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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे भारत-चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को व्हाइट हाउस में कहा, ‘‘वहां मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। दोनों देश गंभीर समस्या से गुजर रहे हैं। हम भारत और चीन से बात कर रहे हैं। देखते हैं क्या होता है। हमारी तरफ से सुलह की कोशिश भी हो रही है।’’
15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें भारतीय सेना के एक अफसर समेत 20 जवान शहीद हुए थे। खबरों के मुताबिक, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में 43 से ज्यादा चीनी सैनिक या तो मारे गए या घायल हुए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने चीन से सटी अपनी सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है।
ट्रम्प ने पिछले महीने मध्यस्थता की पेशकश की थी
ट्रम्प ने पिछले महीने भी भारत और चीन के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि अगर भारत और चीन तैयार हों तो अमेरिका सीमा विवाद सुलझाने में मध्यस्थता कर सकता है। ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए कहा था कि वे सीमा विवाद से खुश नहीं हैं। हालांकि, भारत और चीन दोनों ने ट्रम्प की यह पेशकश ठुकरा दी थी। आपसी बातचीत से मसले का हल करने की बात कही थी।
व्हाइट हाउस में भारत-चीनविवाद पर चर्चा हुईथी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प ने 16 जून को रात 11.30 बजे (भारतीय समय से) व्हाइट हाउस में एक अहम मीटिंग की थी। इसमें इंटेलिजेंस एजेंसियों ने भारत-चीन विवाद पर रिपोर्ट पेश की थी। इस दौरान विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी थे। मीटिंग के बाद जारी बयान में कहा गया, ‘‘एलएसी के हालात पर हम करीबी नजर रख रहे हैं। भारतीय सेना के 20 जवान मारे गए हैं। अमेरिका इस पर शोक व्यक्त करता है। हमारी संवेदनाएं सैनिकों के परिवारों के साथ हैं।’’
देश में कोरोना संक्रमण के अब तक 4 लाख 11 हजार 727 मामले सामने आ चुके हैं। सिर्फ 8 दिन में संक्रमितों का आंकड़ा 3 से 4 लाख हुआ है। देश में 12जून को मरीजों की संख्या 3 लाख हुई थी, जो शनिवार (20 जून) कोबढ़कर 4 लाखपार कर गई। शनिवार को रिकॉर्ड15898 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
उधर, दिल्ली में भी लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। राजधानी में तीन दिन में 9 हजार से ज्यादा मामले बढ़े। शनिवार को रिकॉर्ड 3630 पॉजिटिव सामने आए। इससे पहले 19 जून को 3137 और 18 जून को 2877 मामले सामने आए थे। दिल्ली में कल रिकॉर्ड 77 मौतें भी हुईं।
5 दिन,जब सबसे ज्यादा मामले आए
तारीख
केस
20 जून
15898
19 जून
14721
18 जून
13826
17 जून
13107
13 जून
12031
सिर्फ 8 दिन में एक लाख मरीज बढ़े
देश में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शनिवार रात को संक्रमितों का आंकड़ा 4 लाख के पार हो गया। सिर्फ 8 दिन में ही कोरोना मरीज 3 से 4 लाख हो गए। 13 जून को संक्रमितों की संख्या 3 लाख के पार हुई थी।
5 राज्यों का हाल मध्यप्रदेश:राज्य में शनिवार को 142 मरीज मिले।इंदौर में 42 और भोपाल में 20 नए मामले सामने आए। वहीं देवास में 14, जबलपुर में 6 और ग्वालियर में 8 मरीज मिले।इनमें भाजपा के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा भी शामिल हैं। इंदौर में संक्रमितों की संख्या 4288हो गई।
महाराष्ट्र: शनिवार को राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा 3874 मरीज मिले, जबकि 160 की मौत हुई। राज्य में संक्रमितों की संख्या 1,28,205 हो गई। वहीं, इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 5984 हो गया।मुंबई में 1197 मामले सामने आए, जबकि 136 मरीजों ने दम तोड़ा।
उत्तरप्रदेश: राज्य में शनिवार को कोरोना के 541 मरीज मिले, जबकि 22 लोगों ने दम तोड़ा। हापुड़ में 65, कानपुर में 55, गाजियाबाद में 35, लखनऊ में 27, मेरठ में 19, जौनपुर में 16 संक्रमित मिले।प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को राज्य में 14048 सैंपल की जांच की गई। अब तक कुल 5 लाख 42 हजार 972टेस्ट किए जा चुके हैं।
राजस्थान:राजस्थान में शनिवार को 381 केस सामने आए, जबकि 4 मरीजों की मौत हुई।भरतपुर में 71,जोधपुर में 56, जयपुर में 44, धौलपुर में 40, सिरोही और चूरु में 18-18, जालौर में 12, बीकानेर में 11मरीज मिले। राज्य में निजी लैब में कोरोना टेस्ट कराने परमरीज को 2200 रुपए ही देने होंगे।
बिहार: राज्य में शनिवार को213 कोरोना पॉजिटिव मिले।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पटना में 23, मधुबनी में 16, मुंगेर में 9, सीवान में 7, भागलपुर में 4, कटिहार में 20, समस्तीपुर में 15, दरभंगा में 11, मुजफ्फरपुर में 5 मरीज मिले। राज्य में अब तक इस वायरस से 49 लोगों की मौत हो चुकी है।
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 66 हजार 718 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 89 लाख 14 हजार 787 हो गया है। अब तक 46 लाख 67 हजार 718 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। ब्राजील में 24 घंटे में करीब एक हजार लोगों की जान गई है। इसके साथ ही देश में मरने वालों की संख्या 50 हजार से ज्यादा हो गई है। यहां संक्रमण और मौतों के आंकड़े अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा हैं।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
23,30,578
1,21,980
9,72,941
ब्राजील
10,70,139
50,058
5,43,186
रूस
5,76,952
8,002
3,34,592
भारत
4,11,727
13,277
2,28,181
ब्रिटेन
3,03,110
42,589
उपलब्ध नहीं
स्पेन
2,93,018
28,322
उपलब्ध नहीं
पेरू
2,51,338
7,660
1,38,763
इटली
2,38,275
34,610
1,82,453
चिली
2,36,748
4,295
1,96,609
ईरान
2,02,584
9,507
1,61,384
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सऊदी अरब: देशभर से कर्फ्यू हटाएगा
सऊदी अरब के गृह मंत्री ने घोषणा की है कि रविवार सुबह से देशभर में कर्फ्यू हटा दिया जाएगा। सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि 21 जून से देश में सबकुछ सामान्य हो जाएगा। आर्थिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। हालांकि, सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें और उमराह श्रद्धालुओं पर अगले आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेगी। 50 से ज्यादा लोगों के एक जगह जमा होने पर पाबंदी लगी रहेगी। देश में अब तक 1.54 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 3941 लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन: बीजिंग में 22 नए मामले मिले
बीजिंग में संक्रमण के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। यहां शनिवार को 22 नए मामले मिले हैं। इसके साथ ही तीन संदिग्ध केस और तीन बिना लक्षण वाले मरीज मिले। देश में अब तक 83 हजार 352 केस की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 4634 लोगों की मौत हो चुकी है।
ब्राजील: मौतों की दर 5%
ब्राजील में 24 घंटे के दौरान एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंच गया है। यहां एक दिन में 34 हजार 666 नए मामले दर्ज किए गए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10 लाख 76 हजार से ज्यादा हो गई है। देश में मरने वालों की संख्या 50 हजार 58 हो चुकी है। देश में महामारी से अब तक 5.20 लाख लोग ठीक हुए हैं। कोरोना से होने वाली मौतों की दर 5% है।
फ्रांस: 1.96 लाख संक्रमित
फ्रांस में 24 घंटे के महामारी के छह सौ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1.96 लाख के पार पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से देर शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में मृतकों का आंकड़ा 29 हजार 633 हो गया है।
चिली: 4295 मौतें
चिली में वायरस से 2 लाख 36 हजार 748 लोग प्रभावित हैं। अब तक 4295 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 24 घंटे में संक्रमण के 5355 नए मामले मिले हैं। इस दौरान 202 लोगों की मौत हुई है। देश में इस समय 1682 कोरोना संक्रमित मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इनमें 416 की स्थित नाजुक है। देश में अब तक 9 लाख 43 हजार 593 लोगों की जांच की जा चुकी है।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया। पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा शुरू किया गया संयुक्त ऑपरेशनअभी जारी है। सेना ने ट्वीट किया- ऑपरेशन लखिरपुर जारी है। एक आतंकी को मार गिराया गया है। मौके से हथियार बरामद किए गए हैं। चार दिन में अब तक 10 आतंकी मारे जा चुके हैं।
शनिवार कोपाकिस्तानी ड्रोन को शूट किया गया
एक दिन पहलेजम्मू-कश्मीर के कठुआ के पनसर इलाके में बीएसएफ ने एक पाकिस्तानी ड्रोन को शूट कर दिया था। पाकिस्तान की तरफ से इस ड्रोन के जरिए आतंकियोंको हथियार भेजे गए थे। इसमें एक अमेरिकी राइफल, दो मैग्जीन और दूसरे हथियार थे। ये कंसाइनमेंट किसी अली भाई के नाम पर आया था।ये भारतीय इलाके में 250 मीटर अंदर था। बीएसएफ के जवान ने 9 राउंड फायरिंग कर ड्रोन को गिरा दिया।
21 दिन में 12 एनकाउंटर
1 जून: नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 3 पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया।
2 जून: पुलवामा के त्राल इलाके में 2 आतंकी मारे गए।
3 जून: पुलवामा के ही कंगन इलाके में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया।
5 जून: राजौरी जिले के कालाकोट में एक आतंकवादी मारा गया।
7 जून: शोपियां के रेबन गांव में 5 आतंकी मारे गए।
8 जून: शोपियां के पिंजोरा इलाके में 4 आतंकी ढेर।
10 जून: शोपियां के सुगू इलाके में 5 आतंकियों का एनकाउंटर।
13 जून: कुलगाम के निपोरा इलाके में 2 आतंकी मारे गए।
16 जून: शोपियां के तुर्कवंगम गांव में 3 आतंकी ढेर।
18-19 जून: अवंतीपोरा और शोपियां में आठ आतंकवादियों मारे गए।
21 जून: शोपियां में एक आतंकी ढेर।
देश में कोरोना संक्रमण के अब तक 4 लाख 11 हजार 727 मामले सामने आ चुके हैं। सिर्फ 8 दिन में संक्रमितों का आंकड़ा 3 से 4 लाख हुआ है। देश में 12जून को मरीजों की संख्या 3 लाख हुई थी, जो शनिवार (20 जून) कोबढ़कर 4 लाखपार कर गई। शनिवार को रिकॉर्ड15898 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
उधर, दिल्ली में भी लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। राजधानी में तीन दिन में 9 हजार से ज्यादा मामले बढ़े। शनिवार को रिकॉर्ड 3630 पॉजिटिव सामने आए। इससे पहले 19 जून को 3137 और 18 जून को 2877 मामले सामने आए थे। दिल्ली में कल रिकॉर्ड 77 मौतें भी हुईं।
5 दिन,जब सबसे ज्यादा मामले आए
तारीख
केस
20 जून
15898
19 जून
14721
18 जून
13826
17 जून
13107
13 जून
12031
सिर्फ 8 दिन में एक लाख मरीज बढ़े
देश में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शनिवार रात को संक्रमितों का आंकड़ा 4 लाख के पार हो गया। सिर्फ 8 दिन में ही कोरोना मरीज 3 से 4 लाख हो गए। 13 जून को संक्रमितों की संख्या 3 लाख के पार हुई थी।
5 राज्यों का हाल मध्यप्रदेश:राज्य में शनिवार को 142 मरीज मिले।इंदौर में 42 और भोपाल में 20 नए मामले सामने आए। वहीं देवास में 14, जबलपुर में 6 और ग्वालियर में 8 मरीज मिले।इनमें भाजपा के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा भी शामिल हैं। इंदौर में संक्रमितों की संख्या 4288हो गई।
महाराष्ट्र: शनिवार को राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा 3874 मरीज मिले, जबकि 160 की मौत हुई। राज्य में संक्रमितों की संख्या 1,28,205 हो गई। वहीं, इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 5984 हो गया।मुंबई में 1197 मामले सामने आए, जबकि 136 मरीजों ने दम तोड़ा।
उत्तरप्रदेश: राज्य में शनिवार को कोरोना के 541 मरीज मिले, जबकि 22 लोगों ने दम तोड़ा। हापुड़ में 65, कानपुर में 55, गाजियाबाद में 35, लखनऊ में 27, मेरठ में 19, जौनपुर में 16 संक्रमित मिले।प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को राज्य में 14048 सैंपल की जांच की गई। अब तक कुल 5 लाख 42 हजार 972टेस्ट किए जा चुके हैं।
राजस्थान:राजस्थान में शनिवार को 381 केस सामने आए, जबकि 4 मरीजों की मौत हुई।भरतपुर में 71,जोधपुर में 56, जयपुर में 44, धौलपुर में 40, सिरोही और चूरु में 18-18, जालौर में 12, बीकानेर में 11मरीज मिले। राज्य में निजी लैब में कोरोना टेस्ट कराने परमरीज को 2200 रुपए ही देने होंगे।
बिहार: राज्य में शनिवार को213 कोरोना पॉजिटिव मिले।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पटना में 23, मधुबनी में 16, मुंगेर में 9, सीवान में 7, भागलपुर में 4, कटिहार में 20, समस्तीपुर में 15, दरभंगा में 11, मुजफ्फरपुर में 5 मरीज मिले। राज्य में अब तक इस वायरस से 49 लोगों की मौत हो चुकी है।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया। पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा शुरू किया गया संयुक्त ऑपरेशनअभी जारी है। सेना ने ट्वीट किया- ऑपरेशन लखिरपुर जारी है। एक आतंकी को मार गिराया गया है। मौके से हथियार बरामद किए गए हैं। चार दिन में अब तक 10 आतंकी मारे जा चुके हैं।
शनिवार कोपाकिस्तानी ड्रोन को शूट किया गया
एक दिन पहलेजम्मू-कश्मीर के कठुआ के पनसर इलाके में बीएसएफ ने एक पाकिस्तानी ड्रोन को शूट कर दिया था। पाकिस्तान की तरफ से इस ड्रोन के जरिए आतंकियोंको हथियार भेजे गए थे। इसमें एक अमेरिकी राइफल, दो मैग्जीन और दूसरे हथियार थे। ये कंसाइनमेंट किसी अली भाई के नाम पर आया था।ये भारतीय इलाके में 250 मीटर अंदर था। बीएसएफ के जवान ने 9 राउंड फायरिंग कर ड्रोन को गिरा दिया।
21 दिन में 12 एनकाउंटर
1 जून: नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 3 पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया।
2 जून: पुलवामा के त्राल इलाके में 2 आतंकी मारे गए।
3 जून: पुलवामा के ही कंगन इलाके में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया।
5 जून: राजौरी जिले के कालाकोट में एक आतंकवादी मारा गया।
7 जून: शोपियां के रेबन गांव में 5 आतंकी मारे गए।
8 जून: शोपियां के पिंजोरा इलाके में 4 आतंकी ढेर।
10 जून: शोपियां के सुगू इलाके में 5 आतंकियों का एनकाउंटर।
13 जून: कुलगाम के निपोरा इलाके में 2 आतंकी मारे गए।
16 जून: शोपियां के तुर्कवंगम गांव में 3 आतंकी ढेर।
18-19 जून: अवंतीपोरा और शोपियां में आठ आतंकवादियों मारे गए।
21 जून: शोपियां में एक आतंकी ढेर।
from Dainik Bhaskar /national/news/encounter-underway-in-jammu-kashmir-lakirpur-area-of-kulgam-between-terrorists-and-security-forces-127432326.html
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ईसा के जन्म से 500 साल पहले चीन के नामचीन फौजी जनरल सुन जू ने ‘द आर्ट ऑफ वॉर’ नाम की किताब में लिखा था, ‘जंग की सबसे बेहतरीन कला है कि बिना लड़े हुए ही दुश्मन को पस्त कर दो’। चीन में इस किताब को आज भी वैसा ही माना जाता है जैसा भारत में चाणक्य नीति को। माना जा रहा है कि चीन जंग की इस कला के अनुसार ही अपने पड़ोसी देशों से व्यवहार करता है। कमजोर पड़ोसियों को कर्ज के जाल में फंसा लेता है और सक्षम पड़ोसियों को विवादों में फंसा कर रखता है। 150 से अधिक देशों को 112.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बांट रखा है। हाल ही में लद्दाख और अक्साई चिन के बीच स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गंभीर झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
इस झड़प के बाद देश भर में बॉयकाट चाइना की लहर चल पड़ी है। हालांकि यह मांग एक दशक से भी पुरानी है, लेकिन इस बार देश के बड़े व्यापारिक संगठनों और केंद्र सरकार के द्वारा उठाए गए कुछ कदमों ने इसे चर्चा में ला दिया है। द कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार चाइनीज उत्पादों के विकल्प के रूप में स्थानीय भारतीय उत्पादों का उपयोग असंभव नहीं है, लेकिन कठिन जरूर है। कैट के अनुसार अगर भारत में चीन से आयात किए जा रहे उत्पादों को इस कैम्पेन के तहत 20-25 प्रतिशत तक कम कर दिया जाए तो वर्ष 2021 तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के आयात को कम किया जा सकता है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि चीनी उत्पादों को बैन करना चीन की जगह भारत के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। उदाहरण के तौर पर अगर चीन और भारत के बीच व्यापार को पूरी तरह बंद कर दिया जाता है तो चीन को निर्यात का केवल 3 प्रतिशत और आयात का मुश्किल से 1 प्रतिशत नुकसान होगा जबकि भारत को निर्यात का 5 प्रतिशत और आयात का 14 प्रतिशत खोना पड़ेगा। आइये इस रिपोर्ट में जानते हैं कि क्या पूरी तरह बॉयकाट चाइना संभव है।
भारत में चीन से आयात
14.09%चीन
7.58%अमेरिका
6.39% यूएई
54%अन्य
भारत-चीन के बीच हुए विवाद में अब तक क्या हुआ है?
15-16 जून को गलवान घाटी में एलएसी पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए विवाद में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। और 76 जवान घायल हुए। इसके बाद से भारत में चीन को सैन्य के साथ ही आर्थिक तौर पर सबक सिखाने की मांग जोर पकड़ चुकी है। इसमें चीनी सामान का बहिष्कार प्रमुख रूप से शामिल है। इस बीच 19 जून तक दोनों देशों की तरफ से मेजर जनरल स्तर के अफसरों के बीच लगातार बातचीत जारी है। इस बातचीत के बीच चीन ने बंधक बनाए गए 10 सैनिकों को रिलीज कर दिया। 19 जून को भी लगभग 6 घंटे तक बात हुई। हालांकि नतीजा क्या रहा अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
भारत ही नहीं दूसरे पड़ोसी देशों से भी चीन के गंभीर विवाद
2017 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार चीन का केवल भारत से ही नहीं उसके पड़ोसी देशाें जापान, फिलिपींस, वियतनाम और मलेशिया से भी गंभीर विवाद हैं। चीन और जापान के बीच स्नेकू द्वीप को लेकर गंभीर विवाद है। यह द्वीप पूर्वी चीन सागर में स्थित है जो कि जापान, चीन और ताइवान के बीच में पड़ता है। दक्षिण कोरियाई विद्वान ली सिओकोऊ के अनुसार चीन ने 1970 में यहां पर ऑयल रिजर्व्ड की जानकारी होने के बाद अपना दावा करना शुरू कर दिया। ऐसे वियतनाम के साथ दक्षिण चीन सागर और सीमा रेखा को लेकर विवाद है। 1979 से 1990 के बीच दोनों देशों के बीच झगड़ा चला।
भारत-चीन के बीच पिछले 5 सालों के आयात-निर्यात को ऐसे समझें
वर्ष
निर्यात
आयात
2019-20
1,79,766.72
550,786.66
2018-19
208,406.52
618,051.19
2017-18
180,109.23
561,013.18
2016-17
147,557.94
466,009.47
2015-16
138,246.43
443,686.75
किन क्षेत्रों में है व्यापारिक संबंध?
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार चीन भारत को स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिकल उपकरण, खाद, आॅटो कम्पोनेंट, स्टील उत्पाद, टेलीकॉम उपकरण, मेट्रो रेल कोच, लोहा, फार्मास्युटिकल सामग्री, केमिकल आिद बेचता है।
भारत में चीन के सामान का बहिष्कार कितना संभव है?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019-20 में भारत के कुल निर्यात का 5% अकेले चीन को किया गया जबकि भारत में कुल आयात का 14% अकेले चीन से था। भारत की चीन पर िनर्भरता बहुत अधिक है। स्टेट बैक्ड इन्वेस्ट इंडिया डेटा के अनुसार चीनी उत्पादों के निर्यात के लिए भारत सातवां बड़ा स्थान है। वहीं भारतीय सामानों के निर्यात के मामले में तीसरा बड़ा देश है।
सबसे बड़ा कर्जदाता
चीन और उसकी सहायक कंपनियों ने इस समय1.5 ट्रिलियन डॉलर (~112.5 लाख करोड़) कर्ज दिया हुआ है डायरेक्ट लोन, ट्रेड क्रेडिट के रूप में।
150 से ज्यादा देशों को लोन बांटा है चीन ने। उसके द्वारा बांटा गया लोन वैश्विक जीडीपी के 5% से भी अधिक है।
विश्व बैंक और आईएमएफ से भी बड़ा कर्जदाता
चीन अब विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से भी बड़ा कर्जदाता बन गया है। विश्व बैंक, आईएमएफ और सभी ओईसीडी समूह की सरकारों द्वारा बांटे गए कुल लोन चीन से कम है।
तो चीन की तुलना में अमेरिका कहां है?
2000 से 2014 के बीच दुनियाभर में दिया कर्ज
अमेरिका394.6अरब डॉलर
चीन354.4अरब डॉलर
2000 से ज्यादा लोन और 3 हजार से ज्यादा ग्रांट बांटी हैं चीन ने 1949 से 2017 तक। अधिकांश लोन इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और माइनिंग के।हालांकि बाद में अमेरिका ने विदेशी कर्ज में कटौती की और चीन बढ़ाता चला गया।
कई देशों का कर्ज तेजी से बढ़ रहा है
50 प्रमुख विकासशील देशों का चीन से लिया गया उधार 2005 में उनकी जीडीपी के एक फीसदी से भी कम था। जो कि 2017 तक 15% हो गया। कई देशों के लिए यह आंकड़ा 20% तक है।
और भारत की स्थिति
2014 तक चीन ने भारत में 1.6 अरब डॉलर निवेश किया था। अगले तीन सालों में यह 8 अरब डॉलर हुआ। चीन के घोषित प्रोजेक्ट और निवेश योजनाओं को जोड़ लें तो यह आंकड़ा 26 अरब डॉलर है। भारत पर कुल विदेशी कर्ज दिसंबर 2019 तक 563.9 अरब डॉलर था।
स्रोत: एचबीआर, द न्यूयॉर्क टाइम्स, आर्थिक कार्य विभाग (भारत सरकार)। नोट: पाइपलाइन, ब्रिज, पावरप्लांट का आंकड़ा चीन के चुनिंदा 600 प्रोजेक्ट से। उसके अन्य प्रोजेक्ट भी हैं।
from Dainik Bhaskar /national/news/the-world-stuck-in-chinas-debt-1125-lakh-crore-rupees-have-been-distributed-to-more-than-150-countries-127432205.html
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आज छठवां अंतरराष्ट्रीययोग दिवस मनाया जा रहाहै। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक प्रकार से एकजुटता का दिन है। यह विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है। कोरोना के इस संकट के दौरान दुनियाभर के लोगों का इसे लेकर उत्साह बताता है कि योग लोगों की बीच पहुंच गया है।
उन्होंने कहा किआज हम सामूहिक कार्यक्रमों से दूर रहकर घर पर ही परिवार के लोगों के साथ योग कर रहे हैं। जब परिवार के सब लोग एक साथ जुटते हैं तो एक ऊर्जा का संयोग होता है। यह फैमिली बॉन्डिंग को भी बढ़ाने का भी दिन है। कोरोना महामारी के कारण दुनिया योग की जरूरत को पहले से भी ज्यादा महसूस कर रही है।
योग दिवस की शुरुआत 21 जून 2015 को हुई थी। इस साल की योग दिवस की थीम ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग' रखी गई है। आयुष मंत्रालय ने लेह में बड़ा कार्यक्रम करने की योजना बनाई थी, लेकिन महामारी के कारण इसे रद्द कर दिया गया।
आज विश्व योग दिवस है। कोरोना महामारी के चलते इस बार योग दिवस घरों में मनाया जा रहा है। आप भी जहां हैं योग करके खुद को स्वस्थ्य रखिए। क्योंकि, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योग बेहद कारगर है। जब से यह वायरस सामने आया है, तब से एक ही बात कही जा रही है कि अगर आपके फेफड़े और इम्यून सिस्टम मजबूत हैं तो फिर आप इसे आसानी से हरा सकते हैं।
विश्व योग दिवस पर भास्कर ने देश की एकमात्र योग यूनिवर्सिटी 'बिहार स्कूल ऑफ योग' के प्रमुख पद्म भूषण स्वामी निरंजनानंद से बात की। उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए योग की एक क्रिया नेति क्रिया, 4 प्राणायाम और 8 आसन बताए हैं। यह करके आप इम्यून सिस्टम और फेफड़ों को मजबूत कर सकते हैं। चलिए, अब इसे वीडियो में समझते हैं....
जल नेति के दौरान ये 4 सावधानी बरतें-
इस क्रिया को उकड़ू बैठकर, सीधे खड़े होकर या दोनों पैरों के बीच समान दूरी बनाकर कर सकते हैं। बीच-बीच में आंख बंद करना भी जरूरी है। ऐसा नहीं करने से आंख से पानी आ सकता है।
मुंह से सांस लेना बहुत जरूरी है नहीं तो छींक आ सकती है। नाक से बिल्कुल सांस न लें नहीं तो पानी सिर में जा सकता है। पानी सिर में चला गया तो परेशानी होगी।
कमर को उतना ही झुकाएं, जिससे जल आसानी से बाहर आ सके। पानी का प्रवाह सिर्फ नासिका से ही होना चाहिए। यदि पानी गले या मुंह में प्रवेश कर रहा है तो यह संकेत है कि सिर की स्थिति ठीक नहीं है।
नाक और सिर की किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हों तो नासिका को सुखाने के लिए जोर से सांस बाहर नहीं करें, इसे धीरे-धीरे करें।
कोरोना के लक्षणों से कैसे निजात दिलाती है जल नेति?
कोरोनावायरस नाक से शरीर में प्रवेश करता है और सबसे पहले गले पर अटैक करता है। इसके बाद यह फेफड़े में जाता है। जल नेति से यह वायरस नाक में ही खत्म हो सकता है। कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में भी तकलीफ होती है। ऐसे में इस क्रिया से पूरी नासिका खुल जाती है। इससे फेफड़े को पूरी ऑक्सीजन मिलती है। जिन्हें दमा, निमोनिया और ब्रॉनकाइटिस की बीमारी है उन्हें भी इससे लाभ मिलता है।
जल नेति नासिका मार्ग और साइनस में जमे हुए सेलेस्मा को बाहर निकालता है। गले में जमे हुए कफ को बाहर करता है और यह क्रिया लगातार करने से कफ बनने की शिकायत दूर हो जाती है। दृषि दोष और कान के लिए भी फायदेमंद है। वायु प्रदूषण और एलर्जी से होने वाला बुखार और टॉन्सिल को भी ठीक करने में मददगार होता है।
योग के 4 प्राणायाम जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं:
जल नेति क्रिया के अलावा योग के 4 प्राणायाम हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और भ्रामरी प्राणायाम हैं। जल नेति के बाद भस्त्रिका और कपालभाति जरूर करें। इसे करने से नाक से सारा पानी बाहर आ जाएगा और मस्तिष्क तरोताजा महसूस करेगा। जल नेति, भस्त्रिका और कपाल भाति को करने के बाद कम से कम एक घंटे तक कुछ भी नहीं खाएं। एक या दो गिलास गुनगुना पानी पी सकते हैं।
कपालभाति: यह फेफड़े और पेट के लिए काफी फायदेमंद है। इम्यूनिटी को बढ़ाता है। हाईब्लड प्रेशर वाले इस प्राणायाम को धीरे-धीरे करें। इसे रोज कम से कम 15 मिनट जरूर करें।
अनुलोम-विलोम: यह प्राणायाम शरीर के अंदर की हवा को शुद्ध करता है। फेफड़े को स्वस्थ रखने में यह सबसे ज्यादा फायदेमंद है। इस प्राणायाम को 10 से 15 मिनट तक करें।
भस्त्रिका: इसको करने के लिए पद्मासन में बैठ जाएं। अगर पद्मासन में नहीं बैठ सकते हैं तो पैर मोड़कर बैठें। यह इम्यून बढ़ाती है। इससे वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं। आंख, कान और नाक को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। हर रोज पांच से दस मिनट तक कर सकते हैं।
भ्रामरी: यह प्राणायाम डिप्रेशन के लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे रात को नींद अच्छी आएगी। इसे दो से तीन मिनट तक कर सकते हैं। इसमें किसी तरह की सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है।
योग के ये 8 आसन भी बढ़ाते हैं इम्यून सिस्टम-
जल नेति और 4 प्राणायाम के बाद आठ आसनों के द्वारा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। ये आठ आसन हैं- शीर्षासन, सर्वांगासन, चक्रासन, कान्द्रासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, मयूरासन और व्याघ्रासन।
जोरसंग की उम्र 52 साल है। करगिल युद्ध हुआ तो वो बटालिक सेक्टर में बतौर पोर्टर सेना के साथ जुड़े थे। उन्होंने करीब एक हफ्ते वॉलेंटियर के तौर पर काम किया था। जोरसंग अब लद्दाख में एक गेस्ट हाउस चलाते हैं। वे लद्दाख होटल एसोसिएशन के लीडर भी हैं।वे कहते हैं, "जितना नुकसान इस बार कोरोना और चीन सीमा पर हालात खराब होने से हुआ है, उतना करगिल के वक्त भी नहीं हुआ था।"
पहले कोरोना और अब चीन सीमा पर बिगड़े हालात के चलते इस साल लद्दाख के टूरिज्म को 400 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। ये लद्दाख के टूरिज्म सेक्टर में काम कर रहे एसोसिएशन का कैलकुलेशन है।
लद्दाख में टूरिज्म सीजन बहुत छोटा होता है। अप्रैल से लेकर सितंबर तक। जबकि यहां की जीडीपी का 70-75 % हिस्सा टूरिज्म से आता है। पूरे लद्दाख की आबादी 3 लाख है और इस आबादी का 80 प्रतिशत हिस्सा टूरिज्म पर ही निर्भर है। हर घर के कम से कम 3 लोग टूरिज्म से जुड़े किसी काम के जरिए अपना रोजगार हासिल करते हैं।
जोरसंग बताते हैं, "करगिल युद्ध हुआ तब विदेशी पर्यटक ज्यादा आते थे। युद्ध बमुश्किल महीने-डेढ़ महीने चला। लेकिन तब भी फ्लाइट लेह आ-जा रहीं थीं और पर्यटक भी। इस बार मार्च में लॉकडाउन लग गया और सीजन शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया।"
जोरसंग बताते हैं, "करगिल युद्ध तक लद्दाख आने वाले 80% पर्यटक विदेशी ही होते थे। इसके बाद डोमेस्टिक टूरिस्ट बढ़े। फिलहाल यहां सबसे ज्यादा टूरिस्ट महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, कोलकाता और दक्षिण भारत से आते हैं।"
मुस्तफा और उनके भाई गुलाम मोउद्दीन लद्दाख के सबसे बड़े होटल ग्रैंड ड्रैगन के मालिक हैं। उनके पिता हाजी दीन मोहम्मद ने चार कमरों के साथ 1976 में यह होटल शुरू किया था। आज उनके होटल में 70 से ज्यादा कमरे हैं। मुस्तफा कहते हैं कि 1974 में लद्दाख को टूरिस्ट के लिए खोला गया और उसके दो साल बाद उनके पिता ने ये गेस्ट हाउस खोला। पिता अब 85 साल के हैं और अब उनके घर के छह बच्चे मिलकर ये होटल चला रहे हैं।
मुस्तफा कहते हैं कि उन्होंने भी युद्ध में बतौर पोर्टर जाने के लिए अपना नाम दिया था, तीन दिन बाद उन्हें जाना ही था कि युद्ध ही खत्म हो गया। मुस्तफा के होटल में आमिर से लेकर शाहरुख, सलमान, कैटरीना, अनुष्का, जैक्लीन सब रुक चुके हैं। हर साल 30 हजार गेस्ट उनके होटल में रहने आते हैं। 6-7 करोड़ का टर्नओवर है। लेकिन, इस बार सब खत्म है। लॉकडाउन लगा तो उनका ज्यादातर स्टाफ घर लौट गया।
दो हफ्ते पहले जब स्थानीय प्रशासन से 3-4 राउंड की मीटिंग के बाद उन्हें होटल फिर शुरू करने की इजाजत मिली तो जो स्टाफ के कुछ लोग यहीं फंसे रह गए थे तो उन्हीं के साथ होटल को फिर से खोला गया।
देश के मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन लद्दाख में बाहर के होटल और होटल चेन को आने की इजाजत नहीं है। यहां के ज्यादातर होटल किसी वक्त में 2 कमरों के गेस्ट हाउस से शुरू हुए थे। आज यहां 400 से ज्यादा होटल, गेस्ट हाउस, होम स्टे और कैम्प हैं। सभी के मालिक स्थानीय लद्दाखी लोग ही हैं।
लद्दाख के टूरिज्म इकोनॉमी का अहम हिस्सा टैक्सी वाले हैं। 4000 टैक्सी और 1000 से ज्यादा बाइक लद्दाख आनेवाले पर्यटकों की सवारी बनती हैं। टैक्सी एसोसिएशन के सदस्य चोसबल कहते हैं कि उनके पास कई ऐसे परिवार आए जिनके घर की रोजी हर दिन टैक्सी चलने पर ही चलती है। उनके पास खाने-पीने की भी दिक्कत होने लगी है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनके लिए कोई पैकेज लाएगी ताकि लद्दाख में टैक्सी चलानेवाले 4000 लोग गुजारा कर सकें।
सेरिंग नामगियाल अलटोवा एसोसिएशन के प्रवक्ता हैं। वे कहते हैं, "लेह से करगिल 230 किमी दूर है इसलिए करगिल युद्ध के दौरान इतनी दिक्कत नहीं हुई। कुछ बुकिंग कैंसल हुए थे, लेकिन इस बार 100% बुकिंग कैंसिलेशन हो गया। 1974 से अब तक की हिस्ट्री देखेंगे तो 2020 सबसे दुखद और टूरिज्म के लिहाज से सबसे बुरा साल रहा है।
आज 21 जून, रविवार है। आज सुबह 9.16 बजे से सूर्य ग्रहण है। हालांकि, भारत में ये सुबह 10 के बाद ही दिखाई देगा। ये साल का पहला और आखिरी सूर्य ग्रहण है। इसके बाद अगला सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को भारत में दिखेगा। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में चंद्रमा,सूर्य को 98.6%तक ढक देगा, जिससे ये कंगन जैसी आकृति का दिखाई देगा। ज्योतिष ग्रंथों में इसे कंकणाकृति सूर्य ग्रहण कहा गया है। ये आकृति ज्यादातर स्थानों पर 11.50 से 12.10 के बीच दिखाई देगी।
सबसे पहले मुंबई और पुणे में 10.01 बजे से दिखना शुरू होगा। गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में 10.03 बजे से दिखना शुरू होगा। अन्य देशों मेंये ग्रहण पूरी तरह 3.04 बजे खत्म होगा। ये देश में कई जगहों पर खंडग्रास (आंशिक) सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा। भारत के अलावा ये ग्रहण नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कांगो में दिखाई देगा।
तीन तरह के होते हैं सूर्य ग्रहण
पूर्ण सूर्य ग्रहण:जब चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीब रहते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को अपनी छाया में ले लेता है। इससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है। इस खगोलीय घटना को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है। वलयाकार सूर्य ग्रहण: इस स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में तो आता है लेकिन दोनों के बीच काफी दूरी होती है। चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढंक पाता है और सूर्य की बाहरी परत ही चमकती है। जो कि वलय यानी रिंग के रूप में दिखाई देती है। इसे ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। खंडग्राससूर्य ग्रहण:इस खगोलीय घटना में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह आता है कि सूर्य का थोड़ा सा ही हिस्सा अपनी छाया से ढंक पाता है। इस दौरान पृथ्वी से सूर्य का ज्यादातर हिस्सा दिखाई देता है। इसे खंडग्राससूर्यग्रहण कहते हैं।
ज्योतिष और खगोल विज्ञान: लगातार 3 ग्रहण होना आम बात
जयपुर की वेधशाला केपूर्व अधीक्षक ओ.पी शर्मा का कहना है कि खगोल विज्ञान के अनुसार, लगातार 3 ग्रहण होना आम बात है। ये सामान्य खगोलीय घटना ही है। खगोल गणना के अनुसार 18 साल में करीब 70 ग्रहण हो सकते हैं। इस तरह एक साल में दोनों तरह के 7 ग्रहण होना संभावित है। लेकिन, 4 से ज्यादा ग्रहण बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। इस तरह लगातार तीन ग्रहण की स्थिति हर 10 साल में करीब 2 या 3 बार बन जाती है।
काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि विश्व मेें लगातार 3 ग्रहण होना आश्चर्यजनक घटना नहीं है। करीब हर 2-3 साल में 1 बार ऐसा हो जाता है। 2018, 2016, 2013 और 2011 में ऐसा हुआ था। लेकिन, अब 2027 और 2029 में ऐसीस्थिति बनेगी। उन्होंने बताया इस साल कुल 6 ग्रहण में 4 चंद्र ग्रहण अधूरे हैं यानी उपच्छाया ग्रहण हैं। वहीं, 21 जून वाला सूर्यग्रहण ही भारत में दिखाई देगा। इसके अलावा 14 दिसंबर को होने वाला सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक पहलू
विज्ञान के अनुसार, सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा घूमते-घूमते सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो सूर्य की चमकती रोशनी चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती। चंद्रमा के कारण सूर्य पूरी तरह या आंशिक रूप से ढंकने लगता है और इसी को सूर्यग्रहण कहा जाता है।
भास्कर नॉलेज
चार हजार साल पहले दिखा था पहला सूर्य ग्रहण
चाइनीज ग्रंथ शु-चिंग के अनुसार पहला सूर्य ग्रहण आज से करीब चार हजार साल पहले यानी 22 अक्टूबर 2134 ईसा पूर्व दिखा था। इस ग्रंथ के अनुसार आकाशीय ड्रेगन ने सूर्य को निगल लिया था। चाइनीज भाषा में ग्रहण शब्द को शी कहा जाता है,जिसका अर्थ है निगलना। चीन के ग्रामीण इलाकों में आज भी सूर्य ग्रहण के समय तेज आवाज में ड्रम बजाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इस तेज आवाज से सूर्य को निगलने वाला ड्रेगन डर के भाग जाता है। प्राचीन काम में चीन में सूर्य और चंद्र ग्रहण को दिव्य संकेत माना जाता था।
वेदों में सूर्यग्रहण
महर्षि अत्रि ग्रहण के ज्ञान को देने वाले पहले आचार्य माने गए हैं। ऋग्वेद में पांचवें मंडल के 40वें सूक्त के मन्त्रों में इस बात की जानकारी मिलती है कि जब असुर राहु पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ गया था, तो पृथ्वी पर अंधकार छा गया था। तब महर्षि अत्रि ने मंत्रों की शक्ति से उस अंधकार को दूर किया था। ग्रहण के समय जो प्रथाएं हैं उनका उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। इनके साथ ही सामवेद के पंचविंश ब्राह्मण में भी सूर्य ग्रहण का महत्व बताया गया है।
पुराणों में सूर्यग्रहण
मत्स्य पुराण अनुसार, सूर्य ग्रहण का संबंध राहु-केतु और उनके द्वारा अमृत पाने की कथा से है। इसके अलावा स्कंदपुराण में भगवान शिव ने देवी पार्वती को समझाया कि सूर्यग्रहण कैसे होता है। इसके साथ ही विष्णु पुराण के पहले अंश के नौवें अध्याय में समुद्र मंथन की कथा में इसका उल्लेख मिलता है।
महाभारत में सूर्यग्रहण
महाभारत युद्ध की लड़ाई 18 दिन चली थी। इस दौरान 3 ग्रहण होने से महाभारत का भीषण युद्ध हुआ। महाभारत में अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली थी कि वो सूर्यास्त के पहले जयद्रथ को मार देंगे वरना खुद अग्निसमाधि ले लेंगे। कौरवों ने जयद्रथ को बचाने के लिए सुरक्षा घेरा बना लिया था, लेकिन उस दिन सूर्यग्रहण होने से सभी जगह अंधेरा हो गया। तभी जयद्रथ अर्जुन के सामने यह कहते हुए आ गया कि सूर्यास्त हो गया है अब अग्निसमाधि लो। इसी बीच ग्रहण खत्म हो गया और सूर्य चमकने लगा। तभी अर्जुन ने जयद्रथ का वध कर दिया।
रामायण में सूर्यग्रहण
मूल वाल्मीकि रामायण के अरण्यकांड के तेइसवें सर्ग के शुरुआती 15 श्लोकों में सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी दी गई है। भगवान राम और खर के बीच हुए युद्ध में इस बारे में बताया गया है। राहु को सूर्य ग्रहण का कारण बताया है।
सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व
बृहत्संहिता ग्रंथ में वराहमिहिर ने लिखा है कि सूर्यग्रहण में चन्द्रमा, सूर्य के बिंब में प्रविष्ट हो जाता है। यानि, सूर्य और पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है। वहीं, चन्द्रग्रहण के दौरान चन्द्र पृथ्वी की छाया में आ जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. मिश्रा के अनुसार पूर्ण ग्रहण होने से प्राकृतिक आपदाएं और सत्ता परिवर्तन देखने को मिलता है। ग्रहण से देश में रहने वाले लोगों को नुकसान होता है। बीमारियां बढ़ती हैं। देश की आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव आते हैं।
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। गालवन घाटी में अब क्या स्थिति है?किसकी क्या तैयारियां हैं?विवाद कैसे और क्यों हुआ? यह हम पिछले 5दिनों से लगातार सुन और पढ़ रहे हैं। इस सबके बावजूद अभी कई सवाल अधूरे हैं।
रिटायर्ड आर्मी अफसर, पूर्व राजनयिक और सीनियर जर्नलिस्टइस पूरे मामले परअलग-अलग मत रख रहे हैं। कोई भारत को विजेता बता रहा है तो किसी कोचीनी सैनिकों के मारे जानेपर यकीन नहींहै। ये दावे भी सामने आ रहे हैं कि गलवान घाटी का एक बड़ा हिस्सा भारत खो चुका हैऔर सरकार जनता से सच छिपा रही है।
इस तरह की कईऔर बातें भी हैं, जो एक्सपर्ट्स लगातार ट्वीटर पर लिख रहे हैं। आइए पढ़तेहैं कि वे क्या लिख रहे हैं...
पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव का इशारा- नुकसान हमें हुआ है, चीन को नहीं
साल 2009 से 2011 के बीच विदेश सचिव रहीं निरुपमा राव लिखती हैं कि, "चीन हमेशा से खुद को पीड़ित पक्ष बताता रहा है और विवाद के लिए दूसरे पक्ष को जिम्मेदार ठहराता रहा है। खून से सने यह कुछ घंटे एक भयानक त्रासदी है। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य करने के लिए 1976 से चल रहे प्रयास अब शून्य हो गए हैं।”
Chinese always present themselves as injured party &blame opposite side for the consequences.A dark hour like this with all the blood that has been shed is such a dreadful tragedy. Efforts made for normalization since 1976 have come to nought.
ब्रह्म चेलानी ने लिखा- सरकार ने गलवान घाटी को असुरक्षित छोड़ने की कीमत चुकाई
भारत सरकार के नीति सलाहकार समूह के सदस्य रह चुकेब्रह्म चेलानी 20 सैनिकों के शहीद होने का जिम्मेदार केंद्र सरकार को मानते हैं। उन्होंने लिखा कि, "चीन की रणनीतिक किताब कहती है कि चोरी से किसी दूसरे देश के इलाके पर कब्जा करो और दावा करो कि यह तो हमेशा से चीन का ही हिस्सा है। भारत को सोता हुआ देखकर चीन ने गलवान घाटी पर कब्जा किया और पहली बार इस इलाके पर अपना दावा जताया है।”
चेलानी आगेयह भी लिखते हैं कि 1962 के युद्ध के बाद से गलवान घाटी में चीन ने घुसपैठ नहीं की थी। भारत ने इस इलाके को असुरक्षित छोड़ बड़ी कीमत चुकाई है।
जिस दिन गलवान में झड़प का मामला सामने आया था। उस दिन चेलानी ने ट्वीट किया था, "अप्रैल के आखिरी और मई के शुरुआती हफ्ते में चीन ने भारत के हिस्से वाले लद्दाख क्षेत्र के कुछ खास सीमाई इलाकों में कब्जा कर लिया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, भारत के 647 स्क्वायर किमी इलाके पर चीन कब्जा कर रहा है।"
In late April/early May, China caught India off-guard by encroaching on some key border areas in the Indian Ladakh region. According to an NYT report quoting Indian analysts, China is "occupying around 250 square miles [647.5 sq. km.] of Indian territory." https://t.co/9wCHv8aNbPpic.twitter.com/dNoX1XUy4l
पूर्व राजनयिक केसी सिंह ने लिखा- विदेश मंत्री मुसीबत को भांप नहीं सके, अब क्या उम्मीदें रखें?
पूर्व राजनयिक केसी सिंहइस पूरे विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की दूरदर्शिता पर सवाल उठातें हैं। केसी सिंह ने इतिहास साझा करते हुए लिखा कि, “माओ की ग्रेट लीप फॉरवर्ड पॉलिसी 1962 में भयानक असफलता के साथ खत्म हुई थी। लाखों लोग भूख से मर चुके थे। चीन में माओ के नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने लगे थे। शी जिनपिंग भी उसी तरह की मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। अगर चीन में भारत के पूर्व राजनयिक रहे और वर्तमान विदेश मंत्री यह नहीं देख सके और पीएम मोदी को सतर्क नहीं कर पाए, तो क्या उम्मीदें रखीजाएं?”
And Mao’s Great Leap Forward - had ended in 1962 in utter failure, leaving millions starving. His leadership was being questioned. Xi faces similar issues. If a former Amb to China as External Affairs Min cannot foresee & warn PM what history foretells- What hope?
प्रवीण साहनी लिखते हैं- तनाव बढ़ने के बावजूद जवानों को बिना हथियार के भेजना सबसे बड़ी गलती
ड्रैगन ऑन अवर डोरस्टेपके लेखक और पूर्व आर्मी अफसर प्रवीण साहनी इस विवाद पर लिखते हैं कि, "भारतीय सेना के पास हथियार नहीं थे और ये बात चीनी सेना जानती थी। वे हमारे जवानों को मारने के लिए पूरी तरह तैयार थे। ये असंभव है कि फ्रंटलाइन के हमारे सैनिक आत्मरक्षा के लिए नदी में कूदेंगे, लेकिन हथियार नहीं उठाएंगे। सबसे ऊंचे स्तर पर बैठा कोई शख्स झूठ बोल रहा है। न तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल रावत और न ही विदेश मंत्री एस जयशंकर इस विवाद को पूरी तरह बयां कर सकते हैं।”
3 things: Indian side did NOT have weapons & PLA knew this. They were prepared to kill. Impossible Indian soldiers on frontline will jump in river but will not use wpns for self defense. Someone LYING at highest level of authority. Gen Rawat & not Jaishankar should clarify 1/3
इस पूरे विवाद में अब एक बात पर बहस चल रही है कि क्या भारतीय जवानों के पास उस दौरान हथियार थे? और अगर नहीं थे तो उन्हें बिना हथियारों के चीनी सैनिकों के सामने क्यों भेजा गया? इस परविदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करकहा था कि बॉर्डर ड्यूटी पर रहने वाले सैनिक हमेशा अपने साथ हथियार रखते हैं।
इस पर प्रवीण साहनी असहमति जताते हुए लिखते हैं कि, "अगर 15 जून को सैनिकों के पास हथियार थे तो उन्होंने आत्मरक्षा में इन्हें उपयोग क्यों नहीं किया? इंडियन आर्मी को यह साफ करना चाहिए।”
जवानों को हथियार न देकर उन्हें मरने के लिए छोड़ा गया
प्रवीण साहनी यह भी लिखते हैं कि आप अपने सैनिकों को आत्मरक्षा के लिए हथियारों के बिना सीमा पर नहीं भेजते। उन्हें हथियार न देकर आप उन्हें दुश्मन सेना के हाथों मरने के लिए छोड़ रहे हैं। सैनिक हमेशा आदेश मानते हैं। मिलिट्री हाईकमान को इस पर बहुत सारे जवाब देने हैं।
प्रवीण साहनी एक और ट्वीट मेंलिखते हैं कि, “पत्थरों से मारने की चीनी सेना की तैयारी बताती है कि सीमा पार की हाई लेवल अथॉरिटी ये जानती थी और उन्होंने इसकी इजाजत दी। 6 जून को एलएसी पर लेफ्टिनेंट जनरल और मेजर जनरल के बीच हुई बातचीत सौहार्दपूर्ण नहीं रही थी। हमें हमारे जवानों को बिना हथियारों के नहीं भेजना चाहिए था।”
'जीवन तुमको दान कर के ही गया, झोली तुम्हारी आज भर कर ही गया...जाते हुए भी वो अपना धर्म निभा कर ही गया, सारे जगत को अपना ऋणी बना कर ही गया।'इंडियन आर्मी ने ये लाइनेंगलवान में शहीद हुए अपने जवानों को आखिरी सलाम देते हुए सोशल मीडिया पर लिखी हैं।
आर्मी ने शहीदों कीआखिरी यात्रा कीकुछ फोटो भी साझा की हैं, जिनमें इन वीर शहीदों के परिजन रोते-बिलखते नहीं, बल्कि उसी साहस के साथ इन्हें अंतिम विदाई दे रहे हैं, जिस साहस के साथ ये जवान गलवान में चीनी सेना से लड़ते-लड़ते शहीद होगए।
उत्तर में हिमाचल के हमीरपुर में शहीद जवान अंकुश ठाकुर से लेकर दक्षिण में तमिलनाडु के रामनाथपुरम में हवलदार के. पलानी को अंतिम विदाई देने सेना के उनके साथी पैतृक गांवों तक पहुंचे। इन फोटो को सेना ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।