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रिपब्लिक TV के CEO विकास खानचंदानी को मुंबई किला कोर्ट ने 15 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। अदालत के इस फैसले के खिलाफ रिपब्लिक TV ग्रुप आज बॉम्बे हाईकोर्ट जाएगा। आज ही विकास के लिए जमानत की याचिका भी दायर होगी। विकास की गिरफ्तारी फेक TRP केस में हुई है।
खानचंदानी इस केस में गिरफ्तार होने वाले 13वें व्यक्ति हैं। इस मामले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट और डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह भी गिरफ्तार हो चुके हैं। विकास गिरफ्तार होने वाले रिपब्लिक टीवी के दूसरे अधिकारी हैं।
दो बार पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी
गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि खानचंदानी का बयान दो बार दर्ज किया गया था और उनकी भूमिका रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह से पूछताछ के दौरान सामने आई थी। जांच अधिकारी ने कहा, 'हमारे पास खानचंदानी के खिलाफ प्रत्यक्ष सबूत हैं और पहले से ही गिरफ्तार आरोपी घनश्याम सिंह के साथ उसका लिंक भी मिला है।'
वॉट्सऐप से मिले पुलिस को अहम सुराग
जांचकर्ताओं ने कहा कि खानचंदानी एक इंटरनल वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा थे, जिसमें LCN (लॉजिकल चैनल नंबर) पर चर्चा होती थी। क्राइम ब्रांच ने अदालत में पेश की गई चार्जशीट में उल्लेख किया था कि चैनल के अधिकारियों ने केबल ऑपरेटरों और मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (मल्टी सिस्टम ऑपरेटर) के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी को ड्यूल लॉजिकल चैनल नंबर (LCNs) या दो फ्रीक्वेंसी पर चलाया, जो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
क्या है फेक TRPकेस?
फेक TRP हेर-फेर घोटाला अक्टूबर में सामने आया था, जब हंसा के एक अधिकारी ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिक को गिरफ्तार किया गया था। नवंबर में, मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने कथित फर्जी टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स (TRP) मामले में 1,400 पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिसमें रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और न्यूज़ नेशन समेत छह चैनलों का नाम था। बताया गया था कि TRP बढ़ाने के लिए लगभग दो साल से पैसे दिए जा रहे थे।
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है। कई राज्यों में शीतलहर चलने लगी है। मौसम बदलने से जनजीवन पर असर पड़ा है। बर्फबारी की वजह से कहीं रास्ते बंद हैं, तो कहीं कोहरे के चलते ट्रैफिक पर असर पड़ रहा है। मौसम पर 7 राज्यों से रिपोर्ट...
हिमाचल: बर्फबारी के चलते 184 सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश के 3 इलाकों में टेंपरेचर माइनस में पहुंच गया है। केलांग का तापमान माइन (-) 10 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। कल्पा में माइनस 4.6 डिग्री और मनाली में -2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। केलांग में 10 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। कल्पा में 4 और मनाली में 2 सेमी बर्फबारी हुई है। ऐसे में प्रदेश में 3 नेशनल हाईवे समेत 184 सड़कें भी बंद हैं। सबसे ज्यादा 140 सड़कें लाहौल-स्पीति में बंद हैं।
मध्यप्रदेश: मावठे ने भिगोया, कोहरे की चादर से ढंका भोपाल
भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में सोमवार को लगातार चौथे दिन बारिश हो रही है। ठंड के सीजन में रविवार को पहली बार सबसे घना कोहरा भी छाया। सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक 4 घंटे विजिबिलिटी 300 मीटर रही। इसके साथ ही इंडिगो की दिल्ली फ्लाइट को इंदौर डायवर्ट किया गया, जो डेढ़ घंटे बाद भोपाल पहुंच सकी।
राजस्थान: ठंडी हवा चलने से गलन बढ़ी, 3 घंटे में 3 डिग्री गिरा पारा
पिछले दिनों के मुकाबले सर्दी तो बढ़ी है, लेकिन मिनिमम टेंपरेचर अभी भी सामान्य से ऊपर है। रविवार को दिनभर ठंडी हवाएं चलने से शाम को गलन बढ़ गई और तीन घंटे में पारा 3 डिग्री लुढ़ककर 22 डिग्री से 19 डिग्री पर आ गया। माउंट आबू में रात का पारा एक दिन में 1.5 और 2 दिन में 4 डिग्री लुढ़का है, जिससे कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। रविवार को मिनिमम टेंपरेचर 4 डिग्री और मैक्सिमम 19.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते आने वाले दिनों में प्रदेश में ठंड और बढ़ेगी।
हरियाणा: भिवानी में रात का पारा 6.7 डिग्री
पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश के बाद हरियाणा में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। भिवानी में रात का पारा देश के मैदानी इलाकों में सबसे कम 6.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। दिन का तापमान सामान्य से 8 डिग्री तक नीचे चला गया। करनाल और कुरुक्षेत्र में तापमान 14 डिग्री रहा।
गुजरात: 87 साल का रिकॉर्ड टूटा, दिसंबर में 45.4 मिमी बारिश
सूरत के इतिहास में पहली बार दिसंबर में 45.4 मिमी बारिश हुई। इससे 1933 की 42.4 मिमी बारिश का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को शहर का मिनिमम टेंपरेचर 20.4 डिग्री और मैक्सिमम 26.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि सोमवार से बादल छंट जाएंगे। इससे तापमान 30 डिग्री के ऊपर जाने की संभावना है।
बिहार: कोहरे के चलते फ्लाइट लेट, 8 ट्रेनें रद्द
पटना में घने कोहरे की वजह से पिछले 10 दिनों से रोज 15 से 20 फ्लाइट लेट हो रही हैं। रविवार को भी 14 फ्लाइट में देरी हुई। इनमें एक फ्लाइट 2 घंटे 15 मिनट और बाकी करीब एक घंटे की देरी से पटना में लैंड हुईं। कोहरे के चलते 16 दिसंबर से 2 फरवरी तक 8 स्पेशल ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
दिल्ली: कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने घने कोहरे की आशंका को देखते हुए दिल्ली में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों का कहना है कि 15 दिसंबर को दिल्ली में घना कोहरा छाएगा। दिल्ली में हुई बारिश की वजह से ठंड भी बढ़ गई है। मौसम विभाग का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के चलते तापमान में और गिरावट आएगी।
पंजाब के 12,797 गांवों के ज्यादातर पुरुष किसान आंदोलन का हिस्सा हैं। 3500 से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां अभी 10% पुरुष मौजूद हैं। ऐसे में महिलाएं घर से खेती तक, सारे काम संभाल रही हैं। पटियाला के गांव दौण कलां की दलजीत कौर के पति फौज में हैं। घर की ढाई एकड़ खेती ससुर जसवंत संभाल रहे थे। लेकिन, वे अब आंदोलन में दिल्ली गए हैं। घर की जिम्मेदारी दलजीत पर है। वह रोज खेत जाती हैं, फसल को पानी देना, खाद डालना और पशुओं के चारे का इंतजाम करना, उनका काम है।
दलजीत कहती हैं कि पति देश सेवा में हैं और ससुर अपनी जमीन बचाने के लिए दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये कानून हमें फिर बड़े घरानों का गुलाम बना देंगे, खेती हमारी ताकत है हम इसे किसी भी हालत में खोने नहीं देंगे। कई गांवों में पुरुषों की गैर-मौजूदगी में महिलाओं ने न सिर्फ खेती संभाली है, बल्कि सड़कों पर, टोल प्लाजा पर धरनों का क्रम भी नहीं टूटने दे रही हैं। घर-खेत का काम निपटाने के बाद वे करीब 150 धरनों पर पहुंच रही हैं।
धरना भी दे रहीं महिलाएं
दौण कलां के अलावा धरेड़ी जट्टा, चमारहेडी, आलमपुर, बोहड़पुर जन्हेडी समेत आसपास के कई गांवों में महिलाओं ने ना सिर्फ खेती संभाली है, बल्कि धरनों का क्रम भी नहीं टूटने दे रही हैं। घर और खेतों का काम पूरा करने के बाद खुद ट्रैक्टर चलाकर 150 धरनों पर पहुंच रही हैं।
दौण कलां की पंचायत मेंबर हरजीत कौर ने बताया कि पिछले करीबन 2 हफ्तों से ठंड में सड़कों पर बैठकर धरना दे रहे जो पुरुष थक गए हैं, उन्हें आराम देने के लिए घर भेजा जाएगा और वे पुरुषों की जगह दिल्ली में मोर्चा संभालेंगी। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों से भी महिलाएं दिल्ली जा रही हैं।
खाद डालना हो या दवा का छिड़काव, सब महिलाएं संभाल रहीं
संगरूर के गांव सेखूवास की मनजीत कौर का कहना है कि परिवार से 3 पुरुष दिल्ली गए हैं। घर में मैं, सास और बच्चे हैं। सुबह सास और बेटे के साथ खेत आ जाती हैं। यहां खाद, दवा छिड़क रही हैं। वह अकसर फोन पर पति को कहते है कि कोई टेंशन नहीं है। दिल्ली मोर्चे पर फतह करके ही लौटना।
कभी शौक के लिए ट्रैक्टर चलाया था, आज जरूरत बन गया
55 साल की हरजीत कौर नेे पति अवतार और बेटे को आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली भेज दिया। 10 एकड़ की खेती को नुकसान ना हो, इसलिए खुद ट्रैक्टर का स्टेयरिंग संभाल लिया। कहती हैं कि ट्रैक्टर का शौक पहले से था, लेकिन अब जरूरत बन गया है। पति और बेटे को कहा है- जीत कर आना।
राज्य के 150 से ज्यादा धरने महिलाओं के हवाले
मोगा, संगरूर, मानसा, होशियापुर, फजिल्का, पटियाला समेत प्रदेश के 22 जिलों में टोल प्लाजा और अन्य 150 से ज्यादा पक्के धरने चल रहे हैं। ज्यादातर महिलाएं घर और खेतों के काम के बाद धरने पर जाती हैं, ताकि चेन न टूटे। वे घरों से राशन और सूखी मिठाई बनाकर लाती हैं। ये सामान दिल्ली भेजा जाता है।
देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 98.84 लाख हो गया है। इनमें से 93.87 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, 1.43 लाख की मौत हो चुकी है और 3.51 लाख का इलाज चल रहा है। आज कुल संक्रमितों का आंकड़ा 99 लाख के पार हो सकता है। हालांकि, राहत की बात है कि एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या आज 3.50 लाख हो सकती है। दिसंबर के 13 दिनों में ही 76 हजार 363 एक्टिव केस कम हुए हैं।
रविवार को देश में 27 हजार 336 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए, 30 हजार 729 ठीक हुए और 338 की मौत हो गई। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।
कोरोना अपडेट्स
दिल्ली में कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 10 हजार के पार पहुंच गया है। अब तक 10 हजार 14 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 2 हजार 698, यानी 27% मौतें नवंबर में ही हुई हैं। अक्टूबर में 1161 और सितंबर में 929 लोगों ने जान गंवाई थी। दिसंबर के 13 दिनों में 754 लोगों की मौत हो चुकी है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज में कोरोना के एडवांस सिंप्टम्स नजर आए हैं। उन्हें रोहतक के पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (PGIMS) में भर्ती किया गया है। PGIMS के PRO डॉ. गजेंद्र सिंह ने कहा कि विज को रेमडेसिविर का एक कोर्स दिया जा चुका है। डॉक्टरों की एक टीम फैसला करेगी कि उन्हें प्लाज्मा थैरेपी दी जाए या नहीं।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने कहा है कि जनवरी से देश में वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। इस महीने के आखिर तक उनकी कंपनी की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल जाएगी। हालांकि, बड़े पैमाने पर यूज के लिए लाइसेंस मिलने में अभी समय लगेगा। पूनावाला ने कहा कि देश की 20% आबादी को वैक्सीन लग जाएगी तो अगले साल अक्टूबर तक हालात सामान्य होने लगेंगे।
5 राज्यों का हाल 1. दिल्ली
यहां रविवार को 1984 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 2539 लोग ठीक हुए और 33 की मौत हो गई। अब तक यहां 6 लाख 7 हजार 454 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 16 हजार 785 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 5 लाख 80 हजार 655 लोग ठीक हो चुके हैं।
2. मध्यप्रदेश
यहां रविवार को 1181 केस आए। यह बीते 26 दिनों में नए मरीजों का सबसे कम आंकड़ा है। इससे पहले 17 नवंबर को 922 केस आए थे। रविवार को राज्य में 1278 मरीज ठीक हो गए, जबकि 13 मरीजों की मौत हो गई। यहां अब तक 2 लाख 23 हजार 578 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 2 लाख 7 हजार 337 ठीक हो गए, जबकि 3 हजार 404 की मौत हो गई। अभी 12 हजार 837 का इलाज चल रहा है।
3. गुजरात
राज्य में रविवार को 1175 लोग संक्रमित पाए गए। 1347 लोग ठीक हुए और 11 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 27 हजार 683 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 13 हजार 198 मरीजों का इलाज चल रहा है। 2 लाख 10 हजार 314 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं, जबकि 4171 की मौत हो चुकी है।
4. राजस्थान
राज्य में रविवार को 1290 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 1468 लोग ठीक हुए और 14 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 91 हजार 289 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 16 हजार 629 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 72 हजार 118 लोग ठीक हो चुके हैं, 2542 की मौत हो चुकी है।
5. महाराष्ट्र
राज्य में 3717 लोग पिछले 24 घंटे के अंदर संक्रमित पाए गए। 3083 लोग ठीक हुए और 70 की मौत हो गई। अब तक 18 लाख 80 हजार 416 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 74 हजार 104 मरीजों का इलाज चल रहा है। 17 लाख 57 हजार 5 मरीज ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 48 हजार 209 हो गई है।
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.26 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5.08 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 16 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।
मलेशिया के प्रधानमंत्री मोहिदीन यासीन ने रविवार को देश की 70% आबादी के लिए वैक्सीन खरीदने का आदेश दिया। यासीन ने लोकल मीडिया से कहा- मैंने हेल्थ और साइंस मिनिस्ट्री को देश के लिए ज्यादा वैक्सीन लाने पर बात करने को कहा है। मलेशिया ने 30% लोगों के लिए ही वैक्सीन का आर्डर दिया है। फाइजर वैक्सीन के 1.28 करोड़ डोज लेने के लिए सौदा तय किया है। अब यह एस्ट्रेजेनेका की कोवैक्सिन खरीदेगा। बीते 24 घंटे में यहां 1229 संक्रमित सामने आए। इसके साथ देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 83 हजार के पार हो गया है।
इस बीच बहरीन ने चीन की फार्मा कंपनी सिनोफार्म की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसने टीका लगाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। 18 साल से ज्यादा लोग फ्री में वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। सिनोफार्म की इस वैक्सीन की मिस्र, बहरीन और जॉर्डन में तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है। देश में अब तक 89 हजार 143 लोग संक्रमित मिले हैं और 348 लोगों की मौत हुई है।
रूस में संक्रमितों का आंकड़ा 26 लाख के पार
रूस में बीते 24 घंटे में 28 हजार 80 संक्रमित मिले हैं। देश में अब तक 26 लाख से ज्यादा संक्रमित हुए हैं और 46 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हैं। यहां की राजधानी मॉस्को में बीते 24 घंटे में 75 संक्रमितों की मौत हुई है। इन सभी में पहले निमोनिया पाया गया था। बाद में जांच करने पर इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। रविवार को इन मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही अब तक यहां मरने वाले की संख्या 9945 हो गई है। मॉस्को में अब तक 6 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। देश में पिछले हफ्ते से वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है।
इजराइल तय समय से पहले शुरु कर सकता है वैक्सीनेशन
इजराइल अपना वैक्सीनेशन प्रोग्राम तय समय से पहले शुरू कर सकता है। यहां के हेल्थ मिनिस्टर युली एडेलस्टीन ने रविवार को कहा- पहले वैक्सीनेशन के लिए 27 दिसंबर का समय तय किया गया था। हालांकि, वैक्सीनेशन सेंटर्स पर तैयारियां करीब पूरी हो चुकी है। ऐसे में हम अगले महीने से वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू कर सकते हैं। फर्स्ट स्टेज में 60 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इजराइल में बीते हफ्ते फाइजर की वैक्सीन की पहली खेप पहुंची है। इजराइल में अब तक 3 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 2990 मौतें हुईं हैं।
ब्रिटेन में 24 घंटे में 18 हजार से ज्यादा मामले
ब्रिटेन में 24 घंटे में 18 हजार 447 मामले सामने आए और 144 मौतें हुईं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 18 लाख के पार हो गया है। यहां अब 64 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। देश के कई इलाकों में नए मामले बढ़े हैं। नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के चीफ ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री से 23 दिसंबर से 27 दिसंबर के बीच क्रिसमस की छुट्टियां में पाबंदियां सख्ती से लागू कराने के लिए कहा।
न्यूजीलैंड में विदेशी कैदियों की मुश्किलें बढ़ी
न्यूजीलैंड में विदेशी कैदियों की मुश्किलें बढ़ गई है। रिहाई के 10 महीने पूरे होने के बाद भी उन्हें वापस उनके देश नहीं भेजा जा सका है। फ्लाइट्स कम होने की वजह से ऐसा हुआ है। 8 दिसंबर तक करीब 15 ऐसे कैदी देश में मौजूद थे। मार्च में एयर न्यूजीलैंड ने इंटरनेशनल फ्लाइट्स 95% तक कम कर दी थी। देश के इमिग्रेशन मिनिस्टर क्रिस फाफोई ने रविवार को इसकी जानकारी दी। न्यूजीलैंड में अब तक 2096 संक्रमित मिले हैं और 25 से ज्यादा मौतें हुई हैं।
ATM खोलकर नकदी चोरी करने वाले मेवाती गैंग के दो बदमाशों को रविवार को सूरत में गिरफ्तार कर लिया गया। क्राइम ब्रांच ने जिस वक्त आरोपियों को गिरफ्तार किया, तब वे एक और ATM को निशाना बनाने वाले थे। गिरोह ATM से 20 लाख रुपए निकाल चुका था।
चौंकाने वाली बात यह है कि सरगना बिल्कुल अनपढ़ है। यह गिरोह सिर्फ केनरा बैंक के डी बोल्ट कंपनी के एटीएम को ही निशाना बनाता था। ऐसे में पुलिस ने केनरा बैंक से कह दिया है कि चोरी और ठगी से बचना है तो इस कंपनी के सारे एटीएम बदल दो। RBI की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, केनरा बैंक के देशभर में 9 हजार से ज्यादा एटीएम हैं।
ऐसे हैं चोर
सूरत के नानपुरा इलाके से आरोपी हनीफ सैयद और औसाफ हसन मोहम्मद सैयद की गिरफ्तारी हुई। दोनों यहां सारोली स्थित हारून लकड़ीवाले के गोदाम में किराए पर रहते थे। हनीफ छठवीं तो औसाफ तीसरी तक पढ़ा है। तीन फरार आरोपी साजिद खान, ज़हीर खान और इरफान खान सगे भाई हैं। मास्टरमाइंड साजिद समेत तीनों भाई अनपढ़ हैं।
ATM का सिर्फ डिस्प्ले खोलते, नकदी निकाल रिफंड भी करवा लेते थे
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, गिरोह दिन-रात दोनों समय वारदात करता था। इसकी किसी को भनक भी नहीं होती थी। पूरा ATM खोलने की बजाय नकली चाबी से सिर्फ डिस्प्ले खोलते। हर ट्रांजैक्शन के दौरान कैसेट से नोट ऊपर आते ही मशीन को ऑफ कर देते थे। ऊपर आ चुके नोट निकाल लेते। फिर कस्टमर केयर सेंटर को फोन करते कि खाते से पैसे कट गए, पर मिले नहीं। अकाउंट नंबर पर 19 बार 0 दिखाई देता तो वहां से रिफंड भी करवा लेते थे।
वडोदरा से मौका नहीं मिला तो सूरत आए
आरोपियों से 4 डेबिट कार्ड, 2 मोबाइल और समेत एक लाख 10 हजार का सामान मिला है। वडोदरा में मौका नहीं मिला तो सूरत आ गए थे। यहां इच्छापोर, अठवालाइंस और अडाजण थाना क्षेत्र के केनरा बैंक के ATM से चोरी कबूली है। साजिद, इरफान और जहीर 140 से ज्यादा ट्रांजेक्शन कर 20 लाख रुपए चुरा चुके हैं।
लोकेशन ट्रेस कर रही थी पुलिस, सूरत आते ही दबोचा
चार ATM का बैलेंस गड़बड़ होने पर जांच की गई। पुलिस द्वारा क्रॉस वैरिफिकेशन किया गया। डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जांच और फोटो से आरोपियों की पहचान कर ली गई। रविवार को दो आरोपियों की नानपुर में लोकेशन दिखी। केनरा बैंक के पास नजर रखी तो दोनों यहां घूमते हुए पकड़े गए।
देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 98.84 लाख हो गया है। इनमें से 93.87 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, 1.43 लाख की मौत हो चुकी है और 3.51 लाख का इलाज चल रहा है। आज कुल संक्रमितों का आंकड़ा 99 लाख के पार हो सकता है। हालांकि, राहत की बात है कि एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या आज 3.50 लाख हो सकती है। दिसंबर के 13 दिनों में ही 76 हजार 363 एक्टिव केस कम हुए हैं।
रविवार को देश में 27 हजार 336 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए, 30 हजार 729 ठीक हुए और 338 की मौत हो गई। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।
कोरोना अपडेट्स
दिल्ली में कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 10 हजार के पार पहुंच गया है। अब तक 10 हजार 14 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 2 हजार 698, यानी 27% मौतें नवंबर में ही हुई हैं। अक्टूबर में 1161 और सितंबर में 929 लोगों ने जान गंवाई थी। दिसंबर के 13 दिनों में 754 लोगों की मौत हो चुकी है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज में कोरोना के एडवांस सिंप्टम्स नजर आए हैं। उन्हें रोहतक के पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (PGIMS) में भर्ती किया गया है। PGIMS के PRO डॉ. गजेंद्र सिंह ने कहा कि विज को रेमडेसिविर का एक कोर्स दिया जा चुका है। डॉक्टरों की एक टीम फैसला करेगी कि उन्हें प्लाज्मा थैरेपी दी जाए या नहीं।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने कहा है कि जनवरी से देश में वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। इस महीने के आखिर तक उनकी कंपनी की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल जाएगी। हालांकि, बड़े पैमाने पर यूज के लिए लाइसेंस मिलने में अभी समय लगेगा। पूनावाला ने कहा कि देश की 20% आबादी को वैक्सीन लग जाएगी तो अगले साल अक्टूबर तक हालात सामान्य होने लगेंगे।
5 राज्यों का हाल 1. दिल्ली
यहां रविवार को 1984 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 2539 लोग ठीक हुए और 33 की मौत हो गई। अब तक यहां 6 लाख 7 हजार 454 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 16 हजार 785 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 5 लाख 80 हजार 655 लोग ठीक हो चुके हैं।
2. मध्यप्रदेश
यहां रविवार को 1181 केस आए। यह बीते 26 दिनों में नए मरीजों का सबसे कम आंकड़ा है। इससे पहले 17 नवंबर को 922 केस आए थे। रविवार को राज्य में 1278 मरीज ठीक हो गए, जबकि 13 मरीजों की मौत हो गई। यहां अब तक 2 लाख 23 हजार 578 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 2 लाख 7 हजार 337 ठीक हो गए, जबकि 3 हजार 404 की मौत हो गई। अभी 12 हजार 837 का इलाज चल रहा है।
3. गुजरात
राज्य में रविवार को 1175 लोग संक्रमित पाए गए। 1347 लोग ठीक हुए और 11 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 27 हजार 683 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 13 हजार 198 मरीजों का इलाज चल रहा है। 2 लाख 10 हजार 314 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं, जबकि 4171 की मौत हो चुकी है।
4. राजस्थान
राज्य में रविवार को 1290 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 1468 लोग ठीक हुए और 14 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 91 हजार 289 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 16 हजार 629 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 72 हजार 118 लोग ठीक हो चुके हैं, 2542 की मौत हो चुकी है।
5. महाराष्ट्र
राज्य में 3717 लोग पिछले 24 घंटे के अंदर संक्रमित पाए गए। 3083 लोग ठीक हुए और 70 की मौत हो गई। अब तक 18 लाख 80 हजार 416 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 74 हजार 104 मरीजों का इलाज चल रहा है। 17 लाख 57 हजार 5 मरीज ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 48 हजार 209 हो गई है।
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 19वां दिन है। वे आज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे भूख हड़ताल करेंगे, साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर धरने देंगे। किसानों ने रविवार को कुंडली बॉर्डर पर मीटिंग कर ये फैसले लिए। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन के संबंध में जो भी फैसला कुंडली बॉर्डर से होगा, वही आखिरी माना जाएगा।
केजरीवाल उपवास रखेंगे, अमरिंदर ने कहा- नौटंकी कर रहे
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने किसानों की भूख हड़ताल को समर्थन देते हुए कहा है कि वह खुद भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी भूख हड़ताल करने की अपील की है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के उपवास को नौटंकी बताया।
किसानों को मनाने के लिए अमित शाह सक्रिय
किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो गए हैं। अभी तक शाह की किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, पर अब हर मुद्दा वे खुद देख रहे हैं। इसे लेकर पिछले 2 दिन में शाह 5 से ज्यादा बैठक कर चुके हैं। सरकार हर राज्य के किसानों के लिए अलग स्ट्रैटजी बना रही है।
पंजाब के किसान नेताओं को शाह खुद समझाएंगे
किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अलग-अलग राज्यों और यूनियनों की जिम्मेदारी दी गई है। ये दोनों सभी से अलग-अलग बात करेंगे। लेकिन, पंजाब के किसान नेताओं की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने पास रखी है।
फिर शुरू हो सकती है बातचीत
दोनों पक्ष बातचीत की स्ट्रैटजी बनाने में जुटे हैं। किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार से वार्ता के लिए जाने वाले किसानों की संख्या कम की जाएगी। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नजर रखने की जरूरत है, ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हो। वहीं शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूरे मुद्दे पर चर्चा की है और जल्द ही किसानों को वार्ता के लिए बुलाया जाएगा।
पहली कड़ी में हमने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव और इसके सबसे अहम चरण यानी इलेक्टोरल कॉलेज के बारे में विस्तार से जाना। लेकिन, कहानी यहां खत्म नहीं होती। इलेक्टोरल कॉलेज या कहें राष्ट्रपति चुनाव का एक बेहद अहम हिस्सा अभी समझना बाकी है। इसे कहते हैं- विनर टेक ऑल सिस्टम (winner take all system).
कुछ एक्सपर्ट्स इसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का काला हिस्सा या ब्लैक पार्ट कहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2018 में इस पर मजाकिया टिप्पणी की थी। लेकिन, अमेरिका के 50 में से 48 राज्य इसे परंपरा के तौर पर स्वीकार करते आए हैं। 2016 में मतदाताओं ने तो हिलेरी क्लिंटन को जिताया था। लेकिन, राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रम्प। क्यों? इसी विनर टेक ऑल सिस्टम की वजह से। तो चलिए इस सिस्टम को समझते हैं।
जो जीता वो ही सिकंदर...
2016 में कैलिफोर्निया और टेक्सॉस राज्यों के चुनाव नतीजों को देखिए। बात जल्द समझ पाएंगे। टेक्सास में ट्रम्प को 52.2% और हिलेरी को 46.1% पॉपुलर वोट मिले। राज्य में कुल 38 इलेक्टोरल वोट थे। सभी ट्रम्प को मिले। हिलेरी को कुछ नहीं। कैलिफोर्निया में 55 इलेक्टोरल वोट थे। हिलेरी को 61% पॉपुलर वोट मिले। वे सभी 55 इलेक्टोरल वोट जीत गईं। अब सवाल यह कि आखिर दूसरे नंबर पर रहने वाले कैंडिडेट को कोई भी इलेक्टोरल वोट क्यों नहीं मिला? इसकी वजह विनर टेक्स ऑल सिस्टम है।
आखिर क्या बला है ये ‘विनर टेक ऑल’
दरअसल, इस सिस्टम का सीधा सा गणित यह है कि अगर किसी कैंडिडेट को एक राज्य में 50% से ज्यादा पॉपुलर वोट मिल जाएंगे तो उस राज्य के तमाम इलेक्टोरल वोट भी उस कैंडिडेट को मिलना तय हो जाएगा। दूसरे स्थान पर रहा कैंडिडेट खाली हाथ रहेगा। 2016 में ट्रम्प के साथ टेक्सास और हिलेरी के साथ कैलिफोर्निया में यही हुआ। मायने और नेब्रास्का जैसे दो छोटे राज्य इस सिस्टम को फॉलो नहीं करते। उनका इससे मिलती जुलती अलग व्यवस्था है। बाकी 48 राज्य विनर टेक ऑल पर ही चलते हैं।
थोड़ा और समझिए
2016 में हिलेरी क्लिंटन को 48.2% जबकि ट्रम्प को 46.1% पॉपुलर वोट मिले थे। लेकिन, मामला जब इलेक्टोरल कॉलेज पहुंचा तो ट्रम्प ने बाजी पलट दी। बड़े राज्यों में वे जीते थे। विनर टेक ऑल सिस्टम के चलते इलेक्टोरल कॉलेज में उन्हें कुल 304 जबकि हिलेरी को 227 वोट मिले। यानी जिसे जनता ने कम पसंद किया, वो विनर टेक ऑल की वजह से राष्ट्रपति बन गया।
क्या दल-बदल जैसा कुछ भी मुमकिन है?
आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। क्योंकि, इलेक्टर्स अपनी पार्टी और कैंडिडेट की शपथ से बंधे होते हैं। 29 राज्यों में कानून है कि अगर इलेक्टर्स ने शपथ तोड़कर दूसरे कैंडिडेट को वोट दिया तो कार्रवाई होगी। लेकिन, सजा का प्रावधान किसी राज्य में नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में अब तक 163 बार ऐसा हो चुका है जब इलेक्टर्स ने शपथ तोड़कर विरोधी उम्मीदवार को टिकट दे दिया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि शपथ भंग करने वाले इलेक्टर्स को सजा होनी चाहिए, लेकिन राज्य या केंद्र ऐसा कोई कानून नहीं बनाते।
आलोचना क्यों होती है?
कई लोग ये मानते हैं कि अमेरिका में टू पार्टी सिस्टम है। यानी सिर्फ दो ही पार्टियां हैं- रिपब्लिकन और डेमोक्रेट। लेकिन, सच यह है कि वहां भी हमारी तरह बहुदलीय व्यवस्था यानी मल्टी पार्टी इलेक्टोरल सिस्टम है। ग्रीन पार्टी भी है। बहुत छोटी पार्टी और क्षेत्रीय दल जैसी है। लिहाजा, बहुत जिक्र नहीं किया जाता। विनर टेक ऑल के बारे में कहा जाता है कि इससे बड़े राज्यों को फायदा और छोटे राज्यों को नुकसान होता है। बड़ी पार्टियां फायदे में रहती हैं और छोटी नुकसान में। कुछ लोग तो कहते हैं कि विनर टेक ऑल की वजह से ही अमेरिका में नस्लवाद बढ़ा। क्योंकि, अश्वेत आबादी छोटे राज्यों और छोटे शहरों में ज्यादा है।
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 19वां दिन है। वे आज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे भूख हड़ताल करेंगे, साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर धरने देंगे। किसानों ने रविवार को कुंडली बॉर्डर पर मीटिंग कर ये फैसले लिए। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन के संबंध में जो भी फैसला कुंडली बॉर्डर से होगा, वही आखिरी माना जाएगा।
केजरीवाल उपवास रखेंगे, अमरिंदर ने कहा- नौटंकी कर रहे
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने किसानों की भूख हड़ताल को समर्थन देते हुए कहा है कि वह खुद भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी भूख हड़ताल करने की अपील की है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के उपवास को नौटंकी बताया।
किसानों को मनाने के लिए अमित शाह सक्रिय
किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो गए हैं। अभी तक शाह की किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, पर अब हर मुद्दा वे खुद देख रहे हैं। इसे लेकर पिछले 2 दिन में शाह 5 से ज्यादा बैठक कर चुके हैं। सरकार हर राज्य के किसानों के लिए अलग स्ट्रैटजी बना रही है।
पंजाब के किसान नेताओं को शाह खुद समझाएंगे
किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अलग-अलग राज्यों और यूनियनों की जिम्मेदारी दी गई है। ये दोनों सभी से अलग-अलग बात करेंगे। लेकिन, पंजाब के किसान नेताओं की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने पास रखी है।
फिर शुरू हो सकती है बातचीत
दोनों पक्ष बातचीत की स्ट्रैटजी बनाने में जुटे हैं। किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार से वार्ता के लिए जाने वाले किसानों की संख्या कम की जाएगी। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नजर रखने की जरूरत है, ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हो। वहीं शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूरे मुद्दे पर चर्चा की है और जल्द ही किसानों को वार्ता के लिए बुलाया जाएगा।
from Dainik Bhaskar /national/news/farmers-protest-kisan-andolan-delhi-burari-live-updates-haryana-punjab-delhi-chalo-march-latest-news-today-14-december-128011384.html
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नमस्कार!
सुपरस्टार कमल हासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि जब देश कोरोना से जूझ रहा है, तो फिर नए संसद भवन की क्या जरूरत है? वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान आज भूख हड़ताल करेंगे। बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।
आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर
किसानों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उपवास करेंगे। उन्होंने सभी लोगों से इस अनशन में शामिल होने की अपील की है।
अमेरिका में इलेक्टोरल कॉलेज वोटिंग होगी। इसके बाद प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन की जीत पर मुहर लगेगी।
देश-विदेश
15 दिन की जंग के लिए गोला-बारूद स्टॉक कर रही सेना
भारत सरकार ने LAC पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच तीनों सेनाओं को 15 दिन की जंग के हिसाब से गोला-बारूद और हथियार जमा करने की छूट दे दी है। इससे पहले, सेनाएं 10 दिन की जंग के हिसाब से हथियार जुटाती थीं। इसके तहत देश-विदेश से 50 हजार करोड़ के हथियार खरीदने की योजना है।
पंजाब के DIG का इस्तीफा, बोले- किसानों के लिए लड़ूंगा
कृषि कानूनों के खिलाफ 18 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अब पंजाब पुलिस भी आ गई है। राज्य के DIG (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को इस्तीफा दे दिया। जाखड़ ने लिखा- मैं खुद एक किसान का बेटा हूं, इसलिए इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहता हूं। भाइयों के हक के लिए लड़ना चाहता हूं।
ममता के मंत्री बोले- भाजपा सीएम की हत्या की साजिश रच सकती है
पश्चिम बंगाल में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले का मामला तूल पकड़ रहा है। राज्य की ममता बनर्जी सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा- नड्डा के काफिले पर हमले की साजिश भाजपा ने ही रची थी। अगर भाजपा राज्य में अगला चुनाव नहीं जीत पाई तो वह ममता की हत्या की साजिश भी रच सकती है।
मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया के CEO को अरेस्ट किया
मुंबई पुलिस ने रविवार को न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी के CEO विकास खानचंदानी को अरेस्ट कर लिया। यह गिरफ्तारी फर्जी TRP के मामले में की गई। मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब दो महीने पहले इस स्कैम का खुलासा किया था। इसके अलावा दो मराठी चैनलों बॉक्स सिनेमा और फकत मराठी पर भी फर्जी TRP जुटाने के आरोप थे।
बाइडेन की जीत पर मुहर लगाएगा इलेक्टोरल कॉलेज
तीन नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हुए। जो बाइडेन जीते और डोनाल्ड ट्रम्प हारे। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया जटिल है। बाइडेन को प्रेसिडेंट इलेक्ट भले ही कहा जा रहा हो, लेकिन आधिकारिक तौर पर उनके राष्ट्रपति बनने का ऐलान 6 जनवरी को होगा। इसके पहले सबसे अहम चरण इलेक्टोरल कॉलेज वोटिंग है। यह 14 दिसंबर को होगी।
एक्सप्लेनर
जानें मनमोहन से मोदी तक कितनी बढ़ी किसानों की कमाई?
एक तरफ किसान नए कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं, उधर सरकार ने 2022 तक किसानों की कमाई दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन यह कैसे होगा? किसानों की कमाई कितनी है? मनमोहन से मोदी तक कितनी बढ़ी किसानों की कमाई? आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें।
पॉजिटिव खबर
शादी के 6 महीनों बाद गर्भवती हुई और रिपोर्ट आई HIV+
यह कहानी है गुजरात की दक्षा पटेल की। 1997 में उनकी शादी हुई। उन्होंने खुशी-खुशी गृहस्थी की शुरुआत की और 6 महीनों के बाद गर्भवती हुईं। लेकिन, रिपोर्ट HIV+ आई। उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। वे गर्भ धारण नहीं कर सकीं। दक्षाबेन ने GSNP+ नाम का संगठन बनाया। अब तक वे 74 हजार लोगों की मदद कर चुकी हैं।
देश के टॉप-10 संक्रमित राज्यों में सबसे ज्यादा टेस्टिंग राजधानी दिल्ली में हुई। यहां दो करोड़ की आबादी में अब तक 33.61% लोगों की जांच हो चुकी है।
श्रीनगर की डल झील में रविवार को रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों से भरी एक नाव पलट गई। सभी लोगों को बचा लिया गया।
केरल के CM पिनरई विजयन ने शनिवार को राज्य में सभी को फ्री वैक्सीन देने की बात कही थी। रविवार को विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग (EC) में इसकी शिकायत की।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को कोरोना के एडवांस लक्षणों के चलते रोहतक के पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (PGIMS) में भर्ती कराया गया है।
कहानी- संत कबीरदास कपड़ा बुनने का काम करते थे। वे इस काम के साथ ही भगवान का स्मरण भी करते रहते थे। सुबह से शाम तक वे ये दोनों काम साथ में ही करते थे।
एक व्यक्ति ने कबीरदास से पूछा, 'आप भक्त हैं, आपकी गतिविधि धार्मिक है। लेकिन, मैं देखता हूं कि आप हमेशा कपड़ा ही बुनते रहते हैं तो ऊपर वाले को याद कब करते हैं, भक्ति कब करते हैं?'
कबीरदास दूसरों के प्रश्नों के उत्तर अलग ही अंदाज में देते थे। उन्होंने उस व्यक्ति से कहा, 'चलो आगे चौराहे तक थोड़ा घूम आते हैं।'
दोनों साथ चल दिए। रास्ते में एक महिला पनघट से पानी भरकर लौट रही थी। उसके सिर पर पानी से भरा घड़ा रखा था। वह अपनी मस्ती में गीत गाते हुए चल रही थी। उसने घड़े को भी पकड़ा नहीं था, लेकिन घड़ा सिर पर स्थिर था, वह गिर नहीं रहा था और घड़े का पानी भी छलक नहीं रहा था।
कबीरदास ने उस व्यक्ति से कहा, 'इस स्त्री को देख रहे हो? ये अपने घर के लिए पानी लेकर मस्ती में गीत गाते हुए जा रही है। इसका ध्यान अपने घड़े पर भी है, अपने गाने पर भी और रास्ते पर भी। बस मैं इसी सिद्धांत को अपने जीवन में अपनाता हूं। मेरा मन ईश्वर में भी लगा है और मैं दुनियादारी के काम भी नहीं छोड़ता हूं।'
सीख- जीवन संतुलन का नाम है। हमें भी धन कमाने के साथ ही भक्ति भी करते रहना चाहिए। भक्ति से मन की अशांति दूर हो सकती है और कर्म करने की शक्ति मिल सकती है।
एड्स एक गंभीर और जानलेवा रोग है। एक समय ऐसा था कि लोग एड्स पीड़ितों से दूर भागते थे। कुछ ऐसा ही 1997 में दक्षा पटेल के साथ भी हुआ। शादी के बाद खुशी-खुशी गृहस्थी की शुरुआत की और 6 महीनों के बाद गर्भवती हुईं। लेकिन इसी दौरान उनकी मेडिकल रिपोर्ट ने उनके होश उड़ा दिए, क्योंकि रिपोर्ट से पता चला कि वे HIV पॉजिटिव हैं।
उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा और वे गर्भ धारण नहीं कर सकीं। लगातार मौत का इंतजार कर रही दक्षाबेन ने निराशा को दूर करने का फैसला किया और उन जैसे लोगों की मदद के बारे में सोचा। इसके लिए उन्होंने एक संगठन बनाया और आज का उनके द्वारा स्थापित संगठन गुजरात स्टेट नेटवर्क ऑफ पीपुल लिविंग विथ एचआईवी एड्स (GSNP+) 74 हजार लोगों को दवाओं से लेकर तमाम तरह की सहायता प्रदान कर रहा है।
दक्षाबेन पटेल बताती हैं, ‘मेरा परिवार गुजरात के सौराष्ट्र से सूरत शिफ्ट हो गया था। इस तरह मेरा बचपन और फिर पढ़ाई भी सूरत में ही हुई। शादी के बाद 1997 में मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बीमारी की गंभीरता के बारे में सुनकर तो मेरे जीवन में अंधकार फैल गया था।
लेकिन मैंने अपने आपको ही नहीं, बल्कि मेरे जैसे लोगों को इस निराशा से निकालने का फैसला किया और HIV पॉजिटिव साथी मरीजों के साथ मिलकर 2003 में 'गुजरात स्टेट नेटवर्क ऑफ पीपुल लिविंग विद एचआईवी' की स्थापना की। आज हमारे संगठन का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है।
संगठन के माध्यम से करीब 74 हजार पॉजिटिव लोगों को परिवार मिल गया है। हालांकि, मेरा यह संघर्ष आसान नहीं था। परिवार और खासतौर पर पति का मुझे बहुत सपोर्ट मिला और मैं आगे बढ़ती चली गई। आज मेरे जीवन का संघर्ष सिर्फ मेरा ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए है।’
22 साल पहले डॉक्टर ने कहा था कि तुम पांच महीनों से ज्यादा जी नहीं पाओगी
दक्षाबेन कहती हैं ‘परिवार का सपोर्ट मिला तो मुझे ताकत और मेरे जीवन को दिशा भी मिली। उस समय सूरत में HIV पॉजिटिव के सिर्फ 35 केस ही थे। मैंने देखा कि इन लोगों के साथ लोग अछूतों जैसा व्यवहार करते थे और इनसे दूर रहा करते थे। मैं इनसे मिली और इसके बाद 6 साल तक इनके साथ रहकर शरीर को फिट रखने की हर तरह की कोशिश की। इसके बाद इन्हीं लोगों के साथ मिलकर 'गुजरात स्टेट नेटवर्क ऑफ पीपुल लिविंग विद एचआईवी' की स्थापना की।
मुझसे करीब 22 साल पहले डॉक्टर ने कहा था कि तुम पांच महीनों से ज्यादा जी नहीं पाओगी, लेकिन आज 22 साल बाद भी मैं सामान्य जीवन जी रही हूं। दरअसल, जब लोग HIV पॉजिटिव लोगों से दूर रहने की कोशिश करते हैं, तब खुद मरीज अपने आपको समाज से दूर रखने लग जाता है। लेकिन मैं दोनों की विचारधारा को बदलने में लगभग कामयाब रही।
आज HIV पॉजिटिव लोग भी सामान्य लोगों की तरह सोसायटी में रहते हैं और दूसरों की मदद करने के अपने ध्येय में जी-जान से लगे हुए हैं। यहां मैं भी पति के साथ पिछले 22 सालों से सामान्य जीवन जी रही हूं।’
वो कहती हैं कि 1997 में HIV मरीजों का इलाज करने में तो डॉक्टर्स तक हिचकते थे। उस समय मरीजों को अपनी एक महीने की दवा के लिए ही कम से 25 हजार रुपए खर्च करने पड़ते थे। यह खर्च सामान्य मरीजों के लिए तो मुमकिन ही नहीं।
मैंने सबसे पहले इसी बात पर ध्यान दिया और अपने संगठन के माध्यम से गांधीनगर में एक रैली भी निकाली थी। इसका सुखद परिणाम यह रहा कि अब राज्य सरकार एड्स के साथ टीबी और कैंसरग्रस्त मरीजों को भी मुफ्त इलाज दे रही है।
दक्षाबेन बताती हैं ‘हमारे संगठन द्वारा अब मैरिज ब्यूरो भी संचालित किया जा रहा है। इसके तहत HIV लोग अपने जीवन साथी को चुन सकते हैं। अभी तक हम ऐसे 12 लोगों की शादी भी करवा चुके हैं और ये कपल आज सुखी जीवन जी रहे हैं। उन्हें नियमित रूप से हमारे संगठन द्वारा दवाइयां पहुंचाई जाती हैं। आज हमारा संगठन गुजरात के 25 जिलों में कार्यरत है।
इसके अलावा संगठन का काम एड्स से बचाव करवाना भी है, जिसके तहत हम अन्य बहनों को जागरूक करते हैं कि वे इस बीमारी की चपेट में आने से कैसे बच सकती हैं। दक्षाबेन का संगठन 2 वर्ष से लेकर 65 साल तक के मरीजों को निःशुल्क दवाएं दे रहा है। वहीं, दूर-दराज इलाकों से आने वाले मरीजों को मुफ्त दवाइयों के साथ यात्रा खर्च भी दिया जाता है।
एड्स जैसी घातक बीमारी के बारे में दक्षाबेन बताती हैं कि इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं। पहले इसे लेकर इतनी भ्रांतियां फैला दी गई थीं कि मरीज मानसिक रूप से ही टूट जाता था। जबकि इस बीमारी से लंबे समय तक लड़ा जा सकता है।
आज लगभग प्रत्येक जिले में मरीजों के लिए शासकीय सेंटर हैं, जहां से मुफ्त में दवाएं और स्टाफ से मार्गदर्शन भी लिया जा सकता है। पॉजिटिव रहते हुए आप बिल्कुल सामान्य इंसानों की तरह अपना जीवन जी सकते हैं। हां, इसकी दवाएं नियमित रूप से लेना बहुत जरूरी है।
आज कहानी उन तीन डॉक्टर्स की, जो कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए खुद संक्रमित हुए और उनकी मौत हो गई। हमने इनके परिजन से बात कर जाना कि उन्हें सरकार से क्या मदद मिली और अब परिवार के हालात कैसे हैं?
बेटे की मौत के बाद पत्नी भी चल बसी
27 साल के डॉ. जोगिंदर चौधरी की 26 जुलाई को कोरोनावायरस से मौत हो गई थी। वो दिल्ली के डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल में नौकरी कर रहे थे। कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए ही वो कोरोना संक्रमित हुए थे। मौत को चार महीने से ज्यादा बीत चुका है। मीडिया में कुछ दिन उनकी मौत सुर्खियों में थी, अब कहीं कुछ नहीं है।
उनके पिता राजेंद्र चौधरी ने बताया, 'पत्नी को बेटे की मौत का गहरा सदमा लगा था। बेटे की मौत के 18 दिन बाद वो भी चल बसी।' उनकी मौत कैसे हुई? ये पूछने पर बोले, 'शासन ने तो उसे कोरोना पॉजिटिव बताया था। सिविल अस्पताल में भर्ती किया। वहां से रतलाम के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया, वहीं उसकी मौत हो गई।'
राजेंद्र चौधरी के परिवार में अब छोटा बेटा और उसकी पत्नी और बेटी है। कहते हैं, 'मैंने छोटे बेटे की शादी बड़े से पहले कर दी थी, क्योंकि पत्नी की तबियत कुछ ठीक नहीं रहती थी। जोगिंदर को तो डॉक्टरी पढ़ने चीन भेजा था। दिल्ली में नौकरी लग गई थी। सोचा था अगले साल धूमधाम से शादी करेंगे, लेकिन किस्मत ने उसकी अर्थी उठवा दी।'
आपको सरकार से क्या मदद मिली? इस सवाल पर बोले, 'कौन सी सरकार...दिल्ली वाली या मप्र वाली। दिल्ली वाली ने तो एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी है, लेकिन मप्र सरकार की तरफ से कोई मिलने तक नहीं आया।' क्या दिल्ली सरकार ने कुछ और भी आपके लिए किया है?
इस पर कहा, 'हां छोटे बेटे को नौकरी देने की बात कही है। शायद उसकी फाइल भी चल रही है, लेकिन मेरे पास लिखित में कुछ नहीं है।' राजेंद्र चौधरी मप्र के नीमच जिले में आने वाले झांतला गांव में रहते थे। पेशे से किसान हैं। बड़े बेटे को डॉक्टर इसलिए बनाया था ताकि परिवार खेती पर निर्भर न रहे। कहते हैं, 'जवान लड़का चला गया, पत्नी चली गई, अब तो जिंदगी दुखों सी भरी लगती है।'
यह पहाड़ जैसी जिंदगी तो हमें अकेले ही काटनी है...
'मेरे बेटे की 31 मार्च को ही इंटर्नशिप कम्पलीट हुई थी। 2 अप्रैल को उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में नौकरी ज्वॉइन करने के ऑर्डर भी मिल गए। पहले तो आठ दिन कोरोना वार्ड में ड्यूटी करता था और आठ दिन क्वारैंटाइन रहता था, लेकिन अगस्त के बाद से लगातार नौकरी कर रहा था। पंद्रह दिन आईसीयू में रहता था और पंद्रह दिन कोरोना के जनरल वार्ड में ड्यूटी करता था।'
मैंने उसे कई बार कहा, 'बेटा तुम्हें पीजी करना है, अभी ड्यूटी छोड़ दो, पहले पढ़ाई पूरी कर लो। लेकिन, उसने मेरी एक बात न मानी। नौकरी के जुनून ने ही उसे मौत तक पहुंचा दिया और आज इसका खामियाजा हम भुगत रहे हैं। सीनियर्स ने उससे लगातार काम करवाया।' यह दर्द सुदामा उपाध्याय का है।
वो कोरोना के चलते जान गंवाने वाले डॉक्टर शुभम उपाध्याय के पिता हैं। हमने उनसे पूछा कि क्या आपको सरकार से कोई मदद मिली? उन्होंने कहा, 'कोई मदद नहीं मिली। शुभम के जूनियर-सीनियर जरूर मदद के लिए आए थे। अस्पताल में भी वो रहे, लेकिन अब वो भी बेचारे कितने दिनों तक साथ देंगे। यह पहाड़ जैसी जिंदगी तो हमें ही काटनी होगी। अब छोटे बेटे को देखकर जी रहे हैं। शासन-प्रशासन, मीडिया सब कुछ दिनों के लिए होते हैं। घर में कैसे हम एक-एक दिन काट रहे हैं, यह बता नहीं सकते।'
सुदामा खुद भी हेल्थ डिपार्टमेंट में ही है। उनका छोटा बेटा सेकंड ईयर में है। वो कहते हैं, 'शुभम तो मां का बेटा था। न लौंग खाता था न सुपाड़ी। बाहर नाश्ता करने तक निकलता था तो मां से बिना पूछे नहीं जाता था। अब हमारे लिए जीना मजबूरी की तरह है। छोटे बच्चे को पालना है तो जीना तो पड़ेगा ही।'
शुभम के घर शासन-प्रशासन से अब तक मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा। शुभम ने इंदौर में दो साल कोचिंग की थी। इसके बाद पांच साल मेडिकल की पढ़ाई की। परिवार ने इन सात सालों में करीब दस लाख रुपए उनकी पढ़ाई पर खर्च किए। जनवरी-2021 से उनका पीजी शुरू होने वाला था।
घरवालों ने सोच रखा था कि अगले साल शादी भी कर देंगे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। शुभम का मामला मीडिया में हाइलाइट होने के बाद शिवराज सरकार ने उनके इलाज के लिए एक करोड़ रुपए मंजूर किए थे, लेकिन चिरायु हॉस्पिटल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
वो कहते थे काम मत छोड़ना, हम वही कर रहे हैं...
'मेरे पति डॉ. अजय जोशी अप्रैल से ही कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे थे। 23 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 24 मई को उन्हें चोइथराम हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया, 9 जून को वे दुनिया छोड़ गए। उनकी मौत हुए करीब 6 माह हो गए, लेकिन अब तक ऐसा लगता नहीं कि वो हमारे बीच हैं नहीं।
वो हमेशा से यही कहते थे कि कभी भी अपना काम करना मत छोड़ना, चाहे कुछ भी हो जाए। हमने ऐसा ही किया। उनकी तेरहवीं होने के बाद 14वें दिन मैं दोबारा क्लीनिक पर काम करने लौट गई। अगस्त से मेरे बेटे ने हॉस्पिटल में अपना जिम्मा संभाल लिया और बेटी ने तो उनके गुजर जाने के तीन दिन बाद ही वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया था।'
यह कहना है कि डॉ. श्रीलेखा जोशी का। डॉ. जोशी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। उनका बेटा इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में हड्डी रोग विशेषज्ञ है और बेटी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रही है। डॉ. अजय जोशी इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक और सर्जरी विभाग के एचओडी थे।
हमने डॉ. श्रीलेखा से पूछा कि आपको सरकार से क्या मदद मिली? तो उन्होंने कहा, 'कलेक्टर और चीफ सेक्रेटरी ने काफी मदद की। 50 लाख रुपए की सहायता राशि भी मिली। इन सबके अलावा रिश्तेदारों और जानने वालों ने हमें बहुत हेल्प की। इसी कारण शायद दुखों का जो पहाड़ हम पर टूटा था, उससे हम बाहर निकल पाए।'
परिवार में इतनी बड़ी घटना हो गई, अब क्लीनिक जाने में डर लगता है? ये पूछने पर बोलीं, 'प्रोफेशन ने सब डर खत्म कर दिया। कई कोरोना पॉजिटिव क्लीनिक पर आते हैं। बेटा भी अपने विभाग में कई कोरोना पॉजिटिव से मिलता है, लेकिन अब इस डर से काम करना बंद थोड़ी कर देंगे। हम सभी तरह की सावधानियां रखते हुए अपना काम कर रहे हैं।'
खेती से जुड़े तीन कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को दो हफ्ते हो चुके हैं, लेकिन विरोध कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। किसान तीनों ही कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। जबकि, सरकार इसमें किसानों के हिसाब से संशोधन करने के लिए तैयार है। सरकार खुद को किसानों का हितैषी भी बताती है। सरकार ने 2022 तक किसानों की कमाई दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन, ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि किसान की कमाई कितनी है?
ये जानने के लिए हमने मोदी सरकार और मनमोहन सरकार के समय हुए दो सर्वे की मदद ली। इन दोनों ही सर्वे के आंकड़ों से पता चला कि मनमोहन सरकार में भी किसानों की कमाई कुछ ज्यादा नहीं थी और मोदी सरकार में भी नहीं। मनमोहन सरकार में हुए सर्वे में किसानों की हर महीने की कमाई 6,426 रुपए बताई गई थी। जबकि, मोदी सरकार में हुए सर्वे में किसानों की कमाई 8,931 रुपए बताई। यानी, मनमोहन से लेकर मोदी सरकार तक किसानों की महीने की कमाई महज 2 हजार 505 रुपए ही बढ़ी।
इतना ही नहीं देश के 22.5% किसान गरीबी रेखा से नीचे आते हैं, यानी हर 10 में से 2 किसान। इनमें सबसे ज्यादा 45.3% किसान झारखंड के हैं। पंजाब के 0.5% किसान ही गरीबी रेखा से नीचे हैं, जबकि हरियाणा में ये आंकड़ा 4.3% है।
अब आते हैं मनमोहन सरकार और मोदी सरकार में हुए सर्वे के नतीजों पर, क्योंकि विरोध मोदी सरकार में हो रहा है इसलिए पहले मोदी सरकार का सर्वे।
मोदी सरकार का सर्वेः हर महीने की कमाई 8,391 रुपए
केंद्र सरकार का एक बैंक है, नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट। इसे NABARD भी कहते हैं। इस बैंक को खेती से जुड़ा लेन-देन ही देखता है। इस बैंक की अगस्त 2018 में एक रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट में 2016-17 में हुए सर्वे के आंकड़े थे। इसमें किसान हर महीने कितना कमाते हैं और कितना खर्च करते हैं, इसकी जानकारी थी।
कमाईः 2016-17 में किसान परिवारों की हर महीने की कमाई 8 हजार 931 रुपए थी। यानी, सालाना 1 लाख 7 हजार 172 रुपए। इनमें भी सबसे ज्यादा कमाई पंजाब और हरियाणा के किसान परिवारों की ही होती है। पंजाब में किसान हर महीने 23 हजार 133 रुपए और हरियाणा में 18 हजार 496 रुपए कमाई करते हैं।
खर्चः देशभर के किसानों ने 2016-17 में हर महीने कमाई तो की 8 हजार 931 रुपए की, लेकिन इसमें से 6 हजार 646 रुपए तो खर्च ही कर दिए। हालांकि, ये 6 हजार 646 रुपए का खर्च किसान और गैर-किसान दोनों परिवारों का है। फिर भी इसे देखें तो जितना कमाया, उसमें से 75% का खर्च भी हो गया। फिर सेविंग तो हो ही नहीं पाई। सबसे ज्यादा 11 हजार 707 रुपए पंजाब के ग्रामीण परिवारों ने खर्च किए। जबकि, सबसे कम 5 हजार 249 रुपए पश्चिम बंगाल के परिवारों ने खर्च किए।
मनमोहन सरकार का सर्वेः हर महीने की कमाई 6,426 रुपए
केंद्र सरकार की एक और एजेंसी है नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस यानी, NSSO। इसने जनवरी से दिसंबर 2013 के बीच किसानों की कमाई और खर्च पर एक सर्वे किया था। हालांकि, ये रिपोर्ट मोदी सरकार में अप्रैल 2016 को रिलीज की गई थी। इसके आंकड़े देखते हैं।
कमाईः उस वक्त 2013 में किसानों की हर महीने की कमाई 6 हजार 426 रुपए थी। यानी, साल भर में 77 हजार 112 रुपए की कमाई। उस समय भी सबसे ज्यादा कमाई पंजाब और हरियाणा के किसानों की ही होती थी। पंजाब के किसान उस वक्त हर महीने 18 हजार 59 रुपए और हरियाणा के 14 हजार 434 रुपए कमाते थे।
खर्चः 2013 में किसानों की हर महीने की कमाई थी 6 हजार 426 रुपए और खर्च था 6 हजार 223 रुपए। यानी बचत हुई सिर्फ 203 रुपए की। उस वक्त सबसे ज्यादा खर्च के मामले में पंजाब और केरल के किसान आगे थे। पंजाब के किसान हर महीने 13 हजार 311 रुपए और केरल के किसान 11 हजार 8 रुपए खर्च करते थे। जबकि, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों के किसान कमाई से ज्यादा खर्च करते थे।