सोमवार, 7 सितंबर 2020

पटना के अल्बर्ट एक्का कैंपस में जर्जर भवन और दीवार धराशायी, मलबे में दबने से एक बच्चे की मौत; ब्रह्मा मंदिर और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह आज से खुलेगी

पटना के अल्बर्ट एक्का भवन कैंपस में जर्जर मकान की दीवार और छत गिर जाने से रविवार दोपहर 3 बजे बड़ा हादसा हो गया। छह साल के सन्नी की मलबे में दबने से मौत हो गई। वहीं 12 साल का प्रधान और 8 साल का साहेब गंभीर रूप से घायल है। घटना के कारण का पता नहीं चला है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि छह-सात बच्चे मकान के एक कमरे में चोर-सिपाही खेल रहे थे।

अचानक तेज आवाज के साथ दीवार और छत गिर गई। इसमें सन्नी काफी अंदर तक दब गया। पुलिस ने मलबा हटाया तो सन्नी के चेहरे पर धूल और खून सना था। परिजन उसे लेकर पीएमसीएच भागे लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

यहां पाई जाती है केव फिश

फोटो मेघालय में स्थित जयंती गुफा की है। यह दुनिया की सबसे गहरी, सबसे लंबी और सबसे बड़ी गुफा है, जिसकी तलहटी में दुनिया की सबसे बड़ी केव फिश पाई जाती हैं।

सारंडा की पहाड़ी नदियां भी जवानों के लिए चैलेंज

पिछले दो दशक से झारखंड के सारंडा, कोल्हान और पोड़ाहाट के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ जवानों की जंग जारी है। ये जंग पैरा मिलिट्री जवानों के लिए मानसून के दिनों में ज्यादा चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा हो जाता है। सारंडा के बीच बहने वाली पहाड़ी नदियों व नालों के कारण जवानों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। नक्सलियों से खतरे और बढ़ जाते हैं। फिर भी रोजाना जंगल के कैंपों में रह रहे ये जवान नदी-नाले पार कर मोर्चा ले रहे हैं।

अल्हड़ बचपन: बारिश में बच्चा खेलने में मग्न

रांची में रविवार की शाम लगभग एक घंटे झमाझम बारिश हुई। इससे पिछले 2 दिनों की उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली। रविवार को दोपहर बाद बादल उमड़ने-घुमड़ने लगे थे। दोपहर 3 बजे से कई इलाकों में तेज तो कहीं धीमी बारिश शुरू हो गई। वहीं शाम करीब 6 बजे मेन रोड, लालपुर समेत अन्य इलाकों में जोरदार बारिश होने लगी। एक घंटे में 46 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इस दौरान एक बच्चा बारिश में मस्ती करता नजर आया।

सूरत का असली मिजाज

सूरत कोरोना काल में भी अपने असली मिजाज में आ रहा है। रास्तों के किनारे फुटपाथ पर परिवार के साथ भोजन का लुत्फ उठाना यह सूरती मिजाज की पहचान है। कोरोना के कारण थम गई यह प्रथा रविवार को एक बार फिर देखने को मिली। अठवा लाइंस, यूनिवर्सिटी रोड, गौरव पथ, वाय जंक्शन पर लोगों ने परिवार के साथ भोजन का आनंद लिया।

बिना नंबर प्लेट वाली बाइक पर बिना हेलमेट लगाए 3 बैठे

मध्यप्रदेश के गुना में ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले वाहन चालकों पर रविवार को कार्रवाई की गई। इस दौरान हनुमान चौराहे से गुजर रहे तीन बाइक सवार पुलिसकर्मियों को नहीं रोका गया। दिलचस्प संयोग रहा कि वे तीन नियम एक साथ तोड़ रहे थे, जिनके लिए अन्य लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा था। एक तो बाइक पर तीन सवारी का नियम। दूसरा हेलमेट और तीसरा उनकी बाइक बिना नंबर प्लेट वाली थी। वे उस समय गुजरे जब चौराहे पर विशेष मुहिम के तहत पुलिस व नपा के कर्मचारी तैनात थे।

मंदिर में फूल-प्रसाद नहीं चढ़ेंगे, दरगाह में वजू पर रहेगी रोक

कोरोनाकाल के 172 दिन बाद सोमवार को पुष्कर स्थित विश्वविख्यात ब्रह्मा मंदिर और ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह आमजन के लिए खुल जाएंगे। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के वृद्धों को दरगाह और मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जगह-जगह गोले बनाए गए हैं। ब्रह्मा मंदिर में फूल-प्रसाद चढ़ाने पर पाबंदी रहेगी तो वहीं दरगाह में वजू पर रोक रहेगी।

ट्रैक्टर की छतरी लेकर निकले युवक

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में बीते 57 घंटों से बारिश रुकी हुई थी। इसके चलते दिन का तापमान 34.2 डिग्री तक पहुंच गया। इससे लोगों को गर्मी के दिनों का अहसास होने लगा है। हालांकि रविवार की शाम 5 बजे से रुक-रुक कर बारिश होती रही। इससे जहां एक ओर शहर की सड़कें तरबतर हो गईं तो वहीं दूसरी ओर वातावरण में भी ठंडक घुल गई। इस दौरान बारिश से बचने के लिए 3 युवक ट्रैक्टर की छतरी लेकर ही निकल पड़े।

वियतनाम की पंगेशियस मछलियां पाली जा रहीं

भोपाल के बड़े तालाब पर लगभग ढाई करोड़ रुपए से तैयार 96 कैज में पंगेशियस मछलियां पाली जा रही हैं। फिशरीज विभाग के डिप्टी डायरेक्टर एंड रिसर्च ऑफिसर गिरीश मेश्राम ने बताया कि रिसर्च के उद्देश्य से तैयार किए गए इस कैज में 90 टन से अधिक मछली का उत्पादन हुआ है।

वॉटर स्केटिंग, एयर बैलून का आनंद उठा सकेंगे पर्यटक

मध्यप्रदेश के धार से 40 किमी दूर सरदारपुर तहसील के गांव लाबरिया में माही डैम परियोजना के बैक वाटर के समीप हनुवंतिया की तर्ज पर पर्यटन स्थल विकसित हो रहा है। यहां पर्यटक वाटर स्केटिंग, बोटिंग, एयर बेलून का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने एडवेंचर कंपनियों से चर्चा शुरू कर दी है। कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने बताया- पर्यटन स्थल के माध्यम से रूरल टूरिज्म पर जोर दिया जा रहा है।

लोमड़ी जैसे चेहरे वाला चमगादड़

राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर में रविवार को एक दुर्लभ भारतीय फ्लाइंग फॉक्स चमगादड़ मिला। लोमड़ी के चेहरे की तरह दिखने वाला यह जानवर पूरे दिन कौतूहल का विषय बना रहा। आम तौर पर दिखने वाले चमगादड़ों की तुलना में इसका कद बड़ा है और काफी डरावना भी। सूचना पर वन विभाग की टीम ने फ्लाइंग फॉक्स को अपने कब्जे में ले लिया। रेंजर देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि यह चमगादड़ मेगा बैट है जिसे फ्लाइंग फॉक्स यानी उड़ने वाली लोमड़ी भी कहते हैं।



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The dilapidated building and wall collapsed in Patna's Albert Ekka Campus, one child died due to being buried under rubble, Brahma temple and Khwaja Moinuddin Chishti's shrine will open from today


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महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे ज्यादा 23 हजार 350 मरीज बढ़े, संक्रमितों की संख्या 9 लाख के पार; देश में अब तक 42.02 लाख मामले

महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 23 हजार 350 केस सामने आए। इसके साथ राज्य में संक्रमितों की संख्या 9 लाख 07 हजार 212 हो गई है। उधर, देश में रविवार को 91 हजार 723 मरीज मिले। यह एक दिन में मिले मरीजों की संख्या में सबसे ज्यादा है। इसके पहले 5 सितंबर को 90 हजार 600 मरीज मिले थे। इसके साथ देश में कुल मरीजों की संख्या 42 लाख 2 हजार 562 हो गई है। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में अगस्त महीने में संक्रमण के 3 लाख 76 हजार 587 मामले सामने आए, जबकि जुलाई में 2 लाख 41 हजार 820 और जून में 1 लाख 4 हजार 748 लोगों के संक्रमित मिले थे।

कोरोना अपडेट्स

  • रेलवे ने सोमवार से तमिलनाडु में 13 स्पेशल ट्रेन शुरू कीं। ये ट्रेनें राज्य के अंदर चलेंगी।
पहले दिन सोमवार को इन ट्रेनों में कम यात्री नजर आए। हालांकि, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते देखे गए।

5 राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
जो कोरोना मरीज आयुष्मान योजना में पंजीकृत नहीं हैं और राज्य सरकार से अनुबंधित किसी कोविड केयर अस्पताल में भर्ती हैं, उनके लिए राहत भरी खबर है। अब ऐसे मरीजों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार देगी। इसके लिए इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने और इलाज के खर्च की पूरी जानकारी एक तय फॉर्मेट में भरकर अस्पताल प्रबंधन को देनी होगी। यह फॉर्मेट अस्पताल ही उन्हें उपलब्ध कराएगा।

उधर, एक दिन में अब तक के सबसे ज्यादा 1694 संक्रमित मिले। यह लगातार चौथा दिन है, जब 1600 से ज्यादा केस मिले। 24166 सैंपल जांचे गए, इससे संक्रमण दर भी बढ़कर 7% पर पहुंच गई है। अब 51 जिलों में 200 से ज्यादा पॉजिटिव केस हो चुके हैं। केवल उमरिया में 156 ही पॉजिटिव हैं।

2. राजस्थान
राज्य में 171 दिन बाद सोमवार से धार्मिक स्थल खुल गए। कोरोना संक्रमण के कारण इन धार्मिक स्थलों को करीब छह माह पहले बंद कर दिया गया था। पुष्कर का विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर और अजमेर दरगाह के द्वार भी खोल दिए गए। राज्य सरकार ने 20 मार्च से सभी मंदिर बंद करने का ऐलान किया था।

उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राज्य में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हमारे पास 3018 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें 872 ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं। 913 आईसीयू बेड हैं, जिनमें 406 और 490 वेंटिलेटर में से 113 पर ही मरीज हैं।

3. बिहार.
राज्य में लगातार तीसरे दिन भी कोरोना सैंपल की जांच डेढ़ लाख से ज्यादा हुई। यह संख्या बढ़कर 1 लाख 51हजार 33 हो गई है। राज्य का रिकवरी रेट भी 88.24% हो गया है। यह राष्ट्रीय औसत से तकरीबन साढ़े ग्यारह फीसदी से अधिक है। उधर, राज्य सरकार ने कहा कि पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट वार्ड में मरीज तब तक रखे जाएंगे, जब तक वे पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं हो जाते।

4. महाराष्ट्र
राज्य में रविवार को 90 लाख से ज्यादा कोरोना सैंपल की जांच की गई। इसके साथ यहां पॉजिटिविटी रेट 19.5% पर पहुंच गया है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस पुणे में आ रहे हैं। यहां मरीजों की संख्या 1 लाख 99 हजार 303 पर पहुंच गई है। अब तक 4429 लोगों की मौत हो चुकी हैं। संक्रमितों के मामले में यह शहर मुंबई से भी आगे निकल गया है। मुंबई में अब तक1.55 लाख मामले सामने आ चुके हैं।

5. उत्तरप्रदेश
रविवार को राज्य में 6 हजार 777 नए संक्रमित मिले। यह एक दिन में मिले अबतक की सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या है। इससे पहले कल यानी शनिवार को सबसे अधिक 6 हजार 692 केस दर्ज हुए थे। राज्य में अब तक 2 लाख 66 हजार 283 लोग संक्रमित हो चुके हैं। राज्य में 32 हजार 94 लोग होम आइसोलेशन में हैं। संक्रमण के चलते राज्य में अब तक 3,920 लोगों की जान जा चुकी है।



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भारत के भविष्य पर चर्चा के लिए लंदन में दूसरा गोलमेज सम्मेलन शुरू हुआ था, गांधीजी और कांग्रेस ने पहली बार हिस्सा लिया था

आज का दिन भारत के इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज है। 1931 में आज ही के दिन से लंदन में दूसरा गोलमेज सम्मेलन शुरू हुआ था, जिसमें महात्मा गांधी के साथ-साथ कांग्रेस के नेता भी शामिल हुए थे। वैसे, यह सम्मेलन पूरी तरह नाकाम रहा था। भारत लौटते ही महात्मा गांधी और कांग्रेस के कई नेताओं को कैद कर लिया गया था।

इसी सम्मेलन के दौरान गांधीजी के बारे में फ्रैंक मॉरिस ने कहा था, 'एक अधनंगे फकीर को ब्रिटिश प्रधानमंत्री से बातचीत के लिए सेंट जेम्स पैलेस की सीढ़ियां चढ़ने का नजारा अपने आप में अनोखा और दिव्य प्रभाव पैदा करने वाला था।'

ब्रिटेन ने भारत में संवैधानिक सरकार के लिए 1930 में प्रयास शुरू कर दिए थे। इसी सिलसिले में तीन गोलमेज सम्मेलन हुए। वैसे, इन्हीं सम्मेलनों का नतीजा था कि 1935 में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट पारित हुआ। इसमें जनता की प्रांतीय स्वायत्तता की मांग को मान लिया गया था।

भारत-अमेरिका में न्यूक्लियर डील

12 साल पहले मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और यूपीए सरकार का वह पहला कार्यकाल था। उस समय सिंह ने लेफ्ट पार्टियों के विरोध के बावजूद अमेरिका से न्यूक्लियर डील की। इस ऐतिहासिक डील पर 2008 में आज ही के दिन साइन हुए थे।

इस डील के बाद भारत ने अपनी नागरिक और सैन्य परमाणु गतिविधियों को अलग किया। अमेरिका ने भारत को न्यूक्लियर रिएक्टर बेचने, टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर और यूरेनियम की बिक्री पर सहमति जताई थी।

2008 में न्यूक्लियर डील के दौरान भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश।

विमान हादसे में रूसी हॉकी टीम की मौत

2011 में आज ही के दिन एक विमान हादसे में रूस के आइस हॉकी क्लब की पूरी टीम की जान चली गई थी। मॉस्को से करीब 300 किलोमीटर उत्तर में स्थित यारोसलावल शहर के पास तुनोशना एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद रूसी विमान याकोवलेव याक-42 क्रैश हो गया। इस हादसे में लोकोमोटिव यारोस्लाव आइस हॉकी की पूरी टीम समेत 43 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 11 देशों के खिलाड़ी और कोच शामिल थे।

दुर्घटनाग्रस्त विमान याक-42

इतिहास के पन्नों में आज के दिन को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है...

  • 1701: जर्मनी, इंग्लैंड और नीदरलैंड ने फ्रांस विरोधी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • 1902ः ऑस्ट्रेलिया में भयानक सूखा पड़ने के बाद देशभर के लोगों ने बारिश के लिए एक साथ ईश्वर से प्रार्थना की।
  • 1906ः बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई।
  • 1923ः वियना में इंटरपोल की स्थापना।
  • 1943ः टेक्सास के ह्यूस्टन में एक होटल में आग लगने से 45 लोगों की मौत।
  • 1950ः हंगरी में सभी मठों काे बंद किया गया।
  • 1965ः चीन ने भारतीय सीमा पर सेना को तैनात करने की घोषणा की।
  • 1979: ईएसपीएन (एंटरटेनमेंट एंड स्पोर्ट्स प्रोग्रामिंग नेटवर्क) की केबल टीवी पर शुरुआत स्कॉट रासमुसैन और उनके पिता बिल ने की।
  • 1998ः अंतर संसदीय यूनियन (आई.पी.यू.) का 100वां सम्मेलन मास्को में शुरू।
  • 2002ः अयाजुद्दीन अहमद बांग्लादेश के नये राष्ट्रपति बने।
  • 2004ः फिजी के विजय सिंह टाइगर वुड्स को पीछे छोड़कर विश्व के नम्बर एक गोल्फर बने।
  • 2005ः मिस्र में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव हुआ।
  • 2006: आतंकियों ने मालेगांव में मुस्लिम दरगाह के पास ब्लास्ट किया। इसमें 37 लोग मारे गए।
  • 2012ः दक्षिण-पश्चिम चीन में भूकंप से 64 लोग मारे गए और 715 घायल हो गए।


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India, US nuclear deal 12 years ago, the entire hockey team died in the plane crash of Russia 9 years ag


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दिल्ली समेत 9 शहरों में आज से मेट्रो की शुरुआत; बिहार में लॉकडाउन खत्म; रिया से लगातार दूसरे दिन NCB पूछताछ करेगी

कोरोना की वजह से मार्च से बंद मेट्रो ट्रेन सर्विस आज से दिल्ली समेत 9 शहरों में शुरू हो जाएगी। हालांकि, ट्रेनें केवल उन्हीं स्टेशन पर रुकेंगी, जहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आएंगे। इस बीच, बिहार में भी लॉकडाउन खत्म हो गया और आज से अनलॉक शुरू हो गया है। चलिए शुरू करते हैं आज की मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...

आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर

1. दिल्ली, नोएडा, चेन्नई, बेंगलुरु, कोच्चि, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ और अहमदाबाद में आज से मेट्रो सर्विस शुरू होने जा रही है।

2. अनलॉक-4 आज से बिहार में भी होगा।

3. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो आज फिर रिया चक्रवर्ती से सुशांत डेथ केस के ड्रग कनेक्शन को लेकर पूछताछ करेगा। रिया से रविवार को भी 6 घंटे पूछताछ हुई थी।

अब कल की 6 महत्वपूर्ण खबरें

1. आईपीएल का फाइनल इस बार मंगलवार को

आईपीएल सीजन-13 का शेड्यूल बीसीसीआई ने रविवार को जारी कर दिया। इस बार आईपीएल यूएई में 19 सितंबर से बगैर दर्शकों के शुरू होगा। 13 सीजन में यह चौथा मौका है, जब मुंबई-चेन्नई के बीच पहला मैच होगा। फाइनल 10 नवंबर यानी मंगलवार को होगा। -पढ़ें पूरी खबर

2. सुशांत का हेल्पर एनसीबी की हिरासत में

सुशांत के हेल्पर दीपेश सावंत से पूछताछ में एनसीबी को पता चला है कि दीपेश उस सिंडिकेट का एक्टिव मेंबर था, जो हाईप्रोफाइल लोगों और सेलिब्रिटीज को ड्रग सप्लाई करते थे। दीपेश को 9 सितंबर तक एनसीबी की हिरासत में भेज दिया गया है। -पढ़ें पूरी खबर
3. हरामखोर कहे जाने पर कंगना का पलटवार

शिवसेना और कंगना के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। सांसद संजय राउत ने कंगना को हरामखोर कहा था। इस पर कंगना ने वीडियो जारी कर कहा- 9 सितंबर को आ रही हूं। आपके लोग मारने की धमकी दे रहे हैं। देश के लिए कितनों ने जान दी, हमें भी कर्ज चुकाना है। -पढ़ें पूरी खबर

4. कोरोना के कारण रेड लाइट एरिया में हुआ बदलाव

देश का तीसरा सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया यानी पुणे के बुधवार पेठ में भी कोरोना के कारण बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रशासन, एनजीओ और यहां रहने वाली महिला सेक्स वर्कर भी संक्रमण रोकने के लिए जरूरी सावधानी बरत रही हैं। -पढ़ें पूरी खबर

5. बिहार में वर्चुअल कैंपेन: भाजपा ने बनाए वॉट्सऐप प्रमुख

कोरोना के कारण राजनीतिक पार्टियां मैदानी रैली के बजाए वर्चुअल मोड को तवज्जो दे रही हैं। जदयू ने प्रचार के लिए नई वेबसाइट लॉन्च की। भाजपा ने इस बार वॉट्सऐप प्रमुख बनाए हैं। वहीं, कांग्रेस लोगों को घर-घर जाकर डिजिटल मेंबरशिप दे रही है। -पढ़ें पूरी खबर

6. तेलंगाना में बन रहा तिरुपति जैसा यदाद्री मंदिर
तेलंगाना में आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी जैसा यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह स्वामी का मंदिर बन रहा है। इसका 90% काम पूरा हो चुका है। मंदिर की लागत 1800 करोड़ रुपए है। मंदिर में 39 किलो सोना और करीब 1753 टन चांदी का इस्तेमाल होगा। -पढ़ें पूरी खबर

अब 7 सितंबर का इतिहास

1963: नीरजा भनोट का जन्म हुआ। बाद में वे फ्लाइट अटैंडेंट बनीं और हाई-जैक किए गए प्लेन में यात्रियों की जान बचाकर अशोक चक्र से सम्मानित हुईं।

2008: भारत-अमेरिका के बीच एटमी करार हुआ।

2011: रूस में आइस हॉकी टीम को ले जा रहा प्लेन क्रैश हुआ। 43 की मौत हुई।

आखिर में जिक्र फ्रांस के मिलिट्री लीडर नेपोलियन बोनापार्ट का, जिन्होंने 1812 में आज के दिन ही रूस पर हमले की शुरुआत की थी...



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Metro begins in 9 cities including Delhi from today; Lockdown ends in Bihar; NCB will interrogate Riya for the second consecutive day


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5 महीने बाद मेट्रो चलेगी; दिल्ली में यलो लाइन की ट्रेनें चलेंगी, जयपुर में एक कोच में 50 लोग ही बैठ सकेंगे

देश में पांच महीने बाद सोमवार से मेट्रो सर्विस शुरू हो जाएगी। इसका फायदा दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, कोच्चि, हैदराबाद, जयपुर, नोएडा, लखनऊ, और अहमदाबाद के लोगों को मिलेगा। कोलकाता में मेट्रो 8 सितंबर से चलेगी। कोरोना की वजह से 25 मार्च को पूरे देश में ट्रेन सर्विस बंद कर दी गई थी। दिल्ली में 169 दिनों बाद मेट्रो सर्विस शुरू होगी। पहले यलो लाइन और रैपिड पर मेट्रो शुरू होगी। जयपुर मेट्रो के एक कोच में अधिकतम 50 लोग बैठ सकेंगे।

अनलॉक-4 में केंद्र सरकार ने 7 सितंबर से फेज वाइज मेट्रो शुरू करने का ऐलान किया था। इसके बाद 2 सितंबर को मेट्रो के लिए गाइडलाइंस जारी की गई थीं। इसके तहत, यात्रियों को फेस मास्क पहनने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना होगा। कंटेनमेंट जोन में आने वाले मेट्रो स्टेशन फिलहाल बंद ही रहेंगे। केवल स्मार्ट कार्ड से ही यात्रा कर सकेंगे। कैशलेस ट्रांजेक्शन होगा। इसके लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की अनुमति होगी।

दिल्ली: यात्री कम सामान लेकर चलें
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) इसके लिए पिछले सात दिनों से तैयारी कर रहा है। रविवार को कोच की साफ-सफाई के साथ सैनिटाइजेशन किया गया। डीएमआरसी ने बताया कि मेट्रो स्टेशनों में किसी को भी बगैर मास्क के प्रवेश नहीं मिलेगा। अगर कोई मास्क लाना भूल गया है, तो स्टेशन पर पैसे देकर मास्क ले सकते हैं।

इसके अलावा, अगर कोई बीमार है या संक्रमण के हल्के लक्षण हैं, तो उसे एंट्री नहीं मिलेगी। उधर, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने राजधानी के लोगों से जरूरी होने पर ही सफर करने और यात्रा के दौरान कम बातचीत करने की अपील की है।

इन चीजों का ध्यान रखें

  • कम सामान के साथ यात्रा करें। स्टेशन पर फास्ट एंट्री के लिए मेटल से बने कम से कम सामान लेकर चले।
  • यात्री अपने साथ सिर्फ 30 एमएम की पॉकेट साइज हैंड सैनिटाइजर बॉटल ही रख सकेंगे। इससे ज्यादा की अनुमति नहीं होगी।
  • पीक अवर्स में भीड़ से बचने के लिए अपने ऑफिस टाइम को एडजस्ट करें। कोशिश करें कि पीक अवर्स से पहले ऑफिस के लिए निकलें और लौटें।
  • दिल्ली के 45 स्टेशनों पर ऑटो थर्मल के साथ हैंड सैनिटाइजेशन मशीनों का इंतजाम किया गया है। बाकी मेट्रो स्टेशन पर ऑटो सैनिटाइजर डिस्पेंसर्स लगे होंगे। इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग मैनुअली की जाएगी।
यह फोटो दिल्ली के खैबर पास यार्ड की है। यहां रविवार को मेट्रो ट्रेनों की सफाई और सैनिटाइज किया गया।

जयपुर: एक कोच में 50 लोग बैठ सकेंगे
जयपुर मेट्रो के एक कोच में अधिकतम 50 लोग बैठ सकेंगे। रात 10 बजे आखिरी ट्रेन चलेगी। सफर के दौरान यात्री रेड क्रॉस लगी सीट पर नहीं बैठ सकेंगे। एसी का तापमान 24 से 28 डिग्री के बीच ही रखा जाएगा। लिफ्ट की अपेक्षा सीढ़ी का यूज करना होगा।

चेन्नई: एक कोच में 7 सीटर बेंच पर 3 लोग बैठ सकेंगे
चेन्नई में मेट्रो ट्रेन के एक कोच में 7 सीटर बेंच पर केवल तीन लोगों को बैठने की अनुमति होगी। एक बार में केवल 4 लोग ही एसकेलेटर यूज कर पाएंगे। मेट्रो स्टेशन में एंट्री से पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए एक हजार से ज्यादा वॉलेंटियर्स तैनात किए जाएंगे। पीक टाइम पर हर 10 मिनट में और नॉन पीक टाइम में हर 15 मिनट में मेट्रो ट्रेन चलाने का फैसला किया गया है। चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड ने फुट ऑपरेटेड लिफ्ट की व्यवस्था की है। इससे एलिवेटर बटन को नहीं दबाना पड़ेगा।

यह फोटो चेन्नई की है। यहां के मेट्रो स्टेशंस पर ट्रेवल कार्ड के लिए मशीन लगाई गई हैं।

बेंगलुरु: ट्रेनें पांच मिनट के गैप से चलेंगी
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मुताबिक, मेट्रो ट्रेन सुबह 8 बजे से 11 बजे और फिर शाम 4.30 बजे से 7.30 बजे तक चलेंगी। ट्रेनें पांच मिनट के अंतराल पर चलेंगी। इसके अलावा, 11 सितंबर से सभी लाइनों पर मेट्रो रेल सुबह सात बजे से रात 9 बजे तक चलेगी।

यह फोटो बेंगलुरु के मेट्रो स्टेशन की है। यहां लोगों की जांच के लिए हैंड फ्री थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं।

कोलकाता: 8 सितंबर से शुरू होगी मेट्रो
कोलकाता में 8 सितंबर से अलग-अलग फेज में मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी। टोकन की व्यवस्था नहीं होगी। पहले से जिनके पास स्मार्ट कार्ड होंगे, वही यात्रा कर सकेंगे। नया स्मार्ट कार्ड फिलहाल नहीं जारी किया जाएगा। स्मार्ट कार्ड को ऑनलाइन रिचार्ज कराया जा सकेगा। जो ऑनलाइन नहीं कर पाते हैं, वो काउंटर पर रिचार्ज करवा सकेंगे।



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After 5 months metro services resumes in india Delhi, jaipur, lucknow


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नमी से हो सकती हैं सांस की परेशानी, घर के अंदर ताजी हवा का सर्कुलेशन बढ़ाएं; 6 तरीकों से पाएं सीलन से निजात

बारिश का मौसम जितना मन को सुकून देता है, उतना ही यह घर के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाला भी होता है। इस दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हमारे घर की दीवारें होती हैं। कुछ ही समय पहले सुंदर नजर आने वाली घर की दीवारों पर लगातार बारिश के बाद लीकेज, क्रैक्स, फंगस नजर आने लगती है। अब सवाल यह उठता है कि हम बारिश को तो नहीं रोक सकते, लेकिन घर को बचाने के कुछ उपाय जरूर कर सकते हैं।

दिक्कत घर की बुनियाद में है
भोपाल में सिविल इंजीनियर मयंक श्रीमाली के मुताबिक, अगर हम नमी का शिकार हो चुकी दीवारों का इलाज नहीं करते हैं, तो इससे घर की लाइफ कम हो सकती है। मयंक ने कहा "मेरे हिसाब से बारिश के बाद जमीन में पानी का स्तर बढ़ जाता है और नमी फाउंडेशन के जरिए ऊपर तक आती है। खासतौर से खाली इलाकों के आसपास।" उन्होंने कहा "मेरे अनुभव में अभी तक देखा है कि पानी 90 प्रतिशत मामलों में नीचे से ही आता है।"

घर बनाने से पहले ही रखें सावधानी
भोपाल स्थित डिजाइन होम के आर्किटेक्ट सुनील मनोचा का कहना है कि घर की दीवारों में नमी आने के तीन कारण हो सकते हैं। छत पर वॉटर प्रूफिंग नहीं कराना, घर बनाने के दौरान प्लास्टर से पहले जॉइंट्स में दरारों का रह जाना और तय मानकों पर प्लास्टर नहीं लगाया जाना। उन्होंने बताया कि प्लास्टर 1/4 अनुपात में होना चाहिए और 19-20 एमएम मोटा होना चाहिए। जबकि अधिकांश ठेकेदार ऐसा नहीं करते हैं।

इन उपायों की मदद से दीवारों पर आई नमी से निजात पा सकते हैं

  • नमी का कारण जानें: दीवारों पर नमी के धब्बे इस बात का संकेत होते हैं कि कहीं से पानी आ रहा है। देखें कहीं पेंट फूल तो नहीं रहा है। इसके बाद यह जानने की कोशिश करें कि पानी कहां से आ सकता है। हो सकता है कि इसका कारण टूटा हुआ पाइप या टूटा हुआ टाइल हो। ऐसे में रिपेयरिंग की तैयारी करें।
  • क्रॉस वेंटिलेशन: घर में दरवाजे और खिड़कियों को खोलकर ताजी हवा को अंदर आने का मौका दें। घर के अंदर की नम हवा को बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका क्रॉस वेंटिलेशन हो सकता है। याद रखें कि हवा घर में आसानी से सर्कुलेट होती रहे। फर्नीचर को दीवार से सटाकर रखने से बचें और थोड़ी हवा के गुजरने की जगह रखें।
  • बाहरी दीवारों पर वॉटर प्रूफ पेंट्स: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घर के बाहर की दीवारों पर अच्छे ब्रांड का वॉटर प्रूफ पेंट का इस्तेमाल करें। आर्किटेक्ट मनोचा ने बताया कि इस पेंट के कम से कम दो कोट या कंपनी के निर्देश के हिसाब से लगाएं। कवरेज एरिया बढ़ाने के लिए ज्यादा पानी न मिलाएं। इससे पेंट की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है।
  • जॉइंट्स की जांच करें: अगर आपके घर की दीवारों के जॉइंट्स में क्रैक बन गए हैं, तो उनकी जांच करें। पेंट करने से पहले अच्छी क्वालिटी के फिलर से उन्हें भरवाएं। इसके अलावा घर बनवाने के दौरान कई बार ईंट और कॉलम के बीच में क्रैक आ जाते हैं। इसे भरने के लिए एक्सपर्ट्स मैश या वैल्वेट मैश के इस्तेमाल की सलाह देते हैं।
  • डीह्युमिडिफायर: नमी और फफूंद का कारण बनने वाली हवा को यह मशीन खींच कर बाहर कर देगी। अलग-अलग कमरों के लिए आप पोर्टेबल या छोटे डीह्युमिडिफायर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
  • घर के आसपास कॉन्क्रीट: मयंक घर के आसपास जमीन पर एक से डेढ़ मीटर कॉन्क्रीट करने की सलाह देते हैं। इससे बारिश का पानी आपकी फाउंडेशन तक नहीं जाता है। इसके अलावा घर बनाते समय बोल्डर्स और फ्लाय ऐश ईंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि मिट्टी की ईंट पानी खींचती है।

स्वास्थ्य के लिए भी है खतरनाक
दीवारों में सीलन होने के कारण कई बार फफूंद और बैक्टीरिया भी तैयार हो जाते हैं। इससे कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ज्यादा नमी और फफूंद (मोल्ड) काफी खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे घरों में रहने वाले लोगों को सांस से जुड़ी परेशानियां, रेस्पिरेटरी संक्रमण, अस्थमा जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

रिसर्च बताती है कि नमी वाले घरों में रहने वाले लोगों की तुलना में हवादार घरों में रहने वाले लोग की सांस संबंधी परेशानी के कारण डॉक्टर के पास जाने या भर्ती होने की संभावना कम होती है।



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Moisture can cause respiratory problems, increase circulation of fresh air inside the house; 6 ways to get rid of dampness


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किसी ने पिता का सिर काट दिया, किसी ने पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया; पबजी खेलने वालों में हर 4 में से एक भारतीय

क्या आपको पता है कि 10वीं में डिस्टिंक्शन के साथ पास होने वाला एक लड़का 12वीं क्लास में सिर्फ इसलिए फेल हो गया, क्योंकि वो इकोनॉमिक्स के पेपर में पबजी कैसे खेलते हैं? कैसे डाउनलोड करते हैं? ये लिख आया था। 10वीं उसे 73% मिले थे।

ये मामला कर्नाटक का था। उस समय उस लड़के ने मीडिया को बताया कि 10वीं में अच्छे नंबरों से पास होने के बाद उसके घरवालों ने उसे फोन दिलाया। फोन आते ही उसे पबजी खेलने की लत लग गई। लत भी ऐसी कि इसके लिए क्लासेस तक बंक कर देता था। लड़के का कहना था कि उसके दिमाग में हमेशा पबजी ही चलता रहता था और इससे ही उसे समझ आया कि ये गेम कितना खतरनाक है।

कर्नाटक का ये केस बताता है कि पबजी किस तरह दिमाग पर असर डालता है और कैसे एक अच्छा-खासा पढ़ने-लिखने वाला लड़का फेल हो सकता है।

ऐसे कई मामले हैं, जो साबित करते हैं कि पबजी एक गेम नहीं, बल्कि एक बीमारी था। जैसे एक मामला पंजाब का है। यहां एक 17 साल के लड़के ने अपने मां-बाप के अकाउंट से 16 लाख रुपए पबजी पर उड़ा दिए। उसने ये पैसे गेम के अंदर मिलने वाली एसेसरीज और हथियार जैसी चीजें खरीदने पर खर्च किए थे।

ताज्जुब की बात तो ये भी थी कि माता-पिता को इस बारे में पता न चले, इसके लिए बैंक की तरफ से आने वाले मैसेज डिलीट ही कर दिए।

ज्यादा गेम खेलना भी मानसिक रोग, इसे गेमिंग डिसऑर्डर कहते हैं
पिछले साल जनवरी में जम्मू-कश्मीर में एक फिटनेस ट्रेनर को पबजी की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। कारण ये था कि वो लगातार 10 दिन से पबजी खेल रहा था, जिस वजह से उसके दिमाग पर इस गेम का असर इस कदर हावी हो गया कि वो अपना मानिसक संतुलन खो बैठा। उस समय डॉक्टरों ने बताया था कि उसका दिमाग ठीक तरह से काम नहीं कर रहा था और वो खुद को भी नुकसान पहुंचा रहा था।

ऐसे कई मामले आते हैं, जब गेम खेलने वाला खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने लगता है या उसकी मानसिक हालत बिगड़ने लगती है। डब्ल्यूएचओ ने ऑनलाइन गेम खेलने की लत को मानसिक रोग की कैटेगरी में शामिल किया है, जिसे 'गेमिंग डिसऑर्डर' कहते हैं। गेमिंग डिसऑर्डर से जूझ रहे व्यक्ति का गेमिंग के ऊपर कोई कंट्रोल नहीं रहता और वो किसी भी जरूरी चीज से पहले गेम को ही प्रायोरिटी देता है।

पबजी खेलने की वजह से ऐसे मामले सामने आने के बाद भी आखिर इसे इतना क्यों खेला जाता है? डॉक्टर शिखा शर्मा इसके दो कारण बताती हैं। डॉ. शिखा राजस्थान के उदयपुर के गीतांजली हॉस्पिटल में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और साइकोलॉजिस्ट भी हैं। उनके मुताबिक, इसके दो बड़े कारण होते हैं। पहला अचीवमेंट और दूसरा मोटिवेशन।

वो बताती हैं, 'गेम में चैलेंज होने के कारण बच्चे इसकी तरफ अट्रेक्ट होते हैं। इसमें ग्रुपिंग होती है। लेवल्स को क्रॉस करना है और बच्चे स्टेज पार करने के बाद मोटिवेट महसूस करते हैं। साथ ही इसे खेलने वाले खुद को अपने साथियों के बीच उनसे बेहतर साबित करने की कोशिश करते हैं।'

पबजी पर बैन लगाना क्यों सही था, इसके 4 कारण
सिक्योरिटी रिसर्चर अविनाश जैन बताते हैं कि पबजी समेत चीन की जिन 118 ऐप्स पर बैन लगाया गया है, वो आईटी एक्ट की धारा-69ए के तहत लगा है। इस धारा के तहत अगर सरकार को लगता है कि किसी वेबसाइट या ऐप से देश की सुरक्षा या अखंडता को खतरा है, तो वो उसे ब्लॉक कर सकती है।

अविनाश के मुताबिक, सरकार ने पबजी मोबाइल लाइट और पबजी लाइट पर बैन लगाया है, क्योंकि इन्हें चीनी कंपनी टेंसेंट ने डेवलप किया है। जबकि, पबजी के पीसी और कंसोल वर्जन पर कोई बैन नहीं है, क्योंकि ये कोरियाई कंपनी ब्लूहोल के बनाए गए हैं।

इसके अलावा अविनाश पबजी पर बैन लगाने के कुछ कारण भी गिनाते है...

  1. राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा : ये ऐप डेटा सिक्योरिटी के लिए हार्मफुल हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसके साथ ही इनसे जासूसी होने का भी खतरा है। ऐप के जरिए चीन की सरकार पॉलिटिकल और मिलिट्री इन्फॉर्मेशन हासिल कर सकती हैं।
  2. यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा : ये ऐप कैमरा, माइक्रोफोन और लोकेशन का एक्सेस मांगती हैं और ऐसा शक है कि इस डेटा को चीन की एजेंसियों से साझा किया जाता है।
  3. डेटा लीक होने का खतरा : क्योंकि इन ऐप्स के सर्वर बाहर हैं, इसलिए ये यूजर्स की डिटेल, लोकेशन और पर्सनल डेटा एडवरटाइजर को बेच सकते हैं।
  4. साइबर अटैक का खतरा : पहले भी चीन की ऐप्स में कई स्पाई वेयर मिले हैं, जिसके जरिए यूजर्स के फोन में ट्रोजन आ जाता है। ट्रोजन एक तरह का माल वेयर होता है, जिससे आपका सारा डेटा लिया जा सकता है।

कितना बड़ा है पबजी का साम्राज्य?
साल 2000 में जापान में एक फिल्म आई थी 'बैटल रॉयल'। इस फिल्म में सरकार 100 स्टूडेंट्स को जबरन मौत से लड़ने भेज देती है। इसी फिल्म से प्रभावित होकर ये गेम बनाया गया है। इस गेम को एक साथ 100 लोग भी खेल सकते हैं और एक-दूसरे को तब तक मारते रहते हैं, जब तक कि उनमें से सिर्फ एक न बचा रह जाए।

इस गेम को दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल ने बनाया था। लेकिन, ब्लूहोल ने इसका सिर्फ डेस्कटॉप और कंसोल वर्जन ही बनाया था। मार्च 2018 में चीनी कंपनी टेंसेंट ने इसका मोबाइल वर्जन भी उतार दिया।

डाउनलोड्स : पबजी दुनिया में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले गेम्स की लिस्ट में टॉप-5 में है। सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में पजबी को 73 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। इसमें से 17.5 करोड़ बार यानी 24% बार भारतीयों ने डाउनलोड किया है। इस हिसाब से पबजी खेलने वालों में हर 4 में से 1 भारतीय है।

रेवेन्यू : गेमिंग की दुनिया में सबसे ज्यादा रेवेन्यू कमाने वाला गेम है पबजी। सेंसर टॉवर के मुताबिक, अभी तक पबजी 3 अरब डॉलर यानी 23 हजार 745 करोड़ रुपए का रेवेन्यू कमा चुका है। पबजी का 50% से ज्यादा चीन से ही मिलता है। जुलाई में पबजी ने 208 मिलियन डॉलर (1,545 करोड़ रुपए) का रेवेन्यू कमाया है। यानी जुलाई में पबजी ने हर 50 करोड़ रुपए कमाए हैं।

भारत में कितना बड़ा है गेमिंग मार्केट?
स्टेटिस्टा का डेटा बताता है कि 2019 में दुनिया में गेमिंग का मार्केट 16.9 अरब डॉलर (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए) का था। ग्लोबल गेमिंग मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है।

भारत के डिजिटल फ्यूचर पर आई केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-20 में देश में गेमिंग इंडस्ट्री 62 अरब रुपए की थी। जबकि, 5 साल पहले 2015-16 में 24.3 अरब रुपए की थी।

वहीं, एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में 2.5 अरब से ज्यादा गेमर्स हैं, इनमें से 30 करोड़ के आस पास गेमर्स अकेले भारत में ही हैं। अगले साल मार्च तक भारत में गेमर्स की संख्या 36 करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान है।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग का मार्केट बढ़ने के दो कारण हैं। पहला, हमारे देश में यंग पॉपुलेशन बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा है। हमारे यहां 75% आबादी 45 साल से कम उम्र की है। दूसरा, हमारे देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 56 करोड़ से ज्यादा है। 2025 तक देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 100 करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान है।



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49 साल का अधेड़ शख्स, एम्बुलेंस से शव निकालता, चिता पर रखता, परिजन को चेहरा दिखाता, फिर धूप में घंटों खड़ा रहता...

तपती धूप में 49 साल का एक आदमी एम्बुलेंस से शव निकाल रहा था। उसके शरीर पर न पीपीई किट थी, न हाथों में ग्लव्स थे। वो कोरोना के चलते मरने वाले उन शवों का अंतिम संस्कार कर रहा था, जिनके करीब परिजन भी बिना पीपीई किट पहने नहीं जा रहे।

वो शव को निकालता, फिर चिता पर रखता। परिजन को मृतक का चेहरा दिखाने के लिए पीपीई किट को थोड़ा सा खोलता। फिर आग देने के बाद चिता के करीब ही खड़ा रहता। बीच-बीच में डंडे से जल रही लकड़ियों को इधर-उधर करता।

भदभदा मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों के शवदाह के लिए अलग से स्थान बनाया गया है। यहां आम लोग आते-जाते भी नहीं।

ऐसा करते हुए प्रदीप कनौजिया के चेहरे पर कोई डर नहीं था। वे पिछले 35 सालों से भोपाल के भदभदा मुक्तिधाम में सेवाएं दे रहे हैं। मुक्तिधाम में ही रहते हैं। यहीं खाते-पीते हैं। परिवार में दो बेटियां, पत्नी हैं। उनसे मिलना होता है तो उन्हें मुक्तिधाम में ही मिलने बुला लेते हैं।

कोरोना के बाद से घर जाना न के बराबर कर दिया। वे लोग आते भी हैं तो दूर से मिलते हैं। अपना खाना खुद बनाते हैं और दिन-रात शवों को अग्नि देने का ही काम करते हैं। शुक्रवार को प्रदीप ने रात पौने बारह बजे एक कोरोना मरीज के शरीर का अंतिम संस्कार करवाया था। फिर नहाया और खाना रात में डेढ़ बजे खाया।

ऐसा क्यों करना पड़ा? इस पर बोले, वो किसी साहब के रिश्तेदार का मामला था। घर में ही कोरोना से मौत हुई थी। शव मुक्तिधाम पहुंचते-पहुंचते रात के पौने बारह बज गए तो फिर रात में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा।

प्रदीप को पहले भी कई दफा देर रात शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा है, क्योंकि वे कोरोना मरीज का शव रात में रोककर नहीं रखना चाहते। कहते हैं, वैसे तो हम शाम 7 बजे तक ही शव लेते हैं, लेकिन अब यदि कोई दरवाजे पर आ ही गया तो फिर उसे ये थोड़ी कहेंगे कि आप बॉडी लेकर वापस चले जाओ। कई बार एम्बुलेंस रातभर यहीं खड़ी हो जाती है तो सुबह-सुबह अंतिम क्रिया कर देते हैं।

प्रदीप अस्थियों को संभालने का काम भी कर रहे हैं। वे थैलियों में निशान लगाकर अस्थियां रखते हैं, ताकि सही थैली सही व्यक्ति को मिले।

भारत में अब तक कोरोना से 69 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें से प्रदीप अकेले अब तक 400 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। आप पीपीई किट क्यों नहीं पहनते? इस सवाल पर प्रदीप कहते हैं, हमें हर तीन से चार दिन में दस-दस किट मिलती हैं। शवों का अंतिम संस्कार करने वाले हम तीन लोग हैं, इसलिए किट एक दिन में ही खत्म हो जाती है।

फिर अगले दो-तीन दिन बिना किट के ही काम करना पड़ता है। प्रदीप के मुताबिक, इतनी तेज धूप में किट पहनकर अंतिम संस्कार करना भी बहुत बड़ी मुश्किल है। पूरा शरीर पसीना-पसीना हो जाता है। घबराहट होने लगती है। प्रदीप को मुक्तिधाम से हर माह 6 हजार रुपए मिलते हैं, यानी 200 रुपए दिन। वहीं अन्य दो जो लोग हैं, उन्हें आम लोग जो पैसा देकर जाते हैं, उनमें से कुछ हिस्सा मिल जाता है।

पीपीई किट पहने हुए ये सभी पुलिसकर्मी हैं। इनके एक साथी की कोरोना से मौत हो गई थी, इसके बाद उन्हें पीपीई पहनकर सलामी दी गई।

प्रदीप सिर्फ शवों का अंतिम संस्कार ही नहीं कर रहे बल्कि अस्थियां संभालने का काम भी कर रहे हैं। दरअसल कोरोना के मरीजों के शव अलग-अलग जगहों के होते हैं। कोई दिल्ली, कोई मुंबई तो कोई ग्वालियर। शव को जलने में चार से पांच घंटे लगते हैं। कोरोना के चलते अधिकतर का परिवार क्वारैंटाइन होता है। कोई आता भी है तो पांच घंटे नहीं रुकता।

प्रदीप अलग-अलग थैलियों में अलग-अलग शवों की अस्थियां रखते हैं और उन पर पहचान के लिए अलग-अलग निशान लगा देते हैं। कहते हैं, जो आता है वो मेरा नंबर लेकर जाता है। अंतिम संस्कार होने के दस-पंद्रह दिनों बाद वो लोग आते हैं और अस्थियां ले जाते हैं। तब तक अस्थियों को संभालकर रखना पड़ता है।

परिजन भी बिना पीपीई किट के यहां नहीं पहुंच रहे लेकिन प्रदीप को बिना किट के ही दाह संस्कार करना पड़ रहा है।

मुक्तिधामों में कई दफा ऐसा भी हो रहा है कि शव तो आ गया लेकिन परिजन नहीं आए। ऐसे में परिजन के इंतजार में शव कई घंटों तक रखा जाता है। कई बार एक साथ कई शव आ जाते हैं तो फिर घंटों का इंतजार भी हो जाता है क्योंकि हर मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए अलग से जगह बनाई गई है।

प्रदीप कहते हैं, पिछले महीने कई बार ऐसा भी हुआ कि एक दिन में मैंने दस से ग्यारह शवों का अंतिम संस्कार किया। दिन में चार से पांच बार नहाना पड़ता है। दिन में तो अच्छे से खाना भी नहीं हो पाता। नाश्ता ही करता हूं। खाना तो रात में ही होता है। हालांकि, उन्हें मुक्तिधाम समिति से पूरा सहयोग मिल रहा है।



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ये हैं 49 साल के प्रदीप कनौजिया, जिन्होंने मुक्तिधाम को ही अपना घर बना लिया है।


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दुनिया की सबसे गहरी, सबसे लंबी और सबसे बड़ी गुफा तक फोटो लेने पहुंचे दुनिया के एकमात्र फोटोग्राफर को ​​​​​​​पढ़िए

मैं रॉबी शॉन हूं। 1999 में पेंटर बनने का सपना मुझे शेफील्ड (इंग्लैंड) के फाइन आर्ट्स कॉलेज ले गया। यहां मैंने केविंग टीम ज्वाइन की। पहले मुझे लगता था कि गुफा के अंधेरों में किसी को खुशी कैसे मिल सकती है। लेकिन, जब पहली बार पहुंचा तो अहसास हुआ कि मुझे पेंटिंग नहीं, गुफाओं की फोटोग्राफी करनी चाहिए। यहीं से मेरी यात्रा शुरू हुई।

उस वक्त न तो डिजिटल कैमरा थे और न ही गुफाओं की फोटोग्राफी का कोई बाजार। यह महंगा शौक भी था, क्योंकि एक गुफा की फोटोग्राफी में 36-36 रील खत्म हो जाते थे और अंधेरे की वजह से एक भी फोटो नहीं बनती थी। इस काम में दूसरी चुनौती यह थी कि गहरी गुफाओं में जाने और निकलने के लिए रस्सी के सहारे चढ़ना-उतरना आना चाहिए।

इन दोनों समस्याओं को सुलझाने के लिए मैंने कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में रोप-एक्सेस का काम चुना। इसमें गगनचुंबी इमारतों में रस्सी के सहारे लटककर भारी-भरकम ड्रिलिंग मशीन से घंटों काम करना पड़ता है। 12 साल तक काम और वीकेंड पर गुफाओं की फोटोग्राफी का सिलसिला चला।

इस दौरान वीकेंड पर गुफाओं की फोटोग्राफी करता। इस काम में पैसे भी अच्छे मिलते थे। इसलिए हर लिहाज से यह काम मुझे सूट करता था। यह काम इतना चुनौती भरा है कि कई बार जान तक जाते-जाते बची।

फोटो रूस के कॉकेशियन माउंटेन में स्थित दुनिया की सबसे गहरी गुफा की है।

दो साल पहले कॉकेशियन माउंटेन की सबसे गहरी गुफा की फोटो ली

दो साल पहले रूस के कॉकेशियन माउंटेन में दुनिया की सबसे गहरी गुफा (8 हजार फीट गहरी) की फोटो लेने गया था। गुफा में जाते वक्त ऐसा लग रहा था कि जैसे माउंट एवरेस्ट पर उल्टी चढ़ाई कर रहा हूं। 12 घंटे तक हम उतरते, फिर आराम करते। 12-12 घंटे के क्रम में हम 3 दिन में नीचे पहुंचे। टीम में दो रूसी एक्सपर्ट भी थे।

हमें 16 दिन तक वहां रहना था, ताकि डॉक्यूमेंट्री बना सकें। 10वें दिन अचानक हमें लगा जैसे कोई ट्रेन आ रही हो। पता चला कि बाढ़ आ गई है। जान बचाने के लिए मेमोरी कार्ड को वॉटरप्रूफ बैग में रखा और कैमरा, लाइटिंग और अन्य उपकरण छोड़कर बाहर निकले।

अब तक की यात्रा से मैं इतना ही कह सकता हूं कि अगर आपके सपने में ताकत और काम में जुनून है, तो सफलता मिलती ही है। वर्ना अधूरे मन से किया गया काम दुख भी दे सकता है।

पहले नेशनल ज्योग्राफिक के एडिटर ने सब फोटो रिजेक्ट कर दिए, बाद में उन्होंने ही बुलाया

8 साल पत्र लिखने के बाद नेशनल ज्योग्राफिक ने बुलाया, एडिटर ने सारे फोटो रिजेक्ट कर दिए, रोना आ गया...सफलता मिली तो उसी एडिटर ने वापस बुलाया। मजदूरी करते समय नेशनल ज्योग्राफिक चैनल (एनजीसी) में काम करने के लिए हजारों मेल लिखे। 8 साल बाद वॉशिंगटन डीसी आने का बुलावा आया।

एडिटर ने काम की सराहना की और कहा कि और मेहनत करो। नया पोर्टफोलियो बनाओ। एक साल बाद नए पोर्टफोलियो के साथ पहुंचा तो आंखों में आंसू भरकर बाहर निकला क्योंकि हर फोटो पर निगेटिव फीडबैक मिला।

खुशकिस्मती से 2008 में जर्मनी की एक मैग्जीन में मुझे काम मिला, जहां मैंने 4 साल तक दुनिया में घूमते हुए 3 असाइनमेंट किए। इस बीच 2012 में नेशनल ज्योग्राफिक के उसी एडिटर की तरफ से मुझे कॉल आया और तब से अब तक मैं दुनिया की कई दुर्गम गुफाओं की फोटोग्राफी कर चुका हूं।



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यह तस्वीर मेघालय में स्थित जयंती गुफा की है। यह भारत की सबसे गहरी गुफा है, जिसकी तलहटी में दुनिया की सबसे बड़ी केव फिश पाई जाती हैं।


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