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देश में कोरोना से अब तक 1 लाख 20 हजार मौतें हो चुकी हैं। बीते 25 दिनों से रोजाना औसतन 800 लोगों की मौत हो रही है। पहली मौत से आंकड़ा 20 हजार तक पहुंचने में 115 दिन लगे थे। तब रोजाना औसतन 173 मरीज जान गंवा रहे थे। इसमें सबसे ज्यादा तेजी 14 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच रही तब सिर्फ 18 दिन में मौत का आंकड़ा 80 हजार से 1 लाख पर पहुंच गया, यानी हर दिन 1111 लोगों ने जान गंवाई।
देश में मंगलवार को 42 हजार 998 केस आए, 58 हजार 344 मरीज ठीक हुए और 516 की मौत हो गई। अब तक 79 लाख 89 हजार 67 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 72 लाख 57 हजार 360 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 6 लाख 10 हजार 284 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण के चलते अब तक 1 लाख 20 हजार 60 मरीजों की मौत हो चुकी है।
कोरोना अपडेट्स
दिल्ली में प्रदूषण और फेस्टिवल सीजन में लोगों की लापरवाही का नतीजा दिखने लगा है। मंगलवार को राज्य में रिकॉर्ड 4,853 नए मरीज मिले। अब तक एक दिन में मिले मरीजों का ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2722 लोग रिकवर हुए और 44 मरीजों की मौत हो गई।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि पहले की अपेक्षा संक्रमण की दर में जरूर कमी आई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। फेस्टिवल सीजन में केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में कोरोना के केस बढ़े हैं।
भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को फेज-3 ट्रायल की मंजूरी दे दी गई है।
कैडिला भी फेज-2 का ट्रायल कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ने फेज-2 बी का ट्रायल पूरा कर लिया है। अभी यूएस, ब्राजील और साउथ अफ्रीका से ट्रायल के नतीजे आने बाकी हैं।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
राज्य में पिछले 24 घंटे के अंदर 514 नए मरीज मिले, 1010 लोग रिकवर हुए और 8 संक्रमितों की मौत हो गई। अब तक यहां 1 लाख 68 हजार 483 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 2898 मरीजों की मौत हो चुकी है। 1 लाख 55 हजार 232 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं, जबकि 10 हजार 353 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।
2. राजस्थान
पिछले 24 घंटे में 1796 नए मरीज मिले, 2066 लोग रिकवर हुए और 14 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 89 हजार 844 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 15 हजार 949 संक्रमितों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 72 हजार 28 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 1867 लोगों की मौत हो चुकी है।
3. बिहार
राज्य में मंगलवार को 678 लोग संक्रमित मिले। 9073 लोग रिकवर हुए और 7 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 13 हजार 383 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 2 लाख 3 हजार 244 लोग ठीक हो चुके हैं।संक्रमण के चलते अब तक 1065 लोगों की मौत हो चुकी है।
4. महाराष्ट्र
मंगलवार को राज्य में 5363 नए मरीज मिले, 7836 लोग रिकवर हुए और 115 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 16 लाख 54 हजार 28 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 1 लाख 31 हजार 544 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 14 लाख 78 हजार 496 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 43 हजार 463 मरीजों की मौत हो चुकी है।
5. उत्तरप्रदेश
राज्य में मंगलवार को 1986 नए मरीज मिले 2335 लोग ठीक हुए और 38 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 4 लाख 74 हजार 54 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 26 हजार 267 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 4 लाख 40 हजार 847 लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना ने अब तक राज्य में 6940 लोगों की जान ले ली।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने दीपिका पादुकोण की मैनेजर करिश्मा प्रकाश को आज पूछताछ के लिए बुलाया है। NCB ने करिश्मा के घर मंगलवार को छापा मारा था, वहां कुछ मात्रा में हशीश मिली थी। हालांकि, इस कार्रवाई के वक्त करिश्मा घर पर नहीं थीं। इसलिए, NCB ने उनके घर के बाहर समन चिपका दिया। जांच में सामने आया है कि करिश्मा ड्रग्स पैडलर्स से लगातार कॉन्टैक्ट में थीं।
करिश्मा के घर 1.8 ग्राम हशीश मिली
NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने बताया कि करिश्मा के पड़ोसियों, दफ्तर वालों और सभी परिचितों को समन की जानकारी दे दी है। NCB के एक दूसरे अफसर ने बताया कि सीक्रेट इन्फॉर्मेशन के आधार पर करिश्मा के वर्सोवा स्थित घर पर रेड की गई, वहां से 1.8 ग्राम हशीश मिली।
करिश्मा के जिस घर पर कार्रवाई हुई वो उनका दूसरा घर है। बताया जा रहा है वे यहां आती रहती हैं। हालांकि, उनके वकील ने इस बात का खंडन किया है कि वे यहां रहती हैं। NCB इससे पहले भी करिश्मा से 2 बार पूछताछ कर चुका है। एक बार दीपिका पादुकोण के सामने बैठाकर करिश्मा से पूछताछ की गई थी।
दीपिका और करिश्मा की ड्रग्स चैट सामने आई थी
पिछले महीने दीपिका और करिश्मा के बीच ड्रग्स को लेकर हुई बातचीत सामने आई थी। 28 अक्टूबर 2017 की चैट में दीपिका ने दीपिका ने ‘hash’ और ‘weed’ शब्दों का इस्तेमाल किया था। कयास लगाए जा रहे हैं hash शब्द हशीश के लिए और weed गांजे के लिए इस्तेमाल किया गया।
ड्रग्स कनेक्शन में दीपिका-करिश्मा का नाम कैसे आया?
करिश्मा प्रकाश सेलिब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी ‘क्वान’ में काम करती हैं। यह कंपनी 40 से ज्यादा बॉलीवुड सेलेब्रिटीज को टैलेंट मैनेजर मुहैया करवाती है। रिया चक्रवर्ती की मैनेजर जया साहा भी इसी कंपनी के लिए काम करती हैं। जया, करिश्मा की सीनियर हैं। NCB, CBI और ED की टीम जया से कई बार पूछताछ कर चुकी है। जांच के दौरान NCB को जया और करिश्मा के बीच हुई चैट का पता चला। इसके बाद मामला दीपिका तक पहुंचा।
देश में कोरोना से अब तक 1 लाख 20 हजार मौतें हो चुकी हैं। बीते 25 दिनों से रोजाना औसतन 800 लोगों की मौत हो रही है। पहली मौत से आंकड़ा 20 हजार तक पहुंचने में 115 दिन लगे थे। तब रोजाना औसतन 173 मरीज जान गंवा रहे थे। इसमें सबसे ज्यादा तेजी 14 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच रही तब सिर्फ 18 दिन में मौत का आंकड़ा 80 हजार से 1 लाख पर पहुंच गया, यानी हर दिन 1111 लोगों ने जान गंवाई।
देश में मंगलवार को 42 हजार 998 केस आए, 58 हजार 344 मरीज ठीक हुए और 516 की मौत हो गई। अब तक 79 लाख 89 हजार 67 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 72 लाख 57 हजार 360 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 6 लाख 10 हजार 284 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण के चलते अब तक 1 लाख 20 हजार 60 मरीजों की मौत हो चुकी है।
कोरोना अपडेट्स
दिल्ली में प्रदूषण और फेस्टिवल सीजन में लोगों की लापरवाही का नतीजा दिखने लगा है। मंगलवार को राज्य में रिकॉर्ड 4,853 नए मरीज मिले। अब तक एक दिन में मिले मरीजों का ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2722 लोग रिकवर हुए और 44 मरीजों की मौत हो गई।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि पहले की अपेक्षा संक्रमण की दर में जरूर कमी आई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। फेस्टिवल सीजन में केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में कोरोना के केस बढ़े हैं।
भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को फेज-3 ट्रायल की मंजूरी दे दी गई है।
कैडिला भी फेज-2 का ट्रायल कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ने फेज-2 बी का ट्रायल पूरा कर लिया है। अभी यूएस, ब्राजील और साउथ अफ्रीका से ट्रायल के नतीजे आने बाकी हैं।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
राज्य में पिछले 24 घंटे के अंदर 514 नए मरीज मिले, 1010 लोग रिकवर हुए और 8 संक्रमितों की मौत हो गई। अब तक यहां 1 लाख 68 हजार 483 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 2898 मरीजों की मौत हो चुकी है। 1 लाख 55 हजार 232 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं, जबकि 10 हजार 353 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।
2. राजस्थान
पिछले 24 घंटे में 1796 नए मरीज मिले, 2066 लोग रिकवर हुए और 14 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 89 हजार 844 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 15 हजार 949 संक्रमितों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 72 हजार 28 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 1867 लोगों की मौत हो चुकी है।
3. बिहार
राज्य में मंगलवार को 678 लोग संक्रमित मिले। 9073 लोग रिकवर हुए और 7 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 13 हजार 383 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 2 लाख 3 हजार 244 लोग ठीक हो चुके हैं।संक्रमण के चलते अब तक 1065 लोगों की मौत हो चुकी है।
4. महाराष्ट्र
मंगलवार को राज्य में 5363 नए मरीज मिले, 7836 लोग रिकवर हुए और 115 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 16 लाख 54 हजार 28 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 1 लाख 31 हजार 544 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 14 लाख 78 हजार 496 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 43 हजार 463 मरीजों की मौत हो चुकी है।
5. उत्तरप्रदेश
राज्य में मंगलवार को 1986 नए मरीज मिले 2335 लोग ठीक हुए और 38 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 4 लाख 74 हजार 54 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 26 हजार 267 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 4 लाख 40 हजार 847 लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना ने अब तक राज्य में 6940 लोगों की जान ले ली।
अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इससे 6 दिन पहले के आंकड़ों को देखें तो अब तक 6.4 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी वोटिंग कर चुके हैं। उनमें से करीब आधे कॉम्पिटीटिव स्टेट्स से हैं, जो यह तय करेंगे कि इलेक्टोरल कॉलेज कौन जीतेगा। वहीं, 2016 में प्री वोटिंग का आंकड़ा 5.83 करोड़ था।
यूनाइटेड स्टेट्स इलेक्शन प्रोजेक्ट्स के मुताबिक, संभवतः इन बैटल ग्राउंड स्टेट्स में शुरुआती वोट 2016 की तुलना में आधे से ज्यादा हैं। वहीं, देशभर में 2016 में जितने वोट हुए थे, इस बार वोटर्स ने उसके लगभग 46% वोटिंग पहले ही कर दी है।
कोरोनावायरस महामारी के चलते कई राज्यों ने वोटिंग रूल में बदलाव किए। पहली बार लाखों लोगों को मेल के द्वारा वोट करने की इजाजत दी गई। साथ ही कई लोगों ने भीड़ से बचने के लिए व्यक्तिगत रूप से मतदान किया। राष्ट्रपति ट्रम्प के समर्थन में और उनके खिलाफ मतदाताओं के उत्साह से देशभर में रिकॉर्ड स्तर पर वोटिंग को बढ़ावा मिलता दिख रहा है।
शुरुआती मतदान में डेमोक्रेट्स को बढ़त
डेमोक्रेट शुरुआती मतदान को लेकर ज्यादा उत्सुक दिखाई देते हैं। पांच बैटल ग्राउंड स्टेट्स में अब तक रिपब्लिकंस की तुलना में करीब 20 लाख ज्यादा रजिस्टर्ड डेमोक्रेट ने मतदान किया। 2016 में ट्रम्प पेंसिल्वेनिया में मामूली अंतर से जीते थे। यहां रिपब्लिकन की तुलना में तीन गुना डेमोक्रेट्स ने वोटिंग की। फ्लोरिडा और नॉर्थ कैरोलिना में भी डेमोक्रेट्स आगे रहे।
बैटल ग्राउंड्स स्टेट्स
टेक्सास में इस साल 73 लाख से ज्यादा वोटर्स पहले ही वोट डाल चुके हैं। यह आंकड़ा 2016 में हुए कुल मतदान के करीब है। ज्यादा आबादी वाले टेक्सास को इस साल कॉम्पिटीटिव स्टेट्स माना जा रहा है, क्योंकि यहां अश्वेतों की आबादी बढ़ रही है।
2016 की तुलना में यहां 80% से ज्यादा वोटिंग हुई। इस बार भी यहां वोटों का शुरुआती आंकड़ा देखें, तो रिपब्लिकंस पिछड़ते दिख रही हैं। वहीं, एरिजोना, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, नेवादा और नॉर्थ कैरोलिना में भी 2016 के मुकाबले 60% से ज्यादा वोटिंग हुई है।
बैटल ग्राउंड स्टेट्स में टेक्सास, फ्लोरिडा, नॉर्थ कैरोलिना, जॉर्जिया, ओहायो, मिशिगन, पेंसिलवेनिया, एरिजोना, विस्कॉन्सिन, मिनेसोटा, आयोवा, नेवादा, न्यू हैम्पशायर शामिल हैं।
बाइडेन के जीतने की संभावना
जिन राज्यों में जो बाइडेन की जीतने की संभावना ज्यादा है, वहां अब तक एक तिहाई वोट दिए जा चुके हैं। यह 2016 में हुए कुल वोटों का 46% है। उधर, न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों में वोटिंग अभी शुरू ही हुई है। यहां भी वोटिंग का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।
इन राज्यों में बाइडेन जीत सकते हैं
कैलिफोर्निया, न्यूजर्सी, वॉशिंगटन स्टेट, वर्जीनिया, इलिनॉय, कोलोराडो, मैसाच्युसेट्स, ऑरेगन, मैरीलैंड, कनेक्टिकट, न्यूयॉर्क, मेन, हवाई, रोड आईलैंड, वेरमॉन्ट, वॉशिंगटन डीसी, डेलावेयर।
ट्रम्प के जीतने की संभावना
जिन राज्यों में ट्रम्प की जीतने की संभावना है, वहां शुरुआती वोटिंग कम ही हुई। ये राज्य डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले और बैटल ग्राउंड स्टेट्स की तुलना में कम आबादी वाले हैं। इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि कुल शुरुआती वोटिंग में इनका हिस्सा कम ही है। लेकिन, इन राज्यों में शुरुआती वोटिंग का प्रतिशत चार साल हुए वोटिंग की तुलना में कम ही है।
इन स्टेट्स में ट्रम्प जीत सकते हैं
टेनेसी, इंडियाना, केंटकी, साउथ कैरोलिना, लुइसियाना, मिसौरी, अरकंसास, उटाह, कंसास, नेब्रास्का, मोंटाना, ओक्लाहोमा, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, अलबामा, इडाहो, वेस्ट वर्जीनिया, व्योमिंग, अलास्का, मिसीसिपी।
सरकार ने मंगलवार को कहा कि अनलॉक-5 के लिए जारी की गई गाइडलाइन ही 30 नवंबर तक लागू रहेगी। इस दौरान कंटेनमेंट जोन्स में लॉकडाउन सख्ती से लागू होगा। वहीं, NASA ने दावा किया कि उसे चंद्रमा पर पर्याप्त पानी मिला है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
सबसे पहले देखते हैं, बाजार क्या कह रहा है…
BSE का मार्केट कैप 159 लाख करोड़ रुपए रहा। करीब 44% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
2,835 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। 1,255 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,399 कंपनियों के गिरे।
आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर
बिहार में आज प्रधानमंत्री मोदी की तीन रैलियां। मोदी सुबह 11 बजे दरभंगा, 12.35 बजे मुजफ्फरपुर और दोपहर ढाई बजे पटना में होंगे।
बिहार चुनाव की कुल 243 सीटों में से पहले चरण में 71 सीटों पर आज मतदान। पहले चरण में 2.14 करोड़ मतदाता।
बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी आज दो रैलियां करेंगे। पहली रैली पश्चिमी चंपारण और दूसरी दरभंगा में होगी।
IPL में आज मुंबई और बेंगलुरु का मैच अबु धाबी में शाम साढ़े 7 बजे शुरू होगा।
मुंबई में फेक TRP केस में गिरफ्तार तीन आरोपियों की पुलिस रिमांड 28 अक्टूबर को खत्म हो रही है। इनकी कस्टडी और जमानत याचिका पर कोर्ट में आज सुनवाई।
देश-विदेश
हरियाणा में मर्डर, लव जिहाद का मामला
फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में लव जिहाद का मामला सामने आया। यहां नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी। लड़की के पिता का कहना है कि तौसीफ मेरी बेटी पर धर्म बदलने के लिए दबाव बना रहा था। पुलिस ने तौसीफ और उसके साथी रेहान को गिरफ्तार कर लिया है।
नीतीश की गलत बात, तेजस्वी ने बताई आशीर्वाद
बिहार में आज 71 सीटों के लिए पहले चरण का मतदान है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को महनार की सभा में लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना कहा कि लोग आठ-नौ बच्चा पैदा करता है। बेटियों पर भरोसा ही नहीं था। कई बेटियां हो गईं, तब बाद में बेटा हुआ। हालांकि, तेजस्वी ने नीतीश की बातों को आशीर्वचन बताया।
गलवान के शहीदों को अमेरिकी विदेश मंत्री की श्रद्धांजलि
भारत और अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच तीसरी 2+2 बैठक दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि हम उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने गलवान में भारत के लिए अपनी जान दी। भारत अपनी अखंडता के लिए लड़ रहा है। हम भारत के साथ खड़े हैं।
कश्मीर-लद्दाख में कोई भी भारतीय जमीन खरीद सकेगा
केंद्र सरकार ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए भूमि कानून से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया। अब कश्मीर और लद्दाख में कोई भी भारतीय जमीन खरीद सकेगा। दोनों केंद्र शासित राज्यों में यह कानून तत्काल लागू होगा। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के तहत यह आदेश जारी किया है।
पाकिस्तान में IED ब्लास्ट; 8 की मौत, 120 से ज्यादा घायल
पाकिस्तान में पेशावर के एक मदरसे में मंगलवार सुबह IED ब्लास्ट हुआ। इसमें आठ बच्चों की मौत हो गई। वहीं, 120 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। घटना सुबह 8.30 बजे हुई। पुलिस ने बताया कि दिर कॉलोनी स्थित जामिया जुबेरिया मदरसे में कोई व्यक्ति एक बैग छोड़कर गया था और उसके कुछ देर बाद ही धमाका हो गया।
अब भाजपा सांसद नारायण राणे ने कहा- सुशांत का मर्डर हुआ
सुशांत सिंह राजपूत की मौत को 4 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। अभी भी सुशांत को लेकर नए-नए दावे किए जा रहे हैं। अब भाजपा सांसद नारायण राणे ने कहा, "सुशांत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनका मर्डर हुआ था। उस वक्त सुशांत के घर में एक मंत्री भी मौजूद था। मेरे पास सबूत हैं, जो मैं सिर्फ CBI को दूंगा।"
ओरिजिनल
1. 'पंडित को पता चले कि वाल्मिकी हैं तो हमारा प्रसाद भी नहीं चढ़ाता'
गाजियाबाद के करहेड़ा गांव में घुसते ही LIU यानी लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के एजेंट नजर आते हैं जो यहां आने-जाने वाले हर व्यक्ति का ब्यौरा दर्ज कर रहे हैं। हालांकि, यहां कोई धर्म परिवर्तन के बारे में नहीं बोलता। दबी जुबान में ग्रामीण यह जरूर बताते हैं कि पंडित को पता चले कि वाल्मिकी हैं तो हमारा प्रसाद भी नहीं चढ़ाता।
2. 1 रु. वाले मटर के पैकेट का बिजनेस किया, दूसरे महीने कमाई 50 हजार
राजस्थान के टोंक जिले में रहने वाले अंशुल गोयल ने यूं तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन काम स्नैक्स बेचने का कर रहे हैं। घरवालों के कहने पर डेढ़ साल सरकारी नौकरी की तैयारी की, लेकिन फिर बंद कर दी। अब बिजनेस में एक से डेढ़ लाख रुपए तक की मंथली इनकम पर पहुंच चुके हैं।
कोरोना की वजह से फ्लाइट्स ऑपरेशंस में जो रुकावट आई थी, वह धीरे-धीरे हटती दिख रही है। लॉकडाउन से पहले रोज चार से साढ़े चार लाख तक पैसेंजर घरेलू फ्लाइट्स में उड़ान भर रहे थे। 24 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते तक के आंकड़ों को देखें तो अब करीब 1.65 लाख लोग रोज उड़ान भर रहे हैं। जुलाई में प्रति फ्लाइट पैसेंजर 85 थे, जो अब बढ़कर 100 पैसेंजर प्रति फ्लाइट हो गया है।
1. ‘गो कोरोना गो’ कहने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। अठावले ने एक दिन पहले एक्ट्रेस पायल घोष को पार्टी जॉइन करवाई थी, जहां उनका मास्क ठीक से नहीं लगा था।
2. चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ काशी विश्वनाथन ने कहा कि 2021 में महेंद्र सिंह धोनी ही टीम के कप्तान होंगे। एक खराब सीजन का मतलब यह नहीं है कि हम सब कुछ बदल दें।
3. ICMR ने कहा कि फेस्टिव सीजन में केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में कोरोना केस बढ़े हैं। सभी को सतर्क रहना होगा। कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा।
गाजियाबाद के करहेड़ा गांव में घुसते ही LIU यानी लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के एजेंट नजर आते हैं, जो यहां आने-जाने वाले हर व्यक्ति का ब्योरा दर्ज कर रहे हैं। कुछ लोग बैठे हैं, जो धर्म परिवर्तन के बारे में पूछने पर खीझते हुए कहते हैं, 'हां यहीं धर्म परिवर्तन हुआ है।'
वाल्मीकि मोहल्ले में सभी घर पक्के हैं। कुछ तीन-चार मंजिला भी हैं। घरों के बाहर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों की टाइलें लगी हैं। मोहल्ले के बीचोंबीच एक वाल्मीकि मंदिर है, जिसके बाहर लोग जमा हैं। धर्म परिवर्तन के बारे में पूछने पर कोई कुछ नहीं बोलता। जिससे पूछो वो यही कहता है, 'इस बारे में पवन भैया ही बात करेंगे।'
पवन के बारे में पूछने पर बताया जाता है कि 'उनकी तबियत खराब है' और वो आज नहीं मिल पाएंगे। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर के बाहर बैठी एक महिला कहती है, 'हमने धर्म परिवर्तन नहीं किया है, कुछ ने किया है, उनसे ही पूछिए क्यों किया है।'
दरअसल, 14 अक्टूबर को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पड़पोते राजरतन अंबेडकर करहेड़ा पहुंचे थे और वाल्मीकि समुदाय के लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलवाई थी। इस कार्यक्रम में 200 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। राजरतन के साथ तस्वीर खिंचवाने वाले और अब तक मीडिया में खुलकर धर्म परिवर्तन की बात स्वीकार करते रहे पवन के दादा सवालों से भागते नजर आए।
वो कहते हैं, 'मैं एक ही बात बार-बार दोहराते हुए थक गया हूं। सबको दिख रहा है कि हमने क्यों धर्म परिवर्तन किया है।' क्या अब उन पर कोई दबाव है? इस पर वो कहते हैं, 'अब तो निर्णय हो गया है, अब क्या करा जाए। जो भी हो, उस निर्णय में कोई परिवर्तन नहीं होगा।'
सारी जिंदगी कूड़ा ढोती रहीं बुजुर्ग अनारो देवी कहती हैं, 'हम अपना धर्म नहीं बदलेंगे, जैसे हैं, वैसे ही रहेंगे। जो हमारे बड़े-बूढ़े करते आए हैं, वहीं करते रहेंगे। हम अपने गांव के चौहानों की, अपने किसानों की बुराई नहीं लेंगे।'
क्या कभी छुआछूत या भेदभाव महसूस किया? इस सवाल पर वो कहती हैं, 'पहले हमें दूर से रोटी देते थे, छुआछूत करते थे। फिर इंदिरा गांधी ने छुआछूत खत्म करके बहुत अच्छा किया था। हमें बड़े लोगों के बराबर बिठा दिया था। गांव के सब लोग हमारा मान रखते हैं। न हम धरम बदलेंगे और न ही अपना करम बदलेंगे।'
अपना नाम खन्ना बताने वाले एक व्यक्ति कहते हैं, 'अभी मैने धर्म परिवर्तन नहीं किया है, लेकिन विचार कर रहा हूं।' वजह पूछने पर वो कहते हैं, 'हाथरस में हमारी बेटी के साथ ज्यादती हुई, लेकिन इंसाफ नहीं मिला। हिंदू धर्म में हमें ना सम्मान मिल रहा है, न इंसाफ।'
यहां कुछ लोग दबी जुबान में और कुछ खुलकर कहते हैं कि हाथरस में हुए कथित गैंगरेप और पीड़ित परिवार के साथ हो रही ज्यादती के विरुद्ध लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है।
अपना नाम न जाहिर करते हुए एक युवक कहता है, 'मैंने धर्म नहीं बदला है, लेकिन मेरे पिता ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है। कोई भी हिंदू संगठन हमें हिंदू मानने के लिए तैयार नहीं है। हिंदू हमें सिर्फ दंगों के समय याद करते हैं। हाथरस में हमारी बेटी के साथ ज्यादती हुई तो हमें हिंदू नहीं माना गया। ये अब हमारे सम्मान की बात है।'
वो कहते हैं, 'बाकी जरूरतें तो हम मेहनत करके पूरा कर लेंगे, लेकिन हमें सम्मान ही नहीं मिलेगा तो भले ही हम 100 साल जिएं, उस जीवन का फायदा क्या है? जिस धर्म में हमारी बहन-बेटियों का सम्मान नहीं है, उसमें रहकर हम क्या करेंगे?' वो बार-बार कहते हैं, 'मीडिया वाले आते हैं, हमारी बात सुनते हैं, लेकिन हमारी बात को आगे नहीं बढ़ाते। ये भी तो भेदभाव ही है?'
वाल्मीकि समुदाय के इस समूह का नेतृत्व कर रहे पवन दवा लेने नहीं गए थे, दरअसल वो अब किसी से बात करना नहीं चाह रहे हैं। ये भरोसा हो जाने के बाद कि हम उनके पक्ष को जगह देंगे, वो कहते हैं, 'लानत है हमारी ऐसी जिंदगी पर कि हमारी एक बेटी के साथ ऐसी वीभत्स घटना हुई और हम उसके लिए इंसाफ भी न मांग पाएं।'
पवन के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दी गई है। उन पर लोगों को भड़काने का आरोप है। पवन कहते हैं, 'हमने इंसाफ के लिए आवाज उठाई तो हमारा संबंध पाकिस्तान से जोड़ दिया गया, हमें देशद्रोही तक बता दिया गया। क्या अपनी बहन के लिए इंसाफ मांगना देशद्रोह है?'
पवन दावा करते हैं कि 50 परिवारों के 236 लोगों ने धर्म बदला है और आगे और भी लोग धर्म परिवर्तन करेंगे। हालांकि, गाजियाबाद जिला प्रशासन ने धर्म परिवर्तन के दावों को खारिज किया है। क्या अब उन पर कोई दबाव है? पवन कहते हैं- बहुत तरह से दबाव भी पड़ रहा है और समर्थन भी मिल रहा है। प्रशासन के लोग आते हैं, कहते हैं सभी सुविधाएं देंगे, धर्म परिवर्तन की बात वापस करो। समुदाय के लोग भी दूर-दूर से आ रहे हैं और हमारा साथ दे रहे हैं। दोनों ही तरफ से दबाव है।
सुनीता के घर की दीवारों पर हाल ही में नीला रंग किया गया है। उनकी चौखट पर भगवान गणेश की मूर्ति लगी है। सुनीता और उनके पूरे परिवार ने बौद्ध धर्म अपनाया है। भगवान बुद्ध की बड़ी सी तस्वीर और धर्म बदलने का प्रमाण पत्र दिखाते हुए सुनीता कहती हैं, 'हमारे साथ जातपात होता रहा है, हमारे बच्चों को इंसाफ नहीं मिलता है। हमें कोई बराबर नहीं मानता। हमने अपनी मर्जी से धर्म बदला है। अब बदल लिया तो बदल लिया, पीछे नहीं हटेंगे। मौत भी आएगी तो उसका सामना करेंगे।'
सुनीता कहती हैं, 'हमारे धर्म बदलने से लोगों का नजरिया बदलेगा। आगे और भी लोग धर्म बदलेंगे। हमारी बहन-बेटी को आज समाज में सम्मान नहीं है। आज हमारा सम्मान नहीं है तो आगे भी नहीं होगा। बौद्ध धर्म में हमें बराबरी मिलेगी। हमारे बच्चे के नाम के आगे बौद्ध लगा होगा तो कोई उनसे उनकी जात नहीं पूछेगा।'
वो कहती हैं, 'कभी सरकार ने आकर ये देखा कि बड़ी जाति के लोग हमारे साथ कैसा व्यवहार करते हैं। हमारी जात देखकर हमें काम पर नहीं रखा जाता है। हम नाली के कीड़े थे, लैटरीन उठाने वाले थे, हमें वही समझा जाता है। उससे ज्यादा कुछ नहीं। मंदिर में पंडित को पता चल जाए कि हम वाल्मीकि हैं तो हमारा प्रसाद तक नहीं चढ़ाया जाता है।'
सुनीता कहती हैं, 'हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी जब देश से बाहर जाते हैं तो अपने आप को बुद्ध के देश का बताते हैं। आज जब हमने उसी बौद्ध का धर्म अपना लिया तो ये परेशान क्यों हो रहे हैं। हम पर दुनियाभर के इल्जाम क्यों लगाए जा रहे हैं। चीन-पाकिस्तान से हमारे संबंध क्यों बताए जा रहे हैं। सिर्फ धर्म अपनाने पर हम पर इतने बड़े-बड़े आरोप लगाए जा रहे हैं।'
शाम होते-होते गाजियाबाद के SDM सदर देवेंद्र कुमार प्रशासनिक अमले के साथ वाल्मीकि मोहल्ले में पहुंचे। उनके साथ अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों की फौज थी। वो पवन से कहते हैं, प्रशासन उनकी सभी मांगें मान रहा है। बच्चों के खेलने के लिए मैदान दिया जाएगा।
भीमराव अंबेडकर पार्क बनवाया जाएगा। जिनके राशन कार्ड नहीं हैं, राशन कार्ड बनेंगे। जो लोग बेरोजगार हैं और कर्ज चाहते हैं, उन्हें तुरंत दो लाख रुपए तक का कर्ज मिलेगा। एसडीएम जब अपने प्रस्तावों की फेहरिस्त खत्म करते हैं तो पवन कहते हैं, इस सबसे पहले उन्हें 'अपनी बहन' के लिए इंसाफ चाहिए।
विभाग के कर्मचारी मोहल्ले के लोगों के दरवाजे पर जा-जाकर जायजा ले रहे हैं कि उन्हें सामाजिक कल्याण की किस योजना का फायदा दिया जा सकता है। कुछ महिलाओं की पेंशन के फार्म भरे जा रहे हैं, कुछ का राशन कार्ड का फार्म भरा जा रहा है।
SDM लोगों को वो जमीन दिखाना चाहते हैं, जो वाल्मीकि समुदाय को अलॉट की जा रही है। मैं पवन से सवाल करती हूं कि जब सरकार इतना कुछ दे रही है तो वो क्यों नहीं प्रशासन की बात मान लेते। वो कहते हैं, 'हमारी एक ही मांग है, हम बराबरी चाहते हैं। ये सब मांगें तो प्रशासन ने खुद जोड़ी हैं।'
करहेड़ा गांव में वाल्मीकि मोहल्ले और ठाकुरों के मोहल्ले में फर्क करना आसान नहीं है। गांव के ठाकुर कहते हैं कि इस गांव में न किसी तरह का कोई भेदभाव है और न ही तनाव। मैं ठाकुरों से बात कर ही रही थी कि एक बाइक पर दो नई उम्र के लड़के आए। इनमें एक ठाकुर था और दूसरा वाल्मीकि। वो दोनों कहते हैं, हम मिलकर रहते हैं, साथ उठते-बैठते हैं, खाते-पीते हैं।
इसी बीच एक ठाकुर युवक कहता है, 'वो चूड़ो-चमारों का मोहल्ला है, ये ठाकुरों का। हमारा उनसे कोई मतलब नहीं है। ना ही किसी तरह का अत्याचार या विवाद है, बल्कि हम तो उनकी बहन बेटियों की शादियों में भी हर संभव मदद करते हैं। 'ठाकुर मोहल्ले को लोग कई बार जाने-अनजाने चमार-चूड़े शब्द का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें ये अहसास भी नहीं था कि ऐसे जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करके वो दलितों के सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं।'
मैं वापस वाल्मीकि मोहल्ले आती हूं तो पवन कहते हैं, 'हम दो तारीख का इंतजार कर रहे हैं। अगर हमारी बहन को इंसाफ नहीं मिला और परिवार को परेशान किया जाता रहा तो हजारों और लोग बौद्ध धर्म की दीक्षा लेंगे। राजरतन आंबेडकर जी फिर यहां आ रहे हैं।'
आज की कहानी राजस्थान के टोंक जिले में रहने वाले अंशुल गोयल की है। यूं तो अंशुल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन काम स्नैक्स बेचने का कर रहे हैं। कॉलेज में एंटरप्रेन्योरशिप के एक प्रोजेक्ट के दौरान ही उन्होंने सोच लिया था कि बिजनेस ही करना है।
घरवालों के कहने पर डेढ़ साल सरकारी नौकरी की तैयारी भी, लेकिन मन नहीं लगा तो बंद कर दी। तीन साल में अपने पार्टनर के साथ मिलकर एक से डेढ़ लाख रुपए तक की मंथली इनकम पर पहुंच चुके हैं। वही बता रहे हैं, उन्होंने ये सब कैसे किया।
एक सैलरी पर बंधकर काम नहीं करना चाहता था
अंशुल कहते हैं- इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान मुझे महसूस हुआ कि नौकरी के बजाए मुझे बिजनेस में जाना चाहिए। मैं एक सैलरी पर बंधकर काम नहीं करना चाहता था, बल्कि खुद अपने काम का बॉस बनना चाहता था। कॉलेज में थर्ड ईयर में एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम में पार्टिसिपेट किया।
एक बिजनेस प्रोजेक्ट पर काम किया। तब दिमाग में ये बात घर कर गई कि बिजनेस ही करना है। घरवाले चाहते थे कि मैं पढ़ाई करके नौकरी करूं। सरकारी नौकरी की तैयारी भी की, लेकिन कुछ दिन बाद मन नहीं लगा और बिजनेस के बारे में सोचने लगा।
वो बताते हैं, "मैं मार्केट में बिजनेस सर्च कर रहा था कि आखिर क्या कर सकता हूं। मेरे ज्यादातर रिश्तेदार बिजनेसमैन ही हैं। उनसे भी कंसल्ट कर रहा था। मुसीबत ये थी कि बिजनेस शुरू करने के लिए बहुत पैसा नहीं था। जो भी करना था, छोटे बजट में ही करना था। मैं देख रहा था कि कोई प्रोडक्ट कितना बिक सकता है। उसकी मार्केट में क्रेडिट कितने दिनों की होती है। सबसे ज्यादा कौन लोग उसे खरीदते हैं। कई चीजें देखने के बाद मुझे हरे मटर का काम समझ में आया।"
अंशुल कहते हैं- मैंने देखा कि एक रुपए में फ्राई मटर बेचे जाते हैं। ये पैकेट खासतौर पर बच्चों को टारगेट कर मार्केट में उतारे जाते हैं। रिसर्च करने पर मुझे पता चला कि इस काम में बहुत ज्यादा इंवेस्टमेंट भी नहीं था और रिटर्न आने की संभावना पूरी थी। 2017 में मैंने जयपुर से ही डेढ़ लाख रुपए में ये काम शुरू किया। मेरे करीब 60 से 70 हजार रुपए प्रिंटिंग में खर्च हुए, क्योंकि प्रिंटिंग का ऑर्डर बल्क में देना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि पचास हजार रुपए में पैकिंग की एक सेकंड हैंड मशीन खरीदी। इसके अलावा मंडी से दौ सो किलो सूखी मटर खरीदी। शुरू के एक महीने काफी दिक्कतें आईं। अनुभव न होने के चलती कभी हमारी मटर पूरी तरह फ्राई नहीं हो पाती थी। कभी क्रिस्पी नहीं होती थी।
कभी तेल ज्यादा हो जाता था तो कभी मसाला अच्छे से लग नहीं पाता था। मैंने अपने जानने वाले दुकानदारों को सैम्पलिंग के लिए पैकेट दिए थे। सभी ने फीडबैक दिया। फिर पता चला कि तेल सुखाने के लिए भी मशीन आती है। मसाला लगाने के लिए भी मशीन आती है और भी कई छोटी-छोटी बातें पता चलीं।
डेढ़ महीने में ही शुरू हो गई कमाई
वो कहते हैं- एक महीने की लर्निंग के बाद मैं जान गया था कि बढ़िया क्रिस्पी मटर कैसे तैयार किए जाते हैं। हम अच्छा माल तैयार करने लगे। महीनेभर बाद ही ऑर्डर बढ़ना शुरू हो गया। पहले टोंक जिले के गांव में ही मैं पैकेट पहुंचा रहा था। दूसरे महीन से ही मेरी 45 से 50 हजार रुपए की बचत होने लगी। ये काम 6 महीने तक चलता रहा।
फिर दुकानदारों ने ही बोला कि इसके साथ जो स्नैक्स के दूसरे प्रोडक्ट आते हैं, वो भी बढ़ाओ। उन प्रोडक्ट्स की भी काफी डिमांड होती है। मैंने भी सोचा कि प्रोडक्ट्स बढ़ाऊंगा नहीं तो काम कैसे फैलेगा। मटर के काम में मैंने एक बंदा मटर फ्राई करने के लिए रखा था और दूसरा पैकिंग के लिए था। मार्केटिंग का काम मैं खुद देख रहा था।
मार्केट से 50 लाख उठाए, आधे चुका भी दिए
अंशुल ने बताया कि मेरे पास बहुत से प्रोडक्ट्स लॉन्च करने के लिए पैसा नहीं था। फिर अपने साथ एक पार्टनर को जोड़ा। हमने सबसे पहले फर्म रजिस्टर्ड करवाई। मार्केट और बैंक से करीब 50 लाख रुपए उठाए और एक साथ 11 प्रोडक्ट लॉन्च कर दिए। टोंक के साथ ही जयपुर और दूसरे एरिया में भी हम डिस्ट्रीब्यूशन के जरिए प्रोडक्ट्स पहुंचाने लगे।
उन्होंने कहा- कोरोना के पहले हमारी मंथली इनकम एक से डेढ़ लाख थी। मार्केट से जो पैसा उठाया था, उसका 50% चुका भी दिया। कोरोना के चलते 6 महीने का ब्रेक लग गया था। अब फैक्ट्री फिर से शुरू कर दी है। आज मेरे पास करीब 30 लाख रुपए की मशीनें हैं। आठ से दस वर्कर हैं। पैकिंग से लेकर ड्राय करने तक की मशीनें हैं।
अब हम दिवाली के बाद चिप्स लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। जो लोग अपना काम शुरू करना चाहते हैं, उन्हें यही कहना चाहता हूं कि जो भी काम करो, पहले उसके बारे में रिसर्च करो। उस प्रोडक्ट के मार्केट को समझो। कॉम्पीटिशन बहुत हाई है, यदि सही प्लानिंग से नहीं गए तो नुकसान हो सकता है। अंशुल यूट्यूब पर कामकाजी चैनल के जरिए लोगों को बिजनेस एडवाइज भी देते हैं।
एयरलाइंस और एयर ट्रैवल से जुड़े हर एक व्यक्ति के लिए खुशखबरी है! कोरोना की वजह से फ्लाइट्स ऑपरेशंस में जो रुकावट आई थी, वह धीरे-धीरे हटती दिख रही है। लॉकडाउन से पहले रोज चार से साढ़े चार लाख तक पैसेंजर घरेलू फ्लाइट्स में उड़ान भर रहे थे। 25 मार्च से 24 मई तक डोमेस्टिक फ्लाइट्स के ऑपरेशन बंद रहे। अनलॉक होने के बाद धीरे-धीरे फ्लाइट्स बढ़ रही हैं और पैसेंजर्स की संख्या भी।
24 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते तक के आंकड़ों को देखें तो अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से पहली बार अब तकरीबन 1.65 लाख लोग रोज उड़ान भर रहे हैं।
हर फ्लाइट में 100 से ज्यादा यात्री
एयरलाइंस में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जिस रफ्तार में फ्लाइट्स बढ़ रही हैं, उसी के अनुसार पैसेंजर भी बढ़ रहे हैं। 25 मई को जब फ्लाइट ऑपरेशंस दोबारा शुरू हुए तो जून में प्रति फ्लाइट औसत पैसेंजर की संख्या 90 तक पहुंच गई थी। जुलाई में फ्लाइट्स की संख्या बढ़ी तो प्रति फ्लाइट औसत पैसेंजर की संख्या कम हुई और 85.9 पैसेंजर प्रति फ्लाइट पर आकर ठिठक गई। उसके बाद फ्लाइट्स और प्रति फ्लाइट पैसेंजर की संख्या लगातार बढ़ रही है। 24 अक्टूबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, महीने में जून के 713 डिपार्चर के मुकाबले 1,551 डिपार्चर हुए। वहीं, प्रति फ्लाइट पैसेंजर संख्या भी 90 से बढ़कर 106 तक पहुंच चुकी है।
जनवरी-फरवरी के स्तर पर पहुंचने में लगेगा वक्त
अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद स्थिति तेजी से सुधरी है, लेकिन लॉकडाउन से पहले का स्तर पाने में अभी वक्त लग सकता है। डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (DGCA) के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में 127.83 लाख पैसेंजर्स ने एयर ट्रैवल किया था। वहीं, सितंबर में यह आंकड़ा सिर्फ 39.43 लाख पैसेंजर का रहा। राहत की बात यह है कि अनलॉक के बाद हर महीने बेहतर तस्वीर सामने आ रही है।
अगस्त के आंकड़ों से तुलना करें तो सितंबर में उड़ान भरने वाले पैसेंजर्स की संख्या में 39.23% की बढ़ोतरी हुई है। जब हम पिछले साल के आंकड़े देखते हैं तो जनवरी से सितंबर तक 1,058.91 लाख पैसेंजर्स ने एयर ट्रैवल किया था। इस साल लॉकडाउन और दो महीने फ्लाइट्स बंद रहने की वजह से जनवरी से सितंबर तक कुल 440.60 लाख पैसेंजर्स ने ही एयर ट्रैवल किया है।
भारत में डोमेस्टिक एयर ट्रैवल बन रहा ग्रोथ इंजिन
एयरलाइन इंडस्ट्री की हेल्थ देखने का बैरोमीटर होता है पैसेंजर लोड फैक्टर (PLF), यानी यह देखा जाता है कि उपलब्ध सीटों के मुकाबले फ्लाइट में कितने पैसेंजर थे। इस लिहाज से भारतीय एयरलाइंस का प्रदर्शन अनलॉक की प्रक्रिया में लगातार सुधर रहा है। अगस्त 2020 में भारतीय एयरलाइन कंपनियों के PLF में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों के मुकाबले काफी सुधार आया है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के मुताबिक, अगस्त में डोमेस्टिक मार्केट ही रिबाउंड में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
रूस दुनिया का पहला देश है, जिसने डोमेस्टिक एयर ट्रैवल में पिछले साल के मुकाबले तेजी दिखाई है, यानी अब वहां हालात पिछले साल से बेहतर हैं। रूस में रेवेन्यू पर किलोमीटर (RPK) पिछले साल के मुकाबले इस साल अगस्त में 3.8% ज्यादा रहा है, वहीं बाकी सभी देशों में इसमें गिरावट दर्ज हुई है। रूस के आंकड़ों में सुधार की मुख्य वजह हवाई किराये में कमी और डोमेस्टिक टूरिज्म का बढ़ना है। वहीं, ज्यादातर देशों में कोरोना को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों का असर डोमेस्टिक ट्रैवल पर दिख रहा है।
दुनियाभर में उपलब्ध सीटों पर पैसेंजर्स की डिमांड में गिरावटः IATA
IATA का कहना है कि अगस्त में दुनियाभर की एयरलाइंस की कैपेसिटी में गिरावट आई है। कुछ रूट्स पर ऑपरेशंस बढ़े हैं, लेकिन ओवरऑल स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उपलब्ध सीट-किलोमीटर (ASK) में अगस्त 2019 के मुकाबले अगस्त 2020 में 63.8% की गिरावट आई है।
राहत की बात यह है कि ज्यादातर देशों में जुलाई 2020 के मुकाबले अगस्त में सुधार आया है। उत्तरी अमेरिका, एशिया पेसिफिक और यूरोप में एयरलाइंस ने अब कुछ हद तक रिकवरी की है। इसके बाद भी उपलब्ध सीटें ज्यादा है, उन्हें भरने की डिमांड कम।
आज का दिन बेहद खास है। एक तो दुनिया की सबसे बड़ी पर्सनल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का जन्मदिन है। दूसरा, अमेरिका और फ्रांस की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर न्यूयॉर्क में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी लोगों के लिए खोला गया।
सबसे पहले बात करते हैं बिल गेट्स की, जिनका पूरा नाम विलियम हेनरी गेट्स हैं। 13 साल की उम्र में पहला सॉफ्टवेयर प्रोग्राम लिखने वाले गेट्स का जन्म सिएटल में 28 अक्टूबर 1955 को हुआ था। हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान स्कूल के पेरोल सिस्टम बना रहे प्रोग्रामर्स के एक ग्रुप की मदद की और ट्रैफ-ओ-डेटा (Traf-O-Data) बनाई, जिसने लोकल गवर्नमेंट्स को ट्रैफिक-काउंटिंग सिस्टम्स बेचे।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान पॉल जी. एलन जैसा दोस्त मिला और उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखी। इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) कॉर्पोरेशन के लिए MS-DOS बनाया और कंपनी हिट हो गई। 1990 के दशक की शुरुआत तक तो पीसी इंडस्ट्री में माइक्रोसॉफ्ट अल्टिमेट किंगमेकर बन चुकी थी।
1986 में गेट्स अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए थे। 1995 में दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति बने और कई वर्षों तक बने रहे। पिछले तीन साल से गेट्स और अमेजन के जेफ बेजोस में दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति के लिए प्रतिस्पर्धा चल रही है। फोर्ब्स की लिस्ट में इस समय बेजोस नंबर एक और गेट्स दूसरे नंबर पर हैं।
कई बरसों तक दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति भी रहे। जब लोकप्रियता बढ़ी तो एंटीट्रस्ट मुकदमे का सामना भी किया। जून 2008 में गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट की रोजमर्रा के कामकाज से खुद को अलग किया ताकि वो बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को ज्यादा वक्त दे सकें। फरवरी 2014 में उन्होंने चेयरमैन की पोस्ट भी छोड़ दी।
अमेरिका-फ्रांस की दोस्ती का प्रतीकः स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी
न्यूयॉर्क के लिबर्टी आइलैंड पर खड़ी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का लोकार्पण 28 अक्टूबर 1886 को प्रेसिडेंट ग्रोवर क्लीवलैंड ने किया था। यह अमेरिका और फ्रांस की दोस्ती का प्रतीक है। यह स्टैच्यू जुलाई 1884 में फ्रांस में बना था। फ्रांस से अमेरिका लाने के लिए इसके 350 टुकड़े किए गए और 214 बक्सों में पैक किया था।
स्टैच्यू को पेरिस से न्यूयॉर्क पहुंचने में 4 महीने का समय लगा थाl मूर्ति के मुकुट पर 7 किरण हैं, जो दुनिया के 7 महाद्वीपों और 7 महासागरों का प्रतीक है। 1986 में मरम्मत के दौरान नई मशाल को 24 कैरेट सोने की पतली चादर से घेरा गया। मूर्ति के बाएं हाथ में नोटबुक या टेबलेट है, जिस पर JULY IV MDCCLXXVI लिखा है, जो 4 जुलाई, 1776 यानी अमेरिका की आजादी की तारीख दिखाता है। 1984 में यूनेस्को ने इसे ग्लोबल हेरिटेज साइट बनाया था।
इतिहास में आज के दिन को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
1492: क्रिस्टोफर कोलम्बस ने क्यूबा के पूर्वी तट की खोज की, जिसके बाद स्पेन की सेनाएं इस क्षेत्र में पहुंची थीं।
1627ः अकबर के बेटे जहांगीर का निधन हुआ।
1851ः बंगाल मे ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की स्थापना हुई।
1863ः जिनेवा में कॉन्फ्रेंस के तहत इंटरनेशनल रेडक्रॉस कमेटी का गठन हुआ।
1867: स्वामी विवेकानंद की शिष्या सिस्टर निवेदिता का आयरलैंड में जन्म हुआ।
1891: जापान में 1891 को आए भूकंप से 7300 लोगों की मौत।
1913: जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की स्थापना हुई।
1914: पोलियो का पहला सेफ वैक्सीन बनाने वाले अमेरिकी फिजीशियन और मेडिकल रिसर्चर जोनास साल्क का जन्म।
1918: ऑस्ट्रिया और हंगरी के अलग होने के बाद चेकोस्लोवाकिया स्वतंत्र हुआ।
1922ः इटली में रोम मार्च के जरिए फासिस्ट शक्तियों ने सत्ता पर अधिकार किया और मुसोलनी प्रधानमंत्री बना।
1929: अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट धराशायी हुआ। बाजार 24% तक गिर गया। इसे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट कहा जाता है।
1967: अमेरिकी एक्ट्रेस जुलिया रॉबर्ट्स का जन्म। 1990 के दशक में हॉलीवुड की हाइएस्ट-पेड एक्ट्रेस।
1971: ग्रेट ब्रिटेन ने अपना पहला अर्थ सैटेलाइट प्रॉस्पेरो लॉन्च किया।
2004ः बीजिंग में 4000 वर्ष पुराने मकबरों का पता चला।
2005: चेकोस्लोवाकिया ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
2007: अर्जेंटीना ने क्रिस्टीना फर्नांडीज डी क्रिचनर को देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुना।
2009ः पाकिस्तान के पेशावर में बम धमाके से 117 मरे, 213 घायल।
2017: स्पेन में कैटालोनिया की संसद ने स्वतंत्र क्षेत्र घोषित करने के पक्ष में वोटिंग की।
आप जानते हैं कि फैट क्या है? नहीं तो जरूर जानिए। फैट मोटापा, हाइपरटेंशन, डाइबिटीज और अर्थराइटिस जैसी बीमारियों की वजह है। जब हम शरीर की जरूरत से ज्यादा मात्रा में फैट खाते-पीते हैं, तो इस तरह की बीमारियों को न्योता देते हैं।
फैट दो तरह के होते हैं। पहला- गुड फैट, दूसरा- बैड फैट। आमतौर पर हम समझते हैं कि गुड फैट लेने से हमें कोई दिक्कत नहीं होगी। ऐसा बिल्कुल नहीं है। रायपुर में डायटीशियन डॉक्टर निधि पांडे कहती हैं कि फैट कोई भी हो, अगर हम उसे गलत ढंग से खा-पी रहे हैं तो वो सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, हम खाने में ज्यादा फैट ले रहे हैं। ग्रामीण भारत में 22% और शहरी भारत में 27% कैलोरी ऊर्जा लोग ऐसी चीजों से ले रहे हैं, जिनमें फैट की मात्रा ज्यादा होती है। देश की ग्रामीण आबादी एनर्जी के लिए फैट वाले फूड प्रोडक्ट पर 12% और शहरी लोग 17% ज्यादा निर्भर हैं। ICMR की गाइडलाइन के मुताबिक, हमें फैट वाले फूड प्रोडक्ट से 10% से ज्यादा एनर्जी नहीं लेनी चाहिए।
स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन की 2019 की रिपोर्ट मुताबिक, भारत में 2012 में मोटापे की दर 3% थी, यह 2016 में बढ़कर 3.8% हो गई।
क्या फैट मोटापे की वजह है?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक, हम जरूरत से ज्यादा फैट ले रहे हैं तो इससे शरीर का वेट बढ़ना तय है। यहां तक किसी भी एक न्यूट्रिशन पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होने का मतलब है कि हम अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। फैट के अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और अल्कोहल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी हमारे वेट को बढ़ा सकता है।
हमें किस चीज से कितनी कैलोरी एनर्जी मिलती है
प्रति ग्राम
कैलोरी
फैट
9%
अल्कोहल
7%
कार्बोहाइड्रेट
4%
प्रोटीन
4%
सोर्स- हार्वर्ड मेडिकल स्कूल
किन चीजों से फैट ज्यादा मिलता है?
हम रोजमर्रा की जिंदगी में कई बार फैट लते हैं। फ्रेंच फ्राइज, प्रोसेस्ड फूड, केक, कुकीज, चॉकलेट, चीज और आइसक्रीम जैसी चीजों में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इनको ज्यादा खाने से मोटापे के अलावा टाइप-2 डाइबिटीज, कैंसर और हार्ट की बीमारियां हो सकती हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के रिसर्च पेपर के मुताबिक, अगर हम गुड फैट लेते हैं तो रिस्क फैक्टर कम हो जाता है। कुछ भी खाने से पहले आप यह तय कर लें कि उसमें किस तरह का फैट है।
गुड फैट और बैड फैट में अंतर कैसे करें?
फैट 2 तरह के हैं, सेचुरेटेड और अनसेचुरेटेड। अनसेचुरेटेड फैट को ही गुड फैट कहा जाता है। आप इससे बैड फैट को रिप्लेस करते हैं तो मोटापे, हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन और डाइबिटीज जैसी बीमारियों का रिस्क कम हो जाता है।
सेचुरेटेड यानी बैड फैट। यदि आप बैड फैट खा-पी रहे हैं तो आप ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा रहे हैं। इससे ट्राईग्लिसराइड भी बढ़ जाता है। यही चीजें मोटापे और हार्ट डिजीज की वजह बनती हैं। बैड फैट थोड़े सस्ते भी होते हैं, इसलिए लोग इसका इस्तेमाल ज्यादा करते हैं।
4 तरीकों से ले सकते हैं गुड फैट
गुड फैट लेने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड लेवल कम होता है। इससे बॉडी को जरूरी न्यूट्रिशन भी मिलता है।
मछली- यह गुड फैट का सबसे अच्छा जरिया है।
सरसों का तेल- स्नैक्स और तली-भुनी चीजें खाना पसंद करते हैं तो सरसों का तेल इस्तेमाल करें।
नट्स और ड्राई फ्रूट- इनमें गुड फैट, विटामिन, प्रोटीन और फाइबर पाए जाते हैं।
तेल को चेक करें- खाने का तेल खरीदते वक्त उसका लेबल जरूर चेक करें। वही खरीदें, जिसमें सेचुरेटेड फैट कम हो।
सोर्स- heart.org
गुड फैट भी बैड फैट हो सकता है
डॉक्टर निधि पांडेय कहती हैं फैट कैसा भी हो, अगर हम खाने के बाद एक्सरसाइज या वर्कआउट नहीं करेंगे तो सेहत बिगड़नी तय है। जब हम गुड फैट वाले आयल को हाई टेंपरेचर पर पकाते हैं तो वह बैड फैट में बदल जाता है। इसके अलावा जब हम घी जैसे गुड फैट से पूड़ी-पराठा बनाते हैं, तो वह भी बैड फैट में बदल जाता है, क्योंकि इसमें धुआं निकलता है।
किन चीजों का ध्यान रखना जरूरी
तेल खरीदते बोतल पर लेबल चेक जरूर करें।
यदि तेल का जरिया बैड फैट है तो न खरीदें।
तेल में सेचुरेटेड फैट की मात्रा 5% से ज्यादा हो तो न खरीदें।
बात 2015 विधानसभा चुनाव की है। एक नारा चला था 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है'। 5 साल बाद फिर चुनाव का मौसम आया। इस बार 'बिहार में बहार की बयार' गायब हो गई और 'गाली-गलौज की भरमार' आ गई। हमेशा अपने संयमित और मर्यादित भाषणों के लिए पहचाने जाने वाले 'निश्चय नीतीश' भी भयभीत हो गए हैं।
नीतीश की सोमवार को महनार में एक सभा थी। यहां उन्होंने लालू यादव का नाम तो नहीं लिया। लेकिन, निशाना जरूर साधा, बोले- किसी को चिंता है? लोग आठ-नौ बच्चा पैदा करता है। बेटियों पर भरोसा ही नहीं था। कई बेटियां हो गईं, तब बाद में बेटा हुआ।
बात तेजस्वी यादव तक पहुंची तो उन्होंने भी जवाब दिया। बोले- ऐसे बयानों से मोदी जी को निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वो भी 6-7 भाई-बहन हैं। सुशासन बाबू नीतीश इस चुनाव में लगातार लालू परिवार पर निजी हमले कर रहे हैं। वह यादव फैमिली की बहू रहीं ऐश्वर्या को लेकर भी तंज कस चुके हैं। तब बोले थे- देखा पढ़ी-लिखी लड़की के साथ एक परिवार ने कितना गंदा व्यवहार किया।
नीतीश के अलावा कई और माननीय भी हैं, जो जमकर ऊट-पटांग बोलने पर आमादा हैं, ऐसे ही 5बयान ये रहे-
1. चिराग एक 'जमूरा' है
एक सभा में जदयू नेता संजय झा ने चिराग पासवान को 'जमूरा' बता डाला। बोले- चिराग एक 'जमूरा' है, जो किसी और की धुन पर नाच रहा है। जैसे उसकी फिल्म फ्लॉप हुई, वैसे वह राजनीति में भी फ्लॉप हो जाएगा।
इस पर चिराग ने जेडीयू से सवाल पूछ लिया। बोले- मैं जमूरा तो क्या आप प्रधानमंत्री मोदी को मदारी कह रहे हैं?
2. चिराग लंका की जगह अयोध्या में आग लगाएंगे
अब बारी पूर्व उप मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की थी। उन्होंने चिराग पासवान की तुलना कोरोनावायरस से कर दी। बोले- चिराग लंका की जगह अयोध्या में आग लगाएंगे। बिहार के लोग ऐसे वायरस से बचकर रहें।
3. रावण वध के लिए जनता तैयार है
बात रविवार की है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। यहां वह नीतीश कुमार की तुलना रावण से कर बैठे। बाेले- राक्षस राज और रावण का वध करने के लिए बिहार की जनता तैयार है।
4. राजद सरकार आई तो कश्मीर से आतंकी आएंगे
बिहार में माहौल बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों की फौज भी आई हुई है। इनमें माननीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय भी शामिल है। उन्होंने मंगलवार को एक बेतुका बयान दिया। कहा- राजद के जीतने पर बिहार में कश्मीर से आए आतंकी पनाह ले लेंगे।
5. टुकड़े-टुकड़े गैंग से गले क्यों मिले तेजस्वी
मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर नित्यानंद राय से भी आगे निकल गए। उन्होंने तेजस्वी यादव से पूछा कि आपने टुकड़े-टुकड़े गैंग को गले क्यों लगाया।
नीतीश की बौखलाहट बता रही, उनके पास मुद्दा नहीं
बिहार पर गहरी पकड़ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन कहते हैं कि यह नीतीश बाबू की बौखलाहट है। पहली बार उन्हें सुनकर भी हैरानी रही, क्योंकि आमतौर पर वह ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते नहीं थे। हां, इस दफा लालू यादव भी नहीं हैं। पहले नीतीश को पता होता था कि लालू उनसे ज्यादा ऊट-पटांग बोल सकते हैं। इसलिए भी वह संयमित रहते थे।
बिहार में इस बार जाति का नहीं, रोजगार का मुद्दा चल रहा
वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र कहते हैं कि राजनीति में मुद्दे जब चूक जाते हैं, तब इस तरह की अनर्गल बातें होती हैं। ये चीजें नेताओं की हताशा भी बयां करती हैं। बिहार में इस बार जाति का नहीं, रोजगार का मुद्दा चल रहा है। इसलिए भी नीतीश जैसे नेता बेतुकी बातें कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने जब पहली दफा 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही, तो सभी ने उनका मजा लिया। लेकिन, बाद में भाजपा को अपने मेनिफेस्टो में 19 लाख लोगों को रोजगार के अवसर देने की घोषणा करनी पड़ी।
एनडीए का पूरा कैंपेन नीतीश के इर्द-गिर्द चल रहा
अरविंद मोहन कहते हैं कि इस तरह की गाली-गलौज से एक और बात साफ है कि जेडीयू-भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। एनडीए का बिहार में जो भी कैंपेन है, वो नीतीश के इर्द-गिर्द है। भाजपा में मोदी के अलावा कोई बड़ा नेता नहीं है। अमित शाह हैं नहीं, जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव को आउटसाइडर माना जा रहा है।
बिहार में 30 साल से अगड़ी-पिछड़ी जाति की राजनीति चलती थी। लेकिन, पहली बार जाति की राजनीति काफी हद तक गायब है। इस बार बेरोजगारी, महंगाई बड़ा मुद्दा बन चुका है।
बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।
कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे।
पहले फेज की 6 बड़ी बातें
सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर।
सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा।
वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96 लाख पुरुष, 1.80 लाख महिला और 19 ट्रांसजेंडर हैं।
वोटर के लिहाज से बरबीघा सबसे छोटी विधानसभा है। यहां 2.25 लाख वोटर हैं। इनमें 1.17 लाख पुरुष, 1.08 लाख महिलाएं हैं।
328 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस। 375 करोड़पति।
प्रचारः मोदी ने 3, राहुल ने दो रैलियां कीं; नीतीश की 56 और तेजस्वी की 44 रैलियां हुईं
नरेंद्र मोदीः प्रधानमंत्री ने 23 अक्टूबर को सासाराम, गया और भागलपुर में रैलियां कर 24 सीटें कवर करने की कोशिश की। रैलियों में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जिक्र किया। गलवान घाटी में चीन के साथ हुई झड़प की बात भी की।
राहुल गांधीः राहुल ने भी प्रधानमंत्री की ही तरह 23 अक्टूबर को नवादा और भागलपुर में दो रैलियां कर 12 सीटें कवर करने की कोशिश की। रैलियों में रोजगार, प्रवासी मजदूर और चीन का मुद्दा उठाया। नए कृषि कानूनों का जिक्र भी किया। नीतीश का नाम तक नहीं लिया।
नीतीश कुमारः 14 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच 13 दिनों में 56 रैलियां कीं। इनमें से 3 में नीतीश प्रधानमंत्री के साथ थे। रैलियों के अलावा नीतीश ने 6 बार ‘निश्चय संवाद’ के जरिए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। रैलियों में "15 साल बनाम 15 साल" का जिक्र बार-बार हुआ। इनमें अपने लालू के 15 साल की तुलना की।
तेजस्वी यादवः 16 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच 44 रैलियां की। 2 में राहुल के साथ थे। पहले फेज के प्रचार के आखिरी दिन 26 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 15 रैलियां कीं। अपनी रैलियों में ज्यादातर युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात की। उनका वादा 10 लाख नौकरियां देने का है।
क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। एक पुरुष लिफ्ट में घुसकर महिला की बेरहमी से पिटाई करता दिख रहा है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो दिल्ली का है।
वीडियो के साथ कैप्शन शेयर किया जा रहा है- दिल्ली मेट्रो की लिफ्ट के अंदर देखिए कैसे दरिंदे ने महिला पर जानलेवा हमला कर दिया! @ArvindKejriwal जी और @narendramodi जी आपके महिला सुरक्षा के झूठे दावों का दिल्ली में क्या हाल है देखें!
दिल्ली यूथ कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया गया।
वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से मलेशिया की 1 साल पुरानी कुछ मीडिया रिपोर्ट हमारे सामने आईँ।
Straitstimes वेबसाइट पर 17 फरवरी, 2019 के आर्टिकल में इस वायरल वीडियो के बारे में बताया गया है। इस आर्टिकल के मुताबिक घटना मलेशिया की है।
Straitstimes की ही एक अन्य खबर से ये पुष्टि होती है कि मामला मलेशिया का ही है। महिला से मारपीट करने वाला 26 वर्षीय ड्रग एडिक्ट ‘डटुक सेरी मजलान’ नाम का आदतन अपराधी है। जिसे पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है। CNA INSIDER वेबसाइट पर भी इस मामले की खबर है।
साफ है कि दिल्ली यूथ कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से जिस वीडियो को दिल्ली का बताकर शेयर किया गया। वह असल में 1 साल पुरानी मलेशिया की घटना का है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने गठिया के मरीजों को दवा के साइड इफेक्ट से बचाने का नया तरीका खोजा है। दवा को सीधे दर्द और सूजन वाली जगह इंजेक्ट करने पर मरीजों में उल्टी, सिरदर्द जैसे साइड इफेक्ट नजर नहीं आए। साथ ही इसका असर भी लंबे समय तक रहा।
पंजाब की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भूपिंदर कपूर ने इस पर रिसर्च की है। वो कहते हैं कि गठिया में आमतौर पर मरीजों को सल्फापायरीडाइन दवा दी जाती है। इसके कई साइडइफेक्ट होते हैं। दवा इंजेक्ट करने से वो सीधे दर्द वाले हिस्से तक पहुंचती है और यह तरीका सुरक्षित है।
उन्होंने बताया," सल्फापायरीडाइन गठिया की तीसरी सबसे पुरानी दवा है। लंबे समय तक इस दवा को लेने से चक्कर आना, पेट में दर्द, उल्टी होना, जी मिचलाना और स्किन पर चकत्ते पड़ने जैसे साइडइफेक्ट नजर आते हैं। दर्द वाली जगह पर दवा इंजेक्ट करने से यह शरीर में फैले बिना प्रभावित हिस्से को फायदा पहुंचाती है।इस नए तरीके का ट्रायल भी किया जा चुका है।"
असर नजर आया,सूजन कम हुई
रिसर्च के दौरान आर्थराइटिस से जूझ रहे चूहे को जब यह दवा नए तरीके से दी गई तो उसमें सूजन कम हुई। पता चला कि पुराने तरीके से दवा दिए जाने पर मेटाबॉलिज्म पर भी असर पड़ता है। मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग-सी जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है कि सल्फापायरीडाइन के मॉलीक्यूल शरीर में घुलने में काफी समय लेते हैं। इसलिए वैज्ञानिकों ने इस दवा को इंजेक्शन की फॉर्म में तैयार किया। चूहे पर इसके इस्तेमाल से पता चला कि दवा का असर भी ज्यादा वक्त तक रहा और साइड इफेक्ट भी नजर नहीं आए।
रिसर्च टीम के मुताबिक, टीम ने इसका पेटेंट फाइल किया है। दवा का प्री-क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से मंजूरी मिलने पर यह दवा लोगों के लिए उपलब्ध कराई जा सकेगी। यह रिसर्च लुधियाना के फॉर्टिस हॉस्पिटल और जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, तमिलनाडु के साथ मिलकर की गई।
क्या होता है गठिया
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आदित्य पटेल के मुताबिक, गठिया दो तरह का होता है। पहला, ऑस्टियो आर्थराइटिस और दूसरा, रुमेटॉयड आर्थराइटिस। ऑस्टियो आर्थराइटिस बढ़ती उम्र वालों में ज्यादा होता है, जबकि रुमेटॉयड आर्थराइटिस कम उम्र में भी हो जाता है, यह अनुवांशिक होता है। करीब 20% यंगस्टर्स भी इससे परेशान हैं। घंटों एक ही स्थिति में बैठकर काम करना, बढ़ती धूम्रपान की आदत और तनाव इसकी बड़ी वजह हैं।
जोड़ों में अकड़न व सूजन, तेज दर्द, जोड़ों से तेज आवाज आना, उंगलियों या दूसरे हिस्से का मुड़ने लगना जैसे लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं। बीमारी की शुरुआत में जोड़ों में अकड़न के साथ दर्द होना शुरू होता है। कुछ समय बाद जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है और सूजन आने लगती है।
30 अक्टूबर को शरद ऋतु में आने वाली अश्विन महीने की पूर्णिमा है। इसलिए इस दिन शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। माना जाता है समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा पर ही देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी। इसलिए इसे लक्ष्मीजी के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा भी की जाती है।
इस बार शुक्रवार को शरद पूर्णिमा का योग बन रहा है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि 7 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है। इससे पहले 18 अक्टूबर 2013 में शुक्रवार को ये पर्व मनाया गया था। अब 13 साल बाद यानी 7 अक्टूबर 2033 को ये संयोग बनेगा। शुक्रवार को पूर्णिमा के होने से इसका शुभ फल और बढ़ जाएगा। साथ ही इस बार शरद पूर्णिमा का चंद्रोदय सर्वार्थसिद्धि और लक्ष्मी योग में हो रहा है, जिससे इस दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व रहेगा।
30 को शरद पूर्णिमा, 31 को व्रत और स्नान-दान
ज्योतिषाचार्य पं. मिश्र बताते हैं कि देशभर के महत्वपूर्ण पंचांगों के मुताबिक, अश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि 30 अक्टूबर को शाम करीब पौने 6 बजे से शुरू हो जाएगी और रातभर पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए शुक्रवार की रात को शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को पूरे दिन रहेगी और रात को करीब 8 बजे खत्म हो जाएगी। इसलिए शनिवार को पूर्णिमा व्रत, पूजा, तीर्थ स्नान और दान किया जाना चाहिए।
5 शुभ योगों में उदय होगा चंद्रमा
इस साल शरद पूर्णिमा के चंद्रमा का उदय 5 शुभ योगों में होगा। जिनके प्रभाव से अच्छी सेहत और धन लाभ होगा। पं. मिश्र बताते हैं कि पूर्णिमा पर तिथि, वार और नक्षत्र से मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। इस योग में किए गए सभी काम सिद्ध होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही लक्ष्मी, शंख, महाभाग्य और शश नाम के 4 राजयोग योग बनने से ये दिन और भी खास रहेगा। इस पर्व पर बृहस्पति और शनि का अपनी-अपनी राशियों में होना भी शुभ संयोग है।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
30 अक्टूबर, शुक्रवार को प्रॉपर्टी खरीदी के लिए विशेष शुभ मुहूर्त बन रहा है। शरद पूर्णिमा पर सर्वार्थसिद्धि योग होने से इलेक्ट्रॉनिक सामान, ज्वेलरी, फर्नीचर, व्हीकल और सुख-सुविधा देने वाले अन्य सामानों की खरीदारी की जा सकती है। इस दिन रवियोग और अमृतसिद्धि योग दोपहर 3 बजे तक रहेंगे। इसलिए इससे पहले खरीदारी करना ज्यादा शुभ है। हालांकि, सर्वार्थसिद्धि योग पूरे दिन और रात तक रहेगा।
शरद पूर्णिमा: श्रीकृष्ण का महारास और लक्ष्मीजी का प्राकट्य
1. महारास: इसी दिन श्रीकृष्ण महारास करते हैं। ये एक यौगिक क्रिया है। इसमें भगवान कृष्ण की ही शक्ति के अंश गोपिकाओं के रूप में घूमते हुए एक जगह इकट्ठा होते हैं। चंद्रमा की रोशनी के जरिये प्रकृति में ऊर्जा फैलाने के लिए ऐसा होता है। देवी भागवत महापुराण में महारास के बारे में बताया गया है।
2. लक्ष्मी प्राकट्य दिवस: कहा जाता है। जब समुद्र मंथन हो रहा था तब, अश्विन महीने की पूर्णिमा पर मंथन से महालक्ष्मी प्रकट हुईं। देवी लक्ष्मी के प्रकट होने से इस दिन को पर्व कहा गया है। इस दिन लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है और कौमुदी व्रत रखा जाता है।
3. औषधीय महत्व: शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से अमृत बरसाता है। इस रात में औषधियां चंद्रमा की रोशनी के जरिये तेजी से खुद में अमृत सोखतीं हैं। इसलिए इस दिन चंद्रमा के प्रभाव वाली चीज यानी दूध से खीर बनाई जाती है और चांदी के बर्तन में चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है। ऐसा करने से उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। माना जाता है उस खीर को खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिससे कई तरह की बीमारियों से राहत मिलती है।