गुरुवार, 20 अगस्त 2020

पिता केके सिंह ने खुद को सुशांत का कानूनी वारिस घोषित किया, कहा- अब मेरी इजाजत के बिना सुशांत के बारे में कुछ बताना गैरकानूनी होगा

सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने बुधवार को कहा कि वे ही अपने बेटे के कानूनी उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि सुशांत ने अपने जीवन में जिन वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और प्रोफेशनल्स को रखा था, उनकी सेवाएं ले रखी थीं, वे अब खत्म होती हैं। वे सुशांत के बारे में कुछ भी बताने के अधिकारी नहीं हैं। अगर कोई भी ऐसा करता है तो उसे पहले मेरी मंजूरी लेनी होगी। सुशांत के परिवार में अब मैं और उसकी बहनें ही शामिल हैं।

अब कोई और सुशांत की ओर से बयान दे तो गैर-कानूनी होगा

केके सिंह ने यह बयान तब जारी किया, जब कुछ वकीलों ने मीडिया में यह कहकर बयान जारी किया कि उन्हें सुशांत ने हायर किया था। केके सिंह ने कहा कि इन वकीलों ने मीडिया में कथित रूप से सुशांत के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया और इंडियन एविडेंस एक्ट के नियमों के मुताबिक ऐसा नहीं किया जा सकता है।

मेरे और बहनों के अलावा कोई परिवार होने का दावा करे तो यह गलत

उन्होंने यह भी कहा- मैं यह भी स्पष्ट कर दूं कि सुशांत के परिवार में केवल मैं और उसकी बहनें ही शामिल हैं। हमने वरुण सिंह को अपना वकील नियुक्त किया था और उनके जरिए वरिष्ठ वकील विकास सिंह हमारे परिवार को रिप्रेजेंट करेंगे। अगर कोई और भी परिवार का सदस्य होने के दावा करता है तो मैं इसे मंजूरी नहीं देता हूं।



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सुशांत के पिता केके सिंह ने यह बयान तब जारी किया, जब कुछ वकीलों ने मीडिया में यह कहकर बयान जारी किया कि उन्हें सुशांत ने हायर किया था। -फाइल फोटो


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सीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- अवमानना मामले में सजा पर सुनवाई टालकर रिव्यू पिटीशन लगाने का मौका दिया जाए

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण की सजा पर सुनवाई के लिए आज का दिन तय किया था। लेकिन, इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रशांत भूषण कोर्ट पहुंच गए। उन्होंने कहा कि सजा पर सुनवाई टालकर रिव्यू पिटीशन फाइल करने का मौका दिया जाए, ताकि इंसाफ हो सके।

भूषण की दलील- इंसानी फैसलों में गलतियों की गुंजाइश
प्रशांत भूषण ने वकील कामिनी जायसवाल से अर्जी लगवाई है। भूषण का कहना है कि इंसानी फैसले हमेशा अचूक नहीं होते। निष्पक्ष ट्रायल की सभी कोशिशों के बावजूद भी गलतियां हो सकती हैं। आपराधिक अवमानना के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ट्रायल कोर्ट की तरह काम करता है, और इसके ऊपर कोई विकल्प भी नहीं होता।

भूषण ने दलील दी है कि हाईकोर्ट से अवमानना का दोषी आगे भी अपील कर सकता है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोई विकल्प नहीं बचता। इसलिए, विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि इंसाफ मिल पाए। भूषण ने फैसले के 30 दिन में अपील करने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 14 अगस्त को अवमानना का दोषी ठहराया था।

क्या था मामला?
अदालत और सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर विवादित ट्वीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी करार दिया था। जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा था कि 20 अगस्त को सजा पर बहस होगी।

प्रशांत भूषण के इन 2 ट्वीट को कोर्ट ने अवमानना माना
पहला ट्वीट: 27 जून-
जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। इसमें वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट, खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे।
दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। सीजेआई बोबडे की बुराई करते हुए लिखा कि उन्होंने कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था।



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सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को 14 अगस्त को दोषी ठहराकर सजा पर बहस के लिए 20 अगस्त का दिन तय किया था। (फाइल फोटो)


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एनसीपी सुप्रीमो का तंज- उम्मीद है इस मामले में जांच का हाल डॉ. दाभोलकर जैसा न हो, महाराष्ट्र सरकार सीबीआई को पूरा सहयोग करेगी

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बयान सामने आया है। पवार ने तंज कसते हुए कहा कि आशा है कि इस जांच के परिणाम डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच जैसे न हो, जिसका अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया। 30 अगस्त 2013 को पुणे में डॉ. दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को पूरे सात साल का समय होने जा रहा है।

शरद पवार ने ट्वीट कर कहा- ‘सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। मुझे यकीन है कि महाराष्ट्र सरकार इस निर्णय का सम्मान करेगी और जांच में पूरी तरह सहयोग करेगी।’

दाभोलकर के परिवार ने कहा- यह पीड़ादायक है कि सीबीआई सात साल में भी जांच पूरी न कर पाई
इस बीच बुधवार को डॉ. दाभोलकर की बेटी मुक्ता और बेटे डॉ. हमीद दाभोलकर ने कहा- ‘हत्या के सात साल पूरे हो गए। हत्या के बाद शुरुआती नौ महीने महाराष्ट्र पुलिस ने जांच ठीक से नहीं की। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया था। यह बेहद पीड़ादायक है कि सीबीआई जैसी प्रतिष्ठित एजेंसी अब तक जांच पूरी नहीं कर पाई।’

बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर बयानबाजी: देशमुख
इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर कुछ नेता एक्टर सुशांत सिंह की मौत पर बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक विशेषज्ञों को देश के संघीय ढांचे का भी ख्याल रखना चाहिए।

क्या है डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड?
अंधविश्वास और अघोरी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की पुणे के महर्षि विट्ठल रामजी ब्रिज (ओंकारेश्वर पुल) पर 20 अगस्त 2013 को दो अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच में सामने आया था कि वारदात से 47 मिनट पहले ही हत्यारे ओंकारेश्वर पुल पर पहुंच चुके थे और महज तीन मिनट में घटना को अंजाम दे फरार हो गए। पुलिस पर हत्यारोपियों को तलाशने के लिए तांत्रिक की मदद लेने का भी आरोप लगा। डॉ. दाभोलकर की हत्या के बाद पूरे महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। उनकी हत्या के बाद सरकार को अंधविश्वास के खिलाफ कानून बनाने को मजबूर होना पड़ा। सीबीआई ने मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और इनमें से पांच के खिलाफ आरोप-पत्र भी दाखिल किया है।

सुशांत केस में आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं:-

1. सुशांत के पिता का बड़ा बयान:पिता केके सिंह ने खुद को सुशांत सिंह राजपूत का कानूनी उत्तराधिकारी घोषित किया, कहा- परिवार में सिर्फ मैं और उसकी बहनें शामिल​

2. बीएमसी ने दी सीबीआई को छूट:7 दिन से कम समय तक मुंबई में रहने के दौरान क्वारैंटाइन नहीं होगी सीबीआई की टीम, ज्यादा समय तक रहने पर एप्लीकेशन देनी होगी​​​​​​

3. सुशांत केस में अब आगे क्या?:सीबीआई की टीम कल मुंबई पहुंच सकती है, हत्या के एंगल से जांच होगी; रिया का बयान पहले दर्ज होगा

4. बयानबाजी:अनिल देशमुख ने कहा- अभी फैसले की कॉपी नहीं मिली है, किरीट सोमैया ने मांगा गृह मंत्री का इस्तीफा, राउत बोले- दिल्ली तक जाएगी बात



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शरद पवार ने ट्वीट में सुशांत केस को लेकर अपनी बात रखी। महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। सुशांत केस की जांच को लेकर मुंबई पुलिस सवालों के घेरे में है। - फाइल फोटो


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सीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- अवमानना मामले में सजा पर सुनवाई टालकर रिव्यू पिटीशन लगाने का मौका दिया जाए

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण की सजा पर सुनवाई के लिए आज का दिन तय किया था। लेकिन, इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रशांत भूषण कोर्ट पहुंच गए। उन्होंने कहा कि सजा पर सुनवाई टालकर रिव्यू पिटीशन फाइल करने का मौका दिया जाए, ताकि इंसाफ हो सके।

भूषण की दलील- इंसानी फैसलों में गलतियों की गुंजाइश
प्रशांत भूषण ने वकील कामिनी जायसवाल से अर्जी लगवाई है। भूषण का कहना है कि इंसानी फैसले हमेशा अचूक नहीं होते। निष्पक्ष ट्रायल की सभी कोशिशों के बावजूद भी गलतियां हो सकती हैं। आपराधिक अवमानना के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ट्रायल कोर्ट की तरह काम करता है, और इसके ऊपर कोई विकल्प भी नहीं होता।

भूषण ने दलील दी है कि हाईकोर्ट से अवमानना का दोषी आगे भी अपील कर सकता है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोई विकल्प नहीं बचता। इसलिए, विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि इंसाफ मिल पाए। भूषण ने फैसले के 30 दिन में अपील करने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 14 अगस्त को अवमानना का दोषी ठहराया था।

क्या था मामला?
अदालत और सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर विवादित ट्वीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी करार दिया था। जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा था कि 20 अगस्त को सजा पर बहस होगी।

प्रशांत भूषण के इन 2 ट्वीट को कोर्ट ने अवमानना माना
पहला ट्वीट: 27 जून-
जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। इसमें वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट, खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे।
दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। सीजेआई बोबडे की बुराई करते हुए लिखा कि उन्होंने कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था।



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सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को 14 अगस्त को दोषी ठहराकर सजा पर बहस के लिए 20 अगस्त का दिन तय किया था। (फाइल फोटो)


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बीते 20 दिन में 11.38 लाख नए संक्रमित मिले, लेकिन अच्छी बात कि 10 लाख ठीक हुए; अब तक 28.35 लाख केस

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 28.35 लाख हो गई है। बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 69 हजार 196 मरीज बढ़े। 59 हजार 935 ठीक हुए और 979 की मौत हो गई। बीते 20 दिनों में 11 लाख 38 हजार 768 नए केस आए हैं। लेकिन राहत की बात है कि इस दौरान 10 लाख 520 मरीज ठीक भी हो गए।

19 दिन में 11.38 लाख केस आए, लेकिन एक्टिव केस सिर्फ 1.20 लाख बढ़े

19 अगस्त 31 जुलाई अंतर
कुल केस 28,35,822 16,97,054 11,38,768
ठीक हुए 20,96,065 10,95,545 10,00,520
एक्टिव केस 6,85,231 5,64,530 1,20,701

पांच राज्यों के हाल
1. मध्यप्रदेश

राज्य में बुधवार को संक्रमण के 976 नए मामले सामने आए। राज्य में महामारी फिर एक बार रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है। यहां इंदौर में सबसे ज्यादा 179 केस आए। 114 नए मरीजों के साथ भोपाल दूसरे नंबर पर रहा। राज्य में हर दिन 15 से 20 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। यह जांच के मामले में देश में 13वें नंबर पर है। यहां अब तक कुल 10 लाख 90 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं।

2. महाराष्ट्र
राज्य में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 13 हजार 165 केस आए। 9011 मरीज ठीक हो गए और 346 लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया। यहां 8 अगस्त को 12 हजार 822 केस आए थे। कुल संक्रमितों और नए मरीजों के मामले में पुणे ने मुंबई को पीछे छोड़ दिया है। यहां बुधवार को सबसे ज्यादा 2 हजार 688 केस आए। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 1.37 लाख हो गई है। उधर, मुंबई में बीते 24 घंटे में 1132 नए केस आए, जबकि कुल संक्रमितों की संख्या 1 लाख 31 हजार 542 हो गई।

3. राजस्थान
यहां बीते 24 घंटे में 1312 केस आए। इनमें टॉप-10 जिलों में जोधपुर में 225, अलवर में 224, बीकानेर में 209, जयपुर में 189, कोटा में 143, धौलपुर में 83, सीकर में 68, पाली में 63, राजसमंद में 31 और झालावाड़ में 23 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 12 लोगों की मौत हुई। इनमें जयपुर में 4, नागौर और कोटा में 2-2, अजमेर, बीकानेर, गंगानगर और उदयपुर में 1-1 मरीज ने दम तोड़ा।

4. उत्तरप्रदेश
राज्य बीते 24 घंटे में 5076 नए केस आए। यह नए केस और कुल केस दोनों मामलों में देश में पांचवें नंबर पर है। यहां अब तक कोरोना के 1 लाख 67 हजार 510 केस आ चुके हैं। उत्तरप्रदेश टेस्टिंग में सबसे आगे है। यहां हर दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक 40 लाख 80 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं।

5. बिहार
यहां बीते 24 घंटे में 2884 केस आए और 3838 मरीज ठीक हो गए, जबकि 10 संक्रमितों की मौत हो गई। यहां भी रोजाना एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 20 लाख 10 हजार टेस्ट हो चुके हैं और इस मामले में यह देश में छठवें नंबर पर है। राज्य में हर 10 लाख की आबादी पर 745 लोग कोरोना संक्रमित हैं।



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Mumbai Delhi Coronavirus News | Coronavirus Outbreak India Cases LIVE Updates; Maharashtra Pune Madhya Pradesh Indore Rajasthan Uttar Pradesh Haryana Punjab Bihar Novel Corona (COVID-19) Death Toll India Today


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दिल्ली के कई इलाकों में सड़कें डूबीं; एक दिन पहले दिल्ली-जयपुर हाईवे पर 10 किमी लंबा जाम लगा था, कई वाहन भी डूब गए

दिल्ली में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन तेज बारिश होने से कई इलाकों में लंबा जाम गया। झिलमिल अंडरपास में पानी भर गया है। रानी झांसी रोड, एमबी रोड और लाल कुआं और मां आनंदमयी मार्ग इलाकों में भी वाटर लॉगिंग की वजह से दिक्कतें हो रही हैं।

गुरुवार की फोटो दिल्ली के प्रहलादपुर इलाके की है।

गुड़गांव में बुधवार सुबह 6 बजे से दोपहर बाद तक बारिश होती रही। इस दौरान शहर में 95 एमएम बारिश दर्ज की गई। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर 10 किमी तक जाम लग गया था। गोल्फ कोर्स रोड पर हालत ये थी कि शहर के अंडरपास तक डूब गए।

बुधवार की फोटो दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर नरसिंगपुर के पास की है।

सड़कों पर 3-4 फुट तक पानी भरा
बुधवार को दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर भी निचले हिस्सों पर पानी जमा हो गया, जिससे नरसिंहपुर से राजीव चौक तक करीब 10 किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। वहीं न्यू गुड़गांव के डीएलएफ, सुशांत लोक सहित गोल्फ कोर्स रोड पर भी तीन से चार फुट तक पानी भर गया। जगह-जगह पानी भरने की वजह से कई कारें और दूसरे वाहन डूब गए।

बुधवार की फोटो दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे की है।

कई इलाकों में दीवार और पेड़ गिरे
बारिश की वजह गोकुलपुरी के गंगा विहार इलाके में अवैध रूप से चल रही पार्किंग की दीवार गिर जाने की वजह से कई गाड़ियों को नुकसान हुआ। साकेत इलाके में भी स्कूल की बाउंड्री वॉल गिरने से 10 गाड़ियों में टूट-फूट हुई। कई जगहों पर पेड गिरने से भी नुकसान हुआ।

बुधवार की फोटो दिल्ली के साकेत नगर की है, जहां स्कूल की दीवार गिर गई।


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बुधवार की फोटो दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे की है। कार पानी में डूबने की वजह से लोगों को गाड़ियों की छत पर चढ़ना पड़ा।


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मोदी आज नतीजों का ऐलान करेंगे; इंदौर चौथी बार सफाई में नंबर-1, सिटीजन फीडबैक, वेस्ट रिडक्शन, रेवेन्यू कलेक्शन के बूते बाजी मारी

सफाई के मामले लगातार चौथी बार इंदौर नंबर-1 बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में आज ऑनलाइन कार्यक्रम में परिणामों की घोषणा आज ऑनलाइन करेंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 लीग के तीनों क्वार्टर में भी इंदौर अव्वल है। दूसरे और तीसरे क्वार्टर के नतीजों का ऐलान आज होगा, जबकि छह हजार नंबर के स्वच्छता सर्वेक्षण में सिर्फ पहले क्वार्टर के घोषित परिणामों में इंदौर ने बाजी मारी थी। भास्कर ने इंदौर के चौका लगाने का खुलासा दो दिन पहले ही कर दिया था।

भोपाल में वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल और पूर्व निगमायुक्त आशीष सिंह उपस्थित रहेंगे। मध्य प्रदेश को कुल 10 अवॉर्ड मिलेंगे। इनमें इंदौर के अलावा भोपाल, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, नगर पालिका सिहोरा, नगर परिषद शाहगंज, नगर परिषद कांटाफोड़ और छावनी परिषद महू कैंट शामिल हैं।

सिटीजन फीडबैक, वेस्ट रिडक्शन, रेवेन्यू कलेक्शन के बूते बाजी मारी

भास्कर ने वे तीन कारण निकाले, जिस पर रैंकिंग का पूरा दारोमदार था। इस बार की रैंकिंग पिछले सभी सालों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसलिए भी थी, क्योंकि सफाई को सालभर में तीन क्वार्टर में बांटा गया था।
सिटिजन फीडबैक: इंदौर के लोगों ने स्वच्छता को न सिर्फ सराहा, बल्कि उनके जवाबों के कारण इंदौर फिर नं. 1 बन सका। इसका मतलब यह कि जो शहर दावा कर रहा है उसकी सच्चाई लोग ही बताएंगे। दूसरे शहरों ने तो खुद को बहुत ही अच्छा और साफ बताया, लेकिन लोगों ने निगेटिव फीडबैक दिया।

वेस्ट रिडक्शन: लोगों ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन किया। डिस्पोजल के स्थान पर बर्तन बैंक और थैलियों के विकल्प में झोला बैंक शुरू किया।

रेवेन्यू कलेक्शन: इंदौर ने कचरा प्रबंधन शुल्क के 40 करोड़ वसूले। यह वह शिखर था, जिसे कोई दूसरा शहर छू भी नहीं सका। यहां तक नं. 2 रहे भोपाल में भी कचरा प्रबंधन शुल्क 15 करोड़ से ज्यादा नहीं बताया गया।

आज घर-घर दीप जलेंगे, कल सफाईकर्मियों का सम्मान

चौथी बार नंबर-1 बनने पर इंदौर में जश्न मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां सांसद शंकर लालवानी द्वारा करवाई जा रही हैं। घोषणा होने से पहले ऐसे लोगों को बुलाया, जिनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं। ये लोग अपने-अपने प्लेटफॉर्म के जरिए सोशल मीडिया पर ‘सफाई में इंदौर का चौका’ की जानकारी लाइव पहुंचाएंगे।

शाम को घर-घर दीप जलेंगे और थालियां बजाई जाएंगी। सांसद ने लोगों से अपील की है कि शुक्रवार सुबह घर-घर आने वाले सफाईकर्मियों का सम्मान करें। उन्हें माला पहनाकर आरती उतारें और मिठाई खिलाएं। रवींद्र नाट्यगृह में 400 लोगों का समारोह भी होगा। इसमें सभी जोन से सफाईकर्मियों का प्रतिनिधित्व रहेगा।



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ये इंदौर में सफाई की बानगी है। कोई भी मौसम हो, सफाईकर्मी देर रात तक शहर को साफ-सुथरा रखने में जुटे रहते हैं।


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अमेरिकी साइंटिस्ट एंथनी फॉसी बोले- हम किसी को जबरन वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, पहले कभी भी टीके को लेकर मजबूर नहीं किया; दुनिया में अब तक 2.25 करोड़ केस

दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 25 लाख 77 हजार 398 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 53 लाख 851 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 7 लाख 90 हजार 964 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिकी साइंटिस्ट और देश की कोरोना टास्क फोर्स के मेंबर एंथनी फॉसी ने कहा है कि अमेरिका के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाना जरूरी नहीं होगा। हमें टीका जरूरी करना और किसी को जबरन इसे लगवाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमने पहले कभी भी किसी टीके को लेकर ऐसा नहीं किया।

हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन चाहे तो बच्चों या संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए इसे जरूरी कर सकता है। उन्होंने बुधवार को जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह बात कही। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा था कि कोरोना का टीका तैयार होने पर इसे देश के सभी लोगों के लिए जरूरी किया जाएगा।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 57,00,931 1,76,337 30,62,331
ब्राजील 34,60,413 1,11,189 26,15,254
भारत 28,35,822 53,994 20,96,068
रूस 9,37,321 15,989 7,49,423
साउथ अफ्रीका

5,96,060

12,423

4,91,443

पेरू 5,58,420 26,834 3,77,453
मैक्सिको 5,37,031 58,481 3,67,537
कोलंबिया

5,02,178

15,979 3,26,298
चिली 3,90,037 10,578 3,64,285
स्पेन 3,87,985 28,797 उपलब्ध नहीं

ईरान: मौतों का आंकड़ा 20 हजार के पार
ईरान में मौतों का आंकड़ा 20 हजार के पार हो गया है। यह पश्चिम एशिया के किसी भी देश में संक्रमण से मौतों की सबसे ज्यादा संख्या है। बढ़ती महामारी के बीच देश में यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम कराने की इजाजत दे दी गई है। इसमें लाखों स्टूडेंट्स शामिल होंगे। मध्यपूर्व के देशों में ईरान में ही सबसे पहले संक्रमण के मामले सामने आए थे। देश में अब तक 3 लाख 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

ब्राजील: 24 घंटे में 49 हजार से ज्यादा मामले
ब्राजील में 24 घंटे में 49 हजार 298 मामले सामने आए हैं और 1212 मौतें हुई हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। इसके साथ देश में संक्रमितों का आंकड़ा 34 लाख 56 हजार 652 हो गया है। यहां मौतों का आंकड़ा 1 लाख 11 हजार 100 हो गया है। हालांकि ब्राजील के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 15 जुलाई के बाद से देश में संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी आई है। संक्रमण के मामले भी पहले की तुलना में कम हुए हैं।



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अमेरिका के न्यूयॉर्क में बुधवार को आर्मी नेशनल गार्ड्स को ट्रेनिंग देते हेल्थ डिपार्टमेंट का स्टाफ। देश में अब तक 1.76 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं।


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बीते 20 दिन में 11.38 लाख नए संक्रमित मिले, लेकिन अच्छी बात कि 10 लाख ठीक हुए; अब तक 28.35 लाख केस

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 28.35 लाख हो गई है। बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 69 हजार 196 मरीज बढ़े। 59 हजार 935 ठीक हुए और 979 की मौत हो गई। बीते 20 दिनों में 11 लाख 38 हजार 768 नए केस आए हैं। लेकिन राहत की बात है कि इस दौरान 10 लाख 520 मरीज ठीक भी हो गए।

19 दिन में 11.38 लाख केस आए, लेकिन एक्टिव केस सिर्फ 1.20 लाख बढ़े

19 अगस्त 31 जुलाई अंतर
कुल केस 28,35,822 16,97,054 11,38,768
ठीक हुए 20,96,065 10,95,545 10,00,520
एक्टिव केस 6,85,231 5,64,530 1,20,701

पांच राज्यों के हाल
1. मध्यप्रदेश

राज्य में बुधवार को संक्रमण के 976 नए मामले सामने आए। राज्य में महामारी फिर एक बार रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है। यहां इंदौर में सबसे ज्यादा 179 केस आए। 114 नए मरीजों के साथ भोपाल दूसरे नंबर पर रहा। राज्य में हर दिन 15 से 20 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। यह जांच के मामले में देश में 13वें नंबर पर है। यहां अब तक कुल 10 लाख 90 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं।

2. महाराष्ट्र
राज्य में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 13 हजार 165 केस आए। 9011 मरीज ठीक हो गए और 346 लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया। यहां 8 अगस्त को 12 हजार 822 केस आए थे। कुल संक्रमितों और नए मरीजों के मामले में पुणे ने मुंबई को पीछे छोड़ दिया है। यहां बुधवार को सबसे ज्यादा 2 हजार 688 केस आए। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 1.37 लाख हो गई है। उधर, मुंबई में बीते 24 घंटे में 1132 नए केस आए, जबकि कुल संक्रमितों की संख्या 1 लाख 31 हजार 542 हो गई।

3. राजस्थान
यहां बीते 24 घंटे में 1312 केस आए। इनमें टॉप-10 जिलों में जोधपुर में 225, अलवर में 224, बीकानेर में 209, जयपुर में 189, कोटा में 143, धौलपुर में 83, सीकर में 68, पाली में 63, राजसमंद में 31 और झालावाड़ में 23 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 12 लोगों की मौत हुई। इनमें जयपुर में 4, नागौर और कोटा में 2-2, अजमेर, बीकानेर, गंगानगर और उदयपुर में 1-1 मरीज ने दम तोड़ा।

4. उत्तरप्रदेश
राज्य बीते 24 घंटे में 5076 नए केस आए। यह नए केस और कुल केस दोनों मामलों में देश में पांचवें नंबर पर है। यहां अब तक कोरोना के 1 लाख 67 हजार 510 केस आ चुके हैं। उत्तरप्रदेश टेस्टिंग में सबसे आगे है। यहां हर दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक 40 लाख 80 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं।

5. बिहार
यहां बीते 24 घंटे में 2884 केस आए और 3838 मरीज ठीक हो गए, जबकि 10 संक्रमितों की मौत हो गई। यहां भी रोजाना एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 20 लाख 10 हजार टेस्ट हो चुके हैं और इस मामले में यह देश में छठवें नंबर पर है। राज्य में हर 10 लाख की आबादी पर 745 लोग कोरोना संक्रमित हैं।



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16 राज्यों में 10 लाख आबादी पर 25 हजार कोरोना टेस्ट भी नहीं हो रहे, इनमें यूपी, बिहार और एमपी समेत 10 प्रदेशों में भाजपा सत्ता में

देश में कोरोनावायरस का पहला मरीज आए करीब 7 महीने होने वाले हैं। इन 7 महीनों के भीतर ही देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 27 लाख के पार पहुंच गई। इस दौरान भारत में टेस्टिंग कैपेसिटी भी बढ़ी है। 31 जनवरी तक देश में सिर्फ 49 टेस्ट हुए थे और आज 3 करोड़ से ज्यादा सैंपल की जांच हो चुकी है।

हालांकि, टेस्टिंग को लेकर राजनीतिक पार्टियां सवाल भी उठाती रहती हैं। कांग्रेस कई बार केंद्र सरकार पर कम टेस्टिंग को लेकर आरोप लगाती रही है। वहीं, सरकार कहती है कि देश में टेस्टिंग बढ़ रही है।

इन्हीं सब राजनीतिक बातों के बीच हमने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हो रही टेस्टिंग का डेटा निकाला और ये समझने की कोशिश की जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां टेस्टिंग कैसी हो रही है? जहां कांग्रेस है, वहां क्या हालात हैं? और जहां दूसरी पार्टियों की सरकार है, वहां क्या है?

सबसे पहले बात भाजपा और उसके सहयोगियों के राज्यों की बात
देश में 16 राज्य ऐसे हैं, जहां या तो भाजपा या उनके सहयोगी दलों की सरकार है। जबकि, 5 केंद्र शासित प्रदेश हैं, यहां तो एक तरह से केंद्र का ही राज है। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में करीब 70 करोड़ की आबादी रहती है। यानी देश की आधी से ज्यादा आबादी पर भाजपा ही राज कर रही है।

अब देखा जाए तो जिन राज्यों में हर 10 लाख आबादी पर 25 हजार से भी कम टेस्ट हुए हैं, उनकी संख्या 16 है। इन 16 में से 10 राज्यों में भाजपा या तो उसके सहयोगी की सरकार है।

जहां कांग्रेस या उसके सहयोग की सरकार, अब उन राज्यों की बात
देश के 3 राज्यों में कांग्रेस की सरकार है और 2 में वो सरकार की सहयोगी है। जबकि, एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में भी कांग्रेस की ही सरकार है। कुल मिलाकर इन 6 राज्यों में सिर्फ पुडुचेरी ही है, जहां हर 10 लाख आबादी पर सबसे ज्यादा 37 हजार 916 टेस्ट हुए हैं। हालांकि, इसका कारण ये भी है कि बाकी राज्यों के मुकाबले यहां की आबादी बहुत कम है।

देश में कोरोना की सबसे बुरी मार झेल रहे महाराष्ट्र में भी कांग्रेस सहयोगी है। यहां 3.20 लाख से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। यहां का पॉजिटिव रेट भी देश में सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र में हर 10 लाख आबादी पर 26 हजार से ज्यादा टेस्ट हुए हैं।

अब बात उन राज्यों की, जहां दूसरी पार्टियां सत्ता में हैं
देश में सिर्फ 8 राज्य ही ऐसे हैं, जहां न तो भाजपा की सरकार है और न ही कांग्रेस की। यहां दूसरी पार्टियां सत्ता में हैं। इन 8 राज्यों में 37.21 करोड़ से ज्यादा आबादी रहती है, जो देश की कुल आबादी का 27% हिस्सा है। इन 8 राज्यों में से सिर्फ दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा ही ऐसे राज्य हैं, जहां हर 10 लाख आबादी पर 25 हजार से कम टेस्ट हुए हैं।



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Coronavirus Testing Rate Summary India (State-Wise) List Update | COVID Sample Testing BJP Led NDA Government in Madhya Himachal Uttar Pradesh Gujarat Rajasthan Haryana


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भारत-चीन के बीच आज जॉइंट सेक्रेटरी लेवल की बातचीत होगी; चीन कई इलाकों में पीछे नहीं हट रहा

लद्दाख में सीमा विवाद के बीच भारत-चीन आज फिर बातचीत करेंगे। वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (WMCC) की 18वीं मीटिंग में दोनों देशों के जॉइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में पूर्वी लद्दाख में डी-एस्क्लेशन यानी सैन्य उपकरण और ठिकानों को हटाने पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। चीन कई विवादित इलाकों में पीछे नहीं हट रहा है।

पिछली बैठक की सहमति के बावजूद चीन का अड़ियल रवैया
डब्ल्यूएमसीसी की 17वीं बैठक पिछले महीने हुई थी। उसमें दोनों देश इस बात पर राजी हुए थे कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पूरी तरह डिसएंगेजमेंट यानी सैनिकों को पीछे हटाने की प्रोसेस जल्द पूरी कर ली जाएगी। इस बात पर भी सहमति बनी थी कि रिश्ते सुधारने के लिए एग्रीमेंट और प्रोटोकॉल के मुताबिक बॉर्डर के इलाकों में डी-एस्क्लेशन कर पूरी तरह शांति रखना जरूरी है।

चीन 3 इलाकों से पीछे नहीं हट रहा
आर्मी और डिप्लोमैटिक लेवल की कई राउंड की बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा इलाकों से पीछे नहीं हट रहा। चीन के सैनिक 3 महीने से फिंगर एरिया में जमे हुए हैं। अब उन्होंने बंकर बनाने और दूसरे अस्थायी निर्माण करने भी शुरू कर दिए हैं।



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17 अगस्त की फोटो कुल्लू-मनाली-लेह हाइवे की है। लद्दाख में तैनात जवानों के लिए सेना के ट्रक सैन्य सामग्री ले जाते हुए।


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50% या इससे कम आबादी संक्रमित होने पर भी आ सकती है हर्ड इम्युनिटी, यह क्षमता टीकाकरण या संक्रमण से ठीक होने के बाद भी आ सकती है

कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीन के साथ-साथ वैज्ञानिक हर्ड इम्युनिटी को भी कारगर बताते रहे हैं। हर्ड इम्युनिटी का मतलब है कि वायरस को ऐसे इंसान मिलने बंद हो जाएं, जिन्हें संक्रमित कर वह लगातार फैलता रहे। वैज्ञानिकों का अनुमान रहा है कि 70% तक आबादी में वायरस की प्रतिरोधी क्षमता पैदा होने के बाद ही किसी क्षेत्र में हर्ड इम्युनिटी विकसित होगी।

यह क्षमता टीकाकरण या संक्रमण से ठीक होने के बाद भी आ सकती है। हर्ड इम्युनिटी इस आधार पर देखी जाती है कि कोई एक संक्रमित व्यक्ति कितने और लोगों तक वायरस फैला रहा है। हालांकि, कुछ शोधकर्ता नई उम्मीद जगाने वाली संभावनाएं खंगाल रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ इंटरव्यू में 12 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी की सीमा 50% या इससे भी कम हो सकती है।

वैज्ञानिक और गणितज्ञ जटिल सांख्यिकीय मॉडलिंग के आधार पर ये अनुमान लगा रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार न्यूयॉर्क, लंदन और मुंबई के कुछ हिस्सों में वायरस के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी पैदा हो चुकी है। हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ बिल हनैग कहते हैं- न्यूयॉर्क और लंदन के कुछ पॉकेट्स में मजबूत इम्युनिटी है।

43% लोगों के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी आ सकती है

वहीं, स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी में गणितज्ञ टॉम ब्रिटन कहते हैं कि 43% लोगों के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी आ सकती है। यानी किसी आबादी में इतने लोग संक्रमित या रिकवर होने के बाद वायरस अनियंत्रित तरीके से नहीं फैलेगा।

न्यूयॉर्क के एक हॉस्पिटल में 80% लोगों में एंटीबॉडी मिले

हालांकि, हर्ड इम्युनिटी की यह एक बड़ी कीमत है। 43% लोग संक्रमित होने का मतलब यह है कि बहुत से लोग बीमार पड़ेंगे। मौतें भी होंगी। न्यूयॉर्क के कुछ क्लीनिक में पहुंचे 80% लोगों में एंटीबॉडी मिले। लेकिन, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विशेषज्ञ वान यांग कहते हैं कि क्लीनिक में आने वाले सिम्प्टोमेटिक होते हैं।

वहीं, क्वीन्स में कोरोना क्लीनिक में जाने वाले 68% और ब्रुकलिन के कॉबल हिल सेक्शन में 13% लोगों में एंटीबॉडी मिले। वहीं, मुंबई में गरीब इलाकों में 51 से 58% जबकि बाकी शहर में 11 से 17% लोगों में एंटीबॉडी मिलीं। मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. जयंती शास्त्री कहती हैं कि गरीब इलाकों में लोग भीड़-भाड़ में रहते हैं। शौचालय साझा होते हैं और मास्क भी उपलब्ध नहीं होते। ये सभी कारक मिलकर चुपचाप संक्रमण फैलाते रहते हैं।

स्पेन और बेल्जियम जैसे देशों में 10-20% हर्ड इम्युनिटी

शोधकर्ता अभी यह दावा करने से बच रहे हैं कि न्यूयॉर्क के सबसे संक्रमित इलाकों में शामिल ब्रुकलिन या भारत के मुंबई में किसी इलाके में हर्ड इम्युनिटी आई है या नहीं, या यहां आगे भी वायरस फैलने की संभावना है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रेथक्लाइड के गणितज्ञ गैब्रिला गोम्स ने पाया कि बेल्जियम, इंग्लैंड, पुर्तगाल और स्पेन में 10 से 20% की रेंज में ही हर्ड इम्युनिटी आ गई थी।

हालांकि, अन्य विशेषज्ञ चेताते हैं कि इन मॉडल्स में कुछ कमियां हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ जैफरी शमन कहते हैं कि अगर हम इस तरह के मॉडल्स पर विश्वास करेंगे तो यह आग से खेलने जैसा होगा।

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न्यूयॉर्क के कुछ क्लीनिक में पहुंचे 80% लोगों में एंटीबॉडी मिले। (फाइल फोटो)


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पार्टी से निष्कासित नेता बोलीं- जिनपिंग का अपनी ही पार्टी में हो रहा विरोध, लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारत से कर रहे विवाद

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक मुखर आलोचक को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी की आजीवन सदस्य काइ जिआ ने जिनपिंग पर आरोप लगाया था कि वह चीन के लोगों का आर्थिक और सामाजिक दिक्कतों से ध्यान भटकाने के लिए भारत और चीन के बीच विवाद भड़का रहे हैं।

जिनपिंग का अपनी ही पार्टी में विरोध हो रहा है। जिआ ने राष्ट्रपति के लिए अधिकतम दो कार्यकाल वाला नियम बदलने के लिए संविधान में बदलाव पर भी जिनपिंग की कड़ी आलोचना की थी। उनके ऑडियो वायरल होने के बाद पार्टी ने यह कार्रवाई की।

जिआ पिछले डेढ़ दशक से चीन के सेंट्रल पार्टी स्कूल में प्रोफेसर थीं। जहां पर धनाढ्य और कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को पार्टी के आदर्शों और सिंद्धांतों की सीख दी जाती है। जिआ ने कहा कि जिन लोगों में मैंने पढ़ाया-सिखाया उन्होंने ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। उनके मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब राजनीतिक खिचड़ी में बदल गई है।

अमेरिका में रह रहीं काई शिया ने कहा कि जिनपिंग की शक्तियां असीमित हैं। कोई उनका विरोध नहीं कर सकता। पर पार्टी में ही अमेरिका के बीच टकराव जैसे मुद्दों पर दबी आवाज में जिनपिंग की आलोचना हो रही है। जिआ ने कहा कि वुहान से कोरोना महामारी पूरे देश-दुनिया में फैली। मौत के आंकड़ों को भी लेकर भी जानकारियां छिपाई गई हैं।

जिआ के मुताबिक सत्ताधारी पार्टी दुर्भावना ग्रस्त है, चीन टुकड़ों में बंटा है। पार्टी के नेता आपस में ही विरोधाभासी हैं। अधिकतर नेता भ्रष्टाचारी हैं, इसलिए वे राष्ट्रपति समेत किसी नेता के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते।

आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पाते जिनपिंग, कार्रवाई होती ही है

जिआ बताती हैं कि जिनपिंग को आलोचना सुनना बर्दाश्त नहीं है। इससे पहले, चीन में सरकार के स्वामित्व वाली रियल एस्टेट कंपनी के पूर्व अध्यक्ष रेन झिकियांग को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने कोरोना को लेकर जिनपिंग की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। इसके बाद तिंग्शुआ यूनिवर्सिटी में लॉ प्रोफेसर शू जांगरून को सरकार की आलोचना में लेख लिखने के चलते 15 जुलाई को बर्खास्त कर दिया गया था।



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67 वर्षीय जिआ कहती हैं, अब मैं खुलकर बोल सकती हूं। -फाइल फोटो


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बिल गेट्स बोले- कोरोना वैक्सीन 80-90% लोगों को लगाने की जरूरत नहीं, 30-60% टीकाकरण भी संक्रमण रोक देगा

दुनिया के सबसे अमीरों में से एक बिल गेट्स का कहना है कि ‘काेविड-19 महामारी आने के पहले ही हम फेल हो चुके थे। यही वजह है कि संक्रमण के आगे हम टिक नहीं पाए।’ द इकोनॉमिस्ट की एडिटर इन चीफ जैनी मिंटोन बिडोस के साथ मंगलवार को वेबिनार में गेट्स ने कहा कि हम महामारी की प्रकृति को पूरी तरह समझ नहीं सके। उनसे बातचीत के संपादित अंश...

काेरोना से लड़ाई में द. कोरिया और वियतनाम जैसे देशों ने मुस्तैदी का परिचय दिया। वहीं, चीन, जहां से महामारी पनपी, उसने शुरू में ही गलती कर दी। एशिया ने यूरोप-अमेरिका की तुलना में संक्रमण पर जल्द काबू पा लिया। हालांकि, भारत और पाकिस्तान अभी खतरे मेंं हैं।

लाखों करोड़ों रुपए की बर्बादी रोकने के लिए अभी खर्च करना होगा

जहां तक वैक्सीन का सवाल है- 6 स्तर पर कार्य प्रगति पर है। 75 से 90 हजार करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। लाखों करोड़ रुपए की बर्बादी रोकने के लिए यह खर्च जरूरी है। शुरुआती सफलता के बाद ह्यूमन ट्रायल तीसरे चरण में चला जाएगा। अनुमान है कि 2021 की पहली तिमाही में वैक्सीन तैयार हो जाएगी। कुछ स्तरों पर टेस्टिंग में थोड़ा और समय लग सकता है। 2021 मध्य तक अमीर देशों के लिए वैक्सीन तैयार हो जाएंगी। गरीब देशों के लिए यह 2022 के शुरुआती दौर में उपलब्ध हो जाएगी।

कई कंपनियां प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वैक्सीन पर काम कर रहीं

जॉनसन एंड जॉनसन और सनोफी जैसी कंपनियां ऐसे वैक्सीन पर भी काम कर रही हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सके। चुनौती यह है कि देश अमीर हों या गरीब, संक्रमण रोकने के लिए भारी मात्रा में ऐसे वैक्सीन बनाने होंगे जिनकी कीमत 250 रुपए तक हो। कुल मिलाकर 3 स्तर पर समस्या अभी भी है। पहला- उस स्थिति में क्या हो जब लोग वैक्सीन का बहिष्कार करने लगें।

संयोग से खसरे की तरह 80-90% लोगों को टीका लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोरोना में 30 से 60% आबादी को टीका लगाने से भी संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। दूसरा- विकासशील देशों में स्थिति बद से बदतर हो सकती है। चूंकि यूरोप और अमेरिका अपने में ही व्यस्त हैं और बहुपक्षीय भावनाएं कमजोर पड़ रही हैं इसलिए विकासशील और गरीब देशों पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है।

परेशानी यह है कि इन देशों से आंकड़े जुटाने में ही 3-4 साल लग जाते हैं और उसके बाद विश्लेषण में भी और समय लग जाता है। तीसरी सबसे बड़ी समस्या आर्थिक पक्ष है। विकासशील और गरीब देश की आमदनी उधार और विदेश से भेजे जाने वाले पैसों पर टिकी होती हैं। ये करेंसी छाप कर सप्लाई बढ़ा नहीं सकते।

एक ओर जहां पहले ही इनके स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता पर इंवेस्टमेंट कम था, वहीं कोरोना की वजह से यह और सिकुड़ सकता है जिससे संक्रमण से लड़ने की इनकी ताकत और कमजोर होगी। ऐसे हालात में दुनिया के पास साथ मिलकर चलने के अलावा कोई चारा नहीं है।



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बिल गेट्स के मुताबिक, चुनौती यह है कि देश अमीर हों या गरीब, संक्रमण रोकने के लिए भारी मात्रा में ऐसे वैक्सीन बनाने होंगे जिनकी कीमत 250 रुपए तक हो। -फाइल फोटो


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भारत के अब तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्मदिन, भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस भी

वर्ल्ड मॉस्किटो डेः 2018 में चार लाख मौतों का कारण बना मलेरिया

  • हर साल 20 अगस्त को वर्ल्ड मॉस्किटो डे मनाया जाता है। ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने इसी दिन 1897 में कलकत्ता (अब कोलकाता) के प्रेसिडेंसी जनरल हॉस्पिटल में खोज की थी कि मादा एनोफिलिज की वजह से मलेरिया होता है। मच्छर की वजह से न केवल मलेरिया, बल्कि डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार समेत कई बीमारियां होती हैं।
  • दिसंबर 2019 में जारी वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में 23.1 करोड़ लोगों को मलेरिया हुआ था जबकि 2018 में 22.8 करोड़ लोगों को। मलेरिया की वजह से 2018 में 4.05 लाख लोगों की मौत हुई जबकि 2017 में इसकी संख्या 4.16 लाख थी।

भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवसः 83.39 गेगावाट बिजली रिन्युएबल सोर्सेस से

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 जुलाई को रीवा में अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट का लोकार्पण किया है। यह एशिया का सबसे बड़ा पावर प्रोजेक्ट है।
  • 2004 में भारत सरकार ने तय किया था कि 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। ताकि अक्षय ऊर्जा जिसे रिन्युएबल एनर्जी भी कहा जाता है, के बारे में जागरुकता बढ़ाई जा सके।
  • भारत में 2019-20 में 6 हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई है। इसे मिलाकर नवंबर 2019 तक भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़कर 84.39 गेगावाट हो गई है। इसमें सबसे ज्यादा 37.28 गेगावाट बिजली पवन ऊर्जा से पैदा हो रही है। इस समय 31.68 गेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट्स विकास के अलग-अलग स्तर पर हैं।

विनेश फोगाट एशियाई खेलों में कुश्ती का गोल्ड जीतने वाली पहली महिला बनीं

विनेश फोगाट ने 20 अगस्त 2018 को एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला बनीं।
  • 2018 में विनेश फोगाट ने जकार्ता एशियाई खेलों की महिला कुश्ती प्रतियोगिता के 50 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह देश की पहली महिला पहलवान बनीं।
  • विनेश अकेली भारतीय महिला पहलवान है जिसने अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिम्पिक के लिए पात्रता हासिल की है। फिलहाल, कोरोनावायरस के जोखिम को देखते हुए एक सितंबर से शुरू होने वाले नेशनल कैम्प में भाग न लेने का फैसला किया है।

1995 में हुआ था भीषण रेल हादसा

  • पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस के बीच उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में टक्कर हुई थी। इस हादसे में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और करीब इतने ही लोग घायल हुए थे।

इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार रहीं-
1828: राजा राम मोहन रॉय के ब्रह्म समाज का पहला सत्र कलकत्ता (अब कोलकाता) में आयोजित।
1913: फ्रांस के एडोल्फ पेगोड पैराशूट के जरिए विमान से उतरने वाले पहले पायलट बने।
1921: केरल के मालाबार में मोपला विद्रोह की शुरुआत।
1955: मोरक्को और अल्जीरिया में फ्रांस-विरोधी दंगों में सैकड़ों लोग मारे गए।
1979: तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के 23 दिन बाद इस्तीफा दिया।
1988: पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक का हवाई दुर्घटना में निधन और सीनेट के सभापति गुलाम इशहाक खान राष्ट्रपति बने।
1988: भारत और नेपाल में 6.5 की तीव्रता वाले भूकंप से एक हजार लोगों की मौत हुई।
1991: उत्तरी यूरोपीय देश इस्तोनिया ने तत्कालीन सोवियत संघ से अलग होने की घोषणा की।



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