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72वें एमी अवॉर्ड्स की घोषणा हो गई है। यह पहला मौका है, जब कोरोना दौर में किसी बड़े अवॉर्ड्स का ऐलान हुआ। हालांकि, इस बार एमी का अंदाज हमेशा से अलग रहा। अवॉर्ड्स फंक्शन वर्चुअली हुआ। जिमी किमेल ने लॉस एंजिल्स के स्टेपल्स सेंटर से इसे होस्ट किया। प्रोड्यूसर ने 100 से ज्यादा लाइव फीड के जरिए लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, लंदन, तेल अवीव और बर्लिन समेत करीब 20 शहरों से सेरेमनी पर निगरानी रखी गई। एमी अमेरिकी टीवी वर्ल्ड के सबसे पॉपुलर अवॉर्ड्स में शामिल हैं।
लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन के कॉर्प्स कमांडर की आज छठी मीटिंग हो रही है। चीन की तरफ चुशूल सेक्टर के मोल्डो में यह बातचीत चल रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक आज की मीटिंग में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी भी शामिल हैं। पहली बार कॉर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग में कोई डिप्लोमेट शामिल हुआ है।
भारत डिसएंगेजमेंट और डी-एस्क्लेशन का दबाव डालेगा
आज की मीटिंग में भारत इस बात पर जोर देगा कि पूर्वी लद्दाख में चीन डिसएंगेजमेंट और डी-एस्क्लेशन यानी सैनिकों को पीछे हटाने और तनाव कम करने के कदम एक साथ उठाए। भारत-चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर के बीच पिछली मीटिंग करीब एक महीने पहले हुई थी। इसके अलावा ग्राउंड कमांडर स्तर की बातचीत करीब-करीब हर रोज हो रही है।
बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख में बार-बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। 29-30 अगस्त की रात पैंगॉन्ग झील इलाके के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर चीन ने कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय जवानों ने नाकाम कर दी। इसके बाद चीन ने 2 बार फिर ऐसी ही कार्रवाई की। 29 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक दोनों तरफ से 3 बार हवा में गोलियां भी चली थीं।
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अल्जाइमर्स यानी भूलने की बीमारी। कोरोनाकाल में अगर आप या कोई करीबी इस बीमारी से जूझ रहा है तो खासतौर पर अलर्ट रहने की जरूरत है। इसकी दो वजह हैं। पहली, नेचर जर्नल में प्रकाशित हालिया रिसर्च कहती है, कोरोना दिमाग को डैमेज कर सकता है। वायरस यहां तक पहुंचा तो ब्रेन हेमरेज, स्ट्रोक और मेमोरी लॉस हो सकता है। ऐसे मरीजों में संक्रमण हुआ तो मेमोरी लॉस का खतरा अधिक है।
दूसरी, अमेरिका की जानी मानी न्यूरोलॉजिस्ट मारला ब्रून्स कहती हैं, अगर अल्जाइमर्स के मरीज को आइसोलेशन में रखते हैं तो उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अकेलापन उनकी याददाश्त को और कमजोर करेगा, वह कोरोना से बचाव के कितने तरीके याद रख पाएगा, यह बड़ी चुनौती है।
आज अल्जाइमर्स डे है। इस मौके पर आर्टेमिस हॉस्पिटल गुरुग्राम के डायरेक्टर ऑफ न्यूरोलॉजी डॉ. सुमित सिंह, जसलोक हॉस्पिटल, मुंबई के न्यूरोलॉजी विभाग के हेड डॉ. जॉय देसाई और अमेरिकन न्यूरोलॉजिस्ट मारला ब्रून्स से जानिए, अल्जाइमर्स क्या है और कोरोना के दौर में इससे कैसे निपटें....
1. अल्जाइमर्स है क्या?
यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करता है। ऐसा होने पर सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। मरीज की निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है। स्वभाव में बदलाव आता है और याददाश्त घटती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है यह रोग भी बढ़ता है। रोगी को रोजमर्रा के कामों को भी करने में दिक्कतें होती हैं। अल्जाइमर्स उम्र के साथ बढ़ने वाला रोग है।
2. समझें अल्जाइमर और डिमेंशिया के बीच का फर्क
अक्सर लोग अल्जाइमर्स और डिमेंशिया के बीच फर्क नहीं कर पाते। डिमेंशिया का मतलब है मेमोरी लॉस। अल्जाइमर्स डिमेंशिया का एक प्रकार है। डिमेंशिया दो तरह का होता है। पहला, वह जिसका इलाज संभव है। दूसरा, वो जिसका कोई इलाज नहीं है यानी डीजेनरेटिव डिमेंशिया, अल्जाइमर्स भी इसी कैटेगरी की बीमारी है।
ब्रेन की ऐसी कोशिकाएं जो मेमोरी को कंट्रोल करती हैं, वे सूखने लगती हैं। जिसका असर गिरती याददाश्त के रूप में दिखता है और रिकवर करना नामुमकिन हो जाता है।
3. कोरोना के दौर में किन बातों का ध्यान रखें?
अल्जाइमर्स के मरीजों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है, कोरोना के दौर में इन्हें ज्यादा अटेंशन देना जरूरी है। इन्हें तीन बातें बताना बेहद जरूरी हैं। पहली, बाहर निकलने से बचना है। दूसरी, कोई बाहरी इंसान घर में आता है तो उससे दूर रहना है। तीसरी, महामारी की खबरों से घबराना नहीं है। डर और घबराहट का सीधा असर तनाव के रूप में दिमाग पर पड़ेगा।
कई बार आपके बताने के बावजूद ये चीजों को भूल सकते हैं, इसलिए सब्र के साथ इनकी देखभाल करें। हाथों को साबुन से धुलवाएं। इनसे बातें करना न छोड़ें। घर के छोटे-छोटे कामों में इन्हें भी शामिल करें।
4. यह रोग होता कैसे है?
यह रोग मस्तिष्क में एक विशेष प्रकार के टाऊ टैंगल्स प्रोटीन के बनने से होता है। यह तंत्रिका कोशिकाओं को आपस में जोड़ने और उनके बीच होने वाली क्रियाओं में रुकावट पैदा करता है, जिससे व्यक्ति सही से संतुलन नहीं बना पाता। कुछ लोगों में यह आनुवांशिक भी होता है। शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना, मोटापा, डायबिटीज, सिर पर चोट लगना, सुनने की क्षमता का कमजोर होना, इस रोग की कुछ वजह हैं।
5. क्या इसका इलाज संभव है?
अभी तक कोई सटीक उपचार नहीं है। लक्षणों के आधार पर ही इसके बारे में पता लगाया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर मेंटल टेस्ट, सीटी स्कैन, एमआरआई से मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन और उसके कारण दिखने वाले लक्षणों की जांच करते हैं। हालांकि, कुछ दवाओं और लक्षणों में सुधार कर इसके असर को कम किया जा सकता है।
6. इसका किस हद तक शरीर पर असर पड़ता है?
घटती याददाश्त वाले मरीजों में किसी तरह के दर्द को बताने में भी दिक्कतें आती हैं। बीमारी के गंभीर होने पर भोजन को निगलने, संतुलन बनाने, आंत और पेशाब वाली जगह से जुड़े रोग होने का खतरा रहता है।
7. कब और कैसे शुरू हुआ अल्जाइमर्स डे?
अल्जाइमर्स का पहला केस 3 नवंबर 1906 को जर्मन मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अलोइस अल्जाइमर सामने लाए थे। इसलिए इस दिन का नाम अल्जाइमर्स डे पड़ा। दुनिया के कई देशों में सालों तक अल्जाइमर्स डे की मांग उठने के बाद 2012 में इसके लिए भी एक तारीख 21 सितंबर तय हुई।
पहले अल्जाइमर्स डे की शुरुआत एक अभियान के तौर पर शुरू हुई, जिसका उद्देश्य ज्यादातर लोगों में इस बीमारी को छिपाने की आदत को बदलना था। अल्जाइमर्स डे 2020 की थीम है। आओ डिमेंशिया के बारे में बात करें। अल्जाइमर्स डिमेंशिया का एक प्रकार है।
देश में अभी तक 54 लाख 85 हजार 612 संक्रमित आ चुके हैं और 43 लाख 92 हजार 650 लोग ठीक हो चुके हैं। बीते 24 घंटे में 87 हजार 392 मरीज सामने आए, 92 हजार 926 ठीक हुए और 1 हजार 135 लोगों की मौत हो गई। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार तीसरे दिन बढ़ी है। ये आकंड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।
मरने वालों का आंकड़ा 87 हजार के पार
देश में मरने वालों की संख्या अब 87 हजार 909 हो गई है। अभी 10 लाख 04 हजार 274 मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। ये मरीज घर में रहकर या फिर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
राज्य में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 5 हजार 644 हो गई है। प्रदेश में अब तक 81 हजार 374 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 हजार 970 की मौत हो चुकी है।
2. राजस्थान
प्रदेश में 1 लाख 14 हजार 989 केस हो गए हैं। 95 हजार 469 ठीक हो चुके हैं। 1 हजार 336 की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितों से परिवार को मिलने की इजाजत दे दी है। हालांकि, मरीज से मिलने वाले को पीपीई किट, ग्लव्स और फेस मास्क पहनना होगा।
3. बिहार
राज्य में अब तक 1 लाख 68 हजार 542 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 864 की मौत हो चुकी है। 13 हजार 234 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
4. महाराष्ट्र
यहां अब तक 12 लाख 8 हजार 642 केस आ चुके हैं। 8 लाख 84 हजार 341 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। 2 लाख 91 हजार 238 का इलाज चल रहा है, जबकि 32 हजार 671 की मौत हो चुकी है।
5. उत्तरप्रदेश
राज्य में 3 लाख 54 हजार 275 केस आ चुके हैं। 2 लाख 83 हजार 274 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 5 हजार 47 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 65 हजार 954 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
देश में अभी तक 54 लाख 85 हजार 612 संक्रमित आ चुके हैं और 43 लाख 92 हजार 650 लोग ठीक हो चुके हैं। बीते 24 घंटे में 87 हजार 392 मरीज सामने आए, 92 हजार 926 ठीक हुए और 1 हजार 135 लोगों की मौत हो गई। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार तीसरे दिन बढ़ी है। ये आकंड़े covid19india.org के मुताबिक हैं।
मरने वालों का आंकड़ा 87 हजार के पार
देश में मरने वालों की संख्या अब 87 हजार 909 हो गई है। अभी 10 लाख 04 हजार 274 मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। ये मरीज घर में रहकर या फिर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं।
पांच राज्यों का हाल
1. मध्यप्रदेश
राज्य में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 5 हजार 644 हो गई है। प्रदेश में अब तक 81 हजार 374 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 हजार 970 की मौत हो चुकी है।
2. राजस्थान
प्रदेश में 1 लाख 14 हजार 989 केस हो गए हैं। 95 हजार 469 ठीक हो चुके हैं। 1 हजार 336 की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितों से परिवार को मिलने की इजाजत दे दी है। हालांकि, मरीज से मिलने वाले को पीपीई किट, ग्लव्स और फेस मास्क पहनना होगा।
3. बिहार
राज्य में अब तक 1 लाख 68 हजार 542 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 864 की मौत हो चुकी है। 13 हजार 234 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
4. महाराष्ट्र
यहां अब तक 12 लाख 8 हजार 642 केस आ चुके हैं। 8 लाख 84 हजार 341 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। 2 लाख 91 हजार 238 का इलाज चल रहा है, जबकि 32 हजार 671 की मौत हो चुकी है।
5. उत्तरप्रदेश
राज्य में 3 लाख 54 हजार 275 केस आ चुके हैं। 2 लाख 83 हजार 274 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 5 हजार 47 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 65 हजार 954 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
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उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसे छोटे शहर से निकलकर देश की राजधानी दिल्ली में अपने दम पर अपनी मुकाम हासिल करने वाली गीता सिंह एक पब्लिक रिलेशन (पीआर) कंपनी चलाती हैं, 200 से ज्यादा उनके क्लाइंट्स हैं, 50 के करीब लोग उनके यहां काम करते हैं। सालाना 7 करोड़ रुपए का टर्नओवर है। अभी पिछले ही महीने उन्होंने एस्टोनिया(यूरोप) में भी अपना एक ऑफिस खोला है।
33 साल की गीता एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। उनकी 12वीं तक पढ़ाई मेरठ के सरकारी स्कूल में हुई। उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन किया फिर एक निजी संस्थान से मास कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया।
उनके पापा सरकारी नौकरी करते थे, चार भाई बहनों की जरूरतें पूरी करने के लिए वे दिन-रात लगे रहते थे। वे चाहते थे कि गीता पढ़ लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस बने, लेकिन गीता को कभी इनमें दिलचस्पी नहीं रही, वो हमेशा से चाहती थीं कि कुछ अपना करूं, 10 से 5 की शिफ्ट में काम करना उन्हें पसंद नहीं था।
वो बताती हैं कि डिप्लोमा करने के दौरान जब मैं अपने घर से कॉलेज के लिए निकलती थी तो रास्ते में इंडियन ऑयल की एक बड़ी बिल्डिंग दिखती थी। मैं पूरी राह उसे निहारते हुए जाती थी, सोचती थी कि एक दिन ऐसी ही बिल्डिंग में मेरा दफ्तर होगा, जहां मैं खुद का काम करूंगी। लेकिन कब और कैसे करूंगी, यह तय नहीं कर पा रही थी। डिप्लोमा के बाद 4 साल तक मैंने कई कंपनियों में काम किया। पीआर मैनेजमेंट से लेकर कंटेंट क्रिएशन तक। इससे मुझे बहुत कुछ सीखने समझने को मिला।
गीता बताती हैं कि 2011-12 में फेसबुक पर एक ग्रुप में किसी ने पोस्ट शेयर किया था, उन्हें कुछ कंटेंट राइटर की जरूरत थी। मैंने उनसे कॉन्टैक्ट किया और उनका काम ले लिया। तब मैं अपनी जॉब भी कर रही थी, कुछ दिन उनका काम किया। फिर मुझे बर्डेन महसूस होने लगा, मैं अकेले इतना कुछ कैसे कर पाऊंगी। मैंने एक दोस्त से बात की और उनकी मदद से कुछ और लोगों में काम बांट दिया। तब एक महीने में 70-80 हजार रुपए मैंने कमाए थे। मेरे लिए वो काम टर्निंग पॉइंट था। मेरा आत्मविश्वास मजबूत हुआ था। मेरे दोस्त भी कहने लगे कि तुम अब अपना काम शुरू करो।
लेकिन एक मिडिल क्लास फैमिली में वो भी एक लड़की के लिए नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस शुरू करना आसान नहीं था। जब मैंने पापा को नौकरी छोड़ने और अपना काम शुरू करने के बारे में बताया तो वे इसके लिए बिल्कुल भी राजी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अगर जॉब छोड़ रही हो तो फिर सरकारी नौकरी की तैयारी करो, कोचिंग करो। उनको कहीं न कहीं यह लगता था कि अकेली लड़की सबकुछ कैसे मैनेज कर पाएगी, पैसे कहां से आएंगे।
फिर मैंने उन्हें काफी समझाया। पापा उस समय दिल्ली में ही पोस्टेड थे, मैं भी उनके साथ ही रहती थी। तब मेरे पास कुछ सेविंग थी। कुछ पैसे पापा से लिए और कुछ दीदी से। करीब 50 हजार रुपए से 2012-13 में काम शुरू किया। शुरुआत में घर के एक कमरे को ही ऑफिस बनाया। तब सिर्फ एक स्टाफ को मैंने हायर किया था। पैसों की बचत के लिए खुद ही कमरे की साफ सफाई करती थी, सबके टेबल अरेंज करती थी, क्योंकि ऑफिस में एक्स्ट्रा स्टाफ रखने के पैसे नहीं थे।
जहां तक मुझे याद है, पहले महीने में 60-70 हजार रुपए की आमदनी हुई थी। जिससे मैंने कुछ कम्प्यूटर और ऑफिस के सामान खरीदे थे। चूंकि मैंने इस फील्ड में काम किया था तो क्लाइंट्स बनाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। जैसे- जैसे काम बढ़ता गया वैसे-वैसे क्लाइंट्स बढ़ते गए। उसके बाद हमने दूसरी जगह अपना ऑफिस शिफ्ट किया। आज देश के 180 से ज्यादा शहरों में हमारा नेटवर्क है। अभी हाल ही में एस्टोनिया में भी हमने अपना एक ऑफिस खोला है, जहां मेरी छोटी बहन काम संभालती है।
वो कहती हैं, 'अगर लॉकडाउन नहीं हुआ होता तो हमारा मुंबई में भी एक ऑफिस होता। हमने डील फाइनल कर ली थी, बस पेमेंट करना बाकी था तभी लॉकडाउन लग गया। इस दौरान मुझे भी दूसरे लोगों की तरह दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई प्रोजेक्ट पेंडिंग रह गए, कई क्लाइंट्स मजबूरी का फायदा उठाकर आधे दाम में डील करने का दबाव बनाते थे। इस साल को तो हम अपने बिजनेस ईयर में काउंट ही नहीं कर रहे हैं। हालांकि अब पिछले दो महीने से धीरे- धीरे चीजें वापस पटरी पर लौट रही हैं।
गीता कहती हैं, ' पहले पापा मुझसे कहते थे कि उनके डायरेक्टर का बेटा डॉक्टर बना है, उनके दोस्त की बेटी इंजीनियर बनी है और तुम मेरी सुनती ही नहीं हो। लेकिन आज वे मेरे काम से बहुत खुश हैं, वे अपने दोस्तों से मेरे काम के बारे में बात करते हैं। वो कहती हैं, ' 2015 में अपने पेरेंट्स के साथ पुष्कर गई थी। मम्मी- पापा पहली बार प्लेन में चढ़े थे। वे लोग बहुत खुश थे, उस समय उनकी जो फीलिंग्स थी उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है, सिर्फ महसूस किया जा सकता है। उनके इस सफर में उनके हसबैंड का भी भरपूर सपोर्ट रहा है। वे अक्सर उन्हें गिफ्ट के रूप में लैपटॉप या ऑफिस की जरूरत वाली चीजें दिया करते हैं।
पीआर मैनेजमेंट से लेकर पॉलिटिकल कैम्पेनिंग तक
गीता बताती हैं कि हम लोग मुख्य रूप से अभी सोशल मीडिया मार्केटिंग, पॉलिटिकल इमेज ब्रांडिंग और कैम्पेनिंग, पब्लिक रिलेशन (पीआर), कंटेंट क्रिएशन और ट्रांसलेशन का काम करते हैं। लोकसभा चुनाव और दिल्ली विधानसभा चुनाव में हमारी टीम काम कर चुकी है। अभी भी कुछ पॉलिटिकल लोगों के काम हमारे पास हैं।
200 से ज्यादा क्लाइंट्स जुड़े हैं
गीता की कम्पनी के साथ अभी 200 से ज्यादा क्लाइंट्स जुड़े हैं। जिनमें पतंजलि, पियर्सन, आईआईटी दिल्ली, पायोनियर इंडिया जैसे ब्रांड्स शामिल हैं। गीता बताती हैं कि पतंजलि के लिए हमने ट्रांसलेशन और बुक पब्लिकेशन का काम किया है और अभी भी कर रहे हैं।
दैनिक भास्कर समूह के मेगा एडिशन देश में ट्रेंड सेटर बन गए हैं। इंदौर में 128 पन्नों, भोपाल में 72, होशंगाबाद में 60 और बिलासपुर में 54 पन्नों के बाद अब गुजरात में भी एक नया माइलस्टोन स्थापित हुआ। दिव्य भास्कर अहमदाबाद ने 80 पेजों का मेगा एडिशन निकाल कर कोरोना संकटकाल के प्रभाव को कम करने के भास्कर समूह की जज्बे को आगे बढ़ाया है।
मौजूदा दौर में अखबार पाठकों और विज्ञापनदाताओं दोनों की जरूरतों के लिए सबसे भरोसेमंद माध्यम है। अहमदाबाद में दिव्य भास्कर 80 पन्नों के मेगा एडिशंस में यही भागीदारी उत्साहजनक रूप में देखने में आई है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि गुजरात की प्रगति ने फिर से गति पकड़ ली है। यह विशेष संस्करण मौजूदा महामारी के कारण बने माहौल से लड़ने के लिए भी जरूरी सकारात्मक सोच पैदा कर रहा है।
गुजरात के स्टेट एडिटोरियल हेड देवेंद्र भटनागर कहते हैं, "यह वास्तव में समूह के लिए एक खास माइलस्टोन है, क्योंकि गुजरात के समझदार पाठक केवल सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हैं और हम अपनी संपादकीय श्रेष्ठता के वादे को पूरा करने में जरूर कामयाब हुए है।"
इसी पर बात करते हुए, प्रेसिडेंट हरीश भाटिया ने कहा, "अहमदाबाद में 80 पन्नों का यह मेगा एडिशन इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद और बिलासपुर की सफलता को आगे बढ़ा रहा है। इससे स्पष्ट रूप से यह भी समझ आता है कि दैनिक भास्कर अपने प्रभाव क्षेत्र वाले सभी बाजारों में विज्ञापन के खर्च पर पकड़ बनाने में सक्षम है। यह ट्रेंड सेटिंग अप्रोच अर्नेस्ट यंग (EY) की रिपोर्ट पर भी मोहर है, जिसमें कहा गया है कि देश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने की अगुआई टियर-2 और टियर-3 शहर ही कर रहे हैं।”
गुजरात के हेड संजीव चौहान बताते हैं कि, “दिव्य भास्कर अहमदाबाद के विशेष मेगा एडिशन के लिए विज्ञापनदाताओं में भारी जोश है और उनकी प्रतिक्रिया काफी उत्साहजनक है। इस अंक के लिए रियल एस्टेट, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सोशल सेक्टर जैसी कैटेगरीज के विज्ञापनदाता साथ आए हैं।"
दैनिक भास्कर समूह के मेगा एडिशन देश में ट्रेंड सेटर बन गए हैं। इंदौर में 128 पन्नों, भोपाल में 72, होशंगाबाद में 60 और बिलासपुर में 54 पन्नों के बाद अब गुजरात में भी एक नया माइलस्टोन स्थापित हुआ। दिव्य भास्कर अहमदाबाद ने 80 पेजों का मेगा एडिशन निकाल कर कोरोना संकटकाल के प्रभाव को कम करने के भास्कर समूह की जज्बे को आगे बढ़ाया है।
मौजूदा दौर में अखबार पाठकों और विज्ञापनदाताओं दोनों की जरूरतों के लिए सबसे भरोसेमंद माध्यम है। अहमदाबाद में दिव्य भास्कर 80 पन्नों के मेगा एडिशंस में यही भागीदारी उत्साहजनक रूप में देखने में आई है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि गुजरात की प्रगति ने फिर से गति पकड़ ली है। यह विशेष संस्करण मौजूदा महामारी के कारण बने माहौल से लड़ने के लिए भी जरूरी सकारात्मक सोच पैदा कर रहा है।
गुजरात के स्टेट एडिटोरियल हेड देवेंद्र भटनागर कहते हैं, "यह वास्तव में समूह के लिए एक खास माइलस्टोन है, क्योंकि गुजरात के समझदार पाठक केवल सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हैं और हम अपनी संपादकीय श्रेष्ठता के वादे को पूरा करने में जरूर कामयाब हुए है।"
इसी पर बात करते हुए, प्रेसिडेंट हरीश भाटिया ने कहा, "अहमदाबाद में 80 पन्नों का यह मेगा एडिशन इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद और बिलासपुर की सफलता को आगे बढ़ा रहा है। इससे स्पष्ट रूप से यह भी समझ आता है कि दैनिक भास्कर अपने प्रभाव क्षेत्र वाले सभी बाजारों में विज्ञापन के खर्च पर पकड़ बनाने में सक्षम है। यह ट्रेंड सेटिंग अप्रोच अर्नेस्ट यंग (EY) की रिपोर्ट पर भी मोहर है, जिसमें कहा गया है कि देश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने की अगुआई टियर-2 और टियर-3 शहर ही कर रहे हैं।”
गुजरात के हेड संजीव चौहान बताते हैं कि, “दिव्य भास्कर अहमदाबाद के विशेष मेगा एडिशन के लिए विज्ञापनदाताओं में भारी जोश है और उनकी प्रतिक्रिया काफी उत्साहजनक है। इस अंक के लिए रियल एस्टेट, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सोशल सेक्टर जैसी कैटेगरीज के विज्ञापनदाता साथ आए हैं।"
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संसद में रविवार को एक और रिकॉर्ड बना। लोकसभा में जनहित से जुड़े जरूरी मामलों पर बहस (मैटर्स ऑफ अर्जेंट पब्लिक इंपोर्टेंस) या जीरो आवर पहली बार आधी रात तक चला। कई सांसदों और लोकसभा सचिवालय से अधिकारियों ने बताया कि 17 अप्रैल 1952 में लोकसभा के गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। उधर, राज्यसभा में हंगामा करने वाले सांसदों पर कार्रवाई की जा सकती है।
लोकसभा की कार्यवाही रविवार को दोपहर बाद 3 बजे शुरू हुई थी। प्रश्नकाल (क्वेश्चन आवर) के बाद रात 10.30 बजे जीरो आवर शुरू हुआ, जो रात 12.34 बजे तक चला। जीरो आवर में बहस के लिए सांसदों को पहले से प्रश्न बताने की जरूरत नहीं होती।
बिल पास...मगर संसद फेल
किसान बिलों के विरोध में रविवार को राज्यसभा में विपक्ष ने सभी हदें पार कर दीं। पहले सभापति के सदन का समय बढ़ाने पर हंगामा शुरू हुआ। विपक्षी सदस्य वेल में हंगामा करने लगे। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जवाब पूरा होने के बाद जब बिल पास करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो विपक्षी मत विभाजन (वोटिंग) की मांग करने लगे।
हंगामे की वजह से मार्शल बुलाने पड़े
उपसभापति हरिवंश मत विभाजन के लिए तैयार नहीं हुए तो तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने सदन की रूलबुक फाड़ दी और उपसभापति का माइक तोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा, आप सांसद संजय सिंह और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा भी माइक तोड़ने की कोशिश करते नजर आए। इस वजह से मार्शल बुलाने पड़े और सदन की कार्यवाही 15 मिनट रुकी रही।
दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा हुआ तो स्पीकर ने ध्वनिमत से विधेयक पास कर दिया। राज्यसभा में हंगामे को लेकर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के आवास पर बैठक भी हुई। उधर, उपसभापति के खिलाफ 12 विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है, जिस पर 100 लोगों के साइन हैं। शाम को रक्षा मंत्री राजनाथ समेत छह बड़े मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राज्यसभा में जो हुआ, वह शर्मनाक था।
संसद में रविवार को एक और रिकॉर्ड बना। लोकसभा में जनहित से जुड़े जरूरी मामलों पर बहस (मैटर्स ऑफ अर्जेंट पब्लिक इंपोर्टेंस) या जीरो आवर पहली बार आधी रात तक चला। कई सांसदों और लोकसभा सचिवालय से अधिकारियों ने बताया कि 17 अप्रैल 1952 में लोकसभा के गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। उधर, राज्यसभा में हंगामा करने वाले सांसदों पर कार्रवाई की जा सकती है।
लोकसभा की कार्यवाही रविवार को दोपहर बाद 3 बजे शुरू हुई थी। प्रश्नकाल (क्वेश्चन आवर) के बाद रात 10.30 बजे जीरो आवर शुरू हुआ, जो रात 12.34 बजे तक चला। जीरो आवर में बहस के लिए सांसदों को पहले से प्रश्न बताने की जरूरत नहीं होती।
बिल पास...मगर संसद फेल
किसान बिलों के विरोध में रविवार को राज्यसभा में विपक्ष ने सभी हदें पार कर दीं। पहले सभापति के सदन का समय बढ़ाने पर हंगामा शुरू हुआ। विपक्षी सदस्य वेल में हंगामा करने लगे। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जवाब पूरा होने के बाद जब बिल पास करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो विपक्षी मत विभाजन (वोटिंग) की मांग करने लगे।
हंगामे की वजह से मार्शल बुलाने पड़े
उपसभापति हरिवंश मत विभाजन के लिए तैयार नहीं हुए तो तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने सदन की रूलबुक फाड़ दी और उपसभापति का माइक तोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा, आप सांसद संजय सिंह और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा भी माइक तोड़ने की कोशिश करते नजर आए। इस वजह से मार्शल बुलाने पड़े और सदन की कार्यवाही 15 मिनट रुकी रही।
दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा हुआ तो स्पीकर ने ध्वनिमत से विधेयक पास कर दिया। राज्यसभा में हंगामे को लेकर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के आवास पर बैठक भी हुई। उधर, उपसभापति के खिलाफ 12 विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है, जिस पर 100 लोगों के साइन हैं। शाम को रक्षा मंत्री राजनाथ समेत छह बड़े मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राज्यसभा में जो हुआ, वह शर्मनाक था।
from Dainik Bhaskar /national/news/parliament-monsoon-session-rajya-sabha-and-lok-sabha-news-and-updates-21-september-2020-127739435.html
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महाराष्ट्र में ठाणे स्थित भिवंडी में रविवार रात एक तीन मंजिला बिल्डिंग गिरने से 8 लोगों के मौत हो गई। अभी भी मलबे में 20-25 लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय लोगों ने 20 लोगों को बाहर निकाला। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।
हादसा रविवार रात 3.40 बजे हुआ। बताया जाता है कि मुंबई में पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से बिल्डिंग कमजोर हो चुकी थी। इसमें 21 परिवार रहते थे। एनडीआरएफ की टीम ने सोमवार सुबह मलबे से एक बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, बिल्डिंग 1984 में बनी थी।
#WATCH Maharashtra: A team of NDRF rescued a child from under the debris at the site of building collapse in Bhiwandi, Thane.
At least five people have lost their lives in the incident which took place earlier today. pic.twitter.com/6j90p1GloQ
महाराष्ट्र में ठाणे स्थित भिवंडी में रविवार रात एक तीन मंजिला बिल्डिंग गिरने से 8 लोगों के मौत हो गई। अभी भी मलबे में 20-25 लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय लोगों ने 20 लोगों को बाहर निकाला। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।
हादसा रविवार रात 3.40 बजे हुआ। बताया जाता है कि मुंबई में पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से बिल्डिंग कमजोर हो चुकी थी। इसमें 21 परिवार रहते थे। एनडीआरएफ की टीम ने सोमवार सुबह मलबे से एक बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, बिल्डिंग 1984 में बनी थी।
#WATCH Maharashtra: A team of NDRF rescued a child from under the debris at the site of building collapse in Bhiwandi, Thane.
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मोदी सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयकों पर देशभर में किसान संगठनों का विरोध जारी है। वहीं, राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों से वादा किया कि APMC और MSP खत्म नहीं की जा रही है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 7 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. अनलॉक 4.0 के तहत आज से कई राज्यों में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल आंशिक तौर पर खुल जाएंगे। कई हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में भी क्लासेस शुरू हो जाएंगी। देश में अब स्पोर्ट्स, कल्चरल, पॉलिटिकल, सोशल, धार्मिक, एकेडमिक, एंटरटेनमेंट से जुड़े इवेंट्स भी होने लगेंगे। 2. इंडियन रेलवे आज से 40 क्लोन ट्रेनें चलाने जा रहा है। इन ट्रेनों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। 3. IPL में आज रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच मुकाबला होगा। शाम 7 बजे टॉस होगा। 7:30 बजे से मैच शुरू होगा। 4. 188 दिन बाद आज से पर्यटकों के लिए खुलेगा ताजमहल और आगरा का किला। 5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में नौ हाईवे प्रोजेक्ट्स की नींव रखेंगे। 6. आज रात से रायपुर में लॉकडाउन शुरू होगा। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल जगदलपुर विमान सेवा का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। 7. भारत और चीन के बीच कॉर्प्स-कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत होगी। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें
1. राज्यसभा में कृषि से जुड़े दो बिल पास, टीएमसी सांसद ने फाड़ दी रूल बुक
केंद्र सरकार ने रविवार को खेती से जुड़े दो बिल राज्यसभा में पास करा लिए। राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून बन जाएंगे। हालांकि, सदन में बिल पर वोटिंग के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया। टीएमसी सांसद ओ’ब्रायन ने रूल बुक तक फाड़ दी। 12 विपक्षी दलों ने उपसभापति हरिवंश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया।
2. भारत का एलएसी के पास छह नई चोटियों पर कब्जा
भारतीय सेना ने मगर हिल, गुरुंग हिल, रेचेन ला, रेजांग ला, मोखपारी और फिंगर 4 के पास स्थित एक चोटी पर कब्जा कर लिया है। अब जवान ऊंचाई से ही चीन पर नजर रख सकेंगे। चोटियों पर भारत के कब्जे बाद चीन ने 3 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की है।
3. बिहार की राजनीति को बदलने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर अब गायब?
प्रशांत किशोर ने 'बात बिहार की' नाम से एक मुहिम की शुरुआत की थी। बिहार की राजनीति को बदलने का दावा भी किया था। मगर उनकी राजनीति से एक्शन अब गायब है।
जानकारों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने पूरी ताकत पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को चुनाव जिताने में लगा रखी है।
4. आखिर किसानों के लिए एमएसपी का क्या महत्व है?
केंद्र सरकार खेती-किसानी के क्षेत्र में सुधार के लिए तीन विधेयक लाई है। इन्हें लेकर पंजाब और हरियाणा समेत कुछ राज्यों में किसान नाराज हैं। उन्हें अपनी उपज पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की चिंता है। आखिर किसानों के लिए एमएसपी का क्या महत्व है?
5. ट्रम्प को जहरीले कैमिकल वाले लिफाफे भेजे गए
अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक, हाल के कुछ दिनों में व्हाइट हाउस और कुछ डिपार्टमेंट्स को रिसिन नामक खतरनाक कैमिकल वाले लिफाफे भेजे गए। इस साजिश को अंजाम देने के लिए लोकल पोस्टल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। अमेरिकी खुफिया एजेंसी को शक है कि यह लिफाफे कनाडा से भेजे गए हैं।
6. दुनिया के सबसे बड़े कोरोना केयर सेंटर से रिपोर्ट
यहां मरीजों के लिए खाने का बंदोबस्त राधा स्वामी सत्संग न्यास की ओर से किया जा रहा है। दिन में तीन बार काढ़ा, दो बार चाय, गरम पानी और भोजन मुफ्त देते हैं। डॉ. रीता बताती हैं कि सबसे मुश्किल होता है, पीपीई किट पहनकर मरीजों को देखना और घरवालों को ये समझाना कि हम यहां ठीक हैं।
7.यौन शोषण के आरोपों को अनुराग कश्यप ने बेबुनियाद बताया
फिल्ममेकर अनुराग कश्यप पर एक्ट्रेस पायल घोष ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। अनुराग ने ट्वीट किया, 'थोड़ी तो मर्यादा रखिए मैडम। बस यही कहूंगा की जो भी आरोप हैं आपके सब बेबुनियाद हैं। मैडम दो शादियां की हैं, अगर वो जुर्म है तो मंजूर है और बहुत प्रेम किया है, वो भी कबूलता हूं।'
1961: अमेरिका में बने बोइंग सीएच-47 चिनूक ने पहली बार उड़ान भरी। इसका इस्तेमाल इराक और अफगानिस्तान के युद्धों में बड़े पैमाने पर अमेरिकी फौजों ने किया। 2004: ग्लोबल फैसलों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए ब्राजील, भारत, जर्मनी और जापान ने मिलकर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की स्थायी सीट के लिए प्रयास करने की ठानी। 2018: यूएन महासभा में भारत ने पाकिस्तान से विदेश मंत्री स्तर की बातचीत रद्द कर दी थी। क्योंकि, कश्मीर में आतंकियों ने भारतीय सीमा पर एक जवान की हत्या कर दी थी।
जाते-जाते जिक्र स्टीफन एडविन किंग का, जो डरावनी, अलौकिक, रहस्य, विज्ञान और कल्पना के एक अमेरिकी लेखक थे। आज उनका जन्मदिन है। पढ़िए किताबों को लेकर उनका एक विचार।
1981 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इंटरनेशनल डे ऑफ पीस की स्थापना की थी। दो दशक बाद 2001 में महासभा ने सर्वसम्मति से इस दिन को 24 घंटे अहिंसा और सीजफायर की अवधि के तौर पर मनाने का फैसला किया। यूनाइटेड नेशंस सभी राष्ट्रों और लोगों को अहिंसा का महत्व बताने के लिए यह दिन मनाता है। इस दिन शांति के आदर्शों को मजबूती दी जाती है।
यह दिन महात्मा गांधी की अहिंसा की सीख को याद करने का दिन भी है। यूएन का कहना है कि इस साल हम एक-दूसरे के दुश्मन नहीं है, बल्कि कोविड-19 के रूप में हमारा एक साझा दुश्मन सामने है, जिसने पूरी दुनिया को बेचैन कर दिया है। इस साल इंटरनेशनल डे ऑफ पीस की थीम है- शेपिंग पीस टुगेदर। वैसे, यह दिन सिर्फ बाहरी शांति ही नहीं, बल्कि अंदरुनी शांति की भी बात करता है।
1949: मणिपुर का भारत में विलय
15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज खत्म होने से कुछ दिन पहले ही मणिपुर के राजा ने 11 अगस्त को भारत का शासन स्वीकार कर लिया था, पर राज्य में अंदरुनी संप्रभुता हासिल कर ली थी। मणिपुर स्टेट कान्सटीट्यूशन एक्ट 1947 लागू हुआ, जिससे राज्य को अपना अलग संविधान मिला। मणिपुर में कई लोग भारत में विलय चाहते थे। मणिपुर इंडिया कांग्रेस भी बनी। भारत सरकार ने अलग संविधान को मान्यता नहीं दी।
आखिर, महाराजा पर दबाव बना और उन्होंने 21 सितंबर 1949 को भारत सरकार के साथ मर्जर एग्रीमेंट साइन किया। यह एग्रीमेंट 15 अक्टूबर को लागू हुआ। कई सालों तक केंद्र का सीधा शासन यहां रहा, लेकिन 1972 में मणिपुर को भारत में अलग राज्य का दर्जा मिला।
पूरी दुनिया में हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य अल्जाइमर और डिमेंशिया के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। अल्जाइमर्स में दिमाग में होने वाली नर्व सेल्स के बीच होने वाला कनेक्शन कमजोर हो जाता है। धीरे-धीरे यह रोग दिमाग के विकार का रूप लेता है और याददाश्त को खत्म करता है। व्यक्ति सोचना भी बंद कर देता है।
1906 में डॉ. एलोइस अल्जाइमर ने इस रोग के बारे में पता लगाया था, इस वजह से इस रोग को उनका नाम दिया गया था। उन्होंने मानसिक रोग से पीड़ित एक महिला के दिमाग में कोशिकाओं में बदलाव नोटिस किया था। स्टडी में पता चलता है कि जिन लोगों को अल्जाइमर्स होता है उन्हें कार्डियोवस्कुलर रोग भी होते हैं।
आज का दिन इन घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है-
1784ः अमेरिका का पहली बार दैनिक अखबार (पेनसिल्वेनिया पैकेट एंड जनरल एडवरटाइजर) छपा।
1961: अमेरिका में बने बोइंग सीएच-47 चिनूक ने पहली बार उड़ान भरी। इसका इस्तेमाल इराक और अफगानिस्तान के युद्धों में बड़े पैमाने पर अमेरिकी फौजों ने किया।
1964: दक्षिण यूरोपीय द्वीपीय देश माल्टा को अंग्रेजों ने 1814 में पेरिस संधि के तहत अपनी कॉलोनी बनाया था। देश ने 1964 में 21 सितंबर को आजादी हासिल की। पहले तो इंग्लैंड की महारानी को राष्ट्र प्रमुख के तौर पर स्वीकार किया, लेकिन 13 दिसंबर 1974 को खुद को रिपब्लिक घोषित किया।
1966ः मिहीर सेन ने बासफोरस चैनल तैरकर पार किया।
1984ः ब्रुनेई संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ।
1991ः आर्मेनिया को सोवियत संघ से स्वतंत्रता मिली।
1996: प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन ने डिफेंस ऑफ मैरिज एक्ट पर साइन किए। इसमें सेम सेक्स मैरिज को मान्यता न देने का प्रावधान था, लेकिन इस आधार पर उनके साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता था। यूएस सुप्रीम कोर्ट ने 2013 और 2015 में फैसलों से इसे रद्द कर दिया।
2000ः भारत और ब्रिटेन के बीच बेहतर संबंध के लिए लिबरल डेमोक्रेटिक फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना।
2004: ग्लोबल फैसलों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए ब्राजील, भारत, जर्मनी और जापान ने मिलकर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की स्थायी सीट के लिए प्रयास करने की ठानी। सबने मिलकर यूएन सुधारों पर काम करने का संकल्प लिया।
2008ः रिलायंस के कृष्णा गोदावरी बेसिन में तेल उत्पादन शुरू हुआ।
2013: केन्या के नैरोबी में वेस्टगेट मॉल पर अल-शबाब आतंकी समूह के सदस्यों ने हमला किया था। कुछ घंटों तक चली मुठभेड़ में आतंकियों ने 63 शॉपर्स की हत्या कर दी थी। केन्या के सुरक्षा बलों ने बंधकों को रिहा किया और चार आतंकियों को भी मार गिराया।
2018: भारत ने यूएन महासभा के दौरान पाकिस्तान के साथ विदेश मंत्री स्तर की बातचीत रद्द कर दी थी। दरअसल, कश्मीर में भारतीय सीमा पर एक जवान की हत्या कर दी थी और पाकिस्तान आतंकियों का महिमा मंडन कर रहा था। इससे ही भारत नाराज था। कहा गया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।
आज जन्मदिन
1947: स्टीफन किंग (अमेरिकी लेखक, हॉरर किताबों को लेकर पहचान)