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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का अपनी ही कैबिनेट में विरोध शुरू हो गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। कहा जा रहा है कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी या केंद्रीय विकास मंत्री असद उमर अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। इन कयासों पर कुरैशी ने सफाई दी है। कुरैशी के मुताबिक, वो खुद या असद प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल नहीं हैं।
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी और उमर दोनों चाहते हैं कि इमरान अपने करीबी फवाद चौधरी को कैबिनेट से हटाएं। लेकिन, इमरान इसके लिए तैयार नहीं हैं।
इमरान के सामने ही उनका विरोध
शुक्रवार को कुरैशी ने एक इंटरव्यू में इस बात से इनकार किया कि वो या असद उमर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पिछले दिनों कैबिनेट मीटिंग के दौरान कुछ मंत्रियों ने इमरान का विरोध किया था। पिछले दिनों सरकार ने पेट्रोल करीब 26 और डीजल 21 रुपए महंगा किया था। इसके बाद देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इसकी वजह से भी इमरान पर काफी दबाव है। आरोप लग रहे हैं कि सरकार आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी है।
कुरैशी और असद भी इमरान से नाराज
खबरों के मुताबिक, कूरैशी और असद के अलावा कई कैबिनेट मंत्री इमरान के करीबी साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर फवाद चौधरी को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि फवाद के भ्रष्टाचार की वजह से सरकार की बदनामी हो रही है। लेकिन, इमरान चौधरी को हटाए जाने से साफ इनकार कर चुके हैं। अब इमरान की कुर्सी ही खतरे में नजर आ रही है। बताया जाता है कि कुरैशी और असद प्रधानमंत्री इमरान के कई फैसलों से सख्त नाखुश हैं।
फौज के करीबी हैं कुरैशी
शाह महमूद कुरैशी को देश की ताकतवर फौज का करीबी बताया जाता है। कहा जाता है कि आर्मी चीफ बाजवा उनके दूर के रिश्तेदार हैं। फौज इमरान से नाखुश है। सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के कई अहम पदों पर लेफ्टनेंट जनरल रैंक के अफसर पहले ही तैनात किए जा चुके हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि फौज ने पहले ही तैयारी कर ली है।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 लाख 27 हजार 168 हो गई है। covid19india.org के मुताबिक, गुरुवार को एक दिन में 21 हजार 947 नए मरीज बढ़ गए। यह आंकड़ा एक दिन में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा 19 हजार 999 मरीज ठीक भी हुए।
उधर, महाराष्ट्र के नवी मुंबई, पनवेल और उल्लासनगर में आज से 10 दिन का लॉकडाउन बढ़ा दिया है। तीनों जगह संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर, कोरोना की वैक्सीन तैयार करने के लिए भी कोशिशें तेज हैं। केंद्रीयगृह मंत्रालय के मुताबिक, जायडस कैडिला कंपनी को वैक्सीन के पहले और दूसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दी गई है। यह फैसला एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर लिया गया।
5 राज्यों का हाल
मध्यप्रदेश:उज्जैन जिले में गुरुवार दोपहर तक तीन कोरोना पॉजिटिव मिले। इसके साथ जिले में संक्रमितों की संख्या 849 गई है। हालांकि, 770 मरीज ठीक भी हो गए। अब तक 71 मरीजों की मौत हो चुकी है। उधर, सीहोर जिले में आज दो मरीज मिले। इंदौर में 19, हरदा में आठ और सिवनी में एक मरीज मिला।
महाराष्ट्र: राज्यके 82 जेलों में अब तक कुल 363 कैदी और 102 जेल कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। यह जानकारी गुरुवार को जेल डिपार्टमेंट ने दी। चार कैदियों की संक्रमण से मौत हो गई है। 255 कैदी स्वस्थ हो चुके हैं। मुंबई सेंट्रल जेल में अब तक 181 कैदी और 44 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
उत्तरप्रदेश:झांसी में गुरुवार को कोरोना से एक डॉक्टर के.आर. कृष्णा की मौत हो गई। वे मेयर का चुनाव भी लड़ चुके थे। वहीं, मुरादाबाद मेंएक महिला समेत दो लोगों ने दम तोड़ दिया। झांसी में एक पुलिस विभाग का कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिला।स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य के कुल मामलों में से 72% मरीजों को कोरोना के हल्के लक्षण सामने आ रहे हैं।
राजस्थान:राजस्थान में गुरुवार को 115 पॉजिटिव सामने आए। उदयपुर में 21, बीकानेर में 12, धौलपुर और राजसमंद में 10-10, जयपुर और जालौर में 9-9, नागौर में 8, भरतपुर में 6, करौली और सिरोही में 5-5, अजमेर और कोटा में 4-4, बारां, दौसा और झुंझुनू में 2-2, अलवर, बाड़मेर, बूंदी, डूंगरपुर औरसवाई माधोपुर में1-1 व्यक्ति संक्रमित मिला। इसके साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ा 18 हजार 427 पर पहुंच गया। वहीं, बीकानेर में दो, जोधपुर में दो और बाड़मेर में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
बिहार: राज्य में गुरुवार कोदोपहर तक188मरीज मिले।नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएचसीएच) में गुरुवार को तीन मरीजों की मौत हो गई। इसके साथराज्यों मेंमरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है।वहीं, आरजेडी विधायक शहनवाज आलम की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वे जोकीहाट सीट से विधायक हैं। इससे पहले, मंत्री विनोद कुमार सिंह और उनकी पत्नी पॉजिटिव मिली थीं। वहीं, भाजपा विधायक जिबेश कुमार मिश्रा, कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह भी पॉजिटिव मिल चुके हैं।
दुनियाभर में कोरोनावावायरस से अब तक 1 करोड़ 9 लाख 84 हजार 735 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 61 लाख 40 हजार 649 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं, 5 लाख 24 हजार 036 लोगों की मौत हो गई है। दक्षिण अमेरिका में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यहां पेरू में मरीजों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो गई है। वहीं, ब्राजील में अब तक15 लाख सेज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
28,37,189
1,31,485
11,91,091
ब्राजील
15,01,353
61,990
9,16,147
रूस
6,61,165
9,683
428,978
भारत
6,27,168
18,225
3,79,902
स्पेन
2,97,183
28,368
उपलब्ध नहीं
पेरू
2,92,004
10,045
1,82,097
चिली
2,84,541
5,920
2,49,247
ब्रिटेन
2,83,757
43,995
उपलब्ध नहीं
इटली
2,40,961
34,818
1,91,083
मैक्सिको
2,38,511
29,189
1,42,593
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ब्राजील: 24 घंटे में 48 हजार से ज्यादा मामले
ब्राजील में 24 घंटे में 48 हजार 105 नए मरीज मिले हैं और 1252 लोगों की मौत हो चुकी है। देश मेम मरने वालों की संख्या 61 हजार 990 हो चुकी है। संक्रमण और मौतों के मामले में अमेरिका के बाद ब्राजील दुनिया का दूसरा सबसे संक्रमित देश है।
पेरू: 10 हजार ज्यादा मौतें
पेरू में मरने वाले लोगों की संख्या 10 हजार 45 के पार पहुंच गई है। देश में अब तक 2.92 लाख संक्रमित हुए हैं। अब तक 1.82 लाख अब तक ठीक हो चुके हैं। यहां अब कर 17 लाख लोगों की कोरोना की जांच हो चुकी है।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 लाख 27 हजार 168 हो गई है। covid19india.org के मुताबिक, गुरुवार को एक दिन में 21 हजार 947 नए मरीज बढ़ गए। यह आंकड़ा एक दिन में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा 19 हजार 999 मरीज ठीक भी हुए।
उधर, महाराष्ट्र के नवी मुंबई, पनवेल और उल्लासनगर में आज से 10 दिन का लॉकडाउन बढ़ा दिया है। तीनों जगह संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर, कोरोना की वैक्सीन तैयार करने के लिए भी कोशिशें तेज हैं। केंद्रीयगृह मंत्रालय के मुताबिक, जायडस कैडिला कंपनी को वैक्सीन के पहले और दूसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दी गई है। यह फैसला एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर लिया गया।
5 राज्यों का हाल
मध्यप्रदेश:उज्जैन जिले में गुरुवार दोपहर तक तीन कोरोना पॉजिटिव मिले। इसके साथ जिले में संक्रमितों की संख्या 849 गई है। हालांकि, 770 मरीज ठीक भी हो गए। अब तक 71 मरीजों की मौत हो चुकी है। उधर, सीहोर जिले में आज दो मरीज मिले। इंदौर में 19, हरदा में आठ और सिवनी में एक मरीज मिला।
महाराष्ट्र: राज्यके 82 जेलों में अब तक कुल 363 कैदी और 102 जेल कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। यह जानकारी गुरुवार को जेल डिपार्टमेंट ने दी। चार कैदियों की संक्रमण से मौत हो गई है। 255 कैदी स्वस्थ हो चुके हैं। मुंबई सेंट्रल जेल में अब तक 181 कैदी और 44 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
उत्तरप्रदेश:झांसी में गुरुवार को कोरोना से एक डॉक्टर के.आर. कृष्णा की मौत हो गई। वे मेयर का चुनाव भी लड़ चुके थे। वहीं, मुरादाबाद मेंएक महिला समेत दो लोगों ने दम तोड़ दिया। झांसी में एक पुलिस विभाग का कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिला।स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य के कुल मामलों में से 72% मरीजों को कोरोना के हल्के लक्षण सामने आ रहे हैं।
राजस्थान:राजस्थान में गुरुवार को 115 पॉजिटिव सामने आए। उदयपुर में 21, बीकानेर में 12, धौलपुर और राजसमंद में 10-10, जयपुर और जालौर में 9-9, नागौर में 8, भरतपुर में 6, करौली और सिरोही में 5-5, अजमेर और कोटा में 4-4, बारां, दौसा और झुंझुनू में 2-2, अलवर, बाड़मेर, बूंदी, डूंगरपुर औरसवाई माधोपुर में1-1 व्यक्ति संक्रमित मिला। इसके साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ा 18 हजार 427 पर पहुंच गया। वहीं, बीकानेर में दो, जोधपुर में दो और बाड़मेर में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
बिहार: राज्य में गुरुवार कोदोपहर तक188मरीज मिले।नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएचसीएच) में गुरुवार को तीन मरीजों की मौत हो गई। इसके साथराज्यों मेंमरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है।वहीं, आरजेडी विधायक शहनवाज आलम की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वे जोकीहाट सीट से विधायक हैं। इससे पहले, मंत्री विनोद कुमार सिंह और उनकी पत्नी पॉजिटिव मिली थीं। वहीं, भाजपा विधायक जिबेश कुमार मिश्रा, कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह भी पॉजिटिव मिल चुके हैं।
बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वेकई दिन से बीमार चल रहीं थीं। हालांकि, उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया था। 71 साल की सरोज खान ने करीब दोहजार गाने कोरियोग्राफ किए। श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित समेत बॉलीवुड की तमाम बड़ी एक्ट्रेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं।उनका अंतिम संस्कार आज मलाड के मलवानी में किया जाएगा।
मौत के वक्त सरोज के पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान और दोनों बेटियां हिना और सुकन्या उनके करीब थीं। सरोज करीब 40 साल बॉलीवुड में कोरियोग्राफर रहीं। इसके अलावा साउथ की कई फिल्मों में भी उन्होंने एक्टर्स को डांस स्टेप्स सिखाए।
पहली फिल्मगीता मेरा नाम थी
सरोज की पहली फिल्म 1974 में आई गीता मेरा नाम थी। इसमें हेमामालिनी लीड रोल में थीं। तीन बार उन्होंने नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया। मिस्टर इंडिया का हवा-हवाई (1987), एक दो तीन (तेजाब) का बेहद हिट रहा। 1988 में आई इस फिल्म से माधुरी दीक्षित छा गईं थीं। 1992 में आई बेटा का गीत धक-धक करने लगा और डोला रे डोला (2002) उनके हिट नंबर हैं।
आखिरी फिल्म माधुरी के साथ
सरोज खान ने आखिरी गाना पिछले साल करण जौहर की फिल्म कलंक के लिए कोरियोग्राफ किया था। इसके बोल थे ‘तबाह हो गए’। इस गाने में भी उनकी फेवरेट एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित नजर आईं थीं।
24 जून को अस्पताल में भर्ती हुईं थीं
24 जून से ही सरोज की तबीयत खराब थी। उन्हें मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इसके बाद कोरोना टेस्ट कराया गया। ये निगेटिव रहा।
कोरोना से बचने के लिए शेयर किया था वीडियो
मई में कोरियोग्राफर सरोज खान ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया थे। इसमें वे देशवासियों से कोरोनावॉरियर्स की रिस्पेक्ट करते अपील करते हुए नजर आ रही थीं। सरोज ने इस वीडियो में कहा था- आप क्यों नहीं समझते हैं। बच्चों से जिंदगी मत छीनो। कुछ तो रिस्पेक्ट दिखाओ। भगवान के वास्ते, अल्लाह के वास्ते अपनी देखभाल करो। घर पर रहो।
सोशल मीडिया की निर्दयी दुनिया देश के दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति को भी नहीं छोड़ती। जब कोविड-19 लॉकडाउन के शुरुआती दो महीनों में उनकी गैर-मौजूदगी की चर्चा हो रही थी और उनके स्वास्थ्य पर इतने चिंताजनक सवाल उठाए जा रहे थे, तब आखिरकार गृहमंत्री को स्पष्टीकरण देना पड़ा कि वे ठीक हैं। पिछले महीने जब देश धीरे-धीरे ‘अनलॉक’ हुआ तो सारी शंकाएं खत्म हो गईं। अमित शाह स्वस्थ हैं और उनकी पूरी तरह से वापसी हो गई है।
उन्होंने मोदी 2.0 की पहली वर्षगांठ पर कई सुनियोजित साक्षात्कार दिए। उन्होंने बिहार, ओडिशा और बंगाल में ‘वर्चुअल’ रैलियों को संबोधित किया। राज्यसभा चुनावों पर नजर रखी और बीजेपी शासित मणिपुर में सरकार का संकट खत्म किया। सबसे जरूरी वे कोविड से पीड़ित राष्ट्रीय राजधानी के ‘बिग बॉस’ बन गए। एक तरह से शाह की वापसी राजनीति का ‘अनलॉक’ होना है। जब डरपोक विपक्ष ने नाराजगी दिखाने के लिए खुद को ट्विटर तक सीमित कर लिया, ऐसे में जन हित के जरूरी मुद्दों को उठाने की जगह नहीं रह गई। जरूरी मसलों पर शायद ही संसद की स्थायी समिति की कोई बैठक हुई हो। हां, प्रधानमंत्री ने जरूर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों के साथ दर्जनभर बैठकें और चीन पर सर्वदल बैठक की। लेकिन कैमरे की ये बैठकें सार्वजनिक बहस के माहौल को टक्कर नहीं दे सकतीं। जहां कोरोना प्रभावित लोकतंत्रों, खासतौर पर ब्रिटेन ने खुली संसदीय बहस को बढ़ावा दिया, भारत ने राजनीति पर भी मोराटोरियम लागू कर दिया।
लोकतांत्रिक मतभेद और चर्चा के किसी भी रूप की स्वेच्छाचारिता से उपेक्षा करना खतरनाक है। इससे एक प्रबल पार्टी की सरकार को पारदर्शिता और जवाबदेही न होने की आड़ में लोगों पर अपनी इच्छा थोपने का मौका मिल गया है। भारत-चीन सीमा पर गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती को शब्दों के खेल में उलझाया जा रहा है। लाखों प्रवासियों के विस्पाथन की त्रासदी का दोष राज्य सरकारों को दिया जा रहा है। महामारियों से लड़ने में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत न कर पाने की असफलता भी राज्यों के माथे मढ़ी जा रही है। पीएम केयर्स फंड के बारे में जानकारी मांगने वाली आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया गया। पेट्रोल-डीजल के दाम एक महीने में 22 बार बढ़े। जामिया की 27 वर्षीय छात्र कार्यकर्ता को दिल्ली दंगों का मुख्य षड्यंत्रकारी माना गया लेकिन सत्ताधारी पार्टी से जुड़े स्थानीय नेता को क्लीन चिट दे दी गई। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की मदद के आरोपी को जमानत मिल गई क्योंकि कोई चार्जशीट दर्ज नहीं थी, लेकिन एक मानवाधिकार कार्यकर्ता को जमानत देने का विरोध किया गया। कश्मीर घाटी में राजनीतिक कैदियों की लगातार नजरबंदी को स्पष्टरूप से उचित नहीं ठहराया जा सकता लेकिन इसपर चिंता जताने पर तुरंत देशद्रोही बता दिया जाता है।
बेलगाम सत्ता की शक्ति के इस अमंगल परिदृश्य में वापसी होती है ‘महान ध्रुवीकरणकर्ता’ अमित शाह की। मोदी 2.0 में और कोई भी मंत्री ऐसा नहीं है, जो गृहमंत्री की तरह राजनीति की हांडी को हमेशा गरम रखता हो। अब जब शाह की वापसी हो गई है, तो ऐसा लगता है कि मोदी सरकार फिर अपना ध्यान कोविड-पीड़ित राष्ट्र के राजनीतिक प्रबंधन पर ले आएगी। उदाहरण के लिए बिहार में इस साल के अंत में चुनाव जीतना है और शाह के चुनावी व्यवस्थापन कौशल की जरूरत पड़ेगी। अगले साल बंगाल में जीत का भी इंतजार है, जो शाह के लिए निजी मिशन बन चुका है। तभी कोरोना के बीच, चक्रवात से उबर रहे राज्य में शाह ने अपनी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी ममता बनर्जी पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। यह संकेत है कि छोटे अंतराल के बाद अब लड़ाई फिर जारी है।
विडंबना यह है कि गृहमंत्री से उम्मीद की जाती है कि वे राष्ट्रीय आपदा के दौरान राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करें। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 केंद्रीय गृहमंत्री को हेल्थ इमरजेंसी के लिए कई शक्तियां देता है लेकिन केंद्र को मदद और मार्गदर्शन देने को भी कहता है, ताकि केंद्र-राज्य के बीच मैत्रीपूर्ण समीकरण रहें। शाह की शख्सियत सहज रूप से लड़ाकू रही है, लेकिन महामारी के दौरान सर्वसम्मति और सहयोग बनाने के लिए शैली में बदलाव की जरूरत है। यह पहले से ही ध्रुवित समाज को और बांटने या डरा कर राज करने का समय नहीं है। यह अनिश्चित है कि क्या शाह जैसे नेता खुद को बदलेंगे। चुनाव जीतने वालों के लिए सुशासन के नियम बहुत अलग होते हैं।
दिल्ली में पहले ही ऐसा कहा जा रहा है कि शाह कोविड से लड़ने के लिए आदेश देने में राज्य सरकार से बहुत कम सलाह-मशविरा कर रहे हैं। जिससे यह समझ आता है कि क्यों कई एकतरफा फैसलों को अगले ही दिन रद्द कर दिया जा रहा है। महामारी में अपने व्यक्तिगत अहम को अलग रख जनहित के बारे में सोचने की जरूरत है। गृहमंत्री को शायद दिल्ली के मुख्यमंत्री से कोई प्रेम न हो लेकिन इस समय व्यक्तिगत मतभेद भुलाकर एक टीम के रूप में काम करना होगा। अब तक के राजनीतिक कॅरिअर में शाह की छवि विभाजनकारी रही है। अब उन्हें डरी हुई जनता को राहत देकर एक करने वाली शक्ति बनना चाहिए। अगर वे यह बदलाव कर पाए तो यह हमारे दौर के सबसे विवादास्पद राजनेता के कॅरिअर में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम होगा। (ये लेखक के अपने विचार हैं)
बड़े सितारों का ओहदा और उनका प्रभाव हमारे समाज में बहुत ऊपर रखा जाता रहा है। सड़क किनारे लगे होर्डिंग से लेकर सोशल मीडिया की डिजिटल दुनिया तक फिल्मी सितारों का वर्चस्व रहा है। लेकिन मेरे विचार में जो स्टारडम के चिर परिचित मापदंड हैं, वे इस कोविड-19 के चलते बदलने वाले हैं।
पिछले कुछ वर्षों में एक नया ट्रेंड शुरू हुआ है पापाराजी संस्कृति का। सितारे किस रेस्टोरेंट में जा रहे हैं? जिम में वर्कआउट के लिए या एयरपोर्ट पर क्या कपड़े पहने हुए हैं, यह तो जैसे अपने आप में एक अलग संसार बन गया है। अब किसके स्टारडम का क्या भविष्य होने वाला है, जब लॉकडाउन में फिल्मी सितारे अपने घरों में बंद हैं। कोई पापाराजी नहीं है तो फिर यह सेलिब्रिटी शब्द के क्या मायने रह जाएंगे? एक वक्त था जब सेट पर सितारा शूट करने आता तो उनके साथ 8-10 लोगों का काफिला होता था। मैनेजर, पब्लिसिस्ट, हेयर एंड मेकअप स्टाइलिस्ट और स्पॉट ब्वॉय। इन सब का एक अहम ऐसा होता था स्टारडम को झलकाने में।
तकनीकी तौर पर इसे ऑन्टोराज कहते हैं। जितना बड़ा फिल्म स्टार उतना बड़ा उसका ऑन्टोराज। पर अब कोविड-19 के मद्देनजर शूटिंग के लिए जो गाइडलाइंस दी गई हैं उसमें सेट पर 40-50 से ज्यादा लोग हो ही नहीं सकते। ऐसे में सितारों के ऑन्टोराज तो कम होने ही वाले हैं। फिर प्रोड्यूसर्स का कहना है कि स्टार्स को पे-कट लेना होगा। अनुमान है कि इंडस्ट्री को 7-10 हजार करोड़ का झटका मिलेगा। ऐसे में इंडस्ट्री में जो निरर्थक कार्यप्रणाली शूटिंग का हिस्सा बन चुकी थी वह जरूर खत्म होने वाली है। लब्बोलुआब यह कि जो सेलिब्रिटी का सिस्टम था, स्टारडम का जो पैटर्न था, वह बदलेगा।
शूटिंग के काम से जुड़ी पूरी कार्यप्रणाली टैलेंट ड्रिवन के बजाय पब्लिसिटी ड्रिवन हो गई थी। बहरहाल इस माहौल में जो उम्मीद की किरण है वह यह है कि यह ऑन्टोराज संस्कृति, जिसमें लाखों खर्च होते थे, वे अगर फिल्म को बेहतर बनाने में लगाए जाएं तो हमारी फिल्मों की गुणवत्ता बहुत ऊपर जा सकती है। उल्लेखनीय है कि पाताल लोक और पंचायत जैसे वेब शोज ने प्रमाणित किया है कि कहानी अच्छी हो और कलाकार प्रतिभाशाली हों तो सफल शो बनाने के लिए बड़े फिल्म सितारे की फेस वैल्यू की जरूरत नहीं होती। डिजिटल में यह बहुत अच्छा चलन शुरू हुआ है। फिल्मों में भी टैलेंट और कंटेंट आधारित कहानी चलती रही हैं। आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव इतने बड़े स्टार इसलिए बने, क्योंकि लोग इनके माध्यम से अच्छी फिल्म और अच्छी कहानियां देख पा रहे थे। अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के आने से इसे और प्रोत्साहन मिलेगा।
इसी प्रकार पिछले कुछ वर्षों में यह बहुत महत्वपूर्ण माना जाने लगा है कि सोशल मीडिया पर किस स्टार की कितनी बड़ी फैन फॉलोइंग है? मुझसे किसी कास्टिंग डायरेक्टर ने एक बार कहा था कि अब प्रोड्यूसर यह सोच रखते हैं कि उस कलाकार को कास्ट करें, जिसकी इंस्टाग्राम पर बड़ी फैन फॉलोइंग है। लेकिन पिछले तीन-चार महीने से तो फिल्म स्टार इन पर पहले जैसे सक्रिय नहीं हैं। इसके बावजूद काम हो रहा है। यह सोशल मीडिया फैन फॉलोइंग वाली मान्यता एकदम तो खत्म नहीं होगी, लेकिन इसमें बदलाव अवश्य आएगा।
यह ऑन्टोराज कल्चर 90 के दशक में उतना नहीं था। मुझे याद है एक फिल्म पुरस्कार समारोह में किसी ने नसीरुद्दीन शाह जी से पूछा कि आपने किस का बनाया आउटफिट पहना है। नसीर साहब कुछ उलझन में आ गए। मैंने उन्हें फिर कहा कि आपने किस फैशन डिजाइनर का बनाया हुआ यह सूट पहना है। नसीर साहब ने जवाब दिया कि भाई यह दर्जी ने बनाया है।
बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वेकई दिन से बीमार चल रहीं थीं। हालांकि, उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया था। 71 साल की सरोज खान ने करीब दोहजार गाने कोरियोग्राफ किए। श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित समेत बॉलीवुड की तमाम बड़ी एक्ट्रेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं।उनका अंतिम संस्कार आज मलाड के मलवानी में किया जाएगा।
मौत के वक्त सरोज के पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान और दोनों बेटियां हिना और सुकन्या उनके करीब थीं। सरोज करीब 40 साल बॉलीवुड में कोरियोग्राफर रहीं। इसके अलावा साउथ की कई फिल्मों में भी उन्होंने एक्टर्स को डांस स्टेप्स सिखाए।
पहली फिल्मगीता मेरा नाम थी
सरोज की पहली फिल्म 1974 में आई गीता मेरा नाम थी। इसमें हेमामालिनी लीड रोल में थीं। तीन बार उन्होंने नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया। मिस्टर इंडिया का हवा-हवाई (1987), एक दो तीन (तेजाब) का बेहद हिट रहा। 1988 में आई इस फिल्म से माधुरी दीक्षित छा गईं थीं। 1992 में आई बेटा का गीत धक-धक करने लगा और डोला रे डोला (2002) उनके हिट नंबर हैं।
आखिरी फिल्म माधुरी के साथ
सरोज खान ने आखिरी गाना पिछले साल करण जौहर की फिल्म कलंक के लिए कोरियोग्राफ किया था। इसके बोल थे ‘तबाह हो गए’। इस गाने में भी उनकी फेवरेट एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित नजर आईं थीं।
24 जून को अस्पताल में भर्ती हुईं थीं
24 जून से ही सरोज की तबीयत खराब थी। उन्हें मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इसके बाद कोरोना टेस्ट कराया गया। ये निगेटिव रहा।
कोरोना से बचने के लिए शेयर किया था वीडियो
मई में कोरियोग्राफर सरोज खान ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया थे। इसमें वे देशवासियों से कोरोनावॉरियर्स की रिस्पेक्ट करते अपील करते हुए नजर आ रही थीं। सरोज ने इस वीडियो में कहा था- आप क्यों नहीं समझते हैं। बच्चों से जिंदगी मत छीनो। कुछ तो रिस्पेक्ट दिखाओ। भगवान के वास्ते, अल्लाह के वास्ते अपनी देखभाल करो। घर पर रहो।
लखनऊ. उत्तरप्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने आंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और थाना प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि पुलिस को यहां के एक ठिकाने परहिस्ट्री शीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी, लेकिन उसकी गैंग ने पुलिस पर घात लगाकर हमला किया और विकास दुबे फरार हो गया।बदमाश पुलिस के कई असलहे लूट ले गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, हमलावरों ने छत से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की। मुठभेड़ के दौरान बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 6 पुलिसकर्मियों को गोली लगी। इनका इलाज रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा है।
ये पुलिसकर्मी शहीद हुए
डीएसपीबिल्हौर देवेंद्र मिश्र, थाना प्रभारी शिवराजपुर, सब इंस्पेक्टर, 5 सिपाही शहीद हुए।
कौन है विकास दुबे?
विकास दुबे उत्तरप्रदेश का कुख्यात बदमाश है। उसने 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। वह थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या कर चुका है। विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।
ऊंचाई से लिया गया अयोध्या का यहविहंगम नजारा है। पहाड़ों पर अच्छी बारिश से सरयू नदी में इन दिनों भरपूर पानी है। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या नई करवट लेने वाली है। भव्य राम मंदिर का निर्माण सावन मास में ही शुरू हो जाए, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और महामंत्री चंपत राय ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे सावन मास में अयोध्या आकर नींव रखें। दौरा संभव न हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भूमिपूजन कर सकते हैं।
किसानों ने थाली बजाकर टिडि्डयों को भगाया
टिड्डी दल ने गुरुवार को तीसरी बार हरियाणा में हमला किया। राजस्थान की ओर से नारनौल में 2, भिवानी व सिरसा में एक-एक दल घुस आया। किसानों व ग्रामीणों ने बड़ी सतर्कता दिखाते हुए थाली बजाकर, आवाज कर और ट्रैक्टर चलाकर टिडि्डयों को फसलों पर बैठने से रोका। कुछ खेतों में टिड्डी बैठने से नुकसान भी हुआ है। हालांकि, शाम तक टिड्डी दल वापस राजस्थान की ओर चला गया। फोटो मेंनारनौल के निजामपुर क्षेत्र में परात बजाकर टिड्डी दल को खेत से भगातीं महिलाएं।
194 नए वाहन सुधारेंगे रेस्पॉन्स टाइम
गश्त को बेहतर बनाने तथा क्विक रेस्पॉन्स के लिए जयपुर पुलिस को 194 नए वाहन मिल गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 70 चेतक वाहनों तथा 124 सिग्मा मोटरसाइकिलों को गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कहा- सरकार कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए संकल्पित है।इन सभी वाहनों में लोकेशन ट्रेस करने के लिए जीपीएस सिस्टम, घटना स्थल की वीडियोग्राफी के लिए कैमरा एवं एड्रेस सिस्टम सहित अन्य आधुनिक उपकरण लगे हुए हैं।
4 मालगाड़ियों को जोड़कर 236 वैगन के साथ पहली बार दौड़ीसुपर पायथन
रेलवे के नागपुर मंडल ने माल परिवहन के क्षेत्र में गुरुवार को नया आयाम गढ़ा है। जिले के परमालकसा स्टेशन से दुर्ग तक सुपर पायथन मालगाड़ी दौड़ाई है। नागपुर मंडल के पीआरओ बीवीआर नायडू ने दावा किया है कि ये पहला मौका है जब देश में इतनी लंबी मालगाड़ी से माल परिवहन कराया गया है। पीआरओ नायडू ने बताया कि सुपर पायथन ने परमालकसा से दुर्ग स्टेशन तक के 22 किमी. की दूरी को महज 45 मिनट में तय किया है। गाड़ी की कुल लंबाई 2.8 किमी थी।
ताकि हम और आप सुरक्षा कवच लगाना न भूलें
देश भर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सरकारें मास्क पहनना अनिवार्य कर रही हैं फिर भी लोग इसे पहनना भूल जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मेघा फाउंडेशन ने एक अनूठा तरीका निकाला। उन्होंने बीकानेर म्यूजियम सर्किल पर शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी की प्रतिमा पर मास्क पहना दिया।
बच्चों काझुंड नदी में नहाने उतर गया
इन दिनों पंचकूला की घग्गर नदी में धारा 144 लागू है, लेकिन इन सब बातों से बेपरवाह होकर बच्चों काझुंड नदी में नहाने उतर गया। वहीं, पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से नदी के आसपास मात्र धारा लगाकर अपने काम से इतिश्री कर ली जाती है।
पेड़ पर सीधी चढ़ाई करता है, चोंच से कर देता है छेद
इंदौर केरेसीडेंसी कोठी में पहली बार दुर्लभ प्रजाति का ब्लैक-रम्प्ड फ्लेमबैक (डिनोपियम बेंघालेंस) पक्षी दिखाई दिया। इसे सुनहरा कठफोड़वा के रूप में भी जाना जाता है। यह शहर में कई साल बाद नजर आया। यह पक्षी हमारे देश में मुख्य रूप से हिमालय के दक्षिण और पूर्व में पश्चिमी असम घाटी और मेघालय तक बड़ी संख्या में पाया जाता है। यह जंगल और खेत में रहता है। यह पक्षी पेड़ में चोंच मारकर छेद कर देता है।यहपेड़ के अंदर की वनस्पतियों को खाता है। इसके पंजे काफी कमजोर होते हैं। इसलिए यह टहनी पर नहीं बैठ पाता। पेड़ पर सीधी चढ़ाई करता है। यह अकसर जोड़े में देखा जाता है।
झालाना लेपर्ड रिजर्व : एक ‘घाट’ पर बघेरा व नीलगाय
हर कंठ सूखा है और तपते-झुलसते दिन के साथ रात भी उमस भरी है। पानी पीने के साथ ही पसीना बनकर बह रहा है, प्यास है कि बुझती ही नहीं। इंसान तो इंसान, मूक जीवों का भी बुरा हाल। इस तड़प ने मौत के दूसरे डर को भी मानो छका दिया। जो किस्से केवल कहानियों में सुनते थे, वो आंखें देख रही है। दृश्य जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व का है, जहां खूंखार शिकारी और शिकार के बीच के डर को प्यास ने हरा दिया है।
from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/invited-prime-minister-modi-again-for-bhoomipujan-ram-temple-in-savan-super-python-with-236-wagons-connecting-4-freight-trains-127472976.html
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1. सबसे पहले बात मध्यप्रदेश की...
गुरुवार को जब मध्यप्रदेश में मंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ, तो यह समझ आ गया कि शिवराज ने आखिर कैसे विष पिया और अमृत कहां बंट गया। राजभवन में शपथ लेने के लिए मंच पर जो 28 नेता बैठे थे, उनमें से एक तिहाई यानी 9 नेता सिंधिया खेमे से थे।
शिवराज की सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया जितने मजबूत हो गए हैं, उतने तो वे कमलनाथ सरकार में भी नहीं रहे। कमलनाथ की टीम में उनके 6 मंत्री थे। शिवराज की टीम में 11 मंत्री हैं। इनमें 2 मंत्री तो पहले से जमे हुए हैं।
अब आगे क्या होना है? यह समझने के लिए 53 साल पीछे चलते हैं। 1967 में डीपी मिश्र की कांग्रेस सरकार गिराने के बाद विजयाराजे सिंधिया का जनसंघ और बाद में भाजपा में दखल बढ़ा और बढ़ता चला गया। क्या अब उसी तरह ज्योतिरादित्य का भी कद भाजपा में बढ़ेगा? ...ये तो वक्त बताएगा।
2. 10वीं-12वीं की परीक्षाएं तो रद्द हो गईं, NEET और JEE पर आज क्या फैसला आएगा?
पिछले दिनों सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं रद्द कर दी थीं। बचे हुए सब्जेक्ट्स की मार्किंग के लिए नई असेसमेंट स्कीम के बारे में बताया था। अब सवाल यह है कि मेडिकल एंट्रेंस के लिए 26 जुलाई को होने वाली NEET और इंजीनियरिंग एंट्रेंस के लिए 18 से 23 जुलाई के बीच होने वाली JEE का क्या होगा?
इस पर आज स्थिति साफ हो सकती है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कह गए हैं कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और एक्सपर्ट्स की कमेटी इस पर गौर कर रही है। शुक्रवार यानी आज ही वह अपनी सिफारिशें सौंप देगी।
3. चौंकाने वाली खबर तो ये है...
देश में ट्रेनें वक्त पर चल रही हैं। सरकार यही कह रही है। भरोसा नहीं है, तो कीजिए। रेलवे के इतिहास में 1 जुलाई को ऐसा पहली बार हुआ, जब ट्रेनों की पंक्चुअलिटी 100% हो गई। हालांकि, ये मामला रोज का नहीं है। 1 जुलाई से पहले 23 जून को ट्रेनों ने 99.54% पंक्चुअलिटी हासिल की थी। यानी सौ में से सौ नंबर लाने में महज 0.46 की कमी रह गई, लेकिन एक पेंच है।
रेलवे रोज 12 हजार ट्रेनें चलाता है पर कोरोना की वजह से अभी 230 ट्रेनें चल रही हैं। यानी कुल क्षमता का 2% से भी कम और इसने 100% नतीजा हासिल किया है।
4. नवी मुंबई में आज से हार्ड लॉकडाउन
मुंबई के पास नवी मुंबई, पनवेल और उल्हासनगर में आज से 10 दिनों का लॉकडाउन फिर शुरू हो रहा है। इसे हार्ड लॉकडाउन कह रहे हैं। हार्ड इसलिए क्योंकि यहां के लोग अपने घर की सीढ़ियां उतरकर सड़क तक भी नहीं आ पाएंगे। सिर्फ जरूरी सेवाएं चालू रहेंगी। जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग ही सड़कों पर नजर आएंगे। बसें, टैक्सी, रिक्शा नहीं चलेंगे।
यह सब तब हो रहा है, जब महाराष्ट्र सरकार ‘मिशन बिगेन अगेन’ चला रही है। यानी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश। सख्ती की वजह एक ही है। एक महीने में नवी मुंबई में कोरोना के मरीज तीन गुना हो गए।
5. इस जवान को देश का सलाम!
बीते बुधवार को देश ने कश्मीर के 3 साल के बच्चे की रुला देने वाली तस्वीर देखी। सोपोर में आतंकी हमला हुआ। एक बुजुर्ग की मौत हो गई। उनका 3 साल का पोता उनके सीने पर बैठा रहा। सीआरपीएफ के जवान पवन कुमार चौबे ने उसे बचा लिया। पवन बनारस के पास गोल ढमकवां गांव के रहने वाले हैं।
सीआरपीएफ के एक अफसर ने गुरुवार को पवन के माता-पिता को सम्मानित किया। पवन की मां ने बताया, ‘जब मेरे बेटे ने 3 साल के मासूम को दादा के शव के पास रोते हुए देखा, तो वह कोहनी के बल सरकते हुए 80 मीटर दूर गया और बच्चे को सीने से चिपकाकर लाैट आया।’ ...सलाम उसे।
6. सुशांत सुसाइड केस में भंसाली, कंगना से भी पूछताछ होगी
सुशांत सिंह राजपूत को सुसाइड किए 19 दिन हो गए हैं। 30 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। पूछताछ की कड़ी में अब बड़े लोगों के नाम भी आने लगे हैं। डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और एक्ट्रेस कंगना रनोट से पूछताछ होने वाली। भंसाली उन 8 लोगों में भी शामिल हैं, जिन पर बिहार में केस दर्ज किया गया है।
7. आज का दिन कैसा रहेगा?
आखिर में अब देखते हैं कि आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा? आज 3 जुलाई है। यानी न्यूमरोलॉजी के हिसाब से मूलांक भी 3 है। इसका भाग्यांक 5 है। दिन का अंक 6, महीने का अंक 7 और चलित अंक 2 और 7 है। न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार गणेश के मुताबिक, अगर आपका अंक 1, 4 और 6 है और आप कारोबार करते हैं तो आपके लिए दिन अच्छा है। आपका अंक 8 है और आईटी सेक्टर से जुड़े हैं, तो आपके प्रमोशन के आसार हैं।
रामजन्म भूमि पर गर्भगृह वाली जगह का समतलीकरण पूरा हो गया है। वहीं जन्मभूमि से तीन किलोमीटर दूर श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला में दशकों से रखे तराशे हुए पत्थरों की सफाई का काम तेजी से हो रहा है। इस काम को दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। कंपनी के निदेशक संदीप गर्ग ने कहा कि अभी 15 लोग इस काम में लगे हैं।
इन पत्थरों से 80 फीसदी गंदगी पानी से धोने पर ही निकल जाती है।बाकी जनवरों से फैलीगंदगी और काई को छुड़ाने केलिए केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। हम तीन से चार महीने में पूरे पत्थरों की सफाई कर सकते हैं। अभी जो पत्थर साफ हो गए हैं, उन्हें सुरक्षित पैक करके रख रहे हैं। कार्यशाला में रखे साफ पत्थरों को बारिश के पानी से बचाने के लिए शेड का भी बनाया जा रहा है।
जब हम कार्यशाला पहुंचे तो दिल्ली की कंपनीके अलावालखनऊ की एक दूसरी कंपनी भी पत्थरों की सफाई का ट्रायल कर रहीथी। कार्यशाला के सुपरवाइजरअन्नू भाई सोमपुरा ने बताया कि तीन से चार महीने में पत्थरों की सफाई पूरी हो जाएगी।अगर ट्रस्ट कहता है तो हम कामगार बढ़ाकर इसे जल्द पूरा कर लेंगे। अभी पहली मंजिल निर्माण के लिए पूरेपत्थर रखे हैं, आगे ट्रस्ट जैसे कहेगा उसकेमुताबिक कामहोगा। उन्होंने कहा कि पूरे मंदिर निर्माण में 5सालका समय लग सकता है। एक से डेढ़ सालतो कार्यशाला से जन्मभूमि तक पत्थर पहुंचाने और नींव भरने में लगेंगे। 2022 तक एक मंजिल बन सकती है।
रामलला के पुजारी प्रेम त्रिपाठी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान तो दर्शन के लिए दो-चार लोग ही आ रहे थे। लेकिन, आठ जून के बाद संख्या बढ़ीहै। सुरक्षा जांच से जुड़े अधिकारी के मुताबिक मंदिर में सुबह-शाम मिलाकर दिनभर में अभी एक हजार से ज्यादालोग रामलला के दर्शन के लिए आ रहे हैं।
रौनाही में मस्जिद से ज्यादा स्कूल बनाने की मांग
अयोध्या में मंदिर निर्माण की गहमागहमी से 25 किलोमीटर दूर रौनाही-धन्नीपुर में शांति हैं। यहां हाईवे से लगे25 एकड़ जमीन मेंसरकारी कृषि फार्म है। इसी फार्म की पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए प्रशासन ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी है। लेकिन आम लोगों में जमीन को लेकर कोई कौतूहल नहीं है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ही तय करेगा कि जमीन का क्या करना है। इकबाल अंसारी ने कहा कि मस्जिद के लिए जहांपांच एकड़ जमीन मिली है, वहां पहले से ही 15 से ज्यादा मस्जिदें हैं। ऐसे में उस जमीन पर स्कूल या अस्पताल बनना चाहिए। 26 जून को ही प्रशासन की ओर से सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन के कागज दिए गए हैं। धन्नीपुर गांव के 42 साल के शमशुलहक टेलरिंग का काम करते हैं। वे कहते हैं कि गांव में पहले से ही मस्जिद है, जो मस्जिद हैउसी में लोग नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में एक और मस्जिद का क्या होगा।
हर किसी को इंतजार भूमि पूजन करने मोदी कब आएंगे
अयोध्या में हर किसी को भूमि पूजन का इंतजार है। 6जुलाई से चार्तुमास शुरूहो रहा है और उसके बाद चार महीने तक भूमि पूजन नहीं हो सकेगा। यही वजह है कि सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आने का इंतजार है। जैसे सोमनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद गए। वैसे ही 500 सालों केबाद बन रहेराम मंदिर के भूमि पूजन में प्रधानमंत्री आएं।
28 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथअयोध्या आए थे। उन्होंनेश्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े लोगों के साथ बैठक की। इसके अगले दिन ही ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने प्रधानमंत्रीको पत्र लिखकर भूमि पूजन में आनेका आग्रह किया है।
2022 तक हो सकता है मंदिर का निर्माण
नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने 10 जून को रामजन्मभूमि पर रुद्राभिषेक करवाया। वे कहते हैं कि भूमि पूजन सावन के महीने में भी किया जा सकता है। सावन के महीने में जो कार्य शुरू होता है, वह पूराहोता है। मंदिर पुराने मॉडल के अनुसार ही बनेगा। हमारी इच्छा है कि 2022 की रामनवमी जब आए तो भगवान अपने स्थाईगर्भगृह में प्रवेश करें।
अयोध्या राजपरिवार के प्रमुख और ट्रस्ट के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र कहते हैं कि कोरोना के कारण थोड़ी देरी हुई है। कुछ खंभों का वजन तो 17-18 टन है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सबसे बड़ा काम यह हुआ है कि भगवान टेंट से अस्थाई मंदिर में आ गए हैं।
मंदिर निर्माण से जुड़े लोगों के मुताबिक अगर भूमि पूजन चर्तुमास से पहले नहीं होता है तब तक बची हुई जमीन को समतल करनेऔर आसपास की मिट्टी को ठोस बनाने का काम होगा। मंदिर का निर्माण इस बात को ध्यान में रखकर किया जाएगा कि उसकी आयु कम से कम एक हजार साल रहे। इसके लिए मिट्टी का परीक्षण भी किया जा रहा है। 67.7 एकड जमीन का बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा भी है, जिसमें सालों से कोई गया भी नहीं है।उसे भी सही करना होगा। ट्रस्ट की बैठक जुलाई में होने की उम्मीद है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से लेकर अबतक
9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। इसके बाद 5 फरवरी 2020 को संसद में ट्रस्ट बनाने की घोषणा हुई। उसी दिन सुबह ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन हो गया और शाम को 67 एकड़ जमीन सरकार से लेकर ट्रस्ट कोसौंप दी गई। इसके बाद मार्च में 12.6करोड़ रुपए की एफडी भी ट्रस्ट के नाम आ गई। गर्भ गृह की जमीन पर लोहे के बड़े गाडर को हटा दिया गया है। मंदिर का निर्माण विश्वहिंदू परिषद के मॉडल के अनुसार होगा। मंदिर 140 फीट चौड़ा, 268.5 फीट लंबा और 128 फीट ऊंचा होगा।