गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

एक्टिव केस में लगातार चौथे दिन 5 हजार से ज्यादा की गिरावट, 4.22 लाख हुए, यह बीते 133 दिन में सबसे कम

देश में कोरोना के एक्टिव केस में गिरावट का सिलसिला लगातार छह दिन से जारी है। बुधवार को 5059 एक्टिव केस कम हुए। यह लगातार चौथा दिन रहा जब पांच हजार से ज्यादा मरीज कम हुए। बीते चौबीस घंटे में कुल 33 हजार 743 नए केस आए, 37 हजार 301 मरीज ठीक हुए और 497 की मौत हो गई। अब तक कुल 95.33 लाख केस आ चुके हैं, 89.70 लाख ठीक हो चुके हैं, 1.38 लाख की मौत हो चुकी है। कुल एक्टिव केस अब 4.22 लाख बचे हैं, जो 22 जुलाई के बाद सबसे कम हैं। तब इनकी संख्या 4.25 लाख थी। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।

एक्टिव केस में लगातार पांच दिन से गिरावट आ रही

तारीख एक्टिव केस +/-
26 नवंबर +2928
27 नवंबर -319
28 नवंबर -965
29 नवंबर -6579
30 नवंबर -11597
01 दिसंबर -7278
02 दिसंबर -5059

DCGI की जांच में कोवीशील्ड को क्लीनचिट

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की जांच में कोरोना की वैक्सीन कोवीशील्ड (Covidshield Vaccine) को क्लीन चिट मिल गई है। वैक्सीन के गंभीर एडवर्स प्रभाव का आरोप लगाने वाले वॉलंटियर के दावों में DCGI को कोई सत्यता नहीं मिली है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

खबर के मुताबिक, DCGI ने वैक्सीन का डोज लेने वाले वॉलंटियर की खराब सेहत और वैक्सीन के बीच कोई तालमेल नहीं पाया है। DCGI का यह निष्कर्ष इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट के आधार पर निकाला है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वॉलंटियर को किसी तरह का मुआवजा देने की जरूरत नहीं है। इस एक्सपर्ट पैनल में एम्स नई दिल्ली, सफदरगंज अस्पताल, पीजीआई चंडीगढ़, लेडी हार्डनिंग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टर्स शामिल थे।

चेन्नई के वॉलंटियर ने लगाया था आरोप
कोवीशील्ड वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रही है। चेन्नई में ट्रायल के दौरान वैक्सीन लगवाने वाले 40 साल के वॉलंटियर ने इसके गंभीर साइड इफेक्ट होने का आरोप लगाया था। वॉलंटियर ने कहा था कि वैक्सीन का डोज लेने के बाद से उसे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं (दिमाग से जुड़ी परेशानियां) शुरू हो गई हैं। वॉलंटियर ने इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से 5 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा था।

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 95 लाख के पार हो गया है। अब तक 95 लाख 31 हजार 109 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। 89 लाख 67 हजार 902 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1 लाख 38 हजार 627 हो गई है।

कोरोना अपडेट्स

  • राजसमंद से भाजपा सांसद और जयपुर के पूर्व घराने की सदस्य दीया कुमारी कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं। वे बुधवार को राजसमंद विधायक दिवंगत किरण माहेश्वरी को श्रद्धासुमन अर्पित करने जिला भाजपा कार्यालय पहुंची थीं।
  • ओडिशा सरकार ने प्राइवेट लैब्स में RT-PCR टेस्ट की दर 1200 से घटाकर 400 कर दी है। राज्य सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार के मुताबिक, जुलाई में टेस्ट की दर 2200 रुपए थी, जो अगस्त में घटाकर 1200 रुपए की गई थी।
  • पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐलान किया है कि वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद पंजाब में सबसे पहला डोज वह खुद लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से वैक्सीन अप्रूवल होने के बाद जब पंजाब में वैक्सीन आएगी तो वह इसका पहला डोज लेंगे।
  • कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल बुधवार से पश्चिम बंगाल में शुरू हो गया। कोलकाता में इसका पहला डोज राज्य के मंत्री फरहद हकीम ने ली।

5 राज्यों का हाल

1. दिल्ली

राजधानी दिल्ली में बुधवार को 3944 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 5329 लोग रिकवर हुए और 82 की जान चली गई। अब तक 5 लाख 78 हजार 324 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 30 हजार 302 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 5 लाख 38 हजार 680 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 9342 हो गई है।

2. मध्यप्रदेश

राज्य में बुधवार को 1439 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 1838 लोग रिकवर हुए और 17 की मौत हो गई। राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा अब 2 लाख 8 हजार 924 हो गया है। इनमें 14 हजार 19 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 91 हजार 618 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 3287 हो गई है।

3. गुजरात

बुधवार को राज्य में 1512 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 1570 लोग रिकवर हुए और 14 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 12 हजार 769 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 14 हजार 713 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 94 हजार 38 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 4018 हो गई है।

4. राजस्थान

राज्य में बुधवार को 1990 लोग संक्रमित पाए गए। 3235 लोग रिकवर हुए और 19 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 72 हजार 400 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 26 हजार 710 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 43 हजार 340 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 2350 हो गई है।

5. महाराष्ट्र

राज्य में बुधवार को 3350 नए मरीजों की पहचान हुई। 3796 लोग रिकवर हुए और 111 की मौत हो गई। इसी के साथ संक्रमितों का आंकड़ा अब 18 लाख 32 हजार 176 हो गया है। इनमें 88 हजार 537 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 16 लाख 95 हजार 208 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 47 हजार 357 हो गई है।



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MDH मसाले के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन

MDH मसाले के मालिक महाशय धर्मपाल का 98 साल की उम्र में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि आज सुबह हार्ट अटैक आने से उनका निधन हुआ। दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था।

विभाजन के समय पाकिस्तान से आए थे भारत
धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उनका परिवार 1947 में विभाजन के समय पाकिस्तान से अमृतसर और फिर दिल्ली आ गया था। धर्मपाल के पिता महाशय चुन्नी लाल गुलाटी ने MDH (महाशय दी हट्टी) की शुरुआत की थी। धर्मपाल ने कारोबार को आगे बढ़ाया और MDH को मशहूर ब्रांड बनाया। कंपनी के विज्ञापनों में भी वे खुद ही नजर आते थे। उद्योग जगत में योगदान के लिए महाशय धर्मपाल को पिछले साल पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

हम इसे लगातार अपडेट कर रहे हैं..



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महाशय धर्मपाल गुलाटी- फाइल फोटो।


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एक्टिव केस में लगातार चौथे दिन 5 हजार से ज्यादा की गिरावट, 4.22 लाख हुए, यह बीते 133 दिन में सबसे कम

देश में कोरोना के एक्टिव केस में गिरावट का सिलसिला लगातार छह दिन से जारी है। बुधवार को 5059 एक्टिव केस कम हुए। यह लगातार चौथा दिन रहा जब पांच हजार से ज्यादा मरीज कम हुए। बीते चौबीस घंटे में कुल 33 हजार 743 नए केस आए, 37 हजार 301 मरीज ठीक हुए और 497 की मौत हो गई। अब तक कुल 95.33 लाख केस आ चुके हैं, 89.70 लाख ठीक हो चुके हैं, 1.38 लाख की मौत हो चुकी है। कुल एक्टिव केस अब 4.22 लाख बचे हैं, जो 22 जुलाई के बाद सबसे कम हैं। तब इनकी संख्या 4.25 लाख थी। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।

एक्टिव केस में लगातार पांच दिन से गिरावट आ रही

तारीख एक्टिव केस +/-
26 नवंबर +2928
27 नवंबर -319
28 नवंबर -965
29 नवंबर -6579
30 नवंबर -11597
01 दिसंबर -7278
02 दिसंबर -5059

DCGI की जांच में कोवीशील्ड को क्लीनचिट

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की जांच में कोरोना की वैक्सीन कोवीशील्ड (Covidshield Vaccine) को क्लीन चिट मिल गई है। वैक्सीन के गंभीर एडवर्स प्रभाव का आरोप लगाने वाले वॉलंटियर के दावों में DCGI को कोई सत्यता नहीं मिली है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

खबर के मुताबिक, DCGI ने वैक्सीन का डोज लेने वाले वॉलंटियर की खराब सेहत और वैक्सीन के बीच कोई तालमेल नहीं पाया है। DCGI का यह निष्कर्ष इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट के आधार पर निकाला है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वॉलंटियर को किसी तरह का मुआवजा देने की जरूरत नहीं है। इस एक्सपर्ट पैनल में एम्स नई दिल्ली, सफदरगंज अस्पताल, पीजीआई चंडीगढ़, लेडी हार्डनिंग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टर्स शामिल थे।

चेन्नई के वॉलंटियर ने लगाया था आरोप
कोवीशील्ड वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रही है। चेन्नई में ट्रायल के दौरान वैक्सीन लगवाने वाले 40 साल के वॉलंटियर ने इसके गंभीर साइड इफेक्ट होने का आरोप लगाया था। वॉलंटियर ने कहा था कि वैक्सीन का डोज लेने के बाद से उसे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं (दिमाग से जुड़ी परेशानियां) शुरू हो गई हैं। वॉलंटियर ने इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से 5 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा था।

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 95 लाख के पार हो गया है। अब तक 95 लाख 31 हजार 109 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। 89 लाख 67 हजार 902 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1 लाख 38 हजार 627 हो गई है।

कोरोना अपडेट्स

  • राजसमंद से भाजपा सांसद और जयपुर के पूर्व घराने की सदस्य दीया कुमारी कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं। वे बुधवार को राजसमंद विधायक दिवंगत किरण माहेश्वरी को श्रद्धासुमन अर्पित करने जिला भाजपा कार्यालय पहुंची थीं।
  • ओडिशा सरकार ने प्राइवेट लैब्स में RT-PCR टेस्ट की दर 1200 से घटाकर 400 कर दी है। राज्य सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार के मुताबिक, जुलाई में टेस्ट की दर 2200 रुपए थी, जो अगस्त में घटाकर 1200 रुपए की गई थी।
  • पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐलान किया है कि वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद पंजाब में सबसे पहला डोज वह खुद लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से वैक्सीन अप्रूवल होने के बाद जब पंजाब में वैक्सीन आएगी तो वह इसका पहला डोज लेंगे।
  • कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल बुधवार से पश्चिम बंगाल में शुरू हो गया। कोलकाता में इसका पहला डोज राज्य के मंत्री फरहद हकीम ने ली।

5 राज्यों का हाल

1. दिल्ली

राजधानी दिल्ली में बुधवार को 3944 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 5329 लोग रिकवर हुए और 82 की जान चली गई। अब तक 5 लाख 78 हजार 324 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 30 हजार 302 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 5 लाख 38 हजार 680 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 9342 हो गई है।

2. मध्यप्रदेश

राज्य में बुधवार को 1439 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 1838 लोग रिकवर हुए और 17 की मौत हो गई। राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा अब 2 लाख 8 हजार 924 हो गया है। इनमें 14 हजार 19 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 91 हजार 618 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 3287 हो गई है।

3. गुजरात

बुधवार को राज्य में 1512 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 1570 लोग रिकवर हुए और 14 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 12 हजार 769 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 14 हजार 713 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1 लाख 94 हजार 38 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 4018 हो गई है।

4. राजस्थान

राज्य में बुधवार को 1990 लोग संक्रमित पाए गए। 3235 लोग रिकवर हुए और 19 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 72 हजार 400 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 26 हजार 710 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 43 हजार 340 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 2350 हो गई है।

5. महाराष्ट्र

राज्य में बुधवार को 3350 नए मरीजों की पहचान हुई। 3796 लोग रिकवर हुए और 111 की मौत हो गई। इसी के साथ संक्रमितों का आंकड़ा अब 18 लाख 32 हजार 176 हो गया है। इनमें 88 हजार 537 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 16 लाख 95 हजार 208 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 47 हजार 357 हो गई है।



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किसान बोले- आज सरकार से अलग-अलग नहीं, एक साथ मिलेंगे; इससे पहले शाह और अमरिंदर बात करेंगे

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां और अहम दिन है। आज किसानों और सरकार के बीच फिर बातचीत होगी। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मीटिंग होगी। बुधवार शाम अचानक यह फैसला हुआ। पंजाब CMO के मुताबिक मुख्यमंत्री कई सुझाव देंगे ताकि गतिरोध खत्म किया जा सके।

एक दिसंबर को सरकार ने पंजाब और UP के किसानों से अलग-अलग बात की थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार समाधान की जगह साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है। किसानों ने फैसला लिया कि सरकार से अब अलग-अलग नहीं, एक साथ मीटिंग करेंगे।

शाह और कैप्टन की मुलाकात के मायने

  • आंदोलन में सबसे ज्यादा पंजाब के किसान हैं, कैप्टन अहम रोल निभा सकते हैं।
  • आंदोलन से सबसे ज्यादा नुकसान लोगों का हो रहा। मीटिंग से जल्द बीच का रास्ता निकालने की कोशिश होगी।
  • कैप्टन बता सकते हैं कि किसान क्या चाहते हैं और केंद्र को गतिरोध खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए।

किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया
किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत होगी। इस मीटिंग के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर स्ट्रैटजी बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।

आज की मीटिंग में ये 5 प्रमुख मांगें रहेंगी

  • केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए।
  • केंद्र की कमेटी की पेशकश मंजूर नहीं की जाएगी।
  • MSP हमेशा लागू रहे। 21 फसलों को इसका फायदा मिले।
  • अभी तक किसानों को गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है।
  • खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को केंद्र से आर्थिक मदद मिले।

उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।

आगे की रणनीति

  • किसान नेता आज सरकार से बात करेंगे और देशभर में कानूनों के विरोध में ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
  • 5 दिसंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडानी के पुतले फूंके जाएंगे।
  • 7 दिसंबर को देशभर में खिलाड़ी और कलाकार अवॉर्ड और सम्मान लौटाएंगे।

कोई आंदोलन खराब न करे, इसलिए लाठियां लिए यूथ ब्रिगेड तैनात
किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में कहीं बाहरी लोग खलल न डाल दें, इसको लेकर संगठनों में चिंता बनी हुई है। इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सुरक्षा के लिए आसपास करीब 100 नौजवान किसान लाठियां लिए और गले में आईकार्ड डाले तैनात रहते हैं। किसी को भी अनुशासन भंग नहीं करने दिया जाता।

सुबह स्टेज की कार्यवाही शुरू होते ही नौजवान वॉलंटियरों को पहरे पर लगा दिया जाता है, जो यह तय करते हैं कि स्टेज या आसपास कोई गलत तत्व या हुल्लड़बाज न पहुंच पाए। स्टेज पर किसी के लिए कोई कुर्सी नहीं रखी गई। किसे स्टेज पर बोलना है, कितना समय बोलना है, यह भी जॉइंट कमेटी तय करती है। बाहर से आए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के नुमाइंदों या कलाकारों को स्टेज पर बोलने का फैसला भी कमेटी करती है। 30 किसान यूनियनों के नुमाइंदों को दिन में एक-एक घंटा संबोधित करने के लिए दिया जाता है। आंदोलन पूरी प्लानिंग के साथ किया जा रहा है।



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सरकार से मीटिंग की स्ट्रैटजी बनाने के लिए किसानों ने बुधवार को 5 बैठकें कीं। फोटो सिंघु बॉर्डर पर जमा किसानों की है।


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37 साल बाद स्पिनर्स का सबसे खराब प्रदर्शन, बैटिंग में भी पहले 4 विकेट के लिए बड़ी पार्टनरशिप नहीं

भारत ने तीसरा वनडे जीतकर खुद को व्हाइट वॉश होने से बचा लिया। इसके साथ ही भारत ने लगातार 5 वनडे मैचों से चला आ रहा हार का सिलसिला भी तोड़ा। सीरीज में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। भारत के तेज गेंदबाज पहले दो वनडे में पावर-प्ले में विकेट लेने में नाकाम रहे।

वहीं, 37 साल बाद 3 या इससे ज्यादा वनडे मैचों की सीरीज में भारतीय स्पिनर्स का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। स्पिनर्स ने सीरीज में 6.86 की इकोनॉमी रेट से रन दिए।

भारत का टॉप ऑर्डर फेल, पहले 4 विकेट के लिए बड़े पार्टनरशिप में एक भी भारतीय नहीं

सीरीज में सबसे बड़ी पार्टनरशिप रन टीम प्लेयर्स
पहले विकेट के लिए 156 रन ऑस्ट्रेलिया डेविड वॉर्नर और एरॉन फिंच
दूसरे विकेट के लिए 108 रन ऑस्ट्रेलिया एरॉन फिंच और स्टीव स्मिथ
तीसरे विकेट के लिए 136 रन ऑस्ट्रेलिया स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशाने
चौथे विकेट के लिए 80 रन ऑस्ट्रेलिया मार्नस लाबुशाने और ग्लेन मैक्सवेल

भारत की खराब बॉलिंग का फायदा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने उठाया। ऑस्ट्रेलिया ने 4 बड़ी और अहम साझेदारियां निभाईं। जिससे टीम पहले 2 मैच में भारत के सामने विशाल स्कोर खड़ा कर सकी। वहीं, सीरीज में भारतीय टॉप ऑर्डर बिल्कुल ही फेल रहा। टीम के टॉप-4 बल्लेबाज कोई भी बड़ी साझेदारी करने में नाकाम रहे।

भारत के 4 बॉलर्स ने सीरीज में 150 से ज्यादा रन लुटाए हैं। जिसमें 2 पेसर और 2 स्पिनर्स हैं। जसप्रीत बुमराह ने 3 मैचों में 195 रन दिए और 4 विकेट लिए। वहीं, नवदीप सैनी ने 2 मैच में 153 रन दिए और सिर्फ 1 ही विकेट ले सके। स्पिनर्स की बात करें, तो युजवेंद्र चहल ने 2 मैच में 160 रन दिए और सिर्फ 1 ही विकेट ले सके। खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें तीसरे वनडे में टीम में शामिल नहीं किया गया।

वहीं रविंद्र जडेजा भी बॉल से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। उन्होंने 3 मैच में 185 रन दिए और उन्हें भी 1 ही विकेट मिल सका। वहीं ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ 2 बॉलर्स ने 150 से ज्यादा रन दिए। इनमें एडम जम्पा (3 मैच, 161 रन) और जोश हेजलवुड (3 मैच, 180 रन) का नाम शामिल है। हालांकि दोनों टूर्नामेंट के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं।

भारत की सीरीज हार में टॉस ने भी अहम भूमिका निभाई। तीनों मैच में टॉस जीतने वाली टीम ने मैच जीता है। पहले 2 वनडे में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान फिंच ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की। वहीं, अंतिम वनडे में भारतीय कैप्टन विराट कोहली ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी।

एरॉन फिंच की ऑस्ट्रेलिया में अंतिम-4 वनडे इनिंग्स

रन बॉल खिलाफ ग्राउंड
60 75 न्यूजीलैंड सिडनी
114 124 भारत सिडनी
60 69 भारत सिडनी
75 82 भारत कैनबरा

बुमराह पावर-प्ले में नहीं ले सके विकेट

जसप्रीत बुमराह ने 2020 में भारत के लिए पावर-प्ले में 34 ओवर फेंके हैं। इसमें उन्होंने 4.50 की इकोनॉमी रेट से रन दिए, जबकि उन्हें एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ। उन्होंने 2020 में अब तक 9 वनडे खेले हैं, जिसमें 5 विकेट लिए। जबकि, 2019 में उन्होंने 14 वनडे मैच में 24.60 की औसत से 25 विकेट लिए थे। वहीं, 2018 में 13 वनडे मैच में 16.64 की औसत से 22 विकेट लिए थे।

भारतीय बल्लेबाजों में शॉर्ट बॉल का खौफ जारी

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने भारतीय बल्लेबाजों को शॉर्ट बॉल से खूब परेशान किया। नतीजा ये रहा कि श्रेयस अय्यर सीरीज में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। नंबर-4 पर फिर एक बार टीम को किसी भरोसेमंद बल्लेबाज की कमी खली। वहीं हेजलवुड ने कोहली के खिलाफ एक अनोखा रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने लगातार 4 मैच में कोहली को आउट किया।

कोहली को लगातार मैचों में आउट करने वाले बॉलर्स

कितनी बार बॉलर साल
4 जोश हेजलवुड 2020
3 जुनैद खान 2013
3 झाय रिचर्डसन 2019
3 ट्रेंट बोल्ट 2019

2008 के बाद पहली बार साल में एक भी शतक नहीं लगा सके कोहली

2008 के बाद पहली बार कोहली साल में एक भी शतक नहीं लगा पाए। हालांकि उन्होंने इस दौरान फिफ्टी तो लगाई, लेकिन टीम न्यूजीलैंड दौरे पर तीनों वनडे हार गई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 2 वनडे में भी हार मिली। कोहली अंत तक रहकर टीम को चेज करते हुए जीत नहीं दिला पाए।

साल सेंचुरी इनिंग्स
2008 0 5
2009 1 8
2010 3 24
2011 4 34
2012 5 17
2013 4 30
2014 4 20
2015 2 20
2016 3 10
2017 6 26
2018 6 14
2019 5 25
2020 0 9

भारत के पास वॉर्नर-फिंच का तोड़ नहीं

भारत के पास शुरुआती दो वनडे मैच में भी वॉर्नर-फिंच के खिलाफ कोई प्लान देखने को नहीं मिला। पहले दो वनडे में दोनों ने शुरुआती 10 ओवर्स में संभलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया। इसके बाद दोनों ने आक्रामक शॉट खेलने शुरू किए। इन दोनों ने वनडे में अब तक कुल 12 बार शतकीय साझेदारी की। जिसमें से 5 साझेदारियां (187, 231, 258 नॉट आउट, 156 और 142) भारत के खिलाफ रही हैं। भारत के खिलाफ दोनों का ही रिकॉर्ड शानदार है।

पहले 2 मैच में डेथ ओवर में हारी टीम इंडिया

सिडनी में हुए पहले और दूसरे वनडे में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने रणनीति के तहत बल्लेबाजी की। ओपनर फिंच और वॉर्नर ने टीम को शानदार शुरुआत दी और 20 ओवर तक एक भी विकेट नहीं दिया। यही मोमेन्टम आने वाले बल्लेबाजों के लिए मददगार साबित हुई। ऑस्ट्रेलिया ने पहले वनडे में डेथ ओवर्स (अंतिम 10 ओवर्स) में 110 रन, जबकि दूसरे वनडे में 114 रन बनाए।

पहला वनडे

ओवर ऑस्ट्रेलिया भारत
0-10 51-0 80-3
11-20 52-0 64-1
21-30 66-1 64-0
31-40 95-1 42-2
41-50 110-4 58-2
टोटल 374/6 308/8

वहीं, भारतीय टीम ने चेज करते वक्त शुरुआत में ही विकेट गंवा दिए और अंतिम 10 ओवर्स में ज्यादा रन नहीं बना सकी। पहले वनडे में भारत ने 41-50 ओवर के बीच सिर्फ 58 रन बनाए और 2 विकेट गंवाए। जबकि, दूसरे वनडे में टीम इंडिया ने 79 रन बनाए और 5 विकेट गंवा दिए।

दूसरा वनडे

ओवर ऑस्ट्रेलिया भारत
0-10 59-0 67-2
11-20 58-0 59-0
21-30 70-2 60-1
31-40 88-0 73-1
41-50 114-2 79-5
टोटल 389/4 338/9

कैनबरा में हुए तीसरे वनडे में भारत ने डेथ ओवर्स में कोई विकेट नहीं गंवाया और मैच जीतकर क्लीन स्वीप होने से खुद को बचा लिया। टीम इंडिया 3 मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से हार गई।

तीसरा वनडे

ओवर ऑस्ट्रेलिया भारत
0-10 51-1 49-1
11-20 47-1 55-1
21-30 53-2 40-2
31-40 76-2 48-1
41-50 62-4 110-0
टोटल 289 (ऑल आउट) 302/5


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Lost ODI Series; India Vs Australia | Reasons Why Virat Kohli KL Rahul Led-India Lost The ODI Series To Australia


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फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वेलेरी गिसकार्ड का संक्रमण से निधन, इंटरपोल ने कहा- नकली वैक्सीन से सावधान रहें

दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 6.48 करोड़ के पार हो गया। 4 करोड़ 49 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 14 लाख 98 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वेलेरी गिसकार्ड डिएस्टेंग का संक्रमण से निधन हो गया। वे 94 साल के थे। इंटरपोल ने सभी देशों को चेतावनी जारी की है। इसमें नकली वैक्सीन से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति नहीं रहे
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वेलेरी गिसकार्ड डिएस्टेंग का कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद निधन हो गया। 94 साल के वेलेरी को यूरोपीय देशों को एकजुट करने के लिए जाना जाता है। वे 1974 से 1981 तक राष्ट्रपति रहे। उन्हें कुछ दिन पहले सांस लेने में दिक्कत हुई थी। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। स्वस्थ होने के बाद वे घर आ गए थे। बुधवार को उन्हें अचानक फिर दिक्कत हुई। देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। परिवार ने बताया कि वेलेरी कोरोना संक्रमित थे।

अमेरिका में अप्रैल के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें
अमेरिका में बुधवार को संक्रमण से 2 हजार 957 लोगों की मौत हो गई। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, यह 15 अप्रैल के बाद एक दिन में होने वाली मौतों की सबसे बड़ी संख्या है। 15 अप्रैल को एक दिन में कुल 2 हजार 607 लोगों की मौत हुई थी।

इंटरपोल की चेतावनी
इंटरपोल ने बुधवार रात एक ग्लोबल अलर्ट जारी किया। इसमें सभी देशों से कहा गया है कि कोविड-19 के दौर में कुछ लोग संगठित अपराध में शामिल हो रहे हैं और ये नकली कोरोना वैक्सीन सप्लाई कर सकते हैं। पेरिस मुख्यालय से जारी बयान में एजेंसी ने कहा कि उसने इस बारे में 194 देशों को अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वे इस बात को तय करें कि किसी तरह की नकली वैक्सीन लोगों तक न पहुंच पाए। इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी नजर रखें। इसके लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों और जांच एजेंसियों के बीच तालमेल होना जरूरी है।

इंटरपोल ने कहा है कि कोविड-19 की नकली वैक्सीन सप्लाई का खतरा है। इसके लिए 194 सदस्य देशों को अलर्ट जारी किया गया है। (प्रतीकात्मक)

ब्राजील की तैयारी
ब्राजील कोविड-19 को रोकने के लिए कोविड वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को मंजूरी दे सकता है। देश के हेल्थ रेग्युलेटर एनविसा ने बुधवार को यह जानकारी दी। एनविसा ने कहा कि वो इस बारे में तमाम सरकारी एजेंसियों और हेल्थ मिनिस्ट्री के संपर्क में है। एजेंसी ने कहा- हम फिलहाल हर केस पर नजर रख रहे हैं और हमारे यहां वैक्सीन ट्रायल्स भी आखिरी चरण में हैं। हालांकि, हमारे पास अब तक अप्रूवल के लिए कोई अर्जी नहीं आई है।

एस्ट्राजेनिका, जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर और साइनोवैक कंपनियां ब्राजील में फेज-3 ट्रायल्स कर रही हैं। इस बीच ब्राजील की हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी कहा है कि वो वैक्सीनेशन के लिए रणनीति तैयार कर रही है। यह सबसे पहले हेल्थ वर्कर और 75 साल से ऊपर के लोगों को दी जाएगी।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 14,313,876 279,863 8,462,336
भारत 9,533,471 138,657 8,970,104
ब्राजील 6,436,650 174,531 5,698,353
रूस 2,347,401 41,053 1,830,349
फ्रांस 2,244,635 53,816 165,563
स्पेन 1,682,533 45,784 उपलब्ध नहीं
यूके 1,659,256 59,699 उपलब्ध नहीं
इटली 1,641,610 57,045 823,335
अर्जेंटीना 1,440,103 39,156 1,268,358
कोलंबिया 1,334,089 37,117 1,225,635

(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)



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फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वेलेरी गिसकार्ड डिएस्टेंग का कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद निधन हो गया। 94 साल के वेलेरी 974 से 1981 तक राष्ट्रपति रहे।(फाइल)


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किसान बोले- आज सरकार से अलग-अलग नहीं, एक साथ मिलेंगे; इससे पहले शाह और अमरिंदर बात करेंगे

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां और अहम दिन है। आज किसानों और सरकार के बीच फिर बातचीत होगी। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मीटिंग होगी। बुधवार शाम अचानक यह फैसला हुआ। पंजाब CMO के मुताबिक मुख्यमंत्री कई सुझाव देंगे ताकि गतिरोध खत्म किया जा सके।

एक दिसंबर को सरकार ने पंजाब और UP के किसानों से अलग-अलग बात की थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार समाधान की जगह साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है। किसानों ने फैसला लिया कि सरकार से अब अलग-अलग नहीं, एक साथ मीटिंग करेंगे।

शाह और कैप्टन की मुलाकात के मायने

  • आंदोलन में सबसे ज्यादा पंजाब के किसान हैं, कैप्टन अहम रोल निभा सकते हैं।
  • आंदोलन से सबसे ज्यादा नुकसान लोगों का हो रहा। मीटिंग से जल्द बीच का रास्ता निकालने की कोशिश होगी।
  • कैप्टन बता सकते हैं कि किसान क्या चाहते हैं और केंद्र को गतिरोध खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए।

किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया
किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत होगी। इस मीटिंग के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर स्ट्रैटजी बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।

आज की मीटिंग में ये 5 प्रमुख मांगें रहेंगी

  • केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए।
  • केंद्र की कमेटी की पेशकश मंजूर नहीं की जाएगी।
  • MSP हमेशा लागू रहे। 21 फसलों को इसका फायदा मिले।
  • अभी तक किसानों को गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है।
  • खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को केंद्र से आर्थिक मदद मिले।

उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।

आगे की रणनीति

  • किसान नेता आज सरकार से बात करेंगे और देशभर में कानूनों के विरोध में ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
  • 5 दिसंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडानी के पुतले फूंके जाएंगे।
  • 7 दिसंबर को देशभर में खिलाड़ी और कलाकार अवॉर्ड और सम्मान लौटाएंगे।

कोई आंदोलन खराब न करे, इसलिए लाठियां लिए यूथ ब्रिगेड तैनात
किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में कहीं बाहरी लोग खलल न डाल दें, इसको लेकर संगठनों में चिंता बनी हुई है। इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सुरक्षा के लिए आसपास करीब 100 नौजवान किसान लाठियां लिए और गले में आईकार्ड डाले तैनात रहते हैं। किसी को भी अनुशासन भंग नहीं करने दिया जाता।

सुबह स्टेज की कार्यवाही शुरू होते ही नौजवान वॉलंटियरों को पहरे पर लगा दिया जाता है, जो यह तय करते हैं कि स्टेज या आसपास कोई गलत तत्व या हुल्लड़बाज न पहुंच पाए। स्टेज पर किसी के लिए कोई कुर्सी नहीं रखी गई। किसे स्टेज पर बोलना है, कितना समय बोलना है, यह भी जॉइंट कमेटी तय करती है। बाहर से आए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के नुमाइंदों या कलाकारों को स्टेज पर बोलने का फैसला भी कमेटी करती है। 30 किसान यूनियनों के नुमाइंदों को दिन में एक-एक घंटा संबोधित करने के लिए दिया जाता है। आंदोलन पूरी प्लानिंग के साथ किया जा रहा है।



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सरकार से मीटिंग की स्ट्रैटजी बनाने के लिए किसानों ने बुधवार को 5 बैठकें कीं। फोटो सिंघु बॉर्डर पर जमा किसानों की है।


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मन में शंका हो और कोई योग्य व्यक्ति मिले तो उससे अपने सवाल जरूर पूछ लेना चाहिए, इसमें संकोच न करें

कहानी- स्वामी विवेकानंद जब कॉलेज में पढ़ रहे थे, उस समय की बात है। तब वे नरेंद्र के नाम से ही जाने जाते थे। एक दिन कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर नहीं आए तो उनकी क्लास में प्रिंसिपल हैस्टी पढ़ाने पहुंच गए।

प्रिंसिपल हैस्टी प्रकृति के बारे में पढ़ा रहे थे। उन्होंने कहा कि कभी-कभी प्रकृति की सुंदरता देखकर मनुष्य को ट्रांस हो जाता है। ट्रांस शब्द का अर्थ है दिव्य अनुभूति।

विवेकानंद ट्रांस शब्द कई बार सुन चुके थे। वे इस शब्द का अर्थ जानना चाहते थे, ये होता क्या है? कैसे होता है? उन्होंने संकोच किए बिना अपने प्रिंसिपल से पूछा, 'सर, क्या आपको कभी ट्रांस हुआ है?'

प्रिंसिपल ने कहा, 'मैं तो कभी ट्रांस में नहीं गया। लेकिन, मैंने देखा है कि दक्षिणेश्वर में एक साधक हैं रामकृष्ण परमहंस, उनको देखकर लगता है कि ट्रांस क्या है?'

इस एक जवाब ने नरेंद्र के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला दिया। उन्होंने कई लोगों से दैवीय अनुभूति के बारे में पूछा था। रविंद्रनाथ ठाकुर के पिता देवेंद्रनाथ ठाकुर से भी ट्रांस के बारे में पूछा था। लेकिन, कहीं से भी उन्हें सही उत्तर नहीं मिला था।

प्रिंसिपल से सुनकर एक दिन नरेंद्र, रामकृष्ण परमहंस के आश्रम में पहुंच गए। नरेंद्र ने परमहंसजी से वही प्रश्न पूछा, 'ट्रांस क्या होता है? क्या आपको कभी ट्रांस हुआ है? मुझे कैसे मिल सकता है? क्या आपने कभी भगवान को देखा है?

परमहंसजी ने उत्तर दिया, 'हां, मैंने भगवान को देखा है।'

नरेंद्र ने पूछा, 'कब देखा?'

परमहंसजी बोले, 'अभी देखा, ठीक इसी तरह, जिस तरह मैं तुम्हें देख रहा हूं। मैं तुम्हारे अंदर भगवान को देख रहा हूं। तुम्हें देखकर मुझे ट्रांस हो गया है।'

इस जवाब ने और परमहंसजी के शरीर से निकलने वाली तरंगों ने नरेंद्र के जीवन को पूरी तरह बदल दिया। उन्हें अपने सवालों का जवाब मिल चुका था।

सीख- जीवन में जब कोई समस्या हो, कोई प्रश्न या शंका हो तो समझदार व्यक्ति मिलने पर उनसे अपनी शंकाओं का समाधान पूछ लेना चाहिए। सवाल पूछने में संकोच न करें। समस्या का समाधान सही समय पर मिल जाए तो जीवन में बहुत बड़ी उपलब्धि मिल जाती है।



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वह काला दिन; जब भोपाल में लाशें ढोने के लिए गाड़ियां छोटी और कफन कम पड़ गए

दो-तीन दिसंबर 1984..वह दिन, जिसका दर्द भोपाल आज भी नहीं भुला पाया है। जब सब चैन की नींद सो रहे थे, तभी भोपाल के एक बड़े इलाके में लाशें बिछ गईं। इतनी लाशें कि उन्हें ढोने के लिए गाड़ियां छोटी पड़ गईं। अस्पताल में कफन कम पड़ गए। यह हुआ था यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के प्लांट नंबर सी के टैंक नंबर 610 से रिसी मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के कारण।

उस दौर के लोग आज भी वह मंजर भूले नहीं हैं। इसका दंश आज भी पीढ़ियां भुगत रही हैं। वे कई बार उस रात को याद कर सिहर उठते हैं। उस घटना को कमलेश जैमिनी ने अपने कैमरे में कैद किया था। वह फैक्टरी के ऑफिशियल फोटोग्राफर भी थे। 14 दिन तक वे घर नहीं गए।

हमीदिया अस्पताल में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आने, मदर टेरेसा के आने, लाशों से भरे ट्रक, लाशों से पटे कमरा नंबर 28 को भी उन्होंने तस्वीरों में उतारा था। गैस त्रासदी की 36वीं बरसी पर उनकी दुर्लभ तस्वीरों में महसूस करें उस स्याह रात की कहानी....

लाशों से भरे ट्रक आने का सिलसिला हमीदिया अस्पताल में जारी रहा। मरने वालों की संख्या कितनी थी, इसे लेकर आज तक सही आंकड़े सामने नहीं आ सके हैं।
गांधी मेडिकल कॉलेज के शवगृह के बाहर लाशें ज्यादा होने से कफन कम पड़ गए। कमरों में लाशें रखने के लिए जगह कम पड़ने लगी तो शवों को बाहर रखवा दिया गया
हमीदिया अस्पताल में लाशों से भरे ट्रक लगातार आ रहे थे। ऐसे में अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों को भी नहीं समझ आ रहा था कि क्या किया जाए।
अफरा-तफरी के बीच हमीदिया अस्पताल में लोगों को पर्याप्त इलाज भी नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में बेटों को इलाज नहीं मिला, तो एक पिता रोते हुए गुहार लगाता रहा।
एक बार गैस रिसाव के बाद अचानक दोबारा अफवाह उड़ी कि गैस फिर निकली है, तो लोग सिर पर सामान रखकर दूसरी जगह भागने लगे।
जहरीली गैस के कारण महिला की आंखों की रोशनी चली गई। उसने भागने की कोशिश की, जिससे वह भट्‌ठी में गिर गई। झुलसने के बाद बचाने की जद्दोजहद करता पति।
त्रासदी के बाद हर धर्म-संप्रदाय के लोग पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ गए। मदद के लिए बाजार में घूम-घूमकर चंदा इकट्ठा किया गया।
जेपीनगर में घर के बाहर सो रहे अखबार के हॉकर ब्रज नेमा उठ नहीं पाए। नींद में ही जहरीली गैस ने उसे अपने आगोश में ले लिया।
गांधी मेडिकल कॉलेज पहली लाश एक लड़की की आई। इसके बाद अस्पताल में इनका सिलसिला बढ़ता गया। हालत ये रही कि जगह भी कम पड़ गई।
जहरीली गैस ने बच्चों के फेफड़े से लेकर आंखों तक गहरा असर किया। इसके बाद बच्चे की आंखों की रोशनी चली गई। उसे अस्पताल लाया गया, जहां दम तोड़ दिया।
फैक्ट्री से पास में एक बिल्ली बैठी थी। गैस के कारण उसकी आंखों की रोशनी चली गई। थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। इसके अलावा एक गाय की आंखों से खून निकल आया।
जेपी नगर स्थित यूनियन कार्बाइड का एरियल व्यू फोटोग्राफ। इसे कमलेश जैमिनी के पिता हरकृष्ण जैमिनी ने फ्लाइंग क्लब से पुष्पक विमान लेकर क्लिक किया था।
गैस त्रासदी के बाद मदर टेरेसा अपनी सहयोगी सिस्टर्स के साथ भोपाल आईं। वे हमीदिया अस्पताल में रोगियों की मदद के लिए जुट गईं।
यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के प्लांट नंबर 'सी' के टैंक नंबर 610 में गैस भरी थी। इसमें पानी भर गया। केमिकल रिएक्शन से बने दबाव को टैंक सह नहीं पाया और वो खुल गया था।


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गांधी मेडिकल कॉलेज के कमरा नंबर 28 में जहां लाशें रखी जा रही थीं। पूरा कमरा लाशों से भर गया।


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पति-पत्नी मिलकर गरीब बच्चों को 10 रु में ट्यूशन पढ़ाते हैं, महिलाओं को फ्री में सैनेटरी पैड बांटते हैं

पश्चिम बंगाल के चाय बागान वाले उत्तरी इलाके में आदिवासियों की बहुलता है। यहां काम करने वाले लंबे अरसे से जीवन की मौलिक सुविधाओं से भी वंचित हैं। कई चाय बागान बंद पड़े हैं। कोरोना की वजह से महीनों चले लॉकडाउन ने हालात और बदतर बना दिए हैं। बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इस बीच यहां के रहने वाले एक दंपती ने नई पहल की है।

यह दंपती हैं अनिर्वाण नंदी और उनकी पत्नी पौलमी चाकी नंदी। अनिर्वाण IIT खड़गपुर में सीनियर रिसर्च फेलो हैं और पौलमी सोशल साइंस और इकोनॉमी में रिसर्च एसोसिएट हैं। फिलहाल कॉलेज बंद होने की वजह से यह दोनों अपने घर पर रह रहे हैं।

बागानों और गांवों के बच्चों को महज दस रुपए में ट्यूशन पढ़ाने और मोबाइल लाइब्रेरी के जरिए किताबें उधार देने के साथ ही यह लोग महिलाओं मजदूरों और युवतियों में फ्री सैनेटरी पैड भी बांट रहे हैं। अब तक 35 गांवों और 20 चाय बागानों के करीब 18 सौ बच्चे इनकी मोबाइल लाइब्रेरी का लाभ उठा चुके हैं। इनमें से 80 फीसदी लड़कियां हैं।

दोनों पति और पत्नी मिलकर गांव की बच्चियों को सिर्फ 10 रु की फीस पर पढ़ाते हैं।

नंदी दंपती सप्ताह में दो या तीन दिन अलग-अलग इलाकों में जाकर आदिवासी युवतियों और छात्राओं को मुफ्त सैनेटरी पैड भी बांटता है। पौलमी बताती हैं, 'गरीबी की वजह से इन बागानों की महिलाएं पीरियड के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती थीं। इससे उनको अक्सर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझना पड़ता था। इसे देखते हुए हमने सैनेटरी पैड बांटने का फैसला किया। अब तक हम करीब 22 हजार पैड बांट चुके हैं। इसके लिए कई लोगों ने सहायता भी दी है।'

एक आदिवासी छात्र सुनीता ओरांव बताती है, 'पहले हम कपड़े का इस्तेमाल करते थे। इस वजह से कई बार बीमारियां हो जाती थीं। चाय बागान में कोई डॉक्टर भी नहीं है। इससे परेशानी और बढ़ जाती थी। लेकिन अब हमें काफी सहूलियत हो गई है।' अनिर्वाण बताते हैं कि गरीब और आदिवासी छात्रों की सहायता करने के लिए उन्होंने पहले मोबाइल लाइब्रेरी शुरू करने का फैसला किया था। इस लाइब्रेरी के लिए नंदी दंपति ने अपने मित्रों और परिजन से मांग कर सात हजार से ज्यादा किताबें जुटाई हैं। लेकिन किताबें मुहैया कराने के बावजूद स्मार्टफोन और इंटरनेट नहीं होने की वजह से आदिवासी छात्र ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे।

दोनों सप्ताह में दो या तीन दिन अलग-अलग इलाकों में जाकर आदिवासी युवतियों और छात्राओं को मुफ्त सैनेटरी पैड बांटते हैं।

नतीजतन वह लोग शहरी छात्रों के मुकाबले पिछड़ रहे थे। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए इस दंपति ने दस टाकार ट्यूशन यानी दस रुपए का ट्यूशन नामक एक कार्यक्रम भी शुरू किया। इसके तहत छात्रों को अंग्रेजी, कंप्यूटर विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल और राजनीति विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है। लेकिन दस रुपए क्यों? इस सवाल पर अनिवार्ण बताते हैं, 'मुफ्त में पढ़ाने पर शायद ज्यादा छात्र पढ़ने नहीं आते। लेकिन अब उन दस रुपयों की वजह से माता-पिता बच्चों को ट्यूशन भेजते हैं।'

उनकी इस योजना को कई लोगों ने आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई है। अनिर्वाण बताते हैं कि बचपन में वह भी इसी ग्रामीण इलाके में रहते थे और पढ़ाई के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। स्कूल का रास्ता काफी लंबा था। इसके अलावा बढ़िया ट्यूशन नहीं मिला। इसलिए उन्होंने सोचा कि अगर इन बच्चों की थोड़ी-बहुत सहायता कर दी जाए तो वह लोग जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं।

पौलमी बताती हैं, 'इस योजना के जरिए चाय बागान इलाके की आदिवासी लड़कियों में शिक्षा के प्रति एक नई ललक पैदा हुई है। हम सीमित संसाधनों के बावजूद इलाके के लोगों में जागरूकता पैदा करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए लोगों के आगे हाथ फैलाने में भी हमें कोई हिचक नहीं होती।'

20 चाय बागानों के करीब 18 सौ बच्चे इस मोबाइल लाइब्रेरी का लाभ उठा चुके हैं। इनमें से 80 फीसदी लड़कियां हैं।

इलाके के आदिवासी बच्चे और उनके माता-पिता नंदी दंपती के कामकाज से खुश हैं। मेरीव्यू चाय बागान की रानी मुंडा अपनी सात महीने की बेटी को लेकर ट्यूशन पढ़ने आती है। वह बताती है, 'शादी से पहले अभाव की वजह से चौथी कक्षा के बाद पढ़ाई नहीं कर सकी थी। अब छूटी हुई पढ़ाई दोबारा शुरू करने का मौका मिल गया है।' यह इलाका जिस लोअर बागडोगरा पंचायत के तहत है उसकी मुखिया विभा विश्वकर्मा कहती हैं, 'नंदी दंपति इलाके में शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में बेहतर काम कर रहे हैं। इससे आदिवासी छात्रों में शिक्षा के प्रति नई ललक पैदा हुई है। यह एक बेहतरीन पहल है।'



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IIT खड़गपुर में सीनियर रिसर्च फेलो अनिर्वाण और उनकी पत्नी पौलमी ने गरीब बच्चों के लिए नई पहल की है।


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पंजाब में धान की MSP 1800 रु से ज्यादा, लेकिन बिहार में 1200 भी नहीं मिल रहे दाम

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को पंजाब और हरियाणा से आए किसानों ने घेर लिया है। लाखों की तादाद में आए किसान दिल्ली को बाहरी राज्यों से जोड़ने वाले हाईवे पर डेरा डाले हुए हैं। ये किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस विशाल धरना प्रदर्शन को शुरू हुए एक सप्ताह हो चुका है। ऐसे में सवाल उठा है कि पंजाब और हरियाणा के किसानों में जो आक्रोश है, वो बिहार के किसानों में दिखाई क्यों नहीं देता है।

बिहार का मोकामा टाल क्षेत्र अपनी दालों के लिए खास पहचान रखता है। यहां करीब एक लाख हेक्टेयर जमीन पर दाल की खेती होती है। मोकामा टाल क्षेत्र के किसानों ने मई 2018 में न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए आंदोलन किया था। हालांकि इसका बहुत ज्यादा असर हुआ नहीं है। नालंदा, लखीसराय, पटना और शेखपुरा जिलों में फैले इस इलाके के किसान सिर्फ रबी सत्र के दौरान ही दलहन की उपज लेते हैं। बीते कई सालों से यहां के किसानों को दाल के सही दाम नहीं मिल पाए हैं।

टाल विकास समिति के संयोजक और मोकामा में खेती करने वाले वाले आनंद मुरारी कहते हैं, 'मोकामा-टाल क्षेत्र में सिर्फ रबी सत्र के दौरान दालों की खेती होती है। हम सबसे ज्यादा मसूर की खेती करते हैं। सालाना डेढ़ लाख टन मसूर का उत्पादन यहां होता है। साल 2015-16 में MSP 4200 और बाजार में मसूर की दाल का रेट 3200 रुपए क्विंटल था। इसी साल किसानों ने 7800 रुपए क्विंटल तक भी मसूर बेची थी। इसके बाद से ये रेट नहीं आया, कीमतें लगातार गिरती गईं।'

मोकामा-टाल क्षेत्र के किसान अपनी समस्याओं को लेकर बैठक करते हुए।

मुरारी कहते हैं, 'बिहार के किसानों को नहीं पता है कि MSP किस चिड़िया का नाम है। यहां के किसान भगवान भरोसे चल रहे हैं और सरकारें उनका शोषण कर रही हैं। बिहार में साल 2006 में ही एपीएमसी एक्ट समाप्त हो गया था। अब किसान खुले बाजार में उपज बेचने के आदी हो चुके हैं।'

वहीं, सीमांचल क्षेत्र में किसानों के मुद्दों पर काम करने वाले कार्यकर्ता विनोद आनंद ठाकुर का मानना है कि पंजाब और हरियाणा के किसानों के मुकाबले बिहार के किसानों में जागरुकता की कमी है और वो इन कृषि कानूनों को अभी पूरी तरह से समझ भी नहीं पाए हैं। ऐसे में बिहार के किसान असमंजस की स्थिति में हैं।

पंजाब और हरियाणा में बिहार के मुकाबले किसानों के पास जमीन भी अधिक है। पंजाब में हर किसान के पास औसतन 3.62 हेक्टेयर जमीन है जबकि बिहार में औसत जमीन 0.61 हेक्टेयर ही है। बिहार और पंजाब में किसानों की आय में भी फर्क है। बिहार में किसान परिवार की औसतन आय 38 हजार रुपए सालाना है जबकि पंजाब में यह लगभग दो लाख चालीस हजार रुपए सालाना है। हालांकि इसका एक कारण दोनों राज्य की आबादी में बड़ा फर्क भी है।

बेगूसराय जिले के शोकहारा गांव के रहने वाले जय शंकर चौधरी एक छोटे किसान हैं। उनके पास करीब तीन बीघा जमीन है जिसमें से आधी पर ही वो खेती करते हैं, बाकी वो बंटाई पर देते हैं। जय शंकर चौधरी को कृषि कानूनों से कोई बहुत ज्यादा मतलब नहीं है। वो कहते हैं, 'हमें इसमें इतनी रूचि नहीं है क्योंकि हमारी इतनी अधिक उपज ही नहीं होती कि हम मंडी में जाकर फसल बेचें।'

पिछले साल मुख्यमंत्री मोकामा आए थे। उन्होंने मोकामा टाल के किसानों की समस्या पर बात की थी।

धान की उपज का सही दाम ना मिल पाने पर भी बिहार के किसानों में गुस्सा क्यों नहीं दिखाई देता है इस सवाल पर चौधरी कहते हैं, 'यहां किसान संगठित नहीं हैं। वो किसी तरह अपना पेट भरने में लगे हैं। पेट भरा होता तो अपने हक के बारे में भी सोचते।' वो कहते हैं, 'हमारे लिए खेती बहुत फायदे का सौदा नहीं है। बीज और खाद बहुत महंगा पड़ते हैं। सरकार की तरफ से इसकी कोई व्यवस्था नहीं हो पाती है। ऐसे में अधिकतर लोग अपनी जमीन बंटाई पर दे देते हैं। हमने भी आधी बंटाई पर दी है।' पंजाब और हरियाणा के किसान सबसे ज्यादा मंडी कानून में फेरबदल को लेकर आक्रोशित हैं। उनका सबसे बड़ा मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी हैं।

विनोदानंद ठाकुर कहते हैं कि बिहार के किसान इन मुद्दों को नहीं समझ पा रहे हैं क्योंकि बिहार में मंडी कानून 2006 में ही रद्द कर दिया गया था और अब अधिकतर किसान फसल काटते ही व्यापारियों को अपनी फसल बेच देते हैं। बिहार के सीमांचल इलाके में पहले गेहूं की खेती भी बड़े पैमाने पर होती थी लेकिन अब यहां मक्के की खेती ही ज्यादा होती है। मक्के की फसल की सरकार की ओर से खरीद की कोई व्यवस्था नहीं है।

विनोदानंद ठाकुर कहते हैं, 'इस इलाके को धान का कटोरा कहा जाता है। अभी सरकार को धान की खरीददारी शुरू करनी चाहिए थी लेकिन सरकार ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया है। किसानों को मक्के की फसल लगानी है, ऐसे में वो जल्दबाजी में धान बेचकर मक्का के लिए खाद खरीद कर रहे हैं। जब सरकार धान का खरीद शुरू करेगी, तब छोटे किसानों के पास धान रहेगा ही नहीं, सिर्फ बड़े किसानों के पास ही धान रहेगा।'

बिहार में कम है किसानों की आय

पंजाब और हरियाणा में बिहार के मुकाबले किसानों के पास जमीन भी अधिक है। पंजाब में हर किसान के पास औसतन 3.62 हेक्टेयर जमीन है जबकि बिहार में औसत जमीन 0.61 हेक्टेयर ही है।

बिहार में किसानों की आय कम होने का एक बड़ा कारण ये भी है कि जब भी कोई फसल कटती है उस समय बाजार में उसका दाम कम रहता है। छोटे किसानों को अपनी फसल मजबूरी में बेचनी पड़ती है। बिहार में अधिकतर किसान छोटे किसान है और वो फसल कटते ही जो भाव मिलता है उस पर ही उपज बेच देते हैं।

मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, सहरसा, बेगूसराय, समस्तीपुर आदि जिलों में मक्का की खेती अधिक होती है। जो किसान जनवरी-फरवरी में 2400 रुपए क्विंटल बेचा है उसी की मक्का को जून में कोई 1200 रुपए में लेने को तैयार नहीं था। मुरारी के मुताबिक, बिहार में कृषि की बदहाली की एक बड़ी वजह ये भी है कि यहां किसानों के पास ना इंफ्रास्ट्रक्टर है और ना ही पूंजी है।

वो कहते हैं, 'पंजाब के किसानों के खुशहाल होने की वजह ये है कि अभी उनका धान कटा है और उन्होंने गेहूं बोने की तैयारी कर रहे हैं। उनके पास बेचने के लिए मंडियां हैं। धान की MSP 1883 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि बिहार में कोई धान को 1200 क्विंटल तक में खरीदने को तैयार नहीं है। हम गेहूं कैसे बोएं? किसानों ने धान की फसल में जो पूंजी लगाई थी वो ही नहीं निकल पा रही है।'

क्या बिहार में भी आंदोलन हो सकता है?

विनोदानंद ठाकुर कहते हैं कि यदि बिहार में किसान आंदोलन खड़ा भी हुआ तो उसके मुद्दे अलग होंगे। ठाकुर कहते हैं, 'बिहार में आंदोलन हो सकता है, लेकिन उसका मुद्दा अलग होगा। मक्के और धान की सही समय पर खरीददारी यहां आंदोलन का मुद्दा होगा ना कि नए किसान कानून।'

वहीं अखिल भारतीय पंचायत परिषद के अध्यक्ष वाल्मिकी प्रसाद सिंह कहते हैं कि कृषि कानूनों के बारे में पंचायत स्तर पर लोगों से राय ली जानी चाहिए। वो कहते हैं, 'बिहार से यदि आंदोलन शुरू हुआ तो फिर अंतिम आंदोलन होगा। बिहार ने शुरू किया तो बैठेगा नहीं। जेपी आंदोलन को भी बिहार ने ही अंजाम पर पहुंचाया था।'



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बिहार में किसानों की आय कम होने का एक बड़ा कारण ये भी है कि जब भी कोई फसल कटती है उस समय बाजार में उसका दाम कम रहता है।


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6 में से सिर्फ 2 वैक्सीन ही अंतिम फेज के ट्रायल्स में; बाकी 4 वैक्सीन मार्च के बाद ही आएंगी

रूस और चीन के बाद अब UK ने भी अपने लिए वैक्सीन सिक्योर कर लिया है। चीन ने अपने 4 और रूस ने अपने 2 वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल्स पूरे होने के पहले ही मंजूरी दे दी थी। इसके बाद UK ने 2 दिसंबर को अमेरिकी कंपनी फाइजर और उसकी जर्मन सहयोगी बायोएनटेक के बनाए mRNA वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है। इससे भारत में भी जल्द से जल्द वैक्सीन के आने को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII), हैदराबाद के भारत बायोटेक और अहमदाबाद के कैडिला हेल्थकेयर में बन रहे वैक्सीन का जायजा लेने तीनों शहरों का दौरा किया था। इसके कुछ ही दिनों बाद उन्होंने डॉ. रेड्डी'ज लैबोरेटरीज, जेनोवा फार्मास्युटिकल्स और बायोलॉजिकल E के वैज्ञानिकों से वर्चुअल मीटिंग की। इन तीनों ही जगहों पर विदेश में बने वैक्सीन के शुरुआती दौर के ट्रायल्स चल रहे हैं। आइए जानते हैं, भारत में बन रहे इन 6 वैक्सीन के बारे में...

1. कोवीशील्डः SII करने वाला है इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई

पुणे में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के कोल्ड स्टोरेज में कोवीशील्ड वैक्सीन के बॉक्स।

किसने बनाईः ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन)

स्टेटसः एस्ट्राजेनेका ने 23 नवंबर को इसके फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे घोषित किए। इसके मुताबिक, जब एक हॉफ और एक फुल डोज दिया गया तो वह 90% तक असरदार रही। वहीं, दो फुल डोज देने पर 62% असरदार रही। भारत में पुणे के SII ने इस वैक्सीन के डोज मैन्यूफैक्चर करने का करार किया है। SII के CEO अदार पूनावाला का कहना है कि वैक्सीन के 40 लाख डोज तैयार हो चुके हैं।

कब मिलेगी और कीमत: पूनावाला की कंपनी जल्द ही इस वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई करने वाली है। ऐसा हुआ तो फरवरी तक करीब एक करोड़ वैक्सीन उपलब्ध हो सकती हैं। सरकार को 225 रुपए और आम भारतीयों को 500 रुपए में वैक्सीन का एक डोज मिलेगा।

2. कोवैक्सीनः भारत बायोटेक ने 25 जगहों पर शुरू किए हैं अंतिम स्टेज के ट्रायल्स

अहमदाबाद में कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल्स के दौरान एक वॉलंटियर वैक्सीन लगवाते हुए।

किसने बनाईः हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर वैक्सीन बनाई है और नाम रखा है- कोवैक्सीन।

स्टेटसः इस वैक्सीन के दो फेज के ट्रायल्स हो चुके हैं और अब तक यह वैक्सीन असरदार रही है। किसी भी वॉलंटियर में गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं दिखाई दिया है। कंपनी ने नवंबर में ही 25 जगहों पर 25,800 वॉलंटियर्स पर इसके फेज-3 ट्रायल्स शुरू किए हैं।

कब मिलेगीः सबकुछ टाइमलाइन के मुताबिक हुआ तो फरवरी-मार्च में कंपनी इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई कर सकती है। अब तक कंपनी ने यह नहीं बताया कि इसकी कीमत क्या होगी।

3. स्पूतनिक V: डॉ रेड्डीज लैब्स ने शुरू किए फेज-2/3 ट्रायल्स

रूस में एक हेल्थवर्कर को स्पूतनिक V वैक्सीन का डोज लगाते हुए डॉक्टर।

किसने बनाईः रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड की मदद से रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन को डेवलप किया है।

स्टेटसः डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V के भारत में 1 दिसंबर को फेज-2/3 क्लिनिकल ट्रायल्स शुरू किए हैं। नवंबर में RDIF ने स्पूतनिक के क्लिनिकल ट्रायल्स डेटा का दूसरा अंतरिम एनालिसिस पेश किया। इसके मुताबिक, वैक्सीन पहले डोज के 28 दिन बाद 91.4% असरदार रही और पहले डोज के 42 दिन बाद 95% असरदार रही।

कब मिलेगी और कीमतः फेज-2/3 ट्रायल्स में दो से तीन महीने का वक्त लग जाएगा। मार्च के बाद वैक्सीन अप्रूवल पा सकती है। इसके एक डोज की कीमत 700 रुपए के आसपास रहने का भरोसा कंपनी ने दिया है।

4. ZyCov-D: जायडस कैडिला की वैक्सीन फेज-3 में जाने को तैयार

अहमदाबाद में जायडस की वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

किसने बनाईः अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला ने कोविड-19 से बचाने के लिए प्लास्मिड DNA वैक्सीन ZyCov-D बनाई है।

स्टेटसः इसके फेज-1 के क्लिनिकल ट्रायल्स का डेटा आ चुका है और इसने प्रॉमिसिंग रिजल्ट्स दिए हैं। डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (DSMB) ने इसकी पुष्टि की है। इस समय फेज-2 ट्रायल्स चल रहे हैं, जिसके नतीजे जल्द ही घोषित किए जाएंगे। कंपनी का दावा है कि फेज-2 में भी रिजल्ट्स अच्छे रहे हैं।

कब मिलेगी और कीमतः 2021 की दूसरी तिमाही तक वैक्सीन बाजार में उपलब्ध कराने की तैयारी है। अब तक कंपनी ने यह नहीं बताया कि इसकी कीमत क्या होगी।

5. बायोलॉजिकल E ने भी शुरू किए फेज-1/2 क्लिनिकल ट्रायल्स

प्रधानमंत्री बायोलॉजिकल E, जेनोवा और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज की वैक्सीन डेवलपमेंट टीम से बात करते हुए।

किसने बनाईः अमेरिकी कंपनी डायनावैक्स टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन और ह्यूस्टन के बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन ने मिलकर सबयूनिट वैक्सीन कैंडिडेट बनाया है।

स्टेटसः हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल E ने इस वैक्सीन के लिए करार किया है। नवंबर में ही कोविड-19 सबयूनिट वैक्सीन कैंडिडेट के भारत में फेज-1/2 क्लिनिकल ट्रायल्स शुरू करने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी हासिल की है। यदि वैक्सीन कारगर रहता है तो एक अरब डोज एक साल में बनाने की क्षमता है।

कब मिलेगी और कीमतः 2021 में जुलाई के बाद ही इस वैक्सीन के उपलब्ध रहने की उम्मीद है। अब तक कंपनी ने कीमत नहीं बताई है।

6. अभी लैब्स में ही है पुणे की जेनोवा फार्मा और HDT बायोटेक की वैक्सीन

किसने बनाईः अमेरिका के HDT बायोटेक कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर पुणे की कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने mRNA वैक्सीन कैंडिडेट (HGCO19) डेवलप किया है।

स्टेटसः इस वैक्सीन ने चूहों और प्राइमेट मॉडल्स में सेफ्टी, इम्युनोजेनेसिटी, न्यूट्रलाइजेशन एंटीबॉडी एक्टिविटी दिखाई है। अभी कंपनी ने अपने वैक्सीन के फेज-1/2 क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए अप्लाई नहीं किया है।

कब मिलेगी और कीमतः फिलहाल इसके ह्यूमन ट्रायल्स शुरू नहीं हुए हैं। 2021 में जुलाई के बाद ही यह वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगी। कीमत पर फैसला बाद में होगा।



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