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चीन में इन दिनों एक और बीमारी ब्रूसीलोसिस का कहर है। गांसु प्रांत की राजधानी लान्चो में 3 हजार से अधिक मरीज संक्रमित हो चुके हैं। लान्चो के स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, यह बीमारी संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से होती है। इसे माल्टा फीवर के नाम से भी जाना जाता है।
चीन की सरकारी वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, यह बैक्टीरिया लेंझॉउ शहर की उस फार्मा फैक्ट्री से फैला, जहां ब्रूसीलोसिस की वैक्सीन तैयार की जा रही थी। यहां से बैक्टीरिया एयरोसोल के रूप में इंसानों तक पहुंचा और संक्रमण फैला। चीन में अलर्ट जारी कर दिया गया है और चुनिंदा 11 अस्पतालों को मरीजों का मुफ्त इलाज करने का आदेश दिया गया है।
1980 के दशक में चीन में ब्रूसीलोसिस एक सामान्य बीमारी थी, हालांकि बाद में स्थिति गंभीर हो गई। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, यह बीमारी एक से दूसरे इंसान में नहीं फैलती, लेकिन संक्रमित भोजन से ब्रुसीलोसिस फैल सकता है।
ब्रूसीलोसिस क्या है, चीन में कैसे फैला और क्या सावधानी बरतें, इन सवाल-जवाब से समझिए....
1. क्या है ब्रूसीलोसिस?
यह बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। ये बैक्टीरिया पशुओं, सुअर, बकरी और कुत्तों को संक्रमित करता है। इन संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने पर इंसान भी बीमार हो जाते हैं। इनका मांस खाने या इनका प्रदूषित किया पानी पीने पर इंसान में संक्रमण फैलता है। बैक्टीरिया संक्रमित क्षेत्र की हवा में एयरोसोल के रूप में भी मौजूद होता है, इस दौरान सांस लेने पर भी इंसान संक्रमित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा तब रहता है, जब इंसान जानवर का कच्चा दूध इस्तेमाल करता है या दूध की बनी चीज खाता है।
2. कौन से लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं?
बुखार, पसीना आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं। कुछ लक्षण लंबे समय तक दिख सकते हैं। इसके अलावा बार-बार बुखार, आर्थराइटिस जैसे लक्षण, अंडाणुओं और लिवर में सूजन भी दिख सकती है। मरीजों में अधिक थकान बनी रहती है।
3. चीन में यह बीमारी कब और कैसे फैली
लेंझॉउ शहर के स्वास्थ्य आयोग की वेबसाइट की मुताबिक, 28 नवंबर यहां के वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के पास मौजूद फार्मा फैक्ट्री में एक घटना के बाद यह बैक्टीरिया फैला। यहां ब्रूसीलोसिस की वैक्सीन तैयार करने के लिए 24 जुलाई से 10 अगस्त 2010 तक काम चल रहा था। इस दौरान इंस्टीट्यूट में एक्सपायरी डेट के डिसइंफेक्टेंट इस्तेमाल हुआ, जिससे बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। यहां से निकले एयरोसोल के रूप में बैक्टीरिया फैला और लोग संक्रमित हुए।
मामले सामने आने पर 7 दिसम्बर 2019 को फैक्ट्री में वैक्सीन का उत्पादन का काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया। 8 लोगों को सजा भी हुई।
4. कैसे बचाव करें?
मामला अगर देश में आता है तो पशुओं से दूरी बनाएं। जरूरी सावधानी के साथ ही उनके पास जाएं। मांस खाने से बचें। बाहर का खाना न ही खाएं तो बेहतर है। आसपास पशुओं का तबेला है तो घर को सैनिटाइज करना बेहतर विकल्प है। दूध और पानी उबालकर ही इस्तेमाल करें।
पाकिस्तान में शुक्रवार को एक और सिख लड़की अगवा कर ली गई। पुलिस के मुताबिक, लड़की ने बाद में धर्म परिवर्तन कर लिया। इस्लाम कबूल करने के बाद उसने एक स्थानीय लड़के से निकाह किया है। 22 साल की इस लड़की का नाम और परिवार की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
पिछले साल, ननकाना में गुरुद्वारा तंबू साहिब के मुख्य ग्रंथी की बेटी को भी अगवा किया गया था। उसने दबाव में इस्लाम कबूल कर लिया और एक मुस्लिम लड़के से निकाह कर लिया था। इस घटना के बाद ननकाना साहिब में कई दिनों तक तनाव रहा था।
राजधानी के करीब है हासन अब्दाल
‘द डॉन न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 साल की सिख लड़की शुक्रवार को घर से किसी काम के लिए निकली थी। इसके बाद लापता हो गई। घटना हासन अब्दाल क्षेत्र की है जो राजधानी इस्लामाबाद से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है। डीएसपी राजा फैयाज उल हसन ने कहा- हासन अब्दाल पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया गया है। लड़की के पिता ने इस बारे में लिखित शिकायत दी थी। हम लड़की की तलाश कर रहे हैं।
परिवार को वॉट्सऐप मैसेज किया
पुलिस के मुताबिक, लड़की ने घटना के बाद परिवार को एक वॉट्सऐप मैसेज किया था। इसमें उसने कहा कि वो अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल कर चुकी है। उसने निकाह की जानकारी भी दी है। पुलिस लड़की की तलाश की जा रही है ताकि उसका बयान दर्ज किया जा सके। सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अमीर सिंह ने घटना की पुष्टि की। सिंह ने कहा- पीड़ित परिवार गुरुद्वारा पुंजा साहिब के करीब रहता था। लड़की के पिता और चाचा ने पंजाब प्रांत के एक मंत्री से मुलाकात कर उनसे मदद मांगी है।
पाकिस्तान में हर साल हजार से ज्यादा लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन
पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम लड़कियों का जबरन अपहरण किया जाता है। उनका धर्म परिवर्तन किया जाता है। उसके बाद जबर्दस्ती किसी मुसलमान से उनकी शादी करवा दी जाती है। यूनाइटेड स्टेट्स कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम के डेटा की मानें तो पाकिस्तान में हर साल 1 हजार से ज्यादा (12 से 28 साल के बीच) लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है। उनसे इस्लाम कबूलवाया जाता है। उन्हें अगवा किया जाता है। बलात्कार किया जाता है और फिर जबरन उनकी शादी की जाती है। इनमें ज्यादातर हिंदू और ईसाई लड़कियां ही होती हैं।
अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक, हाल के कुछ दिनों में व्हाइट हाउस और कुछ डिपार्टमेंट्स को रिसिन नामक खतरनाक कैमिकल वाले लिफाफे भेजे गए। व्हाइट हाउस के एक अफसर ने शनिवार को कहा- जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या कुछ दूसरे खतरनाक कैमिकल वाले लिफाफे भी व्हाइट हाउस या दूसरे डिपार्टमेंट्स को भेजे गए हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए लोकल पोस्टल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया।
एक महिला पर शक
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जांच एजेंसियों को शक है कि ये लिफाफे कनाडा से भेजे गए। एक महिला की संदिग्ध के तौर पर पहचान की गई है। हालांकि, उसका नाम उजागर नहीं किया गया। सभी लिफाफे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नाम से भेजे गए हैं। इनका पता टेक्सास में जांच के दौरान लगा। दरअसल, व्हाइट हाउस में आने वाली सभी डाक की बारीकी से जांच की जाती है। छंटनी के बाद ही इन्हें व्हाइट हाउस भेजा जाता है। जांच के दौरान कुछ लिफाफों पर शक हुआ।
टेरेरिज्म टास्क फोर्स कर रही है जांच
वॉशिंगटन में ज्वॉइंट टेररिज्म टास्क फोर्स को इस मामले की जांच सौंपी गई है। इसमें न्यूयॉर्क पुलिस की स्पेशल यूनिट इस जांच एजेंसी की मदद करेगी। अब तक जांच में रिसिन वाले लिफाफों का किसी आतंकी संगठन से संबंध नहीं पाया गया है। हालांकि, जांच का यह शुरुआती दौर है। एक अफसर ने कहा- पुख्ता तौर पर हम अभी कुछ नहीं कह सकते। एफबीआई ने भी इस बारे में एक बयान जारी किया। कहा- हम यूएस सीक्रेट सर्विस और यूएस पोस्टल इन्सपेक्शन सर्विस की मदद से जांच कर रहे हैं। लोगों को कोई खतरा नहीं है।
पहले भी ऐसी घटनाएं हुईं
जांच एजेंसियों को कुछ सुराग मिल चुके हैं, लेकिन इनकी जानकारी मीडिया को नहीं दी गई हैं। 2018 में रक्षा मंत्री जिम मैटिस को इसी तरह के लिफाफे भेजे गए थे। जांच के बाद नेवी के पूर्व अफसर सिल्डे एलीन को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा कुछ और अफसरों को भी एलीन ने ऐसे ही लिफाफे भेजे थे। उसका मामला कोर्ट में चल रहा है। 2013 में मिसीसिपी के एक व्यक्ति ने तब के राष्ट्रपति बराक ओबामा और एक रिपब्लिकन सीनेटर को रिसिन वाले लिफाफे भेजे थे। बाद में शेनन रिचर्डसन नाम की एक महिला को 18 साल की सजा हुई थी।
यहां ज्वेलर, उनकी पत्नी और दो बेटों के शव उनके घर में फंदे से लटकते मिले हैं। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने बताया कि मृतक यशवंत सोनी ने कर्ज लिया था। कर्ज माफिया उसे परेशान कर रहे थे, इसी से तंग आकर परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। फिलहाल, शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। फोरेंसिक टीम ने भी मौके की जांच की।
कानोता इलाके के राधिका विहार में यशवंत (45) परिवार के साथ रहते थे। परिवार में उनकी पत्नी ममता (41), बेटा अजीत (23) और भारत (20) थे। शनिवार सुबह जब परिवार बाहर नहीं दिखा तो आसपास रहने वाले रिश्तेदार घर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। रिश्तेदारों ने आवाज दी तो कोई जवाब नहीं आया।
इसके बाद उन लोगों ने खिड़की से देखा तो पूरा परिवार फंदे पर लटका दिखा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पिता और दोनों बेटे एक हॉल में फंदे पर लटके हुए थे। जबकि पत्नी अलग कमरे में फंदे से लटकी मिली। उनकी आंख पर पट्टी बंधी थी। वहीं दोनों बेटों के पैर बंधे हुए थे।
आसपास के लोगों का कहना है कि रात को कुछ लोग घर पर आए थे। उनसे लेनदेन को लेकर कुछ कहासुनी हुई थी। उसके बाद क्या हुआ किसी को कुछ नहीं पता। यशवंत ज्वेलरी का काम करते थे। यह भी बताया जा रहा है कि मौके से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला। हालांकि, पुलिस ने सुसाइड नोट मिलने के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। फंदे से लटके बेटों के पैर और महिला की आंख पर पट्टी क्यों बंधी थी, इस बारे में भी अधिकारी स्पष्ट तौर पर बता नहीं पा रहे हैं।
एक महीने पहले भी यशवंत ने की थी आत्महत्या की कोशिश
पुलिस जांच में सामने आया है कि यशवंत सोनी ने करीब एक महीने पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी। उन्होंने हाथ की नस काट ली थी। इस दौरान परिवार उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचा था, जहां उनकी जान बच गई थी।
कर्ज के कारण परेशान था परिवार
मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी मनोज चौधरी ने बताया कि परिवार का ज्वेलरी का काम था। पता चला है कि इन्होंने किसी से ब्याज पर पैसे ले रहे थे, जिसके कारण ब्याज माफिया इन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। इससे परेशान होकर परिवार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उधर, बताया जा रहा है कि आसपास से लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।
फिलहाल, फोरेंसिक की टीम ने भी मौके से सबूत जुटाए हैं। चारों मृतकों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जेएनयू अस्पताल की मॉर्चरी में रखवाया गया है। इनकी पहले कोरोना जांच की जाएगी। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कल पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।
हत्या के एंगल से भी होगी जांच?
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में मामला सामूहिक आत्महत्या का लग रहा है। लेकिन, फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। मृतक के रिश्तेदारों और उनसे जुड़े लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। चारों मृतकों की फोन कॉल की डिटेल भी निकलवाई गई है। ऐसे में सभी एंगल पर पुलिस जांच कर रही है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को खेती से जुड़े दो बिल फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल और फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस बिल राज्यसभा में पेश किए। उन्होंने कहा कि दोनों बिल ऐतिहासिक हैं, इनसे किसानों की जिंदगी बदल जाएगी। किसान देशभर में कहीं भी अपना अनाज बेच सकेंगे। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि बिलों की संबंध न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नहीं है।
उधर, कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी किसानों के डेथ वॉरंट पर साइन नहीं करेंगे। बिलों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। यही नहीं, इसी मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं।
केजरीवाल बोले- सब मिलकर बिल का विरोध करें
आम आदमी पार्टी ने भी किसानों से जुड़े बिल का विरोध किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके सभी विपक्षी दलों से इस बिल के विरोध में वोटिंग करने को कहा है।
आज पूरे देश के किसानों की नज़र राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी ग़ैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है। https://t.co/NcEX4aYFQz
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सत्ताधारी पार्टी इन बिल पर चर्चा ही नहीं करना चाहती है। ये केवल इन बिल को पास कराने के लिए इसे पेश कर रहे हैं। यही नहीं, इस बिल को रखने से पहले किसानों के किसी संगठन से चर्चा भी नहीं की।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की इनकम डबल करने का वादा किया है, लेकिन मौजूदा दर के हिसाब से तो 2028 तक डबल नहीं हो सकता। आपके (प्रधानमंत्री) वादों से आपकी विश्वसनीयता कम होती जा रही है।
माकपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक ने विधेयकों में संशोधन की मांग की। इसे राज्यसभा की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव रखा।
कांग्रेस ने बिल का विरोध किया। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी किसानों के डेथ वॉरंट पर साइन नहीं करेंगे।
भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस से पूछा कि जब आपकी सरकार थी तो साल दर साल ग्रामीण क्षेत्रों की आय क्यों कम हुई? आप इस बिल का क्यों विरोध कर रहे हैं?
सदन में सदस्यों के आंकड़ों का गणित?
245 सदस्यों वाली राज्य सभा में दो सीट खाली है। इस तरह से अभी कुल सदस्यों की संख्या 243 है।
सरकार को बिल पास कराने के लिए 122 सदस्यों का साथ चाहिए होगा।
10 सदस्य कोरोना की वजह से सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे।
अभी भाजपा के 86 सांसद और उसकी सहयोगी दलों (अकाली दल को छोड़कर) के सदस्यों को मिला लें तो यह 105 हो जाती है।
बिल पास कराने के लिए सरकार को विपक्षी दलों के 17 सदस्यों का साथ चाहिए।
9 सदस्यों वाली अन्नाद्रमुक ने बिल के समर्थन का ऐलान किया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने तीनों कृषि विधेयकों का समर्थन करने को कहा है। इस तरह बिल के समर्थन में 114 सांसद हो जाते हैं।
शिवसेना ने भी बिल का समर्थन किया है। सदन में शिवसेना के 3 सदस्य हैं। ऐसे में बिल के समर्थन में 117 हो जाते हैं।
अब सरकार को 5 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में बीजेडी के 9, वाईएसआर कांग्रेस के 6, टीआरएस के 7, और टीडीपी के 1 सदस्य की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। इन दलों के कुल सदस्यों की संख्या 23 है।
क्या हैं ये विधेयक?
कृषि सुधारों को टारगेट करते हुए लाए गए यह तीन विधेयक हैं- द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल 2020; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस बिल 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल 2020।
इन तीनों ही कानूनों को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 5 जून 2020 को ऑर्डिनेंस की शक्ल में लागू किया था। तब से ही इन पर बवाल मचा हुआ है। केंद्र सरकार इन्हें अब तक का सबसे बड़ा कृषि सुधार कह रही है। लेकिन, विपक्षी पार्टियों को इसमें किसानों का शोषण और कॉर्पोरेट्स का फायदा दिख रहा है।
कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों के विरोध के बाद भी एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल लोकसभा में पारित हो गया है। अब राज्यसभा में रखा गया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को खेती से जुड़े दो बिल फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल और फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस बिल राज्यसभा में पेश किए। उन्होंने कहा कि दोनों बिल ऐतिहासिक हैं, इनसे किसानों की जिंदगी बदल जाएगी। किसान देशभर में कहीं भी अपना अनाज बेच सकेंगे। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि बिलों की संबंध न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नहीं है।
उधर, कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी किसानों के डेथ वॉरंट पर साइन नहीं करेंगे। बिलों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। यही नहीं, इसी मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं।
केजरीवाल बोले- सब मिलकर बिल का विरोध करें
आम आदमी पार्टी ने भी किसानों से जुड़े बिल का विरोध किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके सभी विपक्षी दलों से इस बिल के विरोध में वोटिंग करने को कहा है।
आज पूरे देश के किसानों की नज़र राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी ग़ैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है। https://t.co/NcEX4aYFQz
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सत्ताधारी पार्टी इन बिल पर चर्चा ही नहीं करना चाहती है। ये केवल इन बिल को पास कराने के लिए इसे पेश कर रहे हैं। यही नहीं, इस बिल को रखने से पहले किसानों के किसी संगठन से चर्चा भी नहीं की।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की इनकम डबल करने का वादा किया है, लेकिन मौजूदा दर के हिसाब से तो 2028 तक डबल नहीं हो सकता। आपके (प्रधानमंत्री) वादों से आपकी विश्वसनीयता कम होती जा रही है।
माकपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक ने विधेयकों में संशोधन की मांग की। इसे राज्यसभा की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव रखा।
कांग्रेस ने बिल का विरोध किया। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी किसानों के डेथ वॉरंट पर साइन नहीं करेंगे।
भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस से पूछा कि जब आपकी सरकार थी तो साल दर साल ग्रामीण क्षेत्रों की आय क्यों कम हुई? आप इस बिल का क्यों विरोध कर रहे हैं?
सदन में सदस्यों के आंकड़ों का गणित?
245 सदस्यों वाली राज्य सभा में दो सीट खाली है। इस तरह से अभी कुल सदस्यों की संख्या 243 है।
सरकार को बिल पास कराने के लिए 122 सदस्यों का साथ चाहिए होगा।
10 सदस्य कोरोना की वजह से सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे।
अभी भाजपा के 86 सांसद और उसकी सहयोगी दलों (अकाली दल को छोड़कर) के सदस्यों को मिला लें तो यह 105 हो जाती है।
बिल पास कराने के लिए सरकार को विपक्षी दलों के 17 सदस्यों का साथ चाहिए।
9 सदस्यों वाली अन्नाद्रमुक ने बिल के समर्थन का ऐलान किया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने तीनों कृषि विधेयकों का समर्थन करने को कहा है। इस तरह बिल के समर्थन में 114 सांसद हो जाते हैं।
शिवसेना ने भी बिल का समर्थन किया है। सदन में शिवसेना के 3 सदस्य हैं। ऐसे में बिल के समर्थन में 117 हो जाते हैं।
अब सरकार को 5 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में बीजेडी के 9, वाईएसआर कांग्रेस के 6, टीआरएस के 7, और टीडीपी के 1 सदस्य की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। इन दलों के कुल सदस्यों की संख्या 23 है।
क्या हैं ये विधेयक?
कृषि सुधारों को टारगेट करते हुए लाए गए यह तीन विधेयक हैं- द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल 2020; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस बिल 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल 2020।
इन तीनों ही कानूनों को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 5 जून 2020 को ऑर्डिनेंस की शक्ल में लागू किया था। तब से ही इन पर बवाल मचा हुआ है। केंद्र सरकार इन्हें अब तक का सबसे बड़ा कृषि सुधार कह रही है। लेकिन, विपक्षी पार्टियों को इसमें किसानों का शोषण और कॉर्पोरेट्स का फायदा दिख रहा है।
कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों के विरोध के बाद भी एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल लोकसभा में पारित हो गया है। अब राज्यसभा में रखा गया है।
from Dainik Bhaskar /national/news/agriculture-minister-tomar-introduced-2-bills-related-to-farming-in-rajya-sabha-said-these-will-change-the-lives-of-farmers-they-have-no-relation-with-msp-127736630.html
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देश में कोरोना मरीजों की संख्या 53 लाख 98 हजार 230 हो गई है। पिछले 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 12 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हुई। एक दिन में टेस्टिंग का ये सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इन 12 लाख लोगों में 7.66% यानी 92 हजार 574 नए मरीज बढ़े। अब तक 42 लाख 99 हजार 724 लोग ठीक हो चुके हैं। शनिवार को 94 हजार 384 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
अच्छी बात है कि यह लगातार दूसरा दिन था जब देश में संक्रमितों से ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या बढ़ी। इसी के साथ भारत अब मरीजों के ठीक होने के मामले में पहले नंबर पर हो गया है। यहां अब तक अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। अमेरिका अब दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। (भारत में 100 संक्रमितों में से 79 रिकवर, पूरी खबर पढ़ें)
मरने वालों का आंकड़ा 86 हजार के पार
शनिवार को देश में 1,149 संक्रमितों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसी के साथ मरने वालों की संख्या अब 86 हजार 774 हो गई है। अभी 10 लाख 10 हजार 975 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। ये मरीज घर में रहकर या फिर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं। इनमें करीब 9 हजार मरीजों की हालत गंभीर है।
कल से कोरोना वैक्सीन का आखिरी ट्रायल शुरू होगा
कोरोना के लिए बनाए जा रहे ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का आखिरी और फेज-3 ट्रायल सोमवार से पुणे में शुरू हो जाएगा। इसके लिए 150 से 200 वालंटियर्स डोज लेने के लिए तैयार हैं।
कोरोना अपडेट्स :
रेलवे ने शनिवार को कहा कि कोऑपरेटिव और प्राइवेट बैंकों के 10% कर्मचारियों को मुंबई की सबअर्बन ट्रेनों में यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी। कोरोना महामारी के चलते सबअर्बन ट्रेनों में यात्रा करने पर प्रतिबंध था। नेशनलाइज्ड बैंकों के कर्मचारियों को पहले से ही ट्रेनों में यात्रा करने की इजाजत है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मैंने कोरोना के शुरुआती लक्षण नजर आने पर टेस्ट कराया था, जिसमें मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरा निवेदन है कि विगत दिनों जो भी लोग मेरे संपर्क में आये हैं वह आइसोलेशन में रहें एवं अपना कोविड-19 टेस्ट जरूर कराएं।
अनलॉक 4.0 की गाइडलाइन में मिली छूट के तहत पंजाब सरकार ने 21 सितंबर से राज्य में हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट खोलने का फैसला लिया है। राज्य सरकार के मुताबिक इंस्टीट्यूट जहां पीएचडी, पीजी टेक्निकल या प्रोफेशनल कोर्स चलते हैं वो सब खुलेंगे। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों का पालन करना होगा।
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि लॉकडाउन के दौरान चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 प्रवासी मजदूरों की सफर के दौरान मौत हुई। गोयल ने कहा कि ये आंकड़े राज्य सरकारों की ओर से मिले हैं।
संसद में मानसूत्र के छठवें दिन शनिवार को राज्यसभा में महामारी रोग संशोधन विधेयक, 2020 पारित किया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बिल की जरूरत थी।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
शनिवार को 2607 केस मिले। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या 1 लाख 3 हजार 65 हो गई है।राज्य में केस के दोगुना होने की दर बढ़ गई है। अब 42 दिन में दोगुने मरीज मिल रहे हैं। सितंबर के 18 दिनों में भोपाल में 5000 से ज्यादा केस आए हैं।
2. राजस्थान
शनिवार को रिकॉर्ड 1834 संक्रमित मिले। अब यहां 1 लाख 13 हजार 124 केस हो गए हैं। 93 हजार 805 ठीक हो चुके हैं। 1943 की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितों से परिवार को मिलने की इजाजत दे दी है। हालांकि, मरीज से मिलने वाले को पीपीई किट, ग्लव्स और फेस मास्क पहनना होगा।
3. बिहार
शनिवार को 1616 नए मरीज मिले और 1556 ठीक हो गए। दो संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। राज्य में अब तक 1 लाख 66 हजार 987 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 1 लाख 52 हजार 956 ठीक हो चुके हैं, जबकि 861 की मौत हो चुकी है। 13 हजार 169 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
4. महाराष्ट्र
शनिवार को 20 हजार 519 केस आए। यहां अब तक 11 लाख 88 हजार 15 केस आ चुके हैं। 8 लाख 57 हजार 933 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। 2 लाख 97 हजार 480 का इलाज चल रहा है, जबकि 32 हजार 216 की मौत हो चुकी है।
5. उत्तरप्रदेश
शनिवार को 5729 संक्रमित मिले, जबकि 6596 ठीक हो गए। राज्य में 3 लाख 48 हजार 517 केस आ चुके हैं। 2 लाख 76 हजार 690 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4953 की मौत हो चुकी है। अभी 66 हजार 874 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
देश में कोरोना मरीजों की संख्या 53 लाख 98 हजार 230 हो गई है। पिछले 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 12 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हुई। एक दिन में टेस्टिंग का ये सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इन 12 लाख लोगों में 7.66% यानी 92 हजार 574 नए मरीज बढ़े। अब तक 42 लाख 99 हजार 724 लोग ठीक हो चुके हैं। शनिवार को 94 हजार 384 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
अच्छी बात है कि यह लगातार दूसरा दिन था जब देश में संक्रमितों से ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या बढ़ी। इसी के साथ भारत अब मरीजों के ठीक होने के मामले में पहले नंबर पर हो गया है। यहां अब तक अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। अमेरिका अब दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। (भारत में 100 संक्रमितों में से 79 रिकवर, पूरी खबर पढ़ें)
मरने वालों का आंकड़ा 86 हजार के पार
शनिवार को देश में 1,149 संक्रमितों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसी के साथ मरने वालों की संख्या अब 86 हजार 774 हो गई है। अभी 10 लाख 10 हजार 975 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। ये मरीज घर में रहकर या फिर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं। इनमें करीब 9 हजार मरीजों की हालत गंभीर है।
कल से कोरोना वैक्सीन का आखिरी ट्रायल शुरू होगा
कोरोना के लिए बनाए जा रहे ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का आखिरी और फेज-3 ट्रायल सोमवार से पुणे में शुरू हो जाएगा। इसके लिए 150 से 200 वालंटियर्स डोज लेने के लिए तैयार हैं।
कोरोना अपडेट्स :
रेलवे ने शनिवार को कहा कि कोऑपरेटिव और प्राइवेट बैंकों के 10% कर्मचारियों को मुंबई की सबअर्बन ट्रेनों में यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी। कोरोना महामारी के चलते सबअर्बन ट्रेनों में यात्रा करने पर प्रतिबंध था। नेशनलाइज्ड बैंकों के कर्मचारियों को पहले से ही ट्रेनों में यात्रा करने की इजाजत है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मैंने कोरोना के शुरुआती लक्षण नजर आने पर टेस्ट कराया था, जिसमें मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरा निवेदन है कि विगत दिनों जो भी लोग मेरे संपर्क में आये हैं वह आइसोलेशन में रहें एवं अपना कोविड-19 टेस्ट जरूर कराएं।
अनलॉक 4.0 की गाइडलाइन में मिली छूट के तहत पंजाब सरकार ने 21 सितंबर से राज्य में हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट खोलने का फैसला लिया है। राज्य सरकार के मुताबिक इंस्टीट्यूट जहां पीएचडी, पीजी टेक्निकल या प्रोफेशनल कोर्स चलते हैं वो सब खुलेंगे। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों का पालन करना होगा।
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि लॉकडाउन के दौरान चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 प्रवासी मजदूरों की सफर के दौरान मौत हुई। गोयल ने कहा कि ये आंकड़े राज्य सरकारों की ओर से मिले हैं।
संसद में मानसूत्र के छठवें दिन शनिवार को राज्यसभा में महामारी रोग संशोधन विधेयक, 2020 पारित किया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बिल की जरूरत थी।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
शनिवार को 2607 केस मिले। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या 1 लाख 3 हजार 65 हो गई है।राज्य में केस के दोगुना होने की दर बढ़ गई है। अब 42 दिन में दोगुने मरीज मिल रहे हैं। सितंबर के 18 दिनों में भोपाल में 5000 से ज्यादा केस आए हैं।
2. राजस्थान
शनिवार को रिकॉर्ड 1834 संक्रमित मिले। अब यहां 1 लाख 13 हजार 124 केस हो गए हैं। 93 हजार 805 ठीक हो चुके हैं। 1943 की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितों से परिवार को मिलने की इजाजत दे दी है। हालांकि, मरीज से मिलने वाले को पीपीई किट, ग्लव्स और फेस मास्क पहनना होगा।
3. बिहार
शनिवार को 1616 नए मरीज मिले और 1556 ठीक हो गए। दो संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। राज्य में अब तक 1 लाख 66 हजार 987 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 1 लाख 52 हजार 956 ठीक हो चुके हैं, जबकि 861 की मौत हो चुकी है। 13 हजार 169 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
4. महाराष्ट्र
शनिवार को 20 हजार 519 केस आए। यहां अब तक 11 लाख 88 हजार 15 केस आ चुके हैं। 8 लाख 57 हजार 933 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। 2 लाख 97 हजार 480 का इलाज चल रहा है, जबकि 32 हजार 216 की मौत हो चुकी है।
5. उत्तरप्रदेश
शनिवार को 5729 संक्रमित मिले, जबकि 6596 ठीक हो गए। राज्य में 3 लाख 48 हजार 517 केस आ चुके हैं। 2 लाख 76 हजार 690 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4953 की मौत हो चुकी है। अभी 66 हजार 874 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-cases-live-updates-maharashtra-pune-madhya-pradesh-indore-rajasthan-uttar-pradesh-haryana-punjab-bihar-novel-corona-covid-19-death-toll-india-today-mumbai-delhi-coronavirus-news-127736604.html
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कारोबार जगत से खबर है कि ई-कॉमर्स कंपनियां दिवाली पर 50 हजार करोड़ का बिजनेस कर सकती हैं, जो 4 साल पहले तक 1 हजार करोड़ रुपए से भी कम था। वहीं, संसद का मानसून सत्र जल्द खत्म होने की संभावना है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर 1. IPL में आज दिल्ली कैपिटल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मुकाबला होगा। शाम 7 बजे टॉस होगा और 7:30 बजे से मैच शुरू होगा। 2. हरियाणा में कृषि विधेयक के विरोध में किसान संगठनों ने आज रोड जाम करने का ऐलान किया है। 3. हिमाचल प्रदेश में आज से 12 रूट पर नाइट बस सर्विस शुरू हो जाएगी।
अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें 1. कंगना पर इंडस्ट्री के 250 करोड़ से ज्यादा दांव पर
कंगना रनोट की 4 फिल्में 'तेजस', 'धाकड़', थलाइवी' और 'इमली' कतार में हैं। ट्रेड एनालिस्ट अतुल मोहन की मानें तो कंगना की हर फिल्म का एवरेज बजट 60-70 करोड़ रुपए पहुंच जाता है। इस हिसाब से कंगना पर बॉलीवुड के 250-300 करोड़ रुपए दांव पर लगे हैं। -पढ़ें पूरी खबर
2. सुशांत मामले में एम्स की टीम अगले हफ्ते रिपोर्ट सौंपेगी
सुशांत सिंह राजपूत का विसरा सही तरीके से सुरक्षित नहीं किया गया था। सूत्रों ने बताया कि एम्स के फोरेंसिक डिपार्टमेंट को जो विसरा मिला है, वह काफी कम और विकृत (डिजेनरैटिड) है। इससे जांच में मुश्किल हो रही है। सुशांत की मौत के मामले में एम्स की टीम अगले हफ्ते रिपोर्ट सौंपेगी। -पढ़ें पूरी खबर
3. बंगाल-केरल से अलकायदा के 9 आतंकी पकड़ाए
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल और केरल में छापे मारकर अलकायदा के नौ आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनमें से छह आतंकी मुर्शिदाबाद से और तीन एर्नाकुलम से पकड़ाए। इन्हें सोशल मीडिया से पाकिस्तान स्थित अलकायदा आतंकवादियों ने कट्टरपंथी बनाया था। -पढ़ें पूरी खबर
4. 22 साल में 29 पार्टियों ने छोड़ा एनडीए का साथ
एनडीए के गठन से लेकर अब तक 22 साल हो चुके हैं। इस दौरान 29 पार्टियों ने एनडीए छोड़ दिया। अब सिर्फ बची है प्रकाश सिंह बादल की पार्टी अकाली दल। हालांकि, किसानों के मुद्दे पर इसने भी बागी तेवर दिखाए हैं। अब एनडीए में 26 पार्टियां हैं। जानिए अब तक कौन आया और गया? -पढ़ें पूरी खबर
5. भारत-चीन सीमा पर तैनात डॉक्टर-सोल्जर्स की कहानी
लद्दाख में आईटीबीपी की डॉक्टर हैं डॉ. कात्यायनी। वे कहती हैं, 'माइनस 50 डिग्री तापमान के बीच जब ये सैनिक फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात होते हैं तो स्नो ब्लाइंडनेस के शिकार हो जाते हैं। कई बार जब वो अपने सैनिक को इंजेक्शन देने के लिए दवाई बाहर निकालती हैं तो वो बर्फ बन चुकी होती है।' -पढ़ें पूरी खबर
6. ई-कॉमर्स कंपनियां कर सकती है 50 हजार करोड़ रु. तक का कारोबार
रेडसीर (Redseer) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स का ग्रॉस मर्चेंडाइज वॉल्यूम 7 बिलियन डॉलर (51.52 हजार करोड़ रु.) तक पहुंच सकता है। भारत सहित दुनियाभर में कोरोना का असर कारोबार पर भी पड़ा है। कारोबारियों को अब फेस्टिव सीजन का इंतजार है। -पढ़ें पूरी खबर
7. वैष्णो देवी में 5000 लोग कर सकेंगे दर्शन, बाहरी राज्यों से सिर्फ 500 ही
वैष्णोदेवी मंदिर से लेकर तिरुपति तक, अब श्रद्धालुओं की संख्या और दान की राशि में बढ़ोतरी हो रही है। वैष्णो देवी में 5000 लोग कर सकेंगे दर्शन जबकि बाहरी राज्यों से सिर्फ 500 लोग ही शामिल हो सकेंगे। शिरडी के साईं मंदिर को लॉकडाउन में 20.76 करोड़ रुपए का दान मिला है। -पढ़ें पूरी खबर
अब 20 सितंबर का इतिहास
1933: सामाजिक कार्यकर्ता और हिंदुस्तान की आजादी के लिए लड़ने वाली अंग्रेज महिला एनी बेसेंट का निधन हुआ था। 1948: भारतीय फिल्म डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रिप्ट लेखक महेश भट्ट का जन्म हुआ। 1984: लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित अमेरिकी दूतावास पर आत्मघाती हमला किया था।
जाते-जाते अब जिक्र गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का। आज ही के दिन 1911 में उनका जन्म हुआ था। पढ़िए उनका एक विचार।
आज का दिन महिलाओं के लिए बहुत खास है। इससे जुड़ी घटना भले ही टेनिस की है, लेकिन इसने महिला अधिकारों, खास तौर पर खेलों में बराबरी की नींव रखी थी। 'बैटल ऑफ सेक्सेस' कहकर प्रचारित 1973 में खेले गए इस टेनिस मुकाबले में एक लाख डॉलर की पुरस्कार राशि थी। उस समय 29 साल की बिली जीन किंग ने 55 साल की पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी बॉबी रिग्स की चुनौती स्वीकार की थी। दरअसल, रिग्स का दावा था कि महिलाओं के टेनिस में कोई दम नहीं है। वह इस उम्र में भी किसी भी महिला टेनिस खिलाड़ी को हरा सकते हैं। हालांकि, उनका दावा खोखला साबित हुआ। बिली किंग ने ह्यूस्टन एस्ट्रोडोम में खेले गए मैच में सीधे सेट्स में 6-4, 6-3, 6-3 से हराया था।
यह टेनिस मुकाबला काफी लोकप्रिय हुआ। 30 हजार दर्शकों ने ह्यूस्टन एस्ट्रोडोम में मैच को देखा जबकि करीब 5 करोड़ लोगों ने टीवी पर। किंग ने टेनिस कोर्ट पर क्लियोपाट्रा की स्टाइल में पुरुष गुलामों के साथ प्रवेश किया था। वहीं, रिग्स महिला मॉडल्स के साथ कोर्ट पहुंचे थे। किंग की जीत ने महिलाओं के प्रोफेशनल टेनिस को स्थापित करने में मदद की। साथ ही महिला एथलीट्स की क्षमता को भी साबित किया। इस जीत को महिलाओं के अधिकारों की जीत के तौर पर भी देखा गया।
1857 में दिल्ली पर कब्जे के साथ कमजोर हुआ पहला स्वतंत्रता संग्राम
ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में 20 सितंबर एक अहम पड़ाव साबित हुआ। तब भारतीय राजाओं ने बड़े भूभाग पर कब्जा जमाकर वहां से अंग्रेजों को भगा दिया था। लेकिन कंपनी ने पलटवार किया। इंग्लैंड से गोला-बारूद मंगवाया गया। पहला पड़ाव था दिल्ली। कंपनी की फौजों ने जुलाई से लेकर सितंबर तक दिल्ली की घेराबंदी कर रखी थी। जैसे ही अतिरिक्त गोला-बारूद दिल्ली के पास पहुंचा, कंपनी की जीत आसान हो गई। 20 सितंबर को अंग्रेज फौजों ने दिल्ली पर फिर कब्जा कर लिया था। अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की आंखों के सामने उनके तीन बेटों को गोली मारी गई। बाद में उन पर मुकदमा चलाकर उम्रकैद की सजा दी गई। रंगून की जेल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।
2004 में इसरो ने पहला एजुकेशन सैटेलाइट एडुसेट लॉन्च किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो ने 20 सितंबर 2004 को जीसैट-3 लॉन्च किया था, जिसे जिसे एडुसैट के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत का पहला डेडिकेटेड एजुकेशनल सैटेलाइट है। इससे सैटेलाइट-बेस्ड टू-वे कम्युनिकेशन स्थापित हुआ, जिससे क्लासरूम में एजुकेशनल कंटेंट डिलीवर किया जा रहा है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान एडुसैट का इस्तेमाल कई राज्यों में सरकारी स्कूलों तक एजुकेशनल कंटेंट पहुंचाने के लिए हुआ है।
2011 में अमेरिका में डोंट आस्क, डोंट टेल पॉलिसी खत्म
20 सितंबर 2011 को अमेरिकी मिलिट्री में डोंट आस्क, डोंट टेल पॉलिसी खत्म हुई। 1990 में क्लिंटन प्रशासन ने मिलिट्री में समलैंगिकों की इंट्री पर प्रतिबंध लगाया था। इसे ही बाद में डोंट आस्क, डोंट टेल पॉलिसी नाम दिया गया। इसके तहत समलैंगिकों को तब तक काम करने की इजाजत थी, जब तक कि उनकी पहचान साबित नहीं होती या जांच में सामने नहीं आ जाती। प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी के विरोध के बाद भी इस पॉलिसी को खत्म किया था।
इतिहास में आज को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है...
1946: फ्रेंच रिविएरा की रिजॉर्ट सिटी में पहले कांस फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत हुई।
1965: यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने सर्वसम्मति से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने के लिए प्रस्ताव पास किया। भारत ने इस प्रस्ताव को 21 सितंबर को और पाकिस्तान ने 22 सितंबर को स्वीकार किया था। 23 सितंबर को युद्ध खत्म हुआ था।
1970: रूसी प्रोब ने चांद की सतह से चट्टानों के टुकड़े इकट्ठा किए थे।
1984: लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित अमेरिकी एम्बेसी पर आत्मघाती हमला हुआ।
1996: बेनजीर भुट्टो के भाई मुर्तजा भुट्टो और उनके छह फॉलोवरों की कराची में पुलिस से भिड़ंत में मौत हो गई थी। मुर्तजा भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शहीद भुट्टो धड़े का नेतृत्व करते थे।
2001: अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 9/11 के आतंकी हमले के बाद वॉर ऑन टेरर की घोषणा की। इस शब्द का इस्तेमाल यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस में बुश ने अपने भाषण में किया था।
2003ः संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर इजरायल से फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।
2006ः ब्रिटेन के रॉयल बॉटेनिकल गार्डन्स में 200 वर्ष पुराने बीज उगाने में कामयाबी मिली।
2008: इस्लामाबाद के मैरियट होटल में कार बम हमला। चेक राजदूत और तीन अमेरिकियों समेत 54 लोग मारे गए थे। अल-कायदा से लिंक तालिबान आतंकियों ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।
2009ः मराठी फिल्म 'हरिशचन्द्राची फैक्ट्री' को ऑस्क अवार्ड्स की विदेशी फिल्म कैटिगरी में भारत की एंट्री के तौर पर चुना गया।
2010: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रेल हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई। बदरवास स्टेशन पर खड़ी यात्री ट्रेन से मालगाड़ी टकरा गई।
जन्मदिन
1899: लियो स्ट्रॉस (जर्मन-अमेरिकी राजनीतिक दार्शनिक)
1911: श्रीराम शर्मा आचार्य (ऑल वर्ल्ड गायत्री परिवार के संस्थापक)
आईपीएल के 13वें सीजन का दूसरा मैच किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली कैपिटल्स के बीच आज दुबई में खेला जाएगा। यूएई में पंजाब टीम अब तक एक भी मैच नहीं हारी है। टीम ने यहां 2014 में सभी 5 मैच में जीत दर्ज की थी। साथ ही पंजाब पंजाब ने पिछले तीन सीजन में अपना पहला मैच जीता है। ऐसे में टीम अपने इस रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहेगी।
हालांकि, इस बार बेहतरीन स्पिनर्स से सजी दिल्ली कैपिटल्स भारी पड़ सकती है। टीम में दिग्गज रविचंद्रन अश्विन, अमित मिश्रा और अक्षर पटेल जैसे अनुभवी स्पिनर्स हैं। इनको स्लो पिच पर काफी मदद मिलेगी और इनकी दम पर दिल्ली इस बार अपना पहला खिताब जीतने की भी पूरी कोशिश करेगी। अश्विन पिछली बार पंजाब टीम के कप्तान थे।
यूएई में दिल्ली का खराब रिकॉर्ड
लोकसभा चुनाव के कारण आईपीएल 2009 में साउथ अफ्रीका और 2014 सीजन के शुरुआती 20 मैच यूएई में हुए थे। तब यूएई में दिल्ली का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा था। टीम ने तब यहां 5 में से 2 मैच जीते और 3 हारे थे।
इन रिकॉर्ड्स पर रहेगी नजर
लोकेश राहुल मैच में 23 रन बनाते ही आईपीएल में अपने 2 हजार रन पूरे कर लेंगे। वे ऐसा करने वाले 20वें भारतीय होंगे।
क्रिस गेल 16 रन बना लेते हैं तो लीग में 4500 या उससे अधिक रन बनाने वाले दूसरे विदेशी बन जाएंगे।
100 छक्के का आंकड़ा छूने के लिए शिखर धवन को 4, जबकि ऋषभ पंत को 6 छक्के की जरूरत है।
हेड-टु-हेड
पंजाब की टीम ने आईपीएल में सबसे ज्यादा 14 मैच दिल्ली के ही खिलाफ जीते हैं। दोनों के बीच अब तक 24 मुकाबले खेले गए हैं। दिल्ली ने 10 मैच जीते हैं। पिछले सीजन में दोनों को एक-एक मैच में जीत मिली थी।
पिच और मौसम रिपोर्ट: दुबई में मैच के दौरान आसमान साफ रहेगा। तापमान 28 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। यहां स्लो विकेट होने के कारण स्पिनर्स को भी काफी मदद मिलेगी। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। यहां हुए पिछले 61 टी-20 में पहले बल्लेबाजी वाली टीम की जीत का सक्सेस रेट 55.74% रहा है।
इस मैदान पर हुए कुल टी-20: 61
पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती: 34
पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती: 26
पहली पारी में टीम का औसत स्कोर: 144
दूसरी पारी में टीम का औसत स्कोर: 122
दिल्ली अकेली टीम, जो अब तक फाइनल नहीं खेली
पंजाब और दिल्ली दोनों अब तक लीग का खिताब नहीं जीत सकी हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा की मालिकाना वाली पंजाब टीम अब तक एक ही बार 2014 में फाइनल खेल सकी और एक ही बार 2008 में सेमीफाइनल से बाहर हुई थी। वहीं, दिल्ली अकेली ऐसी टीम है, जो अब तक फाइनल नहीं खेल सकी। हालांकि, दिल्ली टूर्नामेंट के शुरुआती दो सीजन (2008, 2009) में सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
पंजाब में गेल, राहुल और मैक्सवेल पर अहम जिम्मेदारी
पंजाब टीम में इस बार नए कप्तान लोकेश राहुल के साथ सबसे अनुभवी दिग्गज वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल के कंधों पर अहम जिम्मेदारी होगी। गेल ने लीग के इतिहास में सबसे ज्यादा 326 छक्के और सबसे ज्यादा 6 शतक लगाए हैं। बॉलिंग डिपार्टमेंट में टीम के लिए मोहम्मद शमी और शेल्डन कॉटरेल अहम भूमिका में रहेंगे।
दिल्ली में युवा खिलाड़यों पर रहेगा दारोमदार
दिल्ली कैपिटल्स में युवा खिलाड़ियों पर अपनी टीम को जीत दिलाने का दारोमदार रहेगा। कप्तान श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ जैसे युवा बल्लेबाज टीम में की-प्लेयर हैं। इसके अलावा शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे और अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी टीम को मजबूती प्रदान करेंगे।
एमएसपी वह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।
सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती है, तब एमएसपी उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतों में गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
इसकी जरूरत क्यों है और यह कब लागू हुई?
1950 और 1960 के दशक में किसान परेशान थे। यदि किसी फसल का बम्पर उत्पादन होता था, तो उन्हें उसकी अच्छी कीमतें नहीं मिल पाती थी। इस वजह से किसान आंदोलन करने लगे थे। लागत तक नहीं निकल पाती थी। ऐसे में फूड मैनेजमेंट एक बड़ा संकट बन गया था। सरकार का कंट्रोल नहीं था।
1964 में एलके झा के नेतृत्व में फूड-ग्रेन्स प्राइज कमेटी बनाई गई थी। झा कमेटी के सुझावों पर ही 1965 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की स्थापना हुई और एग्रीकल्चरल प्राइजेस कमीशन (एपीसी) बना।
इन दोनों संस्थाओं का काम था देश में खाद्य सुरक्षा का प्रशासन करने में मदद करना। एफसीआई वह एजेंसी है जो एमएसपी पर अनाज खरीदती है। उसे अपने गोदामों में स्टोर करती है। पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के जरिये जनता तक अनाज को रियायती दरों पर पहुंचाती है।
पीडीएस के तहत देशभर में करीब पांच लाख उचित मूल्य दुकानें हैं जहां से लोगों को रियायती दरों पर अनाज बांटा जाता है। एपीसी का नाम 1985 में बदलकर सीएपीसी किया गया। यह कृषि से जुड़ी वस्तुओं की कीमतों को तय करने की नीति बनाने में सरकार की मदद करती है।
एमएसपी का किसानों को किस तरह लाभ हो रहा है?
खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के राज्यमंत्री रावसाहब दानवे पाटिल ने 18 सितंबर को राज्यसभा में बताया कि नौ सितंबर की स्थिति में रबी सीजन में गेहूं पर एमएसपी का लाभ लेने वाले 43.33 लाख किसान थे, यह पिछले साल के 35.57 लाख से करीब 22 प्रतिशत ज्यादा थे।
राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले पांच साल में एमएसपी का लाभ उठाने वाले गेहूं के किसानों की संख्या दोगुनी हुई है। 2016-17 में सरकार को एमएसपी पर गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या 20.46 लाख थी। अब इन किसानों की संख्या 112% ज्यादा है।
रबी सीजन में सरकार को गेहूं बेचने वाले किसानों में मध्यप्रदेश (15.93 लाख) सबसे आगे था। पंजाब (10.49 लाख), हरियाणा (7.80 लाख), उत्तरप्रदेश (6.63 लाख) और राजस्थान (2.19 लाख) इसके बाद थे। यह हैरानी वाली बात है कि कृषि कानूनों को लेकर मध्यप्रदेश में कोई आंदोलन नहीं हुआ। और तो और, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मध्यप्रदेश से ही ताल्लुक रखते हैं।
खरीफ सीजन में एमएसपी पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या 2018-19 के 96.93 लाख के मुकाबले बढ़कर 1.24 करोड़ हो गई यानी 28 प्रतिशत ज्यादा। खरीफ सीजन 2020-21 के लिए अब तक खरीद शुरू नहीं हुई है। 2015-16 के मुकाबले यह बढ़ोतरी 70% से ज्यादा है।
इस कानून से किसानों को मिलने वाले एमएसपी पर क्या असर होगा?
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की प्राथमिकता में हमेशा गाँव, गरीब व किसान रहा है। उनके द्वारा लिया गया हर फैसला देश हित में होता है।
किसान बिल 2020 भी इसी दिशा में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने वाला है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भास्कर संवाददाता धर्मेंद्र भदौरिया को दिए इंटरव्यू में साफ किया कि नए कानून से किसानों को खुले बाजार में अपनी फसल बेचने का विकल्प मिलेगा। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को अपनी उपज की बेहतर कीमत मिलेगी।
तोमर ने यह भी कहा कि मंडी के बाहर जो ट्रेड होगा, उस पर कोई भी टैक्स नहीं देना होगा। मार्केट में सुधार होगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बाजार सुधरेगा और किसान को भी वाजिब दाम मिलेगा। जब किसान को दो प्लेटफॉर्म मिलेंगे तो जहां ज्यादा दाम मिलेगा वह उसी को चुनेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि बिल ओपन ट्रेड को खोल रहा है। इस बिल का एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है। वैसे भी एमएसपी एक्ट का हिस्सा नहीं है। एमएसपी प्रशासकीय निर्णय है यह किसानों के हित में है और यह हमेशा रहने वाला है।
स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के अनुरूप किसानों को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर हम एमएसपी घोषित कर रहे हैं। रबी सीजन की एमएसपी घोषित कर दी थी। खरीद भी की। खरीफ सीजन की फसलों के लिए एमएसपी जल्द घोषित हो जाएगा। एमएसपी पर कोई शंका नहीं होना चाहिए।
शांताकुमार कमेटी की रिपोर्ट कहती है कि देश में छह फीसदी किसानों को एमएसपी मिलता था। इस पर तोमर ने कहा कि देश में 86% छोटा किसान है। उसका उत्पादन कम होता है और मंडी तक माल ले जाने का भाड़ा अधिक लगता है। इस वजह से उसे एमएसपी का फायदा नहीं मिलता। अब खुले बाजार में उसे मंडी तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
अनलॉक-4 में केंद्र सरकार ने करीब 6 महीने बाद 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के स्कूल खोलने की इजाजत दी है। सरकार ने कहा कि बच्चे गाइडेंस के लिए 21 सितंबर से स्कूल जा सकते हैं। इसके बाद राज्य सरकारों को स्कूल खोलने पर फैसला लेना था। लेकिन, अभी तक मध्यप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा ही स्कूल खोलने को राजी हुए हैं। लेकिन, सर्वे में पता चला है कि 70% से 90% पैरेंट्स अब भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते।
दैनिक भास्कर ने स्कूलों और पैरेंट्स के मन की बात जानने के लिए 9 राज्यों से ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है-
1. मध्यप्रदेश : सरकारी और प्राइवेट स्कूल 21 सितंबर से आंशिक रूप से खुलेंगे। कक्षाएं नहीं लगाई जाएंगी। 9वीं से 12वीं तक के छात्र पैरेंट्स की परमिशन से थोड़े समय के लिए स्कूल जा सकेंगे।
भोपाल में सागर पब्लिक स्कूल की चेयरमैन जयश्रीकंवर ने कहा, "हम स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह तय नहीं है कि 21 सितंबर से ही खोलेंगे। पहले पैरेंट्स की काउंसलिंग और ओरिएंटेशन करेंगे। इसके बाद उनकी सहमति लेंगे। यह पूरी तरह से पैरेंट्स पर निर्भर करेगा कि वे बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं।"
भोपाल के आईपीएस की प्रिंसिपल चित्रा अय्यर ने कहा कि हमारे यहां कोरोना से बचाव के अरेंजमेंट हो गए हैं, पूरी तैयारी है। पहले पैरेंट्स से एक सहमति पत्र भरवाया जाएगा। उसके बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाएंगे।
इंदौर केएनी बेसेंट स्कूल के संचालक मोहित यादव ने बताया कि स्कूल खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। ऑनलाइन क्लास अच्छी चल रही हैं, ऐसे में जिन बच्चों को कहीं कुछ समझ नहीं आ रहा है वे ही स्कूल आएंगे। यदि पैरेंट्स अपने बच्चों को भेजना चाहते हैं तो ये उनकी जिम्मेदारी होगी। उन्हें पहले हमें लिखित में अपनी सहमति देनी होगी।
दो बच्चों की मां प्रेरणा शर्मा कहती हैं कि इतने महीने इंतजार किया है तो अब वैक्सीन लगने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजेंगे।
2. छत्तीसगढ़ : यहां पर स्कूलों में तैयारियां हो रही थीं, लेकिन इससे पहले ही शनिवार को रायपुर समेत 6 शहरों में लॉकडाउन लग गया। ऐसे में फिलहाल स्कूल खोलने की कोई गुजाइंश नहीं है। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में है।
रायपुर के बड़े स्कूल मौजूदा हालात में बच्चों को बुलाने के विरोध में हैं। ज्यादातर स्कूलों में 28 सितंबर तक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। वहीं स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि एग्जाम ऑनलाइन ही कराएंगे, लेकिन सरकार स्कूल खोल देगी तो परीक्षा के लिए छात्रों को बुला सकते हैं।
डीपीएस के प्रिसिंपल रघुनाथ मुखर्जी कहते हैं कि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि स्कूल में बच्चों को संक्रमण नहीं होगा। केपीएस की प्रिसिंपल प्रियंका त्रिपाठी का कहना है कि स्कूल खुले तो सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से तैयारी की जाएगी।
रायपुर में रहने वाली डॉली साहू का बेटा 11वीं में पढ़ता है। डॉली कहती हैं कि बेटे की जान जोखिम में नहीं डाल सकते। दो बेटियां के पिता पीयूष खरे कहते हैं कि वैक्सीन आने के बाद देखेंगे, अभी स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता।
3. राजस्थान: बच्चे सिर्फ पैरेंट्स की लिखित परमिशन से गाइडेंस के लिए स्कूल जा सकेंगे। केंद्र सरकार की एसओपी के बाद राज्य सरकार ने भी साफ निर्देश जारी कर दिए हैं।
जयपुर के सुबोध पब्लिक स्कूल के प्रवक्ता संजय सारस्वत का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षाओं के चलते स्कूल नहीं खोलने का फैसला लिया है। 5 अक्टूबर तक नई गाइडलाइन जारी होंगी। इसके बाद स्कूल खोलने पड़े तो पूरी तैयारी है। बच्चों को रोटेशन के आधार पर बुलाएंगे और एक क्लास में 12 से ज्यादा बच्चों को नहीं बैठाया जाएगा।
अमेरिकन इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि 21 सितंबर से बच्चे स्कूल गाइडेंस के लिए खोले जाएंगे। इसे फिलहाल हम ट्रायल के तौर पर देख रहे हैं। रोजाना पांच सब्जेक्ट के टीचर की व्यवस्था की गई है। कर्मचारियों को सैनेटाइजेशन की ट्रेनिंग दी गई है। स्टूडेंट की थर्मल स्क्रीनिंग करने की ट्रेनिंग क्लास टीचर को दी गई है।
निजी स्कूलों की सबसे बड़ी संस्था स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में करीब 30 प्रतिशत पैरेंट्स चाहते हैं कि बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए। वहीं, ग्रामीणों इलाकों में करीब 70 प्रतिशत पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं।
4. गुजरात: राज्य में 16 मार्च से स्कूल बंद है। इस बीच राज्य सरकार ने कहा है कि दिवाली तक स्कूल बंद रखे जाएंगे और आगे हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा।
गुजरात में केंद्र की गाइडलाइन के बावजूद 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल भी नहीं खुलेंगे।। राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने कहा कि फिलहाल दिवाली तक स्कूल नहीं खुलेंगे, उसके बाद रिव्यू किया जाएगा।
स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि मौजूदा स्थिति में स्कूलों पर भी खतरा है, इसलिए राज्य सरकार ने स्कूलों को खोलने का फैसला नहीं किया है। स्थिति में सुधार होने पर फैसला लिया जाएगा। तब तक ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।
4. बिहार : स्कूल खोले जाने पर अभी न तो स्कूलों ने सहमति दी है और न ही पैरेंट्स तैयार हैं। कहा जा रहा है कि चुनाव और छठ पूजा के बाद सोचा जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से भी कोई साफ निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में सोमवार से स्कूल नहीं खुल रहे हैं।
पटना हाई स्कूल के प्रिंसिपल रवि रंजन ने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है। ऑनलाइन क्लास के साथ एग्जाम भी ऑनलाइन हो रही हैं।
कृष्णा निकेतन स्कूल के सचिव डॉ. कुमार अरुणोदय का कहना है कि प्रशासन को पहले स्कूलों और पैरेंट्स के साथ बैठक कर स्ट्रैटजी बनानी चाहिए, क्योंकि मामला बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा है।
9वीं क्लास की छात्रा सृष्टि के पिता विकास मेजरवार ने कहा कि जब हम ऑफिस में ही डरकर काम कर रहे हैं तो बच्चों को स्कूल कैसे भेज सकते हैं?
5. झारखंड : यहां राज्य सरकार ने 30 सितंबर तक स्कूल नहीं खोलने का निर्देश दिया है। पैरेंट्स के साथ टीचर्स इस बात के पक्ष में नहीं हैं कि बच्चों को अभी स्कूल बुलाया जाए।
रांची के दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल राम सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। स्कूल में सैनेटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग, हैंड वॉश की व्यवस्था हो चुकी है। बहुत ज्यादा बच्चों के आने की संभावना नहीं है। फिर भी जो भी बच्चे डाउट क्लियरिंग के लिए आएंगे उनके लिए सेपरेट क्लास रखी जाएगी।
एक बच्चे की मां ने कहा कि अभी बच्चे को स्कूल नहीं भेजेंगी, क्योंकि ऑनलाइन स्टडी का सिस्टम इम्प्रूव हो गया है। जो समस्याएं थीं, वे दूर कर ली गई हैं।
6. हरियाणा: यहां 21 सिंतबर से स्कूल आंशिक तौर पर केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक खोले जाएंगे।
पानीपत के एसडी विद्या मंदिर की प्रिंसिपल सविता चौधरी ने बताया कि फिलहाल 22 सितंबर से 30 सितंबर तक उनके स्कूल में कंपार्टमेंट के एग्जाम हैं। हर दिन स्कूल सैनेटाइज हो रहा है। थर्मल स्कैनर से जांच हो रही है। अभी हाफ ईयरली एग्जाम भी बाकी हैं। इसके बाद हालात को देखते हुए स्कूल खोले जाएंगे।
यहां के सरकारी और प्राइवेट विद्यालयों के टीचर्स के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना और कोविड टेस्ट करवाना भी जरूरी है।
7. चंडीगढ़ : प्रशासन की तरफ से कराए गए सर्वे में सामने आया है कि 75% से ज्यादा पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। यहां स्कूल खोलने को लेकर कोई साफ निर्देश प्रशासन की तरफ से नहीं दिया गया है। ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
स्ट्रॉबेरी फील्ड्स हाई स्कूल सेक्टर-26 के डायरेक्टर अतुल खन्ना का कहना है कि सभी तैयारियां कर ली हैं। 75% पैरेंट्स बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते, इसलिए बाकी 25% के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं। टीचर्स को भी सिर्फ तभी बुलाएंगे अगर उनकी जरूरत है। हाफ ईयरली एग्जाम नहीं ले रहे।
विवेक हाई स्कूल सेक्टर-38 की प्रिंसिपल रेनु पुरी कहती हैं कि स्कूल खोलने को लेकर एक सर्वे किया था, जिसमें सामने आया कि 90% पैरेंट्स बच्चों नहीं भेजना चाहते। स्कूल में रोज सैनेटाइजेशन किया जा रहा है। टीचर्स और स्टाफ तो ऑनलाइन सिस्टम से कंफर्टेबल हैं, हम अभी उन्हें नहीं बुलाएंगे।
8. उत्तर प्रदेश : केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर योगी सरकार ने अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया। 15 सितंबर को बैठक होनी थी, वह भी नहीं हुई। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा है कि अभी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, इसलिए स्कूल 21 सिंतबर से नहीं खोले जाएंगे।
लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के प्रबंधक जगदीश गांधी का कहना है कि अभी तक तो स्कूल में सभी क्लासेस ऑनलाइन चल रही हैं। हमारे सभी स्कूल की ब्रांच में कोविड-19 को लेकर तैयारियां पूरी की गई हैं। ऑनलाइन टेस्ट और पढ़ाई जारी है।
पैरेंट्स से अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। ऑनलाइन ही क्लास और टेस्ट लिए जा रहे हैं। हाफ ईयरली एग्जाम भी ऑनलाइन ही कराए जाएंगे।
सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के प्रवक्ता ऋषि कपूर बताते हैं कि फिलहाल स्कूल खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। सभी टीचर्स को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के संबंध में गाइडलाइन और मोबाइल ऐप्स की जानकारियां दी गई हैं। टीचर और बाकी स्टाफ वर्क फ्रॉम होम हैं।
9. महाराष्ट्र: राज्य में 30 सितंबर तक सभी स्कूल बंद रहेंगे। अनलॉक-5 यानी 1 अक्टूबर के बाद राज्य सरकार तय करेगी। पैरेंट्स के रिएक्शन जानने के लिए सर्वे भी कराए जा रहे हैं।
मुंबई, पुणे समेत देश के 14 शहरों में चलने वाले 'विबग्योर ग्रुप ऑफ स्कूल्स' के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर पेशवा आचार्य ने बताया कि स्कूलों को फिर से खोलने का रोडमैप और एसओपी तैयारी कर ली गई है। हालांकि, ज्यादातर पैरेंट्स चाहते हैं कि जब तक कोरोना की दवा बाजार में नहीं आ जाती तब तक पढ़ाई ऑनलाइन ही होनी चाहिए।
आचार्य ने बताया कि ज्यादातर पैरेंट्स स्कूल की तरफ से शुरू किए गए 'वर्चुअल लर्निंग सिस्टम' से संतुष्ट हैं। हम कक्षा 1 से 8वीं तक का इन्फॉर्मल रिव्यू कर रहे हैं। 9 से 12वीं तक ऑनलाइन एग्जाम करवा रहे हैं।
बड़ा सा एयरकंडीशंड टीन शेड, लाइन में लगे हजारों बिस्तर, उन पर आराम कर रहे कोरोना संक्रमित। जहां तक नजर जाती है बस मरीज ही नजर आते हैं। मेडिकल स्टाफ और मरीजों के बीच में एक ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक शीट लगी है जिसके पास लाइन में वे लोग खड़े हैं, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है और अब उन्हें डिस्चार्ज होना है।
वॉर्ड का दौरा कर रहे डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ प्रशांत मिश्रा से डिस्चार्ज हो रहा एक मरीज कहता है, ‘क्या मैं कैब बुलाकर घर चला जाऊं।' डॉ. मिश्रा उसे समझाते हैं, ‘यहां सबकुछ एक व्यवस्था के तहत हो रहा है। आपको सुरक्षित घर पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है। वो ही आपको घर छोड़ेगी।' दिल्ली के बाहरी छोर छतरपुर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास के कैंपस में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड केयर केंद्र शुरू किया गया है, जिसकी कमान भारत के अर्धसैनिक बल आईटीबीपी के हाथ में है।
यहां जरूरत पड़ने पर दस हजार बिस्तर लगाए जा सकते हैं। अभी दो हजार बिस्तरों पर संक्रमितों को भर्ती किया जा रहा है। महिलाओं के लिए अलग से वॉर्ड बनाया गया है। यहां पांच दिनों से भर्ती पूजा कहती हैं, ‘मुझे लग रहा है,, मैं अच्छे माहौल में हूं और सुरक्षित हूं। यहां हमें अस्पताल से भी बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। यहां हम एक डिसिप्लिन में रह रहे हैं। समय पर खाना मिल रहा है। समय पर मेडिकल स्टाफ हालचाल पूछ रहा है।'
पूजा कहती हैं, ‘यहां की सबसे अच्छी बात है टीम का व्यवहार। वो हमसे अच्छे से बात करते हैं। काउंसलिंग करते हैं और हर संभव मदद करने की कोशिश करते हैं। उनकी हम लोगों के साथ बॉन्डिंग बहुत अच्छी है।' पूजा के साथ ही खड़ी सरिता भी उनकी हां में हां मिलाते हुए कहती हैं, ‘लग ही नहीं रहा हम घर से दूर हैं।'
यहां भर्ती लोगों के चेहरे पर तनाव या चिंता नजर नहीं आती। अधिकतर लोग बिस्तरों पर आराम कर रहे हैं। कुछ लाइब्रेरी से पुस्तकें ले रहे हैं। कुछ कुर्सियों पर बैठे हैं। यहां हो रहे हर काम में एक अनुशासन नजर आता है जो सिर्फ स्टाफ में ही नहीं, मरीजों में भी है।
यहां सबसे अधिक ध्यान संक्रमितों की मानसिक सेहत का रखा जा रहा है। इंस्पेक्टर सुमन यादव और ब्रजेश कुमार एजुकेशन एंड स्ट्रेस काउंसलर हैं। उनकी टीम का काम मरीजों का तनाव कम करना है। वो बताती हैं, ‘सुबह मरीजों को योग कराया जाता है, शाम को मेडिटेशन कराया जाता है। हर मरीज की काउंसलिंग की जाती है। हम मरीजों को ये अहसास कराते हैं कि हम उनके साथ हैं।'
वो कहती हैं, ‘कोरोना का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं। संक्रमण का पता चलने पर तनाव में आ जाते हैं। हम उन्हें ये अहसास दिलाते हैं कि आप सुरक्षित हाथों में है और आपको कुछ नहीं होगा। हम उन्हें दिमागी तौर पर मजबूत करते हैं। हम उनकी छोटी से छोटी बात सुनते हैं। जब सारा स्टाफ उनके साथ खड़ा होता है तो उन्हें लगता है कि हम अकेले नहीं हैं।'
इंस्पेक्टर ब्रजेश कहते हैं, "ये महामारी का समय है। बहुत चुनौतियां भी हैं। लेकिन हमारी टीम उन्हें संभाल लेती है। हम टीम वर्क करते हैं और अधिकारियों के निर्देश का पालन करते हैं।’ डॉ. रीता मोगा मेडिकल स्पेशलिस्ट हैं। वह उन मरीजों का ध्यान रखती हैं जो पहले से किसी और बीमारी से भी पीड़ित हैं। वह कहती हैं, "यहां मरीज बहुत ज्यादा हैं। कई बार उनसे बात करने में मुश्किल होती है। मरीजों के साथ कोई नहीं है। हमें ही उनकी हर जरूरत का भी ध्यान रखना होता है। हमें उनकी हर चीज में मदद भी करनी होती है।"
डॉ. रीता कहती हैं, 'बुजुर्गों का अधिक ध्यान देना पड़ता है। उन्हें मास्क पहनने के लिए भी समझाना पड़ता है।’डॉ रीता और यहां काम कर रहे दूसरे मेडिकल स्टाफ घर नहीं जा रहे हैं। उनके रहने का इंतेजाम पास ही किया गया है। वो कहती हैं, "सबसे मुश्किल होता है पीपीई किट पहनकर मरीजों को देखना और घरवालों को ये समझाना की हम यहां ठीक हैं।"
आईटीबीपी के फार्मासिस्ट सुशील कुमार बताते हैं, ‘यहां आ रहे मरीजों के लिए खाने का बंदोबस्त राधा स्वामी सत्संग की ओर से किया जा रहा है। मरीजों को दिन में तीन बार काढ़ा, दो बार चाय, गरम पानी और भोजन मुफ्त उपलब्ध करवाया जाता है।'
यहां जब मरीज पहुंचते हैं तो उन्हें एक मेडिकल किट भी दी जाती है जिसमें बाकी जरूरी चीजों के अलावा च्यवनप्राश भी होता है। सुशील बताते हैं, "बच्चों और कुछ विशेष जरूरत वाले मरीजों की डाइट डॉक्टर की सलाह के मुताबिक तैयार की जाती है।"
भारत में इस समय रोजाना कोरोना संक्रमण के करीब एक लाख नए मामले सामने आ रहे हैं और ये तादाद दुनिया में सबसे ज्यादा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुलाई के पहले सप्ताह में सरदार पटेल कोविड केयर केंद्र शुरू किया। इसमें दिल्ली सरकार, दिल्ली के नगर निगम, राधा स्वामी सत्संग व्यास और कई अन्य गैर सरकारी संगठन सहयोग दे रहे हैं। इसकी कमान आईटीबीपी के हाथ में है।
यहां अब तक करीब पांच हजार संक्रमित भर्ती हो चुके हैं। यहां बिना लक्षणों वाले या हल्के लक्षणों वाले मरीज भर्ती किए जाते हैं। अभी तक यहां एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। डॉ. प्रशांत मिश्रा बताते हैं, ‘यहां 1800 सामान्य बिस्तर हैं जबकि 200 बिस्तरों पर ऑक्सीजन सपोर्ट है। आपात स्थिति के लिए आईसीयू भी तैयार किया गया है।'
इस अस्थायी अस्पताल को बहुत ही कम समय में तैयार किया गया और ये काफी चुनौतीपूर्ण भी था। डॉ मिश्रा बताते हैं, 'हमारे डॉक्टर अभी तक अस्पताल या ऐसी जगह काम करते रहे थे जहां प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर था। लेकिन यहां हमने गृह मंत्रालय के निर्देश में महामारी के समय ये अस्थाई अस्पताल बनाया है। सीमित समय में ये काम करना काफी चुनौतीपूर्ण था।' वह बताते हैं, "25 जून को इस केंद्र को बनाने को लेकर हमारी पहली मीटिंग हुई थी और 05 जुलाई को हमने पहले मरीज को भर्ती कर लिया था।
डॉ. मिश्रा बताते हैं, 'आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल ने इस काम के लिए टीम गठित की। हमारे लिए यही निर्देश है कि जो भी यहां से जाए अच्छा महसूस करता हुआ जाए। हम सब इसी टॉस्क में जुटे हैं।'
इस कोरोना केंद्र में 17 दिन के बच्चे से लेकर 78 साल तक के बुजुर्ग आ चुके हैं। डॉ मिश्रा कहते हैं, 'बहुत से संक्रमित ऐसे आते हैं जिन्हें पहले से और भी बीमारियां होती हैं। कई को तो पता भी नहीं होता कि वो डायबिटीज या हाइपरटेंशन जैसी बीमारी से पीड़ित हैं।'
इस कोरोना केंद्र में अभी तक मेडिकल स्टाफ का कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ है। जीरो फीसदी इंफेक्शन है। डॉ. मिश्रा कहते हैं, 'हमने बायो मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने के लिए प्लानिंग की है। हमने कई प्रोटोकॉल और एसओपी बनाए हैं जिनका हर स्तर पर पालन किया जा रहा है। अभी तक हमारी कामयाबी का कारण हमारा डिसिप्लिन ही है। यहां हर कोई अनुशासन में रहकर अपना काम कर रहा है।'
इस कोविड केंद्र के बायो मेडिकल वेस्ट का कलेक्शन दक्षिण दिल्ली नगर निगम की टीम करती है। वह कहते हैं, 'हमारा काम वायरस की चेन को तोड़ना है। लोगों के सहयोग के बिना हम ये काम नहीं कर सकते। अच्छी बात ये है कि हमें सबका सहयोग मिल रहा है।'
आईटीबीपी इस समय सरहद पर चीन से और सरहद के भीतर चीन से आए वायरस से जूझ रही है। डॉ. मिश्रा कहते हैं, 'देश ने हम पर भरोसा किया है। दुनिया के इस सबसे बड़े कोविड केंद्र का संचालन अलग तरह का अनुभव है। इसके सबक आगे काम आएंगे।'
क्या जरूरत पड़ने पर इस केंद्र की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है, इस सवाल पर मिश्रा कहते हैं, "हमें जो भी आदेश मिलेगा, हमें उसे लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अब तो हमारे पास अनुभव भी है। 'मैंने इस कोविड केंद्र का दो बार दौरा किया और चीजों को करीब से देखने की कोशिश की। हर बार वही डिसिप्लिन नजर आया। यहां सबकुछ तय प्रोटोकॉल के तहत हो रहा है। और शायद यही डिसिप्लिन इस कोरोना केंद्र की कामयाबी का राज भी है।
कोविड केंद्र से ठीक होकर जा रहे एक मरीज रुआंसी आवाज़ में कहते हैं, 'मैं दो दिन निजी अस्पताल में भी रहा। वहां मेरा ध्यान तो नहीं रखा गया। मोटा बिल जरूर थमा दिया गया। यहां फैसिलिटी वर्ल्ड क्लास है और खर्च कुछ भी नहीं।'