बुधवार, 3 जून 2020

प्रधानमंत्री आवास पर आज कैबिनेट की बैठक होगी, आत्म निर्भर भारत पैकेज के प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर आज कैबिनेट की बैठक होगी। बैठक में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है। देश में निवेश बढ़ाने के लिए कुछ फैसले लिए जा सकते हैं। मोदी ने मंगलवार को इंडस्ट्री एसोसिएशन सीआईआई के कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण रोकने के साथ ही सरकार का फोकस इकोनॉमी पर है। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर भी जोर दिया था।

दो दिन पहले एमएसएमई से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हुए थे
इकोनॉमी पर कोरोना का असर कम करने के लिए सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था। इसके कुछ प्रस्तावों को दो दिन पहले हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी। सोमवार की बैठक में छोटे-मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के फंड ऑफ फंड्स और आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की योजना को मंजूरी दी थी। साथ ही खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला भी हुआ था।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
ये तस्वीर 1 जून को हुई कैबिनेट बैठक की है। इस बैठक में एमएसएमई और किसानों से जुड़े फैसले लिए गए थे।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2MlIZio
https://ift.tt/3gO7HG7

गोवा एयरपोर्ट पर दुबई से लौटे यात्रियों का हंगामा, क्वारैंटाइन सेंटर जाने से इनकार किया: देश में अब तक 2 लाख 7 हजार 082 केस

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 लाख 7 हजार 082हो गई है। वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से मंगलवार रात गोवा लौटी स्पेशल फ्लाइट के पैसेंजर ने एयरपोर्ट पर हंगामा किया। इनमें से कुछ ने क्वारैंटाइन सेंटर जाने से इनकार कर दिया। यात्रियों का कहना था कि वह पैसे देकर 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन सेंटरनहीं जाएंगे। उन्हें उनके घर भेजा जाए। इस फ्लाइट में 155 भारतीयों को स्वदेश लाया गया।

मंगलवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 8812 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं।वहीं, महाराष्ट्र में 2287, दिल्ली में 1298, तमिलनाडु में 1091, गुजरात में 415, प. बंगाल में 396, कर्नाटक में 388, उत्तरप्रदेश में 368, हरियाणा में 296, राजस्थान में 272, बिहार में 151, ओडिशा में 141, मध्यप्रदेश में 137 और केरल में 86 नए मरीज सामने आए। इनके अलावा, 6414 मरीज और बढ़े, लेकिन किन राज्यों में यह स्पष्ट नहीं हो सका। यह आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 98 हजार 706 है। इनमें 97 हजार 581 एक्टिव केस हैं। वहीं, 95 हजार 526 ठीक हो गए। 5598 लोगों की मौत हो चुकी है।

संक्रमण 28 राज्यों और7केंद्र शासित प्रदेश में फैला

कोरोनावायरससंक्रमण 28 राज्यों में फैला है। 7केंद्र शासित प्रदेश भीइसकी चपेट में हैं। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पुडुचेरी और दादरा एवं नगर हवेलीशामिल हैं।

5 दिन जब सबसे ज्यादा मामले

तारीख

केस
2 जून 8812
31 मई 8789
30 मई 8364
29 मई 8138
27 मई 7246
28 मई 7254

पांच राज्यों का हाल

मध्य प्रदेश: यहां मंगलवार को 137 नए पॉजिटिव मिले और 6 की जान गई। भोपाल में 20, इंदौर में 31,नीमच में 24, जबलपुर में 10, सागर और ग्वालियर में 9-9 मरीज मिले।राज्य में मरीजों की संख्या 8420हो गई है। अब तक 5221मरीज स्वस्थ हो गए हैं।

यह तस्वीर भोपाल की है। अनलॉक-1 के दौरान यहां रेड जोन इलाकों को छोड़कर बाकी जगह बाजार खुल गए हैं। मंगलवार को यहां लोग खरीदारी करते हुए।

महाराष्ट्र:यहां मंगलवार को संक्रमण के 2287 मामले सामने आए। 1225 ठीक हुए और 103 मरीजों की जान गई। राज्य में अब तक 72 हजार 300 संक्रमित मिल चुके हैं। 26 मई से 31 मई तक देश के कुल कोरोना मामलों में महाराष्ट्र का हिस्सा 43% से घटकर 35% हो गया है। यह ट्रेंड पहले भी देखने को मिला था।

यह तस्वीर मुंबई के बांदा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स की है। यहां एक अस्थायी कोविड सेंटर बनाया गया है, लेकिन निसर्ग तूफान की वजह से यहां के मरीजों को वर्ली स्थित एनएससीआई डोम कोविड सेंटर शिफ्ट किया गया। प्रशासन का कहना है कि बुधवार को निसर्ग तूफान आने के दौरान 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

उत्तर प्रदेश:राज्य में 24 घंटे में 368 नए पॉजिटिव मामले सामने आए और 6 मरीजों की मौत हुई। सबसे ज्यादा 42 संक्रमित गौतमबुद्धनगर जिले में मिले। प्रदेश मेंअब तक 8729लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें यूपी लौटे 2288 प्रवासी श्रमिक शामिल हैं। वहीं, 229मरीजों की मौत हो चुकी है।

बिहार: प्रदेश मेंमंगलवार को 151कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। अब तक राज्य में 4096 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से राज्य में 24लोग जान गंवा चुके हैं।

राजस्थान:यहां मंगलवार को कोरोना के 272नए पॉजिटिव केस सामने आए और 4 लोगों की जान गई। नए मरीजों में भरतपुर में 70, जयपुर में 42, जोधपुर में 44, पालीऔर कोटा में 13-13 मिले। राज्यमें कुल संक्रमितों का आंकड़ा 9373पहुंच गया। प्रदेश मेंकोरोना से अब तक 203 मौतें हुईं।

यह तस्वीर जयपुर के हवा महल की है। मंगलवार को यहां कई लोग पहुंचे, लेकिन सभी की एंट्री के पहले स्क्रीनिंग की गई।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
यह तस्वीर भोपाल की है। राज्य में अनलॉक-1 के दौरान खेल गतिविधियों को मंजूरी दे दी गई है। इन दिनों शहर के कई क्रिकेट ग्राउंड पर प्लेयर्स प्रैक्टिस करते देखे जा सकते हैं।


from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-cases-live-updates-03-june-2020-127369669.html
https://ift.tt/3gUtjkr

प्रधानमंत्री आवास पर आज कैबिनेट की बैठक होगी, आत्म निर्भर भारत पैकेज के प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर आज कैबिनेट की बैठक होगी। बैठक में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है। देश में निवेश बढ़ाने के लिए कुछ फैसले लिए जा सकते हैं। मोदी ने मंगलवार को इंडस्ट्री एसोसिएशन सीआईआई के कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण रोकने के साथ ही सरकार का फोकस इकोनॉमी पर है। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर भी जोर दिया था।

दो दिन पहले एमएसएमई से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हुए थे
इकोनॉमी पर कोरोना का असर कम करने के लिए सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था। इसके कुछ प्रस्तावों को दो दिन पहले हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी। सोमवार की बैठक में छोटे-मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के फंड ऑफ फंड्स और आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की योजना को मंजूरी दी थी। साथ ही खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला भी हुआ था।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
ये तस्वीर 1 जून को हुई कैबिनेट बैठक की है। इस बैठक में एमएसएमई और किसानों से जुड़े फैसले लिए गए थे।


from Dainik Bhaskar /national/news/cabinet-meeting-to-be-held-at-prime-ministers-residence-proposals-for-self-reliant-india-package-can-be-approved-127369740.html
https://ift.tt/3gPTicn

44 डिग्री में एक घड़े पानी के लिए घंटाें इंतजार, ट्रेनें शुरू होते ही सोशल डिस्टेंसिंग भूले लोग

तस्वीर राजस्थान के पाली की है। यहां44 डिग्री तापमान के बीच राेहट के 20 से ज्यादा गांवों में लाेग एक घड़े पानी के लिए घंटाें टैंकर का इंतजार करते हैं। भास्कर के दाे रिपाेर्टर ने राेहट क्षेत्र में 90 किमी का सफर कर हालात जाने ताे प्यास का यह दिल दहला देने वाला भूगाेल सामने आया, पहले टिड्डी से फसलाें को चट होते देखा, अब कोरोना की लड़ाई में पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे, सिस्टम की नाकामी, 2000 लोगों की बस्ती में भेज रहे 20 हजार लीटर पानी का एक टैंकर।

पानी के लिए परेशान हो रही एशियाई खेलाें की गाेल्ड मेडलिस्ट

तस्वीर गुजरात के ‘चेरापूंजी’ कहलाने वाले आदिवासी बहुल डांग के कराडीआंबा गांव की है, जो भारी जलसंकट की चपेट में हैं। कराडीआंबा गोल्डगर्ल और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धावक सरिता गायकवाड़ का गांव है। सरिता 2018 के एशियाई खेलाें की गाेल्ड मेडल विजेता और गुजरात सरकार के पाेषण अभियान की ब्रांड एंबेसडर हैं। डांग में हर मानसून में 100 इंच से अधिक बारिश होती है। इसके बावजूद पेयजल संकट इतना गहरा है कि सरिता सहित तमाम ग्रामीणों को पेयजल की जुगाड़ के लिए एक किमी दूर कुएं से पानी लाने जाना पड़ता है।

लॉकडाउन में बीना जंक्शन ने बचाया 6.5 करोड़ लीटर पानी, नदी लबालब

तस्वीर मध्य प्रदेश के बीना की है। यहां शहर एवं बीना रेलवे जंक्शन की जीवनदायिनी कही जाने वाले बीना नदी हर साल मई माह तक सूखने लगती थी, लेकिन इस बारलबालब है। इसका मुख्य कारण लॉकडाउन में ट्रेनें बंद होना है। दो माह ट्रेनें बंद होने से रेलवे नेकरीब साढ़े 6 करोड़ लीटर पानी की बचत की है। बीना स्टेशन से रोज करीब 125 ट्रेनें निकलती हैं। स्टेशन पर रोजकरीब 42 लाख लीटर पानी की खपत होती थी। लॉकडाउन के कारण 15 लाख लीटर प्रतिदिन पानी की खपत कम हुई। 45 दिनों तक 27 लाख लीटर पानी ही रेलवे ने लिया। इससे करीब साढ़े 6 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई। लॉकडाउन के बाकी दिनों में 4 मई से श्रमिक ट्रेनें चलने के कारण सप्लाई यथावत 42 लाख लीटर हो रही है।

सूखी बांडी नदी के गड्ढोंमें भरा गंदा पानी पीकर प्यास बुझा रहे ग्रामीण

तस्वीर राजस्थान के पाली की है । यहां जवाई बांध में पर्याप्त पानी होने के बाद भी पाइपलाइन से पानी की सप्लाई नहीं करने के कारण पानी की समस्या बनी हुई है। ऐसे में इन गांवों में ग्रामीण देश की सबसे प्रदूषित नदियों में शामिल बांडी नदी की खेलियों से रिसकर आने वाले पानी से प्यास बुझा रहे हैं।

किसी के लिए राहत तो किसी के लिए आफत बनकर बरसे बदरा

तस्वीर शिमला की है, यहांमंगलवार को अच्छी बारिश हुई। मौसम विभाग ने प्रदेश में आगामी चार से छह जून तक बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक चार जून को राज्य के मध्यम ऊंचाई वाले और पांच से छह जून यानी लगातार दो दिनों तक पूरे प्रदेश में बारिश होगी। उसके बाद आठ जून से समूचे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। मंगलवार को भी राजधानी शिमला समेत राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश हुई। शिमला में दिन भर बादल छाए रहे। दाेपहर बाद हल्की बारिश हुई। शिमला में अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बिजली लाइव: गुजरात में कैमरे में कैद हुई गिरती बिजली, पेड़ से निकलीं चिंगारियां

तस्वीर गुजरात के पालीताणा की है। मंगलवार को शहर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में तेज गर्जना के साथ आसमानी बिजली गिरी। यह कुदरती कोप इतना तेज था कि इस पेड़ पर बिजली गिरते ही आग लग गई। उससेचिंगारियां निकलने लगीं। शुक्र रहा कि हादसे में किसी की जान नहीं गई।

गर्मी से इन्हें भी राहत: सरथाणा जू में मौसमी फलआम खाते दिखे ऊदबिलाव

तस्वीर गुजरात के सूरत की है। यहांभीषण गर्मी के बाददो दिन से शहर के मौसम में बदलाव देखने को मिला। आसमान में बादल छाए रहने और तापमान में भी कमी आई। मौसम में ठंडकहोने से इंसानोंको ही नहीं जानवरों को भी राहत मिली है। मंगलवार को सरथाणा जू मेंतालाब में तीन ऊदबिलाव आम खाते दिखे।

मौसम ठंडा हुआ तो पेड़ पर आराम फरमाता नजर आया तेंदुआ

तस्वीर गुजरात के सूरत की है। लगातार आग बरसा रहे आसमान ने पिछले दो दिनों में कुछ नरम रुख अख़्तियार किया। इस कारणमौसम में खासा बदलाव महसूस किया गया। गर्मी की मार झेल रहे लोगों ने सुकून भरी सांस ली। तापमान में गिरावट आने से मौसम में हल्की ठंडक महसूस की गई। इस दौरान जानवरों ने भी मौसम का भरपूर आनंद लिया। मंगलवार को सरथाणा जू में एक तेंदुआ पेड़ पर सोता दिखा नजर आया।

अपने पैर पर मार रहे कुल्हाड़ी,ट्रेन में टूटे नियम

तस्वीर चंडीगढ़रेलवे स्टेशन की है। यहां से मंगलवार को 70 दिन के बाद पहली बार दिल्ली के लिए जनशताब्दी एक्सप्रेस रवाना हुई। पहले दिन दिल्ली की ट्रेन शुरू हाेने से यात्रियाें के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। ट्रेन केबाहर मारामारी रही, अंदर भी दो गज की दूरी का पालन नहीं किया गया। कोच फुल थे और लाेग एक दूसरे से सटकर बैठे हुए थे। 16 मिनट की देरी से दिल्ली रवाना हुई ट्रेन में 427 पैसेंजर गए।

अंधविश्वास आपको खतरे में डाल सकता है

तस्वीर झारखंड के गढ़वा की है।मेराल प्रखंड के कई गांवों में अफवाह उड़ गई कि छठ की तरह सूर्योपासना करने से कोरोना से बचाव होगा। सिर्फ यही नहीं, अगर आधार कार्ड लेकर पूजा करेंगे तो सरकार इसकी मॉनिटरिंग कर पाएगी और सरकारी मदद भी मिलेगी। अफवाह ऐसी चली कि कई गांवों में महिलाएं वाकई में आधार कार्ड सामने रख जलाशयों के आगे सूर्य की उपासना करने इकट्‌ठा हो गईं। मगर जिस महामारी से बचने के लिए पूजा होनी थी, उससे बचाव का मूल मंत्र यानी सोशल डिस्टेंसिंग ही लोग भूल गए।

दो जून की रोटी के लिए बाहर गए दो जून को घरलौटे

यह तस्वीर मोतिहारी की है।आंखों में सपने लिए अपने वतन से दूर जाकर दो वक्त की रोटी के लिए कितने प्रवासी दूसरे वतन में जाकर अपना जुगाड़ कर रहे थे। मगर कोरोना महामारी को लेकर सभी प्रवासी का सपना टूट गया। अपने वतन लौटने के लिए न जाने कितने प्रवासी को कितने कठिनाई का सामना करना पड़ा। अपने वतन लौटने पर प्रवासी के साथ साथ उनके बच्चे पे भी साफ खुशी दिख रहा थी।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
A pitcher in 44॰ waiting hours for water, people forget social distancing as soon as trains start


from Dainik Bhaskar /national/news/a-pitcher-in-44-waiting-hours-for-water-people-forget-social-distancing-as-soon-as-trains-start-127369637.html
https://ift.tt/2U75gox

कोरोना की वजह से बदल जाएगा दफ्तरों का इंटीरियर, एक्सपर्ट बोले- कर्मचारियों को पहले से ज्यादा जगह और सफाई मिलेगी

कोरोनावायरस के बीच फिलहाल सरकारी और निजी कंपनियों केदफ्तरों में एक बार फिर कर्मचारी लौटने तोलगे हैं, लेकिन उनके मन में स्वास्थ्य को लेकर डर बना हुआ है। ऐसे में कई कंपनियां और मैनेजमेंट तमामसावधानियों कोबरतते हुए ऑफिस स्पेस में बदलाव की तैयारियां कर रहे हैं, ताकि कर्मचारीडर के बजाए काम पर फोकस करें। आइए जानते हैं किभविष्य में वर्किंग स्पेस कैसे होंगे? उनमें किस तरह सेबदलाव देखने को मिलेंगे।

एक्सपर्ट के मुताबिक एम्पलाइज की संख्या में हो सकता है बदलाव
इंटीरियर डिजाइनर और एनवॉयरमेंटएक्टिविस्ट पारुल महाजन बताती हैं कि वायरस बेहद कंटेजियस है, इसलिए लोग इससे डरे हुए हैं।अधिकतर कर्मचारी तो फिलहाल वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कंपनियां भी दफ्तर में अपने कर्मचारियों की संख्या कम करेंगी, यानी कुछ लोगों को घर से ही काम करवाएंगी या कुछ अल्टरनेट डेज पर बुलाए जाएंगे।'

भविष्य के दफ्तरों में इस तरह के कुछ बदलाव हो सकते हैं

  • ऑफिस स्पेस: दफ्तर में स्पेस तय होता है। महामारी फैलने के बाद एक फ्लोर पर कई लोग बैठते थे, लेकिन अब हालात बदल जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पहले जहां 100 लोग बैठते थे, अब वहां 30-40 लोग ही मौजूद होंगे।
  • डिमार्केशन: ऑफिस के इंफ्रास्ट्रक्चर में डिमार्केशन को भी शामिल किया जाएगा, क्योंकि सुरक्षा के लिहाज से यह तय करना काफी जरूरी हो गया है कि कौन कहां और कैसे बैठेगा। ऐसे में डिमार्केशन हों तो आसानी हो जाती है।
  • हाईजीन: ऑफिस की सबसे ज्यादा भीड़ वाली जगह हैं- कैंटीन, डायनिंग एरिया, बॉशरूम्स और कॉन्फ्रेंस रूम। यहां हाइजीन मेनटेन होना सबसे ज्यादा जरूरी है। साथ ही एक्सपर्ट इस तरह की सेटिंग कर रहे हैं कि फ्रेश एयर ही अंदर आए। गंदी हवा रीसर्कुलेट न हो।
  • पार्टिशन: कई जगहों पर दो लोगों के बीच ग्लास पार्टिशन करा दिए गए हैं, उदाहरण के लिए ब्यूटीपार्लर्स। इससे फायदा यह होगा किदो लोगों में पर्याप्त दूरी होगी और सांस लेने, बोलने, खांसने या छींकने से सुरक्षा बनी रहेगी।

सैनिटाइजेशन का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाएगा

पारुल बताती हैं कि ऑफिस के नए वक्त में सबसे ज्यादा ध्यान सैनिटाइजेशन का रखा जाएगा। सभी जगहों पर सफाई कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे और सुरक्षित दूरी का खास ध्यान रखा जाएगा। एक क्रांतिकारी बदलाव जो हम देखेंगे वो है, सभी को पहले से ज्यादा जगह और सफाई मिलेगी।

कुछ इस तरह से नजर आ सकते हैं नए ऑफिस

(इमेज सोर्स:क्लाउडिनरी)



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Future offices will change in the corona period, experts said - employees will get more space and cleanliness than before


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2zKWB4d
https://ift.tt/3cspiQD

ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन की दवा लेने वालों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा, एक्सपर्ट्स की सलाह- घर से निकलें तो लूज कपड़े पहनें, सिर-मुंह ढंककर रखिए

दुनिया कोरोनावायरस से जूझ रही है। वहीं, भारत में गर्मी भी प्रचंड रूप दिखा रही है। गर्मी के साथ ही डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक से लेकर डायरिया और पसीने के कारण स्किन में एलर्जी जैसी कई तरह कई बीमारियां भी फैल रही हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि गर्मी में दिनों में आप रूटीन को अपनाकर और कुछ चीजों का पालन कर गर्मियों में हेल्दी रह सकते हैं।

हीट स्ट्रोक-

बुजुर्गों में हीट स्ट्रोक की संभावना ज्यादा होती है

  • डॉ. तुषार तायल के अनुसार गर्मी में पानी की कमी होना से हमें चक्कर आते हैं। घबराहट होती है। बहुत तेज कमजोरी महसूस होती है। इसे ही सामान्य तौर पर हीट स्ट्रोक या लू लगना कहते हैं। हालांकि इसकी दो कंडीशन होती हैं। हीट स्ट्रोक और हीट एक्जोर्शन। हीट एक्जोर्शन, हीट स्ट्रोक से पहले की स्टेज है। इसमें बहुत तेज घबराहट होती है। बहुत तेज गर्मी लगती है।
  • बुजुर्गों में हीट स्ट्रोक की संभावना ज्यादा होती है। इनमें से भी वे लोग जो ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन या एंग्जाइटी की दवा लेते हैं, इन दवाइयों से भी हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है। तो इस उम्र के लोगों को अपना गर्मियों मेें विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • जिस आदमी को हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उसे तुरंत किसी ठंडी जगह पर ले जाइए। एसी हो तो उसे ऑन कर दीजिए। उस पर ठंडे पानी का छिड़काव कीजिए। इसके बाद ही डॉक्टर को बुलाइए या अस्पताल ले जाइए।
  • हीट स्ट्रोक से बचने के लिए जब भी घर से निकलें तो हमेशा कॉटन के लूज कपड़े पहनिए। सिर-मुंह को हमेशा ढंककर रखिए।

त्वचा रोगः

पसीने की एलर्जी से बचने के लिए दो बार नहाएं, शरीर पर गंदगी न जमने देें

दिल्ली के सरोज सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर गौरव भारद्वाज कहते हैं कि इस मौसम में पसीना बहुत ज्यादा निकलता है, जिसके कारण त्वचा को कई तरह की एलर्जी हो सकती है जैसे कि घमौरियां, खाज-खुजली, सनबर्न, टैनिंग, जलन, लाल चकत्ते, रैशेज, मुंहासे आदि। इसके साथ ही त्वचा रूखी और बेजान भी पड़ जाती है।

  • शरीर पर पसीना या गंदगी न जमने दें-

पसीना त्वचा के अधिकतर संक्रमणों का कारण होता है, इसलिए गर्मी के मौसम में शरीर की सफाई जरूरी है। पसीना आने पर उसे किसी साफ-सूती के कपड़े से पोछते रहें। सुबह तो नहाएं ही साथ ही एक बार रात को भी नहाएं।

  • सूती के ढीले कपड़े पहनें-

सूती का कपड़ा पसीने को आसानी से सोख लेता है और साथ ही यह शरीर को ठंडक भी पहुंचाता है। इसलिए त्वचा की एलर्जी से बचने या छुटकारा पाने के लिए कॉटन के कपड़े ही पहनें। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें की आप जो कपड़े पहनते हैं वे ढीले हों।

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-

त्वचा के संक्रमण का एक कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकता है। दरअसल, गर्मी के मौसम में शरीर पानी की ज्यादा मांग करता है, इसलिए दिन में नियमित रूप से पानी पीने से त्वचा स्वस्थ और खूबसूरत बनी रहती है।

  • सूती के कपड़े का मास्क और ग्लव्स-

यह तो तय है कि कोरोनावायरस इतनी आसानी से हमें नहीं छोड़ने वाला है। गर्मी के मौसम में ज्यादा देर मास्क और ग्लव्स पहनने से त्वचा की एलर्जी हो सकती है। एलर्जी से बचने के लिए सूती के रुमाल को मास्क की तरह इस्तेमाल करें और ग्लव्स भी कॉटन के ही पहनें।


डायरिया/पीलिया/टायफॉइडः

गर्मी के मौसम मेंबासी-मसालेदार खाने से बचें, पानी छानकर पीएं

  • यह गर्मियों की बहुत सामान्य बीमारियां हैं। नई दिल्ली के सरोज सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. एसके मुंद्रा के अनुसार डायरिया की समस्या गर्मी के मौसम में ज्यादा होती है, जिसका मुख्य कारण है गलत खान-पान और शरीर में पानी की कमी।
  • डायरिया से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत जरूरी है। खाना बनाने या खाने से पहले हाथों को अच्छे से साफ करें। टायलेट जाने के बाद भी हाथों को अच्छे से धोएं।दिन भर कुछ न कुछ खाने की बजाए खाने का एक निश्चित समय बना लें। तला-भुना, बाहर का खाना और बासी खाना खाने से बचें। ज्यादा पानी पीएं।
  • पीलिया में आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ना, पीले नाखून और गहरी पीली पेशाब आदि लक्षण नजर आते हैं।डॉ. एसके मुंद्रा के अनुसार लिवर में संक्रमण, मलेरिया, शराब का अधिक सेवन, अधिक मसालेदार व नमक वाला खाना, पानी की कमी आदि कुछ इसके मुख्य कारण हैं।
  • पीलिया की समस्या से बचने के लिए स्ट्रीट फूड और बासी खाना खाने से बचें, खीरा, ककड़ी, तरबूज़ आदि जैसे फलों का अधिक से अधिक सेवन करें। फिल्टर किया हुआ या उबला पानी ही पीएं।

किडनी के मरीज-

शरीर में पानी की कमी न होने दें, चाय-कॉफी से बचें

  • मुंबई के स्वास्थ्य अस्पताल की डॉक्टर माधवी ठोके के अनुसार गर्मी में शरीर में अक्सर पानी की कमी हो जाती है। कम पानी की वजह से शरीर की अशुद्धियां किडनी में जमा होने लगती हैं, इससे किडनी की समस्या की शुरूआत हो जाती है। यह धीरे-धीरे गंभीर रूप लेती जाती है। बाद में डायलिसिस या ट्रांसप्लांट जैसे विकल्पों पर जाना पड़ता है।
  • कैफीन(कॉफी या चाय) का सेवन बहुत कम कर देना चाहिए, क्योंकि इससे आपके डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। जिन्हें किडनी की किसी भी तरह की समस्या है उन्हें किसी भी तरह के तरल पदार्थों की अधिकता से हर हाल में बचना चाहिए।
  • डॉक्टर माधवी कहती हैं कि जिन किडनी पेशेंट की नियमित रूप से डायलिसिस हो रही है, उन्हें स्विमिंग करते समय इस वस्कुलर एक्सेस(vascular access) की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक करते रहना चाहिए।
  • हाईब्लड प्रेशर से आपकी किडनी की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा किडनी की दवाओं के अतिरिक्त यदि अन्य दवाएं (OTC over-the-counter pills-डॉक्टर के प्रिस्क्रप्शन के बिना मेडिकल स्टोर से डायरेक्ट ली जाने वाली दवाएं) भी ले रहे हैं तो इसे लेने से बचें।

मेंटल हेल्थः

योग-प्राणायम-परिवार के साथ वक्त बिताने को दिनचर्या में शामिल करें

  • गर्मी बढ़ने के साथ कई मामलों में सीजनल अफेक्टिव डिस्ऑर्डर(SAD) की समस्या बढ़ती है। यह एक बाइपोलर डिस्ऑर्डर है, जिसके चलते एनर्जी में भारी मात्रा में कमी, मूड स्विंग या व्यवहार में लगातार परिवर्तन होना, उग्र व्यवहार की शिकायत, लगातार बैचेनी रहना, एकाग्रता में बेहद कमी दिखाई देती है।
  • मैक्स सुपर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियर साइंस सीनियर में कंसल्टेंट एंड हेड डॉ. राजकुमार श्रीवास्तव के अनुसार भारत में बढ़ती गर्मी और ह्यूमिडिटी इस डिस्ऑर्डर को बढ़ा देती है। विदेशों में यह डिस्ऑर्डर ठंड या बर्फ पड़ने के मौसम में होता है, इसकी वजह है, लंबे समय तक धूप की अनुपलब्धता।
  • सोने के समय में परिवर्तन, एकाग्रता में कमी और किसी तरह की गतिविधियों में रूचि नहीं लेना इसके मुख्य लक्षण हैं। डॉ. राजकुमार श्रीवास्तव का कहना है कि नियमित रूप से और पूरी तरह नींद लेना इस मौसम में किसी भी तरह की मेंटल हेल्थ को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होता है।एक्सराइज, मेडिटेशन, रिलेक्सेशन थेरेपी भी इस मौसम में मेंटल हेल्थ को स्थिर बनाए रखने में बहुत मददगार है।

पानीदार फल और हरी सब्जियां लगातार खाएं

  • डॉक्टर अबरार मुल्तानी का सुझाव है कि अपने खाने में मौसमी फलों और हरी सब्जियों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें। गर्मी के मौसम में ऐसे फलों की भरमार होती है जो आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड रखते हैं। इन फलों में तरबूज, खीरा, ककड़ी, संतरा, खरबूज, लीची आदि शामिल हैं जो कहीं भी आसानी से मिल जाते हैं।
  • इन फलों में पानी की मात्रा ज्यादा होने के कारण ये शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते हैं। इसी कारण से ये फल त्वचा को तरोताजा और संक्रमण रहित बनाए रखते हैं।डॉ. एसके मुंद्रा कहते हैं कि तोरई, लौकी, पालक आदि हरी सब्जियों का सेवन शरीर और त्वचा के लिए बेहद लाभदायक होता है। हरी सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
coronavirus update, summer season, Blood pressure, depression drug users are more at risk of heat stroke, experts advise - wear loose clothes, cover head and mouth when you leave home


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2AAjRlc
https://ift.tt/2zVnQcg

ना प्रसाद, ना चरणामृत, ना ही होगा घंटियों का स्वर, मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था बदलने की तैयारी

8 जून से कई राज्यों में मंदिर और धार्मिक स्थल भी खुल जाएंगे लेकिन दर्शन करने की परंपराओं में काफी बदलाव आ जाएगा। कुछ राज्यों ने मंदिरों के लिए अलग से गाइडलाइंस भी जारी कर दी है, जिसमें दर्शनार्थियों की संख्या को सीमित करने, प्रसाद चढ़ाने और चरणामृत आदि ना देने के लिए कहा गया है। जिन मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं, जैसे तिरुपति बालाजी, वैष्णो देवी, शिर्डी सांई मंदिर आदि में दर्शनार्थियों की संख्या सीमित करने की सलाह भी दी है।

कुछ राज्यों में फिलहाल धार्मिक स्थल 1 जुलाई तक बंद ही रहेंगे। असम, मणिपुर, तमिलनाडु जैसे राज्यों ने अपने धार्मिक स्थलों को 30 जून तक बंद रखने का फैसला किया है। तमिलनाडु में 10 हजार से ज्यादा मंदिर हैं, इनमें से 8000 से ज्यादा छोटे मंदिर हैं। असम के गोवाहाटी में मौजूद कामाख्या शक्तिपीठ भी जुलाई में ही खुलेगा। असम सरकार ने फिलहाल जून में इसे बंद रखने का ही फैसला किया है। पुरी का जगन्नाथ मंदिर 8 जून से खुल सकता है लेकिन उसमें भी दर्शन जून अंत से ही शुरू होंगे।

  • मंदिर में प्रवेश से बाहर निकलने तक 10 बड़े बदलाव...
  1. हाथ-पैर धोने पर रोक लग सकती है या कुछ अलग व्यवस्था हो सकती है।
  2. कतार में लगने वाली बैरिकैडिंग की व्यवस्थाएं भी बदलेंगी। रस्सियों या प्लास्टिक के डिवाइडर जो कम हाइट के हों, लगाए जाएंगे ताकि लोग उन्हें छुए नहीं।
  3. श्रद्धालुओं को बड़े ग्रुप्स में इंट्री नहीं दी जाएगी। छोटे-छोटे समूहों में ही मंदिर में जा सकेंगे।
  4. मंदिर में घंटियां हटाई जाएंगी। ताकि हर कोई इसे बजाने के लिए ना छुए।
  5. श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए हार-फूल और प्रसाद पर रोक लग सकती है।
  6. पुजारियों की सुरक्षा के लिए चरणामृत और प्रसाद वितरण रोका जा सकता है क्योंकि उन्हें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
  7. गर्भगृहों में प्रवेश रोका जा सकता है, क्योंकि वहां जगह कम होती है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता।
  8. अन्न प्रसाद व्यवस्थाओं को भी बदला जाएगा या कुछ समय के लिए बंद रखा जाएगा।
  9. कर्मचारियों और पुजारियों का नियमित हेल्थ चेकअप होगा।
  10. दिन में कम से कम 3 से 4 बार सैनेटाइज किया जाएगा।
वैष्णव संप्रदाय में बांके बिहारी मंदिर, मथुरा के लिए काफी आस्था है। लॉकडाउन में मंदिर में प्रवेश तो बंद है लेकिन फिर भी श्रद्धालु मंदिर में बंद दरवाजों पर ही माथा टेकने के लिए आ जाते हैं।
  • बांकेबिहारी मंदिर, मथुरा

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिरों को खोलने को लेकर कोई गाइड लाइन जारी नहीं की है। फिलहाल मंदिर में प्रवेश बंद हैं, भगवान की सेवाएं जारी हैं। सरकार से 8 जून के पहले गाइड लाइन मिलने की उम्मीद है। हालांकि, मथुरा और वृंदावन में रास्ते संकरे हैं, इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना एक बड़ा चैलेंज होगा। मंदिर को अभी रोज सेनेटाइज किया जा रहा है।

  • तिरुपति में 10 से 15 हजार लोग रोज कर सकेंगे दर्शन

लॉकडाउन के पहले यहां रोज 80 हजार से 1 लाख तक दर्शनार्थी आते थे लेकिन अब 10 से 15 हजार श्रद्धालुओं से ज्यादा को दर्शन नहीं हो पाएंगे। श्रद्धालुओं को टाइम स्लॉट के हिसाब से दर्शन का समय पहले ही दिया जाएगा। संभवतः इसके लिए एक दिन पहले ही बुकिंग होगी। हर एक ये डेढ़ घंटे के स्लॉट के बाद मंदिर को सैनेटाइज किया जाएगा। इसके बाद ही अगले स्लॉट में दर्शन कराने की व्यवस्था होगी। एक स्लॉट में अधिकतम 500 लोग हो सकते हैं।

  • शिर्डी साईं मंदिर, महाराष्ट्र

शिर्डी साईं मंदिर महाराष्ट्र में भी मंदिर खोलने को लेकर सुगबुगाहट है लेकिन अभी राज्य सरकार की गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दर्शन व्यवस्था रहेगी। मंदिर परिसर के सैनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा जाएगा। यहां भी रोजाना 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। लेकिन, अब इस संख्या को कुछ दिनों के लिए नियंत्रित किया जाएगा। प्रतिघंटे कितने लोग दर्शन कर सकेंगे इस पर विचार किया जा रहा है।

लॉकडाउन में माता वैष्णोदेवी पर्वत। लॉकडाउन के पहले लगभग 60 हजार श्रद्धालु इन रास्तों पर जय माता दी के जयकारे लगाते हुए चढ़ाई करते थे। दिन-रात श्रद्धालुओं से भरे रहने वाले रास्ते इन दिनों सुनसान हैं।
  • वैष्णोदेवी, जम्मू

वैष्णोदेवी मंदिर के भी 8 जून से खुलने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां मिलने वाली घोड़े और पिट्ठु की सेवाओं पर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। ऐसी सेवाएं देने वाले लोगों का भी कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड शुरुआत में करीब 450 घोड़ों की सेवा ले सकता है। इसके लिए हर तरह से इनका टेस्ट किया जा रहा है। यहां भी श्रद्धालुओं की संख्या पर नियंत्रण रखा जाएगा। कोरोना से पहले यहां रोजाना 60 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे लेकिन अब इस संख्या को काफी नियंत्रित किया जाएगा।

  • काशी विश्वनाथ, बनारस

काशी डिप्टी कलेक्टर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि 8 जून को लेकर हमारी तैयारियां चल रही हैं। लेकिन, अभी सरकार की तरफ से जब तक कोई गाइडलाइन नहीं जारी होती है। लॉकडाउन के दौरान मंदिर में अर्चकों द्वारा पूजा अर्चना तो चल ही रही थी। लेकिन, भक्तों को आना है तो एक गाइडलाइन जरूरी है। सभी इंट्री पाइंट पर श्रद्धालुओं के हाथों को सेनेटाइज करवाएंगे। सभी को मास्क लगाकर ही प्रवेश मिलेगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

  • रामजन्म भूमि, अयोध्या

राम जन्मभूमि मंदिर मे दर्शन की व्यवस्था सुरक्षा मानकों के तहत की जाएगी। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया की सुरक्षा के मानकों के साथ शासन व जिला प्रशासन से जो भी गाइडलाइन आएगी, इसका कड़ाई से पालन करवाया जाएगा। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि दर्शनार्थियों को रामलला के दर्शन के दौरान किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

जगन्नाथ पुरी में इन दिनों रथयात्रा की तैयारी जोरों पर है। लॉकडाउन और लगातार कोरोना मरीजों के मिलने के बावजूद यहां आस्था की लहर प्रबल है। इस बार रथयात्रा बिना भीड़ के निकाली जा सकती है। मंदिर प्रशासन को सरकार की हरी झंडी का इंतजार है।
  • जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा

जगन्नाथ मंदिर भी 8 जून से खुलने के संकेत हैं लेकिन यहां भगवान के दर्शन जून अंत में ही हो पाएंगे। 5 जून को पूर्णिमा स्नान उत्सव है, इसके बाद भगवान बीमार होकर क्वारेंटाइन हो जाएंगे। फिर, सीधे रथयात्रा वाले दिन यानी 23 जून को ही बाहर निकलेंगे। रथयात्रा के साथ वे मौसी के घर जाएंगे। जहां से नौ दिन बाद लौटेंगे। इस तरह पुरी मंदिर में जून अंत तक ही दर्शन शुरू हो पाने की संभावना है।

  • यदाद्री मंदिर, तेलंगाना

तेलंगाना में यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर में रोजाना लगभग 25 हजार श्रद्धालु आते हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद अब इस संख्या 5 हजार तक लाया जाएगा। एक घंटे में 200 से ज्यादा लोगों को दर्शन की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालुओं के लिए हैंड सैनेटाइजर और मास्क अनिवार्य होगा। यहां बाहरी प्रसाद और चढ़ावे पर भी रोक रह सकती है।

  • मीनाक्षी मंदिर, तमिलनाडु

मदुरै का मीनाक्षी मंदिर 30 जून के बाद ही खुलेगा। तमिलनाडु सरकार ने यहां लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ा दिया है। मीनाक्षी मंदिर में एक दिन 15000 से ज्यादा दर्शनार्थी आते हैं। लेकिन, अब इस संख्या को कम किया जा सकता है। एक घंटे में अधिकतम 200 लोगों को प्रवेश दिए जाने पर योजना बनाई जा रही है।

सोमनाथ मंदिर सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला है। यहां गर्भगृह में हमेशा प्रवेश बंद रहता है।
  • सोमनाथ मंदिर, गुजरात

प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर भी 8 जून से खुल जाएगा। आम दिनों में लगभग 15 हजार भक्त यहां दर्शन के लिए आते थे। मंदिर के मैनेजर विजयसिंह चावड़ा के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि अनिवार्य किया गया है। दर्शनार्थी घंटियां नहीं बजा सकेंगे, अभिषेक और पूजन भी कर सकेंगे। पुजारी किसी को नहीं छुएंगे, ना ही दर्शनार्थियों को कुछ छूने की अनुमति होगी। बाहर से कुछ सामान लाने की इजाजत नहीं होगी। दीपक भी नहीं जला सकेंगे।

  • रणछोड़राय, डाकोर

डाकोर के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर रणछोड़राय के प्रबंधक अरविंदभाई मेहता के मुताबिक 8 जून से हर आने वाले श्रद्धालु का टैम्परेचर टेस्ट होने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। परिक्रमा मार्ग सभी के लिए बंद होगा। तय समय में एक निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाएंगे।

  • अंबाजी मंदिर, गुजरात

गुजरात के शक्तिपीठ अंबाजी में भी बाहरी प्रसाद लाने पर रोक लगाई जाएगी। श्रद्धालुओं को बिना प्रसाद और चढ़ावे के ही दर्शन करने होंगे। मंदिर में निश्चित दूरी पर ही श्रद्धालुओं को कतार में लगना होगा।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Lockdown 5.0 unlock 1 temples are going to reopen darshan with new system


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36SX4gC
https://ift.tt/3cnIIG9

Popular Post