मंगलवार, 21 जुलाई 2020

पायलट कोर्ट में, गहलोत होटल में और बागी विधानसभा में रहेंगे या गुरु-ग्राम में फैसला आज; दिल्ली में स्वदेशी वैक्सीन का 375 लोगों पर ट्रायल शुरू

1. पायलट निकम्मे हो गए

देश कोरोना से लड़ रहा है, अशोक गहलोत सचिन पायलट से। राजस्थान का रण बदस्तूर 11वें दिन भी जारी रहा। पायलट गुट के 19 बागी माननीय अपनी विधायकी बचाने के लिए कोर्ट में हैं। मुख्यमंत्री गहलोत सरकार बचाने के लिए होटल में हैं। सिस्टम सरकार गिराने की साजिश रचने वालों को नोटिस भेजने में जुटा है। इनसे जुड़ी कुछ बातें कल हुईं, कुछ आज होंगी।

जानते हैं, कल क्या-क्या हुआ..

  • सरकार में- गहलोत

मुख्यमंत्री गहलोत होटल से बाहर निकले और बोले-'हम जानते थे कि सचिन पायलट निकम्मा है, नाकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है। बस लोगों को लड़वा रहा है। हमने मान-सम्मान में कमी नहीं छोड़ी थी, पर उन्होंने बहुत गंदा खेल खेला। भाजपा को खुश करने के लिए साजिश रची। हरीश साल्वे उनका केस लड़ रहे हैं, इतना पैसा कहां से आ रहा है? देश में गुंडागर्दी चल रही है। विधायकों को गुड़गांव में बंधक बनाया गया है।'

बारी, कांग्रेस विधायक और गहलोत के वफादार गिर्राज मलिंगा की आई। ये श्रीलंका वाले तेज गेंदबाज मलिंगा नहीं हैं, लेकिन इन्हें खरीदने के लिए आईपीएल जैसी बोली जरूर लगी। मलिंगा ने आरोप लगाया कि 'पायलट ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने के लिए मुझे 35 करोड़ रुपए का ऑफर दिया था। जानकारी मैंने मुख्यमंत्री को दी थी। मैं भगवान की कसम भी खा सकता हूं।'

  • कोर्ट में- सिंघवी

हाईकोर्ट में टीम पायलट की याचिका पर सुनवाई हुई। विपक्षी टीम यानी विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, इनकी ओर से कोर्ट में बैटिंग कांग्रेस के धाकड़ बल्लेबाज अभिषेक मनु सिंघवी ने की। उन्होंने पैरवी में कुछ दलीलें रखीं। कहा कि 'पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर है। स्पीकर ने अभी सिर्फ नोटिस दिए हैं, विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया है।'

कोर्ट ने सोमवार को दोनों पक्षों की बारी-बारी सेदलीलें सुनीं। इसके बादसुनवाई टालदी। आज सुबह 10.30 फिर सुनवाई शुरू होगी। दोपहर तक फैसला आने की उम्मीद है।

  • सिस्टम में- एसओजी

यहां बात एसओजी की। जिसके नाम पर राजस्थान में सियासत शुरू हुई थी। विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े वायरल ऑडियो मामलेमें स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस भेजा। इसे रिसीव शेखावत के सेक्रेटरी ने किया। शेखावत भी मान गए कि एसओजी में दम है। बोले- 'मुझे बयान और वॉइस सैंपल देने के लिए कहा है।'

आज क्या-क्या हो सकता है..

  • बागियों के पास जवाब देने का आज है आखिरी दिन

19 बागी बीहड़ में नहीं गुरुग्राम में हैं। बगावत क्यों की? इनके पास इस सवाल का जवाब देने का आखिरी दिन है। नहीं देते हैंतो विधानसभा स्पीकर इनसे इनकी विधायकी छीन सकते हैं। वे ऐसा पहले ही करने वाले थे, लेकिन बीच में कोर्ट आ गया। फिर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, आदेश आया कि माननीय बागी विधायकों को जवाब का वक्त मिले। डेडलाइन दी- 21 जुलाई शाम 5.30 बजे तक की।

  • फ्लोर पर टेस्ट मैच खेलने की तैयारी में गहलोत

गहलोत विधानसभा में टेस्ट मैच खेलने की तैयारी कर रहे हैं। यहां वे फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत साबित सकते हैं। लेकिन, इससे पहले पांच दिन तक बैटिंग कर सकते हैं, यानी सदन की कार्रवाई 5 दिन चल सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। कयास हैं कि गहलोत फ्लोर टेस्ट पर आज फैसला ले सकते हैं और बुधवार से सत्र शुरू हो सकता है। यदि गहलोत बहुमत साबित करने में सफल हो गए तो फिर विपक्ष 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता।

पढ़ें.. पायलट ने मुझे 35 करोड़ का ऑफर दिया था

2. रेलवे का चार्ट तैयार, प्राइवेट ट्रेनों में कर सकेंगे यात्रा

भारतीय रेलवे, कॉर्पोरेट रेलवे बनने के ट्रैक पर है। उसने इसका चार्ट भी बना दिया है। इसके मुताबिक, 2023 में प्राइवेट ट्रेनों का पहला सेट आएगा। इसमें 12 ट्रेनें होंगी। इसके बाद 2027 तक 151 ट्रेने आ जाएंगी। प्राइवेट ट्रेनें 109 रूट पर चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों की ओर से शुरुआत में करीब 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

पढ़ें..2023 में पहला सेट आएगा

3. स्वदेशी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू

देश में कोरोना की रफ्तार बुलेट ट्रेन से तेज हो चुकी है। इस बीच, एम्स दिल्ली में सोमवार को देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हुआ। एम्स दिल्ली देश के उन 14 इंस्टीट्यूट में से एक है, जिसे आईसीएमआर ने पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की इजाजत दी है। इस चरण में वैक्सीन का ट्रायल 375 वॉलंटियर्स पर होगा। ट्रायल में 18 से 55 साल के बीच के लोग शामिल होंगे। ये वे लोग होंगे, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ होगा।

पढ़ें..एम्स दिल्ली में 10 घंटे में 10 हजार रजिस्ट्रेशन हुए

4. राहुल की राय में मोदी फेक

राहुल गांधी की नजर पार्टी के पायलट पर नहीं, देश के पीएम मोदी पर है। उन्होंने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टारगेट किया। अपनी राय बताई। बोले- पीएम ने सत्ता में आने के लिए अपनी फेक मजबूत छवि गढ़ी। यह उनकी सबसे बड़ी ताकत है। पर भारत के लिए अब यह सबसे बड़ी कमजोरी बन गई है। राहुल ने एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें उन्होंने चीन की चलाकीपर चिंता जताई। कहा-चीन आज हमारे घर में आकर बैठा है।

5. सरकार न बताए विकास दुबे क्या थे, कोर्ट को पता है

विकास दुबे का एनकाउंटर कैसे हुआ, यह बात तो हर किसी को पता है। लेकिन अब इसे लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने यूपी सरकार के वकीलों की दलीलों को सुना। फिर बोले- हमें न बताइए कि विकास दुबे क्या था? हैदराबाद एनकाउंटर और विकास दुबे के मामले में बड़ा अंतर है। वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे और दुबे पुलिसकर्मियों का हत्यारा था। राज्य सरकार का काम कानून का शासन कायम करना है। कोर्ट ने केस की जांच में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को शामिल किए जाने का निर्देश दिया है।

पढ़े..हैदराबाद और विकास दुबे एनकाउंटर में बड़ा अंतर

6. जानिए आज आपका दिन कैसा रहेगा?
21 जुलाई, मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से वर्धमान नाम का शुभ योग बन रहा है। इसके प्रभाव से वृष, कर्क, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को धन लाभ हो सकता है। इन 6 राशि वाले लोगों को लेन-देन, बिजनेस और जॉब में फायदा हो सकता है। सोचे हुए काम भी पूरे होंगे। एस्ट्रोलॉजर डॉ. अजय भाम्बी के अनुसार मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि वाले लोगों को पूरे दिन संभलकर रहना होगा।

पढ़ें..आज पुष्य नक्षत्र, कुछ लोगों को हो सकता है धन लाभ

7. मेसी का रिकॉर्ड

बार्सिलोना के स्ट्राइकर लियोनल मेसी ने बड़ा गोल किया है। उन्होंने स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा में 67 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। मेसी ने सबसे ज्यादा 7वीं बार स्पेन का पिचिचि अवॉर्ड अपने नाम किया। यह सम्मान ला लिगा के एक सीजन में सबसे ज्यादा गोल करने वाले प्लेयर को दिया जाता है। मेसी ने इस सीजन में 33 मैच में 25 गोल किए हैं। दूसरे नंबर पर रियाल मैड्रिड के करीम बेंजिमा ने 21 गोल दागे।



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हाईकोर्ट में आज फैसले की उम्मीद, स्पीकर की तरफ से दलील दी गई थी- विधायकों को नोटिस भेजा पर निलंबित नहीं किया, उनकी याचिका प्री-मेच्योर

स्पीकर के नोटिस के खिलाफ पायलट खेमे की याचिका पर आज राजस्थान हाईकोर्ट फैसला सुना सकती है। हाईकोर्ट मेंसुबह साढ़े 10.30 बजेफिर सुनवाई होगी। कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान स्पीकर सीपी जोशी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं। सिंघवी ने कहा कि स्पीकर ने विधायकों को बस नोटिस भेजा है। अयोग्य नहीं ठहराया। उन्होंने कहा कि पायलट खेमे की याचिका प्री-मेच्योर है, यह खारिज होनी चाहिए।

पायलट गुट की तरफ से हरीश साल्वे ने दलीलें रखीं। साल्वे ने कहा कि सरकार गिराना अलग बात है और मुख्यमंत्री बनाना अलग बात है। इससे पहले शुक्रवार को भी उन्होंने कहा था किविधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दलबदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।सत्र भी नहीं चल रहा है, ऐसे में व्हिप का कोई मतलब नहीं है।

अब तक ऐसे चला घटनाक्रम

  • गुरुवार सुबह करीब 12 बजे सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा केनोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस दिन पहले 3 बजे सुनवाई हुई।सुनवाई को अमेंडमेंट की कॉपी नहीं होने पर15 मिनट में ही टाल दिया गया था,फिर5 बजे मामला डिविजनल बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया।रात 8 बजे मामलाशुक्रवारतक के लिए टाल दिया गया।
  • शुक्रवार को 1 बजे शुरू हुई सुनवाई शाम करीब 4.30 बजे तक चली। इसके बादकोर्ट ने सुनवाई 20 जुलाई तक टालते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर नोटिस पर मंगलवार शाम 5 बजे तक कोई एक्शन नलें।
  • सोमवार को फिर शुरू हुई सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें रखीं। कोर्ट ने सुनवाई अगले दिन के लिए टाल दी।

स्पीकर को 21 जुलाई तक कार्रवाई ना करने के निर्देश

मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने पायलट समेत 19 विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ना आपको विधानसभा के अयोग्य घोषित कर दिया जाए। पिछले हफ्ते सुनवाई में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि विधायकों को दिए गए नोटिस पर स्पीकर21 जुलाई तक कार्रवाई नकरें।इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने पायलट गुट के विधायकों को नोटिस का जवाब देने के लिए 21 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया।

बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र संभव

इसमें गहलोत सरकार विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित कर सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। शनिवार को गहलोत ने राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। नियमों के मुताबिक, अगर बहुमत साबित करने में गहलोत सरकार सफल हो जाती है तो फिर विपक्ष 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता।

इन विधायकों को नोटिस दिया गया था

सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।

हाईकोर्ट में एक दिन की पैरवी 1.75 करोड़ की

सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए अयोग्यता नोटिस केस में देश के दिग्गज सीनियर एडवोकेट पायलट गुट के एमएलए और स्पीकर की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। जानकारों की मानें तोशुक्रवार को की गई पैरवी की फीस ही करोड़ों में होगी। हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी व अभिषेक सिंघवी जैसे सीनियर एडवोकेट एक दिन की पैरवी के लिए ही 40 से 50 लाख रुपएफीस लेते हैं। राज्य के एजी एमएस सिंघवी भी स्पेशल केस में 11 से 15 लाख फीस लेते हैं। ऐसे में सचिन पायलट गुट औरस्पीकर की ओर से पैरवी करने वाले वकीलों की कुल फीस की बात करें तो यह करीब 1.75 करोड़ रुपए होती है।

अभिषेक मनु सिंघवी:विधानसभा स्पीकर की ओर से मुख्य तौर पर सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस के नेताअभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। सिंघवी ने ही अंबानी भाइयों के बीच विवाद में मुकेश अंबानी की ओर से पैरवी की थी। वे वोडाफोन के टैक्स संबंधी मामलों की पैरवी करने के लिए भी चर्चा में रहे हैं। सिंघवी किसी केस में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं।

हरीश साल्वे:इस केस में सचिन पायलट गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे लंदन से पैरवी कर रहे हैं। साल्वे देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं और उन्होंने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में भारत की ओर से इंटरनेशनल कोर्ट में पक्ष रखा था। कानून केजानकारों के मुताबिकसाल्वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं। हिट एंड रन केस में एक्टर सलमान खान को बचाने वाले एडवोकेट साल्वे ही थे।



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विधानसभा स्पीकर ने पायलट गुट के विधायकों को नोटिस का जवाब देने के लिए 21 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया।


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प्रियंका वाड्रा ने जिस फोटो को इस साल असम, बिहार और यूपी में आई बाढ़ से जोड़कर ट्वीट किया, वह असल में तीन साल पुरानी है

क्या वायरल : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने असम, बिहार और यूपी में आई बाढ़ को लेकर कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं। इनमें से एक फोटो लोगों को सबसे ज्यादा विचलित कर रही है।इसमें पानी में डूबता हुआ व्यक्ति और उसके साथ तैरता घर का सामान नजर आ रहा है।

प्रियंका गांधी का ट्वीट

ट्वीट के बाद से ही ये फोटो सोशल मीडिया पर असम की हाल में आई बाढ़ से जोड़कर शेयर की जाने लगी

फैक्ट चेक

  • फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से Nationalherald की वेबसाइट पर 20 अगस्त, 2017 का एक आर्टिकल हमें मिला। तीन साल पुराने इस आर्टिकल में वही फोटो है, जिसे प्रियंका वाड्रा ने 20 जुलाई, 2020 को ट्वीट किया है।
  • नेशनल हेराल्ड के आर्टिकल में PTI के इस फोटो का प्रतीकात्मक इस्तेमाल किया गया। फोटो के नीचे कोई कैप्शन भी नहीं है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं हुआ कि फोटो असल में किस घटना का है। लेकिन, ये जरूर साफ हो गया कि फोटो कम से कम 3 साल पुरानी है। और इसका असम में जुलाई 2020 में आई बाढ़ से कोई संबंध नहीं है।

निष्कर्ष : पानी में डूबते युवक की विचलित करने वाली फोटो का इस साल आई बाढ़ से कोई संबंध नहीं है। फोटो कम से कम तीन साल पुरानी है।



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Fact Check : The photo that Priyanka Vadra tweeted, describing this year's flood, is actually three years old.


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35 साल की फातिमा ने 130 दिन तक कोरोना की जंग लड़ी, 105 दिन वेंटिलेटर पर बिताए; अब कभी पहले की तरह सांस नहीं ले पाएंगी

ब्रिटेन में कोरोना का सबसे लंबे समय तक चलने वाले मामला सामने आया है। 35 साल की फातिमा ब्राइडल 130 दिन तक कोरोना से जूझती रहीं। हाल ही में इन्हें रिकवरी वॉर्ड में ट्रांसफर किया गया है। फातिमा और उनके पति ट्रेसी को कोरोनामोरोक्को की यात्रा के बाद हुआ था। वह 6 मार्च को ब्रिटेन आए थे। कोरोनाके लक्षण पहले पति में दिखे, उसके बाद फातिमा में दिखने शुरू हुए।

12 मार्च को दोनों को ब्रिटेन के साउथहेम्पटन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पति कम समय में ही रिकवर हो गए लेकिन फातिमा को 130 में से 105 दिन वेंटिलेटर पर बिताने पड़े। इतने लंबे समय के बाद अब फातिमा बात कर सकतीं हैं और अपने पैरों पर चल पा रही हैं। रिकवरी पर उन्होंने कहा, "यह सब एक सपने जैसा लगता है।"

40 दिन तक कोमा में रहीं, दवाओं ने असर नहीं दिखाया
फातिमा कहती हैं कि मैं हर नर्स और डॉक्टर की आभारी हूं जिन्होंने मुझे एक नई जिंदगी दी। मैं यहां काफी खुश हूं। फातिमा को भर्ती करने के बाद 18 मार्च तक कई बार एंटीबायोटिक्स दी गईं लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्टकिया गया। यहां वह 40 दिन तक कोमा में रहीं। फातिमानिमोनिया, कोविड-19 और सेप्सिस तीनों से एक साथ जूझ रही थीं।

फेफड़ों के ट्रीटमेंट के बाद सांस लेने में 40 फीसदी इजाफा हुआ
फेफड़ों से संक्रमण को खत्म करने के लिए मुंह से नली के जरिए सेलाइन वॉटर डाला ताकि फेफड़ों को साफ किया जा सके। ऐसा करने के बाद धीरे-धीरे सांस लेने की गति में 40 फीसदी तक इजाफा हुआ। अब 70 फीसदी तक सुधार हुआ है। पति और पत्नी एक दूसरे से स्क्रीन के पार से ही बात कर पाते हैं और लंबे समय तक दूर रहे।

ट्रेसी पत्नी फातिमा से 2016 में पहली बार मिले थे, अब उनके 4 बच्चे हैं।

वह कभी पहले की तरह सांस नहीं ले पाएंगी
पूर्व सैनिक ट्रेसी का कहना है कि पत्नी जिस तरह रिकवर हुई, यह एक मिरेकल जैसा है। मैं अब उससे मिलने से खुद को नहीं रोक पा रहा। ट्रेसी कहते हैं, कोविड-19 का असर लंबे समय तक रहा है। फातिमा अप्रैल में कोरोना से मुक्त हो गई थीं लेकिन निमोनिया से जूझ रही थीं। अगले महीने से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। जब फातिमा पहली बार कुछ बोलने लायक स्थिति में आईं, तो उनका कहना था कि मैं अपने पति से मिलना चाहती हूं। उसके साथ क्या-क्या हुआ, उसे खुद भी नहीं मालूम था।

ट्रेसी के मुताबिक, फातिमा का एक फेफड़ा डैमेज हो चुका है, वह अब कभी पहले ही तरह सांस नहीं ले पाएंगी। मैं उससे 2016 में मिला था और हमारे 4 बच्चे हैं।



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फातिमा कहती हैं कि मैं हर नर्स और डॉक्टर की आभारी हूं जिन्होंने मुझे एक नई जिंदगी दी।


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उत्तर और मध्य भारत में सावन माह के 15 दिन खत्म, लेकिन 12 में से 7 ज्योतिर्लिंग में आज से शुरू हो रहा है सावन

उत्तर भारत और मध्य भारत के पंचांगों में आज सावन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। अब सावन के 15 दिन बाकी हैं। लेकिन, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में आज से ही सावन माह शुरू हो रहा है, जो कि 19 अगस्त तक रहेगा। इन क्षेत्रों में शिवजी के12 में से 7 ज्योतिर्लिंग हैं। महाराष्ट्र में घृष्णेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर ये तीन ज्योतिर्लिंग है। गुजरात में सोमनाथ और नागेश्वर ये दो ज्योतिर्लिंग है। दक्षिण भारत में एक रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग है। आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा ने बताया कि मध्य भारत और उत्तर भारत में पूर्णिमा को माह का अंत होता है और इसके बाद अगले दिन से नया माह शुरू होता है। इसे पूर्णिमांत कहा जाता है। जबकि, महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण में अमांत माह का प्रचलन है। पूर्णिमांत और अमांत पंचांग में 15 दिनों यानी एक पक्ष का अंतर है। उज्जैन में सावन माह महाकालेश्वर की सवारी भाद्रपद मास में भी निकाली जाती है, क्योंकि यहां पुराने समय में मराठा राजाओं का शासन था और उनके पंचांग के आधार पर सावन माह की सवारी भादौ मास के एक पक्ष में भी निकाली जाने लगी।

सावन माह में उज्जैन के महाकालेश्वर की सवारी निकाली जाती है। महाराष्ट्र के पंचांग की वजह से सवारी भाद्रपद मास के एक पक्ष में भी निकलती है।

पंचांगों में रहता है 15 तिथियों का अंतर

अहमदाबाद के ज्योतिषाचार्य पं. सूरज हजारी प्रसाद मिश्रा ने बताया कि गुजरातमें अमावस्या पर माह खत्म होता है और इसके बाद आने वाली प्रतिपदा तिथि से नया महीना शुरू होता है। इसे अमांत कहा जाता है। उत्तर भारत और गुजरात के पंचांगों में 15 तिथियों का अंतर रहता है। इसी कारण जहां उत्तर भारत का पंचांग चलता है, वहां भाद्रपद मास में जन्माष्टमी मनाई जाती है, जबकि हमारे क्षेत्र में सावन माह में ही ये पर्व आता है।

ये फोटो भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का है। महाराष्ट्र में कोरोनो महामारी काफी तेजी से फैल रही है। इस वजह यहां के ज्योतिर्लिंगों में दर्शन व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है।

चंद्र मास और सूर्य मास की वजह से है पंचांग भेद

औरंगाबाद के ज्योतिषाचार्य पं. अनंत पांडव गुरुजी ने बताया कि महाराष्ट्र में अमांत पंचांग प्रचलित है। यहां अमावस्या पर माह खत्म होता है। इसी वजह से महाराष्ट्र में भी अमावस्या के बाद प्रतिपदा तिथि यानी 21 जुलाई से ही सावन माह शुरू होगा। उत्तर भारत और मध्य भारत में चंद्र मास माना जाता है, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में सूर्य मास मान्य है। यहां सूर्यदेव को विशेष महत्व दिया जाता है। इसी वजह से इन क्षेत्रों में विवाह जैसे मांगलिक कर्म भी सूर्य की उपस्थिति में दिन में ही किए जाते हैं। जबकि, उत्तर भारत और मध्य भारत में चंद्र मास होने की वजह से विवाद आदि शुभ काम रात में होते हैं।

पंचांग भेद, लेकिन सभी त्योहारों के दिन एक समान

उत्तर भारत और दक्षिण भारत के पंचांग अलग-अलग हैं, लेकिन पूरे सभी त्योहारों की तारीखें एक समान रहती हैं। अगले एक माह में 3 अगस्त को रक्षाबंधन और 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के पंचांग में सावन माह में जन्माष्टमी आती है, जबकि उत्तर भारत के पंचांगों में भाद्रपद मास में ये त्योहार आता है।

कोरोनावायरस की वजह से ऑन लाइन दर्शन को प्राथमिकता

गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर समिति के अनुसार गुजरात में 21 जुलाई से सावन माह शुरू होगा। महाराष्ट्र के भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कीवेबसाइट के मुताबिक इस मंदिर में भी 21 जुलाई से सावन माह मनाया जाएगा। अभी कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसी स्थिति महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंगों में दर्शन के लिए प्रवेश वर्जित है। जबकि सोमनाथ मंदिर में दर्शन व्यवस्था चालू है। इसके लिए मंदिर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यहां भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन का ध्यान रखना होगा। आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन मंदिर में दर्शनार्थियों का प्रवेश वर्जित है। अभी कोरोना से बचाव के लिए ऑन दर्शन को प्राथमिकता दें।



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गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर समिति के अनुसार गुजरात में 21 जुलाई से सावन माह शुरू होगा। - फाइल फोटो


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कोई हार्वर्ड से पढ़ा तो कोई कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से, शशि थरूर को सबसे कम उम्र में पीएचडी हासिल करने पर मिला था अवॉर्ड

राजस्थान में इन दिनों सियासी पारा हाई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर है। हाल ही में अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा था किअच्छी अंग्रेजी बोलना, अच्छी बाइट देना और हैंडसमहोना सब कुछ नहीं होता है। इसके बाद से देश में खासकर के सोशल मीडिया पर पढ़े-लिखे और अंग्रेजी बोलने वाले नेताओं को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।आज हम कुछ ऐसे ही भारतीय राजनेताओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने विदेशों में पढ़ाई की, ऊंची डिग्री हासिल की और पॉलिटिक्स में भी नाम कमाया।

सचिन पायलट राजस्थान के टोंक से विधायक हैं। इन्होंनेपेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है।

1. सचिन पायलट : अमेरिका में पढ़ाई की,मल्टीनेशनल कंपनी में दो साल काम भी किया

सचिन पायलट बेहद पढ़े-लिखे युवा और तेज-तर्रार नेताओं में शुमार किए जाते हैं। इन दिनों में राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच वे चर्चा में हैं। हाल ही में उन्हें डिप्टी सीएम और राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। वे दिवंगत नेता राजेश पायलट के पुत्र हैं। 7 सिंतबर 1977 को यूपी के सहारनपुर में जन्मे पायलट की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में हुई।

उसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) से अंग्रेजी साहित्य में बैचलर किया। इसके बाद आईएमटी गाजियाबाद से मार्केटिंग में डिप्लोमा हासिल किया। सचिन पायलट इसके बाद अमेरिका चले गए और वहां पेन्सिल्वेनियायूनिवर्सिटी के व्हार्टन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। इसके साथ ही पायलट ने दिल्ली में ही पहले बीबीसी और फिर एक अमेरिकन मल्टीनेशनल कंपनी जनरल मोटर्स में दो साल काम किया।

सचिन पायलट एमबीए करने के बाद बैंकर बनना चाहते थे, लेकिन पिता की मौत बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री ली और 2004 में राजस्थान के दौसा से लोकसभा का चुनाव लड़ा। तब वे सबसे कम उम्र में सांसद बनने वाले राजनेता बने थे। इसके बाद उन्होंने लगातार दूसरी बार 2009 में अजमेर लोकसभा से चुनाव जीता और पीएम मनमोहन सिंह की कैबिनेट में केंद्रीय राज मंत्री बने।

2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वे प्रदेश की राजनीति में लौट गए। 2014 में ही उन्हें राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2018 में उन्होंने टोंक से विधानसभा का चुनाव जीता और राजस्थान के डिप्टी सीएम बने। उन्हें सिख रेजीमेंट की 124 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन में अधिकारी के तौर पर कमीशन दिया गया। सचिन पायलट ने 15 जनवरी 2004 को जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुला से शादी की। दोनों की दोस्ती अमेरिका में पढ़ाई के दौरान हुई थी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। अभी मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं।

2. ज्योतिरादित्य सिंधिया : हार्वर्डसे पढ़े, चार सालइंवेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम भी किया

भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के पुत्र हैं। उनका जन्म 1 जनवरी 1971 को बॉम्बे में हुआ। ज्योतिरादित्य की शुरुआती पढ़ाईकैंपियन स्कूल से हुई। उसके बाद उन्होंने दून स्कूल, देहरादून में पढ़ाई की। साल 1993 में उन्होंने हार्वर्ड कॉलेज से बैचलर किया। इसके बाद 2001 में उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। सिंधिया ने अलग- अलग कंपनियों में चार साल तक इंवेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम भी किया।

2001 में पिता की मौत के बाद सिंधिया ने पॉलिटिक्स ज्वाइन की। उन्होंने गुना से 2002 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का उप-चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2019 तक वे लगातार गुना से जीतते रहे। कुल चार बार सांसद रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के केपी यादव ने उन्हें एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।

सिंधिया 2002 में वित्त मामलों की समिति और विदेश मामलों की समिति के सदस्य बने। 2008 में सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, 2009 में केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री और 2012 केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री बने। मार्च 2020 में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।

शशि थरूरतिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद हैं। इन्होंने 22 साल की उम्र में पीएचडी किया था।

3. शशि थरूरः सबसे पढ़े-लिखे राजनेताओं में से एक,धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं,

पूर्व केंद्रीय मंत्री व लोकसभा सांसद शशि थरूर की गिनती सबसे तेज-तर्रार और विद्वान नेताओं में होती है। एकदम धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं, कई बार तो उनका लिखा लोगों को समझ में भी नहीं आता है। जिसको लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर वे ट्रोल होते हैं।एक दर्जन से ज्यादा किताबें लिख चुके थरूर का जन्म 9 मार्च 1956 लंदन में हुआ था। इसके बाद वे अपने पिता के साथ भारत लौट आए। उनकी शुरुआती पढ़ाई मुंबई में हुई। इसके बाद वे कोलकाता चले गए। वहां सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल में दाखिला लिया।

इसके बाद थरूर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बैचलर किया। फिर वे अमेरिका चले गए और वहां टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के द फ्लेचर स्कूल ऑफ़ लॉ एंड डिप्लोमेसी से इंटरनेशनल रिलेशन्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की। 1976 में थरूर ने लॉ एंड डिप्लोमेसी सब्जेक्ट में एक और मास्टर्स की डिग्री पूरी की। इसके बाद 1978 में उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन्स अफेयर में पीएचडी की। उस समय उनकी उम्र महज 22 साल थी। वे द फ्लेचर स्कूल से सबसे कम उम्र में पीएचडी डिग्री हासिल करने वाले बने थे। इसके लिए उन्हें रॉबर्ट बी स्टीवर्ट अवॉर्ड दिया गया।

इसके बाद वे संयुक्त राष्ट्र से जुड़ गए और कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने यूएन में अंडर सेक्रेट्री के रूप में काम किया। इसके बाद 2006 में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव का चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं सके। उन्होंने 2009 में पॉलिटिक्स ज्वाइन किया। कांग्रेस की सीट पर केरल के तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2010 में वे केंद्र सरकार में केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री बने, फिर मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री भी रहे।

शशि थरूर ने तीन शादियां की। दो पत्नियों से तालाक हो गया, तीसरी पत्नी सुनंदा पुष्कर के साथरिश्ता ज्यादा दिन नहीं रह सका और 2014 में सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। दिल्ली के एक होटल से उनका शव बरामद किया गया था।
मोत हो गई।

हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र हैं। इन्होंनेहार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है।

4. जयंत सिन्हाः आईआईटीयन रहे फिरहार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया

जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा सांसद हैं। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई पटना के संत माइकल स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन किया। यहां से वे अमेरिका चले गए और वहां हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। इसके अलावा जयंत सिन्हा ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से एनर्जी मैनेजमेंट एंड पॉलिसी में मास्टर ऑफ साइंस किया है।

जयंत सिन्हा ने अपने पिता से पॉलिटिक्स की एबीसीडी सीखी। वे उनके कामों में हाथ बंटाते रहे और चुनाव प्रचार में भी भूमिका निभात रहे। उन्होंने 2014 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और एनडीए सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री बने। 2019 के लोकसभा में भी वे जीते लेकिन इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। जयंत सिन्हा आर्थिक और व्यापारिक मामलों को लेकर लंबे समय से द इकोनोमिस्ट, बिजनेस वीक, वॉल स्ट्रीट जनरल, न्यूयॉर्क टाइम्स, सीएनएन, ब्लूमबर्ग और सीएनबीसी जैसी पत्रिकाओं में लिखते रहे हैं। राजनीति में आने से पहले जयंत सिन्हा इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजर और मैनेजमेंट कंसल्टेंट भी रहे चुके हैं।

दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम हैं, इसके पहले 2014 में हिसार से लोकसभा सांसद रह चुके हैं।

5.दुष्यंत चौटालाःकैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से बीएससी औरनेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली से मास्टर इन लॉ

दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम हैं। जाट नेता के रूप में उनकी गहरी पैठ है। वे पूर्व सांसद अजय चौटाला पुत्र हैं। दुष्यंत का जन्म हरियाणा के हिसार जिले में हुआ था। उनके दादा चौधरी देवी लाल पूर्व उप प्रधानमंत्री थे। दुष्यंत की शुरुआती पढ़ाई हिसार और फिर हिमाचल प्रदेश में हुई। इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से बीएससी डिग्री हासिल की। उसके बाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली से मास्टर इन लॉ किया।

2014 में उन्होंने हिसार से मात्र 26 साल की उम्र में लोकसभा का चुनाव जीता। हालांकि 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दुष्यंत ने 2018 में जननायक जनता पार्टी की स्थापना की। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर जेजेपी को जीत मिली थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली।



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Most Educated politicians of India : Shashi tharoor, Sachin Plot, Dushyant Chautala, Jyotiraditya Scindia,Jayant Sinha


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गल्वस-मास्क पहनकर टीम घर से पेट्स को ले जाती है, उसे मेडिकल बाथ दिया जाता है, तभी होस्टल में मिलती है एंट्री

हैदराबाद में एक ग्रुप ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के पालतू जानवरों के लिए सर्विस शुरू की है।कोई कोरोना का शिकार हो जाता है और उसे हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता है या फिर होम आइसोलेशन में रहना पड़ता है। अब ऐसे व्यक्ति को कुत्ते या बिल्ली की फ्रिक करने की जरूरत नहीं। टीम आएगी और आपके पेट्स को घर से ले जाएगी। जब तक आप चाहेंगे, तब तक आपके पेट्स की केयर की जाएगी। इसके लिए हर दिन की फीस 500 रुपए होगी। उनके यहां कुत्तों के अलावा बिल्लियों को भी रखने की फैसिलिटी है।

पेट्स को लाते समय टीम मेंबर्स ग्ल्वस, मास्क पहने होते हैं

पेट्स सर्विस शुरू करने वाले पन्नीरू ने बताया कि पेट्स की केयर हम पिछले 13 सालों से कर रहे हैं। कोरोना के बाद यह यह नया आइडिया दिमाग में आया।

इस सर्विस को शुरू करने वाले पन्नीरू पृथ्वी के मुताबिक,अभी तक हम तीन कोरोना पॉजिटिव पेशेंट्स के घर से पेट्स ला चुके हैं। पेट्स कोरोना पॉजिटिव के घर से लाए जाते हैं इसलिए उन्हें पूरे प्रिकॉशन के साथ रखा जाता है। पेट्स को लाते समय टीम मेंबर्स ग्ल्वस, मास्क पहने होते हैं। पेट्स के गले में यदि पट्टा, चैन है तो उसे निकाल दिया जाता है।

हम जानते हैं कि पेट्स से कोरोनावायरस नहीं होता इसलिए हमें उनकी केयर करने में डर नहीं लगता और कोई रिस्क भी नहीं होता। इसके बावजूद हम लोग पूरी सावधानी रखते हैं। सबसे पहले मेडिकल बाथ दी जाती है। इसके बाद ही हॉस्टल में एंट्री दी जाती है। हॉस्टल में आने के बाद हर पंद्रह-पंद्रह दिन में मेडिकल बाथ दी जाती है।

जिन तीन परिवारों के पेट्स अभी तक लाए गए हैं, उनमें एक घर में बुजुर्ग महिला को कोरोनावायरस हुआ था। इसके बाद घरवाले होम आइसोलेशन में चले गए और उन्होंने डॉगी को एजेंसी को सौंप दिया। एक दूसरे परिवार में पिता को कोरोनावायरस हो गया था तो मां और बेटी उनसे दूर हो गए और उन्होंने पेट को एजेंसी के पास पहुंचा दिया। ओनर्स पंद्रह दिनों तक के लिए अपने पेट्स को हॉस्टल में रख रहे हैं।

ये हॉस्टल है, जहां पेट्स को रखा जाता है। पेट्स की केयर के लिए बाकायदा स्टाफ रखा गया है।

पन्नीरू कहते हैं-हम पिछले 13 सालों से पेट्स केयर सेंटर चला रहे हैं। कोरोनावायरस के टाइम में पता चला कि बहुत से लोग डर के चलते अपने पालतू जानवरों को सड़कों पर छोड़ रहे हैं इसलिए हमनें यह सुविधा शुरू की है। हम बाकायदा एक फॉर्म फिल करवाते हैं। जरूरी डॉक्यूमेंट्स लेते हैं। फिर हॉस्टल में पेट्स को रखा जाता है।

कोरोनावायरस के डर से दिल्ली मुंबई में पेट्स को वैक्सीन

दिल्ली-मुंबई में लोग पेट्स को कोरोना के लिए वैक्सीन लगवा रहे हैं। यह कोविड-19 की वैक्सीन नहीं है। दिल्ली के मधु विहार के एक डॉग केयर सेंटर के डॉक्टर हसन ने बताया कि साल में एक बार वैक्सीन दी जाती है। जिसका चार्ज 600 रुपए लगता है। यह कोविड-19 वाली नहीं है। सालों से लोग यह वैक्सीन पेट्स को लगवाते आ रहे हैं।

इस डॉगी को हॉस्टल में ले जाया गया। जहां दो हफ्तोंं तक पूरी केयर के साथ रखा गया।

संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर की अंबिका शुक्ला कहती हैं-जो वैक्सीन जानवरों को लगाई जा रही है, वो वायरस भारत में चार-पांच साल पहले ही खत्म हो चुका है।कोविड-19 जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता। यह बात डब्ल्यूएचओ से लेकर एम्स डायरेक्टर तक कह चुके हैं। लोग अब होम क्वारैंटाइन होते हैं तो आसानी से अपने पेट्स की केयर घर पर ही कर सकते हैं।

पहले हमारे सेंटर पर कुछ लोगों ने अपने पेट्स को रखने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन जब से होम क्वारैंटाइन किया जाने लगा है, तब से लोग खुद ही अपने पेट्स की देखरेख कर रहे हैं।

अभी तक सिर्फ दो डॉग, एक कैट और टाइगर में ही कोरोनावायरस मिला

अप्रैल में यूएस की ब्रोंक्स जू में एक चार साल की मादा टाइगर कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। हालांकि वेटरिनेरियन अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं जुटा सके हैं, जिससे यह साबित होता हो कि कोरोनावायरस ह्यूमन से एनमिल में ट्रांसमिट हो रहा है।

‘हेल्दी डॉग, हैप्पी यू' बुक के राइटर और बेल्जियम में सेवाएं देने वाले भारत के वेटरिनेरियन जूलियट डेकास्टेकर कहते हैं किकोरोनावायरस के मामले 10 लाख से भी अधिक हो चुके हैं, लेकिन सिर्फ दो डॉग, एक कैट और एक टाइगर में ही कोरोनावायरस पाया गया है। यह सब भी इंफेक्शन से ठीक हो चुके हैं। इन मामलों में हुई टेस्टिंग से सिर्फ यह पता चलता है कि वायरस का मटेरियल मौजूद था। लेकिन यह जरूरी नहीं कि जानवर से इंफेक्शन आगे ट्रांसमिट होगा ही। इसके लिए एंडीबॉडी टेस्टिंग करना चाहिए।

अभी यह सुविधा सिर्फ हैदराबाद में दी जा रही है। फोन करके कोई भी सुविधा का लाभ ले सकता है।

एनिमल के साथ रहते हैं तो सावधानी बरतें

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, डॉग, कैट या दूसरे जानवरों के चलते कोरोनावायरस फैलने का अभी तक कोई सबूत नहीं है। यह संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स के जरिए ही फैलता है। हालांकि सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की सलाह है कि जिन घरों में लोग कोरोना पॉजिटिव आए हैं, उन्हें पालतू जानवरों से दूरी बनाकर रखना चाहिए।

जिन्हें कोरोनवायरस नहीं है, उन्हें भी एनमिल के साथ रहते वक्त पूरी सावधानी रखनी चाहिए। जैसे एनिमल के पास जाने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। जब आप बीमार हो तों पेट्स से दूर रहें। सामान्य तौर पर भी दूरी बनाकर रखें। पेट्स को खाना देते समय चेहरे को हाथों को कवर करना न भूलें। जो जानवर कोरोना से संक्रमित पाए गए, वो कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति से कहीं न कहीं कॉन्टेक्ट में आए हैं। अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक जानवरों से कोविड-19 फैलने की आशंका बहुत कम है।

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The team wearing galves and masks come home to take the petes, then are given a medical bath, only then they enter the hostel


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लॉकडाउन ने लगाया जयपुर के जायके पर ब्रेक, मशहूर मसाला चौक में पसरा सन्नाटा, हर दिन 2 हजार कस्टमर आते थे यहां

जयपुर पुरी दुनिया में खाने -पीने के लिए मशहूर जगहों में से एक है। कोरोना के कारण यहां लॉकडाउन लगा तो यहां के फेमस जायकों और चाय- चटकरों पर ब्रेक लग गया। यहां करीब 75 दिन लॉकडाउन रहा। जिससे यहां की प्रमुख दुकानें व स्ट्रीट फूड्स शॉप्स बंद रहे।हालांकि अनलॉक 1 और फिर अनलॉक 2 के बाद यहां की जायकों की महक फिर से महसूस हो रही है। बाजारों में रौनक लौट रही है। स्ट्रीट फूड्स की दुकानें खुल गई है, ग्राहक भी नजर आने लगे हैं।शहर में 15 हजार से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स हैं। इनमें रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड दोनों हैं।

फेमस मसाला चौकपहली बार बंद हुआ

अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के पास रामनिवास बाग में मसाला चौक यहां का सबसे फेमस फूड प्लेस है। इसकी शुरुआत 2018 में की गई। यह जयपुर विकास प्राधिकरण ने इसकी शुरुआत की। यहां 22 दुकानें हैं। इनमें गुलाब जी की चाय से लेकर सम्राट की कचौरी और जलेबी, बृजवासी का फालूदा और कुल्फी, महावीर की रबड़ी, प्रेमप्रकाश वालों के समोसे जैसेफूड्स मशहूर हैं। जिसका स्वाद चखने के लिए देश- विदेश से लोग आते हैं। रखे गए। जो कि वर्षों से जयपुर के खान पान में ना सिर्फ शहरवासियों बल्कि देसी विदेशी पर्यटकों में अपनी खासी पहचान रखते है। 22 मार्च को लॉकडाउन की वजह से जेडीए ने मसाला चौक को बंद करने का निर्णय लिया था। तब से यहां की दुकानें बंद हैं। अनलॉक के बाद भी कोरोना के डर से दुकानदार अपनी शॉप्स नहीं खोल रहे हैं।

मसाला चौक जयपुर का सबसे फेमस फूड प्लेस है। इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी।

रोजानादो हजार ग्राहक आते थे

सुपरवाइजर महबूब खान ने बताया कि लॉकडाउन के पहले यहां आने वाले लोगों की इतनी भीड़ होती थी कि दुकानदारों को फुर्सत नहीं होती थी। यहां करीब दो हजार कस्टमर्स रोज आते थे। वीकेंड के दिन तो यहां सबसे ज्यादा भीड़ होती थी।मानसून और फेस्टिवल के दौरान तो यहां की रौनक देखते बनती थी। लेकिन अभी यहां के बाजार वीरान पड़े हैं। महबूब के मुताबिक लॉकडाउन में राहत मिलने पर जेडीए ने मसाला चौक खोलने की परमिशन दे दी थी। लेकिन यहां मौजूद दुकानदारों की आपसी सहमति से मसाला चौक को 1 अगस्त से खोलने का निर्णय लिया है।

जिला प्रशासन ने रात 8 बजे तक दुकानें बंद करने का आदेश जारी किया हुआ है। यहां के दुकानदारों का मानना है कि अगस्त के बाद यहां दुकानों के खुलने का समय बढ़ाया जाएगा तो ज्यादा अच्छा होगा। वहीं, मसाला चौक के खुलने पर कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों के बारे में महबूब खान ने बताया कि यहां गेट पर ग्राहकों की मॉनिटरिंग होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराया जाएगा। मेन गेट पर सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाएगी।

मसाला चौक में 22 दुकानें हैं। यहां की आलू कचोरी सबसे ज्यादा फेमस है।

खूंटेटा की आलू कचोरी यहां की फेमस डिश है

मसाला चौक से बाहर परकोटे के किशनपोल बाजार में खूंटेटा की आलू की कचौरी काफी लोकप्रिय है। इस डिश की डिमांड यहां सबसे ज्यादा होती है। अशोक खंडेलवाल ने बताया कि करीब 60 साल से उनकी यहां दुकान है। यहां आलू की कचोरी व नमकीन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। इसके लिए वे मसाला खुद तैयार करते हैं। अशोक के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से व्यवसाय सिर्फ 40 फीसदी रह गया है।

यहां कचोरी तैयार करने वाले कर्मचारियों के लिए मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। बार बार हाथ साफ कराया जाता है। संक्रमण से बचाव के लिए दुकानों पर बोर्ड लगा दिए गए हैं।मास्कर पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।साथ ही भीड़ नहीं लगाने की भी बात कही गई है।

हाथ सैनिटाइज कर खिला रहे है कांजी बड़ा, पैकिंग सुविधा पर जोर

छोटी चौपड़ पर रोजगारेश्वर महादेव के सामने स्ट्रीट वेंडर झाबर मल सैनी बताते हैं कि वे अपने बड़े भाई के साथ पिछले करीब 25 वर्षों से कांजी बड़ा खिला रहे हैं। झाबर सैनी के मुताबिक लॉकडाउन में रोजगार बंद होने से काफी दिक्कत हुई, घर चलाना भी मुश्किल हो गया।

जयपुर की फूड ब्लॉगर अक्षया अग्रवाल का कहना है किखाने-पीने के शौकीन लोगों को फिलहाल टेक-अवे और होम शेफ्स के विकल्प को आजमाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि काम- धंधा बंद हो गया है। सिर्फ परमानेंट ग्राहक ही कांजीबड़ा खाने आ रहे हैं। शादी व पार्टिंयों की बुकिंग भी बंद हो गई हैं। कांजी बड़ा खा रहे एक ग्राहक सुनील कुमार ने बताया कि वे पिछले करीब 20 साल से यहां कांजीबड़ा खाने आ रहे हैं। झाबरमल दुकान पर आने वाले ग्राहकों का हाथ सैनिटाइज कराने के बाद ही बड़ा खिलाते हैं।

जयपुर शहर की नामी फूड ब्लॉगर अक्षया अग्रवाल का कहना है कि यहां कुछ स्ट्रीट फूड शॉप्स खुली हैं लेकिन कोरोना के चलते लोगों में अभी भी हाईजीन को लेकर एक डर बना हुआ है। खाने-पीने के शौकीन लोगों को फिलहाल टेक-अवे और होम शेफ्स के विकल्प को आजमाना चाहिए।



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Lockdown imposed a break on the flavors of Jaipur, Masala Chowk closed for the first time, 2 thousand customers used to come here every day.


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चुनाव में इस बार विपक्ष के लिए कोरोना सबसे बड़ा मुद्दा, भाजपा मोदी के सहारे तो जदयू सुशासन रिपोर्ट कार्ड के साथ मैदान में उतरेगी

पटना से आरा के रास्ते सासाराम जाते हुए बाजारों और चौराहों पर कई जगह चुनावी पोस्टर लगे दिखाई देतेहैं। भाजपा के पोस्टरों पर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की उपलब्धियां हैं तो जदयू के पोस्टर मेंमुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। शराब बंदी, 15 साल के लालूराज और सुशासन की बातों का भी इसमें जिक्र है। राजद के पोस्टर में तेजस्वी यादव की बड़ी तस्वीर लगी है, जिसमें बीपीएल मुक्त बिहार का वादा किया गया है। इन पोस्टरों को ही अगर ध्यान से देखें तो बिहार के इस चुनाव के मुद्दे और चेहरे साफ हो जाते हैं।

हर बार की तरह बिहार में इस बार भी कास्ट फैक्टर का बड़ रोल होगा।पार्टियों ने कास्ट के आधार पर सियासी बिसात बिछानीशुरू कर दी है। अभी तो वर्चुअल चुनाव प्रचार शुरू हो गया है। पार्टियां जनता तक पहुंचने और मतदाताओं को समझाने में जुट गईं हैं।

कोरोना सबसे बड़ा मुद्दा है

अभी बिहार की राजनीति कोरोना के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। एनडीए जहां कोरोना के दौरान बेहतर व्यवस्था, क्वारैंटाइन सेंटर्स, गरीबों को अनाज देने की बात प्रमुखता से रख रही है। वहीं, राजद और अन्य पार्टियांसमय पर सही कदम न उठाने और कोरोना बढ़ने के लिए सरकार की लापरवाही को मुद्दा बना रही हैं। इन सब मुद्दों के बीच वोटों के धुव्रीकरण में अहमभूमिका निभाने वाला सांप्रदायिकता का कार्ड फिलहाल यहां हाशिए पर है।

भारतीय जनता पार्टी की क्षेत्रीय बैठक में प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय व अन्य।

पटना के कंकरबाग में रहने वाले राजेश रंजन कहते हैं कि कोरोना के दौर में रोजगार अहम मुद्दा हो गया है। जो पार्टी बेहतर रोजगार और कानून-व्यवस्था की बात करेगी, हम तो उसी को वोट देंगे। राजेश पोस्ट ग्रेजुएट हैं।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र किशोर कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में सबसे अहम भूमिका जातिगत समीकरणों की इस बार भी रहेगी। पार्टियां अपने कोर वोट बैंक और जातियों को अपनी ओर करने का भरपूर प्रयास करेंगी। फ्लोटिंग वोटर्स और युवाओं को अपनी ओर करने के लिए राजनीतिक पार्टियां मुद्दे उठाएंगी। कोरोना बड़ा मुद्दा होगा। राजद कानून-व्यवस्था के मुद्दे को जोर-शोर से उठा सकती है। नीतीश ने अपनी सेक्यूलर छवि अभी तक बचाए रखी है। विकास उनका मुद्दा बना रहेगा। गांवों में घर-घर अनाज और किसानों के खातों में पैसा पहुंचने का फायदा भाजपा उठाने की कोशिश करेगी।

सुरेंद्र किशोर कहते हैं कि करीब तीन दशक में यह पहला विधानसभा चुनाव है, जब लालू प्रसाद यादव की प्रत्यक्ष मौजूदगी नहीं होगी। अगर वे जमानत पर बाहर आते हैं और प्रचार में वापसी करते हैं तो चुनाव का प्रमुख मुद्दा लालू के 15 साल वर्सेज नीतीश के 15 साल हो जाएगा।

जातिगत समीकरण साधने में जुटीं पार्टियां

पार्टियां जातिगत समीकरण भी अपने अनुसार बैठा रही हैं। राजद अपने माय (मुसलमान और यादव) समीकरण (करीब 28 फीसदी से अधिक वोट) को पुख्ता रखते हुए अन्य पिछड़ी जातियों को अपने पाले में करने का जतन कर रही है। तेजस्वी युवा वोटरों पर भी निगाह जमाए हुए हैं। आरक्षण खतरे में है बताकर भी राजद पिछड़े, दलित वोटों को अपनी ओर लामबंद करने की कोशिश कर रही है। भाजपा सवर्ण वोट के अतिरिक्त नित्यानंद राय और रामकृपाल यादव के सहारे भूमिहार,यादव और अलग-अलग जाति के नेताओं के सहारे जातिगत समीकरण साधने में जुटी है।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल संवाद करते हुए।

पार्टी आर्थिक आधार पर 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण का लाभ केंद्र सरकार ने जो दिया है उसे भी भुनाएगी। जेडीयू अति पिछड़े और महादलित वोटों पर नजर रखे हुए है। करीब 3.5 फीसदी कुर्मी वोट जदयू का परंपरागत वोट है। वहीं शराब बंदी और महिला आरक्षण के कारण जदयू सभी वर्गों की महिला वोटर्स पर भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। महिला स्वयं सहायता समूह जीविका के माध्यम से भी बिहार सरकार महिलाओं को अपनी ओर खींचरही है, जो जेडीयू को फायदा दे सकती है। सासाराम के प्रवासी मजदूर महेंद्र चौधरी सूरत में साड़ी मशीन चलाने का काम करते थे। वेचुनाव और वोट के नाम पर कुछ अनमने ढंग से बात करते हैं।

कहते हैं कि सरकार ने कोरोना के दौरान खाने की मदद तो दी है लेकिन अभी तक रोजगार नहीं मिल पाया है। रोजगार के बिना जीवन कैसे पटरी पर लौटेगा? वोट देने के सवाल पर वे कहते हैं कि चुनाव के समय ही तय करेंगे कि वोट किसे देंगे। वहीं इसी जिले के आलमपुर गांव के गोरखनाथ सिंह कहते हैं कि चुनाव में कोरोना मुद्दा है, विकास और कानून व्यवस्था भी मुद्दा है, लेकिन जाति की भी अपनी भूमिका होगी। इसे नकार नहीं सकते। प्रत्याशी तय होने के बाद हम अपना वोट तय करेंगे, जिसमें प्रत्याशी की जाति भी देखेंगे।

हाल ही पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम को लेकर राजद ने पटना में विरोध प्रदर्शन किया था।

विकास के काम पर एनडीएम जाएगी वोटरों के बीच

चुनावी मुद्दों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल कहते हैं कि बीते 15 वर्षों में बिजली, सड़क, पानी और कानून-व्यवस्था के लिए हमने जो काम किए हैं, वे तो मुद्दा रहेंगे ही। साथ ही केंद्र सरकार का 20 लाख का पैकेज कैसे छोटे दुकानदार, रेहड़ीवालों, किसानों और गरीब के लिए फायदेमंद है। यह भी हम लोगों को बताएंगे। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह कहते हैं कि हमें हमारे काम पर ही पूरा भरोसा है, उसी के दम पर मतदाताओं के बीच जाएंगे। युवा, महिलाओं, अल्पसंख्यक, महादलित के हित में राज्य सरकार ने कार्य किया है। शराब बंदी हमने लागू की है।

पटना के प्रसिद्ध गांधी मैदान के पास स्थित एएन सिन्हा इंडस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक डाॅ. डीएम दिवाकर कहते हैं कि पार्टियों के पास मोटे तौर पर तीन तरह के मुद्दे हैं। जहां तक जदयू की बात है तो उसके लिए लालू राज के 15 वर्ष वर्सेज खुद के 15 वर्ष सबसे बड़ा मुद्दा है। साथ ही शराबबंदी और महिलाओं को आरक्षण, दोनों उनके मुद्दे रहेंगे। भाजपा की बात करें तो वह केंद्र सरकार के काम और प्रधानमंत्री मोदी के नाम के सहारे रहेगी।

राजद अपनी सामाजिक न्याय की राजनीति करती रहेगी और अपने यादव और मुसलमान वोट को ध्यान में रखते हुए कुछ मुद्दे, नारे गढ़ेगी। जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) सभी कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति करने, पेंशन राशि तीन हजार रुपए करने और जातीय, मजहबी दंगों के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन कर छह महीने में फैसले का प्रावधान करने का वादा कर रही है। पार्टी प्रमुख पप्पू यादव कहते हैं कि हम अपने वादे को स्टांप पर लिखकर कोर्ट मेंजमा करेंगे। यह तो चुनावों के वक्त की पता चलेगा कि मतदाता किनके वादों पर यकीन कर वोट करेंगे लेकिन फिलहाल पार्टियां वादों की लिस्ट फाइनल करने में लगी हैं।

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तस्वीर पटना के इनकम टैक्स चौराहे की है। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अब पोस्टर के माध्यम चुनाव प्रचार में जुट गई हैं। - फाइल फोटो


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देश में घट रही है जन्म दर; 9 राज्यों में 1000 लड़कों पर 900 से कम लड़कियां, यूपी-बिहार में आज भी 10% से ज्यादा डिलीवरी अस्पतालों में नहीं होती

देश में जन्म दर घट रही है। पिछले 27 साल में इसमें 32% की कमी आई है। ग्रामीण भारत की तुलना में शहरी भारत में जन्म दर में ज्यादा गिरावट आई है। सेक्स रेशियो की बात करें तो देश में आज भी 9राज्य ऐसे हैं, जहां हजार लड़कों पर 900 से भी कम लड़कियां पैदा होती हैं। यूपी, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में 10% से ज्यादा महिलाएं आज भी डिलीवरी के लिए ना ही हॉस्पिटल जाती हैं, ना ही इन्हें कोई एक्सपर्ट नहीं मिलता। ये बातें जनगणना आयोग के सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम 2018 के आंकड़ों में सामने आई हैं। आंकड़े हाल ही में जारी किए गए हैं।

भारत में जन्मदर लगातार घट रही है। 1971 में प्रति एक हजार लोगों पर जन्म लेने वाले जीवित शिशुओं की संख्या यानी जन्म दर 36.9 थी। 1981 में यह 33.9 हो गई। 1991 में29.5 थीजबकि 2018 में घटकर 20 हो गई।

रूरल इंडियामें जन्मदर अर्बन इंडिया की तुलना में ज्यादा बनी हुई है। 1977से 2018 के बीचग्रमीण भारत में जन्मदर 5.4 से घटकर 2.4 गई जबकि अर्बन इंडिया में 4.1 से घटकर 1.7 हो गया। 41 साल में ग्रामीण भारत में जन्म दर में 56% की गिरावट आई है। वहीं, अर्बन इंडिया में 59% की गिरावट आई है।

जहां साक्षरता दर कम, वहां जन्म दर ज्यादा

सबसे ज्यादा जन्म दर वाले पांचों राज्य में साक्षरता दर 70% कम है। सबसे ज्यादा जन्म दर वाले राज्य बिहार में 2011 की जनगणना के मुताबिक, साक्षरता दर 61.80% थी। वहीं, यूपी में 67.68, मध्य प्रदेश में 69.32, राजस्थान में 66.11 और झारखंड में 66.41% लोग ही पढ़े लिखे हैं। वहीं, जिन तीन राज्यों में जन्म दर सबसे कम है उनमें साक्षरता दर 86% से ज्यादा है। यानी, जहां लोग ज्यादा पढ़े-लिखे हैं, वहां जन्म दर ज्यादा कम है। कम पढ़े लिखे राज्यों में जन्म दर ज्यादा है।

रूरल इंडिया का सेक्स रेशियोअर्बन इंडिया से ज्यादा

भारत में 2016 से 2018 के बीच तीन साल में औसतन जन्मे बच्चों का लिंगानुपातयानी सेक्स रेशियो 899 है। यानी 1000 हज़ार लड़कों पर 899 लड़कियों का जन्म हुआ है। 2013से 2015के बीच तीन साल में औसतन जन्में बच्चों का लिंगानुपात 900 थायानीइस बार इसमें गिरावट आई है। ग्रामीण भारत में 2016 से 2018 के बीच तीन साल में 1000 लड़कों पर 900 लड़कियों का जन्म हुआ। अर्बन इंडिया में 1000 लड़कों पर 897 लड़कियों का जन्म हुआ।

अर्बन इंडिया के मुकाबले रूरल इंडिया में प्रजनन दर 24% ज्यादा

15 से 49 साल के बीच कीप्रति 1000 महिलाओं पर जन्म लेने वाले कुल जीवित शिशुओं के ऐवरेज को सामान्य प्रजनन दर या जनरल फर्टिलिटी रेट कहते हैं। भारत में 15 से 49 साल की 1000 महिलाओं पर जन्म लेने वाले बच्चों की दर 70.4 है। ग्रामीण भारत में यह दर 77.4 है जबकि अर्बन इंडिया में 56.7 है। राज्यों के हिसाब से देखें तो, बिहार और उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा, केरल और पश्चिम बंगाल में सबसे कम प्रजनन दर है।

पश्चिम बंगाल में सबसे कम उम्र में मां बनती हैं महिलाएं, 40 पार महिलाएं सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश में मां बनती हैं

आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में फर्टलिटी रेट 20-24 के उम्र वाली महिलाओं में पीक पर होता है। जम्मू और कश्मीर में फर्टलिटी रेट 30-34 वाली महिलाओं में पीक पर होता है। पूरे देश में 25-29 साल वाली महिलाओं में फर्टलिटी रेट पीक पर होता है। देश में 30 की उम्र के बाद महिलाओं कीफर्टिलिटी रेट कम होने लगता है।

भारत में 15-19 साल की महिलाओं की प्रजनन दर12.2 है, 20-24 साल के महिलाओं की प्रजनन दर 122.9 है, 25से 29 साल की महिलाओं की प्रजनन दर 146.4 है, 30 से 34 साल की महिलाओं की प्रजनन दर 94.7 है, 35 से 39 साल की महिलाओं की प्रजनन दर 36.9 है, 40 से 44 साल की महिलाओं की प्रजनन दर 12.7 है और 45 से 49 साल की महिलाओं की प्रजनन दर 4.4 है।

भारत में 54.5% जन्म सरकारी अस्पतालों में होते हैं। ग्रामीण भारत का सरकारी अस्पतालोंमें प्रसव काआंकड़ा 53.8% है, जबकि शहरी भारत का आंकड़ा 56.3% है। कुल प्रसव में क़्वालीफाईड डॉक्टरों से प्रसव का आंकड़ा 9.7% है जबकि, अनट्रेंड डॉक्टरों से प्रसव का आंकड़ा 7.8% है।



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fertility rate birth rate and child sex ratio in india as par sample registration system statistical report 2018


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अयोध्या में तीन दिन चलेगा समारोह; कोरोना के चलते 1001 के बजाय 11 या 21 वैदिक ब्राह्मण शामिल होंगे

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के नींव पूजन की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। ट्रस्ट सूत्रों ने बताया कि नींव पूजन का अनुष्ठान तीन दिन चलेगा। प्रधानमंत्री जिस दिन आएंगे, उससे दो दिन पहले ही नींव पूजा शुरू हो जाएगी। नींव पूजन में 1001 वैदिक ब्राह्मणों को शामिल होना था, लेकिन कोरोना संकट के चलते 11 या 21 ब्राह्मण ही अनुष्ठानकराएंगे। इसके लिए देशभर से वैदिक विद्वान बुलाए गए हैं।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहले ही प्रधानमंत्री को 3 या 5 अगस्त को अयोध्या आने का न्योता भेज रखा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी दौरे की औपचारिक घोषणा नहीं की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नींव पूजन समारोह की भव्यता में कोरोना संकट रोड़ा बना है। राम मंदिर का नींव पूजन 500 साल के इतिहास कीबड़ी घटना है। संतों ने कहा कि नींव पूजन के दिन अयोध्या दिवाली की तरह जगमगाएगी। मंदिरों में शंख, घंटे, मृदंग बजेंगे। अयोध्या राजपरिवार के वंशज विमलेंद्र मोहन मिश्र ने भी नींव पूजन को लेकर खुशी व्यक्त की है।

न्योता: 300 लोगों को बुलाने की तैयारी, उद्धव चौंकाने वाला नाम

सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत 300 लोगों को न्योता भेजने की तैयारी है। उद्धव को इस बात को ध्यान में रखकर न्योता दिया जा रहा है कि उनके पिता बाल ठाकरे राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव परिवार समेत अयोध्या जा चुके हैं। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए दान की घोषणा भी की थी।

विकास: सरयू किनारे सबसे ऊंची भगवान राम की प्रतिमा

प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास करेंगे। वे सरयू किनारे दुनिया की सबसे ऊंची भगवान राम की प्रतिमा, सीता झील का निर्माण, नव्य अयोध्या के नाम से उपनगरी और अयोध्या से गोरखपुर तक सिक्स लेन प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास कर सकते हैं।



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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री को 3 या 5 अगस्त को अयोध्या आने का न्योता भेज रखा है। - फाइल फोटो


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