बुधवार, 29 जुलाई 2020

कुल संक्रमितों में दिल्ली तीसरे नंबर पर, लेकिन टॉप-10 राज्यों में अब यहां सबसे कम करीब 11 हजार एक्टिव केस; देश में 15.32 लाख संक्रमित

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा मंगलवार को 15 लाख के पार हो गया है। अब तक 15 लाख 32 हजार 135 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 49 हजार 632 मरीज बढ़े। 35 हजार 484 लोग ठीक भी हुए। 770 की मौत हुई। 9 लाख 88 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं, 34 हजार 200 से ज्यादा ठीक हो चुके हैं। 5 लाख 8 हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं, यानी इनका इलाज चल रहा है।

दिल्ली में कोरोना के अब तक 1 लाख 32 हजार 275 केस आए हैं। इस मामले में यह देश में तीसरे नंबर पर है, लेकिन एक्टिव केस के मामले में यह टॉप-10 से बाहर है। यहां अब सिर्फ 10 हजार 887 मरीजों का इलाज चल रहा है।

मुंबई की झुग्गी बस्तियों में 57% कोरोना संक्रमित
दिल्ली के बाद मुंबई में भी सीरो सर्वे हुआ है। इससे पता चला है कि शहर की झुग्गी बस्तियों में 57% लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सीरो सर्वे में व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। अगर एंटीबॉडी मिलती हैं तो इसका मतलब कि वे या तो संक्रमित हैं या संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। मुंबई की गैर झुग्गी बस्तियों में 16% लोगों में एंटीबॉडी मिली हैं।

मुंबई में 3 महीने में एक दिन में सबसे कम केस आए
मुंबई में तीन महीने बाद एक दिन में सबसे कम मामले सामने आए। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सोमवार को यहां 8776 सैंपल लिए गए थे। इनमें से सिर्फ 700 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शहर में डबलिंग रेट अब बढ़कर 68 दिन और रिकवरी रेट 73% हो गया है।

LIVE UPDATES...

  • देश में मंगलवार को एक्टिव केसों की संख्या 5 लाख के पार हो गई। इनमें 8 हजार 944 की हालत गंभीर है।
  • मध्य प्रदेश में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
  • दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में सोमवार को एक भी मामला सामने नहीं आया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। यह दिल्ली में संक्रमितों का इलाज करने वाला सबसे बड़ा अस्पताल है।
  • पश्चिम बंगाल में हफ्ते में 2 दिन का लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। लेकिन सरकार ने कहा है कि 1 अगस्त को बकरीद पर लॉकडाउन नहीं रहेगा।

5 राज्यों का हाल

मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद एक मंत्री समेत तीन भाजपा नेताओं में कोरोना लक्षण सामने आए हैं। राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और भोपाल व ग्वालियर के संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी की कोरोना पॉजिटिव आई है।
राज्य में बीते 24 घंटे में 628 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या अब 29,217 हो गई है। इनमें 20,343 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 830 मरीजों की मौत हो चुकी है।

महाराष्ट्र: बीते 24 घंटे में 7,717 नए मामले सामने आने आए। 282 लोगों की मौत हुई और 10,333 मरीज ठीक हो गए। मुंबई में मंगलवार को 717 नए मामले सामने आए, जो करीब 3 महीने में किसी एक दिन में मिले संक्रमितों की सबसे कम संख्या है। यहां मंगलवार को इस महामारी से 55 लोगों की मौत हो गई है।

राजस्थान: यहां बीते 24 घंटे में 1072 संक्रमित मिले। 11 लोगों की मौत हुई और 483 मरीज ठीक हो गए। मंगलवार को पाली में 3, भरतपुर-जोधपुर में 2-2, जयपुर-कोटा-उदयपुर और अन्य राज्यों से 1-1 संक्रमित ने दम तोड़ा।
इस बीमारी से अब तक जयपुर में 183 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा जोधपुर में 81, भरतपुर में 53, अजमेर में 38, बीकानेर में 34, कोटा में 33, पाली में 27, नागौर में 23 और धौलपुर में 15 मरीजों ने दम तोड़ा है। यहां अन्य राज्यों के 35 रोगियों की मौत हुई है।

बिहार: यहां मंगलवार को 2,480 संक्रमित मिले। 14 संक्रमितों की मौत हुई है और 1,376 ठीक हो गए। राज्य में कोरोना संक्रमण के अब तक 43,591 केस आ चुके हैं। 269 की मौत हो चुकी है और 29,220 ठीक हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश: यहां बीते 24 घंटे में कोरोना के 3 हजार 458 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 73,951 हो गया है। इनमें 44,520 लोग ठीक भी हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 41 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या अब 1,497 हो चुकी है।



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Delhi ranks third among the total infected, but now the lowest number of 11 thousand active cases in top-10 states; 15.32 lakhs infected in the country


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इटली ने लॉकडाउन 15 अक्टूबर तक बढ़ाया, चीन में तीन महीने बाद सबसे ज्यादा मामले; दुनिया में 1.68 करोड़ संक्रमित

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 1 करोड़ 68 लाख 93 हजार 293 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 45 लाख 6 हजार 371 ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, 6 लाख 63 हजार 465 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। इटली ने लॉकडाउन का समय 15 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री ​​​​​​जुसेप कोंटे ने बढ़ते मामलों को देखते हुए संसद में पाबंदियां बढ़ाने का सुझाव रखा था। मंगलवार को संसद के ऊपरी सदन में इस पर चर्चा होने के बाद इसे मंजूरी दे दी गई।

चीन में पिछले 24 घंटे में 101 नए मामले सामने आए हैं। यह अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने इसकी जानकारी दी। 24 घंटे में 16 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। 391 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, इसमें 20 की हालत गंभीर है। चीन में संक्रमण के 83 हजार 959 मामले सामने आए हैं, जबकि 78 हजार 934 लोग ठीक हो चुके हैं। 4634 लोगों की मौत भी हुई।

10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 44,98,343 1,52,320 21,85,894
ब्राजील 24,84,649 88,634 17,21,560
भारत 15,32,135 34,224 9,88,770
रूस 8,23,515 13,504 6,12,217
द.अफ्रीका 4,59,761 7,257 2,87,313
मैक्सिको 4,02,697 44,876 2,61,457
पेरू 3,95,005 18,612 2,76,452
चिली 3,49,800 9,240 3,22,332
स्पेन 3,27,690 28,436 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 3,00,692 45,878 उपलब्ध नहीं

हम दूसरे देशों को दे सकते हैं वैक्सीन: ट्रम्प

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि कोरोना का टीका तैयार होने पर अमेरिका दूसरे देशों को इसकी सप्लाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे हमने वेंटिलेटर और अन्य जरूरी चीजें दूसरे देशों को दी थी, वैसे ही हम वैक्सीन भी उन्हें देंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका इस साल के आखिरी या 2021 की शुरुआत में टीका तैयार होने की उम्मीद है। यहां की मॉडर्ना कंपनी ने वैक्सीन के तीसरे स्टेज का ट्रायल शुरू कर दिया है।

तुर्की: संक्रमण के 963 मामले

तुर्की में 24 घंटे में संक्रमण के 963 नए मामले सामने आए हैं। इसी के संक्रमितों की संख्या 2 लाख 27 हजार 982 हो गई है। स्वास्थ मंत्री फहरेतिन कोका ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 15 लोगों की मौत हुई है। अब तक यहां 5645 लोगों की जान गई है।अब तक कुल 46 लाख 65 हजार 383 टेस्ट किए जा चुके हैं। तुर्की ने एक अगस्त से चार देशों के साथ फ्लाइट्स शुरू करने का फैसला किया है। ये देश भारत, रूस, कुवैत और साउथ अफ्रीका हैं।

तुर्की के इस्तांबुल में एक बुजुर्ग मरीज के ठीक होने के बाद उन्हें बजाकर विदा करते स्वास्थ्यकर्मी।

इजराइल: अब तक सबसे अधिक मामले

इजराइल में पिछले 24 घंटे में 2308 नए मामले सामने आए हैं। यह देश में एक दिन में आने वाला अब तक का सबसे मामला है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले 22 जुलाई को यहां एक दिन में 2043 मामले सामने आए थे। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 66 हजार 293 हो गई है।इस बीच 12 और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 486 हो गई है।अभी 739 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

इजराइल की राजधानी येरुशलम में ईद-उल-अजहा पर्व से पहले सजी दुकानें और मास्क पहनकर खरीदारी करने निकली महिला।


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इटली के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ​​​​​​जुसेप कोंटे ने मंगलवार को संसद में लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। इसे मंजूरी दे दी गई।


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कुल संक्रमितों में दिल्ली तीसरे नंबर पर, लेकिन टॉप-10 राज्यों में अब यहां सबसे कम करीब 11 हजार एक्टिव केस; देश में 15.32 लाख संक्रमित

देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा मंगलवार को 15 लाख के पार हो गया है। अब तक 15 लाख 32 हजार 135 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 49 हजार 632 मरीज बढ़े। 35 हजार 484 लोग ठीक भी हुए। 770 की मौत हुई। 9 लाख 88 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं, 34 हजार 200 से ज्यादा ठीक हो चुके हैं। 5 लाख 8 हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं, यानी इनका इलाज चल रहा है।

दिल्ली में कोरोना के अब तक 1 लाख 32 हजार 275 केस आए हैं। इस मामले में यह देश में तीसरे नंबर पर है, लेकिन एक्टिव केस के मामले में यह टॉप-10 से बाहर है। यहां अब सिर्फ 10 हजार 887 मरीजों का इलाज चल रहा है।

मुंबई की झुग्गी बस्तियों में 57% कोरोना संक्रमित
दिल्ली के बाद मुंबई में भी सीरो सर्वे हुआ है। इससे पता चला है कि शहर की झुग्गी बस्तियों में 57% लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सीरो सर्वे में व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। अगर एंटीबॉडी मिलती हैं तो इसका मतलब कि वे या तो संक्रमित हैं या संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। मुंबई की गैर झुग्गी बस्तियों में 16% लोगों में एंटीबॉडी मिली हैं।

मुंबई में 3 महीने में एक दिन में सबसे कम केस आए
मुंबई में तीन महीने बाद एक दिन में सबसे कम मामले सामने आए। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सोमवार को यहां 8776 सैंपल लिए गए थे। इनमें से सिर्फ 700 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शहर में डबलिंग रेट अब बढ़कर 68 दिन और रिकवरी रेट 73% हो गया है।

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  • देश में मंगलवार को एक्टिव केसों की संख्या 5 लाख के पार हो गई। इनमें 8 हजार 944 की हालत गंभीर है।
  • मध्य प्रदेश में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
  • दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में सोमवार को एक भी मामला सामने नहीं आया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। यह दिल्ली में संक्रमितों का इलाज करने वाला सबसे बड़ा अस्पताल है।
  • पश्चिम बंगाल में हफ्ते में 2 दिन का लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। लेकिन सरकार ने कहा है कि 1 अगस्त को बकरीद पर लॉकडाउन नहीं रहेगा।

5 राज्यों का हाल

मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद एक मंत्री समेत तीन भाजपा नेताओं में कोरोना लक्षण सामने आए हैं। राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और भोपाल व ग्वालियर के संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी की कोरोना पॉजिटिव आई है।
राज्य में बीते 24 घंटे में 628 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या अब 29,217 हो गई है। इनमें 20,343 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 830 मरीजों की मौत हो चुकी है।

महाराष्ट्र: बीते 24 घंटे में 7,717 नए मामले सामने आने आए। 282 लोगों की मौत हुई और 10,333 मरीज ठीक हो गए। मुंबई में मंगलवार को 717 नए मामले सामने आए, जो करीब 3 महीने में किसी एक दिन में मिले संक्रमितों की सबसे कम संख्या है। यहां मंगलवार को इस महामारी से 55 लोगों की मौत हो गई है।

राजस्थान: यहां बीते 24 घंटे में 1072 संक्रमित मिले। 11 लोगों की मौत हुई और 483 मरीज ठीक हो गए। मंगलवार को पाली में 3, भरतपुर-जोधपुर में 2-2, जयपुर-कोटा-उदयपुर और अन्य राज्यों से 1-1 संक्रमित ने दम तोड़ा।
इस बीमारी से अब तक जयपुर में 183 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा जोधपुर में 81, भरतपुर में 53, अजमेर में 38, बीकानेर में 34, कोटा में 33, पाली में 27, नागौर में 23 और धौलपुर में 15 मरीजों ने दम तोड़ा है। यहां अन्य राज्यों के 35 रोगियों की मौत हुई है।

बिहार: यहां मंगलवार को 2,480 संक्रमित मिले। 14 संक्रमितों की मौत हुई है और 1,376 ठीक हो गए। राज्य में कोरोना संक्रमण के अब तक 43,591 केस आ चुके हैं। 269 की मौत हो चुकी है और 29,220 ठीक हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश: यहां बीते 24 घंटे में कोरोना के 3 हजार 458 नए मामले सामने आए। इसी के साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 73,951 हो गया है। इनमें 44,520 लोग ठीक भी हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 41 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या अब 1,497 हो चुकी है।



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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन को ईडी ने आज पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया, 11 साल पुराने फर्टिलाइजर घोटाले में सवाल-जवाब होंगे

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अग्रसेन को पूछताछ के लिए समन भेजा है। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक अग्रसेन को आज ही दिल्ली में ईडी के ऑफिस में पेश होना है।

फर्टिलाइजर घोटाले में ईडी ने 22 जुलाई को जोधपुर में अग्रसेन के घर और दफ्तरों पर छापे मारे थे। कुछ दूसरे लोगों के ठिकानों पर भी रेड पड़ी थी। चार राज्यों- राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली में यह कार्रवाई की गई। कस्टम विभाग की चार्जशीट के आधार पर ईडी, फर्टिलाइजर घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है।

घोटाला क्या था, अग्रसेन गहलोत पर क्या आरोप?

  • ईडी के अफसरों के मुताबिक अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि, म्यूरियेट ऑफ पोटाश (एमओपी) फर्टिलाइजर के एक्सपोर्ट पर बैन होने के बावजूद उसके निर्यात में शामिल थी। एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) इम्पोर्ट कर किसानों को सब्सिडी पर बेचती है।
  • अग्रसेन गहलोत आईपीएल के ऑथराइज्ड डीलर थे। 2007 से 2009 के बीच उनकी कंपनी ने सब्सिडाइज रेट पर एमओपी खरीदा, लेकिन उसे किसानों को बेचने की बजाय दूसरी कंपनियों को बेच दिया। उन कंपनियों ने एमओपी को इंडस्ट्रियल सॉल्ट के नाम पर मलेशिया और सिंगापुर पहुंचा दिया।
  • डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने 2012-13 में फर्टिलाइजर घोटाले का खुलासा किया था। कस्टम विभाग ने अग्रसेन की कंपनी पर करीब 5.46 करोड़ रुपए की पेनल्टी भी लगाई थी। भाजपा ने 2017 में इसे मुद्दा बनाया। यह मामला अब फिर से चर्चा में आ गया है।

मुख्यमंत्री के ओएसडी से सीबीआई ने पूछताछ की थी
राजस्थान की सियासी उठापटक के बीच ईडी समेत 3 केंद्रीय एजेंसियां मुख्यमंत्री के करीबियों पर कार्रवाई कर चुकी हैं। 13 जुलाई को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा और धर्मेद्र राठौड़ के ठिकानों पर छापे मारे थे। 20 और 21 जुलाई को सीबीआई ने कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ की थी। 21 जुलाई को ही मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी से भी सीबीआई ने सवाल-जवाब किए। बताया जा रहा है कि एसएचओ विष्णुदत बिश्नोई आत्महत्या मामले में पूनिया और सैनी से पूछताछ की गई थी।



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सचिन पायलट गुट की बगावत के बाद अशोक गहलोत बहुमत होने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल को तीसरी बार अर्जी देकर 31 जुलाई से सत्र बुलाने की मांग की है। (फाइल फोटो)


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नेपाल में बारिश से बिहार की कई नदियों का जलस्तर बढ़ा, कोसी बराज पर 12 घंटे में बढ़ा 56 हजार क्यूसेक पानी

नेपाल में हो रही बारिश के बाद राज्य की कई नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। 12 जिला 2962653 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बूढ़ी गंडक समस्तीपुर में खतरे के निशान से 2.57 मीटर ऊपर जबकि कोसी खगड़िया में 2.10 मीटर ऊपर पहुंच गई है। बागमती सीतामढ़ी और दरभंगा में दो मीटर ऊपर बह रही है।

गंगा कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई तेज़ बारिश के बाद इसका जलस्तर तेजी से बढ़ा है। वीरपुर बराज पर मात्र 12 घंटे में इसके पानी में 56 हजार क्यूसेक की बढ़ोतरी हो गई। बराज पर देर शाम पानी की मात्रा 1.82 लाख क्यूसेक से बढ़कर 2.38 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया था।

बाढ़ में जुगाड़ का सहारा

फोटो बिहार के किशनगंज जिले की है। यहां के टेढ़ागाछ प्रखंड के झुनकी पंचायत में पुल पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इस कारण लोगों का आवागमन ठप हो गया है। ड्रम की नाव पर बाइक लेकर जा रहे लोग।

फिर से बढ़ने लगा गंडक नदी का जलस्तर

गंडक नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। कुछ गिरावट आने के बाद एक बार फिर से उफान में है। वहीं बराज से 2 लाख 33 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। जिससे सारण जिले तरैया व पानापुर के खाली एरिया में भी पानी फैल गया है। दोनों ही प्रखंड का मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। सड़कों पर तीन फीट पानी बह रहा है।

गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने के बाद गंडक नदी का पानी तेजी से पानापुर और तरैया की ओर बढ़ रहा था।मंगलवार की सुबह होते-होते प्रखण्ड के 32 गांवों में बाढ़ की पानी में पूर्णतः डूब गये।लोगों के घरों में पानी घुस गया।जिससे लोग बेघर हो गए है।तथा छतों पर शरण लिए हुए है।

बैकुंठपुर की 5 पंचायतों के 23 नए गांवों में बाढ़

बिहार के गोपालगंज जिले के चार प्रखंड पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से पांच पंचायतों के 23 नए गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिन नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है उनमें बैकुंठपुर के श्यामपुर, देवकुली, हकाम, आजवीनगर, गोरेया स्थान, मंगलपुर, सिसई, चमनपुरा, गेनाडाबर, हरदिया, मंगरू छपरा, सफियाबाद, धर्मबारी, बिस्टौल, सबली, सिरसा धनटोली, चांदपुर शामिल हैं। इन गांवों के करीब 55 हजार की आबादी बाढ़ से पलायन करने लगी है।

बारिश ने बढ़ा दी पीड़ितों की परेशानी

फोटो बिहार के छपरा जिले के पानापुर की है। यहां तबियत बिगड़ने पर मरीजों को गोद में उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। मंगलवार की दोपहर से गंडक नदी के पानी में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। गोपालगंज में तटबंध टूटने के बाद नदी के पानी में थोड़ी-सी कमी आई थी। नदी का पानी बढ़ता देख तटीय इलाके के बाढ़ पीड़ितों की बेचैनी बढ़ गई है। नदी में पानी बढ़ने से तटबंध और तटीय इलाके के बाढ़ पीड़ितों की परेशानी बढ़ सकती है। वहीं गंडक नदी में पानी बढ़ने से गांवों में फैले बाढ़ के पानी में भी वृद्धि हो सकती हैं।

ब्रिटिश जमाने में बने पुल की न मरम्मत, न ऊंचाई बढ़ाई

फोटो झारखंड के रांची की है। स्वर्णरेखा नदी पर ब्रिटिश जमाने में बने पुल की न तो मरम्मत हुई और न ही जरूरत के अनुसार उसकी ऊंचाई बढ़ाई गई है। स्थिति यह है कि हल्की बारिश में ही नदी की तेज धारा पुल के ऊपर से बहने लगती है। लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं। पानी की धारा में कई बार बच्चे बह चुके हैं। कई मौतें हो चुकी हैं। दर्जनों मवेशी बह चुके हैं। यह केवल इस वर्ष की बात नहीं, बल्कि हर वर्ष तेज धारा लोगों को बहा ले जाती है। बावजूद लोग जान-जोखिम में डालकर पुल को पार करते हैं।

गांधीघाट पर खतरा का निशान 48.60 मीटर

पटना में पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 17 सेमी कम हुआ है। गंगा सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल के इंजीनियरों के मुताबिक 24 घंटे में गांधी घाट और दीघा घाट पर 17 सेमी गंगा का जलस्तर कम मापा गया है। मंगलवार की शाम 6 बजे गांधीघाट पर गंगा का जलस्तर 47.73 मीटर और दीघा घाट पर 48.69 मीटर मापा पाया गया है। जबकि, सोमवार की शाम 6 बजे गांधीघाट पर गंगा का जलस्तर 47.90 मीटर और दीघा घाट पर 48.86 मीटर मापा गया था। गांधीघाट पर खतरा का निशान 48.60 मीटर और दीघा घाट पर खतरा का निशान 50.45 मीटर है।
एक बैरक में 50 से अधिक जवान; न सोशल डिस्टेंसिंग, न मास्क

झारखंड में अभी तक करीब 500 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं, इसके बावजूद रांची पुलिस लाइन में लापरवाही और बदइंतजामी का आलम कायम है। मीडिया में मामला आने के बाद सार्जेंट मेजर आरके रंजन ने हालात सुधारने की जगह पत्रकारों के पुलिस लाइन में घुसने पर ही रोक लगा दी। यह फरमान भी जारी कर दिया कि पुलिस लाइन की खबर लीक हुई तो पुलिसकर्मियों की खैर नहीं।

भास्कर ने पड़ताल में पाया कि यहां कोरोना ही नहीं यदि दूसरी कोई भी संक्रामक बीमारी फैल जाए तो कई जवानों की जान चली जाएगी। पेड़ के नीचे एक-एक बैरक में 50-50 से ज्यादा पुलिसकर्मी रहते हैं। न कोई सोशल डिस्टेंसिंग और न ही मास्क।

भीमसेन को मनाने पहुंचे 84 गांवों के ग्रामीण, पुजारी ने गले से लगाया

फोटो छत्तीसगढ़ के नकुलनार की है। यहां के कुआकोंडा परगना के 84 गांवों के ग्रामीणों ने मंगलवार को भीमसेन पहाड़ उदेला में पूजा की। ऐसी मान्यता है कि भीमसेन पहाड़ पर पहुंचकर भीमसेन को मनाने पूजा-पाठ करने से अच्छी बारिश होती है। इस दौरान कुआकोंडा की प्रमुख देवी गंगादेई, लछनदेई, कोंडराज बाबा के साथ ग्रामीण पहाड़ पर पहुंचे। इस साल ग्रामीणों ने फसल बचाने भीमसेन की पूजा कर अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना की।

कोरोना की वजह से रद्द हुआ टूर्नामेंट

एक तरफ जहां भारतीय क्रिकेटर करोड़ों की कमाई करते हैं, वहीं भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिनेश सैन ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) में चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन किया है। उन्होंने 2015 से 2019 के बीच भारतीय टीम के लिए 9 मैच खेले थे। 35 साल के सैन पर पत्नी और एक साल के बच्चे की जिम्मेदारी है।

वहीं भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन कोरोना की वजह से वह रद्द हो गया। वह युवा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग भी देते थे।



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Water level in many rivers of Bihar increased due to rain in Nepal, 56 thousand cusecs of water increased in 12 hours at Kosi Barrage


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सबसे ज्यादा डाउनलोड हुई आरोग्य सेतु में दो लोगों के संपर्क में आने की संभावना केवल एक फीसदी, ब्रिटेन अभी तक लॉन्च नहीं कर पाया ऐप

ऑर्थर सुलिवन. दुनियाभर में कोरोनावायरस के फैलने के बाद कई देशों ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए मोबाइल ऐप्स का सहारा लिया था। देशों ने इस उम्मीद में ऐप्स तैयार किए थे कि वे डिजिटल कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को काबू कर लेंगे और बीमारियों को पहले से ज्यादा प्रभावी और तेज तरीके से रोक पाएंगे। हालांकि, 2020 की शुरुआत तक मोबाइल ऐप के जरिए महामारी को रोकने के कंसेप्ट को टेस्ट और ट्रायल नहीं किया गया था। टेक्नोलॉजी, प्रभाव, काम करने के तरीके और सबसे जरूरी इन एप्स की नैतिकता से जुड़े सवालों के जवाब नहीं मिले।

यह जरूर साफ हो गया है कि काम आसान नहीं है। रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के मुताबिक, जर्मनी के कोरोना वॉर्न ऐप के 24 जुलाई तक 1.62 डाउनलोड हो गए थे। ठीक इसी दिन टैबलॉयड अखबार बिल्ड ने खुलासा किया कि ऐप 5 हफ्तों से लाखों यूजर्स के फोन पर काम नहीं कर रही हैं। कुछ एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम्स ने पावर सेविंग के लिए ऐप को बैकग्राउंड में चलने से रोक दिया। इसका मतलब है कि यूजर को अलर्ट भेजने का सबसे जरूरी काम हो सकता है कि बंद हो गया हो। हालांकि, जर्मन हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि परेशानी ठीक हो गई है।

कैसे पता लगेगा कि ऐप सफल है या नहीं?
यह साफ नहीं है कि कोविड 19 ऐप बिजनेस में सफलता को कैसे नापा जाए और शायद ऐसा कभी हो भी नहीं पाएगा। पॉपुलेशन के आधार पर कितने डाउनलोड हुए यह जरूर एक पैमाना है, लेकिन अगर ऐप ठीक से काम नहीं करेगी या भरोसेमंद रिजल्ट नहीं देगी तो यह कम हो जाएगा।

कई कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तय करना आसान नहीं है कि संक्रमण दर को रोकने में ऐप की भूमिका क्या होगी। भले ही एक ऐप जो ठीक से काम कर रहा है और जनसंख्या में बढ़ते मामलों को देख रहा है। उदाहरण के लिए ऐसे ऐप्स बहुत अच्छा काम कर सकते हैं, जो सेंट्रलाइज्ड लोकेशन में डाटा स्टोर नहीं करते हैं, लेकिन डाटा के साथ ऐसी कोई सेंट्रल अथॉरिटी नहीं होगी जो यह सटीक जानकारी दे कि कितने लोगों से इंफेक्शन के रिस्क को लेकर सफलतापूर्वक चेतावनी दी गई थी।

डाउनलोड्स के मामले में सबसे आगे आरोग्य सेतु
प्योर वॉल्यूम डाउनलोड्स के लिहाज से भारत का आरोग्य सेतु ऐप सबसे आगे है। अप्रैल में यह सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए टॉप 10 ऐप्स में था। केवल बड़े टेक ऐप्स जूम, टिकटॉक, फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और मैसेंजर इससे आगे थे।

सेंसर टॉवर के डाटा के अनुसार, जुलाई मध्य तक आरोग्य सेतु के 12.7 करोड़ डाउनलोड थे। यह ऐप उपलब्ध होने के 40 दिन बाद ही 10 करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर गया था, लेकिन भारत की आबादी 130 करोड़ से ज्यादा है। 10 प्रतिशत से भी कम टेक अप के साथ ऐप डाउनलोड कर चुके दो लोगों के बीच कॉन्टेक्ट होने की संभावना केवल 1 फीसदी है।

आरोग्य सेतु को रेटिंग में मिले थे दो स्टार
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का टेक्नोलॉजी रिव्यू एक "कोविड ट्रेसिंग ट्रैकर" प्रकाशित कर रहा है। इसमें दुनियाभर की कोविड 19 ऐप्स का रिव्यू किया जाएगा। इसमें ऐप्स को 5 की मैट्रिक्स पर रेट किया गया और हर मैट्रिक्स को एक स्टार दिया जा रहा है। इसमें आरोग्य सेतु को दो स्टार्स मिले हैं। समीक्षकों ने इस ऐप को लाखों यूजर्स के लिए वॉलेंट्री नहीं होने, डाटा कलेक्शन को सीमित नहीं करने और जरूरत से ज्यादा डाटा कलेक्ट करने पर इसकी आलोचना की।

चीन और अमेरिका से तुलना में भारत बेहतर
फिर भी चीन और अमेरिकी से तुलना करने पर आरोग्य सेतु ने बुरा नहीं किया है। अलीपे और वीचैट प्लेटफॉर्म्स पर चलने वाले चीन का हेल्थ कोड सिस्टम भी अपने काम करने के तरीके और डाटा को लेकर पारदर्शी नहीं है।

अमेरिका में एपल और गूगल ने साथ मिलकर एक्सपोजर नोटिफिकेशन एपीआई तैयार किया है, जिसका उपयोग दुनियाभर के कई देश कर रहे हैं। अमेरिका में हेल्थ अथॉरिटीज स्टेट के हिसाब से भी ऐप बना सकती हैं। यहां अभी तक एक भी नेशनल ऐप नहीं है। इसके बाद भी कुछ ही स्टेट्स ने एपल-गूगल टेक्नोलॉजी के उपयोग से ऐप बनाने का वादा किया है।

छोटे देश बड़ी सफलता
4 लाख से कम जनसंख्या वाले आईलैंड में 40 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कोविड 19 ऐप रैकनिंग सी-19 को लॉन्च के एक महीने के भीतर ही डाउनलोड कर लिया है। 50 लाख की आबादी वाले आयरलैंड ने भी शुरुआती सफलता दिखाई है। यहां कि कोविड ट्रैकर ऐप को जुलाई में लॉन्च के 8 दिन के भीतर 13 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है।

ऐप के मामले में संघर्ष कर रहा है ब्रिटेन
जहां दुनियाभर के कई देशों ने ऐप बनाने में सफलता हासिल कर ली है, वहीं खासतौर से यूरोप में महामारी झेलने वाले कई देश ऐप लॉन्च नहीं कर पाए हैं। ब्रिटेन सरकार के महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। यहां 45 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। ब्रिटेन सबसे ज्यादा मृत्यु दर वाले देशों में से एक है। यह देश ऐप को लेकर संघर्ष कर रहा है और काफी आलोचना का सामना कर रहा है।

ब्रिटेन मार्च से ही एनएचएस कोविड 19 ऐप तैयार करने पर विचार कर रहा है और अभी तक लॉन्च नहीं कर पाया है। इसकी मूल योजना को जून में बदल दिया गया था और अपने वर्जन के बजाए एपल-गूगल टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर बात फैसला हुआ था, लेकिन यह तकनीकी परेशानियों का शिकार हो गई।



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नई दिल्ली में युवक अपने फोन में आरोग्य सेतु एप का उपयोग करता हुआ।


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क्या राफेल के इंडिया आने से पहले कांग्रेस मुख्यालय के सामने जानबूझकर लगवाई गई राफेल की रेप्लिका? इस दावे का सच सवा साल पुराना है

क्या वायरल : राफेल के मॉडल की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि राफेल फाइटर विमानों का पहला बैच भारत आने पर वायुसेना के अध्यक्ष ने इसे हाल ही में अपने घर के बाहर लगाया है। दावा है कि यह रेप्लिका कांग्रेस मुख्यालय के सामने लगाई गई है। जिससे कांग्रेस द्वारा राफेल की कीमतों को लेकर किए गए विरोध का जवाब दिया जा सके।

  • 27 जुलाई को फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से 5 राफेल फाइटर विमानों का पहला बैच भारत के लिए रवाना हो चुका है। 29 जुलाई को यह भारत पहुंच जाएगा। इसी बीच राफेल की रेप्लिका वायुसेना प्रमुख के आवास पर लगाए जाने वाली बात को हाल की घटना बताकर शेयर किया जा रहा है।
  • राफेल फाइटर जेट डील भारत और फ्रांस के बीच सितंबर 2016 में हुई। हमारी वायुसेना को इसके तहत 36 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान मिलेंगे। 2019 के दौरान कांग्रेस ने इस डील में भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगाए। राहुल गांधी ने संसद से लेकर राजनीतिक रैलियों में राफेल के मुद्दे को भुनाया। कांग्रेस का दावा था कि यूपीए सरकार के दौरान एक राफेल फाइटर जेट की कीमत 600 करोड़ रुपए तय की गई थी। मोदी सरकार के दौरान एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपए का पड़ेगा।

नीता अंबानी के नाम से बने फर्जी ट्विटर अकाउंट से फोटो को इसी दावे के साथ ट्वीट किया गया।

अन्य यूजर भी फोटो को ट्वीट कर रहे हैं

फैक्ट चेक पड़ताल

  • फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से 31 मई, 2019 को दैनिक भास्कर और दि प्रिंट वेबसाइट पर छपा एक आर्टिकल हमें मिला। चूंकि यह लेख एक साल पुराना है। इसलिए स्पष्ट हो गया कि फोटो भी हाल की नहीं है।

दैनिक भास्कर में छपे आर्टिकल की लिंक

  • दि प्रिंट के इस आर्टिकल के अनुसार, 2019 लोकसभा चुनाव का कैम्पेन शुरू होने से ठीक एक माह पहले यानी अप्रैल 2019 में यह मॉडल वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के घर के बाहर लगाया गया था। जो दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय के ठीक सामने है।
  • यानी कांग्रेस कार्यालय के सामने राफेल का मॉडल लगाए जाने वाली बात सही है। लेकिन, इसे हाल ही में नहीं बल्कि सवा साल पहले ही लगाया जा चुका है।

निष्कर्ष: राफेल की रेप्लिका के जिस फोटो को हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है। वह असल में एक साल पहले ही लगाई जा चुकी है।



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Fact Check : This model of Rafael has already been installed at the residence of the Chief of Air Staff, a year ago


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AC-कूलर चलाएं तो खिड़कियां खुली रखें ताकि ताजी हवा आए, बंद घर में एक ही हवा का रीसर्कुलेट होना खतरनाक

प्रदेश में कोरोना के मामलों का रिव्यू करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से AC, कूलर से बचने की सलाह दी है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जहां कोरोना का इलाज करा रहा हूं वहां, कूलर और AC का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। कोरोनावायरस का AC और कूलर से क्या कनेक्शन है, इसे समझने की जरूरत है, क्योंकि केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करके इसका सीमित इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

वो रिसर्च जिससे AC -कूलर के प्रयोग पर सवाल उठे

चीन में महामारी की शुरुआत में इस पर एक रिसर्च की गई। रिसर्च एक महिला पर हुई थी। शोध के मुताबिक, ग्वांगझू के रेस्तरां में एक महिला जहां बैठी थी उसके ठीक पीछे AC था और उसमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। उसने अपनी टेबल पर बैठे चार लोग और 5 अन्य लोगों को संक्रमित किया। इस मामले के बाद AC का कोरोना के कणों से कनेक्शन ढूंढा गया।

अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर डाेनॉल्ड मिल्टन का कहना है कि यह रिसर्च साबित करती है कि कोरोना के कण हवा में मौजूद रहते हैं। हवा का मूवमेंट अधिक होने पर कोरोना के कण नाक तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

इसका एक उदाहरण परागकणों से समझा जा सकता है। जिस रेस्तरां में यह घटना हुई वहां के एक्जॉस्ट फैन बंद थे। वहां ताजी हवा का फ्लो नहीं था। अगर ऐसी जगह पर एक साथ कई लोग संक्रमित हो सकते हैं तो ऐसे घर जहां वेंटिलेशन बेहद कम है, वहां खतरा और भी ज्यादा है।

प्रो. डाेनॉल्ड मिल्टन के मुताबिक, 1918 में फ्लू महामारी के दौरान भी मरीजों को ऐसी जगह रखा गया था, जहां ताजी हवा आ सके। इन्हें टेंट के नीचे रखा गया था, जिसके चारों तरफ कोई बंदिश या दीवार नहीं थी। विशेषज्ञों ने खुली हवा को डिसइंफेक्टेंट बताया था।

बाहर से आने वाली हवा कैसे कोरोना के कणों को रोकेगी

अमेरिकी शोधकर्ता किंगयान चेन कहते हैं कि अगर घर में कोई कोरोना का मरीज है तो AC को बंद कर देना ही बेहतर होगा। सबसे सेफ विकल्प है कि सारी खिड़कियां खोल दें। बंद कमरे से संक्रमण का खतरा कितना है, इस पर किंगयान कहते हैं कि ऐसी स्थिति में अगर ड्रॉप्लेट्स या कोरोना के बारीक कण होते हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ता ही है लेकिन जब बाहर से हवा आती है तो उस माहौल का दबाव घटता है। हवा उस दबाव को घटाती है।

AC हवा की नमी खत्म करता है, इससे खतरा सबसे ज्यादा

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एडवर्ड नार्डेल कहते हैं कि एयर कंडीशनर कोरोना के बेहद बारीक कणों को चारों तरफ फैला सकते हैं। AC हवा से नमी को खत्म कर देते हैं और हम सब जानते हैं कि वायरस को संक्रमण फैलाने के लिए सूखा वातावरण काफी पसंद है इसलिए वेंटिलेशन का ध्यान रखें।

अब ये समझें कि घर के अंदर AC या कूलर की हवा से कोरोना का क्या कनेक्शन है

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. मधुर यादव कहते हैं कि बंद कमरे में AC एक ही हवा को बार-बार अंदर-बाहर फेंकता है। अगर घर में कोई संक्रमित इंसान है तो उसके ड्राॅपलेट्स बंद कमरे में AC के जरिए चारों तरफ घूमते रहेंगे तो संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बाहर की ताजी हवा आना जरूरी है। इसीलिए ज्यादातर अस्पतालों में भी AC बंद कर दिए गए हैं।

डॉ. मधुर यादव कहते हैं, अगर घर में AC चला रहे हैं तो जरूरी है कि ताजी हवा घर के अंदर जरूर जाए। यही बात कूलर और पंखों के लिए भी है। कूलर चला रहे हैं तो घर के बाहर से इसका सम्पर्क होना चाहिए, ताकि इसके जरिए घर में ताजी हवा पहुंचे।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल के चिरायु अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे हैं। वह खुद भी पंखे का इस्तेमाल कर रहे हैं और प्रदेशवासियों से भी कूलर-AC से बचने की सलाह दी है।

अब बात AC -कूलर से जुड़ी सरकारी गाइडलाइन की

25 अप्रैल को केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण एक गाइडलाइन जारी की। इसमें संक्रमण के मामले रोकने के लिए AC, कूलर और पंखे को इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी गई थी।

AC : तापमान 24 से 30 डिग्री होना चाहिए, खिड़कियां हमेशा थोड़ी खुली रखें

गाइडलाइन के मुताबिक, AC का इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखें कि कमरे का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। ह्यूमिडिटी यानी नमी का स्तर 40 से 70 फीसदी तक रखें। AC चलाते वक्त खिड़कियां थोड़ी सी खुली रखें ताकि बाहरी हवा कमरे में आती रहे। वरना एक ही हवा बार-बार कमरे में रीसर्कुलेट होती रहेगी। अगर AC बंद है तो भी कमरे की खिड़की खुली रखें ताकि हवा लगातार आती रहे।

कूलर : इसे खिड़की या बाहर की तरफ रखने की सलाह

कूलर में हवा बाहर से आए, यह सबसे जरूरी है। इसलिए कमरे के अंदर न रखें। इसे खिड़की या बाहर की तरफ रखेंं। कूलर को साफ करते रहें और बचे हुए पानी को निकालकर ताजा पानी भरें। गाइडलाइन में कूलर में एयर फिल्टर लगाने की बात भी कही गई थी ताकि बाहरी धूल घर के अंदर न आए।

पंखा : कमरे में वेंटिलेशन के लिए एग्जॉस्ट फैन चलाएं

पंखा चलाते वक्त भी खिड़कियों को थोड़ा खुला हुआ रखने को कहा गया है। गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कमरे में एग्जॉस्ट फैन लगा है तो उसे जरूर चलाएं ताकि वेंटिलेशन बना रहे।



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Can Air Conditioning Systems cooler or fan Spread The Coronavirus all you need to know in depth story on coronavirus


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कोरोना काल में सबसे बड़ा वर्चुअल सेलिब्रेशन, 6 देशों में इस्कॉन के 15 मंदिर जुड़ेंगे एक साथ, दो दिन तक ऑनलाइन मनेगा भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव

12 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। कोरोना काल में अभी तक का सबसे बड़ा वर्चुअल सेलिब्रेशन 11-12 अगस्त को होने जा रहा है। इस्कॉन बेंगलुरु के साथ 5 देशों के 15 कृष्ण मंदिर दो दिन के लिए कनेक्ट होंगे। दो दिन तक अलग-अलग प्रोग्राम होंगे। इस्कॉन की योजना कार्यक्रम को अपने एक करोड़ से ज्यादा भक्तों तक पहुंचाने की है।

इस साल जन्माष्टमी पर मंदिरों में रात 12 बजे तक भक्तों के हुजूम के बीच इस बार भगवान का जन्मोत्सव नहीं होगा। इसे देखते हुए इस्कॉन बेंगलुरु अपने सभी 15 मंदिरों को एक साथ ऑनलाइन जोड़कर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाएगा। अमेरिका के 3 मंदिर, रशिया, यूनाइटेड किंग्डम, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों के मंदिर इस बार यू-ट्यूब और ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए जुड़ेंगे। इसके साथ ही फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर भी ये प्रोग्राम दो दिन लाइव किया जाएगा। इस दौरान ये सारे प्लेटफॉर्म्स लाइव टीवी की तरह काम करेंगे।

  • एक करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश

हर बार मंदिर में जन्माष्टमी मनाई जाती है। एक मंदिर में अधिकतम एक से डेढ़ लाख लोग शामिल हो पाते हैं। लेकिन, इस बार अपने वर्चुअल सेलिब्रेशन से इस्कॉन दुनियाभर में करीब एक करोड़ लोगों को जोड़ने की योजना बना रहा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर भारत सहित अन्य देशों में प्रचार किया जा रहा है।

  • पहली बार देख सकेंगे विदेशियों की प्रस्तुति

इस्कॉन के कम्यूनिकेशन हेड नवीन नीरद दास के मुताबिक इस पूरे प्रोग्राम को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि पहली बार अमेरिका, रशिया में बसे इस्कॉन के भक्त भारतीय भक्तों की प्रस्तुतियां और भारतीय भक्त विदेशियों की प्रस्तुति देख सकेंगे।

  • अक्षयपात्रा के साथ वर्ल्ड फूड प्रोग्राम

इस बार जन्माष्टमी पर इस्कॉन के अक्षयपात्रा फाउंडेशन के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ही एक ही ब्रांच वर्ल्ड फूड प्रोग्रम इंडिया भी जुड़ा है। इस जन्माष्टमी पर एक स्पेशल ऑनलाइन पैनल डिस्कशन में इस संगठन से जुड़े अधिकारी भी इस्कॉन के साथ शामिल होंगे। अलग-अलग विषयों पर डिबेट और प्रोग्राम रखे गए हैं। जो 11 और 12 अगस्त को ऑनलाइन देखे जा सकेंगे। इन अलग-अलग पैनल्स में अनुपम खेर, हेमा मालिनी जैसी हस्तियां भी शामिल होंगी।



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Janmashtami 2020 Largest virtual celebrations in the Corona era, 15 ISKCON temples in 6 countries will join together, for two days to celebrate the birth of Lord Krishna


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कांग्रेस में शामिल 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए आज हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी बसपा; भाजपा विधायक की याचिका पर भी होगी सुनवाई

बहुजन समाज पार्टी बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सभी 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर करेगी। इसके साथ ही भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी। जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने और बसपा के विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अपील की है। मामले की सुनवाई जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ करेगी।

कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष मामले में 24 जुलाई को ही आदेश पारित करते हुए याचिका खारिज कर दी गई थी, लिहाजा उसके कोई मायने नहीं। भाजपा नई याचिका दायर सकती है। अब मदन दिलावर द्वारा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा याचिका को खारिज करने के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही बसपा के 6 विधायकों के विलय के खिलाफ भी फिर से याचिका लगाई गई है।

बसपा राष्ट्रीय पार्टी, अध्यक्ष की सहमति के बिना विलय संभव नहीं

बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी महासचिव ने व्हिप जारी किया हुआ है, जिसमें कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के आदेश हैं। अगर फ्लोर टेस्ट मैं व्हिप का उल्लंघन किया गया तो बसपा के सभी 6 विधायकों की सदस्यता चली जाएगी। उन्होंने बसपा विधायकों द्वारा दिए गए बयान के संबंध में कहा कि किसी भी पार्टी का विलय तब तक नहीं माना जा सकता जब तक की राष्ट्रीय अध्यक्ष इसके लिए सहमत नहीं हों।

बसपा के इन 6 विधायकों का कांग्रेस में हुआ था विलय

बसपा एमएलए लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर भरतपुर) कांग्रेस में शामिल हुए थे।



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यह तस्वीर उस समय की है जब बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात कर पार्टी बदलने के बारे में बताया था।


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कहानी उसकी जिसने राममंदिर के पत्थरों के लिए जिंदगी के 30 साल दिए, कहते हैं- जबइतक मंदिर नहीं बन जाता तब तक यहां से हटेंगे नहीं

यहां कारसेवकपुरम से कुछ दूरी पर ही विश्व हिन्दू परिषद की कार्यशाला है। यह वही जगह है जहां पिछले 30 सालों से श्रीराम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम चल रहा था। जब फैसला नहीं आया था, देशभर से हजारों लोग हर दिन कार्यशाला में सिर्फ पत्थरों को देखने के लिए आया करते थे। आज भी लोग पत्थरों को देखने आ रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट की वजह से भीड़ कम है।

5 अगस्त को भूमिपूजन के कार्यक्रम को देखते हुए कार्यशाला में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स दिख रही है। साथ ही पीली टीशर्ट और कैप में दिल्ली की एक कंपनी के वर्कर दिखाई दे रहे हैं, जो तराशे गए पत्थरों की सफाई में जुटे हैं। फिलहाल पत्थरों पर नक्काशी का काम बन्द है। 3 मजदूर हैं जो पत्थरों में शाइनिंग का काम कर रहे हैं।

राममंदिर कार्यशाला में अभी पत्थरों को साफ करने का काम चल रहा है, इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी से वर्कर आए हुए हैं।

पहली कहानी: कार्यशाला सुपरवाइजर अन्नू सोमपुरा, जिसने जिंदगी के 30 साल राम के नाम कर दिए

80 साल के अन्नू सोमपुरा पिछले 30 साल से अयोध्या में हैं। कहते हैं कि यहां आने से पहले मैं अहमदाबाद में ठेके पर मंदिर बनाया करता था। सितंबर 1990 में राममंदिर का काम मिलने के बाद चंद्रकांत सोमपुरा ने इसकी देख-रेख के लिए मुझे चुना। उस समय मेरी उम्र करीब 50 साल रही होगी।

जब मैं अयोध्या पहली बार आया था। तब बड़ी छावनी में एक कमरे में रुका था। पत्थर आना शुरू हो गए थे। हमने कारीगर बुलाना चाहा लेकिन कोई आने को तैयार नहीं हुआ। फिर मैंने अपने दो बेटे और भाई को बुलाया। 4 लोगों ने मिलकर यहां काम शुरू किया था। 30 साल में इतना पत्थर तराश दिया है कि मंदिर का लगभग आधे से ज्यादा काम हो सकता है। जीवन के 30 साल देने पर मुझे कोई दुख नहीं है। मैं अब राम के लिए ही जीता हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे राम का काम देखने को मिला। मेरी पत्नी भी साथ ही रहती है। जबकि बेटे अहमदाबाद में अपना काम करते हैं। एक बेटा किसी प्राइवेट जॉब में है जबकि 2 बेटे पत्थर तराशने का ही काम करते हैं।

पति की मौत के बाद ज्योति अपने पिता के साथ रहती हैं, उनकी दो बेटियां भी हैं, जो पढ़ाई करती हैं।

अन्नू सोमपुरा के घर में एक लड़की और एक महिला भी दिखी। पूछने पर पता चला कि वह उनकी बेटी ज्योति और नातिन है। बेटी के पति रजनीकांत भी 2015 में कार्यशाला में पत्थर तराशने का काम करने आए थे। लेकिन 2019 में कार्यशाला में काम करते-करते उनकी मौत हो गयी। ज्योति कहती हैं कि पिता ने बगल में ही घर दिया था। काम भी बढ़ियां चल रहा था। 12 हजार रुपए तनख्वाह थी। पिछले साल एक दिन वह काम करने गए तो लौटे ही नहीं। मैं घर में काम कर रही थी। मुझे किसी ने बताया कि काम करते करते अचानक वह गिर पड़े हैं।

हम लोग जल्दी से उन्हें श्रीराम हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टर ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। अगर साढ़े 3 घंटे निकल गए तो बच जाएंगे नहीं तो मुश्किल है। हम लोग इंतजार कर रहे थे लेकिन उन्होंने साथ छोड़ दिया और दुनिया से चले गए। बेटी रोशनी कहती है कि मैं उस वक्त स्कूल में थी जब 2 बजे लौटी तो पता चला पापा नहीं रहे। उस समय यकीन ही नहीं हो रहा था। लेकिन धीरे-धीरे उनकी यादों के सहारे जिंदगी कटने लगी है।

रोशनी के पिता की मौत यहां काम करने के दौरान हुई है, वह आगे इंजीनियर बनकर अपने पापा का सपना पूरा करना चाहती है।

ज्योति बताती हैं कि पिता न होते तो मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई होती। हमारे हाथ में न कुछ रुपए थे न ही जमीन-जायदाद। अब पिता के साथ रहती हूं। मां की मदद करती हूं, काम चल रहा है। बेटी रोशनी बताती है कि वह इंटर में है। उनकी पढ़ाई का खर्च विहिप के नेता चंपत राय उठा रहे हैं। फीस, कॉपी किताब सब कुछ वही देखते हैं। रोशनी कहती है पिता जी पत्थर तराशते थे। मंदिर का नक्शा भी बनाते थे। उनके बनाए पत्थर अक्षरधाम मंदिर में भी लगे हैं। इसलिए अब मैं आईआईटी में जाना चाहती हूं और इंजीनियर बनना चाहती हूं, ताकि पापा का सपना पूरा कर सकूं।

दूसरी कहानी: 19 साल से कार्यशाला में मजदूरी कर रहे हैं, अब बेटे को भी ले आए हैं

मिर्जापुर के रहने वाले झांगुर की उम्र करीब 50 साल है, वह 2001 से कार्यशाला में मजदूरी कर रहे हैं। वे बताते है कि 2001 में यहां आया तब युद्धस्तर पर काम चल रहा था। इस समय पूरी कार्यशाला में सिर्फ 3 मजदूर हैं, जिनमें से दो हम बाप-बेटे हैं। बाकी एक लोकल का है। इतनी दूर काम करने क्यों आए, इस पर वे कहते हैं कि यहां का काम परमानेंट है। रोज-रोज की हाय-हाय नहीं है। हमारा काम कारीगर की मदद करना होता है।

मिर्जापुर के रहने वाले झांगुर यहां 2001 से काम कर रहे हैं, उन्हें रोजाना 300 रुपए के हिसाब से महीने का 9 हजार रुपये मिलता है।

पत्थर उठवाना, रखवाना, मशीन से कटाई करना और पत्थरों को चमकाना। बड़े पत्थर हों तो चमकाने में दो से तीन दिन लग जाते हैं। 2014 में अपना परिवार भी ले आया। हमें कारसेवकपुरम में रहने की जगह भी मिल गयी है। अब बेटे भी परमानेंट कमाई के लिए यहीं काम करते हैं। फिलहाल अभी कोई कारीगर नहीं है। एक थे तो उनकी मौत हो चुकी है। अब बताया गया है कि जब मंदिर का काम शुरू होगा तब कारीगर बुलाया जाएगा। झांगुर को रोजाना 300 रुपए के हिसाब से महीने का 9 हजार रुपये मिलता है। कम पैसे में काम करने के सवाल पर झांगुर बोले- अब भगवान का काम है। थोड़े पैसे में भी जिंदगी चल रही है थोड़ा ज्यादा मिलेगा तब भी जिंदगी चलेगी ही। झांगुर को राममंदिर बनने से पैसे बढ़ने की उम्मीद है।

राम मंदिर कार्यशाला में तैयार की गई मंदिर की रेप्लिका।

कार्यशाला में हो चुकी है 2 की मौत, ज्यादातर कारीगर को हो जाता है टीबी और फेफड़े की बीमारी

अन्नू सोमपुरा ने बताया कि मैं यहां 30 साल से हूं। अब तक काम करते हुए 2 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि दोनों नेचुरल डेथ रहीं। एक की मौत 2001 में हुई थी दूसरे की 2019 में। अन्नू सोमपुरा ने बताया कि कारीगर और पत्थर के काम से जुड़े मजदूरों की औसत उम्र ही 50 से 55 रहती है। ज्यादातर को या तो टीबी होती है या फिर फेफड़े की बीमारी हो जाती है। अन्नू सोमपुरा कहते है कि चूंकि पत्थरों का काम बहुत महीन होता है तो नक्काशी के समय जो गर्द-धूल और पत्थरों के छोटे- छोटे कण निकलते है वह मुंह के जरिए अंदर चले जाते हैं। जिसकी वजह से दमा, टीबी या फेफड़े की दूसरी बीमारियां हो जाती हैं।

केमिकल से साफ हो रहे पत्थर

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कार्यशाला में रखे पत्थरों से गंदगी हटाने का काम शुरू हो गया है। जिसे दिल्ली की एक कंपनी कर रही है। प्रोजेक्ट मैनेजर संजय ने बताया कि हमें इस काम का अनुभव है। अभी हम 7 लोगों के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमें यदि टाइम बाउंड किया जाएगा तो हम कामगार बढ़ा देंगे। उन्होंने बताया कि हम 23 तरह के केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमने पहले राजस्थान के इन पत्थरों की स्टडी की है फिर काम शुरू किया है, क्योंकि स्टडी न की होती तो केमिकल का गलत असर भी पत्थरों पर पड़ सकता है।

1990 में बनी कार्यशाला की जमीन दान में मिली थी, 1992 के बाद से यहां पर्यटक भी आने लगे।

कार्यशाला का क्या है महत्व

अयोध्या के सीनियर जर्नलिस्ट वीएन दास बताते है कि 1990 में बनी कार्यशाला की जमीन राजा अयोध्या ने दान में दी थी। यह राममंदिर को लेकर जनजागरण का मुख्य बिंदु भी रहा है। यहां पर पत्थर तो तराशे ही गए साथ ही श्रीराम मंदिर की रेप्लिका भी तैयार की गई। 1992 के बाद से अयोध्या आने वाले पर्यटक कार्यशाला भी जाने लगे। यहां पर्यटकों को बताया जाता था कि किस तरह से मंदिर के लिए पत्थरों को तैयार किया जा रहा है। उन्हें मंदिर की रेप्लिका भी दिखाई जाती थी। साथ ही बताया जाता कि मंदिर कितना बड़ा होगा। क्या लंबाई-ऊंचाई होगी। श्रद्धा वश कुछ लोग दान पुण्य भी करते रहे हैं। इसकी वजह से देशभर में मंदिर के लिए जनजागरण भी होने लगा।



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Ground report From Ayodhya, Karsewakpuram Ram Mandir Karyashala


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