शनिवार, 7 नवंबर 2020

डेमोक्रेट्स 4 और रिपब्लिकंस 2 राज्यों में आगे; ट्रम्प बोले- बाइडेन गलत तरीके से प्रेसिडेंट ऑफिस पर दावा न करें

अमेरिका में डेमोक्रेट जो बाइडेन का राष्ट्रपति बनना काफी हद तक तय हो चुका है। बाइडेन 4 बड़े राज्यों पेन्सिलवेनिया, एरिजोना, जार्जिया और नेवादा में लीड लिए हुए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नॉर्थ कैरोलिना और अलास्का में बढ़त बनाए हुए हैं। बाइडेन को अब तक 253 और ट्रम्प को 214 इलेक्टोरल वोट मिले हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 का आंकड़ा चाहिए। इस बीच, ट्रम्प ने कहा है कि बाइडेन गलत तरीके से प्रेसिंडेट ऑफिस पर अपना दावा पेश न करें।

6 राज्यों की स्थिति: बाइडेन की जीत पक्की नजर आ रही

ट्रम्प बाइडेन
मौजूदा स्थिति 214 253
राज्य जहां के नतीजे बाकी हैं, लेकिन रुझान आ चुके हैं
पेन्सिलवेनिया - 20 वोट (बाइडेन आगे)
नॉर्थ कैरोलिना 15 वोट (ट्रम्प आगे) -
जॉर्जिया - 16 वोट (बाइडेन आगे)
एरिजोना - 11 वोट (बाइडेन आगे)
नेवादा - 6 वोट (बाइडेन आगे)
अलास्का 3 वोट (ट्रम्प)
अगर नतीजे ऐसे ही रहे तो +18 +53
फाइनल आंकड़ा क्या हो सकता है 232 306

कुछ देर में बाइडेन का संबोधन
जीत के नजदीक पहुंचे बाइडेन कुछ देर में समर्थकों को संबोधित करेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बाइडेन इस बारे में अपने सलाहकारों से बातचीत कर रहे हैं। माना जा रहा है कि वे चुनाव नतीजों को लेकर अपनी बात रखेंगे। हालांकि, अब भी चार राज्यों के नतीजों की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।

बाइडेन की सुरक्षा बढ़ी
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) के अफसरों ने देर रात बाइडेन से बातचीत की। इस दौरान उनके सलाहकार भी मौजूद थे। अब बाइडेन और उनके परिवार की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। व्हाइट हाउस और डेलावेयर में बाइडेन के घर के बाहर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के एजेंट्स मौजूद हैं। नेशनल गार्ड्स की एक टीम भी बाइडेन की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि बाइडेन के बाद कमला हैरिस और उनके दो सलाहकारों जैक सुलिवान और स्टीव रिचेटी की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी।

बाइडेन का ट्रांजिशन प्लान पर काम शुरू
NYT के मुताबिक, जो बाइडेन और उनकी टीम ने सरकार संभालने की तैयारी शुरू कर दी है। इसे ट्रांजिशन प्लान कहा जाता है। बाइडेन के सभी एडवाइजर्स उनके साथ डेलावेयर में उनके कैम्प ऑफिस में मौजूद हैं। इस बीच, फेडरल एजेंसीज के कुछ अफसर भी बाइडेन से मिलने पहुंचे। हालांकि, बाइडेन खेमा बहुत अनुशासन और शांति से चुनाव नतीजों के औपचारिक ऐलान का इंतजार कर रहा है। लेकिन, वे ये भी चाहते हैं कि सत्ता संभालने की तैयारी कर ली जाए। महामारी पर काबू करने के प्लान पर खास तौर पर फोकस किया जा रहा है, क्योंकि इसी मुद्दे पर डेमोक्रेट्स सत्ता में वापसी कर रहे हैं।

इस हफ्ते नजर नहीं आएंगे ट्रम्प
CNN के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कैम्पेन टीम और एडवाइजर्स ने इस हफ्ते ट्रम्प के सभी मीडिया इवेट्स कैंसिल कर दिए हैं। यानी इस हफ्ते वे मीडिया से मुखातिब नहीं होंगे। हालांकि, सोशल मीडिया पर शायद वे अपनी बात रखते रहेंगे। व्हाइट हाउस जल्द ही इस हफ्ते का मीडिया प्लान जारी कर सकता है। इसमें बताया जाएगा कि ट्रम्प की कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस इस हफ्ते नहीं होगी। इसके अलावा वे किसी पब्लिक इवेंट में भी हिस्सा नहीं लेंगे। गुरुवार को ट्रम्प आखिरी बार मीडिया से मुखातिब हुए थे।



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Democrats 4 and Republic 2 ahead; Trump said - Biden don't claim the President's office unfairly


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24 घंटे में एक्टिव केस 4597 घटे, यह 33 दिन में सबसे कम; आज कुल केस 85 लाख के पार हो सकते हैं

देश में कोरोना के केस में फिर एक बार बढ़ोतरी देखी जा रही है। शुक्रवार को एक्टिव केस में 4 हजार 597 की कमी दर्ज की गई, लेकिन यह 33 दिन में सबसे कम है। इससे कम गिरावट 4 अक्टूबर को 2 हजार 860 रही थी। देश में शुक्रवार को 49 हजार 851 नए मरीज मिले, 53 हजार 795 ठीक हुए और 576 की मौत हो गई। कुल केस 84 लाख 60 हजार 885 हो गए हैं। आज यह आंकड़ा 85 लाख के पार हो सकता है।

एक्टिव केस अब 2-3 राज्यों में नहीं, बल्कि 15 राज्यों में बढ़ रहे हैं। सबसे बुरी हालत दिल्ली की है। यहां पिछले 15 दिनों में 11 बार एक्टिव केस बढ़े हैं। शुक्रवार को यहां रिकॉर्ड 7178 मरीज मिले। अब कुल 4.2 लाख मामले सामने आ चुके हैं। 64 और मौतों के साथ मरने वालों की संख्या 6833 हो गई है।

इसके अलावा उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, चंडीगढ़, अंडमान निकोबार, मिजोरम, दादर एंड नगर हवेली, लद्दाख, मेघालय, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा और पंजाब में भी एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बीते 24 घंटे में इन राज्यों में चार हजार से ज्यादा मामले बढ़े हैं।

अक्टूबर के बाद से एक्टिव केस में लगातार गिरावट, इस दौरान 4 बार 6000 से कम रहा आंकड़ा

तारीख एक्टिव केस (+/-)
03 अक्टूबर +2472
04 अक्टूबर -2860
07 अक्टूबर -5455
11 अक्टूबर -4601
06 नवंबर -4597

कोरोना अपडेट्स

  • राज्यसभा सांसद और बिहार में कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल कोरोना पॉजिटिव हो गए।
  • पूर्व भारतीय क्रिकेटर और BJP सांसद गौतम गंभीर भी आइसोलेट हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उनके घर में कोरोना का केस मिला है। हालांकि, अभी गंभीर की रिपोर्ट नहीं आई है।
  • दिल्ली में 24 घंटे में 7 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। पिछले दो सप्ताह से दिल्ली में रोजाना 4,000 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।
  • देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। एक्टिव केस अब 2-3 राज्यों में नहीं, बल्कि 15 राज्यों में बढ़ रहे हैं। सबसे बुरी हालत दिल्ली की है। यहां पिछले 15 दिनों में 11 बार एक्टिव केस बढ़े हैं। शुक्रवार को यहां रिकॉर्ड 7,178 मरीज मिले। अब कुल 4.2 लाख मामले सामने आ चुके हैं। 64 और मौतों के साथ मरने वालों की संख्या 6,833 हो गई है।
  • दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। दिल्ली में अभी 7231 कोरोना बेड ऑक्यूपाई हैं, 8572 बेड खाली हैं। हम सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ा रहे हैं, प्राइवेट अस्पतालों से भी ऐसा करने को कहा है।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में एक्टिव केस का ग्राफ ऊपर जाने लगा है। यहां अक्टूबर में एक्टिव केस 200 से 500 तक कम हो रहे थे। बीते दो दिन से यह 100 से भी कम हो गया है। गुरुवार को राज्य में 734 मरीज मिले। पांच मरीजों की मौत हुई और 817 ठीक हो गए।
2. राजस्थान
राज्य में 13 अक्टूबर के बाद से एक्टिव केस रोजाना औसतन 350 से अधिक एक्टिव केस कम हो रहे थे, लेकिन बीते छह दिन से इसमें फिर रोजाना औसतन 192 की बढ़त देखी जा रही है। गुरुवार को 1810 नए मरीज मिले, जबकि 10 मरीजों की मौत हो गई। 1822 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया।
3. बिहार
राज्य में 22 अक्टूबर के बाद से एक्टिव केस कम हो रहे थे, लेकिन बीते दो दिन से इनमें बढ़त दर्ज की जा रही है। गुरुवार को 266 और शुक्रवार को 125 एक्टिव केस बढ़े। 741 नए केस मिले, 467 लोग रिकवर हुए और आठ संक्रमितों की मौत हो गई।
4. महाराष्ट्र
राज्य में टेस्टिंग का आंकड़ा 92.5 लाख हो गया है। इनमें अब तक 17 लाख 3 हजार 444 लोग संक्रमित पाए गए हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर 5246 नए मरीज मिले। 11 हजार 277 लोग रिकवर हुए और 117 मरीजों की मौत हो गई।
5. उत्तरप्रदेश
राज्य में टेस्टिंग का आंकड़ा 1.5 करोड़ के पार हो गया है। शुक्रवार को 2173 मरीज मिले, 2167 संक्रमिट ठीक हुए और 24 की मौत हो गई। राज्य में 18 सितंबर से लगातार एक्टिव केस घट रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को इसमें सबसे कम सिर्फ 18 की गिरावट दर्ज की गई।



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दिल्ली में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो गई है, ऐसे में यहां SMS कैम्पेन चलाया जा रहा है। S से सैनिटाइजर, M से मास्क और S से सोशल डिस्टेंसिंग।


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अमेरिका में एक दिन में 1.28 लाख केस, फ्रांस में लॉकडाउन से कोई फायदा नहीं हुआ

दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.96 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 52 लाख 34 हजार 120 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 1.55 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में कोरोनावायरस से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। चुनाव में भी यह प्रमुख मुद्दा था। यहां कुल संक्रमितों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा हो गई। शुक्रवार को यहां 1 लाख 28 हजार से ज्यादा केस सामने आए। दूसरी तरफ, फ्रांस में 60 हजार से ज्यादा मामले आए।

अमेरिका में आंकड़े डराने वाले
अमेरिका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। शुक्रवार को एक और नया रिकॉर्ड बना। एक दिन में 1 लाख 28 हजार मामले सामने आए। मरने वालों का आंकड़ा भी एक हजार बढ़ गया। लगातार चौथे दिन इतनी मौतें हुईं। अब अमेरिका में ही एक करोड़ से ज्यादा मामले हो चुके हैं। अमेरिकी हेल्थ डिपार्टमेंट की फिक्र ये है कि लगातार छठवें दिन एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए। मरने वालों के आंकड़ा 2 लाख 35 हजार से ज्यादा हो गया है। मायने, आयोवा, कोलोरोडो और मिनेसोटा में संक्रमण सबसे तेजी से फैल रहा है।

इटली फिर परेशान
इटली में शुक्रवार को 38 हजार मामले सामने आए। इस बीच सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। लोगों से कहा गया है कि अगर वे इसका पालन नहीं करेंगे तो जुर्माने के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है। खास बात यह है कि इटली में हर दिन मामले बढ़ रहे हैं। हर दिन ये आंकड़ा 2 से 3 हजार तक बढ़ रहा है। मार्च-अप्रैल में संक्रमण का केंद्र रहे लोम्बार्डी में 9934 मामले सामने आए।

इटली के तूरिन शहर में शुक्रवार शाम बाजार खाली नजर आए। सरकार ने यहां बेमियादी नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया।

फ्रांस में लॉकडाउन नाकाफी साबित हुआ
फ्रांस में लगातार आठवें दिन 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। शुक्रवार को तो गुरुवार की तुलना में 10 हजार ज्यादा मामले सामने आए। कुल 60 हजार 486 संक्रमितों की पहचान हुई। इससे भी ज्यादा फिक्र की बात यह है कि देश के अस्पतालों में वही हाल होते नजर आ रहे हैं, जो अप्रैल में थे। मेक शिफ्ट हॉस्पिटल तैयार किए जाने पर विचार शुरू हो गया है। लॉकडाउन से कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा। इसके विरोध में कई जगह प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

पेरिस के एक अस्पताल के आईसीयू में मौजूद नर्स। देश में शुक्रवार को 60 हजार से ज्यादा मामले सामने आए।

यूरोप में हालात खतरनाक
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यूरोप में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और ये खतरनाक स्तर पर पहुंचने लगे हैं। फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, बेल्जियम और इटली में कोरोना की दूसरी लहर घातक साबित हो रही है। फ्रांस में हर दिन 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा जर्मनी और बेल्जियम में 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। सरकारों की दिक्कत ये है कि वे जब भी सख्ती करती हैं, तभी विरोध शुरू हो जाता है। संगठन के यूरोप प्रभारी हेन्स क्लूज ने कहा- हम यहां कोरोना विस्फोट देख रहे हैं। 10 लाख से ज्यादा मामले 2 दिन में सामने आए हैं। हमें बहुत ईमानदारी से इन हालात का मुकाबला करना होगा।



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टेक्सास के एक टेस्टिंग सेंटर में स्वैब सैम्पल लेकर निकलता हेल्थ वर्कर। अमेरिका में संक्रमितों की आंकड़ा एक करोड़ से ज्यादा हो गया है। शुक्रवार को ही एक लाख 28 हजार से ज्यादा मामले सामने आए।


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24 घंटे में एक्टिव केस 4597 घटे, यह 33 दिन में सबसे कम; आज कुल केस 85 लाख के पार हो सकते हैं

देश में कोरोना के केस में फिर एक बार बढ़ोतरी देखी जा रही है। शुक्रवार को एक्टिव केस में 4 हजार 597 की कमी दर्ज की गई, लेकिन यह 33 दिन में सबसे कम है। इससे कम गिरावट 4 अक्टूबर को 2 हजार 860 रही थी। देश में शुक्रवार को 49 हजार 851 नए मरीज मिले, 53 हजार 795 ठीक हुए और 576 की मौत हो गई। कुल केस 84 लाख 60 हजार 885 हो गए हैं। आज यह आंकड़ा 85 लाख के पार हो सकता है।

एक्टिव केस अब 2-3 राज्यों में नहीं, बल्कि 15 राज्यों में बढ़ रहे हैं। सबसे बुरी हालत दिल्ली की है। यहां पिछले 15 दिनों में 11 बार एक्टिव केस बढ़े हैं। शुक्रवार को यहां रिकॉर्ड 7178 मरीज मिले। अब कुल 4.2 लाख मामले सामने आ चुके हैं। 64 और मौतों के साथ मरने वालों की संख्या 6833 हो गई है।

इसके अलावा उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, चंडीगढ़, अंडमान निकोबार, मिजोरम, दादर एंड नगर हवेली, लद्दाख, मेघालय, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा और पंजाब में भी एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बीते 24 घंटे में इन राज्यों में चार हजार से ज्यादा मामले बढ़े हैं।

अक्टूबर के बाद से एक्टिव केस में लगातार गिरावट, इस दौरान 4 बार 6000 से कम रहा आंकड़ा

तारीख एक्टिव केस (+/-)
03 अक्टूबर +2472
04 अक्टूबर -2860
07 अक्टूबर -5455
11 अक्टूबर -4601
06 नवंबर -4597

कोरोना अपडेट्स

  • राज्यसभा सांसद और बिहार में कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल कोरोना पॉजिटिव हो गए।
  • पूर्व भारतीय क्रिकेटर और BJP सांसद गौतम गंभीर भी आइसोलेट हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उनके घर में कोरोना का केस मिला है। हालांकि, अभी गंभीर की रिपोर्ट नहीं आई है।
  • दिल्ली में 24 घंटे में 7 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। पिछले दो सप्ताह से दिल्ली में रोजाना 4,000 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।
  • देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। एक्टिव केस अब 2-3 राज्यों में नहीं, बल्कि 15 राज्यों में बढ़ रहे हैं। सबसे बुरी हालत दिल्ली की है। यहां पिछले 15 दिनों में 11 बार एक्टिव केस बढ़े हैं। शुक्रवार को यहां रिकॉर्ड 7,178 मरीज मिले। अब कुल 4.2 लाख मामले सामने आ चुके हैं। 64 और मौतों के साथ मरने वालों की संख्या 6,833 हो गई है।
  • दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। दिल्ली में अभी 7231 कोरोना बेड ऑक्यूपाई हैं, 8572 बेड खाली हैं। हम सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ा रहे हैं, प्राइवेट अस्पतालों से भी ऐसा करने को कहा है।

पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में एक्टिव केस का ग्राफ ऊपर जाने लगा है। यहां अक्टूबर में एक्टिव केस 200 से 500 तक कम हो रहे थे। बीते दो दिन से यह 100 से भी कम हो गया है। गुरुवार को राज्य में 734 मरीज मिले। पांच मरीजों की मौत हुई और 817 ठीक हो गए।
2. राजस्थान
राज्य में 13 अक्टूबर के बाद से एक्टिव केस रोजाना औसतन 350 से अधिक एक्टिव केस कम हो रहे थे, लेकिन बीते छह दिन से इसमें फिर रोजाना औसतन 192 की बढ़त देखी जा रही है। गुरुवार को 1810 नए मरीज मिले, जबकि 10 मरीजों की मौत हो गई। 1822 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया।
3. बिहार
राज्य में 22 अक्टूबर के बाद से एक्टिव केस कम हो रहे थे, लेकिन बीते दो दिन से इनमें बढ़त दर्ज की जा रही है। गुरुवार को 266 और शुक्रवार को 125 एक्टिव केस बढ़े। 741 नए केस मिले, 467 लोग रिकवर हुए और आठ संक्रमितों की मौत हो गई।
4. महाराष्ट्र
राज्य में टेस्टिंग का आंकड़ा 92.5 लाख हो गया है। इनमें अब तक 17 लाख 3 हजार 444 लोग संक्रमित पाए गए हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर 5246 नए मरीज मिले। 11 हजार 277 लोग रिकवर हुए और 117 मरीजों की मौत हो गई।
5. उत्तरप्रदेश
राज्य में टेस्टिंग का आंकड़ा 1.5 करोड़ के पार हो गया है। शुक्रवार को 2173 मरीज मिले, 2167 संक्रमिट ठीक हुए और 24 की मौत हो गई। राज्य में 18 सितंबर से लगातार एक्टिव केस घट रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को इसमें सबसे कम सिर्फ 18 की गिरावट दर्ज की गई।



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दिल्ली में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो गई है, ऐसे में यहां SMS कैम्पेन चलाया जा रहा है। S से सैनिटाइजर, M से मास्क और S से सोशल डिस्टेंसिंग।


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78 सीटों पर 1204 कैंडिडेट; शरद यादव की बेटी और सुशांत राजपूत के भाई की सीटों पर भी आज मतदान

बिहार में आज तीसरे और आखिरी फेज की 78 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। तीसरे फेज में 1,204 उम्मीदवार हैं। 1,094 पुरुष हैं। 910 महिलाएं हैं। इन 78 सीटों पर 2.35 करोड़ वोटर हैं, जिनमें से 1.23 करोड़ पुरुष, 1.12 करोड़ महिला और 894 ट्रांसजेंडर वोटर हैं। इसी फेज में जदयू के अध्यक्ष रहे शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव और सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई नीरज सिंह की सीट पर भी वोटिंग होनी है। सुभाषिनी यादव कांग्रेस के टिकट पर बिहारीगंज सीट से लड़ रही हैं। नीरज कुमार सिंह छातापुर सीट पर भाजपा के उम्मीदवार हैं।

कोरोना के चलते वोटिंग का समय एक घंटा बढ़ाया गया है। हालांकि, 74 सीटों पर वोटिंग सुबह 7 से शाम 6 बजे तक होगी। बाकी 4 पर सुबह 7 से 4 बजे तक ही वोट डाले जाएंगे। पहले फेज में 55.68% और दूसरे फेज में 55.70% वोटिंग हुई थी।

तीसरे फेज की 5 बड़ी बातें

  1. सबसे ज्यादा 31 उम्मीदवार गायघाट सीट पर हैं। सबसे कम 9 उम्मीदवार ढाका, त्रिवेणीगंज, जोकिहाट और बहादुरगंज में हैं।
  2. सबसे ज्यादा 44 सीटों पर राजद और 35 पर लोजपा लड़ रही है। भाजपा और जदयू 29-29, कांग्रेस ने 21 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं।
  3. 33 हजार 782 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। 45 हजार 953 बैलट यूनिट और 33 हजार 782 VVPAT का इस्तेमाल होगा।
  4. वोटर के लिहाज से सबसे बड़ी विधानसभा सहरसा है। यहां 3.70 लाख वोटर हैं, जिनमें से 1.92 लाख पुरुष, 1.77 लाख महिला और 2 ट्रांसजेंडर वोटर हैं।
  5. वोटर के लिहाज से सबसे छोटी विधानसभा हायाघाट है। यहां 2.41 लाख वोटर हैं, जिनमें से 1.27 लाख पुरुष, 1.14 लाख महिला और 4 ट्रांसजेंडर वोटर हैं।


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Bihar Voting LIVE News; Bihar Third Phase Assembly Election 2020 Voting Latest Updates | Test For Pushpam Priya Chaudhary, Sushant Singh Rajput Brtoher Neeraj Kumar Singh Bablu


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शोध बताते हैं कि लर्निंग के नतीजों को मापने के लिए लगातार मूल्यांकन, समय-समय पर होने वाली परीक्षाओं से बेहतर तरीका है

बच्चों के सीखने का तरीका शायद 100 साल में पहली बार बदल रहा है। स्मार्टफोन और डिवाइस फिजिकल क्लास की अस्थायी गैर-मौजूदगी में लर्निंग का प्राथमिक साधन बनकर उभरे हैं। इस प्रकिया में अपने सीखने का रास्ता बनाने के लिए छात्र नई विधियां खोज रहे हैं। अब लर्निंग छात्र-केंद्रित हो रही है और बच्चे खुद सीखने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।

द हार्वर्ड स्कूल ऑफ ग्रैजुएट एजुकेशन का शोध बताता है कि छात्र-केंद्रित लर्निंग ऐसे लर्नर बनाती है, जो जीवनभर सीखते हैं। साथ ही यह कक्षा में हर छात्र की जरूरत को शामिल करती है। यह बताता है कि जब छात्रों का लर्निंग पर ज्यादा नियंत्रण होता है, तो वे सीखने में ज्यादा रुचि लेते हैं और ज्ञान की प्यास बनाए रखने के नए तरीके तलाशते हैं।

जब बच्चे दुनिया को समझने के लिए अपनी जिज्ञासा का इस्तेमाल करते हैं जो उनकी लर्निंग बनी रही है और उसका ज्यादा असर होता है। इससे बाद में उन्हें अपने पेशेवर जीवन को आकार देने में भी मदद मिलती है। दुनिया में सबसे बड़ा के12 एजुकेशन सिस्टम भारत में है, इसिलए भारतीय युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना बतौर देश हमारा मुख्य कार्य होना चाहिए।

करीब 26 करोड़ स्कूल एनरोलमेंट के साथ हम दुनिया की सबसे युवा वर्कफोर्स बनने की क्षमता रखते हैं। फिर भी इस जानसांख्यकीय लाभ को पाने के लिए हमें कुछ जमीनी तैयारी करने की जरूरत है। यह बहुत जरूरी होगा कि आने वाले एक दशक में हम अपने शिक्षा तंत्र को कैसे आकार देते हैं और युवाओं को सशक्त करते हैं। इससे ही देश की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित हो पाएगी।

हाल ही में आई इंडिया स्किल रिपोर्ट के मुताबिक देश में अभी 47% से भी कम छात्र रोजगार-योग्य हैं। इसका एक मुख्य कारण है हमारे पाठ्यक्रम परीक्षाओं के दृष्टिकोण से तैयार किए गए हैं। छात्रों को सवालों के जवाब देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

जब बच्चे अंक पाने के उद्देश्य से परीक्षा में बैठते हैं तो वे रटने पर निर्भर हो जाते हैं और आखिरकार अपनी लर्निंग भूल जाते हैं। दूसरी तरफ अगर बच्चे जो सीखते हैं, उसका अनुभव भी करते हैं तो वे कंसेप्ट को बेहतर ढंग से समझते हैं और उनके अंक अपने आप आते हैं। बच्चों को लर्निंग से प्यार हो, इसके लिए एडटेक इंडस्ट्री कुछ काम कर सकती है।

1. आजीवन सीखते रहने की इच्छा लाना: जब छात्र खुद से सीखते हैं, तो वे कंसेप्ट्स को समझने के लिए ज्यादा उत्सुक रहते हैं। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म इसके लिए ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं, जहां बच्चों को सीखना पसंद हो। इसका मुख्य तरीका है रोचक (इंगेजिंग) कंटेंट बनाना, जो छात्रों को लर्निंग के प्रति आकर्षित करे। शिक्षक भी एनीमेशन, गेमीफाइड एलीमेंट्स और वीडियो व चित्र के माध्यम से स्टोरीटेलिंग जैसे तकनीकी साधन इस्तेमाल कर छात्रों को पढ़ा सकते हैं। इसका नतीजा यह होगा कि यह ये युवा लर्नर स्कूल से निकलकर वर्कफोर्स में आएंगे तो उनमें सीखते रहने की, लगातार नया कौशल पाने की ललक बनी रहेगी, जिससे वे नौकरी में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। इससे देश की वर्कफोर्स बेहतर बनेगी।

2. शिक्षकों की उभरती भूमिका: छात्रों को लर्निंग का आधार देने से शिक्षक भी छात्रों की लर्निंग की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं। एक मिले-जुले लर्निंग एंवायरमेंट में शिक्षक छात्र के साथ मिलकर प्रोजेक्ट्स और अन्य टास्क पर काम कर उन्हें बेहतर ढंग से गाइड कर सकते हैं। इससे शिक्षक अपने छात्रों को ज्यादा प्रभावशाली तरीकों से पढ़ा पाएंगे। इस तरह क्लासरूम लर्निंग भी ज्यादा इंटरएक्टिव हो सकती है और छात्र वहां भी सीखने में सक्रियता से भाग ले सकते हैं। समय के साथ शिक्षक की भूमिका सिर्फ लेक्चर और अंक देने से बदलकर छात्रों के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन में बदल जाएगी। इससे वर्कफोर्स पर सकारात्मक असर होगा।

3. लर्निंग का छात्र आधारित मार्ग बनाना: डिजिटल माध्यम के बड़े फायदों में से एक है पर्सनलाइजेशन। यानी जरूरत के मुताबिक बदलाव कर कोई चीज तैयार करना। पर्सनलाइजेशन से छात्र अपनी सीखने की यात्रा में ज्यादा शामिल होते हैं क्योंकि उन्हें अपनी शैली के अनुसार सीखने का अवसर मिलता है। इस तरह तकनीक हर छात्र का ध्यान खींच सकती है। ऑनलाइन लर्निंग के साथ हर छात्र के पास आगे की सीट पर बैठने वाला छात्र बनने का मौका होता है। मौजूदा स्कूल शिक्षा तंत्र में पर्सनलाइजेशन का लाभार्थी बनने की काफी संभावना है। लर्निंग को अब ‘एक ही तरीका सभी के लिए’ वाली प्रणाली से बाहर आना होगा क्योंकि इससे एक ही लर्निंग के अलग-अलग नतीजे निकलते हैं।

अब छात्रों के प्रदर्शन का समग्र मूल्यांकन भी ज्यादा बारीकी से किया जा सकता है। छात्र की ताकत और कमजोरी पर लगातार नजर रखी जा सकती है। इससे छात्रों को लगातार विकास करने में मदद मिलती है। साथ ही उनमें कम अंकों के भय की जगह, सीखने की ललक और बढ़ती है। शोध बताते हैं कि लर्निंग के नतीजों को मापने के लिए लगातार मूल्यांकन, समय-समय पर होने वाली परीक्षाओं से बेहतर तरीका है। क्योंकि परीक्षाओं में सभी छात्रों के लिए समान प्रश्न होते हैं, फिर भले ही उनकी सीखने की क्षमता अलग-अलग हो।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)



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बायजू रवींद्रन, लर्निंग एप Byju’s के संस्थापक और सीईओ


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बाइडेन के आने का मतलब व्हाइट हाउस में पारंपरिक अमेरिकी नेतृत्व का आना होगा

मैं अपनी बात उस बात से शुरू करूंगा कि जो अंत में कही जानी चाहिए, लेकिन इतनी महत्वपूर्ण है कि शुरू में कहना जरूरी है। यह एक भारतीय टीवी शो के बारे में है, जो मैं तब देख रहा था जब एरिजोना और नेवाडा में राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती चल रही थी।

एंकर ने पांचों मशहूर सदस्यों से पूछा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर किसके रहने से उन्हें चैन की नींद आएगी, ट्रम्प या बाइडेन? पांचों ने बेझिझक बाइडेन का नाम लिया। ऐसे में सवाल यह है कि बाइडेन जीते तो भारत और अमेरिका संबंधों पर क्या असर पड़ेगा?

इसमें शक नहीं कि डोनाल्ड ट्रम्प चार साल भारत के दोस्त रहे हैं। फिर भी उनकी अस्थिरता और गैर-पारंपरिक नेतृत्व शैली ने भारत को भी चिंतित रखा। बाइडेन के आने का मतलब व्हाइट हाउस में पारंपरिक अमेरिकी नेतृत्व का आना होगा। सुपर पॉवर होने के नाते अमेरिका के शीर्ष पर ऐसा नेतृत्व होना चाहिए जो सिर्फ अमेरिका को प्राथमिकता न दे, बल्कि दुनिया के हित भी पूरे करे।

यही अमेरिकी राष्ट्रपति 1945 से करते आए हैं। बाइडेन से उम्मीद है कि वे राष्ट्रपति पद पर वही पुराना मूल्य तंत्र वापस लाएंगे, जिसमें लोकतंत्र को बढ़ावा, स्थिरता, मानव अधिकार, संस्कृति, धार्मिक स्वतंत्रता और समावेशिता शामिल हैं। ट्रम्प के कार्यकाल में एक अलग तरह का अमेरिकावाद ज्यादा था।

राष्ट्रपति ट्रम्प बेशक भारत के कूटनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले गए। मैं हाल ही में दिल्ली में हुई 2+2 वार्ता को परिवर्तनकारी मानता हूं, जिसकी पहल 15 वर्ष पहले फ्रेमवर्क एग्रीमेंट ऑफ 2005 से हुई थी। इस संंबंध की प्रक्रिया रिपब्लिकन्स ने शुरू की और इसे बढ़ाया डेमोक्रेट्स ने।

इसमें फिलहाल बदलाव की संभावना कम दिखती है, खासतौर पर चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए। यह ओबामा का सिद्धांत था कि अमेरिका को इंडो पैसिफिक पर ध्यान देना चाहिए, जिसे पुनर्संतुलन कहा गया था। ट्रम्प ने इस विरासत को आगे बढ़ाया और इसमें कुछ बदलाव की जरूरत नहीं है।

बाइडेन को भी लद्दाख के मौजूदा खतरे और भारत को समझने में झिझक नहीं होनी चाहिए। उम्मीद है कि भारत के साथ परिवर्तनकारी संबंध को बाइडेन भी सक्रियता से अपनाएंगे और भारत को आधुनिक तकनीकें और आर्म्ड ड्रोन्स जैसे हथियार देने के बारे में कोई संदेह नहीं रखेंगे। साथ ही भारत का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी अमेरिका व्यापार की अच्छी वापसी चाहेगा, जिसमें कम से कम बाधाएं हों ताकि दोनों अर्थव्यवस्थाएं बढ़ सकें।

फिर भारत और भारतीय किस बात को लेकर संशय में हैं? यह मुख्यत: जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान है। बाइडेन और कमला हैरिस धारा 370 और कश्मीरियो के अधिकारों से जुड़ी बातें करते रहे हैं। बाइडेन ने खुद सीएए और एनआरसी पर टिप्पणी की थी। कई लोग मानते हैं कि बाइडेन कश्मीर पर भारत का कम समर्थन करते हैं। यहां दो चीजें देखनी होंगी। पहली, इनमें से कोई भी बात नीति से जोड़कर नहीं कही गई, वे सिर्फ निजी विचार थे।

जरूरी नहीं कि पद पर बैठने से पहले राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति द्वारा दिया गया मत नीति में बदले, क्योंकि पद पर आने के बाद विशेषज्ञ, सलाहकार और अन्य उनके मत बदल सकते हैं। पाकिस्तान पर अमेरिका की कुछ बाध्यताएं हैं। ट्रम्प जानते थे कि अफगानिस्तान नीति पाक के सहयोग के बिना काम नहीं कर सकती।

चीन के हाथों बिक चुके पाकिस्तान के लिए बाइडेन की सहानुभूति की उम्मीद कम है। हालांकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाने की मानवीय नीति को पाकिस्तान समर्थन की नीति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।हालांकि रातोंरात कुछ भी नहीं बदलेगा। संस्थागत सहयोग और नेतृत्व से जुड़े कुछ ऐसे फैसले जल्द लेने होंगे, जो अमेरिका से पारंपरिक रूप से जुड़े रहे हैं।

अमेरिका को फिर से नेतृत्व की भूमिका में लाने के लिए डब्ल्यूएचओ, यूनेस्को, पैरिस जलवायु समझौता और ग्लोबल कॉम्पैक्ट फॉर माइग्रेशन से फिर जुड़ना प्राथमिकता की सूची में शामिल हो सकते हैं। कुछ अन्य समझौते भी हैं जिनकी दोबारा समीक्षा होगी। इसमें जुलाई 2015 का ईरान परमाणु समझौता भी है। इसपर बातचीत का असर चाहबहार पोर्ट के प्रतिबंधों और ईरान से तेल व गैस की खरीद से जुड़े भारत के हितों पर भी पड़ेगा।

सामाजिक पहलू देखें तो अमेरिका की इमीग्रेशन नीतियों पर बेहतर दिन आने की उम्मीद है। भारतीय प्रवासियों का बाइडेन और कमला हैरिस को समर्थन कुछ अंतर जरूर लाएगा। यह जरूरी है कि भारतीय मूल के सांसदों के तथाकथित समोसा कॉकस को सावधानी से संभाला जाए ताकि उनकी जीत का भारत को सकारात्मक लाभांश ही मिले।

एच1बी वीज़ा का कोटा और ग्रीन कार्ड देने का प्रतिशत बढ़ाने का मतलब होगा कि कम भारतीय देश लौटेंगे, जहां महामारी के बाद नौकरियों के लिए संघर्ष हो रहा है। मौजूदा समय में सहयोग के अन्य क्षेत्रों में कोविड वैक्सीन का विकास और प्रसार भी है। यह दोनों देशों के लिए बड़ा अवसर है कि वे दुनिया के लिए वैक्सीन देने में आपसी सहयोग करें। बाइडेन ‘अमेरिका पहले’ नीति के प्रति बिना किसी अनावश्यक पूर्वाग्रह के इस क्षेत्र को संभालें तो इससे भारत-अमेरिका के संबंध और अधिक परिवर्तनकारी होने की दिशा में बढ़ सकते हैं।

(ये लेखक के अपने विचार हैं)



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लेफ्टि. जनरल एसए हसनैन , कश्मीर में 15वीं कोर के पूर्व कमांडर


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बंगाल में शाह का शक्ति दर्शन, चीन को भारत का करारा जवाब और वॉट्सऐप पेमेंट सर्विस शुरू

नमस्कार!

देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर से तेजी आई है। एक्टिव केस अब 2-3 राज्यों में नहीं, बल्कि एक साथ 15 राज्यों में बढ़ने लगे हैं। सबसे बुरी हालत दिल्ली की है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ।

सबसे पहले देखते हैं बाजार क्या कह रहा है

  • BSE का मार्केट कैप 163 लाख करोड़ रुपए रहा। BSE पर करीब 52% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
  • 2,819 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इसमें 1,477 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,148 कंपनियों के शेयर गिरे।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • बिहार में आज तीसरे और आखिरी फेज की 78 सीटों पर वोटिंग होगी। तीसरे फेज में 1,204 उम्मीदवार हैं। 1,094 पुरुष हैं। 910 महिलाएं हैं। इन 78 सीटों पर 2.35 करोड़ वोटर हैं।
  • रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को चुनौती देती और अंतरिम राहत देने की मांग करती पिटीशन पर बॉम्बे हाईकोर्ट आज दोपहर 12 बजे सुनवाई करेगा।
  • वुमन्स IPL में आज ट्रेलब्लेजर्स vs सुपरनोवाज आमने सामने होंगी। फाइनल में पहुंचने के लिए भिड़ेंगी मंधाना और हरमनप्रीत की टीम। मैच शारजाह में शाम 7:30 बजे से खेला जाएगा।
  • CBSE ने बताया कि CTET 31 जनवरी 2021 को होगा। बोर्ड ने कैंडिडेट्स को एग्जाम सिटी बदलने की सुविधा भी दी है। करेक्शन विंडो आज से 16 नवंबर तक खुली रहेगी।

देश विदेश

बंगाल में गृह मंत्री, कहा- लोग एकजुट हों, पुराना गौरव हासिल करें
बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। शाह ने बंगाल दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को कोलकाता में कहा कि पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति से यहां की महान परंपरा आहत हुई है। बंगाल को एकजुट होकर यह गौरव फिर से हासिल करना चाहिए।

CDS रावत बोले- चीन की हरकतों का सेना करारा जवाब दे रही
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत ने शुक्रवार को एक वेबिनार में कहा कि लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव है। लद्दाख में चीन की आर्मी की गलत हरकतों का भारतीय सेना करारा जवाब दे रही है। हम LAC की स्थिति में बदलाव नहीं होने देंगे।

फिलहाल 2 करोड़ यूजर्स को मिलेगी वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस की सुविधा
वॉट्सऐप ने शुक्रवार से देश में अपनी पेमेंट सर्विस शुरू कर दी। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने गुरुवार शाम को वॉट्सऐप को UPI बेस्ड पेमेंट सर्विस शुरू करने की मंजूरी दी थी। वॉट्सऐप फेसबुक की सब्सिडियरी कंपनी है। ये सुविधा फिलहाल 2 करोड़ यूजर्स को मिलेगी।

US इलेक्शन: ट्रम्प के झूठे दावे और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के तीन दिन बाद भी हार-जीत साफ नहीं हो सकी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हार मानने को तैयार नहीं हैं। चुनाव नतीजे सामने आने के बाद ट्रम्प ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए। हालांकि, उनके दावे झूठे थे। उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

68 साल के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले साल पद छोड़ेंगे
व्लादिमीर पुतिन अगले साल रूस के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 68 साल के पुतिन को पार्किन्स रोग हो गया है। उनकी गर्लफ्रेंड एलिना काबाऐवा उन पर इस्तीफे का दबाव डाल रही हैं। पुतिन की बेटियां भी यही चाहती हैं।

डीबी ओरिजनल
नौकरी छूटी तो चाय का कारोबार शुरू किया, हर महीने एक लाख कमाई

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के नौवाड़ा गांव के रहने वाले दान सिंह दिल्ली मेट्रो में जॉब कर रहे थे। लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई। उन्होंने अपने गांव में ही पहाड़ी घास से हर्बल चाय बनाने का काम शुरू किया। जल्दी ही डिमांड बढ़ी। आज हर महीने एक लाख रुपए कमा रहे हैं।

भास्कर एक्सप्लेनर
कोरोना के बीच कॉलेज खोलने के लिए यूजीसी की नई गाइडलाइन जारी

कोरोनावायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन लगने से पहले यानी 15 मार्च के आसपास ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद होने लगे थे। अब यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों को दोबारा खोलने के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। ऐसे समझिए।

सुर्खियों में और क्या है...

  • रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की रिहाई तीसरे दिन भी टल गई। शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुने बिना आदेश पारित नहीं करेगा।
  • सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स के आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 में भारत में 21.75 लाख पैसेंजर कार बनीं, जिनमें से 7.10 लाख कारों का प्रोडक्शन गुजरात में हुआ।
  • दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.90 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 49 लाख 74 हजार 120 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 12.38 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
  • पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट किया कि घर में कोरोना का मामला सामने आने के बाद मैंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। मैं अपनी कोविड टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं।


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Shah's Shakti Darshan in Bengal, India's befitting reply to China and WhatsApp payment service started


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जब लोग तारीफ करें तो उसमें झूठ खोजिए, अगर आलोचना करें तो उसमें सच की तलाश कीजिए

कहानी - रामायण में युद्ध चल रहा था। रावण और लक्ष्मण आमने-सामने थे। रावण ने एक ऐसी शक्ति चलाई कि लक्ष्मण कुछ देर के लिए बेहोश हो गए। उस समय हनुमानजी ने देखा कि रावण लक्ष्मण को उठाने का प्रयास कर रहा है तो वे तुरंत वहां पहुंच गए। अब हनुमानजी और रावण आमने-सामने आ गए थे। हनुमानजी ने रावण को एक मुक्का मारा तो वह बेहोश होकर गिर गया।

कुछ देर बाद जब रावण को होश आया तो उसने खड़े होकर हनुमानजी की खूब तारीफ की। रावण जैसा विश्व विजेता, जिसने कभी किसी की तारीफ नहीं की, वह आज हनुमानजी की तारीफ कर रहा था। तब हनुमान ने कहा, "रावण चुप रहो, मैं तुम्हारे मुख से अपनी प्रशंसा सुनना नहीं चाहता। मुझे तो धिक्कार है कि मेरे मुक्का मारने के बाद भी तुम जीवित बच गए हो। ये मेरी ही कमजोरी है।"

ये बात सुनकर रावण समझ गया कि ये व्यक्ति अपनी प्रशंसा के झांसे में नहीं आएगा। हनुमानजी भी जानते थे कि रावण जैसे लोग तारीफ करके पहले बरगलाते हैं, फिर पराजित कर देते हैं।

सीख - जब भी कोई आपकी तारीफ करे तो देखना कि ये चापलूसी तो नहीं है, हमें लालच तो नहीं दिया जा रहा है, इसमें झूठ तो नहीं है। तारीफ में से केवल इतना हिस्सा रख लो, जो हमें प्रेरणा देता हो। जब भी कोई निंदा करे तो उसमें सच खोजना चाहिए, क्योंकि निंदा में हमारे लिए कोई बहुत बड़ा संकेत हो सकता है, जो खुद को सुधारने में काम आ सकता है।

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लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो पहाड़ी चाय का कारोबार शुरू किया, अब हर महीने एक लाख कमाई

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के नौवाड़ा गांव के रहने वाले दान सिंह दिल्ली मेट्रो में जॉब कर रहे थे। लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी चली गई। कई जगह उन्होंने काम की तलाश की, लेकिन कहीं मौका नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अपने गांव में ही पहाड़ी घास से हर्बल चाय बनाने का काम शुरू किया। जल्द ही उनके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ गई। आज इससे हर महीने वो एक लाख रुपए कमा रहे हैं।

दान सिंह कहते हैं, 'उत्तराखंड में पलायन सबसे बड़ी समस्या है। यहां अब बहुत कम ही युवा गांवों में बचे हैं, ज्यादातर काम के चलते बड़े शहरों में ही रहते हैं। जब मैं दिल्ली था तो सोचता था कि इनके लिए कुछ किया जाए, लेकिन कुछ निर्णय नहीं ले पा रहा था।'

ये वही कंडाली घास की पत्तियां है, जिससे दान सिंह हर्बल टी तैयार करते हैं।

वो बताते हैं, 'कोरोना से कुछ समय पहले मैं गांव आया हुआ था। जब लॉकडाउन लगा तो मैं वापस बाहर नहीं जा सका। उसी दौरान मुझे सोचने का वक्त मिल गया। तब लोग इम्युनिटी बूस्टर ढूंढ रहे थे, काढ़ा और हर्बल टी की डिमांड बढ़ गई थी। तभी मुझे ध्यान आया कि हमारे यहां पहाड़ों पर जो घास उगती है, उसे बुजुर्ग सर्दी-बुखार होने पर यूज करते थे और उनकी तकलीफ ठीक भी हो जाती थी। मैंने भी इसकी पत्तियों को तोड़कर चाय बनाई और घर के लोगों को पिलाया। उन्हें थोड़ी देर में ही इसका असर दिखने लगा।'

संदीप देख नहीं सकते, खाखरा-पापड़ बेच घर खर्च चलाते हैं, RBI ऐप से नोट पहचान लेते हैं

दान सिंह कहते हैं, 'एक दो बार एक्सपेरिमेंट के बाद मेरी चाय सही तरीके से बनने लगी। सबसे पहले मैंने अपने दोस्तों को इसके बारे में जानकारी दी। उन लोगों ने तत्काल ऑर्डर बुक कर लिया। इससे मेरा मनोबल बढ़ा और मैं अब बड़े लेवल पर चाय तैयार करने लगा। इसके बाद फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया पर शेयर किया। लोगों को अपने प्रोडक्ट के बारे में जानकारी दी। बड़ी संख्या में लोगों ने ऑर्डर करना शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद अमेजन से भी हमारी डील हो गई।'

ये वही चाय है, जो दान सिंह ने तैयार की है। कोरोना के चलते इसकी डिमांड बढ़ गई है।

दान सिंह ने चाय तैयार करना खुद से ही सीखा है। उन्होंने कहीं ट्रेनिंग नहीं ली है। उन्होंने एक सीलिंग मशीन खरीदी है, जिससे वो पन्नी में चाय भरकर पैक करते हैं। इसके अलावा उन्हें कोई और एक्स्ट्रा खर्च नहीं करना होता है। उन्होंने अपने ब्रांड का नाम माउंटेन टी रखा है।

कैसे तैयार करते हैं चाय

वो रोज सुबह पहाड़ों पर जाते हैं और घास तोड़कर घर लाते हैं। सबसे पहले वे पत्तियों को तोड़ते हैं, फिर उन्हें सुखाते हैं। दो-तीन दिन में पत्तियां सुख जाती हैं। इसके बाद उन्हें हाथ से मसल देते हैं। फिर लेमन ग्रास, तेजपत्ता, तुलसी पत्ता और अदरक मिलाकर पैक तैयार करते हैं। दान सिंह की इस पहल के बाद गांव के दूसरे लोग भी अब इस घास का उपयोग कर रहे हैं।

मां फैक्ट्री सुपरवाइजर थीं, बेटा पर्चे बांटता, फिर खड़ी की 20 लाख टर्नओवर की कंपनी

अपने दोस्तों और टीम मेंबर्स के साथ दान सिंह। सभी मिलकर घास की पत्तियां तोड़ने से लेकर चाय तैयार करने और उसकी मार्केटिंग का काम करते हैं।

क्यों खास है ये चाय

दान सिंह बताते हैं कि इस पहाड़ी घास को बिच्छू घास या कंडाली बोलते हैं। सर्दी-खांसी के साथ-साथ इसका उपयोग सब्जी बनाने में भी किया जाता है। इसमें विटामिन सी और विटामिन ए भरपूर मात्रा में मिलता है। ये इम्यून बूस्टर होता है। साथ ही डायबिटीज और गठिया रोग में भी यह फायदेमंद होता है।

दान सिंह अब आगे इस कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं। हर महीने 500 किलो बेचने का टारगेट है। साथ ही अपने चाय को वे एक ब्रांड के रूप में एस्टेब्लिश करना चाहते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके और पलायन को कंट्रोल किया जा सके।

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जहां MGM सिर्फ मीडियम मशीन गन नहीं, मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारा भी है

देश में इन दिनों त्यौहारों का मौसम है। नवरात्र में कई हिंदू व्रत रखते हैं। वैसे तो मैं व्रत नहीं रखता, लेकिन जब अपनी रेजिमेंट के जवानों के साथ पोस्टेड था तो चाहे नवरात्र हो या रमजान में व्रत और रोजे दोनों रखता था। मेरे या किसी भी आर्मी ऑफिसर के लिए उसके धर्म से ज्यादा जो अहम है, वो बतौर सैनिक उसकी ड्यूटी, उसकी जिम्मेदारी, अपने सैनिकों के साथ एकजुटता है। मैं जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट से हूं। मेरी रेजिमेंट में हर धर्म के सैनिक हैं। और हम सब साथ रहते हैं, ट्रेनिंग लेते हैं, हंसते, खेलते और खुशी-खुशी मौत को गले लगा लेते हैं। ये मॉडल अपने आप में अद्भुत और अनुकरणीय है।

भारतीय सेना दुनिया की असाधारण सेना है, जिसकी लड़ाकू पैदल सेना की संरचना धर्म और धार्मिक मान्यताओं के आसपास हुई है, लेकिन सेना खुद में धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक-सांप्रदायिक एकता का चमकता हुआ उदाहरण है। सेना में धर्म का इस्तेमाल एक धर्म या इलाके के लोगों को एक साथ लाने या फिर एक ईश्वर से प्रेरणा लेने के लिए होता है। सैनिक उसे भारत माता से जोड़कर देखता है। और भारतीय सैनिक देश के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने को राजी हो जाता है।

हमारी रेजिमेंट सैनिकों को एक उद्देश्य हासिल करने के लिए अलग-अलग बैटल क्राय यानी नारे और अलग-अलग मजहब से जोड़ती हैं। रेजिमेंट का बैटल क्राय भले, आयो गोरखाली, बद्री विशाल की जय या फिर भारत माता की जय हो। ये सभी सैनिकों के शौर्य और त्याग को भारत माता से ही जोड़ते हैं। यही वजह है कि धर्म और इलाकों के नाम पर लड़ाई की जगह सेना एक ऐसा स्ट्रक्चर है जो अलग-अलग धर्म और इलाकों को एकजुट करता है।

मेरी जैकलाई रेजिमेंट में जम्मू-कश्मीर से 50% मुसलमान हैं, 40% डोगरा, 10% सिक्ख और लद्दाख के कुछ बौद्ध भी। ये सैनिक मिट्टी के बेटे हैं। इन्हें लाइन ऑफ कंट्रोल या फिर भीतरी इलाकों में आतंकवाद से लड़ने अपने ही घर वाले इलाके की रक्षा का मौका मिलता है।

एक्सपर्ट कमेंट / चीन को लेकर भारत के पास ये 4 मिलिट्री ऑप्शन हैं, क्योंकि सेना की तैयारी तो सिर्फ मिलिट्री ऑप्शन की ही होती है

ये जानना बेहद खूबसूरत है कि हमारी रेजिमेंट की हर यूनिट में एक MMG होता है। यहां MMG का मतलब मीडियम मशीन गन नहीं, बल्कि एक ही छत के नीचे मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा है। हर रविवार सामुदायिक प्रार्थना होती हैं, जिसमें सभी सैनिक अपने धर्म से परे MMG जाते हैं।

वहां सभी धर्मों की एक के बाद एक प्रार्थना होती है। पंडित, मौलवी और ग्रंथी प्रार्थना करवाते हैं। त्योहारों के वक्त भी सभी साथ उत्सव मनाते हैं। दिवाली पर मुस्लिम सैनिक खुद खड़े होकर ड्यूटी लगवाते हैं ताकि हिंदू सैनिकों को दिवाली के लिए छुट्टी मिल सके। ईद पर या फिर रमजान में हिंदू और सिक्ख भी ऐसा ही करते हैं।

एक बेहद खूबसूरत वाकया है, तब जब मैं जैकलाई रेजिमेंट का कर्नल हुआ करता था, जो रेजिमेंट में सबसे ऊंचा पद है। LOC पर हमारी एक बटालियन तैनात थी। गुरपुरब आने को थी और उस बटालियन में ग्रंथी पोस्टेड नहीं था। ऑपरेशनल दिक्कतों के चलते ग्रंथी को वहां भेजना मुमकिन नहीं था। इसलिए वहां मौजूद मौलवी ने बटालियन में सिक्ख प्रार्थना और परंपराओं को पूरा करवाया। भारतीय सेना और हमारी रेजिमेंट की यही परंपरा है। काश यही भारत की भी हो।

बात सिर्फ प्रार्थना या त्यौहार की नहीं है। ये जिंदगियों में उतर चुकी है। हम खाते, जीते, लड़ते और फिर साथ ही दुश्मन का मुकाबला करते जान न्यौछावर कर जाते हैं। सेना के कंपनी के किचन यानी कुक हाउस में हलाल और झटका चिकन अलग-अलग पकाया जाता है, ताकि सबकी धार्मिक मान्यताओं का ख्याल रखा जा सके।

जम्मू कश्मीर में एलओसी पर जेकलाई बटालियन के एक ऑपरेशन का एक वाकया है कि वहां एक फॉरवर्ड पोस्ट पर संतरी राइफलमैन जोगिंदर सिंह ने कुछ संदेहास्पद मूवमेंट देखा। उसने कंपनी कमांडर मेजर विजयंत को अलर्ट किया, जिन्होंने अपने जवानों को घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों को रोकने भेजा।

घुसपैठियों को नजदीक आने दिया गया, उन पर लगातार नजर रखी जा रही थी। जब आतंकी हमारे हथियारों की रेंज में आ गए हमारे सैनिकों ने गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकियों ने पेड़ के पीछे कवर लिया और गोली चलाने लगे, हैंड ग्रेनेड फेंकने लगे।

एनालिसिस / हमारे देश में लोकतंत्र है इसलिए हम बता देते हैं, लेकिन चीन कभी नहीं बताएगा कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं

उनके भाग निकलने के रास्ते को रोकते हुए राइफलमैन राजपाल शर्मा को हाथ में एक गोली लग गई। मेजर विजयंत ने अपनी जान खतरे में डाली और गोलीबारी के बीच रेंगते हुए आगे बढ़ने लगे। लंबी चली गोलीबारी के बीच दो आतंकवादियों का खात्मा हुआ। ऑपरेशन अब आमने सामने की लड़ाई में बदल चुका था। बाकी दो आतंकी वहां से बच निकलने के लिए नीचे वाले रास्ते पर दौड़ने लगे। वो लगातार फायरिंग करते हुए ग्रेनेड फेंक रहे थे।

इसी बीच राइफलमैन विजय की गर्दन पर ग्रेनेड का स्प्लिंटर लग गया और भयानक ब्लीडिंग होने लगी। लांस नायक बदर हुसैन अपनी परवाह किए बिना दौड़े और गोलीबारी के बीच विजय को सुरक्षित बाहर निकालकर लाए। और बचे हुए दो आतंकियों को भी मार गिराया। इस ऑपरेशन के लिए मेजर विजयंत को कीर्ति चक्र, लांस नायक बदर हुसैन को शौर्य चक्र मिला।

लेकिन सेना में किसी का ध्यान इस पर नहीं गया कि जोगिंदर सिंह जो सिक्ख है, उसकी तत्परता के चलते ऑपरेशन सफल रहा। इस बात पर भी नहीं सोचा गया कि विजयंत या विजय या बदर हुसैन अलग-अलग धर्म से हैं। युद्ध के मैदान पर तो ऑफिसर और जवान के बीच भी भेद नहीं किया जाता। सभी सैनिक होते हैं, एक मातृभूमि के सैनिक, एक ईश्वर की औलादें। ऐसे ऑपरेशन जम्मू और कश्मीर में आम हैं। जिसमें सभी धर्म हिंदू, सिक्ख, मुस्लिम एक साथ लड़ते हैं।

इससे उलट जिस देश के लिए ये लड़ते हैं, वहां धर्म को लेकर ये ख्याल नहीं होते। यहां तो वोट भी धर्म के आधार पर होते हैं। मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे ही जम्मू कश्मीर में कश्मीरियत की भावना को आगे बढ़ाते हैं। जीने का वो तरीका जिसे पूरा देश भारतीय सेना से सीख सकता है।

भारतीय सेना में हर जगह सर्वधर्म स्थल होते हैं, जहां सभी धर्म के लोग साथ प्रार्थना करते हैं। और इन्हीं सब भावनाओं के साथ जीते देशभक्त सैनिक तैयार होता है, जो किसी भी धर्म से ऊपर उठ चुका होता है। याद रहे कि सेना की बटालियन भले धर्म और प्रांत पर आधारित हैं, पर सेना फिर भी धर्मनिरपेक्ष है।

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कोरोना के बीच अब कॉलेज खोलने की तैयारी; जानिए UGC की नई गाइडलाइन के बारे में सबकुछ

कोरोनावायरस की वजह से न केवल स्कूलों में, बल्कि कॉलेजों में भी पढ़ाई-लिखाई ठप है। कोरोनावायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन लगने से पहले यानी 15 मार्च के आसपास ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद होने लगे थे। अब यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों को दोबारा खोलने के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। आप भी जानिए क्या है गाइडलाइन और किस तरह यह कॉलेजों पर लागू होगी-

आखिर कब खुलेंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी?

  • केंद्र सरकार ने अनलॉक 4.0 में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की मंजूरी दी थी। हर राज्य को अपने यहां कॉलेज खोलने की वास्तविक टाइमिंग और गाइडलाइन तय करने को कहा था।
  • कुछ राज्यों में स्कूलों को फेज वाइज खोला जा रहा है। अब यूनिवर्सिटी-कॉलेज खोलने और स्टूडेंट्स को दोबारा कॉलेज बुलाने की मांग उठने लगी है। पंजाब और हरियाणा में 16 नवंबर से कॉलेज और यूनिवर्सिटियों में ऑफलाइन क्लास लगेंगी। वहीं, पश्चिम बंगाल ने साफ किया है कि दिसंबर में कॉलेज खुलेंगे।
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कक्षाएं कब से शुरू होंगी और कैसी होंगी, इसका फैसला उन संस्थानों के कुलपति/प्रमुखों पर छोड़ा गया है। वे ही तय करेंगे कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी को खोलने का समय उचित है या नहीं। वैसे, जिस इलाके में वह कॉलेज या यूनिवर्सिटी है, इस पर भी दारोमदार होगा।
  • इसका मतलब है कि भले ही केंद्र सरकार और UGC ने मंजूरी दे दी हो, आपकी राज्य सरकार और लोकल हालात के आधार पर तय होगा कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी को खोला जा सकता है या नहीं।

केंद्र सरकार और UGC की गाइडलाइंस में क्या अंतर है?

  • केंद्र सरकार की गाइडलाइन में सिर्फ इतना जिक्र था कि राज्य सरकार स्कूल या कॉलेज फेज वाइज खोल सकते हैं। अब UGC ने साफ किया है कि हॉस्टल में क्या होगा, कॉलेजों में क्या होगा, यूनिवर्सिटी में ऑफलाइन कक्षाओं के दौरान क्या होगा?
  • सही मायने में UGC की गाइडलाइन कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के लिए कोरोना काल में बाइबिल की तरह है। इसका पालन करना बेहद आवश्यक है। UGC ने कॉलेजों/यूनिवर्सिटियों को साफ तौर पर कहा है कि वह स्थानीय सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तालमेल बिठाएं, ताकि किसी भी इमरजेंसी हालात से निपटने में दिक्कत न हो?
  • UGC ने अपनी गाइडलाइंस में तीन स्तर पर प्लान बनाने को कहा है। पहला, केंद्र/राज्य सरकार के स्तर पर। दूसरा, संस्था प्रमुख के स्तर पर। तीसरा, टीचर के स्तर पर। इसमें ही हॉस्टल एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी SOP बनाने को कहा गया है।
  • UGC ने यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों के लिए जो गाइडलाइन जारी की है, उसमें सबसे पहले रिसर्च स्कॉलर, साइंस और टेक्नोलॉजी प्रोग्राम के पोस्ट-ग्रेजुएट स्टूडेंट्स और फाइनल ईयर अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स (प्लेसमेंट के लिए) को कॉलेज/यूनिवर्सिटी पहुंचने को कहा है।

कॉलेज कैम्पस में क्या-क्या बदला दिखेगा?

  • कॉलेज के गेट पर थर्मल मशीन रखी जाएगी, जिससे स्टूडेंट्स और स्टाफ का टेम्परेचर चेक किया जाएगा। सभी के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियम लागू होंगे। एक समय में 50% स्टूडेंट्स ही कॉलेज में होंगे।
  • सब स्टूडेंट्स साथ नहीं रहेंगे, इसलिए क्लासेस को कम स्टूडेंट्स के अलग-अलग सेक्शन तय किए जा सकते हैं। इससे कॉलेज की टाइमिंग बढ़ जाएगी और ज्यादा समय तक कैम्पस खुले रह सकते हैं।
  • क्लासरूम, लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल, हॉस्टल में एक समय में कितने स्टूडेंट्स एवं अन्य स्टाफ रहेगा, यह तय करने की जिम्मेदारी संस्थान प्रमुख की रहेगी। हर संस्थान को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करना होगा और जरूरत के मुताबिक पास के किसी अस्पताल से टाई-अप करना होगा।
  • कॉलेजों में कल्चरल एक्टिविटी और मीटिंग्स नहीं होंगी। हालांकि, जिन खेल और एक्स्ट्रा-करिकुलर गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग की मंजूरी है, उन्हें जारी रखा जा सकता है। फैसला संस्थान प्रमुख का रहेगा।
  • बहुत जरूरी होने पर ही हॉस्टल खोलें। रूम शेयरिंग की मंजूरी न दें। हॉस्टल लौटने वाले स्टूडेंट्स को 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा। यदि किसी को कोविड-19 हो जाता है तो उसे हॉस्टल में रहने नहीं देंगे।
  • कैम्पस में कोई स्टूडेंट या फैकल्टी मेंबर पॉजिटिव है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा। हेल्थकेयर सपोर्ट सिस्टम तैयार रखना होगा। इसी तरह हॉस्टल परिसर में रहने वाले स्टूडेंट्स और स्टाफ को मार्केट जाने से बचना होगा। जितना संभव हो सके, कैम्पस में ही जरूरी चीजें मुहैया कराएं।
  • सोशल और फिजिकल कॉन्टैक्ट और कैम्पस के जिस इलाके में पॉजिटिव मरीज मिला है, वहां जाने पर सख्त पाबंदी लगेगी। कक्षा नहीं लगाना, हॉस्टलर्स के लिए कमरा छोड़ना, मेस से टेकअवे अरेंजमेंट भी फिलहाल बंद रहेंगे।

UGC की गाइडलाइंस में किससे क्या उम्मीद की गई है?

  • केंद्र/राज्य सरकार सेः सरकार और स्वास्थ्य विभागों को यूनिवर्सिटियों और कॉलेज के साथ संपर्क में रहना होगा। कोविड-19 को लेकर अनपेक्षित स्थितियों से निपटने के लिए योजना बनानी होगी।
  • संस्थान प्रमुख सेः इन्हें संस्था के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाना होगा। हॉस्पिटल, हेल्थ सेंटर, एनजीओ, हेल्थ एक्सपर्ट से टाई-अप करना होगा। शैक्षणिक गतिविधियों का कैलेंडर बनाना होगा। साथ ही फैकल्टी, स्टॉफ, स्टूडेंट्स, कम्युनिटी के वॉलेंटियर, एनजीओ, हेल्थ संगठन और सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधियों का एक टास्क फोर्स बनाएं।
  • टीचर्स सेः टाइम टेबल, क्लास साइज, पढ़ाने के तरीके, असाइनमेंट्स आदि को ध्यान में रखते हुए टीचिंग प्लान बनाना होगा। ई-रिसोर्सेस की उपलब्धता की जानकारी रखनी होगी। टीचर्स से ही उम्मीद रखी गई है कि वे स्टूडेंट्स की फिजिकल और मेंटल हेल्थ को मॉनिटर करेंगे।
  • माता-पिता सेः बीमार हैं तो बच्चों को बाहर न जाने दें। अच्छी खानपान आदतें डालें और इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय करें। माता-पिता बच्चों को योगा, कसरत, ध्यान और सांस संबंधी एक्सरसाइज करने को बढ़ावा देना चाहिए ताकि बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।
  • स्टूडेंट्स के लिएः फेस मास्क पहनना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन रखना सभी की मजबूरी है। बीमार महसूस करें तो घर पर ही रहें, कॉलेज या यूनिवर्सिटी न जाएं। फैकल्टी मेंबर से कंसल्ट करने या बहुत जरूरी हो तो ही कॉलेज जाएं।

अटेंडेंस को लेकर UGC का क्या कहना है?

  • शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों के लिए अटेंडेंस को अनिवार्य नहीं किया है, पर UGC की गाइडलाइंस में इस पर कोई बात नहीं कही गई है। इसमें सिर्फ इतना कहा गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले को ऑनलाइन स्टडी मटेरियल और टीचिंग-लर्निंग ई-रिसोर्सेस की पहुंच देनी होगी।
  • संस्थाओं को ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स के लिए योजना बनानी होगी, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा और वीसा संबंधी प्रतिबंधों की वजह से प्रोग्राम जॉइन नहीं कर पाएंगे। उनके लिए ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग अरेंजमेंट्स भी किए जा सकते हैं।


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UGC New Guidelines & Rules COVID-19 India Update; When Will Colleges And Universities Open? Know Everything About


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कम समय में डीप पोटैटो बनाने का आसान तरीका, इसे मसाला डालकर भूनें और हरा धनिया डालकर सर्व करें



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Easy way to make deep potato in short time, fry it by adding spices and serve with coriander leaves


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ये बात क्यों रॉकेट साइंस बनी है कि रेप औरत की गलती नहीं; औरत को देह मानना हम कब बंद करेंगे?

औरत के शरीर पर वार दुनिया का इकलौता जुर्म है, जिसमें सजा पीड़ित को मिलती है। केरल, जिसे पूरे देश में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा और जहीन राज्य मानते हैं, वो भी इस मानसिकता से बरी नहीं। हाल ही में वहां के एक वरिष्ठ मंत्री ने औरतों पर विष वमन किया। मंत्री महोदय के मुताबिक, स्वाभिमानी औरत रेप के बाद अपनी जान दे देगी या किसी वजह से जान देते हुए उसका जिगरा कांप ही जाए तो दरियादिल मंत्री जी सुझाते हैं कि अगली बार वो रेप न होने दे। कुल मिलाकर, रेप न हुआ, ब्यूटी पार्लर में फेशियल छांटना हुआ। ना जी, पिछली बार जो पैक आपने लगाया था, वो नहीं जंचा। इस बार वो नहीं।

पुरुष जजों की पांत की पांत सजाए कोर्ट भी आए दिन आदिम युग की झांकी देती है। इसी साल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के एक दोषी को सशर्त जमानत दी। शर्त के तहत मर्द को 11 हजार रुपए और मिठाइयां देकर औरत से राखी बंधवानी थी। मिठाई, पैसों और राखी के लेनदेन से मासूम जज ने पक्का कर लिया कि बलात्कार करने की कोशिश करने वाला मर्द आगे से उस औरत को बहन की नजर से देखे। भाई-बहन का प्यार बढ़ाने के लिए कोर्ट ने दोषी को पीड़िता के बच्चे को भी कोई कीमती तोहफा देने को कहा।

खुद से कहना होता है कि मर्द ने रेप किया, गलती तुम्हारी नहीं है, मर्द ने छेड़खानी की, मर्द ने गाली दी, हाथ उठाया, अपमानित किया, गलती तुम्हारी नहीं है

ये सजा तब भी फूलों का हार है। पंजाब-हरियाणा की खाप पंचायतें बहुतों बार रेपिस्ट को बलात्कार-पीड़िता से शादी की सजा देती हैं। गौर फरमाइए- शादी की सजा। सजा इसलिए कि मर्द को जूठी औरत से रिश्ता जोड़ना होगा। वो औरत, जिसे आपने ही किसी निवाले की तरह तोड़ा, वो अब जूठन है, और आपको नई थाली की बजाए उसी पुरानी थाली में खाना है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में भी एक मिलता-जुलता मामला आया। इसमें 14 साल की गैंगरेप पीड़िता, जो फुल-टर्म प्रेग्नेंट थी, खुद उसके पिता ने एक रेपिस्ट से शादी करने की गुहार लगाई। पिता की मांग ये भी थी कि चार बलात्कारियों में से जो उनकी जाति का है, उससे ही बिटिया का ब्याह रचाया जाए। कम से कम जाति का अहम तो बना रहे।

ओह! और वो हिंदी फिल्में हम कैसे भूल सकते हैं, जिसमें अपना बनाने के लिए हीरो हीरोइन से रेप का नाटक रचता है। बाद में लगभग झटकते हुए ही उसे दूर फेंकता है और हीरोइन इस मर्दानगी पर मिट-मिट जाती है। यहां भी प्यार करने वाला मर्द औरत के शरीर को जायदाद की तरह देखता है और खुद औरत ऐसे मर्द को प्रेमी मान पाती है।

इधर मनोविज्ञान के जनक सिगमंड फ्रायड की एक थ्योरी काफी चल निकली है। इसमें फ्रायड बताते हैं कि औरतों को अपने शरीर के रौंदे जाने पर एक किस्म का संतोष मिलता है। खासकर तब, जब कोई गैर मर्द ऐसा करे। यहां तक कि वे दिल ही दिल में अपने बलात्कार की कल्पना करती हैं। इसे फ्रायड ने रेप फैंटेसी नाम दिया। इतने बड़े मनोवैज्ञानिक ने कहा है तो यूं ही तो नहीं कहा होगा। लिहाजा, होड़ चल पड़ी। साबित किया जाने लगा कि औरतों को अनजान पुरुष की जबर्दस्ती की कल्पना सबसे ज्यादा उत्तेजित करती है।

कितनी अलग होती हैं रातें, औरतों के लिए और पुरुषों के लिए, रात मतलब अंधेरा और कैसे अलग हैं दोनों के लिए अंधेरों के मायने

अमेरिकन लेखिका नैंसी फ्राइडे की किताब माय सीक्रेट गार्डन इसी कल्पना की कहानी है, जिसकी नायिका अपने साथ चाकू की नोंक पर हुए रेप को याद करती है। मैक्सिको शहर में बेहद आधुनिक ढंग में रहती वो औरत रेप की इस कल्पना को ही अपना साथी बना लेती है।

अब जरा दिल्ली की निर्भया को याद करें। दिसंबर की उस ठंडी रात गैंगरेप की खबर ने कितने मर्दों को गर्मी दी होगी। छह वहशियों से अकेली लड़की निर्भया पर इतनी बर्बरता हुई कि उसकी अंतड़ियां तक विद्रोह कर बैठीं। इसपर एक तथाकथित संत ने दावा किया कि अगर लड़की लड़ने की बजाए लड़कों को भैया बोल देती तो उनका मन बदल जाता। वे न केवल रेप का इरादा टाल देते, बल्कि साबुत उसे घर तक छोड़ आते।

तुम्हारी बुद्धि की बलिहारी मर्दों! रोमन सैनिकों ने कछुए के कवच से प्रेरित होकर ढाल बनाई थी। वे चूक गए, उन मर्दों ने अपना इगो टटोला होता, तो कछुए से प्रेरणा लेने की जरूरत न पड़ती। कछुए की पीठ भी मर्द ईगो के आगे आटे की लोई जितनी नर्म लगेगी।

औरत पसंद आ जाए तो दिल जीतकर उसे अपना बनाने की बजाए सीधे शरीर जीत लेते हो। 'अब तुम मेरी हो।' औरत का शरीर न हुआ, कोई अभेद्य किला हो गया, जिसमें तुम्हारे बाद कोई न पहुंच सकेगा। औरत पर भड़को, तब भी यही टोटका आजमाते हो। औरत को रौंदते हुए तुम उसकी दुश्मनी, उसके तेवर भी रौंद रहे होते हो। 'अब ये मेरे सामने कभी सिर नहीं उठा सकेगी।' यहां तक कि मर्द-मर्द की भी आपस में ठन जाए तो औरत का शरीर लड़ाई का मैदान बन जाता है।

कितनी किताबें लिखी गईं। कितनी तो दुनिया देखी है हम सबने। फिर ये मामूली-सी बात क्यों रॉकेट साइंस बनी हुई है? रेप औरत की गलती नहीं? शरीर के कुछ अंगों से औरत की पहचान नहीं। उसे रौंदकर उसे पाया नहीं जा सकता। उसे जीता भी नहीं जा सकता। उसे सिर्फ अपनाया जाता है। ठीक वैसे ही जैसे औरतें पुरुषों को अपनाती हैं- बांहें फैलाते हुए तमाम खूबियों-खामियों समेत। यकीन जानिए, जिस रोज हम औरत को देह मानना बंद कर देंगे, उसी रोज दुनिया में कयामत का डर कई कदम पीछे चला जाएगा।

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1. बॉलीवुड की औरतें नशे में डूबी हैं, सिर्फ वही हैं जो ड्रग्स लेती हैं, लड़के सब संस्कारी हैं, लड़के दूध में हॉरलिक्स डालकर पी रहे हैं

2. जब-जब विराट का खेल खराब हुआ, ट्रोलर्स ने अनुष्का का खेल खराब करने में कसर नहीं छोड़ी, याद नहीं कि कभी विराट की जीत का सेहरा अनुष्का के सिर बांधा हो



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Why is it a matter of rocket science that rape is not the fault of the woman and she cannot be traced to it


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हार्ट, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज समेत कई बीमारियों की जड़ है मोटापा, 6 ग्राफिक में समझें वेट मैनेज करने के तरीके

ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक दुनियाभर में हर तीन में से एक व्यक्ति बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान है। इसकी वजह से हाइपरटेंशन, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। गांवों की तुलना में शहरों में ये समस्याएं ज्यादा हैं।

अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक लोगों में फिजिकल एक्टिविटी का कम होना इसकी सबसे बड़ी वजह है। आमतौर पर लोग चाहकर भी एक्सरसाइज नहीं शुरू कर पाते। ऐसे लोगों को सेल्फ-मोटिवेशन की जरूरत है। जागरूकता की कमी के चलते भी लोग फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर रहे हैं। लोगों को यह भी नहीं पता होता कि उन्हें कैसी एक्टिविटी करनी चाहिए।

CDC ने गर्भवती महिलाओं समेत अलग-अलग एज ग्रुप के लोगों के फिजिकल एक्टिविटी के लिए गाइडलाइन जारी की है। इनको फॉलो करके शरीर का वजन अच्छा रखा जा सकता है। CDC के मुताबिक गलत एक्सरसाइज करने के उतने ही जोखिम हैं, जितना न करने के।

आइए 6 ग्राफिक के जरिए समझते हैं वेट मैनेजमेंट की पूरी थ्योरी-



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Obesity is the root cause of many diseases including heart, 6 easy ways to manage weight in graphic


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