गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020

सड़क की लंबाई से विकास का किलोमीटर नापते हैं साहब, सड़क और बुल से नहीं होता है विकास, जब जनता हो खुशहाल तो समझा जाए हो गया विकास

स्थान- रेडियो स्टेशन गोलंबर के पास एसपी वर्मा रोड पर स्थित सुजीत की लिट्‌टी दुकान
समय - दोपहर दो बजे

रेडियो स्टेशन गोलंबर के पास एसपी वर्मा रोड पर मुड़ते ही सुजीत के चूल्हे की राख और उससे छनकर उठती लिट्‌टी की खुशबू किसी के भी कदम रोक देती है। लिट्‌टी और चना का कॉम्बिनेशन आस-पास के निजी और सरकारी कार्यालय में काम करने वालों को खींच ही लाता है। लंच का समय हाथ में लिट्‌टी और चुनावी चर्चा में कटता है। बुधवार दोपहर भी माहौल कुछ ऐसा ही रहा।

निजी बैंक में काम करने वाले राहुल को देखते ही सुजीत लिट्‌टी की प्लेट में काला नमक छिड़कने लगा। यह उसकी लिट्टी की भी खासियत है, लेकिन राहुल की नजर पान की गुमटी पर लगे पोस्टर पर अटक गई है, जिसमें ‘विकास का पुलिंदा’ दिखाई दे रहा था। राहुल नजर मिलते ही बोल पड़ा, ई केकरा प्रचार करत रहिले तू सुजीत। उसने पोस्टर की तरफ देखकर जवाब दिया... चुनाव है भइया। नेताजी पुल और सड़क से प्रचार कर रहे हैं।

संदीप की बात सुन लिट्‌टी खा रहा युवक (गले में लटक रही बैंक की आईडी में नाम मुकेश) बोला- 'सड़क और पुल से विकास का पैमाना जब तक नापा जाएगा, तब तक बिहार तरक्की नहीं करेगा। विकास तो तब होता है, जब जनता खुशहाल होती है। पटना में केवल पुल चमकता है, जो विकास का मानक बताया जाता है, जबकि पुल के नीचे सड़क पर गंदगी विकास की पोल खोलती है। अगर विकास होता तो सड़क पर बेरोजगार चप्पल नहीं घिस रहे होते।'

पास में ही खड़ा व्यक्ति (शायद उसका सहकर्मी) बोल पड़ा- 'बैंक में जब नौकरी के लिए डीडी बनवाने वाले शिक्षित बेरोजगारों की लम्बी फौज देखता हूं, तरस आता है। सत्ता में आने वाले लोग कभी रोजगार के बारे में नहीं सोचते हैं। गरीब मजदूरी करने बाहर जाता है और शिक्षित पहले नौकरी के लिए दौड़ता है बाद में किसी तरह निजी कंपनियों के सहारे जीवन-यापन करता है। सरकार के पास कोई ऐसा रास्ता नहीं होता है, जिससे युवाओं को नई दिशा दिखाई जा सके।'

ये सुजीत की दुकान है। यहां लोग लिट्टी खाते-खाते चुनावी बतकही करते रहते हैं।

लिट्‌टी खाने के बाद सुजीत की तरफ प्लेट बढ़ाकर रसगुल्ला मांग रहा युवक बोला, 'अरे विकास की का बात कर रहे हैं। आसपास त कौनो सुलभ शौचालय ही नहीं है। ई काम से विकास देखा। ई राजधानी है और राजधानी प्रदेश का आईना होत है, अब ईहां बाहर से आवे वाला आदमी गंदगी कहां फैलाएगा, आप ही बतावें। जरा उनकी समस्या के बारे में भी सोचें, जो महिलाएं इहां आसपास काम के खातिर आती हैं और फिर केतना मुश्किल का सामना करेलिन।'

इस बात के समर्थन में एक अधेड़ बोल पड़ा, शायद वह भी इसी पीड़ा से जूझ चुका है। बोला, 'पटना में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। सुलभ शौचालय की बात तो छोड़ दीजिए, कहीं ऐसी जगह नहीं है जहां से बैठकर इंसान साधन का इंतजार कर सके। बस स्टाप या ऑटो स्टॉप तो ऐसा बनाया गया है जहां बैठा ही नहीं जा सकता है। गंदगी के कारण वहां खड़ा रहना भी मुश्किल होता है।'

लिट्‌टी खाकर हाथ धुलने के बाद जेब से रुमाल निकालते हुए किसी निजी कंपनी में काम करने वाला युवक शंकर झा बोल पड़ा, ‘आप लोग ई सब का बहस करते हैं। अगर ई सब से छुटकारा पाना है तो कुछ मत करिए। बस ऐसा प्रत्याशी चुनिए जो इतिहास बदल दे। नेताओं के सोचने का तरीका बदलने को मजबूर कर दे। और कोई रास्ता नहीं है, जब तक हम सरकार सही नहीं चुनेंगे, तब तक ऐसे रोते रहेंगे। नेता अगर सड़क और पुल दिखाकर विकास दिखाती है तो उसे जवाब देना होगा। हमारी आंखों से भी नेता का दिखाने वाला काम ही दिखता है। आंखों को फर्जी विकास दिखाने वाला चश्मा निकालकर बस ऐसा प्रत्याशी चुनना है, जो इतिहास बदलने वाला हो।'



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Bihar Election 2020; Patna Locals Political Debate On Litti Chokha Shop


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27 दिन में 2 लाख एक्टिव केस कम हुए, नए केस आने की रफ्तार भी 3 हफ्ते में करीब 3% कम हुई; अब तक 73.05 लाख केस

देश में बुधवार को 14 हजार 504 एक्टिव केस कम हो गए। बीते 27 दिन में इसमें दो लाख की कमी आई है। 17 सितंबर को ये 10.17 लाख की पीक पर थे और 14 अक्टूबर को ये 8 लाख 12 हजार हो गए। बीते तीन हफ्ते में नए केस में भी करीब 3% की कमी आई है। 17 से 23 सितंबर के बीच यह दर 8.82% थी, जो 8 से 14 अक्टूबर के बीच घटकर 6.05% हो गई।

देश में बुधवार को 67 हजार 791 केस आए, 81 हजार 582 मरीज ठीक हो गए और 690 की मौत हो गई। इसके साथ ही कुल संक्रमितों का आंकड़ा 73 लाख के पार होकर 73.05 लाख हो गया। अब तक 63.80 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, 1.11 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी पत्नी साधना गुप्ता भी संक्रमित पाई गई हैं। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। मुलायम सिंह यादव को अभी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
  • महाराष्ट्र में 31 अक्टूबर तक सभी स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल और कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद रहेंगे। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी, लेकिन छात्र स्कूल नहीं जा सकेंगे। किसी तरह की एक्टिविटी पर भी रोक है।
  • महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार 15 अक्टूबर से राज्य में मेट्रो ट्रेन शुरू करने का फैसला लिया है। सरकार के मुताबिक, ट्रेनों को अलग-अलग फेज में शुरू किया जाएगा। मुंबई मेट्रो 19 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। मेट्रो कॉरपोरेशन की ओर से ट्वीट करके इसकी जानकारी दी गई।
  • उत्तराखंड कैबिनेट ने 1 नवंबर से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है। स्टेट कैबिनेट मिनिस्टर मदन कौशिक ने यह जानकारी दी।
  • पंजाब सरकार ने राज्य में स्कूल फिर से खोलने का फैसला किया है। राज्य के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि स्कूल खोलने के लिए एसओपी तैयार की ली गई है और अप्रूवल के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को भेजी गई है। मंजूरी मिलते ही तारीख का ऐलान किया जाएगा।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में बुधवार को संक्रमण के रिकॉर्ड 5515 नए मामले सामने आए। अब तक एक दिन में मिले संक्रमितों की ये सबसे ज्यादा संख्या है। 5729 लोगों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया, जबकि 15 मरीजों की मौत हो गई।

राज्य में अब तक 1 लाख 55 हजार 276 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 14 हजार 432 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 38 हजार 158 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 2686 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य में 24.8 लाख लोगों की जांच हो चुकी है।

2. राजस्थान
पिछले 24 घंटे के अंदर राज्य में 2021 नए मरीज मिले। 2219 लोग ठीक हो गए और 15 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 34.1 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो चुकी है। इनमें 1 लाख 65 हजार 240 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 21 हजार 711 लोगों का अभी इलाज चल रहा है। 1 लाख 41 हजार 835 लोग रिकवर हो चुके हैं। संक्रमण के चलते 1694 मरीजों की मौत हो चुकी है।

3. बिहार
राज्य में बुधवार को 1326 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 1375 लोग रिकवर हुए और 6 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 86.7 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो चुकी है। इनमें 1 लाख 99 हजार 549 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं, जबकि 10 हजार 583 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 1 लाख 87 हजार 998 लोग रिकवर हो चुके हैं। 967 मरीजों की मौत हो गई है।

4. महाराष्ट्र
राज्य में बुधवार को 10 हजार 552 लोग संक्रमित मिले, 19 हजार 517 लोग ठीक हो गए और 158 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 15 लाख 54 हजार 389 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें 1 लाख 96 हजार 288 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 13 लाख 16 हजार 769 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के चलते अब तक 40 हजार 859 मरीजों की मौत हो चुकी है।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में पिछले 24 घंटे के अंदर 2593 नए मरीज मिले, 3736 लोग ठीक हुए और 41 मरीजों की मौत हो गई। अब तक 1.2 करोड़ से ज्यादा लोगों की जांच हो चुकी है। इनमें 4 लाख 44 हजार 711 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं, जबकि 36 हजार 898 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 4 लाख 1 हजार 306 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। कोरोना की वजह से 6507 लोगों की मौत हो चुकी है।



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भारी बारिश की वजह से मुंबई के कई इलाकों में पानी भरा; मुंबई, ठाणे समेत उत्तरी कोंकण इलाके के लिए मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

मुंबई में बारिश का दौर फिर से शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में गुरुवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है। विभाग ने मुंबई, ठाणे समेत उत्तरी कोंकण इलाके के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है। भारी बारिश की वजह से मुंबई के के कई इलाकों में पानी भर गया है। सायन पुलिस स्टेशन और किंग्स सर्कल के पास सड़कें पानी में डूब गईं हैं।

मुंबई के लोअर परेल इलाके में भी भारी बारिश हुई।

पुणे के बाढ़ प्रभावित इलाके से 40 को रेस्क्यू किया
पुणे के बाढ़ प्रभावित नीमगांव केतकी गांव से बुधवार को 40 लोगों को रेस्क्यू किया गया। बारामती के एसडीओ के मुताबिक, 40 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 15 अन्य लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं, एक दूसरी घटना में इंदापुर में अपने वाहन के साथ फंसे 2 लोगों को बचाया गया।

पुणे के इंदापुर में स्थानीय लोगों ने जेसीबी की मदद से एक व्यक्ति को बचाया। पुणे के बारामती के रहवासी इलाके में भी पानी पहुंच गया है।

भारी बारिश की वजह से श्रीमंत दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर के पास भी सड़कों पानी भर गया।

तेलंगाना में बारिश से अब तक 30 की मौत
तेलंगाना के कई इलाकों में मंगलवार से जारी बारिश की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 30 पहुंच गया है। इनमें 19 मौतें तो सिर्फ ग्रेटर हैदराबाद में दर्ज की गईं हैं, जबकि 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इलाके में सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं हैं। कई गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गईं। बुधवार को बंडल गुडा इलाके में एक घर पर पत्थर गिरने से 2 महीने के बच्चे समेत 9 लोगों की मौत हो गई थी।

मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव पैदा होने की वजह तेलंगाना और ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश से प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्यों में नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स टीम (एनडीआरएफ) और सेना जुटी हुईं हैं। लोगों को बचाने के लिए बोट की मदद ली जा रही है। वहीं, 2 हैलिकॉप्टर्स को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए स्टैंडबाइ पर रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने तेलंगाना और आंध्र के सीएम से बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्‌डी से बात की। उन्होंने दोनों राज्यों में भारी बारिश से बने हालातों के बारे जानकारी ली और राहत एवं बचाव कार्यों में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

गृह राज्य मंत्री किशन रेड्‍डी हैदराबाद पहुंचे
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को हैदराबाद के निचले इलाकों का दौरा किया, जहां भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले 40 सालों में हैदराबाद में इनते बुरे हालात नहीं देखे। पूरा शहर पानी में डूबा हुआ है। शहर की ज्यादातर बस्तियां पानी में डूब गई हैं।



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यह फोटो पुणे सिटी की है, जहां भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में जलभराव हो गया है।


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आज से फिल्में देखने जाइए और एंटरटेनमेंट पार्क में घूमिए; वैष्णो देवी में 2 हजार ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे, कर्ज लेने वालों पर फैसला जल्द

कोरोना के बीच अनलॉक-5 की आज से शुरुआत होने जा रही है। इसके तहत मल्टीप्लेक्स, एंटरटेनमेंट पार्क, स्वीमिंग पूल और जमावड़े में राहत दी गई है। उधर, कोरोना से टेस्टिंग का आंकड़ा 9 करोड़ के पार हो चुका है। भारत फिर भी अमेरिका से 3 करोड़ और चीन से 7 करोड़ टेस्टिंग पीछे है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...

आज आपके काम की 10 खबरें

  1. कई राज्यों में मल्टीप्लेक्स 7 महीने बाद खुलने जा रहे हैं।
  2. सरकार ने आज से एंटरटेनमेंट पार्क खोलने की भी इजाजत दे दी है।
  3. स्वीमिंग पूल आज से खुल सकेंगे। ओलिंपिक साइज के पूल में एक वक्त पर मैक्सिमम 20 तैराक हिस्सा ले सकेंगे।
  4. हर तरह के जमावड़े में 100 से ज्यादा लोग शामिल हो सकेंगे।
  5. पंजाब में 9वीं से 12वीं के स्कूल खुलेंगे।
  6. देशभर में सभी क्लासेस के लिए स्कूल खोलने के बारे में राज्य आज से फैसला ले सकेंगे। वे तारीख तय कर अपनी SOP बना सकेंगे।
  7. मुंबई में 194 और लोकल ट्रेनें चलेंगी। इनमें 10 एसी ट्रेनें भी शामिल हैं।
  8. वैष्णोदेवी में अब 7 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। अब तक 5 हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर सकते थे।
  9. दिल्ली से कटरा जाने वाली वंदे भारत ट्रेन आज से दोबारा शुरू होगी।
  10. शिमला-कालका ट्रैक पर हिमालयन क्वीन टॉय ट्रेन शुरू होगी। इसके लिए कालका-दिल्ली शताब्दी भी शुरू की जा रही है। और, साथ ही महाराष्ट्र में मेट्रो ट्रेन की शुरुआत भी होगी।

अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें

1. लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार

लोन मोरेटोरियम पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘आपको छोटे कर्जदारों के लिए फैसला लेना होगा। आप सही फैसले के साथ कोर्ट में आइए। आम लोगों की दुर्दशा को समझिए। उनकी दिवाली अब आपके हाथ में है।’ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2 नवंबर तक सुनवाई टाल दी है। साथ ही कहा कि जब सरकार ने फैसला ले ही लिया है तो हम देरी नहीं करेंगे, एक ऑर्डर पास करेंगे। पढ़ें पूरी खबर

2. भाजपा के लिए सिंधिया बड़े स्टार नहीं

मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में प्रचार के लिए भाजपा ने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। करीब सात महीने पहले कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं, लेकिन 10वें नंबर पर है। कांग्रेस ने इस पर तंज कसा है कि मतलब निकलने पर अब सिंधिया को भाजपा में दरकिनार कर दिया गया है। - पढ़ें पूरी खबर

3. फडणवीस की पत्नी का उद्धव पर निशाना

महाराष्ट्र में मंदिरों को नहीं खोलने को लेकर राजनीति जारी है। अब पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता ने सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। अमृता ने बुधवार को ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में बार और शराब की दुकानों को खोलने की छूट है, लेकिन मंदिर खतरनाक जोन में हैं। भरोसा न कर पाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट देकर खुद को साबित करना होता है। ऐसे लोग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को लागू करवाने में नाकाम रहते हैं। इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि मुंबई में मेट्रो ट्रेन सर्विस आज से शुरू की जाएगी। -पढ़ें पूरी खबर

4. तेलंगाना में बारिश से 15 की मौत

तेलंगाना के कई जिलों में मंगलवार रात से भारी बारिश हुई। राजधानी हैदराबाद में बीते 24 घंटे में 20 सेमी बारिश हुई। इसके बाद शहर की सड़कों पर पानी भर गया। कई गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गईं। बंडलगुडा इलाके में एक घर पर पत्थर गिरने से 2 महीने के बच्चे समेत 9 लोगों की मौत हो गई। बुधवार रात तक राज्य में बारिश की वजह से 15 लोगों की मौत हो चुकी थी। कुछ रिपोर्ट्स में मौत का आंकड़ा 20 भी बताया गया है। - पढ़ें पूरी खबर

5. बंगाल में राजनीतिक हिंसा का इतिहास

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर हिंसा की राजनीति लगातार तेज हो रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2018 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पूरे साल के दौरान देश में होने वाली 54 राजनीतिक हत्याओं में से 12 बंगाल में हुईं, लेकिन उसी साल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को जो एडवायजरी भेजी थी, उसमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में 96 हत्याएं हुई हैं। -पढ़ें पूरी खबर

6. युवाओं पर भारी पड़ रही लापरवाही

अगर आप ये सोचते हैं कि कोरोना केवल बुजुर्ग लोगों की जान ले रहा है तो ये गलत है। कोरोना को हल्के में लेना युवाओं और कम उम्र के लोगों को भारी पड़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक जान गंवाने वाले 45% मरीज ऐसे थे, जिनकी उम्र 26 से 60 साल के बीच थी। जान गंवाने वाले सबसे ज्यादा 70% मरीज पुरुष थे, जबकि 30% मरीज महिलाएं थीं। -पढ़ें पूरी खबर

7. कश्मीर में हिरासत का दौर खत्म, मुलाकातें शुरू

पीडीपी चीफ और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई के एक दिन बाद बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर उनसे मिलने पहुंचे। उमर ने ट्वीट किया कि मैं और मेरे पिता महबूबा मुफ्ती का हाल-चाल जानने पहुंचे थे। उमर ने बताया कि महबूबा मुफ्ती गुरुवार को होने वाली 5 दलों की बैठक में भी शामिल होंगी। -पढ़ें पूरी खबर

अब 15 अक्टूबर का इतिहास

1542: मुगल शासक अकबर का जन्म हुआ।

1931: 11वें राष्ट्रपति और साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ।

1961: साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का निधन हुआ।

आखिर में जिक्र जेआरडी टाटा का। 1932 में आज ही के दिन उन्होंने कराची से मुंबई तक टाटा एयर सर्विसेस का जहाज उड़ाया था। पढ़ें उन्हीं की कही एक बात...



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7 महीने बाद खुलेंगे मल्टीप्लेक्स; आधी सीटें ही बुक होंगी, एक शो शुरू होने और दूसरा खत्म होने का एक ही वक्त नहीं होगा

अनलॉक-5 आज से लागू हो रहा है। देश में छूट का दायरा और बढ़ रहा है। अब इस दायरे में कंटेनमेंट जोन के बाहर सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, एंटरटेनमेंट पार्क, स्वीमिंग पूल शामिल हो गए हैं। अनलॉक-5 के लिए गाइडलाइन 30 सितंबर को जारी की गई थी। जानिए, क्या-क्या किस तरह खुलने जा रहा है...

1. मल्टीप्लेक्स
सरकार ने सिटिंग अरेंजमेंट में फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल खोलने की इजाजत दी है। मध्यप्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और बंगाल में 7 महीने बाद मल्टीप्लेक्स खुलने जा रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तरी राज्यों ने मल्टीप्लेक्स नहीं खोलने का फैसला लिया है।

गुजरात में 17 अक्टूबर से मल्टीप्लेक्स खुल सकते हैं। गोवा सरकार ने सिनेमा हॉल खोलने की इजाजत दे दी है, लेकिन थिएटर ओनर्स ने कहा है कि नई फिल्में नहीं होने की वजह से ऐसा नहीं करेंगे। दो इन्फोग्राफिक्स में 6 सवालों के जरिए समझिए कैसे अनलॉक होंगे मल्टीप्लेक्स...

2. एंटरटेनमेंट पार्क
अनलॉक-5 के तहत आज से एंटरटेनमेंट पार्क भी खुल सकेंगे। गाइडलाइन कहती है कि पार्क खोले जाने से पहले और बंद किए जाने के बाद क्लीनिंग और सैनिटाइजेशन जरूरी होगा। इसके अलावा बीच में भी अगर वक्त मिलता है तो ऐसा करना होगा। यूज किए गए मास्क और फेस कवर के लिए अलग से डस्टबिन होने चाहिए। इन पार्कों में स्वीमिंग पूल अभी बंद ही रहेंगे।

वॉटर पार्क में पानी की लगातार सफाई का ध्यान रखना होगा। पार्कों के बाहर और अंदर लाइन और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने चाहिए। क्राउड मैनेजमेंट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। टिकट खिड़कियां पर्याप्त संख्या में हों और ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ाया जाए।

3. स्वीमिंग पूल
स्वीमिंग पूल भी आज से खुल सकेंगे। इसके लिए जारी की गई SOP के मुतािबक, ओलिंपिक में इस्तेमाल होने वाले पूल के साइज के बराबर स्वीमिंग पूल में एक वक्त में ज्यादा से ज्यादा 20 स्विमर ट्रेनिंग कर सकते हैं। हालांकि, स्विमर्स को इसके लिए एक डिक्लेरेशन पर साइन करके देना होगा। रेजिडेंशियल तैराक के लिए कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट सबमिट करना जरूरी है।

4. स्कूल
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे 15 अक्टूबर के बाद अलग-अलग क्लास के बच्चों के लिए स्कूल खोलने के बारे में फैसला ले सकेंगे। इसके लिए वे तारीख तय करेंगे और अपनी अलग SOP बना सकेंगे। दिल्ली और महाराष्ट्र समेत ज्यादातर राज्यों ने अभी स्कूलों को बंद ही रखने का फैसला लिया है। उधर, पंजाब में आज से 9वीं से 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खुलने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 19 अक्टूबर से स्कूल खोले जाएंगे।



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पुष्पम प्रिया के गांव की हालत ऐसी कि 100 से ज्यादा घर आज भी पानी में डूबे, पानी सड़ गया, बदबू आ रही है

बदलाव की बात हो तो शुरुआत खुद से करनी चाहिए…यही सुनते रहे हैं हम सब। लेकिन, बिहार बदलने का विजन लेकर राजनीति में आईं पुष्पम प्रिया चौधरी के गांव में ऐसा नहीं दिखता। खुद को सीएम कैंडिडेट घोषित कर चुकीं पुष्पम प्रिया के गांव के 100 से ज्यादा घर डूबे हैं। पानी सड़ गया है। धूप होती है तो सड़ांध से जीना मुहाल हो जाता है। पीसीसी सड़क कई जगह लंबाई में ही आधी धंसकर गायब है। सड़क किनारे नाला नहीं है, इसलिए कहीं कीचड़ है, तो कहीं पानी।

इन स्थितियों में कोई बीमार पड़े, छींक भी हो तो जाइए डीएमसीएच या फिर खुद बन जाइए डॉक्टर। पुष्पम राजनीति में तो आईं, लेकिन गांव में नहीं। यह गांव वाले बोल रहे, हम नहीं। गांव के लोग कहते हैं कि “इनका पूरा परिवार तो जदयू का है, नीतीश का है। नई पार्टी बनाई तो मीडिया वाले ही घूमते आए, तब पता चला। पार्टी बनाकर भी एक ही बार गांव आईं। राज्य में क्या कर रहीं, हमें तो तब पता चलता जब गांव में कुछ कर जातीं।”

गांव के लोग पुष्पम प्रिया से मिले तक नहीं
पुष्पम प्रिया को उनके गांव के लोग ही नहीं पहचानते हैं। उनसे मिले भी नहीं हैं। कहते हैं- “इ सब अप्पन हित देखे छै। 40 साल से इनकर परिवार दरभंगा में रैह रहल छै। परिवार के गांव से कहियो मतलबे नै रखला।” गांव के लोगों की शिकायत है कि उनके परिवार ने कभी गांव के विकास के लिए कुछ किया ही नहीं, जबकि बाबा उमाकांत चौधरी समता पार्टी के समय से नीतीश कुमार से जुड़े थे। पिता विनोद कुमार चौधरी जदयू के एमएलसी रहे हैं और चाचा विनय कुमार चौधरी बेनीपुर से जदयू के प्रत्याशी भी हैं।

विशनपुर गांव के मुखिया राजकुमार चौधरी कहते हैं- “गांव की बेटी है, बिहार में मिसाल बनना था तो शुरुआत गांव से करनी चाहिए थी। चुनाव भी अपने क्षेत्र हायाघाट से लड़ना चाहिए था।” लोग कैमरे के सामने बात करना नहीं चाहते, लेकिन सहज बातचीत हो तो खुलकर बोलते हैं- “झुट्‌ठो बदलाव-बदलाव करै छै। बाबा, बाबू, चचा त सरकार में रहिकर किछो नै क सकला।”

इस सड़क को बने कुछ महीने ही हुए थे और पहली ही बारिश में ये सड़क धंस गई।

विशनपुर गांव में मुड़ते ही दिखती है परेशानी-बदहाली, गुस्से में लोग
दरभंगा जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर है विशनपुर गांव। बारिश हुए कई दिन बीत चुके थे, लेकिन सड़क पर पानी जमा था। घर तक में पानी दिखा। कई परिवार तो दूसरे के घरों में रहते मिले। लोगों ने दिखाना शुरू किया कि पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है, ताकतवर भी है, लेकिन कभी गांव में नाला बनवाने के लिए कुछ नहीं किया। नतीजा हर साल दिखता है, लेकिन भुगतने वालों के बारे में यह परिवार नहीं सोचता है। किसी ने नहीं सोचा और बेटी चली है बिहार बदलने।
गांव के ही श्यामा मंदिर के पास रामनरेश चौधरी नाम के एक बुजुर्ग मिले। लाठी के सहारे सड़क पर बह रहे गंदे पानी के बीच खुद को बचाकर निकलने की कोशिश कर रहे थे। बोले, “हम सब बहुत परेशान छि। हमरा गांव के हाल बड्‌ड खराब छै। एता से केकरो मतलब नै छै, आउर कउनो देखै आवे वला नै छै हो। गांव में रोड त छै पर, नाली कै कोनो व्यवस्था नै छै। एहन हाल छै जेना बहुत बारिश भेल हो। मुखिया और विधायक के भी हमरा सब से कोनो मतलब नै छै, नै कहियो देखेले आबै छै।”

बीमार पड़ला पर 15 किमी दूर जाए परै छै, मिट्‌टी से लगाव नै छै
पुष्पम प्रिया के गांव में आजतक एक हेल्थ सेंटर नहीं बना। किसान श्याम शंकर चौधरी कहते हैं, “विडंबना छै कि बीमार पड़ला पे अपन गांव के व्यक्ति-बच्चा के 15 किलोमीटर दूर डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज) ले जाए परै छै। 4 किलोमीटर दूरी पर बगल वला गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र छै, लेकिन उतो कोनो इलाज करै के सुविधा नै छै हो।” वो ये भी कहते हैं कि जन्मभूमि से लगाव नहीं रखने वाले परिवार की बेटी पूरे बिहार से लगाव दिखा रही है तो सुनकर आश्चर्य ही होता है।

प्लूरल्स का नाम भी नहीं ले पाते हैं लोग
गांव में ही हमें किसान संतोष कुमार चौधरी मिले। पुष्पम को वो सही से जानते नहीं है। उन्हें देखा भी नहीं है। संतोष कहते हैं कि गांव की बेटी है। राजनीति में आना और पार्टी बनाना तो ठीक है, लेकिन पार्टी का नाम ऐसा है कि बोल नहीं पाते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वो प्लूरल्स के कैंडिडेट को वोट करेंगे तो जवाब था, “इस बारे में बाद में सोचेंगे। सब कैंडिडेट पर डिपेंड करता है।”

गांव में कई ऐसे लोग मिले जो प्लूरल्स का नाम सही से बोल नहीं पा रहे थे। विधानसभा चुनाव की फर्स्ट टाइम वोटर स्वाति कुमारी कहती हैं, “पुष्पम प्रिया को अब तक सिर्फ फेसबुक-यूट्यूब पर ही देखा है। अभी तो बात ही पर सबकुछ है। जो स्टूडेंट्स के लिए बेहतर शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराने की बात करेगा, उसी को वोट देंगे।”

ये पुष्पम प्रिया का पुश्तैनी घर है। यहां उनके चचेरे चाचा सुमित चौधरी रहते हैं।

पुश्तैनी घर में मिले चाचा, कहा- रिश्ता देखकर वोट नहीं देता
पूरे गांव में घूमने और लोगों से मिलने के बाद भास्कर की टीम पुष्पम प्रिया चौधरी के पुश्तैनी घर पहुंची। वहां पर सरकारी टीचर सुमित कुमार चौधरी मिले। सुमित हैं तो पुष्पम के चचेरे चाचा, लेकिन अपनी भतीजी को लेकर भी साफ-साफ नहीं बोलते हैं। कहने लगे- “जो विकास की बात करेगा, वोट उसी को जाएगा। नाते-रिश्तेदार को देख कर वोट नहीं करेंगे।”



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Bihar Election 2020: Pushpam Priya Choudhary | Ground Report From Darbhanga Bishanpur Village Of Plurals Party Chief Pushpam Priya


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25 हजार इंवेस्ट कर बिजनेस शुरू किया, लेकिन फायदा नहीं हुआ, फिर ग्राहकों ने ही बताया क्या बेचो; अब महीने की 35 हजार कमाई

कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों में टूट जाते हैं, तो कुछ इन्हीं हालातों में एक ऐसा रास्ता तैयार करते हैं, जो उनकी जिंदगी ही बदल देता है। इंदौर की श्वेता वैद्य का बिजनेस करने का कोई प्लान नहीं था, लेकिन पति की अर्निंग कम होने के बाद हालात ऐसे बने कि कुछ करना उनकी मजबूरी हो गई। श्वेता ने न हारी मानी, न डरीं। बल्कि जितना पैसा था, उससे एक फूड स्टॉल लगाया और बिजनेस शुरू कर दिया। पहले 40 दिनों में ही जितना पैसा लगाया था, वो निकल गया और इसके बाद हर माह 30 से 35 हजार रुपए की बचत होने लगी। पढ़िए श्वेता की सक्सेस स्टोरी।

पति की अर्निंग कम हो गई थी, इसलिए सोचा कि अब कुछ करना ही पड़ेगा...

मैंने मुंबई यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। शादी के बाद इंदौर आ गई। कुछ समय बाद बच्चों की जिम्मेदारी आ गई तो कभी अपने करियर को लेकर कुछ सोचने का वक्त ही नहीं मिल सका। पति बिजनेसमैन हैं। वो आईटी से जुड़ा कामकाज करते हैं। मैं अपने पारिवारिक कामों में बिजी थी लेकिन 2015 से 2017 के बीच हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मेरे पति की बिजनेस से होने वाली अर्निंग काफी कम हो गई थी। सेविंग्स खत्म हो रहीं थींं। दो छोटे बच्चे हैं। तब सोचा कि अब कुछ न कुछ करना ही होगा। मैंने पहले नौकरी भी की है। इसलिए मेरे पास दोबारा नौकरी करने का भी ऑप्शन था, मगर मन में लगा कि भले ही छोटा हो लेकिन कुछ अपना ही सेट करना चाहिए। कई दिनों तक सोचती रही कि क्या कर सकती हूं। फिर दिमाग में आया कि क्यों न फूड स्टॉल लगाया जाए। मेरी खाने में रुचि भी है और मुंबई में रहने के दौरान मैं अक्सर सोचा करती थी कि काश मेरा भी कोई कैफे हो।

श्वेता ने जब स्टॉल शुरू किया था, तब उन्हें इस काम का कोई एक्सपीरियंस नहीं था। पराठे शुरू करने का आइडिया उन्हें ग्राहकों से ही मिला।

स्टॉल लगाने का सोच तो लिया लेकिन क्या बेचूंगी? कैसे बेचूंगी? ये सब नहीं पता था। मेरी सासु मां पूरन पोली बहुत अच्छी बनाती थीं। उन्होंने कहा कि तुम पूरन पोली का ही स्टॉल क्यों नहीं शुरू करतीं। ये मार्केट में सब जगह मिलती भी नहीं और हमारी यूएसपी बन सकती है। बस फिर ये तय हो गया कि पूरन पोली का स्टॉल लगाएंगे। फिर सवाल आया कि, कहां लगाएं। पति ने कहा, इंदौर का सराफा एक ऐसा बाजार है, जहां हमेशा भीड़ होती है। इसलिए हमें वहीं स्टॉल लगाना चाहिए। उन्होंने अपने कॉन्टैक्ट से एक तीन फीट चौड़ी और इतनी ही लंबी जगह किराये पर ले ली।

फिर हमने उस जगह के हिसाब से एक ठेला कस्टमाइज करवाया। चूल्हा, बर्तन और जो जरूरी सामान था वो सब खरीदा। इन सब में 25 हजार रुपए खर्च हुए। हमने 2018 में नवरात्रि से अपने बिजनेस की शुरूआत कर दी। पूरन पोली सासु मां ही बनाया करती थीं क्योंकि वो इसमें एक्सपर्ट थीं। तब मैं उनसे सीख रही थी कि मैं कैसे बना सकती हूं। शुरू में हमें अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। स्टॉल पर लोग आते तो थे लेकिन पूरन पोली अधिकतर को पसंद नहींं थी। कई लोग तो पूरन पोली को पराठा समझकर आ जाते थे। दो-तीन हफ्तों तक ऐसा ही चलते रहा। ग्राहकी बिल्कुल नहीं हो रही थी। मैं पास के स्टॉल पर देखती थी, वहां खूब भीड़ लगती थी। वो पराठे का स्टॉल था। लोग एक-एक घंटे का इंतजार करके पराठे खाते थे। मुझसे कई कस्टमर कहते थे कि आप पराठे क्यों नहीं रखतीं।

श्वेता कहती हैं पूरन पोली के ग्राहक कम थे, लेकिन पराठे के ग्राहक बहुत थे। इसलिए हमने पूरा फोकस टेस्टी पराठे देने पर किया।

मार्केट की डिमांड देखते हुए मैंने स्टॉल शुरू होने के 20 दिन बाद ही पराठे लॉन्च कर दिए। आलू, पनीर, मिक्स, चीज जैसे पराठे हम देने लगे। पराठे बनाते मुझे पहले से आते थे। कुछ चीजें मैंने ऑब्जर्व भी कीं। पराठे शुरू होते ही धंधे ने रफ्तार पकड़ ली। इसके एक महीने बाद ही हमने जितना पैसा लगाया था वो पूरा वापस आ गया। फिर 2019 में पति अपने बिजनेस में लौट गए और मैं स्टॉल संभालने लगी। मैं रात में 9 से 2 बजे तक स्टॉल पर रहती थी। साथ में एक हेल्पर और एक कुक भी होता था। दिन में दो-तीन घंटे तैयारियों में जाते थे। इसके साथ में मैं पूरन पोली भी रखती रही क्योंकि यही हमारी यूएसपी थी। कुछ लोग पूरन पोली खाने भी आते थे।

दूसरे महीने से ही हर माह 30 से 35 हजार रुपए की इनकम होने लगी थी।

हमें दूसरे महीने से ही 30 से 35 हजार रुपए की बचत होने लगी। यह बचत जगह का किराया और दो लोगों की सैलरी देने के बाद की है। कुछ समय बाद मैंने अपने ब्रांड को स्वीगी और जोमैटो पर भी एक्टिव कर दिया। स्वीगी से हमें काफी ऑर्डर मिलने लगे और ब्रांडिंग भी होने लगी। ये ऑर्डर दिन के होते थे। रात में हम सराफा में होते थे। सब बढ़िया चल रहा था, तभी लॉकडाउन लग गया और सब बंद हो गया। हालांकि अब एक बार फिर सराफा शुरू हो चुका है और मैं फिर से अपना स्टॉल शुरू करने जा रही हूं। इस बार एक्सपीरियंस भी है और टीम भी है। कस्टमर्स की डिमांड के हिसाब से हम अपना मैन्यू बदलते रहेंगे। हमने कस्टमर्स की डिमांड पूरी की, तभी उन्होंने हमें इतना अच्छा रिस्पॉन्स दिया। आखिरी में यही कहना चाहती हूं कि, कठिन दौर आए तो कभी घबराएं नहीं बल्कि आप क्या कर सकते हैं, ये सोचें। हम कदम आगे बढ़ाते हैं, तो कुछ न कुछ जरूर कर जाते हैं।

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श्वेता के पास नौकरी करने का भी ऑप्शन था लेकिन उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए बिजनेस को चुना।


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सिर्फ कोरोना से नहीं, डायरिया, निमोनिया और बैक्टीरिया संक्रमण से दूर रहना है तो भी हाथों को 20 सेकंड तक धोना न भूलें; 4 कारणों से समझें यह क्यों जरूरी

दुनियाभर में 240 करोड़ लोग हाथों को साफ नहीं रख पाते। 20 फीसदी लोग ही दुनियाभर में हाथों की सफाई का ध्यान रखते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं, इस साल भले ही कोरोना के डर के कारण लोगों ने हाथों को साफ रखने की आदत डाल ली है लेकिन आगे भी संक्रामक रोगों से बचना है तो इस आदत को बरकरार रखना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन और सीडीसी कहता है, संक्रमण खत्म करने के लिए हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक धोना जरूरी है।

ब्रिटेन में हुई रिसर्च के मुताबिक, कोरोना के संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक घटाना है तो दिन में कम से कम 6 बार हाथ धोएं और मास्क लगाएं। गंदे हाथों से सबसे ज्यादा बीमारियां बच्चों में फैलती है, इनमें निमोनिया और डायरिया सबसे कॉमन है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है- हाथों को साफ न रखने के कारण दुनियाभर के देशों को 19 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ते हैं।

आज ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे है। इस साल की थीम है 'हैंड हाइजीन फॉर ऑल' यानी सभी को हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। आज से तय कीजिए दिनभर में कम से कम 6 बार हाथ धोने की आदत डालेंगे सिर्फ कोरोना से बचने के लिए नहीं, जीवनभर बीमारियों से दूर रहने के लिए। जानिए हाथों को कैसे धोएं, कब धोएं और यह कितना जरूरी है ...

दिन में कई बार साबुन से हाथों को धोना क्यों जरूरी, इन 4 फायदों से समझें

1. पेट और सांस की बीमारियों का खतरा घटाने के लिए हाथों की सफाई जरूरी

मुम्बई के जसलोक हॉस्पिटल की क्रिटिकल केयर कंसल्टेंट डॉ. श्रुति टंडन ने बताया- पेट की बीमारियां, सांस से जुड़े रोग और संक्रमण के जरिए फैलने वाली बीमारियों से बचना है तो हाथों को धोना जरूरी है।
अगर हाथ काफी गंदे हैं या आपने किसी ऐसे इंसान को छुआ है, जिसकी इम्युनिटी कम है तो हाथों को 3 मिनट तक धोना चाहिए। यह नियम हॉस्पिटल में फॉलो किया जा रहा है।

अगर आपके पास लिक्विड सोप है तो यह हाथों को धोने का और भी बेहतर विकल्प है। अगर एक ही साबुन कई लोग इस्तेमाल कर रहे हैं तो भी 3 मिनट तक हाथों को धोएं।

2. सैनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल से हाथों में दाने, खुजली और ड्रायनेस बढ़ सकती है
स्किन एक्सपर्ट डॉ. यू.एस. अग्रवाल कहते हैं, हाथों को साफ करने के लिए साबुन-पानी ही सबसे बेहतर विकल्प है। अधिक सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने से बचें। इसमें मौजूद एथेनॉल, एन-प्रोपेनॉल, आइसोप्रोपिल ड्राई एल्कोहल हाथों की प्राकृतिक नमी को नष्ट करते हैं। केमिकल के कारण रोमछिद्र शुष्क हो जाते हैं। सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल करने पर स्किन एलर्जी, सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है। यह हाथों में दाने, खुजली और खुरदरेपन की वजह भी बन सकता है।

3. सिर्फ कोरोना ही नहीं कई खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया से भी बचाव होगा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है, अक्सर हेल्थ केयर वर्कर्स से संक्रमण मरीज तक फैलने का खतरा रहता है। हॉस्पिटल्स में भर्ती में मरीज अक्सर समझ नहीं पाते है कि वो नए संक्रमण से भी जूझ रहे हैं। इसलिए हाथों को साफ रखना जरूरी है। हेल्थ केयर स्टाफ के जरिए कुछ खास वायरस और बैक्टीरिया का संक्रमण फैल सकता है। इसके कुछ उदाहरण हैं- हेपेटाइटिस-ए वायरस, नोरोवायरस, रोटावायरस, एडिनोवायरस, कैंडिला, स्यूडोमोनास और स्टेफायलोकोकस ऑरेयस।

4. दिन में 6 बार हाथों को साबुन से धोते हैं तो कोरोना का खतरा 90% घटता है
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की रिसर्च कहती है दिन में कम से कम 6 बार साबुन से हाथ धोते हैं और मास्क लगाते हैं तो कोरोना का खतरा 90% तक खत्म किया जा सकता है। 1663 लोगों पर रिसर्च करने के बाद यह बात साबित भी हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है, महामारी के इस दौर में दिन में कम से कम 6 बार और अधिकतम 10 बार हाथ धोना जरूरी।

हाथ कब-कब धोना है ये भी समझें
आमतौर पर घर से निकलने से पहले और अपनी मंजिल पहुंचने के बाद हाथ जरूर धोएं। खाने बनाने, खाने से पहले और खाना बनाने के बाद हाथ धोएं। घर में सफाई के बाद, बच्चे का डायपर बदलने के बाद, शॉपिंग कार्ट छूने के बाद, बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद, पालतू जानवर को छूने के बाद और कचरा फेंकने के बाद भी हाथ धोना जरूरी है।

हाथ साफ करते समय 20 तक गिनती गिनें
संक्रमण से बचाव को बचाव का सबसे बेहतर तरीका है कि बार-बार हाथ धोएं, लेकिन ज्यादातर लोग इसका सही तरीका नहीं जानते। इसके लिए अपने हाथ में पानी और साबुन लें। 20 तक उल्टी गिनती शुरू करें और इस दौरान कलाई और नाखूनों को अच्छे से धोएं। हाथ को एयर ड्रायर से मत सुखाएं, यह एक बड़ी गलती है। हाथ सुखाने के लिए टॉवेल का इस्तेमाल करें और नल बंद करने के लिए भी तौलिए का इस्तेमाल करें ताकि दोबारा हाथ में संक्रमण का खतरा न रहे।

कोलोराडो स्कूल ऑफ मेडिसन के प्रोफेसर डॉ. अदित गिंडे के मुताबिक, आपके हाथ ही सांस नली तक सारे कीटाणु को ले जाते हैं, इसलिए इसे जितना साफ रख सकें उतना बेहतर है।

12 साल का हुआ ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे
ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे की नींव अगस्त 2008 में स्वीडन के स्टॉकहोम में वर्ल्ड वाटर वीक के दौरान पड़ी। पहली बार यह दिन 15 अक्टूबर 2008 को सेलिब्रेट किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन की शुरुआत की। इस पहल की शुरुआत के कारण 2008 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ सैनिटाइजेशन भी घोषित किया गया।

इस दिन को मनाने जाने का मकसद हाथों के जरिए फैलने वाले बैक्टीरिया, वायरस और दूसरे जर्म्स को रोकना है। पहली बार यह दिन स्कूली बच्चों के बीच सेलिब्रेट किया गया था।



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Handwashing Day 2020, Coronavirus Update; Know Why It Is Necessary To Wash Hands Several Times A Day


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तेजस्वी बड़े भाई तेजप्रताप से ज्यादा अमीर, उनके पास 5.88 करोड़ की संपत्ति, लेकिन गाड़ी एक भी नहीं

तेजस्वी यादव...महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार हैं। लालू यादव के छोटे लाल हैं। लेकिन, उमर में अपने बड़े भाई तेजप्रताप से एक साल बड़े हैं। ये हम नहीं दोनों भाइयों का एफिडेविट कहता है। तेजस्वी राघोपुर से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। बुधवार को उन्होंने नॉमिनेशन फाइल भी कर दिया। पांच साल में उनकी संपत्ति दो गुना हो गई। लेकिन, गाड़ी एक भी नहीं है। केस भी एक से बढ़कर 11 हो गए।

तेजस्वी के पास 5.88 करोड़ की संपत्ति

तेजस्वी की संपत्ति 5 साल में 3.56 करोड़ रुपए बढ़ गई है। 2015 में जब उन्होंने एफिडेविट दाखिल किया था, तब अपनी संपत्ति 2.32 करोड़ रुपए बताई थी। इस बार 5.88 करोड़ रुपए संपत्ति बताई है। जबकि, तेजप्रताप के पास 2.83 करोड़ रुपए की संपत्ति है। तेजस्वी भले ही अमीर हों, लेकिन उनके नाम एक भी गाड़ी नहीं है। जबकि, तेजप्रताप के पास एक 15.46 लाख की सीबीआर 1000आरआर और 29.43 लाख रुपए की बीएमडब्ल्यू है।

5 साल पहले 40 लाख टैक्स दिया, 2019-20 में 3 लाख से भी कम

तेजस्वी ने 2015-16 में 39.80 लाख रुपए का टैक्स दिया था। उसके बाद से उनका टैक्स कम ही होता जा रहा है, जबकि संपत्ति बढ़ती जा रही है। 2016-17 में तेजस्वी ने 34.70 लाख रुपए, 2017-18 में 10.93 लाख रुपए और 2018-19 में 1.41 लाख रुपए आईटीआर भरा है। जबकि, 2019-20 में सिर्फ 2.89 लाख रुपए का टैक्स जमा किया है। तेजस्वी ने अपनी उम्र 31 साल बताई है, जबकि उनके भाई तेजप्रताप ने अपनी उम्र 30 साल बताई है। पिछले चुनाव के वक्त भी ऐसा ही था। उस समय भी तेजस्वी 26 साल के और तेजप्रताप 25 साल के थे।

तेजस्वी पर 11 केस, पिछली बार एक ही था

लालू के छोटे बेटे क्रिमिनल केस में भी बड़े भाई तेजप्रताप से आगे हैं। तेजप्रताप के ऊपर 5 क्रिमिनल केस चल रहे हैं। जबकि, तेजस्वी ने अपने ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी जैसे 7 क्रिमिनल केस दर्ज होने की बात कही है। क्रिमिनल केस के अलावा तेजस्वी के ऊपर 4 सिविल केस भी चल रहे हैं।

लालू के बड़े बेटे का हिसाब-किताब:तेजप्रताप के पास 15 लाख की बाइक, 30 लाख की बीएमडब्ल्यू; 5 क्रिमिनल केस, इसमें डोमेस्टिक वॉयलेंस का भी मामला



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Bihar Election 2020: Tejashwi Yadav Property Update| Lalu Prasad Yadav Son Latest News| Tejashwi Asset Details And Criminals Cases


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नाले में ले जाकर बच्ची के कपड़े उतारे, रोने लगी तो बार-बार पत्थरों पर पटका, दुष्कर्म किया; खून में सनी बच्ची को बाइक पर बैठाया और पार्क में फेंक गया

रुह को झकझोर देने वाली यह कहानी जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में रहने वाली सात साल की उस मासूम बच्ची की है, जो अकेले घर से करीब 50 कदम दूर एक दुकान पर टॉफी लेने गई थी। जब वो मासूम वापस अपने घर लौट रही थी, तभी एक साइको रेपिस्ट उसे पापा का दोस्त बताकर अपने साथ बाइक पर बैठाकर ले गया। फिर एक नाले में ले जाकर दरिंदे ने बच्ची के कपड़े उतारे। जब बच्ची रोने लगी तो उसे उठाकर बार-बार पत्थरों पर पटका। बच्ची चुप नहीं हुई तो उसका गला दबाया। बच्ची के आंसू और चीख से भी उस दरिंदे का दिल नहीं पिघला।

उसने बच्ची के दुष्कर्म किया और उसके बदन को नोच खाया। इसके बाद खून से लथपथ इस बच्ची को बाइक पर बैठाया और उसके घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक पार्क के बाहर पेड़ के नीचे फेंककर भाग निकला।

दुष्कर्म की यह वारदात 1 जुलाई को 2019 को शाम करीब 7:30 बजे हुई। इस केस में बच्ची को अभी इंसाफ मिलना बाकी है। कोर्ट में चल रही तारीख पेशी और गवाही के बीच इस बच्ची के जिस्म के जख्म भले ही ठीक हो गए हो। लेकिन, उसके जेहन में दुष्कर्म के दर्द की लकीरें गहरी हो गई हैं। आज भी यह मासूम बच्ची रात के वक्त कभी भी उठकर रोने लग जाती है। चीखने-चिल्लाने लग जाती है।

पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी जो बच्ची कभी अपने भाई-बहनों के साथ कमरे में सो जाती थी, आज अपनी मां के बगैर नहीं सो पाती है। उसके साथ जब से दुष्कर्म की वारदात हुई, तब से वह अपनी मां के पास एक अलग कमरे में सोती है।

आरोपी जीवाणु मासूम बच्ची को घर के बाहर से बाइक पर बैठाकर ले गया था और फिर उसने उसके साथ रेप किया।

बच्ची के पिता कहते हैं, ‘मैं लाखों कोशिश करता हूं। मेरी बच्ची जो भी मांगती है, मैं वो चीज कैसे भी उसे लाकर देता हूं। चाहता हूं कि वो उस दरिंदगी की घटना को भूल जाए, लेकिन वो भूल नहीं पाती है। पूछने पर बताती है कि पापा, मुझे वही चीज नजर आती है, मुझे उठा-उठाकर पत्थरों पर पटकना। बुरी तरह थप्पड़ मारना। गला दबाना। इस तरह जुल्म करना। बार-बार इस मासूम बच्ची के दिमाग में दुष्कर्म के दरिंदे जीवाणु का चेहरा आ जाता है।’

‘मैं अपनी बेटी को अकेला नहीं छोड़ता हूं। अभी स्कूल बंद हैं। उर्दू, अरबी की पढ़ाई होती है तो मैं उसे कहीं बाहर अकेला पढ़ने नहीं भेजता हूं। मैं उसे अपने साथ मस्जिद लेकर जाता हूं। रात करीब 8:30 बजे साथ वापस घर लेकर आता हूं। रास्ते में ये जो भी चीज मांगती है, चाहे वो 100 रुपए की हो या फिर 500 रुपए की। मैं इसे दिलाता हूं। बस इसी उम्मीद के साथ कि इसके जेहन से वो दर्दनाक बात निकल जाए।’

बच्ची कोर्ट से लौटने पर पूछती है- पापा आज क्या हुआ, उसे सजा मिली क्या

बच्ची के पिता रुंधे हुए गले से बताते हैं- आज भी मैं जब कोर्ट में तारीख से लौटकर घर आता हूं तो बच्ची दौड़कर मेरे पास आती है। फिर पूछने लगती है, पापा आज क्या हुआ? उसको सजा मिली क्या?

आज भी बच्ची के पिता के पास उनका केस लड़ रहे वकील साहब का फोन आया तो बातचीत सुनकर आ गई। पूछने लगी-पापा किसका फोन था। पिता ने कहा, बेटा वकील साहब का फोन था। तो फिर सवाल पूछा कि वो क्या कह रहे थे। पिता ने कहा कि 15 अक्टूबर की तारीख है। सुबह 10 बजे कोर्ट बुलाया है।

पिता कहते हैं- मैं मेरी बेटी को कोर्ट में चल रही सुनवाई की सभी जानकारी देता हूं। उसे हिम्मत देता हूं कि बेटा उसे सजा जरूर होगी। कानून पर मुझे पूरा भरोसा है। उसे फांसी की सजा दी जाएगी। मुझे कानून पर यकीन है कि फैसला मेरी बच्ची के हक में होगा।

पिता बताते हैं कि जब वे जीवाणु की गिरफ्तारी के बाद जेल में उसकी शिनाख्त परेड में गए। तब उन्हें एक कमरे में बैठा दिया गया। एक महिला पुलिस अफसर उनकी बेटी को लेकर जेल के एक कमरे में लेकर गई। तब बच्ची ने चेहरा ढंक रखा था। जहां करीब 15-20 लोगों को लाइन में खड़ा गया था। उनके बीच जीवाणु भी मौजूद था। मजिस्ट्रेट के समक्ष चल रही शिनाख्त परेड में बच्ची ने देखते ही जीवाणु को पहचाने हुए कहा था कि यही वो आदमी है, जिसने गलत काम किया था।

घटना के छह दिन बाद 7 जुलाई को पुलिस ने जीवाणु को कोटा से गिरफ्तार किया था।

लॉकडाउन से पहले 36 गवाहों के बयान पूरे हुए, अब 15 अक्टूबर से दोबारा सुनवाई

शास्त्री नगर इलाके में पिछले साल बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के आरोपी सिकंदर उर्फ जीवाणु उर्फ जावेद के खिलाफ केस में महानगर की पॉस्को मामलों की विशेष कोर्ट-6 में गवाहों के बयान मार्च माह में पूरे हो गए थे। विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने बताया कि अभियोजन की ओर से इस केस में 36 गवाहों के बयान दर्ज कराए।

इस मामले में पुलिस ने जीवाणु के खिलाफ 31 जुलाई 2019 को अपहरण, मारपीट, दुष्कर्म, कुकर्म व पॉस्को एक्ट सहित आर्म्स एक्ट में चालान पेश किया था। पुलिस ने जीवाणु को 7 जुलाई को कोटा से गिरफ्तार किया था। 22 मार्च को लॉकडाउन की वजह से तारीख पेशी बंद हो गई, अब 15 अक्टूबर को फिर से गवाहों के बयान शुरू होंगे। पूरी कोशिश है कि जल्द ही जीवाणु को कड़ी सजा सुनाई जाए।

घटना के बाद से शहर में तनाव की स्थिति बन गई थी, पुलिस ने 5 दिनों तक 13 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कराया था।

पथराव में करीब 100 वाहनों के शीशे तोड़े गए, पांच दिन 13 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट बंद रहा था

बच्ची की दुष्कर्म की घटना के बाद से तनाव फैल गया था। पुलिस को यहां 2 जुलाई से 6 जुलाई तक 13 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट भी बंद करना पड़ा था। इस घटना से 8 दिन पहले 22 जुलाई को भी इसी इलाके की 4 साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ था। दोनों घटनाओं के कारण तनाव ज्यादा बढ़ गया।

घटना से गुस्साए सैकड़ों लोगों ने रात को कांवटिया सर्किल पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के घर लौटते वक्त कुछ उपद्रवी युवकों ने आसपास की कॉलोनियों में सड़क पर खड़े करीब 100 वाहनों के शीशे फोड़ डाले। तोड़फोड़ के वक्त कॉलोनी के लोग घरों से बाहर निकले। तब उनसे मारपीट भी की। इससे इलाके में तनाव हो गया और मामला दो समुदायों के बीच हो गया। इसको सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई।



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The seven-year-old girl still wakes up at midnight due to the pain of rape, starts screaming, asks her father - has she been punished?


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सूटकेस में महिला की लाश वाली फोटो को लव जिहाद बताकर तनिष्क पर साधा जा रहा निशाना, असल में महिला हिंदू थी या मुस्लिम, अब तक पता नहीं चला

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। सूटकेस में रखी महिला की लाश रखी दिख रही है। दावा किया जा रहा है कि मृतक महिला हिंदू है, मुस्लिम घर में शादी होने के बाद उसकी हत्या कर दी गई।

फोटो और मैसेज को शेयर करते हुए लोग तनिष्क के उस विज्ञापन पर निशाना साध रहे हैं। जिसमें एक हिंदू लड़की को मुस्लिम घर की बहू दिखाया गया था। लाश की फोटो और तनिष्क के विज्ञापन के एक सीन की फोटो का कोलाज शेयर किया जा रहा है।

वायरल मैसेज का हिंदी अनुवाद है- तनिष्क दिखा रहा है कि हिंदू लड़की मुस्लिम घर में 100% सुरक्षित है। जबकि, असल में हिंदू लड़कियों दूसरे धर्म में शादी करके बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं। वे लव जिहाद में फंसती हैं और मारी जाती हैं।

और सच क्या है ?

  • वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से 13 अक्टूबर की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स हमारे सामने आईं। जिनसे पता चलता है कि हरियाणा के सिरसा में सूटकेस में एक महिला की लाश मिली है। हालांकि, अब तक इस लाश की पहचान नहीं हो सकी है।
  • जानकारी की पुष्टि के लिए इस खबर को हमने अलग-अलग की वर्ड के जरिए कुछ अन्य वेबसाइट्स पर तलाशना शुरू किया। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर भी हमें यही खबर मिली। खबर में फोटो भी वही है जिसे लव जिहाद एंगल से शेयर किया जा रहा है।
  • दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, सिरसा के डिंग थाना क्षेत्र में गांव फूलकां से होकर बहने वाली बनमंदौरी माइनर से 9 अक्टूबर की शाम को एक सूटकेस में युवती का शव मिला। मृतका के गले पर गहरे रंग के निशान हैं, जिससे ये अंदेशा जताया जा रहा है कि गला घोंटकर हत्या की गई है। अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। खबर में कहीं भी लव जिहाद वाले एंगल का जिक्र नहीं है।
  • स्पष्ट है कि जिस लाश की फोटो वायरल हो रही है। उसकी अब तक पहचान ही नहीं हो सकी है। यानी वायरल मैसेज में किया जा रहा लव जिहाद का दावा मनगढ़ंत है।


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Fact Check : Tanishq's advertisement is being targeted by calling the photo of the woman's dead body in a suitcase as love jihad, the dead found in Haryana has not been identified yet.


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वैशाली, कीर्ति कुमारी और बसंती बेन ने बदली गांव की तकदीर; वहीं छवि, जबना चौहान, परवीन कौर पढ़-लिखकर बनीं सरपंच और गांवों में लाईं खुशहाली

आमतौर पर गांव की महिलाओं की जब बात होती है तो सिर पर पल्लू, बातों में झिझक और सीधी-सादी महिला की छवि हमारे दिमाग में होती है। लेकिन इसके उलट कुछ महिलाएं गांव में रहते हुए वहीं की अन्य महिलाओं का सहारा बन रही हैं।

यहां कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जो सरपंच बनीं। पढ़ाई-लिखाई में आगे ये महिलाएं शहर में रहकर भी अपना भविष्य बेहतर बना सकती थीं। लेकिन, उन्होंने अपनी मर्जी से गांव की तकदीर को संवारने का फैसला किया। आज सारी दुनिया में ये महिलाएं अपने गांव के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन कर रही हैं। वर्ल्ड रूरल वीमेंस डे के मौके पर हमने गांव की ऐसी ही महिलाओं को सामने लाने की कोशिश की है।

वैशाली ने गांव की महिलाओं को ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाना सिखाया
25 वर्षीय वैशाली ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार देकर और उनमें फैशन की समझ विकसित करके बेस्ट क्वालिटी के कपड़े और सामान के जरिये यूरोपियन एक्सपोर्ट मार्केट में जगह बनाई है। इस युवा आंत्रप्रेन्योर ने 'सुरमई बनाना एक्सट्रेक्शन प्रोजेक्ट लॉन्च' किया है। अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से वे ग्रामीण महिलाओं को ऑर्गेनिक और नैचुरल फाइबर प्रोडक्ट बनाना सिखाती हैं। वैशाली ने इस काम की शुरुआत गांव हरिहरपुर की 30 महिलाओं के साथ की थी।

कीर्ति कुमारी 10 स्व-सहायता समूहों के जरिए महिलाओं को ट्रेनिंग दे रही हैं
कीर्ति उत्तराखंड के तेहरी गांव की कृषि विज्ञान केंद्र में फूड साइंटिस्ट हैं। कीर्ति ने इस गांव की महिलाओं को आयरन रिच रागी और बाजरे के लड्‌डू बनाना सिखाएं हैं। इन लड्‌डू को आंगनबाड़ी में काम करने वाली कार्यकर्ताओं के बीच बांटा जाता है। यहां की रागी बर्फी को गांव के कुपोषित बच्चों को दिया जा रहा है ताकि उनका विकास हो सके।

कीर्ति की मदद से जिस ब्लॉक लेवल प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत हुई है, फिलहाल उसका टर्नओवर 1 करोड़ है। फिलहाल कीर्ति के 10 स्व सहायता समूहों द्वारा बनाए गए फूड प्रोडक्ट पौष्टिक होने की वजह से इन्हें गर्भवती महिलाओं, बच्चों और टीनएज लड़कियों को दिया जाता है। गांव की महिलाएं इन चीजों को बेचकर अच्छी कीमत पा लेती हैं।

बसंती बेन ने बाल विवाह के खिलाफ चलाया जागरूकता अभियान
अल्मोड़ा के कसौनी गांव में बसंती बेन एक टीचर हैं और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रही हैं। बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली बसंती बेन अब तक कई बच्चियों को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सेवाएं भी उपलब्ध करा चुकी हैं। इससे पहले बसंती कोसी नदी के लिए ''वनरोपण अभियान'' भी चला चुकी हैं।

बसंती ने 200 महिलाओं का समूह तैयार किए और इन्हें ''महिला मंगल दल'' नाम दिया। उनके प्रयासों से यह क्षेत्र आज ओक और कफाल के पेड़ों से लहलहा रहा है। वे प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करके पानी बचाने के प्रति लोगाें को जागरूक कर रही हैं।

पढ़-लिखकर गांव की मिट्‌टी से जुड़ी 3 सरपंच की कहानी, जिन्होंने गांववासियों की परेशानी को समझा और उसका समाधान भी ढूंढा :

अपने गांव सोंडा की छवि बदलती छवि राजावत
छवि राजावत टोंक जिले के छोटे से गांव सोड़ा की सरपंच हैं। वे भारत की सबसे कम उम्र की और पहली एमबीए पास सरपंच भी हैं। उन्होंने अपने गांव में वॉटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम चलाया है। वे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत चलाई जा रही सभी योजनाओं पर सक्रिय कदम उठाती हैं।

इस युवा सरपंच के दादा ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह लगातार तीन बार सोडा से सरपंच चुने गए थे। उनकी इच्छा थी कि एक दिन छवि भी सरपंच बने। छवि को अपने गांव में पानी की व्यवस्था, सोलर पावर, पक्की सड़कें, टॉयलेट्स और बैंक बनवाने का श्रेय दिया जाता है। कोरोना काल के दौरान छवि ने ऑनलाइन फंड इकट्ठा करके 900 परिवारों का अस्तित्व बचाया है।

हिमाचल प्रदेश में सबसे कम उम्र की सरपंच जबना चौहान
हिमाचल प्रदेश की जबना चौहान 22 साल की उम्र में मंडी जिले के अपने गांव थारजुन को संवारने में लगी हुई हैं। उन्होंने अपनी पंचायत में शराबबंदी लागू की। शराब पर पाबंदी लगाने का उनका अभियान दूसरी पंचायतों के लिए रोल मॉडल जैसा है।

हालांकि, अपनी इस पहल के लिए उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली। लेकिन, वह अपने फैसले से पीछे नहीं हटीं। जबना ने थरजून पंचायत को स्वच्छ बनाने में बेहतर काम किया है। 24 वर्षीय जबना द्वारा किए गए कामों की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अक्षय कुमार ने भी की है।

परवीन ने सुरक्षा के नजरिये से पूरे गांव में सीसीटीवी कैमरा लगवाया

परवीन कौर ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की। उसके बाद एक प्राइवेट कंपनी में अच्छे पैकेज की नौकरी का ऑफर मिलने के बाद भी उन्होंने नौकरी नहीं की। इस युवा लड़की ने महज 21 साल की उम्र में हरियाणा की सबसे कम उम्र की सरपंच बनकर दिखाया।

उन्होंने सबसे पहले सड़कें ठीक कराईं, पानी की कमी दूर करने के लिए वाटर कूलर लगवाए। सुरक्षा के नजरिये से पूरे गांव में सीसीटीवी कैमरा और रोशनी के लिए सोलर लाइट का प्रबंध किया। सरपंच बनने के बाद परवीन अपनी उपलब्धि इस बात को मानती हैं कि आज उनकी वजह से गांव की लड़कियां कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित हुई हैं। वे भी समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं।



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Vaishali, Kirti Kumari and Basanti Ben changed the destiny of the village, while the image, Jabna and Parveen Kaur became a sarpanch by reading and brought prosperity to the villages


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लगातार 5 मैच हारने के बाद किंग्स इलेवन का मुकाबला आरसीबी से; पंजाब ने पिछले मैच में इसी टीम के खिलाफ सीजन की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी

आईपीएल के 13वें सीजन का 31वां मैच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) के बीच शारजाह में साढ़े 7 बजे से खेला जाएगा। लगातार 5 मैच हारने के बाद पंजाब इस मैच को हर हाल में जीतना चाहेगा। सीजन में पिछली बार जब इन दोनों टीमों में भिड़ंत हुई थी, तब पंजाब ने बेंगलुरु को 97 रन से हराया था। यह इस सीजन में अब तक की सबसे बड़ी जीत है। पिछले 5 मुकाबलों की बात करें, तो 3 बार बेंगलुरु और 2 बार पंजाब ने जीत दर्ज की है।

टूर्नामेंट में सिर्फ बेंगलुरु से ही जीती है पंजाब
आईपीएल के इस सीजन में पंजाब ने अब तक कुल 7 मैच खेले हैं, जिसमें से उसने कुल 6 मैच हारे हैं और सिर्फ एक मैच बेंगलुरु के खिलाफ ही जीता है। ऐसे में पंजाब दोबारा बेंगलुरु के खिलाफ जीत दर्ज कर अपनी हार की चेन को तोड़ना चाहेगी।

क्रिस गेल सीजन का पहला मैच खेल सकते हैं
यूनिवर्स बॉस के नाम से फेमस क्रिस गेल पूरी तरह फिट हो गए हैं। पेट में इंफेक्शन की वजह से वे पिछले कुछ दिनों से हॉस्पिटल में भर्ती थे। टीम के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर शेयर वीडियो में उन्होंने कहा कि इंतजार खत्म हुआ। उन्होंने कहा कि आईपीएल में अभी टीम का सफर खत्म नहीं हुआ है। अभी लीग में 7 मुकाबले बचे हुए हैं। हम सातों मैच जीत सकते हैं।

ऑरेंज कैप की दावेदारी में राहुल-मयंक सबसे आगे
लीग में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में पंजाब के कप्तान लोकेश राहुल (387) और मयंक अग्रवाल (337) सबसे आगे हैं। दोनों ने सीजन में एक-एक शतक भी जड़ा है। राहुल ने तो बेंगलुरु के खिलाफ की शानदार शतक जड़ा था।

बेंगलुरु में कोहली-डिविलियर्स फॉर्म में लौटे
कप्तान विराट कोहली और एबी डिविलियर्स का लय में लौटना बेंगलुरु के लिए अच्छे संकेत हैं। डिविलियर्स ने पिछले मुकाबले में कोलकाता के खिलाफ 33 बॉल पर 73 रन की पारी खेली थी। वहीं, कोहली भी सीजन में अब तक 2 फिफ्टी लगा चुके हैं।

मौसम और पिच रिपोर्ट
शारजाह में पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां स्लो विकेट होने के कारण स्पिनर्स को भी काफी मदद मिलेगी। शारजाह में टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। यहां पिछले 13 टी-20 में पहले बल्लेबाजी वाली टीम की जीत का सक्सेस रेट 69% रहा है।

  • इस मैदान पर हुए कुल टी-20: 13
  • पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 9
  • पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती: 4
  • पहली पारी में टीम का औसत स्कोर: 149
  • दूसरी पारी में टीम का औसत स्कोर: 131

दोनों टीम के महंगे खिलाड़ी
आरसीबी में कप्तान कोहली सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। टीम उन्हें एक सीजन के 17 करोड़ रुपए देगी। उनके बाद टीम में एबी डिविलियर्स का नाम है, जिन्हें इस सीजन में 11 करोड़ रुपए मिलेंगे। वहीं, पंजाब में कप्तान लोकेश राहुल 11 करोड़ और ग्लेन मैक्सवेल 10.75 करोड़ रुपए कीमत के साथ सबसे महंगे प्लेयर हैं।

आईपीएल में आरसीबी का सक्सेस रेट 48.09%, यह पंजाब से ज्यादा
आईपीएल में आरसीबी का सक्सेस रेट 48.09% है। उसने लीग में अब तक 188 मैच खेले हैं, जिसमें उसे 89 मैचों में जीत हासिल हुई और 95 में हार का सामना करना पड़ा। वहीं 4 मैच बेनतीजा रहे। दूसरी ओर पंजाब का पंजाब का सक्सेस रेट 45.08% है। पंजाब ने अब तक कुल 183 मैच खेले हैं, जिसमें उसे 83 में जीत और 100 में हार मिली।

बेंगलुरु और पंजाब दोनों ही खिताब नहीं जीत सके
आरसीबी ने 2009 में अनिल कुंबले और 2011 में डेनियल विटोरी की कप्तानी में फाइनल खेला था। 2016 में विराट की कप्तानी में भी टीम फाइनल में पहुंची। लेकिन हर बार टीम की किस्मत खराब ही रही। वहीं पंजाब ने 2014 में फाइनल खेला था। उसे कोलकाता के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।



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