Corona News, Corona Latest News, Corona Update, Latest News Updates, Breaking News, Hindi News Corona, National News, International News, Coronavirus India, COVID-19 tracker, Today's Headlines, World News, Aajtak ki News, Hindi news (हिंदी समाचार) website, watch and read live tv coverages, Latest Khabar, Breaking news in Hindi of India, World, business,पढ़ें आज तक के ताजा समाचार देश और दुनिया से, जाने व्यापार, बॉलीवुड, खेल और राजनीति के ख़बरें
गुरुवार, 17 दिसंबर 2020
दीदी से दूर हो रहे नेता, उनके लिए मोटा भाई ने दरवाजे खोले
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mxMlyE
https://ift.tt/34kkCea
24 घंटे में सिर्फ 18 हजार संक्रमित मिले, यह बीते 6 महीने में सबसे कम, इलाज करा रहे 15 हजार मरीज कम हुए
देश में कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों ने बुधवार को बड़ी राहत दी। सिर्फ 18 हजार 164 नए केस आए। यह 24 जून के बाद सबसे कम रहे। तब 16 हजार 868 केस आए थे। बीते 24 घंटे में 33 हजार 350 मरीज ठीक हो गए। 356 संक्रमितों की मौत हो गई। इससे इलाज करा रहे मरीज, यानी एक्टिव केस में 15 हजार 563 की कमी आई। यह करीब डेढ़ महीने में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2 नवंबर को 21 हजार 447 एक्टिव केस कम हुए हुए थे।
देश में अब तक 99.50 लाख लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, इनमें से 94.89 लाख ठीक हो चुके हैं और 1.44 लाख ने इस महामारी से जान गंवा दी है। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।
कोरोना अपडेट्स
- यूपी के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की दिसंबर और जनवरी की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। ऐसा राज्य में चलने वाले वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए किया गया है।
- IIT मद्रास में एक दिसंबर से अब तक करीब 191 छात्रों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, कैम्पस में शुरुआती दो केस 1 दिसंबर को ही मिले थे। इसके बाद इस कैम्पस को कोविड हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया था।
- उत्तराखंड के हेल्थ सेक्रेटरी अमित नेगी बुधवार को कोरोना संक्रमित पाए गए। राज्य में अब तक 84 हजार 69 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 6 हजार 140 मरीजों का इलाज चल रहा है।
5 राज्यों का हाल
1. दिल्ली
यहां बुधवार को 1547 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 2734 लोग ठीक हुए और 12 की मौत हो गई। अब तक यहां 6 लाख 11 हजार 994 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 13 हजार 261 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 5 लाख 88 हजार 586 लोग ठीक हो चुके हैं।
2. मध्यप्रदेश
यहां बुधवार को 1079 केस आए। 1257 लोग ठीक हो गए और आठ मरीजों की मौत हो गई। यहां अब तक 2 लाख 26 हजार 788 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 2 लाख 11 हजार 25 ठीक हो गए, जबकि 3 हजार 433 की मौत हो गई। अभी 12 हजार 330 का इलाज चल रहा है।
3. गुजरात
यहां बुधवार को 1160 लोग संक्रमित पाए गए। 1384 लोग ठीक हुए और 10 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 31 हजार 73 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 12 हजार 547 मरीजों का इलाज चल रहा है। 2 लाख 14 हजार 323 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4203 की मौत हो चुकी है।
4. राजस्थान
यहां बुधवार को 1247 केस आए। 2237 लोग ठीक हुए और 10 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 94 हजार 831 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 14 हजार 510 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 लाख 77 हजार 743 लोग ठीक हो चुके हैं, 2578 की मौत हो चुकी है।
5. महाराष्ट्र
यहां बुधवार को आंकड़ों में कुछ सुधार किया गया। 5914 केस कम किए गए। 3887 मरीज ठीक भी हो गए। 95 की मौत हुई। यहां अब तक 18.80 लाख केस आ चुके हैं। 17.69 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। 48 हजार 434 मरीजों की मौत हो चुकी है। अब कुल 61 हजार 454 मरीजों का इलाज चल रहा है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-cases-live-news-and-updates-17-december-2020-128021930.html
https://ift.tt/3gYILfx
अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिश विफल, BSF ने 2 घुसपैठिए मार गिराए
पाकिस्तान की तरफ से गुरुवार को पंजाब के अटारी बॉर्डर से घुसपैठ की साजिश बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी BSF ने नाकाम कर दी। दो घुसपैठियों को मार गिराया गया। मारे गए घुसपैठियों के पास से हथियार और गोलाबारूद बरामद किया गया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
कश्मीर में एनकाउंटर
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में गुरुवार तड़के एनकाउंटर हुआ। यह एनकाउंटर गुंद बाबा खलील में हुआ। इस दौरान एक घायल आतंकी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। कश्मीर पुलिस के मुताबिक, घायल आतंकी का संबंध हिजबुल मुजाहिदीन से है।
यह खबर अपडेट हो रही है...
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/two-pakistan-intruders-at-attari-border-in-punjab-shot-dead-by-bsf-weapons-recovered-128021935.html
https://ift.tt/38cIh1j
सिंघु बॉर्डर पर बब्बर खालसा के आतंकी का कटआउट; 22 दिन से धरने पर बैठे लोग लौटे, दूसरे किसान पहुंच रहे
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु, टिकरी, कुंडली, गाजीपुर समेत सभी बॉर्डरों पर पिछले 22 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं। इन किसानों में सबसे ज्यादा संख्या पंजाब के किसानों की हैं। मौके पर माहौल और सिंघु बॉर्डर पर लगे मंच पर हो रहे भाषणों से ये कहा जा सकता है कि आंदोलन किसानों के मुद्दों को छोड़कर अन्य मुद्दों की ओर डाइवर्ट हो गया है।
सिंघु बॉर्डर पर बैठे आंदोलित किसानों ने अपने वाहनों और धरना स्थल पर जगह-जगह ‘वी आर फार्मर, नॉट टेररिस्ट’ के बैनर और पोस्टर लगा रखे हैं। लेकिन इन पोस्टरों के उलट भी बहुत कुछ ऐसा चल रहा है जो साबित करता है कि इस आंदोलन में बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
इसका सबसे बड़ा सबूत आंदोलन स्थल पर लगा पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या के दोषी जगतार सिंह हवारा और उसके साथियों के पोस्टर हैं। यहां हवारा का कटआउट भी लगाया गया है। हवारा के नाम पर बने संगठन अकाल यूथ की ओर से लंगर लगाया गया है। यह लंगर संयुक्त मोर्चा के मंच से 300 मीटर की दूरी पर लगा हुआ है। जहां लंगर लगा है वहीं पर ट्रैक्टर ट्राली के दोनों ओर हवारा के फोटो लगे दो बड़े-बड़े पोस्टर लगे हैं।
कौन है जगतार सिंह हवारा?
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या के दोषी खालिस्तान समर्थक आतंकी जगतार सिंह हवारा दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। हवारा को चंडीगढ़ की निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि,पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए निर्देश दिया था कि उसे अंतिम सांस तक जेल में रखा जाए।
कई किसान पंजाब लौट रहे, उनके बदले दूसरे किसान पंजाब पहुंच रहे
पंजाब के 12797 गांवों से सर्वाधिक किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने में पहुंचे हुए हैं। यहां जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है। पंजाब के किसानों ने प्रदर्शन में भागीदारी बढ़ाए रखने का नया तरीका निकाला है। आंदोलन को लंबा खिंचता देख अब रोटेशनल व्यवस्था शुरू कर रहे हैं। जो किसान पहले दिन से गए हुए हैं अब वे ट्रालियों में लौट रहे हैं और उन्हीं ट्रालियों में दूसरे नए किसान धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं। अब यह प्रक्रिया 8-8 दिन की बनाई जा रही है। साथ ही उन्हीं ट्राली मेें और राशन भी पहुंचाया जा रहा है। किसानों के इस आंदोलन में हरियाणा का पूरा समर्थन मिल रहा है।
हीटर और फॉगिंग का भी इंतजाम
धरना स्थल पर चारों तरफ लकड़ी के अलाव के साथ ही टेंट सिटी में स्टैंडिंग हीटर भी लगाए गए हैं। सर्दी से बचाने के इंतजाम के साथ साथ मच्छरों से निपटने की भी व्यवस्था की जा रही है। जगह-जगह फॉगिंग करवाई जा रही और कवर्ड वाले छोटे-छोटे टेंट हाउस बनाए जा रहे हैं, जिसमें एक या दो लोग ही सो सकते हैं।
ट्रैक्टर की सर्विस और पार्ट्स फ्री
जहां पिछले कुछ दिनों से आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों के लिए लंगर, मेडिकल सुविधाएं, मिठाइयां आदि बांटी जा रही हैं। वहीं सेवा भाव से आए कुछ मैकेनिक ट्रैक्टर की फ्री सर्विस कर रहे हैं। इतना ही नहीं छोटे-मोटे पार्ट्स भी फ्री में डालते हैं। पूरा दिन यहां ट्रैक्टर ठीक कराने वाले किसानों का जमावड़ा रहता है क्योंकि ज्यादातर किसान ट्रैक्टरों में ही पहुंचे हैं।
बॉर्डर पर बनी टेंट सिटी में बेबे, भाजी और ताऊजी जैसे शब्द ही गूंज रहे
बॉर्डर पर 40 किमी. में टेंट सिटी जैसा शहर बस गया है। इस एरिया में बाई जी, भाऊ जी, भाजी, बेबे, ताऊ जी शब्द ही गूंज रहे हैं, क्योंकि यहां पहुंचे ज्यादातर लोग पंजाब और हरियाणा से हैं। पंजाब की तो संस्कृति ही है, अपने से बड़े को भाजी और बेबे कहने की और हरियाणा का ताऊ तो जग में फेमस है। जिधर देखो यही लोग हैं। इसलिए शब्द भी उनके अपने ही निकलते हैं।
किसान की मौत पर देंगे रुपये 50 हजार, 80 हजार डॉलर जमा हुए
आंदोलन में अलग-अलग जगहों पर किसान सड़क हादसों या अन्य तरह की मौत का शिकार भी हुए हैं। गुरुनानक लंगर सेवा सोसाइटी इंटरनेशनल की ओर से ऐलान किया गया है कि ऐसे किसान के परिवार को 50 हजार रुपए और उनकी बेटियों की शादी उनकी संंस्था द्वारा की जाएगी। संगठन के प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास कई देशों से पैसा आ रहा है। अब तक 80 हजार डॉलर (करीब 59 लाख रुपए) जुट चुके हैं। पूरा पैसा इसी आंदोलन में लगाया जाएगा।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/babbar-khalsa-terrorist-cutout-famine-youth-organization-formed-in-hawaras-name-128021910.html
https://ift.tt/2KvfyNa
दीदी से दूर हो रहे नेता, उनके लिए मोटा भाई ने दरवाजे खोले
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/cartoon-aflatoon-west-bengal-politics-tmc-bjp-aggression-128021921.html
https://ift.tt/3ahs9ye
किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई; आंदोलन के समर्थन में UP की खापें धरना देंगी
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है। उधर, किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। पिटीशनर्स का कहना है कि आंदोलन के चलते रास्ते जाम होने से जनता परेशान है और कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। कुछ पिटीशनर्स ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग भी की है।
कोर्ट ने कहा- एक्सपर्ट कमेटी बनानी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों का मामला जल्द राष्ट्रीय मुद्दा बनने वाला है। इसे सुलझाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनानी चाहिए, जिसमें किसान संगठनों और सरकार के साथ एग्रीकल्चर एक्सपर्ट भी शामिल हों। कोर्ट ने कमेंट किया- ऐसा लग रहा है कि केंद्र और किसानों की अब तक जो बातचीत हुई है, उससे कोई हल निकलता नहीं निकलने वाला।
UP की खापें आज आंदोलन में शामिल होंगी
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कई खापों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है। ये खापें आज दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी।
सिख संत ने किसानों के समर्थन में आत्महत्या की
65 साल के संत बाबा राम सिंह सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल थे। बुधवार को उन्हें मंच पर पाठ करना था, इसलिए मंच के पास ही खड़े थे। दोपहर 2.30 बजे उन्होंने अपने ड्राइवर और साथी को कुछ दूर भेजा और अचानक खुद को गोली मार ली। उनका सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है- मेरा यह कदम किसानों के हक और सरकारी जुल्म के खिलाफ है। किसानों का दर्द देखकर दुखी हूं।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/farmers-protest-kisan-andolan-delhi-burari-live-updates-haryana-punjab-delhi-chalo-march-latest-news-today-17-december-128021920.html
https://ift.tt/2LyzyPp
लिव-इन में रह रहे 12 जोड़ों के लिए चल रहा शादी का शॉर्ट टर्म कोर्स
(रंजीत प्रसाद). कभी मेट्रो सिटी में देखे जा रहे लिव-इन-रिलेशनशिप का प्रचलन ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ा है। विवाह संस्कार से नहीं जुड़ पाए 12 जोड़ों को समाज में मान्यता दिलाने का बीड़ा आरसी चर्च ने उठाया है। मुरहू के सरवदा चर्च कैंपस में वहां के पल्ली पुरोहित फादर जेवियर केरकेट्टा के मार्गदर्शन पर 12 ईसाई जोड़ों का 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हालांकि, अरेंज मैरेज करने वालों के लिए आरसी चर्च में हर साल विवाह संस्कार से पूर्व प्रशिक्षण की व्यवस्था होती है, लेकिन पहली बार लिव-इन में रहने वाले 12 जोड़ों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इन जोड़ों के अलावा 3 सामान्य जोड़े भी प्रशिक्षण ले रहे हैं, जो इस साल अरेंज मैरेज करेंगे। लिव-इन जोड़ों का विवाह 23 दिसंबर को होगा। यहां मौजूद कुछ जोड़े 10 सालों से बिना शादी के साथ रह रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हें ‘ढुकू’ कहते हैं। एक जोड़े ने बताया कि देर से ही सही विवाह संस्कार की सामाजिक परंपरा को पूरा करने का निर्णय लेकर हम बहुत खुश हैं।
दांपत्य जीवन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हैं
जोड़ों को विवाह संस्कार से पूर्व अपने व बच्चों की परवरिश से लेकर दांपत्य जीवन के विभिन्न पहलुओं से ‘शादी धर्म क्लास’ अवगत कराता है। इसका मकसद विवाह के बाद के जीवन को सुखमय बनाना है।
सम्मान के लिए विवाह जरूरी: फादर जेवियर
सरवदा चर्च के पल्ली पुरोहित फादर जेवियर केरकेट्टा ने कहा कि चयनित 12 जोड़ों को विवाह संस्कार से लेकर अन्य सभी पहलुओं से हम अवगत करा रहे हैं, ताकि विवाह के बाद वे सुखमय दांपत्य जीवन गुजार सकें।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/short-term-course-of-marriage-for-12-couples-living-in-live-in-128021913.html
https://ift.tt/2KfcmWf
अनुशासनहीनता और काम के प्रति लापरवाही में 16 जजों पर पहली बार एक साथ कार्रवाई
(ललित कुमार). चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की अधीनस्थ अदालतों में अनुशासनहीनता और लापरवाही के मामले में कार्रवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पहली बार एक साथ 16 जजों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है। इससे पहले भी हाईकोर्ट अधीनस्थ अदालतों के जजों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लेता रहा है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा के नेतृत्व में फुल कोर्ट मीटिंग में लिए गए फैसले से स्पष्ट संकेत दे दिया है कि हाईकोर्ट किसी भी तरह की अनुशासनहीनता और काम के प्रति लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा। जिन 16 जजों पर कार्रवाई की गई उनमें जम्मू कश्मीर के कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले की सुनवाई करने वाले पंजाब कैडर के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज तेजविंदर सिंह का नाम भी शामिल है।
हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ रेगुलर जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा हरियाणा कैडर के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज आरके सोंधी के खिलाफ भी नियमित जांच के आदेश दिए हैं। दो एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज वेदपाल गुप्ता और राजेंद्र गोयल को कंपलसरी रिटायर करने का फैसला लिया गया है।
प्रोबेशन पीरियड में काम कर रहे पंजाब कैडर के दो जुडिशल अफसरों अभिनव सेखों और नाजमीन सिंह से काम वापस लेने का फैसला लिया है। इसके अलावा दो सब जज तनवीर सिंह और प्रदीप सिंघल की सेवाएं सस्पेंड करने का फैसला हाईकोर्ट ने लिया है।
चंडीगढ़ जिला अदालत के जज तनवीर सिंह सस्पेंड
चंडीगढ़ जिला अदालत के जज तनवीर सिंह के जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला लिया है। जबकि प्रोबेशन पर कार्यरत पंजाब कैडर के जुडिशल ऑफिसर नाजमीन सिंह के खिलाफ शिकायत पर उनका काम वापस लेने का फैसला लिया गया है।
फेक डॉक्यूमेंट के मामले में एक महिला कॉन्स्टेबल को बरी किया था, अब खुद ऐसे ही मामले में फंसे
सूत्रों के मुताबिक जेएमआईसी तनवीर सिंह के जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत मिली थी। उनके जाति प्रमाण पत्र नकली होने पर सवाल उठ रहे थे। तनवीर सिंह ने पिछले साल चंडीगढ़ में जॉइन किया था। चार महीने पहले ही तनवीर सिंह ने फेक डिग्री के एक मामले में आरोपी महिला काॅन्स्टेबल को बरी किया था और अब वे खुद ऐसे ही मामले में फंस गए हैं।
महिला जज की कई वकीलों ने दी थी शिकायत
पंजाब कैडर की ज्यूडिशियल ऑफिसर नाजमीन सिंह पर दुर्व्यवहार करने के आरोप थे। उनके खिलाफ कई बार वकीलों ने शिकायतें दी थीं। हाईकोर्ट कोविड-19 के चलते वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई कर रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट द्वारा लिया गया यह फैसला जिला अदालतों को काम के प्रति सजग करने वाला है।
आगे क्या न्यायिक स्तर पर चुनौती दे सकते हैं
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का यह फैसला प्रशासनिक स्तर पर लिया गया फैसला है। जिन जजों के खिलाफ कार्रवाई पूरी कर ली गई है, वे इसे न्यायिक स्तर पर चुनौती दे सकते हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई विचाराधीन है, उन्हें हाईकोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा। कंपलसरी रिटायरमेंट या सस्पेंशन को न्यायिक स्तर पर चुनौती दी जा सकती है, जबकि नियमित जांच के अंतिम फैसले तक इंतजार करना होगा।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /local/chandigarh/news/high-court-suspends-district-court-judge-tanveer-singh-withdraws-work-from-nazmin-128021604.html
https://ift.tt/3moo0uR
किसान आंदोलन में संत का सुसाइड, बंगाल में 80 सीटों के अधिकारी ने TMC की ममता छोड़ी
नमस्कार!
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन फेज-1 ट्रायल में पूरी तरह सेफ और इफेक्टिव साबित हुई है। सरकार अब टेलीकॉम सेक्टर में चीन पर स्ट्राइक कर सकती है। आज से एडिलेड में इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला डे-नाइट टेस्ट खेला जाएगा। बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।
सबसे पहले देखते हैं, बाजार क्या कह रहा है
- BSE का मार्केट कैप 185.13 लाख करोड़ रुपए रहा। 58% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
- 3,198 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इसमें 1,860 के शेयर बढ़े और 1,165 के शेयर गिरे।
आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर
- प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ वर्चुअल समिट में शामिल होंगे।
- उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतें किसान आंदोलन का समर्थन करने दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेंगी।
- इसरो के कम्युनिकेशन सेटेलाइट CMS-01 (पहले का नाम GSAT-12R) की लॉन्चिंग होगी।
देश-विदेश
किसान आंदोलन में संत की खुदकुशी
किसान आंदोलन के दौरान एक चौंका देने वाली खबर आई है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। वे करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे और वहीं गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। उनके अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है। इधर, किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जियों पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार, किसान संगठनों और दूसरे पक्षों को शामिल करते हुए कमेटी बनाने की सलाह दी।
80 सीटों के अधिकारी ने छोड़ा ममता का साथ
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ने लगे हैं। इनमें नया नाम बगावती तेवर दिखा रहे विधायक शुभेंदु अधिकारी का है। उन्होंने बुधवार को असेंबली से इस्तीफा दे दिया। पूर्व मिदनापुर की नंदीग्राम सीट से विधायक शुभेंदु ने पिछले महीने मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया था। शुभेंदु पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खास माने जाते हैं इसलिए उनका जाना पार्टी के साथ ममता के लिए भी झटका है। ऐसी अटकलें हैं कि 19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे के समय वे भाजपा जॉइन कर सकते हैं।
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर खुशखबरी
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन- कोवैक्सिन बना रही कंपनी भारत बायोटेक की तरफ से खुशखबरी आई है। कोवैक्सिन के फेज-1 ट्रायल्स के नतीजे विदेशी जर्नल मेड-आर्काइव (medRxiv) में पब्लिश हुए हैं। इसमें दावा किया गया है कि वैक्सीन पूरी तरह से सेफ और इफेक्टिव है। इससे कोई गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं हुए हैं। कोवैक्सिन उन तीन वैक्सीन में से एक है, जिसके लिए ड्रग रेगुलेटर से इमरजेंसी अप्रूवल मांगा गया है। नवंबर में ही इस वैक्सीन के देशभर में 25 साइट्स पर 25, 800 लोगों पर फेज-3 ट्रायल्स शुरू हुए हैं।
चीन पर पांचवीं स्ट्राइक जल्द
बॉर्डर पर चल रहे तनाव के बीच केंद्र सरकार ने चीन पर एक और स्ट्राइक करने की तैयारी कर ली है। इस बार यह स्ट्राइक टेलीकॉम सेक्टर में होगी। सरकार ने बुधवार को कहा कि टेलीकॉम इक्विपमेंट खरीदने के लिए भरोसेमंद कंपनियों की लिस्ट बनाई जाएगी। अभी इस सेक्टर में चीनी कंपनियों का दबदबा है। ZTE इसकी सबसे बड़ी खिलाड़ी है। सरकार के इस कदम का मतलब है कि चीन की कुछ कंपनियों को पाबंदियां झेलनी पड़ सकती हैं। इससे पहले सरकार चार बार में 267 चीनी ऐप पर बैन लगा चुकी है।
JEE मेंस 2021 में बड़ा बदलाव
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को जेईई मेंस (JEE MAINS) परीक्षा 2021 की तारीखों का ऐलान किया। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) 23 से 26 फरवरी के बीच यह परीक्षा आयोजित कराएगी। पहली बार JEE MAINS की परीक्षा अंग्रेजी के साथ हिंदी समेत 13 भारतीय भाषाओं में भी होगी। इनमें असमिया, उड़िया, तेलुगु, तमिल और उर्दू शामिल हैं। अब JEE MAINS साल में चार बार आयोजित की जाएगी। पहली परीक्षा फरवरी, दूसरी मार्च, तीसरी अप्रैल और चौथी मई में होगी। वहीं, ऑब्जेक्टिव सवालों से इस बार नेगेटिव मार्किंग हटा ली गई है।
शेयर मार्केट का ऑलटाइम हाई लेवल
चौतरफा खरीदारी से बुधवार को शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ। सेंसेक्स 403.29 अंकों की शानदार बढ़त के साथ 46,666.46 पर और निफ्टी 114.85 अंकों की उछाल के साथ 13,682.70 पर बंद हुआ है। क्लोजिंग के लिहाज से दोनों इंडेक्स का यह हाईएस्ट लेवल है। बुधवार को HDFC, TCS, इंफोसिस और भारती एयरटेल के शेयरों में तेजी के चलते सेंसेक्स इंडेक्स नए रिकॉर्ड पर पहुंचा। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 46,704.97 और निफ्टी ने 13,692.35 के स्तर को टच किया। यह दोनों इंडेक्स का ऑलटाइम हाई लेवल है।
एक्सप्लेनर
सरकार ने तीनों सेनाओं को 15 दिन की जंग के हिसाब से गोला-बारूद और हथियार जमा करने की छूट दे दी है। अब तक ये सीमा 10 दिन की थी। सरकार के इस फैसले का मतलब क्या है? सेना को कितना गोला-बारूद इकट्ठा करने की जरूरत है? 15 दिन का स्टॉक रखने के आदेश का मतलब क्या 15 दिन का ही युद्ध लड़ने की तैयारी से है? इन सभी सवालों के जवाब समझिए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ से, जो चीफ ऑफ इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ रह चुके हैं।
पॉजिटिव खबर
आज मिलिए दिल्ली के सुनील वशिष्ठ से, जो कभी वेटर का काम करते थे। फिर, दूध बांटने से लेकर पिज्जा डिलीवरी जैसी नौकरियां की। इसके बाद पत्नी के गहने बेचकर एक मॉल से केक बेचने का बिजनेस शुरू किया। अब सुनील खुद की बड़ी कंपनी के मालिक हैं। करोड़ों में टर्नओवर है। उनकी कंपनी के 15 से ज्यादा आउटलेट हैं। 2025 तक उन्होंने 50 आउटलेट खोलने की तैयारी की है।
वॉट्सऐप की एक और सर्विस
इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस देने वाला वॉट्सऐप अब भारत में इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सर्विस को रोलआउट करने जा रहा है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि वह भारत में इस साल के अंत तक किफायती स्केच-साइज स्वास्थ्य बीमा खरीदने की पेशकश करेगी। स्केच साइज बीमा योजनाओं में खास जरूरतों पर आधारित बीमा की पेशकश की जाती है, जिनमें प्रीमियम और बीमा कवर दोनों ही कम होते हैं।
पहले टेस्ट के लिए प्लेइंग 11 की घोषणा
एडिलेड में खेले जाने वाले पहले टेस्ट (डे-नाइट) के लिए टीम इंडिया ने प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर दिया। मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ ओपनर होंगे। ईशांत शर्मा की गैर मौजूदगी में उमेश यादव तीसरे पेसर होंगे। टीम में चार स्पेशलिस्ट बॉलर हैं। शमी, बुमराह और उमेश पेस डिपार्टमेंट संभालेंगे। रविचंद्रन अश्विन अंतिम 11 में अकेले स्पिनर हैं। हालांकि, उनका साथ हनुमा विहारी दे सकते हैं। मिडिल ऑर्डर में चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे होंगे। हनुमा विहारी 6 और ऋद्धिमान साहा को 7 नंबर पर बैटिंग कराई जा सकती है।
मैदानों में सर्दी, शीतलहर का अलर्ट
आधा दिसंबर बीतने के बाद मैदानी इलाकों में सर्दी तेज हो गई। राजस्थान के 8 जिलों में 3 दिन शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मध्य प्रदेश में रातें और ठंडी होंगी। बिहार के कई इलाकों में घना कोहरा जारी रहेगा। गुजरात में 17 से 19 दिसंबर के बीच ठंड और बढ़ सकती है। इधर, झारखंड में दिसंबर में ठंड का रिकॉर्ड टूटा और मंगलवार को पारा 2 डिग्री गिरकर 13.4 रह गया। बीते 5 साल में पहली बार और 15 साल में सिर्फ 2 बार दिसंबर के पहले 15 दिनों में इतनी ठंड पड़ी है।
सुर्खियों में और क्या है...
- देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से कम हो रही है। मंगलवार को लगातार 17वें दिन 40 हजार से कम नए केस सामने आए।
- चीन बायोएनटेक वैक्सीन के 10 करोड़ डोज खरीदेगा। करीब 30.4 करोड़ डॉलर में इसके लिए डील हुई है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3gVzEME
https://ift.tt/2KcWVh5
दूसरों की बुरी आदतें दूर करने की कोशिश करें, बुरे व्यक्ति को खत्म करना भी एक हिंसा है
कहानी - महात्मा गांधी के आश्रम में रोज कई लोग आते थे। सभी एक-दूसरे पर भरोसा करते थे इसलिए आश्रम के वातावरण में खुलापन था। एक दिन आश्रम के लोगों ने एक व्यक्ति को चोरी करते हुए पकड़ लिया। तब उन लोगों ने सोचा कि इस चोर को गांधीजी के सामने पेश करना चाहिए।
सभी चोर को लेकर गांधीजी के सामने पहुंचे। उस समय गांधीजी नाश्ता कर रहे थे। लोगों ने चोर के बारे में बताया और कहा, 'ये व्यक्ति पता नहीं कब से आश्रम में चोरी कर रहा है, आप इसे उचित दंड दीजिए।'
गांधीजी ने नाश्ता रोका और चोर को ऊपर से नीचे तक देखकर कहा, 'आपने लोगों ने इसे पकड़ लिया वह तो ठीक है, लेकिन क्या आपने इससे पूछा कि इसने नाश्ता किया है या नहीं?'
ये सुनकर चोर चौंक गया, वहां खड़े लोग भी ये बात सुनकर हैरान थे कि एक चोर को गांधीजी नाश्ता कराने की बात कर रहे हैं। आश्रम के कुछ लोग गांधीजी को समझते थे कि वे परेशानियों का निवारण अलग ढंग से करते हैं।
गांधीजी बोले, 'आप लोग पहले एक काम करें, इसे नाश्ता कराओ, फिर इसका फैसला करते हैं।'
लोगों ने कहा, 'बापू, ये कैसा दंड हुआ? एक चोर को नाश्ता कैसे करा सकते हैं?'
गांधीजी ने जवाब दिया, 'सबसे पहले ये मनुष्य है। पहले इसका पेट भरो। भूख, ईमानदार और बेईमान दोनों को लगती है, अपराधी को भी लगेगी और सजा देने वाले को भी लगेगी। अभी ये हमारे बंधन में है, इसके खाने-पीने की जिम्मेदारी हमारी है। जब इसका पेट भर जाएगा, तब हम इससे पूछेंगे कि इसने ऐसा क्यों किया और इसके बाद इसे सही सजा भी देंगे।'
सीख - उस दिन आश्रम के लोगों को गांधीजी ने ये सीख दी कि हमें बुराइयों को खत्म करना चाहिए, बुरे व्यक्ति को नहीं। बुराई का कारण समझ लेंगे तो बुरे व्यक्ति को भी आसानी से सुधारा जा सकता है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38dkxdw
https://ift.tt/37sxgKp
कभी वेटर थे, फिर केक बनाने का बिजनेस शुरू किया, आज करोड़ों का टर्नओवर
सुनील वशिष्ठ ने दसवीं क्लास पास की थी, तभी उनके पैरेंट्स ने कह दिया था कि, 'बेटा अब आगे की पढ़ाई, तुम खुद ही देखो।' सुनील ने यहां-वहां काम ढूंढना शुरू कर दिया, लेकिन कहीं काम नहीं मिल रहा था। जहां भी जाते, जवाब मिलता कि, 'अभी तुम 18 साल के नहीं हो, इसलिए काम नहीं दे सकते।' इसी दौरान दूध की एक कंपनी में सुनील को दूध बांटने की जिम्मेदारी मिल गई। महीने की सैलरी थी दो सौ रुपए। इस कमाई से उन्होंने 11वीं-12वीं की पढ़ाई पूरी कर ली।
कॉलेज में गए तो जरूरतों के साथ खर्चे भी बढ़ गए। इसलिए सुनील कोई दूसरा काम ढूंढने लगे। शादियों में वेटर का काम किया करते थे। कुछ साड़ियों के शोरूम में पार्ट टाइम जॉब भी की लेकिन कमाई बहुत कम हो रही थी।
वे कहते हैं, 'उस समय मेरे दिमाग में यही चलता रहता था कि कैसे ज्यादा पैसे कमा सकता हूं। मैंने एक कोरियर कंपनी में इंटरव्यू दिया और उन्होंने मुझे फुल टाइम के लिए रिक्रूट कर लिया। फुल टाइम जॉब मिलते ही मेरी पढ़ाई छूट गई और मैं जॉब में ही लग गया।'
कुछ ही साल में सुनील इस नौकरी से भी बोर हो गए क्योंकि वहां न प्रमोशन था और न ही इंक्रीमेंट। सुनील बताते हैं कि 'डोमिनोज पिज्जा उस टाइम शुरू हुआ था और हर कोई उसमें काम करना चाहता था, वहां मैं भी गया।' सुनील ने दो बार इंटरव्यू दिया, लेकिन सिलेक्ट नहीं हुए। इसकी वजह थी इंग्लिश। तीसरी बार फिर टेस्ट देने चले गए तो एचआर ने बुलाकर पूछा कि, आप दो बार पहले ही रिजेक्ट हो चुके हैं और फिर यहां आ गए। इस पर सुनील ने कहा, 'सर एक बार मौका तो दीजिए, इंग्लिश ही सब कुछ थोड़ी होती है।'
यह सुनकर उन्हें नौकरी दे दी गई। सुनील कहते हैं, 'पांच साल में मैं डिलेवरी बॉय से मैनेजर तक पहुंचा। जो लोग सिलेक्शन के टाइम फर्राटेदार इंग्लिश बोल रहे थे, वो पहले ही साल में भाग चुके थे।' हालांकि यहां भी सुनील को नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि बॉस के साथ इश्यू हो गया था।
इस बारे में वे कहते हैं, 'वाइफ की डिलेवरी होनी थी। मैंने छुट्टी मांगी तो उन्होंने मना कर दिया। मैं अपने जूनियर को काम सौंपकर चला आया। अगले दिन गया तो उन्होंने रिजाइन करने का बोल दिया।' सुनील ने उसी दिन सोच लिया था कि अब कुछ भी हो जाए लेकिन कभी नौकरी नहीं करेंगे।
फिर सुनील ने जेएनयू के सामने खुद का फूड स्टॉल शुरू किया। खुद कुछ बनाना नहीं आता था इसलिए एक कुक रखा। काम अच्छा चल पड़ा था लेकिन आसपास के लोगों ने ही नगर निगम में शिकायत कर दी। उन्होंने सड़क किनारे बने स्टॉल को ढहा दिया। इसके बाद सुनील टूट गए, लेकिन हिम्मत नहीं हारे। सोच रहे थे कि क्या किया जा सकता है।
एक दोस्त ने कहा कि, 'नोएडा में नई कंपनियां आ रही हैं और वहां केक की बहुत डिमांड होती है, तुम चाहो तो केक का बिजनेस शुरू कर दो।' उसकी बात मानकर सुनील ने नोएडा के एक मॉल में ढाई लाख रुपए लगाकर केक का बिजनेस शुरू कर लिया। इसके लिए पत्नी की जूलरी बेची। दोस्त से पैसा उधार लिया और जो था वो सब लगा दिया।
डेढ़ साल तक नो प्रॉफिट नो लॉस में बिजनेस चलता रहा। फिर एक दिन एक लेडी केक लेने आई, उन्हें टेस्ट बहुत पसंद आया। सुनील कहते हैं, 'वो एक दिग्गज आईटी कंपनी की एचआर थीं।
उन्होंने अगले दिन मुझे बुलाया और कंपनी में केक सप्लाई करने के लिए कॉन्ट्रेक्ट कर लिया। बस वहीं से हमारे बिजनेस को जो ग्रोथ मिली तो फिर हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा।' आज 15 से ज्यादा आउटलेट हैं। करोड़ों में टर्नओवर है। 2025 तक 50 आउटलेट खोलने का लक्ष्य रखा है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37qTdcQ
https://ift.tt/3ntMkwJ
किसान बोले- ये कानून कोरोना से भी खतरनाक, हम अपने ही खेत में मजदूर बन जाएंगे
तेज जलती एलईडी की रोशनी में सतेन्द्र का चेहरा चमक रहा है। वीडियो कॉल पर उनकी पत्नी और तीन साल का बेटा भी उनके साथ किसान आंदोलन में शामिल है। कमजोर नेटवर्क की वजह से तस्वीरें टूट रही हैं और चेहरे धुंधला रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर खड़ी हजारों ट्रालियों में सौ वॉट के बल्ब और एलईडी लाइटें जल रही हैं। भीतर पराली पर गद्दे डालकर लेटे किसान अपने घरों से वीडियो कॉल पर बात कर रहे हैं या बात करने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ ट्रालियों में मोबाइल पर स्पीकर लगाकर झुंड में लोग आंदोलन से जुड़ी रिपोर्टें देख रहे हैं। टीवी मीडिया से ज्यादा वो सोशल मीडिया पर भरोसा कर रहे हैं। कहीं-कहीं नौजवान आंदोलनकारी ट्रालियों में बिजली पहुंचाने के लिए केबल डाल रहे हैं। राजधानी दिल्ली की सरहदों पर किसानों को डेरा डाले हुए अब बीस से ज्यादा दिन हो गए हैं।
किसानों की सही संख्या का अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि हर बीतते दिन के साथ यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है और ये आंदोलन पहले से ज्यादा व्यवस्थित होता जा रहा है।लेकिन एक और चीज है जो अब किसानों में नजर आने लगी है। वो है घर से लंबे समय से दूर रहने की खीज। पहले जो किसान आंदोलनकारी उत्साह में बात करते थे, अब उनमें गुस्सा नजर आने लगा है।
सतेन्द्र अपनी पत्नी को आंदोलन के बारे में बता रहे हैं। लेकिन उनका बेटा उन्हें घर में मिस कर रहा है। वीडियो कॉल पर मैंने जब उनकी पत्नी से पूछा कि क्या वो अपने पति को मिस कर रही हैं तो उन्होंने कहा, 'हां, लेकिन इनका वहां रहना भी जरूरी है।'
सतेन्द्र दो दिन बाद घर लौट जाएंगे। उनकी जगह लेने उनके गांव से और लोग सिंघु बॉर्डर पहुंच रहे हैं। वे बताते हैं, 'आंदोलन में शामिल होने के लिए अब शिफ्ट लग रही हैं। आंदोलन में शामिल लोग अपने परिवार से भी मिल सके इसके लिए ही पंद्रह-पंद्रह दिनों की शिफ्ट लगा रहे हैं। लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो जब तक फतह नहीं होगी घर नहीं जाएंगे।'
रेशम सिंह एक बोलेरो कार में पांच साथियों के साथ दो दिन पहले अमृतसर से सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं। इन पांचों के ही परिवार का कोई ना कोई सदस्य पहले इस आंदोलन में शामिल था। उनके घर लौटने के बाद ये सब यहां आए हैं। ये लोग अपनी कार में ही सो रहे हैं। रेशम सिंह कहते हैं, 'हमें पता नहीं था कि यहां लंगर और खाने-पीने की इतनी अच्छी व्यवस्था है। हमारे लिए ये सिर्फ तीन कानूनों का नहीं, बल्कि जीने-मरने का सवाल है।'
आंदोलन स्थल पर लोग छोटे समूहों में रैलियां निकाल रहे हैं। स्पीकर लगे ट्रेक्टरों के पीछे नाचते-गाते चल रहे हैं। कहीं बड़े तो कहीं छोटे समूह में चर्चा कर रहे हैं। यहां कई बार भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि बिना कंधे से कंधा चिपकाए चलना मुश्किल हो जाता है। दिल्ली में किसानों का ये आंदोलन ऐसे समय हो रहा है जब कोरोना महामारी दुनिया में अपना रौद्र रूप दिखा रही है। लेकिन यहां कोरोना से जुड़ा कोई इंतेजाम या सावधानी नजर नहीं आती। कोरोना के खतरे के सवाल पर सतेन्द्र कहते हैं, 'कोरोना हमारे ख्याल में भी कभी नहीं आता है, हम लोग ना सैनिटाइजर लगाते हैं ना ही मास्क लगाते हैं। हम कोरोना के बारे में सोचते भी नहीं है।'
वो अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाते कि ट्राली में पीछे बैठे के बुजुर्ग किसान जोर से कहते हैं, 'असी कोरोना और सरकार दोनों को डराकर जाएंगे।' कोरोना के खतरों के सवाल पर रेशम सिंह कहते हैं, 'ये कानून हमारे लिए कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। यदि ये कानून लागू हो गए तो जमींदार अपने ही खेत में मजदूर बन जाएंगे।'
कोरोना के बारे में सवाल करने पर आंदोलन में शामिल लोग हंसने लगते हैं। यहां कोई भी वायरस को लेकर किसी तरह का एहतियात बरतता दिखाई नहीं देता। सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर कई मेडिकल कैंप हैं। लेकिन यहां कहीं भी वायरस को लेकर किसी तरह की कोई जांच नहीं की जा रही है। सिंघु और टीकरी बॉर्डर से लेकर पंजाब और हरियाणा के जिलों और गांवों तक अब एक व्यवस्थित सप्लाई चेन बन चुकी है जिसके जरिए जरूरत से ज्यादा सामान आंदोलन स्थलों पर पहुंच रहा है। किसान आंदोलन को और लंबा खींचने की तैयारियां कर रहे हैं।
बीते बीस दिनों में सरकार और किसानों के बीच हुई कई दौर की वार्ता नाकाम रही है और अब ना सरकार और ना ही किसानों की तरफ से कोई लचीलापन दिखाया जा रहा है। आंदोलन आगे कब तक चलेगा इस सवाल पर एक सिख युवा खीझते हुए कहता है, 'यदि आप हमारे इतिहास से वाकिफ होतीं तो आप ये सवाल ही हमसे ना करती। ये बाबा जी का लंगर है, बीस रुपए से शुरू हुआ था और आज तक नहीं रुका। ये आंदोलन अब मकसद हासिल होने तक नहीं रुकेगा।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयानों में बार-बार कहा है कि किसानों को कृषि कानूनों के फायदे समझ नहीं आ रहे हैं और लोग उन्हें बरगला रहे हैं। आंदोलन स्थल पर रह-रहकर ये आवाजें सुनाई देती हैं, 'हम मोदी को समझाकर ही वापस जाएंगे।' किसान सरकार की बात समझने को तैयार नहीं हैं और सरकार किसानों की। आंदोलन दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। और इसके साथ ही महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है जिसकी तरफ अभी किसी का ध्यान नहीं है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2KwULJ4
https://ift.tt/3oSLqds
कश्मीर में बर्फबारी से बंद हुए पास, पुंछ-राजौरी पाकिस्तान के टारगेट पर, 300 आंतकी घुसपैठ की फिराक में
जम्मू कश्मीर में जैसे ही सर्दी शुरू होती है, वैसे ही लाइन आफ कंट्रोल (LOC) पर सेना के लिए चुनौतियां बढ़ जाती हैं। यह चैलेंज होता है पाकिस्तान की तरफ से होने वाली इनफिल्ट्रेशन बिड्स का, यानी सीजफायर तोड़कर उसकी आड़ में आतंकियों की घुसपैठ करवाने का प्रयास। लेकिन, भारतीय सेना इस साल लगातार बढ़ रहे आतंकी घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए मल्टी टियर सिक्योरिटी सेट अप के साथ तैयार है।
नवम्बर 2003 में भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने LOC पर सीजफायर एग्रीमेंट किया था। जिसके मुताबिक दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे पर गोलीबारी नहीं करेंगी। तीन साल तक यानी 2006 तक दोनों तरफ से इस सीजफायर को माना गया। लेकिन, उसके बाद से पाकिस्तान ने लगातार सीजफायर का उलंघन किया। जिसकी आड़ में LOC के करीब बनाये गए आतंकी लॉन्चपैड्स से घुसपैठ की न सिर्फ कोशिशें हुईं, बल्कि पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ करवाने में मदद भी की।
सीजफायर तोड़ने के मामले में पाकिस्तान ने 2020 में पिछले 17 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस साल पाकिस्तान की तरफ से 4100 से ज्यादा बार सीजफायर तोड़ा जा चुका है। नवम्बर में 128 बार, जबकि अक्टूबर में 394 बार सीजफायर का उलंघन हुआ। 2019 में 3233 बार सीजफायर उलंघन हुआ था। 2015 में 405 बार और उससे पहले 2014 में 583 बार सीजफायर तोड़ा गया।
आतंकी घुसपैठ की कोशिश
सेना के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि सीजफायर तोड़ने का अधिकतर मकसद आतंकी घुसपैठ करवाना ही होता है। पाकिस्तानी सेना वहीं से सीजफायर तोड़ती है, जहां से घुसपैठ की कोशिश हो सके। कई बार उनकी स्ट्रेटेजी में कुछ बदलाव रहता है, जैसे किसी और इलाके में सीजफायर तोड़ा जाए और भारतीय सेना को एंगेज करके किसी दूसरी जगह से घुसपैठ की कोशिश हो। पाकिस्तान के साथ भारत की कुल 3323 किलोमीटर सीमा है। जिसमें 221 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा और 740 किलोमीटर LOC है |
भारतीय सेना के ऑफिसर्स जो जम्मू कश्मीर में तैनात हैं, वे भी मानते हैं कि LOC से सबसे अधिक घुसपैठ की कोशिश होती है। पहाड़ी इलाका होने से आतंकियों को रास्ते (पास) मिल जाते हैं और LOC कहीं से ऊंची-नीची होने के चलते छिपना या छिपकर निकलना आसान होता है। लेकिन, भारतीय सेना ने अब बहुत हाई सर्विलांस गैजेट लगा दिए हैं और मल्टी टियर सिक्योरिटी ग्रिड भी। जिससे घुसपैठ रोकी जा सकती है और अगर कोई आतंकी LOC से घुसपैठ करता भी है, तो पकड़ा या मारा जाता है।
सर्दियां चुनौती, पुंछ- राजौरी संवेदनशील
सर्दी का मौसम LOC पर तैनात सेना के लिए बड़ी चुनौती रहता है। खासतौर से जम्मू में घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं। कश्मीर के उरी और कुपवाड़ा इलाकों में LOC पर बर्फबारी होने से पास बंद हो जाते हैं। लेकिन, जम्मू के पुंछ और राजौरी में सर्दी का मौसम सेना के लिए अलर्ट रहने का होता है।
सेना के सूत्रों के मुताबिक, 250-300 आतंकी लॉन्चपैड्स घुसपैठ के लिए तैयार हैं। ये आंकड़े बढ़ते या कम होते रहते हैं। लेकिन, खुफिया जानकारी के मुताबिक इतनी संख्या में आतंकियों को राजौरी और पुंछ जिलों के उस पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में LOC के साथ लॉन्चपैड्स पर घुसपैठ के लिए तैयार रखा जाता है। ताकि, मौका मिलते ही घुसपैठ कराई जा सके।
पाकिस्तान ने बदले घुसपैठ के तरीके
जैसे-जैसे भारतीय सेना ने एलओसी पर मुस्तैदी बढ़ाई, पाकिस्तान ने भी घुसपैठ के तरीकों में बदलाव किया। ड्रोन द्वारा इलाके पर नजर रखी जाती है। कई बार आतंकियों को बिना हथियारों के भेजने की कोशिश होती है। ड्रोन से हथियार गिराने के मामले भी सामने आए हैं। पुंछ में कृष्णा घाटी और मेंढर जैसे इलाकों में बर्फ कम होती है तो यहां से सर्दी में घुसपैठ की कोशिश ज्यादा होती है। सौजियां और पुंछ से सीजफायर तोड़ा जाता है।
सेना की मल्टी टियर स्ट्रेटेजी
पिछले दो दशकों में भारतीय सेना को इनफिल्ट्रेशन रोकने में बहुत कामयाबी मिली है। इसका कारण है टेक्नोलॉजी और स्ट्रेटेजी में बदलाव। सेना के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब सेना UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) , सर्विलांस एंड टारगेट (सारटा) इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और मॉडर्न हथियारों और दूसरे सर्विलांस गैजट का इस्तेमाल करती है। जिससे घुसपैठ रोकने में कामयाबी मिली है। इस साल तीन बार पाक की तरफ से घुसपैठ की गई। लेकिन, तीनों बार किसी नुकसान के बिना सेना और सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया।
रक्षा मंत्रालय के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर तोड़ने और घुसपैठ की कोशिशों में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन, सेना भी पूरी तरह से तैयार है और हर गोली का मुहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। हालांकि, पाकिस्तान भी घुसपैठ करवाने के नए हथकंडे अपना रहा है। लेकिन, सेना के पास अब नयी टेक्नोलॉजी है।
इस साल की घटनाएं
1 जुलाई 2020 : सेना ने एलओसी पार कर एक पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया।
9 अगस्त 2020 : पुंछ में एलओसी के करीब एक आतंकी को मार गिराया, दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
9 नवम्बर 2020 : इस बार कश्मीर के माछिल सेक्टर में तीन पाकिस्तानी आतंकियों को घुसपैठ के तुरंत बाद मार गिराया गया।
एलओसी से सटे गावों की जिंदगी पर असर
सेना का मानना है कि LOC से सटे गावों में पाकिस्तान के सीजफायर तोड़कर गोलीबारी करने का सीधा असर होता है। लोग दहशत में रहते हैं। लेकिन, अब पाकिस्तान को आतंकी घुसपैठ में स्थानीय लोगों की मदद नहीं मिलती। बल्कि, अब सेना की मदद स्थानीय लोग करते हैं। कई बार घुसपैठ की कोशिश स्थानीय लोगों की मदद से विफल हुई है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38hA5x8
https://ift.tt/3r5CKlN
10 की बजाय 15 दिन का गोला-बारूद क्यों स्टॉक करेगी सेना? चीन-पाकिस्तान का इससे क्या है कनेक्शन?
सरकार ने तीनों सेनाओं को 15 दिन की जंग के हिसाब से गोला-बारूद और हथियार जमा करने की छूट दे दी है। अब तक ये सीमा 10 दिन की थी। सरकार के इस फैसले को ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के हालात से जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इससे सेना जरूरत के मुताबिक, चीजों का स्टॉक और इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर का इस्तेमाल कर सकेगी।
सरकार के इस फैसले का मतलब क्या है? सेना को कितना गोला-बारूद इकट्ठा करने की जरूरत है? 15 के स्टॉक के आदेश का मतलब क्या 15 दिन का ही युद्ध लड़ने की तैयारी से है? इन सभी सवालों के जवाब समझिए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ से जो चीफ ऑफ इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ रह चुके हैं।
इस छूट का क्या मतलब है?
बॉर्डर पर खतरे को देखते हुए हमारी सेनाओं को 60 दिन की लड़ाई के लिए तैयार रहने की जरूरत है। लड़ाई में जाने के लिए हथियार, गोला-बारूद, इक्विपमेंट, फ्यूल, राशन, दवाइयों जैसी रसद की जरूरत होती है। इनमें से भी सबसे जरूरी है गोला-बारूद, क्योंकि ये ऐसी चीज नहीं है, जिसे बाजार से खरीदा जा सकता है। दूसरा, इसे देश में बनाने में तो समय लगेगा ही और अगर हम बाहर से भी खरीदते हैं, तो उसे भी आने में समय लगेगा। ऐसे में इसे सही जगह पर स्टोर करने की जरूरत होती है, क्योंकि किसी भी लड़ाई को जीतने के लिए ये सबसे जरूरी है।
कितना गोला-बारूद इकट्ठा करने की जरूरत है?
अगर हमारे पास कम गोला-बारूद है, तो इससे सेना कमजोर पड़ती है। और अगर बहुत ज्यादा है, तो इसके खराब होने का भी डर है, जो एक तरह से पैसों की बर्बादी ही होगी। जंग के दौरान एक दिन में कितना गोला-बारूद खर्च होगा, इसका एनालिसिस मिलिट्री करती है। इसके लिए पहले हुई लड़ाई के दौरान एक दिन में कितना गोला-बारूद खर्च हुआ था, उसका एवरेज निकाला जाता है। हालांकि, हर दिन गोला-बारूद बराबर मात्रा में ही खर्च नहीं होगा। किसी दिन ज्यादा खर्च होगा और किसी दिन कम।
गोला-बारूद जमा करने के लिए सेना को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है। 2015 में जब उड़ी सेक्टर में हमला हुआ और उसके बाद पाकिस्तान पर हमने सर्जिकल स्ट्राइक की, तो ऐसी आशंका थी कि दोनों देशों के बीच जंग छिड़ सकती है। तब रक्षा मंत्रालय ने सेना को 10 दिन का गोला-बारूद बिना रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के जमा करने की छूट दे दी। इसी तरह जब लद्दाख में कई महीनों से भारत और चीन की सेना के बीच तनाव जारी है, तो ऐसे में सरकार ने 10 दिन की छूट को बढ़ाकर 15 दिन का कर दिया है। यानी सेना अब 15 दिन की जंग का गोला-बारूद जमा कर सकती है और इसके लिए उसे रक्षा मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।
क्या इसका मतलब ये हुआ कि हम सिर्फ 15 दिन ही युद्ध कर सकते हैं?
नहीं, 15 दिन का गोला-बारूद जमा करने का मतलब ये है कि हम 1 महीने तक युद्ध कर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि समय के साथ गोला-बारूद का खर्च कम हो जाता है। यानी जैसे-जैसे दिन गुजरते हैं, वैसे-वैसे गोला-बारूद का इस्तेमाल भी कम हो जाता है इसलिए माना जा सकता है कि 15 दिन का गोला-बारूद हमारे लिए 1 महीने तक काम आ सकता है। वैसे भी आज के समय में कोई भी जंग ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकती।
क्या ये चीन और पाकिस्तान से मोर्चा लेने की तैयारी है?
भारत के साथ ये भी है कि हमारे दो पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद चल रहा है और दोनों ही देश परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। पाकिस्तान के साथ जिस सीमा को लेकर विवाद है, उसे LOC कहते हैं और चीन के साथ लगने वाली सीमा को LAC कहा जाता है। पिछले कुछ सालों में एक नया खतरा जो पैदा हुआ है, वो है दो मोर्चों से लड़ाई। इसलिए हमें दोनों मोर्चे से लड़ाई के तैयार रहने की जरूरत है, क्योंकि लड़ाई में चीन और पाकिस्तान साथ आ सकते हैं।
हमें इसे दो मोर्चा नहीं, बल्कि ढाई मोर्चा कहना चाहिए, क्योंकि जंग की स्थिति में पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल भी कर सकता है और इसमें हमें कोई शक भी नहीं होना चाहिए। ऐसे हालातों में सेना को 15 दिन का गोला-बारूद जमा करने की इजाजत देना सेना को और ताकतवर बनाता है।
पहले कितने दिन के युद्ध की तैयारी होती थी?
युद्ध की तैयारी तो अब भी 60 दिन की है, लेकिन 15 दिन की लड़ाई के लिए जितना गोला-बारूद चाहिए, उसे खरीदने के लिए सेना को मंत्रालय से इजाजत लेने की जरूर नहीं होगी। 15 दिन से ज्यादा के स्टॉक के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री से इजाजत लेनी पड़ती है। पहले सेना बिना इजाजत के कोई भी खरीदारी नहीं कर सकती थी।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3gSA5aF
https://ift.tt/3ajVo3K
वेनेजुएला में 1.5 रु. लीटर पेट्रोल; हम जितने में खरीदते हैं, उतने में पाक में 2 ली. पेट्रोल आ जाए
जून 2010 में सरकार ने तय किया कि अब से पेट्रोल की कीमतें सरकार नहीं, बल्कि तेल कंपनियां ही तय करेंगी। उसके बाद अक्टूबर 2014 में डीजल की कीमतें तय करने का अधिकार भी तेल कंपनियों को ही दे दिया गया। अप्रैल 2017 में ये फैसला लिया गया कि अब से रोज ही पेट्रोल-डीजल के दाम तय होंगे। उसके बाद से ही हर दिन पेट्रोल-डीजल के दाम तय होने लगे। तर्क दिया कि इससे कच्चे तेल की कीमतें घटने-बढ़ने का फायदा आम आदमी को भी पहुंचेगा और तेल कंपनियां भी फायदे में रहेंगी। इससे आम आदमी को तो कुछ खास फायदा नहीं हुआ, लेकिन तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ता चला गया।
जब इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम घट रहे थे तो सरकारों ने टैक्स बढ़ाकर अपना खजाना तो भरा ही साथ ही इसका फायदा आम आदमी तक पहुंचने से रोक दिया। अब जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं तो न तो सरकारें टैक्स कम कर रही हैं और ना ही तेल कंपनियां अपना मुनाफा कम कर रही हैं। इससे सारा बोझ आम आदमी पर आ रहा है। हालत ये है कि पूरी दुनिया में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स हमारे देश में लिया जाता है।
ये बातें हम यूं ही नहीं कह रहे। आइए इसे आंकड़ों के जरिए समझते हैं। और जानते हैं कि आखिर क्यों क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमत कम होने के बाद भी हमारे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं होतीं? अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स लिया जाता है? केंद्र सरकार कितना टैक्स वसूलती है? दुनिया के किन देशों में पेट्रोल सबसे महंगा और सबसे सस्ता है? तेल कंपनियां कितने मुनाफे में हैं?
सबसे पहले बात कच्चे तेल की...
- आपको पता है हम अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदते हैं। ये कच्चा तेल आता है बैरल में। एक बैरल यानी 159 लीटर। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत अभी मिनरल वाटर जितनी है।
- पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल (PPAC) के मुताबिक, 14 दिसंबर को कच्चे तेल की कीमत थी 3 हजार 705 रुपए। अब एक बैरल में हुए 159 लीटर, तो एक लीटर कच्चा तेल पड़ा 23 रुपए 30 पैसे का, जबकि 1 लीटर पानी की बोतल 20 रुपए की होती है।
अब समझते हैं जब कच्चा तेल सस्ता, तो पेट्रोल-डीजल इतना महंगा क्यों?
- इसको समझने के लिए पहले ये समझना जरूरी है कि कच्चे तेल से पेट्रोल-डीजल कैसे पहुंचता है। पहले कच्चा तेल बाहर से आता है। वो रिफायनरी में जाता है, जहां से पेट्रोल और डीजल निकाला जाता है। इसके बाद ये तेल कंपनियों के पास जाता है। तेल कंपनियां अपना मुनाफा बनाती हैं और पेट्रोल पंप तक पहुंचाती हैं।
- पेट्रोल पंप पर आने के बाद पेट्रोल पंप का मालिक अपना कमीशन जोड़ता है। उसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से जो टैक्स तय होता है, वो जोड़ा जाता है। उसके बाद सारा कमीशन, टैक्स जोड़ने के बाद पेट्रोल और डीजल हम तक आता है।
आखिर इतनी कीमत बढ़ क्यों जाती है?
- पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है, उस पर सरकारों की तरफ से लगने वाला टैक्स। केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। इसी साल मई में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। इस समय एक लीटर पेट्रोल पर 32.98 रुपये और डीजल पर 31.83 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती है।
- जब मई 2014 में मोदी सरकार आई थी, तब एक लीटर पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती थी। मई 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से अब तक 13 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ चुकी है। घटी सिर्फ 3 बार।
अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल का रेट क्यों अलग होता है?
-
अब आते हैं राज्यों के टैक्स पर। केंद्र सरकार ने तो एक्साइज ड्यूटी और अलग-अलग टैक्स लगाकर कमा लिया। अब राज्य सरकारें भी वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स और सेल्स टैक्स लगाकर आपसे कमाती हैं।
-
केंद्र सरकार तो एक ही है, इसलिए पूरे देश में एक ही एक्साइज ड्यूटी लगेगी। लेकिन, राज्य अलग-अलग हैं, तो वैट और सेल्स टैक्स का रेट भी अलग-अलग होता है। इसके साथ ही कुछ-कुछ राज्यों में वैट-सेल्स टैक्स के अलावा और दूसरे टैक्स भी लगते हैं। मसलन एम्प्लॉयमेंट सेस, ग्रीन सेस, रोड डेवलपमेंट सेस वगैरह-वगैरह।
-
पूरे देश में सबसे ज्यादा वैट/सेल्स टैक्स राजस्थान सरकार वसूलती है। यहां 38% टैक्स पेट्रोल पर और 28% डीजल पर लगता है। उसके बाद मणिपुर, तेलंगाना और कर्नाटक हैं जहां पेट्रोल पर 35% या उससे अधिक टैक्स लगता है। इसके बाद मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 33% वैट लगता है। लेकिन, इस वक्त जिस राज्य की राजधानी में सबसे महंगा पेट्रोल मिल रहा है वो है मध्य प्रदेश।
-
अब आप कहेंगे कि टैक्स कम है तो दाम ज्यादा कैसे? तो इसका कारण है अलग-अलग राज्य इस टैक्स के साथ जो कई तरह के सेस लगाते हैं, उससे दाम और बढ़ जाता है।
राज्य सरकार का टैक्स पूरे राज्य के लिए फिर अलग-अलग शहर में कीमत में अंतर क्यों होता है?
-
जब पेट्रोल-डीजल किसी पेट्रोल पंप पर पहुंचता है तो वो पेट्रोल पंप किसी ऑयल डिपो से कितना दूर है, उसके हिसाब से उस पर किराया लगता है। इसके कारण शहर बदलने के साथ ये किराया बढ़ता-घटता है। जिससे अलग-अलग शहर में भी कीमत में अंतर आ जाता है।
-
इसी वजह से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 दिसंबर को पेट्रोल 91.46 रुपए लीटर था तो इंदौर में ये 91.49 रुपए तो मध्य प्रदेश के ही बालाघाट में 93.56 रुपए लीटर था।
-
यही वजह है कि 6% टैक्स लगाने वाले अंडमान में पेट्रोल और डीजल दोनों करीब 70 रुपए लीटर मिल रहे हैं। तो 38% टैक्स लगाने वाले राजस्थान के श्रीगंगानगर में बुधवार को पेट्रोल 95.53 रुपए में तो डीजल 87.15 रुपए में बिका।
अब जानते हैं हमारे देश में पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स लगता है?
ये हम ऊपर समझ ही चुके हैं कि पेट्रोल-डीजल की बेस प्राइस कितनी होती है और टैक्स लगने के बाद वो हमको कितने में मिलता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि हमारे देश में पेट्रोल-डीजल पर दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स वसूला जाता है।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के मुताबिक, 1 दिसंबर को दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की बेस प्राइस थी 26.34 रुपए, लेकिन वो हमको मिला 82.34 रुपए में यानी 68% टैक्स लग गया। इसी तरह डीजल की बेस प्राइस थी 27.08 रुपए और टैक्स लगने के बाद कीमत हो गई 72.42 रुपए। यानी, डीजल पर हमने 63% टैक्स दे दिया। मध्य प्रदेश, राजस्थान में तो पेट्रोल पर कुल टैक्स 70% से भी ज्यादा है।
जबकि, विकसित देशों में इतना टैक्स नहीं लिया जाता है। अमेरिका में ही पेट्रोल-डीजल पर 19% टैक्स लिया जाता है, जबकि ब्रिटेन में 62% टैक्स लगता है।
अब बात तेल कंपनियों की, उनका मुनाफा कितना बढ़ा?
बढ़े टैक्स के कारण इस साल सितंबर तिमाही में सरकार को 18,741 करोड़ रुपए की एक्साइज ड्यूटी मिली, देश की 3 सबसे बड़ी तेल कंपनियों ने करीब 11 हजार करोड़ का मुनाफा कमाया। देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने सितंबर तिमाही में 6,227 करोड़ रुपए, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 2,477 करोड़ रुपए और भारत पेट्रोलियम ने 2,248 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया।
अब आते हैं दुनिया पर...
पाक में 46 रुपए का 1 लीटर पेट्रोल, हमसे लगभग आधा
हमारे देश में पेट्रोल की कीमत राज्यों और शहरों में अलग-अलग होती है। अभी कुछ-कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमत 90 रुपए से ज्यादा की है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ही 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 91.59 रुपए है। जबकि, हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 46.37 रुपए है। यानी हम अपने यहां जितने रुपए में 1 लीटर पेट्रोल खरीदते हैं, उतने में तो पाकिस्तान में 2 लीटर पेट्रोल आ जाए।
सबसे सस्ता पेट्रोल वेनेजुएला में, सबसे महंगा हॉन्गकॉन्ग में
ग्लोबल पेट्रोल प्राइसेस के मुताबिक, दुनिया में सबसे सस्ता पेट्रोल वेनेजुएला में है। यहां 1 लीटर पेट्रोल की कीमत सिर्फ 1 रुपए 48 पैसे है। हालांकि यहां एक बात ये भी है कि वेनेजुएला में तेल का भंडार भी है। जिन देशों में तेल का भंडार है, वहां पेट्रोल की कीमतें कम ही हैं। इसी तरह हॉन्गकॉन्ग में 1 लीटर पेट्रोल 168 रुपए 38 पैसे का है। ये दुनिया में सबसे महंगा है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37objMg
https://ift.tt/2Kfpiey
खिलौने से दो भाइयों ने कल्पना को हकीकत में बदला, फिर दुनिया के पहले हवाई जहाज ने उड़ान भरी
अमेरिका के पश्चिमी वर्जीनिया के हटिंगटन शहर के एक बिशप ने अपने बच्चों को एक खिलौना लाकर दिया। खिलौना फ्रांस के एयरोनॉटिक साइंटिस्ट अल्फोंसे पेनाउड के आविष्कार पर आधारित एक मॉडल था। ये कागज, रबर और बांस का बना हुआ था। ये वो घटना थी, जिससे दो भाइयों की कल्पना को उड़ान मिली।
17 दिसंबर 1903 को इन दोनों भाइयों की कल्पना यथार्थ में जमीन से 120 फीट ऊपर 12 सेकंड की उड़ान भरने में कामयाब हुई। ये दो भाई थे विल्बर और ओरविल राइट। जिन्होंने पहली बार किसी विमान को उड़ाया था। इस विमान का नाम दोनों भाइयों के नाम पर राइट फ्लायर रखा गया।
राइट ब्रदर्स की इस सफलता के पीछे असफलता की कई कहानियां थीं। राइट ब्रदर्स की हवाई जहाज बनाने की कई कोशिशें नाकाम हुईं। लेकिन, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। दोनों भाइयों में मशीनी तकनीक की अच्छी जानकारी थी। इससे पहले वह प्रिटिंग प्रेस, मोटरों की दुकानों और अन्य जगहों पर काम कर चुके थे। उन्होंने साइकिल के पुर्जे जोड़कर हवाई जहाज का आविष्कार किया। फ्रांस की एक कंपनी ने दावा किया था कि उन्होंने इसका आविष्कार पहले ही कर लिया था। लेकिन, साल 1908 में राइट ब्रदर्स को इसकी मान्यता मिली।
भगत सिंह, राजगुरु ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया
बात 30 अक्टूबर 1928 की है। इसी साल भारत में साइमन कमीशन आया था। पूरे देश में इस कमीशन के विरोध ने जोर पकड़ा। साइमन कमीशन वापस जाओ के नारे लग रहे थे। इसकी अगुवाई कर रहे थे लाला लाजपत राय। इस दौरान एक घटना घटी। लाला लाजपत राय के साथ विरोध कर रहे युवाओं को बेरहमी से पीटा गया।
पुलिस ने लाला लाजपत राय पर बेरहमी से लाठियां बरसाईं। उन्हें गंभीर चोट आईं, और 17 नवंबर 1928 को उनकी मौत हो गई। लाठीचार्ज का आदेश सुप्रीटेंडेट जेम्स ए स्कॉट ने दिया था। लालाजी की मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश था। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव और दूसरे क्रांतिकारियों ने मौत का बदला लेने की प्रतिज्ञा की।
लालाजी की मौत के एक महीने बाद यानी 17 दिसंबर 1928 का दिन स्कॉट की हत्या के लिए तय किया गया। क्रांतिकारियों के निशाने में चूक की वजह से गोली स्कॉट की जगह असिस्टेंट सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस जॉन पी सांडर्स को जा लगी। सांडर्स लाहौर के पुलिस हेडक्वार्टर से निकल रहे थे। तभी भगतसिंह और राजगुरु ने गोली चलाई थी।
पहली गोली राजगुरु और दूसरी गोली भगत सिंह ने चलाई थी। सांडर्स की हत्या से बौखलाई अंग्रेजी हुकूमत ने इस घटना का दोषी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को माना और 7 अक्टूबर 1930 को फांसी देने का फैसला सुनाया।
भारत और दुनिया में 17 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैंः
-
1398: मंगोल सम्राट तैमूरलंग ने दिल्ली पर कब्जा किया।
-
1556: बादशाह अकबर के दरबार के प्रसिद्ध कवि रहीम का जन्म हुआ।
-
1645: मुगल सम्राट जहांगीर की पत्नी नूरजहां बेगम का निधन हुआ।
-
1715: सिखों के प्रमुख बंदा बहादुर बैरागी ने गुरुदासपुर में मुगलों के सामने हथियार डाले।
-
1777: फ्रांस ने अमेरिकी स्वतंत्रता को मान्यता दी।
-
1803: ईस्ट इंडिया कंपनी ने उड़ीसा पर कब्जा किया।
-
1902: इटली के प्रसिद्ध अविष्कारक मार्कोनी ने पहला रेडियो स्टेशन बनाया।
-
1907: उग्येन वांगचुक भूटान के पहले राजा बने।
-
1927: ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट के पहले मैच में शतक बनाया।
-
1933: क्रिकेटर लाला अमरनाथ ने डेब्यू टेस्ट मैच की दूसरी पारी में शतक बनाया।
-
1940: महात्मा गांधी ने 1940 में सत्यग्रह आंदोलन स्थगित किया।
-
1972: फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम का जन्मदिन।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3p5vtRv
https://ift.tt/2Ky4VcB
करनाल में SKM की मीटिंग आज:किसान नेता लेगें हिस्सा, लंबित मांगों को लेकर ले सकते हैं बड़ा फैसला
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/WaLGOK5 https://ift.tt/Ebq6GWQ
Popular Post
-
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/2UZrVqB https://ift.tt/eA8V8J
-
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3CmaIaR https://ift.tt/eA8V8J
-
सर्दियों में जो बीमारियां ज्यादा परेशान करती हैं, उनमें एक टाइफाइड भी है। टाइफाइड को सर्दियों में सबसे खतरनाक रिस्क फैक्टर के तौर पर देखा ज...
-
देशभर की जेलों में कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकारों द्वारा नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (नालसा) के सहयोग से 51 दिनों के लॉकडाउन के दाैरान ...
-
इलाज के नाकाफी इंतजामों को छिपाने के लिए ऐसा कारनामा from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3eI9Ns9 https://ift.tt/eA8V8J
-
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3CWuNov https://ift.tt/eA8V8J
-
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3k6oDLG https://ift.tt/eA8V8J
-
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3krlVzu https://ift.tt/eA8V8J
-
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3fufQRh https://ift.tt/eA8V8J
-
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/CkFpZl5 https://ift.tt/To8kR6M