मंगलवार, 29 सितंबर 2020

तीन साल पहले कपड़ों का ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया, कोरोना आया तो लॉन्च की पीपीई किट, 5 करोड़ रु पहुंचा टर्नओवर

दिल्ली की रहने वाली वंशिका चौधरी महिलाओं को ट्रेंड के हिसाब से लुक देने के साथ- साथ कोरोना से जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट मुहैया करा रही हैं। अब तक वो 200 से ज्यादा अस्पतालों में 6 लाख से अधिक पीपीई किट सप्लाई कर चुकी हैं। उनकी कम्पनी 200 से ज्यादा होटल्स, स्कूल और रेस्टोरेंट के लिए यूनिफॉर्म तैयार करती है। उनके साथ 200 से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पिछले साल 5 करोड़ रुपए का टर्नओवर रहा है।

26 साल की वंशिका अभी मुंबई में रहती हैं। पिछले साल ही शादी बाद वो दिल्ली से यहां शिफ्ट हुई हैं। उन्होंने स्कूली एजुकेशन दिल्ली से पूरा करने के बाद सिंगापुर से फैशन डिजाइनिंग में ग्रेजुएशन किया है।

वंशिका बताती हैं, 'ग्रेजुएशन के दौरान लास्ट ईयर में हमें एक ब्रांड और बिजनेस मॉडल तैयार करने का प्रोजेक्ट मिला। यह हमारे कोर्स वर्क का हिस्सा था। मैंने इसका नाम कन्या रखा था। इस दौरान मैंने महिलाओं के फैशन ट्रेंड को देखते हुए काफी रिसर्च वर्क किया। एक्सपर्ट्स की मदद ली, उनसे फैब्रिक और मार्केटिंग के बारे में जानकारियां हासिल की। प्रोजेक्ट का काम पूरा होने तक मुझे फैशन, फैब्रिक और मार्केट के बारे में अच्छी खासी समझ हो गई थी। जब मेरा बैचलर कंप्लीट हुआ तो मैंने तय किया कि अब इसी प्रोजेक्ट को फ्यूचर प्रोफेशन में कन्वर्ट करूंगी।

वंशिका अपने पति अभिजीत काजी के साथ। अभिजीत ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है, दोनों साथ मिलकर काम करते हैं।

सिंगापुर से पढ़ाई के बाद 2015 में वंशिका दिल्ली आ गईं। यहां आकर उन्होंने रिसर्च वर्क किया, मार्केट और डिमांड के बारे में पता किया। उनके पिता टेक्सटाइल फिल्ड से जुड़े थे तो वंशिका उनके साथ काम सीखने लगी। अगस्त 2017 में उन्होंने कन्या नाम से अपनी कंपनी बनाई और वेबसाइट लॉन्च किया। तब उन्होंने करीब 1 लाख रुपए खर्च किए थे।

वंशिका बताती हैं कि रिसर्च वर्क के दौरान मुझे पता चला कि भारत में ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं के लिए वेस्टर्न ड्रेस के विकल्प बहुत कम हैं। अगर है भी तो क्वालिटी गैप बहुत ज्यादा है। मैंने तय किया कि क्यों न कुछ इस तरह के ड्रेस डिजाइन किए जाए जिसकी कॉस्ट भी कम हो, क्वालिटी भी अच्छी हो और दस से पांच की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाएं उसे आराम से पहन भी सकें।

इसके बाद कुछ कपड़े हमने लॉन्च किए और ऑनलाइन उसे प्रमोट किया। लोगों का रिस्पॉन्स अच्छा मिला और ठीक ठाक कमाई हुई थी। उसके बाद हमने बड़े लेवल पर काम शुरू किया। अलग- अलग जगहों से फैब्रिक मंगाए और ट्रेंड्स के हिसाब से ड्रेस तैयार करने लगे। जैसे जैसे डिमांड बढ़ती गई वैसे-वैसे हमारा बिजनेस बढ़ता गया।

वंशिका ने महिलाओं के लिए कपड़ों का ऑनलाइन बिजनेस 2017 में शुरू किया था। आज देशभर में उनके ग्राहक हैं।

वो कहती हैं कि कुछ दिन बाद हमें अलग अलग होटल्स और रेस्टोरेंट्स से ढेर सारे ईमेल्स और मैसेज आने लगे कि आप हमारे लिए यूनिफॉर्म तैयार करिए। शुरुआत में तो हम इन्हें इग्नोर करते रहे लेकिन फिर हमने महसूस किया कि इस सेक्टर में काफी स्कोप है। इसके बाद 2019 में हमने कन्या यूनिफॉर्म नाम से एक दूसरा सेटअप स्टार्ट किया। इससे हमें अलग ही पहचान मिली। 200 से ज्यादा होटल्स, रेस्टोरेंट्स और स्कूलों के लिए हम यूनिफॉर्म तैयार करने लगे। उसके बाद मेरी शादी हो गई और मैं मुंबई शिफ्ट हो गई। हमने अपनी कंपनी और सेटअप भी यहीं शिफ्ट कर दिया। सबकुछ ठीक चल रहा था तभी इस साल कोरोना आ गया।

वंशिका कहती हैं,' कोरोना के चलते जब लॉकडाउन लगा तो हमारे कई प्रोजेक्ट्स बंद हो गए, कई ऑर्डर कैंसिल हो गए। लेकिन सच कहूं तो उसके बाद भी नुकसान की बजाए और ज्यादा मजबूत हो गए हम। मेरे हसबैंड अभिजीत काजी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। मार्केट और फाइनांस के सेक्टर में उनकी काफी अच्छी समझ है और उन्होंने इस फिल्ड में काम भी किया है। इस साल की शुरुआत में जब चीन और दूसरे देशों में कोरोना फैला हुआ था तभी मेरे हसबैंड ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पीपीई किट को लेकर बातचीत करना शुरू कर दिया था। उन्हें पता था कि कल को इसकी जरूरत इंडिया में भी होगी।

इसके बाद हमने इसको लेकर रिसर्च वर्क करना शुरू किया, एक्सपर्ट्स से जानकारियां जुटाई, बेहतर क्वालिटी के फैब्रिक मंगाए। चूंकि पीपीई किट को लेकर पहले से ज्यादा आइडिया नहीं था तो गूगल से देखकर हमने कुछ सैंपल्स तैयार किया। फिर अपना नया वेंचर कन्या मेड नाम से शुरू किया। हमने अपनी तैयार की हुई पीपीई किट्स को डीआरडीओ के पास भेजा, वहां से अप्रूवल के बाद हम इसे मार्केट में लॉन्च कर दिया।

कोरोना के आने के बाद वंशिका ने पति के साथ मिलकर पीपीई किट बनाना शुरू किया। अभी ये लोग 6 लाख से ज्यादा पीपीई किट अलग अलग जगहों पर सप्लाई कर चुके हैं।

वो कहती हैं कि जब देश में पीपीई किट की डिमांड हुई तो हम पहले से इसके लिए तैयार थे, हमने अलग- अलग अस्पतालों में जाकर अप्रोच किया और अपने पीपीई किट के बारे में बताया। शुरू में तो वे डील नहीं कर रहे थे, हमें बार-बार कॉल, मैसेज करना पड़ा। लेकिन फिर जब डील पक्की हुई तो धीरे-धीरे हमारा नेटवर्क बढ़ता गया। अब तक हम 60 लाख से ज्यादा पीपीई किट सप्लाई कर चुके हैं। एक पीपीई किट की कीमत 400-600 रु तक के बीच में होती है। हमने बीएमसी को भी हजारों की संख्या में पीपीई किट दिए हैं। अभी गुजरात और मुंबई दोनों जगह हमारी कंपनी है।

वंशिका बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान पीपीई किट तैयार करने और उसकी सप्लाई करने में काफी दिक्कत हुई। तब न तो कहीं दुकानें खुलीं थी न ही कोई मजदूर काम करने को तैयार था। एक पॉली बैग के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी।

अभी वंशिका और उनके हसबैंड मिलकर तीन वेंचर्स यानी कन्या, कन्या यूनिफॉर्म और कन्या मेड पर काम कर रहे हैं। कन्या मेड की शुरुआत इसी साल कोरोना के बाद इन्होंने की है। वंशिका कहती है कि ये तीसरा वेंचर हमारे लिए सबसे बड़ा सेटअप है। आगे इसे और विस्तार करना है, हमारी कोशिश है कि मेडिकल फिल्ड से जुड़े जितने भी फैब्रिक आइटम हो हम उसे तैयार करें। वो कहती हैं कि इस फिल्ड में उतरने से पहले और उतरने के बाद भी रिसर्च वर्क ही सबसे बड़ा सफलता का मूल मंत्र है।

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दिल्ली की रहने वाली वंशिका चौधरी ने 2017 में कन्या नाम से महिलाओं के लिए कपड़ों का ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया था।


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मुंबई चौथा जिला, जहां मरीज 2 लाख के पार, भोपाल में हर 100 में से 18 लोग ऐसे हैं, जिन्हें संक्रमित होने का पता नहीं चला; देश में अब तक 61.43 लाख केस

देश में कोरोना मरीजों की संख्या 61 लाख 43 हजार 19 हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 69 हजार 668 मरीज बढ़े। वहीं, 85 हजार 194 लोग स्वस्थ भी हो गए। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं। इस बीच, भोपाल में हुए सीरो सर्वे में कोरोना को लेकर हैरान करने वाली बात पता चली है। यहां हर 100 लोगों में से 18 व्यक्ति ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। उन्हें स्वयं के संक्रमित होने का पता भी नहीं चला।

मुंबई जिले में मरीजों की संख्या 2 लाख से ज्यादा हो गई है। सोमवार को सबसे ज्यादा 2044 मरीज मिले। इसके साथ मुंबई जिला देश का ऐसा चौथा जिला बन गया है, जहां मरीजों की संख्या 2 लाख से ज्यादा है। मृत्यु दर भी सबसे ज्यादा 4.4% है।

शहर कुल मौतें मृत्यु दर
मुंबई 8,834 4.4%
पुणे 5,689 2.0%
दिल्ली 5,272 1.9%
बेंगलुरु 2,845 1.3%

कोरोना अपडेट्स

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को अपने आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 70 हजार 589 नए मरीज मिले और 776 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 61 लाख 45 हजार 292 हो गई है। वहीं, 9 लाख 47 हजार 576 एक्टिव केस और 51 लाख एक हजार 398 मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक 96 हजार 318 लोग दम तोड़ चुके हैं।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया कि सोमवार को देश में 7 लाख 31 हजार 10 सैंपल की जांच की गई। इसके साथ देश में अब तक 11 करोड़ 42 लाख 811 सैंपल की जांच की जा चुकी है।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

प्रदेश में 19 दिन बाद कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दो हजार के नीचे आया है। सोमवार को 1957 कुल संक्रमित निकले इसके पहले 9 सितंबर को नए संक्रमितों की संख्या 1869 रही थी। भोपाल में हर 100 लोगों में से 18 व्यक्ति ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि उन्हें स्वयं के संक्रमित होने का पता भी नहीं चला। यह खुलासा भोपाल में पिछले दिनों हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल के 85 वार्ड में रहने वाले 7976 लोगों के ब्लड सैंपल का कोविड एंटी बॉडी टेस्ट किया गया, जिनमें से 18% (1451) में कोविड एंटी बॉडी जांच के दौरान मिली हैं।

2. राजस्थान
राज्य सरकार कोरोनावायरस से खुद को और दूसरों को बचाने के लिए 2 अक्टूबर यानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस से जन आंदोलन की शुरुआत करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बैठक में यह फैसला लिया। गहलोत ने कहा कि सभी मास्क पहनने के जन आंदोलन को सफल बनाएं और संक्रमण से सुरक्षित रहें। सोशल डिस्टेंसिंग रखें, भीड़ से बचें।

3. बिहार
राज्य में कोरोना के मामले में गिरावट आ रही है। हालांकि, टेस्टिंग की संख्या एक लाख से ज्यादा है। सोमवार को 1.2 लाख लोगों के सैंपल की जांच की गई। इसके साथ राज्य में अब तक 69.7 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। पॉजिटिविटी रेट 2.6% हो गया है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में कोरोना को लेकर अच्छी खबर आ रही है। सोमवार को महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 11 हजार 921 मरीज बढ़े और 19 हजार 932 लोग स्वस्थ भी हो गए। उधर, मृत्यु की दर 2.65% है। राज्य में फिलहाल 19 लाख 75 हजार 923 लोग होम क्वारैंटाइन में हैं। वहीं, 29 हजार 922 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन में रखा गया है।

उधर, पिछले 24 घंटों में 189 पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिले। इसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 22 हजार 818 हो गई। इस दौरान चार और पुलिसकर्मियों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 245 हो गई।

5. उत्तरप्रदेश
उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं। अब तक 3.31 लाख से ज्यादा संक्रमित ठीक हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में इस समय 53 हजार 953 एक्टिव केस हैं। रिकवरी रेट 84.75% पर पहुंच गया है।



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मुंबई चौथा जिला, जहां मरीज 2 लाख के पार, भोपाल में हर 100 में से 18 लोग ऐसे हैं, जिन्हें संक्रमित होने का पता नहीं चला; देश में अब तक 61.43 लाख केस

देश में कोरोना मरीजों की संख्या 61 लाख 43 हजार 19 हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 69 हजार 668 मरीज बढ़े। वहीं, 85 हजार 194 लोग स्वस्थ भी हो गए। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं। इस बीच, भोपाल में हुए सीरो सर्वे में कोरोना को लेकर हैरान करने वाली बात पता चली है। यहां हर 100 लोगों में से 18 व्यक्ति ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। उन्हें स्वयं के संक्रमित होने का पता भी नहीं चला।

मुंबई जिले में मरीजों की संख्या 2 लाख से ज्यादा हो गई है। सोमवार को सबसे ज्यादा 2044 मरीज मिले। इसके साथ मुंबई जिला देश का ऐसा चौथा जिला बन गया है, जहां मरीजों की संख्या 2 लाख से ज्यादा है। मृत्यु दर भी सबसे ज्यादा 4.4% है।

शहर कुल मौतें मृत्यु दर
मुंबई 8,834 4.4%
पुणे 5,689 2.0%
दिल्ली 5,272 1.9%
बेंगलुरु 2,845 1.3%

कोरोना अपडेट्स

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को अपने आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 70 हजार 589 नए मरीज मिले और 776 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 61 लाख 45 हजार 292 हो गई है। वहीं, 9 लाख 47 हजार 576 एक्टिव केस और 51 लाख एक हजार 398 मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक 96 हजार 318 लोग दम तोड़ चुके हैं।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया कि सोमवार को देश में 7 लाख 31 हजार 10 सैंपल की जांच की गई। इसके साथ देश में अब तक 11 करोड़ 42 लाख 811 सैंपल की जांच की जा चुकी है।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

प्रदेश में 19 दिन बाद कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दो हजार के नीचे आया है। सोमवार को 1957 कुल संक्रमित निकले इसके पहले 9 सितंबर को नए संक्रमितों की संख्या 1869 रही थी। भोपाल में हर 100 लोगों में से 18 व्यक्ति ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि उन्हें स्वयं के संक्रमित होने का पता भी नहीं चला। यह खुलासा भोपाल में पिछले दिनों हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल के 85 वार्ड में रहने वाले 7976 लोगों के ब्लड सैंपल का कोविड एंटी बॉडी टेस्ट किया गया, जिनमें से 18% (1451) में कोविड एंटी बॉडी जांच के दौरान मिली हैं।

2. राजस्थान
राज्य सरकार कोरोनावायरस से खुद को और दूसरों को बचाने के लिए 2 अक्टूबर यानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस से जन आंदोलन की शुरुआत करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बैठक में यह फैसला लिया। गहलोत ने कहा कि सभी मास्क पहनने के जन आंदोलन को सफल बनाएं और संक्रमण से सुरक्षित रहें। सोशल डिस्टेंसिंग रखें, भीड़ से बचें।

3. बिहार
राज्य में कोरोना के मामले में गिरावट आ रही है। हालांकि, टेस्टिंग की संख्या एक लाख से ज्यादा है। सोमवार को 1.2 लाख लोगों के सैंपल की जांच की गई। इसके साथ राज्य में अब तक 69.7 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। पॉजिटिविटी रेट 2.6% हो गया है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में कोरोना को लेकर अच्छी खबर आ रही है। सोमवार को महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 11 हजार 921 मरीज बढ़े और 19 हजार 932 लोग स्वस्थ भी हो गए। उधर, मृत्यु की दर 2.65% है। राज्य में फिलहाल 19 लाख 75 हजार 923 लोग होम क्वारैंटाइन में हैं। वहीं, 29 हजार 922 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन में रखा गया है।

उधर, पिछले 24 घंटों में 189 पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिले। इसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 22 हजार 818 हो गई। इस दौरान चार और पुलिसकर्मियों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 245 हो गई।

5. उत्तरप्रदेश
उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं। अब तक 3.31 लाख से ज्यादा संक्रमित ठीक हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में इस समय 53 हजार 953 एक्टिव केस हैं। रिकवरी रेट 84.75% पर पहुंच गया है।



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दीपिका, सारा, श्रद्धा और रकुलप्रीत के बैंक खातों की जांच होगी; नारकोटिक्स ब्यूरो 7 मेल एक्टर्स से भी पूछताछ करेगा

सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले की जांच में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अब दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर और रकुलप्रीत सिंह के बैंक खातों से हुए लेन-देन की जांच करेगा। इन एक्ट्रेस से NCB के अधिकारी ड्रग्स से जुड़ी वॉट्सऐप चैट के बारे में कई घंटे की पूछताछ कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इन्होंने ड्रग्स खरीदने के लिए कोई ट्रांजैक्शन किया या नहीं।

बताया जा रहा है कि चारों एक्ट्रेस के पिछले 3 साल में क्रेडिट कार्ड्स से किए गए पेमेंट्स की जांच की गई है। NCB के हवाले से यह भी दावा किया जा रहा है कि ड्रग्स मामले में बॉलीवुड के कई बड़े प्रोड्यूसर और 7 बड़े एक्टर से भी पूछताछ के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। इस मामले में अब तक हुई पूछताछ में जो नाम सामने आए हैं, उनसे सवाल करने के लिए NCB चीफ ने परमिशन दे दी है।

दीपिका ने ड्रग्स चैट की बात कबूली थी
NCB ने शनिवार को दीपिका पादुकोण से साढ़े पांच घंटे पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपनी मैनेजर करिश्मा प्रकाश से ड्रग्स चैट की बात कबूल की थी, हालांकि ड्रग्स लेने से इनकार किया था। बताया जा रहा है कि सारा और श्रद्धा ने पूछताछ में कहा था कि सुशांत ड्रग्स लेते थे। इनसे पहले रकुलप्रीत सिंह ने रिया से ड्रग्स के बारे में चैट करना कबूल किया था।

रिया की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई
ड्रग्स मामले में गिरफ्तार हुई एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती की जमानत अर्जी पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सुशांत के हाउस मैनेजर रहे सैमुअल मिरांडा, कुक दीपेश सावंत और ड्रग पैडलर बासित परिहार की जमानत पर भी फैसला आ सकता है। इन सभी की अर्जियां लोअर कोर्ट्स से 2-2 बार खारिज हो चुकी हैं।



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Bank accounts of Deepika, Sara, Shraddha and Rakul Preet will be investigated, Narcotics Bureau will also interrogate 7 mail actors


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कोरोना काल में हृदय रोग के मामले 20% बढ़े, लक्षणों को नजरअंदाज किया तो नौबत सर्जरी तक पहुंची; एक्सपर्ट से समझें, कैसे टाल सकते हैं सर्जरी

कोरोनाकाल में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले 20 फीसदी तक बढ़े हैं। ज्यादातर मरीज हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखने के बावजूद उसे नजरअंदाज कर रहे हैं। कोरोना के डर से हॉस्पिटल जाने से बच रहे हैं। नतीजा, सर्जरी की नौबत आ रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोनाकाल में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हार्ट के ऑपरेशन्स टाले जा सकते हैं।

आज वर्ल्ड हार्ट डे, इस साल की थीम है- यूज हार्ट टू बीट कार्डियो वेस्कुलर डिसीज। इस मौके पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल और नानावटी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुशांत पाटिल बता रहे हैं कोरोनाकाल में हार्ट को कैसे हेल्दी रखें...

72 साल की महिला के मामले से समझें क्यों अलर्ट रहना जरूरी
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं, कोरोनाकाल में इमरजेंसी यूनिट में हार्ट अटैक के मामले कम आ रहे हैं। कोरोना के कारण मरीज अस्पताल आने से डर रहे हैं। इसलिए घर पर कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। अगर हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेने में देरी न करें। एक ऐसा ही मामला हमारे पास आया, इससे खतरे को समझा जा सकता है।

हाल ही में फरीदाबाद की 72 साल की महिला हार्टअटैक के बाद अस्पताल पहुंची। वह पिछले 12 घंटे से सीने में जलन को अनदेखा कर रही थी। कोरोना के डर के कारण वह अस्पताल आने से बचती रही। कुछ घंटों बाद स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें अपोलो हॉस्पिटल रेफर किया।

हॉस्पिटल में जांच हुई। रिपोर्ट में सामने आया कि हार्ट अटैक के कारण दोनों हार्ट चैम्बर को अलग करने वाली दीवार फट गई थी। इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ा और यूरिन आउटपुट होने के कारण किडनी भी फेल हुई। तीन दिन तक कार्डियक सपोर्ट पर रखने के बाद 5 घंटे तक उसकी बायपास सर्जरी हुई।

डॉ. मुकेश के मुताबिक, अगर परेशानी की शुरुआत होते ही उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता है तो सर्जरी तक नौबत नहीं पहुंचती। ऐसे मामलों में हालत अगर अधिक बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल लाया जाता है तो मरीज़ को आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लान्ट भी कराना पड़ सकता है।

सर्जरी से बचने के लिए हृदय रोगी ये ध्यान रखें

सर्जरी से बचने के लिए सबसे जरूरी है, हृदय रोगी अपनी दवाएं और ट्रीटमेंट न बंद करें। घर में रहते हुए ही खुद को फिजिकली एक्टिव रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। घर में कोई बाहरी शख्स आता है तो सीधे उसके सम्पर्क में न आएं।

3 रिसर्च बताती हैं कि कोरोना के निशाने पर हार्ट भी है
हृदय रोगी पहले से कोरोना के रिस्क जोन में हैं लेकिन रिकवरी के बाद भी इसका असर हार्ट पर बरकरार रहता है। ऐसे समझें...

  • वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट कहती है, कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों के हार्ट पर गहरा असर पड़ा है। संक्रमण के इलाज के बाद इनमें सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। हार्ट के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जो लम्बे समय तक दिखेगा।
  • अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले 100 में से 78 मरीजों के हार्ट डैमेज हुए और दिल में सूजन दिखी। रिसर्च कहती है, जितना ज्यादा संक्रमण बढ़ेगा भविष्य में उतने ज्यादा बुरे साइड-इफेक्ट का खतरा बढ़ेगा।
  • ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाला हर 7 में से 1 इंसान हार्ट डैमेज से जूझ रहा है। यह सीधेतौर पर उनकी फिटनेस पर असर डाल रहा है।

हार्ट को हेल्दी कैसे रखें, 5 बातों से समझें

खानपान : मोटा अनाज और कम मीठे फल लें
गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं। तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है। जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

वर्कआउट : 45 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक जरूरी
सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है। दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा। फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे। अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

लाइफस्टाइल : जल्दी सोने-जल्दी उठने का रुटीन बनाएं, 7 घंटे की नींद जरूरी
रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं। रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का आदर्श समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा। तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर मस्तिष्क और हृदय पर होता है।

धूम्रपान-अल्कोहल : इससे जितना दूर रहेंगे, हार्ट उतना हेल्दी रहेगा
धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है। इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

सोशल मीडिया : हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अफवाहों से बचना भी जरूरी

डॉ. सुशांत पाटिल कहते हैं, सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर आए मैसेज में कई तरह के दावे किए जाते हैं जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। हार्ट को लेकर भी कई अफवाह वायरल होती हैं। जैसे- दिन की शुरुआत 4 गिलास पानी से करते हैं तो हृदय रोगों का खतरा नहीं होता। ऐसे मैसेजेस से बचें और कोई भी जानकारी लेने के लिए डॉक्टर पर ही भरोसा करें, वरना ये हालत को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकते हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से

दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से होती हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में हर 3 में से 1 मौत हृदय रोग से हो रही है। इसके 80 फीसदी मामले मध्य आय वर्ग वाले देशों में सामने आते हैं।



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World Heart Day 2020: How to Minimize Operational Risk? All You Need To Know From Heart Expert


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क्या दीपिका पादुकोण ने ड्रग मामले में पूछताछ के लिए जाते समय किसानों के समर्थन में लिखे नारे वाली टी-शर्ट पहनी? जानिए वायरल फोटो की सच्चाई

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर दीपिका पादुकोण की एक फोटो वायरल हो रही है। इस फोटो में दीपिका काले रंग की टी-शर्ट पहने दिख रही हैं। टी-शर्ट पर लिखा है - I Support Farmers.

हाल में केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े 2 बिल पास किए हैं। जिनका देश के कुछ हिस्सों में विरोध हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि दीपिका ने इसी किसान आंदोलन के समर्थन में ये टी-शर्ट पहनी है। कई यूजर्स का तो दावा यहां तक है कि दीपिका ने ड्रग मामले में चल रही पूछताछ के लिए जाते समय ये टी-शर्ट पहनी।

और सच क्या है ?

  • किसी भी विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट पर हमें दीपिका की वह फोटो नहीं मिली। जिसमें उनकी टी-शर्ट पर I Support Farmers लिखा हो।
  • वायरल हो रही फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से Indian Express की वेबसाइट पर हमें 20 मार्च, 2018 की एक फोटो स्टोरी मिली। इसमें दीपिका पादुकोण के अलावा, प्रियंका चोपड़ा, फरहा खान, रणवीर सिंह समेत कई सेलिब्रिटी की स्पॉट फोटो हैं।
  • Indian Express की वेबसाइट पर 2 साल पुरानी इस स्टोरी में दीपिका कि वह फोटो भी है जो इस समय वायरल हो रही है। हालांकि, इस फोटो में दीपिका की टीशर्ट पर कुछ भी नहीं लिखा है। कैप्शन से पता चलता है कि ये दीपिका के मुंबई एयरपोर्ट से बाहर आते समय का फोटो है।
  • वायरल हो रही फोटो का 2 साल पुरानी फोटो से मिलान करने पर स्पष्ट हो रहा है कि दोनों एक ही हैं। पुरानी फोटो को एडिट करके उसपर I Support Farmers लिखा गया। चूंकि फोटो 2 साल पहले ही इंटरनेट पर आ चुकी है। इसलिए ये दावा भी झूठा है कि इसमें दीपिका ड्रग मामले की पूछताछ के लिए जाती दिख रही हैं।


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Fact Check: Did Deepika Padukone wear a T-shirt with slogans written in support of the farmers while going for questioning in the drug case? Know the truth of viral photo


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दीपिका, सारा, श्रद्धा और रकुलप्रीत के बैंक खातों की जांच होगी; नारकोटिक्स ब्यूरो 7 मेल एक्टर्स से भी पूछताछ करेगा

सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले की जांच में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अब दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर और रकुलप्रीत सिंह के बैंक खातों से हुए लेन-देन की जांच करेगा। इन एक्ट्रेस से NCB के अधिकारी ड्रग्स से जुड़ी वॉट्सऐप चैट के बारे में कई घंटे की पूछताछ कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इन्होंने ड्रग्स खरीदने के लिए कोई ट्रांजैक्शन किया या नहीं।

बताया जा रहा है कि चारों एक्ट्रेस के पिछले 3 साल में क्रेडिट कार्ड्स से किए गए पेमेंट्स की जांच की गई है। NCB के हवाले से यह भी दावा किया जा रहा है कि ड्रग्स मामले में बॉलीवुड के कई बड़े प्रोड्यूसर और 7 बड़े एक्टर से भी पूछताछ के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। इस मामले में अब तक हुई पूछताछ में जो नाम सामने आए हैं, उनसे सवाल करने के लिए NCB चीफ ने परमिशन दे दी है।

दीपिका ने ड्रग्स चैट की बात कबूली थी
NCB ने शनिवार को दीपिका पादुकोण से साढ़े पांच घंटे पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपनी मैनेजर करिश्मा प्रकाश से ड्रग्स चैट की बात कबूल की थी, हालांकि ड्रग्स लेने से इनकार किया था। बताया जा रहा है कि सारा और श्रद्धा ने पूछताछ में कहा था कि सुशांत ड्रग्स लेते थे। इनसे पहले रकुलप्रीत सिंह ने रिया से ड्रग्स के बारे में चैट करना कबूल किया था।

रिया की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई
ड्रग्स मामले में गिरफ्तार हुई एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती की जमानत अर्जी पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सुशांत के हाउस मैनेजर रहे सैमुअल मिरांडा, कुक दीपेश सावंत और ड्रग पैडलर बासित परिहार की जमानत पर भी फैसला आ सकता है। इन सभी की अर्जियां लोअर कोर्ट्स से 2-2 बार खारिज हो चुकी हैं।



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Bank accounts of Deepika, Sara, Shraddha and Rakul Preet will be investigated, Narcotics Bureau will also interrogate 7 mail actors


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आज हो सकता है 28 सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान; 3 विधायकों के निधन और 25 के दलबदल से खाली हुईं सीटें, इनमें 22 सिंधिया खेमे के

मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा आज हो सकती है। चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान के समय मध्यप्रदेश में उपचुनाव का ऐलान नहीं किया था। तब चुनाव आयोग ने कहा था कि उपचुनावों को लेकर 29 सितंबर की मीटिंग में फैसला लिया जाएगा।

मध्य प्रदेश के उपचुनावों में भाजपा अपनी सत्ता बचाने और कांग्रेस नेता कमलनाथ छह महीने पहले खोई सत्ता वापस पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी दांव पर लगी है। क्योंकि, जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 16 सीटें सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की है।

प्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर उपचुनाव हो रहे हैं

मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। पहली बार प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसकी वजह प्रदेश में मार्च में हुआ सियासी फेरबदल है। इसी साल 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने से 22 सीटें खाली हो गई थीं। इसके बाद जुलाई में बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली। फिर मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का झंडा पकड़ लिया। इसके अलावा, 3 विधायकों का निधन हो गया। यानी कुल 28 विधानसभा सीटें रिक्त हो गईं।

शिवराज, कमलनाथ, सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर

सिंधिया के साथ 22 विधायक कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए थे। इनमें 16 सीटें उनके प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर-चंबल की हैं। यह सिंधिया के प्रभाव वाला इलाका है। इन सीटों पर भाजपा को जिताना उनके लिए बड़ी चुनौती है। कांग्रेस ने अब तक 24 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। भाजपा के नामों की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन 25 सीटों पर उसके प्रत्याशी लगभग तय माने जा रहे हैं। इनमें 22 वह विधायक होंगे जो सिंधिया के साथ भाजपा में आए और तीन वे जिन्हें सीएम शिवराज ने शामिल कराया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा विधायक जिताकर अपनी सत्ता और मजबूत करना चाहेंगे। वहीं, कमलनाथ इस बात के लिए जोर लगाएंगे कि उपचुनाव में कांग्रेस इतनी संख्या में विधायकों को जिता ले कि एक बार फिर सियासी उठापटक की सूरत बन जाए।

मौजूदा विधानसभा की स्थिति

पार्टी सीटें
भाजपा 107
कांग्रेस 88
बसपा 2
सपा 1
निर्दलीय 4
खाली सीटें 28
कुल सीटें 230

2018 में हुए चुनाव के बाद विधानसभा की स्थिति

पार्टी सीटें
कांग्रेस 114
भाजपा 109
बसपा 2
निर्दलीय 4
सपा 1
कुल सीटें 230

जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था

राज्य की जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था। प्रदेश में 230 सदस्यीय राज्य विस में बहुमत के लिए 116 सीटें होना जरूरी हैं। अगर भाजपा उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो उसकी सरकार और स्थिर होगी। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की कोशिश है कि वह 20 या उससे ज्यादा सीटें जीत ले, जिससे की एक बार फिर प्रदेश में सत्ता पलट सकती है।



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जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 27 पर पहले कांग्रेस का कब्जा था।


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मलबे में दबकर 3 की मौत, 3 को बचाया गया, 3 की तलाश जारी; 30 साल पुरानी इमारत में मरम्मत के दौरान हुआ हादसा

गुजरात में वडोदरा के बावनपुरा में सोमवार देर रात एक चार मंजिला इमारत गिरने से एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई। एक बच्चे समेत तीन लोगों को बचा लिया गया है। अभी तीन लोगों के दबे होने का अनुमान है। सरकारी अमला बचाव अभियान में जुटा है। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग करीब 30 साल पुरानी थी। इसकी मरम्मत का काम चल रहा था।

मलबे से दो शव और एक बच्चे समेत चार लोगों को जिंदा निकाला गया। बाद में इनमें से एक की मौत हो गई।

ज्यादातर पीड़ित मजदूर थे, जो घटना के समय बिल्डिंग में सो रहे थे। मारे गए लोगों के नाम गोपी, राजू और रमेश हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे में बिल्डिंग का मालिक भी घायल हुआ है। घायलों को शहर के एसएसजी अस्पताल में भर्ती किया गया है।

बिल्डिंग के नीचे पर्किंग में खड़े कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।

इमारत एक ओर झुक गई थी
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह इमारत काफी पहले ही एक तरफ झुक गई थी। प्रशासन को कई बार इसकी सूचना दी गई थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।



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स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बिल्डिंग एक तरफ झुक गई थी। प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।


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रक्षामंत्री पर्रिकर और सेना प्रमुख मेरे साथ दफ्तर में थे, तीन घंटे में हमें सर्जिकल स्ट्राइक करने की इजाजत मिल गई

चार साल पहले भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। यह पहला मौका था जब हमने दुश्मन पर नियंत्रण रेखा के पार जाकर हमला किया था। तब क्यों, उससे पहले क्यों नहीं? जबकि पाकिस्तान तो नियंत्रण रेखा को पार कर कई दशकों से हम पर हमला करता आ रहा है। इसकी शुरुआत हुई थी उसी साल 18 सितंबर को। जब आतंकवादियों ने कश्मीर के उड़ी में आर्मी कैम्प पर हमला किया और हमने अपने 18 जवानों को खो दिया। शायद शुरुआत तो और पहले हो गई थी, जनवरी में जब आतंकियों ने पठानकोट के एयरफोर्स बेस पर हमला किया था, जिसमें जान और माल दोनों का नुकसान हुआ था।

फरवरी में आतंकियों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके में छह मंजिला इमारत पर कब्जा कर 66 लोगों को बंधक बना लिया, देश में बंधक बनाने की शायद सबसे बड़ी घटना थी वो। सीमा पार से पाकिस्तान ऐसी कई बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम देता आया है। आतंकियों को भेजने में कम खर्च था, ओछे हमले की घटनाएं, सैनिकों के शवों के साथ छेड़छाड़ और उस पर इंकार की राजनीति। यह कहना कि इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं, ये तो कश्मीरी आतंकियों की कारस्तानी है। उलट इसके हम कभी ये हथकंडे नहीं अपना सके। यही वजह रही की भारतीय सेना और ज्यादा रक्षात्मक बनती गई।

हम जानते हैं कि जो शुरुआत करता है वो ज्यादा नुकसान पहुंचा पाता है। और पाकिस्तान जब आतंकी हमले करता तो अपने सैनिकों की जिंदगी को भी दांव पर नहीं लगाना पड़ता। वो उनके लिए कम खर्च में ज्यादा मुनाफे वाला सौदा बन जाता है। इसलिए उड़ी हमला आखरी कील साबित हुआ। मेरे लिए काला रविवार था वो, बतौर कोर कमांडर मैंने 18 जवानों को खोया था। उस आग को जलते देखना, उस जगह जाकर, उनके शवों को आखिरी सलामी देना, लेकिन वो दिन था प्रण लेने का था। उस दिन जब रक्षामंत्री और सेना प्रमुख एक ही दिन में मेरे दफ्तर में थे। वो दिन जब पूरे देश में उबाल था, नेता बौखलाए हुए थे, और वो दिन जब हर जवान बदला चाहता था, अपने साथी की मौत का बदला।

रक्षामंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर और सेना प्रमुख के साथ मेरे दफ्तर में होने का ये फायदा हुआ कि तीन घंटे में हमें आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की इजाजत मिल गई, ताकि पाकिस्तान को उपयुक्त सबक सिखाया जा सके। देश का नेतृत्व मजबूत था, इसलिए पाकिस्तान को वैसा ही दर्द देने का फैसला लिया गया। हम जंग को अब उनके इलाके में ले जाने को राजी थे, आतंकियों पर नियंत्रण रेखा के पार जाकर हमला करने को। कुछ ऐसा जो इससे पहले कभी नही हुआ था, जो हमारे देश ने पहले कभी नहीं किया था। राजनीतिक और राजनयिक पावर ने एक साथ आकर, यूएन जनरल एसेंबली में और उससे बाहर भी। दस दिन बाद एक ऑपरेशन लॉन्च किया गया। अलग-अलग जगहों से।

जैसा प्लान किया था वैसा ही हुआ। अगली सुबह सेना के डीजी मिलिट्री ऑपरेशन्स ने पाकिस्तानी डीजी मिलिट्री ऑपरेशन्स को फोन किया और बताया कि हमने किया। हमने किया, क्योंकि आपने उड़ी में आतंकवादी हमला किया। पाकिस्तान नकारता रहा, क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या प्रतिक्रिया दें, और अपने आवाम को क्या जवाब दें, लेकिन भारत ने नई लाल लकीर खींच दी थी। इसी प्रकार के तजुर्बे के साथ, पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक को पाकिस्तान के बिल्कुल अंदर लॉन्च किया गया।

इलाके से एकदम अलग, हमें याद करना होगा कि हम चीन के खिलाफ भूटान के हक में खड़े रहे, इंडिया-चाइना-भूटान ट्राई जंक्शन पर, डोकलाम प्लैट्यू पर। चीन को अपना एडवांस रोकना पड़ा था। ये कुछ बड़े ऑपरेशन हैं जिसने सिक्योरिटी के नए आयाम दिए, जहां भारत ने मजबूत फैसले लेने शुरू किए, जब भी जरूरत पड़ी।

इस साल भारत चीन के बीच लद्दाख में कुछ जगहों पर संघर्ष हुए। जिनमें से कुछ बाकियों से ज्यादा युद्धकारी थे। बातचीत चल ही रही थी जब गलवान टर्निंग पाॅइंट बन गया। जहां हमने चीन की टेक्नीक का ऐसा रूप देखा जिसकी कल्पना भी नहीं की थी। भारतीय जवानों ने भी हर तरीका इस्तेमाल किया, ट्रेनिंग के दायरे से परे जाकर। इसके बावजूद वीरता और मजबूती के बूते उन्होंने दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया। ऐसा करते हमने 20 वीरों को खोया है, जिनमें कर्नल संतोष बाबू का नेतृत्व और सर्वोच्च बलिदान भी शामिल है।

इसके कुछ महीनों बाद हमारे जवानों ने पैन्गॉन्ग लेक के दक्षिण में कुछ चोटियों पर कब्जा कर लिया। इससे चीन बौखला गया, उसने कभी सोचा भी नहीं था कि भारत यूं पहले कदम बढ़ाएगा। इसने चीन की ताकत को युद्ध क्षेत्र में और बातचीत के बीच कमजोर कर दिया। ये नया भारत है। ये बदला हुआ भारत है, ज्यादा नया और मजबूत। भारत ने आखिरकार नर्म देश का तमगा हटा दिया।

ये तो बस मिलिट्री एक्शन की बात हुई, लेकिन राजनीतिक, राजनयिक और आर्थिक स्तर पर भी मजबूत कदम उठाए गए, जो देश के लिए फायदेमंद साबित हुए। लेकिन इस सबकी शुरुआत सर्जिकल स्ट्राइक से ही हुई थी, चार साल पहले। हमारे जवानों की वीरता ने न सिर्फ उड़ी में खोई जान का बदला लिया, बल्कि बालाकोट और गलवान जैसे कदम उठाने की राह भी खोली।आज मेरा सलाम उड़ी में जान गंवाने वाले शहीदों के नाम और सैल्यूट उन वीरों को जिन्होंने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।

सेना से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. एक्सपर्ट कमेंट / चीन को लेकर भारत के पास ये 4 मिलिट्री ऑप्शन हैं, क्योंकि सेना की तैयारी तो सिर्फ मिलिट्री ऑप्शन की ही होती है

2.एक्सपर्ट एनालिसिस / बॉर्डर मीटिंग में भारत के लेफ्टिनेंट जनरल के सामने चीन से मेजर जनरल आने पर देश में गुस्सा, लेकिन यह बात रैंक नहीं, रोल की है

3. एनालिसिस / हमारे देश में लोकतंत्र है इसलिए हम बता देते हैं, लेकिन चीन कभी नहीं बताएगा कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं



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Surgical strike day: Four years on Remembering the surgical strike, How army soldiers destroyed terror launchpads


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वो वेंटीलेटर पर है, जीभ काट दी थी, इसलिए सिर्फ इशारे से बताती है, रीढ़ की हड्डी टूटी है, चारों उसे मरा समझकर छोड़ गए थे

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की नई बनी इमारत के बाहर लोगों की भीड़ है। वहीं एक कोने में एक बुजुर्ग उदास बैठे हैं। उनके इर्द-गिर्द लोग जुटे हैं। कुछ को वो जानते हैं, कुछ को नहीं। कुछ उन्हें सांत्वना दे रहे हैं, कुछ ये भरोसा की उनकी बेटी जिंदगी की जंग जीत जाएगी।

दो सप्ताह पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप का शिकार हुई उनकी बेटी अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। उसकी जीभ काट दी गई थी। रीढ़ की हड्डी टूटी हुई है। जिस्म पर कई गहरे जख्म हैं। दुपट्टे से उसका गला घोटा गया और उसे मरा जानकर छोड़ा गया।

उसके पास अभी कोई नहीं है। उसका छोटा भाई जो पिछले दो सप्ताह से उसकी देखभाल कर रहा है, दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ गया है, जो ये देखने आए थे कि परिवार को अस्पताल में सुरक्षा मिली है या नहीं। पिता दीवार से कमर टिकाए गुमसुम बैठे हैं। लोग उनसे क्या कह रहे हैं इसका उन्हें बहुत ज्यादा होश नहीं है। मैं उनसे बात करने की कोशिश करती हूं तो वो कहते हैं कि मैं बहुत बोल नहीं पाउंगा। मैं उनके पास ही बैठ जाती हूं।

कुछ देर बाद वो बोलना शुरू करते हैं। बेटी का नाम आते ही फफक पड़ते हैं। चेहरा मास्क से ढका था, आंखों में दर्द और डर साफ नजर आ रहा था। वो कहते हैं, "ये लोग गांव के ठाकुर हैं। ये लोग मेरी बेटी से दरिंदगी करने से पहले मेरे पिता से भी मारपीट कर चुके हैं। उनकी उंगलियां तक काट दी थी। इनकी विचारधारा पहले से ऐसी ही है। ये हमें डराते-धमकाते रहते थे, हम हमेशा बर्दाश्त करते और सोचते कि चलो जाने दो। अब इन्होंने हमारी बेटी के साथ ऐसा अत्याचार किया है।"

हाथरस में गैंगरेप की शिकार दलित लड़की की हालत नाजुक है। उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।

वो बोलते-बोलते अचानक खामोश हो जाते हैं। खौफ उनके चेहरे पर तैरने लगता है। दलित संगठनों से जुड़े लोग उन्हें भरोसा देने की कोशिश करते हैं कि उन्हें और उनके परिवार को अब कुछ नहीं होगा। लेकिन उनका डर कम नहीं होता।

इसी बीच उनका सबसे छोटा बेटा हांफता हुआ आता है। उसका फोन दोपहर से ही बंद है। बहन की देखभाल, कागजों की लिखत-पड़त और अस्पताल में अलग-अलग जगहों के चक्कर काटने में उसे इतना भी समय नहीं मिला है कि कुछ देर रुककर अपना फोन ही चार्ज कर सके।

उसके आते ही कई फोन बात करने के लिए उसे पकड़ा दिए जाते हैं। कुछ पारिवारिक रिश्तेदारों के हैं, कुछ पत्रकारों के, सभी बस वेंटिलेटर पर भर्ती उसकी बहन का हाल जानना चाहते हैं।

वो बताता है, "मैं 12 दिनों से घर नहीं गया हूं। बहन बोल नहीं पा रही है। बस वो आंखों से पहचान रही है। कभी-कभी इशारा करती है। उसकी हालत देखी नहीं जा रही है। मैं उसकी आवाज सुनने को बेचैन हूं। वो मौत से लड़ रही है।"

वो कहता है, "मैं नोएडा में रहकर काम करता था। फोन करता था तो बहन से बहुत बात नहीं हो पाती थी। वो घर के काम-धंधों में लगी रहती थी। अभी मैं कोशिश कर रहा हूं कि बहन से दो बातें हो जाएं तो वो बोल ही नहीं पा रही है क्योंकि उसकी जीभ कटी हुई है।"

13 दिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने के बाद उसे एंबुलेंस के जरिए सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया है।

14 सितंबर को हुआ क्या था?

परिवार के मुताबिक, 14 सितंबर को सुबह-सुबह पीड़िता, उसका बड़ा भाई और मां गांव के जंगल में घास काटने गए थे। जब घास की एक गठरी बंध गई तो बड़ा भाई उसे लेकर घर चला आया। मां और बेटी खेत में अकेले रह गए। मां आगे घास काट रही थी। बेटी पीछे कुछ दूर उसे इकट्ठा कर रही थी। इसी दौरान चारों अभियुक्तों ने पीड़िता के गले में पड़े दुपट्टे से उसे बाजरे के खेत में खींच कर उसका गैंगरेप किया।

उस दिन की घटना के बारे में पीड़िता का भाई बताता है, "मां ने बहन को आवाज़ें दी तो उसका कोई जवाब नहीं आया। पहले उन्हें पानी देने के लिए बनाई गई मेढ़ में उसके चप्पल दिखे, फिर बाजरे के टूटे पौधे दिखे तो वो खेत में अंदर गईं जहां बीस मीटर भीतर वो बहुत ही बुरी हालत में बेहोश पड़ी हुई थी। मां चिल्लाई तो कुछ बच्चे आए, उन्होंने उन्हें तुरंत लोगों को बुलाने और पानी लाने भेजा। बच्चे मेढ़ में भरा पानी पॉलीथीन में भरकर लाए। वो उसके मुंह पर डाला लेकिन उसे होश नहीं आया।"

परिवार के मुताबिक14 सितंबर की घटना है ये जब वे लोग खेत में घास काटने गए थे।

वो बताते हैं, "मेरी मां और भाई उसे तुरंत थाने गए और तहरीर दी। तब तक ये नहीं पता था कि किसने हमला किया है। कितने लोग थे और उसके साथ क्या हुआ है।" पीड़िता के पिता बताते हैं, 'वो दरिंदे खेत के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन मेरी बेटी और पत्नी उनके इरादे को भांप नहीं पाए। उन्होंने मेरी बेटी को घात लगाकर शिकार बनाया। उन्हें किसी का डर नहीं था।'

पुलिस की भूमिका पर उठ रहे हैं सवाल

हाथरस पुलिस ने अब तक इस मामले में संदीप, रामकुमार, लवकुश और रवि नाम के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। चारों ही तथाकथित उच्च जाति के है। हालांकि दलित संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लीपापोती करने की कोशिश की।

पहले सिर्फ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया। एक ही व्यक्ति को अभियुक्त बनाया गया। दस दिनों तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया। जब दलित नेता चंद्रशेखर ने ट्वीट किया और अलीगढ़ जाने का ऐलान किया तब अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। गैंगरेप की धारा भी बाद में जोड़ी गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि परिवार ने जो शिकायत दी थी उसी के आधार पर पहला मुकदमा दर्ज किया गया था और बाद में पीड़िता के बयान के आधार पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया।

पीड़िता को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां पुलिस 19 सितंबर को उसका बयान लेने के लिए पहुंची थी। यानी घटना के पांच दिन बाद। उस दिन पीड़िता की हालत गंभीर थी और वो अपना बयान दर्ज नहीं करा सकी थी। फिर 21 और 22 सितंबर को सर्किल ऑफिसर और महिला पुलिस कर्मी पीड़िता का बयान लेने पहुंचे थे।



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हाथरस के थाना चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को चार दबंग युवकों ने 19 साल की दलित लड़की के साथ बाजरे के खेत में गैंगरेप किया था।


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