सोमवार, 7 दिसंबर 2020

अब सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का इमरजेंसी अप्रूवल मांगा, ऐसा करने वाली पहली स्वदेशी कंपनी

फाइजर के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भी कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज की अनुमति मांगी है। इसी के साथ सीरम इंस्टीट्यूट देश की पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है, जो कोरोना वैक्सीन को मार्केट में लॉन्च करने को तैयार है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीरम ने रविवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास इसके लिए आवेदन किया है। भारत में अब तक 96.73 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।

SII ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड तैयार कर रहा है। 4 दिसंबर को अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भारतीय ड्रग कंट्रोलर से अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल मांगा था। फाइजर की वैक्सीन लगाए जाने को UK और बहरीन ने मंजूरी दे दी है। भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि देश में कोई भी वैक्सीन तभी लाई जाएगी, जब वह यहां क्लिनिकल ट्रायल्स पूरे कर ले। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फाइजर या उसकी सहयोगी कंपनी ने ऐसे किसी भी ट्रायल से इनकार किया था। हालांकि अफसरों का कहना है कि DCGI चाहे तो लोकल क्लिनिकल ट्रायल में छूट दे सकता है।

3 देशों ने अप्रूवल दिए

कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में चीन ने 4, रूस ने 2 और UK ने 1 वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिए हैं। भारत में अभी तक किसी भी कंपनी की वैक्सीन को अप्रूवल न मिला हो, प्री-ऑर्डर में वह सबसे आगे है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैक्सीन को लेकर बीते हफ्ते से काफी सक्रिय हैं। 28 नवंबर को मोदी ने अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद की कंपनियों में जाकर वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया था। 30 नवंबर को उन्होंने कुछ कंपनियों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। 4 दिसंबर को उन्होंने वैक्सीन पर बात करने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी।



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Now the Serum Institute calls for emergency approval of the Oxford vaccine, the first indigenous company to do so


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समर्थन में आज पंजाब के खिलाड़ी और कलाकार अवॉर्ड लौटाएंगे, कल भारत बंद को 20 दलों का साथ

तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है। इस आंदोलन को पंजाब-हरियाणा से लेकर विदेशों तक से समर्थन मिल रहा है। पंजाब के खिलाड़ी और कलाकारों ने ऐलान किया है कि वे आज अवॉर्ड वापसी करेंगे। ओलिंपिक मेडलिस्ट बॉक्सर विजेंदर सिंह ने रविवार को कहा कि कानून वापस नहीं हुए वे राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार वापस कर देंगे।

अब तक किन-किन स्पोर्ट्स पर्सन ने अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया?

खिलाड़ी/कोच अवॉर्ड
विजेंद्र सिंह, बॉक्सिंग खेल रत्न
गुरबख्श सिंह संधू, बॉक्सिंग द्रोणाचार्य अवॉर्ड
करतार सिंह, कुश्ती पद्मश्री, अर्जुन अवॉर्ड
सज्जन सिंह चीमा, बास्केट बॉल अर्जुन अवॉर्ड
राजबीर कौर, हॉकी अर्जुन अवॉर्ड

बंद के दौरान एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी
किसान पहले ही कह चुके हैं कि 8 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत बंद करेंगे। इसके समर्थन में कांग्रेस समेत 20 सियासी दल और 10 ट्रेड यूनियंस उतर आए हैं। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी आज किसान आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया है। उधर, किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने बताया कि मंगलवार को बंद सुबह से शाम तक और चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक रहेगा। एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी।

अपडेट्स

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज सिंघु बॉर्डर जाएंगे। उनके साथ दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री भी रहेंगे। केजरीवाल देखेंगे कि किसानों के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं।
  • नोएडा से दिल्ली जाने के लिए चिल्ला बॉर्डर से एंट्री बंद है। ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि दिल्ली आने के लिए नोएडा लिंक रोड की बजाय DND का इस्तेमाल करें।
  • NH-24 पर गाजीपुर बॉर्डर बंद है। गाजियाबाद से दिल्ली आने वालों को NH-24 की बजाय अप्सरा, भोपरा या DND के रास्ते आने की सलाह दी गई है।

किसानों का अगला टारगेट- बदरपुर बॉर्डर पर डालना है डेरा
किसानों और सरकार के बीच हुई 5 दौर की बातचीत के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल सका है। अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के कई बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान भी कर चुके हैं। उनका अगला टारगेट बदरपुर बॉर्डर को बंद करने का है। इसे लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में आ चुकी हैं। पुलिस भी अपने स्तर पर किसानों की स्ट्रैटजी पता लगाने की कोशिश में लगी है।

पंजाब की महिलाएं बोलीं- हरियाणा में दामाद जैसी खातिर हो रही
हरियाणा के लोग दिन रात किसानों की सेवा में लगे हुए हैं। आंदोलन में आई महिलाएं और किसानों के लिए दिल्ली बॉर्डर के साथ लगते हरियाणा के कई गांवों के लोगों ने अपने दरवाजे खोल रखे हैं। उन्होंने पंजाब की महिलाओं ने अपने घर में रहने, सोने, नहाने के लिए हर सुविधा दे रखी है। कुछ महिलाओं ने तो यहां तक कहा कि हरियाणा में उन्हें ऐसा सम्मान मिल रहा है जैसे ससुराल में दामाद को दिया जाता है। रहने खाने से लेकर पहनने को कपड़े तक दे रहे हैं।

मोबाइल ऐप पर आंदोलन के लिए मीटिंग करती हैं महिला किसान
आंदोलन में बच्चों और महिलाओं से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। आंदोलन में अपनी भूमिका पर बात करने के लिए महिलाएं मोबाइल ऐप के जरिए मीटिंग करती हैं। करीब 70 साल के एक बुजुर्ग कहते हैं कि पंजाब बड़ा भाई और हरियाणा छोटा है, दोनों साथ हैं तो सबक सिखा ही देंगे। एक बुजुर्ग ने कहा, जोश के साथ होश जरूरी है। ये भविष्य की लड़ाई है, सब्र से लड़ी जाएगी।

कृषि राज्य मंत्री बोले- कानून वापसी की जरूरत नहीं, संशोधन कर सकते हैं
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को कहा, 'मैं नहीं मानता असली किसान, जो अपने खेतों में काम कर रहे हैं, वे इस बारे में चिंतित हैं। कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डाल रहे हैं। मुझे नहीं लगता कानून वापस लिए जाने चाहिए। जरूरत पड़ी तो इनमें कुछ संशोधन हो सकते हैं।'



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किसान आंदोलन में शामिल महिलाएं मोबाइल ऐप पर मीटिंग कर आंदोलन की स्ट्रैटजी तैयार करती हैं। हरियाणा के लोगों ने उनके लिए अपने घरों के दरवाजे खोल रखे हैं। फोटो सिंघु बॉर्डर की है।


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अब सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का इमरजेंसी अप्रूवल मांगा, ऐसा करने वाली पहली स्वदेशी कंपनी

फाइजर के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भी कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज की अनुमति मांगी है। इसी के साथ सीरम इंस्टीट्यूट देश की पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है, जो कोरोना वैक्सीन को मार्केट में लॉन्च करने को तैयार है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीरम ने रविवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास इसके लिए आवेदन किया है। भारत में अब तक 96.73 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।

SII ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड तैयार कर रहा है। 4 दिसंबर को अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भारतीय ड्रग कंट्रोलर से अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल मांगा था। फाइजर की वैक्सीन लगाए जाने को UK और बहरीन ने मंजूरी दे दी है। भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि देश में कोई भी वैक्सीन तभी लाई जाएगी, जब वह यहां क्लिनिकल ट्रायल्स पूरे कर ले। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फाइजर या उसकी सहयोगी कंपनी ने ऐसे किसी भी ट्रायल से इनकार किया था। हालांकि अफसरों का कहना है कि DCGI चाहे तो लोकल क्लिनिकल ट्रायल में छूट दे सकता है।

3 देशों ने अप्रूवल दिए

कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में चीन ने 4, रूस ने 2 और UK ने 1 वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिए हैं। भारत में अभी तक किसी भी कंपनी की वैक्सीन को अप्रूवल न मिला हो, प्री-ऑर्डर में वह सबसे आगे है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैक्सीन को लेकर बीते हफ्ते से काफी सक्रिय हैं। 28 नवंबर को मोदी ने अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद की कंपनियों में जाकर वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया था। 30 नवंबर को उन्होंने कुछ कंपनियों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। 4 दिसंबर को उन्होंने वैक्सीन पर बात करने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी।



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इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में जीती टी-20 सीरीज; भारत बंद को 18 पार्टियों का समर्थन और आंध्र प्रदेश में अनजान बीमारी

नमस्कार!
टीम इंडिया ने रोमांचक मैच में ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया। और 3 मैचों की टी-20 सीरीज जीत ली। पिछले 12 साल से टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में द्विपक्षीय टी-20 सीरीज नहीं हारी है। उधर, भारत ने 160 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज का प्री-ऑर्डर दे दिया है। चलिए, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • उत्तर प्रदेश में आगरा मेट्रो का शिलान्यास होगा। प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें शामिल होंगे। उधर, समाजवादी पार्टी किसान यात्रा शुरू करेगी।
  • महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र मुंबई में शुरू होगा।
  • किसानों के समर्थन में ऑल पंजाब ट्रक ऑपरेटर यूनियन आज से माधोपुर में अनिश्चितकालीन रोड जाम करेगी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने मास्क ना लगाने वालों पर कार्रवाई के लिए राज्‍यों से सुझाव मांगे थे। आज अंतिम दिन है। कोर्ट बड़ा फैसला सुना सकती है।
  • जम्मू कश्मीर में DDC इलेक्शन के लिए चौथे फेज की वोटिंग।

देश-विदेश
किसानों के लिए पूरा विपक्ष भारत बंद के समर्थन में

किसान आंदोलन 11वें दिन भी जारी रहा। रविवार को कांग्रेस, TMC, TRS और AAP समेत 20 पार्टियों ने 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद को समर्थन देने का ऐलान किया। दूसरी ओर, बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भी कृषि कानून वापस न होने की स्थिति में अवॉर्ड वापसी की चेतावनी दी।

आंध्र प्रदेश में अनजान बीमारी, मरीजों में मिर्गी जैसे लक्षण
आंध्र प्रदेश में पश्चिम गोदावरी जिले के एलुरु में एक अज्ञात बीमारी फैल रही है। रविवार को मरीजों की संख्या 290 थी। यहां के गवर्नमेंट हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. मोहन के मुताबिक, मरीजों में मिर्गी जैसे लक्षण दिख रहे हैं। बीमारी का कारण जांच के बाद ही पता लग पाएगा।

भाजपा नेता बोले- बंगाल में लागू हो सकता है CAA
हैदराबाद के बाद भाजपा की नजर अब बंगाल पर है। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ममता को शरणार्थियों से सहानुभूति नहीं है। भाजपा राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करेगी।

फाइजर ने वैक्सीन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल मांगा
UK ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। वहां जल्द वैक्सीनेशन शुरू होगा। इस बीच, फाइजर ने भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अपनी कोरोना वैक्सीन के लिए परमिशन मांगी है। भारत में अब तक 96.44 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।

दुनिया में कोरोना वैक्सीन का ट्रांसपोर्टेशन भी चैलेंज
ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। वैक्सीनेशन मंगलवार से शुरू हो सकता है। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ब्रिटिश सरकार रॉयल एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल करेगी। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के मुताबिक, अगर कुल 14 अरब लोगों तक वैक्सीन पहुंचाया जाता है तो 2 साल तक लग सकते हैं।

एक्सप्लेनर
जानें क्या था रामपुर के शाही परिवार के बीच संपत्ति का विवाद?

अयोध्या में राम मंदिर बनने का काम शुरू हो गया है। रामपुर के शाही परिवार की संपत्ति का वैल्यूएशन हो चुका है। रामपुर शाही परिवार की पूरी संपत्ति 2 हजार 664 करोड़ रु. आंकी गई। संपत्ति 16 हिस्सेदारों में बंटेगी। लेकिन विवाद क्या था? रामपुर शाही परिवार का इतिहास क्या है?

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पॉजिटिव खबर
क्रूज पर शेफ थे, नौकरी गई, सड़क किनारे बिरयानी हाउस खोला

लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी गई। उन्हीं में से एक मुंबई के अक्षय पारकर भी हैं। कोरोना के पहले तक वो इंटरनेशनल क्रूज में शेफ थे। सैलरी 66 हजार रु. महीना थी। नौकरी गई तो खुद का स्टार्टअप '5 स्टार बिरयानी' शुरू किया। अब हर दिन 70 पैकेट बेच रहे हैं।

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सुर्खियों में और क्या है...

  • CBSE ने कोरोना महामारी के मद्देनजर 10वीं- 12वीं का सिलेबस 30 से 40% कम कर दिया है। इसके अलावा बोर्ड ने परीक्षाओं के लिए परीक्षा पैटर्न-मार्किंग स्कीम भी बदली हैं।
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य में सरकार गिराने का खेल फिर शुरू हो गया है। राजस्थान के बाद महाराष्ट्र की बारी है। भाजपा ने इस आरोप को नकारा है।
  • रूस में रविवार को रिकॉर्ड 29 हजार 39 संक्रमित मिले। देश में संक्रमितों का आंकड़ा 24 लाख 60 हजार 770 हुआ। अब तक 43 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
  • पिछले 3 महीने से भारत में हर दिन औसतन 11 लाख लोगों का कोरोना टेस्ट हो रहा है। टेस्टिंग की संख्या बढ़ने के बजाय ठहर गई है। संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।


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Today News| Corona Vaccine| Top News| India Vs Australia T-20 Match| Top News Morning Briefing Today From Dainik Bhaskar On 7 December 2020


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इधर किसान का हंगामा, उधर नई संसद का गाना



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Make Parliament House like this, do not end leaders


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अपनापन ही परिवार का धर्म है, घर में भले ही कितने भी वाद-विवाद होते हैं, लेकिन एकता बनाए रखें

कहानी- घटना तब की है, जब महाभारत में दुर्योधन की वजह से पांडवों को वन में रहना पड़ रहा था। उस समय एक दिन पांडवों के पास कौरव सैनिक आए और उन्होंने कहा, 'हमारे युवराज दुर्योधन को गंधर्व राजा ने बंदी बना लिया है। कर्ण मैदान छोड़कर भाग गए हैं। कृपया आप हमारी रक्षा कीजिए।'

भीम और अर्जुन ने सैनिकों की बात सुनी तो वे खुश हो गए। उन्होंने कहा कि अच्छा दुर्योधन की वजह से हम वनवास काट रहे हैं, आज उसे गंधर्व राजा ने बंदी बना लिया।

युधिष्ठिर ने भीम-अर्जुन को आदेश दिया, 'तुम दोनों जाओ और दुर्योधन की रक्षा करो, उसे कैद से मुक्त कराओ।'

दोनों भाइयों ने युधिष्ठिर से कहा, भैया ये कैसा आदेश है? दुर्योधन हमारा शत्रु है। वह हमारे लिए हमेशा परेशानियां बढ़ाता है, हमें मारने के लिए षड़यंत्र रचता रहता है, फिर भी आप उसकी मदद करने के लिए आदेश दे रहे हैं।'

युधिष्ठिर ने कहा, 'हम पांच भाई हैं और वे सौ भाई हैं। हमारा एक ही कुटुंब है। हमारे परिवार में मतभेद है, वो बात ठीक है, लेकिन अगर हमारी शत्रुता किसी बाहर वाले से है, तो हम 105 भाई हैं। अपनापन ही परिवार का धर्म है इसलिए हमें दुर्योधन की मदद करनी चाहिए।'

युधिष्ठिर का आदेश मिलने के बाद अर्जुन और भीम ने गंधर्वों से युद्ध करके दुर्योधन को उनकी कैद से आजाद कराया।

सीख - बाहरी लोगों से मुकाबला करते समय परिवार की एकता बनी रहनी चाहिए, यही अपनापन है। परिवार के लोगों में आपसी मतभेद हों, तो बात करके उन्हें निपटा लेना चाहिए। लेकिन, बाहरी लोगों के लिए पूरे परिवार को एक साथ रहना चाहिए।



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क्रूज पर शेफ थे, लॉकडाउन में नौकरी गई, अब सड़क किनारे चला रहे बिरयानी हाउस

लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी चली गई। उन्हीं में से एक मुंबई के अक्षय पारकर भी हैं। कोरोनावायरस के पहले तक वो इंटरनेशनल क्रूज में बतौर शेफ नौकरी कर रहे थे। उनकी सैलरी 66 हजार रुपए महीना थी। एकदम से जॉब जाने पर वो परेशान हो गए थे, लेकिन अब खुद का स्टार्टअप '5 स्टार बिरयानी' शुरू कर चुके हैं। उन्होंने खुद अपनी कहानी शेयर की।

कभी ताज होटल में काम करते थे
अक्षय ने बताया, मेरे करियर की शुरुआत होटल ताज से हुई। वहां मैने चार साल नौकरी की। फिर मुझे इंटरनेशनल क्रूज में जॉब मिल गई। पिछले सात साल से क्रूज में बतौर शेफ जॉब कर रहा था। सैलरी भी अच्छी थी। मुझे महीने के 900 डॉलर (करीब 66 हजार रुपए) मिल रहे थे। सबकुछ ठीक-ठाक ही चल रहा था कि कोरोनावायरस आ गया और मेरे साथ ही कई एम्प्लॉयज को जॉब पर आने से मना कर दिया गया। एकदम से जब अर्निंग बंद हुई तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं?

लॉकडाउन के पहले तक अक्षय इंटरनेशनल क्रूज में बतौर शेफ जॉब कर रहे थे। उन्होंने सात साल क्रूज पर नौकरी की।

मेरी कमाई का अधिकांश हिस्सा मां-पापा के मेडिकल खर्चे में जाता रहा है क्योंकि दोनों बीमार रहते हैं। मां का घुटना दो बार फ्रैक्चर हो चुका है। पिताजी भी बीमार रहते हैं। सैलरी जब तक आ रही थी, तब तक सब मैनेज हो रहा था, लेकिन सैलरी बंद होने के बाद दिक्कतें शुरू हो गईं। जो सेविंग थी उससे दो-महीने तक घर का खर्च निकल गया और मां-पापा का मेडिकल खर्चा भी पूरा हो गया, लेकिन अगस्त तक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी। सेविंग के नाम पर सिर्फ बीस हजार रुपए ही बचे थे। परिवार में मां-बाप के अलावा सिर्फ मैं ही हूं। उन्हें संभालने के लिए मुझे कुछ न कुछ करना ही था।

खुद्दार कहानी:नौकरी छोड़ शुरू किया ‘बैंबू इंडिया’ स्टार्टअप ताकि प्लास्टिक का यूज कम हो, 3 साल में 3.8 करोड़ पहुंचा टर्नओवर

दोस्तों ने दिया बिरयानी का आइडिया
क्रूज पर जो मेरे साथी शेफ थे, उन्होंने ही मुझे सलाह दी कि 'तुम बिरयानी बहुत अच्छी बनाते हो, इसलिए उसका ही स्टॉल लगाओ, लोगों को जब सड़क किनारे फाइव स्टार वाला टेस्ट मिलेगा, वो भी कम दाम में तो वो जरूर आएंगे'। ये आइडिया मुझे भी अच्छा लगा क्योंकि कुकिंग का मेरा दस साल से भी ज्यादा का एक्सपीरियंस है। बिरयानी के काम में कोई बहुत बड़ा खर्चा भी नहीं था। बिरयानी तैयार करने के लिए बर्तन और इंग्रीडिएंट्स ही खरीदने थे। मन में ये चल रहा था कि बिरयानी तो बन जाएगी लेकिन सेल कहां करूंगा?

अक्षय वेज, चिकन और मटन बिरयानी सेल कर रहे हैं। कहते हैं, टेस्ट फाइव स्टोर होटल जैसा ही है, इसलिए कस्टमर बार-बार आ रहे हैं।

इसमें पड़ोसी ने मेरी मदद की। वो जहां वड़ा पाव का ठेला लगाता था, वहीं उसने मुझे भी जगह दे दी। जगह फाइनल होने के बाद मैंने अगस्त से बिरयानी का काम शुरू किया। मैं घर से ही बिरयानी तैयार करके ले जाता हूं और बेचता नुक्कड़ पर हूं। इस काम को शुरू करने में सब मिलाकर दस से पंद्रह हजार रुपए का खर्चा आया।

मैंने शुरुआत वेज और चिकन बिरयानी से की। ऑर्डर पर घर से ही मटन बिरयानी भी तैयार करता हूं। जब काम शुरू किया तो शुरुआत में दो-चार ग्राहक ही आ रहे थे। दस दिनों तक दस-पंद्रह ग्राहक ही आते रहे, लेकिन फिर सोशल मीडिया पर कस्टमर ही फोटो डालने लगे। कुछ लोगों ने मेरे बारे में लिखा भी। फिर भीड़ बढ़ने लगी। आज कंडीशन ये है कि हर रोज कम से कम 70 पैकेट सेल कर देता हूं।

फाइव स्टार वाली क्वालिटी मेंटेन कर रहे
जो कस्टमर मेरी बिरयानी एक बार खाकर गया, वो भी दोबारा आ रहा है क्योंकि उन्हें टेस्ट पसंद आ रहा है। अभी मुझे प्रॉफिट ज्यादा नहीं हो रहा क्योंकि मैं क्वालिटी फाइव-स्टार वाली ही मेंटेन कर रहा हूं। फिर 10-12 हजार रुपए बचने लगे। अब मैं दोबारा नौकरी पर नहीं जाना चाहता। मुझे रिस्पॉन्स इतना अच्छा मिला है कि अब इसी काम को आगे बढ़ाऊंगा।

कोई नया स्पेस ढूंढ रहा हूं जहां से अपने काम को और ज्यादा व्यवस्थित कर सकूं। ऑनलाइन फूड ऐप पर भी रजिस्ट्रेशन की प्रॉसेस चल रही है, जल्द ही ऑनलाइन ऑर्डर पर लेना शुरू कर दूंगा। मैंने अपनी जिंदगी से यही सीखा है कि आपके पास जो हुनर है, वो आपसे कोई नहीं छीन सकता। यदि कोशिश करो तो कामयाबी जरूर मिलती है। अक्षय अभी दादर वेस्ट में शिवाजी मंदिर के सामने 'पारकर बिरयानी हाउस' के नाम से स्टॉल चला रहे हैं।

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2,664 करोड़ रुपए की संपत्ति, 18 हिस्सेदार; जानें क्या था रामपुर के शाही परिवार के बीच संपत्ति का विवाद?

उत्तर प्रदेश में इस वक्त राम का नाम दो वजहों से सुर्खियों में है। पहली तो ये कि अयोध्या में राम का मंदिर बनने का काम शुरू हो गया है और दूसरी ये कि रामपुर के शाही परिवार की संपत्ति का वैल्यूएशन हो चुका है। रामपुर शाही परिवार की पूरी संपत्ति 2 हजार 664 करोड़ रुपए आंकी गई है। ये संपत्ति बराबर 16 हिस्सेदारों में बंटेगी। लेकिन ये विवाद क्या था? रामपुर शाही परिवार का इतिहास क्या है? आइए जानते हैं...

रामपुर का इतिहास क्या है?

  • रामपुर उत्तर प्रदेश के रुहेलखंड का एक शहर है। इसकी स्थापना नवाब अली मोहम्मद खान ने की थी। नवाब अली मोहम्मद खान सरदार दाउद खान के गोद लिए बेटे थे, जो रोहिल्ला के सरदार थे। रोहिल्ला अफगानी थी, जो 18वीं सदी में उस समय भारत आए थे, जब यहां मुगल साम्राज्य खत्म हो रहा था। यहां आते ही दाउद खान ने रुहेलखंड पर कब्जा कर लिया, जिसे उस समय कटेहर के नाम से जाना जाता था।
  • 1737 में नवाब मोहम्मद अली खान ने कटेहर का साम्राज्य मोहम्मद शाह से जीत लिया। लेकिन 1746 में अवध के राजा नवाब वजीर से हारने के बाद सबकुछ गंवा भी दिया। दो साल बाद 1748 में अहमद शाह दुर्रानी की मदद से फिर से कटेहर पर कब्जा कर लिया। अहमद शाह दुर्रानी अफगानिस्तान का राजा था।
  • शुरुआत में रामपुर राजघराना एक कबीले की तरह था। लेकिन अगली दो सदियों में अंग्रेजों की मदद से भारत का सबसे अमीर राजघराना बन गया। उसके बाद 1774 से 1949 तक नवाबों ने रामपुर पर राज किया।
रामपुर के नवाब का ताज। इसमें हीरे जड़े थे।

आजादी के बाद शुरू हुआ संपत्ति का विवाद

  • आजादी के बाद 1949 में रामपुर रियासत का विलय भारत में हुआ। उस समय यहां के नवाब रजा अली थे, जो 1930 में नवाब बने थे। विलय के समझौते के तहत नवाब ने रामपुर किला, जो 1775 में बनाया गया था, उसे सरकार को सौंप दिया। इसके साथ कई और संपत्तियां जिसमें रॉयल कॉम्प्लेक्स भी सरकार को दे दिया, जिसमें आज कलेक्टोरेट बना है।
  • बदले में सरकार ने नवाब को दो अधिकार दिए। पहला ये कि सारी संपत्ति पर उनका मालिकाना हक रहेगा और दूसरा ये कि शाही परिवार के गद्दी कानून के तहत सारी संपत्तियों का अधिकार उनके बड़े बेटे को मिलेगा।
  • 1966 में रजा अली की मौत हो गई। उनकी तीन पत्नियां थी, तीन बेटे और 6 बेटियां थीं। कानून के मुताबिक, उनके सबसे बड़े बेटे मुर्तजा अली उनके उत्तराधिकारी बने। साथ ही उनके पिता की सारी निजी संपत्ति का मालिकाना हक भी मुर्तजा अली को मिल गया। लेकिन 1972 में उनके भाइयों ने इसे सिविल कोर्ट में चुनौती दी।
  • रजा अली के पास उस समय 5 संपत्तियां बची थीं। जिसमें खासबाग पैलेस, बेनजीर कोठी और बाग, शाहबाद कोठी, कुंडा बाग और एक निजी रेलवे स्टेशन है, जिसे शाही परिवार के इस्तेमाल के लिए बनवाया गया था।

अदालतों में 48 साल तक चलता रहा मामला

  • 1972 में मामला सिविल कोर्ट में गया। वहां परिवार अदालतों के चक्कर ही काटता रहा और इस बीच मुर्तजा अली के बड़े बेटे मुराद मियां काबिज हो गए। 23 साल तक भी कोई फैसला नहीं आने के बाद 1995 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामला सिविल कोर्ट से अपने यहां ट्रांसफर कर लिया। 2002 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुर्तजा अली के पक्ष में फैसला दिया और सारी संपत्ति का मालिकाना हक मुर्तजा अली और उसके परिवार को ही दिया।
  • बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। वहां 17 साल तक चक्कर काटने के बाद 31 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, संपत्तियों का बंटवारा शाही परिवार के गद्दी कानून के तहत नहीं, बल्कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नियमों के मुताबिक होगा।
  • इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शाही परिवार की संपत्तियों का वैल्यूएशन करने का आदेश दिया। इसके लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय भी तय कर दिया।
खासबाग पैलेस 350 एकड़ जमीन पर बना है। इसकी खास बात ये है कि इसके चारों तरफ बाग हैं।

तो क्या संपत्ति का वैल्यूएशन हो गया?

  • हां। रामपुर की कोर्ट की निगरानी में ये वैल्यूएशन हुआ था। इसकी रिपोर्ट 22 नवंबर को ही सौंपी गई है। इसके मुताबिक, शाही परिवार की संपत्ति की वैल्यू 2 हजार 664 करोड़ रुपए है।
  • खासबाग पैलेस 350 एकड़ जमीन पर है, बेनजीर कोठी और बाग 100 एकड़ जमीन पर है, शाहबाद कोठी 250 एकड़, कुंडा बाग 12,000 स्क्वायर मीटर और नवाब का निजी रेलवे स्टेशन 19,000 स्क्वायर मीटर जमीन पर बना है।
  • शाही परिवार की अचल संपत्ति की कीमत 2,600 करोड़ रुपए आंकी गई है। जिसमें सबसे महंगा 1,435 करोड़ रुपए खासबाग पैलेस है, जिसे 1930 में बनवाया गया था। इस पैलेस को मिर्जा गालिब, बेगम अख्तर और फिदा हुसैन खान की मेजबानी के लिए बनाया गया था।
  • उनकी अचल संपत्तियों में कई महंगी पेंटिंग्स हैं। इनके अलावा कई विंटेज कारें, तलवारें, गोल्ड सिगरेट केस, क्रॉकरी, स्टैच्यू, आईने, कारपेट वगैरह हैं। इनकी कीमत 64 करोड़ रुपए आंकी गई है।

कितने लोगों में बंटेगी ये संपत्ति?
नवाब रजा अली के तीन बेटे और 6 बेटियों के परिवारों को मिलाकर कुल 18 हिस्सेदार हैं। इसमें कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो और पूर्व विधायक काजिम अली भी शामिल हैं।

खासबाग पैलेस का स्ट्रॉन्ग रुम। जिसका दरवाजा 15 दिन बाद गैस कटर की मदद से खोल पाए थे।

संपत्ति और होती, अगर हीरे-जवाहरात चोरी न हुए होते

  • 1930 में बनाए गए खासबाग पैलेस में एक स्ट्रॉन्ग रूम भी था, जिसे तोड़ा नहीं जा सकता था। इस स्ट्रॉन्ग रूम के अंदर कई बेशकीमती हीरे-जवाहरात और कई कीमतें चीजें होने का अनुमान था।
  • इस स्ट्रॉन्ग रूम को 1980 में बंद कर दिया गया था। इसे इसी साल मार्च में दर्जनभर कारीगरों ने 15 दिनों की मशक्कत के बाद खोला था। इसका दरवाजा 6 टन का था और इसकी चाबियां भी गुम हो गई थीं।
  • इसके बाद गैस कटर और कई मशीनों की मदद से इसे खोला जा सका। लेकिन जब इसे खोला गया तो यहां की तिजोरियों में थोड़े-बहुत सामान को छोड़कर बाकी सब गायब था।
  • दरअसल, 1980 में इस स्ट्रॉन्ग रूम से 60 किलो सोना और बेशकीमती हीरे-जवाहरात चोरी हो गए थे। इस मामले की जांच CBI ने भी की, लेकिन अभी तक इसका खुलासा नहीं हो सका है।


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Rampur Royal Family Net Worth; Know Everything About Nawab Raza Ali Royal Family Dispute


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कोहरे में विजिबिलिटी की समस्या से होते हैं रोड एक्सीडेंट, कार- बाइक चलाते वक्त रखें इन बातों का ध्यान

सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। शुरुआत में जिस तरह से तापमान में गिरावट देखी गई है। उससे लग रहा है कि इस बार पूरे देश में जमकर सर्दी रहने वाली है। यही समय होता है, जब कोहरे की वजह से गाड़ी ड्राइव करने वाले लोगों को विजिबिलिटी की समस्या से जूझना पड़ता है।

रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री के एक डाटा के मुताबिक, देशभर में कोहरे के चलते 2018 में 28.02 हजार एक्सीडेंट और 2019 में यह आंकड़ा 19.9% बढ़कर 33.60 हजार हो गया। 2018 के हादसों में 11.84 हजार की मौत हो गई और 25.26 हजार लोग घायल हुए। 2019 में 13.40 हजार लोग की मौत हुई और 30.77 हजार घायल हुए।

इन्ही आंकड़ों को दोहराते हुए इंदौर में पदस्थ सीनियर ट्रैफिक कांस्टेबल और एक्सपर्ट रंजीत सिंह कहते हैं कि थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। हमें घर से निकलते वक्त खासकर कोहरे के समय एहतियात बरतना चाहिए। क्योंकि इसी समय सबसे ज्यादा विजिबिलिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।

कोहरे में गाड़ी चलाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

  • एक्सपर्ट के मुताबिक, जब आप घर से निकल रहे हैं तो यह मानकर चलें कि कोहरे की वजह से सड़क पर विजिबिलिटी बिल्कुल नहीं रहेगी। इस दौरान अगर बाइक या कार से निकल रहे हैं, तो अपनी गाड़ी की हेडलाइट को अपर मोड पर रखें।
  • कोहरे में गाड़ी चलाते वक्त आपकी बाइक और कार की स्पीड 40 किमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। क्योंकि तेज स्पीड में गाड़ी को रोकना मुश्किल होता है, जिस वजह से सामने वाली गाड़ी से एक्सीडेंट हो सकता है।
  • घर से निकलते वक्त यह सुनिश्चित करें कि कार और बाइक सभी लाइटें ऑन रखे। बाइक चलाते वक्त खासकर ब्रेक लाइट और इंडिकेटर का इस्तेमाल करें।
  • कोहरे में कार या बाइक ड्राइव करते वक्त पार्किंग लाइट भी चालू रखें। इससे आगे और पीछे से आ रही गाड़ी के ड्राइवर को आपकी गाड़ी देखने में आसानी होती है।
  • गाड़ियों में रिफ्लेक्टर बेल्ट का लगा होना जरूरी है। खासकर ट्रक और ट्रेक्टर पर लगा होना चाहिए। क्योंकि यह लोडिंग वाहनों में शामिल होते हैं और कहीं पर पार्क कर दिए जाते हैं। अगर इन पर रिफ्लेक्टर बेल्ट लगा होगा तो बाइक और कार ड्राइवर को यह आसानी से नजर आ जाते हैं।
  • अगर आप ऑफिस, दुकान खोलने या दूसरे काम के लिए सुबह-सुबह जा रहे हैं, तो इसके लिए टाइम मैनेजमेंट जरूरी है। अगर समय से पहले घर से निकलेंगे तो रश ड्राइविंग नहीं करेंगे। इससे हादसे का खतरा कम हो जाता है।
  • कोहरे के समय बायपास, सुपर-कॉरिडोर या नेशनल हाइवे पर गाड़ी चलाते वक्त हमें लेन सिस्टम के बारे में जानकारी होना जरूरी है। अगर आप थ्री लेन रोड पर गाड़ी चला रहे हैं, तो यह पता होना चाहिए कि किस लेन पर कौनसी गाड़ी चलाना है।
  • लेन 1 ट्रक या बड़ी गाड़ियों के लिए होते हैं। इसमें ड्राइवर यह मानकर चलते है कि उनके लेन पर कोई दूसरा वाहन नहीं आएगा। इस समय इन गाड़ियों की स्पीड 80 किमी होती है। वहीं लेन-2 (सेंट्रल लेन) पर कार को चलाना चाहिए, इसकी स्पीड 40-60 किमी के बीच रखना चाहिए और लेन-3 जो सड़क के लेफ्ट साइड में होता है, उस पर बाइक या टू व्हीलर वाहन चलाना चाहिए। इसकी स्पीड 40 से ऊपर नहीं होना चाहिए।

सर्दियों में रनिंग से फिटनेस बढ़ा सकते हैं, पर गलत तरीका आपको नुकसान पहुंचा सकता है

सही लेन पर ड्राइव करें और सभी लाइट चालू रखें

  • एक्सपर्ट कहते हैं कि कोहरे के समय आप अगर कार से सफर कर रहे हैं। तो सावधानी बरतना जरूरी होती है। इस दौरान हमें रश ड्राइविंग से बचना चाहिए। हैडलाइट को हमेशा अपर साइड पर चालू रखना चाहिए। अगर ओवरटेक कर रहे हैं तो अपर मोड का इस्तेमाल करें। अगर सामने से किसी गाड़ी को क्रॉस कर रहे हैं तो हैडलाइट को डीपर करें। अक्सर हाईवे पर बड़े वाहन अपर-डीपर से इंस्ट्रक्शन समझते हैं। उन्हें कई बार हॉर्न नहीं सुनाई देता है। इसके अलावा अगर हम हाईवे पर सफर कर रहे हैं तो हमें लेन सिस्टम का पालन करना चाहिए। कार में बैठते वक्त सीट बेल्ट जरूर लगाएं, जिससे पावर ब्रेक लगाने में आसानी होती है।

धीमे बाइक चलाएं, इंडिकेटर का उपयोग करते रहें

  • एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप बाइक से जा रहे हैं तो सबसे पहले हेलमेट, ग्लव्स पहने। वहीं घर से समय से निकले, जिससे रश ड्राइविंग करना न पड़े। गाड़ी की स्पीड स्लो रखें और रोड के लेफ्ट साइड में गाड़ी चलाएं। वहीं बड़े वाहनों को ओवरटेक करने से बचें। इसके अलावा टर्न लेते वक्त इंडिकेटर का इस्तेमाल करते रहें।



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Bike and Car riding winter; How To drive car and bike during winter in foggy condition


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90 साल की दुर्गा कहती हैं 'मेरी उम्र के लोग आखिरी बार वोट करते हैं, मेरा पहला और आखिरी वोट एक साथ हो रहा'

लोकतंत्र में संघर्ष की कहानियां क्या होती हैं, इसकी जिंदा मिसाल जम्मू के DDC (डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल ) चुनावों के तीसरे दौर में तब दिखीं जब 70 सालों से संघर्ष कर रहे उन लोगों ने भी वोट डाले, जिन्होंने कभी पोलिंग बूथ नहीं देखा था। ये पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजी हैं तो भारतीय लेकिन उनके नाम के साथ 'पाकिस्तानी' ऐसा जुड़ा कि उन्हें जम्मू कश्मीर में नागरिक का अधिकार पाने के लिए तीन पीढ़ियों तक इंतजार करना पड़ा।

भारत 1947 को आजाद हुआ, आज मैं आजाद हुआ हूं' अपने जीवन में पहली बार वोट डालने वाले 80 साल के वीरू राम ने अपनी उंगली पर लगी स्याही दिखाते हुए कहा। 1940 में पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे वीरू बंटवारे के बाद भारत के जम्मू कश्मीर में तो आ गए लेकिन, वोटिंग अधिकार पाने के लिए उन्हें 70 सालों तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान उनके माता-पिता नहीं रहे, कई भाई और बहन भी चल बसे।

वो कहते हैं, 'खुशकिस्मत हूं जो मुझे यह दिन दिखने को मिला। आज मैं, मेरे बच्चे और नाती पोते, सब वोटिंग कर रहे हैं। क्षेत्र अलग-अलग हैं, लेकिन हम सब फर्स्ट टाइम वोटर हैं। आज लग रहा है कि वर्षों के संघर्ष का फल मिला है।'

जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 जाने के बाद जम्मू के अलग-अलग जिलों में रह रहे पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों में 90 साल की दुर्गा देवी भी थीं और 84 साल के हंसराज भी। 40 साल के रोशन लाल कहते हैं, आज की वोटिंग मेरे लिए ऐसी है मानो देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह आजाद भारत की नई सुबह देखते।

मेरी उंगली पर लगी नीली स्याही का मतलब है नागरिकता, मगर यह आसान नहीं था, इसके लिए कई बार खाई लाठियां हैं, कई बार जेल गए हैं, मंत्रियों नेताओं के दफ्तरों के बहार भूखे-प्यासे कई दिन चक्कर काटे हैं, सालों की मेहनत हैं। परिवार और हमारे समाज के कई लोग यह दिन देखने को जिंदा भी नहीं रहे। मगर आखिरकार यह दिन आया है। बहुत खुश हैं। रौशन लाल का परिवार पाकिस्तान से आकर जम्मू के भलवाल ब्लॉक के बरन में बसा था।

90 साल की दुर्गा देवी अच्छे से बोल-चल नहीं सकती लेकिन वोट डाला। वह कहती हैं 'मेरी उम्र के लोग आखिरी बार वोट करते हैं, मेरा पहला और आखिरी वोट एक साथ होगा, बहुत तमन्ना थी पोलिंग स्टेशन देखने की, आज देखा भी और वोट भी डाला।

पोलिंग बूथ पर नाचे वोटर

जम्मू के सीमावर्ती मढ़ ब्लॉक का चक जाफर गांवों का पोलिंग बूथ और नजारा ऐसा था, मानो शादी ब्याह का समारोह हो या फिर कोई उम्मीदवार आज ही जीत गया हो। लेकिन असल कहानी कुछ और थी। पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजी पहली बार वोट डाल रहे थे। और हर कोई वोट डालकर नाचता दिखा। लोकतंत्र में ऐसा नजारा अपने आप में अद्भुत था।

कौन हैं पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजी

भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान के स्यालकोट और लाहौर जिलों से बड़ी संख्या में हिन्दू समाज ने उत्तर भारत के दो बड़े सीमावर्ती प्रदेशों पंजाब और जम्मू कश्मीर की और पलायन किया था। उस समय जो परिवार पंजाब चले गए और वहां से फिर दिल्ली, राजस्थान या गुजरात।

वह भारत के संविधान के तहत देश के नागरिक हो गए। उन्हें वह सब सुविधाएं मिल गईं जो भारत के दूसरे नागरिकों को मिलती थीं। लेकिन 13 हजार से ज्यादा परिवार जो जम्मू आए, उन्हें 370 के रहते न तो वोट डालने के अधिकार मिले, न सरकारी नौकरी और ना ही जमीन या घर खरीदने का हक।



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90-year-old Durga says, 'People of my age vote for the last time, my first and last vote is happening simultaneously


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जब अंतरिक्ष से पृथ्वी की सबसे सुंदर फोटो ली गई; पृथ्वी और चांद की फोटो साथ में लेने के लिए आज ही भेजा था सैटेलाइट

7 दिसंबर 1972 को नासा ने चांद पर अपना आखिरी मैन्ड मिशन "अपोलो-17" लॉन्च किया। इस मिशन के क्रू में यूजेन सेरनान, रोनाल्ड इवांस और हैरिसन श्मिट थे। इस क्रू ने स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी की सबसे सुंदर तस्वीर खींची थी। इसे "ब्लू मार्बल" कहते हैं। ये तस्वीर इसलिए भी खास थी क्योंकि ये पहली बार था जब पृथ्वी का साउथ पोल भी नजर आया था। हालांकि, ये पूरा बादलों से ही घिरा दिख रहा था। जबकि, अफ्रीका इसमें एकदम साफ दिख रहा था।

ये तस्वीर अपोलो-17 मिशन लॉन्च होने के 5 घंटे 6 मिनट बाद क्लिक की गई थी। तस्वीर को 70 मिमी के हेसलब्लेड कैमरे से लिया गया था, जिसमें 80 मिमी का लैंस लगा था। तस्वीर लेने से दो दिन पहले ही 5 दिसंबर को तमिलनाडु में एक साइक्लोन भी आया था और इस तस्वीर में वो भी दिख रहा था। नासा ने इस तस्वीर का क्रेडिट अपोलो-17 की क्रू को दिया था।

यही वो तस्वीर है जिसे अपोलो-17 के क्रू मेंबर ने क्लिक किया था।

नासा ने आज ही ATS-1 भी लॉन्च किया
7 दिसंबर 1966 को नासा ने ATS-1 सैटेलाइट लॉन्च की थी। इस सैटेलाइट पर ब्लैक एंड व्हाइट वेदर कैमरा फिट किया गया था, जिसने पृथ्वी और चांद की साथ में तस्वीर ली थी। ये पहली तस्वीर है, जिसमें पृथ्वी और चांद साथ में दिख रहे थे। ATS-1 ने जब ये तस्वीर क्लिक की थी, तब वो पृथ्वी से 35,888 किमी और चांद से 4.34 लाख किमी दूर था। पृथ्वी और चांद की साथ में ये तस्वीर 22 दिसंबर 1966 को मिली थी। 12 साल तक काम करने के बाद 1 दिसंबर 1978 को ATS-1 डिएक्टिवेट हो गया। हालांकि, इसका कम्युनिकेशन हार्डवेयर 1985 तक काम करता रहा।

22 दिसंबर 1966 को पृथ्वी और चांद की पहली तस्वीर खींची गई थी।

भारत और दुनिया में 7 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:
1825: भाप से चलने वाला पहला जहाज 'इंटरप्राइज' कोलकाता पहुंचा।
1856: देश में पहली बार आधिकारिक रूप से 'हिंदू विधवा' का विवाह कराया गया।
1889: दुनिया में मौजूदा रूप की पहली गाड़ी बनाई गई।
1941: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आज ही के दिन जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हवाई हमला किया।
1949: भारतीय सशस्‍त्र बल फ्लैग डे मनाया जाता है।
1992: दक्षिण अफ्रीकी धरती पर पहली बार कोई वनडे मैच खेला गया।
1995: भारत ने संचार उपग्रह इनसेट-2सी का प्रक्षेपण किया।
1988: अर्मेनिया में आए 6.9 तीव्रता वाले भूकंप से 25 हजार लोगों की मौत, लाखों बेघर।
2001: तालिबान ने कई दिनों तक चली लड़ाई के बाद अफगानिस्तान के कंधार पर कब्जा छोड़ा।
2002: तुर्की की आजरा अनिन मिस वर्ल्ड बनीं।
2008: हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने चन्द्रमोहन को मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किया।
2008: भारतीय गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने जापान टूर का ख़िताब जीता।
2009: डेनमार्क के कोपेनहेगन में जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू।



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Today History: Aaj Ka Itihas India World December 7 Update | Earth Seen From NASA Apollo 17


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मंडे स्पेशल रेसिपी में जानिए कैसे घर में चटपटी, पौष्टिक और पाचक आंवला वटी बनाएं



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Learn how to make spicy, nutritious and digestive gooseberry at home in the Monday special recipe


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बाल मजदूरी के मुद्दे पर जिस फोटो के जरिए कांग्रेस ने मोदी पर निशाना साधा, असल में 8 साल पुरानी है

क्या हो रहा है वायरल: कांग्रेस के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल से 4 दिसंबर को एक पोस्ट हुआ। इसमें कांग्रेस ने बच्चों पर छाए गरीबी के संकट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। पोस्ट में एक मार्मिक फोटो है, जिसमें कटोरा लिए एक बच्चा खड़ा दिख रहा है।

कांग्रेस के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस फोटो को भारत का बताकर मोदी सरकार पर निशाना साधा।

और सच क्या है?

  • वायरल फोटो को गूगल रिवर्स सर्च करने से हमें यूके की Panos Picture वेबसाइट पर ये फोटो मिली। यहां फोटो की विस्तार से जानकारी दी गई है।
  • वेबसाइट पर दी गई जानकारी से पता चलता है कि फोटो असल में बांग्लादेश की है। फोटो में दिख रहा मासूम बच्चा बांग्लादेश में बाल मजदूरी का शिकार था। जिस जगह बच्चा खड़ा है, वह ईंट का भट्‌टा है। जहां 1000 ईंटें उठाने पर लगभग 17.5 डॉलर ( 1291 रुपए) मजदूरी दी जाती है।
  • ये फोटो जीएमबी आकाश ने बांग्लादेश में क्लिक की थी। जीएमबी आकाश के पास ही इस फोटो का कॉपीराइट भी है। साफ है कि बांग्लादेश की फोटो को भारत का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।


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The photo through which the Congress targeted Modi on the issue of child labor is actually 8 years old.


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पढ़िए, द न्यूयॉर्क टाइम्स की इस हफ्ते की चुनिंदा स्टोरीज सिर्फ एक क्लिक पर

1. अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव में हुई हार से बौखलाए हुए हैं। सोशल साइट पर अपनी पोस्टिंग से वे लगातार अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। क्या कहना है इस पर उनके सलाहकारों का? जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

अमेरिका में गंभीर संकट के बीच ट्रम्प का काम पर ध्यान नहीं; विरोधियों पर प्रहार और अपनों को पुरस्कार

2. हवा में वायरस की मौजूदगी के खतरे से पर्यटकों को बचाने के लिए होटल्स और क्रूज इंडस्ट्री ने अहम कदम उठाया है। इसके तहत उच्च क्षमता के एयर फिल्टर (एचईपीए) लगाए गए हैं। ये फिल्टर किस तरह आपकी यात्रा को सुरक्षित बनाएंगे? जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

होटलों, क्रूज शिप में लगे हवा से वायरस अलग करने वाले सिस्टम

3. यूरोप में प्राइवेसी का ध्यान रखने के कारण फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों पर कड़े नियंत्रण लागू हैं। लेकिन, नियमों का दायरा बढ़ाने से बाल यौन शोषण की मॉनिटरिंग में बाधा पड़ने की संभावना है। बाल यौन शोषण से संबंधित कंटेंट स्कैन करने वाले सॉफ्टवेयर पर भी रोक लगेगी। क्या कहना है इस पर बाल सुरक्षा समूहों का? जानने के लिए पढ़ें ये लेख...

इस साल 9 महीने में बाल यौन शोषण के 5 करोड़ फोटो आए

4. अफगानिस्तान की पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल सुहैला सिद्दीक की मृत्यु कोरोना वायरस से हुई है। वे अपने देश की महिलाओं के लिए रोल मॉडल थीं। इत्तेफाक की बात यह है कि उनका निधन 81 साल की उम्र में उसी अस्पताल में हुआ, जहां उन्होंने कई दशक तक सैनिकों का इलाज किया था। पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें लेख...

कोरोना से पहली अफगान महिला जनरल की मौत



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बुद्ध के चार आर्य-सत्यों को सकारात्मक लें; यही सुख भी है, सुख के कारण भी हैं, सुख के उपाय हैं और उपाय शक्य भी हैं

भगवान बुद्ध ने चार आर्य-सत्यों की बात कही है। वे कहते हैं कि जगत में पहला आर्य-सत्य है दुःख। और कार्य-कारण के सिद्धांत के अनुसार उसके कारण भी होने चाहिए। दुःख है, तो बुद्ध दूसरा आर्य-सत्य उद्घोषित करते हैं कि दुःख के कारण भी हैं। दुःख के कारण हैं, तब बुद्ध तीसरे आर्य-सत्य की उद्घोषणा करते हैं कि उसके उपाय भी हैं।

लेकिन कभी-कभी हमारे लिए उपाय शक्य (हो सकने योग्य) नहीं बनता। तब भगवान बुद्ध एक ओर सत्य की उद्घोषणा करते हैं कि उपाय शक्य भी है। उपाय हम कर सकते हैं। ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ में भी कहा है-
‘जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखदोषानुदर्शनम्’। जन्म दुःख है। सही है। एक बच्चा मां के उदर से बाहर आता है, तो मां को प्रसव पीड़ा होती है, जो दुःख है। बालक मां के उदर से आता है, तब उसे कितना दुःख होता है, इससे हम अनभिज्ञ हैं। वो मां के गर्भ से निकलकर रुदन करने लगता है, जो प्रमाण है कि उसे दुःख हुआ।
तो भगवान बुद्ध ने कहा, दुःख है। मैं भगवान कृष्ण के परम सत्य का आश्रय लेकर कहूं तो जन्म दुःख है। और मृत्यु भी दुःख है। मरने के समय जो दुःख होता है उसके कई कारण होते हैं। मेरे पीछे वालों का क्या होगा? कहते हैं कि ये प्राण जड़ शरीर को छोड़कर चेतना बिलग होती है, तब बहुत पीड़ा होती है। जन्म, मृत्यु, बुढ़ापा, ये भी दुःख हैं। हम देखते हैं कि वृद्ध कितने पीड़ित हैं। व्याधि, रोग ये भी दुःख हैं। जैसे आज देश-दुनिया पर छाई व्याधि ये कोरोना वायरस है।
अब भगवान अपने आर्य-सत्यों की व्याख्या करते हुए कहते हैं, इन सभी दुःखों का एकमात्र कारण है तृष्णा। ‘तृष्णा’ का अर्थ है तीन प्रकार की एषणा। जैसे हमारे ग्रंथों, मनीषियों ने बताया है; पहली सुतेषणा, दूसरी लोकेषणा, तीसरी वित्तेषणा। सुतेषणा यानी हमारा वंश चले, संतान की प्राप्ति हो। लोकेषणा यानी लोकप्रतिष्ठा की एषणा, यह इच्छा कि हमें समाज में प्रतिष्ठा मिले। वित्तेषणा का मतलब है धन, संपत्ति, सुख-साधनों की एषणा। और भगवान बुद्ध इन तृष्णाओं को दुःख का कारण मानते हैं।
इन दिनों जब चारों ओर एक महामारी हमें घेरकर बैठी है, बड़ा दुःख है जगत पर। इसके उपाय भी होंगे और उपाय शक्य भी हो सकता है, देर-सबेर। ऐसे समय में थोड़ा सकारात्मक चिंतन करें। आओ, हम ये चिंतन करें कि जैसे दुःख है, वैसे सुख भी है। क्योंकि सुख-दुःख सापेक्ष हैं। तो इस विषम परिस्थिति में थोड़ा सकारात्मक सोचकर, धैर्य धारण करें कि सुख भी है।

जन्म दुःख है, लेकिन जन्म सुख भी तो है। मां को पीड़ा होती है, लेकिन जब कोई बताता है कि संतान हुई है तो कितना सुख पाती है। मां के गर्भ से बाहर आने के लिए नौ मास की जेल से छुटकारा पाते समय दुःख तो होता होगा शिशु को लेकिन शिशु जब इस दुःख से बाहर आता है, तब वो भी सुख अनुभव कर पाता होगा। जन्म सुख भी है।
तो जन्म को सकारात्मक रूप में लें तो सुख भी है। मृत्यु को सकारात्मक रूप में लें तो सुख भी है। जन्म, मृत्यु, बुढ़ापा दुःख है लेकिन बुढ़ापे में ठीक से जीना आ जाए, तो बुढ़ापा बहुत सम्मान पाता है। एक वृद्ध घर में बैठा है, लेकिन घर का हर सदस्य उसकी कितनी देखभाल करता है।

यदि सकारात्मक दृष्टि से देखें तो ये सुख भी तो है। व्याधि, रोग दुःख हैं, पीड़ा है लेकिन प्रारब्धवश, कर्मवश, असंयम के कारण। ये वायरस की व्याधि आई है, जिसका कारण निकलेगा ही। लेकिन जो आया है उसे स्वीकार कर उसे सकारात्मक बना सकते हैं।
सुख के कारण भी हैं। हम सुखी हो सकते हैं क्योंकि हम सुखराशि हैं, अमृत के पुत्र हैं। सुख का कारण है हमारे पास कि हम पृथ्वी पर आए हैं। हम सुख ले सकते हैं कि दिव्य भारत में हमारा जन्म हुआ। जहां गंगा बहती है, जहां ऋषि- मुनि हुए हैं, जहां सनातन धर्म और वैदिक परंपरा शाश्वत बह रही हैं।

तो सुख के कारण हैं हमारे पास और उसके उपाय भी है। ‘संत मिलन सम सुख जग नाहीं’। सज्जनों का संग उपाय है। ये उपाय शक्य भी है। ताप में बहुत संतप्त आदमी जब छांव में जाता है तो सुख मिल जाता है। सीधी-सी बात है। साधु एक छांव है।
तो भगवान बुद्ध के चार आर्य-सत्यों को यदि हम सकारात्मक रूप से लेकर आज के विषम समय में सोचें, तो सुख भी है, सुख के कारण भी हैं, सुख के उपाय भी हैं और उपाय शक्य भी हैं। मुझे लगता है, ये हमें बहुत बल देगा।



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मोरारी बापू, आध्यात्मिक गुरु और राम कथाकार।


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जब अंतरिक्ष से पृथ्वी की सबसे सुंदर फोटो ली गई; पृथ्वी और चांद की फोटो साथ में लेने के लिए आज ही भेजा था सैटेलाइट

7 दिसंबर 1972 को नासा ने चांद पर अपना आखिरी मैन्ड मिशन "अपोलो-17" लॉन्च किया। इस मिशन के क्रू में यूजेन सेरनान, रोनाल्ड इवांस और हैरिसन श्मिट थे। इस क्रू ने स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी की सबसे सुंदर तस्वीर खींची थी। इसे "ब्लू मार्बल" कहते हैं। ये तस्वीर इसलिए भी खास थी क्योंकि ये पहली बार था जब पृथ्वी का साउथ पोल भी नजर आया था। हालांकि, ये पूरा बादलों से ही घिरा दिख रहा था। जबकि, अफ्रीका इसमें एकदम साफ दिख रहा था।

ये तस्वीर अपोलो-17 मिशन लॉन्च होने के 5 घंटे 6 मिनट बाद क्लिक की गई थी। तस्वीर को 70 मिमी के हेसलब्लेड कैमरे से लिया गया था, जिसमें 80 मिमी का लैंस लगा था। तस्वीर लेने से दो दिन पहले ही 5 दिसंबर को तमिलनाडु में एक साइक्लोन भी आया था और इस तस्वीर में वो भी दिख रहा था। नासा ने इस तस्वीर का क्रेडिट अपोलो-17 की क्रू को दिया था।

यही वो तस्वीर है जिसे अपोलो-17 के क्रू मेंबर ने क्लिक किया था।

नासा ने आज ही ATS-1 भी लॉन्च किया
7 दिसंबर 1966 को नासा ने ATS-1 सैटेलाइट लॉन्च की थी। इस सैटेलाइट पर ब्लैक एंड व्हाइट वेदर कैमरा फिट किया गया था, जिसने पृथ्वी और चांद की साथ में तस्वीर ली थी। ये पहली तस्वीर है, जिसमें पृथ्वी और चांद साथ में दिख रहे थे। ATS-1 ने जब ये तस्वीर क्लिक की थी, तब वो पृथ्वी से 35,888 किमी और चांद से 4.34 लाख किमी दूर था। पृथ्वी और चांद की साथ में ये तस्वीर 22 दिसंबर 1966 को मिली थी। 12 साल तक काम करने के बाद 1 दिसंबर 1978 को ATS-1 डिएक्टिवेट हो गया। हालांकि, इसका कम्युनिकेशन हार्डवेयर 1985 तक काम करता रहा।

22 दिसंबर 1966 को पृथ्वी और चांद की पहली तस्वीर खींची गई थी।

भारत और दुनिया में 7 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:
1825: भाप से चलने वाला पहला जहाज 'इंटरप्राइज' कोलकाता पहुंचा।
1856: देश में पहली बार आधिकारिक रूप से 'हिंदू विधवा' का विवाह कराया गया।
1889: दुनिया में मौजूदा रूप की पहली गाड़ी बनाई गई।
1941: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आज ही के दिन जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हवाई हमला किया।
1949: भारतीय सशस्‍त्र बल फ्लैग डे मनाया जाता है।
1992: दक्षिण अफ्रीकी धरती पर पहली बार कोई वनडे मैच खेला गया।
1995: भारत ने संचार उपग्रह इनसेट-2सी का प्रक्षेपण किया।
1988: अर्मेनिया में आए 6.9 तीव्रता वाले भूकंप से 25 हजार लोगों की मौत, लाखों बेघर।
2001: तालिबान ने कई दिनों तक चली लड़ाई के बाद अफगानिस्तान के कंधार पर कब्जा छोड़ा।
2002: तुर्की की आजरा अनिन मिस वर्ल्ड बनीं।
2008: हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने चन्द्रमोहन को मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किया।
2008: भारतीय गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने जापान टूर का ख़िताब जीता।
2009: डेनमार्क के कोपेनहेगन में जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू।



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Today History: Aaj Ka Itihas India World December 7 Update | Earth Seen From NASA Apollo 17


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