गुरुवार, 24 सितंबर 2020

76 साल पुराने आईएनएस विराट 28 को रिटायर होगा, इस पर तैनात जांबाज बोले- अगर म्यूजियम में तब्दील होता तो इतिहास जिंदा रहता

भारतीय नाैसेना के 76 साल पुराने ऐतिहासिक जंगी जहाज आईएनएस विराट का विसर्जन 28 सितंबर को होगा। भास्कर टीम इसके विसर्जन की अंतिम गवाह बनी और मौके पर पहुंची। 2017 में इसे रिटायर करने के बाद कोच्चि में सबसे पहले इसके इंजन, जनरेटर निकाले गए।

बाद में वायरिंग को निष्क्रिय कर पंखे, नेविगेशन उपकरण, रडार, ब्रिज रूम सहित दोबारा उपयोग में आने वाले तमाम उपकरण निकाल लिए गए हैं। 1944 में बने इस जहाज की प्लेट, डेक-रन-वे आज भी मजबूत स्थिति में है। बिजली नहीं होने के कारण अपर डेक से ग्राउंड डेक तक इसके तमाम फ्लोर पर अंधेरा पसरा हुआ है।

1944 में बने इस जहाज की प्लेट, डेक-रन-वे आज भी मजबूत स्थिति में है।

अंदरूनी हिस्से में निचली डेक पर लाइब्रेरी, नेवी के कर्मचारियों के आवासीय कैबिन सब अस्त-व्यस्त है। इसमें जिम, अस्पताल, मैस रूम आदि हैं। भावनगर के एंकरेज क्षेत्र में पिरम आईलैंड की दक्षिण दिशा में खड़े इस जहाज में तैनात रहे लेफ्टिनेंट कमांडर आईएस चीमा और संजय कार्वे कहते हैं कि इसे विसर्जित करने की बजाय अगर म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। यह भारतीय मैरिटाइम इतिहास के जीवंत स्वरूप से लोगों को हमेशा रूबरू करवाते रहता।

विसर्जन से पहले सभी सरकारी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी

आईएनएस विराट को ऑनलाइन नीलामी में खरीदने वाले मुकेश पटेल ने बताया कि 28 सितंबर से अलंग के गहरे समुद्र क्षेत्र में इसके विसर्जन का काम शुरू होगा। गुरुवार से कस्टम, गुजरात मैरिटाइम बोर्ड (जीएमबी), गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) और एईआरबी सहित प्राधिकरण की जरूरी औपचारिकताओं को पूरा किया जाएगा।



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2017 में इसे रिटायर करने के बाद कोच्चि में सबसे पहले इसके इंजन, जनरेटर निकाले गए।


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चीफ जस्टिस बोबडे की कोर्ट में चल रही थी सुनवाई, तभी आई सब्जीवाले की आवाज- आलू ले लो, प्याज ले लो

(पवन कुमार) कोरोना के कारण सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई हो रही है। ऑनलाइन सुनवाई के दौरान ज्यादातर वकील घर, ऑफिस और कार में बैठकर दलीलें देते हैं। इस कारण कई बार तरह-तरह के अजीब वाकये भी पेश आते हैं। इससे गंभीर मामलों की सुनवाई के दौरान माहौल ही बदल जाता है। मंगलवार को भी ऐसा ही एक अजीब वाकया सामने आया।

हुआ यूं कि चीफ जस्टिस एसए बोबडे की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कई वकील कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे और सुनवाई में शामिल थे। इस बीच एक वकील दलील दे रहा था। तभी एक वकील के बैकग्राउंड से आवाज आई- ‘आलू ले लो....भिंडी ले लो....प्याज ले लो...।’ यह सुनते ही वकील और जज हंसने लगे।

चीफ जस्टिस ने कहा- सभी वकीलों को म्यूट कर दें

दरअसल, एक वकील अपने घर के जिस कमरे में बैठा था। उसके बाहर एक ठेले वाला चिल्ला-चिल्लाकर सब्जी बेच रहा था। इस बीच चीफ जस्टिस ने पूछा- ‘यह आवाज किस वकील के बैकग्रांउड से आ रही है।’ लेकिन किसी ने हामी नहीं भरी। इसके बाद चीफ जस्टिस ने अपने स्टाफ से कहा कि दलील पेश कर रहे वकील के अतिरिक्त अन्य सभी वकीलों को म्यूट कर दें।

वकील गालिब-कबीर का नाम सुनकर सीजेआई बोबडे चौंक पड़े

इसके बाद मामलों की रुटीन सुनवाई दोबारा शुरू की गई। दूसरी ओर देशभर में इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम लागू करने की मांग को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील गालिब-कबीर का नाम सुनकर सीजेआई बोबडे चौंक पड़े।

बोले- ‘गालिब भी और कबीर भी। आपका नाम तो बड़ा दिलचस्प है। खैर बताइए कि आप क्या चाहते हैं।’ हालांकि, याचिकाकर्ता की सुनवाई पर सीजेआई ने कहा- ‘यह ऐसा मामला नहीं है, जिस पर कोर्ट आदेश दे। आप चाहे तो सरकार को ज्ञापन दे सकते हैं।’

जज ने कहा- माइक के पास आएं; वकील बोला- कोर्ट से आधा किमी ही दूर हूं, अभी पास आता हूं

जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मंगलवार को 12वीं कक्षा में कंपार्टमेंट वाले छात्रों के मामले की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान जज को वकील विवेक तनखा की आवाज साफ सुनाई नहीं दे रही थी। जस्टिस ने कहा- ‘माइक के नजदीक आएं।’ जवाब में तनखा बोले ‘माय लॉर्ड, कोर्ट से आधा किमी दूर हूं। अभी कोर्ट के पास आ जाता हूं।’



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The hearing of Chief Justice Bobde was going on in the court, when the voice of the vegetable seller came - 'Take the potatoes ... Take the lady finger ... Take the onion'


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इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ तीन साल पहले शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती, हर साल 40 लाख रु की हो रही कमाई

झारखंड की राजधानी रांची से करीब 158 किलोमीटर दूर पलामू जिले में एक गांव है हरिहर गंज। इस गांव में रहने वाले दीपक इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर पिछले चार साल से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं और हर साल करीब 40 लाख रु कमा रहे हैं। पहली बार 2017 में इन्होंने लगभग तीन एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती की। तब दीपक को बारह लाख रु की बचत हुई थी।

दीपक बताते हैं, “मैंने हरियाणा में पहली बार स्ट्रॉबेरी देखी था, मेरे लिए यह एकदम नई चीज थी। मैंने जानकारी जुटाई और फिर हिम्मत करके अपने गांव में खेती शुरू की। घर-परिवार से लेकर आस-पड़ोस सब कहते थे कि गलत कर रहे हो। नौकरी छोड़ के खेती क्यों कर रहे हो। बर्बाद हो जाएगा। उस साल मुझे सारे खर्चे काटकर 12 लाख रुपए की बचत हुई थी।

24 साल के दीपक अपने परिवार के साथ गांव में ही रहते हैं। वो कहते हैं कि दिल्ली जैसे बड़े शहर से लौटकर पलामू के एक छोटे से गांव में रहने का फैसला करना आसान नहीं था। दिमाग में हजार सवाल थे। कैसे होगा? क्या सब ठीक से होगा? नुकसान हुआ तो फिर... आदि, आदि।

दीपक बताते हैं, 'मेरे पिता जी नहीं हैं। दादा ने परवरिश की। पढ़ाई पूरी करने के कुछ ही दिन बाद वो भी गुजर गए। मैं भाई में अकेला हूं। घर में मां थी। मुझे नौकरी के लिए बाहर आना पड़ा। 2017 में शादी हो गई। जहां काम करता था वहां बहुत दबाव रहता था। मैं पूरी मेहनत से काम करता था लेकिन कोई खुश नहीं था। मैं भी हंसना भूल गया था। इन सभी वजहों से मैं लौटा और खेती शुरू की।”

दीपक के इस काम से 60 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं।

2017 में पहली बार लगभग साढ़े तीन एकड़ जमीन पर खेती करने के बाद दीपक ने अगले ही साल यानी 2018 में 6 एकड़ और 2019 में 12 एकड़ जमीन लीज पर लेकर स्ट्रॉबेरी की खेती की। सितम्बर से अप्रैल के बीच उगाए जाने वाले इस फल की मांग हर तरफ रहती है। दीपक ने बताया, ‘‘स्ट्रॉबेरी पटना, रांची, कोलकाता, सिलिगुड़ी तक जाती है। मार्केट की कोई दिक्कत नहीं है। जब मैं पहली बार स्ट्रॉबेरी उपजा रहा था तो सबसे बड़ा सवाल यही था। बेचेंगे कहां? इतना स्ट्रॉबेरी कहां खपाएंगे? लेकिन ये सवाल जल्दी ही खत्म हो गया। स्ट्रॉबेरी की मांग रहती है। मेरे यहाँ दूर-दूर से ऑर्डर आते हैं। मार्केट की चिंता नहीं रहती।”

2019 में दीपक ने 12 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती की थी। फरवरी के आखिर में लॉकडाउन लग गया और इस वजह से दीपक के लगभग 19 लाख रुपए अभी भी मार्केट में फंसे हुए हैं। वो बताते हैं, “कोरोना की वजह से परेशानी हुई। फरवरी, मार्च और आधा अप्रैल तक स्ट्रॉबेरी बहुत निकलता है। आप समझिए कि अप्रैल में ये खत्म हो जाता है। इसी समय लॉकडाउन लग गया। माल जाना बंद हो गया। कुछ दिन बाद जाना शुरू भी हुआ तो सब उधार। इस सब के बाद भी मुझे 40 लाख रुपए की बचत हुई। अगर लॉकडाउन नहीं लगता तो अच्छी कमाई होती।”

पहली बार 2017 में इन्होंने लगभग तीन एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती की। तब दीपक को बारह लाख रु की बचत हुई थी।

वो कहते हैं, 'स्ट्रॉबेरी में हर दिन 60 मजदूर लगते हैं। बीस ऐसे लोग हैं जिन्हें मैंने ट्रेनिंग दी है और अब वो मेरे यहां काम करते हैं। इन्हें तो हम हर महीने दस हजार रुपए देते हैं। इनका खाना-पीना और सोना-रहना भी हमारी जिम्मेदारी है। इसके अलावे हर दिन दिहाड़ी पर महिलाएं आती हैं। सुबह नौ बजे आती हैं और शाम में पांच बजे जाती हैं। इन्हें हम रोज का दो-तीन सौ देते हैं। दीपक की प्रगति को देखकर इलाके के दूसरे कई नौजवान भी इस काम को अपनाना चाह रहे हैं।

हमने दीपक से ये भी पूछा कि अगर आज कोई व्यक्ति एक एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहे तो उसे कितना खर्च करना होगा और इस काम में रिस्क कितना है? इस सवाल के जवाब में दीपक का कहना है कि खेती में ही रिस्क है। बिना रिस्क के खेती नहीं हो सकती। वो बताते हैं, “रिस्क तो है। अब इसी बार का देखिए। हमने खेत तैयार करवा रखी थी। इसके बाद बारिश हो गई इस वजह से फसल लगाने में देरी हो जाएगी। कहने का मतलब कि रिस्क तो है। रही बात खर्चे की तो कुछ साल पहले तक एक एकड़ में दो से सवा दो लाख का खर्च आता था। अब एक लाख में हो जाता है।

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झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले दीपक इंजीनियरिंग करने के बाद एक कंपनी में नौकरी कर रहे थे। तीन साल पहले उन्होंने नौकरी छोड़ स्ट्रॉबेरी की खेती करना शुरू किया। आज वे लाखों में कमा रहे हैं साथ ही गांव वालों को भी रोजगार दे रहे हैं।


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आंख फोड़वा कांड को लेकर बदनाम हुए विष्णु दयाल लगातार दूसरी बार सांसद बने, युमनाम सीधे डिप्टी सीएम बने तो प्रकाश मिश्रा एक लाख वोट से हार गए

कुछ घंटों पहले ही बिहार के डीजीपी से पूर्व डीजीपी हुए गुप्तेश्वर पांडे इन दिनों छाए हुए हैं। अभी मंगलवार को ही उन्होंने रिटायरमेंट से पांच महीना पहले ही वीआरएस लिया है। अब राजनीतिक गलियारों में उनके चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि एनडीए की सीट पर वे विधानसभा चुनाव या वाल्मीकिनगर से लोकसभा उपचुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस पर अपने बयानों से लाइम लाइट में आए गुप्तेश्वर पांडे ने इससे पहले 2009 में भी इस्तीफा दिया था और बक्सर लोकसभा सीट से दावेदारी पेश की थी। हालांकि ऐन वक्त पर भाजपा ने सिटिंग कैंडिडेट लालमुनि चौबे को टिकट दे दिया था। जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था।

गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस लेने की घटना को पॉलिटिकल माइलेज जरूर मिल रहा है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पहली बार कोई डीजीपी राजनीति में एंट्री लिया है। इससे पहले भी दर्जनभर से ज्यादा डीजीपी राजनीति में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। कई सफल भी हुए हैं तो कइयों को निराशा भी हाथ लगी है।

1. विष्णु दयाल राम : आंख फोड़वा कांड को लेकर चर्चा में आए, 2019 में लगातार दूसरी बार चुने गए सांसद

1980 के दशक में बिहार में आंख फोड़वा कांड को लेकर सियासत काफी गरमाई थी। तब अपराधियों की आंख में तेजाब डाल दिया जाता था। 30 से ज्यादा अपराधियों के आंख फोड़ने की घटना सामने आई थी। ज्यादातर घटनाएं भागलपुर में हुई थी। तब भागलपुर के एसपी थे विष्णु दयाल राम यानी वीडी राम। इस घटना को लेकर उन पर आरोप लगे जिसकी सीबीआई जांच भी हुई। लेकिन, उनके खिलाफ सबूत नहीं मिल सका। ऐसा कहा जाता है कि साल 2003 में बनी गंगाजल फिल्म बहुत हद तक उसी घटना पर आधारित थी।

विष्णु दयाल राम झारखंड के पलामू से सांसद हैं। 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे विष्णु दो बार झारखंड के डीजीपी रह चुके हैं। एक बार 2005 से 2006 और दूसरी बार 2007 से 2010 तक।
बिहार के बक्सर जिले से ताल्लुक रखने वाले विष्णु रिटायरमेंट के करीब चार साल बाद 2014 में भाजपा में शामिल हुए और झारखंड की पलामू लोकसभा सीट से सांसद बने। इसके बाद 2019 में वे लगातार दूसरी बार सांसद बने। वे कई पार्लियामेंट्री कमेटी के सदस्य रह चुके हैं।

2. युमनाम जयकुमार सिंह : डीजीपी के बाद सीधे डिप्टी सीएम बने लेकिन दो साल बाद ही सरकार से बगावत कर दी

इस साल जून के महीने में जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा था तब मणिपुर में एनडीए अपनी सरकार बचाने के लिए जहोजद्द कर रही थी। गठबंधन के 9 विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत कर दिया था। इस बगावत के सूत्रधार थे यहां के डिप्टी सीएम युमनाम जयकुमार। जिसके बाद एनडीए सरकार अल्पमत में आ गई थी। जैसे तैसे सरकार तो बच गई लेकिन युमनाम की छुट्टी हो गई। हाल ही में एनपीपी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।

65 साल के युमनाम जयकुमार सिंह की गिनती पूर्वोत्तर के बड़े नेताओं में होती है। अभी वे उरिपोक विधानसभा क्षेत्र से नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक हैं। इससे पहले वे मणिपुर के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।1976 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे युमनाम 2007 से 2012 तक मणिपुर के डीजीपी रहे। रिटायरमेंट के करीब 5 साल बाद उन्होंने उन्होंने राजनीति में एंट्री ली। 2017 में उरिपोक सीट से जीत दर्ज करने के बाद वे एन विरेन सिंह की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने।

3. डीके पांडेय : रिटायरमेंट के भाजपा में शामिल हुए, टिकट के लिए दावेदारी की लेकिन चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला
डीके पांडेय 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। वे सीआरपीएफ के एडीजी भी रह चुके हैं। 2015 में उन्हें झारखंड का डीजीपी बनाया गया था। वे मार्च 2019 तक झारखंड के डीजीपी रहे। रिटायरमेंट के बाद अक्टूबर 2019 में पांडेय भाजपा में शामिल हो गए।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास के करीबी माने जाने वाले डीके को उम्मीद थी कि इस बार के झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा। उन्होंने निरसा सीट से दावेदारी की थी लेकिन ऐन वक्त पर उनका टिकट कट गया। एक दिलचस्प किस्सा यह भी है कि उनका अपना टिकट तो कटा ही उन्होंने अपने समधी गणेश मिश्र का भी टिकट कटवा दिया। दोनों में से किसी को निरसा से टिकट नहीं मिला।

डीके पांडेय कांके इलाके में अपने बने हुए घर को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने गैरमजरूआ जमीन पर अपना घर बनाया है। इस मामले की जांच चल रही है। अभी कुछ दिन पहले उनकी बहू ने भी उनपर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

4. निखिल कुमार : एक बार सांसद और दो बार राज्यपाल बने, पिता रह चुके हैं बिहार के सीएम
निखिल कुमार के परिवार का पुराना राजनीतिक इतिहास रहा है। उनके पिता सत्येन्द्र नारायण सिंह बिहार के मुख्यमंत्री और औरंगाबाद लोकसभा से छह बार सांसद रह रहे। बिहार के वैशाली जिले से ताल्लुक रखने वाले 1963 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे निखिल नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) आईटीबीपी और आरपीएफ के डीजीपी रह चुके हैं। वे 2001 में रिटायर हुए। इसके बाद 2004 में कांग्रेस में शामिल हो गए।

उन्होंने कांग्रेस से औरंगाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2009 में नागालैंड और 2013 में केरल के राज्यपाल बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने का भरोसा दिया था लेकिन, उन्हें मौका नहीं मिला।

5. प्रकाश मिश्रा : रिटायरमेंट के बाद भाजपा में शामिल हुए लेकिन एक लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा

1977 बैच के आईपीएस अधिकारी और ओडिशा के पूर्व डीजीपी प्रकाश मिश्रा का भी विवादों से नाता रहा है। वे 2012 से 2014 तक ओडिशा के डीजीपी रहे। सिंतबर 2014 में ओडिशा सरकार ने उन पर विजिलेंस का चार्ज लगा दिया और डीजीपी पद से हटा दिया। तब जमकर सियासत हुई थी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने ओडिशा सरकार को घेरा था और साजिश के तहत परेशान करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पूरा मामला कोर्ट में गया। जून 2015 में कोर्ट ने सरकार के आरोपों को खारिज करते हुए प्रकाश मिश्रा को राहत दी थी।

इसके बाद 2014 से 2016 तक वे सीआरपीएफ के डीजीपी रहे। रिटायरमेंट के बाद 2019 में वे भाजपा में शामिल हो गए। कटक सीट से उन्हें लोकसभा का टिकट भी मिला, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। उन्हें बीजद के उम्मीदवार भर्तृहरि महताब के हाथों एक लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।

इन अधिकारियों के अलावा और भी ऐसे डीजीपी रहे जिन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई। हालांकि इनमें से ज्यादातर को उतनी सफलता और शोहरत नहीं मिली जिसकी उन्होंने उम्मीद की थी।

6. सुनील कुमार
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे सुनील कुमार हाल ही में जदयू में शामिल हुए हैं। इस बार के विधानसभा में वे भी अपना किस्मत आजमा सकते हैं। सुनील कुमार होम गार्ड और फायर सर्विसेज के डीजीपी रह चुके हैं। इसी साल जुलाई में सुनील कुमार रिटायर हुए हैं। गोपालगंज से ताल्लुक रखने वाले पूर्व DGP सुनील कुमार के भाई अनिल कुमार कांग्रेस के विधायक हैं।

7. अजीत सिंह भटोटिया

1968 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे अजीत सिंह भटोटिया हरियाणा के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद 2005 में वे भाजपा में शामिल हुए। इसके बाद 2010 वे कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि कांग्रेस में भी वे ज्यादा दिन टिक नहीं सके और 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली।

8. आर नटराज

आर नटराज तमिलनाडु की एक सीट से विधायक हैं। 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे नटराज की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती थी। तमिलनाडु के डीजीपी रह चुके नटराज 2014 में एआईडीएमके में शामिल हुए थे। इसके बाद 2016 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

9. एचआर स्वान

1957 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे एचआर स्वान की मौत इसी साल मई में हुई। हरियाणा के डीजीपी रह चुके स्वान 1996 में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने 1996 और 98 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली। 2004 में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था।

10.विकास नारायण राय

विकास नारायण राय हरियाणा के डीजीपी रह चुके हैं। 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे विकास 2012 में रिटायर हुए। इसके बाद 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। वे अक्सर भाजपा और केंद्र सरकार को लेकर प्रहार करते रहते हैं।



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निखिल कुमार, डीके पांडेय, प्रकाश मिश्रा , युमनाम जयकुमार सिंह और विष्णु दयाल राम (ऊपर से नीचे) ये सभी डीजीपी रह चुके हैं।


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रकुलप्रीत को आज नारकोटिक्स ब्यूरो ने पूछताछ के लिए बुलाया; दीपिका का नंबर कल, रिया जैसा केस साबित हुआ तो दीपिका की गिरफ्तारी भी हो सकती है

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने बॉलीवुड की चार बड़ी हस्तियों से पूछताछ के लिए बुधवार को समन जारी कर दिए। इनमें दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह शामिल हैं। रकुलप्रीत को आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है। फैशन डिजायनर सिमोन खंबाटा से भी आज ही सवाल-जवाब होंगे। सुशांत और रिया की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी को भी बुलाए जाने की रिपोर्ट है।

किस एक्ट्रेस को किस दिन का समन?
रकुलप्रीत सिंह: आज
दीपिका पादुकोण : 25 सितंबर
सारा अली : 26 सितंबर
श्रद्धा कपूर : 26 सितंबर

एक जैसा सिंडिकेट साबित हुआ तो क्या रिया जैसी धाराएं दीपिका पर भी लगेंगी?
NCB के एक अफसर ने बताया कि दोनों के मामले में कहीं से भी एक जैसा सिंडिकेट साबित हुआ एक जैसी धाराएं लगाकर एक जैसी सजा दी जा सकती है। रिया का मामला इस केस से मिलता है, क्योंकि टैलेंट मैनेजर जया साहा इन सभी के कॉन्टैक्ट में हैं और ड्रग्स का इंतजाम कराने की बात भी कह रही हैं।

दीपिका की गिरफ्तारी के सवाल पर NCB चुप
दीपिका और उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश के चैट के स्क्रीनशॉट मिलने के बाद दीपिका को समन भेजा गया है। करिश्मा ने अपने वकील के जरिए से NCB से 25 सितंबर तक की छूट मांगी थी। वकील ने NCB से कहा कि करिश्मा बीमार हैं, इसलिए वे हाजिर नहीं हो पाएंगी। हालांकि, खबरें चलती रहीं कि वे गोवा में दीपिका के साथ हैं। NCB के डिप्टी डायरेक्टर (ऑपरेशन) कमल मल्होत्रा ने दीपिका की गिरफ्तारी की आशंका से जुड़े सवाल पर कुछ कहने से इनकार कर दिया।

हैश, वीड...
ये शब्द दीपिका और करिश्मा की चैट में थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि हैश यानी हशीश और वीड यानी गांजे के लिए बातचीत हुई थी।

ड्रग्स की कितनी मात्रा पर कितनी सजा?
गांजा: 1 किलो से कम बरामद हो तो छोटी मात्रा है। 1 किलो से 20 किलो के बीच इंटरमीडिएट मात्रा है। दोनों जमानती अपराध हैं। 20 किलो से ऊपर कमर्शियल मात्रा है। ये गैर जमानती है।
चरस, कोकीन, मरिजुआना और हशीश: 100 ग्राम से कम छोटी मात्रा है। जमानत मिल जाती है। 100 ग्राम से 1 किलो तक हो तो जमानत फैक्ट्स के आधार पर मिलती है। 1 किलो से ऊपर होने पर जमानत नहीं मिलती।
हेरोइन: 5 ग्राम से कम छोटी मात्रा है, यह जमानती अपराध है। 250 ग्राम से ज्यादा कमर्शियल मात्रा है। इसमें कम से कम 10 साल सजा का प्रावधान है।

एनडीपीएस एक्ट के जानकार, सुप्रीम कोर्ट के वकील सुमीत वर्मा बता रहे हैं कि NCB की कार्रवाई का क्या आधार है...

क्या सोशल मीडिया में ड्रग्स के सिर्फ लेन-देन की बात सजा का आधार बन सकती है?
केस बन सकता है, NCB को चैटिंग को सबूत के तौर पर कोर्ट में साबित करना पड़ेगा। NCB को यह साबित करना होगा कि आरोपियों ने ड्रग्स खरीदी। पैसों का ट्रांजैक्शन भी दिखाना होगा।

चैटिंग में हैश जैसे कोड के इस्तेमाल से केस बनेगा?
केस तो बन जाएगा, लेकिन NCB को आरोपियों के मोबाइल के जरिए यह साबित करना होगा कि चैटिंग मजाक में नहीं की गई थी। जैन हवाला केस में भी डायरी के कोड वर्ड्स पर केस बना था।

क्या ऐसी चैटिंग के आधार पर छापा मारा जा सकता है?
बिल्कुल छापेमारी की जा सकती है। जांच को आगे बढ़ाने, बातचीत के लिंक को सही साबित करने और सबूत तलाशने के लिए जरूरी है।

ड्रग्स जब्त नहीं हो तो क्या सिर्फ लेन-देन की बात पर केस बनेगा?
ऐसे में ड्रग्स यूज करने का केस बनाया जा सकता है। इसमें एक साल की सजा या 20 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है, लेकिन आरोपी कोर्ट में नशा छोड़ने की इच्छा जताए तो सजा नहीं मिलेगी, बल्कि नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा।

क्या किसी आरोपी के बयान के आधार पर किसी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है?
जांच आगे बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा सकता है।

क्या जब्ती के बिना किसी के बयान के आधार पर किसी और के खिलाफ केस बन सकता है?
ऐसा किया जा सकता है। अगर व्यक्ति फैसिलिटेट कर रहा है और सबूत पेश कर रहा है तो उसके आधार पर भी NCB किसी और को गिरफ्तार कर सकता है।



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Narcotics Control Bureau summons Deepika, Shraddha, Sara and Rakul Preet Singh in drugs related case linked to Sushant death


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छह दिन में 51 हजार एक्टिव केस कम हुए, 13 दिन पहले सबसे ज्यादा 24 हजार बढ़े थे; देश में अब तक कुल 57.30 लाख संक्रमित

देश में बीते छह दिन से कोरोना के आंकड़े राहत दे रहे हैं। इस दौरान नए केस से ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। बुधवार को 86 हजार 703 संक्रमितों की पहचान हुई, जबकि 87 हजार 458 मरीज ठीक हो गए। अब 9.66 लाख मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। 17 सितंबर को यह आंकड़ा सबसे ज्यादा 10.17 लाख था, यानी बीते छह दिन में 51 हजार एक्टिव केस कम हुए हैं। 12 सितंबर को सबसे ज्यादा 24 हजार एक्टिव केस बढ़े थे।

देश में अब तक 57 लाख 30 हजार 184 केस आ चुके हैं। 46 लाख 71 हजार 850 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 91 हजार 173 की मौत हो चुकी है। बुधवार को 1123 मरीजों ने जान गंवाई। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का बुधवार को कोरोना से निधन हो गया। वे 65 साल के थे। दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। अंगड़ी कर्नाटक की बेलगाम लोकसभा सीट से सांसद थे।
  • दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुधवार को बुखार और ऑक्सीजन लेवल कम होने की शिकायत के बाद दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। 14 सितंबर को वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया कि 22 सितंबर को 9 लाख 53 हजार 683 सैंपल की जांच की गई। इसके साथ देश में अब तक 6 करोड़ 62 लाख 79 हजार 462 कोरोना सैंपल की जांच की जा चुकी है।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में बुधवार को 2346 नए संक्रमित मिले, जबकि 42 मरीजों ने दम तोड़ दिया। नए संक्रमितों में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, हरदीप सिंह डंग और भीकनगांव से कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी भी शामिल हैं। इन्हें मिलाकर अब तक सरकार के 13 मंत्री और पक्ष-विपक्ष के 44 विधायक संक्रमित हो चुके हैं।

2. राजस्थान
राज्य में 27 जिले ऐसे हैं, जिनमें एक हजार से ज्यादा रोगी मिल चुके हैं। बाकी छह जिले- हनुमानगढ़ में 767, प्रतापगढ़ में 735, करौली में 788, सवाई माधोपुर में 807 और दौसा में 873 केस हैं। जयपुर में सबसे ज्यादा 18 हजार 620 पॉजिटिव मिल चुके हैं। जोधपुर में 17 हजार 919 हैं। राज्य में 1.20 लाख से ज्यादा केस हैं। अच्छी खबर यह है कि इनमें 1 लाख 365 मरीज ठीक हो चुके हैं।

3. बिहार.
राज्य में 28 सितंबर से 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए पैरेंट्स की अनुमति जरूरी है। इस दौरान प्रार्थना सत्र, खेलकूद और अन्य गतिविधि नहीं होगी। स्कूल स्टाफ की संख्या 50% से ज्यादा नहीं होगी। उधर, राज्य में 24 घंटे में 1598 नए केस बढ़े, जबकि 1490 लोग ठीक हो गए। एक संक्रमित ने दम तोड़ दिया।

4. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बुधवार को 21 हजार 29 संक्रमित मिले और 19 हजार 476 लोग रिकवर हुए। अब तक 12 लाख 63 हजार 799 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 9 लाख 56 हजार 30 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 73 हजार 477 का इलाज चल रहा है।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में बुधवार को 5143 नए केस सामने आए, 6506 मरीज ठीक हो गए, जबकि 87 संक्रमितों की मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 3 लाख 69 हजार 686 केस आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 2 हजार 689 ठीक हो चुके हैं, 61 हजार 698 मरीजों का इलाज चल रहा है और 5299 मरीजों की मौत हो चुकी है।



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रकुलप्रीत को आज नारकोटिक्स ब्यूरो ने पूछताछ के लिए बुलाया; दीपिका का नंबर कल, रिया जैसा केस साबित हुआ तो दीपिका की गिरफ्तारी भी हो सकती है

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने बॉलीवुड की चार बड़ी हस्तियों से पूछताछ के लिए बुधवार को समन जारी कर दिए। इनमें दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह शामिल हैं। रकुलप्रीत को आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है। फैशन डिजायनर सिमोन खंबाटा से भी आज ही सवाल-जवाब होंगे। सुशांत और रिया की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी को भी बुलाए जाने की रिपोर्ट है।

किस एक्ट्रेस को किस दिन का समन?
रकुलप्रीत सिंह: आज
दीपिका पादुकोण : 25 सितंबर
सारा अली : 26 सितंबर
श्रद्धा कपूर : 26 सितंबर

एक जैसा सिंडिकेट साबित हुआ तो क्या रिया जैसी धाराएं दीपिका पर भी लगेंगी?
NCB के एक अफसर ने बताया कि दोनों के मामले में कहीं से भी एक जैसा सिंडिकेट साबित हुआ एक जैसी धाराएं लगाकर एक जैसी सजा दी जा सकती है। रिया का मामला इस केस से मिलता है, क्योंकि टैलेंट मैनेजर जया साहा इन सभी के कॉन्टैक्ट में हैं और ड्रग्स का इंतजाम कराने की बात भी कह रही हैं।

दीपिका की गिरफ्तारी के सवाल पर NCB चुप
दीपिका और उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश के चैट के स्क्रीनशॉट मिलने के बाद दीपिका को समन भेजा गया है। करिश्मा ने अपने वकील के जरिए से NCB से 25 सितंबर तक की छूट मांगी थी। वकील ने NCB से कहा कि करिश्मा बीमार हैं, इसलिए वे हाजिर नहीं हो पाएंगी। हालांकि, खबरें चलती रहीं कि वे गोवा में दीपिका के साथ हैं। NCB के डिप्टी डायरेक्टर (ऑपरेशन) कमल मल्होत्रा ने दीपिका की गिरफ्तारी की आशंका से जुड़े सवाल पर कुछ कहने से इनकार कर दिया।

हैश, वीड...
ये शब्द दीपिका और करिश्मा की चैट में थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि हैश यानी हशीश और वीड यानी गांजे के लिए बातचीत हुई थी।

ड्रग्स की कितनी मात्रा पर कितनी सजा?
गांजा: 1 किलो से कम बरामद हो तो छोटी मात्रा है। 1 किलो से 20 किलो के बीच इंटरमीडिएट मात्रा है। दोनों जमानती अपराध हैं। 20 किलो से ऊपर कमर्शियल मात्रा है। ये गैर जमानती है।
चरस, कोकीन, मरिजुआना और हशीश: 100 ग्राम से कम छोटी मात्रा है। जमानत मिल जाती है। 100 ग्राम से 1 किलो तक हो तो जमानत फैक्ट्स के आधार पर मिलती है। 1 किलो से ऊपर होने पर जमानत नहीं मिलती।
हेरोइन: 5 ग्राम से कम छोटी मात्रा है, यह जमानती अपराध है। 250 ग्राम से ज्यादा कमर्शियल मात्रा है। इसमें कम से कम 10 साल सजा का प्रावधान है।

एनडीपीएस एक्ट के जानकार, सुप्रीम कोर्ट के वकील सुमीत वर्मा बता रहे हैं कि NCB की कार्रवाई का क्या आधार है...

क्या सोशल मीडिया में ड्रग्स के सिर्फ लेन-देन की बात सजा का आधार बन सकती है?
केस बन सकता है, NCB को चैटिंग को सबूत के तौर पर कोर्ट में साबित करना पड़ेगा। NCB को यह साबित करना होगा कि आरोपियों ने ड्रग्स खरीदी। पैसों का ट्रांजैक्शन भी दिखाना होगा।

चैटिंग में हैश जैसे कोड के इस्तेमाल से केस बनेगा?
केस तो बन जाएगा, लेकिन NCB को आरोपियों के मोबाइल के जरिए यह साबित करना होगा कि चैटिंग मजाक में नहीं की गई थी। जैन हवाला केस में भी डायरी के कोड वर्ड्स पर केस बना था।

क्या ऐसी चैटिंग के आधार पर छापा मारा जा सकता है?
बिल्कुल छापेमारी की जा सकती है। जांच को आगे बढ़ाने, बातचीत के लिंक को सही साबित करने और सबूत तलाशने के लिए जरूरी है।

ड्रग्स जब्त नहीं हो तो क्या सिर्फ लेन-देन की बात पर केस बनेगा?
ऐसे में ड्रग्स यूज करने का केस बनाया जा सकता है। इसमें एक साल की सजा या 20 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है, लेकिन आरोपी कोर्ट में नशा छोड़ने की इच्छा जताए तो सजा नहीं मिलेगी, बल्कि नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा।

क्या किसी आरोपी के बयान के आधार पर किसी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है?
जांच आगे बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा सकता है।

क्या जब्ती के बिना किसी के बयान के आधार पर किसी और के खिलाफ केस बन सकता है?
ऐसा किया जा सकता है। अगर व्यक्ति फैसिलिटेट कर रहा है और सबूत पेश कर रहा है तो उसके आधार पर भी NCB किसी और को गिरफ्तार कर सकता है।



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Narcotics Control Bureau summons Deepika, Shraddha, Sara and Rakul Preet Singh in drugs related case linked to Sushant death


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छह दिन में 51 हजार एक्टिव केस कम हुए, 13 दिन पहले सबसे ज्यादा 24 हजार बढ़े थे; देश में अब तक कुल 57.30 लाख संक्रमित

देश में बीते छह दिन से कोरोना के आंकड़े राहत दे रहे हैं। इस दौरान नए केस से ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। बुधवार को 86 हजार 703 संक्रमितों की पहचान हुई, जबकि 87 हजार 458 मरीज ठीक हो गए। अब 9.66 लाख मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। 17 सितंबर को यह आंकड़ा सबसे ज्यादा 10.17 लाख था, यानी बीते छह दिन में 51 हजार एक्टिव केस कम हुए हैं। 12 सितंबर को सबसे ज्यादा 24 हजार एक्टिव केस बढ़े थे।

देश में अब तक 57 लाख 30 हजार 184 केस आ चुके हैं। 46 लाख 71 हजार 850 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 91 हजार 173 की मौत हो चुकी है। बुधवार को 1123 मरीजों ने जान गंवाई। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

कोरोना अपडेट्स

  • रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का बुधवार को कोरोना से निधन हो गया। वे 65 साल के थे। दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। अंगड़ी कर्नाटक की बेलगाम लोकसभा सीट से सांसद थे।
  • दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुधवार को बुखार और ऑक्सीजन लेवल कम होने की शिकायत के बाद दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। 14 सितंबर को वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया कि 22 सितंबर को 9 लाख 53 हजार 683 सैंपल की जांच की गई। इसके साथ देश में अब तक 6 करोड़ 62 लाख 79 हजार 462 कोरोना सैंपल की जांच की जा चुकी है।

पांच राज्यों का हाल

1. मध्यप्रदेश
राज्य में बुधवार को 2346 नए संक्रमित मिले, जबकि 42 मरीजों ने दम तोड़ दिया। नए संक्रमितों में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, हरदीप सिंह डंग और भीकनगांव से कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी भी शामिल हैं। इन्हें मिलाकर अब तक सरकार के 13 मंत्री और पक्ष-विपक्ष के 44 विधायक संक्रमित हो चुके हैं।

2. राजस्थान
राज्य में 27 जिले ऐसे हैं, जिनमें एक हजार से ज्यादा रोगी मिल चुके हैं। बाकी छह जिले- हनुमानगढ़ में 767, प्रतापगढ़ में 735, करौली में 788, सवाई माधोपुर में 807 और दौसा में 873 केस हैं। जयपुर में सबसे ज्यादा 18 हजार 620 पॉजिटिव मिल चुके हैं। जोधपुर में 17 हजार 919 हैं। राज्य में 1.20 लाख से ज्यादा केस हैं। अच्छी खबर यह है कि इनमें 1 लाख 365 मरीज ठीक हो चुके हैं।

3. बिहार.
राज्य में 28 सितंबर से 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए पैरेंट्स की अनुमति जरूरी है। इस दौरान प्रार्थना सत्र, खेलकूद और अन्य गतिविधि नहीं होगी। स्कूल स्टाफ की संख्या 50% से ज्यादा नहीं होगी। उधर, राज्य में 24 घंटे में 1598 नए केस बढ़े, जबकि 1490 लोग ठीक हो गए। एक संक्रमित ने दम तोड़ दिया।

4. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बुधवार को 21 हजार 29 संक्रमित मिले और 19 हजार 476 लोग रिकवर हुए। अब तक 12 लाख 63 हजार 799 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 9 लाख 56 हजार 30 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 73 हजार 477 का इलाज चल रहा है।

5. उत्तरप्रदेश
राज्य में बुधवार को 5143 नए केस सामने आए, 6506 मरीज ठीक हो गए, जबकि 87 संक्रमितों की मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 3 लाख 69 हजार 686 केस आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 2 हजार 689 ठीक हो चुके हैं, 61 हजार 698 मरीजों का इलाज चल रहा है और 5299 मरीजों की मौत हो चुकी है।



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दीपिका पहली ए-लिस्टर सेलिब्रिटी जिनसे ड्रग्स केस में कल पूछताछ होगी; आज कोहली से फिटनेस पर बात करेंगे मोदी और UGC NET की शुरुआत

बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन वाले मामले में रिया, कंगना के बाद दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह भी जांच के घेरे में आ गई हैं। वहीं, अनुराग कश्यप के खिलाफ रेप केस दर्ज हुआ है। बहरहाल, चलिए शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...

आज इन 4 इवेंट्स पर रहेगी नजर

1. IPL में आज किंग्स इलेवन पंजाब और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच मैच होगा। टॉस शाम 7 बजे होगा। शाम साढ़े सात बजे से मैच शुरू होगा।

2. प्रधानमंत्री मोदी आज विराट कोहली और मिलिंद सोमण से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फिटनेस के बारे में बातचीत करेंगे।

3. ड्रग्स केस में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती की जमानत अर्जी और कंगना का दफ्तर ताेड़े जाने के मामले में आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। मुंबई में बारिश की वजह से कल सुनवाई नहीं हो सकी थी।

4. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आज और कल यूजीसी नेट कराएगी। इसमें चयनित उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फैलोशिप पाने की पात्रता हासिल करते हैं।

5. राजनाथ सिंह आज 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 43 पुलों का उद्घाटन करेंगे। इनसे देश की सीमाओं तक सेना की पहुंच आसान होगी।

अब कल की 6 महत्वपूर्ण खबरें

1. 2017 की एक ड्रग्स चैट सामने आने के बाद दीपिका की मुश्किलें बढ़ीं ​​​​​​

सुशांत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बुधवार को समन जारी किया। यानी रकुलप्रीत को 24 सितंबर, दीपिका को 25 सितंबर, श्रद्धा और सारा को 26 सितंबर को एनसीबी के सामने पेश होना होगा। 2017 की ड्रग्स चैट सामने आने के बाद दीपिका जांच के घेरे में आई हैं। वे पहली ए-लिस्टर हैं, जिनसे पूछताछ होगी।

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2. बनारस की बेटी शिवांगी सिंह अब उड़ाएगी राफेल

बनारस की शिवांगी सिंह राफेल स्क्वाड्रन की पहली महिला फाइटर पायलट होंगी। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी इससे पहले मिग-21 उड़ा चुकी हैं। अब वे राफेल की 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी फिलहाल अंबाला में प्रशिक्षण ले रही हैं। शिवांगी 2017 में एयरफोर्स में शामिल हुई थीं। वे विंग कमांडर अभिनंदन के साथ भी काम कर चुकी हैं।

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3. मोदी दुनिया के 100 सबसे असरदार लोगों में

अमेरिका की टाइम मैगजीन ने पीएम नरेंद्र मोदी को दुनिया के 100 सबसे असरदार लोगों की लिस्ट में शामिल किया है, लेकिन तीखे कमेंट भी किए। टाइम के एडिटर कार्ल विक ने लिखा- भारत की 1.3 अरब की आबादी में ईसाई, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, जैन और दूसरे धर्मों के लोग शामिल हैं। मोदी ने इन्हें संशय में डाल दिया है। उनकी हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा ने न सिर्फ एलीटिज्म, बल्कि प्लूरलिज्म को भी खारिज कर दिया।

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4. अनुराग कश्यप के खिलाफ रेप का केस

दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम कर चुकी एक एक्ट्रेस ने फिल्म डायरेक्टर-प्रोड्यूसर अनुराग कश्यप के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया है। मुंबई के विक्रोली पुलिस स्टेशन में मंगलवार रात एफआईआर दर्ज की गई। इसमें डायरेक्टर के खिलाफ महिला का अपमान करने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। एक्ट्रेस का आरोप है कि कश्यप ने 2013 में वर्सोवा में एक लोकेशन पर रेप किया था।

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5. क्या आपको होम या ऑटो लोन रीस्ट्रक्चर करवाना चाहिए?

भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की घोषणा की थी। यह मोरेटोरियम 31 अगस्त 2020 को खत्म हो गया, लेकिन अब भी हालात सुधरे नहीं है। ऐसे में बैंकों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए रिजर्व बैंक ने उन्हें लोन रीस्ट्रक्चरिंग की इजाजत दी है। इससे हर बैंक को लोन पर रीपेमेंट पीरियड दो साल बढ़ाने की अनुमति मिली है। अब बैंकों ने इस पर काम शुरू कर दिया है।

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6. सुशांत मामले से सुर्खियों में आए बिहार के डीजीपी पांडे ने लिया वीआरएस

सुशांत मामले में जांच के दौरान मुंबई पुलिस की किरकिरी करने वाले बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया है। उनका कहना है कि करियर में दाग न लगे, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। राजनीति में आने पर वे एक-दो दिन में फैसला लेंगे। भास्कर से हुई बातचीत में कहा- अब चुनाव के माहौल में किसी को इतना विवादित बना दीजिएगा, तो वह चुनाव कैसे कराएगा?

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अब 24 सितंबर का इतिहास

1688: फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ जंग का ऐलान किया।

1861: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवादी आन्दोलन की प्रमुख नेता मैडम भीखाजी कामा का जन्म हुआ।

2014: भारत के ‘मंगलयान’ ने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया।

2009 में आज ही के दिन भारत के पहले मून मिशन चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी की खोज की थी। इस पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए एक बात कही थी। पढ़ें उन्हीं के शब्दों में...



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Deepika is the first A-lister celebrity to be questioned in a drugs case tomorrow; Modi and UGC NET to talk to Kohli on fitness today


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11 साल पहले चंद्रयान ने चांद की सतह पर खोजा पानी; मंगलयान ने किया मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश

आज का दिन अंतरिक्ष में भारतीय प्रयासों की एक बड़ी उपलब्धि के लिए जाना जाता है। 2009 में 24 सितंबर को ही नासा ने अपने जर्नल में इस बात की पुष्टि की कि चांद पर पानी है। हालांकि, इसरो के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने नासा की घोषणा से तीन महीने पहले ही यह दावा कर दिया था।

फिर भी, नासा के कंफर्मेशन के बाद भारतीय मिशन का महत्व और बढ़ गया। वहीं, इसके पांच साल बाद 2014 में देश के पहले मंगल मिशन ने सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था। अंतरिक्ष में भारतीय रिसर्च को देखते हुए यह दोनों ही उपलब्धियां बेहद खास है।

इसके अलावा आज के दिन को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है...

  • 1688ः फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
  • 1726ः ईस्ट इंडिया कंपनी को बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में नगर निगम और महापौर अदालतों को बनाने के लिए अधिकृत किया गया।
  • 1789ः अमेरिका में अटॉर्नी जनरल का कार्यालय बनाया गया।
  • 1861ः भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवादी आन्दोलन की प्रमुख नेता मैडम भीखाजी कामा का जन्म।
  • 1932ः डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पुणे की यरवडा सेंट्रल जेल में ‘दलितों’ के लिए विधानसभाओं में सीटें सुरक्षित करने को लेकर एक विशेष समझौता हुआ।
  • 1932ः बंगाल की क्रांतिकारी राष्ट्रवादी प्रीतिलता वाडेदार देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाली पहली महिला बनीं।
  • 1948ः होंडा मोटर कंपनी की स्थापना।
  • 1950ः पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी मोहिन्दर अमरनाथ का जन्म।
  • 1965ः यमन को लेकर सऊदी अरब और मिस्र के बीच समझौता।
  • 1968ः दक्षिण अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ।
  • 1971ः ब्रिटेन ने जासूसी के आरोप में 90 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया।
  • 1978ः पूर्व सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
  • 1979ः घाना ने संविधान अपनाया।
  • 1990ः पूर्वी जर्मनी ने खुद को वारसा संधि से अलग किया।
  • 1996ः अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए।
  • 2003ः फ्रांस के राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया।
  • 2005ः आई.ए.ई.ए. ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे को सुरक्षा परिषद को सौंपने का निर्णय लिया।
  • 2007ः म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार के खिलाफ राजधानी यांगून में एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतरे।
  • 2008ः चीन और नेपाल ने दूरसंचार के क्षेत्र में एक अहम अनुबंध पर हस्‍ताक्षर किए।
  • 2008ः भारतीय क्रिकेटर कपिल देव को थलसेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने एक समारोह में प्रादेशिक सेना में लेफ़्टिनेंट कर्नल की मानद पदवी प्रदान की।
  • 2008ः मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी और दो अन्य दोषियों की समय पूर्व रिहाई सम्बन्धी याचिका खारिज की।
  • 2013ः पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 515 लोगों की मौत।


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Today History for September 24th/ What Happened Today | ISRO Chandrayan-1 finds water on Moon surface| Mangalyan entered in Mars orbit


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कोरोना हमारे डीएनए में मौजूद एसीई-2 रिसेप्टर पर अटैक करता है, पर 60% भारतीयों में ये जीन बहुत मजबूत है; इसीलिए हम ज्यादा सुरक्षित

भारत में कोरोना के अब तक 56 लाख से ज्यादा केस आ चुके हैं। 90 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कोरोना केस भारत में ही हैं। लेकिन, इस सबके बावजूद एक सुखद बात है कि इस बीमारी से सबसे ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या भारत में ही है। देश में कोरोना के 80% से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। यही नहीं, देश में मृत्यु दर भी लगातार घट रही है।

भारत में मृत्यु दर इतनी कम क्यों है? रिकवरी रेट सबसे ज्यादा क्यों है? इन्हीं बातों का पता लगाने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे और उनकी टीम लंबे समय से रिसर्च कर रही थी। अब उसके नतीजे आ गए हैं। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। प्रोफेसर चौबे कहते हैं कि इस रिसर्च से यह बात साफ हो चुकी है कि भारत में लोगों की सेल्फ इम्युनिटी से कोरोना हार रहा है।

रिसर्च में क्या पता चला है?

बीएचयू में जन्तु विज्ञान के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने इस अध्ययन के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों के इंसानों के जीनोम को कलेक्ट किया। इसमें उन्होंने पाया कि भारत में हर्ड इम्युनिटी से ज्यादा कोरोना प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही लोगों के जीन में मौजूद है। यह क्षमता लोगों के शरीर की कोशिकाओं में मौजूद एक्स क्रोमोसोम के जीन एसीई-2 रिसेप्टर (गेटवे) से मिलती है।

इसी वजह से जीन पर चल रहे म्यूटेशन कोरोनावायरस को कोशिका में प्रवेश से रोक देते हैं। इस म्यूटेशन का नाम- RS-2285666 है। भारत के लोगों का जीनोम बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। यहां लोगों के जीनोम में इतने यूनीक टाइप के म्यूटेशन हैं, जिसकी वजह से देश में मृत्युदर और रिकवरी रेट सबसे ज्यादा है।

एसीई-2 रिसेप्टर कैसे काम करता है?
कोरोनावायरस सबसे पहले हमारे जीन में मौजूद एसीई-2 रिसेप्टर पर अटैक करता है। 60% भारतीयों में ये जीन बहुत मजबूत है। इसके चलते इसका यहां इतना ज्यादा असर नहीं हो रहा है, जबकि यूरोपीय और अमेरिकी लोगों में ये जीन सिर्फ 7% से 14% ही पाया जाता है। इसके चलते कोरोना का असर पश्चिमी देशों में ज्यादा रहा है। वहां मृत्युदर भी बहुत ज्यादा है।

जीनोम क्या है?

प्रोफेसर चौबे बताते हैं कि एक इंसान में 3.2 अरब कोशिकाएं मिलती हैं, हर एक में डीएनए पाया जाता है। यही डीएनए कोशिकाओं को निर्देशित करती हैं कि उनके लिए कौन से जरूरी काम हैं और कौन से नहीं हैं। यही डीएनए जब किसी वायरस का शरीर पर अटैक होता है तो उन्हें मार भगाने के लिए भी निर्देश देती हैं।

डीएनए में 1 से लेकर 22 तक क्रोमोसोम होते हैं। जिन्हें हम एक्स और वाई क्रोमोसोम के नाम से जानते हैं। इनमें से एक्स क्रोमोसोम पर एसीई-2 रिसेप्टर पाया जाता है, जिस पर ये कोरोनावायरस अटैक करता है। किसी भी जीव के डीएनए में मौजूद समस्त जीनों की चेन को जीनोम कहते हैं। यह एसीई-2 रिसेप्टर भी जीनोम का ही एक हिस्सा है।

इस रिसर्च के पीछे मकसद क्या था?

प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे बताते हैं कि जब से यह महामारी शुरू हुई है, तभी से बहुत सारे लोगों की तरह हमारे मन में भी कई सवाल थे। जैसे लोगों डिफेंस सिस्टम वायरस के खिलाफ बहुत अच्छे से काम क्यों नहीं कर रहा है? कुछ लोगों को ही यह बीमारी क्यों हो रही है? कोरोना सबसे ज्यादा किन पर असर डाल रहा है?

महिलाओं या पुरुषों पर क्या अलग-अलग इम्पैक्ट हो रहा है? इन्हीं सब बातों का पता लगाने के लिए हमने दुनिया भर से लोगों के जीनोम सैंपल जुटाए और स्टडी की। इसमें अलग-अलग विश्वविद्यालयों के हमारे कोलोब्रेटर ने मदद की।

कितने देश से जीनोम जुटाए गए?
प्रोफेसर चौबे के मुताबिक अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, एशिया से लेकर साइबेरिया और पापुआ न्यू गिनी तक के 483 लोगों का जीनोम सैंपल लिया। कुल मिलाकर छह महाद्वीप के लोग इसमें शामिल रहे। इसके बाद यूरोप और अमेरिका का एक जीनोम कलेक्शन है, जिसे 1000 जीनोम बोलते हैं, उसमें 2000 से ज्यादा लोगों के जीनोम सैंपल थे।

उनके साथ हमने अपने रिजल्ट को वैलीडेट किया। फिर हमने कोरोनावायरस का इंसानों पर पड़ने वाले इफेक्ट को लेकर अलग-अलग 5 रिसर्च पेपर बनाए। जिनमें से 4 प्रकाशित हो चुके हैं।

भारतीय उपमहाद्वीप के लोग ज्यादा मजबूत हैं?

भारतीय उपमहाद्वीप, चीन और साउथ-ईस्ट एशिया के लोगों में देखा गया कि उनके जीनोम गेटवे की संरचना यूरोप और अमेरिका के लोगों से 50% ज्यादा मजबूत है।

यह रिसर्च किस पेपर में पब्लिश हुआ है?
यह अमेरिका के पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है। इस रिसर्च के लिए हमने जनवरी में ही काम शुरू कर दिया था। अप्रैल तक जीनोम सैंपल कलेक्ट कर लिया था। इंसान का डीएन हमेशा एक जैसा ही रहता है, इसलिए सैंपल जुटाने के समय से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

माइटोकॉन्ड्रिया पर कोरोनावायरस कैसे असर डालता है?

प्रोफेसर चौबे बताते हैं कि हमने अपना पहला रिसर्च माइटोकॉन्ड्रिया पर कोरोना से पड़ने वाले इंपैक्ट को लेकर किया था। यह रिसर्च अमेरिकन जनरल ऑफ सेल्स फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुई है। इसमें पता चला कि कोरोना माइटोकॉन्ड्रिया को हाइजैक कर लेता है।

फिर उसे अपने हिसाब से चलाता है। दरअसल, माइटोकॉन्ड्रिया का काम हमारी कोशिकाओं को ऊर्जा देने का होता है, लेकिन जब कोरोना इस पर कब्जा कर लेता है, तो उससे खुद ऊर्जा लेने लगता है। फिर कोशिकाएं इनएक्टिव होने लगती हैं।

दुनिया की तुलना में भारत में रिकवरी रेट क्या है?

  • भारत में कोरोना से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 80.86% है। हर दिन ये रिकवरी रेट बढ़ती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत अच्छी स्थिति में है।
  • कोरोना संक्रमण के मामले भारत में काफी कम हैं। भारत में दस लाख आबादी में 4,031 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जबकि दुनिया के बाकी देशों में यह कहीं ज्यादा है।
  • पेरू में प्रति 10 लाख आबादी पर 22,941 केस, ब्राजील में 21,303 केस, अमेरिका में 20,253, कोलंबिया में 14,749 और स्पेन में 14,749 केस आ रहे हैं। वहीं, दुनिया का कुल औसत 3,965 है।

दुनिया की तुलना में भारत में डेथ रेट क्या है?

  • भारत में प्रति दस लाख आबादी में कोरोना से औसतन 64 मौतें हुई हैं। वहीं दुनिया के अन्य देशों जैसे स्पेन में 652, ब्राजील में 642, यूके में 615, यूएस में 598, मेक्सिको में 565, फ्रांस में 477 और कोलंबिया में 469 लोगों की प्रति दस लाख आबादी में मौत हुई है। दुनिया में औसत प्रति 10 लाख आबादी में 123 है।
  • दुनिया में संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या का 19.5% मरीज भारत से हैं, जो कि सबसे ज्यादा है। इसके अलावा अब भारत में संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए संक्रमित मरीजों के मुकाबले काफी ज्यादा है। भारत में कोरोना के एक्टिव केस सिर्फ 17.54% हैं। वहीं मृत्यु दर भी 1.59% है।


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India Coronavirus Recovery and COVID-19 Death Rate: Here's Latest News Updates From BHU Scientist Gyaneshwer Chaubey


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भारत बायोटेक कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल्स अक्टूबर में करेगा; 50% इफेक्टिव होने पर भी अप्रूव हो जाएगा वैक्सीन

पूरी दुनिया इस समय कोरोनावायरस के दूसरे फेज का सामना कर रही है। कम होकर फिर केस बढ़ने लगे हैं। यूरोप में दोबारा लॉकडाउन की नौबत आ गई है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना के खिलाफ उम्मीद की किरण बन रहे वैक्सीन भी अप्रूवल की स्टेज के करीब पहुंच रहे हैं।

भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर जो स्वदेशी वैक्सीन-कोवैक्सिन बनाया है, उसके फेज-3 ट्रायल्स अक्टूबर में शुरू होने की तैयारी है। इस बीच, भारत में ड्रग रेगुलेटर ने कोरोना वैक्सीन के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार यदि कोई वैक्सीन अपने ट्रायल्स में 50% भी इफेक्टिव साबित होता है तो उसे अप्रूवल दे दिया जाएगा।

आइए, जानते हैं इस समय देश-दुनिया में कोविड-19 वैक्सीन डेवलपमेंट किस स्टेज में है-

30 हजार लोगों पर होंगे कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल्स

  • भारतीय वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस की जांच के लिए फेज-3 ट्रायल्स अक्टूबर में शुरू करने की योजना बनाई है। कंपनी का प्लान 25 से 30 हजार लोगों पर फेज-3 ट्रायल्स करने का है।
  • इस समय कोवैक्सिन फेज-2 ट्रायल्स से गुजर रही है। भारत बायोटेक ने फेज-1 पूरा कर लिया है और इसका डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंप दिया है। भारत बायोटेक ने अपनी रिस्क पर हैदराबाद में अपने दो बायोसेफ्टी सेफ्टी लेवल (बीएसएल)-3 फेसिलिटी पर प्रोडक्शन शुरू कर दिया है।
  • भारत बायोटेक में क्वालिटी ऑपरेशंस में प्रेसिडेंट साई प्रसाद ने कहा कि मौजूदा क्षमता 100-200 मिलियन डोज की है। कंपनी कोवैक्सिन को पार्टनर साइट्स पर मैन्युफैक्चर करने की संभावनाओं पर काम कर रही है। इसके लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एग्रीमेंट किए जा सकते हैं। कंपनी इस समय 4-5 देशों में कोवैक्सिन को मैन्युफैक्चर करने की संभावनाओं को टटोल रही है। वह कम से कम एक बिलियन डोज सालाना बनाने की क्षमता विकसित करना चाहती है।

भारत बायोटेक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल से एग्रीमेंट किया

  • भारत बायोटेक ने 23 सितंबर को वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन, सेंट लुइस से कोविड-19 के लिए नोवल चिम्प-एडेनोवायरस सिंगल डोज इंट्रा-नैजल वैक्सीन को लेकर लाइसेंसिंग एग्रीमेंट पर साइन किए हैं। इस एग्रीमेंट के तहत भारत बायोटेक को अमेरिका, जापान और यूरोप छोड़कर अन्य मार्केट्स में वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूट करने के अधिकार मिल गए हैं। इस वैक्सीन के फेज-1 ट्रायल्स सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के वैक्सीन एंड ट्रीटमेंट इवैल्यूशन यूनिट में शुरू होंगे।

डीसीजीआई ने वैक्सीन को लेकर गाइडलाइन जारी की

  • डीसीजीआई ने कोविड-19 वैक्सीन विकसित कर रही फार्मा कंपनियों के लिए सेफ्टी, इम्युनोजेनेसिटी और इफेक्टिवनेस के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। नई गाइडलाइन के तहत यदि कोई वैक्सीन फेज-3 ट्रायल्स में 50% इफेक्टिवनेस भी दिखाती है तो उसे मंजूरी दे दी जाएगी।
  • इस गाइडलाइन में कोविड-19 वैक्सीन बना रही एजेंसियों के लिए यह स्पष्ट किया गया है कि अप्रूवल के लिए कम से कम क्या होना चाहिए। दरअसल, आम तौर पर वैक्सीन के लिए जो गाइडलाइन होती है, उसमें नरमी लाते हुए कोविड-19 के वैक्सीन की गाइडलाइन बनाई है। ताकि जल्द से जल्द यह वैक्सीन उपलब्ध हो सके।
  • आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि रेस्पिरेटरी वायरस के लिए हमें 100% इफेक्टिवनेस कभी नहीं मिलती। हम 100% इफेक्टिवनेस तलाश रहे हैं लेकिन यदि 50-100 प्रतिशत इफेक्टिवनेस भी काफी होगी।

मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में कोवीशील्ड वैक्सीन के ट्रायल्स शुरू

  • मुंबई किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) हॉस्पिटल में बुधवार को ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन-कोवीशील्ड के ट्रायल्स शुरू हुए। वैक्सीन ट्रायल्स के लिए महाराष्ट्र एथिक्स कमेटी ने अनुमति दे दी है।
  • केईएम हॉस्पिटल के डीन डॉ. हेमंत देशमुख का कहना है कि हॉस्पिटल ने ट्रायल्स के लिए वॉलेंटियर्स को स्क्रीन करना शुरू कर दिया है। अस्पताल में 100 वॉलेंटियर्स पर ट्रायल्स होंगे। मुंबई के बीवायएल नायर हॉस्पिटल को भी ट्रायल्स की मंजूरी मिल गई है।
  • ट्रायल्स के हिस्से के तौर पर वॉलेंटियर्स का पहले आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा। इसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाया जाएगा। कोवीशील्ड के ट्रायल्स पुणे में भी हो रहे हैं। पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका से कोवीशील्ड के मैन्युफैक्चरिंग के लिए पार्टनरशिप की है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा- दो-तिहाई आबादी कोवैक्स से जुड़ी

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि नोवल कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीन का बराबरी से डिस्ट्रिब्यूशन सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई पहल कोवैक्स फेसिलिटी में अब दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली 156 अर्थव्यवस्थाएं शामिल हो गई हैं।
  • इसमें 64 हायर-इनकम इकोनॉमी शामिल हैं। यह अपने लिए वैक्सीन खुद खरीदेंगी। वहीं, 92 लो और मिडिल इनकम इकोनॉमी को कोवैक्स एडवांस मार्केट कमिटमेंट के तहत सपोर्ट हासिल करेंगी।

187 वैक्सीन बन रहे हैं दुनियाभर में

  • डब्ल्यूएचओ के कोविड-19 वैक्सीन कैंडीडेट ड्राफ्ट लैंडस्केप के अनुसार, इस समय दुनियाभर में 187 वैक्सीन विकसित हो रहे हैं। इनमें नौ वैक्सीन फेज-3 यानी अंतिम दौर के ट्रायल्स में हैं। इन्हें मिलाकर 38 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स के फेज-1, फेज-2 और फेज-3 में हैं। वहीं, 149 वैक्सीन प्री-क्लिनिकल स्टेज में हैं।


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India will conduct Phase-3 trials of biotech covaxin in October; The vaccine will be approved even if it is 50% effective


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राजनाथ सिंह आज 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 43 पुलों का उद्घाटन करेंगे, सेना की मदद के लिए अहम जगहों पर बनाए गए हैं ये पुल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को देश के 7 राज्यों के सीमावर्ती इलाके में बने 43 पुलों का उद्घाटन करेंगे। ये पुल लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बनाए गए हैं। सेना के बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने इन पुलों को रणनीतिक तौर पर अहम जगहों पर तैयार किया है।

इनकी मदद से सेना की हथियारबंद टुकड़ियां जल्द सीमा पर फॉरवर्ड लोकेशन तक पहुंच सकती हैं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। चीन के साथ विवाद को देखते हुए भारत सीमाई इलाकों में कई दूसरे अहम प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहा है।

सभी पुलों का उद्घाटन ऑनलाइन होगा

सभी पुलों का उद्घाटन ऑनलाइन किया जाएगा। इन्हें ऐसे समय में खोला जा रहा है, जब भारत और चीन की सेना लद्दाख में आमने-सामने हैं। खास बात है कि इनमें से 7 पुल लद्दाख में तैयार किए गए हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 10, हिमाचल में दो, उत्तराखंड और अरूणाचल में आठ-आठ और सिक्किम और पंजाब में चार-चार पुल बनाए गए हैं।

रक्षा मंत्री अरूणाचल में एक सुरंग की नींव भी रखेंगे

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, राजनाथ अरुणाचल प्रदेश के नेचिफू में एक सुरंग की नींव भी रखेंगे। यह सुरंग तवांग की एक मुख्य सड़क पर बनाई जाएगी। हिमाचल प्रदेश के दारचा को लद्दाख से जोड़ने के लिए भी सड़क बनाई जा रही है। यह सड़क कई ऊंची बर्फीली चोटियों से होकर गुजरेगी। यह करीब 290 किमी. लंबी होगी। इसके तैयार होने के बाद करगिल तक सेना की पहुंच आसान होगी।



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फोटो 18 जुलाई की है। उस समय रक्षा मंत्री राजनाथा सिंह ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा के फॉरवर्ड लोकेशन्स पर तैनात जवानों से मुलाकात की थी।


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मुगलों के आखिरी वंशज प्रिंस तूसी बोले- हम बनाएंगे आगरा में हजार गज में म्यूजियम; विदेशों में मोदी का नाम खराब कर रहे योगी

तारीख 14 सितंबर थी। देर शाम सीएम योगी आगरा मंडल के विकास कामों की समीक्षा कर रहे थे। उनके सामने सपा सरकार के प्रोजेक्ट मुगल म्यूजियम के अधर में लटके होने का मुद्दा उठा तो उन्होंने साफ कह दिया कि नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं। हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं। उन्होंने मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद से विवाद जारी है।

इतिहासकारों ने भी सीएम योगी के निर्णय पर ऐतराज जताया तो वहीं, अब मुगलों के आखिरी वंशज होने का दावा करने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा है कि अगर सरकार ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलने का फैसला कर लिया है तो हम खुद आगरा में एक हजार गज की जमीन पर मुगलों का म्यूजियम बनाएंगे। आप जान लीजिए कि मुगलों पर उनका जो फैसला है, उससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। आगरा को लोग दुनिया भर में ताज की वजह से जानते हैं।

अपनी बच्चियों के साथ प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी।

खाड़ी देशों में हो रही चर्चा, मोदी का नाम खराब कर रहे योगी

हैदराबाद में रहने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने सीएम योगी के फैसले को गलत ठहराया है। कहा कि यह बस आपसी सद्भाव को खत्म करने वाला फैसला है। इस फैसले से बस पीएम मोदी का नाम दुनिया भर में खराब हो रहा है। लोग जानते है कि यह फैसला सिर्फ दो समुदायों में आपसी मतभेद फैलाना है। लोग यूएस में, यूके में, खाड़ी देशों में इसी की बात कर रहे हैं। आखिर इससे दूसरे देशों में क्या प्रभाव जा रहा है? यह सोचना चाहिए।

प्रिंस तुसी कहते हैं कि हमें शिवाजी महाराज के नाम पर आपत्ति नहीं है। लेकिन, उनका कनेक्शन आगरा से जब है नहीं तो उनका म्यूजियम क्यों बनाया जाए? ताजमहल से निकल कर पर्यटक मुगलों के बारे में जानना चाहेगा न कि शिवाजी के बारे में।

मैं पीएम मोदी को इस बारे में चिट्ठी भी लिखूंगा। मैं उन्हें चिट्ठी में बताऊंगा कि पीएम मोदी की जो इमेज पूरी दुनिया में है, वह ऐसे लोगों की वजह से खराब होती है। मैं भाजपा को सपोर्ट नहीं करता बल्कि मैं पीएम मोदी को सपोर्ट करता हूं। क्योंकि उन्होंने अपने कामों से दुनिया भर में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है।

सीएम योगी के कहने से क्या मुगल हीरो नहीं रहेंगे?

सवाल उठाते हुए प्रिंस याकूब कहते हैं कि क्या सिर्फ सीएम योगी के कहने से मुगल हीरो नहीं रह जाएंगे? मुगलों को हीरो बताने की जरूरत नहीं है, वह हीरो हैं और रहेंगे। शाहजहां हुए, अकबर हुए उनके बारे में सब जानते हैं कि उन्होंने सबके लिए क्या किया है? बहादुरशाह जफर की कुर्बानी के बारे में दुनिया जानती है। यूपी में गरीबी है, कोरोना है, लोग बेरोजगार है, सीएम को इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि इतिहास को बदलने की कोशिश करें।

राम मंदिर के लिए दूंगा सोने की ईंट

तूसी ने बताया कि मैंने वादा किया था कि रामलला के लिए मैं सोने की ईंट दूंगा, जिसके लिए मैंने पीएम का समय मांगा है। जैसे ही समय मिलेगा मैं सोने की ईंट उन्हें सौंपूगा। अयोध्या रामलला की थी तो वहां से मैंने मुगल का आखिरी वंशज होने के नाते बाबरी मस्जिद का दावा वापस लेने की बात कही थी। अब मैं अपने पैसों से हैदराबाद में एक मस्जिद बना रहा हूं। साथ ही किसी की भावना को ठेस न पहुंचे, इसलिए उसका नाम बाबर नहीं बल्कि बहादुर शाह जफर के नाम पर होगा।

प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी।

कौन है प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी?

प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी खुद को मुगलों का वंशज बताते हैं। हैदराबाद के रहने वाले प्रिंस तुसी कहते है कि बहादुर शाह जफर की वह छठी पीढ़ी से है। ताजमहल को अपनी संपत्ति बताकर चर्चा में आए प्रिंस ने बाबरी मस्जिद पर भी अपना दावा ठोका था। यही नहीं प्रिंस तुसी का दावा है कि हैदराबाद की कोर्ट ने उनकी डीएनए रिपोर्ट को सही माना है और उन्हें प्रिंस का तमगा दिया है।



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प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी खुद को मुगलों का वंशज बताते हैं। ताजमहल को अपनी संपत्ति बताकर चर्चा में आए प्रिंस ने बाबरी मस्जिद पर भी अपना दावा किया था। दावा है कि हैदराबाद की कोर्ट ने उनकी डीएनए रिपोर्ट को सही माना है और उन्हें प्रिंस का तमगा दिया है।


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सुगा के प्रधानमंत्री बनने पर देश में शुरू हो सकता है अल्पकालिक सरकारों का दौर, अगर वे आबे की विदेश नीतियों पर काम करें तो भारत के लिए फायदेमंद

71 साल के योशिहिदे सुगा के जापान का प्रधानमंत्री बनने के साथ ही कहा जा रहा है कि देश में एक बार फिर अल्पकालिक सरकारों का दौर शुरू हो सकता है। 2012 से 2020 तक शिंजो आबे देश के प्रधानमंत्री रहे। वहीं, 2012 से पहले जापान में 19 प्रधानमंत्री बने। 8 साल तक प्रधानमंत्री रहने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री आबे ने 28 अगस्त को स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जापान के पूर्व सेक्रेटरी योशिहिदे सुगा को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाया गया। इस खबर में हम सुगा और उनके पीएम बनने से जापान और भारत के संबंधों पर क्या असर होगा, इसके बारे में जानेंगे।

सुगा की छवि पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले लीडर की तरह है। उन्हें जापान के ब्यूरोक्रेसी की अच्छी समझ है। नौरशाहों के बीच उनका दबदबा है। वे आबे के बेहद करीबी माने जाते हैं। हालांकि, आबे और अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह वे करिश्माई वक्ता नहीं माने जाते। उनके बारे में कहा जाता है कि सुगा जिन सवालों को पसंद नहीं करते, उनका जवाब देने से मना कर देते हैं। इस वजह से उन्हें आयरन वॉल भी कहा जाता है।

कौन हैं योशिहिदे सुगा?

जापान के अकिता राज्य में 6 दिसंबर 1948 को योशिहिडे सुगा का जन्म हुआ था। वे अपने परिवार से राजनीति में आने वाले पहले व्यक्ति हैं। सुगा के पिता वासाबुरो द्वितीय विश्व युद्ध के समय साउथ मंचूरिया रेलवे कंपनी में काम करते थे। जंग में अपने देश के सरेंडर करने के बाद वे वापस जापान लौट आए। उन्होंने अकिता राज्य के युजावा कस्बे में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। बड़े बेटे होने के नाते सुगा बचपन में खेतों में अपने पिता की मदद करते थे। उनकी मां टाटसु एक स्कूल टीचर थीं।

सिक्योरिटी गार्ड और फिश मार्केट में काम किया

सुगा अपने पिता की तरह खेती नहीं करना चाहते थे। इसलिए, वे स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद घर से भागकर टोक्यो आ गए। यहां आने के बाद उन्होंने कई पार्ट टाइम नौकरियां की। उन्होंने सबसे पहले कार्डबोर्ड फैक्ट्री में काम शुरू किया। कुछ पैसे जमा होने पर 1969 में होसेई यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। पढ़ाई जारी रखने और यूनिवर्सिटी की फीस भरने के लिए उन्हें कई और पार्टटाइम किया। सुगा ने एक लोकल फिश मार्केट में और सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर भी काम किया।

राजनीति में एंट्री?

ग्रेजुएशन करने के बाद सुगा एक इलेक्ट्रिकल मेंटनेंस कंपनी में काम करने लगे। लेकिन जल्द ही एक सांसद के सचिव बनने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। एक दशक से ज्यादा समय के बाद उन्होंने पोर्ट ऑफ योकोहामा सिटी असेंबली में एक सीट पर जीत मिली। यह 1966 का समय था, जब उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में सफलता हासिल की। वे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए।

जब आबे जुलाई 2006-सितंबर 2007 और दिसंबर 2012 के बाद से अब तक पीएम थे, तब सुगा पर्दे के पीछे से उनके लिए काम कर रहे थे। वे नीति निर्माण और ब्यूरोक्रेसी के लिए अहम काम करते थे। आबे जहां एक करिश्माई नेता थे, वहीं सुगा एक आत्म-उत्साही हैं।

सुगा की रूटीन

सुगा हर दिन सुबह 5 बजे जगते हैं और 40 मिनट तक सैर करते हैं। कहा जाता है कि वे हर दिन 100 सिट-अप्स लगाते हैं हैं। वह सुबह 9:00 बजे तक ऑफिस पहुंच जाते हैं। इसके बाद वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और अधिकारियों के साथ बैठकें करते हैं। वे दोपहर के भोजन में सोबा नूडल्स खाना पसंद करते हैं।

सुगा के पीएम बनने के बाद भारत के साथ संबंधों पर असर

अगर सुगा आबे की विदेश नीतियों पर चलते हैं तो ही यह भारत के लिए एक अच्छी खबर होगी। आबे के प्रधानमंत्री रहने के आखिरी दिनों में भारत और जापान के बीच कई समझौते हुए। इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हुए। भारत और जापान ने दोनों देशों की सेना के बीच लॉजिस्टिक सपोर्ट का समझौता किया। आबे और मोदी दोनों ने यह बात कही थी कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के क्षेत्र में मजबूती आएगी। इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति आएगी और इसकी सुरक्षा बढ़ेगी।

  • जापान के पास समुद्री इलाकों में चीन की ओर से दबदबा बनाने की कोशिश को देखते हुए इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा भारत और जापान दोनों के हित में हैं। लद्दाख समेत कुछ दूसरे इलाके भी हैं जो दोनों देशों के हितों से जुड़े हैं। ऐसे में आबे ने चीन के खिलाफ हमेशा भारत का समर्थन किया
  • आबे ने भारत को एशियाई देशों के बीच एक अहम सहयोगी समझा। वे इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत की काट के तौर पर भारत को रणनीतिक साझेदार समझते थे। इंडो पैसिफिक विजन 2025 के जरिए उन्होंने भारत और जापान के रिश्ते को आगे ले जाने की कोशिश की। इसके जरिए उन्होंने अपनी कूटनीतिक ताकत दिखाने की कोशिश की।
  • क्वाडिलेट्रल सिक्योरिटी डॉयलॉग या क्वाड के बाद उन्होंने इसमें शामिल देशों के बीच मेलजोल बढ़ाने की कोशिश की। आबे ने ऑर्क ऑफ फ्रीडम एंड प्रॉस्पैरिटी में भारत की भूमिका को मजबूत बनाने की कोशिश की। भारत के आर्थिक विकास में भी जापान ने साथ दिया।
  • अंडमान निकोबार से पूर्वोत्तर तक कई परियोजनाओं में जापान ने निवेश किया। मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को जापान के साथ मिलकर पूरा करने पर सहमति बनी। जब 2006-07 में आबे प्रधानमंत्री थे तो वे भारत के दौरे पर पहुंचे थे।

सुगा ज्यादातर घरेलू मुद्दों पर फोकस करते हैं: सुगा

एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए पीएम विदेश नीतियों के मामले में ज्यादा नहीं परखे गए हैं। टोक्यो के मुसाशिनो यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर डोना वीक्स के मुताबिक, सुगा ज्यादातर घरेलू मुद्दों पर फोकस करते हैं। विदेश संबंधों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में उनकी दिलचस्पी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सुगा तथ्यों के आधार पर काम करने वाले माने जाते हैं। उनकी पार्टी एलडीपी के सांसद उन्हें एक न्यूट्रल फिगर के तौर पर देखते हैं, जो न तो किसी का समर्थन करता है और न विरोध।



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योशिहिदे सुगा को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का करीबी माना जाता है। उनसे उम्मीद है कि वे कूटनीतिक मामलों में आबे की तरह ही काम करेंगे।- फाइल फोटो


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