शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन के ट्रायल्स थमने के बाद भी एस्ट्राजेनेका का दावा- इसी साल आएगा वैक्सीन

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल्स के दौरान एक वॉलेंटियर की तबियत खराब होने की जांच एक्सपर्ट्स के एक ग्रुप ने शुरू कर दी है। भले ही इस घटनाक्रम ने वैक्सीन की स्पीड को धीमा कर दिया हो, वैज्ञानिक इसे अच्छा मान रहे हैं।

हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि इस घटना से हताश या निराश होने की जरूरत नहीं है। वैक्सीन के ट्रायल्स में ऐसा होता रहता है। इस बीच, ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन के भारत में चल रहे ट्रायल्स सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने रोक दिए हैं।

भारत में अब तक 100 वॉलेंटियर्स को लगाया वैक्सीन

  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित वैक्सीन कोवीशील्ड का भारत में फेज-2 और फेज-3 का कम्बाइंड ट्रायल्स चल रहा है। यह करने वाली सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत में भी ट्रायल्स रोक दिए हैं।
  • भारत में अब तक 100 वॉलेंटियर्स को ट्रायल्स के तहत यह वैक्सीन लगाया गया है। यह ट्रायल पूरा करने के लिए करीब 1,600 वॉलेंटियर्स को एनरोल करने की योजना है। इस बीच, भारत के ड्रग रेगुलेटर ने सीरम इंस्टिट्यूट को कारण बताओ नोटिस भेजा है।

WHO ने कहा- यह कोई झटका नहीं

  • जेनेवा में WHO की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन के ट्रायल्स पर ब्रेक लगना कोई झटका नहीं है। यह बताता है कि वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया हमेशा "फास्ट और स्ट्रेट रोड' जैसी नहीं रहती।
  • स्वामीनाथन ने कहा कि यह अच्छा है। इसे हम वेक-अप कॉल भी मान सकते हैं। सभी के लिए यह एक सबक है कि रिसर्च में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। क्लिनिकल डेवलपमेंट में भी ऐसा ही होता है। हमें उसके लिए तैयार रहना होगा।
  • वहीं, एस्ट्राजेनेका के सीईओ ने दावा किया है कि जिस वॉलेंटियर को न्यूरोलॉजिकल समस्या आई थी, उसे वास्तविक वैक्सीन दिया गया। डमी नहीं। अब तक यह नहीं समझ आया है कि जो स्पाइन कॉड को प्रभावित करने वाले न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का कारण वैक्सीन है या नहीं।
  • एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियोट ने कहा कि जो हुआ, उसके बाद भी उनका वैक्सीन इसी साल के अंत तक मार्केट में आ सकता है। उन्होंने कंपनी के निवेशकों को भरोसा दिलाया कि यह ब्रेक टेम्पररी है। जल्द ही ट्रायल्स गति पकड़ेंगे।

चीन में होंगे नैजल स्प्रे वैक्सीन के ट्रायल्स

  • चीन ने अपने पहले नैजल स्प्रे वैक्सीन को ट्रायल्स की मंजूरी दे दी है। इसके फेज-1 के क्लिनिकल ट्रायल्स नवंबर में शुरू होंगे। इसमें 100 वॉलेंटियर्स पर यह नैजल स्प्रे वैक्सीन आजमाया जाएगा।
  • चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह नैजल वैक्सीन हांगकांग और चीन का संयुक्त प्रयास है। इसमें यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग, शियामेन यूनिवर्सिटी और बीजिंग वांटई बायोलॉजिकल फार्मेसी के रिसर्चर शामिल हैं।
  • नैजल स्प्रे वैक्सीन में यदि इनफ्लूएंजा वायरस यानी H1N1, H3N2 और B शामिल हो तो यह इनफ्लूएंजा और नोवल कोरोनावायरस से डबल प्रोटेक्शन दे सकता है। इसके ट्रायल्स पूरे होने में एक साल का वक्त लग सकता है।

चीनी कंपनी का दावा हमारा वैक्सीन सेफ

  • इस बीच, चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप कंपनी ने कहा कि उसके वैक्सीन के दो शॉट्स के बाद भी किसी भी वॉलेंटियर में कोई साइड-इफेक्ट या प्रतिकूल रिएक्शन नहीं आई है। अब तक सैकड़ों लोगों को यह वैक्सीन लगाया गया है।
  • सिनोफार्म ग्रुप कंपनी की सब्सिडियरी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप कंपनी के वैक्सीन को चीन में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल दिया गया है। फेज-3 ट्रायल्स पूरा होने से पहले ही इस वैक्सीन को फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाया गया है।

कोविड-19 वैक्सीन अपडेट

  • दुनियाभर में कोविड-19 के लिए 180 वैक्सीन बन रहे हैं
  • 35 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स के स्टेज में है। यानी इनके ह्यूमन ट्रायल्स चल रहे हैं।
  • 9 वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स चल रहे हैं। यानी यह सभी वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल्स के अंतिम फेज में रहै।
  • इन 9 वैक्सीन में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन), मॉडर्ना (अमेरिका), गामालेया (रूस), जानसेन फार्मा कंपनीज (अमेरिका), सिनोवेक (चीन), वुहान इंस्टिट्यूट (चीन), बीजिंग इंस्टिट्यूट (चीन), कैनसिनो बायोलॉजिक्स (चीन) और फाइजर (अमेरिका) के वैक्सीन शामिल हैं।
  • 145 वैक्सीन प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स स्टेज में है। यानी लैब्स में इनकी टेस्टिंग चल रही है।


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Coronavirus Vaccine Tracker India USA Latest News Update | AstraZeneca claims Vaccine still possible by year-end | Scientists say the pause on trails is good to crate a safe vaccine


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में एजुकेशन कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे; नई पॉलिसी पर चर्चा के लिए सरकार शिक्षा पर्व मना रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में एजुकेशन कॉन्क्लेव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हो रहे इस कॉन्क्लेव- '21वीं सदी में स्कूली शिक्षा' का आज दूसरा और आखिरी दिन है।

25 सितंबर तक शिक्षा पर्व चलेगा
शिक्षा पर्व के सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय एजुकेशन कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है। नई शिक्षा नीति को आगे ले जाने के लिए मंत्रालय ने 8 सितंबर को शिक्षा पर्व की शुरूआत की थी, जो 25 सितंबर तक चलेगा। इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर चर्चा के लिए देशभर में वेबिनार, वर्चुअल कॉन्फ्रेंस औक कॉन्क्लेव किए जा रहे हैं।

नई शिक्षा नीति के जरिए हायर एजुकेशन में बदलाव और सुधारों के विषय पर इसी हफ्ते एक कॉन्फ्रेंस हुई थी। 7 सितंबर को इसके ओपनिंग सेशन को मोदी ने ही संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि नई पॉलिसी में पढ़ने की बजाय सीखने पर फोकस है। सरकार ने पैशन, प्रैक्टिकल और परफॉर्मेंस पर जोर दिया है।

नई नीति में नॉलेज पर फोकस
सरकार ने जुलाई में नई शिक्षा नीति की घोषणा की थी। 34 साल बाद एजुकेशन पॉलिसी को बदला गया है। नई नीति में स्कूल एजुकेशन और हायर एजुकेशन को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं। सभी स्कूलों में कक्षा पांचवीं तक के बच्चों को अब मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा। नई नीति में नॉलेज पर फोकस करते हुए देश को ग्लोबल सुपरपावर बनाने पर जोर दिया गया है।



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मोदी का कहना है कि नई एजुकेशन पॉलिसी में पढ़ने की बजाय सीखने पर फोकस है। सरकार ने पैशन, प्रैक्टिकल और परफॉर्मेंस पर जोर दिया है। (फाइल फोटो)


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इस साल कृषि उत्पादन 4% बढ़ा, लेकिन आमदनी बढ़ी सिर्फ 10%; इस रफ्तार से तो डबल होने से रही किसानों की आय

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने सालाना रिपोर्ट में दावा किया है कि देश में कृषि उत्पादन बढ़ा है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। लेकिन, जब आप इन आंकड़ों का मिलान एनएसएसओ के आंकड़ों से करते हैं तो पता चलता है कि केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का टारगेट अब भी दूर है।

कृषि उत्पादन दो साल में 117 लाख टन बढ़ा

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक देश में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कृषि उत्पादन साल-दर-साल बढ़ रहा है। 2017-18 में दो हजार 850 लाख टन कृषि उत्पादन था। 2018-19 में तकरीबन वहीं था, लेकिन 2019-20 में फिर 4% बढ़ गया और दो हजार 967 लाख टन हो गया। कृषि उत्पादन जिसमें मुख्य रूप से अनाज, दलहन और तिलहन आते हैं, वह दो साल में 117 लाख टन बड़ा है।

हॉर्टिकल्चर उत्पादन 87 लाख टन बढ़ा

देश में हॉर्टिकल्चर उत्पादन जिसमें मुख्य रूप से सब्जियां और फल आते हैं भी बढ़ा है। आरबीआई के एनुअल रिपोर्ट के अनुसार देश में हॉर्टिकल्चर उत्पादन 2017-18 से 2019-20 के बीच दो साल में 2.81% बढ़ा है। वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में एक साल में यह 3% से ज्यादा बढ़ा है। पिछले एक साल में हॉर्टिकल्चर उत्पादन 87.58 लाख टन बढ़ा है और पिछले दो साल में यह 93 लाख टन से ज्यादा बढ़ा है।

किसान परिवारों की आय बढ़ी 4 हजार

केंद्र सरकार के संगठन नेशनल सैम्पल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन यानी एनएसएसओ के मुताबिक 0.1 हैक्टेयर से कम जमीन रखने वाेल किसान अब भी महीने सात हजार 300 रुपए तक कमा पा रहे हैं। जिन किसानों के पास एक से दो हैक्टेयर जमीन है, उनके परिवारों की आय 11 हजार 810 रुपए है। 4 से 10 हैक्टेयर जमीन वाले बड़े किसानों की आय 31 हजार 560 रुपए है। औसत आय देखें तो छह साल में किसान परिवारों की कमाई सिर्फ चार हजार रुपए बढ़ी है। केंद्र सरकार हर छोटे किसान परिवार को सालाना 6 हजार रुपए पीएम-किसान निधि देती है। यह उनकी सालाना आय का महज 6% है।



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Agricultural Production Data India With Income and Facts Update | Horticulture Agricultural Production Increased By In Six Years


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पुणे की मेघा सलाद बेचकर हर महीने कमाने लगीं एक लाख रुपए, 3 हजार रुपए से काम शुरू किया था

ऑफिस जाने से पहले टिफिन के लिए हर रोज सलाद तैयार करना बड़ा उबाऊ लगता था, ऐसा लगता था कि लंच टाइम में यदि कोई फ्रेश सलाद दे दे तो कितना अच्छा हो। फिर सोचा क्यों न ये काम मैं ही करूं। न इसमें कोई इन्वेस्टमेंट करना था और न ही कोई रिस्क। 3 हजार रुपए से काम शुरू किया था, लॉकडाउन के पहले तक महीने की इनकम 75 हजार से 1 लाख रुपए तक पहुंच गई थी। पुणे की मेघा ने अपने स्टार्टअप की पूरी कहानी बताई...

मेघा ने स्टार्टअप शुरू किया, लेकिन जॉब नहीं छोड़ी। वे एक रियल एस्टेट कंपनी में 15 सालों से नौकरी कर रही हैं।

मेरा नाम मेघा बाफना है। पुणे में रहती हूं। पिछले 15 सालों से रियल एस्टेट सेक्टर में काम कर रही हूं। सलाद तैयार करना, उसमें एक्सपेरिमेंट करना मुझे बीते कई सालों से पंसद है। 2017 में सोचा कि क्यों न अपने टेस्ट से दुनिया को रूबरू करवाया जाए। बस यही सोचकर मैंने चार लाइन का एक क्रिएटिव ऐड तैयार किया और उसे वॉट्सऐप पर अपने फ्रेंड्स के ग्रुप में शेयर कर दिया।

पहले दिन मुझे 5 पैकेट का ऑर्डर मिला था। तब पैकेजिंग, डिलीवरी, क्वांटिटी का कोई आइडिया नहीं था। लेकिन, मुझे अपने सलाद के टेस्ट पर बहुत यकीन था। मैं सुबह साढ़े चार बजे उठती थी और साढ़े छह बजे तक सलाद की पैकिंग से पहले की तैयार करती थी। फिर सब्जियां लेने मार्केट चली जाती थी, तब तक जो मसाला तैयार करके जाती थी वो ठंडा होता था। साढ़े सात बजे से सब्जियों को साफ करने और काटने का काम शुरू करती थी और साढ़े नौ बजे तक पैकिंग हो जाती थी।

मेघा प्लास्टिक कंटेनर में सलाद पैक करके देती हैं। पैकिंग का कोई आइडिया नहीं था, सब एक्सपेरिमेंट करते-करते सीखा।

शुरूआत 5 तरह के सलाद से की थी। इसमें चना चाट, मिक्स कॉर्न, बीट रूट, पास्ता सलाद शामिल थे। घर में जो मेड काम करने आती थीं, उन्हीं के बेटे को डिलीवरी के लिए रख लिया था। मैं पैकिंग करके मार्केट चली जाती थी, फिर दस बजे तक डिलीवरी बॉय आता था जो अगले 2 घंटे में सलाद कस्टमर तक पहुंचा देता था। एक हफ्ते तक 6 पैकेट ही जाते रहे, फिर मेरे दोस्तों से उनके दोस्तों को पता चला। सभी को टेस्ट पसंद आ रहा था, तो अगले हफ्ते 25 पैकेट जाने लगे। तीसरे हफ्ते में 50 हो गए। फिर अगले 5 महीने तक यही चलता रहा।

फिर मैंने फेसबुक पर पुणे की लेडीज के एक ग्रुप पर अपने सलाद की फोटोज और मैन्यू को शेयर किया। वहां से मुझे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला। कई कंपनियों, स्कूलों और घरों से फोन आए। मुझे सीधे 60 से 70 नए क्लाइंट मिल गए और करीब 150 कस्टमर्स बन गए। शुरुआत में मुझे क्वांटिटी की कोई नॉलेज नहीं थी। कभी सलाद बहुत कम पड़ जाता था, तो कभी बहुत ज्यादा बन जाता था। फिर मैंने क्वांटिटी लिखनी शुरू की, मेजरमेंट बनाया। कुछ दिनों में आइडिया होने लगा कि कितने पैकेट के लिए कितना मसाला तैयार करना है।

अब मेघा ने 19 लोगोंं को रोजगार दे रखा है। महिलाएं चॉपिंग करती हैं, पुरुष डिलीवरी करते हैं। हालांकि, लॉकडाउन में सब बंद रहा।

पैकिंग की भी कोई नॉलेज नहीं थी। शुरुआत में पेपर कंटेनर में डिलीवरी देती थी। उसमें लीकेज की प्रॉब्लम आती थी। फिर मार्केट में जाकर खोजबीन की और प्लास्टिक कंटेनर में डिलीवरी देनी शुरू की। पहले मैंने सलाद के दो प्राइज रखे थे, एक 59 और दूसरा 69। नो प्रॉफिट, नो लॉस पर शुरूआत करने का सोचा था, लेकिन डेढ़ महीने बाद ही मुझे प्रॉफिट होने लगा। हर महीने 5 से 7 हजार रुपए बचने लगे। धीरे-धीरे कस्टमर बढ़े तो प्रॉफिट बढ़ने लगा। लॉकडाउन के पहले तक मेरे पास 200 कस्टमर्स हो गए थे और महीने की बचत 75 हजार से 1 लाख रुपए तक थी। चार साल में इस स्टार्टअप से मैंने करीब 22 लाख रुपए जोड़े।

मेघा कहती हैं कि मेरी रेसिपी तो आपको गूगल पर भी नहीं मिलेगी।

अब फ्रेंचाइजी देने का प्लान है। बहुत लोगों की इंक्वायरी आ रही है। हालांकि जब तक ये महामारी खत्म नहीं होगी, तब तक फ्रेंचाइजी नहीं दूंगी। मुझे मेरे परिवार से बहुत सपोर्ट मिला। पति और सास-ससुर ने हर चीज में सपोर्ट किया, तभी मैं ये सब कर पाई। अगस्त से काम फिर शुरू किया है। जॉब भी साथ में चल रही है। मैंने एक्सपेरिमेंट करना अब भी बंद नहीं किया। कुछ न कुछ नया करती रहती हूं। पानी पुरी वाले फ्लेवर में पानी पुरी का ही टेस्ट आए, इसके लिए बहुत मेहनत की। मेरी ये रेसिपी गूगल पर भी नहीं मिलेंगी, क्योंकि ये मैंने खुद इन्वेंट की हैं और मेरे टेस्ट के चलते ही कस्टमर्स का रिस्पॉन्स मिला।

अब मैं 300 ग्राम क्वांटिटी का पैक देती हूं। इसे खाने के बाद लंच करने की जरूरत भी नहीं पड़ती। प्राइज 100 और 110 रुपए है। 500 रुपए में वीकली पैकेज भी देती हूं। मेरी सफलता का राज यही है कि, मैंने वो काम चुना जिसे करने में मुझे बहुत मजा आता है। सलाद के फ्लेवर इधर-उधर से कॉपी करने के बजाए खुद इन्वेंट करता गई, जिससे कस्टमर्स बढ़ते गए। लॉकडाउन के पहले तक 10 डिलीवरी बॉय और 9 महिलाओं को मैं काम दे रही थी। कोरोनावायरस खत्म होने के बाद काम फिर से रफ्तार पकड़ लेगा।



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मेघा बाफना अपने 9 महीने के बेटे के साथ। लॉकडाउन के बाद अगस्त से फिर काम शुरू कर चुकी हैं।


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ड्रग्स केस में गिरफ्तार रिया की जमानत पर फैसला आज; सुशांत मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा ईडी नया केस दर्ज कर सकता है

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल सामने आने के बाद गिरफ्तार हुईं रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक की जमानत पर फैसला आज आएगा। मुंबई की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को फैसला रिजर्व रख लिया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद रिया ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपील की थी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने रिया को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। उधर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रिया के खिलाफ नया केस दर्ज कर सकता है।

अदालत में रिया के वकील की 3 दलीलें

1. एनसीबी ने पूछताछ के दौरान रिया पर आरोप कबूलने का दबाव बनाया था।

2. रिया से पूछताछ के दौरान कोई महिला अधिकारी मौजूद नहीं थी।

3. रिया की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। उनकी आजादी पर मनमाने तरीके से रोक लगाई गई, उन्हें फंसाया जा रहा है।

रिया की जमानत के खिलाफ एनसीबी की 4 दलीलें

1. रिया से पूछताछ के दौरान प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया।

2. रिया के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक्स एविडेंस हैं।

3. ड्रग्स मामले में गिरफ्तार कई लोगों ने रिया से संपर्क की बात कबूली है।

4. इस केस में जब्त की गई ड्रग्स की मात्रा भले ही कम है, लेकिन कीमत 1 लाख 85 हजार 200 रुपए है।

ईडी ड्रग्स केस में पैसों के लेन-देन की जांच कर सकता है
सुशांत केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा ईडी नया मामला दर्ज कर सकता है। ईडी के एक अफसर का कहना है, "नया केस दर्ज करने के लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं। पहले हमने सुशांत के पिता केके सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया था, जो सुशांत के बैंक खाते से पैसे निकालने से जुड़ा था। जबकि, नया मामला एनसीबी की जांच के नतीजों के आधार पर होगा, क्योंकि ड्रग्स मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं। ईडी ड्रग तस्करी और ड्रग खरीद से कमाए गए पैसे का एंगल भी देखेगा।"



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फोटो बुधवार की है। रिया की जमानत अर्जी लोअर कोर्ट से खारिज होने के बाद एक्ट्रेस ने सेशन कोर्ट में अपील की थी।


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WHO बोला- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ट्रायल रुकना चेतावनी, शोधकर्ता निराश न हों, चीन में पहले नेजल वैक्सीन के ट्रायल को अनुमति; अब तक 2.83 करोड़ केस

कोरोनावायरस को महामारी घोषित हुए 6 महीने बीत चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 11 मार्च को इसका ऐलान किया था। हालांकि स्थितियां अभी भी गंभीर बनी हुई हैं। वैक्सीन आने में अभी भी काफी वक्त है। हाल ही में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका कंपनी के वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया गया। इस पर डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैक्सीन का ट्रायल रोके जाने को एक चेतावनी के तौर पर देखा जाना चाहिए। हालांकि, वैज्ञानिकों को इसे ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसी भी क्लीनिकल रिसर्च में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं।

कोरोना के चलते दुनिया में 2 करोड़ 83 लाख 22 हजार 716 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 9 लाख 13 हजार 900 लोगों की इससे जान जा चुकी है। अच्छी बात यह है कि 2 करोड़ 3 लाख 38 हजार 259 लोग ठीक भी हो चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/39bx8wZ से लिए गए हैं।

जहां से कोरोना निकला, वहां से एक बड़ी खबर
चीन ने अपने पहले नेजल (नाक से लिए जाने वाले) कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को अनुमति दे दी है। इसके पहले फेज का क्लीनिकल ट्रायल नवंबर में शुरू होगा, जिसके लिए 100 वॉलंटियर्स तैनात किए जा रहे हैं। वैक्सीन को यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्गकॉन्ग, शियामेन यूनिवर्सिटी और बीजिंग की वान्ताई बायोलॉजिकल फॉर्मेसी मिलकर तैयार कर रही हैं।

हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता यूएन क्वोक-युंग के मुताबिक, 3 ट्रायल्स करीब एक साल में खत्म होंगे। ये वैक्सीन दोहरी सुरक्षा यानी इन्फ्लुएंजा और नॉवेल कोरोनावायरस से सुरक्षा देगी।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 65,88,163 1,96,328 38,79,960
भारत 45,59,725 79,304 35,39,983
ब्राजील 42,39,763 1,29,725 34,9,337
रूस 10,46,370 18,263 8,62,373
पेरू 7,10,067 30,344 5,44,745
कोलंबिया 6,94,664 22,275 5,59,479
मैक्सिको 6,52,364 69,649 4,58,850
साउथ अफ्रीका 6,44,438 15,265 5,73,003
स्पेन 5,54,143 29,699 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 5,24,198 10,907 3,90,098


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भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल रोक दिया है। -फाइल फोटो


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वैश्विक मैन्यूफैक्चरर्स को लुभाने के लिए 1.7 लाख करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज ला सकती है मोदी सरकार

(अभिजीत राॅय चौधरी) देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार और कदम उठाने जा रही है। मामले से जुड़े जानकारों ने बताया कि माेदी सरकार देश में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना चाहती है। इसके लिए वह 1.68 लाख करोड़ रुपए (23 अरब डॉलर) का प्रोत्साहन पैकेज लाने की तैयारी कर रही है।

ब्लूमबर्ग को मिले दस्तावेजों से पता लगता है कि सरकार ऑटोमोबाइल, सौर पैनल निर्माताओं और उपभोक्ताओं से जुड़े इस्पात के उपकरण बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन की पेशकश करेगी। इसके साथ ही कपड़ा इकाइयों, खाद्य प्रसंस्करण संयंत्रों और विशेष फार्मा उत्पाद निर्माताओं को भी योजना के तहत देश में लाने पर विचार किया जा रहा है। यह प्रोत्साहन कार्यक्रम, देश की नीति नियोजन संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा है।

इसी ने इस साल के शुरू में चीन से बाहर अपने प्लांट लगाने का सोच रहीं कंपनियों को आकर्षित किया था। इनमें सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन के रूप में जानी जाने वाली होन हाई प्रीसिजन इंडस्ट्री आदि शामिल हैं।



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यह प्रोत्साहन कार्यक्रम, देश की नीति नियोजन संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा है। (फाइल फोटो)


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भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक में 5 पॉइंट पर सहमति; बातचीत जारी रखते हुए सैनिक हटेंगे, माहौल बिगाड़ने वाली कार्रवाई नहीं होगी

लद्दाख में ताजा तनाव के बीच भारत-चीन विवाद सुलझाने के लिए 5 पॉइंट के प्लान पर सहमति बनी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की गुरुवार शाम मॉस्को में बातचीत हुई। दोनों शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मीटिंग में हिस्सा लेने मॉस्को गए हैं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार सुबह बयान जारी कर विदेश मंत्रियों की बातचीत की डिटेल दी।

इन 5 पॉइंट पर सहमति बनी
1.
बॉर्डर के इलाकों में मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है। दोनों देशों के जवानों को बातचीत जारी रखते हुए तेजी से डिसएंगेजमेंट (विवादित इलाकों से सैनिक हटाने का काम) करना चाहिए। एक-दूसरे से तय दूरी रखते हुए तनाव कम करना चाहिए।
2. रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच पहले जो एकराय (कन्सेन्सस) बनी थी, उससे गाइडेंस लेना चाहिए। मतभेदों की वजह से तनाव नहीं होना चाहिए।
3. दोनों देशों को सीमा से जुड़े मामलों में सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल को मानना चाहिए। बॉर्डर के इलाकों में शांति रखते हुए ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका हो।
4. बॉर्डर पर स्थिति सुधरते ही दोनों देशों को तेजी से काम करना चाहिए, ताकि शांति बनाए रखने और आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए नए उपाय पूरे किए जा सकें।
5. स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (SR) मैकेनिज्म के जरिए बातचीत होती रहेगी। वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (WMCC) की बैठकें भी जारी रहेंगी।

चीन ने 4 दिन में 2 बार घुसपैठ की कोशिश की थी
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वैसे तो मई से ही तनाव बना हुआ है, लेकिन 29-30 अगस्त की रात चीन की घुसपैठ की कोशिश से माहौल और बिगड़ गया। चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जा करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के आर्मी अफसरों के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन इसी बीच चीन ने 4 दिन में दूसरी बार घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन हर बार नाकाम रहा।

चीन ने गलती मानने की बजाय भारत पर आरोप लगाए, सेना ने खारिज किए
इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए, लेकिन उसने कबूला नहीं। अगस्त की ताजा घटना पर चीन ने उल्टा भारत को दोष देते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जवानों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पार की और फायरिंग की। भारतीय सेना ने इसके जवाब में कहा, "ना तो हमने सीमा पार की और ना ही गोलियां चलाईं।"

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विदेश मंत्री एस जयशंकर (बाएं) शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग में हिस्सा लेने मॉस्को गए हैं। गुरुवार को वहीं पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से सीमा विवाद पर चर्चा हुई। (फाइल फोटो)


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अमेरिका की तुलना में भारत में करीब 3 गुना मरीज बढ़ रहे; देश में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 96 हजार 760 संक्रमित मिले, अब तक 45.59 लाख मामले

देश में कोरोना के मामलों के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 96 हजार 760 मरीज बढ़े। इसके साथ अब तक मरीजों की संख्या बढ़कर 45 लाख 59 हजार 725 हो गई है। अगर हम सबसे प्रभावित देश अमेरिका से तुलना करें तो पिछले पांच दिन में भारत में मरीजों की संख्या करीब तीन गुना बढ़ी है। गुरुवार को अमेरिका में सिर्फ 38 हजार 811 केस आए और 1090 लोगों की मौत हुई।

उधर, देश में मृत्युदर घट रही है। पिछले आठ दिन में यह 1.70% से घटकर 1.67% पर आ गई है। लेकिन पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उत्तराखंड, केरल और असम की बढ़ती मृत्युदर ने चिंता में डाल दिया है। दूसरी तरफ, सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, उप्र, तेलंगाना जैसे राज्यों में यह दर तेजी से कम हो रही है।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

कोरोना महामारी को राज्य में शुक्रवार को 5 महीने 17 दिन हो गए। इस दौरान इस महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार अब तक 350 करोड़ रु. खर्च कर चुकी है। इनमें से भी 125 करोड़ रुपए सिर्फ कोरोना की जांचों पर खर्च हुए। फिर भी संक्रमण बेकाबू है। गुरुवार को प्रदेश में रिकॉर्ड 2187 नए केस मिले।

राजधानी में 206 नए केस मिले, जबकि 5 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 मरीज भोपाल के थे। कुल मरीज अब 13550 हो गए हैं। नए संक्रमितों में सर्वाधिक 25 मरीज होशंगाबाद रोड और 20 मरीज कोलार रोड की कॉलोनियों के रहने वाले हैं। इंदौर में गुरुवार को 326 नए केस मिले। छह की मौत हो गई। कुल मरीज 16090 हो गए हैं।

2. राजस्थान
राज्य में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। गुरुवार को अब तक के सबसे ज्यादा 1640 नए संक्रमित मिले। इसी के साथ कुल मरीज 97 हजार 376 हो गए हैं। वहीं, 14 मौतें भी हुईं और मृतकों की कुल संख्या 1192 हो गई। गुरुवार को जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर के दो-दो, सवाई माधोपुर, पाली, कोटा, चूरू, बाड़मेर और अलवर का एक-एक मरीज की जान गई।

गुरुवार को रतनगढ़ सीट से विधायक अभिनेष महर्षि और भोपालगढ़ सीट से आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ राज्य में अब तक 14 विधायक संक्रमित हो चुके हैं। उधर, 10 दिन से बीमार बामनवास विधायक इंदिरा मीणा को सांस की तकलीफ बढ़ने और संक्रमण को देखते हुए जयपुर लाया गया।

3. बिहार
राज्य में पिछले 24 घंटे में 11 लाख 2 हजार199 सैंपल की जांच हुई। उधर, राजद के कद्दावर नेता इलियास हुसैन की पत्नी सलमा खातून (65) की गुरुवार देर रात मौत हो गई। उनकी कोरोना रिपोर्ट 24 अगस्त को पॉजिटिव आई थी।
उधर, पटना जिले में गुरुवार को 209 मरीज मिले। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 23116 हो गई है। इनमें 20911 मरीज ठीक हाे चुके हैं। अभी 2111 एक्टिव केस हैं। रिकवरी रेट 90% पर पहुंच गया है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में शुक्रवार को कोरोना के मामले 10 लाख हो जाएंगे। अब तक 9 लाख 90 हजार 795 लोग संक्रमित हो चुके हैं। उधर, मुंबई के धारावी इलाके में 11 और मरीज मिले। इसके साथ यहां कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2850 हो गई है। फिलहाल यहां सिर्फ 102 एक्टिव मरीज हैं।

उधर, मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

5. उत्तरप्रदेश

राज्य में एक हफ्ते से 5 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। गुरुवार को 6 हजार 988 मरीज सामने आए। इसके साथ राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा अब 2 लाख 92 हजार 29 पर पहुंच गया है। इनमें 2 लाख 21 हजार 506 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 66 हजार 317 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। राज्य में अब तक 70.67 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।



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राजनीति और व्यापार अलग मुद्दे हैं, इन्हें उनके रास्तों पर छोड़ देना चाहिए, खासकर तब जब आप चीन से निपट रहे हों

इतिहास की यह आदत होती है कि वह खुद को दोहराता है। कई बार तो यह उन लोगों को शर्मिंदा करता है, जो बहुत ही जोरशोर के साथ इस पर सवाल उठाते हैं। पिछले छह सालों से नरेंद्र मोदी बार-बार नेहरू वंश की विफलता की ओर अंगुली उठाते रहे हैं। हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उनका मुख्य निशाना रहे हैं। इसलिए यह उचित रहेगा कि इस चर्चा को नेहरू से शुरू किया जाए।

भारत के भविष्य का नेतृत्व करने के दावेदारों में नेहरू ही महात्मा गांधी के लिए वास्तविक विकल्प थे। उनके पास तब एक शक्तिहीन ब्रिटिश कालोनी रहे भारत को एक विश्व स्तरीय देश बनाने के लिए एक स्पष्ट दृष्टि और रोडमैप था। नेहरू में भी कमियां थीं। हर महत्वपूर्ण काम में उसकी अपनी समस्याएं होती हैं और नेहरू उनमें कुछ का समाधान करने में विफल रहे। उन्होंने उस समय के दुनिया के महान नेताओं का अनुसरण किया।

वह जानते थे कि वह भारत को कहां ले जाना चाहते हैं और यह भी एक उपलब्धि थी, जिसने दुनिया के नेताओं को आज अपने देशों को चलाने का रास्ता दिखाया। आपको उनका आकलन उनके समय के संदर्भ और उस समय हावी रहे विचारों के आधार पर करना चाहिए। उन्होंने नासीर, टीटो, सुकर्णो और क्वामे को लेकर निर्गुट आंदोलन के माध्यम से भारत के लिए विशेष भूमिका तैयार की।

ये सभी महान नेता थे, जो बड़ी ताकतों के प्रभाव से मुक्त रहना चाहते थे। लेकिन नेहरू की सबसे बड़ी गलती चीन थी। अगर आप उस समय माओ के रहस्यपूर्ण चरित्र पर विचार करेंगे तो यह ऐसी गलती होना आसान था। वह उस समय उभरती दुनिया के एक बड़े नायक थे और नेहरू उनकी चमक से वशीभूत हो गए। वह भारत-चीन दोस्ती पर एशिया के खड़े होने का सपना देखने लगे। उन्होंने अपनी विदेश नीति को भी पंचशील पर आधारित कर दिया।

पंचशील यानी शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के वे पांच सिद्धांत, जिनके बारे में कहा जाता था कि इनको भारत और चीन दोनों मानते हैं। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ते प्रेम ने इसे अनिवार्य बना दिया था। यह तो 1954 में पता चला कि चीन भारत के एक बड़े हिस्से पर अपना दावा कर रहा था। नेहरू हार नहीं मानना चाहते थे। उन्होंने समस्या को चुपचाप और राजनयिक स्तर पर हल करने की कोशिश की। आज की तरह उस समय भी विस्तारवादी रहे चीन ने इसका फायदा उठाया। 1962 की लड़ाई ने नेहरू को तोड़ दिया और 18 महीने के बाद उनकी मौत हो गई।

रोचक यह है कि उनके तीखे आलोचक नरेंद्र मोदी आज वैसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं। उन्होंने भी भारत-चीन दोस्ती के आधार पर उभरते एशिया का सपना देखा था। उन्होंने भी चीन से दोस्ती पर आधारित विदेश नीति बनाई। लेकिन शी जिनपिंग के साथ 18 मुलाकातों के बाद मोदी को अहसास हुआ कि चीन से प्यार नहीं हो सकता।

वह कभी भी बिना बड़ी कीमत मांगे एक इंच नहीं दे सकता। जिस तरह से चीन के साथ विवाद के समय नेहरू जॉन एफ. केनेडी के पास गए थे, वैसे ही मोदी ने यह जानकर कि अमेरिका और चीन में संबंधों में इस समय तनाव है, इस समीकरण में ट्रंप को लाने की कोशिश की है। लेकिन नेहरू से अलग मोदी ने जवाब दिया है। एलएसी पर जवाबी हमले ने दिखाया है कि 2020 का भारत 1962 के भारत की तरह नहीं है।

मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर टिक टॉक और 117 अन्य एप्स पर प्रतिबंध लगाकर कुछ बड़ी चीनी कंपनियों की कीमत में कई अरब की कटौती कर दी है। ट्रम्प ने भी टिक टॉक को किनारे करके अपना समर्थन दिखाया है। उन्हें उम्मीद है कि इसके बदले में भारतीय अमेरिकी आने वाले चुनावों में उनको समर्थन देंगे। लेकिन हकीकत यह है कि ट्रम्प पहले से ही अपने स्तर पर हुवावे जैसी चीनी कंपनियों को दबा रहे हैं।

क्या चीनी एप पर प्रतिबंध से हम आत्मनिर्भर हो जाएंगे? शायद नहीं। अर्थव्यवस्था मुफ्त एप से नहीं आंकी जाती। हालांकि अक्षय कुमार पब्जी को फौजी से बदलना चाहते हैं। क्या होगा अगर चीन भारतीय इस्पात को प्रतिबंधित कर दे? महामारी के बावजूद अप्रैल से जुलाई के बीच चीन की भारी खरीदारी की वजह से भारतीय इस्पात का निर्यात दो गुना हो गया है।

चीन को हमारा वार्षिक निर्यात 16 अरब डॉलर (1175 अरब रुपए) है। जिन देशों को हम निर्यात करते हैं, उनमें चीन का तीसरा स्थान है। हालांकि हम चीन से 70 अरब डॉलर का आयात करते हैं, जो उनके कुल आयात का सिर्फ दो फीसदी है। स्पष्ट है कि अगर चीन जवाबी कार्रवाई करता है तो हमें नुकसान उठाना पड़ेगा। देश के टॉप 30 यूनिकॉर्न में से 18 चीनियों द्वारा वित्त पोषित हैं।

देश में 350 करोड़ डॉलर का चीनी निवेश है, जो बढ़ रहा है। लेकिन जो सबसे अहम है, वह है कि चीन का दावा है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन तैयार है। अगर आप साजिश की कहानियों पर भरोसा करते हैं तो दुनिया को जानबूझकर या अनजाने में कोरोनावायरस देने वाला चीन आज इससे लड़ने को लेकर सबसे मजबूती से तैयार है। उनके पास महामारी से पहले ही इलाज भी उपलब्ध रहा होगा।

जब हजारों लोग मर रहे हैं तो क्या हम इसे नजरअंदाज कर सकते हैं। और जिस वुहान से यह शुरू हुआ, वहां पर मास्क को तिलांजलि दी जा चुकी है और पार्टियां शुरू हो गई हैं। राजनीति और व्यापार अलग मुद्दे हैं। इन्हें उनके रास्तों पर छोड़ देना चाहिए। खासकर तब जब आप चीन से निपट रहे हों। (ये लेखक के अपने विचार हैं)



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प्रीतीश नंदी, वरिष्ठ पत्रकार व फिल्म निर्माता


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महामारी के बाद किसी को नहीं मालूम, क्या चलेगा-क्या नहीं; कुछ का मानना- दर्शक बेहतर कंटेंट ढूंढेंगे, कुछ बोले- दर्शक सितारा केंद्रित सिनेमा ही पसंद करेंगे

कोविड 19 ने दुनियाभर की फिल्म इंडस्ट्री को बेहाल कर दिया है, लेकिन कुछ कलाकार हैं, जिन्होंने रुकने से इंकार कर दिया है। एक सितंबर को अमेजन प्राइम पर एक ऐसी फिल्म रिलीज़ हुई, जो पूरी तरह लॉकडाउन में शूट हुई। मलयाली फिल्म है ‘सी यू सून’ इसमें मुख्य भूमिका में हैं फहाद फासिल और रौशन मैथ्यूू। निर्देशक हैं महेश नारायण।

फिल्मों में नवाचार हिंदी सिनेमा कर रहा है या भारत का क्षेत्रीय सिनेमा? पिछले पांच सालों को देखें, तो बॉलीवुड से बाहर की फिल्मों ने फॉर्मूला ध्वस्त कर दिया। जैसे पिछले साल ‘कुम्बलंगी नाइट्स’, ‘वायरस’ आई थी। तमिल में देखें तो ‘सुपर डीलक्स’ देखकर लगता है कि वाव! हिंदी सिनेमा में तो हमने ऐसा कुछ देखा ही नहीं। कुछ साल पीछे जाएं तो ‘बाहुबली।’ उसने तो अलग कीर्तिमान ही रच दिया।

इन सबमें कॉमन चीज है कि ये सब बॉलीवुड से बाहर की फिल्में हैं। ऐसा नहीं कि हिंदी सिनेमा में अच्छा काम नहीं हुआ। पर जो भी फिल्में सोच के बाहर थीं, वो सब बाहर बन रही हैं। आप टॉप फाइव इंडिया का बॉक्स ऑफिस देखें तो सिर्फ एक ही हिंदी फिल्म है दंगल, वह भी चौथे पायदान पर। पहली और दूसरी पर है ‘बाहुबली’। तीसरी है ‘2 पॉइंट 0’, जो तमिल फिल्म है। पांचवी ‘एवेंजर्स एंडगेम’ है।

इन हालातों की कई वजहें हैं। बॉलीवुड में सब कहते तो हैं कि कंटेंट किंग है, लेकिन इस पर अमल नहीं करते। आज भी पटकथा लेखकों और पटकथा को उतना महत्व नहीं दिया जाता। महामारी से पहले थिएटर में टिकट की कीमतें, खासकर बड़ी फिल्मों की टिकट की कीमतें तो और ज्यादा थीं। सारा ध्यान ओपनिंग डे बॉक्स ऑफिस पर हो गया था। ज्या

दातर इसी के चलते निर्माताओं की सितारों पर निर्भरता हो गई थी। यह कहा और माना जाने लगा था कि सारा खेल रिलीज़ के बाद पहले तीन दिनों का है। सब यही चर्चा करते थे कि एक फिल्म की क्या ओपनिंग है। यह नहीं कि फिल्म अच्छी है या बुरी। साफ था कि आप सितारों के मोहताज हो गए थे।

ऐसे में बेतहाशा निवेश सिर्फ चंद सितारों के पीछे होने लगा। बाकी विभाग, जो फिल्मों की गुणवत्ता बेहतर कर सकते थे, वो हाशिए पर जाते गए। इससे फिल्म निर्माण का पूरा ईको सिस्टम सितारों के इर्द-गिर्द ही घूमता रहा। उसके बाद जो सोशल मीडिया, मीडिया भी उन्हीं फिल्मों के प्रति हाइप क्रिएट करते रहे। लेकिन इसमें शायद असली प्रतिभा खो गई।

कालांतर में फिर यह होने लगा कि जिस स्टार की एक फिल्म ही रिलीज हुई है, लेकिन अगर उसके एक मिलियन या दो मिलियन सोशल मीडिया फॉलोअर हैं, तो उन्हें प्राथमिकता मिलने लग जाती है।

हिंदी फिल्म मेकर्स को प्रयोगों से बचने की दलीलें आती रहीं हैं। वह यह कि उन्हें अपने कंटेंट से पूरे देश के दर्शकों को रिझाना है। साउथ के रीजनल सिनेमा का दर्शक वर्ग उतना विस्तृत नहीं है, जितना हिंदी का है। ऐसे में मुमकिन है कि कुछ प्रयोग हिंदी पट्टी को पसंद आएं, पर वेस्टर्न हिंदी पट्टी या मध्य हिंदी पट्टी को न आएं।

गैर-हिंदी भाषी फिल्मों के साथ यह चुनौती नहीं है। या मलयाली लोग तो वैसे भी साक्षर होते हैं। इन तर्कों को मैं बहाने मानती हूं। आप देखिए ‘सैराट’ जैसी पिक्चर ने पूरे भारत में अपील की थी। चलिए आप उसे भी मत गिनिए पर ‘बाहुबली’ देखिए न। वह तो पूरे भारत में चली, ग्लोबली चली। ये बस बहाने हैं।

इस महामारी के बाद किसी को नहीं मालूम, क्या चलेगा या क्या नहीं। इस बारे में हालांकि इंडस्ट्री के बड़े निर्देशकों से बातें हुई हैं। उनकी तरफ से बेहद द्विध्रुवीय बातें आ रही हैं। जैसे एसएस राजामौली का कहना है कि महामारी के बाद दर्शक ज्यादा बेहतर कंटेंट ढूंढेंगे। अब ऑडिएंस वह नहीं रहेगी, जो सलमान को शर्टलेस दिखाने से खुश हो जाएगी और तालियां बजाएगी।

महामारी के बाद जरूर उन पर तर्क करेगी कि भाई आप शर्ट क्यों उतरवा रहे हो। वहीं दूसरी तरफ कबीर खान, विशाल भारद्वाज और बाकी लोगों का मानना है कि वे तो वैसी फिल्में ही बनाएंगे। कोविड के बाद दर्शक और ज्यादा सितारा केंद्रित सिनेमा देखना ही पसंद करेगा। (ये लेखिका के अपने विचार हैं।)



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अनुपमा चोपड़ा


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देश के पहले 16 किमी लंबे एनिमल अंडरपास से 10 महीने में गुजरे साढ़े पांच हजार जंगली जानवर, 89 बार गुजरा बाघ, 78 कैमरों से हुई निगरानी

(अनिरुद्ध शर्मा) देश में पहली बार नेशनल हाइवे- 44 के 16 किमी के क्षेत्र में बनाए गए 9 एनिमल अंडरपास से 10 महीने में 89 बार बाघ के गुजरने की घटना दर्ज हुई। 18 किस्म के 5,450 जंगली जानवर इस अंडरपास से गुजरे। पेच टाइगर रिजर्व में बनाए गए दुनिया के सबसे लंबे इस एनिमल क्रॉसिंग स्ट्रक्चर से वन्यजीव व वाहनों के टकराने की हजारों घटनाएं भी टल गईं।

वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा एनिमल अंडरपास के जंगली जानवरों द्वारा किए जा रहे इस्तेमाल पर रिपोर्ट में यह बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉ. बिलाल हबीब ने कहा कि श्रीनगर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाले एनएच-44 को जब दो लेन से चार लेन में अपग्रेड करने की बात हुई, तो इस प्रोजेक्ट को मंजूरी ही इस शर्त पर मिली कि सघन जंगली इलाकों में जानवरों को गुजरने के लिए एनिमल क्रॉसिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएं।

महाराष्ट्र में एनएच-44 पर 255 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करके जानवरों को गुजरने के लिए 4 छोटे पुल व 5 एनिमल अंडरपास बनाए गए। केवल जानवरों के लिए समर्पित इस तरह का यह दुनिया का सबसे लंबा ढांचा है। इन ढांचों में जानवरों के आवागमन की निगरानी के लिए 78 कैमरे भी लगाए गए ताकि पता लगे कि जानवरों ने इनका कितना इस्तेमाल किया।

भविष्य के क्रॉसिंग स्ट्रक्चर कैसे डिजाइन किए जाएं या मौजूदा ढांचे में क्या सुधार जरूरी है, जिससे उनका इस्तेमाल बढ़े। मार्च से दिसंबर-2019 के दौरान सभी 9 ढांचों में लगे कैमरों से 1,26,532 चित्र लिए गए। सभी ढांचों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा चीतल ने 3,165 बार और जंगली सूअर ने 677 बार किया।

खरगोश, बिल्ली जैसे छोटे जानवरों को भी यहां से गुजरते हुए देखा गया। अधिकांश जानवरों ने रात में इन ढांचों का इस्तेमाल किया। बाघों के गुजरने के 89 मामले दर्ज हुए जिनकी पहचान 11 बाघों के रूप में हुई। इनमें से केवल एक बाघ केवल एक बार गुजरता दिखा जबकि बाकी 10 बाघों ने इन पुलों का बार-बार इस्तेमाल किया।

यह भी देखा गया जिन पुलों के नीचे से मानवीय आवागमन ज्यादा था, वहां जंगली जानवरों का गुजरना सबसे कम रहा। रिपोर्ट में पाया गया कि भालू छोटे अंडरपास में नहीं घुसता जबकि बाघ वहां से गुजर जाते हैं। मादा बाघ शावकों के साथ होती है, तो वह भी छोटे अंडरपास में नहीं घुसती। जिन अंडरपास व पुलों का बाघ ने इस्तेमाल किया, वहां से चीतल नहीं गुजरे।

एनिमल क्रॉसिंग स्ट्रक्चर से वन्यजीव व वाहनों के टकराव की हजारों घटनाएं टलीं

डॉ. हबीब ने कहा कि यदि यह ढांचा न होता तो जानवर सड़क पर वाहनों की आवाजाही के बीच से ही गुजरते और हर बार हादसों की संभावना बनी रहती। लेकिन इन ढांचों के बनने से हजारों हादसे टल गए। मिसाल के लिए जंगली भैंसा इस दौरान करीब 50 बार गुजरा जो 400 से 500 किलोग्राम वजन का होता हैै।

मान लीजिए किसी छोटी कार से उसकी टक्कर हो जाती तो गाड़ी का पलटना तय है। इससे जानवर तो जख्मी होता, साथ ही मानव जीवन व गाड़ी को भी बड़ा नुकसान होता। अगले 5-6 वर्षों में देश में करीब 50 हजार किमी लंबी नई सड़कें और पुरानी सड़कों का अपग्रेडेशन होना है। इसमें से करीब 20 हजार किमी हिस्सा देश के टाइगर रिजर्व से गुजरता है। उस लिहाज से यह रिपोर्ट भविष्य की सड़क योजना और वन्य जीव संरक्षण के मद्देनजर बहुत अहम है।



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पेच टाइगर रिजर्व में बनाए गए दुनिया के सबसे लंबे इस एनिमल क्रॉसिंग स्ट्रक्चर से वन्यजीव व वाहनों के टकराने की हजारों घटनाएं भी टल गईं।


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अमेरिका की तुलना में भारत में करीब 3 गुना मरीज बढ़ रहे; देश में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 96 हजार 760 संक्रमित मिले, अब तक 45.59 लाख मामले

देश में कोरोना के मामलों के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 96 हजार 760 मरीज बढ़े। इसके साथ अब तक मरीजों की संख्या बढ़कर 45 लाख 59 हजार 725 हो गई है। अगर हम सबसे प्रभावित देश अमेरिका से तुलना करें तो पिछले पांच दिन में भारत में मरीजों की संख्या करीब तीन गुना बढ़ी है। गुरुवार को अमेरिका में सिर्फ 38 हजार 811 केस आए और 1090 लोगों की मौत हुई।

उधर, देश में मृत्युदर घट रही है। पिछले आठ दिन में यह 1.70% से घटकर 1.67% पर आ गई है। लेकिन पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उत्तराखंड, केरल और असम की बढ़ती मृत्युदर ने चिंता में डाल दिया है। दूसरी तरफ, सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, उप्र, तेलंगाना जैसे राज्यों में यह दर तेजी से कम हो रही है।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

कोरोना महामारी को राज्य में शुक्रवार को 5 महीने 17 दिन हो गए। इस दौरान इस महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार अब तक 350 करोड़ रु. खर्च कर चुकी है। इनमें से भी 125 करोड़ रुपए सिर्फ कोरोना की जांचों पर खर्च हुए। फिर भी संक्रमण बेकाबू है। गुरुवार को प्रदेश में रिकॉर्ड 2187 नए केस मिले।

राजधानी में 206 नए केस मिले, जबकि 5 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 मरीज भोपाल के थे। कुल मरीज अब 13550 हो गए हैं। नए संक्रमितों में सर्वाधिक 25 मरीज होशंगाबाद रोड और 20 मरीज कोलार रोड की कॉलोनियों के रहने वाले हैं। इंदौर में गुरुवार को 326 नए केस मिले। छह की मौत हो गई। कुल मरीज 16090 हो गए हैं।

2. राजस्थान
राज्य में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। गुरुवार को अब तक के सबसे ज्यादा 1640 नए संक्रमित मिले। इसी के साथ कुल मरीज 97 हजार 376 हो गए हैं। वहीं, 14 मौतें भी हुईं और मृतकों की कुल संख्या 1192 हो गई। गुरुवार को जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर के दो-दो, सवाई माधोपुर, पाली, कोटा, चूरू, बाड़मेर और अलवर का एक-एक मरीज की जान गई।

गुरुवार को रतनगढ़ सीट से विधायक अभिनेष महर्षि और भोपालगढ़ सीट से आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ राज्य में अब तक 14 विधायक संक्रमित हो चुके हैं। उधर, 10 दिन से बीमार बामनवास विधायक इंदिरा मीणा को सांस की तकलीफ बढ़ने और संक्रमण को देखते हुए जयपुर लाया गया।

3. बिहार
राज्य में पिछले 24 घंटे में 11 लाख 2 हजार199 सैंपल की जांच हुई। उधर, राजद के कद्दावर नेता इलियास हुसैन की पत्नी सलमा खातून (65) की गुरुवार देर रात मौत हो गई। उनकी कोरोना रिपोर्ट 24 अगस्त को पॉजिटिव आई थी।
उधर, पटना जिले में गुरुवार को 209 मरीज मिले। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 23116 हो गई है। इनमें 20911 मरीज ठीक हाे चुके हैं। अभी 2111 एक्टिव केस हैं। रिकवरी रेट 90% पर पहुंच गया है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में शुक्रवार को कोरोना के मामले 10 लाख हो जाएंगे। अब तक 9 लाख 90 हजार 795 लोग संक्रमित हो चुके हैं। उधर, मुंबई के धारावी इलाके में 11 और मरीज मिले। इसके साथ यहां कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2850 हो गई है। फिलहाल यहां सिर्फ 102 एक्टिव मरीज हैं।

उधर, मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

5. उत्तरप्रदेश

राज्य में एक हफ्ते से 5 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। गुरुवार को 6 हजार 988 मरीज सामने आए। इसके साथ राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा अब 2 लाख 92 हजार 29 पर पहुंच गया है। इनमें 2 लाख 21 हजार 506 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 66 हजार 317 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। राज्य में अब तक 70.67 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।



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लोन के मामले में आम आदमी को राहत, लद्दाख में चीन पर हावी हुआ भारत और रिलायंस ने रच दिया इतिहास

कंगना और रिया से जुड़े घटनाक्रमों के बीच आम आदमी, देश की सुरक्षा और बिजनेस वर्ल्ड से भी खबरें आ रही हैं। इन्हें सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं और शुरू करते हैं आज का मॉर्निंग न्यूज़ ब्रीफ...

आज इन 3 इवेंट्स पर नजर रहेगी
1. सुशांत की मौत से जुड़े ड्रग्स केस में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती की दूसरी जमानत अर्जी पर मुंबई की सेशन कोर्ट फैसला सुना सकती है।
2. राज्यों में स्टार्टअप्स के लिए माहौल कितना बेहतर है, यह बताने के लिए केंद्र सरकार स्टेट्स स्टार्टअप्स इकोसिस्टम रैंकिंग जारी करेगी।
3. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी शुक्रवार को जेईई मैन्स का रिजल्ट घोषित कर सकती है। शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने कहा है कि तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें
1. आम आदमी को राहत, मोराटोरियम बढ़ा
लोन मोराटोरियम यानी किश्तें चुकाने में मिलने वाली मोहलत को सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर तक बढ़ा दिया है। साथ ही, केंद्र सरकार से कहा है कि इस अवधि तक बैंक किसी भी लोन की किश्त न चुकाने पर उसे नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) घोषित न करें। -पढ़ें पूरी खबर

2. लद्दाख में चीन पर हावी भारत
भारतीय सेना ने पैंगॉन्ग त्सो लेक के पास फिंगर 4 की कई चोटियों पर कब्जा कर लिया है। इस इलाके पर हाल के दिनों तक चीन हावी था। भारत ने अगस्त के आखिर में ही ऊंचाई वाले इलाकों पर दबदबा जमाने के लिए झील के आसपास ऑपरेशन शुरू कर दिया था। -पढ़ें पूरी खबर

3. कंगना के निशाने पर उद्धव
कंगना रनोट गुरुवार को पाली हिल्स स्थित अपना टूटा दफ्तर देखने पहुंचीं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर उन्होंने लगातार दूसरे दिन हमला बोला। कहा- ‘कब तक इस सच्चाई से भागोगे कि तुम कुछ नहीं हो, सिर्फ वंशवाद का नमूना हो।’ इस बीच, बीएमसी की तोड़फोड़ के खिलाफ कंगना की अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई 22 सितंबर तक टल गई है। -पढ़ें पूरी खबर

4. रिलायंस ने रचा इतिहास
घरेलू शेयर बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इतिहास रच दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज 200 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गई। गुरुवार को कंपनी का मार्केट कैप 15.25 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। रिलायंस भारत की इकलौती कंपनी है, जिसने यह मुकाम हासिल किया है। बीते 60 दिन में कंपनी का मार्केट कैप रोजाना औसतन 7300 करोड़ रुपए बढ़ा है। -पढ़ें पूरी खबर

5. स्पेशल फोर्स के शहीद के घर से रिपोर्ट
टूटू रेजिमेंट कहलाने वाली भारतीय सेना की इस स्पेशल फोर्स की शहादत को पहली बार आम लोगों के बीच तब पहचान मिली, जब नीमा तेनजिन शहीद हुए। भास्कर जब शहीद के घर पहुंचा तो बेटे ने बताया कि एक दिन पहले पापा ने फोन पर कहा था कि चुशूल में मेरी जान को खतरा है। मेरे लिए पूजा करना। रात 3 बजे उनकी शहादत की खबर आई। -पढ़ें पूरी खबर

6. राफेल वायुसेना को मिले
फ्रांस से 29 जुलाई को भारत आए 5 राफेल फाइटर जेट वायुसेना में शामिल कर लिए गए। इस मौके पर दो बयान सुर्खियों में रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "राफेल का शामिल होना खासकर उनके लिए कड़ा संदेश है, जो हमारे हक पर नजर डाल रहे हैं।" वहीं, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा, "राफेल को शामिल करने का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता था।" -पढ़ें पूरी खबर

7. क्या होता है जब आप गूगल पर आत्महत्या टाइप करते हैं
जब आप सर्च इंजन गूगल पर आत्महत्या शब्द को सर्च करते हैं तो आपकी स्क्रीन पर फोन नंबर 9152987821 चमकता है। ये नंबर मुम्बई के एनजीओ iCALL के कॉल सेंटर का है। यहां 25 प्रोफेशनल मेंटल हेल्थ काउंसलर अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं। -पढ़ें पूरी खबर

अब 11 सितंबर का इतिहास
1895: आचार्य विनोबा भावे का जन्‍म हुआ था।
1906: दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होने के खिलाफ महात्मा गांधी ने सत्याग्रह किया।
1965: पाकिस्तान से जंग के दौरान भारतीय सेना ने लाहौर के पास बुर्की शहर पर कब्जा किया।
2001: न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर इतिहास का सबसे बड़ा हमला हुआ। 70 देशों के करीब 3000 लोग मारे गए।

1893 में आज ही के दिन शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन हुआ। इसमें स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को भारत के बारे में जगा देने वाला भाषण दिया। पढ़िए, उसी भाषण का एक अंश...



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Relief to common man in case of loan, India dominates China in Ladakh and Reliance created history


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