बुधवार, 20 मई 2020

मजदूर बोले- महाराष्ट्र में लाठियां मिलीं, मध्य प्रदेश में आए तो लगा हम पुलिस के मेहमान हैं; यूपी सरकार बसों से घर पहुंचा रही

रात के सवा 12 बजे रहे हैं। विदिशा से सागर जाने वाले हाईवे पर स्थित एकपेट्रोल पंप पर चार काली-पीली टैक्सी और दो आटो रिक्शा वाले खड़े हैं। यहां वे पेट्रोल-डीजल डलवाने के बाद सुस्ता रहे हैं। उनके साथ में छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं। कुछ यहीं पर चादर बिछाकर सोने की तैयारी भीकर रहे हैं।
शरदचंद्र पांडेय यूपी के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले हैं। कहते हैं कि हमें तीन दिन हो गए हैं, मुंबई से निकलेI हम वहां टैक्सी चलाते थे, लॉकडाउन से पहले अम्मा का आंख का ऑपरेशन कराने के लिए बंबई ले गए थे। लेकिन आंख ऑपरेशन छोड़िए बाकी धन्धा-पानी भी चौपट हो गया। खाने की लाले पड़ गए हैं, बसअब घर जा रहे हैं, कम से कम खाने-पीने को तो मिलेगा। कुछ नहीं तो खेती बारी है, वहीकर लेंगे।

अनु सिंह बनारस की रहने वाली हैं। तीन दिन पहले मुंबई से पति के साथ आटो में निकली हैं।

अनु सिंह बनारस की रहने वाली हैं। पति मुंबई में आटो चलाते हैं। कहती हैं कि शादी के बाद पति के साथ बंबई चली गई थी, तब से वहीं की होकर रह गई।आज ऐसे हालात हो गए हैं कि ऑटोसे ही घर जाना पड़ रहा है। अब करें भी तो क्या करें। दो महीने से उनका (पति) का ऑटो खड़ा है। बंबई में कोरोना बढ़ ही रहा है। दो महीने हो गए, सरकार की तरफ से कोई मदद मिली नहीं। उलटा घर में बंदी बना दिया। अब जाएंगे गांव में ही कुछ करेंगे।
अवधेश शुक्ला बंबई की एक फाइनेंस कंपनी में काम करते थे, वे शनिवार को पांच बजे बाइक से प्रयागराज के लिए निकले हैं। कहते हैं कि कसोराघाट पर अभी बाइक खराब हो गई थी, पांच किलो मीटर खींच कर लाना पड़ा है। अब अंधेरा हो गया है, सुबह होने पर बनऊंगा, तब यहीं सो रहा हूं।
मुंबई वापस जाने के सवाल पर अवधेश कहते हैं कि बंबई में भी अपना बसेरा है, जिंदगी भर के लिए तो उसे छोड़ सकते नहीं, गांव में भी तो बैठकर कुछ नहीं कर पाएंगे। अब चल रहे है, दो-चार दिन में पहुंच ही जाएंगे। वहां मरने से बेहतर है, घर चलें। दो महीने से कंपनी से सैलरी नहीं मिली। अब सेविंग के पैसे भी खत्म हो चुके हैं। मकान मालिक को किराये देने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे।

मुंबई में आटो और काली-पीली टैक्सी चलाने वाले तीन-चार लोगों को ग्रुप बनाकर चल रहे हैं।

प्रतापगढ़ के पट्‌टी के रहने वाले सुरेश पांडेय बंबईमें आटो चलते हैं। वे पूरे परिवार को लेकर गांव निकले हैं। कहते हैं कि मेरे जैसे 20 हजार से ज्यादा ऑटोवाले बंबई से यूपी-बिहार जा रहे हैं। सब कुछ ठीक रहा तो तीन-चार महीने में लौटूंगा, नहीं तो घर पर ही कुछ करूंगा।

पट्‌टी के रहने वाले शरद अपने माता को आंख का ऑपरेशन कराने मुंबई लेकर गए थे, लेकिन अब बिना ऑपरेशन कराए लौट रहे हैं।

भानू मुंबई ड्राइविंग करते हैं। कहते हैं कि महाराष्ट्र वाले वैसे ही यूपी-बिहार वालों से जलते थे। अब तो उन्हें मौंका भी मिल गया है। वे मराठी लोगाें के लिए बस चला रहे हैं। बाहर वालों से कहते हैं कि बस काइंतजार करो एक दो हफ्ते का। दलाल बस के टिकट के लिए दो से तीन रुपए मांगते हैं। वहां रोक तो रहे हैं, लेकिन अब करेंगे क्या? अब भूखे थोड़े मरेंगे।

भानू बताते हैं किरास्ते में महाराष्ट्र के पुलिस वालों ने भी खूब परेशान किया, कईयों को तो डंडे भी पड़ रहे। लेकिन मध्य प्रदेश सीमा में पहुंचते ही सब बदल गया। रास्ते में जगह-जगह ऐसी व्यवस्था मिली कि बता नहीं सकते हैं, इसी धरती पर स्वर्ग नजर आ रहा है, टू स्टार थ्री स्टार इंस्पेक्टर खुद अपने हाथ से चाय, छांछ, ब्रेड, नाश्ता दे रहे हैं। यहां कोई दिक्कत नहीं है। भगवान चाहेंगे तो दो-तीन दिन में घर पहुंच जाएंगे, फिर खेती शुरू करेंगे।

  • मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश बार्डर पर ललितपुर में दो हजार लोग बस के इंतजार में

सुबह के सात बज रहे हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश बार्डर पर ललितपुर जिले की सीमा पर करीब दो हजार से ज्यादा लोगों का जमावड़ा है। मध्य प्रदेश की बसें महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को यहीं पर छोड़ रहे हैं। इनमें ज्यादातर इंदौर की सिटी बसें हैं। लेकिन अभी यहां यूपी की दो बस ही खड़ीहैं। ऐसे मे लोग इधर-उधर बैठे हैं, पुलिस प्रशासन ने लोगों के लिए चाय-नाश्ते का बंदोबस्त कर रखा है।

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश बार्डर पर ललितपुर जिले में बस का इंतजार करते प्रवासी मजदूर।

यहां से ललितपुर शहर पहुंचते हैं तो प्रयागराज कुंभ के लिए चलाई गई कुछ स्पेशल बसें बार्डर की ओर जाते हुएदिखाई देती हैं। ललितपुर-झांसी हाईवे पर एक पति-पत्नी अपने दो छोटे बच्चों को रेहड़ी वाले ठेले पर बिठाकर ले जा रहे हैं। हाइवे पर और पैदल चलने वाले लोग तो बहुत कम दिखाई दे रहे हैं। हां, ट्रकों और मिनी ट्रकों के अंदर लोगजरूर बैठकरजा रहे हैं।

  • तपती दोपहरी और42 डिग्री तापमान में लोग ट्रकों में लदी गिट्‌टी के ऊपर बैठकर जा रहे

झांसी, दिन के 11 बज रहे हैं, तेज धूप के बीच प्रवासी मजदूर ट्रकों और विकप के अंदर बैठकर जा रहे हैं। तापमान 42 डिग्री से ज्यादा है। कुछ मजदूर ट्रकों में लदी गिट्‌टी के ऊपर बैठकर जा रहे। वहीं, कुछ प्रवासी मजदूर सड़क किनारे पेड़ों के छांव में आराम कर रहे हैं।

यूपी सीमा में ज्यादातर मजदूर ट्रकों और विकप में बैठकर जाते दिखाई दिए।

जालौन, छोटे बाजारों मेंप्रवासी मजूदरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई। स्थानीय युवक पूरी-सब्जी, केला, पानी दे रहे हैं। इन्हीं में से एक रफीक जो लोगों को पानी पिला रहे हैं। कहते हैं कि यह समय लोगों की मदद करने का है। इसलिए हम कर रहे हैं। भूखे-प्यासे लोग हमें दुआ देंगे। सद्दाम कहते हैं कि हमें जबसे पता चला कि लोगइस तरह अपने घरों को आ रहे हैं, तब से हम रोज इस तपती दोपहरी में भी लोगों को नाश्ता करा रहे हैं, यह हमारा फर्ज है।

  • विकप में 23मजदूर ऊपर-नीचे बैठे हैं, कहते हैं- दो रोटी कम खाएंगे, परखुली हवा में सांस तो लेंगे

कानपुर देहात, यूपी के सिद्धार्थनगर के रहने वाले करीब 23मजदूर एक विकप में ऊपर नीचे-बैठे हुए हैं।ये सभी मुंबई की प्लास्टिक फैक्टरी में काम करते थे। अब फैक्टरी में कामकाज बंद है। इन्हीं में से एक रामपाल कहते हैं कि अब वहांकुछ बचा ही नहीं था, जो रुकते। न काम है, न रोटी है। इसलिए अपने-अपने गांव जा रहे हैं। दो रोटी कम मिलेगी, मगर खुली हवा में सांस तो ले पाएंगे न। हम सभी 23 लोग आसपास के गांवों के ही हैं, अब जरूरत पड़ी तो अपने लोग ही काम आते हैं।

  • लखनऊ-कानपुर हाइवे पर आम दिनों जैसा ही ट्रैफिक, भाजपा नेता स्टाल लगाकर मजदूरों को खिला रहे

कानपुर, दिन के तकरीबन 3 बज रहे हैं, कानपुर में जगह-जगह स्थानीय भाजपा नेताओं ने खाने-पीने का स्टाल लगा रखा है। कुछ स्टालों पर विधायक की फोटो भी लगाई गई है। कुछ जगहों पर पुलिस वाल कुर्सी लगाकर बैठे हुए हैं,सामने फूल माला रखा है, पीछे विधायक की फोटो लगी है। यहांलोग आने वालीहर गाड़ी को रोककर खाने-पीने का सामान दे रहे हैं, जो नहीं भी लेना चाह रहे, उनकी गाड़ी में भीलोग जबरदस्ती केला, पूड़ी सब्जी, खिचड़ी, पानी आदिरख दे रहे हैं।

यहां से आगे बढ़ते हैं, तो कानपुर-लखनऊ हाईवे पर काफी ट्रैफिक है, दुकानें भी बड़ी संख्या में खुली नजर आ रही हैं। हालांकि पुलिस ने कुछ जगहों पर बैरिकेडिंग वगैरह कर रखा, बावजूद लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल रहे हैं।चार बाग बस अड्‌डे पर बड़ी संख्या में बसें खड़ी हैं। गेट पर पुलिस मुस्तैद है। रेलवे स्टेशन के बाहर भी भीड़भाड़ है। कुछ निजी वाहन लोगों को बैठा रहे हैं। सफाई कर्मी झाड़ू मार रहे हैं। हजरतगंज में आम दिनों के मुकाबले भीड़ थोड़ी कम है।



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यूपी के सिद्धार्थनगर के रहने वाले करीब 23 मजदूर एक विकप में ऊपर नीचे-बैठे हुए हैं। ये सभी मुंबई की एक प्लास्टिक फैक्टरी में काम करते थे।


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36 अंक नीचे खुला सेंसेक्स शुरुआती ट्रेडिंग में 300 अंक ऊपर हुआ, निफ्टी में भी 80 पॉइंट की बढ़त

सप्ताह में आज बुधवार को कारोबार के तीसरे दिन सेंसेक्स 36.58अंक नीचे और निफ्टी 10.05पॉइंट ऊपर खुला। हालांकि, शुरुआती 10 मिनट की ट्रेडिंग के दौरान ही सेंसेक्स में 300 अंक की बढ़त आ गई। इससे पहले मंगलवार को बाजार बढ़त के साथ साथ बंद हुआ था। सुबह सेंसेक्स 421.76 अंक ऊपर और निफ्टी 138.45 पॉइंट ऊपर खुला। दिनभर की ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 710 अंक तक ऊपर जाने में कामयाब रहा। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 167.19 अंक ऊपर 30,196.17 पर और निफ्टी 55.85 पॉइंट ऊपर 8,879.10 पर बंद हुआ था।

अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद
मंगलवार को भारतीय बाजारों के साथ कई देशों के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी बाजार डाउ जोंस 1.59 फीसदी की गिरावट के साथ 390.51 अंक नीचे 24,206.90 पर बंद हुआ। वहीं, अमेरिका के दूसरे बाजार नैस्डैक 0.54 फीसदी गिरावट के साथ 49.72 अंक नीचे 9,185.10 पर बंद हुआ। दूसरी तरफ, एसएंडपी 1.05 फीसदी गिरावट के साथ 30.97 पॉइंट नीचे 2,922.94 पर बंद हुआ। चीन का शंघाई कम्पोसिट 0.37 फीसदी गिरावट के साथ 10.59 अंक नीचे 2,887.98 पर बंद हुआ। इधर इटली और फ्रांस के बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए, लेकिन जर्मनी के बाजार में बढ़त रही।

कोरोना से देश और दुनिया में मौतें
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,06,475 हो गई है। इनमें 60,858 की रिपोर्ट पॉजीटिव है। वहीं 42,309 संक्रमित ठीक हो गए हैं। देश में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 3,302 हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org के अनुसार हैं। दूसरी तरफ, दुनियाभर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 4,986,332 हो चुकी है। इनमें 324,910 की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 93,533 हो चुकी है।

09:46 AM बीएसई सेंसेक्स बैंकेक्स में शामिल 6 कंपनियों के शेयरों में बढ़त है। HDFC बैंक के शेयर में सबसे ज्यादा बढ़त है।

09:42 AM निफ्टी 50 के टॉप-10 लूजर स्टॉक्स; भारती इन्फ्राटेल के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट है।

09:40 AM निफ्टी 50 के टॉप-10 गेनर स्टॉक्स;यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड के शेयर में सबसे ज्यादा बढ़त है।

09:34 AMबीएसई सेंसेक्स के 23 सेक्टर में सेअभी 22 में बढ़त है, सिर्फ आईटी सेक्टर में गिरावट है।

09:31 AM बीएसई सेंसेक्स के 32 इंडेक्स में से अभी 31 में बढ़त है।

09:24 AMसेंसेक्स 300.09 अंक ऊपर 30,496.26 पर और निफ्टी 83.35 पॉइंट ऊपर 8,962.45 पर कारोबार कर रहा है।

09:23 AM बीएसईसेंसेक्स 30 में शामिल 25 कंपनियों के शेयरों में बढ़त और 5 में गिरावट है।

09:15 AMसेंसेक्स 162.94 अंक ऊपर 30,359.11 पर और निफ्टी 54.25 पॉइंट ऊपर 8,933.35 पर कारोबार कर रहा है।

दुनियाभर के ज्यादातरबाजारों में रही गिरावट



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मंगलवार को सेंसेक्स 167 अंक ऊपर 30,196 पर बंद हुआ था, वहीं आज ये 36 अंक नीचे खुला है


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क्रूर कोरोना का कहर जारी, लेकिन लॉकडाउन में मिली राहत से जिंदगी में रौनक लौट रही

कोरोना का कहर अब भी जारी है, कहीं आंखों के सामने अपनों को खोने का गम है तो कहीं न चाहते हुए भी बोझ लादकर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तय करने की मजबूरी भी है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद एक तरफ कुछ लोगों को कोरोना के और ज्यादा फैलने का डर है तो दूसरी तरफ एक तबका ऐसा भी है, जिसके लिए ये राहत उम्मीद की एक किरण बनकर आई है, ये तबका उन मजदूरों का है, जिन्हें रात का खाना तब ही नसीब होता है, जब दिन में उन्हें कहीं कुछ काम मिलता है, ये तबका उन मिडिल क्लास लोगों का है, जिनके सामने कुछदिनों बाद लोन की किश्त भरने की चुनौती है, ये तबका उन लाचार लोगों का भी है, जो किसी से मांगने की जगह कमाकर ही अपना और अपने परिवार का पेट भरना चाहते हैं।

भूख से तड़पती बच्ची को जब खाना मिला तो खिला चेहरा

यह बच्ची दिनभर से भूखी थी और इस इंतजार में बैठी हुई थी कि कहीं से खाना मिल जाए, इतने में ही कोई खाना बांटने आया और बच्ची को थाली में चावल और सब्जी दे गया। भूखे पेट भोजन मिलने की खुशी ऐसी ही होती है।

ऐसा खौफ... मास्क के साथ नोट भी कर दिए सैनिटाइज

हर तरफ कोरोना का खौफ छाया हुआ है, जिसके बीच लोग खुद के साथ अपने परिवार का भी ध्यान रख रहे हैं, ऐसे में लोग मास्क के साथ-साथ अब नोटों को भी सैनिटाइज करने लगे हैं। ऐसा ही कुछ रांची के नेताजी नगर में देखने को मिला, जहां एक महिला फेस मास्क और बाहर से लाए गए नोटों को सैनिटाइज कर रही है।

जलते पांवों पर रायपुर ने लगाया मरहम

ये तो नहीं कहा जा सकता कि मजदूरों का दर्द पूरी तरह खत्म हो गया है, लेकिन एक हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ और खासकर रायपुर आते-आते मजदूरों को सहारे के सैकड़ों हाथ मिल रहे हैं। रायपुर में कई संस्थाएं, समाज, विधायक, सरकार, पुलिस और यहां तक कि व्यक्तिगत रूप से भी लोग जगह जगह चप्पलें बांट रहे हैं। लोग घरों से जब निकलते हैं, तो अपनी गाड़ियों में चप्पलें, खाने का सामान, पीने का पानी आदि लेकर निकलते हैं और जहां कहीं कोई मजदूर दिखता है,उसकी जरूरत के मुताबिक मदद करते हैं। -फोटो : सुधीर सागर

कलेजे पर भविष्य और सिरपर गठरी का बोझ

तस्वीर दिल्ली की है, जहां एक महिला सिर पर गठरी लिए कहीं जा रही है, उसके साथ उसका बच्चा भी है, जिसे उसने गले में बांधकर रखा है।

39 डिग्री की तपिश में मां के आंचल का सहारा

रोहतक रेलवे स्टेशन पर 39 डिग्री तापमान के बीच प्रवासी मजदूरों की लंबी कतार लगी हुई है। इस गर्मी से अपने बच्चे को बचाने के लिए एक मां ने उसे अपने आंचल में छिपा लिया।

घर पहुंचने का सुकून, लेकिन आंखों में सफर का दर्द

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बेंगलुरू से 424 मजदूरों को लेकर भगत की कोठी स्टेशन पर पहुंची, जिसके बाद स्वास्थय विभाग की टीम वहां स्क्रीनिंग करने पहुंची। स्क्रीनिंग करते कर्मचारियों को ये बच्चे हैरत भरी निगाहों से देखने लगे।

राहतों का शटर खुला तो सैलून और ब्यूटी पार्लर पहुंचे

जयपुर के मालवीय नगर में लंबे समय के बाद खुले एक ब्यूटी पार्लर और हेयर सैलून में ग्राहक आने शुरू हो गए हैं। पहले दिन पूरे सुरक्षा मापदंडों के उन ग्राहकों का ही काम किया जा रहा है, जो पहले से अपॉइंटमेंट ले चुके है।

स्वाद....टिक्की वाला चौक में चटखारे

रैनक बाजार में मशहूर टिक्कियां वाला चौक में मंगलवार को महिलाओं ने खरीदारी करने के बाद टिक्कियॉ एंजॉय कीं। 'बड़े दिनां बाद ऐत्थे दी टिक्की खाण नूं मिली आ।' बाजार में मशहूर टिक्की की दुकान पर टिक्की खाने वालों की भीड़ लगने लगी तो दुकानदार ने कहा, 'भीड़ न लगाओ जी। नई तां पुलिस वालियां ने दुकान बंद करवा देनी।

गठरी और कलेजे के टुकड़े के साथ जिंदगी का बोझ

ये तस्वीर मजबूरी के बोझ तले दबी जिंदगी को दिखाती है। जबलपुर स्टेशन पर यह महिला अपने मासूम बच्चे और एक गठरी लेकर श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से उतरी इसके बाद आगे का सफर तय करने के लिए वहां से चली गई।

मौत के बाद भी नहीं मिला सुकून

पांच दिन पहले सड़क हादसे में घायल ज्योति की मंगवार को मौत हो गई, ज्योति का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था, ग्वालियर के लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में जब उसका शव रखा गया तो वह प्लेटफॉर्म के गेट में फंस गया। गेट बंद होने से पहले ही भट्‌टी चालू हो गई। बांस से शव को अंदर करने की कोशिश की गई, लेकिन धुंआ भरने के बाद उसे वैसा ही छोड़ दिया गया।



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अपने जवान बेटे को अपनी आंखों के सामने दुनिया छोड़कर जाते देखने से बड़ा दुख किसी माता और पिता के लिए और कुछ नहीं हो सकता, ये ऐसा दुख होता है, जो कमजोर हो चुके सहारे को तोड़कर रख देता है। ऐसा ही एक नजारा जयपुर में देखने को मिला, जहां 27 साल के जवान बेटे की लाश महज 10 मीटर दूर पॉलिथिन में लिपटी पड़ी रही, लेकिन मां बाप उसका चेहरा तक ठीक से नहीं देख सके। दरअसल, जयपुर के युगल किशोर सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। उनके पिता कन्हैयालाल बताते हैं कि जब युगल की कोरोना जांच की गई तो वो पॉजिटिव निकला और कुछ दिनों बाद ही उसकी मौत हो गई। फोटो, संदीप शर्मी


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सब्जी बेचने जा रहे किसानों के वाहन को ट्रक ने टक्कर मारी, 6 लोगों की मौत

लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में आए दिन हादसे हो रहे हैं। बुधवार तड़के इटावा में पिकअप गाड़ी को ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में पिकअप सवार6 किसानों की मौत हो गई, एक घायल हो गया। घायल किसानको सैफई मिनी पीजीआई में भर्ती करवाया है। पुलिस ने बताया कि किसान सब्जी बेचने के लिए नवीन मंडी जा रहे थे।

नेशनल हाइवे-2 परफ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में ये हादसा हो गया। पक्के बाग के पास ट्रक ने पिकअप को टक्कर मार दी। पिकअप में सवार किसान बकेवर थाना इलाके के थे। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर उसके ड्राइवरऔर मालिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

घटनास्थल का मुआवना करते हुए प्रशासनिक अधिकारी।

मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए की मदद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और घायल को 50 हजार रुपए की मदद देने के निर्देश दिए हैं।हादसे में मारे गए किसानों में समाजवादी पार्टी के बकेवर नगर अध्यक्ष राजेश यादव भी शामिल थे। सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने सरकार से मांग की है कि मृतक किसानों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए की सहायता दी जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनके प्रति संवेदना जताई है।



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यह तस्वीर घटनास्थल की है। हादसे में घायल किसान को सैफई के मिनी पीजीआई में भर्ती करवाया है।


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प्रधानमंत्री मोदी ने योजना की 1 करोड़वीं लाभार्थी से फोन पर बात की, महिला ने कहा- इस स्कीम के जरिए फ्री ऑपरेशन करवा पाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आयुष्मान भारत योजना की 1 करोड़वीं लाभार्थी पूजा थापा से फोन पर बात की। मेघालय की रहने वाली पूजा ने आयुष्मान भारत योजना शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री को शुक्रिया कहा। उन्होंने बताया कि इस स्कीम से वे फ्री में ऑपरेशन करवा पाईं। मोदी ने भी पूजा के जल्द ठीक होने की कामना की और उनसे स्कीम के बारे में फीडबैक लिया।

आयुष्मान भारत से 1 करोड़ लोगों को फायदा: मोदी

प्रधानमंत्री ने गरीबों की मदद के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू करने में डॉक्टरों, नर्सों और स्कीम से जुड़े लोगों के काम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सबकी कोशिशों से आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर स्कीम बन गई। इसके लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ तक पहुंच गई है, यह हम सबके लिए गर्व की बात है। इस योजना के जरिए दो साल से भी कम समय में कई गरीबों की जिंदगी बेहतर हुई।

'दूसरे राज्यों में काम करने वालों के लिए इलाज आसान हुआ'
प्रधानमंत्री ने कहा कि पोर्टेबिलिटी की सुविधा होना इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा है। इससे जुड़े लोग देश में कहीं भी सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं ले सकते हैं। इससे उन लोगों को फायदा हुआ जो दूसरे राज्यों में काम करते हैं या फिर जहां रजिस्ट्रेशन किया है वहां से दूसरी जगह जाना पड़ता है।

प्रधानंत्री ने बताया कि वे देश में जहां भी दौरे पर जाते हैं वहां आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से बात करते हैं। अभी कोरोना के संक्रमण की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा तो फोन पर बात कर रहे हैं।



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प्रधानमंत्री ने कहा कि पोर्टेबिलिटी की सुविधा होना आयुष्मान भारत योजना के सबसे बड़े फायदों में से एक है। (फाइल फोटो)


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अब तक 4926 पॉजिटिव; एक दिन में रिकॉर्ड 323 केस मिले, बंदिशों के बाद भी ट्रकों से घर निकल रहे श्रमिक

उत्तर प्रदेश में प्रवासी कामगारों की घर वापसी के साथकोरोनापॉजिटिव मरीजों की संख्या भीबढ़ने लगी है। मंगलवार को रिकाॅर्ड 323 मरीज सामने आए।राज्य में अब संक्रमितोंकी संख्या 4926 हो गई। इनमें 1885 एक्टिव केस हैं। वहीं, बीते24 घंटे में 5 मौतें हुई हैं। इनमें मेरठ, फिरोजाबाद, वाराणसी, बस्ती और जालौन में एक-एक मौत हुई। प्रदेश में मौतों का कुल आंकड़ा 123 तक पहुंच गया। दूसरी ओर, वाराणसी में अन्य राज्यों से आने वालेमजदूर ट्रक में बैठकर आ रहे हैं। सरकार की बंदिशों और पुलिस की सख्ती के बावजूद ये लोग घर पहुचंने की हरसंभवकोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत दो हिरासत में लिए गए
आगरा के एससएसपी बबलू कुमार ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विवक बंसल को हिरासत में लिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। ये लोग बसों के मामले को लेकर प्रदर्शनकी कोशिश कर रहे थे।दोनों को आगरा की पुलिस लाइन में रोका गया है। पुलिस ने इनके खिलाफ फतेहपुर सीकरी में एफआईआरभी दर्ज कर लीहै। इसमें 2नामजद और 8 अज्ञात लोगशामिलहैं।

सबसे ज्यादा मौतें आगरा में हुईं
कोरोना सेअब तक सबसे ज्यादा आगरा में 27 मौतेंहुई हैं। इसके बाद मेरठ में 20, मुरादाबाद में 11, कानपुर नगर और अलीगढ़ में 8-8 मौतें हुईं। नोएडा और फिरोजाबाद में 5-5, झांसी, मथुरा,संतकबीर नगर औरवाराणसी में 4-4, गाजियाबाद, मैनपुरी, बस्ती और जालौन में 2-2 मौत हुई हैं। वहीं, लखनऊ, अमरोहा, बुलंदशहर, श्रावस्ती, बरेली, कानपुर देहात, बिजनौर, एटा, प्रयागराज, ललितपुर, हापुड़ महोबा, प्रतापगढ़, आजमगढ़ और कुशीनगर में एक-एक मौत हुई।

135 मंगलवार ठीक होकर घर लौटे
मंगलवार को 135 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज किए गए। इनमें आगरा 66, मेरठ 13, अलीगढ़ 10, मुरादाबाद 9, गोंडा 11, नोएडा 6, हापुड़ 4, फिरोजाबाद और झांसी में 3-3, मथुरा और बांदा में 2-2, लखनऊ, सहारनपुर, संभल, बिजनौर,देवरिया और श्रावस्ती में एक-एक मरीज डिस्चार्ज होकर घर गए।

इटावा में 6 किसानों की हादसे में मौत
लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में आए-दिन हादसे हो रहे हैं। बुधवार तड़के इटावा में पिकअप गाड़ी को ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में पिकअप सवार 6 किसानों की मौत हो गई, एक घायल हो गया। जिसे सैफई मिनी पीजीआई में भर्ती करवाया है। पुलिस ने बताया कि किसान सब्जी बेचने के लिए नवीन मंडी जा रहे थे।

इटावा में सुबह पिकअप से सब्जी मंडी जा रहे छह किसानों की सड़क हादसे में मौत हो गई।

इटावा में सुबह पिकअप से सब्जी मंडी जा रहे 6 किसानों की सड़क हादसे में मौत हो गई।

मुरादाबाद:पीएम और सीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला गिरफ्तार

मुरादाबाद में एक डेयरी मालिक को आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी नाजिर हुसैन को जेल भेज दिया गया है। नाजिर पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक फेसबुक पोस्ट करने और उसे वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर करने का आरोप है।सीओ कटघर पूनम सिरोही ने बतायाकि नाजिर ने दूसरे समुदाय पर विवादित टिप्पणी करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की थी। इसके साथ में उसने पाकिस्तान के झंडे का इस्तेमाल किया था।



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यह तस्वीर वाराणसी के रोहनिया इलाके की है। यहां दूसरे राज्यों से मजूदरों के आने का सिलसिला जारी है। बच्चे और महिलाएं ट्रकों में छिपकर अपने गंतव्य तक पहुंचने कोशिश कर रहे हैं।


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क्रूर कोरोना का कहर जारी, लेकिन लॉकडाउन में मिली राहत से जिंदगी में रौनक लौट रही

कोरोना का कहर अब भी जारी है, कहीं आंखों के सामने अपनों को खोने का गम है तो कहीं न चाहते हुए भी बोझ लादकर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तय करने की मजबूरी भी है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद एक तरफ कुछ लोगों को कोरोना के और ज्यादा फैलने का डर है तो दूसरी तरफ एक तबका ऐसा भी है, जिसके लिए ये राहत उम्मीद की एक किरण बनकर आई है, ये तबका उन मजदूरों का है, जिन्हें रात का खाना तब ही नसीब होता है, जब दिन में उन्हें कहीं कुछ काम मिलता है, ये तबका उन मिडिल क्लास लोगों का है, जिनके सामने कुछदिनों बाद लोन की किश्त भरने की चुनौती है, ये तबका उन लाचार लोगों का भी है, जो किसी से मांगने की जगह कमाकर ही अपना और अपने परिवार का पेट भरना चाहते हैं।

भूख से तड़पती बच्ची को जब खाना मिला तो खिला चेहरा

यह बच्ची दिनभर से भूखी थी और इस इंतजार में बैठी हुई थी कि कहीं से खाना मिल जाए, इतने में ही कोई खाना बांटने आया और बच्ची को थाली में चावल और सब्जी दे गया। भूखे पेट भोजन मिलने की खुशी ऐसी ही होती है।

ऐसा खौफ... मास्क के साथ नोट भी कर दिए सैनिटाइज

हर तरफ कोरोना का खौफ छाया हुआ है, जिसके बीच लोग खुद के साथ अपने परिवार का भी ध्यान रख रहे हैं, ऐसे में लोग मास्क के साथ-साथ अब नोटों को भी सैनिटाइज करने लगे हैं। ऐसा ही कुछ रांची के नेताजी नगर में देखने को मिला, जहां एक महिला फेस मास्क और बाहर से लाए गए नोटों को सैनिटाइज कर रही है।

जलते पांवों पर रायपुर ने लगाया मरहम

ये तो नहीं कहा जा सकता कि मजदूरों का दर्द पूरी तरह खत्म हो गया है, लेकिन एक हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ और खासकर रायपुर आते-आते मजदूरों को सहारे के सैकड़ों हाथ मिल रहे हैं। रायपुर में कई संस्थाएं, समाज, विधायक, सरकार, पुलिस और यहां तक कि व्यक्तिगत रूप से भी लोग जगह जगह चप्पलें बांट रहे हैं। लोग घरों से जब निकलते हैं, तो अपनी गाड़ियों में चप्पलें, खाने का सामान, पीने का पानी आदि लेकर निकलते हैं और जहां कहीं कोई मजदूर दिखता है,उसकी जरूरत के मुताबिक मदद करते हैं। -फोटो : सुधीर सागर

कलेजे पर भविष्य और सिरपर गठरी का बोझ

तस्वीर दिल्ली की है, जहां एक महिला सिर पर गठरी लिए कहीं जा रही है, उसके साथ उसका बच्चा भी है, जिसे उसने गले में बांधकर रखा है।

39 डिग्री की तपिश में मां के आंचल का सहारा

रोहतक रेलवे स्टेशन पर 39 डिग्री तापमान के बीच प्रवासी मजदूरों की लंबी कतार लगी हुई है। इस गर्मी से अपने बच्चे को बचाने के लिए एक मां ने उसे अपने आंचल में छिपा लिया।

घर पहुंचने का सुकून, लेकिन आंखों में सफर का दर्द

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बेंगलुरू से 424 मजदूरों को लेकर भगत की कोठी स्टेशन पर पहुंची, जिसके बाद स्वास्थय विभाग की टीम वहां स्क्रीनिंग करने पहुंची। स्क्रीनिंग करते कर्मचारियों को ये बच्चे हैरत भरी निगाहों से देखने लगे।

राहतों का शटर खुला तो सैलून और ब्यूटी पार्लर पहुंचे

जयपुर के मालवीय नगर में लंबे समय के बाद खुले एक ब्यूटी पार्लर और हेयर सैलून में ग्राहक आने शुरू हो गए हैं। पहले दिन पूरे सुरक्षा मापदंडों के उन ग्राहकों का ही काम किया जा रहा है, जो पहले से अपॉइंटमेंट ले चुके है।

स्वाद....टिक्की वाला चौक में चटखारे

रैनक बाजार में मशहूर टिक्कियां वाला चौक में मंगलवार को महिलाओं ने खरीदारी करने के बाद टिक्कियॉ एंजॉय कीं। 'बड़े दिनां बाद ऐत्थे दी टिक्की खाण नूं मिली आ।' बाजार में मशहूर टिक्की की दुकान पर टिक्की खाने वालों की भीड़ लगने लगी तो दुकानदार ने कहा, 'भीड़ न लगाओ जी। नई तां पुलिस वालियां ने दुकान बंद करवा देनी।

गठरी और कलेजे के टुकड़े के साथ जिंदगी का बोझ

ये तस्वीर मजबूरी के बोझ तले दबी जिंदगी को दिखाती है। जबलपुर स्टेशन पर यह महिला अपने मासूम बच्चे और एक गठरी लेकर श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से उतरी इसके बाद आगे का सफर तय करने के लिए वहां से चली गई।

मौत के बाद भी नहीं मिला सुकून

पांच दिन पहले सड़क हादसे में घायल ज्योति की मंगवार को मौत हो गई, ज्योति का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था, ग्वालियर के लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में जब उसका शव रखा गया तो वह प्लेटफॉर्म के गेट में फंस गया। गेट बंद होने से पहले ही भट्‌टी चालू हो गई। बांस से शव को अंदर करने की कोशिश की गई, लेकिन धुंआ भरने के बाद उसे वैसा ही छोड़ दिया गया।



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अपने जवान बेटे को अपनी आंखों के सामने दुनिया छोड़कर जाते देखने से बड़ा दुख किसी माता और पिता के लिए और कुछ नहीं हो सकता, ये ऐसा दुख होता है, जो कमजोर हो चुके सहारे को तोड़कर रख देता है। ऐसा ही एक नजारा जयपुर में देखने को मिला, जहां 27 साल के जवान बेटे की लाश महज 10 मीटर दूर पॉलिथिन में लिपटी पड़ी रही, लेकिन मां बाप उसका चेहरा तक ठीक से नहीं देख सके। दरअसल, जयपुर के युगल किशोर सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। उनके पिता कन्हैयालाल बताते हैं कि जब युगल की कोरोना जांच की गई तो वो पॉजिटिव निकला और कुछ दिनों बाद ही उसकी मौत हो गई। फोटो, संदीप शर्मी


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कंटेंनमेंट जोन के बाहर खुली दुकानें: पान की दुकानों पर जुटी भीड़, दिल्ली में मोबाइल सुधरवाने तो बेंगलुरु में पार्क में टहलने निकले लोग

लॉकडाउन 4 में ढील देने के बाद सोमवार को कई राज्यों ने नई गाइडलाइन जारी की थी। इसके बाद मंगलवार को दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान में सड़कों पर रौनक लौटती दिखी। अहमदाबाद में पान-मसाला दुकानों पर खासी भीड़ उमड़ी तो दिल्ली-रायपुर में काफी लोग मोबाइल सुधरवाने पहुंचे। सैलून पर भी खासी रौनक रही।

अहमदाबाद: पहले ग्राहक का हार से स्वागत, पान दुकानों पर लंबी कतारें

गुजरात में कंटेंनमेंट जोन के बाहर मंगलवार से सुबह 8 से शाम 4 बजे तक ऑड-ईवन फॉर्मूले से दुकानें खुल गईं। लोग भी खरीदी के लिए पहुंचे। 33% स्टाफ के साथ सरकारी दफ्तर भी खुल गए। हालांकि अहमदाबाद के सीजी रोड जैसे क्षेत्रों में कम हलचल रही। पान-मसाला की दुकानों पर ऐसी भीड़ दिखी मानो ‘घर लौटने' वालों की कतार हो। लोगों ने मोबाइल भी रिपेयर करवाया। दुकानों पर पहले ग्राहक का हार से स्वागत किया गया। राज्य में 11,746 केस सामने आए हैं और 694 मौतें हो चुकी है।

दिल्ली: बाजार में ऑड-ईवन, गफ्फार मार्केट में मोबाइल सुधरवाने पहुंचे लोग

लॉकडाउन में ढील मिलते ही मंगलवार को दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन जैसे बस, ऑटो-रिक्शा और टैक्सियां चलने लगीं। ऑड-ईवन फॉर्मूले से अधिकांश मार्केट भी खुल गए। कनॉट प्लेस, तिलक नगर, करोल बाग, सरोजनी नगर के कारोबारी दुकानों में सफाई करते नजर आए। पुलिस अनाउंस रही कि दुकानों पर भीड़ न लगने दें। सेंट्रल दिल्ली के प्रसिद्ध गफ्फार मोबाइल मार्केट में काफी लोग मोबाइल सुधरवाने पहुंचे। हालांकि यहां अस्थायी दुकानें नहीं दिखीं। लक्ष्मी नगर मार्केट में गैर-जरूरी चीजों की दुकानें भी खुलीं।

बेंगलुरू: सुबह पार्क पहुंचे सैकड़ों लोग, एक-दूसरे से हालचाल लेते रहे, आज से राज्य में सैलून भी खुल जाएंगे

लॉकडाउन 4 में छूट की घोषणा के बाद कुछ घंटों के लिए खुले लालबाग और क्यूबन पार्क में मंगलवार सुबह सैकड़ों लोग पहुंच गए। कई लोग एक-दूसरे के हालचाल पूछते नजर आए। बेंगलुरू और राज्य में सरकारी बसें भी शुरू हो गईं। बाई-टू (आधी-आधी) कॉफी के प्रसिद्ध बेंगलुरू के कैफे में अब पूरी कॉफी लेने के बोर्ड लगाए गए हैं। बुधवार से यहां सैलून भी खुल जाएंगे। उन्हें दुकान का वेस्ट 1% हाइपोक्लोराइड साॅल्यूशन के साथ डिस्पोजल एजेंसी को देना होगा।

मुंबई: ऐप आधारित कैब सेवाएं शुरू, वेस्टर्न हाईवे पर जाम, औरंगाबाद में सुबह 7 से दोपहर1 बजे तक खुलेंगी दुकानें

लॉकडाउन खुलने पर मंगलवार सुबह मुंबईकर्स काम पर निकले, तो वेस्टर्न हाईवे पर जाम लग गया। कई इलाकों की दुकानें खुलीं। ऐप आधारित कैब सेवाएं शुरू हो गई हैं। मुंबई में मंगलवार से सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। दूसरी तरफ, औरंगाबाद में जरूरी वस्तुओं की दुकानों को 21 मई के बाद खोलने की अनुमति दी गई है। प्रशासन ने दुकानें खुलने का समय सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तय किया है।

रायपुर: सैलून में ग्राहक काे लाना है टाॅवेल, जाे नहीं लाए उन्हें डिस्पोजल टाॅवेल दिए

राजधानी रायपुर की कई सड़कें मंगलवार को लोगों की चहल-पहल से फिर चहक उठीं। मनिहारी दुकानों के सामने बरामदे और चबूतरे मेंअटी धूल दो माह बाद बुहारी गई। सड़कों पर बनारसी पान की लाली से दमकते होठों की रंगत नजर आई। मोबाइल की छोटी-मोटी दिक्कतों के साथ समझौते कर काम चलाने वाले लोग पहली फुर्सत में मोबाइल दुकानाें पर नजर आए।
रायपुर में 55 दिन बाद 80% फीसदी बाजार खुल गए। गली-मोहल्लों की दुकानें भी खुलीं। हालांकि, व्यापारियों में कोरोना की दहशत साफ दिखी। इसकी सबसे अधिक झलक सैलून और ब्यूटी पार्लर पर दिखाई दी। मीनाक्षी सैलून के यश टुटेजा ने बताया कि सुबह स्टाफ की थर्मल स्कैनिंग की। हर ग्राहक की भी थर्मल स्कैनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन किया गया। सबसे अधिक दिक्कत टाॅवेल और कटिंग शीट को लेकर आईं। गाइडलाइन के मुताबिक कस्टमर को खुद टाॅवेल और अन्य सामान लाना था, लेकिन संभव नहीं हो पा रहा था। इसलिए डिस्पोजेबल टाॅवेल और कटिंग शीट का उपयोग किया। इससे 50 से 100 रुपए तक चार्ज बढ़ गए। सराफा बाजार में भी लोग सोना-चांदी खरीदने पहुंचे। शैलेष कुमार एंड ब्रदर्स के मालिक राजेश शाह ने बताया कि दुकान के बाहर ही सैनिटाइजर रख दिया था। दुकान कई दिन बाद खुली तो सुबह लगभग तीन घंटे तक सफाई करनी पड़ी।



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जयपुर में मंगलवार को खुले ज्वेलरी शोरूम में गहने पसंद करतीं ग्राहक।


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