सोमवार, 4 जनवरी 2021

भारतीय खिलाड़ी बोले- फैंस स्टेडियम जाएं और हम क्वारैंटाइन में रहें, यह जू में जानवरों जैसा बर्ताव

भारतीय क्रिकेट टीम को लगता है कि उनके साथ ऑस्ट्रेलिया में अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा। दोनों टीमें 4 टेस्ट की सीरीज का तीसरा मैच खेलने के लिए सोमवार को सिडनी के लिए रवाना हो गई हैं। यह मैच 7 जनवरी से होगा। इसके लिए सभी खिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट किया गया। सभी की रिपोर्ट निगेटिव है। टीम को कोरोना प्रोटोकॉल के चलते सिडनी के होटल में क्वारैंटाइन रखा जा सकता है। ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी नाराजगी जताई है।

टीम इंडिया के सूत्रों के हवाले से क्रिकेट वेबसाइट क्रिकबज ने लिखा- यदि आप स्टेडियम में फैंस (20 हजार लोगों) को एंट्री देते हैं। उन्हें आजादी से जीने की अनुमति देते हैं और हमसे कहते हैं कि सीधे होटल जाओ और क्वारैंटाइन में रहो। खासकर तब जब हमारा कोरोना टेस्ट भी निगेटिव हो, तो यह जू में जानवरों को रखने जैसा बर्ताव है। हम नहीं चाहते, ऐसा हो।

आम नागरिक की तरह नियमों का पालन करेंगे
उन्होंने कहा- हमसे सिडनी में जो कहा जाएगा, वह नियम का पालन हम करेंगे। हम चाहते हैं कि हम भी हर ऑस्ट्रेलियन नागरिक की तरह ही हम भी नियमों का बराबरी से नियमों का पालन करें। इसलिए यदि दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं मिलती है, तभी कोई मतलब बनता है कि हमसे क्वारैंटाइन में रहने के लिए कहा जाए।

सिडनी-ब्रिस्बेन में रूम से निकलने की अनुमति नहीं होगी
टीम सूत्रों ने खुलासा किया है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) की मेडिकल टीम ने पिछले हफ्ते सख्त निर्देश दिए थे कि उन्हें होटल रूम से निकलने की अनुमति नहीं मिलेगी। खासकर सिडनी और ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान। भारतीय खिलाड़ियों ने उनकी यह बात स्वीकार भी कर ली थी। हालांकि टीम मैनेजमेंट ने तुरंत ही मेडिकल टीम से कह दिया था कि यह स्थिति उन्हें स्वीकार करने में मुश्किल होगी।

क्वींसलैंड सरकार की हिदायत
हाल ही में रिपोर्ट्स में दावा किया गया था भारतीय टीम क्वारैंटाइन नियमों के कारण ब्रिस्बेन में नहीं खेलना चाहती है, क्योंकि वहां खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के अलावा बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। वहीं, क्वींसलैंड सरकार ने सख्त लहजे में हिदायत दी है कि अगर नियमों के हिसाब से चलना हो, तो ही टीम इंडिया ब्रिस्बेन में चौथा टेस्ट खेलने के लिए आए।

रोहित समेत 5 खिलाड़ियों पर नियम तोड़ने की जांच चल रही
रोहित शर्मा, शुभमन गिल, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत और नवदीप सैनी पर बायो-बबल तोड़ने का आरोप लगा है और जांच चल रही है। एक जनवरी को एक वीडियो और कुछ फोटो वायरल हुए थे, जिसमें पांचों खिलाड़ी एक होटल के अंदर बैठकर खाना खाते दिख रहे। इसके बाद इन सभी पर नियम तोड़ने का आरोप लगा और सभी को आइसोलेट किया गया। हालांकि, पांचों खिलाड़ी टीम के साथ सिडनी पहुंचेंगे।

इस विवाद पर भारतीय टीम के सूत्रों ने कहा- सभी खिलाड़ी बारिश होने के कारण होटल के अंदर बैठकर खाना खा रहे थे। यह हमारे समझ से परे है कि क्यों इन खिलाड़ियों को आइसोलेट किया गया। उन्हें फ्लाइट में भी अलग बैठाने के लिए कहा गया है। खासकर तब जब उनका भी कोरोना टेस्ट निगेटिव आता है, तब भी उन्हें अलग ही रखा जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय खिलाड़ियों ने काफी त्याग किया
भारतीय टीम IPL के दौरान सितंबर के बाद से लगातार क्वारैंटाइन और बायो-बबल में ही है। ऑस्ट्रेलिया में भी उन्हें सख्त नियमों का पालन करना पड़ रहा है। इस सवाल के जवाब में सूत्रों ने कहा- हमारे खिलाड़ियों ने इस दौरे के लिए काफी कुर्बानी दी है। जैसे मोहम्मद सिराज के पिता का इंतकाल हो गया, लेकिन वे घर नहीं गए और पिता को आखिरी विदाई नहीं दे सके। हमारे बाकी खिलाड़ी भी लगातार 6 महीने से बायो-बबल में रह रहे हैं। यह आसान नहीं होता।



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टीम इंडिया ने 4 टेस्ट की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को दूसरे मैच में 8 विकेट से शिकस्त दी थी। इसी के साथ दोनों टीम के बीच सीरीज 1-1 से बराबरी पर है।


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सरकार को उम्मीद- आंदोलन आज खत्म हो सकता है, किसान बोले- बात नहीं बनी तो विरोध तेज होगा

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 40वां और अहम दिन है। आज किसानों की सरकार के साथ 8वें राउंड की बातचीत होगी। सरकार को उम्मीद है कि आज आंदोलन खत्म हो सकता है। वहीं किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा कि बातचीत का नतीजा नहीं निकला तो 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे।

30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी
1. पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे: अभी 1 करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रोविजन है। सरकार इसे हटाने को राजी हुई।
2. बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं: किसानों को आशंका है कि इस कानून से बिजली सब्सिडी बंद होगी। अब यह कानून नहीं बनेगा।

...इसलिए किसानों की उम्मीद बढ़ी और रुख नरम हुआ
2 मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसानों के रुख में नरमी दिखी और उन्होंने 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली को टाल दिया। आज इन 2 अहम मुद्दों पर बातचीत होगी।
1. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं।
2. किसानों का कहना है कि MSP पर अलग कानून बने, ताकि उन्हें सही दाम मिलें।

हल निकलने की क्या उम्मीद?
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में किसानों के बड़े मुद्दों का हल भी निकल सकता है। सरकार समर्थन मूल्य (MSP) और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) के मुद्दों पर लिखित में भरोसा दे सकती है। इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था की जा सकती है कि प्राइवेट कंपनियां मंडियों में MSP से कम भाव पर फसलों की खरीद नहीं कर पाएं।

पिछली 7 में से सिर्फ 1 बैठक का नतीजा निकला

पहला दौरः 14 अक्टूबर
क्या हुआः
मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आए। किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया। वो कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे।

दूसरा दौरः 13 नवंबर
क्या हुआः
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की। 7 घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

तीसरा दौरः 1 दिसंबर
क्या हुआः
तीन घंटे बात हुई। सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे।

चौथा दौरः 3 दिसंबर
क्या हुआः साढ़े 7 घंटे तक बातचीत चली। सरकार ने वादा किया कि MSP से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। किसानों का कहना था सरकार MSP पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे।

5वां दौरः 5 दिसंबर
क्या हुआः
सरकार MSP पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे।

6वां दौरः 8 दिसंबर
क्या हुआः
भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया।

7वां दौर: 30 दिसंबर
क्या हुआ:
नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। दो मुद्दों पर मतभेद कायम, लेकिन दो पर रजामंदी बनी।



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रविवार की फोटो दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों की है। किसानों की सरकार के साथ पिछली मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बन गई थी।


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खत्म हुआ वैक्सीन का इंतजार, विवादों में टीम इंडिया और अटल टनल में पुलिस ने टूरिस्ट को बनाया मुर्गा

नमस्कार!
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में श्मशान में हुए हादसे में 23 लोगों की जान चली गई। शिवराज कैबिनेट में नए मंत्री शामिल हो गए हैं। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकियों ने 11 मजदूरों को मार डाला। बहरहाल शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • किसानों से सरकार की आठवें दौर की बातचीत होगी। इसमें MSP पर फैसला हो सकता है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे।
  • प्रधानमंत्री नेशनल एन्वायर्नमेंटल स्टैंडर्ड्स लैब का शिलान्यास करेंगे। वे नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल का लोकार्पण भी करेंगे।

देश-विदेश
बातचीत से पहले किसानों की चेतावनी

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की आज सरकार के साथ 8वें दौर की मीटिंग होगी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सोमवार को होने वाली बैठक में किसानों के बड़े मुद्दों का हल भी निकल सकता है। सरकार समर्थन मूल्य (MSP) और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) के मुद्दों पर लिखित में भरोसा दे सकती है। इधर, बातचीत से पहले रविवार को सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा कि 13 जनवरी को नए कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाई जाएगी और 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर किसान दिवस मनाया जाएगा।

कोरोना वैक्सीन के लिए इंतजार खत्म
कोरोना वैक्सीन के लिए देश के लोगों का इंतजार खत्म हो गया है। भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंजूरी दे दी है। वहीं जायडस कैडिला हेल्थकेयर की जायकोव-डी को फेज-3 ट्रायल का अप्रूवल मिला है। DCGI वी जी सोमानी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। सोमानी ने कहा कि कुछ साइड इफेक्ट जैसे- हल्का बुखार, दर्द और एलर्जी हर वैक्सीन में कॉमन होते हैं, लेकिन ये दोनों वैक्सीन 110% सुरक्षित हैं। वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद PM मोदी ने कहा- भारत में बनीं दो वैक्सीन को मंजूरी मिलना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।

लगातार विवादों में टीम इंडिया
भारत का ऑस्ट्रेलिया टूर नियम-कायदों को लेकर लगातार विवादों में है। विवाद दो हैं। पहला- रोहित शर्मा, शुभमन गिल, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत और नवदीप सैनी पर बायो बबल तोड़ने का आरोप लगा है, जिसकी जांच चल रही है। दूसरा- टीम इंडिया कोरोना के सख्त नियमों की वजह से ब्रिस्बेन में चौथा टेस्ट नहीं खेलना चाहती है। इस बीच, अपडेट ये है कि बायो बबल तोड़ने का आरोप झेल रहे पांचों खिलाड़ी टीम के साथ ही सोमवार को सिडनी रवाना होंगे, जहां तीसरा टेस्ट खेला जाना है। उधर, क्वींसलैंड सरकार ने कहा है कि अगर नियमों के हिसाब से चलना हो, तो ही टीम इंडिया ब्रिस्बेन में चौथा टेस्ट खेलने के लिए आए।

गाजियाबाद में बड़ा हादसा
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रविवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां मुरादनगर के श्मशान में अंतिम संस्कार के दौरान गैलरी की छत गिरने से कई लोग दब गए। ये सभी बारिश से बचने के लिए गैलरी की छत के नीचे खड़े थे। हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई। जिस शख्स का दाह संस्कार हो रहा था, उनके एक बेटे की भी मौत हुई। चश्मदीदों के मुताबिक, हादसे के बाद का मंजर बेहद भयावह था। मलबे में दबे लोगों के शरीर के अंग कट गए थे। ढाई महीने पहले ही श्मशान घाट में 60 फीट लंबी गैलरी बनाई गई थी। लेकिन, घटिया क्वालिटी की वजह से यह रविवार को ढह गई।

अटल टनल में पुलिस की गुंडागर्दी
हिमाचल प्रदेश में रोहतांग पास के नजदीक अटल टनल में पुलिस की गुंडागर्दी का वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में पुलिसवाले एक टूरिस्ट को मुर्गा बनाकर बुरी तरह पीटते हुए नजर आ रहे हैं। किसी दूसरे टूरिस्ट ने मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया। पुलिस का कहना है कि शनिवार को भारी ट्रैफिक के बावजूद यह टूरिस्ट ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था। इससे पहले कुल्लू में 24 दिसंबर को पुलिस ने 7 पर्यटकों को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि वे अटल टनल में गाड़ी खड़ी कर नाच-गाना कर रहे थे।

एक्सप्लेनर
इंस्टेंट लोन ऐप का मकड़जाल

तेलंगाना में पिछले दिनों इंस्टेंट लोन ऐप से लोन लेने वाले तीन लोगों ने सुसाइड कर ली। इसके बाद हैदराबाद पुलिस इन ऐप्स के खिलाफ 27 मामले दर्ज कर चुकी है। पिछले हफ्ते हुई धरपकड़ में चीनी मूल के तीन लोगों समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस ने गूगल से इस तरह के करीब 200 ऐप्स को ब्लॉक करने को कहा है। ये इंस्टेंट लोन ऐप्स कर क्या रहे हैं? लोग इनके जाल में क्यों फंस रहे हैं? जानिए यहां...

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पॉजिटिव खबर
गरीब बच्चियों की पढ़ाई का जिम्मा

आज की पॉजिटिव खबर में हम बात कर रहे हैं गुजरात के वडोदरा की रहने वाली निशिता राजपूत की। निशिता 12 साल की उम्र से ही गरीब बच्चियों की एजुकेशन पर काम कर रही हैं। वे दानदाताओं से पैसा इकट्ठा करके लड़कियों की पढ़ाई में मदद करती हैं। निशिता उनकी स्कूल फीस भी भरती हैं। पिछले दस साल में वे बच्चियों की फीस के लिए 3.25 करोड़ रुपए दे चुकी हैं। इस साल उन्होंने दस हजार बच्चियों की पढ़ाई का खर्च उठाने का टारगेट रखा है।

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शिवराज कैबिनेट में नए मंत्री
मध्य प्रदेश में आखिरकार रविवार को कैबिनेट का विस्तार हो गया। शिवराज की टीम में दो मंत्री शामिल किए गए। राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई। कैबिनेट में अब भी 4 पद खाली बचे हैं। सूत्रों ने बताया कि 1 जनवरी को राष्ट्रीय नेतृत्व से मंत्रिमंडल विस्तार की अनुमति मिली थी। इसके बाद नए मंत्रियों को शपथ दिलाने का कार्यक्रम तय किया गया।

पाकिस्तान में आतंकी हमला
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में शनिवार रात कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने कोल माइंस में काम कर रहे 11 लोगों की हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने पहले वर्कर्स को अगवा कर लिया और पास की पहाड़ियों में ले गए। वहां उन्हें गोली मार दी गई। इस इलाके में पहले भी सिक्योरिटी फोर्स और पुलिस चौकियों पर हमले होते रहे हैं। इस वजह से यहां पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

सुर्खियों में और क्या है

  • देश में अब तक 17.4 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है। यह कुल आबादी का करीब 13% है। इनमें 5.9% लोग संक्रमित मिले। यानी हर 100 टेस्ट पर सिर्फ 6 लोगों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई।
  • कोरोना से अमेरिका में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कैलिफोर्निया के अस्पतालों में बेड्स की कमी के बाद यहां गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील की गई है।


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Top News of 03 January 2021| Waiting for the vaccine ended, Team India and Atal tunnel in dispute


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वैक्सीन पर चुनावी गणित भारी, पब्लिक पूछे- कब आएगी मेरी बारी?



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घमंड करना वर्तमान में तो सुख दे सकता है, लेकिन भविष्य में नुकसान जरूर पहुंचाता है

कहानी - एक राजा भगवान महावीर स्वामी से मिलने जाया करते थे। वे महावीर को कीमती आभूषण और अन्य उपहार देने की कोशिश करते थे। लेकिन, स्वामीजी हर बार राजा से कहते थे, इन्हें गिरा दो। राजा उनकी आज्ञा मानकर वे चीजों वहीं गिरा कर लौट जाते थे।

काफी दिन ऐसे ही चलता रहा। एक दिन राजा ने अपने मंत्री से कहा, 'मैं इतनी कीमती चीजें महावीर स्वामी को देने के ले जाता हूं, लेकिन वे सभी चीजें वहीं गिराने को क्यों कह देते हैं? मैं भी वो चीजें वहीं गिराकर आ जाता हूं। मैं एक राजा हूं, उन्हें भेंट देना चाहता हूं, लेकिन वे मेरी चीजों का कोई मान नहीं रख रहे हैं। मेरी समझ में ये नहीं आ रहा है कि स्वामीजी ऐसा क्यों कर रहे हैं।'

मंत्री बहुत बुद्धिमान था। उसने कहा, 'आप इस बार खाली हाथ जाएं। कोई भी चीज लेकर ही मत जाइए। फिर देखते हैं, वे क्या गिराने के कहते हैं।' राजा को मंत्री की बात अच्छी लगी।

राजा अगली बार खाली हाथ गया तो महावीर स्वामी ने कहा, 'अब खुद को गिरा दो।' राजा को समझ नहीं आया कि खुद को कैसे गिराएं?' उसने महावीर से कहा, 'आपकी बातें मेरी समझ में नहीं आ रही हैं। आप रोज चीजें गिराने के लिए क्यों कह रहे हैं?'

महावीर स्वामी ने कहा, 'आप राजा हैं। आपको लगता है कि आप चीजें देकर किसी को भी जीत सकते हैं। मैंने आपको खुद को गिराने के लिए कहा तो इसका मतलब ये है कि हमारे अंदर जो मैं होता है, वह अहंकार के रूप में होता है। मैं ये कहना चाहता हूं कि अपना अहंकार गिरा दो और फिर यहां खड़े रहो।'

राजा को बात समझ आ गई कि गुरु के सामने घमंड लेकर नहीं जाना चाहिए।

सीख - भगवान इंसान का घमंड तोड़ने के लिए गुरु को माध्यम बनाते हैं। गुरु जानते हैं कि अहंकार भविष्य में नुकसान पहुंचाता है। ये एक ऐसी बुराई है, जिसका प्रदर्शन करने पर वर्तमान में तो सुख मिलता है, लेकिन इससे सबकुछ बर्बाद हो सकता है।



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दान लेकर गरीब बच्चियों की फीस देती हैं निशिता, अब तक 30 हजार बच्चियों पर 3.25 करोड़ खर्च कर चुकीं

आज की पॉजिटिव खबर में हम बात कर रहे हैं गुजरात के वडोदरा की रहने वाली निशिता राजपूत की। निशिता 12 साल की उम्र से ही गरीब बेटियों की एजुकेशन पर काम कर रही हैं। वो लोगों से दान लेकर लड़कियों की पढ़ाई में मदद करती हैं। निशिता उनकी फीस के पैसों का इंतजाम भी करती हैं। पिछले दस साल में अब तक वो 3.25 करोड़ रुपए की फीस भर चुकी हैं। इस साल उन्होंने 10 हजार बेटियों की पढ़ाई का खर्च उठाने का टारगेट रखा है।

151 छात्राओं की फीस भरने से की शुरुआत
28 साल की निशिता के पिता गुलाब सिंह भी समाज-सेवा के काम से जुड़े हुए हैं। वो गरीब और वंचित लोगों की मदद करते हैं। उन्हीं की प्रेरणा से निशिता के मन में भी बेटियों के लिए कुछ करने की इच्छा जागी। उन्होंने 2010 में 151 छात्राओं की फीस भरने से इस मुहिम की शुरुआत की थी। अब तक वो 30 हजार से ज्यादा छात्राओं की फीस भर चुकी हैं।

निशिता ने दस साल पहले गरीब तबके की बच्चियों की शिक्षा के लिए उनकी फीस भरने की मुहिम शुरू की थी।

निशिता बताती हैं- गरीब तबके की बच्चियों की पढ़ाई अक्सर पैसों की तंगी के चलते अधूरी रह जाती है। इसलिए मैंने विचार किया कि कुछ ऐसा करूं कि उनकी पढ़ाई बीच में न छूटे। फिर मैंने दानदाताओं से संपर्क करना शुरू किया। उनसे जो पैसे मिलते उसे बच्चियों की एजुकेशन में खर्च करती गई और मेरा मिशन आज यहां तक आ पहुंचा है। मेरा सपना ज्यादा से ज्यादा बच्चियों को शिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का है। इसके लिए अब मैं जिला स्तर पर भी कोशिश कर रही हूं।

हमने कुछ बच्चियों से बात की, तो उन्होंने बताया कि निशिता दीदी के चलते ही वो अपनी पढ़ाई कर पा रही हैं। दीदी फीस भरने के अलावा स्कूल बैग, कॉपी-किताबें देकर भी मदद करती हैं। त्योहारों पर अक्सर वो उनके लिए कपड़े भी लाती हैं।

निशिता गरीब तबके के छात्राओं की मदद के साथ-साथ बुजुर्ग नागरिकों के खाने के लिए टिफिन भी उपलब्ध कराती हैं।

बुजुर्गों के लिए टिफिन सर्विस भी चलाती हैं
सीनियर सिटिजन गोविंदभाई जरिया ने बताया- मैं वडोदरा की एक बस्ती में अकेला ही रहता हूं। आय का कोई साधन नहीं है। निशिता पिछले तीन साल से मेरे पास टिफिन पहुंचा रही हैं। मैं उनका बहुत आभारी हूं। बुजुर्ग महिला दमयंतीबेन भी निशिता की मुहिम की तारीफ करती हैं। दमयंतीबेन बताती हैं कि निशिता करीब साढ़े तीन सालों से उनके लिए रोज टिफिन पहुंचा रही हैं। इसके अलावा दवाई और कपड़ों का भी खर्च उठाती हैं। निशिता एक सगी बेटी की तरह मेरी सेवा कर रही हैं।

टिफिन पहुंचाने का काम महिलाएं करती हैं, जिससे इन महिलाओं को रोजगार भी मिला हुआ है। बच्चियों की पढ़ाई का खर्च उठाने के अलावा निशिता हर साल ऐसे दानदाताओं की तलाश भी करती हैं, जो 151 बच्चियों को अडॉप्ट कर उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाते हैं।

पढ़ाई के साथ-साथ निशिता छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीन जैसी चीजें भी उपलब्ध करा रही हैं।

वडोदरा के दानदाता प्रवीण भट्ट बताते हैं- निशिता का काम सराहनीय है। इसीलिए हम जैसे कई लोग उनसे जुड़े हुए हैं। उनके द्वारा ही हम इन बच्चियों को मदद कर पा रहे हैं। मैं और मेरे कई दोस्त समय-समय पर बच्चियों की फीस भरने के लिए उनके पास चेक पहुंचाते रहते हैं। यह सिलसिला पिछले 9 सालों से चल रहा है।

मेडिकल स्टोर और लैब में महिलाओं के लिए डिस्काउंट
निशिता ने जरूरतमंद महिलाओं के लिए शहर के 120 मेडिकल स्टोर और करीब 30 लैब में डिस्काउंट भी शुरू करवाया है। इसके तहत महिलाओं को मेडिकल स्टोर में 10% और लैब में 10 से 15% तक का डिस्काउंट मिलता है। इसका फायदा शहर की करीब 10 हजार महिलाएं ले रही हैं।



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वडोदरा की रहने वाली निशिता बच्चियों की फीस भरने के साथ उनके लिए कॉपी-किताब और स्कूल बैग का इंतजाम भी करती हैं। त्यौहारों पर उनके लिए कपड़े भी लाती हैं।


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नारियल टिकिया की इंस्टेंट रेसिपी, इसे शाम के नाश्ते में चाय के साथ भी सर्व कर सकते हैं



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Instant recipe of coconut tikia, can also be served with tea for evening snacks


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उस शख्सियत का जन्म, जिसकी वजह से नेत्रहीनों का पढ़ना-लिखना संभव हो पाया

फ्रांस में एक छोटा सा कस्बा है कुप्रे। यहां 1809 में आज ही के दिन जन्म हुआ लुई ब्रेल का। वही लुई ब्रेल, जिन्होंने नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया। लुई बचपन से नेत्रहीन नहीं थे, लेकिन बचपन में उनके साथ एक हादसा हुआ और उनकी आंखों की रोशनी चली गई। दरअसल, लुई के पिता साइमन रेले ब्रेल शाही घोड़ों के लिए काठी बनाने का काम किया करते थे। उन पर काम का बोझ ज्यादा रहता था। इसलिए उन्होंने अपनी मदद के लिए 3 साल के लुई को भी अपने काम में लगा लिया।

एक दिन लुई पिता के साथ काम करते वक्त वहां के औजारों से खेलने लगे। एक औजार उनकी आंख में लग गया। बहुत खून बहा। उस वक्त परिवार ने इसे मामूली चोट समझकर मरहम-पट्टी कर दी। जैसे-जैसे लुई की उम्र बढ़ रही थी, वैसे-वैसे घाव भी गहरा होता जा रहा था। 8 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लुई की आंखों की रोशनी चली गई।

ऐसे आया ब्रेल लिपि बनाने का आइडिया
लुई की उम्र उस वक्त 16 साल थी। उसी समय उनकी मुलाकात फ्रांस की सेना के कैप्टन चार्ल्स बार्बियर से हुई। चार्ल्स ने लुई को नाइट राइटिंग और सोनोग्राफी के बारे में बताया। इसी की मदद से सैनिक अंधेरे में पढ़ा करते थे। ये लिपि कागज पर उभरी हुई होती थी और 12 बिंदुओं पर आधारित थी। यहीं से लुई को ब्रेल लिपि का आइडिया आया।

लुई ने उसी लिपि में सुधार किया और 12 बिंदुओं की जगह 6 बिंदुओं में तब्दील कर दिया। लुई ने ब्रेल लिपि में 64 अक्षर और चिन्ह बनाए। इसमें विराम चिन्ह और संगीत के नोटेशन लिखने के लिए भी जरूरी चिन्ह बनाए गए। 1825 में लुई ने ब्रेल लिपि का आविष्कार कर दिया।

लुई ब्रेल का कहना था कि दुनिया में नेत्रहीन लोगों को भी उतना ही महत्व दिया जाना चाहिए, जितना आम लोगों को दिया जाता है।

1851 में उन्हें टीबी की बीमारी हो गई, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और 6 जनवरी 1852 को मात्र 43 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके निधन के 16 साल बाद 1868 में रॉयल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड यूथ ने इस लिपि को मान्यता दी। भारत सरकार ने 2009 में लुई ब्रेल के सम्मान में डाक टिकिट जारी किया था। इतना ही नहीं, लुई की मौत के 100 साल पूरे होने पर फ्रांस सरकार ने उनके दफनाए शरीर को बाहर निकाला और राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर पूरे राजकीय सम्मान के साथ दोबारा दफनाया।

दुनिया को मिली सबसे ऊंची इमारत
आज ही के दिन 2010 में दुबई में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा का उद्घाटन हुआ था। बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 828 मीटर है। इसका निर्माण 2004 से शुरू हुआ था। इसको बनाने में 1.10 लाख टन कॉन्क्रीट और 55 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ था।

बुर्ज खलीफा में 163 फ्लोर हैं। इसके 76वें फ्लोर पर दुनिया का सबसे ऊंचा स्वीमिंग पूल और 158वें फ्लोर पर दुनिया की सबसे ऊंची मस्जिद बनी है। 144वें फ्लोर पर दुनिया का सबसे ऊंचा नाइटक्लब है।

इस बिल्डिंग का बाहरी हिस्सा 26 हजार ग्लास से मिलकर बना है। इसी वजह से ये शीशे की तरह दिखती है। इसे बनाने के लिए रोज करीब 12 हजार मजदूरों ने काम किया। ऐसा बताया जाता है कि ऊंचाई के कारण बिल्डिंग के टॉप फ्लोर का टेम्परेचर ग्राउंड फ्लोर की तुलना में 15 डिग्री सेल्सियस कम रहता है।

बुर्ज खलीफा को बनाने में 2 अरब डॉलर का खर्च आया था।

भारत और दुनिया में 4 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :

  • 2016: भारत के 38वें मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया का निधन।
  • 2006: दुबई के शासक शेखमकतूम बिन रशीद अल मकतूम का निधन।
  • 2004: भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जफर उल्ला खान जमाली के बीच इस्लामाबाद में वार्ता आयोजित।
  • 1998: बांग्लादेश ने भारत को उल्फा महासचिव अनूप चेतिया को सौंपने से इनकार किया।
  • 1994: हिन्दी फिल्मों के मशहूर संगीतकार आरडी बर्मन का निधन।
  • 1990: पाकिस्तान में दो ट्रेनों की टक्कर में करीब 307 लोग मारे गए और उससे दोगुने घायल हुए।
  • 1972: नई दिल्ली में इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फारेंसिक साइंस का उद्घाटन।
  • 1966: भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के बीच ताशकंद में भारत-पाक वार्ता।
  • 1962: अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पहली स्वचालित (मानवरहित) मेट्रो ट्रेन चली।
  • 1951: चीन के सुरक्षाबलों ने कोरियाई युद्ध के दौरान सियोल पर कब्जा किया।
  • 1948: बर्मा (अब म्यांमार) ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा की।
  • 1932: ब्रिटिश ईस्ट इंडीज के वायसराय विलिंगडन ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को गिरफ्तार किया।
  • 1906: किंग जार्ज पंचम ने कलकत्ता (अब कोलकाता) के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल की आधारशिला रखी।
  • 1906: दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को एक विकेट से हराकर अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की।
  • 1762: इंग्लैंड ने स्पेन और नेपल्स पर हमले का ऐलान किया।
  • 1643: मशहूर भौतिक विज्ञानी आइजक न्‍यूटन का जन्‍म।
  • 1642: इंग्लैंड के किंग चार्ल्स ने 400 सैनिकों के साथ संसद पर हमला किया।


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Today History: Aaj Ka Itihas India World 4 January Update | Louis Braille Facts and Braille Script Invention Date, 1990 Pakistan Train Accident


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पहले एक महीने में 14 मुकदमे दर्ज हुए, 51 लोगों को जेल में भेजा गया; इनमें एक भी हिंदू नहीं

हाशिम पेशे से वकील हैं और बेहद डरे हुए हैं। उन्होंने नवंबर में उत्तर प्रदेश के एटा की रहने वाली एक हिंदू लड़की का धर्म-परिवर्तन करवाकर एक मुसलमान लड़के से शादी करवाई थी। अब हाशिम के परिवार के आठ सदस्य जेल में हैं। जिस लड़के ने हिंदू लड़की से शादी की थी, उसके भी पांच परिजन जेल में हैं। लड़की फिलहाल पुलिस सुरक्षा में हैं, लेकिन अभी तक अदालत में उसके बयान नहीं हो सके हैं।

हाशिम बताते हैं, 'मैंने 28 नवंबर को दिल्ली में शादी रजिस्टर करवाकर एटा के एसएसपी और जलेसर थाने के SHO को इस बारे में नोटिस और लड़की की तरफ से एक याचिका भेजी थी। पुलिस ने मुझसे कोई बात नहीं की। एक-एक करके मेरे रिश्तेदारों को उठाना शुरू कर दिया। लड़के के परिजनों को भी उठा लिया गया।'

यूपी पुलिस ने ये कार्रवाई लव जिहाद रोकने के लिए लाए गए नए अध्यादेश के तहत की है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 नवंबर को गैर कानूनी धर्म परिवर्तन रोकथाम अध्यादेश ( Prohibition of Unlawful Religious Conversion Ordinance, 2020 -PURC) को मंजूरी दी थी। इस अध्यादेश में लव जिहाद या किसी खास धर्म का उल्लेख नहीं है, लेकिन यूपी में इसे लव जिहाद के खिलाफ कानून कहा जा रहा है।

इस नए कानून के लागू होने के पहले एक महीने में यूपी में कुल 14 मुकदमे दर्ज किए गए, जिनके तहत 51 लोगों को जेल में भेजा गया। ये संयोग ही है कि जेल भेजे गए सभी लोग मुसलमान हैं। जो मुकदमे दर्ज हुए हैं उनमें से 13 में हिंदू युवतियों को बहला-फुसलाकर या दबाव डालकर उनका धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप लगाए गए हैं। दो मुकदमे पीड़ित महिलाओं की ओर से जबकि 12 रिश्तेदारों की तरफ से दर्ज करवाए गए हैं।

बिजनौर जिले में ऐसे तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। ऐसे ही एक केस में 18 साल के शाकिब को जेल भेजा गया है। उन पर एक नाबालिग दलित लड़की का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप हैं। बिजनौर के एसपी संजय कुमार ने शाकिब की गिरफ्तारी के बाद कहा था, 'लड़की को अपना नाम सोनू बताकर प्रेम जाल में फंसा लिया। उसपर धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाला। अगवा कर ले गया, लड़की किसी तरह उसके चंगुल से छूटी है।' इस मामले में लड़की, उसके पिता और परिवार के लोगों के पुलिस के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि लड़की पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था और वो कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं।

शाकिब के चचेरे भाई नफीस खान अब उनकी जमानत कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं। वो बताते हैं, 'वो उस दिन एक पार्टी में गया था। पास के गांव की लड़की भी साथ थी। पब्लिक ने दोनों को पकड़कर पुलिस को दे दिया। पुलिस ने लव जिहाद का झूठा केस लगाकर जेल भेज दिया है।'

5 दिसंबर को लव जिहाद कानून के तहत गिरफ्तार होने वाले पहले व्यक्ति राशिद खान 19 दिसंबर को रिहा हो गए। पुलिस को उनके खिलाफ जबरन धर्मांतरण कराने का कोई सबूत नहीं मिला। लेकिन, उनकी पत्नी पिंकी (जो अब नाम और धर्म बदलकर मुस्कान हो गई हैं) ने अपने पेट में पल रहा बच्चा खो दिया। पिंकी अब इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रही हैं। जबरन धर्म परिवर्तन का मुकदमा दर्ज होने के बाद पिंकी को उनकी ससुराल से अलग करके नारी सुरक्षा गृह में भेज दिया गया था। बाद में अदालत के आदेश पर उन्हें पति राशिद के घर भेजा गया। भर्राई आवाज में पिंकी कहती हैं, 'उन्होंने मेरे बच्चे को मार दिया।'

वहीं एक मुसलमान लड़के के साथ घर छोड़कर गई सीतापुर की एक हिंदू लड़की के पिता कहते हैं, 'जिनके भी नाम लिखकर दिए थे पुलिस ने सभी को पकड़ लिया। लेकिन हमारी बेटी अभी तक नहीं मिली है। हमें अपनी बेटी वापस चाहिए। वो उसका धर्म परिवर्तन करवा देंगे जो हमें किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है।'

यूपी में प्रेम-विवाह के मामलों का एक दूसरा पहलू भी है। नया कानून लागू होने के बाद से बरेली, मेरठ और कानपुर में मुसलमान लड़कियों के हिंदू लड़कों से शादी के मामले सामने आए हैं। लेकिन इनमें से किसी भी मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की है बल्कि मेरठ और बरेली में प्रेमी जोड़े को सुरक्षा भी दी है।

ऐसे में सवाल उठता है कि यूपी पुलिस कार्रवाई में भेदभाव कर रही है और सिर्फ मुसलमानों को निशाना बना रही है। इस सवाल पर यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कहते हैं, 'जहां कानून के तहत कोई शिकायत आती है तो पुलिस जांच करती है और कार्रवाई करती है। जहां कोई मैटर होता है कार्रवाई की जाती है, जहां कुछ नहीं होता वहां छोड़ा भी जाता है।'

लेकिन सिर्फ मुसलमान ही गिरफ्तार क्यों हो रहे हैं, इस सवाल पर सिद्धार्थ नाथ सिंह कहते हैं, 'ये प्रोपगेंडा विपक्ष के लोग चला रहे हैं, सरकार धर्म के आधार पर काम नहीं करती है, हमारा संविधान भी उसकी इजाजत नहीं देता है। हमारी नीति सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की है। ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें कुछ नहीं पाया गया और लोगों को छोड़ा भी गया है।'

वहीं रिटायर्ड IPS अधिकारी विभूति नारायण राय कहते हैं, 'पुलिस पर ये आरोप बिलकुल सही लग रहे हैं। एक ही दिन में दो मामले आए थे, एक जगह हिंदू लड़की ने मुस्लिम लड़के से शादी की थी जबकि दूसरी जगह मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के से शादी की थी। दोनों मामलों में पुलिस का रवैया बिलकुल अलग था।'

इसकी वजह बताते हुए राय कहते हैं, 'सरकार अगर निष्पक्ष हो और कानून का शासन लागू करना चाहे तो लव जिहाद जैसे कानून की जरूरत नहीं है। ये बदनीयती से लाया गया कानून है, उसी तरह लागू किया जा रहा है।
इसका समाज पर बुरा असर पड़ेगा। एक तरह से हम पीछे जा रहे हैं।'

राय कहते हैं, 'पहले यूपी में सरकार अंतर-धार्मिक विवाहों और अंतरजातीय विवाहों को बढ़ावा दे रही थी। अंतर धार्मिक विवाह होंगे तो कट्टरता खत्म होगी, अंतरजातीय शादियां होंगी तो जातिवाद खत्म होगा। लेकिन सरकार अब इन्हें बढ़ावा देने के बजाए इन्हें रोक रही है। पुलिस सरकार के इशारे पर चल रही है इसलिए पक्षपातपूर्ण दिख रही है।'

इस नए अध्यादेश ने उन लोगों के मन में डर पैदा किया है जो धर्म की बंदिशों को पार कर प्रेम करने की हिम्मत कर रहे थे। ऐसे ही एक लड़के ने फोन पर बताया, 'अब हमें यूपी से बाहर भी जाना पड़ सकता है।' वहीं हाशिम को अदालत में लड़की के बयान दर्ज होने का इंतजार है। वो नहीं जानते कि लड़की क्या बयान देगी। यदि बयान उनके खिलाफ हुआ तो उनके परिजनों को जेल में लंबा वक्त बिताना पड़ सकता है। हाशिम कहते हैं, 'मैंने एक वकील के तौर पर अपने क्लाइंट के लिए पेशेवर काम किया। मुझे नहीं पता था कि मैं इतनी बड़ी मुसीबत में फंस जाउंगा। मेरा पूरा घर खाली पड़ा है, लॉक लगा है। मैं डर में जी रहा हूं।'



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In the first one month, 14 cases were filed, 51 people were sent to jail, not a single Hindu among them


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PM मोदी करेंगे कॉन्क्लेव का शुभारंभ; एटॉमिक टाइमस्केल का लोकार्पण भी होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो बड़े कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पहले वह नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव (National Metrology Conclave) का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वह दुनियाभर के मेट्रोलॉजी से जुड़े वैज्ञानिकों को संबोधित भी करेंगे। इसके अलावा PM मोदी नेशनल एन्वायरमेंटल स्टैंडर्ड्स लैब (National Environmental standard lab) और नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल (National Atomic Timescale) का लोकार्पण भी करेंगे। ये सारे कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शामिल होंगे।

क्या है इन लैब्स की खासियत?

  • नेशनल एटॉमिक टाइमस्‍केल भारतीय मानक समय 2.8 नैनो सेकंड की सटीकता के साथ देता है।
  • नेशनल मेट्रोलॉजी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए लैब में जांच और मेजरमेंट में सहयोग करेगी।
  • नेशनल एन्वायरमेंटल स्टैंडर्ड्स लैब में उन डिवाइस की क्वालिटी चेक की जाएगी जिसके जरिए वायु और औद्योगिक प्रदूषण और उत्सर्जन की जांच की जाती है।

कल मोदी कोच्चि–मंगलुरू नेचुरल गैस पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे
पीएम मोदी 5 जनवरी को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोच्चि-मंगलुरू नेचुरल गैस पाइपलाइन का शुभारंभ करेंगे। यह प्रोग्राम ‘एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड’की योजना को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
450 किलोमीटर की इस पाइपलाइन को गेल (इंडिया) लिमिटेड ने तैयार किया है। इसकी ट्रांसपोर्टेशन क्षमता 1.20 लाख मीट्रिक मानक घन मीटर प्रतिदिन है। यह कोच्चि (केरल) में लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (LNG) रीगैसिफिकेशन टर्मिनल से मंगलुरु (दक्षिणा कन्नड़ जिला, कर्नाटक) तक नेचुरल गैस ले जाएगा।

ये पाइपलाइन एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से होकर गुजरेगी। परियोजना की कुल लागत लगभग तीन हजार करोड़ रुपये है। यह पाइपलाइन घरों तक पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) पहुंचाएगा। इसकी मदद से ट्रांसपोर्ट एरिया को CNG मिलेगी।



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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनियाभर के मेट्रोलॉजी से जुड़े वैज्ञानिकों को संबोधित भी करेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शामिल होंगे। (फाइल फोटो)


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जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस की बेंच सुनवाई करेगी; अवमानना मामले यूयू ललित की बेंच देखेगी

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं के सुनवाई के लिए जजों की बेंच का आज से नया रोस्टर लागू हो जाएगा। अलग-अलग तरह के मामलों के लिए कोर्ट ने अलग-अलग बेंच तय कर दी है। जनहित और पत्र याचिकाओं पर चीफ जस्टिस ( CJI) एसए बोबडे, जस्टिस रमाना, जस्टिस नरीमन, जस्टिस ललित, जस्टिस खानविलकर, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नागेश राव की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस कई अन्य तरह के मामलों की बेंच में भी शामिल होंगे।

कौन सी बेंच किस तरह के मामलों की सुनवाई करेगी?

  • चुनाव, सामाजिक न्याय और हैबियस कॉर्पस के मामले CJI की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने रखे जाएंगे।
  • कोर्ट की अवमानना के मामलों पर CJI और जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।
  • धार्मिक और चैरिटेबल (धर्मार्थ) से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच को दिया गया है।
  • मध्यस्थता के मामलों को CJI, जस्टिस रमना, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंचों को दिया गया है।

रोस्टर सिस्टम पर चार जजों ने उठाए थे सवाल
2018 में सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने चीफ जस्टिस पर वरिष्ठता को दरकिनार करके मामले आवंटित करने का आरोप लगाया था। चारों जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह आरोप लगाया था। इसी के बाद तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्र ने फरवरी 2018 में सब्जेक्ट वाइस रोस्टर सिस्टम की शुरुआत की थी।



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2018 में सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने चीफ जस्टिस पर वरिष्ठता को दरकिनार करके मामले आवंटित करने का आरोप लगाया था। (फाइल फोटो)


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आज फिर किसानों की सरकार से मीटिंग, दो मसले अब भी अनसुलझे; आज नहीं बनी बात, तो आगे क्या होगा?

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 40वां दिन है। आज ही दिल्ली में 8वीं बार सरकार और किसान फिर साथ बैठेंगे। 30 दिसंबर को हुई बैठक में दो मसले सुलझा लिए गए थे। लेकिन दो मसले अभी भी अनसुलझे ही हैं। इन्हीं दोनों मसलों पर आज बात होनी है। अगर बात बन जाती है, तो हो सकता है कि आंदोलन खत्म हो जाए। लेकिन सवाल ये है कि अगर आज भी बात नहीं बनी तो क्या होगा? कितना लंबा चलेगा किसान आंदोलन? कितने किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल हैं? क्या सभी की यही मांगें हैं? आइए जानते हैं...

आंदोलन में कितने किसान संगठन शामिल हैं?
किसान आंदोलन में 35 संगठनों के नाम सामने आए हैं। इनमें से 31 अकेले पंजाब के हैं और बाकी 4 हरियाणा-मध्य प्रदेश के हैं। इन 35 में से 10 किसान संगठन ऐसे हैं, जिनका राजनीतिक पार्टियों से कनेक्शन है। इनमें 8 पंजाब के हैं और 2 हरियाणा-मध्य प्रदेश के।

किसान संगठनों के चर्चित चेहरे कौन से हैं?
1. गुरनाम सिंह चढूनी:
हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं। 60 साल के गुरनाम कुरुक्षेत्र के चढूनी गांव के रहने वाले हैं। बीते दो दशकों से किसानों के मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहे हैं। चढूनी सियासत में भी हाथ आजमा चुके हैं। वो पिछले साल बतौर निर्दलीय प्रत्याशी हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी पत्नी बलविंदर कौर भी 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ चुकी हैं।

2. डॉक्टर दर्शन पालः क्रांतिकारी किसान यूनियन से जुड़े हैं। एमबीबीएस-एमडी डॉक्टर दर्शन पाल कई साल तक सरकारी नौकरी कर चुके हैं। करीब 20 साल पहले नौकरी छोड़ी और तब से अब तक किसानों की आवाज उठा रहे हैं। डॉक्टर दर्शन पाल किसान नेतृत्व के उन चेहरों में शामिल हैं जो क्षेत्रीय भाषाओं के साथ ही अंग्रेजी में भी किसानों की बात पूरी मजबूती से मीडिया के सामने रखते हैं।

3. बलबीर सिंह राजेवालः 77 साल के बलबीर भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उनकी औपचारिक पढ़ाई भले ही सिर्फ 12वीं कक्षा तक हुई है लेकिन उनका अध्ययन इतना अच्छा रहा है कि यूनियन का संविधान भी उन्होंने ही लिखा है। इस वक्त वो भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के अध्यक्ष भी हैं। ये संगठन पंजाब में किसानों के बड़े संगठनों में से एक है।

4. जोगिंदर सिंह उगराहांः पंजाब के सबसे मजबूत और सबसे बड़े किसान संगठनों में से एक भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के अध्यक्ष हैं। जोगिंदर सिंह रिटायर्ड फौजी हैं। दिल्ली पहुंचे किसानों में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा है जो जोगिंदर के नेतृत्व में यहां आए हैं।

5. जगमोहन सिंहः फिरोजपुर के रहने वाले जगमोहन भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के नेता हैं। पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के बाद इसी संगठन को सबसे मजबूत माना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के बाद से ही जगमोहन सिंह पूरी तरह से सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित हो गए।

6. राकेश टिकैतः उत्तर प्रदेश से आने वाले राकेश टिकैत एक जमाने में किसानों के सबसे बड़े नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। माना जा रहा है कि सरकार से बातचीत और सुलह का रास्ता खोजने की कोशिशों में किसानों की तरफ से टिकैत ही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

क्या इन सभी किसान संगठनों की एक ही मांगें हैं?
हां, आंदोलन कर रहे सभी किसान संगठनों की 4 प्रमुख मांगें हैं। एक और संगठन है, जिसकी अलग मांगें हैं। उसके बारे में नीचे बात करेंगे। पहले इन किसान संगठनों की मांगों की बात करते हैं।

  1. किसान खेती से जुड़े तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि कानूनों से कॉर्पोरेट घरानों को फायदा होगा।
  2. किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकार की तरफ से लिखित आश्वासन चाहते हैं।
  3. बिजली बिल कानून का भी विरोध है। सरकार 2003 के बिजली कानून को संशोधित कर नया कानून लाने की तैयारी कर रही थी। किसानों का कहना है कि इससे किसानों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी।
  4. किसानों की एक मांग पराली जलाने पर लगने वाले जुर्माने का प्रस्ताव भी है। इसके तहत पराली जलाने पर किसान को 5 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।

जो एक संगठन है, उसकी मांगें क्या हैं?
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और कुछ लेफ्ट समर्थित किसान संगठनों की इन 4 मांगों से हटकर भी कुछ अलग मांगें हैं। ये वही संगठन हैं, जिन्होंने आंदोलन के दौरान जेल में बंद शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे लोगों की रिहाई के पोस्टर दिखाए थे। हालांकि, इन संगठनों की मांगों को इतना समर्थन नहीं मिल रहा है। इन लोगों की मांगें क्या हैं? जानते हैं...

  1. बिजली बिल (2020) समेत तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
  2. MSP पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं।
  3. जितने भी एक्टिविस्ट्स, बुद्धिजीवियों और छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें रिहा किया जाए। साथ ही उन पर लगे सभी आरोप हटाए जाएं।
  4. पराली के लिए उचित व्यवस्था की जाए या फिर एक क्विंटल धान पर 200 रुपए का बोनस दिया जाए, ताकि किसान खुद व्यवस्था कर लें।
  5. किसानों को जो कर्ज दिया गया है, उसके ब्याज पर ब्याज न लगाया जाए।

सरकार ने अभी कितनी मांगों को मान लिया है?
सरकार ने 30 दिसंबर को हुई मीटिंग में किसान संगठनों की चार में से दो मांगों को मान लिया है। पहली है पराली जलाने पर कोई केस दर्ज नहीं होगा। सरकार इस प्रावधान को हटाने को राजी हो गई है। दूसरी है बिजली बिल में बदलाव नहीं करने की। सरकार ने इस कानून को बनाने से मना कर दिया है।

तो अब कौनसी मांगें बची हैं?
अभी किसानों की दो मांगे बची हुई हैं। पहली मांग ये है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। और दूसरी मांग ये है कि MSP पर सरकार कानून बनाए।

अब दो स्थिति बनती हैं, बात बनी तो क्या होगा? नहीं बनी तो क्या होगा?

बात बनी, तो क्या होगा?
अगर सरकार आज किसानों की बाकी दोनों मांगें मान लेती है, तो 40 दिन से चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। किसान संगठनों का कहना है, 'तीनों कृषि कानूनों के रद्द होने और MSP पर कानून बनाने की मांग पूरी होने तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।'

बात नहीं बनी, तो क्या होगा?
आंदोलन तो खत्म होने से रहा, बल्कि इससे भी और बड़ा रूप ले सकता है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह का कहना है, 'हम ये आंदोलन देश को बचाने के लिए कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि 4 तारीख को मामला निपट जाए, लेकिन अगर नहीं निपटता है तो हम इस आंदोलन को और तेज कर देंगे।'

दिवाकर सिंह का कहना है कि अगर आज बात नहीं बनती है, तो 6 या 7 जनवरी से हम ट्रैक्टर रैली करेंगे। इसके साथ ही जो आंदोलन अभी दिल्ली तक सीमित है, उसे बढ़ाकर अब पूरे देश में ऐसे ही आंदोलन किए जाएंगे। इन अलावा 26 जनवरी के दिन राजपथ पर परेड निकाली जाएगी। उनका कहना है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से ही आंदोलन करेंगे। वो ये भी कहते हैं कि अब सबकुछ सरकार पर निर्भर करता है, वो क्या चाहती है? वो आंदोलन जारी रहने देना चाहती है या आंदोलन खत्म करना चाहती है?



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Narendra Singh Tomar Farmers Meeting Explainer | When Will Kisan Andolan End? Delhi Singhu Border Latest News And Update


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विटामिन-C की ज्यादा मात्रा किडनी डैमेज कर सकती है, सप्लीमेंट के फॉर्म में ज्यादा खतरनाक

पिछले साल की शुरुआत में कोरोना ने दस्तक दी। इससे पहले कि दुनिया इसे थोड़ा-बहुत समझ पाती, यह कोने-कोने में फैल गया। मार्च आते-आते भारत में भी इसने पैर पसार लिए। इसका कारण और इलाज तब-तक किसी के पास नहीं था। डॉक्टरों ने बताया कि इम्यून सिस्टम जितना स्ट्रॉन्ग रहेगा, हम कोरोना से उतना ही सुरक्षित रहेंगे।

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए डॉक्टरों ने विटामिन-C लेने की सलाह दी। लोगों ने सप्लीमेंट, फलों, सब्जियों समेत विटामिन युक्त चीजों को खूब खाया। लेकिन, अब अमेरिका के एक्सपर्ट्स का कहना है कि जरूरत से ज्यादा विटामिन-C बैक-फायर यानी नुकसान कर सकता है।

रायपुर में डायटीशियन डॉ. निधि पांडे कहती हैं कि सप्लीमेंट या दवाइयों के फॉर्म में विटामिन-C का ज्यादा सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं है। यह न केवल हमारे डाइजेशन पर बुरा असर डालता है बल्कि इसके और भी कई नुकसान हैं।

ज्यादा विटामिन-C के सेवन हो सकते हैं ये 4 नुकसान

  1. जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है आयरन, हो सकती हैं दूसरी बीमारियां
    विटामिन-C आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है, इसमें आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। आयरन शरीर के लिए बहुत जरूरी तो है, लेकिन अगर यह ज्यादा हो जाए तो कई बीमारियों की वजह बनता है। आयरन की अधिकता होने से शरीर के इंटरनल ऑर्गन डैमेज होते हैं। साथ ही ब्रेन पर भी बुरा असर पड़ता है।
  2. किडनी खराब होने का खतरा
    विटामिन-C के ज्यादा सेवन से किडनी पर असर बुरा असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक किडनी पर प्रेशर नॉर्मल से 40% ज्यादा तक बढ़ जाता है। ऐसे में किडनी डैमेज होने का जोखिम भी बना रहता है। साथ ही यह स्टोन यानी पथरी की वजह बन सकता है।
  3. शरीर में हो सकता है न्यूट्रिएंट का असंतुलन
    जरूरत से ज्यादा विटामिन-C के सेवन को लेकर जो सबसे बड़ी चिंता है, वह है शरीर में दूसरे न्यूट्रिएंट का असंतुलन या इम्बैलेंस होना। जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो यह शरीर की दूसरे न्यूट्रिएंट ऑब्जर्व करने की क्षमता को कम कर देता है। यानी शरीर दूसरे न्यूट्रिएंट को उतनी मात्रा में नहीं लेगा, जितने की जरूरत होती है। इसके चलते शरीर में पोषक तत्व असंतुलित हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, विटामिन-C शरीर में विटामिन B-12 और तांबे के स्तर को कम कर सकता है।
  4. इनसोम्निया की वजह बन सकता है
    विटामिन-C एक ऐसा न्यूट्रिएंट है जो शरीर के इम्यून सेल को बहुत एक्टिव कर देता है। यानी शरीर एक्टिव रहता है, थकान नहीं होती। इसके अलावा भी यह कई मायनों में हमें एक्टिव रखता है। लेकिन, जब इसका स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है तो यह रात में शरीर को सोने के मोड में जाने से रोकता है। यानी ज्यादा विटामिन-C इनसोम्निया की वजह बन सकता है।

अगर सप्लीमेंट के फॉर्म में ले रहे हैं तो यह ज्यादा खतरनाक

  • अगर आप दिन में दो संतरे या दो नींबू ले रहे हैं तो यह आपके शरीर में एक दिन के विटामिन-C के लिए बहुत है। लेकिन क्या आपको पता है कि विटामिन-C के सप्लीमेंट में इसकी मात्रा कितनी होती है? डॉ. निधि बताती हैं कि टैबलेट और पावडर की फॉर्म में दुकानों पर उपलब्ध विटामिन-C सप्लीमेंट की आधी टैबलेट या पावडर का आधा चम्मच हमें दो संतरे से कहीं ज्यादा विटामिन-C देता है। अब आप सोचिए कि कहीं आप उनमें से तो नहीं, जो इस तरह के सप्लीमेंट रोज या दिन में दो बार लेते हैं? अगर ऐसा है तो इन्हें लेना आज ही बंद कर दें।
  • एक्सपर्ट्स के मुताबिक सप्लीमेंट के फॉर्म में लिये जाने वाले विटामिन-C में दवाइयों को प्रिजर्व करने वाले केमिकल्स का भी इस्तेमाल होता है। ये हमारी किडनी पर प्रेशर डालते हैं। इसके अलावा कलर और फ्लेवर भी इनमें डाला जाता है। सप्लीमेंट के फॉर्म में विटामिन-C का सेवन फायदे से ज्यादा नुकसानदेह है।

एक लिमिट में नेचुरल विटामिन-C जरूरी

  • डॉ. निधि पांडे कहती हैं कि न केवल बेहतर इम्यून सिस्टम, बल्कि मजबूत आई साइट के लिए भी विटामिन-C जरूरी है। विटामिन-C युक्त फलों और सब्जियों को इग्नोर करना भी कतई ठीक नहीं है। हम नेचुरल सोर्स से रोज एक लिमिट में विटामिन-C ले सकते हैं।
  • डॉ. निधि कहती हैं कि विटामिन-C युक्त ज्यादातर चीजें या तो खट्टी होती हैं या फिर खट्टी-मीठी, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर खट्टी या खट्टी-मीठी चीज में विटामिन-C हो। उदाहरण के तौर पर विनेगर भी खट्टा होता है, लेकिन उसमें एसेटिक एसिड पाया जाता है जो विटामिन-C नहीं है। जबकि विटामिन-C में साइट्रिक एसिड पाया जाता है।


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Excess vitamin-C can cause kidney damage, and even more dangerous in the form of supplement, know how and how much to take?


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जानलेवा बने 5 मिनट में कर्ज देने वाले इंस्टेंट लोन ऐप; जानें क्या है फ्रॉड? इसमें चीन का नाम क्यों आ रहा?

पहले तीन कहानियां पढ़िए….

पहली कहानी: 16 दिसंबर को 28 साल के वी सुनील ने अपने पांच महीने के बेटे को फांसी पर लटका कर मार डाला। फिर दूसरे कमरे में जाकर खुद भी आत्महत्या कर ली। तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में रहने वाले सुनील की लॉकडाउन के दौरान नौकरी चली गई थी। घर चलाने के लिए उन्होंने इंस्टेंट लोन ऐप से लोन लिया था। लेकिन, वो इसे चुका नहीं सके।

हजारों में लिया उनका लोन 2 लाख के कर्ज में बदल गया। लोन देने वाले ऐप के लोग उन्हें फोन करके भद्दी-भद्दी गालियां देते। FIR और बैंक अकाउंट ब्लॉक कराने की धमकी देते थे। इससे परेशान होकर सुनील ने मौत चुनी।

दूसरी कहानी: 12 दिसंबर को 24 साल की किर्नी मोनिका ने जहर खा लिया। दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। मोनिका एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ऑफिसर थीं। उन्होंने इंस्टेंट लोन ऐप से 5 हजार का लोन लेकर कुछ किसानों की मदद की थी। कुछ ही महीनों में लोन 2.6 लाख के कर्ज में बदल गया।

रकम नहीं चुकाने की वजह से लोन ऐप वालों ने उनकी फोटो को व्हाट्सएप पर उनके सभी कॉन्टैक्ट्स को भेज दिया। उसमें लिखा कि मोनिका ने उनसे लोन लिया है, अगर वे उन्हें कहीं दिखाई देती हैं, तो उनसे लोन की रकम लौटाने के लिए कहें। मोनिका इस बेइज्जती को सह नहीं पाईं और उन्होंने जहर खा लिया।

तीसरी कहानी: 14 दिसंबर को तेलंगाना के नलगोंडा जिले में रहने वाले 36 साल के संतोष ने जहर खा लिया। संतोष रामगुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड में साइट इंचार्ज थे। 23 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।

संतोष ने अपने दोस्त को भेजे वीडियो में बताया कि वो किस तरह इन लोन ऐप्स के जाल में फंसे। संतोष ने लॉकडाउन के दौरान चार अलग-अलग लोन ऐप्स से कुल 51,176 रुपए उधार लिए। लेकिन चंद महीनों में उनके ऊपर 50 हजार तो सिर्फ ब्याज की रकम हो चुकी थी।

अब खबर पर आते हैं….

तेलंगाना में पिछले दिनों इंस्टेंट लोन ऐप से लोन देने वाली कंपनियों के खिलाफ लगातार मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अब तक अकेले हैदराबाद पुलिस इस तरह के 27 मामले दर्ज कर चुकी है। अलग-अलग इलाकों में करीब सौ केस सामने आ चुके हैं। पिछले हफ्ते हुई धरपकड़ में तीन चीनी मूल के लोगों समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार हुए हैं। मामला सामने आने के बाद हैदराबाद, साइबराबाद और रचकोंडा के पुलिस कमिश्नर ने गूगल से संपर्क करके इस तरह के करीब 200 ऐप्स को ब्लॉक करने को कहा है।

गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर मौजूद ऐसे सैकड़ों लोन ऐप कर क्या रहे हैं?

  • इस रैकेट में इंस्टेंट पर्सनल लोन ऑफर करने वाले मोबाइल ऐप शामिल हैं। इन्हें आप आसानी से गूगल प्ले स्टोर या एपल के ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। ये ऐप जो लोन देते हैं, उन पर 35% तक ब्याज लेते हैं। इनका किसी भी बैंकिंग या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन से कोई संबंध नहीं होता है।

  • ऐप डाउनलोड करने के बाद आपको अपनी पर्सनल डीटेल, तीन महीने की बैंक स्टेटमेंट, आधार कार्ड की कॉपी और पैन कार्ड की कॉपी ऐप पर अपलोड करनी होती है। इस चंद मिनट की प्रॉसेस के बाद आपको एक हजार से 50 हजार तक का लोन मिल सकता है।

  • ये लोन सात दिन के कुछ महीनों तक के लिए होता है। इस लोन पर हाई इंट्रेस्ट रेट के साथ कई तरह की फीस लगती हैं। जैसे अगर कोई 5 हजार का लोन लेता है तो ऐप कंपनी 1,180 रुपए तो सिर्फ प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी के नाम पर ले लेती है। यानी, लोन आपने 5 हजार का लिया और आपको मिलेंगे 3,820 रुपए।

  • वहीं, अगर आप बैंक और दूसरे नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से लोन लेते हैं, तो ये प्रोसेसिंग फीस आमतौर पर लोन की रकम की एक फीसदी के आसपास होती है। इसका मतलब है कि अगर आप पांच लाख रुपये का लोन लेते हैं, तो प्रोसेसिंग फीस के तौर पर आपको 5,000 रुपये से भी कम देने होते हैं।

  • इस तरह के ऐप महीने, हफ्ते यहां तक कि दिन के हिसाब से भी ब्याज वसूलते हैं। इसके लिए इन्होंने गुड़गांव, हैदराबाद जैसे शहरों में कॉल सेंटर बना रखे हैं। जहां से टेली-कॉलर और रिकवरी एजेंट उधार लेने वालों से बात करते हैं।

कौन से ऐप इस गोरखधंधे में शामिल हैं?

तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, इस तरह के इंस्टेंट लोन कई ऐप ऑफर कर रहे हैं। इनमें कैश मामा, धनधनाधन लोन, कैश अप, लोन जोन, कैश बस, मेरा लोन, हे फिश, मंकी कैश, कैश एलीफेंट, वाटर एलीफेंट, क्विक कैश, लोन जोन, लोन क्लाउड, किश्त, इंस्टारुपए लोन, फ्लैश रुपए-कैश लोन, मास्टरमेल्नो कैशरेन, गेटरुपे, ईपे लोन, पांडा आईक्रेडिट, ईजी लोन, रूपे क्लिक, ओकैश, कैशमैप, स्नैपिट, रैपिड रुपे, रेडीकैश, लोन बाजार, लोनब्रो, कैश पोस्ट, रूपीगो, कैश पोर्ट, रश, प्रो फॉर्चून बैग, रूपीलोन, रोबोकैश, कैशटीएम, उधार लोन, क्रेडिट फ्री जैसे ऐप इसमें शामिल थे। इनमें से कुछ को ऑनियन क्रेडिट और क्रेडफॉक्स टेक्नोलॉजिस नाम की कंपनियां चला रही थीं।

35% तक इंटरेस्ट लेने वाले ये ऐप काम कैसे करते हैं?

  • ऐप डाउनलोड करने के बाद आप जैसे ही फॉर्मेलिटीज पूरी करते हैं। आपके अकाउंट में लोन का पैसा आ जाता है। लोन लेने वाले को अपना और अपने परिवार का फोन नंबर ऐप कंपनी से शेयर करना होता है।

  • एक ऐप से लोन लेने के साथ ऐसे ही 20-30 और ऐप्स से आपके पास फोन आने शुरू होते हैं। ये लोग कस्टमर को और लोन देने का ऑफर करते हैं। कई लोग इन ऐप्स से और लोन ले लेते हैं। इन ऐप्स से लिए लोन पर 35% तक का इंटरेस्ट रेट लगता है। ड्यू डेट पर किस्त नहीं चुकाने पर अगले दिन से फ्लैट 3 हजार रुपए तक की पेनल्टी हर रोज लगती है।

  • कई लोग पहला उधार चुकाने के लिए दूसरे ऐप और दूसरा उधार चुकाने के लिए तीसरे ऐप से लोन लेते हैं और इसी के साथ इन लोन ऐप्स के जाल में फंसते चले जाते हैं।

जब इतना ज्यादा इंटरेस्ट लगता है तो लोग लोन लेते क्यों हैं?

इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि ये ऐप्स लोन देने से पहले आपकी इनकम का कोई प्रूफ नहीं मांगते। आपका सिबिल स्कोर चेक नहीं करते। सिबिल वो स्कोर होता, जिससे लोन देने वाली कंपनियां आपकी लोन चुका पाने की कैपेबिलिटी देखती हैं। इससे पता चलता है कि आपने कहीं अपने पिछले लोन चुकाने में कोई डिफॉल्ट तो नहीं किया। कुछ ऐप्स आपकी इनकम प्रूफ और सिबिल स्कोर देखते हैं। लेकिन, ऐसे ऐप्स गिने-चुने हैं।

RBI इन ऐप्स पर कोई कदम क्यों नहीं उठा रहा?

  • पिछले साल जून में इन ऐप्स को लेकर RBI ने एक एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि कई ऐप्स ऐसे हैं जो इस बात की जानकारी नहीं दे रहे हैं कि वो किस बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (NBFC) से जुड़े हैं।

  • वैसे RBI ने भी इन एप्स के लिए कोई रेगुलेशंस नहीं बनाए हैं। सिर्फ RBI रजिस्टर्ड बैंक और राज्यों के कानूनों के हिसाब से काम करने वाले NBFC ही लोन दे सकते हैं। इसी वजह से लोन देने वाले मोबाइल ऐप्स से लोन लेने से पहले उसका बैकग्राउंड जरूर वैरिफाई करें।

गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिक कौन हैं?

  • झू वेई एग्लो टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड, ल्यूफैंग टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड, नैबलूम टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड और पिनप्रिंट टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड नाम की चार कंपनियों के ओवरऑल हेड हैं। ये सभी कंपनियां इसी तरह के लोन ऐप्स चलाती हैं। इन कंपनियों ने करीब 1.4 करोड़ ट्रांजेक्शन में 21 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेनदेन किया। ये लेनदेन अलग-अलग पेमेंट गेटवे, बैंक अकाउंट्स के साथ ही बिटक्वाइन में भी हुआ। इनमें से ज्यादातर पिछले छह महीने के दौरान हुआ है।

  • ये बाई उर्फ डेनिस सिंगापुर बेस्ड जिकाई होल्डिंग्स लिमिटेड नाम की कंपनी के COO हैं। ये कंपनी स्काइलाइन इनोवेशन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम करती है। साइबराबाद पुलिस के मुताबिक, बाई फरवरी 2020 में बिजनेस वीजा पर भारत आया था। वह पूरे देश में कंपनी के कॉल सेंटर एस्टैब्लिश कर रहा था।

  • लियेन थियेन थियेन नाम की चीनी महिला को पुणे के एक कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया गया। थियेन ने परशुराम लुहे ताक्वे नाम के भारतीय से शादी की। ताक्वे उस कंपनी का डायरेक्टर है, जो 2013 से देश में कॉल सेटंर सर्विस प्रोवाइड करती है। थियेन 2016 से भारत में डिपेंडेंट वीजा पर रह रही थी। पुलिस के मुताबिक, वह कंपनी के डे-टू-डे काम मैनेज करती थीं।



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Instant Loan Apps China Connection; What Is? Scam Caught In Hyderabad, List Fraud Loan Apps Removed Google Play Store


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एक्सपर्ट्स को उम्मीद- अप्रैल से जून 2020 के मुकाबले नए साल में मार्च तक 3 गुना नई नौकरियां मिलेंगी

2021 में अलग-अलग सेक्टर्स का क्या हाल रहेगा? उनके सामने क्या चुनौतियां हैं और इनमें क्या बड़े बदलाव हो सकते हैं? नए साल के मौके पर हम इन मुद्दों पर जाने-माने विशेषज्ञों की राय आपके सामने ला रहे हैं। तो आइये आज जानते हैं, देश में नौकरियों को लेकर Freshersworld.com & TeamLease.com के वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड कौशिक बनर्जी क्या कहते हैं...

नौकरियों के लिहाज से 2020 अनिश्चितताओं भरा साल रहा। 2008 की मंदी के दौरान 5 लाख नौकरियां गई थीं, मगर 2020 में महामारी के चलते 3 करोड़ नौकरियां चली गईं।

CMIE के कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के मुताबिक, अकेले नवंबर 2020 में 35 लाख लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ीं। अब जब नए साल में जनवरी से ही कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने को है, माना जा सकता है कि 2021 नौकरियों के लिहाज से अच्छा गुजरेगा।

अगर फ्रेशर्स की बात करें, तो उनके लिए हालात अभी अनिश्चित है। ऐसे ज्यादातर फ्रेशर्स को अपनी जॉब गंवानी पड़ी, जिन्हें हायर तो 2019 में किया गया था, मगर उन्हें ज्वाइन 2020 में करना था। वे कभी ज्वाइन नहीं कर सके। इनमें से ज्यादातर ने सितंबर-नवंबर 2020 के बीच में अपने टर्मिनल एग्जाम भी पूरे कर लिए।

2020-21 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के बीच हायरिंग में पहली और दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से सितंबर के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। अब आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच हायरिंग 3 गुना बढ़ने की उम्मीद है।

फिनटेक, एडुटेक, ऑटो और BPO जैसे सेक्टर्स में नौकरियां

आईटी, ई-कॉमर्स, फिनटेक (फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी), एडुटेक (एजुकेशन टेक्नोलॉजी) जैसे रेगुलर सेक्टर्स के अलावा ऑटो सेक्टर में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल सेगमेंट, BPO, रीटेल में फ्रंट ऑफिस और रिसेप्शनिस्ट, फील्ड सेल्स, एकाउंटेंट की जॉब्स में पिछले तीन महीनों के दौरान अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इन जॉब्स में 60% से 75% के बीच औसत बढ़ोतरी के साथ 300% की अधिकतम बढ़ोतरी दर्ज की गई।

जिनसे उम्मीद नहीं, ऐसे शहरों में नौकरियों के ऑफर

विजयवाड़ा, मैसूर, कोच्चि, कोयम्बटूर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, इंदौर, पटना, लुधियाना, भुवनेश्वर और बिशाखापत्तनम जैसे शहरों में नौकरियां बढ़ी हैं, जहां से आमतौर पर ऐसे ऑफर नहीं आते।

ई-लर्निंग से स्किल्स में कर रहे इजाफा

अप्रैल 2020 से तमाम लोग स्किलिंग और री-स्किलिंग में जुटे हैं। यानी लोग अपने स्किल्स में तेजी से इजाफा कर रहे हैं। आज कई ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म मुफ्त या बेहद रियायती कीमतों पर स्किल बढ़ाने वाले कोर्स करा रहे हैं।

कंपनियों में जॉब्स का बेसब्री से इंतजार कर रहे फ्रेशर्स दोनों हाथों से ऐसे कोर्सेस के ऑफर को लपक रहे हैं। दूसरी तरफ ज्यादातर कंपनियों के L&D departments (learning and development) सभी स्तरों पर अपने मौजूदा वर्कफोर्स के स्किल्स बढ़ाने में व्यस्त हैं।

इंडस्ट्रीज जिनमें लोग इंडस्ट्री ओरिएंटेड कोर्स और सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं…

  • आईटी- नए दौर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Phython के साथ डेटा साइंस, एनालिटिक्स, ML(मशीन लर्निंग) और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में अपने स्किल्स डेवलप कर रहे हैं।

  • कोर इंजीनियरिंग- सिविल मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल

  • एविएशन और टूरिज्म

  • लॉजिस्टिक्स

  • कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स/सेमिकंडक्टर

  • टेक्सटाइल और फैशन

  • टेलीकॉम

  • BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेस और इंश्योरेंस)

  • एग्रीकल्चर

  • हेल्थ-केयर, फार्मा और लाइफ साइंसेस

  • ऑटोमोबाइल्स और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल

सरकार की मदद से अप्रेंटिसशिप में आएगी तेज उछाल

दो प्रमुख वजहों से अप्रेंटिसशिप में उछाल आने की उम्मीद है। पहला- मिनिस्ट्री ऑफ स्किल एंड आंत्रप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट (एमएसडीई) ने 2.4 लाख अप्रेंटिस के लिए फुल स्टाइपेंड का प्रावधान किया है। इसके लिए 36 करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं। दूसरा-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अप्रेंटिसशिप आधारित रोजगार के अवसर पैदा करने पर खासतौर पर फोकस किया गया है।

असंगठित क्षेत्र को खड़ा करने के लिए सख्त कानून जरूरी

कोरोना के दौर में असंगठित क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ और आज भी उनका वही हाल है। भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों का अपने शहर और गांवों की ओर पलायन बेहद पीड़ादायक था। उन्हें जल्द वापस लौटाना एक बड़ा काम है। उन्हें सरकार और नौकरी देने वालों के मजबूत आश्वासन की जरूरत है। ऐसे में उन्हें राहत देने वाले कानूनों के साथ कठोरता से उन्हें लागू किया जाना, इस मामले में बड़ी मदद कर सकता हैं।

कहा जा सकता है कि असंगठित क्षेत्र खुद को संभालने और नौकरियां देने के लिए नए रास्ते तलाश रहा है।

असंगठित क्षेत्र में भी ई-कॉमर्स दे रहा कई अवसर

ई-कॉमर्स से जुड़े अनौपचारिक क्षेत्र में भारी मांग देखी गई। डिलिवरी, स्किल्ड और सेमी-स्किल्ड वर्कफोर्स को बहुत सारे अवसर मिले हैं और यहां लगातार मांग बनी हुई है। Teamlease.com जैसे पोर्टल पर पिछले साल के मुकाबले असंगठित क्षेत्र में नौकरियों के दोगुने ऑफर पोस्ट किए जा रहे हैं। अगर लॉकडाउन के महीनों से तुलना करें, तो नौकरियों के यह ऑफर पांच गुना है।

कुल मिलाकर 2021 नौकरियों के मामले में पॉजिटिविटी लाने वाला साल रहेगा। खासतौर पर फ्रेशर्स के लिए। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी और तीसरी तिमाही यानी जुलाई से दिसंबर के बीच स्थितियां सामान्य होने की उम्मीद है। इसलिए यह कहना ठीक होगा कि 2021 नई नौकरियों के लिहाज से अच्छा रहेगा।



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Freshersworld.com & TeamLease.com के वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड कौशिक बनर्जी ने कहा कि 2021 नौकरियों के लिहाज से अच्छा गुजरेगा।


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चीन के खिलाफ मोर्चा खुलेगा, अमेरिकी संसद में तिब्बत नीति पास होने के बाद धर्मशाला में निर्वासित सरकार चुनने के लिए वोटिंग शुरू

चीन की विस्तारवाद की नीति को बड़ा झटका लग सकता है। दो दिन पहले अमेरिकी संसद में तिब्बत नीति और समर्थन कानून पास हुआ है और अब रविवार से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित सरकार के नेता चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए वैश्विक प्रेक्षक भी तैनात किए गए हैं। दरअसल, चीन को हमेशा से डर रहा है कि तिब्बत में सबसे अहम माने जाने वाले दलाई लामा और भारत मिलकर चीन में अस्थिरता ला सकते हैं।

अब जबकि कोरोना संक्रमण के चलते चीन पहले से ही शक के घेरे में है, बाकी देश भी किसी भी वजह से उसके खिलाफ आक्रामक हो सकते हैं। खासतौर पर अगर भारत अमेरिका का समर्थन करता है, तो ये चीन के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल सकता है।
इधर, तिब्बती 17वीं संसद के लिए अपना सिक्योंगे (निर्वासित सरकार का प्रमुख) चुनने जा रहे हैं। धर्मशाला में पहले भी मतदान होता रहा है। करीब 80 हजार निर्वासित तिब्बती मतदान करेंगे। 55,683 वोटर भारत में और शेष 24,014 वोटर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्राजील समेत कई देशों में रजिस्टर्ड हैं।

संसद की 45 सीटों के लिए 150 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 10 सीट तिब्बत के प्रदेशों के लिए हैं। इधर, अमेरिका ने तिब्बती नीति और समर्थन कानून पास कर दिया है। इससे तिब्बतियों को अपना धार्मिक नेता (अगला दलाई लामा) चुनने के अधिकार का रास्ता साफ हो गया है। अगर चीन इसमें अड़ंगा डालता है, तो अमेरिका दूसरे देशों की रजामंदी से चीन के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकता है, या उस पर कड़ी आर्थिक पाबंदियां लगा सकता है।

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में है तिब्बत की निर्वासित संसद का मुख्यालय तिब्बत की निर्वासित संसद का मुख्यालय
हिमाचल के धर्मशाला में है। तिब्बत नीति संस्थान के निदेशक तेनजिन लेक्शे ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव को वहां के नागरिक के मौलिक अधिकारों और कर्तव्य में से एक माना जाता है। ऐसे ही तिब्बतियों के लिए भी यह चुनाव अहम है। इसमें तिब्बत के तीन पारंपरिक प्रांतों- यू-त्सांग, धोते और धोमी में से 10-10 प्रतिनिधि हैं। दो सीट महिलाओं के लिए रिजर्व हैं।



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तिब्बती 17वीं संसद के लिए अपना सिक्योंगे (निर्वासित सरकार का प्रमुख) चुनने जा रहे हैं


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घाटी में भारी बर्फबारी, हिमाचल में बर्फीले तूफान की चेतावनी; पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में आज भी बारिश

कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में रविवार को भारी बर्फबारी हुई। मौसम विभाग ने हिमाचल में आज और कल बर्फीला तूफान चलने की चेतावनी जारी की है। रविवार को राजस्थान के कई इलाकों में बारिश का दौर जारी रहा। जयपुर समेत 14 जिलों में सोमवार को बारिश-ओलावृष्टि की संभावना है। पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में कड़ाके की ठंड के साथ बादल बरसे। यहां पिछले 2 दिन से मौसम में आया बदलाव अगले 48 घंटे भी जारी रहेगा। मध्यप्रदेश के भोपाल में सोमवार की सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। यहां रविवार से बादल छाए रहे। बिहार में न्यूनतम तापमान में वृद्धि से ठंड से हल्की राहत मिली है।

कश्मीर: जवाहर सुरंग के पास 10 इंच तक बर्फबारी
कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में रविवार को भारी बर्फबारी हुई। श्रीनगर में 3-4 इंच बर्फबारी हुई है। यह श्रीनगर में साल की पहली और सीजन की दूसरी बर्फबारी है। वहीं, काजीगुंड में 9 इंच तक बर्फबारी हुई। पर्यटन के लिए मशहूर पहलगाम में पांच से छह इंच तक बर्फ गिरी है। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के जवाहर सुरंग के आसपास 10 इंच बर्फबारी हुई। ताजा बर्फबारी की वजह से राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया है।

अलर्ट: हिमाचल में चलेगा बर्फीला तूफान
मौसम विभाग ने आज और कल प्रदेश में बर्फीला तूफान चलने की चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगों से बेहद जरूरी काम हाेने पर ही घर से बाहर निकलने की एडवाइजरी जारी की है। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला के कुछ क्षेत्रों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। किन्नौर और लाहौल स्पीति में कहीं-कहीं पर भारी हिमपात को अलर्ट जारी किया गया है। लाहौल स्पीति व कुल्लू के ऊंचाई वाले इलाकों में रविवार को भी ताजा बर्फबारी हुई है।

रविवार को अटल टनल रोहतांग के साउथ पोर्टल के बीच फंसे 82 वाहनों को रेस्क्यू किया गया।

राजस्थान: जयपुर समेत 14 जिलों में आज बारिश की चेतावनी
मौसम में आए बदलाव से लगातार दूसरे दिन रविवार को राजस्थान के कई इलाकों में बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग की मानें तो जयपुर समेत 14 जिलों में सोमवार को बारिश-ओलावृष्टि की संभावना है। रविवार दोपहर तक कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। कई जगह तेज हवाएं भी चलती रहीं। मौसम में अचानक आए इस बदलाव के बाद रविवार को 10 जिलों का रात का पारा 10 डिग्री से ऊपर चला गया। माउंट आबू का तापमान फिर लुढ़ककर 0 डिग्री पर आ गया। जयपुर में शाम तक 6.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

जयपुर में धुंध में गुम हुआ हवामहल।

एमपी: दिनभर छाए रहे बादल, लेकिन दिन का पारा नहीं गिरा
मध्यप्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में रविवार को बारिश और ओलावृष्टि हुई। श्योपुर प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में रविवार से बादल छाए रहे। लेकिन यहां तापमान सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा है। सोमवार सुबह यहां हल्की बूंदाबांदी हुई। इंदौर में पिछले एक दशक में इस बार जनवरी की शुरुआत बहुत गर्म हुई है। न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री होकर सामान्य से 8 डिग्री अधिक दर्ज किया गया।

फोटो भोपाल लेक की है।

पंजाब: 24 घंटे में 7 जिलों में हुई बारिश, 7 डिग्री तक बढ़ा रात का तापमान
पंजाब में पिछले 2 दिन से मौसम में आया बदलाव अगले 48 घंटे भी जारी रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, कपूरथला जिले में रुक-रुक कर बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन बारिश के साथ मध्यम गति की हवा चलेगी। लेकिन शीतलहर बरकरार रहने से ठिठुरन जारी रहेगी।

कपूरथला में रविवार को बारिश हुई।

हरियाणा में कड़ाके की ठंड में बरसे बादल, आज और कल भी आसार
हरियाणा में बरसात ने ठंडक घोल दी है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 1.1 एमएम बरसात हुई, जो सामान्य से 10 फीसदी अधिक है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 4-5 जनवरी को भी बरसात हो सकती है। इस दौरान कहीं-कहीं ओले पड़ सकते हैं। इधर, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में रात का तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री तक अधिक रहा। सात जनवरी से रात का पारा तीन से पांच डिग्री तक फिर कम होने की संभावना है।

बिहार: न्यूनतम तापमान में वृद्धि से ठंड से मिली हल्की राहत
बिहार में न्यूनतम तापमान में वृद्धि से ठंड से हल्की राहत मिली है। आसमान में कभी बादल छाने और कभी धूप खिलने का सिलसिला भी दिनभर जारी रहा। मौसमविदों की मानें तो पिछले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में हल्की गिरावट, जबकि न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि दर्ज की गई है। आने वाले 24 से 48 घंटे तक न्यूनतम तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा।



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कश्मीर में काजीगुंड में 9 इंच तक बर्फबारी हुई।


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