बुधवार, 2 सितंबर 2020

अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना के साथ गणपति बप्पा को दी विदाई; पश्चिम बंगाल में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री लगाया गया

नगर निगम इंदौर ने अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए पहली बार 96 पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए। बड़ी प्रतिमाओं का बुधवार सुबह से जवाहर टेकरी पर विसर्जन किया जाना था, लेकिन मंगलवार को दिन में ही सभी स्थान भर गए। इस पर मंगलवार से ही विसर्जन शुरू कर दिया गया। शाम तक 30 डंपर से ज्यादा प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। निगम ने 85 वार्ड में एक-एक स्थान पर पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए थे। इसके अलावा 11 कुंड अतिरिक्त थे।

बप्पा और तापी दोनों खुश

इस बार अनंत चतुर्दशी पर श्रद्धा का वह ज्वार नहीं दिखा जो हर साल शहर में देखने को मिलता था। कारण, कोविड-19 महामारी के चलते गुजरात सरकार की तरफ से सख्त निर्देश थे कि लोग दो फीट की मूर्तियों की स्थापना घर पर ही करें। साथ ही सार्वजनिक रूप से विसर्जन की अनुमति भी नहीं थी। ऐसे में सूरत के लोगों ने अपने घरों और सोसाइटियों में श्रीजी को अंतिम विदाई दी। तस्वीर गुंदी शेरी के रतनजी खांचा की है। जहां स्वीमिंग पूल में श्रीजी की मूर्ति का विसर्जन किया गया। इससे तापी नदी भी प्रदूषित होने से बच गई।

10 दिन बाद बप्पा की विदाई

दस दिनों तक गणेश जी की भक्ति और सेवा के बाद भक्तों ने उनकी प्रतिमाओं को तो विसर्जित कर दिया, लेकिन उन्होंने भरे मन से गणपति से हाथ जोड़ कर अगले बरस जल्दी आने की भावपूर्ण प्रार्थना भी की। भोपाल में नामदेव परिवार की बिटिया ने नन्हे हाथों से मिट्‌टी के गणेश जी का विसर्जन किया।

25 साल इंतजार के बाद की फोटो क्लिक

फोटो उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर की है। यहां रिहायशी इलाके से महज 500 मीटर की दूरी पर एक बाघिन गाय का शिकार करते दिखाई दी। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर मुकेश चंद्र यादव और अभिनव मल्होत्रा ने इस दुर्लभ तस्वीर को कैमरे में कैद किया। मुकेश का दावा है कि इस फोटो को क्लिक करने के लिए उन्हें 25 साल तक इंतजार करना पड़ा। इस बीच, सैकड़ों जंगल घूमे। हर दिन 8-10 घंटे जंगल किनारे इंतजार करते हुए बिताए, लेकिन 30 अगस्त को आखिरकार वह शॉट मिल गया, जिसका वे सालों से इंतजार कर रहे थे।

पुल की टूटी रेलिंग, उखड़ा डामर

पिछले तीन दिनों से उफन रही नर्मदा मंगलवार को शांत होने लगी। करीब 60 घंटे बाद मंगलवार सुबह 10 बजे मोरटक्का पुल नजर आया। पानी उतरने के साथ ही बर्बादी के वो निशान भी नजर आए जो नर्मदा अपने पीछे छोड़ गई थी। पुल के दोनों तरफ की रेलिंग बह गई हैं। पुल पर जगह-जगह डामर के बड़े-बड़े टुकड़े उखड़े नजर आए। कुछ जगहों पर तो डामर के करीब 20 फिट बाय 6 फिट तक का पूरा पेच उखड़कर एक तरफ पड़ा मिला। पेड़ की बड़ी-बड़ी शाखाएं रेलिंग में अटकी दिखीं।

14 हजार यूनिट ग्रीन ऊर्जा बनाएगा

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री लगाया गया है। इस पेड़ पर कुल 35 सोलर प्लेट लगाई गई हैं। इसकी लागत 7.5 लाख रुपए है, लेकिन दावा है कि इससे करोड़ों रुपए की आमदनी होगी। यह पेड़ एक साल में 12 से 14 हजार यूनिट ग्रीन ऊर्जा देगा। यह हवा में कार्बन को जाने से भी रोकेगा। सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट दुर्गापुर ने अपनी कॉलोनी में इसे लगाया है।

40 थानों में 1168 गाड़ियां जंग खाकर कंडम हुईं

फोटो भोपाल के एमपी नगर थाने में जब्त खड़े कंडम वाहनों की है। पेड़ बड़े होकर इन्हें ढंकने लगे हैं। राजधानी के 40 थानों में ऐसे 1168 वाहन जंग खाकर कंडम होने की कगार पर हैं। पांच महीने पहले ही भोपाल पुलिस ने 860 वाहनों को नीलाम कर सरकार के खाते में 24.93 लाख रुपए जमा करवाए। यानी हर वाहन औसतन 2898 रुपए का बिका। फिलहाल थानों में खड़े वाहनों को अगर कबाड़ के भाव से भी बेचा जाए तो सरकार के खाते में करीब 34 लाख रुपए जमा हो सकते हैं।

पिंजौर-परवाणू बाईपास का नजारा

आजकल पहाड़ी इलाकों में न ज्यादा सर्दी है और न गर्मी। मौसम इतना शानदार रहता है कि मानो यहीं बस जाएं। पिंजौर-परवाणू बाईपास पर भी कुछ ऐसा ही नजारा था। यहां बाइकर्स की टोली पहाड़ों की सैर पर निकली हुई थी। कभी धूप आ रही थी तो कभी घने काले बादल।



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Farewell to Ganapati Bappa with impassioned prayer of coming early next year, world's largest solar tree planted in West Bengal


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केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल को भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए, कांग्रेस में उनका अपमान हो रहा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भाजपा में शामिल होने की सलाह दी है। अठावले ने कहा, "आजाद और सिब्बल पर राहुल गांधी भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगा चुके हैं। इसलिए, दोनों को ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में आ जाना चाहिए।"

'जिन्होंने कांग्रेस को खड़ा किया, राहुल उन पर ही आरोप लगा रहे'
नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री अठावले ने कहा, "अगर आजाद और सिब्बल का कांग्रेस में अपमान हो रहा है, तो उन्हें फैसला लेना चाहिए। जिन लोगों ने कांग्रेस को खड़ा किया, उन पर आरोप लगाकर राहुल गांधी गलत कर रहे हैं। एनडीए सरकार आगे भी सत्ता में रहेगी। अगले आम चुनाव में 350 सीटें मिलने की उम्मीद है। भाजपा आम लोगों की पार्टी है। सभी जातियों, वर्गों और धर्मों के लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं।"

23 नेताओं की चिट्ठी पर कांग्रेस की बैठक में हंगामा हुआ था
आजाद और सिब्बल कांग्रेस के उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पार्टी में बड़े बदलावों की मांग करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। 24 अगस्त को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ था। बैठक के बीच खबर आई कि राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर भाजपा से साठगांठ करने के आरोप लगा दिए। आजाद और सिब्बल ने इस पर नाराजगी जताई, लेकिन बाद में दोनों ने कहा कि राहुल ने मिलीभगत जैसी कोई बात नहीं बोली।

आजाद ने कहा था- बदलाव नहीं हुए तो कांग्रेस 50 साल विपक्ष में बैठी रहेगी
आजाद ने वर्किंग कमेटी की बैठक के 3 दिन बाद यानी 27 अगस्त को फिर से पार्टी के प्रमुख पदों पर चुनाव करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, "चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। हो सकता है कि नियुक्त (अपॉइंट) किए जाने वाले अध्यक्ष को 1% लोगों का भी समर्थन नहीं हो।"

कांग्रेस में उठापटक से जुड़ी आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. गुलाम नबी आजाद बोले- कांग्रेस में प्रमुख पदों पर चुनाव नहीं हुए तो 50 साल तक विपक्ष में ही बैठे रहेंगे

2. कांग्रेस में कलह: गुलाम नबी आजाद ने कहा- लेटर लीक हो गया तो क्या बड़ी बात हो गई, यह कोई सीक्रेट नहीं



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आजाद (बाएं) और सिब्बल (बीच में) ने 24 अगस्त को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी के रवैए पर नाराजगी जताई थी। (फाइल फोटो)


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अमेरिका ने कहा- दक्षिण चीन सागर से हिमालय तक आक्रामक रुख दिखा रही चीन सरकार, भारत के साथ उसके सीमा विवाद पर हमारी नजर

अमेरिका ने कहा है कि भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद और तनाव पर उसकी नजर है। इसके साथ ही उसने चीन पर फिर आरोप लगाया कि वो अपने पड़ोसियों को धमकाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा- ताइवान स्ट्रेट से लेकर शिनजियांग, साउथ चाइना सी से लेकर हिमालय और सायबरस्पेस से लेकर इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन तक, चीन अपने नागरिकों और पड़ोसियों को धमका रहा है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बयान के साथ यह भी साफ कर दिया कि इस तरह के मामलों से निपटने का सबसे बेहतर तरीका है कि चीन के खिलाफ खड़ा हुआ जाए।

हालात पर करीबी नजर
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद और तनाव पर चर्चा की। कहा- हम हालात पर करीबी नजर रख रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि यह मामला शांति से निपट जाएगा। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई बार कह चुके हैं कि चीन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर आक्रामक रवैया अपना रहा है। यह उसका पैटर्न बन गया है।

दमन पर उतारू कम्युनिस्ट पार्टी
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक, चीन एक साथ कई जगह दबाव और दमन की रणनीति इस्तेमाल कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा- ताइवान स्ट्रेट से शिनजियांग, दक्षिण चीन सागर से हिमालय और सायबरस्पेस से लेकर इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन्स तक, हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हरकतें देख रहे हैं। वो अपने लोगों और पड़ोसियों को धमका रहा है। इस तरह की भड़काऊ चीजों से निपटने का एक ही तरीका है कि चीन को जवाब दिया जाए, उसके खिलाफ आवाज उठाई जाए।



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भारत और चीन के बीच लद्दाख में बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारतीय सेना ने यहां तैनाती बढ़ा दी है। फोटो सोमवार को लेह हाइवे पर भारतीय सेना के ट्रक की है। ऐसे कई ट्रक लेह से लद्दाख की तरफ जाते देखे गए।


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अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना के साथ गणपति बप्पा को दी विदाई; पश्चिम बंगाल में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री लगाया गया

नगर निगम इंदौर ने अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए पहली बार 96 पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए। बड़ी प्रतिमाओं का बुधवार सुबह से जवाहर टेकरी पर विसर्जन किया जाना था, लेकिन मंगलवार को दिन में ही सभी स्थान भर गए। इस पर मंगलवार से ही विसर्जन शुरू कर दिया गया। शाम तक 30 डंपर से ज्यादा प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। निगम ने 85 वार्ड में एक-एक स्थान पर पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए थे। इसके अलावा 11 कुंड अतिरिक्त थे।

बप्पा और तापी दोनों खुश

इस बार अनंत चतुर्दशी पर श्रद्धा का वह ज्वार नहीं दिखा जो हर साल शहर में देखने को मिलता था। कारण, कोविड-19 महामारी के चलते गुजरात सरकार की तरफ से सख्त निर्देश थे कि लोग दो फीट की मूर्तियों की स्थापना घर पर ही करें। साथ ही सार्वजनिक रूप से विसर्जन की अनुमति भी नहीं थी। ऐसे में सूरत के लोगों ने अपने घरों और सोसाइटियों में श्रीजी को अंतिम विदाई दी। तस्वीर गुंदी शेरी के रतनजी खांचा की है। जहां स्वीमिंग पूल में श्रीजी की मूर्ति का विसर्जन किया गया। इससे तापी नदी भी प्रदूषित होने से बच गई।

10 दिन बाद बप्पा की विदाई

दस दिनों तक गणेश जी की भक्ति और सेवा के बाद भक्तों ने उनकी प्रतिमाओं को तो विसर्जित कर दिया, लेकिन उन्होंने भरे मन से गणपति से हाथ जोड़ कर अगले बरस जल्दी आने की भावपूर्ण प्रार्थना भी की। भोपाल में नामदेव परिवार की बिटिया ने नन्हे हाथों से मिट्‌टी के गणेश जी का विसर्जन किया।

25 साल इंतजार के बाद की फोटो क्लिक

फोटो उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर की है। यहां रिहायशी इलाके से महज 500 मीटर की दूरी पर एक बाघिन गाय का शिकार करते दिखाई दी। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर मुकेश चंद्र यादव और अभिनव मल्होत्रा ने इस दुर्लभ तस्वीर को कैमरे में कैद किया। मुकेश का दावा है कि इस फोटो को क्लिक करने के लिए उन्हें 25 साल तक इंतजार करना पड़ा। इस बीच, सैकड़ों जंगल घूमे। हर दिन 8-10 घंटे जंगल किनारे इंतजार करते हुए बिताए, लेकिन 30 अगस्त को आखिरकार वह शॉट मिल गया, जिसका वे सालों से इंतजार कर रहे थे।

पुल की टूटी रेलिंग, उखड़ा डामर

पिछले तीन दिनों से उफन रही नर्मदा मंगलवार को शांत होने लगी। करीब 60 घंटे बाद मंगलवार सुबह 10 बजे मोरटक्का पुल नजर आया। पानी उतरने के साथ ही बर्बादी के वो निशान भी नजर आए जो नर्मदा अपने पीछे छोड़ गई थी। पुल के दोनों तरफ की रेलिंग बह गई हैं। पुल पर जगह-जगह डामर के बड़े-बड़े टुकड़े उखड़े नजर आए। कुछ जगहों पर तो डामर के करीब 20 फिट बाय 6 फिट तक का पूरा पेच उखड़कर एक तरफ पड़ा मिला। पेड़ की बड़ी-बड़ी शाखाएं रेलिंग में अटकी दिखीं।

14 हजार यूनिट ग्रीन ऊर्जा बनाएगा

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री लगाया गया है। इस पेड़ पर कुल 35 सोलर प्लेट लगाई गई हैं। इसकी लागत 7.5 लाख रुपए है, लेकिन दावा है कि इससे करोड़ों रुपए की आमदनी होगी। यह पेड़ एक साल में 12 से 14 हजार यूनिट ग्रीन ऊर्जा देगा। यह हवा में कार्बन को जाने से भी रोकेगा। सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट दुर्गापुर ने अपनी कॉलोनी में इसे लगाया है।

40 थानों में 1168 गाड़ियां जंग खाकर कंडम हुईं

फोटो भोपाल के एमपी नगर थाने में जब्त खड़े कंडम वाहनों की है। पेड़ बड़े होकर इन्हें ढंकने लगे हैं। राजधानी के 40 थानों में ऐसे 1168 वाहन जंग खाकर कंडम होने की कगार पर हैं। पांच महीने पहले ही भोपाल पुलिस ने 860 वाहनों को नीलाम कर सरकार के खाते में 24.93 लाख रुपए जमा करवाए। यानी हर वाहन औसतन 2898 रुपए का बिका। फिलहाल थानों में खड़े वाहनों को अगर कबाड़ के भाव से भी बेचा जाए तो सरकार के खाते में करीब 34 लाख रुपए जमा हो सकते हैं।

पिंजौर-परवाणू बाईपास का नजारा

आजकल पहाड़ी इलाकों में न ज्यादा सर्दी है और न गर्मी। मौसम इतना शानदार रहता है कि मानो यहीं बस जाएं। पिंजौर-परवाणू बाईपास पर भी कुछ ऐसा ही नजारा था। यहां बाइकर्स की टोली पहाड़ों की सैर पर निकली हुई थी। कभी धूप आ रही थी तो कभी घने काले बादल।



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केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल को भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए, कांग्रेस में उनका अपमान हो रहा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भाजपा में शामिल होने की सलाह दी है। अठावले ने कहा, "आजाद और सिब्बल पर राहुल गांधी भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगा चुके हैं। इसलिए, दोनों को ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में आ जाना चाहिए।"

'जिन्होंने कांग्रेस को खड़ा किया, राहुल उन पर ही आरोप लगा रहे'
नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री अठावले ने कहा, "अगर आजाद और सिब्बल का कांग्रेस में अपमान हो रहा है, तो उन्हें फैसला लेना चाहिए। जिन लोगों ने कांग्रेस को खड़ा किया, उन पर आरोप लगाकर राहुल गांधी गलत कर रहे हैं। एनडीए सरकार आगे भी सत्ता में रहेगी। अगले आम चुनाव में 350 सीटें मिलने की उम्मीद है। भाजपा आम लोगों की पार्टी है। सभी जातियों, वर्गों और धर्मों के लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं।"

23 नेताओं की चिट्ठी पर कांग्रेस की बैठक में हंगामा हुआ था
आजाद और सिब्बल कांग्रेस के उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पार्टी में बड़े बदलावों की मांग करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। 24 अगस्त को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ था। बैठक के बीच खबर आई कि राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर भाजपा से साठगांठ करने के आरोप लगा दिए। आजाद और सिब्बल ने इस पर नाराजगी जताई, लेकिन बाद में दोनों ने कहा कि राहुल ने मिलीभगत जैसी कोई बात नहीं बोली।

आजाद ने कहा था- बदलाव नहीं हुए तो कांग्रेस 50 साल विपक्ष में बैठी रहेगी
आजाद ने वर्किंग कमेटी की बैठक के 3 दिन बाद यानी 27 अगस्त को फिर से पार्टी के प्रमुख पदों पर चुनाव करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, "चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। हो सकता है कि नियुक्त (अपॉइंट) किए जाने वाले अध्यक्ष को 1% लोगों का भी समर्थन नहीं हो।"

कांग्रेस में उठापटक से जुड़ी आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. गुलाम नबी आजाद बोले- कांग्रेस में प्रमुख पदों पर चुनाव नहीं हुए तो 50 साल तक विपक्ष में ही बैठे रहेंगे

2. कांग्रेस में कलह: गुलाम नबी आजाद ने कहा- लेटर लीक हो गया तो क्या बड़ी बात हो गई, यह कोई सीक्रेट नहीं



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आजाद (बाएं) और सिब्बल (बीच में) ने 24 अगस्त को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी के रवैए पर नाराजगी जताई थी। (फाइल फोटो)


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20 हजार करोड़ की आमदनी और 733 करोड़ का मुनाफा, फिर भी क्यों बिका बिग बाजार वाला फ्यूचर रिटेल?

बिग बजार, एफबीबी और इजी डे के बारे में आप ने भी सुना होगा। देशभर में इन स्टोरों की संख्या एक हजार 800 है। 428 शहरों में फैले ये स्टोर फ्यूचर रिटेल के हैं। इन्हें अब रिलायंस की रिटेल विंग ने खरीद लिया है। फ्यूचर रिटेल की शहरों में पकड़ और कस्टमर बेस बहुत मजबूत है। खासकर ग्रॉसरी और फैशन के क्षेत्र में फ्यूचर ग्रुप अच्छा काम कर रहा था।

ऐसे में आपके मन में सवाल उठेगा कि जब ग्रुप अच्छा काम कर रहा था तो इसके बिकने की नौबत क्यों आई? ऐसा क्या हुआ जो फ्यूचर ग्रुप को इन्हें बेचना पड़ा? तो उसके पीछे की वजह है कर्ज। फिर सवाल ये उठता है कि जिस फ्यूचर रिटेल पर करीब 15 हजार करोड़ का कर्ज है, उसे रिलायंस ने क्यों खरीदा?

जबकि देश में रिलायंस रिटेल के पहले से ही 12 हजार स्टोर हैं। इस रिपोर्ट में हम इन सवालों के जवाब जानेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि फ्यूचर ग्रुप का सफर कैसा रहा, कंपनी के बढ़ने के साथ कर्ज कैसे बढ़ता गया और रिलायंस रिटेल का इस क्षेत्र में क्या हाल है।

2018-19 में फ्यूचर रिटेल ने 107 नए शहरों में स्टोर खोले

2015-16 में फ्यूचर रिटेल के 221 शहरों में 738 स्टोर थे। यह वो दौर था, जब ऑनलाइन रिटेल बहुत तेजी से कस्टमर अपनी तरफ जोड़ रहा था। फ्यूचर रिटेल ने अपने ऑफर से न केवल कस्टमर बेस तेजी से बढ़ाया। 2017-18 तक इसके 321 शहरों में एक हजार से ज्यादा स्टोर थे। फ्यूचर रिटेल ने टियर थ्री और टियर फोर शहरों को टारगेट किया। 2018-19 में इसे सबसे बड़ा बूम मिला। इस साल फ्यूचर रिटेल 107 नए शहरों तक पहुंचा। साथ ही करीब 500 नए स्टोर खोले गए।

चार साल में तीन गुना हुई आमदनी

फ्यूचर ग्रुप की आमदनी साल-दर-साल बढ़ रही थी। लेकिन, ये कंपनी के निवेश और नए इन्फ्रास्ट्रक्चर की तुलना में बहुत कम थी। 2015-16 की तुलना में 2016-17 में कंपनी की इनकम करीब 150% बढ़कर 17 हजार करोड़ से ज्यादा हो गई। इयर ऑन इयर ग्रोथ के हिसाब से यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा था। लेकिन, अगले साल कंपनी की आमदनी में सिर्फ 8% की ग्रोथ हुई। इसी साल कंपनी ने 81 शहरों में 134 नए स्टोर खोले थे, यानी आमदनी कम और निवेश ज्यादा।

लागत और मुनाफे के बीच का अंतर बढ़ता गया

2015-16 की तुलना में 2016-17 में कंपनी का टैक्स के बाद का मुनाफा करीब 26 गुना बढ़ा। लेकिन, 2017-18 में यह पिछले साल का सिर्फ 3% रह गया। 2018-19 में कंपनी का मुनाफा फिर से बढ़ गया। यानी जिस साल कंपनी ने बल्क में इन्वेस्ट किया, उस साल कंपनी का मुनाफा घट गया। यानी लागत और मुनाफे के बीच का अंतर बढ़ता गया। किसी भी कंपनी के फिजिकल डेफिसिट में इतना बड़ा फ्लेक्चुएशन सही नहीं माना जाता।

रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल को क्यों खरीदा?

रिलायंस रिटेल के पास 12 हजार स्टोर हैं। इनका सालाना रेवेन्यू लगभग 160 हजार करोड़ है। उसके बाद भी रिलायंस ने 15 हजार करोड़ के कर्ज वाले फ्यूचर ग्रुप को क्यों खरीदा? इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि फ्यूचर रिटेल ने फैशन और ग्रॉसरी मार्केट में मजबूत पकड़ बना ली थी। जबकि, रिलायंस जियो स्टोर, रिलायंस रेसQ और रिलायंस डिजिटल की पकड़ इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट में है। रिलायंस रिटेल में इसका मार्केट शेयर 61% है। इसके साथ ही रिलायंस रिटेल में सबसे अच्छी ग्रोथ ग्रॉसरी और फैशन की है। फ्यूचर रिटेल का मार्केट बेस मिलने से इसके और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

वहीं, दूसरी ओर रिलायंस रिटेल की पकड़ ज्यादातर बड़े शहरों में है, इसके ज्यादातर स्टोर मॉल में हैं। रिलायंस इस डील से छोटे शहरों तक कम समय में पहुंचेगा। साथ ही ग्रॉसरी और फैशन में अपने कस्टमर बेस को मजबूत करेगा।



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Mukesh Ambani Reliance Future Deal | Future Group Retail Stores Growth History Facts and Latest Developments


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इटली के वैज्ञानिकों ने कहा- पॉजिटिव आने के एक महीने बाद ही दूसरा टेस्ट हो, वायरस दूर करने में इतना समय लगता है; दुनिया में 2.58 करोड़ केस

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 58 लाख 89 हजार 824 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 81 लाख 72 हजार 671 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 60 हजार 270 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 68 लाख 56 हजार 883 मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।

इटली के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज को वायरस को दूर करने में कम से कम एक महीना लगता है। इसलिए पॉजिटिव आने के एक महीने बाद ही दोबारा टेस्ट कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि पांच निगेटिव टेस्ट रिजल्ट में एक गलत होता है।

इटली के मोडेना एंड रेजियो एमिलिया यूनिवर्सिटी के डॉ. फ्रांसिस्को वेंतुरेली और उनके साथियों ने 1162 मरीजों पर अध्ययन किया है। इसमें कोरोना मरीजों की दूसरी बार टेस्टिंग 15 दिन बाद, तीसरी बार 14 दिन बाद और चौथी बार नौ दिन बाद की गई। इसमें पता चला कि पहले जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वे फिर से पॉजिटिव पाए गए। औसतन पांच लोगों के निगेटिव टेस्ट में एक का रिजल्ट गलत था।
अध्ययन के मुताबिक 50 साल तक के लोगों को 35 दिन और 80 साल से ज्यादा की उम्र वालों को ठीक होने में 38 दिन लगते हैं।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 62,57,548 1,88,900 34,96,898
ब्राजील 39,52,790 1,22,681 31,59,096
भारत 37,66,108 66,460 28,98,087
रूस 10,00,048 17,299 8,15,705
पेरू 6,57,129 28,068 4,71,599
साउथ अफ्रीका 6,28,259 14,263 5,49,993
कोलंबिया 6,24,069 20,052 4,69,557
मैक्सिको 5,99,560 64,414 4,16,738
स्पेन 4,70,973 29,152 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 4,28,239 8,919 3,08,376

कोलंबिया: लॉकडाउन खत्म
कोलंबिया में कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में ढील दी गई है। यहां अब हवाई यात्रा, इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट और गैर-जरूरी कामों के लिए भी लोग निकल सकते हैं। देश में 24 घंटे में 8901 मामले आए और 389 लोगों की मौत हुई। यहां अभी तक 6.24 लाख से ज्यादा संक्रमित हो चुके हैं और 20 हजार से ज्यादा की जान चा चुकी है। कोलंबिया लैटिन अमेरिका में सबसे ज्यादा प्रभावित तीसरा देश है। इससे आगे सिर्फ ब्राजील और पेरू हैं।

कोलंबिया के शिया में एक रेस्टोरेंट में कस्टमर और वेटर फेस शील्ड और मास्क पहने नजर आए। देश में हाल ही में लॉकडाउन में ढील दी गई है।

नेपाल: कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राजधानी काठमांडू समेत 12 जिलों मे कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। इन 12 जिलों में 73% एक्टिव केस हैं। ये जिले मोरांग, सुनसरी, धनुसा, महोतरी, परसा, बारा, रौतहत, सरलही, काठमांडू, ललितपुर, चितव और रूपनदेहि हैं। ये सभी हॉटस्पाट बन चुके हैं। नेपाल में अब तक 40 हजार 529 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 239 लोगों की मौत हो चुकी है।

लोगों को जागरूक करने के लिए काठमांडू में एक मेडिकल स्टोर के बाहर पुतले को पीपीई किट पहनाई गई।- फाइल फोटो

इजराइल: 1942 नए मामले आए
इजराइल में मंगलवार को कोरोना के 1942 नए मामले आए और 18 की जान गई। देश में अब तक 1 लाख 18 हजार 538 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 957 लोगों की जान जा चुकी है। देश में गंभीर मरीजों की संख्या 414 बची है और 860 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।



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इटली के वेनिस शहर में एक वॉटर-बस में लोग प्रोटेक्टिव मास्क पहने नजर आए। कोरोना महामारी आने के बाद यहां पर दुनिया के पहले फिल्म फेस्टिवल की तैयारी चल रही है।


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आज ही भारत में अंतरिम सरकार ने लिया था चार्ज; 53 साल पहले अमेरिका में पहली एटीएम मशीन ने काम शुरू किया था

आज ही के दिन 1946 में संविधान सभा ने भारत की अंतरिम सरकार बनाई थी। इसने ही 15 अगस्त 1947 तक देश का कामकाज संभाला। अंतरिम सरकार में भी प्रशासनिक मशीनरी वायसराय को रिपोर्ट करती थी। अगस्त 1946 में कांग्रेस ने अंतरिम सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया ताकि ब्रिटिश सरकार से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ाया जा सके। अंतरिम सरकार ने 2 अगस्त 1946 से ही काम शुरू किया था।

अंतरिम सरकार में कांग्रेस के तीन मुस्लिम सदस्यों सहित 12 सदस्य थे। यह पहली बार था, जब भारत में भारतीयों की सरकार थी। मुस्लिम लीग ने इसमें पांच सदस्यों को नामित किया था, जो 6 अक्टूबर को इसमें शामिल हुए।

  • 53 साल पहले एटीएम से विड्रॉल शुरू हुआ

आज हम चौराहे पर एटीएम देख ही लेते हैं। लेकिन कुछ साल पहले ऐसा नहीं था। 1969 में अमेरिका के केमिकल बैंक की न्यूयॉर्क ब्रांच ने पहली एटीएम मशीन को रॉकविल सेंटर में लगाया था। इससे सिर्फ कैश मिलता था, रसीद नहीं। केमिकल बैंक ने विज्ञापन दिया था कि "2 सितंबर को हमारा बैंक 9 बजे खुलेगा और कभी बंद नहीं होगा।” स्कॉटलैंड के जॉन शेफर्ड बैरन ने 1967 में पहली एटीएम बनाई थी। जॉन चाहते थे कि पिन छह डिजिट का रहे, लेकिन पत्नी ने कहा कि चार डिजिट काफी है। ज्यादा डिजिट होंगे तो याद रखना मुश्किल होगा। तब जाकर जॉन ने एटीएम पिन चार अंकों का रखा, जो आज भी चलन में है।

  • 20 साल पहले अमेरिका में आया था “कैटरीना”

2005 में आया ‘कैटरीना’ तूफान अमेरिकी इतिहास का तीसरा सबसे खतरनाक था, जिसने कम से कम 1,500 लोगों की जान ली। कैटरीना तूफान में मिसिसिपी के तट पर 25 से 28 फीट ऊंची लहरें उठी थीं। आम तौर पर माना जाता है कि मिनिमम कैटेगरी वाले तूफान ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन कैटेगरी-3 का तूफान होने के बाद भी कैटरीना ने 108 अरब डॉलर से अधिक संपत्ति का नुकसान पहुंचाया था।

इतिहास के पन्नों में आज के दिन को इन घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

  • 1573: मुगल सम्राट अकबर ने गुजरात फतह किया।
  • 1715: फ्रांस के राजा लुई चौदहवें की मौत हुई, उन्होंने कुल 72 साल तक शासन किया।
  • 1775: पहले अमेरिकी युद्धपोत ‘हाना’ का जनरल जॉर्ज वाशिंगटन ने जलावतरण किया गया।
  • 1798: अंग्रेजो ने हैदराबाद के निजाम के साथ समझौता किया।
  • 1926: इटली और यमन में हुए समझौते के तहत लाल सागर तट पर इटली का राज हुआ।
  • 1945: जापान ने हार स्वीकार की और छह साल चला दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ।
  • 1962: सोवियत संघ क्यूबा को हथियार देने पर राजी हुआ।
  • 1970: नासा ने चांद पर जाने के लिए अपने दो अपोलो मिशन को कैंसिल कर दिया।
  • 1992: अमेरिका और रूस अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए सहमत हुए।
  • 1999: भारतीय तैराक बुला चौधरी इंग्लिश चैनल दो बार पार करने वाली प्रथम एशियाई महिला बनीं।


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74 years ago the Constituent Assembly formed the Interim Government of India, the introduction of an ATM machine 53 years ago, the havoc of Katrina broken in America 20 years ago


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अगर तीर्थों में जाकर नहीं कर पा रहे हैं श्राद्ध तो आसान विधि से घर पर भी कर सकते हैं, जानिए श्राद्ध के 16 दिन में कब क्या रहेगा

2 से 17 सितंबर तक पितृपक्ष रहेगा। धर्मग्रंथों में कहा गया है कि तीर्थों में जाकर श्राद्ध करने का विशेष महत्व है, लेकिन आपातकाल या महामारी के कारण तीर्थ में जाकर श्राद्ध न कर पाएं तो विशेष चीजों के साथ आसान तरीके से घर पर ही श्राद्ध किया जा सकता है।

श्राद्ध में जरूरी चीजें

श्राद्ध में तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोजन ये तीन चीजें खासतौर से होनी चाहिए। वहीं, ब्राह्मण भोजन के लिए बिना लहसुन-प्याज और कम तेल, मिर्च-मसाले का बना सात्विक भोजन जरूरी है। जिसमें चावल जरूर होने चाहिए।

घर पर ही कर सकते हैं श्राद्ध और तर्पण

  • श्राद्ध वाली तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं और जब तक श्राद्धकर्म न हो तब तक कुछ न खाएं। सिर्फ पानी पी सकते हैं। दोपहर 12 बजे के आसपास श्राद्ध किया जाता है।
  • दक्षिण दिशा में मुंह रखकर बांए पैर को मोड़कर, बांए घुटने को जमीन पर टीका कर बैठ जाएं।
  • इसके बाद तांबे के चौड़े बर्तन में जौ, तिल, चावल गाय का कच्चा दूध, गंगाजल, सफेद फूल और पानी डालें।
  • हाथ में कुशा घास रखें। फिर उस जल को दोनों हाथों में भरकर सीधे हाथ के अंगूठे से उसी बर्तन में गिराएं। इस तरह 11 बार करते हुए पितरों का ध्यान करें।-
  • महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं।
  • पितरों के लिए अग्नि में खीर अर्पण करें। इसके बाद पंचबलि यानी देवता, गाय, कुत्ते, कौए और चींटी के लिए भोजन सामग्री अलग से निकाल लें।
  • इसके बाद ब्राह्मण भोजन करवाएं और श्रद्धा के अनुसार दक्षिणा और अन्य सामग्री दान करें।

श्राद्ध यानी पितृ यज्ञ के 16 दिन
अथर्ववेद में कहा गया है कि जब सूर्य कन्या राशि में रहता है, तब पितरों को तृप्त करने वाली चीजें देने से स्वर्ग मिलता है। इसके साथ ही याज्ञवल्क्य स्मृति और यम स्मृति में भी बताया गया है कि इन 16 दिनों में पितरों के लिए विशेष पूजा और दान करना चाहिए। इनके अलावा पुराणों की बात करें तो ब्रह्म, विष्णु, नारद, स्कंद और भविष्य पुराण में बताया गया है कि श्राद्धपक्ष के दौरान पितरों की पूजा कैसे की जाए। ग्रंथों में कहा गया है कि पितृपक्ष शुरू होते ही पितृ मृत्युलोक में अपने वंशजों को देखने के लिए आते हैं और तर्पण ग्रहण करके लौट जाते हैं। इसलिए, इन दिनों में पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोजन और अन्य तरह के दान किए जाते हैं।

किसको श्राद्ध करने का अधिकार

  1. गौतमधर्मसूत्र का कहना है कि पुत्र न हो तो भाई-भतीजे, माता के कुल के लोग यानी मामा या ममेरा भाई या शिष्य श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। अगर इनमें से कोई भी न हो तो कुल-पुरोहित या आचार्य श्राद्ध कर्म कर सकते हैं।
  2. पिता के लिए पिण्ड दान और जल-तर्पण पुत्र को करना चाहिए पुत्र न हो तो पत्नी और पत्नी न हो तो सगा भाई भी श्राद्ध कर्म कर सकता है।
  3. विष्णुपुराण में कहा गया है कि मृत व्यक्ति के पुत्र, पौत्र, भाई की संतति पिण्ड दान करने के अधिकारी होते हैं।
  4. मार्कण्डेय पुराण में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति का पुत्र न हो तो उसकी बेटी का पुत्र भी पिण्ड दान कर सकता है। अगर वो भी न हो तो पत्नी बिना मंत्रों के श्राद्ध-कर्म कर सकती है। पत्नी भी न हो तो कुल के किसी व्यक्ति द्वारा श्राद्ध कर्म किया जा सकता है।
  5. माता-पिता कुंवारी कन्याओं को पिण्ड दान कर सकते हैं। शादीशुदा बेटी के परिवार में कोई श्राद्ध करने वाला न हो तो पिता उसको भी पिण्ड दान कर सकता है।
  6. बेटी का बेटा और नाना एक-दूसरे को पिण्ड दान कर सकते हैं। इसी तरह दामाद और ससुर भी एक दूसरे के लिए कर सकते हैं। बहु भी अपनी सास को पिण्ड दान कर सकती है।
पितृपक्ष कैलेंडर, किस दिन कौन सा श्राद्ध
दिन तिथि श्राद्ध विशेष
2 सितंबर, बुधवार प्रतिपदा का श्राद्ध
3 सितंबर, गुरुवार द्वितीया का श्राद्ध
4 सितंबर, शुक्रवार तृतीया का श्राद्ध
6 सितंबर, रविवार चतुर्थी का श्राद्ध
7 सितंबर, सोमवार पंचमी का श्राद्ध इस दिन भरणी नक्षत्र रहेगा। जिसके स्वामी यम हैं। इसलिए इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचमी पर अविवाहित मृत आत्माओं का श्राद्ध किया जाता है।
8 सितंबर, मंगलवार षष्ठी का श्राद्ध
9 सितंबर, बुधवार सप्तमी का श्राद्ध
10 सितंबर, गुरुवार अष्टमी का श्राद्ध
11 सितंबर, शुक्रवार नवमी का श्राद्ध इसे मातृ नवमी कहा जाता है। इस तिथि पर माता और अन्य सौभाग्यवती मृत महिलाओं का श्राद्ध किया जाता है।
12 सितंबर, शनिवार दशमी का श्राद्ध
13 सितंबर, रविवार एकादशी का श्राद्ध
14 सितंबर, सोमवार द्वादशी का श्राद्ध इस दिन उन मृत आत्माओं का श्राद्ध होता है जिन्होंने संन्यास ले लिया था।
15 सितंबर, मंगलवार त्रयोदशी का श्राद्ध इस दिन मृत बच्चों का श्राद्ध किया जाता है।
16 सितंबर, बुधवार चतुर्दशी का श्राद्ध इसे अपमृत्यु श्राद्ध भी कहते है। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध होता है जिनकी मृत्यु किसी हथियार, जहर या दुर्घटना से हुई हो।
17 सितंबर, गुरुवार सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध करने का विधान है।


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Pitru Paksh 2020: Shraddh Start Todays, important days Puja Vidhi and All About Pitru Paksh


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कौए, गाय, कुत्ते को पितृपक्ष में ग्रास क्यों दिया जाता है, पिंड चावल के क्यों बनाए जाते हैं, श्राद्ध में खीर-पुड़ी ही क्यों बनाते हैं, जानिए ऐसे ही 7 सवालों के जवाब

2 सितंबर को भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है। ये पक्ष 17 सितंबर तक चलेगा। इन दिनों में पितरों के पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म किए जाते हैं। खासतौर पर कौए, गाय और कुत्ते को भोजन देने की, चावल के बने पिंड का दान करने की परंपरा है। श्राद्ध पक्ष के संबंध में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। बिहार के गया में पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व है। गया के तीर्थ पुरोहित पं. गोकुल दुबे से जानिए पितृ पक्ष से जुड़े 7 सवालों के जवाब....

1. कौए, गाय और कुत्ते को भोजन क्यों खिलाया जाता है?

सभी पितरों का वास पितर लोक और कुछ समय यमलोक भी रहता है। पितृ पक्ष में यम बलि और श्वान बलि देने का विधान है। यम बलि कौए को और श्वान बलि कुत्ते को भोजन के रूप में दी जाती है। कौए को यमराज का संदेश वाहक माना गया है। यमराज के पास दो श्वान यानी कुत्ते भी हैं। इन्हीं की वजह से कौए और कुत्तों को भोजन दिया जाता है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है। इस वजह से गाय को भी भोजन दिया जाता है।

2. श्राद्ध में खीर पूड़ी ही क्यों खिलाई जाती है?

पितृ पक्ष में पका हुआ अन्न दान करने का विशेष महत्व है। खीर को पायस अन्न माना जाता है। पायस को प्रथम भोग मानते हैं। इसमें दूध और चावल की शक्ति होती है। धान यानी चावल ऐसा अनाज है, जो पुराने होने पर खराब नहीं होता। जितना पुराना होता है, उतना ही अच्छा माना जाता है। चावल के इसी गुण के कारण इसे जन्म से मृत्यु तक के संस्कारों में शामिल किया जाता है।

इसीलिए पितरों को खीर का भोग लगाते हैं। एक कारण लोक मान्यता भी है। भारतीय समाज में खीर-पुड़ी आमतौर पर विशेष तीज-त्योहारों पर बनने वाला पकवान है। पितृ पक्ष भी पितरों का त्योहार है। माना जाता है कि इन दिनों में पितर देवता हमारे घर पधारते हैं। उनके आतिथ्य सत्कार के लिए खीर-पुड़ी बनाई जाती है।

इसका एक व्यवहारिक कारण और है। सावन के महीने को पुराने समय में उपवास का महीना माना जाता था। कई लोग एक महीने तक उपवास करते थे, इससे उन्हें शारीरिक कमजोरी भी होती थी। भादौ मास में श्राद्ध में खीर पुड़ी का भोजन उन्हें शक्ति दे सके इसलिए भी इस परंपरा की शुरुआत की गई।

3. पिंडदान के पिंड चावल से ही क्यों बनाए जाते हैं?

सिर्फ चावल नहीं, पिंड कई तरह से बनाए जाते हैं। जौ, काले तिल से भी पिंड बनाए जाते हैं। चावल के पिंड को पायस अन्न मानते हैं। यही प्रथम भोग होता है। अगर चावल न हो तो जौ के आटे के पिंड बना सकते हैं। ये भी न हो तो केले और काले तिल से पिंड बनाकर पितरों को अर्पित कर सकते हैं।

चावल को अक्षत कहते हैं यानी जो खंडित न हो। चावल कभी खराब नहीं होते। उनके गुण कभी समाप्त नहीं होते। चावल ठंडी तासीर वाला भोजन है। पितरों को शांति मिले और लंबे समय तक वो इन पिंडों से संतुष्टि पा सकें, इसलिए पिंड चावल के आटे से बनाए जाते हैं।

4. श्राद्ध कर्म के समय अनामिका उंगली में कुशा क्यों पहनते हैं?

कुशा को पवित्री कहा जाता है। कुशा एक विशेष प्रकार की घास है। सिर्फ श्राद्ध कर्म में ही नहीं, अन्य सभी कर्मकांड में भी कुशा को अनामिका में धारण किया जाता है। इसे पहनने से हम पूजन कर्म के लिए पवित्र हो जाते हैं। कुशा में एक गुण होता है, जो दूर्वा में भी होता है। ये दोनों ही अमरता वाली औषधि हैं, ये शीतलता प्रदान करती हैं।

आयुर्वेद में इन्हें एसिडिटी और अपच में उपयोगी माना गया है। चिकित्सा विज्ञान कहता है कि अनामिका उंगली का सीधा संबंध दिल से होता है। अनामिका यानि रिंग फिंगर में कुशा बांधने से हम पितरों के लिए श्राद्ध करते समय शांत और सहज रह सकते हैं, क्योंकि ये हमारे शरीर से लगकर हमें शीतलता प्रदान करती है।

5. श्राद्ध करने के लिए दोपहर का समय ही श्रेष्ठ क्यों है?

मान्यता है पितृ पक्ष में दोपहर के समय किया गया श्राद्ध पितर देवता सूर्य के प्रकाश से ग्रहण करते हैं। दोपहर के समय सूर्य अपने पूरे प्रभाव में होता है। इस वजह से पितर अपना भोग अच्छी तरह ग्रहण कर पाते हैं। सूर्य को ही इस सृष्टि में एक मात्र प्रत्यक्ष देवता माना गया है जिसे हम देख और महसूस कर पाते हैं।

सूर्य को अग्नि का स्रोत भी माना गया है। देवताओं के भोजन देने के लिए यज्ञ किए जाते हैं। वैसे ही पितरों को भोजन देने के लिए सूर्य की किरणों को जरिया माना गया है।

6. श्राद्ध सबसे बड़ा या सबसे छोटा पुत्र ही क्यों कर सकता है?

ऐसा नहीं है। गया तीर्थ क्षेत्र में ऐसा विधान नहीं है। कोई भी पुत्र पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म करवा सकता है। यहां प्रचलित परंपरा के अनुसार, अगर किसी पिता की सभी संतानें अलग-अलग रहती हैं तो सभी को अलग-अलग पिंडदान आदि कर्म करवाना चाहिए।

7. किसी की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण क्यों पढ़ा जाता है?

गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक है। इस ग्रंथ में जन्म-मृत्यु से जुड़े रहस्य बताए गए हैं। इसमें कर्मों के आधार पर उनके फलों की जानकारी है। हमें जीवन कैसे जीना चाहिए, क्या काम करें और किन कामों से बचें, ताकि मृत्यु के बाद आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति हो सके, ये सारी बातें गरुड़ पुराण में दी गई हैं।



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