मंगलवार, 10 नवंबर 2020

दिवाली बोनांजा; सेंसेक्स रिकॉर्ड हाई पर, 502 अंकों की बढ़त के साथ 43000 के पार, निफ्टी भी 12,581 पर पहुंचा

बाजार लगातार सातवें दिन तेजी के बाद 43 हजार के पार पहुंच गया। बीएसई सेंसेक्स 502 अंकों की बढ़त के साथ 43 हजार 99 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि यह एक समय 43 हजार 52 तक चला गया था। निफ्टी 12,592.95 पर कारोबार कर रहा है। बाजार की तेजी को बैंकिंग शेयर लीड कर रहे हैं। बैंक इंडेक्स में 882 अंकों की बढ़त है।

वहीं, आईटी शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। बाजार में शानदार बढ़त के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी 166 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। शेयरों में बढ़त के कारण एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप पहली बार 7.57 लाख करोड़ के पार चला गया है। इसका शेयर 1,375 रुपए पर कारोबार कर रहा है। आज बैंक के शेयर ने 52 हफ्ते का नया स्तर भी छूआ।

स्टॉक्स अपडेट

निफ्टी में बजाज फाइनेंस का शेयर 7% ऊपर कारोबार कर रहा है। इंडसइंड बैंक और बजाज फिनसर्व के शेयर भी 5-5 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। एसबीआई और एलएंडटी के शेयरों में भी 4-4 फीसदी की बढ़त है। जबकि टेक महिंद्रा और सिप्ला के शेयर 4-4% नीचे कारोबार कर रहे हैं। इंफोसिस और एचसीएल टेक के शेयर 3-3 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। नेस्ले इंडिया के शेयर भी 2 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। सुबह बीएसई सेंसेक्स 361.82 अंक ऊपर 42,959.25 पर और निफ्टी 95.35 अंक ऊपर 12,556.40 पर खुला था।

बाजार में तेजी की वजह -
1. कोरोना वैक्सीन -
फार्मा कंपनी फाइजर ने कहा कि आखिरी फेज के ट्रायल में वैक्सीन 90% सुरक्षित और कारगर पाई गई है।
2. वैश्विक बाजारों में तेजी- वैक्सीन की खबर के बाद ग्लोबल मार्केट में शानदार देखने को मिली। यूरोपियन बाजारों में 6% तक की उछाल देखने को मिली। इसके अलावा अमेरिकी शेयर बाजार ने भी 4% की छलांग लगाई।
3. राहत पैकेज की संभावना - सरकार ने एक और राहत पैकेज के ऐलान का संकेत दिया है। सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुधार हुआ है। ऐसे में इकोनॉमी के सपोर्ट के लिए वित्तीय उपायों की गुंजाइश है।

शानदार तेजी का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत के बाद वैश्विक बाजारों में शानदार तेजी देखने को मिली। बाजार लगातार सातवें कारोबारी दिन भी तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। आज बीएसई सेंसेक्स 42,959.25 पर और निफ्टी 12,557.05 के स्तर पर पहुंच गया था, जो दोनों सूचकांकों का इंट्राडे के लिहाज से उच्चतम स्तर है। इससे पहले जनवरी माह में सेंसेक्स ने 42,273.87 और निफ्टी ने 12,430.50 के स्तर पर पहुंचकर इंट्राडे न्यू हाई बनाया था। सात कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 3200 अंक और निफ्टी 849 अंक ऊपर चढ़ा है। बाजार की बढ़त को बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयर लीड कर रहे हैं। इन सात दिनों में निफ्टी बैंक इंडेक्स में 4260 अंक ऊपर आ गया है।

एशियाई बाजारों में बढ़त

मंगलवार को एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स 185 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है। हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग इंडेक्स 252 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। इसके अलावा चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स भी 0.12% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।

सोमवार को बाजार का हाल

कल सेंसेक्स 704.37 अंक यानी 1.68% ऊपर 42,597.43 पर और निफ्टी 197.50 अंक यानी 1.61% ऊपर 12,461.05 पर बंद हुआ था। कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 42,645.33 पर और निफ्टी 12,474.05 के स्तर पर पहुंचा, जो दोनों इंडेक्स का सर्वोच्च स्तर है। इससे पहले जनवरी माह में सेंसेक्स ने 42,273.87 और निफ्टी ने 12,430.50 के स्तर पर पहुंचकर इंट्राडे न्यू हाई बनाया था। बाजार में शानदार बढ़त की बड़ी वजह अमेरिका में डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन की जीत है। इससे अमेरिकी वायदा बाजार और एशियाई बाजारों में भी बढ़त को सहारा मिला। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 165.67 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया।

दुनियाभर के बाजारों में रही तेजी
कोरोना वैक्सीन की खबर से सोमवार को दुनियाभर के बाजारों में बढ़त देखने को मिली। अमेरिकी बाजार डाउ जोंस 2.95% की बढ़त के साथ 834.57 अंक ऊपर 29,158 पर बंद हुआ था। एसएंडपी 500 इंडेक्स भी 1.17% की बढ़त के साथ 41.06 पॉइंट ऊपर 3,550.50 पर बंद हुआ था। जबकि नैस्डैक इंडेक्स 2.16% की गिरावट के साथ 260.96 अंक नीचे 11,830.40 पर बंद हुआ था।

यूरोप के बाजारों में भी तेजी

कल यूरोपियन मार्केट में भी शानदार तेजी देखने को मिली। ब्रिटेन का FTSE इंडेक्स 4.67% ऊपर 6,186.29 पर बंद हुआ था। फ्रांस का CAC इंडेक्स 7.57% की बढ़त के साथ 5,336.32 पर बंद हुआ था। सोमवार को जर्मनी का DAX इंडेक्स भी 4.94% ऊपर 13,096 पर बंद हुआ था।

10:13 AM बीएसई सेंसेक्स 356.62 अंक ऊपर 42,954.05 और निफ्टी 9360 अंक ऊपर 12,554.65 पर कारोबार कर रहा है

09:34 AM बीएसई ऑटो इंडेक्स में शामिल 15 में से 11 कंपनियों के शेयरों में तेजी और चार के शेयरों में गिरावट है।

09:31 AM निफ्टी बैंक इंडेक्स में 501 अंकों की बढ़त है। आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 3% ऊपर कारोबार कर रहा है। एचडीएफसी बैंक और एसबीआई के शेयरों में 2-2 फीसदी की बढ़त है।

सोर्स - एनएसई

09:17 AM बीएसई सेंसेक्स में शामिल 22 कंपनियों के शेयरों में तेजी और आठ के शेयरों में गिरावट है। इंडेक्स में इंडसइंड बैंक का शेयर 3% ऊपर कारोबार कर रहा है।

सोर्स - बीएसई

09:16 AM बीएसई सेंसेक्स 313.01 अंक ऊपर 42,910.44 पर और निफ्टी 66.10 अंक ऊपर 12,527.15 पर कारोबार कर रहे हैं।

दुनियाभर के बाजारों का हाल



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गुजरात में राज्यसभा चुनाव में भाजपा का साथ देने वाले कांग्रेस के बागी विधायक आगे

बिहार के विधानसभा चुनावों के साथ-साथ मंगलवार को 11 राज्यों की 56 विधानसभा और बिहार की वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में भाजपा ने बड़ी सफलता हासिल की है। मध्यप्रदेश में तो शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री सीट पक्की हो गई है, वहीं गुजरात में भाजपा ने अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है।

बिहार के साथ-साथ उपचुनावों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल की नीतियों, उपलब्धियों पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा सकता है। कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन, बेरोजगारी, खस्ताहाल इकोनॉमी के साथ-साथ नए किसान कानून और चीनी सेना के लद्दाख में घुस आने के मुद्दों पर जनता की राय सामने आ रही है। इस दौरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, वहां जमीन लेने का अधिकार सभी भारतीयों को देना, राम मंदिर का भूमिपूजन भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर वोटर ने मुहर लगाई है।

बिहार की लोकसभा सीट पर जेडी(यू) आगे
जेडी(यू) सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो के फरवरी में निधन के बाद वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। इस पर जेडी(यू) के प्रत्याशी सुनील कुमार शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे हैं।

गुजरात की 8 में से 7 सीटों पर भाजपा आगे
गुजरात उपचुनावों के शुरुआती रुझानों में भाजपा 8 में से 7 सीटों पर आगे चल रही है। एक सीट पर कांग्रेस आगे है। गुजरात में 8 सीटों पर उपचुनाव जरूरी हो गए थे, क्योंकि जून में राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के 8 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।

कांग्रेस ने 1995 के बाद अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए 2017 में 77 सीटें जीती थीं और वह चाहती है कि सभी 8 सीटें उसकी ही झोली में आएं। भाजपा की राज्यसभा सीटें कायम रखने के लिए जिन 8 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी, उनमें से 5 को भाजपा ने टिकट दिए हैं। गुजरात में उपचुनावों के नतीजे सरकार पर सीधा असर नहीं डालेंगे, क्योंकि यहां भाजपा के पास 182 सदस्यों वाले सदन में 103 सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस के पास फिलहाल सिर्फ 65 सीटें ही हैं। गुजरात में स्थानीय निकायों के चुनाव भी होने हैं, इसलिए उपचुनावों में वोटर्स का मूड समझना अहम होगा।

उत्तरप्रदेश (7 सीटें): योगी का प्रभाव कम हुआ
2017 में जब भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की थी तो कई दशक के बाद इन 7 में से 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। एक सीट पर SP का विधायक था। उपचुनावों के नतीजों के शुरुआती रुझान बताते हैं कि 7 में से 5 सीट पर भाजपा आगे है। इन सातों सीटों पर कानून-व्यवस्था, खासकर महिला सुरक्षा, दुष्कर्म और जाति-आधारित संघर्षों को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा टेस्ट है। एक सीट पर निर्दलीय और एक सीट पर सपा आगे चल रही है।

कर्नाटक में भाजपा को दो सीट का फायदा
कर्नाटक, झारखंड, नगालैंड, मणिपुर में 2-2- सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। कर्नाटक में दोनों सीटों पर कांग्रेस और JD(S) ताकतवर थे। इसके बाद भी दोनों सीटों पर भाजपा आगे चल रही है। इस तरह बीएस येदियुरप्पा सरकार को मजबूती मिल रही है।

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ दी थी, वहीं कांग्रेस के एक विधायक की मौत हुई थी। दुमका में भाजपा आगे चल रही है, जिससे मुख्यमंत्री की स्थिति कमजोर होती दिख रही है। वहीं, दूसरी सीट पर कांग्रेस आगे है।

नगालैंड में 3 विधायकों का निधन होने पर उपचुनाव जरूरी थे और दोनों ही जगह निर्दलीय प्रत्याशी आगे हैं। मणिपुर में 2 सीटें भाजपा की झोली में जाती दिख रही हैं।

ओडिशा में जिन 2 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, वहां भाजपा और बीजद (BJD) के पास एक-एक सीट थी। शुरुआती रुझानों में दोनों सीटें BJD को जाती दिख रही हैं। दोनों ही पार्टियों ने पूर्व विधायकों के बेटों को टिकट दिए हैं। ताकि संवेदना के आधार पर वोट हासिल कर सकें।

तेलंगाना में भाजपा, हरियाणा में कांग्रेस
तेलंगाना की एक सीट पर भाजपा ने बढ़त बना ली है। यह सीट TRS विधायक के निधन से सीट खाली हुई थी। हरियाणा में जाट बहुल सीट कांग्रेस के कब्जे वाली रही है। यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भाजपा के लिए मौका दिख रहा है, लेकिन कांग्रेस यहां आगे चल रही है। छत्तीसगढ़ में अजित जोगी के निधन से खाली हुई मरवाही सीट पर दो दशक से उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। इस सीट पर कांग्रेस आगे चल रही है।



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Bihar Election Results: BJP: Gujarat UP Madhya Pradesh Vidhan Sabha Chunav Praninam 2020 Latest News Today Updates; Vijay Rupani, Shivraj Singh Chouhan, BJP Party MLA Candidate


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जिनपिंग, पुतिन, बोल्सोनोरो और एर्दोगन ने बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी

डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे। नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के तमाम बड़े नेता उन्हें जीत की बधाई दे चुके हैं। लेकिन, चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी। सवाल यह उठ रहा है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के नेता को इन्होंने बधाई क्यों नहीं दी? क्या वजह है? यह कूटनीति है या कुछ और।

जिन चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को शुभकामनाएं और बधाई नहीं दी, उनके नाम इस तरह हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोल्सोनारो और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन।

बाइडेन पर झिझके पुतिन
2016 में जब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव जीते, तो महज 2 घंटे में व्लादिमिर पुतिन ने उन्हें बधाई दी। लेकिन, इस बार बाइडेन जीते तो पुतिन ने अब तक उन्हें बधाई नहीं दी। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा- हम ऑफिशियल रिजल्ट्स का इंतजार करेंगे। ट्रम्प के दौर में पुतिन पर आरोप लगता रहा है कि वे उनकी मदद कर रहे हैं। जबकि, दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर गंभीर मतभेद ही नहीं बल्कि टकराव के हालात हैं। ट्रम्प ने कई मौकों पर रूस और पुतिन की तारीफ की। डेमोक्रेट्स की नीतियां हमेशा रूस के खिलाफ सख्त जबकि चीन के प्रति नर्म रहीं। ओबामा रूस को चुनौती मानते थे और ट्रम्प चीन को। आरोप लगे कि रूस ट्रम्प की मदद कर रहा है।

2017 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ डोनाल्ड ट्रम्प। (फाइल)

जिनपिंग भी पीछे रहे
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2016 में ट्रम्प को फौरन बधाई दी थी। बाइडेन के मामले में ऐसा नहीं किया। ट्रम्प ने पहले दिन से चीन के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाया। ट्रेड वॉर पर वो पीछे नहीं हटे। सायबर सिक्योरिटी के मामले में उन्होंने चीन के पर कतरने में देर नहीं लगाई। ट्रम्प की वजह से चीनी कंपनियों को दुनिया के कई देशों में 5G नेटवर्क के कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल सके। कोरोनावायरस आया तो एक तरह से कूटनीतिक और सैन्य टकराव की नौबत आ गई।

ट्रम्प ने साफ कहा- ये चीनी वायरस है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन के प्रति बाइडेन का रुख ट्रम्प से भी ज्यादा सख्त रहेगा। इसकी वजह यह है कि अमेरिकी जनता चीन को दुश्मन नंबर एक मानने लगी है। बाइडेन को बधाई देने के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- हमारी हालात पर नजर है। हम अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से चलेंगे।

अर्दोआन को क्या दिक्कत?
2106 में जब ट्रम्प राष्ट्रपति बने तो तुर्की में अर्दोआन के तख्तापलट की कोशिश हुई। वे इससे बच निकले। तब ट्रम्प ने उनकी तारीफ की। लेकिन, अर्दोआन के दो कदमों से ट्रम्प बिफर गए। पहला- अर्दोआन सऊदी अरब और खाड़ी देशों के खिलाफ पाकिस्तान, मलेशिया और ईरान को साथ लेकर अलायंस बनाने लगे। अमेरिका खाड़ी देशों का रहनुमा है। ट्रम्प को यह पसंद नहीं आया। दूसरा- अर्दोआन ने कट्टर इस्लामिक एजेंडा शुरू किया। यह अमेरिका, इजराइल और यूरोप को कतई मंजूर नहीं है। फिर चाहे वे ट्रम्प हों या बाइडेन।

बाइडेन ने तो न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए हालिया इंटरव्यू में साफ कहा था- तुर्की की नीतियां किसी भी हाल में मंजूर नहीं हैं। आईएसआईएस और अल कायदा के लिए अर्दोआन का नर्म रवैया भी बाइडेन को मंजूर नहीं है। वे इस बारे में इशारा कर चुके हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन के साथ डोनाल्ड ट्रम्प। (फाइल)

और बोल्सोनारो क्यों पीछे रहे
ट्रम्प और ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो के रिश्ते मजबूत रहे। अमेरिका के कहने पर ब्राजील ने चीनी कंपनियों पर नकेल कसी। 5जी नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया। बोल्सोनारो ने तो साफ तौर पर कहा कि वे चाहते हैं कि ट्रम्प ही दूसरी बार राष्ट्रपति बनें। इतना ही नहीं, बोल्सनारो एक मौके पर ‘ट्रम्प फॉर 2020’ स्लोगन वाली कैप भी पहने नजर आए। जाहिर है, बाइडेन यह सब देख रहे होंगे। दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी दिक्कतें भी हैं। ट्रम्प पर नस्लवाद के आरोप लगे तो बोल्सोनारो ने उनका बचाव किया। ब्राजील सरकार के प्रवक्ता ने कहा- हम अमेरिका में औपचारिक नतीजों का इंतजार करेंगे।



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बाएं से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोल्सोनारो। (फाइल)


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बीते 24 घंटे में सिर्फ 37 हजार केस आए, जुलाई के बाद तीसरी बार 40 हजार से कम मरीज मिले

देश में कोरोना के केस कुछ राज्यों में भले ही बढ़ रहे हों, लेकिन उसकी तुलना में ज्यादा मरीज ठीक होने की वजह से एक्टिव केस कम होते जा रहे हैं। सोमवार को सिर्फ 37 हजार 164 केस आए, 41 हजार 450 मरीज ठीक हो गए और 450 संक्रमितों की मौत हो गई। एक्टिव केस में 4 हजार 742 की कमी आई। अब कुल एक्टिव केस 5 लाख 4 हजार 916 रह गए हैं।

रोजाना आ रहे केसों पर नजर डालें तो 17 जुलाई के बाद 9 नवंबर को नए केस दूसरी बाद सबसे कम रहे। 17 जुलाई को 34 हजार 824 केस आए थे। इसके बाद 26 अक्टूबर को 36 हजार 104 केस आए थे।

15 जुलाई को पहली बार 30 हजार से ज्यादा केस आए थे, तब से अब तक 8 बार 40 हजार से कम केस आए

तारीख केस
15 जुलाई 32607
16 जुलाई 35468
17 जुलाई 34824
18 जुलाई 37411
21 जुलाई 39117
26 अक्टूबर 36104
02 नवंबर 37592
09 नवंबर 37164


कोरोना अपडेट्स

  • कर्नाटक के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने 17 नवंबर से राज्य में खुल रहे यूनिवर्सिटी, कॉलेज, टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स और डिप्लोमा कॉलेज के लिए SOP जारी किया है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल का सभी को पालन करना होगा। स्टूडेंट्स को बुलाने से पहले उनके पैरेंट्स का अनुमति पत्र मंगवाना होगा।
  • केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें दिल्ली के निजी अस्पतालों के 80% ICU बेड रिजर्व करने को कहा गया है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होगी।
  • दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में कोरोना केस पीक पर हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह स्थिति अगले 4 से 5 दिन तक बनी रह सकती है। दिल्ली में कोरोना से हो रही मौत की दर 1.59% है।’

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश

राज्य में सोमवार को 809 कोरोना मरीज मिले। 681 संक्रमित ठीक हुए और छह की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 78 हजार 168 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 8050 मरीजों का इलाज चल रहा है, 1 लाख 67 हजार 84 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 3034 मरीजों की मौत हो चुकी है।

2. राजस्थान

राज्य में सोमवार को 1859 संक्रमित पाए गए। यहां अब तक 2 लाख 13 हजार 169 केस आ चुके हैं। इनमें 16 हजार 542 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 94 हजार 629 मरीज ठीक हो चुके हैं। महामारी से 1998 लोग जान गंवा चुके हैं।

3. बिहार

सोमवार को राज्य में 865 नए मरीज मिले। 851 मरीज ठीक हुए और सात की मौत हो गई। राज्य में अब तक 2 लाख 23 हजार 477 केस आ चुके हैं। इनमें से 6738 का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 15 हजार 587 मरीज ठीक हो चुके हैं। कोरोना से अब तक 1151 मरीजों की जान जा चुकी है।

4. महाराष्ट्र

राज्य में सोमवार को 3277 संक्रमित मिले। यहां अब तक 17 लाख 23 हजार 135 केस आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अभी 10 लाख लोग होम क्वारैंटाइन और 7586 लोग इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन में हैं। राज्य सरकार ने सोमवार को तकनीकी दिक्कत का हवाला देते हुए मौत और ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा जारी नहीं किया।

5. उत्तरप्रदेश

प्रदेश में सोमवार को 1627 लोग संक्रमित मिले। इसी के साथ यहां अब तक 4 लाख 99 हजार 190 केस आ चुके हैं। इनमें 22 हजार 956 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 4 लाख 69 हजार 3 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से अब तक 7231 लोग जान गंवा चुके हैं।



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दिल्ली के सदर बाजार इलाके में स्वाब का कलेक्शन करता स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी। यहां सोमवार को 5023 केस आए। यहां 26 अक्टूबर के बाद से हर दिन 4000 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।


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बीते 24 घंटे में सिर्फ 37 हजार केस आए, जुलाई के बाद तीसरी बार 40 हजार से कम मरीज मिले

देश में कोरोना के केस कुछ राज्यों में भले ही बढ़ रहे हों, लेकिन उसकी तुलना में ज्यादा मरीज ठीक होने की वजह से एक्टिव केस कम होते जा रहे हैं। सोमवार को सिर्फ 37 हजार 164 केस आए, 41 हजार 450 मरीज ठीक हो गए और 450 संक्रमितों की मौत हो गई। एक्टिव केस में 4 हजार 742 की कमी आई। अब कुल एक्टिव केस 5 लाख 4 हजार 916 रह गए हैं।

रोजाना आ रहे केसों पर नजर डालें तो 17 जुलाई के बाद 9 नवंबर को नए केस दूसरी बाद सबसे कम रहे। 17 जुलाई को 34 हजार 824 केस आए थे। इसके बाद 26 अक्टूबर को 36 हजार 104 केस आए थे।

15 जुलाई को पहली बार 30 हजार से ज्यादा केस आए थे, तब से अब तक 8 बार 40 हजार से कम केस आए

तारीख केस
15 जुलाई 32607
16 जुलाई 35468
17 जुलाई 34824
18 जुलाई 37411
21 जुलाई 39117
26 अक्टूबर 36104
02 नवंबर 37592
09 नवंबर 37164


कोरोना अपडेट्स

  • कर्नाटक के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने 17 नवंबर से राज्य में खुल रहे यूनिवर्सिटी, कॉलेज, टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स और डिप्लोमा कॉलेज के लिए SOP जारी किया है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल का सभी को पालन करना होगा। स्टूडेंट्स को बुलाने से पहले उनके पैरेंट्स का अनुमति पत्र मंगवाना होगा।
  • केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें दिल्ली के निजी अस्पतालों के 80% ICU बेड रिजर्व करने को कहा गया है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होगी।
  • दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में कोरोना केस पीक पर हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह स्थिति अगले 4 से 5 दिन तक बनी रह सकती है। दिल्ली में कोरोना से हो रही मौत की दर 1.59% है।’

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश

राज्य में सोमवार को 809 कोरोना मरीज मिले। 681 संक्रमित ठीक हुए और छह की मौत हो गई। अब तक 1 लाख 78 हजार 168 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 8050 मरीजों का इलाज चल रहा है, 1 लाख 67 हजार 84 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 3034 मरीजों की मौत हो चुकी है।

2. राजस्थान

राज्य में सोमवार को 1859 संक्रमित पाए गए। यहां अब तक 2 लाख 13 हजार 169 केस आ चुके हैं। इनमें 16 हजार 542 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 94 हजार 629 मरीज ठीक हो चुके हैं। महामारी से 1998 लोग जान गंवा चुके हैं।

3. बिहार

सोमवार को राज्य में 865 नए मरीज मिले। 851 मरीज ठीक हुए और सात की मौत हो गई। राज्य में अब तक 2 लाख 23 हजार 477 केस आ चुके हैं। इनमें से 6738 का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 15 हजार 587 मरीज ठीक हो चुके हैं। कोरोना से अब तक 1151 मरीजों की जान जा चुकी है।

4. महाराष्ट्र

राज्य में सोमवार को 3277 संक्रमित मिले। यहां अब तक 17 लाख 23 हजार 135 केस आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अभी 10 लाख लोग होम क्वारैंटाइन और 7586 लोग इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन में हैं। राज्य सरकार ने सोमवार को तकनीकी दिक्कत का हवाला देते हुए मौत और ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा जारी नहीं किया।

5. उत्तरप्रदेश

प्रदेश में सोमवार को 1627 लोग संक्रमित मिले। इसी के साथ यहां अब तक 4 लाख 99 हजार 190 केस आ चुके हैं। इनमें 22 हजार 956 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 4 लाख 69 हजार 3 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से अब तक 7231 लोग जान गंवा चुके हैं।



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दिल्ली के सदर बाजार इलाके में स्वाब का कलेक्शन करता स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी। यहां सोमवार को 5023 केस आए। यहां 26 अक्टूबर के बाद से हर दिन 4000 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।


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थोड़ी देर में शुरू होगी वोटों की गिनती, सबसे पहले आ सकता है अनूपपुर का रिजल्ट

प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान कुछ देर में आने शुरू हो जाएंगे। इन परिणामों से तय होगा कि भाजपा का कमल खिला रहेगा या फिर कमलनाथ सत्ता में आएंगे। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे पोस्टल बैलेट के साथ शुरू हो गई है। इसके बाद 8:30 बजे से ईवीएम से मतों की गिनती होगी। अब तक पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं होने पर ईवीएम की मतगणना का अंतिम राउंड रोक दिया जाता था, लेकिन इस बार यह नियम हटा दिया गया है। राज्य में 3 नवंबर को मतदान हुआ था।

सबसे जल्दी रिजल्ट अनूपपुर जिले से आने की उम्मीद है। यहां 18 राउंड में काउंटिंग होगी। सबसे लेट ग्वालियर के रिजल्ट आएंगे। यहां 32 राउंड काउंटिंग होगी। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला ने बताया कि इस बार सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्रत्येक राउंड में 14-14 टेबल होंगी।

प्रदेश में 46619 पोस्टल बैलेट डाले गए हैं। सबसे ज्यादा 3675 मेहगांव में और सबसे कम 491 करैरा में पड़े हैं। अनूपपुर में सबसे कम 18 राउंड हैं, इसलिए यहां नतीजा सबसे पहले, जबकि 32 राउंड वाली ग्वालियर पूर्व सीट का सबसे बाद में आ सकता है।​​​​​​​


28 सीटों पर 12 मंत्री और 2 पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों और 2 पूर्व मंत्रियों ( तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पद से इस्तीफा दे चुके) की किस्मत का फैसला भी आज होगा। जानकार मानते हैं कि यदि मंत्री को हार का सामना करना पड़ा, तो भाजपा में उनकी राह आसान नहीं होगी। अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि इससे पहले चौधरी राकेश सिंह और प्रेमचंद गुड्‌डू को राजनीतिक भविष्य बचाने के लिए कांग्रेस में वापसी करनी पड़ी थी।

सीटों की संख्या के मायने
शिवराज सिंह चौहान: भाजपा को 20 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो शिवराज का कद तो बढ़ेगा, लेकिन सत्ता और संगठन में सिंधिया का दखल ज्यादा होने से उन्हें फैसले लेने की पूरी आजादी नहीं होगी। 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो सरकार में फैसले करने में शिवराज पर संगठन का ज्यादा दबाव रहेगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया: भाजपा के खाते में 20 से अधिक सीटें आती हैं, तो सिंधिया की प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर धमाकेदार एंट्री होगी और भाजपा में बड़े नेता के तौर पर उभर सकते हैं। यदि 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो प्रदेश की राजनीति में कम, केंद्र में सक्रियता ज्यादा रहेगी।

कमलनाथ: कांग्रेस यदि सिंधिया के गढ़ को धराशायी कर 20 से ज्यादा सीटें हासिल कर लेती है, तो कमलनाथ का कद कांग्रेस में और बढ़ जाएगा। दूसरा पहलू यह है कि यदि वे सरकार बनाने में कामयाब न हो सके और 10 से 15 सीटें ही मिलीं, तो प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद छोड़ने का दबाव बढ़ जाएगा।

दांव पर 'सरकार': जीत का गणित
विधानसभा की कुल सीटें 230
(दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद एक सीट और रिक्त हो गई है)

  • अब कुल संख्या: 229
  • उपचुनाव: 28 सीटें
  • भाजपा: 107, (बहुमत के लिए 9 सीटें चाहिए)
  • कांग्रेस: 87 (बहुमत के लिए 28 सीटें चाहिए)


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Madhya Pradesh By-Election Result 2020 LIVE Update: Jyotiraditya Scindia | MP (Vidhan Sabha) Chunav Parinam Latest News Today; Jyotiraditya Scindia, Shivraj Singh Chouhan, Kamal Nath


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यूक्रेन में राष्ट्रपति के अलावा वित्त और रक्षा मंत्री पॉजिटिव; फ्रांस में नाटकीय रूप से संक्रमितों का आंकड़ा घटा

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा रविवार को 5 करोड़ के पार हो गया। अब तक 5 करोड़ 12 लाख 32 हजार 905 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। राहत की बात है कि इनमें 3 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 12 लाख 68 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। यूक्रेन में राष्ट्रपति के बाद अब फाइनेंस और डिफेंस मिनिस्टर भी पॉजिटिव हो गए हैं। दूसरी तरफ, फ्रांस में नाटकीय तरीके से मामले कम हुए हैं।

पहले यूक्रेन की बात
यूक्रेन में राष्ट्रपति के बाद अब फाइनेंस और डिफेंस मिनिस्टर भी पॉजिटिव पाए गए हैं। राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेन्स्की के ऑफिस से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के कुछ एडवाइजर्स भी संक्रमित हैं, लेकिन इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। इतने बड़े पैमाने पर संक्रमण के बाद सरकार में हड़कम्प है। हालांकि, सरकार ने लोगों से कहा है कि राष्ट्रपति और बाकी मंत्री घर से काम करते रहेंगे क्योंकि सभी की हालत ठीक है। इस बीच सरकार ने देश में लॉकडाउन न हटाने की बात भी कही है।

फ्रांस में बड़ी राहत
फ्रांस में 8 दिन से हर दिन औसतन 50 हजार केस मिल रहे थे। लेकिन, सोमवार को इनकी संख्या नाटकीय रूप से सिर्फ 20 हजार के करीब हो गई। देश में लॉकडाउन पर सवाल उठ रहे थे और इसका सड़कों पर विरोध भी हो रहा था। अब सरकार ने कहा है कि इससे बहुत फायदा हुआ है। देश के प्रमुख शहरों में अक्टूबर से ही लॉकडाउन है। देश में 10 दिन से लॉकडाउन है। सोमवार को कुल 20 हजार 155 संक्रमित मिले। वैसे एक तथ्य यह भी है कि संक्रमितों की संख्या भले ही कम हुई हो, लेकिन हॉस्पिटल्स में भर्ती होने वालों की संख्या कम नहीं हुई।

फ्रांस के पेरिस शहर के एक चर्च के कॉरिडोर में मौजूद सुरक्षाकर्मी। फ्रांस में एक दिन में मामले 50 से 20 हजार पर आ गए।

ब्रिटेन में फिर मौतें
ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन जारी है। लेकिन, इसका फायदा होता नजर नहीं आता। यहां सोमवार को 21 हजार मामले सामने आए। यह हाल के दिनों में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके साथ ही ही 194 लोगों की मौत भी हुई। हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि मौतों का बढ़ता आंकड़ा सबसे बड़ी चिंता का विषय है। देश में सात दिन में एक लाख 60 हजार मामले सामने आए। इसी दौरान दो हजार 385 लोगों की मौत हो गई।

अमेरिका में तीसरी लहर खतरनाक
अमेरिका दुनिया का पहला देश बन गया है जहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ के पार हो गया है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। बीते 10 दिन में अमेरिका में लाखों मामले सामने आए हैं। वॉशिंगटन में 293 दिन पहले कोरोना का पहला केस आया था। अमेरिका में शनिवार को 1 लाख 31 हजार 420 मामले दर्ज किए गए थे। अमेरिका में बीते सात दिन में कोरोना के नए मामले आने का औसत 1 लाख 5 हजार 600 रहा। इसमें 29% की बढ़ोतरी देखी गई। अमेरिका के कुल मामले भारत (85 लाख से ज्यादा) और फ्रांस (17 लाख से ज्यादा) केसों से ज्यादा हैं। अब तक कोरोना से दुनिया में 5 करोड़ 7 लाख 37 हजार 875 केस सामने आ चुके हैं। 12 लाख 62 हजार 130 लोगों की मौत हो चुकी है। 3 करोड़ 57 लाख 95 हजार 252 लोग ठीक भी हो चुके हैं।

अमेरिका में संक्रमण की तीसरी लहर खतरनाक तौर पर आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही टेस्टिंग भी बढ़ा दी गई है। विस्कॉन्सिन के मिलवाउकी में सोमवार को एक व्यक्ति का टेस्ट करती हेल्थ वर्कर।


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यूक्रेन के कीव में सोमवार को टेस्टिंग सेंटर के बाहर लोगों की भीड़। यहां राष्ट्रपति के बाद डिफेंस और फाइनेंस मिनिस्टर भी पॉजिटिव पाए गए हैं।


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NCB का अर्जुन रामपाल के घर छापा; NGT के निशाने पर पटाखा और 2 करोड़ यूजर्स का चोरी हुआ डेटा

नमस्कार!

देश में रविवार को कोरोना के सिर्फ 8.35 लाख टेस्ट किए गए, यह संख्या बीते 42 दिनों में सबसे कम है। उधर, अमेरिका दुनिया का पहला देश बन गया, जहां संक्रमितों का आंकड़ा 1 करोड़ के पार हो चुका है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ।

सबसे पहले देखते हैं, बाजार क्या कह रहा है…

  • BSE का मार्केट कैप 165 लाख करोड़ रुपए रहा। BSE पर करीब 51% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
  • 2,882 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इसमें 1,485 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,206 कंपनियों के शेयर गिरे।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • IPL के 13वें सीजन का फाइनल मुकाबला आज मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच खेला जाएगा। मैच शाम साढ़े सात बजे से दुबई में शुरू होगा।
  • मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर आज सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। पहली बार पोस्टल बैलेट और EVM की गिनती एक साथ होगी।
  • बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे। 8:30 बजे से EVM से वोटों की गिनती शुरू होगी।
  • महाराष्ट्र में आज अर्नब गोस्वामी पर दर्ज FIR को रद्द करने की याचिका और उनकी जमानत याचिका पर रायगढ़ सेशन कोर्ट में सुनवाई होगी।
  • बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन में दीपिका पादुकोण की मैनेजर करिश्मा प्रकाश को आज फिर NCB के दफ्तर में पेश होना होगा।

देश-विदेश

NCB ने अर्जुन रामपाल को पूछताछ के लिए बुलाया

बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने सोमवार को अर्जुन रामपाल के घर छापा मारा। NCB ने उनके गैजेट्स जब्त कर लिए। अर्जुन और उनकी गर्लफ्रेंड गैब्रिएला डेमेट्रियड्स को 11 नवंबर को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया गया है।

दिल्ली समेत जिन शहरों में हवा खराब, वहां पटाखे बैन

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली समेत पूरे NCR में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर 30 नवंबर तक रोक लगा दी है। यह आदेश देश के उन सभी कस्बों-शहरों में भी लागू होगा, जहां पिछले साल नवंबर में हवा की क्वालिटी का स्तर बहुत खराब स्थिति में था।

हैकर ने ग्रॉसरी कंपनी के यूजर्स का डेटा चुराया

ग्रॉसरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिग बास्केट के 2 करोड़ यूजर्स का डेटा लीक हुआ है। साइबर इंटेलीजेंस कंपनी Cyble के मुताबिक, हैकर ने इस डेटा को 40,000 डॉलर (करीब 29.5 लाख रुपए) में बेचने के लिए डार्क वेबसाइट पर डाला है। कंपनी ने बेंगलुरु में शिकायत दर्ज कराई है।

अर्नब गोस्वामी को हाईकोर्ट से जमानत नहीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिपब्लिक TV के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि लोअर कोर्ट में अर्जी लगाएं। एक डिजाइनर और उनकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुंबई पुलिस ने 4 नवंबर को अर्नब को गिरफ्तार किया था।

कोरोना रोकने के लिए बाइडेन ने बनाई टास्क फोर्स

अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने कोरोना से निपटने के लिए सोमवार को टास्क फोर्स का ऐलान किया। इसमें भारतवंशी विवेक मूर्ति भी शामिल हैं। मूर्ति अमेरिका के पूर्व सर्जन जनरल हैं। येल मेडिकल स्कूल के ग्रेजुएट मूर्ति को 2014 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सर्जन जनरल नियुक्त किया था।

डीबी ओरिजनल

टिफिन सर्विस शुरू की, हर महीने 3 लाख रु का मुनाफा

आज की कहानी है दिल्ली की रहने वाली हाउसवाइफ जिनिषा जैन की। जिनिषा खाना बनाने की शौकीन हैं। उन्होंने अपने शौक को पड़ोसन के कहने पर बिजनेस में बदला। आज दिल्ली-एनसीआर में वो किचन का 'जायका टिफिन सर्विस' के नाम से मशहूर हैं। उनको हर महीने 3 लाख रुपए मुनाफा हो रहा है।

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भास्कर एक्सप्लेनर

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा?

अमेरिकी चुनावों में तस्वीर लगभग साफ है। जो बाइडेन और कमला हैरिस क्लियर विनर के तौर पर सामने हैं। विजयी भाषण भी दे चुके हैं। लेकिन, प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने अब तक हार नहीं स्वीकारी है। वे अदालतों में केस लड़ने की बात कर रहे हैं। यदि ट्रम्प ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा?

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सुर्खियों में और क्या है...

  • ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रोहित शर्मा को टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। वहीं, कप्तान कोहली पहले टेस्ट के बाद पैटरनिटी लीव पर चले जाएंगे।
  • टाटा ग्रुप के ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क का नया विज्ञापन भी विवादों में है। ट्विटर पर #BoycottTanishq ट्रेंड हुआ। तनिष्क पर हिंदू विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगा।
  • रिचर्ड ब्रैन्सन की कंपनी वर्जिन हाइपरलूप ने अपने हाईस्पीड पॉड सिस्टम की पहली टेस्टिंग यात्रियों के साथ अमेरिका के नेवादा राज्य के लॉस वेगास में बनाई गई साइट पर की।
  • श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास (82) की तबीयत सोमवार को बिगड़ गई। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया।


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NCB raid at Arjun Rampal's house; Fireworks ban before Diwali; Data theft of 2 crore users


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कोई भूल या अपराध हो जाए तो उसके लिए माफी जरूर मांगें, संकल्प करें कि अब ये गलती नहीं दोहराएंगे

कहानी- महात्मा गांधी का एक किस्सा है। जब वे 15 साल के थे, तब उन्होंने चोरी की थी, वह भी अपने ही घर में। गांधीजी ने खुद बताया है कि एक बार उन्होंने अपने बडे़ भाई के सोने के कड़े में से कुछ सोना निकाल लिया था। उस समय उनको सुख-सुविधा के कुछ काम पूरे करने थे। उन्होंने चोरी तो कर ली, लेकिन बाद उन्हें एहसास हुआ कि ये मैंने अच्छा नहीं किया। वे सोचने लगे कि अब इस गलती को किसके सामने स्वीकार किया जाए?

गांधीजी के सामने सबसे बड़ी हस्ती उनके पिता ही थे। उन्हें डर भी लग रहा था कि अगर चोरी के बारे में बताऊंगा तो पता नहीं क्या सजा मिलेगी? दरअसल, गांधीजी सजा से डर रहे थे। फिर सोचा कि जो भी सजा मिले, उसे मानेंगे क्योंकि, गलती तो हुई ही है।

उन्होंने पिता को अपनी गलती के बारे चिट्ठी लिखी। पिता ने उसे पढ़ा। चिट्ठी के आखिरी में लिखा था कि मैं अपनी गलती मानता हूं और ये प्रायश्चित भी कर रहा हूं कि जीवन में अब कभी भी कोई गलत काम नहीं करूंगा। आप जो सजा देंगे वो भी मानूंगा।

चिट्ठी लिखने के बाद उनको लग रहा था कि अब सजा मिलेगी, पिता गुस्सा करेंगे लेकिन, उनके पिता की आंखों में आंसू आ गए, वे मौन हो गए। उनके इसी मौन ने गांधीजी का जीवन पूरी तरह बदल दिया। इस घटना के बाद पिता-पुत्र के बीच प्यार बढ़ गया और संसार को महात्मा गांधी के रूप में सबसे ईमानदार व्यक्ति मिल गया।

सीख- जागरुकता तो ये है कि हमसे कभी भी कोई गलत काम हो ही ना और अगर कोई गलती हो जाए तो उसका प्रायश्चित जरूर करें। माफी मांगें और संकल्प करें कि कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे।

ये भी पढ़ें-

हमेशा अपने कामों में कुछ न कुछ प्रयोग करते रहना चाहिए, नए तरीके आपकी सफलता के महत्व को बढ़ा देते हैं

पांच बातें ऐसी हैं जो हमारे जीवन में अशांति और विनाश लेकर आती हैं, इन गलत आचरणों से बचकर ही रहें

जब लोग तारीफ करें तो उसमें झूठ खोजिए, अगर आलोचना करें तो उसमें सच की तलाश कीजिए

जीवन साथी की दी हुई सलाह को मानना या न मानना अलग है, लेकिन कभी उसकी सलाह का मजाक न उड़ाएं

कन्फ्यूजन ना केवल आपको कमजोर करता है, बल्कि हार का कारण बन सकता है

लाइफ मैनेजमेंट की पहली सीख, कोई बात कहने से पहले ये समझना जरूरी है कि सुनने वाला कौन है



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पड़ोसन के लिए खाना पैक करते टिफिन सर्विस शुरू करने का आइडिया आया, आज हर महीने 3 लाख रु. का मुनाफा

आज की कहानी है दिल्ली की रहने वाली हाउसवाइफ जिनिषा जैन की। जिनिषा खाना बनाने की शौकीन हैं। उन्होंने अपने इस शौक को एक पड़ोसन के कहने पर बिजनेस में बदल दिया। आज पूरे दिल्ली-एनसीआर में वो किचन का 'जायका टिफिन सर्विस' मशहूर हैं। हर दिन 100 से ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं। 3 लाख रुपए हर महीने उनको मुनाफा हो रहा है।

इसके साथ ही जिनिषा कैटेरिंग का भी काम कर रही हैं। शहर के बाहर टिफिन सर्विस की डिलिवरी के लिए जोमैटो से उनकी बातचीत चल रही है। जायका टिफिन सर्विस का सफर 2018 में सिर्फ एक टिफिन से शुरू हुआ था। इस सफर को शुरू करने की वजह बताते हुए जिनिषा कहती हैं, एक दिन मेरी पड़ोसन को किसी काम से शहर से बाहर जाना था।

लेकिन उसे अपने पति के लिए एक ऐसी टिफिन सर्विसेज की तलाश थी जो कि घर का पका हुआ हेल्दी खाना दे सकें। इस सिलसिले में उसने मुझसे बात की और पूछा कि कोई टिफिन सर्विस देने वाले को जानती हैं क्या? मैंने पड़ोसन होने के नाते कहा कि मैं खाना बनाकर दे दिया करूंगी और फिर मैंने उसके घर टिफिन भेजना शुरू कर दिया।

जायका टिफिन सर्विस' में एक प्लेट की कीमत 130 रुपए है। इसमें दाल, चावल, दो सब्जी, चपाती, रायता, स्वीट्स/हलवा, सलाद और चटनी रहती है।

जिनिषा कहती हैं मैंने जो खाना अपनी पड़ोसन को भेजा था, वह सबको बहुत पसंद आया और उन्होंने मुझे टिफिन सर्विस शुरू करने की सलाह दे डाली। उस वक्त तक मैंने बिजनेस को लेकर नहीं सोचा था लेकिन उनकी सलाह के बाद मैंने अपने घर में बात की और फिर शुरू हुआ टिफिन सर्विस का कारोबार।

वह कहती हैं, 'मैंने यह कारोबार पैसे से ज्यादा पैशन के लिए शुरू किया है।' धीरे-धीरे कॉम्प्लेक्स में और भी लोगों को पता चला। कुछ माह बाद दूसरे कॉम्प्लेक्स से भी डिमांड आने लगी। वह कहती हैं, जहां भी मैंने खाना बनाकर भेजा हर किसी से अच्छा रिस्पॉन्स मिला।

पति और बच्चे करते हैं सपोर्ट

जिनिषा के परिवार में पति के अलावा दो बच्चे हैं। वह बताती हैं कि टिफिन सर्विस को शुरू करने के पहले छह माह तक सब कुछ खुद ही करती थीं, बाद में जैसे-जैसे ऑर्डर बढ़ने लगा तो खाना बनाने में पति और बच्चों ने हेल्प करना शुरू कर दिया। जिनिषा ने डिलीवरी के लिए दो लड़के भी हायर किए हुए हैं।

जिनिषा ने दो साल पहले टिफिन सर्विस का बिजनेस शुरू किया था। अब वो शहर के बाहर टिफिन सर्विस की डिलिवरी के लिए फूड डिलिवरी स्टार्टअप जोमैटो से संपर्क में हैं।

बता दें कि 'जायका टिफिन सर्विस' में एक प्लेट की कीमत 130 रुपए है। इसमें दाल, चावल, दो सब्जी, चपाती, रायता, स्वीट्स/हलवा, सलाद और चटनी रहती है। साथ में ब्रेकफास्ट टिफिन 50-70 रुपए की होती है। वह कहती हैं, डेली खाने का मेन्यू क्या होगा यह मैं अपने हिसाब से तय करती हूं। हालांकि, कभी-कभी कस्टमर की तरफ से खास डिमांड रहती है। तब उसके हिसाब से खाना बनता है।

जिनिषा बताती हैं कि मैं अपने जायका टिफिन सर्विस की मार्केटिंग सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए करती हूं। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बाकायदा पेज बनाया है। वहां से भी अच्छे रिस्पांस मिल रहे हैं। जिनिषा कहती हैं कि मैं खाने की क्वालिटी पर खास ध्यान देती हूं जितना प्यार से मैं अपने फैमिली मेंबर के लिए खाना बनाती हूं, उतने ही प्यार से मैं दूसरों के लिए भी खाना बनाती हूं।

जब जो ऑर्डर आते हैं, उसे फ्रेश खाना बनाकर देती हूं। यही वजह है कि दिन पर दिन डिमांड बढ़ती ही जा रही है। इतना ही नहीं मैं हर एक ग्राहक से फीडबैक लेती रहती हूं। इससे और बेहतर करने का मौका मिलता है।

टिफिन सर्विस का काम शुरू करने के टिप्स

वह कहती हैं, डेली खाने का मेन्यू क्या होगा यह मैं अपने हिसाब से तय करती हूं। हालांकि, कभी-कभी कस्टमर की तरफ से खास डिमांड रहती है तब उसके हिसाब से खाना बनता है।

जिनिषा कहती हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। आज इसी काम ने मुझे पहचान दिलाई है। कई बार हम सही वक्त का इंतजार करते रह जाते हैं और वक्त निकल जाता है। साथ ही किसी भी काम को शुरू करने के बाद उसे वक्त देना चाहिए।

वह कहती हैं, टिफिन सर्विस के कारोबार में मुनाफा कई बार कारोबार शुरू करने के अगले ही माह से होने लगता है। तो कई बार छह माह तक भी कोई मुनाफा नहीं होता ऐसे में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। वह कहती हैं, मैंने जब जायका टिफिन का काम शुरू किया था, तब मुझे ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। करीब छह माह बाद से मुनाफा होना शुरू हुआ है।

कितना आसान है यह कारोबार करना?

निमिषा बताती हैं, इस कार्य को शुरू करने के लिए किसी प्रकार की कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि इसे आप अपने घर के किचन से शुरू कर सकते हैं। टिफिन सर्विस के कारोबार को शुरू करने के लिए महज 8-10 हजार रकम खर्च करनी पड़ेगी और कुछ माह बाद ही आपको मुनाफा होने लगेगा। वह कहती हैं, अगर आपके खाने की क्वालिटी अच्छी होगी और कस्टमर के टेस्ट की होगी, तो बहुत जल्द आप महीने के 5-7 लाख रुपए तक कमा सकते हैं।



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निमिषा बताती हैं, इस कार्य को शुरू करने के लिए किसी प्रकार की कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि इसे आप अपने घर के किचन से शुरू कर सकते हैं।


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नीतीश फिर करेंगे राज या तेजस्वी बनाएंगे रिकॉर्ड, दोपहर 12 बजे के बाद तय हो जाएगी सरकार

बिहार चुनाव के नतीजे आज आएंगे। सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी। इसके लिए 38 जिलों के 55 काउंटिंग सेंटरों पर 414 काउंटिंग हॉल बनाए गए हैं। कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने पोलिंग बूथ और काउंटिंग सेंटरों की संख्या बढ़ाई है। इसके चलते रुझान और नतीजे आने में हर बार की तुलना में ज्यादा समय लग सकता है।

पहला रुझान सुबह पौने नौ बजे तक आने की संभावना है। वहीं, पहला रिजल्ट शाम 5 बजे तक आ सकता है। नतीजों से तय होगा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार सत्ता में लौटेंगे या महज 31 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बनकर तेजस्वी रिकॉर्ड बनाएंगे।

तीन फेज में हुए चुनाव में 7.34 करोड़ वोटरों में से 57.05% ने वोटिंग की। 2015 में 56.66% वोटिंग हुई थी। इस बार 3,733 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 3,362 पुरुष, 370 महिला और 1 ट्रांसजेंडर है।

चुनाव प्रचार के 4 बड़े चेहरे

  • नीतीश कुमारः खुद चुनावी मैदान में तो नहीं थे, लेकिन जदयू का सबसे बड़ा चेहरा नीतीश ही थे। उन्होंने 103 इलाकों में जाकर 113 चुनावी रैलियां कीं।
  • प्रधानमंत्री मोदीः मोदीकाल का ये पहला चुनाव था, जिसमें अमित शाह नदारद रहे। मोदी ही प्रचार का बड़ा चेहरा रहे। उन्होंने प्रचार के दौरान बिहार में 12 रैलियां कीं।
  • तेजस्वी यादवः महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार भी हैं। तेजस्वी ने 21 दिन में 251 चुनावी सभाएं कीं। यानी, हर दिन औसतन 12 रैलियां। 4 रोड शो भी किए।
  • राहुल गांधीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तबीयत खराब होने की वजह से प्रचार से दूर रही हैं। राहुल की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका भी कहीं नहीं दिखाई दीं। कांग्रेस के लिए राहुल ने ही प्रचार का मोर्चा संभाला। उन्होंने कुल 8 रैलियां कीं।

5 हॉट सीट

सीट

किस-किसके बीच

राघोपुर

तेजस्वी यादव (राजद) vs सतीश यादव (भाजपा)

हसनपुर

तेज प्रताप यादव (राजद) vs राजकुमार राय (जदयू)

बांकीपुर

लव सिन्हा (कांग्रेस) vs पुष्पम प्रिया चौधरी (प्लूरल्स) vs नितिन नवीन (भाजपा)

इमामगंज

जीतनराम मांझी (हम) vs उदय नारायण चौधरी (राजद)

परसा

चंद्रिका राय (जदयू) vs छोटेलाल राय (राजद)

2019 लोकसभा चुनाव में 223 विधानसभा सीटों पर आगे था एनडीए

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में 39 सीटें एनडीए को मिली थीं। सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार जीता था। लोकसभा के नतीजों को अगर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो एनडीए को 223 सीटों पर बढ़त मिली थी। इनमें से 96 सीटों पर भाजपा तो 92 सीटों पर जदयू आगे थी। लोजपा 35 सीटों पर आगे थी।

एक सीट जीतने वाला महागठबंधन विधानसभा के लिहाज से 17 सीटों पर आगे था। इनमें 9 सीट पर राजद, 5 पर कांग्रेस, दो पर हम (सेक्युलर) जो अब एनडीए का हिस्सा है और एक सीट पर रालोसपा को बढ़त मिली थी। अन्य दलों में दो विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम और एक पर सीपीआई एमएल आगे थी।

2015 में साथ लड़े थे राजद और जदयू

2015 के चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस ने साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। इस गठबंधन को 178 सीटें मिलीं थी। लेकिन, डेढ़ साल बाद ही नीतीश महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में चले गए। इस चुनाव में एनडीए में भाजपा, VIP और हम (सेक्युलर) के साथ जदयू भी है। वहीं, पिछले चुनाव में एनडीए का हिस्सा रही रालोसपा और लोजपा के साथ है।

मुख्यमंत्री पद के दावेदार

  • नीतीश कुमार: 2010 के चुनाव में नीतीश एनडीए की ओर से तो 2015 में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। इस बार फिर वो एनडीए की ओर से सीएम फेस हैं। पिछले 15 साल से राज्य में नीतीश की पार्टी सत्ता में है। इनमें 14 साल से ज्यादा नीतीश ही मुख्यमंत्री रहे हैं।
  • तेजस्वी यादव: महागठबंधन की ओर से इस बार तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। लालू यादव के जेल जाने के बाद महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद का चेहरा तेजस्वी ही हैं। पूरा चुनाव महागठबंधन ने तेजस्वी के चेहरे पर ही लड़ा है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव प्रचार के पोस्टर तक से गायब थे।


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कितनी बड़ी होगी तेजस्वी की जीत? शरद यादव की बेटी, शत्रुघ्न के बेटे और पुष्पम प्रिया का क्या होगा?

बिहार चुनाव के नतीजे आज आ जाएंगे। आज ये फैसला हो जाएगा कि नीतीश एक बार फिर सत्ता में वापसी करेंगे या एक दिन पहले ही 31 साल के हुए तेजस्वी राज्य के सबसे युवा सीएम के रूप सामने आएंगे। नतीजा कुछ भी आए लेकिन, चुनाव मैदान में कुछ चेहरे ऐसे हैं, जिन पर सबकी नजर रहेगी।

पहली बार चुनाव मैदान में उतरे शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव जीतते हैं या नहीं? खुद को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बताकर राजनीति में आने वाली पुष्पम प्रिया का क्या होगा? महागठबंधन के सीएम पद का चेहरा तेजस्वी राघोपुर से दूसरी बार जीतते हैं तो उनकी जीत कितनी बड़ी होगी? इन सब सवालों के जवाब आज आ जाएंगे।

1. तेजस्वी यादव, राजद

सीट: राघोपुर

तेजस्वी दूसरी बार इस सीट से मैदान में हैं। 2015 में भाजपा के सतीश कुमार को 22 हजार से अधिक वोट से हराया था। एक बार फिर उनका मुकाबला भाजपा के ही सतीश कुमार से है। सतीश 2010 में यहां से जदयू के टिकट पर जीत चुके हैं।

2. तेज प्रताप यादव, राजद

सीट: हसनपुर

2015 में पहली बार विधायक बने थे। लेकिन, महुआ सीट से। इस बार हसनपुर से मैदान में हैं। जदयू के राजकुमार राय से उनका मुकाबला है। राय ने 2015 में यहां से रालोसपा के विनोद चौधरी को 29 हजार से ज्यादा वोट से हराया था।

3. पुष्पम प्रिया चौधरी, प्लूरल्स

सीट: बिस्फी, बांकीपुर

8 मार्च 2020 को देशभर के अखबारों में दो पेज का ऐड देकर खुद को बिहार का अगला सीएम बताकर चर्चा में आई पुष्पम प्रिया दो सीटों से मैदान में हैं। पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। बिस्फी सीट पर उनका मुकाबला राजद के फैयाज अहमद है। अहमद ने 2015 में यहां रालोसपा के मनोज कुमार यादव को 35325 वोट से हराया था। वहीं, बांकीपुर में उनके सामने भाजपा का नितिन नवीन और कांग्रेस के लव सिन्हा हैं।

4. लव सिन्हा, कांग्रेस

सीट: बांकीपुर

शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे हैं। पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। पिता पटना साहिब लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। अब बेटा पटना जिले की बांकीपुर सीट से चुनाव मैदान में है। यहां उनका मुकाबला भाजपा के नितिन नवीन से है। नितिन ने 2015 में कांग्रेस के कुमार आशीष को 39,767 वोट से हराया था।

5. जीतन राम मांझी, हम (सेक्युलर)

सीट: इमामगंज

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। मुकाबला पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी से है। 2015 में मांझी ने उदय नारायण चौधरी को 29,408 वोट से हराया था। तब चौधरी जदयू के उम्मीदवार थे।

6. पप्पू यादव, जन अधिकार पार्टी

सीट: मधेपुरा

जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कभी लालू यादव के सबसे खास लोगों में शामिल थे। 2014 में राजद के टिकट पर मधेपुरा लोकसभा सीट से संसद पहुंचे थे। 2019 लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब विधानसभा चुनाव में उतरे हैं। उनका मुकाबला राजद के चंद्रशेखर से है। चंद्रशेखर ने 2015 में भाजपा के विजय कुमार को 37,642 वोटों से हराया था।

7. चंद्रिका राय, जदयू

सीट: परसा

लालू यादव के समधी हैं। पहले राजद में थे। लेकिन नवंबर 2018 में तेज प्रताप यादव और ऐश्वर्या राय के बीच तलाक की अर्जी दाखिल होने के बाद दोनों परिवार के रिश्तों में खटास आ गई। इसके बाद चंद्रिका राय राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गए। चंद्रिका 2015 में राजद के टिकट से जीते थे। उन्होंने लोजपा के छोटे लाल राय को 42,335 वोटों से हराया था। इस बार भी छोटे लाल राय से मुकाबला है, लेकिन इस बार छोटे लाल राजद के उम्मीदवार हैं।

8. अनंत सिंह, राजद

सीट: मोकामा

बाहुबली नेता हैं। 2015 में मोकामा से लगातार चौथी बार जीते थे। 2015 के चुनावों से पहले उन्होंने जदयू छोड़ दी और यहां से निर्दलीय जीते। इस बार राजद के टिकट पर लड़ रहे हैं। अनंत सिंह पिछले चुनाव के वक्त भी जेल में थे और इस बार भी जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। अनंत सिंह के ऊपर सबसे ज्यादा 38 क्रिमिनल केस दर्ज हैं। पिछली बार अनंत सिंह ने जदयू के नीरज कुमार को 18,348 वोटों से हराया था। इस बार उनका मुकाबला जदयू के राजीव लोचन से है।

9. श्रेयसी सिंह, भाजपा

सीट: जमुई

श्रेयसी के पिता दिग्विजय सिंह केंद्र में मंत्री रहे हैं। मां पुतुल देवी सांसद रही हैं। श्रेयसी कभी राजनीति में नहीं रहीं। वो इंटरनेशनल लेवल की शूटर हैं। श्रेयसी कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। उनका मुकाबला राजद के विजय प्रकाश से है। 2015 में विजय प्रकाश ने भाजपा के अजय प्रताप को 8,249 वोट से हराया था।

10. सुभाषिनी यादव, कांग्रेस

सीट: बिहारीगंज

शरद यादव की बेटी हैं। शरद यादव जदयू के अध्यक्ष रहे हैं। साथ ही लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। उनका मुकाबला जदयू के निरंजन कुमार मेहता से है। निरंजन ने 2015 में भाजपा के रविंद्र चरण यादव को 29,253 वोटों से हराया था

11. मुकेश सहनी, NDA की सहयोगी VIP के प्रमुख

सीट: सिमरी बख्तियारपुर

विकासशील इंसान पार्टी यानी VIP के संस्थापक हैं। राजनीति में आने से पहले बॉलीवुड में स्टेज डिजाइनर रहे हैं। 2015 के चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था। 2015 में खुद की पार्टी बनाई। अभी चुनाव से पहले वो महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे थे, लेकिन उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महागठबंधन छोड़ने का ऐलान कर दिया। उनका मुकाबला राजद के यूसुफ सलाउद्दीन से है। यूसुफ सलाउद्दीन 2015 में लोजपा से लड़े थे। उन्हें जदयू के दिनेश चंद्र यादव ने 37,806 वोट से हराया था।

12. नीरज कुमार सिंह, भाजपा

सीट: छातापुर

बॉलीवुड एक्टर सुशांत राजपूत के चचेरे भाई हैं। 1988 से राजनीति में सक्रिय हैं। पहले जदयू में थे। नवंबर 2005 में जदयू के टिकट पर ही पहली बार छातापुर से चुने गए थे। 2010 में भी जदयू से ही लड़े और जीते। लेकिन, 2015 में जदयू के महागठबंधन में जाने के बाद उन्होंने जदयू छोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर ली। इस बार भी भाजपा से ही उम्मीदवार हैं। उनका मुकाबला राजद के डॉ. विपिन कुमार नोनिया से है। नीरज ने 2015 में राजद के जहूर आलम को 9,292 वोट से हराया था।

13. मां-बेटा चेतन आनंद, लवली आनंद, दोनों राजद से

सीट: चेतन शिवहर और लवली आनंद सहरसा से

चेतन आनंद को राजद ने शिवहर सीट से टिकट दिया है। वो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला जदयू के शरफुद्दीन से है। उनकी मां और आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को सहरसा से उम्मीदवार हैं। चेतन महिषी से विधायक और शिवहर से लोकसभा सांसद रहे आनंद मोहन के बेटे हैं। आनंद मोहन फिलहाल डीएम की हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं।

14. मंजू वर्मा,जदयू

सीट: चेरिया बरियारपुर

पूर्व मंत्री रह चुकी मंजू वर्मा 2018 में बालिका गृह कांड की आरोपी हैं। वह नीतीश कैबिनेट में सामाजिक न्याय मंत्री थीं। फिलहाल, जमानत पर बाहर हैं और जदयू से उम्मीदवार हैं। 2010 और 2015 में भाजपा से विधायक हैं। इस बार उनका मुकाबला राजद के राजवंशी महतो से हैं। मंजू वर्मा ने 2015 में लोजपा के अनिल कुमार चौधरी को 29736 वोट से हराया था।

15. मनोरमा देवी, जदयू

सीट: अतरी

बिहार के बाहुबली नेता रहे बिंदेश्वरी उर्फ बिंदी यादव की पत्नी हैं। इसी साल बिंदेश्वरी यादव की कोरोना से मौत हो गई थी। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। 2003 और 2009 में राजद से एमएलसी रहीं। 2015 में जदयू से एमएलसी रहीं। 2020 में जदयू से उम्मीदवार हैं। इस बार उनका मुकाबला राजद के अजय देव यादव से है। 2016 में गया में मशहूर रोडरेज कांड हुआ था, जिसमें मनोरमा देवी के बेटे रॉकी ने कार ओवरटेक करने वाले को गोली से उड़ा दिया था। रॉकी इस समय उम्रकैद की सजा काट रहा है।



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दिल्ली के पास पहला खिताब जीतने का मौका, मुंबई 5वीं बार चैम्पियन बनने से एक जीत दूर

दिल्ली कैपिटल्स (DC) आज IPL में अपना पहला फाइनल खेलने उतरेगी। उसके सामने डिफेंडिंग चैम्पियन मुंबई इंडियंस (MI) की चुनौती है। रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई छठवीं बार फाइनल खेलेगी, जिसमें 4 बार (2013, 2015, 2017, 2019) खिताब अपने नाम किया। मुंबई अपना खिताब बरकरार रखना चाहेगी।

धवन IPL में लगातार 2 शतक लगाने वाले अकेले प्लेयर
श्रेयस अय्यर की कप्तानी में दिल्ली की नजर अपने पहले खिताब पर है। टीम में बल्लेबाजी की जिम्मेदारी शिखर धवन और अय्यर के कंधों पर है। धवन सीजन में 500+ रन बनाने वाले तीन बल्लेबाजों में शामिल हैं। धवन ने चेन्नई और पंजाब के खिलाफ लगातार दो (101, 106) नाबाद शतक लगाए थे। दोनों दिग्गजों को मुंबई की तेज तर्रार गेंदबाजी से सतर्क रहना होगा।

मुंबई की परफेक्ट-11 के सामने दिल्ली की ताकत गेंदबाजी
सीजन में दिल्ली की ताकत गेंदबाजी ही रही है। टीम को चैम्पियन बनाने के लिए गेंदबाजों को मुंबई की परफेक्ट-11 से पार पाना है। मुंबई की प्लेइंग-11 में 7 नंबर तक बल्लेबाजी है, जो किसी भी बॉलिंग लाइन-अप को बिखेर सकती है। इस बैटिंग लाइन-अप में फॉर्म में चल रहे रोहित शर्मा, क्विंटन डिकॉक और सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाज हैं। ऑलराउंडर में हार्दिक और क्रुणाल पंड्या के अलावा कीरोन पोलार्ड हैं।

मुंबई की प्लेइंग इलेवन में जयंत की एंट्री संभव
मुंबई की टीम में दीपक चाहर की जगह ऑलराउंडर जयंत यादव की एंट्री हो सकती है। यदि ऐसा होता है, तो मुंबई की प्लेइंग इलेवन में 8वें बल्लेबाज की और एक बेहतरीन राइट-आर्म ऑफ स्पिनर की एंट्री होगी। इससे टीम और ज्यादा मजबूत होगी, क्योंकि जयंत दिल्ली के लेफ्ट हैंड बैट्समैन के लिए दिक्कत खड़ी कर देंगे।

रबाडा के सबसे ज्यादा 29 विकेट
इस सीजन के टॉप-3 में मुंबई के 2 और दिल्ली का एक बॉलर है। लिस्ट में दिल्ली के कगिसो रबाडा 29 विकेट के साथ टॉप पर काबिज हैं। वहीं, लिस्ट में मुंबई के जसप्रीत बुमराह 27 विकेट के साथ दूसरे और ट्रेंट बोल्ट 22 विकेट के साथ तीसरे नंबर पर हैं।

टीम की ब्रांड वैल्यू और महंगे खिलाड़ी
मुंबई इंडियंस की ब्रांड वैल्यू 809 और दिल्ली कैपिटल्स की 374 करोड़ रुपए है। खिलाड़ियों की बात करें तो मुंबई की प्लेइंग इलेवन में कप्तान रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या सबसे महंगे प्लेयर हैं। फ्रेंचाइजी एक सीजन के लिए रोहित को 15 करोड़ और हार्दिक को 11 करोड़ रुपए देगी। वहीं, दिल्ली की टीम में ऋषभ पंत 15 करोड़ और शिमरॉन हेटमायर 7.75 करोड़ रुपए कीमत के साथ सबसे महंगे प्लेयर हैं।

पिच और मौसम रिपोर्ट
दुबई में मौसम साफ रहेगा। तापमान के 23 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां स्लो विकेट होने के कारण स्पिनर्स को भी काफी मदद मिलेगी। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। इस आईपीएल सीजन में यहां हुए 15 मैच में पहले बल्लेबाजी वाली टीम की जीत का सक्सेस रेट 64% रहा है।

  • इस मैदान पर हुए कुल टी-20: 25
  • पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 16
  • पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती: 9
  • इस IPL सीजन में बना सबसे बड़ा स्कोर: 219
  • इस IPL सीजन में बना सबसे छोटा स्कोर: 109

हेड-टू-हेड
IPL में मुंबई ने दिल्ली के खिलाफ अब तक 27 मैच खेले हैं। इसमें 15 में जीत दर्ज की, जबकि 12 मुकाबले हारे हैं। इस सीजन में दोनों के बीच अब तक 3 मुकाबले खेले गए। तीनों मैच में मुंबई ने दिल्ली को शिकस्त दी। पिछला मुकाबला दोनों टीम के बीच क्वालिफायर-2 खेला गया था, जिसमें मुंबई ने 57 रन से जीत दर्ज की थी।



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IPL Final 2020 Update ; MI VS DC LIVE Score News | Mumbai Indians vs Delhi Capital Score from MI VS Capital Indian Premier League (IPL) Final 2020


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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में बाइडेन से हार नहीं मान रहे ट्रम्प ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा?

अमेरिकी चुनावों में तस्वीर लगभग साफ है। जो बाइडेन और कमला हैरिस क्लियर विनर के तौर पर सामने हैं। विजयी भाषण भी दे चुके हैं। तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति चुनने की औपचारिक प्रक्रिया भी आगे बढ़ रही है। लेकिन, प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने अब तक हार नहीं स्वीकारी है। वे अदालतों में केस लड़ने की बात कर रहे हैं।

इन हालात में अमेरिका में इन बातों पर चर्चा शुरू हो गई है कि यदि ट्रम्प ने पॉवर ट्रांसफर नहीं की और व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा? इस बात की आशंका कुछ एक्सपर्ट्स ने अगस्त में ही जता दी थी। कुछ सैन्य अधिकारियों ने सेना को पत्र लिखकर व्हाइट हाउस से ट्रम्प को बाहर निकालने तक की मांग कर दी थी। आइए जानते हैं कि अमेरिका में व्यवस्था क्या है? आगे क्या होगा?

बाइडेन और हैरिस ने विजयी भाषण दे दिए हैं, जीते नहीं हैं क्या?

  • नहीं। अभी बाइडेन और हैरिस को अलग-अलग स्टेट्स में हुई काउंटी से मिले परिणामों के आधार पर मीडिया ने विजयी घोषित किया है। अब तक अमेरिका के संविधान में तय प्रक्रिया के अनुसार उन्हें विजयी घोषित नहीं किया गया है। यह एक लंबी प्रक्रिया है और उसके बाद ही औपचारिक रूप से कहा जाएगा कि बाइडेन जीते।
  • अमेरिका में परंपरा कुछ ऐसी है कि मीडिया ही चुनावों के नतीजे घोषित करता रहा है। किसी कैंडिडेट के पक्ष में 270 से ज्यादा इलेक्टर होने पर नतीजे घोषित किया जाता है। साथ-साथ औपचारिक प्रक्रिया भी चलती रहती है और उसके आधार पर नतीजे तय होते हैं।

ट्रम्प अमेरिकी परंपरा का पालन करते हुए हार स्वीकार क्यों नहीं कर रहे?

  • एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने पेनसिल्वेनिया में बाइडेन की जीत की घोषणा की। यहां जीतने पर ही बाइडेन को जरूरी 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स मिल गए थे। ट्रम्प कैम्पेन को मीडिया हाउसेस के एनालिसिस पर भरोसा नहीं है। इसी वजह से ट्रम्प और उनके कैम्पेन के अधिकारी मीडिया के दावों पर सवाल उठा रहे हैं।
  • ट्रम्प कैम्पेन के वकील का आरोप है कि फिलाडेल्फिया में अबसेंटी बैलेट्स की काउंटिंग और प्रोसेसिंग में गड़बड़ी है। ट्रम्प बार-बार वोट्स को कानूनी और गैरकानूनी कह रहे हैं। वे अबसेंटी बैलेट्स को गैरकानूनी कह रहे हैं। उनका दावा है कि इन वोट्स के बारे में कोई प्रूफ नहीं है और यह इलेक्शन-डे (3 नवंबर) के बाद भेजे गए हैं।
  • ट्रम्प कैम्पेन ने प्रमुख बैटलग्राउंड स्टेट्स में नतीजों को लेकर मुकदमे दाखिल किए हैं। खासकर ऐसे स्टेट्स में जहां जीत की मार्जिन बहुत कम है। ज्यादातर केस पेनसिल्वेनिया, जॉर्जिया, नेवादा और मिशिगन में हैं, जहां ट्रम्प कैम्पेन ने काउंटिंग रोकने की मांग भी की है। वहीं, लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाइडेन की लीड पर इन मुकदमों का कोई असर नहीं होगा।

क्या कुछ जगहों पर रीकाउंट हो सकता है?

  • हां। अमेरिका के कुछ स्टेट्स में रीकाउंट का प्रावधान है। यदि कैंडिडेट्स की जीत-हार का अंतर निर्धारित प्रतिशत से कम रहता है तो वहां रीकाउंट होता है। विसकॉन्सिन में जीत-हार की मार्जिन 1% कम होने पर रीकाउंट होता है। यहां बाइडेन की लीड 0.7% है। इसी तरह जॉर्जिया में मार्जिन 0.5% से कम होने पर रीकाउंट होता है, यहां बाइडेन 0.2% से आगे हैं। लेकिन, वोटिंग रिफॉर्म ग्रुप फेयरवोट (FairVote) के डेटा के मुताबिक 2000 से 2019 तक 5,778 इलेक्शन हुए। इनमें 31 में रीकाउंट हुआ, लेकिन सिर्फ तीन चुनावों में ही नतीजा बदलने की नौबत आई।

क्या डोनाल्ड ट्रम्प को व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए डेडलाइन मिलेगी?

  • हां। ट्रम्प सिर्फ बाइडेन के राष्ट्रपति बनने की प्रक्रिया को स्लो कर सकते हैं। प्रेसिडेंशियल ट्रांजिशन एक्ट 1963 के तहत अधिकारियों के लिए पॉवर ट्रांसफर की डेडलाइन फिक्स की गई है। इस कानून के अनुसार यूएस जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन (GSA) जब चुनावों में विजेता का नाम घोषित कर देगा, तब ट्रांजिशन प्रक्रिया में तेजी आएगी।
  • कुछ विशेषज्ञों ने रविवार को GSA प्रशासक एमिली मरफी को पत्र लिखा और अनुरोध किया कि बाइडेन को जीता हुआ घोषित करें। सेंटर फॉर प्रेसिडेंशियल ट्रांजिशन का पत्र कहता है कि नतीजों को लेकर कानूनी विवाद हो सकता है लेकिन तस्वीर साफ हो चुकी है और ट्रांजिशन प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए।

यदि ट्रम्प ने व्हाइट हाउस छोड़ने को मना किया तो क्या मिलिट्री उन्हें निकालेगी?

  • अमेरिकी सेना के दो पूर्व अधिकारियों जॉन नागल और पॉल यिंगलिंग ने अगस्त में यूएस जनरल को ओपन लेटर लिखा था। उन्होंने कहा था कि कार्यकाल खत्म होने पर ट्रम्प को बाहर निकलना होगा। यदि व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो यूएस मिलिट्री को उन्हें जबरदस्ती बाहर करना चाहिए।
  • हालांकि, अन्य लोगों का कहना है कि यह मामला यूएस सीक्रेट सर्विस पर छोड़ देना चाहिए। मिलिट्री जवान घरेलू मामलों में दखल नहीं देते। एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि ट्रम्प व्हाइट हाउस छोड़ने से मना करते हैं तो 20 जनवरी को वे ट्रेसपासर (घुसपैठिए) बन जाएंगे। सीक्रेट सर्विस आएगी और उन्हें बाहर करेगी।
  • जब अमेरिका में यह बहस छिड़ ही गई है तो बाइडेन के प्रवक्ता ने यह कहने में परहेज नहीं किया कि जरूरत पड़ने पर व्हाइट हाउस से ट्रेसपासर्स को बाहर निकालने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। वे सक्षम हैं और वे ऐसा कर सकते हैं। वहीं, ट्रम्प को भी कानूनी जवाबदेही पूरी करनी होगी। उन्हें बाइडेन की टीम को टेक ओवर के लिए लॉजिस्टिक्स उपलब्ध कराने होंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया के तहत आगे क्या होगा?

  • सभी स्टेट्स ने नतीजों को सर्टिफाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नतीजे सर्टिफाई होने की डेडलाइन 10 दिसंबर है। इसके बाद 14 दिसंबर को इलेक्टर अलग-अलग राज्यों की राजधानियों में प्रेसिडेंट के लिए वोटिंग करेंगे।
  • 23 दिसंबर को सर्टिफाइड इलेक्टोरल वोट्स कैपिटल हिल पहुंचेंगे। नई कॉन्ग्रेस 3 जनवरी को शपथ लेगी। 6 जनवरी को हाउस और सीनेट के जॉइंट सेशन में इलेक्टोरल वोट्स गिने जाएंगे। सीनेट प्रेसिडेंट यानी वाइस प्रेसिडेंट ही 270 से ज्यादा इलेक्टोरल वोट्स जीतने वाले को अगला राष्ट्रपति घोषित करेंगे। 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति शपथ लेगा, जिसे इनॉगरेशन भी कहते हैं।
  • कॉन्ग्रेस में गिनती तक ही कैंडिडेट नतीजों को चुनौती दे सकता है। हाउस और सीनेट के एक-एक सदस्य को लिखित शिकायत देनी होगी। जॉइंट सेशन में दो घंटे तक आपत्ति पर चर्चा होती है। दोनों सदनों की मंजूरी के बाद ही आपत्ति स्वीकार होती है। हाउस में डेमोक्रेट्स और सीनेट में रिपब्लिकन का कब्जा है, ऐसे में दोनों में सहमति बनना मुश्किल ही है।


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