मंगलवार, 24 नवंबर 2020

प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे, कई राज्यों में केस तेजी से बढ़ रहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोरोना की स्थिति पर मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग करेंगे। कई राज्यों में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में यह मीटिंग अहम है। माना जा रहा है कि मीटिंग में दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में स्थिति कंट्रोल करने को लेकर फोकस रहेगा। देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 91.77 लाख के पार पहुंच चुका है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस मीटिंग में वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन की स्ट्रैटजी पर भी चर्चा के आसार हैं। सरकार ने इस बारे में काम शुरू कर दिया है कि कोरोना वैक्सीन बाजार में आने के बाद इसका तेजी से और प्रभावी डिस्ट्रीब्यूशन कैसे किया जाएगा। देश में 5 वैक्सीन डेवलपमेंट के एडवांस स्टेज में हैं। इनमें से 4 फेज-2 या फेज-3 में हैं।

कोरोना पर मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ 9वीं बैठक होगी
देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद से प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ यह 9वीं बैठक होगी। पिछली बैठक 23 सितंबर को हुई थी। उस मीटिंग में 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की गई थी।

पिछली 8 मीटिंग कब-कब हुईं, तब क्या स्थिति थी?

मीटिंग की तारीख क्या चर्चा हुई कोरोना के केस कोरोना से मौतें
20 मार्च मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग और 22 मार्च के जनता कर्फ्यू पर फोकस किया। 249 5
2 अप्रैल 9 मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा हुई। मोदी ने कहा- लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे छूट देना ही बेहतर होगा। 2,543 72
11 अप्रैल लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने पर सहमति बनी। मीटिंग में शामिल 10 मुख्यमंत्रियों ने समर्थन किया। 8,446 288
27 अप्रैल हॉटस्पॉट के बाहर 4 मई को लॉकडाउन खोलने पर सहमति बनी। पांच राज्य 3 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने के फेवर में थे। 29,451 939
11 मई मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा- 15 मई तक बताएं कि अपने राज्य में कैसा लॉकडाउन चाहते हैं। 70,768 2,294
16-17 जून प्रधानमंत्री ने कोरोना से बचाव के तरीकों, लॉकडाउन के असर, अनलॉक-1, इकोनॉमी और रिफॉर्म्स की बात की। 3,67,263 12,262
18 अगस्त मोदी ने कहा कि 72 घंटे के फॉर्मूले पर बात की। उन्होंने कहा कि 72 घंटे में संक्रमित व्यक्ति के आस-पास वालों की भी टेस्टिंग हो जानी चाहिए। 2766627 53015
23 सितंबर मोदी ने कहा- देश में करीब 700 जिले हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 7 राज्यों के 60 जिले ही चिंता की वजह हैं। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सलाह देता हूं कि वे 7 दिन तक जिला और ब्लॉक स्तर पर लोगों से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस करें। 5730180 91175


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
कोरोना की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ 9वीं बार मीटिंग करेंगे। पिछली बार 23 सितंबर 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की थी।- फाइल फोटो।


from Dainik Bhaskar /national/news/prime-minister-narendra-modi-will-hold-a-meeting-with-chief-ministers-of-states-over-covid19-situation-today-127943294.html
https://ift.tt/2J1mAc0

WHO की जांच टीम जल्द चीन जाएगी, अमेरिका में एक हफ्ते में मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हुआ

दुनियाभर में अब तक 5.94 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 4.11 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 14.01 लाख लोगों की जान जा चुकी है। अब 1.69 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है, यानी एक्टिव केस। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO ने कई महीनों तक टालने के बाद आखिरकार विदेशी एक्सपर्ट्स की एक टीम चीन भेजने का फैसला किया। यह टीम वहां कोरोनावायरस के फैलने की जांच करेगी। अमेरिका में एक हफ्ते में मरने वालों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो गई है।

WHO का फैसला
WHO ने सोमवार रात कहा कि उसने दुनिया के हेल्थ एक्सपर्ट्स और संक्रामक बीमारियों की विशेषज्ञों की एक टीम चीन भेजने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, यह टीम इस बात का पता लगाएगी कि चीन में वायरस कैसे फैला और इसका मुख्य सोर्स क्या था। इस सवाल का जवाब भी खोजा जाएगा कि यह बीमारी किसी जानवर से इंसानों तक पहुंचीं या इसकी कोई और वजह है। संगठन के इमरजेंसी डायरेक्टर माइकल रायन ने कहा- हमें पूरी उम्मीद है कि चीन सरकार इस टीम को तमाम सुविधाएं मुहैया कराएगी। इस टीम में चीन के एक्सपर्ट्स भी मौजूद रहेंगे।

संगठन का यह फैसला कुछ हैरान जरूर करता है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति लंबे वक्त से चीन पर आरोप लगाते आए हैं कि कोरोनावायरस उसके लैब से फैला। डोनाल्ड ट्रम्प ने यहां तक कहा था कि वे वक्त आने पर अपने आरोप साबित कर देंगे। हालांकि, वे अब तक कोई सबूत दे नहीं सके हैं। संगठन ने कहा- दुनिया को यह जानना जरूरी है कि आखिर वायरस इतना खतरनाक कैसे हुआ।

अमेरिका में कोई राहत नहीं
‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पिछले हफ्ते करीब 10 हजार लोगों की मौत हो गई। संक्रमण से हुई मौतों की रफ्तार पर लगाम पाने में अमेरिकी सरकार अब तक नाकाम साबित हुई है। हर दिन यहां करीब डेढ़ लाख मामले औसतन सामने आ रहे हैं। अमेरिकी सरकार ने लोगों से अपील की थी कि वे थैंक्सगिविंग सप्ताह में ट्रैवलिंग से बचें। लेकिन, सरकार की अपील का कतई असर होता नजर नहीं आता। सीएनएन के मुताबिक, लाखों लोग लॉन्ग ड्राइव पर जाने की तैयारी कर चुके हैं। इससे वायरस काफी तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा एक और खतरा अस्पतालओं में बेड कम पड़ने का है। यहां पहले ही हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं।

गरीब देशों को मदद मिलेगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक और अहम फैसला किया है। संगठन के मुताबिक, गरीब और मध्यम आय वाले देशों को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनिका की वैक्सीन उसी कीमत पर मिलेगी, जितना पैसा इसको बनाने पर खर्च हुआ है। दूसरे शब्दों में कहें तो इन देशों को वैक्सीन इसके लागत मूल्य पर ही मिलेगी। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनिका वैक्सीन का बाजार मूल्य क्या तय करते हैं। वैक्सीन का ट्रायल अंतिम दौर में है और माना जा रहा है कि मंजूरी के बाद यह जल्द ही बाजार में मौजूद होगी।

WHO ने कहा है कि वो ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनिका कंपनी का वैक्सीन गरीब देशों को लागत मूल्य पर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है। इस बारे में विस्तार से जानकारी गुरुवार को सामने आ सकती है।

फ्रांस में राहत
फ्रांस में संक्रमण की रफ्तार दो महीने में सबसे कम हुई है। यह दो हफ्ते पहले तक हर दिन करीब 25 हजार मामले सामने आ रहे थे। लेकिन, अब यह रफ्तार काफी हद तक काबू में आ गई है। सोमवार को यहां 4 हजार 452 मामले सामने आए। यह 28 सितंबर के बाद एक दिन में मिलने वाले मामलों की सबसे कम संख्या है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया- हमने सख्त उपाय किए और अब इसके बहुत अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। यह बाकी देशों के लिए भी मैसेज है कि संक्रमण की रफ्तार कम की जा सकती है और अपने लोगों की जान बचाई जा सकती है।

कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 12,770,848 263,639 7,541,874
भारत 9,177,641 134,251 8,603,463
ब्राजील 6,088,004 169,541 5,445,095
फ्रांस 2,144,660 49,232 152,592
रूस 2,114,502 36,540 1,611,445
स्पेन 1,606,905 43,131 उपलब्ध नहीं
यूके 1,527,495 55,230 उपलब्ध नहीं
इटली 1,431,795 50,4531 584,493
अर्जेंटीना 1,374,631 37,122 1,203,800
कोलंबिया 1,254,979 35,479 1,158,897

आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
चीन के वुहान में सी-फूड मार्केट बंद है। माना जा रहा है कि कोरोनावायरस सबसे पहले यहीं से फैला। अब WHO ने फैसला किया है कि उसके एक्सपर्ट्स की एक टीम जल्द यहां का दौरा करेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि वायरस कैसे फैला। इस टीम में चीन के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। (फाइल)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3pU6nGg
https://ift.tt/33blKR2

मुंबई में ड्रग्स पकड़ने गए अफसरों पर हमला; कॉमेडियन भारती जेल से बाहर और हिमाचल के चार शहरों में नाइट कर्फ्यू

नमस्कार!

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (86) का सोमवार को निधन हो गया। वे तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे। उधर, अहमदाबाद में 57 घंटे का कर्फ्यू सोमवार सुबह 6 बजे हटा। कुछ ही देर में सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ लग गई। बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

सबसे पहले देखते हैं, बाजार क्या कह रहा है…

  • BSE का मार्केट कैप 173.46 लाख करोड़ रुपए रहा। करीब 55% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
  • 3,013 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इसमें 1,667 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,170 कंपनियों के शेयर गिरे।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • हिमाचल प्रदेश में आज से 15 दिसंबर तक राज्य के 4 शहरों शिमला, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।
  • महाराष्ट्र में कंगना और उनकी बहन रंगोली द्वारा बॉम्बे हाइकोर्ट में दायर याचिका में सुनवाई होगी। एक्ट्रेस ने इसमें देशद्रोह की FIR रद्द करने की मांग की है।
  • प्रधानमंत्री मोदी 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित राज्य के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना के मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं।

देश-विदेश

मुंबई में नारकोटिक्स टीम पर ड्रग्स पैडलर की टीम ने किया हमला

मुंबई में रविवार रात गोरेगांव इलाके में NCB की टीम ड्रग्स पैडलर कैरी मैंडिस को पकड़ने गई थी। इस दौरान टीम पर कैरी के साथियों ने पत्थर और डंडे से हमला कर दिया। हालांकि, टीम ने कैरी के गुर्गे विपुल आगरे, यूसुफ शेख और अमीन अब्दुल को गिरफ्तार कर लिया।

कॉमेडियन भारती और उनके पति हर्ष को ड्रग्स मामले में जमानत

कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिंबाचिया को मुंबई के नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंसेस कोर्ट से जमानत मिल गई। दोनों को गांजा लेने के आरोप में NCB ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने दोनों को 4 दिसंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का आदेश दिया था।

कोरोना की रोकथाम के मुद्दे पर सरकारों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

देश के कुछ राज्यों में बढ़ते कोरोना के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और असम से दो दिन में हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए उन्होंने क्या उपाय किए। इस मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

गुजरात में नाइट कर्फ्यू की वजह से कई लोग शादियां टाल रहे

अहमदाबाद में 57 घंटे का कर्फ्यू तो सोमवार सुबह 6 बजे खत्म हो गया, लेकिन अभी अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट में नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा। इस बीच, नवंबर से दिसंबर तक इन 4 शहरों में करीब 5 हजार शादियां होनी हैं, जिन्हें कई लोगों ने टालना शुरू कर दिया है।

भारत में फरवरी तक कोवीशील्ड के 10 करोड़ डोज तैयार होंगे

कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है। तीसरे फेज के ट्रायल में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (कोवीशील्ड) 90% तक असरदार पाई गई। प्रमुख वैक्सीन प्रोडक्शन कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने बताया कि फरवरी तक कोवीशील्ड के कम से कम 10 करोड़ डोज तैयार हो जाएंगे।

एक्सप्लेनर

वैक्सीन का 90% तक इफेक्टिव रहना भारत के लिए खुशखबरी क्यों?

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित किए गए कोरोना वैक्सीन-कोवीशील्ड के अंतिम फेज के ट्रायल्स के शुरुआती नतीजे आ गए। वैक्सीन के ट्रायल्स दो तरह से किए गए। पहले में 62% इफिकेसी दिखी, जबकि दूसरे में 90% से ज्यादा। यह भारत के लिए खास क्यों? यहां जानिए।

पढ़ें पूरी खबर..

पॉजिटिव खबर

यूट्यूब से सीखा एरोबिक्स, अब कमाती हैं लाख रु. महीना

यह कहानी है जम्मू में रहने वाली मोनिका मनोहर की। उन्होंने जम्मू एंड कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज का प्रीलिम्स क्लियर कर लिया था लेकिन मन खुद के पैशन को फॉलो करने का था इसलिए मेंस की परीक्षा नहीं दी। खुद का एरोबिक्स सेंटर शुरू किया। अब लाख रुपए महीना कमाती हैं।

पढ़ें पूरी खबर...

सुर्खियों में और क्या है...

  • OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के दो अफसरों के खिलाफ रीवा के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज की गई। MP के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के आदेश पर ये कार्रवाई हुई।
  • RBI के ट्विटर हैंडल '@RBI' पर रविवार को 10 लाख फॉलोअर्स हो गए। यह ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स वाला दुनिया का पहला केंद्रीय बैंक बन गया है।
  • सूरत की टेक्सटाइल मिल को सेना से 10 लाख मीटर डिफेंस फैब्रिक तैयार करने का पहला ऑर्डर मिला। यह कपड़ा DRDO की गाइडलाइन पर तैयार हो रहा है।
  • बिहार की 17वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो गया। पहले दिन 191 नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी ने शपथ दिलाई।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Attack on officers who went to Mumbai to catch drugs; Comedian Bharti out of jail and night curfew in four cities of Himachal pradesh. Top News Morning Briefing Today From Dainik Bhaskar On 24 November 2020


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3nOx0KW
https://ift.tt/339opum

बाहर कोरोना, घर में पत्नी, दोनों के खौफ के बीच बचते और बजते बर्तन



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
corona cartoon Corona outside, wife at home, surviving the fear of both and utensils


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3fE4Xv3
https://ift.tt/3lZHwP2

किसी भी काम में छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान दें, सतर्क रहेंगे तो सफलता के संकेत जरूर मिलेंगे

कहानी- घटना श्रीराम-रावण युद्ध के चौथे दिन की है। उस समय रावण के कहने पर उसके भाई अहिरावण ने श्रीराम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था। अहिरावण मायावी था। वह विभीषण के रूप में राम-लक्ष्मण के शिविर में पहुंचा था, इस वजह से हनुमानजी भी उसे पहचान नहीं सके और वह अपनी योजना में सफल हो गया।

हनुमानजी को समझ नहीं आ रहा था कि राम-लक्ष्मण कहां होंगे, किसने उनका हरण किया है? तब विभीषण ने उन्हें बताया कि मेरा रूप सिर्फ अहिरावण धारण कर सकता है। उसी ने राम-लक्ष्मण का हरण किया है।

अब हनुमानजी राम-लक्ष्मण की खोज में लग गए। लेकिन, उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी। तब वे एक पेड़ के नीचे बैठकर सोच रहे थे कि अहिरावण कहां होगा? उसने श्रीराम और लक्ष्मण को कहां रखा होगा? उस समय पेड़ पर दो पक्षी बैठे हुए थे। वे दोनों बातें कर रहे थे कि आज अहिरावण देवी को इंसानों की बलि देगा तो हमें इंसान का मांस खाने को मिलेगा।

हनुमानजी पक्षियों की भाषा समझते थे, ये बातें सुनते ही उन्हें समझ आ गया कि ये श्रीराम और लक्ष्मण के बारे में ही बातें कर रहे हैं और अहिरावण का ठिकाना आसपास ही होगा। हनुमानजी ने उस क्षेत्र में खोज शुरू कर दी।

पक्षियों के एक संकेत से हनुमानजी को एक दिशा मिल गई और उन्होंने श्रीराम-लक्ष्मण को खोजकर अहिरावण की कैद से आजाद करवा लिया। अहिरावण को उसकी सेना सहित मार दिया।

सीख- ये कहानी हमें बता रही है कि किसी भी काम को करते समय सावधानी रखेंगे और आसपास की छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान रखेंगे तो सफलता के संकेत जरूर मिलेंगे। सफलता अपने संकेत जरूर देती है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, motivational story from ramayana, life management tips by ramayana


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3frzbkE
https://ift.tt/3ft434d

नाम बदलकर लव करे, तेजाब फेंकने की धमकी दे, ऐसे लोगों के खिलाफ कानून लाने के अलावा कोई रास्ता नहीं

उपचुनाव के बाद से मध्यप्रदेश सरकार बदली-बदली नजर आ रही है। 2018 के चुनाव में बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाने वाली भाजपा सरकार अब मध्य प्रदेश में हिंदुत्व के मुद्दे पर कठोर रवैया अपनाती नजर आ रही है।पहले लव जिहाद और अब गो-कैबिनेट जैसे धार्मिक मामलों पर फैसला लिया गया। ये दोनों मामले सीधे हिंदू वोट बैंक से जुड़े हैं।

शिवराज सरकार के इस बदले चेहरे पर दैनिक भास्कर ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से बातचीत की। गृहमंत्री मिश्रा सरकार का हार्डकोर हिंदू चेहरा भी हैं। लव जिहाद पर कानून लाने पर उन्होंने साफ कर दिया कि बढ़ती घटनाएं देखते हुए हमारे पास इसके खिलाफ कानून लाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था। उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:

सवाल: पहले लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने का बोला था, फिर कहा- जिहाद के खिलाफ हैं। दो अलग-अलग बातें क्यों?

गृहमंत्री: जो लव जिहाद की ओर ले जाए, हम उसका विरोध करते हैं। यही हम कह भी रहे हैं।

सवाल: मतलब लव शब्द से परहेज नहीं, सिर्फ जिहाद का विरोध है?

गृहमंत्री: लव से परहेज कैसे हो सकता है? लव मां अपने बेटे से करती है। भाई, भाई से भी करता है।

सवाल: सरकार के पास ऐसी कोई स्टडी या सर्वे है जो बताता है कि इस कानून के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था?

गृहमंत्री: जिस तरह की घटनाएं घट रही हैं, उसमें कानून लाने के सिवाय विकल्प नहीं बचा था। जिस तरह की विकृत मानसिकता के लोग हैं, कहीं गोली मार दे, तेजाब फेंकने की धमकी दे, मारपीट करे। नाम बदलकर रहे। अब यह तो अच्छा नहीं है। यह धोखा है।

सवाल: क्या लगातार केस बढ़ते जा रहे थे? ऐसे कौन-कौन से और कितने केस मध्य प्रदेश में हुए?

गृहमंत्री: हाल ही में 21 तारीख को छिंदवाड़ा में केस आया है। उससे तो लगता ही है कि लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं।

सवाल: स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन के पहले कलेक्टर को अनिवार्य सूचना देने से व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार का हनन तो नहीं होगा?

गृहमंत्री: कैसा हनन? धर्म परिवर्तन कर रहे हो तो आवेदन देना ही चाहिए। अब बहुत सारे लोग नाम बदलकर रहते हैं। नाम बदलकर लव करते हैं। उसकी जांच हो जाए तो क्या परेशानी है?

सवाल: मप्र में भाजपा सरकार का चेहरा अब बदला-बदला नजर आ रहा है। खासकर हिंदुत्व के मसले पर। ऐसा तो नहीं कि 2018 के चुनाव में मिली हार के बाद आप हार्डकोर हिंदुत्व को आगे बढ़ा रहे हैं।

गृहमंत्री: कुछ चेहरा नहीं बदल रहा है। 15 साल से आप जो देख रहे हैं, वही चेहरा है।

सवाल: एक्सपर्ट बता रहे हैं कि कानून में कहीं भी लव जिहाद का जिक्र नहीं होगा। आप बार-बार लव जिहाद के खिलाफ कानून लाना बता रहे हैं।

गृहमंत्री: हमने कब जिक्र किया। हम तो शुरू से कह रहे हैं धर्म स्वातंत्र्य कानून ला रहे हैं।

सवाल: इसके पीछे कहीं भाजपा का मकसद राजनीतिक फायदा उठाना तो नहीं?

गृहमंत्री: हम समाज के फायदे की चिंता करते हैं। राजनीतिक फायदे की चिंता नहीं करते।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार का हार्डकोर हिंदू चेहरा भी हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33aoNc9
https://ift.tt/39b243C

यूट्यूब से सीखी एरोबिक्स की ट्रेनिंग, मां-बहन थीं पहली क्लाइंट, अब कमाती हैं लाख रुपए महीना

मोनिका मनोहर जम्मू में रहती हैं। उन्होंने जम्मू एंड कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (JKAS) का प्रीलिम्स क्लियर कर लिया था लेकिन मन खुद के पैशन को फॉलो करने का था इसलिए मेंस में अपीयर ही नहीं हुईं। तमाम कठिनाइयों के बावजूद खुद का एरोबिक्स सेंटर शुरू किया।

शुरुआत में आठ से दस हजार रुपए कमाती थीं, अब लाख रुपए महीना कमाती हैं। कई अवॉर्ड ले चुकी हैं। पूरे जम्मू में उनके सेंटर की पहचान है। चंडीगढ़ में भी ब्रांच शुरू कर चुकी हैं। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी।

मोनिका कहती हैं, शुरुआत में क्लाइंट को समझाने में ही घंटों लग जाते थे, जब उन्हें चेंज दिखने लगा उन्होंने खुद ही माउथ पब्लिसिटी शुरू कर दी।

डेड ने पैसे तो दे दिए थे लेकिन कई दिनों तक बात नहीं की
मेरी फैमिली में सभी लोग जॉब में ही रहे हैं। किसी ने कभी बिजनेस नहीं किया। मेरा भाई इंजीनियर और बहन डॉक्टर है। डेड भी सरकारी नौकरी में रहे हैं। इसलिए सभी चाहते थे कि मैं भी जॉब ही करूं। इसलिए मुझे एमए, बीएड करवाया गया था ताकि जॉब करूं।

मैंने जम्मू एंड कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (JKAS) का प्रीलिम्स क्लियर कर लिया था। लेकिन मन में कुछ अटपटा सा लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं इस काम के लिए नहीं बनी हूं। बचपन से ही मुझे डांसिंग बहुत पसंद थी। डांसिंग क्लास जाया करती थी।

एक बार ट्रेनर कहीं जा रहे थे तो उन्होंने कहा कि मोनिका आज तुम क्लास ले लो। मैंने क्लास ली और सभी को बहुत पसंद आई। तब मैंने सोचा कि मैं यही करना चाहती हूं और यही मेरी खुशी है। घर में जब कहा कि एरोबिक्स सेंटर खोलना चाहती हूं तो किसी ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया।

मैं 5 हजार रुपए किराये वाला एक हॉल देखकर आ गई लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे। जिद करने पर पापा ने किराया देने की हामी भर दी लेकिन मुझसे बात करना काफी कम कर दिया। वो मेरे डिसीजन से खुश नहीं थे। आसपास के लोगों को पता चला तो उन्होंने भी मजाक उड़ाया कि पढ़-लिख कर लड़की नचनिया बनना चाहती है। हालांकि, मुझे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि मुझे यकीन था कि मैं बिजनेस सेट कर लूंगी।

मोनिका ने अपने सेंटर के लिए एरोबिक्स कोर्स यूट्यूब वीडियो देख-देखकर तैयार किया था।

यूट्यूब पर वीडियो देखकर तैयार किया सिलेबस
2012 में मैंने कोर्स तैयार करना शुरू कर दिया था। पूरा कोर्स यूट्यूब पर वीडियो देख-देखकर तैयार किया। घंटों वीडियो देखती थी फिर वो एक्सरसाइज करके देखती थी कि क्या असर हो रहा है? दीदी डॉक्टर हैं तो उनसे पूछा करती थी कि किस बॉडी पार्ट के लिए क्या सही है?

इसके बाद 2013 में सेंटर की शुरुआत की। सेंटर शुरू करने में दो से ढाई लाख रुपए का खर्च आया। हॉल में मिरर लगाने से लेकर मशीनें खरीदने तक में पैसे खर्च हुए। ये पूरा खर्चा डेड ने ही उठाया। मेरी पहली क्लाइंट भी मां और बड़ी बहन बनीं। दोनों को एरोबिक्स सिखाया करती थी।

म्यूजिक की आवाज सुनकर लोगों ने आना शुरू किया। वहां भी अधिकतर लोग यही कहते थे कि एक लड़की चला रही है, क्या करवा पाएगी? क्योंकि उस समय एरोबिक्स का ज्यादा क्रेज नहीं था। सब जिम जाते थे और जम्मू में कहीं भी वुमन ट्रेनर नहीं थीं। सब जगह मेल ट्रेनर ही थे।

बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में IPS बने, अब गरीब बच्चों को मुफ्त में कोचिंग दे रहे हैं

मैंने अपना सेंटर सिर्फ महिलाओं के लिए शुरू किया था। मुझे इसका फायदा भी मिला। खासतौर से मुस्लिम महिलाओं के मामले में। वो जिम नहीं जा सकती थीं लेकिन मेरे सेंटर पर आ रही थीं क्योंकि यहां सिर्फ महिलाएं होती थीं। शुरुआती तीन महीने तक में क्लाइंट बढ़ाने के लिए मैंने बहुत कोशिशें की।

जो क्लाइंट आते थे, घंटों उनकी काउंसलिंग करनी होती थी। फिर जिन क्लाइंट को असर दिखने लगा, उन्होंने खुद ही माउथ पब्लिसिटी शुरू कर दी। तीन महीने बाद मुझे आठ से दस हजार रुपए महीने की कमाई होने लगी थी। छह महीने बाद मैं इतना कमाने लगी थी कि पापा को हर महीने दस हजार रुपए देने लगी थी, क्योंकि उनसे लिए पैसे मुझे वापस लौटाना थे।

धीरे-धीरे क्लाइंट बढ़े और 40 तक पहुंच गए। तीन साल तक ऐसा ही चलते रहा। फिर मैंने सोचा कि अब कुछ नई चीजें एड करना चाहिए।

अभी 100 से भी ज्यादा क्लाइंट्स उनके पास हैं। जम्मू के साथ ही चंडीगढ़ में भी उनकी ब्रांच है।

8 हजार से एक लाख तक पहुंची कमाई
फिर मैंने एक इंस्ट्रक्टर रख दिया और खुद दिल्ली जाकर फंक्शनल ट्रेनिंग ली। अपने सेंटर में बोकवा फिटनेस प्रोग्राम को इंट्रोड्यूस किया। इस तरह पांच से छह नई चीजें मैंने एड की। ऋषिकेश जाकर योगा की ट्रेनिंग ली और योगा क्लासेज भी अपने सेंटर में शुरू कर दीं।

अब मेरे सेंटर में क्लाइंट की संख्या 100 से भी ज्यादा हो चुकी है। 2500 रुपए फीस लेती हूं। कमाई लाख रुपए महीने तक पहुंच चुकी है। जम्मू के साथ ही चंडीगढ़ मैं भी ब्रांच शुरू कर चुकी हूं। कोरोना के चलते वो सेंटर बंद हो गया था, अब उसे दोबारा शुरू करने जा रही हूं।

जिन लोगों ने शुरुआत में मुझे पर सवाल उठाए थे, बिजनेस की सफलता के बाद रवैया अपने आप ही बदल गया। मेरा यही मानना है कि लोग कुछ भी कहें, आप अपना काम करते रहो, सक्सेस जरूर मिलती है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
मोनिका मनोहर जम्मू में रहती हैं। उन्होंने खुद का एरोबिक्स सेंटर शुरू किया है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kZ3Cjk
https://ift.tt/2J28Qhi

आतंकी घुसपैठ नाकाम करने एंटी टनल मेकेनिज्म पर काम कर रही है BSF, स्थानीय लोगों की भी मदद ली जाएगी

जम्मू के सांबा सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक और अंडरग्राउंड टनल मिलने के बाद अब बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एंटी -टनल मेकेनिज्म पर काम कर रही है। 19 नवंबर को जम्मू के नगरोटा में बन टोल प्लाजा के पास एनकाउंटर में मारे गए चारों पाकिस्तानी आतंकियों ने सांबा सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर मिली अंडरग्राउंड टनल से घुसपैठ की थी।

इसके बाद कोई गाइड इन्हे यहां से करीबन 10-12 किलोमीटर पैदल जतवाल तक जम्मू दिल्ली हाइवे पर ले गया, जहां ट्रक पहले से ही उनका इंतजार कर रहा था। सांबा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से भारत में खुलने वाली यह 150 फुट लंबी टनल रीगल फॉरवर्ड पोस्ट के पास है। इस टनल को घुसपैठ के बाद रेत भरे बैग से ढक दिया गया था। इस पर पाकिस्तान की किसी सीमेंट फैक्ट्री का टैग था।

2020 में बॉर्डर पर मिली तीन टनल

BSF के डीआईजी का कहना है कि हम एंटी टनल मेकेनिज्म पर काम कर रहे हैं और जल्द ही इस पर ग्राउंड स्तर पर काम शुरू किया जाएगा।

2020 में ही इंटरनेशनल बॉर्डर पर मिली यह तीसरी अंडरग्राउंड टनल है। यह बीएसएफ के लिए जम्मू में पाकिस्तान से सटी 198 किलोमीटर लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बड़ी चिंता का विषय है। पाकिस्तान ने घुसपैठ करवाने की अपनी स्ट्रेटेजी बदल ली है और बॉर्डर पर बीएसएफ की बढ़ती अलर्टनेस के चलते अब जमीन के नीचे से घुसपैठ करवाई जा रही है।

इससे पहले भी इसी साल दो टनल सांबा सेक्टर में मिली थी। उन टनल्स से घुसपैठ हुई थी या नहीं यह अभी जानकारी नहीं है। इससे पहले 2013 में सांबा और 2015 में RS पूरा सेक्टरों में भी पाकिस्तान की ओर से भारत में खुलने वाली टनल का पता चला था।

इससे पहले 29 अगस्त 2020 को जम्मू के सांबा सेक्टर में एक अंडर ग्राउंड टनल मिली थी। इसे रेत के 8-10 बैग से ढक के रखा गया था। इसके बाद 4 नंवबर 2020 को सांबा सेक्टर में ही एक और टनल के बारे में जानकारी मिली थी। इसकी लंबाई 50 मीटर थी।

क्या है एंटी टनल मेकेनिज्म

BSF अब नए बॉर्डर मैनजेमेंट सिस्टम के तहत पाकिस्तान की नई घुसपैठ स्ट्रेटेजी को जवाब देने के लिए नए सिस्टम से काम करेगी। BSF ने एंटी टनल मेकेनिज्म पर काम शुरू कर दिया है। इसमें मैन और मशीनरी दोनों का इस्तेमाल होगा। फोर्स इस पर काम कर रही है।

इसके तहत सीमा पर बनाई गई अंडरग्राउंड टनल को खोजा जाएगा। इससे टनल के जरिए होने वाली आतंकी घुसपैठ को रोका जा सके। सितम्बर 2018 में शुरू किए गए कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनजेमेंट सिस्टम (CIBMS) के पूरा होने से भी सीमा के ऊपर और नीचे से घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी। यह सिस्टम वहां भी काम करेगा, जहां नदी या नाले होने से फैंसिंग काम नहीं करती।

सीमा से सटे स्थानीय लोगों की ली जाएगी मदद

BSF ने एंटी टनल मेकेनिज्म पर काम शुरू कर दिया है। इसमें मैन पावर और मशीनरी दोनों का इस्तेमाल होगा।

BSF के डीआईजी का कहना है कि हम एंटी टनल मेकेनिज्म पर काम कर रहे हैं और जल्द ही इस पर ग्राउंड स्तर पर काम शुरू किया जाएगा। हम अपनी स्ट्रेटेजी को पब्लिक डोमेन में नहीं ला सकते हैं। लेकिन इतना साफ है कि एंटी टनल ऑपरेशन को तेज किया जाएगा। हालांकि, बीएसएफ पहले भी ऐसी टनल खोजने में सफल रही है।

लेकिन, अब नई स्ट्रेटेजी होगी। संधू ने बताया कि सीमावर्ती इलाके के लोगों की इसमें खास मदद ली जाएगी। क्योंकि कई लोगों के खेत सीमा से सटे हुए हैं। सीमावर्ती गावों के लोग खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर और फसल काटने के लिए भी मशीनरी का इस्तेमाल करते हैं जो टनल डिटेक्शन में मदद कर सकते हैं। सीमावर्ती सांबा इलाके के एक गांव के सरपंच के अनुसार स्थानीय लोग BSFकी मदद के लिए हमेशा तैयार हैं।

सर्दियां होंगी BSF के लिए चुनौती

सीमा के नीचे से घुसपैठ और सीमा के ऊपर पाकिस्तानी रेंजरों की और से सीजफायर उलंघन से निपटने के लिए सर्दी के मौसम में धुंध और काम रोशनी के बीच मुस्तैदी रखना BSF के लिए बड़ी चुनौती होगी। हालांकि BSF जम्मू रेंज के IG , N.S जम्वाल पहले ही कह चुके हैं कि हम पूरी तरह से तैयार हैं।

सीमा पर तैनात BSF के कई अफसरों का कहना है कि सर्दी का मौसम हमेशा से बड़ी चुनौती रहता है और इस बार सर्दी की शुरुआात में हुई घुसपैठ और टनल का मिलना ज्यादा अलर्ट होने की और इशारा कर रहा है। इसको लेकर सीमा पर BSF और सीमा के अंदर पुलिस और सेना तैयार हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के इंटरनैशनल बॉर्डर पर एक टनल मिली थी। जिसके बाद BSF अलर्ट हो गई है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2UYlz6Q
https://ift.tt/398Ighd

पनीर की एक जैसी सब्जी खाकर बोर हो गए हैं तो पनीर जालफ्रेजी बनाएं, इसका डिफरेंट टेस्ट सबको पसंद आएगा



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
If you are bored after eating the same cheese of cheese, then make Paneer Jalfraji, everyone will like its different test at home.


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3l7lYil
https://ift.tt/35YtvLZ

PoK पर एयर स्ट्राइक का बताया जा रहा वीडियो, पड़ताल में 'वीडियो गेम' का विज्ञापन निकला

क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें बमबारी होती दिख रही है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो पाकिस्तान पर हुई भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक का है।

19 नवंबर की शाम 7 बजे अचानक टीवी चैनलों पर PoK में भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक की खबरें प्रसारित हुई थीं। इसके आधे घंटे बाद ही सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर इन खबरों को फेक बता दिया था।

एयर स्ट्राइक की खबरें फेक साबित होने के बाद भी सोशल मीडिया पर कुछ यूजर एक वीडियो शेयर करके एयर स्ट्राइक की खबर सही होने का दावा कर रहे हैं।

और सच क्या है?

  • इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे पुष्टि हो सके कि वायरल हो रहा वीडियो भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक का है।
  • लेफ्टिनेंट जर्नल परमजीत सिंह 19 नवंबर को ही PoK पर एयर स्ट्राइक की खबरों को फेक बता चुके हैं। पड़ताल के अगले चरण में हमने वीडियो की सत्यता जांचनी शुरू की।
  • वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 9 जुलाई 2015 को अपलोड किया गया एक यूट्यूब वीडियो मिला। 0:16 बाद वीडियो में वही हिस्सा आता है, जिसे एयर स्ट्राइक का बताकर शेयर किया जा रहा है।

  • चूंकि वीडियो 5 साल पहले ही इंटरनेट पर आ चुका है तो जाहिर है इसका 2020 की किसी घटना से संबंध नहीं है।
  • यूट्यूब पर दिए गए डिस्क्रिप्शन से पता चलता है कि ये एक वीडियो गेम का विज्ञापन है। जिसे कुछ यूजर झूठ फैलाने के लिए भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक का बताकर शेयर कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें

पटाखे जलाना पर्यावरण के लिए बेहतर, बारूद की गंध से होता है मच्छरों का सफाया?

वर्कआउट के बहाने हिंदू लड़की से अश्लीलता कर रहा मुस्लिम ट्रेनर?

राजस्थान में पटाखे बैन होने पर राजपूतों ने बंदूक से फायरिंग कर मनाई दिवाली?

कश्मीरियों ने गाय काटी और तिरंगा जलाया? वायरल मैसेज का सच जानिए



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Air Strike by Indian Air Force on Pakistan, video viral


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35UOqzs
https://ift.tt/3pVGS7y

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन का 90% तक इफेक्टिव रहना भारत के लिए खुशखबरी क्यों?

फाइजर, मॉडर्ना के बाद अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित किए गए कोरोना वैक्सीन-कोवीशील्ड के अंतिम फेज के ट्रायल्स के शुरुआती नतीजे आ गए हैं। वैक्सीन के ट्रायल्स दो तरह से किए गए। पहले में 62% इफिकेसी दिखी, जबकि दूसरे में 90% से ज्यादा। औसत देखें तो इफेक्टिवनेस 70% के आसपास रही। यह खबर पूरी दुनिया के लिए उत्साह बढ़ाने वाली है ही, भारत के लिए बहुत ही खास है।

क्या है वैक्सीन, किसने बनाया है?

कोवीशील्ड या AZD1222 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और उसकी कंपनी वैक्सीटेक ने मिलकर बनाया है। इसमें चिम्पांजी में सर्दी की वजह बनने वाले वायरस (एडेनोवायरस) को कमजोर कर इस्तेमाल किया गया है। इसमें SARS-CoV-2 यानी नोवल कोरोनावायरस का जेनेटिक मटेरियल है। वैक्सीनेशन के जरिए सरफेस स्पाइक प्रोटीन बनता है और यह SARS-CoV-2 के खिलाफ इम्युन सिस्टम बनाता है। ताकि भविष्य में यदि नोवल कोरोनावायरस हमला करता है तो शरीर उसका मजबूती से जवाब दे सकें।

क्या कहते हैं वैक्सीन से जुड़े नए रिजल्ट?

कोवीशील्ड के UK और ब्राजील में किए गए क्लिनिकल ट्रायल्स के शुरुआती एनालिसिस से बहुत अच्छे नतीजे सामने आए हैं। यूके में 12,390 वॉलेंटियर्स पर ट्रायल किया गया। इन्हें दो डोज दिए गए। पहले हॉफ डोज दिया और फिर फुल डोज। वहीं, ब्राजील में 10,300 वॉलेंटियर्स पर ट्रायल किया गया। इन्हें दो फुल डोज दिए गए। वॉलेंटियर्स में से आधे को वैक्सीन लगाया और आधे को सलाइन प्लेसेबो। किसी को भी हेल्थ से जुड़ी कोई गंभीर समस्या देखने को नहीं मिली है।

जब हॉफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% मिली। एक महीने बाद उसे पूरा फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो इफिकेसी 62% रही। दोनों ही तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। सभी नतीजे आंकड़ों के लिहाज से खास हैं। इफिकेसी जानने के लिए वैक्सीन लगाने के एक साल बाद तक वॉलेंटियर्स के ब्लड सैम्पल और इम्युनोजेनिसिटी टेस्ट किए जाएंगे। इंफेक्शन की जांच के लिए हर हफ्ते सैम्पल लिए जा रहे हैं।

ऑक्सफोर्ड में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टिगेटर प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, यह नतीजे बताते हैं कि वैक्सीन इफेक्टिव है और कई जिंदगियों को बचा सकता है। एक रेजिमेन से हमने 90% तक इफिकेसी हासिल की है। यदि इसे ही फॉलो किया गया तो हमें वैक्सीन की जरूरत और इसके इस्तेमाल को लेकर बेहतर नतीजे मिलेंगे।

इन नतीजों का भारत के लिए क्या मतलब है?

भारत में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका ने अदार पूनावाला के पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से मैन्युफैक्चरिंग कॉन्ट्रेक्ट किया है। SII भारत में इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स कर रहा है। इसके नतीजे जनवरी-फरवरी 2021 तक आने की संभावना है।

नीति आयोग के सदस्य और नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन विनोद पॉल ने शनिवार को कहा था कि अगर एस्ट्राजेनेका ने UK में इमरजेंसी अप्रूवल मांगा और उसे मिल गया तो भारत में फेज-3 ट्रायल्स के पूरे होने से पहले ही कोवीशील्ड को मंजूरी मिल सकती है।

यदि पॉल की माने तो UK में अप्रूवल मिलते ही यदि भारत में भी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने SII को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया तो अगले साल की शुरुआत में प्रायरिटी ग्रुप्स को वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया जाएगा।

कोवीशील्ड को लेकर SII की क्या तैयारी है?

SII के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने शनिवार को एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया है। जनवरी से हम हर महीने 5-6 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेंगे। जनवरी तक हमारे पास 8 से 10 करोड़ डोज का स्टॉक तैयार होगा। सरकार से अनुमति मिलने पर हम सप्लाई शुरू कर देंगे। डॉ. जाधव का दावा है कि भारत में चल रहे ट्रायल्स के नतीजों के आधार पर अप्रूवल के लिए DCGI के सामने जनवरी 2021 में आवेदन देंगे।

क्या लॉजिस्टिक्स में कोई दिक्कत नहीं आएगी?

नहीं। कोवीशील्ड को स्टोर, ट्रांसपोर्ट करना आसान है। अब तक दो अमेरिकी वैक्सीन और एक ब्रिटिश वैक्सीन के ही फेज-3 ट्रायल्स के शुरुआती नतीजे सामने आए हैं। इनमें भी फाइजर और मॉडर्ना के वैक्सीन को फ्रीजर की जरूरत पड़ेगी, लेकिन ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन को इसकी जरूरत नहीं है। इसे रेफ्रिजरेटर में 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर कम से कम 6 महीनों तक रखा जा सकता है।

यानी इस वैक्सीन को लगाने के लिए मौजूदा हेल्थकेयर सिस्टम में कोई बड़े बदलाव नहीं करने पड़ेंगे। एस्ट्राजेनेका के CEO पास्कल सोरियोट ने कहा कि वैक्सीन की इफिकेसी और सेफ्टी का पूरी दुनिया में सकारात्मक असर पड़ेगा। वैक्सीन की आसान सप्लाई चेन और नो-प्रॉफिट कमिटमेंट से यह वैक्सीन पूरी दुनिया में जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा सकेगी।

भारत के अलावा और कहां ट्रायल्स चल रहे हैं?

एस्ट्राजेनेका के मुताबिक UK, भारत और ब्राजील के अलावा अमेरिका, जापान, रूस, दक्षिण अफ्रीका, केन्या और लेटिन अमेरिका में भी ट्रायल्स चल रहे हैं। दुनियाभर में 60 हजार से ज्यादा वॉलेंटियर्स को इन ट्रायल्स में शामिल किया गया है। कंपनी 2021 में 3 अरब डोज बनाने की क्षमता पर काम कर रही है।

रेगुलेटरी अप्रूवल के बाद इसे और गति दी जाएगी। सोरियोट ने कहा कि एस्ट्राजेनेका ज्यादा से ज्यादा सरकारों, मल्टीलेटरल ऑर्गेनाइजेशंस और कोलेबोरेटर्स के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि महामारी के दौरान वैक्सीन को नो-प्रॉफिट सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
COVISHIELD Coronavirus Vaccine Adar Poonawalla Updates; Oxford Astrazeneca Serum India Institute Vaccine Trials Result Latest News Update


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33cz8UP
https://ift.tt/399cW1L

दो भाइयों की कहानी से पता चली थी बंदर से इंसान बनने की बात

पृथ्वी पर जीवन कैसे पनपा? और इंसान कैसे आए? इसको लेकर आज भी कोई एकमत राय नहीं है। लेकिन, हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि हमारे पूर्वज बंदर थे और समय के साथ धीरे-धीरे हमने खुद को विकसित किया। लेकिन हम बंदर से इंसान कैसे बने? इस बात का पता लगाया था चार्ल्स डार्विन ने।

डार्विन की किताब 'ऑन द ओरिजन ऑफ स्पेशीज बाय मीन्स ऑफ नेचुरल सिलेक्शन' 24 नवंबर 1859 को ही पब्लिश हुई थी। इस किताब में एक चैप्टर था, 'थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन'। इसी में बताया गया था कैसे हम बंदर से इंसान बने?

चार्ल्स डार्विन का मानना था कि हम सभी के पूर्वज एक हैं। उनकी थ्योरी थी कि हमारे पूर्वज बंदर थे। लेकिन कुछ बंदर अलग जगह अलग तरह से रहने लगे, इस कारण धीरे-धीरे जरूरतों के अनुसार उनमें बदलाव आने शुरू हो गए। उनमें आए बदलाव उनके आगे की पीढ़ी में दिखने लगे।

उन्होंने समझाया था कि ओरैंगुटैन (बंदरों की एक प्रजाति) का एक बेटा पेड़ पर, तो दूसरा जमीन पर रहने लगा। जमीन पर रहने वाले बेटे ने खुद को जिंदा रखने के लिए नई कलाएं सीखीं। उसने खड़ा होना, दो पैरों पर चलना, दो हाथों का उपयोग करना सीखा।

पेट भरने के लिए शिकार करना और खेती करना सीखा। इस तरह ओरैंगुटैन का एक बेटा बंदर से इंसान बन गया। हालांकि, ये बदलाव एक-दो सालों में नहीं आया बल्कि इसके लिए करोड़ों साल लग गए।

चांद की जमीन पर कदम रखकर लौटे थे चार्ल्स और एलन
चांद की जमीन पर आज तक 12 लोग कदम रख चुके हैं। सभी अमेरिकी। नील आर्मस्ट्रांग ने जब चांद की जमीन पर कदम रखा और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का ये मिशन सफल हुआ, तो उसने 14 नवंबर 1969 को अपोलो-12 मिशन लॉन्च किया।

इस मिशन में चार्ल्स पेटे कोनराड और एलन बीन पहुंचे। चांद की जमीन पर कदम रखने वाले चार्ल्स कोनराड तीसरे और एलन बीन चौथे व्यक्ति हैं। इनके साथ रिचर्ड गॉर्डन भी थे, लेकिन वो यान में बैठे हुए थे। वो चांद पर नहीं उतरे थे। अपोलो-12 मिशन 10 दिन, 4 घंटे, 36 मिनट और 25 सेकंड का था। कोनराड और एलन 31 घंटे तक चांद की जमीन पर रहे थे।

चार्ल्स पेटे कोनराड और एलन बीन। बीच में रिचर्ड गॉर्डन। ये तीनों अपोलो-12 मिशन का हिस्सा थे।

अपोलो-12 की खास बात यही थी कि इसे जहां उतरना था, वहीं उतरा था। ये चांद पर Ocean Of Storms यानी तूफानों का समुद्र पर उतरा था। जबकि, अपोलो-11, जिसमें नील आर्मस्ट्रांग थे, वो सही जगह पर नहीं उतरा था। अपोलो-12 की सही तस्वीरें मिल सकें, इसके लिए नासा ने इस बार कलर कैमरा भेजा था, लेकिन गलती से एलन बीन ने कैमरा सूरज की तरफ कर दिया, जिससे ये खराब हो गया।

20 नवंबर को गलती से चंद्रयान का एक रॉकेट चांद की सतह पर गिर गया, जिससे अगले 1 घंटे तक चांद पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। अपोलो-12 का चंद्रयान 24 नवंबर 1969 को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट और 24 सेकंड पर प्रशांत महासागर में गिरा। इसका यान अभी वर्जिनिया एयर एंड स्पेस सेंटर में रखा हुआ है।

भारत और दुनिया में 24 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैंः

  • 1963: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के हत्यारे ली हार्वे ऑस्वाल्ड की हत्या की गई।
  • 1926: प्रख्यात दार्शनिक श्री अरविंदो को पूर्ण सिद्धि की प्राप्ति।
  • 1966: कांगो की राजधानी किंसासा में पहला टीवी स्टेशन खुला।
  • 1986: तमिलनाडु विधानसभा में पहली बार एक साथ विधायकों को सदन से निष्कासित किया गया।
  • 1988: दल-बदल कानून के तहत पहली बार लोकसभा सांसद लालदूहोमा को अयोग्य करार दिया गया। वो मिजोरम से कांग्रेस के सांसद थे।
  • 1989: चेकेस्लोवाकिया में तत्कालीन कम्युनिस्ट पार्टी के पूरे नेतृत्व ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे कर एक नए युग की शुरुआत की।
  • 1992: चीन का घरेलू विमान दुर्घटनाग्रस्त, 141 लोगों की मौत।
  • 1998: एमाइल लाहौद ने लेबनान के राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
  • 1999: एथेंस में हुए वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत की कुंजुरानी देवी ने सिल्वर मेडल जीता।
  • 2001: नेपाल में माओवादियों ने सेना व पुलिस के 38 जवान मार डाले।
  • 2007: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 8 साल के निर्वासन के बाद अपने देश लौटे।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Today History, Aaj Ka Itihas From India World; Nasa Apollo 12 Moon Mission Charles Darwin Theory Human Evolution US President Kennedy Assassination


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37hWw4P
https://ift.tt/3fqrsmO

इस साल विवाह के 7 मुहूर्त, 2021 में भी शादियों के लिए 51 दिन लेकिन जनवरी से मार्च तक केवल एक ही मुहूर्त

देवउठनी एकादशी 25 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन से विवाह और दूसरे मांगलिक कामों का सिलसिला शुरू हो जाता है। लोक परंपरा में इस एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस दिन हर तरह के शुभ काम हो सकते हैं।

काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक, नवंबर में विवाह के लिए देवउठनी एकादशी को मिलाकर सिर्फ दो ही दिन मुहूर्त है। वहीं, दिसंबर में विवाह के लिए 5 मुहूर्त रहेंगे। 11 दिसंबर साल का आखिरी मुहूर्त होगा। वहीं, अगले साल भी विवाह की धूम आधा अप्रैल गुजरने के बाद ही होगी, क्योंकि जनवरी से मार्च 2021 तक विवाह का सिर्फ एक ही मुहूर्त है, वो 18 जनवरी को है। उसके बाद सीधे 22 अप्रैल से शुभ दिन शुरू होंगे।

तुलसी विवाह वाला दिन शुभ
देव प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी शालिग्राम विवाह की परंपरा है, इसलिए इस दिन को विवाह के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया विवाह कभी नहीं टूटता और दांपत्य सुख भी हमेशा बना रहता है। इसके अलावा अक्षय तृतीया और वसंत पंचमी को भी अबूझ मुहूर्त मानते हुए शादियां की जाती हैं।

2020 में थे 49 मुहूर्त लेकिन 26 दिन ही हो पाए विवाह
इस साल जनवरी से मार्च तक होली से पहले 19 दिन ही मुहूर्त थे। फिर 15 मार्च से मल मास शुरू हो गया, इसके बाद कोरोना के चलते लॉक डाउन में अप्रैल से जून तक 23 मुहूर्त निकल गए। फिर चातुर्मास के दौरान जुलाई से 24 नवंबर तक विवाह नहीं हो पाए। अब देवउठनी एकादशी से 11 दिसंबर तक कुल 7 ही दिन विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

2021 में सिर्फ 51 मुहूर्त
2021 में विवाह के लिए सिर्फ 51 दिन रहेंगे। 18 जनवरी को पहला मुहूर्त रहेगा। इसके बाद बृहस्पति और शुक्र ग्रह के कारण साल के शुरुआती महीनों में विवाह नहीं हो पाएंगे। मकर संक्रांति के बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु तारा अस्त रहेगा।

फिर 16 फरवरी से ही शुक्र तारा 17 अप्रैल तक अस्त रहेगा। इस कारण विवाह का दूसरा मुहूर्त 22 अप्रैल को है। इसके बाद देवशयन से पहले यानी 15 जुलाई तक 37 दिन विवाह के मुहूर्त है। वहीं, 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए 13 दिन रहेंगे।

वसंत पंचमी पर भी नहीं हो पाएंगे विवाह
16 फरवरी को वसंत पंचमी है। इसे भी विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है लेकिन इस दिन सूर्योदय के साथ ही शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। इस कारण पंचांगों में इसे विवाह मुहूर्त में नहीं गिना गया है। हालांकि, लोक परंपरा के चलते उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी पर विवाह होते हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Hindu Marriage Shubh Muhurat Dates Timings 2020-2021 | Know Everything About Shubh Vivah Muhurat


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3nQlnTH
https://ift.tt/2UU51Np

क्या था केरल का वो विवादित कानून, जिसे 24 घंटे में ही सरकार ने वापस ले लिया?

केरल सरकार ने उस अध्यादेश को वापस लेने का फैसला कर लिया है, जिसमें किसी भी तरह के आपत्तिजनक, अपमानजनक या किसी को धमकाने वाले पोस्ट पर 3 साल तक की सजा या 10 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान था। रविवार को ही केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। लेकिन, ऐसा क्या हुआ कि 24 घंटे के भीतर ही सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा? और क्या था केरल सरकार का नया अध्यादेश? आइए जानते हैं...

केरल सरकार का नया अध्यादेश क्या था?

  • केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार एक नया अध्यादेश लेकर आई थी। ये अध्यादेश केरल पुलिस एक्ट में एक नई धारा-118A को जोड़ती थी। केरल पुलिस एक्ट में नई धारा-118A जुड़ने के बाद वहां की पुलिस को ज्यादा अधिकार मिल जाते।
  • धारा-118A के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह के संचार, किसी भी मामले या विषय के माध्यम से किसी व्यक्ति को धमकाने, अपमानित करने या बदनाम करने के लिए कुछ भी पोस्ट करता है, तो उसे 3 साल तक की कैद या 10 हजार रुपए जुर्माना या फिर दोनों सजा देने का प्रावधान था।
  • धारा-118A पुलिस को ऐसे मामले में खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की इजाजत देती थी। सीधे शब्दों में कहें तो अगर पुलिस को लगता कि आपके किसी पोस्ट से किसी व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंची है, तो वो आपको गिरफ्तार कर सकती थी।

इसमें क्या सिर्फ सोशल मीडिया को दायरे में लाया गया था?
नहीं, इस धारा में साफ-साफ लिखा है कि अगर कम्युनिकेशन के किसी भी माध्यम से किसी व्यक्ति को धमकाया जाता है या अपमानित किया जाता, तो उस व्यक्ति को 3 साल तक की कैद या 10 हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती थी। इसमें ऐसा कहीं नहीं लिखा था कि ये सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट पर ही लागू होगा। इसका मतलब हुआ कि अगर कोई प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से भी ऐसा करता, तो उसे सजा हो सकती है।

आखिर इसकी जरूरत क्या थी?
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में आईटी एक्ट की धारा-66A और केरल पुलिस एक्ट की धारा-118D को इस आधार पर निरस्त कर दिया था कि ये फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन का उल्लंघन करती है। लेकिन, अब केरल सरकार का कहना है कि कोरोना के दौरान सोशल मीडिया पर अफवाहें और भडकाऊ बातें तेजी से फैलीं। साइबर क्राइम भी बढ़ा। सरकार का कहना था कि साइबर क्राइम के चलते लोगों की निजता पर खतरा पैदा हो रहा है। क्योंकि, केरल पुलिस के पास ऐसे अपराधों से निपटने की कोई शक्ति नहीं है, इसलिए ये अध्यादेश लाया जा रहा है।

तो फिर सरकार को क्यों वापस लेना पड़ा ये अध्यादेश?
इस अध्यादेश के आते ही इसका विरोध शुरू हो गया था। जानकारों का मानना था कि इस कानून का सरकार दुरुपयोग कर सकती थी। इस कानून का विरोध करने वालों का कहना था कि इसका इस्तेमाल सरकार उन लोगों के खिलाफ करेगी, जो सरकार के खिलाफ कुछ भी लिखेगा या बोलेगा।

धारा-188D और 66A क्या थी?

  • धारा-188D भी केरल के पुलिस एक्ट में थी। इस धारा के तहत कम्प्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या कम्युनिकेशन के किसी भी माध्यम के जरिए आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करना साइबर क्राइम के दायरे में आता था। इस धारा के तहत पुलिस गिरफ्तार कर सकती थी और इसके तहत दोषी पाए जाने पर 3 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकती थी।
  • इसी तरह आईटी एक्ट की धारा-66A के तहत किसी भी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड किसी भी कम्युनिकेशन मीडियम से भेजा जाने वाला मैसेज अगर आपत्तिजनक, अश्लील या अपमानजनक है तो गिरफ्तारी हो सकती थी। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर भी 3 साल तक की सजा और जुर्माने या दोनों का प्रावधान था।

लेकिन, संविधान में तो फ्रीडम ऑफ स्पीच का अधिकार है?
हमारे संविधान में आर्टिकल-19 के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि व्यक्ति जो चाहे बोल सकता है या अभिव्यक्त कर सकता है। अगर किसी अभिव्यक्ति से देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचता हो, कोर्ट की अवमानना होती हो, किसी व्यक्ति का अपमान होता है, तो ऐसे में उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Pinarayi Vijayan; What is Section 118A in Kerala Police? | Know Everything About Pinarayi Vijayan Government Kerala Police Act


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/394QWFk
https://ift.tt/3m0qS1M

कर्नाटक में नाई ने दलितों के बाल काटे तो 50 हजार रु. का जुर्माना लगाया, लोगों से कहा- उसके यहां बाल न कटवाएं

कर्नाटक के मैसूर जिले में एक गांव है हल्लारे। यहां के मल्लिकार्जुन शेट्टी अपनी छोटी सी सैलून की दुकान चलाते हैं। हर समुदाय के लोग उनके यहां बाल कटवाने, शेविंग करवाने के लिए आते हैं। वो बिना किसी भेदभाव के अपना काम करते हैं। बदले में जो पैसे मिलते हैं उससे परिवार का खर्च चलाते हैं।

लेकिन पिछले कुछ दिनों से वो और उनका परिवार सामाजिक बहिष्कार झेल रहा है। ऊपर से जुर्माना भी। वो भी एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार। वजह सिर्फ इतनी है कि उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों के बाल काटे हैं। मल्लिकार्जुन बताते हैं कि कुछ दिन पहले उनकी दुकान पर ऊंची जाति के कुछ लोग आए। उन्होंने धमकी दी कि दलितों के बाल नहीं काटो।

लेकिन मैंने किसी तरह का भेदभाव करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन लोगों ने कहा कि इनसे ज्यादा पैसे चार्ज करो नहीं तो तुम्हारा सामाजिक बहिष्कार करेंगे और तुम पर जुर्माना भी लगेगा। वो कहते हैं, 'जब हमने शिकायत करने की बात कही तो उन लोगों ने मुझे धमकी दी। भला बुरा कहा, मारपीट की और 5 हजार रुपए भी छीन लिए।'

फिलहाल मल्लिकार्जुन पर 50 हजार रु का जुर्माना लगा है। उसके साथ गांव के ऊंची कास्ट के लोगों ने उनका सामाजिक बहिष्कार भी कर दिया है। 47 साल के मल्लिकार्जुन कहते हैं कि मेरे लिए सभी जाति बराबर है। मैं किसी से ज्यादा पैसे क्यों लूं? 80 रु बाल काटने के और 60 रु शेविंग की लेता हूं। किसी की धमकी के डर से मैं 300-400 रु चार्ज नहीं कर सकता। यह उचित नहीं होगा। ये ऊंची जाति के लोग ऐसा करने के लिए मुझ पर दबाव डालते हैं।

47 साल के मल्लिकार्जुन पिछले कई सालों से यहां दुकान चला रहे हैं।

वो बताते हैं कि कुछ दिन पहले ये लोग मेरे बेटे को जबरन उठा ले गए थे। उसे इन लोगों ने शराब पिलाई और नंगा करके वीडियो बनाया। जबरन उससे एक कम्युनिटी के खिलाफ भला बुरा कहलवाया। अब ये लोग उस वीडियो को वायरल करने की धमकी देते हैं।

मल्लिकार्जुन ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब उसके ऊपर इतना भारी जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले भी दो बार वह जुर्माना भर चुका है। उसने बताया कि गांव के चन्ना नाइक और दूसरे लोग उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। उसे धमकी दी जा रही है, क्योंकि उसने एससी-एसटी समुदाय से जुड़े लोगों के बाल काटे और दाढ़ी बनाई है।

मल्लिकार्जुन ने बताया कि उसने इस मामले की शिकायत अधिकारियों से की है। उसके परिवार की जान को खतरा है। अगर अधिकारियों ने मदद नहीं की तो वह और उसका परिवार खुद जान दे देंगे क्योंकि वे लोग बहुत परेशान हो चुके हैं। उनके पास जुर्माना भरने की रकम नहीं है। न ही सामाजिक बहिष्कार को सहन करने की क्षमता है।

मल्लिकार्जुन कहते हैं उन लोगों ने मुझे शिकायत नहीं करने की धमकी दी है। इसलिए मैंने मुकदमा दर्ज नहीं कराया।

वह कहते हैं कि मैं इन लोगों की शिकायत लेकर कई बार नंजनगुड तहसीलदार के पास गया लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्हें पत्र भी लिखकर भी मदद की गुहार लगाई है। मल्लिकार्जुन बताते हैं कि मैंने कई बार पुलिस से भी मदद की मांग की। लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं इस मामले के लेकर नंजनगुड रूरल पुलिस का कहना है कि मल्लिकार्जुन केस दर्ज कराना नहीं चाहते हैं। हमने उनसे कंपलेन दर्ज कराने की बात कही तो उन्होंने कहा कि वे बस करेंट सिचुएशन से निकलना चाहते हैं। इसके बाद हमने दोनों पक्षों से बात कर मामले का निपटारा कर दिया है।

मल्लिकार्जुन कहते हैं उन लोगों ने मुझे शिकायत नहीं करने की धमकी दी है। इसलिए मैंने मुकदमा दर्ज नहीं कराया। उन लोगों ने मेरे बेटे की वीडियो भी बनाई है, जिसे वो लोग वायरल करने की धमकी देते हैं। मेरी प्रशासन से बस इतनी मांग है कि मेरे साथ ये सलूक नहीं किया जाए। अभी भी मेरा बहिष्कार किया जा रहा है। लोगों को मेरी दुकान पर बाल कटवाने से रोका जा रहा है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
कर्नाटक के मैसूर जिले के रहने वाले मल्लिकार्जुन शेट्टी सैलून की दुकान चलाते हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/394QUgG
https://ift.tt/39bKxZ4

5 ग्राफिक में जानें वर्चुअल वेडिंग का कॉन्सेप्ट तरीके, फायदे और प्लेटफॉर्म्स

क्या आपने वर्चुअल शादी के बारे में सुना है? जी हां “वर्चुअल शादी” अब इसका यह एक नया कॉन्सेप्ट है। कोरोना में भीड़-भाड़ के प्रतिबंध को देखते हुए इवेंट कंपनियों ने वर्चुअल शादी के कॉन्सेप्ट को इजाद किया है। कोरोना ने जीने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।

कोरोना कब खत्म होगा? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। आर्थिक एक्टिविटी के साथ-साथ शैक्षणिक, राजनीतिक और सामाजिक एक्टिविटी में भी इस दौर में बदलाव देखने को मिला है। चाहे वो किसी कंपनी की बोर्ड मीटिंग हो, या फिर कोर्ट हियरिंग, या पढ़ाई सबकुछ वर्चुअल हो रहा है।

इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ अक्टूबर में दुनियाभर में 12 हजार वर्चुअल शादियां हुईं। जो पहले की तुलना 37% ज्यादा है।

वर्चुअल वेडिंग क्या है?

वर्चुअल वेडिंग यानी,ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली शादियां। इसमें शादी के सारी रस्में (Rituals) ऑनलाइन होती हैं। इन शादियों में विधि विधान भी ऑनलाइन किया जाता है। वहीं, फ्रेंड्स, रिलेटिव भी वीडियो के जरिए शादी के फंक्शन से जुड़ते हैं। यह सभी ऑनलाइन वीडियो चैट पर ही डांस करते दिखाई देते हैं। घर के बड़े बुजुर्ग वीडियो पर भी दुल्हा- दुल्हन को आशीर्वाद दे रहे होते हैं। मेकअप आर्टिस्ट भी ऑनलाइन वीडियो के जरिए ही ब्यूटी टिप्स देते नजर आते हैं।

गेस्ट की जिम्मेदारियां कैसे बांटे, और उनका वेलकम कैसे करें?

शादियों में गेस्ट की बहुत इंपोर्टेंस होती है। गेस्ट भी चाहते हैं कि वह आपकी लाइफ के सबसे सुखद पल के गवाह बनें। लेकिन अब शादियां ऑनलाइन हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए ही सारे फ्रेंड्स और गेस्ट जुड़तें हैं। ऐसा क्या करें, जिससे उनके वर्चुअल वेडिंग का एक्सपीरियंस अच्छा हो।

भारत में वर्चुअल वेडिंग को लेकर क्या कहता है सर्वे?

शादी के लिए सबसे चर्चित मैट्रिमनी साइट जीवनसाथी डॉट कॉम ने एक सर्वे कराया। सर्वे में सामने आया कि देश में ज्यादातर लोग अभी भी पुरानी परंपराओं से ही शादी करना चाहते हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
plan Coronavirus Latest News Update; Screening Of Passengers At Railway Junction


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3nQlQ8p
https://ift.tt/2HurXzT

Popular Post