शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

यूपी पुलिस का एमपी पुलिस से सवाल- इनाम किसे दें? उज्जैन पुलिस 3 दिन में बताएगी- विकास को पहले किसने देखा, गिरफ्तारी किसने की?

विकास दुबे को गिरफ्तारी पर रखा गया 5 लाख का इनाम किसे दिया जाए? यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस को चिट्‌ठी लिखकर यह सवाल पूछा है। दरअसल, कानपुर शूटआउट में 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किया गया था। इसी वजह से यूपी पुलिस ने एमपी पुलिस से सवाल पूछा है।

यूपी एसटीएफ को सौंपे जाने तक का ब्योरा देगी एमपी पुलिस

कुछ लोग सामने आए थे, जिनकी निशानदेही पर विकास को गिरफ्तार किया गया था। अब उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने मामला सुलझाने के लिए 3 मेंबर वाली कमेटी गठित की है। यूपी पुलिस जानना चाहती है कि किसकी निशानदेही पर गिरफ्तारी हुई, इसमें कौन पुलिसवाले शामिल थे। उज्जैन पुलिस की कमेटी इस पर 3 दिन में रिपोर्ट देगी कि विकास को पहले किसने देखा और उसे किसने पकड़ा। रिपोर्ट में विकास को यूपी एसटीएफ को सौंपे जाने तक का ब्योरा होगा।

9 जुलाई कोहुआ था गिरफ्तार

गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी 9 जुलाई को सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से हुई थी। गिरफ्तारी के बाद एसपी मनोज सिंह ने कहा था कि वह राजस्थान के झालावाड़ से सुबह से 3.58 बजे उज्जैन के देवासगेट बस स्टैंड पर पहुंचा था। वहां से ऑटो में बैठ कर रामघाट पर शिप्रा नदी में स्नान के लिए गया था। उसके बाद वह 7.45 बजे महाकाल मंदिर में पहुंचा था। यहां उसे पहली बार फूल की दुकान चलाने वाले ने देखा था। फिर मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसे गिरफ्तार किया था।

आठ पुलिसवालों का हत्यारा उज्जैन में पकड़ा गया था

कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों की शूटआउट में हत्या के बाद फरार हुआ विकास दुबे गुरुवार को नाटकीय तरीके से पुलिस की गिरफ्त में आ गया। एक दिन पहले ही यह खबरें आई थीं कि वह फरीदाबाद के एक होटल में कमरा लेकर रुका था। इसके सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे, लेकिन इसके बाद गुरुवार सुबह वह उज्जैन पहुंचा और सरेंडर के इरादे से ही वह महाकाल मंदिर में गया। उज्जैन पुलिस के सूत्रों ने भास्कर को बताया कि विकास दुबे यूपी पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए उज्जैन पहुंचाथा।



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कानपुर शूटआउट के बाद 9 जुलाई को विकास दुबे उज्जैन से पकड़ा गया था। बाद में उसे कानपुर लाते समय रास्ते में गाड़ी पलट गई। जिसके बाद वह भागने की कोशिश करने के दौरान मारा गया था। - फाइल फोटो


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अमिताभ और अभिषेक के बाद ऐश्वर्या-आराध्या भी नानावटी अस्पताल में भर्ती; ऐश्वर्या को हल्का बुखार और सांस लेने में तकलीफ

ऐश्वर्या राय बच्चन और बेटी आराध्या बच्चन को शुक्रवार शाम नानावटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि ऐश्वर्या और आराध्या को हल्के बुखार के बाद अस्पताल में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया। शाम करीब 6 बजे पहले आराध्या को अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद 8:30 बजे ऐश्वर्या को।

ऐश्वर्या को सांस लेने में भी तकलीफ बताई जा रही है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि उनका सीटी स्कैन किया गया है। इससे पहले 11 जून को अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन कोरोना के हल्के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था।

रविवार को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं ऐश्वर्या

शनिवार (11 जुलाई) को अमिताभ और अभिषेक कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद उनके फैमिली मेंबर्स और स्टाफ की जांच की गई थी। इनमें से रविवार को ऐश्वर्या और उनकी बेटी आराध्या में मामूली लक्षण पाए थे। बीएमसी के अधिकारियों ने ऐश्वर्या और आराध्या से उनके लक्षणों को लेकर बात की थी और पूछा था कि क्या उन लक्षणों से कोई परेशानी तो नहीं?

ऐश्वर्या ने कहा था कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है

ऐश्वर्या ने अपने और आराध्या के लक्षणों को हल्का बताया था और कहा था कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्हें न तो बुखार आया है और न ही सांस लेने में तकलीफ है। इसके बाद कोविड-19 के क्वारैंटाइन नियमों के अनुसार उन्हें घर पर ही रखने का फैसला किया गया था। इसमें पूरे परिवार की रजामंदी थी। अब 6 दिन बाद ऐश्वर्या-आराध्याको बुखार की खबर ने सबको चिंता में डाल दिया है।

अभिषेक ने दो ट्वीट करके स्थिति साफ की थी

बीते रविवार शाम को अस्पताल में एक पूरा दिन बिताने के बाद अभिषेक ने ट्वीट कर बताया था- मेरे पिता और मैं तब तक हॉस्पिटल में ही रहेंगे, जब तक कि डॉक्टर कहेंगे। मैं सभी से सुरक्षित और सावधान रहने की अपील करता हूं। प्लीज नियमों का पालन कीजिए!

एक अन्य ट्वीट में अभिषेक ने ऐश्वर्या और आराध्या के कोविड-19 पॉजिटिव होने की पुष्टि की थी। अभिषेक ने लिखा था - वे घर में ही क्वारैंटाइन में रहेंगे। हमने बीएमसी को उनकी स्थिति के बारे में बता दिया है और वे जरूरी चीजें कर रहे हैं।

जया, श्वेता का टेस्ट निगेटिव

अमिताभ बच्चन की पत्नी जया, बेटी श्वेता, नातिन नव्या नंदा और नाती अगस्त्य नंदा की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। साथ ही उनके 26 स्टाफ मेंबर्स की स्वाब रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी।

अमिताभ-अभिषेक को भर्ती हुए 7 दिन
अमिताभ और अभिषेक को अस्पताल में भर्ती हुए 7 दिन हो गए हैं। बीते शनिवार हल्के लक्षण दिखने के बाद 77 साल के अमिताभ और 44 साल के अभिषेक खुद कार चलाकर नानावटी हॉस्पिटल पहुंचे थे। दोनों ने अपने कोविड पॉजिटिव होने की जानकारी ट्विटर पर साझा की थी।

अमिताभ ने लिखा था, 'मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं। अस्पताल में भर्ती हो चुका हूं। मेरे परिवार और स्टाफ के लोगों का टेस्ट हुआ है। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। पिछले 10 दिनों में मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से गुजारिश है कि वे अपना टेस्ट कराएं।'

इसी तरह अभिषेक ने भी पिता और अपने कोविड पॉजिटिव होने की खबर फैन्स को दी थी और पैनिक न होने की अपील भी की थी। उन्होंने लिखा था, "आज हम दोनों, मेरे पिता और मैं कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए हैं। हम दोनों को हल्के लक्षण थे, जिसके बाद हम अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। हमने सभी जरूरी अथॉरिटीज को जानकारी दे दी है और हमारे परिवार व स्टॉफ के सदस्यों का टेस्ट कराया जा रहा है। मैं सभी से शांत रहने और पैनिक न फैलाने की गुजारिश करता हूं। धन्यवाद।'



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बीएमसी के अधिकारियों ने ऐश्वर्या और आराध्या से उनके लक्षणों को लेकर बात की थी। अधिकारियों ने पूछा कि दोनों को किसी तरह की कोई दिक्कत तो नहीं। -फाइल फोटो


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पैरानॉर्मल एक्सपर्ट स्टीव हफ ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्मा से पूछा- अपनी जान क्यों दी? आवाज आई- बदलाव के लिए

हफ पैरानॉर्मल के स्टीव हफ ने दावा किया है कि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की आत्मा से बात की है। इसके लिए उनके पास हजारों रिक्वेस्ट आईं थीं, जिसके बाद उन्होंने सुशांत की आत्मा के साथ स्पिरिट बॉक्स सेशन किया। स्टीव ने एक वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए बताया है कि सुशांत की आत्मा काफी स्ट्रॉन्ग थी और उनसे बात करके स्टीव को कई अविश्वसनीय अनुभव हुए।

स्टीव ने पोस्ट में लिखा है- उसने मुझे सीधे जवाब दिए। पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट और अपनी ही आवाज में। मैं जल्दी ही इसका एक और सेशन करूंगा, जिसमें कई और गहरे सवाल पूछना है। 13 जुलाई को स्टीव ने यह सेशन किया था, जिसमें वह ये देखना चाहते थे कि सुशांत की आत्मा आती है या नहीं। बकौल स्टीव, सुशांत की आत्मा आई थी।

स्टीव और सुशांत के बीच हुई ये बात

वीडियो में स्टीव सुशांत का नाम लेकर पूछ रहे हैं कि आपको याद है कि आपकी मौत कैसे हुई। इसके बाद आवाज आती है। स्टीव ने बताया कि वे सुशांत के काम के बारे में नहीं जानते लेकिन उनके पास सुशांत से सेशन के लिए हजारों रिक्वेस्ट आईं। जिसके बाद मैं यह सेशन आपकी आत्मा के साथ कर रहा हूं। स्टीव ने जब पूछा तो डिवाइस से आवाज आती है- यहां रोशनी है हफ, उनसे कहो मुझे रोशनी मिल गई है। अब यह रोशनी धीमी हो रही है। वे तुम्हें देख रहे हैं। मैं सच में गॉड से मिलना चाहता था। आप जानते हैं मैं उनसे क्या कहना चाहता हूं। उसकी आत्मा ठीक है और वह स्वर्ग में है।

जब स्टीव ने पूछा कि आपने अपनी जान क्यों दी तो डिवाइस से आवाज आती है- बदलाव के लिए।वीडियो में स्टीव, सुशांत की आत्मा को काफी मजबूत बता रहे हैं। वीडियो के आखिर में स्टीव ने कहा कि सुशांत अकेले नहीं थे, उनके साथ कोई दो आत्माएं और थीं।

कौन है सुशांत की आत्मा से बात करने वाले स्टीव

स्टीव आत्माओं से बात करने का सिलसिला पिछले 10 सालों से चल रहा है। इसके लिए उन्होंने एक डिवाइस एस्ट्रल डोरवे भी बनाई है। जो उन आत्माओं की आवाज को सुनाती है, जिसे स्टीव बुलाते हैं। स्टीव पैट्रिक स्वेज ओर माइकल जैक्सन की आत्माओं के साथभी यही सेशन कर चुके हैं। जिसके वीडियो उनके यू-ट्यूब चैनल पर हैं।

दैनिक भास्कर इस वीडियो में सुशांत की आत्मा के होने की पुष्टि तो नहीं करता, न ही यह मानता है कि येसच है, लेकिन यह जरूरस्वीकार करते हैं कि सुशांत कोमौत के बाद जो प्यार मिला है, वह उस समय से ज्यादाहै जब वे जीवित थे।


इसके पहले भीआत्मा से बात करने का दावा कर चुके लोग

सुशांत सिंह की मौत के बाद उनकी आत्मा से बात करने का दावा दो और लोग कर चुके हैं। लूना वेदिका नामक संस्था चलाने वाली डॉ. सशिना ने 28 जून की सुबह अपने यू ट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड कर विस्तार से इस रोमांचक मुलाकात के बारे में विस्तार से बताया था।

इसके अलावा सुशांत के फैन धोत्रे गुरूजी ने यूट्यूब चैनल पर दावा किया था कि उन्होंने सुशांत की आत्मा से बात की है। उन्होंने अपने वीडियो में पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स शॉन लार्सन और ट्रासा लार्सन से बात की थी। वीडियो में ये बताया कि उनका मर्डर करने वाले ने काले रंग के कपड़े पहने हुए थे और वहएक पुरुषहै।

सुशांत सुसाइड केस में अब तक

मुंबई पुलिस के द्वारा सुशांत सिंह सुसाइड केस में अभी भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं। 35 लोगों के बयानों के बाद उनके मनोचिकित्सक केरसी चावड़ा से पूछताछ की गई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस आने वाले हफ्ते में फाइनल जांच रिपोर्ट फाइल कर सकती है। वहीं शेखर सुमन के बाद उनकी गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती ने भी इस केस की सीबीआई जांच की मांग की है।



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वीडियो स्टीव हफ के यू-ट्यूब चैनल से साभार


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सॉलिडैरिटी कप कल; तीन टीमें 36 ओवर का एक मैच खेलेंगी; दोनों हाफ में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली टीम विजेता होगी

कोरोनावायरस की वजह से दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट पर लगा ब्रेक अब खत्म हो रहा है। एक्सपेरिमेंटल टूर्नामेंट सॉलिडैरिटी कप से देश में क्रिकेट की वापसी हो रही है। यह मुकाबला शनिवार को थ्रीटीसी फॉर्मेट (तीन टीमें एक मैच खेलेंगी) में होगा। इसमें दक्षिण अफ्रीका के 24 पॉपुलर क्रिकेटर्स हिस्सा लेंगे।

इसके लिए 8-8 खिलाड़ियों की तीन टीमें तैयार की गई हैं। इन टीमों का नाम ईगल्स, काइट्स और किंगफिशर है। ईगल्स के कप्तान एबी डीविलियर्स, काइट्स के हेनरिक क्लासेन और किंगफिशर की कमान क्विंटन डी कॉक संभालेंगे।

रबाडा की जगह क्विंटन डी कॉक किंगफिशर की कप्तानी करेंगे

पहले किंगफिशर की कप्तानी कैगिसो रबाडा करने वाले थे, लेकिन पारिवारिक वजहों से वह यह मैच नहीं खेलेंगे।ईगल्स के सिसांडा मगाला भी परिवारिक सदस्य की मौत की वजह से इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। इसके अलावा क्रिस मॉरिस भी यह मैच नहीं खलेंगे। इन तीनों खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट भी तय कर दिए गए हैं।

रबाडा की जगह पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एंटिनी के बेटे थैंडो एंटिनी किंगफिशर टीम का हिस्सा होंगे।मगाला की जगह बोर्न फॉरट्यूइन ईगल्स की तरफ से खेलेंगे।

स्पॉन्सरशिप से मिला पैसा हार्डशिप फंड में डाला जाएगा

तीनों टीमों को स्पॉन्सरशिप से हासिल होने वाला पैसा क्रिकेटर्स के लिए बनाए गए हार्डशिप फंड में डाला जाएगा। इससे उन क्रिकेटर्स की मदद की जाएगी, जो कोरोना से प्रभावित हुए हैं।

सॉलिडैरिटी कप के नियम

  • 8-8 खिलाड़ियों की तीन टीमों के बीच 36 ओवर का एक मैच खेला जाएगा।मैच में 18-18 ओवर के दो हाफ होंगे।
  • एक टीम को दोनों हाफ में अलग-अलग टीम के खिलाफ 6-6 ओवर बल्लेबाजी करनी होगी।
  • कौन सी टीम पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी करेगी,यह तय करने के लिए कि ड्रॉ निकाला जाएगा। वहीं, पहले हाफ में डग आउट में बैठने वाली टीम का फैसला भी ऐसे ही होगा।
  • सेकेंड हाफ में, वो टीम पहले बल्लेबाजी करेगी, जिसने पहले हाफ में सबसे ज्यादा रन बनाएं होंगे।
  • टाई की सूरत में पहले हाफ में जिसने बल्लेबाजी की थी, वह टीम गेंदबाजी करेगी।
  • गेंदबाजी करने वाली हर टीम दोनों विरोधियों के खिलाफ अलग-अलग नई गेंद से ही 12 ओवरोगेंदबाजी करेगी।
  • एक गेंदबाज को खेल में अधिकतम तीन ओवर फेंकने की इजाजत होगी।
  • सात विकेट गिरने के बाद 8वां बल्लेबाज अकेले बल्लेबाजी करेगा। आठवां बल्लेबाज सिर्फ ईवन नंबर (2,4,6) में ही रन बना सकेगा।
  • 7 विकेट पहले हाफ में गिरने पर टीम की बल्लेबाजी रोक दी जाएगी। अगले हॉफ में 8वां बल्लेबाज अकेले फिर से पारी की शुरुआत करेगा।
  • दोनों हाफ में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली टीम विजेता होगी। उसे गोल्ड मेडल दिया जाएगा, जबकि दूसरी टीम को सिल्वर और तीसरे नंबर पर रहने वाली टीम को ब्रॉन्ज मेडल दिया जाएगा।
  • अगर गोल्ड के लिए मैच टाई होता है, तो सुपर ओवर से विजेता का फैसला होगा। लेकिन सिल्वर के लिए टाई होने पर दोनों टीमें अवॉर्ड शेयर करेंगी।

तीनों टीमें इस प्रकार हैं
ईगल्स: एबी डिविलियर्स (कप्तान), एडेन मार्कराम, लुंगी एनगिडी, एंडिलफेहलुकवायो, रैसी वान डे डुसेन, जूनियर डाला, काइल वर्नेन, ब्योर्न फॉरट्यूइन।
किंगफिशर: रीजा हेंडिक्स (कप्तान), हेनरिक क्लासेन, फाफ डु प्लेसिस, थैंडो एंटिनी, तबरेज शम्सी,जानेमैन मलान, ग्लेंटन स्टुअरमैन, जेराल़्ड कोएटजी।
काइट्स: क्विंटन डी कॉक (कप्तान), डेविड मिलर, टेम्बा बावुमा, एनरिक नोर्त्जे, ड्वेन प्रीटोरियस, बेयूरन हेंड्रिक्स, जेजे स्मट्स, लूथो सिपामला।

कब थ्रीटीसी सॉलिडैरिटी कप खेला जाएगा?
सॉलिडैरिटी कप 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला डे के दिन खेला जाएगा।
कहां खेला जाएगा सॉलिडैरिटी कप?
सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट्स पार्क में मैच खेला जाएगा।
कितने बजे मैच शुरू होगा?
मैच इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक दोपहर 2:30 बजे शुरू होगा। 2 बजे टॉस होगा।
कहां सॉलिडैरिटी कप देख सकते हैं?
सब-कॉन्टिनेंट में मैच का लाइव टेलिकास्ट स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर होगा।



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सॉलिडैरिटी कप सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट्स पार्क में भारतीय समय के मुताबिक शनिवार दोपहर 2:30 बजे से खेला जाएगा।


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लगातार घरों में बंद रहने से शरीर में हो सकती है विटामिन डी कमी, यह इम्युनिटी के लिए है बेहद अहम, लेकिन कोरोना से कनेक्शन नहीं

कोरोना के दौर में बहुत से लोगों ने घरों से बाहर निकलना काफी कम कर दिया है। जो निकल भी रहे हैं, वो बस सुबह-शाम। यह सही भी है, लेकिन इससे कुछ खतरा भी है। वो है, शरीर में विटामिन डी का कम हो जाना है। ऐसा सूर्य की रोशनी का शरीर तक पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाने से हो सकता है, क्योंकि विटामिन डी का प्रमुख स्रोत सूर्य की रोशनी ही है।

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में रुमेटोलॉजी डिपॉर्टमेंट में एचओडी डॉ. उमा कुमार कहती हैं कि विटामिन डी शरीर की इम्युनिटी को मेनटेन करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। हडि्डयों को मजबूत बनाता है। शरीर के अन्य सभी तंत्रों को सही तरीके से चलाने में भी इसकी काफी अहम भूमिका होती है। इसलिए विटामिन डी की कमी शरीर में नहीं होने देना चाहिए, लेकिन विटामिन डी को कभी खुद से नहीं लेना चाहिए, हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए।

विटामिन डी की मात्रा ज्यादा होने से कार्डियक डेथ का खतरा

डॉ. उमा के मुताबिक शरीर में विटामिन डी की मात्रा ज्यादा होने से कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है, इससे कार्डियक डेथ का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए कभी सप्लिमेंट्स लेने की कोशिश न करें।

विटामिन शरीर के लिए उतना ही जरूरी है, जितना अन्य कंपोनेट्स होते हैं। इसलिए इसे बस मेनटेन किए रहें। इसके लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है।
कुछ स्टडी का यह भी कहना है कि शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त उपलब्धता से सामान्य जुकाम और फ्लू से बचा जा सकता है।

विटामिन डी को लेकर ब्रिटिश एक्सपर्ट्स की सलाह-

  • ब्रिटिश सरकार में सेहत और पोषण को लेकर काम करने वाली संस्था साइंटिफिक एडवाइजरी कमिशन ऑन न्यूट्रिशन और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड केयर एक्सलेंस ने कोरोना में विटामिन डी की भूमिका को लेकर रिपोर्ट तैयार की है।
  • ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस का कहना है कि महामारी के इस दौर में लोगों को हर दिन 10 माइक्रोग्राम विटामिन लेनी चाहिए। खासकर, उन लोगों को जो घरों में ज्यादा रहे हैं।
  • हालांकि पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने पूरे साल विटामिन डी की सप्लिमेंट लेने की सलाह दी है। पीएचई का कहना है कि जो बाहर नहीं जा पा रहे हैं या केयर होम में रह रहे हैं, उनके लिए विटामिन डी अलग से लेना बहुत जरूरी है।
  • स्कॉटलैंड और वेल्स सरकारों के अलावा उत्तरी आयरलैंड की पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने भीलॉकडाउन में इसी तरह की सलाह दी है।

विटामिन डी और कोरोना का कोई आपस में कनेक्शन नहीं है
डॉ. उमा कहती हैं कि विटामिन डी और कोरोना का कोई आपस में कनेक्शन नहीं है। और न ही विटामिन डी कोरोना का ट्रीटमेंट है। हां, जिन लोगों में विटामिन डी की कमी होती है, उनके बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे लोगों में ऑटोइम्युन डिसीज की आशंकाज्यादा होती है। लेकिन, विटामिन डी की स्क्रीनिंग बिना मतलब नहीं कराना चाहिए।
पिछले सालों में हुई कम्युनिटी बेस्ड स्टडीज के मुताबिक देश में करीब 50 से 90% लोगों में विटामिन कीकमी पाई गई थी।

क्या विटमिन डी से कोरोना को रोका जा सकता है?

  • नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सलेंस ने विटमिन डी पर हुई रिसर्च की समीक्षा में बताया है कि इसके कोई सबूत नहीं हैं, जिसके आधार पर कहा जाए कि विटामिन डी के सप्लिमेंट से कोविड-19 को रोका जा सकता है।
  • लेकिन, एक्सपर्ट्स इस बात से सहमत हैं कि महामारी के वक्त में विटामिन डी के कई फायदे भी हैं, इसलिए इसकी शरीर में कमी नहीं होने देने की जरूरत है।
  • बीएमजे न्यूट्रिशन, प्रिवेंशन एंड हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन डी खास चीजों के लिए दी जानी चाहिए न कि कोविड-19 के इलाज के तौर पर। लेकिन, विटामिन डी हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में रहनी चाहिए।
  • कुछ रिसर्चर्स का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति में विटामीन डी की कमी है और वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसे ठीक करना थोड़ा मुश्किल है।

क्या विटामिन डी की डोज अलग से लेनी चाहिए?

  • नहीं। डॉक्टर उमा के मुताबिक, विटामिन डी की डोज अलग से सुरक्षित नहीं होती हैं। इसलिए डॉक्टर से बिना पूछे कोई भी सप्लिमेंट न लें। यदि आप डॉक्टर की बताई डोज से ज्यादा लेते हैं तो इससे मौत भी हो सकती है।

दुनियाभर की स्टडी क्या कहती हैं?

  • एक स्टडी के मुताबिक, विटामिन डी से वायरल इन्फेक्शन और कोविड-19 के सिम्पट्म्स एमेलीओरेट और साइटोकाइन स्ट्रोम का खतरा कम होता है।
  • यूरोप के 20 देशों में विटामिन डी को लेकर हुई एक स्टडी में पता चला कि जिन देशों के लोगों में विटामिन डी का लेवल कम था, उनमें कोरोना वायरस के केस ज्यादा देखने को मिले, ऐसे लोगों की मौतें भी ज्यादा हुईं। खासकर, स्पेन, इटली और स्विट्जरलैंड के लोगों में विटामिन डी का स्तर काफी कम रहा।
  • इंडोनेशियन रेस्ट्रोस्पेक्टिव चोर्ट स्टडी के शोधकर्ताओं ने 780 कोविड-19 की मरीजों का अध्ययन किया है, तो पता चला कि इनमें उन लोगों की सबसे ज्यादा मौतें हुईं, जिनमें विटामिन डी का लेवल सामान्य स्तर से काफी कम था।


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12वीं में न्यूनतम 75% स्कोर लाने की अनिवार्यता में इस साल मिलेगी छूट, अकेले जेईई - एडवांस क्वालिफाय करने पर ही मिल सकेगा एडमिशन,

देश भर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में प्रवेश के लिए 12वीं के न्यूनतम स्कोर की अनिवार्यता को एक साल के लिए खत्म कर दिया गया है। अब तक सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट को जेईई एडवांस में रैंक हासिल करने के साथ ही 12वीं में 75% स्कोर या फिर बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल में शामिल होना अनिवार्य था।आरक्षित श्रेणी के स्टूड़ेंट्स के लिए 12वीं में न्यूनतम 65% स्कोर या फिर टॉप 20 परसेंटाइल में शामिल होना अनिवार्य था। एमएचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है।

लॉकडाइन के चलते बिगड़ा स्टूडेंट्स का 12वीं का स्कोर

कोरोना वायरस महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन को देखते हुए CBSE, CISE समेत कई स्टेट बोर्ड ने बचे हुए पेपर को रद्द करने का फैसला लिया था। इन पेपरोंमें इंटरनल असेसमेंट यापिछले प्रदर्शन पर ए‌वरेज मार्क्स जैसे अलग-अलग तरीकों के जरिए नंबर दिए गए थे।इस वजह सेस्टूडेंट्स न सिर्फ स्कोर बिगड़ने को लेकर चिंतित थे। बल्कि इस बात की चिंता ज्यादा थी कि वे हायर एजुकेशन में प्रवेश के लिए 12वीं में न्यूनतम स्कोर वाली अनिवार्यता को पूरा कर भी पाएंगे या नहीं। अब आईआईटी के इस फैसले से इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने जा रहे स्टूडेंट्स को खासी राहत मिलेगी।

पिछले महीने जेआईसी की बैठक में हुआ था फैसला

पिछले महीने हुई ज्वॉइंट इम्पलिमेंटेशन कमेटी (JIC) की बैठक में भी इस बात पर सहमति बन गई थी कि 2020 के लिए 12वीं के स्कोर वाली अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए। jic सभी आईआईटी के जेईई चेयरपर्सन्स की एक संयुक्त कमेटी होती है।

27 सितंबर को होगा जेईई एडवांस

जेईई ( एडवांस) परीक्षा 27 सितंबर को होनी है। कोरोना वायरस महामारी के चलते यह दूसरी बार इस परीक्षा को पोस्टपोन किया गया है।

एमएचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक का ट्वीट



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IIT-JEE admissions: Board marks criterion dropped this year


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अमेरिका अपनी कंपनियों के साथ भेदभाव का आरोप लगा रहा, जबकि कई देश डिजिटल टैक्स के जरिए अपनी टैक्स कमाई बढ़ाना चाहते हैं

डिजिटल कंपनियों पर विभिन्न देशों के टैक्स नियमों में समानता लाने के वैश्विक प्रयास से अमेरिका के बाहर निकल जाने पर अब एक नया ट्रेड वार का जोखिम पैदा हो गया है। कई देश डिजिटल टैक्स को अपना राजस्व बढ़ाने के अवसर के तौर पर देख रहे हैं। जबकि, अमेरिका का कहना है कि डिजिटल टैक्स के जरिए उसकी कंपनियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उसने जवाबी शुल्क लगाने की धमकी दी है। ऐसा होता है, तो कोरोना संकट से जूझ रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में और ज्यादा गिरावट आ सकती है। समझिए डिजिटल टैक्स की पूरी गुत्थी।

क्या है डिजिटल टैक्स?

सोच यह है कि बड़ी डिजिटल कंपनियों पर उस जगह टैक्स लगाया जाए, जहां ऑनलाइन सेवाओं के उपयोगकर्ता रहते हैं, न कि उस जगह, जहां कंपनी का रीजनल हेडक्वार्टर है या जहां कंपनी अपनी आय का बैलेंसशीट तैयार करती है। साथ ही यह भी कि टैक्स रेवन्यू पर लगे न कि प्रॉफिट पर। सबसे पहले फ्रांस ने जुलाई 2019 में डिजिटल टैक्स लगाया था। फ्रांस ने उन कंपनियों पर 3 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाया था, जिनकी ग्लोबल रेवन्यू कम से कम 75 करोड़ यूरो (करीब 6,420 करोड़ रुपए) हो और फ्रांस में उसका डिजिटल सेल कम से कम 2.5 करोड़ यूरो (करीब 214 करोड़ रुपए) का हो। इस टैक्स के दायरे में करीब 30 कंपनियां आईं। इनमें से अधिकतर अमेरिका की थीं। हालांकि कुछ कंपनियां चीन, जर्मनी, ब्रिटेन और खुद फ्रांस की भी थीं।

डिजिटल टैक्स से सीधे तौर पर कौन-कौन जुड़े हैं?

अमेरिका ने 10 देशों और यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रस्तावित या लागू किए गए डिजिटल टैक्स की जांच शुरू की है। अमेरिका के ट्र्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) के मुताबिक ऑस्ट्र्रिया, ब्राजील, चेक रिपब्लिक, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, स्पेन, तुर्की और ब्रिटेन जैसे देशों में या तो डिजिटल टैक्स लग चुका है या इसे लगाने पर विचार किया जा रहा है।

भारत का टैक्स अधिक सख्त

अमेरिका भारत के टैक्स को अधिक सख्त मानता है, क्योंकि इसका दायरा यूरोप में प्रस्तावित दायरे से ज्यादा बड़ा है। अप्रैल में भारत ने 6% इक्वलाइजेशन लेवी (विदेशी ऑनलाइन विज्ञापन प्लेटफॉर्म्स पर लगने वाला विदहोल्डिंग टैक्स) के दायरे को बढ़ाकर इसमें उन डिजिटल कंपनियों को भी शामिल कर लिया, जो भारत में बड़े स्तर पर कारोबार कर रही हैं। भारत में इसे गूगल टैक्स कहा जाता है। यूएसटीआर की मार्च में जारी हुई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय टैक्स में अंतरराष्ट्र्रीय स्थापित नियमों का ध्यान नहीं रखा गया है। क्योंकि इसमें भारत में दी गई सेवाओं के लिए अन्य देशों में भुगतान किए गए टैक्स के लिए क्रेडिट नहीं दिया जाता है।

किस मोड़ पर है विवाद?

फ्रांस ने कहा है कि अमेरिका और अन्य देश यदि आर्गनाइजेशन फॉर इकॉनोमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) के तहत समानता स्थापित करने के लिए की जा रही वैश्विक कोशिश से सहमत हो जाएं, तो वह अपना डिजिटल टैक्स वापस ले लेगा। अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर टैक्स लगाने के सही तरीके पर वार्ता असफल हो जाने के बाद जून में अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवेन न्यूचिन ने ईयू से कहा था कि अमेरिका ओईसीडी के डिजिटल टैक्स संबंधी वार्ता से अलग हो रहा है। इसके बाद फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ली मैरे ने कहा था कि उसका देश इस साल यह टैक्स लागू कर देगा, क्योंकि यह न्याय का मुद्दा है।

वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियां 9.5% टैक्स देती हैं, जबकि पारंपरिक कंपनियां 23.2% टैक्स देती हैं

यूएसटीआर रॉबर्ट लाइटहाजर ने 17 जून को अमेरिका के सांसदों से कहा था कि यदि कोई देश एकतरफा डिजिटल टैक्स लगाएगा, तो वह जवाबी शुल्क लगाएगा। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि वार्ता के जरिये इसका समाधान निकाला जा सकता है। फ्रांस का तर्क यह है कि आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था डाटा पर आधारित है। ऐसे में 20वीं सदी की टैक्स व्यवस्थापुरानी पड़ गई है। यूरोपीय संघ के 2018 के आंकड़े के मुताबिक वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियां औसतन 9.5% टैक्स का भुगतान करती हैं। जबकि पारंपरिक कंपनियां औसतन 23.2% टैक्स चुकाती हैं।

रेवन्यूपर क्यों लगे टैक्स, प्रॉफिट पर क्यों नहीं

राजनीतिज्ञों के मुताबिक रेवन्यू पर टैक्स लगाना अधिक आसान है। प्रॉफिट पर टैक्स लगाने के लिए यह तय करना होगा कि आय कहां हुई, जो एक कठिन काम होगा। यह तय करना भी कठिन होगा कि कौन सा रेवन्यू किस देश से जुड़ा हुआ है। इस बारे में फ्रांस के टैक्स अधिकारियों का सुझाव यह है कि किसी इंटरनेट कंपनी के कुल वैश्विक कारोबार में जितना योगदान किसी देश का होगा उसी के हिसाब से कंपनी की आय पर वहां टैक्स लगना चाहिए।



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विवाद नहीं सुलझा तो कोरोना संकट से जूझ रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में और ज्यादा गिरावट आ सकती है


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12वीं में न्यूनतम 75% स्कोर लाने की अनिवार्यता में इस साल मिलेगी छूट, अकेले जेईई - एडवांस क्वालिफाय करने पर ही मिल सकेगा एडमिशन,

देश भर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में प्रवेश के लिए 12वीं के न्यूनतम स्कोर की अनिवार्यता को एक साल के लिए खत्म कर दिया गया है। अब तक सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट को जेईई एडवांस में रैंक हासिल करने के साथ ही 12वीं में 75% स्कोर या फिर बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल में शामिल होना अनिवार्य था।आरक्षित श्रेणी के स्टूड़ेंट्स के लिए 12वीं में न्यूनतम 65% स्कोर या फिर टॉप 20 परसेंटाइल में शामिल होना अनिवार्य था। एमएचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है।

लॉकडाइन के चलते बिगड़ा स्टूडेंट्स का 12वीं का स्कोर

कोरोना वायरस महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन को देखते हुए CBSE, CISE समेत कई स्टेट बोर्ड ने बचे हुए पेपर को रद्द करने का फैसला लिया था। इन पेपरोंमें इंटरनल असेसमेंट यापिछले प्रदर्शन पर ए‌वरेज मार्क्स जैसे अलग-अलग तरीकों के जरिए नंबर दिए गए थे।इस वजह सेस्टूडेंट्स न सिर्फ स्कोर बिगड़ने को लेकर चिंतित थे। बल्कि इस बात की चिंता ज्यादा थी कि वे हायर एजुकेशन में प्रवेश के लिए 12वीं में न्यूनतम स्कोर वाली अनिवार्यता को पूरा कर भी पाएंगे या नहीं। अब आईआईटी के इस फैसले से इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने जा रहे स्टूडेंट्स को खासी राहत मिलेगी।

पिछले महीने जेआईसी की बैठक में हुआ था फैसला

पिछले महीने हुई ज्वॉइंट इम्पलिमेंटेशन कमेटी (JIC) की बैठक में भी इस बात पर सहमति बन गई थी कि 2020 के लिए 12वीं के स्कोर वाली अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए। jic सभी आईआईटी के जेईई चेयरपर्सन्स की एक संयुक्त कमेटी होती है।

27 सितंबर को होगा जेईई एडवांस

जेईई ( एडवांस) परीक्षा 27 सितंबर को होनी है। कोरोना वायरस महामारी के चलते यह दूसरी बार इस परीक्षा को पोस्टपोन किया गया है।

एमएचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक का ट्वीट



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IIT-JEE admissions: Board marks criterion dropped this year


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