शनिवार, 25 जुलाई 2020

कोरोना से बड़ी भूख, स्टेशन पर पड़ा अनाज बना बुजुर्गों का निवाला; दंतेवाड़ा में मजबूरी बना ताड़ के पेड़ का पुल

झारखंड के पलामू में डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को कुछ बुजुर्ग महिलाएं चावल और गेहूं के रैक अनलोड होने के बाद प्लेटफॉर्म पर गिरे हुए अनाज को चुन रही थीं। पेट की आग के सामने उनके लिए न तो कोरोना का कोई डर था और न मास्क बांधने और कोरोना पर दी गई हिदायत को न मानने पर भारी-भरकम जुर्माना का। गेहूं चुनने में जुटीं बुधिया, लगनी और धनोइया को जब कोरोना और मास्क के बारे में बताया तो उनका जवाब यही था कि सबसे बड़हन बीमारी त ई पेट बा बाबू।

नाले पर पेड़ रखकर आना-जाना कर रहे 45 परिवार

यह तस्वीर रायपुर के दंतेवाड़ा जिले की है। यहां के नकुलनार से ग्राम पंचायत पखनाचूहा के पटेलपारा तक जाने के लिए नाले पर पुलिया नहीं है। ग्रामीणों ने जुगाड़ से नाले पर ताड़ का पेड़ रख पुलिया बनाई है, इसी के सहारे पखनाचूहा पंचायत के 45 परिवार आना-जाना कर रहे हैं। नाले पर पुलिया नहीं होने से ग्रामीणों को सालों से परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके बावजूद ग्रामीण नक्सली दहशत के चलते खुलकर मांग नहीं कर रहे हैं।

उफनते नाले में खतरनाक होगी ऐसी छलांग

यह तस्वीर रायपुर के नवगढ़ ब्लॉक के एक गांव की है। यहां के ग्राम केसला कंजी नाला में इस समय भरपूर पानी है। शुक्रवार को इस पर पुल से 6 फीट नीचे पानी बह रहा था। इसकी रफ्तार भी बहुत ही ज्यादा है। इसके बावजूद यहां बच्चे पानी में छलांग मारकर हादसे को न्योता देते नजर आए।

टैंकर से अमोनिया का रिसाव, 45 मिनट दहशत में रहे लोग

जयपुर के शिवदासपुरा के पास एक बड़ा हादसा होने से बच गया। शुक्रवार शाम को टैंकर से अमोनिया का रिसाव होने से 45 मिनट तक दहशत में लोग रहे। पुलिस ने टैंकर की तरफ आने वाले मार्ग को बंद कर लोगों की आवाजाही रोक दी। हादसे के बाद टैंकर चालक वाहन छोड़ भाग गया। टैंकर पर लिखे नंबरों के आधार पर उसके मालिक से संपर्क किया जा रहा है। टैंकर कोटा से जगतपुरा की तरफ जा रहा था।

यहां से गुजरेगी डबल डेकर मालगाड़ी

हरियाणा के सोहना में अरावली की पहाड़ियों में बन रही एक किमी लंबी टनल की खुदाई का काम पूरा हो गया है। शुक्रवार को यहां अंतिम ब्लास्ट किया गया। टनल बनने के बाद इस कॉरिडोर की दूरी 50 किमी कम हो जाएगी। यह दुनिया की सबसे लंबी इलेक्ट्रिफाई टनल होगी। यहां से डबल डेकर मालगाड़ी गुजरेगी। टनल 14.2 मीटर चौड़ी और 10.5 मीटर ऊंची होगी। इसमें से 25 टन एक्सल लोड वाली मालगाड़ी 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी। 84 हजार करोड़ की लागत से बन रहे ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर 2022 तक तैयार होने की संभावना है।

कमल के फूलों ने ढंक लिया तालाब

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडी के राजा तालाब की खूबसूरती बढ़ गई है। यहां चारो ओर हरियाली की चादर बिछ गई है। तालाब को कमल के फूलों और पत्तियों ने पूरी तरह ढंक लिया है। इसका वानस्पतिक नाम नेलुम्बो न्युसिफेरा है। वेद-पुराणों में सहस्त्र दल वाले कमल का उल्लेख है, लेकिन इस कमल को कम लोगों ने ही देखा होगा।

1.5 इंच बारिश, 15 गांव का संपर्क टूटा

रायपुर के धमतरी जिले में बीते एक हफ्ते से धूप-छांव के बीच रुक-रुककर बारिश हो रही है। बीते 24 घंटे में जिले में डेढ़ इंच पानी गिरा है। नगरी ब्लॉक में अच्छी बारिश होने से नदी, नाले उफान पर है। नगरी से बोराई को जोड़ने वाली आठदहरा रपटा के ऊपर करीब 3 फीट पानी बह रहा है, जिससे 15 से अधिक गांव का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया है। सुरक्षा के लिए नदी किनारे बोराई पुलिस की टीम तैनात है।

छलक आया बुजुर्ग का दर्द

उदयपुर के भींडर कस्बे में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का 10 वर्षीय बेटा भी शुक्रवार को संक्रमित मिला। मेडिकल टीम उसे लेने पहुंची। बच्चा एंबुलेंस की ओर बढ़ा तो दादी भी पीछे-पीछे चल दी, लेकिन बैरिकेड के पास पहुंचकर रो पड़ी। आंचल से आंखें पोंछते हुए पुलिस और मेडिकल टीम से बोली- म्हारे पोता रो ध्यान राखजो। टीम ने वृद्धा को हौसला दिया।

सीकर में सक्रिय हुआ मानसून

राजस्थान के सीकर में बीते 34 दिन में 137 मिमी बारिश हुई। शुक्रवार को हर्ष पर्वत पर दिनभर इसी तरह का नजारा था। बादल पहाड़ों से छूते हुए गुजर रहे थे, मानो बरसने के लिए नीचे उतर रहे हों। बीते 5 दिन में यहां 49 एमएम बारिश हुई। अब खाली पड़े बांधों को मूसलाधार का इंतजार है।



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Big epidemic 'hunger' from Corona, elderly food made at cereals lying at station; Palm tree bridge became a compulsion in Dantewada


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इस मौसम में रोजाना 5 हजार टूरिस्ट आते थे, कोरोना की वजह से अब यहां 300 पर्यटक ही पहुंच रहे हैं

कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सिदापुर तालुक में मौजूद है देश का तीसरा सबसे ऊंचा जोग वॉटरफॉल। इसकी उंचाई 833 फीट है यहां पर एक साथ 4 झरने गिरते है, जिनके नाम राजा, रानी, रोरर और रॉकेट है। देश के सबसे ऊंचे वॉटरफॉल में पहले नंबर पर मेघालय का नोहकालिकाई है, इसकी ऊंचाई 1115 फीट है। दूसरे नंबर पर गोवा का दूध सागर वॉटरफॉल है, इसकी ऊंचाई 1049 फीट है।

हमेशा पर्यटकों से गुलजार रहने वाला जोग वॉटरफॉल इस बार सूना पड़ा हुआ है। यहां के टिकट टेकर प्रभाकर बताते हैं कि पिछले साल जून-जुलाई के महीने में रोजाना 4 से 5 हजार तक पर्यटक आते थे, लेकिन कोरोना के चलते अब यहां दिनभर में 150 से 200 टूरिस्ट ही पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादातर लोकल टूरिस्ट ही हैं। महामारी को ध्यान में रखते हुए यहां भी कुछ बदलाव किए गए हैं। गेट के बाहर सफेद गोले बनाए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। पर्यटकों को गेट पर थर्मल जांच और हैंड सैनिटाइजेशन के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।

पिछले साल जून-जुलाई के महीने में रोजाना 4 से 5 हजार तक पर्यटक आते थे लेकिन अभी यहां दिनभर में 150 से 200 टूरिस्ट ही पहुंच रहे हैं। फोटो : ताराचंद गवारिया

यहां मौजूद 18 दुकानों की रोजी-रोटी अब राम भरोसे

अनुषा रेस्त्रां की ललिता बताती हैं कि यहां जून से लेकर जनवरी तक पर्यटकों की भरमार रहती है, लेकिन इस बार सब भगवान के भरोसे ही है। कोविड-19 के चलते इस बार तो दुकान का किराया भी निकल जाए तो बड़ी बात है। यहां कुल 18 दुकानें हैं, इनमें पांच दुकानें फोटोग्राफर्स की हैं। फोटोग्राफर अंजू बताते हैं कि पहले इस सीजन में रोजाना करीब 100 फोटोज क्लिक कर लेता था लेकिन अभी दिनभर में 5-6 क्लिक हो जाएं, तो बड़ी बात है।

डैम के पूरा भर जाने के बाद जोग वॉटरफॉल का नजारा देखने लायक होता है। फोटो : ताराचंद गवारिया

लिंगनमक्की डैम के पूरा भर जाने के बाद जोग वॉटरफॉल का नजारा देखने लायक होता है। अभी डैम करीब 85 फीट खाली है। इसके पूरा भर जाने के बाद अतिरिक्त पानी बहकर जोग वॉटरफॉल में आता है, वहां से ये पानी गेरसोप्पा डैम में चला जाता है। इस डैम के भर जाने के बाद सारा वेस्ट वॉटर समुद्र में मिल जाता है।

अभी डैम करीब 85 फीट खाली है, इसके पूरा भर जाने के बाद अतिरिक्त पानी बहकर जोग वॉटरफॉल में आता है। फोटो : ताराचंद गवारिया

जल विद्युत परियोजना से 1035 मेगावॉट बिजली पैदा होती है

जोग वॉटरफॉल के पास जल बिजली परियोजना भी है। इसमें शरावती विद्युत गृह, गेरसोप्पा जल विद्युत परियोजना और लिंगनमक्की जल विद्युत परियोजना शामिल हैं। इन सभी प्रोजेक्ट से 1035 मेगावॉट बिजली पैदा होती है।



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कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सिदापुर तालुक में मौजूद है देश का तीसरा सबसे ऊंचा जोग वॉटरफॉल। इसकी उंचाई 833 फीट है। फोटो : ताराचंद गवारिया


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अमेरिका ने कहा- जिन नए विदेशी छात्रों का पूरा कोर्स ऑनलाइन हो चुका है, उन्हें देश में आने की मंजूरी नहीं दी जाएगी

अमेरिकी सरकार उन नए विदेशी छात्रों को फिलहाल देश आने की मंजूरी नहीं देगी, जिन्होंने हाल ही में किसी अमेरिकी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया है और जिनकी सभी क्लासेज ऑनलाइन कंडक्ट होनी हैं। यह नया आदेश डोनाल्ड ट्रम्प एडिमिनिस्ट्रेशन के इमीग्रेशन और कस्टम एन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट (आईसीई) ने जारी किया है।

क्या है आदेश में?
शुक्रवार रात जारी आईसीई के बयान में कहा गया- जिन स्टूडेंट्स ने 9 मार्च 2020 के बाद एडमिशन लिया है, वे अगले आदेश अमेरिका नहीं आ सकेंगे। ये नॉन इमिग्रेंट स्टूडेंट्स हैं, जिनके सेमेस्टर की पूरी पढ़ाई ऑनलाइन है। इसके लिए एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स को एक नया फॉर्म आई-20 जारी करना होगा। इसके जरिए नॉन-इमिग्रेंट स्टूडेंट्स का एलिजिबिलिटी स्टेटस चेक किया जा सकेगा।

गाइडेंस पहले ही जारी किया गया था
स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम के तहत 9 मार्च को गाइडेंस जारी किए गए थे। आईसीई से कहा गया है कि वो सभी विदेशी छात्रों से इसका पालन कराए। इसमें कहा गया है कि एजुकेशनल इंस्टीट्यूट डिस्टेंस लर्निंग को बढ़ावा दें। दूसरे शब्दों में कहें तो यह आदेश फिलहाल, ऑनलाइन क्लासेज को बढ़ावा देने के लिए जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोरनावायरस महामारी के चलते यह आदेश जारी किया जा रहा है।

पहले हुआ था विवाद
दो हफ्ते पहले आईसीई ने ऐसा ही एक आदेश जारी किया था। इसमें विदेशी छात्रों के अमेरिका आने पर रोक के साथ उन स्टूडेंट्स को देश छोड़ने को कहा गया था, जिनकी क्लासेज ऑनलाइन हैं। विदेशी छात्रों के साथ ही अमेरिका के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स ने भी इस पर सवाल उठाए थे। बाद में इसमें बदलाव किए गए थे।

दोहरा रवैया
ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन का विदेशी छात्रों को लेकर यह रवैया चौंकाने वाला है। दरअसल, प्रशासन चाहता है कि महामारी के बावजूद अब स्कूल खोले जाएं। जबकि, मामले बढ़ रहे हैं। 50 में से 18 राज्यों और करीब 200 यूनिवर्सिटीज ने इसका विरोध किया है।

अमेरिका में विदेशी छात्रों से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...
1. अमेरिका में दुनिया भर से 10.9 लाख छात्र पढ़ने गए; पहली बार 2 लाख भारतीय गए, सबसे ज्यादा चीन से 3.69 लाख छात्र पहुंचे
2. अमेरिका ने कहा- जिन स्टूडेंट्स की सभी क्लासेस ऑनलाइन, उन्हें देश छोड़ना होगा; यूएस में 10 लाख विदेशी छात्र, इनमें करीब 2 लाख भारतीय



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अमेरिका ने उन नए विदेशी छात्रों के फिलहाल देश आने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने इस साल एडमिशन लिया है। अमेरिका में सबसे ज्यादा विदेशी स्टूडेंट्स चीन के हैं। इसके बाद भारत का नंबर आता है। (प्रतीकात्मक फोटो)


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देश में 2 दिन में करीब एक लाख मरीज बढ़े, अब तक 13.37 लाख केस; दिल्ली एम्स में कोवैक्सीन के शुरुआती ट्रायल में कोई रिएक्शन नहीं दिखा

देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अब तक 13 लाख 37 हजार 22 हो चुकी है। शुक्रवार को देश में रिकॉर्ड 48 हजार 895 मरीज मिले। यह अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। देश में सिर्फ दो दिन में 97338 मरीज मिले। शुक्रवार को 48 हजार 443 केस सामने आए थे। वहीं, पिछले 24 घंटे में 761 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

कोवैक्सीन का दिल्ली के एम्स में ट्रायल शुरू हो गया है। पहले दिन शुक्रवार को 30 साल के एक शख्स को वैक्सीन लगाई गई। अच्छी बात यह रही कि वैक्सीनेशन के बाद शख्स को किसी भी प्रकार का रिएक्शन नहीं हुआ। एम्स ने बताया कि अब धीरे-धीरे ट्रायल में वॉलंटियर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी।

5 राज्यों का हाल

मध्यप्रदेश : भोपाल में 10 दिन का लॉकडाउन शुरू हो गया है। इस दौरान राजधानी को छोड़कर राज्य में एक जिले से दूसरे जिले की यात्रा करने के लिए ई-पास की जरूरत होगी। लॉकडाउन में क्लीनिक खोलने की अनुमति दी गई है। किराने की दुकानें बंद रहेंगी। लॉकडाउन में होटल, रेस्तरां, किराना दुकानें, मॉल, धार्मिक स्थल, शिक्षण संस्थान, परिवहन सेवाएं, जिम, शराब दुकानें बंद रहेंगी। कोई समारोह नहीं होंगे।

उधर, इंदौर में हफ्ते में 6 दिन में बाजार खुले रहेंगे। 27 जुलाई से राखी समेत सभी दुकानें सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहेंगी। ग्वालियर जिले में 2000 से ज्यादा मरीज हो गए हैं। उधर, श्योपुर में बिहार से धान रोपने आए 4 मजदूर भी पॉजिटिव मिले। उज्जैन में अब रविवार को लॉकडाउन रहेगा। शनिवार को बाजार खुले रहेंगे।

महाराष्ट्र: मुंबई में पिछले 24 घंटों में 1057 मामले सामने आए, जबकि इस महामारी से 54 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 1 लाख 06 हजार 980 हो गए हैं। शहर में अब तक 5984 लोगों की मौत हो चुकी है।

राजस्थान: राज्य में एक हफ्ते में पांचवीं बार 900 से ज्यादा केस मिले। शुक्रवार को 958 रोगी मिले। बीते 24 घंटे में 8 लोगों की मौत हुई। इनमें सबसे ज्यादा 5 जोधपुर से थे। इसके अलावा बाड़मेर में 2 और नागौर में एक व्यक्ति की जान गई। जोधपुर के बाद अब अलवर में महाविस्फोट हुआ। सबसे ज्यादा 224 रोगी मिले। जयपुर में लगातार आठवें दिन कोई मौत नहीं हुई। यहां परिवहन आयुक्त रवि जैन भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

बिहार: राज्य में शुक्रवार को रिकॉर्ड 1820 संक्रमित मिले। थोड़ी राहत यह कि इससे भी ज्यादा रिकॉर्ड 1873 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर भी लौटे। पटना में 7 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ा। इनमें एक संक्रमित युवक वह भी शामिल है, जिसने एम्स की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। बिहार संक्रमितों की संख्या के मामले में राजस्थान को पीछे छोड़कर 10वें स्थान पर आ गया।

उत्तरप्रदेश: राज्य सरकार ने बताया शुक्रवार को 50 हजार 697 नमूनों की जांच की गई है। इसके साथ अब तक 17 लाख 5 हजार 348 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। अब तक 33 हजार 995 इलाकों में 1 करोड़ 33 लाख 06 हजार 810 घरों का सर्विलांस लिया गया है। इनमें छह करोड़ 77 लाख 18 हजार 224 लोग रहते हैं। प्रदेश में अब कोविड हेल्प डेस्क की संख्या बढ़कर 56 हजार 164 की गई है। इनके जरिए 69 हजार 633 पॉजिटिव की पहचान की गई है।



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यह फोटो दिल्ली की है। यहां टेस्ट बढ़ने के साथ मरीजों की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है। शुक्रवार को 1025 मरीज मिले। वहीं, अब तक 9 लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं।


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ट्रम्प ने दवाओं की कीमत कम करने वाले आदेश पर साइन किए, अब कनाडा से सस्ती दवाएं मंगा सकेगा अमेरिका; दुनिया में 1.59 करोड़ केस

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 1 करोड़ 59 लाख 40 हजार 379 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 97 लाख 23 हजार 949 ठीक हो चुके हैं, जबकि 6 लाख 42 हजार 688 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को चार एग्जीक्यूटिव आर्डर साइन किए। इनमें दवाओं की कीमत कम करने और इलाज के खर्च को किफायती बनाने से जुड़े आदेश शामिल थे। इससे अमेरिका के कई राज्यों को कनाडा से सस्ती दवाएं मंगाने में मदद मिलेगी।

ट्रम्प के नए आदेशों से इंसुलिन जैसी दवाएं मरीजों को कम दामों पर मिल सकेंगी। दवाओं से जुड़े यह नए आदेश शनिवार से लागू हो जाएंगे। इन आदेशों पर चर्चा के लिए ट्रम्प 28 जुलाई को दवा कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 42,48,327 1,48,490 20,28,074
ब्राजील 23,48,200 85,385 15,92,281
भारत 13,37,022 31,406 8,50,107
रूस 8,00,849 13,046 5,88,774
द.अफ्रीका 4,21,996 6,343 2,45,771
पेरू 3,75,961 17,843 2,59,423
मैक्सिको 3,78,285 42,645 2,42,692
चिली 3,41,304 8,914 3,13,696
स्पेन 3,19,501 28,432 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,97,914 45,677 उपलब्ध नहीं

दक्षिण कोरिया: मार्च के बाद सबसे ज्यादा मामले

दक्षिण कोरिया में मार्च के बाद पहली बार सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। कोरिया सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (केसीडीसी) ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। शुक्रवार को यहां 86 नए मामले सामने आए। इनमें से 27 में डोमेस्टिक इंफेक्शन था। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि विदेश से पहुंचने वाले लोगों के पॉजिटिव मिलने पर संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। दूसरे देशों से लौटने वाले सभी लोगों की टेस्टिंग की जा रही है।

फ्रांस: लोगों से कैटालोनिया न जाने की अपील

फ्रांस सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे कैटालोनिया इलाके न जाएं। प्रधानमंत्री ज्यां कास्ते ने कहा कि सरकार स्पेन से लगी सीमा पर निगरानी बढ़ा रही है। बॉर्डर से संक्रमितों के देश में आने पर संक्रमण बढ़ने का खतरा है। खासतौर देश के उत्तर-पूर्वी बॉर्डर पर सरकार की नजर हैं। देश में पिछले 15 दिन में 16 हजार 410 मामले सामने आए हैं। इनमें से ज्यादातर इसी इलाके में मिले थे। फ्रांस ने बीते दिनों देश में सभी इंडोर प्लेस पर मास्क जरूरी किया है।

नॉर्वे: स्पेन से आने वाले 10 दिन के लिए क्वारैंटाइन होंगे

नॉर्वे ने शुक्रवार को यात्रा पाबंदियों से जुड़ी नए गाइडलाइन्स जारी की। नए नियमों के मुताबिक, स्पेन से पहुंचने वाले लोगों के लिए 10 दिन का क्वारैंटाइन जरूरी होगा। हालांकि, स्वीडन से आने वालों पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं होगी। देश में अब तक 9 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। यहां 255 मौतें हुई हैं और 8674 लोग ठीक भी हुए हैं। नॉर्वे ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी एयरपोर्ट पर लोगों के लिए टेस्टिंग जरूरी की है।

पाकिस्तान: 103 साल का संक्रमित ठीक हुआ

पाकिस्तान में एक 103 साल के संक्रमित बुजुर्ग ने महामारी को हराया है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। बुजुर्ग का नाम अजीज अब्दुल अलीम है। वे देश के उत्तरी जिले चित्राला के रहने वाले हैं। अजीज को बीते महीने के आखिर में पॉजिटिव पाया गया था। ठीक होने के बाद इसी हफ्ते उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। देश में अब तक 2 लाख 70 हजार 400 संक्रमित मिले हैं और 5763 मौतें हुई हैं।



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अमेरिका के फ्लोरिडा में 6 जुलाई को एक टेस्टिंग सेंटर पर लोगों की जांच में जुटे स्वास्थ्यकर्मी। देश में जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों का टेस्ट किया जा रहा है। -फाइल फोटो


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देश में 2 दिन में करीब एक लाख मरीज बढ़े, अब तक 13.37 लाख केस; दिल्ली एम्स में कोवैक्सीन के शुरुआती ट्रायल में कोई रिएक्शन नहीं दिखा

देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अब तक 13 लाख 37 हजार 22 हो चुकी है। शुक्रवार को देश में रिकॉर्ड 48 हजार 895 मरीज मिले। यह अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। देश में सिर्फ दो दिन में 97338 मरीज मिले। शुक्रवार को 48 हजार 443 केस सामने आए थे। वहीं, पिछले 24 घंटे में 761 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।

कोवैक्सीन का दिल्ली के एम्स में ट्रायल शुरू हो गया है। पहले दिन शुक्रवार को 30 साल के एक शख्स को वैक्सीन लगाई गई। अच्छी बात यह रही कि वैक्सीनेशन के बाद शख्स को किसी भी प्रकार का रिएक्शन नहीं हुआ। एम्स ने बताया कि अब धीरे-धीरे ट्रायल में वॉलंटियर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी।

5 राज्यों का हाल

मध्यप्रदेश : भोपाल में 10 दिन का लॉकडाउन शुरू हो गया है। इस दौरान राजधानी को छोड़कर राज्य में एक जिले से दूसरे जिले की यात्रा करने के लिए ई-पास की जरूरत होगी। लॉकडाउन में क्लीनिक खोलने की अनुमति दी गई है। किराने की दुकानें बंद रहेंगी। लॉकडाउन में होटल, रेस्तरां, किराना दुकानें, मॉल, धार्मिक स्थल, शिक्षण संस्थान, परिवहन सेवाएं, जिम, शराब दुकानें बंद रहेंगी। कोई समारोह नहीं होंगे।

उधर, इंदौर में हफ्ते में 6 दिन में बाजार खुले रहेंगे। 27 जुलाई से राखी समेत सभी दुकानें सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहेंगी। ग्वालियर जिले में 2000 से ज्यादा मरीज हो गए हैं। उधर, श्योपुर में बिहार से धान रोपने आए 4 मजदूर भी पॉजिटिव मिले। उज्जैन में अब रविवार को लॉकडाउन रहेगा। शनिवार को बाजार खुले रहेंगे।

महाराष्ट्र: मुंबई में पिछले 24 घंटों में 1057 मामले सामने आए, जबकि इस महामारी से 54 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 1 लाख 06 हजार 980 हो गए हैं। शहर में अब तक 5984 लोगों की मौत हो चुकी है।

राजस्थान: राज्य में एक हफ्ते में पांचवीं बार 900 से ज्यादा केस मिले। शुक्रवार को 958 रोगी मिले। बीते 24 घंटे में 8 लोगों की मौत हुई। इनमें सबसे ज्यादा 5 जोधपुर से थे। इसके अलावा बाड़मेर में 2 और नागौर में एक व्यक्ति की जान गई। जोधपुर के बाद अब अलवर में महाविस्फोट हुआ। सबसे ज्यादा 224 रोगी मिले। जयपुर में लगातार आठवें दिन कोई मौत नहीं हुई। यहां परिवहन आयुक्त रवि जैन भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

बिहार: राज्य में शुक्रवार को रिकॉर्ड 1820 संक्रमित मिले। थोड़ी राहत यह कि इससे भी ज्यादा रिकॉर्ड 1873 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर भी लौटे। पटना में 7 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ा। इनमें एक संक्रमित युवक वह भी शामिल है, जिसने एम्स की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। बिहार संक्रमितों की संख्या के मामले में राजस्थान को पीछे छोड़कर 10वें स्थान पर आ गया।

उत्तरप्रदेश: राज्य सरकार ने बताया शुक्रवार को 50 हजार 697 नमूनों की जांच की गई है। इसके साथ अब तक 17 लाख 5 हजार 348 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। अब तक 33 हजार 995 इलाकों में 1 करोड़ 33 लाख 06 हजार 810 घरों का सर्विलांस लिया गया है। इनमें छह करोड़ 77 लाख 18 हजार 224 लोग रहते हैं। प्रदेश में अब कोविड हेल्प डेस्क की संख्या बढ़कर 56 हजार 164 की गई है। इनके जरिए 69 हजार 633 पॉजिटिव की पहचान की गई है।



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230 स्पेशल ट्रेनों में से 172 तो 30 से 50% खाली दाैड़ रहीं, सिर्फ 58 ट्रेनों की ही ऑक्यूपेंसी 100%; हफ्ते में 5 दिन चलने वाली ताप्ती गंगा ट्रेन की डिमांड सबसे ज्यादा

लवकुश मिश्रा, कोरोना काल में अनलॉक के बाद से देशभर में कुल 230 कोविड स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इनमें से 172 ट्रेनें 30 से 50 फीसदी खाली दाैड़ रहीं, सिर्फ 58 ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी 100% है। इनमें से 12 ट्रेनें सूरत होकर जाने वाली हैं। अधिकतर ट्रेनें मुंबई-दिल्ली और दिल्ली हावड़ा रूट पर चलाई जा रही हैं। 230 स्पेशल ट्रेनों में 30 ट्रेनें स्पेशल राजधानी हैं। कुल 58 ट्रेनें ऐसी हैं, जो 100% ऑक्यूपेंसी के साथ चल रही हैं। यानी इन्हें भरपूर यात्री मिल रहे हैं। बाकी की ट्रेनें 30 से 50 प्रतिशत खाली चल रही हैं। अब 90 और ट्रेनें चलाने की योजना है। इन ट्रेनों की लिस्ट बन चुकी है, लेकिन ये कब से चलाई जाएंगी इसका निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है।

हफ्ते में 5 दिन चलने वाली ताप्ती गंगा ट्रेन की डिमांड सबसे ज्यादा
रेलवे के आंकड़ों के अनुसार 230 स्पेशल ट्रेनों में से 58 ट्रेनें फुल ऑक्यूपेंसी के साथ चल रही हैं। इनमें से 12 ऐसी ट्रेनें हैं, जो केवल सूरत से फुल होकर जा रही हैं। लॉकडाउन के बाद हुए अनलॉक में शहर खुलने के बाद व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। कोरोना मामले में वृद्धि के बावजूद भी लोगों की आवाजाही में फर्क नहीं पड़ा है। इसका नतीजा यह हुआ कि सूरत से आने-जाने वाली ट्रेनों में डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। सूरत से हफ्ते में 5 दिन चल रही ताप्ती गंगा ट्रेन में इन दिनों डिमांड सबसे ज्यादा है।
इनकी ऑक्यूपेंसी 90% से ज्यादा



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Out of 230 special trains, 172 are 30 to 50% empty rash, occupancy 100% of only 58 trains, 12 of which are going through Surat.


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दुनिया में सांपों की 3000 से ज्यादा प्रजातियां, भारत में 320 से ज्यादा, दो मुंहे से लेकर उड़ने वाले सांपों तक से जुड़े मिथ और सच्चाई

आज नाग पंचमी है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नागदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। उज्जैन के सर्प अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर मुकेश इंगले ने बताया कि सांपों को दूध नहीं पिलाना चाहिए। ये जीव मांसाहारी है। सांप दूध पचा नहीं सकते। दूध की वजह से सांप को निमोनिया हो जाता है, जिससे वो मर सकता है।

मुकेश इंगले का परिवार पांच पीढ़ियों से सांप के संरक्षण पर काम कर रहा है। ये खुद 30 सालों से सांपों पर रिसर्च कर रहे हैं। मुकेश बताते हैं कि दुनियाभर में सांपों की 3000 से अधिक प्रजातियां हैं। भारत में करीब 320 और मध्य प्रदेश में करीब 42 प्रजातियों के सांप हैं।

देश में करीब 60 और मध्य प्रदेश में सिर्फ 4 तरह के सांप ऐसे हैं, जिनके डसने पर इंसान की मौत हो सकती है। इन चार सांपों को बिग फोर कहा जाता है। पहला है कोबरा, दूसरा है करैत, तीसरा है रसैल वायपर और चौथा है स्कैल्ड वायपर।

कश्यप ऋषि और कद्रू से नागों का जन्म

नाग की उत्पत्ति के संबंध में महाभारत की एक कथा के अनुसार ऋषि कश्यप और दक्ष पुत्री कद्रु से नागों का जन्म हुआ है। कद्रू और कश्यप से एक हजार नाग प्रजातियों का जन्म हुआ था। इनमें से आठ नाग प्रमुख थे। वासुकि, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पद्म, शंख, चूड़, महापद्म और धनंजय। नागों की ये आठ मूल प्रजातियां थीं।

इन्हीं से कई उपप्रजातियां बनीं। वासुकि इन सब नागों के बड़े भाई थे। वे ही पुराणों में नागों के राजा कहलाए हैं। तक्षक का उल्लेख भागवत में राजा परीक्षित को डसने के समय आता है। धार्मिक मान्यताओं से एकदम अलग वैज्ञानिक तथ्य हैं। विज्ञान बिना सबूतों के किसी बात विश्वास नहीं करता है। मुकेश इंगले से जानिए सांपों से जुड़ी मान्यताओं की सच्चाई...

मणिधारी और इच्छाधारी सांप होते हैं या नहीं?

पुरानी मान्यता है कि कुछ सांप मणिधारी होते हैं। लेकिन विज्ञान ये नहीं मानता है, क्योंकि अभी तक किसी भी रिसर्च में ऐसे किसी सांप के बारे में पता नहीं चला है। ये एक भ्रम है। कोबरा सांप जब फन फैलाता है तो उसे फन के ऊपर एक चमकीला निशान दिखाई देता है।

अंधेरे में जब इस पर प्रकाश पड़ता है तो ये चमकता है। संभवत: लोग इसे ही मणि मान लेते हैं। इच्छाधारी सांप जैसी बातें सिर्फ कहानियों में प्रचलित हैं। वास्तविकता में ऐसा कोई सांप नहीं होता है। इस संबंध में अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है।

दो मुंह के सांप की सच्चाई क्या है?

सांपों की कई तरह की प्रजातियां हैं। इनमें कुछ सांप ऐसे हैं, जिनकी पूंछ नुकीली न होकर सांप के मुंह की तरह ही मोटी होती है। ऐसे सांप आगे-पीछे से एक समान दिखते हैं। जानकारी के अभाव में लोग इन्हें दो मुंह का सांप मान लेते हैं। इस तरह के सांप सामान्य सांपों से एकदम अलग होते हैं।

इनके संबंध में भ्रम फैला हुआ है कि इन सांपों का उपयोग पुरुषों की शक्ति बढ़ाने की दवाओं में किया जाता है। इसी वजह से इनकी तस्करी होती है। जबकि ये सच नहीं हैं। ऐसा कोई सांप नहीं होता है।

क्या सांप उड़ते भी हैं?

जी हां, कुछ सांप ऐसे हैं जो उड़ने की कला जानते हैं। इन्हें क्राइसोपेलिया (Chrysopelea) प्रजाति का कहा जाता है। लेकिन, ये सांप पक्षियों की तरह नहीं उड़ सकते हैं। उड़ने वाले सांप ऊपर से नीचे आते समय हवा में लहराते हैं। ये अपने शरीर को फैलाकर चौड़ा कर लेते हैं, जिससे नीचे आते समय ये उड़ते हुए दिखते हैं।

ऐसे सांप नीचे से ऊपर की ओर नहीं उड़ सकते। ऊपर जाने के लिए इन्हें पेड़ पर चढ़ाना पड़ता है। भारत में आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, बिहार जैसे राज्यों में ये देखे गए हैं।

क्या नाग-नागिन अपने साथी की मौत का बदला भी लेते हैं?

नहीं, ये बात सच नहीं है। क्योंकि, सांप किसी भी घटना को याद ही नहीं रख सकते हैं। इनके दिमाग में वो हिस्सा होता ही नहीं है जहां पुरानी यादें एकत्र हो सकें। सांप बार-बार अपनी जीभ बाहर निकालते हैं, इस दौरान वे एक विशेष प्रकार का रसायन छोड़ते हैं, जिसे दूसरे सांप ग्रहण करते हैं। इसी रसायन की मदद से सांप एक-दूसरे से संवाद करते हैं।

जब कोई इंसान किसी सांप को मार देता है, तो सांप एकदम बहुत सारा रसायन छोड़ देता है। जिसे सूंघ उस क्षेत्र में मौजूद अन्य सांप वहां पहुंच जाते हैं और लोग समझते हैं कि ये सांप बदला लेने आए हैं। अगर किसी सांप को मारा है और उसका खून इंसान के कपड़ों पर लग गया है तो उस खून की गंध को सूंघते हुए अन्य सांप उस व्यक्ति का पीछा जरूर कर सकते हैं।

क्या बीन की धून पर नाचते हैं सांप?

सांप बीन की धून पर नहीं, सपेरे के मूवमेंट पर नजर रखता है। जैसे-जैसे सपेरा बीन लहराता है, सांप भी उसी तरह इधर-उधर हिलता है, जिसे लोग सांप का नाचना समझते हैं। सांप स्थिर चीजों पर रिएक्ट नहीं करता है, लेकिन उसके सामने कोई चीज हिलती दिखती है तो सांप तुरंत एक्शन में आ जाता है।

क्या किसी सांप की मूंछ भी होती हैं?

नहीं, ऐसा कोई सांप नहीं है, जिसकी मूंछ हों। सपेरे सांप को पकड़ कर उसके मुंह पर घोड़े के बाल सिल देते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि सांप की मूंछें हैं। सरीसृप वर्ग के जीवों के शरीर पर कभी भी बाल नहीं उगते हैं।

क्या सांप किसी को सम्मोहित भी कर सकता है?

नहीं, ये बात सही नहीं है। इंसान की आंखों पर पलक होती है, लेकिन सांप की आंखों पर नहीं। इसी वजह से सांप को हम जब भी देखते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि सांप हमारी ओर ही देख रहा है या सम्मोहित करने की कोशिश कर रहा है।



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Nag panchami on 25 july, unknown facts of snakes, 3000 species of snakes in the world, more than 320 in India, myths and truths of snakes in india


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महामारी के बीच दफ्तर के लिए वर्किंग प्लान बनाएं, मीटिंग में शामिल होने वाले लोगों की कॉन्टेक्ट लिस्ट बनाएं; 5 तरीकों से आप सेफ रह सकते हैं

कोरोनावायरस महामारी के कारण बंद हुए दफ्तर कई जगहों पर दोबारा शुरू हो गए हैं। हालांकि, अभी तक कोरोना का खतरा टला नहीं है। ऐसे में ऑफिस या काम करने वाली जगह पर हमें इस वायरस से बचने के लिए सुरक्षा के उपाय करना बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपने ऑफिस जाना शुरू कर दिया है तो सबसे पहले मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें। इसके अलावा सतहों को टच करने को लेकर भी अलर्ट रहें।

वर्कप्लेस पर कोविड 19 से बचने के 5तरीके-

1. साफ-सफाई का ध्यान

वर्कप्लेस की सफाई सुनिश्चित करें। डेस्क, टेबल, फोन, कीबोर्ड जैसी सतहों को रोज साफ किया जाना चाहिए। क्योंकि गंदी सतहों से भी वायरस फैलने का खतरा बना रहता है। कर्मचारी भी दफ्तर में किसी सतह को टच करने को लेकर अलर्ट रहें। अगर किसी सतह को छू रहे हैं तो बगैर हाथ धोए चेहरे पर न लगाएं।

2. कर्मचारी भी खुद को रखें साफ

कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच सफाई का प्रचार करें। ऑफिस में जरूरी जगहों पर हैंड सैनिटाइजर्स की व्यवस्था करें और इन्हें समय-समय पर रीफिल करते रहें। ऑफिस में हैंड वॉशिंग के पोस्टर्स लगाएं। ऑफिस में काम करने वाले हर एक व्यक्ति के लिए हैंड सैनिटाइजेशन जरूरी कर दें। क्योंकि हाथ धोने से आपके हाथों पर मौजूद वायरस खत्म हो जाएगा।

3. सांस लेने में सावधानी बरतें

दफ्तर में सर्दी-जुकाम से जूझ रहे कर्मचारियों को मास्क और पेपर टिश्यू मुहैया कराएं। इसके साथ ही उनके पास डस्टबिन रखें, ताकि वो टिश्यू और मास्क को सावधानी से डिस्पोज कर दें। दफ्तर में रेस्पिरेटरी हाइजीन के पोस्टर लगाएं और प्रचार करें।

4. ट्रैवल करने से पहले सलाह लें

अगर ऑफिस के कर्मचारी किसी जरूरी काम से बाहर ट्रैवल करते हैं तो उन्हें पहले एक्सपर्ट्स से सलाह लेनी चाहिए। अगर इलाके में संक्रमण ज्यादा है तो वहां जाने से बचें।

5. अगर थोड़ा भी बीमार महसूस कर रहे हैं तो घर पर रहें

अगर आपके इलाके में कोरोनावायरस फैल रहा है और कोई कर्मचारी हल्की कफ या बुखार महसूस कर रहा है तो उन्हें घर पर रहने के लिए कहें। दफ्तर में भी इस मैसेज का प्रचार करें कि अगर किसी को लक्षण नजर आ रहे हैं तो वो घर पर ही रहे।

मीटिंग्स और इवेंट्स में कोविड 19 रिस्क को कैसे मैनेज करें
दफ्तर या किसी और जगह पर आयोजित की गई मीटिंग में हो सकता है कि कोई मरीज पहुंच जाए। इससे दूसरे कर्मचारी भी संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, कोविड 19 कई लोगों के लिए हल्की बीमारी है, लेकिन हर 5 में से 1 मरीज को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ती है।

मीटिंग से पहले क्या करें?

  • किसी भी जगह पर मीटिंग या इवेंट आयोजित करने से पहले स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह लें। इसके अलावा अगर हो सके तो फेस टू फेस मीटिंग के बजाए टेली कॉन्फ्रेंस को चुनें।
  • अगर मीटिंग या इवेंट का आयोजन जरूरी है, तो कम से कम लोगों को बुलाने के बारे में विचार करें। इससे लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने में भी आसानी होगी।
  • मीटिंग या इवेंट से शामिल होने वाले लोगों के लिए पहले ही मास्क, सैनिटाइजर और टिश्यू जैसे चीजों का इंतजाम कर लें।
  • मीटिंग या इवेंट में शामिल होने से पहले ही लोगों को सलाह दें कि अगर वे बीमार महसूस कर रहे हैं तो उन्हें वहां नहीं आना चाहिए।
  • इवेंट में शामिल होने वाले ऑर्गेनाइजर, केटरर्स और सभी लोगों के कॉन्टैक्ट नंबर ले लें। इससे इवेंट में अगर कोई बीमार मिलता है तो अधिकारियों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में आसानी होगी। अगर कोई कॉन्टैक्ट डिटेल्स देने से मना करता है तो इवेंट में शामिल न हों।
  • अगर कोई मीटिंग में पहुंचने के बाद बीमार हो गया और खांसी, बुखार जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे सुरक्षित तरीके से आइसोलेट कर दें।

मीटिंग या इवेंट के दौरान

  • शामिल होने वाले सभी लोगों को लिखित और मौखिक तौर पर सुरक्षा के लिए की गई सभी तैयारियों के बारे में बता दें।
  • मीटिंग या इवेंट में शामिल होने वालों को बार-बार हाथ सैनिटाइज या वॉश करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके अलावा किसी भी चीज को न छूने की सलाह दें।
  • मीटिंग या इवेंट के दौरान सभी को अपने फेस कवर करने के लिए कहें। हॉल में ही मास्क और टिश्यू की व्यवस्था करें। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो सेफ डिस्पोज के लिए डस्टबिन लगाएं।
  • अगर हो सके तो हॉल में शामिल होने वाले लोगों की कुर्सियों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी रखें। इस दौरान खिड़की और दरवाजे बेहतर वेंटिलेशन के लिए खोल दें।

मीटिंग के बाद

  • शामिल होने वाले सभी लोगों के कॉन्टैक्ट डिटेल्स अपने पास कम से कम एक महीने तक रखें। इससे स्वास्थ अधिकारी किसी व्यक्ति के बीमार मिलने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग आसानी से कर पाएंगे।
  • अगर कोई मीटिंग के दौरान किसी व्यक्ति को आइसोलेट किया जाता है, तो शामिल होने वाले दूसरे लोगों से भी लक्षणों को 14 दिन तक मॉनिटर करने के लिए कहें।
  • अगर किसी को भी हल्की खांसी या बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें घर पर रहना चाहिए और सेल्फ आइसोलेट होना चाहिए। इस दौरान घर के सदस्यों के साथ-साथ दूसरों से भी एक मीटर की दूरी बनाकर रखें।

कम्युनिटी में कोरोनावायरस की दस्तक हो चुकी है तो वर्क-प्लेस को ऐसे तैयार करें

  • इस बात की तैयारी रखें कि अगर आप किसी जोखिम वाले व्यक्ति की पहचान कैसे करेंगे। इस दौरान ध्यान रखें कि कोई भेदभाव का शिकार न हो। अपने ऑर्गेनाइजेशन में टेली वर्किंग का प्रचार करें। कोरोनावायरस फैलने की स्थिति में स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट या भीड़ वाली जगहों पर नहीं जाने की सलाह देते हैं। टेली वर्किंग के जरिए कर्मचारी सुरक्षित रहकर काम कर सकेंगे।
  • प्लान तैयार करें कि किसी मुसीबत के वक्त में भी दफ्तर का काम चलता रहे। इस प्लान में यह भी शामिल करें कि अगर दफ्तर में पाबंदियों और बीमारी के कारण कर्मचारी नहीं आ रहे हैं तो भी काम कैसे चलेगा।
  • अपने कर्मचारी और वर्क-प्लेस से जुड़े जरूरी लोगों को अपने प्लान के बारे में पूरी जानकारी दें। इससे कर्मचारियों को पता होगा कि हालात बिगड़ने पर उन्हें क्या करना है। कर्मियों को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बीमार महसूस होने पर आइसोलेट करने की जरूरत समझाएं।


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If you want to run an office in the midst of an epidemic, then keep a working plan ready in advance, make a contact list of the people attending the meeting or event


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अब मरीज को आइसोलेशन से निकलने के लिए निगेटिव टेस्ट की जरूरत नहीं, विदेश से आने वालों को 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा

डोनाल्ड जी मैकनील जूनियर. अमेरिका में अब कोविड 19 से ठीक हो रहे मरीज बिना टेस्टिंग के भी आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं। यह दिखाने के लिए कि उनमें कोई वायरस नहीं हैं। इसके अलावा अगर मरीज को बीमार हुए 10 दिन बीत चुके हैं और छोटी सांसें या दस्त जैसे लक्षण नहीं हैं तो उन्हें स्वस्थ माना जा सकता है। इसमें बगैर दवा लिए 24 घंटे तक बुखार न आना भी शामिल है।

यह नई सिफारिशें नियम नहीं हैं, बल्कि मरीज, डॉक्टर्स और हेल्थ पॉलिसी मेकर्स के लिए गाइडलाइंस हैं। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा कि इस बदलाव से देश के टेस्टिंग सिस्टम पर दबाव कम होना चाहिए। पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार यह बदलाव सुरक्षित है।

इससे पहले कराने होते थे दो टेस्ट
इससे पहले कोविड 19 के मरीज को आइसोलेशन से बाहर आने के लिए दो निगेटिव टेस्ट की जरूरत होती थी। इसे पीसीआर टेस्ट भी कहा जाता है। अब अमेरिका के कुछ हिस्सों में टेस्टिंग दो हफ्तों तक टल रही हैं और कई स्टडीज यह बताती हैं कि हल्के बीमार मरीज संक्रमण शुरू होने के 10 दिन बाद लगभग कभी संक्रामक नहीं होते हैं।

इससे पहले मुश्किल थी आइसोलेशन प्रक्रिया
वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल में प्रिवेंटिव मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर विलियम शैफनर ने कहा कि इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर नर्सिंग होम्स और हॉस्पिटल्स पर नजर आएगा।

पहले आइसोलेशन को लेकर गाइडलाइन्स ज्यादा रूढ़िवादी थीं। जब बीमारी पहली बार चीन में आई तो सभी मरीजों को तुरंत उनके परिवार से 14 दिन के लिए दूर कर दिया गया। इसके अलावा दो निगेटिव पीसीआर टेस्ट आने तक उन्हें छोड़ा नहीं जाता था। अब विज्ञान बदल गया है और अमेरिका में हालात भी बदल गए हैं। इस देश में ज्यादातर बीमार लोग खुद को घर में ही आइसोलेट कर लेते हैं, जबकि यह उनके परिवार को जोखिम में डालता है।

कई डायग्नोस्टिक टेस्ट मरीज के ठीक होने के हफ्ते भर बाद भी पॉजिटिव आते थे। एक्सपर्ट्स अब यह मान चुके हैं कि ये टेस्ट मर चुके वायरस के कणों के कारण ऐसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, न कि जिंदा वायरस की जो किसी को भी संक्रमित कर सकता है।

दोबारा क्वारैंटाइन होने की जरूरत नहीं है
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, जो लोग कोविड 19 से उबर चुके हैं उन्हें किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर भी दोबारा क्वारैंटाइन में जाने की जरूरत नहीं है। अब टेस्ट की डिमांड बढ़ी है इसमें देरी भी हो रही है। ऐसे में इन लोगों पर टेस्ट करने का कोई मतलब नहीं लगता है।

गाइडलाइंस के अनुसार, जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, उन्हें वायरस मुक्त होने में ज्यादा वक्त लगता है। इसके अलावा हो सकता है कि उन्हें 20 दिन तक खुद को आइसोलेशन में रखना पड़े, लेकिन उन्हें डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। जो लोग पॉजिटिव आए हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी कोई लक्षण महसूस नहीं किया वे पहले टेस्ट के 10 दिन बाद आइसोलेशन छोड़ सकते हैं।

विदेश से आने वालों को होना होगा 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन
नई आइसोलेशन गाइडलाइंस का असर दूसरे देश से आने या पॉजिटिव केस के संपर्क में आने पर नहीं होगा। अगर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन होने के लिए कहा जाता है तो उन्हें ऐसा करना होगा। नई गाइडलाइंस वायरस के ठहरने के समय पर आधारित है, न कि मरीज के ठीक होने के वक्त पर। कुछ एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है कि इस नए बदलाव से क्वारैंटाइन पीरियड कम हो सकता है।



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एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि इससे अमेरिका के टेस्टिंग सिस्टम पर दबाव कम होगा।


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