सोमवार, 28 दिसंबर 2020

जीवन में जब भी बहुत ज्यादा समस्याएं आ जाएं और कोई समाधान न दिखे तो धैर्य धारण करें

कहानी - गौतम बुद्ध एक दिन अपने शिष्य आनंद के साथ किसी जंगल से गुजर रहे थे। रास्ते में उन्हें प्यास लगी तो उन्होंने आनंद से कहा, 'पास में ही एक झरना बहता दिख रहा है। वहां जाकर पीने का पानी ले आओ।'

कुछ ही देर में आनंद झरने के पास पहुंच गए। वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि एक बैलगाड़ी तालाब में से गुजरी तो पहियों की वजह से पानी बहुत गंदा हो गया। नीचे की मिट्टी ऊपर दिखने लगी है। आनंद गंदा पानी देखकर लौट आए। उन्होंने बुद्ध से कहा, 'तथागत, वहां का पानी बहुत ज्यादा गंदा है, पीने योग्य नहीं है।'

बुद्ध बोले, 'तुम एक काम करो, कुछ देर पानी के पास जाकर बैठ जाओ। फिर देखना।'

बुद्ध की बात मानकर आनंद तालाब के पास फिर से पहुंच गए और वहीं किनारे पर बैठ गए। थोड़े समय के बाद ही पानी की हलचल शांत हो गई और धीरे-धीरे मिट्टी नीचे बैठ गई, ऊपर बहता पानी एकदम साफ हो गया।

आनंद साफ पानी देखकर समझ गए कि बुद्ध क्या समझाना चाहते थे। वे पानी लेकर बुद्ध के पास लौट आए।

बुद्ध ने कहा, 'जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं, जब हमें कोई समाधान दिखाई नहीं देता है। हम सोचने लगते है कि अब पता नहीं क्या होगा? जिस तरह हलचल से पानी गंदा हो जाता है और कुछ देर बाद जब गंदगी नीचे बैठ जाती है तो पानी साफ होता है। विपरीत हालातों में हमें धैर्य से काम लेना चाहिए। कुछ समय बाद हालात सामान्य होने लगेंगे।'

सीख- बुरे समय में हमारा मन अस्थिर हो जाता है। ऐसे हालातों में मन को नियंत्रित करने के लिए धैर्य बहुत मदद करता है। जिन लोगों को मेडिटेशन का अभ्यास है, वे मन को बहुत जल्दी शांत कर सकते हैं। धैर्य से बुरे समय से निपटा जा सकता है।



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aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, story of gautam buddha, we should remember these tips for happiness and success


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पांच साल पहले ऑनलाइन कोचिंग शुरू की, अब 2.5 लाख सब्सक्राइबर्स; सालाना एक करोड़ का टर्नओवर

आज की पॉजिटिव खबर में मिलिए केरल की रहने वाली आशा बिनीश से। आशा ऑनलाइन कॉम्पटीशन एग्जाम की कोचिंग चलाती हैं। पांच साल पहले एक-दो छात्रों से शुरू हुआ उनका सफर आज 5 हजार छात्रों तक पहुंच चुका है। उनके चैनल के अब 2.5 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। वहीं, सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

34 साल की आशा सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। 2006 में इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने एक कंपनी में कुछ साल काम किया। बच्चे जन्म के बाद जॉब छोड़कर उसके साथ समय बिताने का फैसला लिया। वे कहती हैं- घर पर रहने के दौरान मैं कुछ न कुछ क्रिएटिव करने की कोशिश करती रहती थी। इसी दौरान मैंने कुछ वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड करके यूट्यूब पर अपलोड किए।

आशा के शुरुआती दो वीडियो को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। लेकिन, तीसरे वीडियो को काफी लोगों ने देखा और तारीफ भी की। इसके बाद उन्होंने कुछ और वीडियो अपलोड किए। लोगों ने उन्हें मैसेज और फोन कर कोचिंग शुरू करने की सलाह दी। इसके बाद उनका सफर शुरू हुआ। वे इनोवेटिव तरीके से पढ़ाती हैं। उनके पढ़ाए सैकड़ों छात्र अलग-अलग एग्जाम्स में कामयाबी हासिल कर चुके हैं।

आशा खुद बैंकिंग की तैयारी कर चुकी हैं और सफल भी हो चुकी हैं। हालांकि, उन्होंने केरल से बाहर सर्विस लोकेशन्स होने के चलते बैंक ज्वाइन नहीं किया। वे कहती हैं कि कॉम्पीटिटिव एग्जाम के लिए बहुत कम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं, जहां बेहतर तरीके और कम खर्च में तैयारी कराई जाती है। इसलिए मैंने तय किया कि अब मैं ऑनलाइन बच्चों को गाइड करूंगी।

अभी आशा के साथ 25 लोगों की टीम काम कर रही है। इसमें टीचर्स से लेकर मार्केटिंग और अकाउंटेंट का काम संभालने वाले लोग शामिल हैं।

आशा ने 2016 में कॉम्पीटिटिव क्रैकर नाम से ऑनलाइन क्लास शुरू की। उन्होंने लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन के लिए करीब 35 हजार रुपए खर्च किए। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पॉपुलर होने के बाद उन्होंने एर्नाकुलम में किराये की जगह में कोचिंग क्लास शुरू की। जिन बच्चों ने यूट्यूब पर उनका लेक्चर देखा था, वे अब यहां एनरोल हो गए। इस साल कोरोना के चलते जब सभी जगह ऑनलाइन क्लासेज शुरू हुईं, तो उनके चैनल के सब्स्क्राइबर भी बढ़ गए।

शुरुआती एक साल तक उन्होंने अकेले ही पूरा काम संभाला। पढ़ाने से लेकर यूट्यूब वीडियो बनाना, अपलोड करना, मार्केटिंग देखने जैसे सभी काम वह खुद करतीं थीं। इसके बाद उनके पति ने अपनी नौकरी छोड़ दी और आशा के स्टार्टअप के साथ जुड़ गए। अभी आशा के साथ 25 लोगों की टीम काम कर रही है। इसमें टीचर्स से लेकर मार्केटिंग और अकाउंटेंट का काम संभालने वाले लोग शामिल हैं।

लॉकडाउन के दौरान आशा ने कई नए और इनोवेटिव क्लास लॉन्च किए। अब उनके रेवेन्यू का 70% हिस्सा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ही मिलता है। वे वीडियो लेक्चर, ऑनलाइन कंटेंट, टेस्ट सीरीज जैसी फैसिलिटी मुहैया कराती हैं। उन्होंने एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है। सबको मिलाकर उनका बिजनेस टर्नओवर सालाना एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

आशा UPSC, KPSC, SSC और बैंक जॉब्स की तैयारी करवाती हैं। उनके पैकेज और मॉड्यूल की प्राइस लेक्चर्स की संख्या के आधार पर अलग-अलग होती है। उनके कोर्स एक हजार रुपए से शुरू होते हैं। साथ ही कुछ नोट्स और लेक्चर्स मुफ्त में भी उपलब्ध हैं। आशा और उनकी टीम का एक ब्लॉग भी है, जिस पर कॉम्पीटिटिव एग्जाम की डेट, सिलेबस और सेलेक्शन प्रोसेस के बारे में जानकारी होती है।

अपने पति और बच्चे के साथ आशा बिनीश। तीन साल पहले आशा के पति ने भी नौकरी छोड़ दी और उनके काम में हाथ बंटाने लगे।

आशा घर का काम संभालते हुए भी क्लास लेती हैं। कई बार वे खाना पकाते हुए भी लेक्चर लेती हैं। वो बताती हैं कि बच्चों को प्रैक्टिकली चीजें ज्यादा बेहतर तरीके से समझ में आती है और वो उसे लंबे समय तक याद भी रखते हैं। इसलिए उनकी कोशिश होती हैं कि खाना पकाने के दौरान ही वो कुछ ऐसे उदाहरण बच्चों के सामने रखें, जिससे उन्हें चीजें से समझ में आए।



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केरल की रहने वाली आशा बिनीश ऑनलाइन कॉम्पटीशन एग्जाम की कोचिंग कराती हैं। वे इनोवेटिव तरीके से छात्रों को पढ़ाती हैं।


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मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर नया कानून; तो क्या दूसरे धर्म में नहीं हो सकेगी शादी? जानें सब कुछ

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का कथित 'लव जिहाद' रोकने का कानून कोरोना के चलते अटक गया है। शिवराज सरकार आज से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में इसे लाने की तैयारी में थी। शनिवार को ही कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दी गई। लेकिन, रविवार को पांच विधायकों और विधानसभा सचिवालय के 61 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद आज से शुरू हो रहा विधानसभा सत्र स्थगित कर दिया गया है। अब देखना होगा कि क्या शिवराज सरकार इसके लिए अध्यादेश लाती है या नहीं।

वैसे ये बिल है तो लव जिहाद को रोकने के लिए, लेकिन बिल में कहीं भी इस शब्द का जिक्र भी नहीं। इसमें शादी के नाम पर जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने का जिक्र है। हालांकि, मध्य प्रदेश में 1968 से ही ऐसा कानून था, लेकिन वो इतना सख्त नहीं था। नया कानून, पुराने से बहुत सख्त है।

नए कानून में क्या है? क्या उसके बाद दूसरे धर्म में शादी नहीं हो सकेगी? पुराने कानून में क्या था? क्या दूसरे राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के कानून हैं? आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब...

सबसे पहले बात नए कानून में क्या है?
नए कानून का नाम 'मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020' यानी 'मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020' है। इस कानून के पास होते ही 1968 का कानून 'मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य एक्ट' निरस्त हो जाएगा। इस कानून में कहीं भी 'लव जिहाद' का जिक्र नहीं है। ये कानून बस जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ है। नया कानून लालच देकर, जबरदस्ती से, बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर, फ्रॉड या झूठ बोलकर शादी करने के खिलाफ है।

नए कानून में कितनी सजा है?

  • कानून के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर एक से पांच साल तक कैद की सजा और 25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा।
  • नाबालिग और SC-ST के मामले में 2 साल से लेकर 10 साल तक कैद की सजा और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा।
  • अपना धर्म छिपाकर शादी करने और उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने पर 3 साल से लेकर 10 साल की कैद और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा।
  • सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या दो से ज्यादा का एक ही समय पर धर्म परिवर्तन) कराने पर 5 साल से लेकर 10 साल की कैद और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा।
  • एक से ज्यादा बार कानून के खिलाफ जाकर अपराध करने पर 5 साल से लेकर 10 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।

तो क्या नए कानून के बाद दूसरे धर्म में शादी नहीं हो सकेगी?
नए कानून में शादी करने या धर्म परिवर्तन पर रोक नहीं है। नया कानून लालच देकर, जबर्दस्ती, बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर, फ्रॉड या झूठ बोलकर शादी करने के खिलाफ है। नए कानून के बाद अगर कोई अपनी मर्जी से दूसरे धर्म में शादी करना चाहता है, तो उसे 60 दिन पहले कलेक्टर को जानकारी देना जरूरी है। अगर कलेक्टर को जानकारी दिए बगैर दूसरे धर्म में शादी करते हैं, तो 3 सेे 5 साल तक की कैद और 50 हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है।

अगर शादी के बाद धर्म परिवर्तन के लिए धमकाता है, तो क्या होगा?
शादी होने के बाद अगर कोई धर्म परिवर्तन करने के लिए धमकाता है या जबरदस्ती करता है, तो उस शादी को निरस्त किया जा सकता है। नए कानून में पीड़ित पक्ष के माता-पिता या भाई-बहन को भी FIR करने का अधिकार दिया गया है।

तलाक के बाद क्या मेंटनेंस मिलेगा?
बिल्कुल। नए कानून में इसका प्रावधान भी किया गया है। इस कानून के तहत पीड़ित महिला और उसके बच्चे के भरण-पोषण के लिए मेंटनेंस यानी गुजारा भत्ता पति देगा। इसके अलावा पैदा हुए बच्चे का पिता की संपत्ति पर अधिकार रहेगा।

क्या यह धर्म विशेष पर लागू होगा या सभी दायरे में आएंगे?
नया कानून विशेष रूप से धर्म परिवर्तन के लिए शादी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए लाया गया है। इसमें शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए प्रावधान हैं। सभी धर्मों लोग इस कानून के दायरे में आएंगे।

पुराना कानून था, तो नए की जरूरत क्यों पड़ी?

  • पुराने कानून में अपराध जमानती था। नए कानून में ये गैर-जमानती है। नए कानून में जमानत कोर्ट से ही मिल सकेगी, जबकि पुराने कानून में थाने से ही जमानत मिलने का प्रावधान था।
  • पुराने कानून में सजा भी कम थी। इसमें 3 साल की कैद और 20 हजार तक जुर्माने की सजा थी। जबकि SC-ST के मामले में ये सजा 4 साल और जुर्माने की रकम 20 हजार रुपए ही थी।

देश के किन-किन राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून हैं?

  • अभी 8 राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून हैं। पहले तमिलनाडु में भी था, लेकिन 2003 में इसे निरस्त कर दिया गया।
  • अभी गुजरात, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसके लिए कानून हैं।
  • इनमें हिमाचल, उत्तराखंड और राजस्थान में 5 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। SC-ST और नाबालिग के मामले में ये सजा 7 साल की है।
  • उत्तर प्रदेश में भी इसके लिए कानून बन चुका है। इसका अध्यादेश पिछले महीने ही कैबिनेट में पास हुआ है। इस कानून में जबरन धर्म परिवर्तन करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।


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Shivraj Singh Chouhan New Law Against Love Jihad Explained; What Is It | Madhya Pradesh (MP) Cabinet Approves Anti-Conversion Bill


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नए साल में सितंबर में सबसे ज्यादा 13 और जनवरी में सबसे कम 6 शुभ मुहूर्त

नए साल में 100 से ज्यादा शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें खरीदारी, लेन-देन और नए कामों की शुरुआत की जा सकती है। इन मुहूर्त में सर्वार्थसिद्धि अमृतसिद्धि, त्रिपुष्कर, द्विपुष्कर, रवि और गुरुपुष्य जैसे बड़े शुभ योग शामिल हैं। साल 2021 में सबसे ज्यादा 13 शुभ मुहूर्त सितंबर में रहेंगे और सबसे कम यानी 6 मुहूर्त जनवरी में आ रहे हैं।

इनके अलावा अगस्त में 12, जून में 11, मई और जुलाई में 9-9, फरवरी, मार्च, अप्रैल और दिसंबर में 8-8 शुभ मुहूर्त रहेंगे। वहीं, अक्टूबर और नवंबर में 7-7 दिन ये शुभ योग रहेंगे। इस तरह पूरे साल में 106 दिन ये शुभ संयोग बन रहे हैं।

सर्वार्थसिद्धि योग: तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर ये विशेष संयोग बनता है। ज्योतिष ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि के मुताबिक, इस शुभ योग में किया गया हर काम सफल होता है। इस संयोग में किए गए काम फायदा देने वाल भी होते हैं। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक, इस शुभ योग में किसी भी तरह का कॉन्ट्रैक्ट करना शुभ होता है। साथ ही प्रॉपर्टी और ज्वेलरी की खरीदी-बिक्री इस शुभ योग में करना चाहिए। जॉब या बिजनेस के खास काम भी इस मुहूर्त में शुरू करने चाहिए।

अमृतसिद्धि योग: नाम के मुताबिक इस शुभ योग में किए गए काम लंबे समय तक फायदा देने वाले होते हैं। इस शुभ योग में मांगलिक काम किए जा सकते हैं। तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग से मिलकर बनने वाले इस मुहूर्त में किए गए दान और पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है। इस शुभ मुहूर्त में बिजनेस संबंधी समझौता, नौकरी के लिए आवेदन, जमीन, व्हीकल, कीमती धातुओं की खरीदारी और विदेश यात्रा करनी चाहिए।

द्विपुष्कर योग: द्विपुष्कर योग वार, तिथि और नक्षत्र से मिलकर बनने वाला ऐसा योग है, जिसमें एक बार किया गया काम फिर होता है। यानी ऐसे हालात बनते हैं कि वैसा काम फिर से करना पड़ता है। इसलिए इस मुहूर्त में एक बार किया गया कोई भी शुभ काम, निवेश, बचत, खरीदारी और फायदे वाला लेन-देन फिर से होने का संयोग बनता है। बस ये सावधानी रखनी चाहिए कि इस योग के दौरान कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका हो।

त्रिपुष्कर योग: द्विपुष्कर की तरह ही ये योग होता है। ये शुभ मुहूर्त तीन गुना फल देने वाला होता है। इसलिए इसे त्रिपुष्कर योग कहा जाता है। क्योंकि, इस योग के दौरान किए गए काम को दो बार और दोहराना पड़ता है। इस तरह, उस काम का तीन गुना फल मिलता है। इस योग में भी सावधानी रखनी चाहिए कि कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका हो।

गुरु पुष्य योग: गुरुवार और पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से इस योग को ज्योतिष ग्रंथों में गुरु पुष्य कहा गया है। इस शुभ मुहूर्त को गृह प्रवेश, खरीदारी, लेन-देन, ग्रह शांति और शिक्षा संबंधी मामलों के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। इस शुभ संयोग में शुरू किए गए काम लंबे समय तक फायदा देने वाले होते हैं।

रवि पुष्य योग: रविवार को पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा होने से रविपुष्य योग बनता है। ज्योतिष के मुहूर्त ग्रंथों के मुताबिक, इस शुभ मुहूर्त में हर तरह के काम किए जा सकते हैं। इस योग को गुरु पुष्य योग जितना ही महत्व दिया गया है। रवि पुष्य योग में औषधियों की खरीदारी या दान करना शुभ होता है। माना जाता है ऐसा करने से सेहत अच्छी रहती है और उम्र भी बढ़ती है।

2021 के शुभ मुहूर्त

जनवरी:

फरवरी:

मार्च:

अप्रैल:

मई:

जून:

जुलाई:

अगस्त:

सितंबर:

अक्टूबर:

नवंबर:

दिसंबर:



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निर्भया को 7 साल बाद इंसाफ मिला, बेटियों को पिता की संपत्ति में बराबरी का हक और सेना में स्थाई कमीशन भी मिला

2020 बीतने को है। इस साल सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम फैसले सुनाए। जम्मू-कश्मीर के एक मामले में इंटरनेट को मौलिक अधिकार करार दिया तो दूसरी ओर तय जगह पर ही विरोध प्रदर्शन करने की छूट का फैसला सुनाया।

सबसे बड़ी अदालत ने महिलाओं के हक में चार ऐतिहासिक फैसले भी दिए। देश की आधी आबादी को 17 बरस की कानूनी लड़ाई के बाद सेना में स्थाई कमीशन का हक मिला तो सात साल बाद निर्भया को इंसाफ। आखिरी रात तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई।

तीसरी तरफ बेटियों को पिता की संपत्ति में बराबरी के हक का रास्ता भी सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह साफ कर दिया। वहीं, पति से तलाक का केस चलने के दौरान भी महिलाओं को ससुराल में रहने का अधिकार दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी सुनाए। तो आइए 2020 के विदाई के दौरान ऐसे फैसलों के बारे में जानते हैं, जिनका लंबे समय तक असर रहेगा...

इंटरनेट जन्मसिद्ध अधिकार है

  • फैसला: 4 अगस्त 2019 से ही जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद था। इसे शुरू करवाने के लिए कोर्ट में याचिकाएं दाखिल हुईं। 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट को अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार माना। जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने कहा, 'बोलने की आजादी और अलग राय दबाने के लिए धारा-144 इस्तेमाल नहीं हो सकती। ये सत्ता का दुरुपयोग है।'
  • फैसले का असरः सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 जनवरी से कश्मीर में 2G इंटरनेट शुरू कर दिया गया। हालांकि, सोशल मीडिया पर बैन जारी रहा। बाद में 4 मार्च को सरकार ने इस बैन को भी हटा दिया। वहां अब भी 2G इंटरनेट ही चल रहा है।

थलसेना में भी महिलाओं को बराबरी का हक

  • फैसलाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत 14 साल से कम और उससे ज्यादा सेवाएं दे चुकीं महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन का मौका दिया जाए। महिलाओं को कमांड पोस्टिंग का अधिकार मिले। सरकार का तर्क था कि पुरुष सैनिक महिलाओं से आदेश लेने को तैयार नहीं। इस पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार और सेना मानसिकता बदले।
  • फैसले का असरः स्थाई कमीशन लागू होने की वजह से अब महिलाएं 20 साल तक सेना में काम कर सकेंगी। हालांकि, कोर्ट का यह आदेश कॉम्बैट यानी सीधे युद्ध में उतरने वाली विंग पर लागू नहीं होगा। स्थाई कमीशन के लिए महिलाएं 17 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रही थीं।

निर्भया के दोषियों के हर दांव को सुप्रीम कोर्ट ने नाकाम किया

  • फैसलाः लंबी लड़ाई के बाद निर्भया के चार दोषियों- मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की फांसी की तारीख 20 मार्च मुकर्रर हुई। फांसी से एक दिन पहले दोषियों की 5 याचिकाएं खारिज हुई थीं। रात 10:30 बजे दोषी फांसी रुकवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे, जहां याचिका खारिज हो गई। उसके बाद रात 1ः30 बजे सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। इस पर कोर्ट ने कहा, दोषियों की दलीलों में दम नहीं, फांसी का फैसला नहीं टलेगा।
  • फैसले का असरः निर्भया को इंसाफ मिलने में 7 साल, 3 महीने, 4 दिन का समय लगने के बाद फांसी की सजा को टालने के दांव-पेंचों के खिलाफ कानून प्रक्रिया में सुधार की मांग ने जोर पकड़ा।

एक लाख करोड़ की संपत्ति वाले पद्मनाभ मंदिर का विवाद सुलझा

  • फैसलाः श्री पद्मनाभ मंदिर को 6वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था। 1750 में मार्तंड वर्मा ने संपत्ति मंदिर को सौंप दी। त्रावणकोर के अंतिम शासक का निधन 20 जुलाई 1991 को हुआ। 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के 31 जनवरी 2011 को दिए फैसले को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि त्रावणकोर के आखिरी शासक की मौत से शाही परिवार की भक्ति और सेवा को उनसे नहीं छीना जा सकता। वे अपनी परंपराओं के आधार पर मंदिर की सेवा जारी रख सकते हैं।
  • फैसले का असरः सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केरल हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर का एक तहखाना खोला गया, जिसमें 1 लाख करोड़ रुपए के जेवरात मिले। दूसरा तहखाना खोलने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने प्रबंध समिति पर सौंपा है।

पिता की संपत्ति में बेटे ही नहीं, बेटियों को भी बराबर का हक

  • फैसलाः कोर्ट में महिला ने याचिका दाखिल की थी। उसके भाइयों ने दलील दी कि पिता की मृत्यु 1999 में हो गई थी, इसलिए संपत्ति पर उनकी बहन का हक नहीं है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि हिंदू उत्तराधिकारी (संशोधन) कानून-2005 लागू होने के वक्त पिता जीवित न हो तो भी बेटी संपत्ति में हिस्सेदार है। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने कहा- बेटे तो शादी तक ही बेटे रहते हैं, बेटियां पूरी जिंदगी माता-पिता को प्यार देती हैं
  • फैसले का असरः 9 सितंबर 2005 को हिंदू उत्तराधिकारी (संशोधन) कानून लागू हुआ था। इसके तहत कहा गया कि इस कानून के लागू होने से पहले यदि पिता की मृत्यु हो चुकी है और बंटवारा भी, तो ऐसे में बेटियों को पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलता था, मगर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने इस सीमा को तोड़ दिया। अब बेटियों को पिता की संपत्ति में जन्म से ही अधिकार मिल गया है।

सुप्रीम कोर्ट की अवमानना पर एक रुपया जुर्माना

  • फैसलाः वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने 27 और 29 जून को ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई एसए बोबडे पर सवाल उठाए। इसके बाद उन पर कोर्ट की अवमानना का केस चला। दो महीने बाद 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को दोषी मानते हुए 1 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही कहा कि जुर्माना ना देने पर उन्हें 3 महीने की कैद की सजा काटनी होगी और 3 साल तक वकालत पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके बाद 1 सितंबर को प्रशांत भूषण ने जुर्माना जमा करा दिया।
  • फैसले का असरः प्रशांत भूषण ने 21 अक्टूबर को ट्वीट कर मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से CJI को स्पेशल हेलिकॉप्टर मुहैया कराए जाने की आलोचना की, मगर इस बार उन्होंने गलती मानते हुए खेद जता दिया।

7-प्रदर्शन का अधिकार, लेकिन पब्लिक प्लेस पर कब्जा मंजूर नहीं

  • फैसलाः दिल्ली के शाहीन बाग पर 3 महीने तक धरना चला। रोड खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं। सुप्रीम कोर्ट ने 7 अक्टूबर को फैसला दिया। जस्टिस कौल ने कहा, 'जिस प्रकार हमारा संविधान हमें विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार देता है, उसी प्रकार सड़क पर आने-जाने का अधिकार भी देता है। इस तरह का विरोध स्वीकार्य नहीं है। ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है, सरकार खुद कार्रवाई कर सकती है।
  • फैसले का असरः कोर्ट का फैसला आने से पहले ही कोरोना के चलते शाहीन बाग खाली कराया जा चुका था। हाल ही में इस फैसले का जिक्र तीन विवादित कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को हटाने की अर्जियों के दौरान भी हुआ। एक पिटीशनर ने कोर्ट के इसी फैसले का जिक्र किया था, तब चीफ जस्टिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में कोई उदाहरण नहीं दिया जा सकता।

8-पति के किसी भी रिश्तेदार के घर में पत्नी का हक

  • फैसलाः सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा के एक मामले में साझा गृहस्थी की परिभाषा का दायरा बढ़ाते हुए फैसला दिया कि बहू को सास-ससुर के उस घर में भी रहने का हक है, जिसमें वो अपने संबंधों के कारण पहले रह चुकी है। मामले में महिला ने पति पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। दोनों के बीच तलाक की प्रक्रिया चल रही थी। पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिला पति के ही नहीं, बल्कि पति के किसी भी रिश्तेदार के घर पर रह सकती है।
  • फैसले का असरः 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि पत्नी सिर्फ पति के घर पर ही रह सकती है। ससुराल वालों या रिश्तेदार के घर नहीं। लेकिन, अब पत्नी पति के किसी भी रिश्तेदार के घर पर रहने की हकदार है। पहले पत्नी सिर्फ पति के उसी घर में रह सकती थी, जिसमें पति का हिस्सा था। लेकिन, अब अगर पति का किसी घर में हिस्सा नहीं है, लेकिन संबंधों के दौरान पत्नी उस घर में रही है, तो वो उस घर में रहने की हकदार है।


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Nirbhaya Rape Case Verdict To Shaheen Bagh Protests | Supreme Court Important Judgments 2020 Year In Review


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देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का जन्म, इसकी स्थापना अंग्रेज ने की, लेकिन पार्टी ने आजादी की लड़ाई लड़ी

आजादी से 62 साल पहले 1885 में आज ही के दिन स्कॉटलैंड के एक रिटायर्ड अधिकारी एओ ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की थी। एओ ह्यूम को जीवित रहते कभी पार्टी के संस्थापक का दर्जा नहीं दिया गया था। 1912 में उनकी मौत के बाद एओ ह्यूम को कांग्रेस का संस्थापक घोषित किया गया।

पार्टी की स्थापना के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। हुआ ये था कि 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ बड़ा गदर मचा। अंग्रेज नहीं चाहते थे कि दोबारा ऐसे फिर कभी हालात बनें तो उन्होंने प्लानिंग की कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया जाए, जहां हिंदुस्तानी अपनी भड़ास निकाल सकें। इसके अलावा इसी मंच के तहत जो विरोध प्रदर्शन करना है, वो भी कर सकें। इस काम के लिए एओ ह्यूम को चुना गया।

स्थापना अंग्रेज ने भले ही की, लेकिन अध्यक्ष भारतीय था
कांग्रेस पार्टी की स्थापना भले ही एक अंग्रेज ने की थी, लेकिन इसके अध्यक्ष भारतीय ही थे। पार्टी के पहले अध्यक्ष कलकत्ता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। पार्टी का पहला अधिवेशन पुणे में होना था, लेकिन उस वक्त वहां हैजा फैला हुआ था। इस वजह से इसे बंबई (अब मुंबई) में किया गया।

तस्वीर 28 दिसंबर 1885 को बंबई में हुए कांग्रेस के पहले अधिवेशन की है। इसमें 78 सदस्यों की मौजूदगी में व्योमेश चंद्र बनर्जी को कांग्रेस का पहला अध्यक्ष चुना गया था।

जब कांग्रेस में फूट पड़ी
1905 में बंगाल का बंटवारा हुआ और इससे ही कांग्रेस को नई पहचान मिली। कांग्रेस ने बंटवारे का खुलकर विरोध किया। अंग्रेजी सामानों का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू ही किए थे और इसमें फूट पड़ गई। दो धड़े हो गए। एक नरम दल और एक गरम दल। गरम दल चाहता था कि आंदोलन बंगाल तक ही सीमित न रखा जाए, जबकि नरम दल खुलकर अंग्रेजों की बगावत करने के खिलाफ था।

फिर कांग्रेस में एंट्री हुई गांधी की
1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे। 1919 में असहयोग आंदोलन से गांधीजी राजनीति में आए। उसके बाद बस कांग्रेस का मतलब गांधी ही हो गया। गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कई आंदोलन किए। मसलन, सविनय अविज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन। ये कांग्रेस की लोकप्रियता ही थी कि उस गुलाम भारत में भी पार्टी के 1.5 करोड़ से ज्यादा सदस्य थे और 7 करोड़ से ज्यादा समर्थक।

आजादी के बाद की कांग्रेस
1885 में बनी कांग्रेस पार्टी के अब तक 88 अध्यक्ष रह चुके हैं। इनमें से 18 अध्यक्ष आजादी के बाद बने हैं। आजादी के बाद इन 73 सालों में से 38 साल नेहरू-गांधी परिवार ही पार्टी का अध्यक्ष रहा है। जबकि, 35 साल गैर नेहरू-गांधी परिवार ने कमान संभाली है।

आजादी के बाद 1951 से लेकर 1954 तक जवाहर लाल नेहरू अध्यक्ष रहे। उनके बाद 1959 में इंदिरा गांधी अध्यक्ष बनीं फिर 1978 से 1984 तक इंदिरा दोबारा अध्यक्ष रहीं। इंदिरा गांधी की मौत के बाद 1985 से 1991 तक राजीव गांधी अध्यक्ष बने। राजीव गांधी की मौत के 7 साल बाद 1998 में सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं, जो 2017 तक इस पर रहीं। उसके बाद राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अगस्त 2019 से सोनिया गांधी दोबारा अध्यक्ष हैं। राहुल दिसंबर 2017 से अगस्त 2019 तक अध्यक्ष रहे थे।

भारत और दुनिया में 28 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं :

  • 1668 : मराठा शासक शिवाजी के पुत्र संभाजी ने मुगल शासक औरंगजेब की कैद में यातनाएं दिए जाने के कारण दम तोड़ा।
  • 1926 : इंपीरियल एयरवेज ने भारत और इंग्लैंड के बीच यात्री और डाक सेवा शुरू की।
  • 1928 : कलकत्ता (अब कोलकाता) में पहली बार बोलती फिल्म ‘मेलोडी ऑफ लव’ प्रदर्शित हुई।
  • 1957 : ब्रिटेन के उत्तरी भाग में स्थित देश के सबसे बड़े बूचड़खाने को पशुओं की फुट एंड माउथ बीमारी की वजह से बंद करने का फैसला किया गया।
  • 1974 : पाकिस्तान में 6.3 की तीव्रता वाले भीषण भूकंप में 5,200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
  • 1995 : पोलैंड के अन्वेषक मारके कार्मिस्की एक ही वर्ष में उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर झंडा फहराने वाले पहले व्यक्ति बने।
  • 2003 : अमेरिका में ब्रिटेन के कुछ विमानों में स्काई मार्शल यानी सुरक्षा गार्ड तैनात करने का फैसला लिया गया।
  • 2008 : भारत के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार प्रो. सुरेश वात्स्यायन का निधन।
  • 2013 : दिल्ली में पहली बार कांग्रेस के समर्थन से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। ये सरकार 49 दिन में गिर गई।


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Today History: Aaj Ka Itihas India World 27 December Update | Mirza Ghalib Facts, Pakistan Benazir Bhutto Assassination


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किड्स स्पेशल ब्रेड पिज्जा, इसे बनाने के लिए ब्रेड को कटोरी से काटें और चीज़ की लेयर लगाकर बेक करें



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कर्नाटक का 1 साल पुराना वीडियो, उज्जैन में चल रहे सांप्रदायिक तनाव का बताकर वायरल

क्या हो रहा है वायरल : मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे सांप्रदायिक तनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो मे बड़ी संख्या में इकट्ठा हुई भीड़ देखी जा सकती है।

दावा किया जा रहा है कि उज्जैन में जिस जगह राम मंदिर के लिए चंदा मांगने गए लोगों पर पत्थरबाजी की गई थी। उस जगह हमले का जवाब देने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू इकट्ठा हो गए हैं।

26 दिसंबर को उज्जैन के बेगमबाग इलाके में दो गुटों के बीच टकराव हो गया। अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के लिए एक रैली आयोजित की गई थी। बेगमबाग इलाके में कुछ लोगों ने इस रैली पर पथराव कर दिया।

पुलिस ने कथित पथराव करने के आरोप में 2 महिलाओं सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिस घर से पथराव हुआ, उसे भी अवैध निर्माण बताते हुए प्रशासन ने जमींदोज कर दिया है। इसी तनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि घटनास्थल पर अब हिंदुओं की भीड़ इकट्ठी हो गई है।

और सच क्या है ?

  • उज्जैन में चल रहे सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी सभी प्रमुख मीडिया रिपोर्ट्स हमने चेक कीं। किसी भी रिपोर्ट में हमें वायरल हो रहा वीडियो नहीं मिला।
  • वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें यही वीडियो यूट्यूब पर भी मिला। यूट्यूब पर वीडियो 13 अप्रैल, 2019 को ही अपलोड किया जा चुका है। साफ है कि वीडियो का हाल में चल रहे सांप्रदायिक तनाव के कोई संबंध नहीं है।

  • वायरल वीडियो का यूट्यूब वीडियो से मिलान करने पर भी स्पष्ट हो रहा है कि दोनों की लोकेशन एक है। यूट्यूब पर दिए गए वीडियो के कैप्शन से हमें क्लू मिला कि ये कर्नाटक के गुलबर्गा में निकली एक राम नवमी शोभा यात्रा का है।
  • गूगल पर Gulbarg Shobha Yatra कीवर्ड सर्च करने से हमारे सामने अप्रैल 2019 के ही कई वीडियो आए। सभी वीडियो एक ही आयोजन के लग रहे हैं। सभी वीडियो के कैप्शन में इस कार्यक्रम को गुलबर्गा का बताया गया है। कैप्शन से ये भी पता चला कि वीडियो में दिख रही मस्जिद गुलबर्गा की जामा मस्जिद है।
  • गूगल पर गुलबर्गा की जामा मस्जिद के विजुअल्स हमने सर्च किए। जामा मस्जिद के विजुअल्स को वायरल वीडियो से मिलाने पर साफ हो रहा है कि दोनों एक ही हैं।
  • मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर गुलबर्गा में 1 साल पहले निकली राम शोभा यात्रा के वीडियो को उज्जैन में चल रहे सांप्रदायिक तनाव से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।


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Ujjain Stone Pelting in Ram Mandir Fund Raising Rally। Video Goes Viral with False Claim


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दैनिक भास्कर ईयर एंडर के विशेष अंक में पढ़ें हेल्थ, बिजनेस, रोजगार, शिक्षा समेत 8 सेक्टर का लेखाजोखा

1. कोरोना महामारी ने हमारे जीवन के हर हिस्से पर असर डाला। काफी कुछ नकारात्मक हुआ, लेकिन साथ ही नए इनोवेशन और नए आइडिया भी मिले। हेल्थ​ से जुड़े क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

2. सीएमआईई के मुताबिक, बेरोजगारी दर 27.1% पहुंची। वहीं, केंद्र ने 10 सेक्टर के लिए पीएलआई घोषित की है। रोजगार संबंधित क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

3. देश की जीडीपी अप्रैल-जून की पहली तिमाही में माइनस 23.9% तक गिर गई। वहीं, इकोनॉमी सुधारने के लिए केंद्र ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की। बिजनेस से जुड़े क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

4. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 200 देशों के 160 करोड़ बच्चे स्कूल-कॉलेज नहीं जा सके। वहीं, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने 2020-21 सत्र ऑनलाइन चलाने का फैसला किया। शिक्षा से जुड़े क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

5. इस साल कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते सिनेमा उद्योग को 5 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म ने दर्शकों के मनोरंजन का ख्याल रखा। मनोरंजन से जुड़े क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

6. पूर्व कप्तान एमएस धोनी, सुरेश रैना और ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर शेन वॉटसन ने क्रिकेट को अलविदा कहा। वहीं, रोहित शर्मा को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिला। स्पोर्ट्स से जुड़े क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

7. देश में 25 मार्च को दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन लगा। 130 करोड़ की आबादी घरों में ठहर गई। वहीं, 9 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट दीये जलाए, एकजुटता का संदेश दिया। समाज से जुड़े क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

8. जुलाई में बाढ़ ने असम के 33 में से 30 जिलों को चपेट में ले लिया। 70 लाख लोग प्रभावित हुए थे। वहीं, लॉकडाउन में 25 मार्च से 25 अप्रैल के दौरान देश के 67 प्रमुख शहरों का एक्यूआई 50 से कम रहा। पर्यावरण और मौसम से जुड़े क्या खोया, क्या पाया के अन्य अंक जानने के लिए पढ़ें ये लेख...



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दैनिक भास्कर ईयर एंडर के विशेष अंक में पढ़ें वो घटनाएं, कंट्रोवर्सी या लोग, जो बीते साल सुर्खियों में रहे

1. 2020 में देश-दुनिया में सनक, अविश्वास और तानाशाही से सबसे बड़े विवाद पैदा हुए। भारत-चीन की झड़प से लेकर अमेरिकी चुनाव विवाद तक की पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

2. 2020 में कई चेहरे सुर्खियों में बने रहे। अमेरिका और ब्रिटेन में हमारा दबदबा रहा, वहीं वित्त मंत्री सीतारमण 100 प्रभावी महिलाओं की सूची में आईं। इस लेख में पढ़ें पूरी खबर...

3. इस साल सरकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई बड़े फैसले लिए गए। जहां आठ साल बाद निर्भया के चारों दोषी को फांसी हुई, वहीं ‘वंदेभारत’ अभियान में 30 लाख भारतीयों को भारत लाया गया। ऐसे ही अन्य बड़े फैसले जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

4. साल 2020 में देश-विदेश में कई नामी हस्तियों का निधन हुआ। इनमें कई राजनेता, कारोबारी और खेल जगत से जुड़ी कई देशी-विदेशी नामी हस्तियां शामिल रहीं। पूरी खबर पढ़ें इस लेख में...

5. 2020 में कई झकझोर देने वाली घटनाएं हुईं। लापरवाही, मनमानी, अत्याचार ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया। बेरूत धमाके से लेकर विशाखापट्‌टनम की जहरीली गैस रिसाव जैसी अन्य घटनाएं जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

6. 2020 की सबसे बड़ी त्रासदी ऑस्ट्रेलिया में लगी जंगलों की आग थी। जिसमें 300 करोड़ जीव खाक हो गए, वहीं 800 लोगों की मौत हुई। पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

7. तुर्की में 3 नवंबर को भूकंप के चार दिन बाद मलबे से तीन साल की एक बच्ची आयदा गेजगिन जिंदा निकली। पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

8. लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन की तस्वीर और कोरोना काल में पुलिसकर्मी की तस्वीर बताती हैं जिंदगी के सच। पूरी खबर पढ़ें इस लेख में...



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In the special issue of Dainik Bhaskar Year End, read events, controls or people who were in the headlines last year.


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दैनिक भास्कर ईयर एंडर के विशेष अंक में पढ़िए हर्ष गोयनका और शालिनी भरत के स्पेशल आर्टिकल

1. जिसे कुछ लोग बुरा वक्त मानकर भुलाना चाहते हैं, क्या उसी समय ने हमें लॉकडाउन में यह तजुर्बा नहीं दिया कि जिंदगी की वास्तविक जरूरतें कितनी कम हैं। इस लेख में पढ़ें भास्कर की थीम- क्या सिखा गया 2020

2. हर संकट कोई न कोई आसानी लेकर भी आता है और कोविड-19 ने उद्योग जगत को डिजिटल अपनाने के लिए प्रेरित किया। हर्ष गोयनका का विशेष अंक पढ़ें इस लेख में...

3. 2020 से हमने यह भी सीखा कि किस प्रकार हमारे इंस्टिट्यूशंस को किसी भी पैनडेमिक के लिए तैयार होना चाहिए। शालिनी भरत का विशेष अंक पढ़ें इस लेख में...



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Read the special article from Harsh Goenka to Shalini Bharat in the special issue of Dainik Bhaskar Year End


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यूट्यूब से देखकर सीखा नोट छापना, 21 साल का युवक दोस्तों के साथ मिलकर चला रहा था  गिरोह

शुरूआत भीड़-भाड़ में 50 रुपए के नकली नोट देकर हुई। कामयाबी मिली तो बड़े नोट छापने लगे और देखते ही देखते खड़ा कर लिया लाखों का रुपए के नकली नोट का ढेर । महज 21 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ का एक युवक नकली नोट खपाने का गिरोह चला रहा था। मामले महासमुंद जिले का है। इस केस में अब पुलिस ने तीन लड़कों को पकड़ा है इनके पास से 4 लाख 32 हजार के नकली नोट मिले हैं।


बिना कंप्यूटर के छापते थे नोट
महासमुंद एसपी प्रफुल्ल ठाकुर की टीम ने इस केस में मुख्य सरगना आरंग निवासी 21 साल के तेजेश्वर दास मानिकपुरी के साथ उसके साथी योगेन्द्र दास मानिकपुरी और रायपुर की WRS कॉलोनी के अविनाश फुले को पकड़ा है। तेजेश्वर ने बताया कि यूट्यूब पर उसने एक वीडियो देखा था जिसमें बिना कंप्यूटर नोट छापने का तरीका बताया गया था। जैसे-तैसे इसने कलर प्रिंटर, बॉन्ड पेपर, इंक वगैरह का जुगाड़ किया और नोट छापने की प्रैक्टिस की। शुरूआत में एक नोट छापा और उसे जाकर किराने की दुकान में दे दिया।

तस्वीर में दिख रहे नोट नकली है, जिसे युवक अपने घर में ही छाप दिया करते थे।

इसके बाद ये बातें तेजेश्वर ने अपने दोस्तों को बताई। जल्दी अमीर बनने के लालच में तीनों युवकों ने इस नादानी को धंधा बना लिया। युवकों ने महासमुंद के कई हिस्सों में नकली नोट चलाने शुरू कर दिए। रविवार को भी नोटों का बड़ा बंडल लेकर इसे खपाने की ताक में थे कि तभी पुलिस को एक मुखबीर ने इनकी जानकारी दे दी। पुलिस ने इन्हें पकड़ा युवकों के पास से 2000, 500, 200, 100 और 20 रू. के नकली नोट मिले हैं। तीनों आरोपियों कुल 4,32,860 रुपये, एच.पी. कंपनी का कलर प्रिंटर, कैंची, बॉन्ड पेपर, हरा टेप, स्कैच कलर पेन, प्रिंटर इंक, 3 नग मोबाइल मिले हैं।



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तस्वीर महासमुंद की है। पुलिस की गिरफ्त में मौजूद युवकों के पूछताछ जारी है कि कहां-कहां इन्होंने नोट खपाए हैं।


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