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कोरोनावायरस हवा से भी फैल सकता है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) को पत्र लिखकर इन दावों पर गौर करने और दिशा-निर्देशों में बदलाव करने की गुजारिश की है।
घर में भी एन-95 मास्क पहनना जरूरी
रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस संबंध में डब्ल्यूएचओ को खुला पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि छींकने, खांसने या जोर से बोलने से संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकले ड्रॉप्लेट्स हवा में तैरकर स्वस्थ्य व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं, ऐसे में घरों में रहते हुए भी एन-95 मास्क पहनने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ नहीं मानता यह दावा
डब्ल्यूएचओ कहता रहा है कि हवा में कोरोना के रहने और इनसे संक्रमण फैलने के सबूत विश्वास करने लायक नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल हेड डॉ. बेनडाटा अलग्रांजी ने कहा है कि पिछले कुछ महीनों में बार-बार हवा के जरिए संक्रमण फैलने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन इन बातों का कोई ठोस आधार या पुख्ता सुबूत नहीं हैं। फिलहाल ताजा रिपोर्ट पर डब्ल्यूएचओे ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार की नीतियों पर सोमवार को फिर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कोविड-19, नोटबंदी और जीएसटी के मामलों में सरकार की नाकामियां भविष्य में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के लिए केस स्टडी होंगी। इससे पहले राहुल कई बार लॉकडाउन की स्ट्रैटजी को फेल बता चुके हैं।
राहुल ने लॉकडाउन के शुरुआती दिनों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वीडियो शेयर किया है। मोदी ने कहा था कि महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई 21 दिन चलेगी। राहुल ने इस पर कटाक्ष करते हुए दिखाया है कि हर दिन कोरोना के केस कैसे बढ़ते रहे और दुनिया में भारत कितने नंबर पर पहुंच गया।
Future HBS case studies on failure:
1. Covid19.
2. Demonetisation.
3. GST implementation. pic.twitter.com/fkzJ3BlLH4
भाजपा ने कहा- राहुल का रवैया गैर-जिम्मेदार
उधर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चीन के मुद्दे पर राहुल पर तंज कसा है। नड्डा ने कहा कि राहुल ने डिफेंस पर स्टैंडिंग कमेटी की एक भी मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया। वे लगातार देश का मनोबल तोड़ रहे हैं, हमारे सैनिकों की वीरता पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही हर वो काम कर रहे हैं जो जिम्मेदार विपक्ष को नहीं करना चाहिए।
Rahul Gandhi does not attend a single meeting of Standing Committee on Defence. But sadly, he continues to demoralise the nation, question the valour of our armed forces and do everything that a responsible opposition leader should not do.
'कांग्रेस में काबिल नेता, लेकिन राजवंश आगे नहीं बढ़ने देगा'
नड्डा ने कहा कि राहुल महान राजवंशीय परंपराओं से जुड़े हैं, जहां डिफेंस के मामलों में कमेटियां नहीं बल्कि कमीशन मायने रखताहै। कांग्रेस में ऐसे कई काबिल लोग हैं जो संसदीय मामलों को समझते हैं, लेकिन राजवंश उन्हें कभी आगे नहीं बढ़ने देगा। यह वाकई अफसोस की बात है।
Rahul Gandhi belongs to that glorious dynastic tradition where as far as defence is concerned, committees don’t matter, only commissions do.
Congress has many deserving members who understand parliamentary matters but one dynasty will never let such leaders grow. Really sad.
from Dainik Bhaskar /national/news/covid-19-gst-will-be-future-harvard-case-studies-on-failure-rahul-gandhi-dig-at-government-127483324.html
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केंद्र सरकार ने 6 जुलाई यानी आज से स्मारकों को एहतिहात के साथ खोलने की इजाजत दी है। लेकिन, आगरा में कोरोना के हालात को देखते हुए प्रशासन ने ताजमहल समेत दूसरे ऐतिहासिक स्मारकों को फिलहाल बंद रखने का फैसला लिया है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि ताजमहल, आगरा फोर्ट, अकबर का मकबरा जैसे मॉन्यूमेंट्स अभी बफर जोन में हैं।
डीएम के मुताबिक आगरा में पिछले 4 दिन में कोरोना के 55 नए केस आए। वहां71 कंटेनमेंट जोन हैं। इन इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही होने से संक्रमण और फैल सकता है।
आगरा में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1 हजार 295 पहुंच चुका है। 1 हजार 59 मरीज ठीक हो चुके। अभी 146 एक्टिव केस हैं।संक्रमण की वजह से 90 लोगों की जान चली गई।
पूजा स्थलों वाले 820 स्मारक पिछले महीने खोले गए थे
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के अंडर में आने वाले सभी स्मारक कोरोना की वजह से मार्च में बंद कर दिए गए थे। एएसआई के अंडर में 3 हजार से भी ज्यादा स्मारक हैं। जिन 820 स्मारकों में पूजा-पाठ वाली जगह हैं, उन्हें 8 जून को खोल दिया गया था।
आज से खुलने वाले स्मारकों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर
1. सिर्फ नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले स्मारक, म्यूजियम ही खुलेंगे। 2. एंट्री टिकट सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मोड में जारी होंगे। 3. पार्किंग, कैफेटेरिया में सिर्फ डिजिटल पेमेंट की परमिशन होगी। 4. विजिटर्स को एंट्रेस पर अपना फोन नंबर बताना पड़ेगा, ताकि बाद में जरूर पड़े तो कॉन्टैक्ट किया जा सके। 5. एक दिन में 1,000 से 1,500 विजिटर्स को ही एंट्री मिलेगी। 6. विजिटर्स को सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी। मास्क पहनना जरूरी होगा। सिर्फ एसिम्प्टोमैटिक लोगों को ही इजाजत होगी। 7. ग्रुप फोटोग्राफी की परमिशन नहीं होगी। 8. लाइट एंड साउंड शो और फिल्म शो अगले आदेश तक बंद रहेंगे। 9.वैलिड लाइसेंस वाले गाइड और फोटोग्राफर को ही परमिशन मिलेगी। 10. स्मारक के अंदर खाने की इजाजत नहीं होगी।
कुवैत की नेशनल असेंबली और लेजिस्लेटिव कमेटीने अप्रवासी कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है। गल्फ न्यूज के मुताबिक, कमेटी ने इस बिल को संवैधानिक करार दिया है। अब इसे असेंबलीकी दूसरी समितियों के पास भेजा जाएगा। बिल के पारित होने के बाद करीब 8 लाख भारतीय को कुवैत छोड़नापड़ सकता है।बिल के मुताबिक कुवैत में भारतीयों की संख्या देश की आबादी में 15% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए एक व्यापक योजना तैयार करने की बात भी कही गई है।
महामारी शुरू होने के बाद से ही कुवैत में दूसरे देशों के लोगों के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। यहां के सरकारी अधिकारी और सांसद लगातार कुवैत से विदेशियों की संख्या कम करने की मांग कर रहे हैं। पिछले महीने कुवैत के प्रधानमंत्री शेख शबा-अल खालिद अल-शबा ने देश में प्रवासियों की संख्या 70% से घटाकर 30% करने का प्रस्ताव रखा था।
सरकारी विभागों से खत्म होगी प्रवासियों की नौकरी
देश के सांसदों से कहा गया है कि एक साल के अंदर सभी सरकारी विभागों से प्रवासियों की नौकरियां खत्म करें। इसी साल मई में सरकार ने नगरपालिका की सभी नौकरियों में प्रवासियों की जगह कुवैत के नागरिकों को नियुक्त करने को कहा था। जून में सरकारी तेल कंपनी कुवैत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (केपीसी) और इसकी इकाइयों में 2020-21 के लिए सभी प्रवासियों को बैन करने का ऐलान किया गया था। फिलहाल यहां दूसरे देशों के लोगों को नौकरियां देने पर भी रोक है।
कुवैत में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा
कुवैत में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। कुवैत में करीब 10.45 लाख भारतीय रहते हैं। देश की कुल आबादी 40.3 लाख है। इनमें दूसरे देशों से आए लोगों की संख्या करीब 30 लाख है। कुवैत के नागरिकों और दूसरे देशों से पहुंचे लोगों की संख्या के बीच भारी अंतर है। इसे देखते हुए पिछले साल सांसद सफ-अल हाशम ने सरकार से अगले पांच साल में करीब 20 लाख प्रवासियों को देश से बाहर भेजने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि देश में कुवैतियों की संख्या कुल आबादी की करीब 50%होनी चाहिए।
केंद्र सरकार ने 6 जुलाई यानी आज से स्मारकों को एहतिहात के साथ खोलने की इजाजत दी है। लेकिन, आगरा में कोरोना के हालात को देखते हुए प्रशासन ने ताजमहल समेत दूसरे ऐतिहासिक स्मारकों को फिलहाल बंद रखने का फैसला लिया है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि ताजमहल, आगरा फोर्ट, अकबर का मकबरा जैसे मॉन्यूमेंट्स अभी बफर जोन में हैं।
डीएम के मुताबिक आगरा में पिछले 4 दिन में कोरोना के 55 नए केस आए। वहां71 कंटेनमेंट जोन हैं। इन इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही होने से संक्रमण और फैल सकता है।
आगरा में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1 हजार 295 पहुंच चुका है। 1 हजार 59 मरीज ठीक हो चुके। अभी 146 एक्टिव केस हैं।संक्रमण की वजह से 90 लोगों की जान चली गई।
पूजा स्थलों वाले 820 स्मारक पिछले महीने खोले गए थे
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के अंडर में आने वाले सभी स्मारक कोरोना की वजह से मार्च में बंद कर दिए गए थे। एएसआई के अंडर में 3 हजार से भी ज्यादा स्मारक हैं। जिन 820 स्मारकों में पूजा-पाठ वाली जगह हैं, उन्हें 8 जून को खोल दिया गया था।
आज से खुलने वाले स्मारकों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर
1. सिर्फ नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले स्मारक, म्यूजियम ही खुलेंगे। 2. एंट्री टिकट सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मोड में जारी होंगे। 3. पार्किंग, कैफेटेरिया में सिर्फ डिजिटल पेमेंट की परमिशन होगी। 4. विजिटर्स को एंट्रेस पर अपना फोन नंबर बताना पड़ेगा, ताकि बाद में जरूर पड़े तो कॉन्टैक्ट किया जा सके। 5. एक दिन में 1,000 से 1,500 विजिटर्स को ही एंट्री मिलेगी। 6. विजिटर्स को सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी। मास्क पहनना जरूरी होगा। सिर्फ एसिम्प्टोमैटिक लोगों को ही इजाजत होगी। 7. ग्रुप फोटोग्राफी की परमिशन नहीं होगी। 8. लाइट एंड साउंड शो और फिल्म शो अगले आदेश तक बंद रहेंगे। 9.वैलिड लाइसेंस वाले गाइड और फोटोग्राफर को ही परमिशन मिलेगी। 10. स्मारक के अंदर खाने की इजाजत नहीं होगी।
आज श्रावण का पहला सोमवार है। आज ही भगवान पशुपतिनाथ की धरती नेपाल में प्रधानमंत्री ओली की किस्मत का फैसला हो सकता है। सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) का विरोधी गुट ओली से इस्तीफा मांग रहा है। कुछ घंटे में पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग होगी। प्रधानमंत्री विरोधी गुट के नेता प्रचंड से मुलाकात करेंगे। इसके बाद साफ हो जाएगा कि ओली इस्तीफा देंगे या सरकार बचेगी।
सियासी पारा चढ़ा
हालिया वक्त में नेपाल की सियासत का यह सबसे अहम मोड़ है। ओली पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है। कुर्सी बचाने के लिए वे हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। खास बात ये है कि उन्हें चुनौती बाहर से नहीं बल्कि पार्टी के अंदर से ही मिली है।
रविवार को नहीं निकला नतीजा
प्रचंड और ओली के बीच रविवार को भी बातचीत हुई थी। लेकिन, इसमें दोनों नेता किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सके। दूसरे शब्दों में कहें तो यह तय नहीं हो पाया कि ओली इस्तीफा देंगे या नहीं। हां, एक बात पर जरूर सहमति बन गई थी कि सोमवार को बातचीत का एक और दौर हो।
ओली की मुश्किल क्या?
प्रधानमंत्री की सबसे बड़ी मुश्किल पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी का गणित है। यही तय करेगी कि ओली रहेंगे या जाएंगे। लेकिन, यहां उनका पलड़ा बेहद कमजोर है। कमेटी में कुल 44 मेंबर हैं। 30 से ज्यादा चाहते हैं कि ओली बिना वक्त गंवाए इस्तीफा दें। खास बात ये भी है कि ओली न सिर्फ प्रधानमंत्री हैं, बल्कि पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। वे दोनों ही पद नहीं छोड़ना चाहते। पार्टी महासचिव बिष्णु पौडियाल को उम्मीद है कि मसला सुलझ जाएगा।
पार्टी टूट भी सकती है
माना जा रहा कि अगर ओली ने इस्तीफे से इनकार किया तो पार्टी टूट जाएगी। एक गुट ओली और दूसरा प्रचंड के साथ चला जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को प्रचंड ने ओली से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा ताकि सरकार बचाई जा सके।
ओली से इसलिए नाराजगी
पार्टी नेता कई मुद्दों पर ओली से नाराज हैं। प्रधानमंत्री कोविड-19 से निपटने में नाकाम साबित हुए। भष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की। एक बेहद अहम मुद्दा भारत से जुड़ा है। पार्टी नेता मानते हैं कि सीमा विवाद पर उन्होंने भारत से बातचीत नहीं की। वैसे भी ओली पार्टी के तीनों प्लेफॉर्म्स पर कमजोर हैं। सेक्रेटेरिएट, स्टैंडिंग कमेटी और सेंट्रल कमेटी में उनको समर्थन नहीं हैं। पार्टी के नियमों के मुताबिक, अगर इन तीन प्लेटफॉर्म पर नेता कमजोर होता है तो उसका जाना तय है।
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दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 1 करोड़ 15 लाख 55 हजार 414 संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 65 लाख 34 हजार 456 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 5 लाख 36 हजार 720 की जान जा चुकी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरस हवा के जरिए भी संक्रमण फैला सकता है। एक्सपर्ट्स की टीम ने डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) को पत्र लिखकर कहा है कि इसके बारे में लोगों को बताना चाहिए। एजेंसियों इसके बारे में बात करने से डरती हैं। इस जानकारी को छिपाकर नहीं रखना चाहिए।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
29,82,928
1,32,569
12,89,564
ब्राजील
16,04,585
64,900
9,78,615
भारत
6,97,836
19,700
4,24,891
रूस
6,81,251
10,161
4,50,750
पेरू
3,02,718
10,589
1,93,957
स्पेन
2,97,625
28,385
उपलब्ध नहीं
चिली
2,95,532
6,308
2,61,032
ब्रिटेन
2,85,416
44,220
उपलब्ध नहीं
मैक्सिको
2,56,848
30,639
1,55,604
इटली
2,41,611
34,861
1,92,108
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ब्राजील: 602 नई मौतें
ब्राजील में रविवार को 26 हजार 51 संक्रमित मिले हैं और 602 लोगों की जान गई। देश में अब तक 16 लाख से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। देश के सबसे बड़े शहर साओ पाउलो में संक्रमण बढ़ रही है। वहीं, सोमवार से यहां बार, रेस्टोरेंट, ब्यूटी सलून, बार्बरशॉप और एस्थेटिक क्लीनिक खोले जाएंगे। स्ट्रीट शॉप और मॉल 6 घंटे के लिए खुलेंगे।
पेरू: 3 लाख से ज्यादा मामले
दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में कोरोना से अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। करीब 10,589 लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पांच जुलाई तक देश में 17 लाख 82 हजार 846 लोगों की जांच की गई है। इसमें से 3 लाख 2 हजार 718 लोग संक्रमित हैं और शेष 14 लाख 80 हजार 128 लोग जांच में नेगेटिव पाए गए। यहां अब तक 10,589 लोगों की जान जा चुकी है और 1 लाख 82 हजार मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं।
ब्रिटेन: 2.85 लाख संक्रमित
ब्रिटेन में 24 घंटे में 22 लोगों की मौत हुई है। यहां मरने वालों की संख्या 44,220 हो गई है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को बताया कि इन आंकड़ों में अस्पताल, होम केयर में मरने वाले शामिल हैं। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह तक देश में 2.85 लाख लोग संक्रमित मिले। इसके अलावा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के 72वें स्थापना दिवस के मौके पर स्वास्थ्यकर्मियों को धन्यवाद दिया।
यूएई: 51,540 संक्रमित
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रविवार को कोरोनावायरस के 683 नए मामलों की पुष्टि हुई। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या 51,540 हो गई है। मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक 40,297 मरीज ठीक हो चुके हैं। दो और संक्रमितों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 323 हो गई है। सभी खाड़ी देशों में कोरोना का पहला मामला यूएई में ही दर्ज किया गया था।
आज से सावन माह शुरू हो रहा है। ये महीना 3 अगस्त तक रहेगा। इस साल सावन माह में गुरु, शनि, राहु और केतु चारों ग्रह एक साथ वक्री रहेंगे। 2020 से पहले ऐसा योग 558 साल पहले 1462 में बना था। सोमवार से शुरू और इसी वार को सावन खत्म होने से इस माह का महत्व और अधिक बढ़ गया है। उत्तर भारत और दक्षिण भारत के पंचांग में भेद भी हैं। दक्षिण भारत, महाराष्ट्र और गुजरात में 21 जुलाई से सावन शुरू और 19 अगस्त को खत्म होगा। जहां उत्तर भारत का पंचांग प्रचलित है, वहां 6 जुलाई से 3 अगस्त तक सावन रहेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक 558 साल पहले 1462 में भी गुरु, शनि, राहु-केतु एक साथ वक्री थे और सावन आया था। गुरु स्वयं की राशि धनु में वक्री, शनि अपनी राशि मकर में वक्री, राहु मिथुन में और केतु धनु राशि में वक्री था। ऐसा ही योग 2020 में भी बना है। उस समय सावन 21 जून से 20 जुलाई 1462 तक था।
सावन की प्रमुख तिथियां
इस माह में गणेश चतुर्थी व्रत 8 जुलाई को, कामिका एकादशी 16 को, हरियाली अमावस्या 20 को, हरियाली तीज 23 को, विनायकी चतुर्थी व्रत 24 को, नाग पंचमी 25 को, पुत्रदा एकादशी 30 को और रक्षा बंधन 3 अगस्त को मनाया जाएगा। तीज पर देवी पार्वती, चतुर्थी पर गणेशजी, पंचमी पर नागदेवता, एकादशी पर विष्णुजी, अमावस्या पर पितर देवता और पूर्णिमा पर चंद्रदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए।
सोमवार से शुरू और सोमवार को ही खत्म होगा सावन
इस बार सावन सोमवार से शुरू होकर इसी वार को खत्म होगा। शिवजी की पूजा में सोमवार का विशेष महत्व है। सावन पांचवां हिन्दी माह है। इसके स्वामी वैकुंठनाथ हैं, और श्रवण नक्षत्र में इसकी पूर्णिमा आने से इसे श्रावण या सावन माह कहा जाता है। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रदेव हैं। चंद्र का एक नाम सोम भी है। चंद्रवार को ही सोमवार कहते हैं। शिवपुराण के अनुसार शिवजी और पार्वतीजी का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, उस दिन सोमवार ही था। इस साल ये तिथि 19 दिसंबर को रहेगी। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी भी चंद्र हैं। चंद्रदेव को शिवजी ने अपने मस्तक पर स्थान दिया है। पार्वतीजी के साथ विवाह सोमवार को होने से और चंद्रदेव का वार होने से भी शिवजी को सोमवार विशेष प्रिय है।
शिवजी को चढ़ाई जाती है शीतलता देने वाली चीजें
सोम यानी चंद्र शीतल ग्रह है। शिवजी ने विषपान किया था, जिससे उन्हें बहुत ज्यादा तपन होती है, इसलिए शिवजी शीतलता देने वाली चीजों को पसंद करते हैं। इसलिए उन्होंने चंद्र को मस्तक पर धारण किया है। चंदन, बिल्व पत्र, जलाभिषेक, दूध, दही, घी, शहद ये सभी चीजें भी ठंडक देने वाली हैं। हल्दी गर्म रहती है, इस वजह शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
पंचतत्वों में पृथ्वी तत्व के देवता हैं शिव
श्री गणेश अंक में लिखा है कि-
आकाशस्याधिपो विष्णुरग्नेश्चैव महेश्वरी।
वायो: सूर्य: क्षितेरीशो जीवनस्य गणाधिप:॥
इस श्लोक का सरल अर्थ यह है कि पंचतत्वों में आकाश तत्व के देवता विष्णु, अग्रि तत्व देवी दुर्गा, वायु तत्व के सूर्य, पृथ्वी तत्व के शिव और जल तत्व के देवता गणेशजी हैं। गर्मी में पृथ्वी से जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और सावन में पृथ्वी तत्व यानी की शिवजी पर पुन: जल तत्व वर्षा द्वारा अभिषेक करता है। पृथ्वी जल से तृप्त हो जाती है। पृथ्वी तत्व होने के कारण ही शिव का पार्थिव पूजन किया जाता है।
सावन में शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाते हैं?
सावन माह में लगातार बारिश होती है। इस कारण कई तरह के छोटे-छोटे जीवों की उत्पत्ति होती है। कई प्रकार की विषैली नई घास और वनस्पतियां उगती हैं। जब दूध देने वाले पशु इन घासों को और वनस्तपतियों को खाते हैं तो पशुओं का दूधविष के सामान हो जाता है। ऐसा कच्चा दूध पीने से हमारे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। इसीलिए इस माह में कच्चे दूध के सेवन से बचना चाहिए। शिवजी ने विषपान किया था, इस कारण सावन माह में शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया जाता है। इस माह हरी सब्जियां खाने से बचना चाहिए, क्योंकि सब्जियों में भी कई तरह के हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु चिपके रहते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस समय ऐसा भोजन करें जो जल्दी पच सके।
घर पर ही कर सकते हैं शिवजी की पूजा
जो लोग शिवालय नहीं जा सकते हैं, वे अपने घर में ही शिवलिंग का अभिषेक और पूजन कर सकते हैं। जिसके घर पर शिवलिंग न हो, वह आंगन में लगे किसी पौधे को शिवलिंग मानकर या मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उसका पूजन कर सकते हैं। मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजन करने को ही पार्थिव शिवपूजन कहा जाता है। ये पूजा शुभ फल देने वाली मानी जाती है।
सरल स्टेप्स में ऐसे कर सकते हैं संक्षिप्त पूजा
> रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। पंचामृत से अभिषेक करें। > मंत्र ऊँ नम: शिवाय, ऊँ महेश्वराय नम:, ऊँ सांब सदाशिवाय नम:, ऊँ रुद्राय नम: आदि मंत्रों का जाप करें। > चंदन, फूल, प्रसाद चढ़ाएं। धूप और दीप जलाएं। शिवजी को बिल्वपत्र, धतूरा, चावल अर्पित करें। > भगवान को प्रसाद के रूप में फल या दूध से बनी मिठाई अर्पित करें। धूप, दीप, कर्पूर जलाकर आरती करें। > शिवजी का ध्यान करते हुए आधी परिक्रमा करें। भक्तों को प्रसाद वितरित करें।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 लाख97 हजार 101 हो गई है। बीते 24 घंटे में 23932 मरीज बढ़े हैं। अभी रोजाना आ रहे केसों की संख्या अधिकतम 20 दिन में दोगुना हो रही है। रफ्तार यही रही तो इस महीने के आखिरी तक 50 हजार और अगले महीने के तीसरे हफ्ते में 1 लाख मरीज प्रतिदिन बढ़ेंगे। बीते 24 घंटे में देश में 15826 मरीज ठीक हुए। 420 की मौत हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 6555 केस आए हैं।
3 दिन जब सबसे ज्यादा मामले आए
तारीख
केस
4 जुलाई
24018
5 जुलाई
23932
3 जुलाई
22721
एक दिन में सबसे ज्यादा 57 हजार केस अमेरिका में आए
अभी तक दुनिया में एक दिन में सबसे ज्यादा 57232 केस अमेरिका में 2 जुलाई को आए हैं। इसके बाद ब्राजील का नंबर है। यहां 19 मई को सबसे ज्यादा 55 हजार मामले सामने आए थे।
देश
तारीख
कितने मामले
जनसंख्या
अमेरिका
2 जुलाई
57232
33 करोड़
ब्राजील
19 जून
55209
21 करोड़
भारत
4 जुलाई
24018
135 करोड़
रूस
11 मई
11656
14 करोड़
पेरू
31 मई
8805
3 करोड़
5 राज्यों का हाल
मध्यप्रदेश: यहां रविवार को 326 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा 64 केस ग्वालियर में और इसके बाद बाद 61 केस भोपाल में सामने आए।इंदौर में 23 मरीज मिले। इसके साथ यहां संक्रमितों की संख्या 4833 हो गई है। राहत की खबर है कि अब तक 3772 मरीज ठीक हो चुके हैं।
महाराष्ट्र: राज्य में बीते 24 घंटे में6555 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। यह एक दिन में बढ़ रहे मरीजों का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे एक दिन पहले ही यहां सबसे ज्यादा 7074 केस आए थे।बीते 24 घंटे मेंसबसे ज्यादा 2102केस ठाणे में सामने आए हैं।
उत्तरप्रदेश: यहां बीते 24 घंटे में1153 मामले सामने आए। राज्य में सबसे ज्यादा केस गाजियाबाद औरगौतम बुद्ध नगर में सामने आ रहे हैं। गाजियाबाद में 2765 और गौतम बुद्ध नगर में 2205 मरीज मिल चुके हैं।
राजस्थान: राजस्थान में 24 घंटे में632 मामले सामने आए। प्रतापगढ़ में 48, पाली में 33, जयपुर में 31, अलवर में 23, जालौर में 18, बीकानेर में 12, भरतपुर में 8, अजमेर, दौसा और झुंझुनू में 7-7, राजसमंद में 6, कोटा में 5, बारां और उदयपुर में 4-4, भीलवाड़ा, झालावाड़ और टोंक में 3-3, चूरू और डूंगरपुर में 1-1 मरीज मिला। वहीं, संक्रमण से 6 लोगों की जान भी चली गई।
बिहार: यहां 24 घंटे में403 मामले सामने आए। मधुबनी में 12 मरीज मिले। इसके बाद शहर को तीन दिन के लिए सील करने का फैसला लिया गया है। उधर, विधान परिषद के अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क में आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का भी टेस्ट हुआ है। नीतीश कुमार की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
श्रावण की पूर्व संध्या पर रविवार शाम उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह को मोगरे की कलियों से सजाया गया। एक भक्त की ओर से मोगरे की कलियों से शिवलिंग का भी श्रृंगार किया गया। पूरा परिसर मनमोहक महक सेमहक उठा। श्रृंगार दर्शन कर श्रद्धालु भी अभिभूत हो गए।निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरि ने बताया कि शिव कल्याण स्वरूप हैं।
सृष्टि की उत्पत्ति और लय शिव में है। रुद्राष्टक में कहा गया है शिव व्यापक और अनंत हैं। शिव को ऐसे ही ध्यान और साधना से पाया जा सकता है। जब भक्त की दृष्टि असीमित हो जाती है तो उसे सर्वत्र अपना ईष्ट दिखाई देता है। परिस्थितिवश आज हमें घर पर रह कर ही शिव का ध्यान और साधना करना चाहिए, क्योंकि शिव कहीं और नहीं, हमारे अंतर में हैं।
बाबा के दर्शन के लिए कई नियमों से गुजरना होगा
आज से सावन माह की शुरुआत हो रही है। लेकिन, कोरोना के चलते इस बार सावन माह में श्रद्धालुओं को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए कई नियमों व बंदिशों से होकर गुजरना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल, मास्क पहननाअनिवार्य होगा। मंदिर के सीईओ गौरांग राठी ने बताया हर 6 घंटे के अंतराल पर मंदिर परिसर व आसपास के सभी क्षेत्रों को सैनिटाइज कराया जाएगा।
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को तीन जोन से होकर गुजरना होगा। बाबा के दर्शन के लिए शहर में लगाए गए यूनीपोल पर भी इंतजाम किया जा रहा है। इसके जरिए आरती, पूजन और अभिषेक का लाइव प्रसारण होगा।
इस साल सावन में बन रहे कई विशेष योग
फोटो पंजाब के पटियाला की है। भोले शंकर का महीना यानी सावन की शुरुआत आज हो रही है। इस साल सावन में कई विशेष योग बन रहे हैं। सावन का महीना 6 जुलाई को सोमवार यानी भोले शंकर के दिन से शुरू हो रहा है। इसके अलावा सावन की समाप्ति भी सोमवार के दिन हो रही है। सावन में 06, 13, 20,27 जुलाई और 03 अगस्त को सोमवार पड़ेगा। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
आमजनों के प्रवेश को लेकर अभी कोई फैसला नहीं
एक महीने बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ श्री मंदिर की रत्नवेदी पर विराजमान हो गए। रविवार से मंदिर में सामान्य पूजा शुरू हो गई। लेकिन मंदिर प्रशासन ने आमजनों के प्रवेश को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया है। वहीं, शनिवार देर रात 13 दिन बाद निलाद्री बिजे (घर वापसी अनुष्ठान) के बाद रथयात्रा संपन्न हो गई। ज्येष्ठ पूर्णिमा को स्नान यात्रा के दिन तीनों भाई-बहनों की तबीयत खराब हो गई थी और उन्हें स्वास्थ्य लाभ के लिए अणसर घर में एकांतवास (क्वारेंटाइन) के लिए पहुंचाया गया था।
एमआई-17 की आवाज से टिड्डियां उड़ीं, ऊपर से केमिकल बरसाया
सीमा पार से आई फसलों की दुश्मन टिडि्डयों पर रविवार को पहली बार एयरफोर्स के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने कीटनाशक से हमला किया। पूरी प्लानिंग से किया यह हमला इतना प्रभावी रहा कि 50% टिडि्डयों ने मौके पर और 1-2 किमी उड़कर दम तोड़ दिया। बाकीटिडि्डयां भी कीटनाशक की चपेट में आने से बच नहीं सकीं। यह भी एक-दो दिन में दम तोड़ देंगी।
टिड्डी नियंत्रण विभाग के संयुक्त निदेशक केएल गुर्जर ने बताया कि जोधपुर के केरलानाडा इलाके में 4गुणा4 किमी में टिड्डी दल फैला था। विभाग ने इसकी सूचना एयरफोर्स को दी। पौ फटते ही दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर आसमान में मंडराने लगे। इसमें एमआई-17 हेलीकॉप्टर यूनिट के सीओ स्वयं उड़ान भर रहे थे। सुबह 5:50 बजे एमआई-17 हेलीकॉप्टर से दो गन द्वारा छिड़काव शुरू किया गया।
बोरवैल पहले से था, उसे बिना हटाए सड़क बना दी
फोटो राजस्थान के झुंझुनूं की है।शहर के मंडावा रोड पर जेबी शाह गर्ल्स कॉलेज के पीछे वाली सड़क से गुजरें तो वाहन थोड़ा संभल कर चलाएं। यहां बीच सड़क पर एक बोरवैल के कारण आपके साथ कभी भी हादसा हो सकता है। यह सड़क नगर परिषद ने डेढ़ करोड़ की लागत से निजी कंपनी को ठेका देकर बनवाई है। सड़क पर इस इंजीनियरिंग का यह कमाल उसके ही अधिकारियों की देखरेख में हुआ है जिन्होंने पहले से बने जलदाय विभाग के बोरवेल को हटाए बिना सड़क बना दी। अब यहां आए दिन हादसे होते हैं।
छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट
ये फोटो छत्तीसगढ़ केदंतेवाड़ा से मसेनार के रास्ते पर टेमरु नाले की है। इस पर बनी पुलिया के 1 फीट ऊपर से पानी बह रहा है। जिले में रविवार को करीब 4 घंटे की बारिश हुई, जिससे कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। मौसम विभाग ने आज भी कई जगह मूसलाधार बारिश की चेतावनी है।
रेनोवेशन का काम पूरा, खुलने के लिए सिर्फ केंद्र की हरी झंडी का इंतजार
13 अप्रैल, 1919 के दिन हुए जलियांवाला बाग कांड की शताब्दी के लिए बाग के संरक्षण, संवर्धन व विस्तारीकरण का काम पूरा हो चुका है। पहले इसे 13 अप्रैल को खोला जाना था पर कोरोना के चलते काम रुक गया था। अब केंद्र की मंजूरी मिलते ही इसे खोल दिया जाएगा। 20 करोड़ से तैयार बाग विश्व धरोहरों में शुमार होगा। यहां सैलानियों को इसके इतिहास से रू-ब-रूकराने को लाइट व साउंड प्रोग्राम अंग्रेजी, हिंदी व पंजाबी में 15 मिनट का तैयार हो चुका है। बाग में थ्री-डी व सेवन डी थियेटर भी बनाया गया है। 31 जुलाई को खुलने की संभावना है।
मां से शिकार के तरीके सीख रहे शावक
कोटा के मुकंदरा रिजर्व में बाघिन एमटी-2 के दोनों शावक अब ज्यादा नजर आने लगे हैं। दोनों अपनी मां से शिकार के तरीके सीख रहे हैं। लेकिन खास बात ये है कि इनका पिता एमटी-1 भी दोनों शावकों की ट्रेनिंग और देखभाल में बराबर ध्यान दे रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। मादा टाइगर ही शावकों की देखभाल करती है।
मिट्टी वाला पानी सुखना में पहुंचा, मछलियां मरी
रविवार को चंडीगढ़ की सुखना लेक में ही नहीं, बल्कि इसके साथ लगते ट्रैक पर भी मरी हुई मछलियां पड़ी हुई थी। कई पक्षी पानी में मरी हुई मछलियों को उठाकर ऊपर ट्रैक पर ले आए थे। पानी में भी कई मरी हुई मछलियां ऊपर ही सतह पर पड़ी हुई थी। इससे पहले धनास की लेक में भी इसी तरह से हजारों मछलियां मर गई थी।
जिसके बाद धनास लेक में एक सोलर फाउंटेन चंडीगढ़ प्रशासन को लगाना पड़ा था। दरअसल बारिश होने के बाद मिट्टी वाला पानी सुखना लेक में पहुंचता है और इसके चलते पानी में डिजॉल्व ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। यही एक कारण था जिसकी वजह से धनास लेक में भी काफी मछलियां पिछले वर्षों में मरी हुई मिली थी।
from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/on-the-eve-of-shravan-mahakals-adornment-of-mogres-buds-in-ujjain-will-have-to-pass-many-rules-to-see-baba-in-kashi-127483135.html
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आज है सोमवार, हफ्ते का पहला दिन और शुरुआत एक पॉजिटिव खबर से। दिल्ली में एक बुर्जुग ने कोरोना को हरा दिया। उम्र है पूरे 106 साल। वैसे तो कोरोना को सबसे ज्यादा उम्र में हरा देने का रिकॉर्ड स्पेन की 113 साल की महिला के नाम है, लेकिन दिल्ली के इस बुजुर्ग की बात अलग है। इसके दो कारण हैं।
पहला- ये वही बुजुर्ग हैं, जो 1918 में दुनियाभर में फैले स्पेनिश फ्लू के गवाह रहे हैं। वही स्पेनिश फ्लू, जो कोरोना से भी खतरनाक था और जिसने 5 करोड़ जानें ली थीं। स्पेनिश फ्लू के वक्त उनकी उम्र 4 साल थी। दूसरा- 106 साल के इस बुर्जुग के बेटे को भी कोरोना हुआ था, पर बेटे से ज्यादा तेज रिकवरी पिता की रही।
2. दुनिया का सबसे बड़ा कोविड सेंटर दिल्ली में
बात जब कोरोना से शुरू हुई है, तो इससे जुड़ी एक और खबर पर गौर फरमाइए। अपने देश में भी कभी-कभी सही काम ठीक वक्त पर हो जाता है। दुनिया का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर दिल्ली में शुरू हो चुका है। यहां 10 हजार बेड हैं। दिल्ली को इसकी जरूरत भी है, क्योंकि यहां कोरोना के मामले एक लाख के करीब पहुंच चुके हैं।
दुनिया का यह सबसे बड़ा कोविड सेंटर दिल्ली के छतरपुर में राधास्वामी सत्संग ब्यास के परिसर में शुरू हुआ है। इसका एरिया फुटबॉल के 20 मैदानों के बराबर है। यह 1700 फीट लंबा और 700 फीट चौड़ा है।
कानुपर में बीती गुरुवार रात हुए शूटआउट में 8 पुलिसवालों की जान लेकर गैंगस्टर विकास दुबे भाग निकला। अब इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। खुलासे भी ऐसे कि पूरा चौबेपुर थाना ही शक के घेरे में आ रहा है।
पहले शूटआउट के दौरान सबसे पीछे चलने वाले थानेदार साहब पर शक गया और वे सस्पेंड कर दिए गए। अब ये पता चल रहा है कि मुठभेड़ से पहले थाने के एक सिपाही ने बिजली डिपार्टमेंट में फोन करके इलाके की बिजली कटवा दी थी। सिपाही धरा गए हैं। पूछताछ एसटीएफ कर रही है।
आज की तारीख में नेपाल की सियासत के दो अहम किरदार हैं: एक- प्रधानमंत्री केपी ओली और दूसरे- पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड। ओली की कुर्सी जाती दिख रही है और प्रचंड के पास आती दिख रही है। दिलचस्प बात यह है कि इतना सब होने के बाद भी दोनों नेता वन टू वन बातचीत कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि वे पार्टी को टूट से बचाना चाहते हैं।
दोनों रविवार को फिर मिले। तय किया कि सोमवार को फिर बैठेंगे और बाजी वहीं से शुरू करेंगे, जहां रविवार को रोकी थी। कुल मिलाकर, सोमवार का दिन नेपाल में चल रही सियासी उठापटक के लिए सबसे अहम है। ओली रहेंगे या जाएंगे, ये आज साफ हो सकता है। उनके तेवर भी कड़े हैं। मंत्रियों से डायरेक्ट पूछ रहे हैं कि साफ बताओ, किसकी तरफ हो?
सारा मामला इस बात से जुड़ा है कि नेपाल किसके करीब खड़ा दिखे- भारत के या चीन के?
5. आज से जुड़ी दो बातें और...
कोलकाता जाना है, तो ध्यान रखिएगा
आज से 19 जुलाई तक कोलकाता के लिए दिल्ली, मुंबई, नागपुर, चेन्नई, अहमदाबाद और पुणे से फ्लाइट्स नहीं चलेंगी। बंगाल में कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए यह फैसला किया गया है।
आया सावन आज से
सावन का महीना आज से शुरू हो रहा है। 3 अगस्त तक चलेगा। हिंदू पंचांग के हिसाब से 12 में से 5 ज्योतिर्लिंग यानी महाकाल, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ और वैद्यनाथ धाम तो आज से ही सावन की शुरुआत कर देंगे। बाकी 7 ज्योतिर्लिंगों के लिए सावन की शुरुआत 21 जुलाई से होगी। कन्फ्यूजन दूर करते चलें... ये फर्क सिर्फ सावन के लिए है। आगे आने वाले त्योहार जैसे- राखी, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली के लिए देशभर में तारीखें एक ही रहेंगी।
6. आखिर में समझते हैं कि हफ्ता कैसा बीतेगा?
6 से 12 जुलाई तक मौसमी बीमारियों का असर बढ़ सकता है। इसीलिए खानेमें खास ध्यान रखने की जरूरत है। वैसे भी कोरोना है, बाहर का खाने से बचिए। न्यूमरोलॉजी कहती है कि ये हफ्ता नौकरी में ज्यादा मेहनत करने का रहेगा, खासतौर पर अंक 3 वालों के लिए। जो लोग 4, 13, 22 या 31 तारीख को जन्मे हैं, वे इस हफ्ते संभलकर रहें। बनते काम बिगड़ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर है। गंगा किनारे बसा यह मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशुल पर टिकी हुई है। आज से सावन का महीना शुरू हो रहा है। कोरोना के चलते इस बार दर्शन के तौर तरीके बदल गए हैं।दैनिक भास्कर की टीम काशी विश्वनाथ पहुंची और वहां की तैयारियों का जायजा लिया। पढ़िए काशी विश्वनाथ से लाइवरिपोर्ट...
भगवान शिव की नगरी काशी में इस बार सावन की रंगत फीकी है। घाटों से लेकर गलियों तक में सन्नाटा पसरा है। कोरोनाकी वजह सेभक्तऔर भगवान के बीच सोशल डिस्टेंस आ गया है। गर्भगृह तक जाने की अनुमति किसी श्रद्धालु को नहीं मिलेगी। इस बार सीधे जलाभिषेक भी नहीं हो सकेगा। संक्रमण से बचने के लिए मंदिर को हर 6 घंटे के अंतराल परसैनिटाइज किया जा रहा है।
पहली बार यादव समाज के 5 लोग ही जलाभिषेक कर पाएंगे
पहले शहर में जगह-जगह कांवड़ियों के लिए कैंप लगते थे।देशभर से आने वाले कांवड़ियों केरंग में काशी केसरियाहो जाती थी। लेकिन, इस बार यह रंग गायब रहेगा। पहली बार यादव समाज के सिर्फ पांच लोग ही जलाभिषेक के लिए जा सकेंगे। जबकि परंपरा के मुताबिक, हर साल सावन के पहले सोमवार को हजारों की संख्या में वे सीधे गर्भगृह में जाकर जलाभिषेक करते थे। पिछले सालएक लाख से ज्यादालोगों ने पौने तीन घंटे तक जलाभिषेक किया था।
पहले सावन के महीने में जहां सैकड़ों की भीड़ होती थीं, वहां इस बारसिर्फ पांच श्रद्धालुही रहेंगे। गौदोलिया से मंदिर तक के रास्ते में सुरक्षाकर्मी ज्यादाऔर श्रद्धालु कम दिखाई देते हैं। चार नंबर गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने भारी संख्या में डेरा डाला हुआ है।
स्पीड पोस्टसे भेजा जाएगा प्रसाद
इस बार ऑनलाइन रुद्राभिषेक होगा और डाक विभाग से स्पीड पोस्ट के जरिए श्रद्धालुओं को प्रसाद भेजा जाएगा। यह प्रसाद 251 रुपए में मिल सकेगा। मंदिर में रुद्राभिषेक और आरती के शुल्क में 30 फीसदी तक वृद्धि की जा सकती है। कोरोना की वजह से नागपंचमी के दिन काशी के नागकूप पर भी विद्वानों का जमावड़ा शास्त्रार्थ के लिए नहीं होगा।
सावन माह के दौरान काशी में शिव और राम कथा कहने वाले कई कथावाचक इस बार काशीनहीं आसकेंगे। शिवमहापुराण की कथा कहने वाले बालव्यास श्रीकांत शर्मा कहते हैं कि करीब तीन दशक से सावन के आखिरी के दस दिन काशी में व्यतीत करता रहा हूं, लेकिन इस बार कथा नहीं कह पाऊंगा।
मंदिर परिसर में एक समय में पांच लोग ही रह सकेंगे
जिलों की सीमाओं पर पुलिस तैनात की गई है, अगर कोई श्रद्धालु बाहर से बाबा के दर्शन के लिए आता है तो उसे वापस लौटा दिया जाएगा। इसकारण मंदिर केआसपास पूजा, फूल, दूध, श्रृंगार की अतिरिक्त दुकानें भी नहीं लग पाएंगी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पूजारीश्रीकांत मिश्रा कहते हैं कि पहले सुबह से शाम तक अनुष्ठान-पूजन चलता था। लेकिन, इस बार मंदिर परिसर में एक समय में पांच लोग ही रह सकेंगे। ऐसे में रुद्राभिषेक, अनुष्ठान-पूजन संभव ही नहीं होगा।
पहले दो लाख से ज्यादा लोग करते थे दर्शन, इस बार 25 हजार का लक्ष्य
पहले मंदिर परिसर में शास्त्रीइस काम को करते थे। मंदिर में दर्शन के लिए पांच किमी से ज्यादा लंबी लाइन लगती थी। सावन के सोमवार को दो लाख से ज्यादा लोग दर्शन करते थे। लेकिन, इस बारप्रशासन का लक्ष्य 25 हजार लोगों को दर्शन कराने का है। मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष और कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के कारण कुछ सावधानियां बरती जा रही हैं। जलाभिषेक तो होगा लेकिन दूर से ही होगा, गर्भगृह में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी।
मंदिर परिसर में जाने के लिए 3 जोन बनाए गए
गर्भगृह के चारों दरवाजों पर बाहर से ही अर्घ की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु वहीं से बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे और जल सीधे बाबा तक पहुंचेगा। मंदिर परिसर में जाने के लिए तीन जोन बनाए गए हैं। पहला जोन मंदिर के अंदर होगा, जहां केवल 5 श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे।
गोपसेवा समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय यादव कहते हैं कि हर साल कम से कम एक लाख यादव बंधु सावन के पहले सोमवार को देशभर से आकर गर्भगृह में जलाभिषेक करते थे। जिनमें 10 से 12 हजार लोग तो काशी केबाहर से आते थे। लेकिन, यह पहली बार है कि जब सिर्फ 5 लोग ही जलाभिषेक करेंगे।हम बाबा विश्वनाथ से कोरोना मुक्त भारत की प्रार्थना करेंगे। यही प्रार्थना काशी का हर व्यक्ति देश के लिए करेगा।
आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में मल्लिकार्जुन मंदिर है। भगवान शिव का यह मंदिरदेश के12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है।श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर के अंदर कई मंदिर बने हुए हैं,जिनमें मल्लिकार्जुन और भ्रामराम्बा सबसे प्रमुख मंदिर हैं। आज सावन केपहलेसोमवारके मौके परश्रीशैलम से दैनिक भास्कर की लाइव रिपोर्ट पढ़िए।
सुबह के 5.30 बजे हैं,जगहश्रीशैलम का मल्लिकार्जुन मंदिर। फ्री दर्शन वाले गेट पर सिक्योरिटी वाले हाथ में थर्मल स्कैनरलेकर खड़े हैं। दर्शन के लिए मंदिर 6 बजे खुलेगा। गेट के सामने ही 10 से 15 लोग सफेद गोले में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। आधार कार्ड दिखाकर लोग वीआईपी गेट का टिकट ले रहे हैं। एक टिकट की कीमत 150 रुपए है। हालांकि, इस बारवीआईपी और लोकल में कोई फर्क नहीं है।
दोनों लाइनों में भक्तों की भीड़ नहीं के बराबर है। जहां पहले दर्शन के लिए घंटों लाइन में लगना होता था, वहीं अब 10 मिनट में दर्शन हो रहे हैं। वो भीभगवान के सामनेआराम से खड़े होकर। वीआई गेट पर सबसे पहले सैनिटाइजर से हाथ साफ करना होता है। उसके बाद मंदिर का स्टाफ थर्मल स्कैनर से भक्तों के शरीर का तापमान जांच करता है, उसके बाद ही अंदर प्रवेश की अनुमति मिलती है।
दर्शन के लिए मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
यहां से थोड़ा आगे बढ़ने पर पैर धोने के लिएएक मशीन लगाई गई है,जिसमें से 15 से 20 धाराएं निकल रही हैं।भक्त यहां पांव धोकर ही आगे बढतेहैं। मंदिर में प्रवेश करते ही हमने सभा मंडप में नंदी केदर्शन किए और फिर भगवानमल्लिकार्जुनकी प्रतिमा के ठीक सामने खडे हो गए। पहले यहांएक सेकंड भी रुकना मुश्किल होता था।लेकिन, इस बार हमने करीब 1 मिनट तक दर्शन किए।कोरोना के कारण मंदिर की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। दर्शन के लिए मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।यहां से हमशक्तिपीठ भ्रमरांबिका देवीमंदिर पहुंचे ।
यहदेवी माता पार्वतीकारूप हैं। यहदेश का एक मात्र मंदिर है, जहां पर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ एक साथ है। इसके बाद मंदिर से बाहर जाने के लिए रास्ता आ जाता है।मल्लिका का अर्थ माता पार्वती का नाम है,वहीं अर्जुन भगवान शंकर को कहा जाता है। यह मंदिर करनूल जिले में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर है। यहां भगवान शिव श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान है।
यूट्यूब पर किया जा रहा लाइव प्रसारण
श्रीशैलममंदिर के एग्जीक्यूटिवऑफिसर केसी रामाराव बताते हैं कि मंदिर मे अभी केवल भगवान के दर्शन हो रहे हैं।कोरोनाके कारण मल्लिकार्जुन मंदिर में पहली बार ऑनलाइनसेवा पूजा की शुरुआत हुईहै। इसमें8से10तरह के पूजा और हवन किए जा रहेहैं। भक्त को मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइटपर जाकर पहले कौन सी पूजा करवानी है, उसेबुक करना होगा।
मंदिर के पुजारी मंदिर में पूजा करते हैं उसका यूट्यूब पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है।14अप्रैल से शुरू हुई इस पूजा में अभी तक8000से ज्यादा भक्त दर्शन करचुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा महामृत्युंजय मंत्र होमके आवेदन आए हैं। कोरोना से पहले सामान्य दिनों में 500से ज्यादा और विशेष दिन( शनिवार से सोमवार )1000भक्त इस पूजा के लिए आवेदन करते थे।
कोरोना से पहले हर महीने 4 करोड़ रुपए का चढ़ावा आता था
श्री शैलम देवस्थानम के कॉल सेंटर में काम करने वालेएच. मल्लिकार्जून बताते हैं कि मंदिर में अभी100से ज्यादा पुजारी और2000से ज्यादा का स्टाफ हैं। अभी तो मंदिर में कोई चढ़ावा नहीं आ रहा है। लेकिन कोरोना से पहले हर महीने3से4करोड़ रुपए का चढ़ावा आता था।कोरोनाके कारण रोजाना 3 से 4 हजार लोगों को ही दर्शन कराए जा रहा है। पहलेयहां पर रोजाना50हजार से 1 लाख के बीच भक्त दर्शन के लिए आते थे।
श्रीशैलम में भक्तों के लिए 200 कमरे का गणेशम भवन का भी निर्माण हो रहा है। अभी तक शैलम पूरी तरह से ग्रीन जोन में है। यहां पर एक भी कोरोनाका केस नहीं आया है। मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6.30 से शाम 4.30 तक रखा गया है।