठीक होने वालों की संख्या अब 36 लाख 21 हजार 438 हो गई है।

संक्रमण के चलते अब तक 77 हजार 506 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें 1202 मरीजों की मौत शुक्रवार हो हुई थी। अभी 9 लाख 57 हजार 787 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। ये मरीज या तो होम आइसोलेशन में हैं या फिर अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें करीब 9 हजार मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

नए मरीज पर ट्रायल नहीं कर सकेगा सीरम इंस्टीट्यूट
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोरोना वैक्सीन के फेज-2 और 3 के ट्रायल में किसी नए मरीज की भर्ती पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को डीसीजीआई ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया। अगले आदेश तक ट्रायल के लिए किसी नए मरीज की भर्ती न की जाए। इस नोटिस के जवाब में सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि जब तक वैक्सीन की सुरक्षा की स्थिति साफ नहीं होती है, तब तक किसी नए मरीज पर ट्रायल नहीं किया जाएगा।

फोटो दिल्ली के कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन की है। यहां ट्रेन को सैनिटाइज करता सफाईकर्मी। दिल्ली में अब तक 2.09 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • पंजाब सरकार ने नीट 2020 को देखते हुए 13 सितंबर को लॉकडाउन में छूट का ऐलान किया है। हालांकि, इस दौरान गैर-जरूरी दुकानें बंद रखने का आदेश है।
  • केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अगाड़ी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।
  • मुंबई की मेयर किशोरी किशोर पेडनेकर भी संक्रमित हो गई हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ''मैंने अपना कोविड-19 टेस्ट कराया और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टर की सलाह पर मैं होम क्वारैंटाइन में हूं। मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से मैं अपील करती हूं कि वो या तो अपना टेस्ट करवा लें या फिर होम आइसोलेशन में चले जाएं।''
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में 14 और 15 सितंबर को कोई भी ज्यूडिशियल और एडमिनिस्ट्रेटिव काम नहीं होंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया। इन दो दिनों में पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया जाएगा।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश :

राज्य में शुक्रवार को 2,240 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 83 हजार 619 पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में यहां 30 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या अब 1,691 हो गई है। 62 हजार 936 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 18 हजार 992 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।

2. राजस्थान :

राज्य में शुक्रवार को कोरोना के 1,660 नए मामले सामने आए। इसके बाद कुल पॉजिटिव केस का आंकड़ा 99 हजार 36 पहुंच गया। वहीं, 15 लोगों की मौत हो गई। इनमें राजसमंद, सीकर और बीकानेर में 2-2, बांसवाड़ा, बारां, धौलपुर, जोधपुर, कोटा, सिरोही, अजमेर, जयपुर और उदयपुर में 1-1 की मौत हो गई।

मरने वालों की संख्या अब 1,207 हो चुकी है। इनमें जयपुर में सबसे ज्यादा 294 मरीजों की मौत हुई। इसके अलावा जोधपुर में 117, कोटा में 87, बीकानेर में 88, भरतपुर में 73, अजमेर में 82, पाली में 48, नागौर में 44, उदयपुर में 33, धौलपुर में 22 और सिरोही में 15 मरीजों की जान गई है।

3. बिहार :

राज्य में शुक्रवार को 1,710 नए मरीज मिले। अब तक 1 लाख 55 हजार 445 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। राहत की बात है कि इनमें 1 लाख 39 हजार 458 लोग ठीक भी हो चुके हैं, जबकि 15 हजार 189 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 797 लोगों ने संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा दी।

4. महाराष्ट्र :

राज्य में मरीजों का आंकड़ा 10 लाख के पार हो गया है। 24 घंटे के अंदर यहां 24 हजार 886 नए मरीज बढ़े। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या अब 10 लाख 15 हजार 681 हो गई है। राहत की बात है कि इनमें 7 लाख 15 हजार 23 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 71 हजार 566 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 28 हजार 724 लोगों की मौत हो चुकी है।

उधर, मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, '' मैंने अपना कोविड-19 टेस्ट कराया और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टर की सलाह पर मैं होम क्वारैंटाइन में हूं। मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से मैं अपील करती हूं कि वो या तो अपना टेस्ट करवा लें या फिर होम आइसोलेशन में चले जाएं।''

5. उत्तर प्रदेश :

राज्य में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को कोरोना के सात हजार से अधिक पॉजिटिव केस सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 7,103 नए मरीज बढ़े हैं। इससे पहले गुरुवार को 7 हजार 42 पॉजिटिव केस सामने आए थे। इसके बाद प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 2.99 लाख पहुंच गया है। राहत की बात है कि इनमें अब तक 2.27 लाख केस इलाज के बाद कोरोना मुक्त हो चुके हैं। शुक्रवार को सरकार ने ऑन डिमांड कोविड टेस्ट कराने की छूट दी है।



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कंगना का महाराष्ट्र सरकार पर तंज- क्रूरता और अन्याय कितने भी शक्तिशाली क्यूं न हों, आखिर में जीत भक्ति की ही होती है

कंगना रनोट ने महाराष्ट्र सरकार पर शनिवार को फिर निशाना साधा है। एक्ट्रेस ने ट्विटर पर सोमनाथ मंदिर की फोटो शेयर कर लिखा, "सोमनाथ को कितने दरिंदों ने कितनी बार बेरहमी से उजाड़ा, मगर इतिहास गवाह है- क्रूरता और अन्याय कितने भी शक्तिशाली क्यूं न हों, आखिर में जीत भक्ति की ही होती है, हर हर महादेव।

कंगना ने कहा- महाराष्ट्र में सरकार का आतंक बढ़ रहा है
बीएमसी ने बुधवार को कंगना का ऑफिस तोड़ दिया था। इसके बाद से कंगना ने शिवसेना पर हमले तेज कर दिए हैं। उन्होंने बीएमसी की कार्रवाई पर कहा था कि मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कर गलती नहीं की थी। एक्ट्रेस ने बीती रात ट्विटर पर एक मिनट का वीडियो शेयर कर कहा कि महाराष्ट्र में सरकार का आतंक और अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने मुंबई में नेवी के पूर्व अफसर से कथित शिवसैनिकों की हाथापाई और एक टीवी चैनल के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई का जिक्र किया है।

ड्रग्स मामले में कंगना के खिलाफ जांच के आदेश
महाराष्ट्र सरकार ने कंगना के खिलाफ ड्रग्स मामले में शुक्रवार को जांच के आदेश दिए। राज्य के गृह मंत्रालय के आदेश पर मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच इसकी जांच करेगी। कंगना के पूर्व बॉयफ्रेंड अध्ययन सुमन ने एक्ट्रेस पर ड्रग्स लेने के आरोप लगाए थे।- पूरी खबर पढ़ें

कंगना के मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ सकते हैं-

1. कंगना टूटे ऑफिस में ही काम करेंगी: एक्ट्रेस ने कहा- मेरे पास दोबारा ऑफिस बनवाने के पैसे नहीं, एक महिला के आवाज उठाने की वजह से इसे तबाह कर दिया

2. कंगना vs शिवसेना: एयरपोर्ट पर नारेबाजी के बीच घर पहुंचीं कंगना, कहा- उद्धव ठाकरे! आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा, यह वक्त का पहिया है, याद रखना



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
कंगना ने सोमनाथ मंदिर में पूजा की फोटो शेयर कर लिखा है कि इस मंदिर को भी दरिंदों ने कई बार बेरहमी से उजाड़ा था।


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चीन सीमा पर तैनात सेना के खाने के लिए बंकर में उगाएंगे अनाज, अंडर ग्राउंड फ्रूट स्टोरेज जरूरत पड़ने पर बंकर बन जाएंगे

अगले महीने लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले दोनों रास्ते बंद हो जाएंगे। लगभग छह महीने तक इस इलाके को अपनी जरूरतों के लिए एयर कनेक्टिविटी का सहारा लेना होगा। ऐसे में सबसे ज्यादा असर पड़ेगा सब्जी और फलों की सप्लाई पर।

लद्दाख में 1962 के पहले तक सिर्फ 4 सब्जियां उगाई जाती थीं। आज यहां के किसान 25 सब्जियां उगा रहे हैं, जबकि लेह के डीआरडीओ लैब में 78 सब्जियों पर काम हो रहा है। जितनी सब्जियां दिल्ली में नहीं उगाई जातीं, उससे ज्यादा अब लेह के किसान उगाने लगे हैं।

लेह में डीआरडीओ के यूनिट डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च ने बाकायदा इसके लिए वहां के किसानों और आर्मी यूनिट्स को ट्रेनिंग दी है। ये इसलिए खास है, क्योंकि जब लद्दाख में तापमान माइनस 30 से 40 डिग्री चला जाता है तो सब्जी उगाना नामुमकिन होता है।

सैनिकों को फ्रेश सब्जियां मिलती रहे, बर्फबारी में रास्ते बंद होने के बाद भी इसलिए इस लैब ने अपनी ये टेक्नोलॉजी गलवान, पैन्गॉन्ग, देमचोक, दौलत बेग ओल्डी जैसे सीमा से सटे इलाकों तक में पहुंचा दी है।

लद्दाख के किसान अभी 25 तरह की सब्जियां उगा रहे हैं, जबकि 1962 के पहले यहां सिर्फ 4 सब्जियां उगाई जाती थी।

सब्जियों के एक बंकर की कैपेसिटी 20 से 100 टन तक भी हो सकती है

चीन सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों को फ्रेश सब्जियां, फल और मीट पहुंचाया जा सके इसके लिए डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च लगातार काम कर रहा है। फिलहाल वो सेना के लिए बंकर में माइक्रोग्रीन्स उगाने की तकनीक पर काम कर रहे हैं। यही नहीं वो सीमा से सटे इलाकों में सब्जियों को स्टोर करने की खास अंडर ग्राउंड स्टोरेज टेक्नीक लाए हैं।

यहां सर्दियों के लिए तीन-चार महीने तक सब्जी स्टोर की जा सकती है। वो भी बिना कार्बन एमिशन के। यही नहीं इस स्टोरेज को जरूरत पड़ने पर सैनिक बंकर के तौर पर इस्तेमाल कर पाएंगे। इस स्टोरेज में आलू 6 महीने तक सुरक्षित रखा जा सकते हैं। एक बंकर की कैपेसिटी 20 से 100 टन तक भी हो सकती है।

पिछले महीने उगाए 50 टन तरबूज, लेटस, ऑरिगेनो से लेकर कई विदेशी सब्जियां भीं

लेह से 12 किमी दूर फे गांव के किसानों ने पिछले महीने 50 टन तरबूज उगाने का रिकॉर्ड बनाया है। ये तकनीक उन्होंने डीआरडीओ से ही ली है। 2016 में इस गांव के 10 किसानों ने ट्रायल शुरू किया था। इसके अलावा डिफेंस लैब ने किसानों और फौजियों को ब्रॉकली, ऑरिगेनो, लेटस जैसी तमाम विदेशी सब्जियां उगाना भी सिखाया है। यही वजह है कि लेह के बाजार में अब फ्रेश पारस्ले से लेकर कीनुआ और एप्रीकॉट और एपल की लद्दाखी वैरायटी आसानी से मिल रही हैं।

डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च ने किसानों और आर्मी यूनिट्स को इसके लिए ट्रेनिंग दी है।

लद्दाख के लोकल सीबकथॉर्न से कोरोना का मुकाबला

लद्दाख के जंगली फल सीबकथॉर्न में एंटी ऑक्सीडेंट और इम्युनिटी बूस्टर्स होते हैं। यही वजह है कि सैनिकों के लिए लद्दाख के इस लैब में सीबकथॉर्न जूस और हर्बल टी बनाई जा रही है। पहले ये सीबकथॉर्न चीन से इम्पोर्ट होता था, लेकिन चीनी प्रोडक्ट्स पर रोक लगने के बाद अब लद्दाख के सीबकथॉर्न की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है।

देश का 70 फीसदी सीबकथॉर्न लद्दाख में उगाया जाता है। हर साल यहां 400 टन सीबकथॉर्न हार्वेस्ट होता है जो 150 रुपए किलो बिकता है।

सीमा से सटे इलाकों में सब्जियों को स्टोर करने के लिए खास अंडर ग्राउंड स्टोरेज टेक्नीक लाए हैं। यहां सर्दियों के लिए 3-4 महीने तक सब्जी स्टोरी की जा सकती है।

चीन सीमा पैट्रोलिंग के लिए दो कूबड़ वाले ऊंट

चीन से सटे इलाकों में जहां सड़कें नहीं हैं और खच्चरों का जाना भी मुश्किल है, अब सेना वहां पैट्रोलिंग और सामान ले जाने के लिए डबल हंप यानी दो कूबड़ वाले ऊंटों का इस्तेमाल करेगी। ये ऊंट सिर्फ लद्दाख के हुंडर इलाके में पाए जाते हैं और उनकी कुल आबादी सिर्फ 400 है।

डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च ने इसके लिए राजस्थान और हुंडर दोनों जगहों से ऊंट मंगवाए हैं। ये ऊंट दौलत बेग ओल्डी और आसपास के इलाके में जहां रेतीली जमीन है, वहां बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे और एक बार में 170 किलो सामान ले जा सकते हैं। अभी तक जंस्कार ब्रीड के खच्चर का इन कामों में इस्तेमाल होता था।

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Ground Report from Leh : Grain will be produced in the bunker for army troops stationed on the India China border


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